#फलों के प्रकार
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jaiminiofficial · 1 year ago
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Fruits Name In Hindi And English | फलों के नाम | फलों के प्रकार
Fruits Name In Hindi And English | फलों के नाम | फलों के प्रकार Fruits name in hindi and english ( फलों के नाम हिंदी और इंग्लिश ) – हम आपको सभी फलो की महत्वपूर्ण जानकारी देंगे हम आपको सभी फलों के नाम हिंदी व् अंग्रेजी ( Fruits name in hindi and english ) में बतायेँगे उन फलों के खाने योग्य भाग उनकी परिभाषा, प्रकार व् कुछ फलों के खाने के फायदे भी बतायंगे | सवर्प्रथम हमने सभी फलों के नाम हिंदी और…
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iskconchd · 1 year ago
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आम कितना अच्छा फल है। चाहे वह पका हो या कच्चा, वह हर समय अच्छा लगता है। और अलग-अलग व्यक्ति विभिन्न प्रकार से उसका आस्वादन करते हैं। किन्तु आम सदैव अच्छा है। आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है। इसी प्रकार भगवान् को समझने के लिए भक्ति सभी विधियों में सर्वश्रेष्ठ है। यह भक्ति की स्थिति है, चाहे वह कच्ची हो या पकी हुई। गोरखपुर, 10 फरवरी 1971
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drgagankhullar · 3 days ago
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दिल की बीमारी (Heart Disease) एक सामान्य शब्द है जो विभिन्न प्रकार की हृदय संबंधी समस्याओं को संदर्भित करता है। इसमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, हृदय विफलता, और हृदय की वाल्व समस्याएं शामिल हैं।
दिल की बीमारी के कारण: ============== धूम्रपान: धूम्रपान करने से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचता है। उच्च रक्तचाप: यह हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। कोलेस्ट्रॉल: उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर से रक्त वाहिकाओं में प्लाक जमा होता है। शारीरिक सक्रियता की कमी: नियमित व्यायाम न करने से वजन बढ़ सकता है। आहार: उच्च वसा और शक्कर वाले आहार से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
लक्षण: ==== सीने में दर्द सांस लेने में कठिनाई थकान पसीना आना दिल की धड़कन में अनियमितता
दिल की बीमारी (Heart Disease) की रोकथाम के लिए कई प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
1. स्वस्थ आहार: ========= फलों और सब्जियों का सेवन: अपने आहार में अधिक फल और हरी सब्जियाँ शामिल करें। ये एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं। साबुत अनाज: ब्राउन राइस, ओट्स, और पूरे अनाज की ब्रेड का सेवन करें। कम वसा वाले प्रोटीन: मछली, चिकन, और नट्स का सेवन करें, और लाल मांस से बचें। नमक और चीनी की मात्रा कम करें: ज्यादा नमक और चीनी उच्च रक्तचाप और वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं।
2. नियमित व्यायाम: =========== शारीरिक गतिविधि: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट का मध्यम व्यायाम (जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना) करें। सक्रिय रहना: रोज़ाना काम करते समय सीढ़ियों का उपयोग करें और अधिक चलने की कोशिश करें।
3. वजन प्रबंधन: ========= सही वजन बनाए रखें: ओवरवेट या मोटापे से बचें, क्योंकि यह हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। BMI पर ध्यान दें: अपने बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को सामान्य स्तर में रखें।
4. धूम्रपान से बचें: ========== धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान करने से रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है और दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ता है।
5. तनाव प्रबंधन: ========= मानसिक स्वास्थ्य: ध्यान, योग, और गहरी साँस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें। परिवार और दोस्तों के ��ाथ समय बिताएँ: सामाजिक समर्थन से तनाव कम करने में मदद मिलती है।
6. नियमित स्वास्थ्य जांच: ============== रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी: नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच कराएँ और आवश्यकतानुसार दवाएँ लें। डायबिटीज का नियंत्रण: यदि आपको मधुमेह है, तो अपने ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित रखें।
7. पर्याप्त नींद: ========= नींद का ध्यान रखें: हर रात 7-8 घंटे की नींद लें, क्योंकि अच्छी नींद दिल के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इन उपायों को अपनाकर आप दिल की बीमारी के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हमेशा याद रखें कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाना सबसे महत्वपूर्ण है।
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aspundir · 4 days ago
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ब्रह्मवैवर्तपुराण - ब्रह्मखण्ड - अध्याय 29
ब्रह्मवैवर्तपुराण – ब्रह्मखण्ड – अध्याय 29 ॐ श्रीगणेशाय नमः ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः उनतीसवाँ अध्याय बदरिकाश्रम में नारायण के प्रति नारदजी का प्रश्न सौति कहते हैं — शौनक ! देवर्षि नारद ने नारायण ऋषि के आश्चर्यमय आश्रम को देखा, जो बेर के वनों से सुशोभित था । नाना प्रकार के वृक्षों और फलों से भरे हुए उस आश्रम में कोयल की मीठी कूक मुखरित हो रही थी। बड़े-बड़े शरभों, सिंहों और व्याघ्र-समुदायों से…
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astrovastukosh · 1 month ago
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*सफला एकादशी की कथा और व्रत खोलने की विधि : 26 दिसंबर 2024*
युधिष्ठिर ने पूछा : स्वामिन् ! पौष मास के कृष्णपक्ष (गुज., महा. के लिए मार्गशीर्ष) में जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है? उसकी क्या विधि है तथा उसमें किस देवता की पूजा की जाती है ? यह बताइये ।
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : राजेन्द्र ! बड़ी बड़ी दक्षिणावाले यज्ञों से भी मुझे उतना संतोष नहीं होता, जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से होता है । पौष मास के कृष्णपक्ष में ‘सफला’ नाम की एकादशी होती है । उस दिन विधिपूर्वक भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए । जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़ तथा देवताओं में श्रीविष्णु श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार सम्पूर्ण व्रतों में एकादशी तिथि श्रेष्ठ है ।
राजन् ! ‘सफला एकादशी’ को नाम मंत्रों का उच्चारण करके नारियल के फल, सुपारी, बिजौरा तथा जमीरा नींबू, अनार, सुन्दर आँवला, लौंग, बेर तथा विशेषत: आम के फलों और धूप दीप से श्रीहरि का पूजन करे । ‘सफला एकादशी’ को विशेष रुप से दीप दान करने का विधान है । रात को वैष्णव पुरुषों के साथ जागरण करना चाहिए । जागरण करनेवाले को जिस फल की प्राप्ति होती है, वह हजारों वर्ष तपस्या करने से भी नहीं मिलता ।
नृपश्रेष्ठ ! अब ‘सफला एकादशी’ की शुभकारिणी कथा सुनो । चम्पावती नाम से विख्यात एक पुरी है, जो कभी राजा माहिष्मत की राजधानी थी । राजर्षि माहिष्मत के पाँच पुत्र थे । उनमें जो ज्येष्ठ था, वह सदा पापकर्म में ही लगा रहता था । परस्त्रीगामी और वेश्यासक्त था । उसने पिता के धन को पापकर्म में ही खर्च किया । वह सदा दुराचारपरायण तथा वैष्णवों और देवताओं की निन्दा किया करता था । अपने पुत्र को ऐसा पापाचारी देखकर राजा माहिष्मत ने राजकुमारों में उसका नाम लुम्भक रख दिया। फिर पिता और भाईयों ने मिलकर उसे राज्य से बाहर निकाल दिया । लुम्भक गहन वन में चला गया । वहीं रहकर उसने प्राय: समूचे नगर का धन लूट लिया । एक दिन जब वह रात में चोरी करने के लिए नगर में आया तो सि��ाहियों ने उसे पकड़ लिया । किन्तु जब उसने अपने को राजा माहिष्मत का पुत्र बतलाया तो सिपाहियों ने उसे छोड़ दिया । फिर वह वन में लौट आया और मांस तथा वृक्षों के फल खाकर जीवन निर्वाह करने लगा । उस दुष्ट का विश्राम स्थान पीपल वृक्ष बहुत वर्षों पुराना था । उस वन में वह वृक्ष एक महान देवता माना जाता था । पापबुद्धि लुम्भक वहीं निवास करता था ।
