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Social Media का लगातार होता दुरुपयोग ! सब कुछ जानें 2021 में
Social Media का लगातार होता दुरुपयोग ! सब कुछ जानें 2021 में
Social Media क्या है ? जब हम कभी इंटरनेट के माध्यम से किसी को अपनी जानकारी शेयर करते हैं या किसी से कोई जानकारी वर्चुअल तरीके से लेते हैं, यानी की इसमें हम physical रूप से उपस्थित न होते हुए भी देश दुनिया की सभी जानकारी हासिल करते हैं, तो यह सभी क्रिया कलाप Social Media के माध्यम से ही पूरा किया जाता है। Social Media जब धीरे धीरे प्रचलित हो रहा था तो उस समय सब यही सोचते थे कि यह हमारे समाज के…
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दुखद घटना राजकोट गुजरात की रहनेवाली सिंधी समाज ब्राह्मण समाज की बेटी स्व भाविका शर्मा(पीड़िता) पुत्री स्व अशोकभाई(पपन महाराज) शर्मा जिसने 3 महीने पहले दूसरी जाति आहिर समाज के लड़के से गोंडल शहेर में प्रेम विवाह किया था जिसके पतिका नाम चिराग संजय बलदाणीया है। पीड़ित परिवार का कहना है उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक यातनाये दी गई और उसकी हत्या की गई है लड़के और उसके परिवार ने साथ मिलके इस कु कर्म को किया है। जिसमे लड़के का भाई और मातापिता भीशामिल है। लडक़ी के पिता नही है विधवा निसाहय माता है और 1 छोटा भाई है । पीड़ित परिवार को मारने की ओर अन्य धमकियां दी जारही है तथा उनपर दबाव बनाया जा रहा है । उनकी बात सुनी नही जा रही लड़की के शरीर पर चोटो के कई निशान है जिसके सबूत पीड़ित परिवार के पास फ़ोटो वीडियो के माध्यम से मौजूद है, फिरभी सब बातोंको अनदेखा कर हत्या का गुनाह न लगाकर आत्महत्या बताया जा रहा है। जिसकी सिंधी समाज और ब्राह्मण समाज निंदा करता है और उच्चस्तरीय न्यायिक निष्पक्ष जांच की मांग करता है। इस घटना के विरोध में अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज ने इस प्रकरण की कड़ी निंदा किहे ओर उच्चस्तरीय जांच की मांग किहे। ओर मुख्यमंत्री श्री गुजरात, गृहमंत्री गुजरात, कलेक्टर, डेप्युटी कलेक्टर, मामलतदार, गुजरात पुलिस, महिला आयोग, ह्यूमन राइट्स(मानवाधिकार आयोग), राज्य के तथा देश के लोकल तथा नेशनय न्यूज़ चेनल्स, सभी पोलिटिकल पार���टीस तथा निताओ को, Facebook, Instagram, Twitter, WhatsApp, website, फोन, मेसेज, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूपसे लिखित तथा मौखिक आवेदन देकर न्याय की उच्चस्तरीय निष्पक्ष की मांग की है। सभी माताओ बहेनो बहु-बेटियों सभी से प्रार्थना है हमारे पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने में समर्थन कर ओर अधिक से अधिक लोगोंतक ये बात पहोचाइये ताकि प्रशाशन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे इसलिए अधिक से अधिक शेर करे इस पोस्ट को। ओर पीड़ित परिवार को मदद दिलवाने के लिए आपसे जो बनपडे मदद करे या कुछ नही तो इस पोस्ट को शेर करके उनकी न्याय की मांग को आगे बढ़ाए। जय जुलेलाल। जय परशुराम।
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जानिए क्या है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ?