एक दिन किसी संचित पुण्य के प्रभाव से उसके द्वारा एकादशी के व्रत का पालन हो गया । पौष मास में कृष्णपक्ष की दशमी के दिन पापिष्ठ लुम्भक ने वृक्षों के फल खाये और वस्त्रहीन होने के कारण रातभर जाड़े का कष्ट भोगा । उस समय न तो उसे नींद आयी और न आराम ही मिला । वह निष्प्राण सा हो रहा था । सूर्योदय होने पर भी उसको होश नहीं आया । ‘सफला एकादशी’ के दिन भी लुम्भक बेहोश पड़ा रहा । दोपहर होने पर उसे चेतना प्राप्त हुई । फिर इधर उधर दृष्टि डालकर वह आसन से उठा और लँगड़े की भाँति लड़खड़ाता हुआ वन के भीतर गया । वह भूख से दुर्बल और पीड़ित हो रहा था । राजन् ! लुम्भक बहुत से फल लेकर जब तक विश्राम स्थल पर लौटा, तब तक सूर्यदेव अस्त हो गये । तब उसने उस पीपल वृक्ष की जड़ में बहुत से फल निवेदन करते हुए कहा: ‘इन फलों से लक्ष्मीपति भगवान विष्णु संतुष्ट हों ।’ यों कहकर लुम्भक ने रातभर नींद नहीं ली । इस प्रकार अनायास ही उसने इस व्रत का पालन कर लिया । उस समय सहसा आकाशवाणी हुई: ‘राजकुमार ! तुम ‘सफला एकादशी’ के प्रसाद से राज्य और पुत्र प्राप्त करोगे ।’ ‘बहुत अच्छा’ कहकर उसने वह वरदान स्वीकार किया । इसके बाद उसका रुप दिव्य हो गया । तबसे उसकी उत्तम बुद्धि भगवान विष्णु के भजन में लग गयी । दिव्य आभूषणों से सुशोभित होकर उसने निष्कण्टक राज्य प्राप्त किया और पंद्रह वर्षों तक वह उसका संचालन करता रहा । उसको मनोज्ञ नामक पुत्र उत्पन्न हुआ । जब वह बड़ा हुआ, तब लुम्भक ने तुरंत ही राज्य की ममता छोड़कर उसे पुत्र को सौंप दिया और वह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के समीप चला गया, जहाँ जाकर मनुष्य कभी शोक में नहीं पड़ता ।
राजन् ! इस प्रकार जो ‘सफला एकादशी’ का उत्तम व्रत करता है, वह इस लोक में सुख भोगकर मरने के पश्चात् मोक्ष को प्राप्त होता है । संसार में वे मनुष्य धन्य हैं, जो ‘सफला एकादशी’ के व्रत में लगे रहते हैं, उन्हीं का जन्म सफल है । महाराज! इसकी महिमा को पढ़ने, सुनने तथा उसके अनुसार आचरण करने से मनुष्य राजसूय यज्ञ का फल पाता है ।
व्रत खोलने की विधि : द्वादशी को सेवापूजा की जगह पर बैठकर भुने हुए सात चनों के चौदह टुकड़े करके अपने सिर के पीछे फेंकना चाहिए । ‘मेरे सात जन्मों के शारीरिक, वाचिक और मानसिक पाप नष्ट हुए’ - यह भावन�� करके सात अंजलि जल पीना और चने के सात दाने खाकर व्रत खोलना चाहिए ।
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jobskolkata · 1 month ago
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होटल जॉब || रेस्तरां जॉब || रेस्तरां कैप्टन || कॉमिस कॉन्टिनेंटल || अतिथि सेवा सहयोगी || केरल || भारत
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कंपनी के बारे में: केरल में एक प्रतिष्ठित रेस्तरां की स्थापना सर्वश्रेष्ठ बेकहाउस अनुभव प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य से की गई थी। ये मास्टर बेकर्स यूरोप, एशिया और सुदूर पूर्व के पारंपरिक व्यंजनों का उपयोग करके प्रामाणिक कारीगर ब्रेड, स्वादिष्ट पेस्ट्री, केक, कन्फेक्शनरी और मीठे और नमकीन क्विक ब्रेड की एक विस्तृत श्रृंखला बनाते हैं। अब उन्हें केरल के रेस्तरां में कुछ कर्मचारियों की आवश्यकता है।
नंबर 1. पोस्ट रेस्टोरेंट कैप्टन।
नौकरी की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ:
मेहमानों के प्रवेश करने पर उनका अभिवादन और स्वागत करना
मेहमानों के बाहर निकलने पर उनका धन्यवाद करना और आभार व्यक्त करना
विभिन्न मेनू आइटमों की व्याख्या करना और सुझाव देना
मेनू में किसी व्यंजन की सामग्री के बारे में किसी भी प्रश्न का उत्तर देना
यदि आवश्यक हो तो मेहमानों को भोजन और पेय पदार्थ परोसना
मेहमानों को भुगतान के लिए अंतिम बिल प्रस्तुत करना
खाने के अनुभव को अधिकतम करने के लिए विभिन्न व्यंजनों को प्रभावी ढंग से समय देना
मेहमानों की किसी भी शिकायत या अनुरोध का समाधान करना
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
वेतन: रु. 20k से रु. 22k प्रति माह
आवागमन/स्थानांतरण की क्षमता:
एर्नाकुलम, केरल: काम शुरू करने से पहले भरोसेमंद तरीके से आवागमन करना या स्थानांतरित करने की योजना बनाना (पसंदीदा)
शिक्षा: डिप्लोमा (पसंदीदा)
अनुभव: कुल कार्य: 5 वर्ष (पसंदीदा)
टीम प्रबंधन: 5 वर्ष (पसंदीदा)
अतिथि संबंध: 5 वर्ष (पसंदीदा)
अतिथि सेवाएँ: 5 वर्ष (पसंदीदा)
शिकायत निपटान: 3 वर्ष (पसंदीदा)
भाषा: अंग्रेजी (पसंदीदा)
स्थान: एर्नाकुलम, केरल (पसंदीदा)
कार्य स्थान: व्यक्तिगत रूप से।
नंबर 2. पोस्ट कमिस - कॉन्टिनेंटल
शेफ डे पार्टी के लिए भोजन सामग्री को सटीक रूप से मापना।
भोजन सामग्री तैयार करना, जिसमें विभिन्न मांस के साथ-साथ सब्जियों और फलों को धोना, छीलना और काटना शामिल है।
शेफ डे पार्टी के निर्देशानुसार बुनियादी सलाद और सॉस तैयार करना।
डिलीवरी प्राप्त करना और यह सत्यापित करना कि सभी ऑर्डर किए गए आइटम डिलीवर किए गए हैं और अच्छी गुणवत्ता के हैं।
रेस्तरां की आपूर्ति की सूची बनाना और कम या समाप्त आपूर्ति के बारे में पर्यवेक्षक को सूचित करना।
स्टॉक रूम, रेफ्रिजरेटर और फ्रीजर में संग्रहीत सभी एक्सपायर और खराब खाद्य पदार्थों को फेंकना।
बुनियादी सफाई कर्तव्यों का पालन करना और यह सुनिश्चित करना कि कार्यस्थानों को ठीक से साफ किया गया है।
शेफ डी पार्टी के निर्देशों के अनुसार भोजन की वस्तुओं को प्लेट करना और प्रस्तुत करना।
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
वेतन: 18 हजार से 22 हजार रुपये प्रति माह
शिक्षा: डिप्लोमा (पसंदीदा)
अनुभव: कुल कार्य: 5 वर्ष (पसंदीदा)
पाककला: 5 वर्ष (पसंदीदा)
महाद्वीपीय: 5 वर्ष (पसंदीदा)
स्थान: कोच्चि, केरल (पसंदीदा)
कार्य स्थान: व्यक्तिगत रूप से
संख्या 3. अतिथि सेवा सहयोगी का पद
ग्राहकों का अभिवादन करें और मेनू दें।
ग्राहकों से भोजन और पेय पदार्थ के ऑर्डर लें और इन ऑर्डर को रसोई में रखें।
मेन्यू की संस्तुतियाँ करें और ग्राहकों को किसी भी विशेष चीज़ के बारे में सूचित करें।
भोजन और पेय पदार्थ तैयार होने के बाद उन्हें टेबल पर पहुँचाएँ।
यह जाँचें कि ग्राहक अपने भोजन से संतुष्ट हैं या नहीं।
जब अनुरोध किया जाए तो टेबल के लिए बिल तैयार करें।
बिलों को नकद करें और सुनिश्चित करें कि सही राशि का भुगतान किया गया है।
यदि आ���श्यक हो तो टेबल में बदलाव करें
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
वेतन: 15 हजार से 18 हजार रुपये प्रति माह
शिक्षा: डिप्लोमा (पसंदीदा)
अनुभव:
कुल कार्य: 1 वर्ष (पसंदीदा)
अतिथि संबंध: 1 वर्ष (पसंदीदा)
अतिथि सेवाएँ: 1 वर्ष (पसंदीदा)
स्थान: कोच्चि, केरल (पसंदीदा)
कार्य स्थान: व्यक्तिगत रूप से • टिप्पणी:- यह वीडियो अंग्रेजी बांग्ला भाषाओं में भी उपलब्ध है। आप बांग्ला और अंग्रेजी आवाज में दूसरा वीडियो खोज कर देख सकते हैं।और भी बहुत से अवसर उपलब्ध हैं बस गूगल में सर्च करें "आइडियल करियर जोन" कोलकाता।आप विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पोस्ट में कई और नौकरी विवरण पा सकते हैं।आप हमें सुब�� 9 बजे से रात 8 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं9 3 3 1 2 0 5 1 3 38 7 7 7 2 1 1 0 1 6या आप हमारे कार्यालय का दौरा कर सकते हैं।ideal करियर zone128/12ए, बिधान सरनी श्याम बाजार मेट्रो गेट नंबर 1 गांधी मार्केट सज्जा धाम के पीछेकोलकाता 7 लाख 4इस जॉब के वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद। अधिक जॉब की जानकारी के लिए कृपया हमारे चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करें। फिर से आप सवी को दिल से धन्यवाद।
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drhimanshupanchari · 2 months ago
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त्वचा के दाग-धब्बों से छुटकारा पाएं और पाएं निखरी, स्वस्थ त्वचा! 🌟
आजकल की जीवनशैली, बढ़ते प्रदूषण, और सूरज की हानिकारक किरणों के कारण त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे दाग-धब्बे, डार्क स्पॉट्स, मेलास्मा, सन टैन, और त्वचा का असमान रंग आम हो गए हैं। ये समस्याएं न केवल हमारी सुंदरता को प्रभावित करती हैं बल्कि हमारे आत्मविश्वास को भी कमजोर कर देती हैं। अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो Dr. Ramit’s Multi-Speciality Centre में आपका स्वागत है।
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यहाँ, डॉ. हिमांशु पंचारी (Dermatologist Specialist in Skin & Hair) अत्याधुनिक तकनीकों और व्यक्तिगत देखभाल के माध्यम से आपकी त्वचा से जुड़ी हर समस्या का समाधान प्रदान करते हैं।
त्वचा की समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान
Dr. Ramit’s Multi-Speciality Centre में हर समस्या का इलाज वैज्ञानिक और पेशेवर तरीके से किया जाता है। त्वचा की हर समस्या के लिए कस्टमाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया जाता है ताकि आपकी त्वचा को बिना किसी साइड इफेक्ट के स्वस्थ और चमकदार बनाया जा सके।
यहाँ मिलने वाले प्रमुख उपचार इस प्रकार हैं:
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चेहरे पर दिखने वाले काले धब्बे न केवल सुंदरता को खराब करते हैं बल्कि त्वचा को थका हुआ और असमान बनाते हैं। यहाँ, अत्याधुनिक तकनीकों और उपचार से इन धब्बों को प्रभावी रूप से हटाया जाता है।
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सूरज की हानिकारक किरणों के कारण त्वचा काली और असमान हो जाती है। यहाँ, सन टैन को हटाने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपकी त्वचा फिर से साफ और चमकदार हो जाती है।
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असमान त्वचा का रंग कई कारणों से हो सकता है, जैसे हॉर्मोनल असंतुलन, प्रदूषण, और गलत स्किनकेयर। इस समस्या के लिए, विशेषज्ञ त्वचा के लिए अनुकूलित ट्रीटमेंट प्रदान करते हैं जो त्वचा को एकसमान, चमकदार और स्वस्थ बनाता है।
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✅कस्टमाइज्ड उपचार:
हर व्यक्ति की त्वचा अलग होती है। यहाँ, त्वचा के प्रकार और समस्या को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत उपचार प्रदान किए जाते हैं।
✅अत्याधुनिक तकनीक:
त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जो इलाज को प्रभावी और सुरक्षित बनाते हैं।
✅उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं:
क्लिनिक में मरीजों की संतुष्टि और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है। हर प्रक्रिया में पूरी सतर्कता और देखभाल बरती जाती है।
कैसे करें संपर्क?
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डॉ. हिमांशु पंचारी 👨‍⚕️
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Dr. Ramit'S Multi-Speciality Centre
📍 पता: ग्राउंड फ्लोर प्रियदर्शनी मार्केट, रेनबो हॉस्पिटल के पास, टीटी नगर, भोपाल (म.प्र.) 462003
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💖 अपनी त्वचा की सही देखभाल आज ही शुरू करें!
त्वचा की देखभाल से जुड़े कुछ टिप्स:
✨धूप में निकलने से पहले हमेशा सनस्क्रीन का उपयोग करें���
✨चेहरे को नियमित रूप से साफ करें और मॉइस्चराइजर लगाएं।
✨हाइड्रेटेड रहें और दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
✨हेल्दी डाइट लें जिसमें फलों और सब्जियों की अधिकता हो।
✨तनाव से बचें, क्योंकि यह त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
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fytikahealthcareproduct · 3 months ago
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दिवाली के बाद शरीर को डिटॉक्स कैसे करें ?
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साल का अक्टूबर और नवंबर महीने त्योहारों से भरे रहे। नवरात्रे, गणेश पूजा, दुर्गा पूजा, दशहरा, धनतेरस, दिवाली और भाई दूज के साथ साथ कई तरह के त्यौहार हम सभी के जीवन में खुशियां और यादें छोड़ गए। इस पूरे महीने बहुत से त्यौहार होने के कारण हम सभी के घरो में कई अलग अलग दिन भिन्न भिन्न प्रकार के पकवान बने। साथ ही हम से ज्यादातर लोग मिलने मिलाने के लिए अपने ऑफिस, रिश्तेदारों और परिचितों के घर भी गए, जहाँ हमने ऐसे ही पकवानो और पेय का स्वाद लिया होगा। 
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हालाँकि इस दौरान हम सभी हम चाह न चाह कर कई ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन भी कर लेते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते। ऐसे खाद्य पदार्थो मे अधिक तेल, मसाले और शक्कर से भरे खाद्य पदार्थ तली-भुनी चीजें जैसे समोसे, कचौड़ी,पूड़ी  तेल, मैदा और चीनी से बनी चीज़ें आदि हो सकती हैं। यह सभी पकवान खाने मे तो स्वादिष्ट होते हैं पर शरीर और सेहत को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये न केवल कोलेस्ट्रॉल बढाती है और हमारे लिवर के लिए बहुत नुकसानदेय होते हैं।  इन दिनों शरीर थोड़ा अनहेल्दी हो जाता है और उसे डिटॉक्स करने की ज़रूरत पड़ती है।  
यह भी पढ़ें:  लिवर डिटॉक्स के लिए 6 अच्छे फूड्स   आइये इस ब्लॉग मे हम सब जानेंगे कि दिवाली के बाद कैसे करें शरीर को डिटॉक्स कैसे करें। 
बैलेंस डाइट शुरू करें 
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अब कुछ दिनों के लिए तला भुना और बाहर का खाना छोड़ देना चाहिए और बैलेंस डाइट शुरू करनी चाहिए। घर पर बना शुद्ध खाना खाएं। ध्यान रहे खाने मे प्रचुर मात्रा मे फाइबर्स हों, साथ ही  फल और सब्जियां खूब खाएं। अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा हरी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। इससे आपको भरपूर न्यूट्रिशन भी मिलेंगे और डाइजेशन भी बेहतर बना रहेगा। ये आपके लिवर को स्वस्थ रखने और डिटॉक्स करने के लिए भी लाभदायक होता है। 
खूब पानी पिएं 
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पानी पीना शरीर को डिटॉक्स करने के सबसे अच्छा तरीका ह��। दिवाली के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीना पिए। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और कई बार बाथरूम जा पाते हैं। इस प्रक्रिया से शरीर मे जमे हुए सारे टॉक्सिंस शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर अंदर से काफी हल्का और ताजा महसूस करता है। पानी के साथ साथ ताज़ा फलों का जूस और हेल्दी ड्रिंक्स का सेवन भी कर सकते हैं। 
सुबह उठ कर गर्म पानी से बना नींबू पानी लेना बहुत ही लाभदायक है साथ ही नारियल पानी बहुत अच्छा ऑप्शन है। 
यह भी पढ़ें:  लिवर डिटॉक्स के लिए 6 अच्छे फूड्स  पूरी नींद लें 
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रोज़ाना 7-9 घंटे की आरामदायक नींद लें।  ये बॉडी को डिटॉक्स और हेल्दी रखने का बहुत अच्छा और आसान तरीका है। पूरी नींद लेना शरीर को आराम देता है और एनर्जेटिक फील कराता है। याद रहे, रात को समय से सोएं और सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल या टीवी से दूर हो जाएं। 
यह भी पढ़ें: नींद स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? मेडिटेशन करें 
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सुबह या शाम के किसी समय में कुछ देर 20-30 मिनट के लिए मेडिटेशन करें। इस दौरान गहरी सांस लेते रहें।  ध्यान और गहरी सांस की मदद से स्ट्रेस कम होता है, दिमाग एक्टिव फील करता है, जो शरीर डिटॉक्स के लिए ज़रूरी है। 
प्रोसेस्ड फूड्स कम खाएं और शुगर कम करें। 
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प्रोसेस्ड फूड खाना बहुत कम कर दें। साथ ही रिफाइंड शुगर और कृत्रिम एडिटिव्स से बने फूड आइटम्स को बहुत कम कर दें। ऐसा कम से कम 2-3 सप्ताह के लिए करें। इससे शरीर को पहले से खायी शुगर और फ़ूड से रिकवर होने का समय मिलेगा और शरीर हल्का फील करेगा। 
डिस्क्लेमर:
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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी या तबियत बिगड़ने पर हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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jayantilal12 · 4 months ago
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Wellhealthorganic.com Skin Care Tips in Hindi: आपकी त्वचा को चमकदार और स्वस्थ कैसे बनाएं
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Introduction
Maintaining healthy and glowing skin requires dedication and the right skincare practices. With the growing interest in organic and natural solutions, many people are turning to simple, effective methods to achieve beautiful skin. One such platform, It has emerged as a go-to source for organic skincare tips, especially for Hindi-speaking audiences. In this blog, we’ll explore some essential Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi that you can follow daily to enhance your skin’s health and radiance.
1. त्वचा को साफ रखें (Keep Your Skin Clean)
हर दिन त्वचा की सफाई करना बेहद जरूरी है। खासकर जब आप दिन भर बाहर रहते हैं, तो धूल-मिट्टी और प्रदूषण आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए एक हल्का और प्राकृतिक फेसवॉश का उपयोग करें। कच्चे दूध का भी इस्तेमाल एक बेहतरीन क्लींजर के रूप में किया जा सकता है। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi यह आपकी त्वचा को गहराई से साफ करता है और नमी बनाए रखता है।
टिप: रात को सोने से पहले मेकअप हटाना न भूलें और चेहरा साफ करें।
2. हाइड्रेशन का ध्यान रखें (Keep Your Skin Hydrated)
हाइड्रेशन न केवल आपके शरीर के लिए बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा चमकदार बनी रहती है।
टिप: आप चाहें तो गुलाबजल का उपयोग भी कर सकते हैं। यह त्वचा क�� ताजगी और नमी देता है।
3. प्राकृतिक फेस मास्क का इस्तेमाल करें (Use Natural Face Masks)
रसायनों से भरपूर फेस मास्क की जगह प्राकृतिक तत्वों से बने फेस मास्क का उपयोग करना बेहतर होता है। आप घर पर ही कई प्रकार के फेस मास्क बना सकते हैं:
हल्दी और बेसन का मास्क: एक चुटकी हल्दी, एक चम्मच बेसन और थोड़ा सा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें। यह त्वचा को चमकदार बनाता है।
मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक: मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल मिलाकर लगाने से त्वचा की अशुद्धियाँ दूर होती हैं और त्वचा में निखार आता है।
4. सनस्क्रीन का उपयोग करें (Use Sunscreen)
सूरज की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सनस्क्रीन का उपयोग हर दिन करना बहुत जरूरी है, चाहे आप घर के अंदर हों या बाहर। यह आपकी त्वचा को यूवी किरणों से बचाने के साथ-साथ टैनिंग और समय से पहले बुढ़ापा आने से भी बचाता है।
टिप: बाहर जाने से कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं।
5. आहार में सुधार करें (Improve Your Diet)
स्वस्थ त्वचा के लिए आपका आहार भी महत्वपूर्ण होता है। अपनी डाइट में फलों और सब्जियों का समावेश करें। विटामिन सी और ए से भरपूर खाद्य पदार्थ त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, अखरोट और मछली आपकी त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं।
टिप: विटामिन ई से भरपूर भोजन जैसे हरी सब्जियां और बादाम आपकी त्वचा को भीतर से पोषण देते हैं।
6. नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करें (Moisturize Regularly)
त्वचा को नमी की हमेशा जरूरत होती है। खासकर सर्दियों के मौसम में त्वचा ज्यादा रूखी हो जाती है। इसके लिए हल्के और प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें। एलोवेरा जेल या नारियल तेल का इस्तेमाल करके भी आप अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज कर सकते हैं।
टिप: नहाने के तुरंत बाद त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना सबसे प्रभावी होता है।
7. नियमित व्यायाम करें (Exercise Regularly)
नियमित व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे आपकी त्वचा को जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलता है। यह आपकी त्वचा को ग्लोइंग और युवा बनाए रखने में मदद करता है। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi योग और ध्यान भी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि यह तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
टिप: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें।
8. पर्याप्त नींद लें (Get Enough Sleep)
नींद की कमी आपकी त्वचा पर तुरंत असर डालती है। आंखों के नीचे काले घेरे और थकी हुई त्वचा का एक मुख्य कारण पर्याप्त नींद न लेना है। एक स्वस्थ त्वचा के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
टिप: सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से नींद बेहतर आती है।
9. तनाव से बचें (Manage Stress)
तनाव आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह एक्ने और अन्य त्वचा समस्या��ं का कारण बन सकता है। इसलिए, तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें। सही समय पर आराम करना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
Conclusion
त्वचा की देखभाल एक समर्पण की प्रक्रिया है, जिसमें सही आहार, स्किनकेयर रूटीन, और प्राकृतिक उत्पादों का समावेश होना चाहिए। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi पर उपलब्ध हिंदी में स्किन केयर टिप्स को अपनाकर आप भी अपनी त्वचा को प्राकृतिक निखार और स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं। चाहे आप सरल घरेलू उपचार अपना रहे हों या प्राकृतिक स्किनकेयर उत्पादों का उपयोग कर रहे हों, लगातार देखभाल से ही आपको लंबे समय तक स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलेगी।
सभी उपर्युक्त टिप्स को अपने डेली रूटीन में शामिल करें और अपने त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखरता देखें।
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deshbandhu · 4 months ago
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Krshi Mein Sambhaavanaen: Rojagaar ke Avasaron ka Vistaar
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ सदियों से खेती-किसानी मुख्य व्यवसाय रहा है। खेती सिर्फ अन्न उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई संभावनाएं और रोज���ार के अवसर छिपे हैं। जैसे-जैसे कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकें और विधियां विकसित हो रही हैं, खेती में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। युवाओं और नव उद्यमियों के लिए खेती एक सुनहरा क्षेत्र बनकर उभर रहा है, जहां वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
पारंपरिक कृषि से हटकर नए अवसर
खेती का पारंपरिक रूप, जैसे धान, गेहूं और सब्जियों की खेती, सदियों से चला आ रहा है। हालांकि, अब यह क्षेत्र केवल पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रहा। आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं के सहयोग से किसानों के लिए अनेक नए रास्ते खुले हैं। इसमें जैविक खेती, बागवानी, डेयरी फार्मिंग, मछली पालन, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन और औषधीय पौधों की खेती जैसी गतिविधियाँ प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये सभी क्षेत्र न केवल किसानों को बेहतर आय के साधन प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं जो कृषि में रुचि रखते हैं।
कृषि में तकनीकी विकास
खेती में रोजगार के अवसर तकनीकी विकास के कारण भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब किसान पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक मशीनों, उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। ड्रोन तकनीक, सटीक कृषि, सेंसर आधारित सिंचाई, मिट्टी की जांच और बीजों की गुणवत्ता जांच जैसे तकनीकी साधनों ने खेती को आसान और लाभकारी बना दिया है। इससे न केवल किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ी है, बल्कि इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञों के लिए भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं।
इसके साथ ही, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ने भी कृषि क्षेत्र में क्रांति ला दी है। कृषि आधारित मोबाइल ऐप, वेबसाइट और पोर्टल्स के माध्यम से किसान सीधे बाजार से जुड़ रहे हैं और अपनी उपज को उचित दामों पर बेच पा रहे हैं। ऐसे में आईटी पेशेवरों के लिए भी कृषि क्षेत्र में काम करने के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
जैविक खेती में रोजगार के अवसर
जैविक खेती आज के समय में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे पर्यावरण को हानि नहीं पहुँचती और लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल���े हैं। जैविक खेती का बाजार लगातार बढ़ रहा है, और इस क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। युवा किसान जैविक खेती से जुड़कर अपनी उपज को सीधे बाजार में बेच सकते हैं या जैविक उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा, जैविक खेती के प्रशिक्षण कार्यक्रम और परामर्श सेवाओं में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
बागवानी और फूलों की खेती
खेती में रोजगार के अवसर बागवानी और फूलों की खेती में भी खूब हैं। फलों, सब्जियों और फूलों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। फलों और सब्जियों की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग भी एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें कई लोग रोजगार पा सकते हैं। इसके अलावा, फूलों की खेती और उनके निर्यात का व्यवसाय भी किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। विशेष रूप से सजावटी पौधों और फूलों की खेती में युवा उद्यमी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
डेयरी और पशुपालन
कृषि क्षेत्र में डेयरी और पशुपालन का भी अहम योगदान है। दूध और उससे बने उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे डेयरी उद्योग में रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। इसके अलावा, बकरी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन जैसी गतिविधियाँ भी कृषि क्षेत्र में रोजगार के साधन प्रदान कर रही हैं। सरकारी योजनाओं के माध्यम से पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में भी नए उद्यमियों को सहयोग मिल रहा है। इस प्रकार के उद्यमों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन पैदा हो रहे हैं, बल्कि इनसे शहरी बाजारों में भी उत्पाद की आपूर्ति हो रही है।
कृषि प्रसंस्करण उद्योग
खेती में रोजगार के अवसर कृषि प्रसंस्करण उद्योग में भी बहुतायत से मौजूद हैं। जब किसानों की उपज सीधे बाजार में बेची जाती है, तो उसे प्रसंस्कृत करने और पैकेजिंग की आवश्यकता होती है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में फलों, सब्जियों, अनाज और डेयरी उत्पादों की प्रोसेसिंग की जाती है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ती है और उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है। इस उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों और किसानों के लिए रोजगार के ढेर सारे विकल्प उपलब्ध हैं।
कृषि आधारित स्टार्टअप्स
आजकल कृषि क्षेत्र में कई स्टार्टअप्स का उदय हो रहा है, जो आधुनिक तकनीक और नवीन तरीकों का इस्तेमाल कर खेती को और अधिक लाभकारी बना रहे हैं। कृषि में रोजगार के अवसर इन स्टार्टअप्स के जरिए भी काफी बढ़ रहे हैं। चाहे वह खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो, बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग हो या फिर कृषि उत्पादों की ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री हो, ये स्टार्टअप्स नए-नए रोजगार के विकल्प पैदा कर रहे हैं। युवा उद्यमियों के लिए यह एक शानदार अवसर है कि वे कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करें और किसानों को नई तकनीकों और सेवाओं से लाभान्वित करें।
सरकारी योजनाओं का योगदान
खेती में रोजगार के अवसरों के विस्तार में सरकार की कई योजनाओं और नीतियों का भी बड़ा योगदान है। सरकार किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, सब्सिडी, लोन और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिससे वे नए-नए क्षेत्रों में प्रवेश कर सकें। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, और कृषि यंत्रीकरण योजना जैसी कई योजनाएं हैं, जो किसानों को ��त्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ा रही हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के विकल्प उत्पन्न हो रहे हैं।
कृषि में शिक्षा और प्रशिक्षण
खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि में शिक्षा और प्रशिक्षण का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से किसान और युवा नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से किसानों को नई कृषि पद्धतियों और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा, उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को खेती के व्यवसायिक पहलुओं की जानकारी दी जा रही है, जिससे वे खुद का कृषि व्यवसाय शुरू कर सकें।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर आज के समय में केवल खेतों तक सीमित नहीं हैं। कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जिनमें कृषि प्रसंस्करण, तकनीकी विकास, जैविक खेती, बागवानी, डेयरी और पशुपालन जैसे अनेक क्षेत्र शामिल हैं। सरकार की योजनाएं, तकनीकी विकास और बाजार में बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में रोजगार की संभावन���ओं को कई गुना बढ़ा दिया है। युवाओं और उद्यमियों के लिए यह समय है कि वे इन अवसरों का लाभ उठाएं और कृषि के क्षेत्र में अपना करियर बनाएं, साथ ही देश की प्रगति में भी योगदान दें।
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universallypatrolcollective · 4 months ago
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[8/16, 10:37 PM] shivedhash: #Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक vs मृत्युलोक
हम सभी जानते हैं कि जिस मृत्यु लोक पृथ्वी में हम रह रहे हैं यहाँ शांति नाम की कोई चीज़ नहीं है।
जबकि सतलोक में केवल एक रस परम शांति व सुख है। गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अनुसार जब तक हम सनातन परम धाम (सतलोक) में नहीं जाएंगे तब तक हम परमशांति, सुख व अमृत्व को प्राप्त नहीं कर सकते।
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[8/16, 10:37 PM] shivedhash: #Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक बनाम मृत्युलोक
सतलोक में सदाबहार फल-फूल, बाग-बगीचों से पेड़-पौधे हमेशा लद पद रहते हैं।
जबकि मृत्यु लोक पृथ्वी पर फल के पेड़ हर जगह नहीं लगे होते। विशेष मिट्टी, विशेष वातावरण की आवश्यकता पड़ती है। यहां पर अनावश्यक पेड़-पौधे स्वतः उग जाते हैं। फलों के पेड़ के लिए विशेष परिश्रम करना पड़ता है।
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[8/16, 10:37 PM] shivedhash: #Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक बनाम मृत्युलोक
सतलोक में कविर्देव यानी कबीर परमात्मा का सिंहासन है जो असंख्य ब्रह्मांड की देखरेख वहां पर बैठकर करते हैं और सतलोक में गए हुए मानव को उनके दर्शन होते हैं और वह आनंदित होते हैं।
जबकि इस मृत्यु लोक में उस परमेश्वर के दर्शन न होने के कारण यहां हम मृगतृष्ण�� में भटकते-भटकते जीवन का अंत कर देते हैं।
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सतलोक बनाम मृत्युलोक
सतलोक में गए हुए प्राणी को कभी चोरी होने की चिंता नहीं सताती तथा ठगी का डर नहीं रहता। क्योंकि वहाँ पर गए प्रत्येक प्राणी को परमात्मा की दया से एकसमान सर्व सुख नि:शुल्क उपलब्ध रहता है।
जबकि मृत्यु लोक (पृथ्वी) पर चोरी का भय इस प्राणी को सदा बना रहता है। यहां एक-दूसरे को लोग ठगते रहते हैं।
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[8/16, 10:37 PM] shivedhash: #Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक बनाम मृत्युलोक
सतलोक में गए हुए प्राणी आपस में मिलजुल कर प्रेम से रहते हैं और एक-दूसरे से मधुर वाणी बोलते हैं। आपस में किसी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं करते।
जबकि पृथ्वी अर्थात मृत्यु लोक में प्राणियों का आपस में कटु वचन बोलना, लड़ाई-झगड़ा करना आम बात है। साथ ही, यहाँ के प्राणी अनेक प्रकार के कष्ट एक-दूसरे को देते हुए दुखी रखते हैं।
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cardiologistdrfarhanshikoh · 4 months ago
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💓 अपने दिल का ख्याल रखें, यह आपके लिए धड़कता है 💓
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आपका दिल हर दिन आपके लिए अथक परिश्रम करता है। इसे स्वस्थ रखने के लिए कुछ ज़रूरी कदम इस प्रकार हैं:
ब्लड प्रेशर की जाँच करें: अपने ब्लड प्रेशर की नियमित निगरानी से समस्याओं का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है। उच्च रक्तचाप में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन यह गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है।
ब्लड शुगर की जाँच करें: अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। मधुमेह से दिल की बीमारी का जोखिम काफ़ी हद तक बढ़ सकता है।
रोज़ाना व्यायाम करें: सप्ताह के ज़्यादातर दिनों में कम से कम 30 मिनट तक मध्यम व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। पैदल चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी गतिविधियाँ आपके दिल को मज़बूत बना सकती हैं और रक्त संचार को बेहतर बना सकती हैं।
स्वस्थ भोजन करें: फलों, सब्ज़ियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार कोलेस्ट्रॉल को कम करने और स्वस्थ वज़न बनाए रखने में मदद कर सकता है। प्रोसेस्ड ��ाद्य पदार्थों और शर्करा का सेवन सीमित करें।
पर्याप्त नींद लें: समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत ज़रूरी है। अपने शरीर को ठीक होने और तरोताज़ा करने के लिए हर रात 7-9 घंटे की नींद लें।
हाइड्रेटेड रहें: रक्त की मात्रा को बनाए रखने और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है। दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
तनाव को नियंत्रित करें: पुराना तनाव आपके हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ध्यान, योग और गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तकनीकें आपको तनाव के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
ये कदम उठाने से आपको हृदय-स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है। व्यक्तिगत सलाह के लिए, Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology), सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 से परामर्श लें। अधिक जानकारी के लिए 6200784486 पर कॉल करें या drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
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iskconchd · 2 years ago
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श्रीमद्‌ भगवद्‌गीता यथारूप 2.51 https://srimadbhagavadgita.in/2/51 कर्मजं बुद्धियुक्ता हि फलं त्यक्त्वा मनीषिणः । जन्मबन्धविनिर्मुक्ताः पदं गच्छन्त्यनामयम् ॥ २.५१ ॥ TRANSLATION इस तरह भगवद्भक्ति में लगे रहकर बड़े-बड़े ऋषि, मुनि अथवा भक्तगण अपने आपको इस भौतिक संसार में कर्म के फलों से मुक्त कर लेते हैं । इस प्रकार वे जन्म-मृत्यु के चक्र से छूट जाते हैं और भगवान् के पास जाकर उस अवस्था को प्राप्त करते हैं, जो समस्त दुखों से परे है । PURPORT मुक्त जीवों का सम्बन्ध उस स्थान से होता है जहाँ भौतिक कष्ट नहीं होते । भागवत में (१०.१४.५८) कहा गया है – समाश्रिता से पदपल्लवप्लवं महत्पदं पुण्ययशो मुरारेः । भवाम्बुधिर्वत्सपदं परं पदं पदं पदं यद्विपदां न तेषाम् ॥ “जिसने उन भगवान् के चरणकमल रूपी नाव को ग्रहण कर लिया है, जो दृश्य जगत् के आश्रय हैं और मुकुंद नाम से विख्यात हैं अर्थात् मुक्ति के दाता हैं, उसके लिए यह भवसागर गोखुर में समाये जल के समान है । उसका लक्ष्य परं पदम् है अर्थात् वह स्थान जहाँ भौतिक कष्ट नहीं है या कि वैकुण्ठ है; वह स्थान नहीं जहाँ पद-पद पर संकट हो ।” अज्ञानवश मनुष्य यह नहीं समझ पाता कि यह भौतिक जगत् ऐसा दुखमय स्थान है जहाँ पद-पद पर संकट हैं । केवल अज्ञानवश अल्पज्ञानी पुरुष यह सोच कर कि कर्मों से वे सुखी रह सकेंगे सकाम कर्म करते हुए स्थिति को सहन करते हैं । उन्हें यह ज्ञात नहीं है कि इस संसार में कहीं भी कोई शरीर दुखों से रहित नहीं है । संसार में सर्वत्र जीवन के दुख-जन्म, मृत्यु, जरा तथा व्याधि – विद्यमान हैं । किन्तु जो अपने वास्तविक स्वरूप को समझ लेता है और इस प्रकार भगवान् की स्थिति को समझ लेता है , वही भगवान् की प्रेमा-भक्ति में लगता है । फलस्वरूप वह वैकुण्ठलोक जाने का अधिकारी बन जाता है जहाँ न तो भौतिक कष्टमय जीवन है न ही काल का प्रभाव तथा मृत्यु है । अपने स्वरूप को जानने का अर्थ है भगवान् की अलौकिक स्थिति को भी जान लेना । जो भ्रमवश यह सोचता है कि जीव की स्थिति तथा भगवान् की स्थिति एकसमान हैं उसे समझो कि वह अं��कार में है और स्वयं भगवद्भक्ति करने में असमर्थ है । वह अपनेआपको प्रभु मान लेता है और इस तरह जन्म-मृत्यु की पुनरावृत्ति का पथ चुन लेता है । किन्तु जो यह समझते हुए कि उसकी स्थिति सेवक की है अपने को भगवान् की सेवा में लगा देता है वह तुरन्त ही वैकुण्ठलोक जाने का अधिकारी बन जाता है । भगवान् की सेवा कर्मयोग या बुद्धियोग कहलाती है, जिसे स्पष्ट शब्दों में भगवद्भक्ति कहते हैं । ----- Srimad Bhagavad Gita As It Is 2.51 karma-jaṁ buddhi-yuktā hi phalaṁ tyaktvā manīṣiṇaḥ janma-bandha-vinirmuktāḥ padaṁ gacchanty anāmayam TRANSLATION By thus engaging in devotional service to the Lord, great sages or devotees free themselves from the results of work in the material world. In this way they become free from the cycle of birth and death and attain the state beyond all miseries [by going back to Godhead]. PURPORT The liberated living entities belong to that place where there are no material miseries. The Bhāgavatam (10.14.58) says: samāṣritā ye pada-pallava-plavaṁ mahat-padaṁ puṇya-yaśo murāreḥ bhavāmbudhir vatsa-padaṁ paraṁ padaṁ padaṁ padaṁ yad vipadāṁ na teṣām “For one who has accepted the boat of the lotus feet of the Lord, who is the shelter of the cosmic manifestation and is famous as Mukunda, or the giver of mukti, the ocean of the material world is like the water contained in a calf’s footprint. Paraṁ padam, or the place where there are no material miseries, or Vaikuṇṭha, is his goal, not the place where there is danger in every step of life.” Owing to ignorance, one does not know that this material world is a miserable place where there are dangers at every step. Out of ignorance only, less intelligent persons try to adjust to the situation by fruitive activities, thinking that the resultant actions will make them happy. They do not know that no kind of material body anywhere within the universe can give life without miseries. The miseries of life, namely birth, death, old age and diseases, are present everywhere within the material world. But one who understands his real constitutional position as the eternal servitor of the Lord, and thus knows the position of the Personality of Godhead, engages himself in the transcendental loving service of the Lord. Consequently he becomes qualified to enter into the Vaikuṇṭha planets, where there is neither material, miserable life nor the influence of time and death. To know one’s constitutional position means to know also the sublime position of the Lord. One who wrongly thinks that the living entity’s position and the Lord’s position are on the same level is to be understood to be in darkness and therefore unable to engage himself in the devotional service of the Lord. He becomes a lord himself and thus paves the way for the repetition of birth and death. But one who, understanding that his position is to serve, transfers himself to the service of the Lord, at once becomes eligible for Vaikuṇṭha-loka. Service for the cause of the Lord is called karma-yoga or buddhi-yoga, or in plain words, devotional service to the Lord. ----- #krishna #iskconphotos #motivation #success #love #bhagavatamin #india #creativity #inspiration #life #spdailyquotes #devotion
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drsunildubeyclinic · 4 months ago
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Healthy Foods: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey
गुप्त व यौन रोगियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव कि वे अपने दैनिक जीवन में निम्नलिखित फल और सब्जियों को शामिल करें और अपने स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाए :-
विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व भारत के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक डॉ. सुनील दुबे ने सभी लोगो को अपने डाइट में कुछ फल व सब्जियों को शामिल करने का सुझाव दिया है। वे एक लम्बे समय से दुबे क्लिनिक में पटना के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट के पद पर आसीन है और सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार प्रदान करते आ रहे है। दुबे क्लिनिक भारत का सबसे भरोसेमंद आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक में शीर्ष रैंक पर है। यह प्रामाणिक क्लिनिक पटना के लंगर टोली, चौराहा, के पास स्थित है।
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आज का यह टॉपिक में, कुछ महत्वपूर्ण फलों और सब्जियों के महत्व से सम्बंधित हैं। ये फल और सब्जियाँ स्वस्थ शरीर और स्वस्थ यौन जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि व्यक्ति इनका सेवन करें, तो वे हमेशा के लिए स्वस्थ और समृद्ध जीवन प्राप्त कर सकते है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि यदि आप प्रकृति में विश्वास करते हैं और इसके संसाधनों व साधनो का उपयोग करते हैं तो आपको हमेशा प्राकृतिक उपचार और पोषण का चयन करना चाहिए। आयुर्वेद सभी चिकित्सा-उपचारों का आधार है जो प्राकृतिक तरीको से समस्त शरीर को सुदृढ़ बनाता है। इस चिकित्सा-उपचार की खास बात यह है कि इसके सेवन से शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
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चलिए जानते है उन फलों और सब्जियों के नाम व उनकी विशेषता जो निम्नलिखित है:-
1. केला
केले का वैज्ञानिक नाम मूसा पैराडाइसियाका लिन है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शर्करा, फाइबर, पोटेशियम और कैलोरी होता है। यह मानसिक और हृदय संबंधी स्वास्थ्य के बेहतरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें पोटेशियम होता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद करता है। आम तौर पर, ज़्यादातर लोग केले का शेक पीना पसंद करते हैं।
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2. अनानास
अनानास का वैज्ञानिक नाम अनानास कोमोसस है जिसमें विटामिन और खनिज जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम, फोलेट (विटामिन बी 9), आयरन, ��ैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक और एंजाइम होते हैं। यह एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट का उत्पादन भी करता है। यह यौन इच्छा को बढ़ाने में मदद करता है और शीघ्रपतन की समस्या को प्रबंधित करने में भी सहायक होता है।
3. गाजर
गाजर का वैज्ञानिक नाम डौकस कैरोटा है जिसमें विटामिन सी, विटामिन के1, विटामिन बी6, कैल्शियम, आयरन, बायोटिन, पोटैशियम और ल्यूटिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते है। इसमें बीटा कैरोलीन और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। यह लिंग क्षेत्र के रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। यह हमेशा शीघ्रपतन को रोकने और स्खलन से निपटने में पुरुष को मदद करता है।
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4. एवोकाडो
एवोकाडो का वैज्ञानिक नाम पर्सिया अमेरिकाना है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा (पॉलीअनसेचुरेटेड और संतृप्त), फाइबर, सोडियम और कैलोरी होती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और साथ ही सोडियम का स्तर भी कम होता है। यह लिंग क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। यह स्खलन के लिए भी उपयोगी है। संभावित रूप से देखा जाय तो, यह शीघ्रपतन के प्रबंधन में मदद करता है। यह इष्टतम यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है और शीघ्रपतन और यौन हार्मोन के लिए चयापचय प्रोटीन में मदद करता है। आम तौर पर, इसे व्यक्ति में एक प्राकृतिक यौन बूस्टर के रूप में माना जाता है।
5. लहसुन
लहसुन एक प्रजाति है और जिसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवम है। इसमें उच्च स्तर के पोटेशियम, फास्फोरस, जस्ता, सल्फर, सेलेनियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, लोहा और कम स्तर का सोडियम होता है। यह कामोद्दीपक गुणों से परिपूर्ण होता है जो स्खलन के बिना संभोग की अवधि को बढ़ाने में मदद करता है। इस मसाले का यौगिक एलिसिन रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है। यह शीघ्रपतन और स्तंभन दोष के प्रबंधन में सहायक होता है।
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6. शतावरी
शतावरी वसंत ऋतु में पायी जाने वाली सब्जी है जिसे आम तौर पर बगीचे में लगाया जाता है। शतावरी का वैज्ञानिक नाम शतावरी ऑफिसिनेलिस है जिसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट और कैलोरी होती है। यह सब्जी खनिजों और विटामिन-सी से भरपूर होती है। यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और रक्त की उपस्थिति को बढ़ाने में मदद करती है। यह मूत्र पथ के स्वास्थ्य और यौन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। अधिकांश समय, यह देखा गया है कि यह शीघ्रपतन के इलाज में उपयोगी सिद्ध होता है।
7. अखरोट
अखरोट एक प्रजाति है जिसका वैज्ञानिक नाम जुग्लान्स है। इसमें मैग्नीशियम, तांबा, फास्फोरस, लोहा, कैल्शियम, जस्ता, पोटेशियम, सेलेनियम, विटामिन बी 6, फोलेट और थायमिन होता है। यह हृदय-स्वस्थ वसा से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं। अखरोट के नियमित सेवन से मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार होता है और हृदय रोग और कैंसर के खतरा कम होता है। इसका सेवन करने से शीघ्रपतन के रोगियों को अपने समय को प्रबंधन करने में भी मदद मिलता है।
8. तरबूज
तरबूज एक रसीला फल और बेल सामान आकर है जिसका वैज्ञानिक नाम सिट्रुलस लैनाटस है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 6, पोटेशियम, बिना वसा, कोलेस्ट्रॉल या सोडियम होता है। मुख्य रूप से, यह विटामिन सी से भरपूर होता है जो कोलेजन बनाने और शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद करने में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। यह एक हाइड्रेटिंग फ़ूड भी है जो शरीर को प्राकृतिक वियाग्रा से भर देता है। यह बेहतर इरेक्शन का हमेशा समर्थन करता है और व्यक्तियों में कामेच्छा को भी बढ़ाने में मदद करता है।
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9. पालक
पालक एक हरी पत्ती वाली सब्जी है जिसका वैज्ञानिक नाम स्पिनेशिया ओलेरासिया है। यह विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, आयरन, पोटेशियम, प्रोटीन और फोलेट सहित कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह फाइबर से ��रिपूर्ण होता है जो वजन प्रबंधन, रक्त शर्करा विनियमन, कम कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, आंत्र कैंसर, स्वस्थ मल त्याग, हृदय स्वास्थ्य, कम हृदय रोग और बेहतर आंत स्वास्थ्य में मदद करता है। यह पुरुषों की यौन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रक्त में फोलिक एसिड के स्तर को भी बनाए रखता है। यह लिंग क्षेत्र में रक्त प्रवाह में सुधार करता है और स्वस्थ यौन कार्य को बनाए रखता है। यह इरेक्शन के लिए एक आवश्यक यौन पोषक तत्व और प्राकृतिक भोजन है।
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10. अदरक
अदरक को आमतौर पर मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल है। अदरक की जड़ का उपयोग कई सामान्य बीमारियों जैसे- सिरदर्द, जुकाम, मतली और उल्टी को कम करने और इलाज के लिए किया जाता है। यह फेनोलिक यौगिकों, टेरपेन्स, पॉलीसेकेराइड्स, लिपिड, कार्बनिक अम्ल और कच्चे फाइबर जैसे विभिन्न रासायनिक घटकों में समृद्ध है। यह शरीर को ठीक करता है जिससे रक्त प्रवाह तेज़ होता है। यह कामेच्छा को भी बढ़ाता है और यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है। यह इरेक्शन को बनाए रखने में मददगार है, खासकर लिंग की मांसपेशियों में, जिससे इरेक्शन व शारीरिक मजबूती को बनाये रखती है।
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11. शहद
शहद एक प्राकृतिक तरल पदार्थ है जिसमें ज़्यादातर चीनी के साथ-साथ अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज, लोहा, जस्ता और एंटीऑक्सीडेंट का ��िश्रण होता है। शहद से कामेच्छा, स्तंभन कार्य, शुक्राणुजनन, अधिवृषण शुक्राणुओं की संख्या और सामान्य शुक्राणु प्रतिशत में सुधार होता है, और मनुष्यों सहित स्तनधारी प्रजातियों में शुक्राणु सिर और पूंछ की असामान्यताओं और क्रोमेटिन क्षति के प्रतिशत को कम करता है।
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12. हरा प्याज
हरा प्याज, एक सब्जी जिसे स्प्रिंग प्याज भी कहा जाता है, एक गुच्छेदार पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम एलियम फिस्टुलोसम है। यह विटामिन के, विटामिन ए, विटामिन सी और फोलेट (फोलिक एसिड) और पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है। स्वाभाविक रूप से, इसमें कैलोरी, वसा और सोडियम कम होता है। यह शीघ्रपतन को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है।
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13. ऑयस्टर
ऑयस्टर एक अत्यधिक पौष्टिक शेलफिश है जिसका वैज्ञानिक नाम ऑस्ट्रेडी है जो मोलस्क की प्रजाति है। इसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, जिंक, कॉपर, विटामिन बी12, आयरन और कैलोरी होती है। यह विटामिन डी, कॉपर, जिंक और मैंगनीज के स्रोत से भरपूर है। यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। साथ-ही-साथ, इसके नियमित सेवन से व्यक्ति का यौन स्वास्थ्य सुदृढ़ होता है।
14. मिर्च मिर्च
मिर्च को चिली या मिर्च भी कहा जाता है जो पौधों के बेरी-फल की किस्म का होता है। मिर्च का वैज्ञानिक नाम कैप्सिकम फ्रूटसेंस है। यह कैरोटीनॉयड के प्रमुख स्रोतों में से एक है, जो विटामिन ए और विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) के अग्रदूत हैं। इसमें उच्च स्तर के कैरोटीनॉयड और एल-एस्कॉर्बिक एसिड होते हैं, जिनमें प्रो विटामिन ए और विटामिन सी गतिविधि के लिए आरडीए होता है। यह रक्त वाहिकाओं के फैलाव और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
15. कॉफी
कॉफी का नाम सुनते ही, कैफीन नामक पहली चीज है जो सभी के दिमाग में आती है। कॉफी का वैज्ञानिक नाम कॉफ़ी अरेबिका है जिसमें कई रासायनिक घटक होते हैं जैसे कि एल्कलॉइड, फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स, टेरपेनोइड्स, इत्यादि। इसमें बड़ी संख्या में उपयोगी पोषक तत्व भी होते हैं, जिनमें राइबोफ्लेविन (विटामिन बी 2), नियासिन (विटामिन बी 3), मैग्नीशियम, पोटेशियम, कई फेनोलिक यौगिक और एंटीऑक्सिडेंट शामिल हैं; जो आंतरिक सूजन को कम करने और बीमारी से बचाने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट रक्त वाहिकाओं की रक्षा करते हैं, परिसंचरण में सहायता करते हैं, और धीरे-धीरे लिंग क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में सुधार करते हैं जिससे पुरुषों को इरेक्शन प्राप्त होता है और उसे बनाए रखता है।
16. डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट में कोको सॉलिड, कोको शुगर और बटर होता है जबकि मिल्क चॉकलेट में कोको सॉलिड, कोको बटर, किसी न किसी रूप में दूध और शुगर भी होता है। इसमें कैफीन और ब्रोमीन जैसे उत्तेजक तत्व भी शामिल होते हैं। अच्छी क्वालिटी की डार्क चॉकलेट में फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज और कुछ अन्य मिनरल भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। मुख्य रूप से, डार्क चॉकलेट के दो तत्व जैसे एंटीऑक्सीडेंट और कैफीन रक्त प्रवाह को बढ़ा सकते हैं और यौन इच्छा को बढ़ा सकते हैं।
17. अंडे
अंडे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, वसा, संतृप्त वसा, आयरन, विटामिन, खनिज और कैरोटीनॉयड सहित कैलोरी का अच्छा स्रोत हैं। अंडे का वैज्ञानिक नाम ओवम है। यह ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे रोग से लड़ने वाले पोषक तत्वों का भंडार है। अगर हम इसकी समृद्धि के बारे में बात करें तो इसमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, सेलेनियम, फॉस्फोरस, कोलीन, विटामिन बी12 और कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। अंडे में विटामिन ई होने से यौन हार्मोन में सुधार करके यौन प्रदर्शन और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिलती है।
18. मशरूम
मशरूम को खेती की जाने वाली सफ़ेद बटन मशरूम के रूप में भी जाना जाता है। यह विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी5, फोलेट, विटामिन डी, फॉस्फोरस, सेलेनियम, कॉपर और पोटैशियम का अच्छा स्रोत होता है। सेलेनियम शरीर में कोशिका क्षति को रोकने में मदद करता है, विटामिन डी कोशिका वृद्धि में मदद करता है, और विटामिन बी6 शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। सभी पोषक तत्व मानव शरीर में एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह यौन इच्छा और उसके कार्यों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खासकर, यह महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करता है।
19. दाल
मसूर दाल की एक प्रजाति है जिसका वैज्ञानिक नाम लेंस कलिनारिस है। दाल में पोटेशियम, फाइबर, फोलेट और पौधे के रसायन अधिक होते हैं और सोडियम और संतृप्त वसा कम होती है। मुख्य रूप से, यह फाइबर, फोलेट और पोटेशियम से भरपूर होता है जो हृदय और उसके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह ऊर्जा देने वाले आयरन और विटामिन बी1 का भी अच्छा स्रोत है जो स्थिर हृदय गति को बनाए रखने में मदद करता है। प्रोटीन और आयरन से भरपूर फलियां यौन इच्छा को बढ़ावा दे सकती हैं। यह उन महिलाओं के लिए अच्छा है जो एनीमिया से पीड़ित हैं, खासकर रजोनिवृत्ति या गर्भावस्था के दौरान।
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20. बादाम:
बादाम प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम और राइबोफ्लेविन से भरपूर होते हैं। यह आयरन, पोटेशियम, जिंक और विटामिन बी (नियासिन, थायमिन और फोलेट) का भी अच्छा स्रोत है। यह यौन कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है जैसे- यौन इच्छा और संभोग की गुणवत्ता में सुधार।
अगर आप किसी भी तरह की गुप्त या यौन समस्या से पीड़ित हैं, तो आप बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे से परामर्श कर सकते हैं। वह दुबे क्लिनिक में प्रैक्टिस करते हैं, जहाँ हर दिन चालीस से अधिक गुप्त व यौन रोगी अपनी यौन समस्याओं को ठीक करने के लिए इस क्लिनिक में आते हैं। अपने संपूर्ण यौन विकार को दूर करने के लिए पूर्णकालिक विश्वसनीय आयुर्वेदिक उपचार और दवा प्राप्त करें।
शुभकामनाओं के साथ
दुबे क्लिनिक
भारत का एक प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थल: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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todaydeal24 · 6 months ago
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All-in-One Juicer Mixer Grinder @ Rs 1199 Worth Rs 3299
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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी म���ं, हम सभी चाहते हैं कि हमारी रसोई के काम आसान और तेज़ी से हों। इसके लिए हमें एक ऐसे उपकरण की आवश्यकता होती है जो न केवल काम को तेज़ बनाए, बल्कि समय और मेहनत की भी बचत करे। ऐसे में, ऑल-इन-वन जूसर मिक्सर ग्राइंडर आपके किचन के लिए एक आदर्श उपकरण है। केवल रु 1199 में उपलब्ध इस उत्पाद की असली कीमत रु 3299 है, जिससे यह एक शा��दार डील बन जाता है। आइए, इस ब्लॉग में हम जानें कि यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर क्यों आपके किचन के लिए परफेक्ट साथी है।
1. ऑल-इन-वन फंक्शनलिटी: सब कुछ एक ही जगह
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2. शक्तिशाली मोटर: तेज और प्रभावी प्रदर्शन
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3. उच्च गुणवत्ता वाला मटेरियल: लंबे समय तक चलने वाला
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर उच्च गुणवत्ता वाले मटेरियल से बना होता है, जो इसे टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाला बनाता है। इसके ब्लेड्स स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, जो उन्हें जंग-रोधी और लंबे समय तक तेज बनाए रखते हैं। इसके अलावा, इसका जार भी मजबूत और टिकाऊ होता है, जो किसी भी प्रकार के टूटने या क्रैकिंग से बचाता है।
4. आसान उपयोग और सफाई: बिना किसी झंझट के
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर उपयोग करने में बहुत ही आसान है। इसका डिज़ाइन यूजर-फ्रेंडली है, जिससे कोई भी इसे आसानी से ऑपरेट कर सकता है। इसके अलावा, इसकी सफाई भी बहुत आसान है। आप इसके पार्ट्स को अलग करके धो सकते हैं और इसे हर बार इस्तेमाल के बाद साफ-सुथरा रख सकते हैं। इसका जार और ब्लेड्स डिशवॉशर सेफ होते हैं, जिससे आप इन्हें बिना किसी चिंता के साफ कर सकते हैं।
5. स्टाइलिश और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन: आपकी रसोई के लिए परफेक्ट
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6. किफायती कीमत: उच्च गुणवत्ता, कम कीमत
इस ऑल-इन-वन जूसर मिक्सर ग्राइंडर की असली कीमत रु 3299 है, लेकिन वर्तमान में यह केवल रु 1199 में उपलब्ध है। इतनी कम कीमत में आपको एक उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद मिल रहा है, जो आपके सभी किचन के कार्यों को आसान बना देगा। यह डील वास्तव में आपके पैसे की पूरी कीमत वसूल करती है, और यह एक ऐसा अवसर है जिसे आप छोड़ना नहीं चाहेंगे।
7. विविधता और बहुमुखी उपयोग: हर रेसिपी के लिए उपयुक्त
इस जूसर मिक्सर ग्राइंडर के साथ, आप विभिन्न प्रकार की रेसिपी बना सकते हैं। चाहे आपको ताज़ा फलों का जूस बनाना हो, या मसालों को पीसकर अपने खाने में फ्लेवर बढ़ाना हो, यह उपकरण हर काम में आपकी मदद करेगा। इसके अलावा, आप इसमें शेक्स, स्मूदीज, सॉस, और कई अन्य व्यंजन भी तैयार कर सकते हैं। यह एक बहुमुखी उपकरण है, जो आपकी रसोई की सभी जरूरतों को पूरा करता है।
8. उत्कृष्ट ग्राहक समीक्षाएं: विश्वसनीयता की गारंटी
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर ग्राहकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इसे उपयोगकर्ताओं से उत्कृष्ट समीक्षाएं मिली हैं। इसकी कार्यक्षमता, टिकाऊपन और स्टाइल के लिए इसे बहुत सराहा गया है। ग्राहकों ने इसे एक विश्वसनीय और उपयोगी उपकरण बताया है, जो उनकी दैनिक किचन गतिविधियों को आसान बनाता है।
9. खरीदारी कैसे करें: केवल कुछ ही क्लिक में
अब बात करते हैं कि आप इस बेहतरीन जूसर मिक्सर ग्राइंडर को कैसे खरीद सकते हैं। यह उपकरण ऑनलाइन उपलब्ध है और आप इसे कुछ ही क्लिक में अपने घर मंगवा सकते हैं। इस शानदार ऑफर का लाभ उठाने के लिए जल्दी करें, क्योंकि यह ऑफर सीमित समय के लिए है। आपको इसे ऑर्डर करने के लिए किसी भी प्रकार की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
निष्कर्ष: क्यों यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर है आपके किचन के लिए बेस्ट चॉइस
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astrovastukosh · 1 month ago
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*🌞~ आज दिनांक - 26 दिसम्बर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग शुद्ध गणना के साथ एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?~🌞*
*⛅दिनांक - 26 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - एकादशी रात्रि 12:43 दिसम्बर 27 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - स्वाती शाम 06:09 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग - सुकर्मा रात्रि 10:24 तक, तत्पश्चात धृति*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:01 से दोपहर 03:21 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:22*
*⛅सूर्यास्त - 05:57*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:25 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:02 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 दिसम्बर 27 से रात्रि 01:07 दिसम्बर 27 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - बाल शहीद दिवस, मण्डला पूजा, सफल�� एकादशी*
*⛅विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1.एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹2. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹4. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹5. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹6. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹7. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹8. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹09. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
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