मौजूदा वक़्त की शिक्षा नीति राजीव गाँधी द्वारा 1986 में लागू की गई थी। 1992 में नरसिम्हा राव के समय में थोड़ा सा परिवर्तन किया गया था लेकिन वह प्रणाली अब नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह बदलेगी।
जब देश आज़ाद हुआ तब से ले कर 1985 तक शिक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्रालय ही हुआ करते थे लेकिन फिर राजीव गाँधी सरकार ने इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया। इस नाम को लेकर आर.एस.एस. से जुड़े संगठन भारतीय शिक्षण मंडल ने आपत्ति जताई थी और साल 2018 के अभिवेशन में इस नाम को बदलने की मांग भी उठाई थी। दलील यह दी थी कि मानव को संसाधन नहीं मान सकते ऐसा करना भारतीय मूल्यों के विरुद्ध होगा।आज पूरे 34 साल बाद फिर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नामांकरण शिक्षा मंत्रालय के रूप में हुआ।
यह भी पढ़ें :सरकार और राज्य के अस्तित्व के लिए खतरा है आर.एस.एस. : सरदार वल्लभ भाई पटेल के पत्र का एक अंश
क्या है नई शिक्षा नीति 2020 : नई नीति के अनुसार जी.डी.पी. का 6% शिक्षा में इस्तेमाल होगा जो की वर्तमान समय में 4.3 % है।नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को आज केंद्रीय कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है। 2014 के लोक सभा चुनाव में नई शिक्षा नीति भा.जा.पा. के घोषणापत्र का हिस्सा थी।नई शिक्षा नीति को बनाने के लिए सरकार ने 31 अक्टूबर 2015 को सरकार ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी.एस.आर. सुब्रमणियम की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की कमिटी बनाई।कमिटी ने अपनी रिपोर्ट 27 मई 2016 को दी इसके बाद 24 जून 2017 को इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 9 सदस्यों की कमिटी को नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई। 31 मई 2019 को यह ड्राफ्ट एच आर डी मंत्री रमेश पोखरयाल को सौंपा गया। इस ड्राफ्ट पर मंत्रालय ने लोगो के सुझाव भी मांगे जिस पर 2 लाख सुझाव आए और उसके बाद 29 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को मंज़ूरी दे दी।
क्यों पड़ी नई शिक्षा नीति की ज़रूरत ? सरकार ने यह दलील दी कि बदलते समय की आवश्यकताओं को पूर्ण करने और शिक्षा की गुडवत्ता को बढ़ाने के लिए नवोन्मेष ,शोध की तरफ बढ़ने के लिए और देश को शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति की ज़रूरत पड़ी। मौजूदा वक़्त की शिक्षा नीति राजीव गाँधी द्वारा 1986 में लागू की गई थी। 1992 में नरसिम्हा राव के समय में थोड़ा सा परिवर्तन किया गया था लेकिन वह प्रणाली अब नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह बदलेगी।
एच.आर.डी. मंत्री के बदलाव को लेकर विचार: एच.आर.डी. मिनिस्टर ने बदलाव पर जो कथन कहे वो इस प्रकार हैं “आज हिंदुस्तान के हाँथ में एक ऐसा अवसर आया है जब इस देश के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में इस देश की ऐसी शिक्षा नीति जो 1986 के बाद जो स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में उसका परिवर्तन कार्य सुधारो के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रशस्त करेगा। और जो हमारे देश के प्रधान मंत्री ने एक नए भारत के निर्माण की बात की है ,जो स्वच्छ भारत होगा ,स्वस्थ भारत होगा ,सशक्त भारत होगा ,समृद्ध भारत होगा श्रेष्ठ भारत होगा ,एक भारत होगा उस नए भारत के निर्माण में यह नई शिक्षा नीति 2020 मील का पत्थर साबित होगी।”
क्या बदलाव होंगे ?
मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय करदिया जाएगा।
जब देश आज़ाद हुआ तब से ले कर 1985 तक शिक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्रालय ही हुआ करते थे लेकिन फिर राजीव गाँधी सरकार ने इसे मानव संसाधन मंत्रालय कर दिया।
एच आर डी मिनिस्टर शिक्षा मंत्री कहलाएंगे
उच्च शिक्षा में बदलाव :
क्या है क्रेडिट ट्रांसफर ?:
अब यह शिक्षा अनेक प्रविष्टि और बाहर निकलने वाली होगी इसका मतलब यह है की अगर किसी ने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और 2 सेमेस्टर के बाद किसी भी समस्या के कारण पढाई जारी ना कर पाने की स्थिति आई या कोई और कोर्स करने का मन हुआ तो यह एक साल व्यर्थ नहीं होगा इस एक साल के आधार पर सर्टिफिकेट मिलेगा यदि दो साल पढ़ेंगे तो डिप्लोमा मिलेगा और कोर्स पूरा करने पर डिग्री मिलेगी।
यह भी पढ़ें :नील विद्रोह ; किसानो द्वारा पहला आंदोलन
बी.ए.या बी.एस.सी. जैसे ग्रेजुएशन करने वालो के लिए खुशखबरी : जिन्हे नौकरी करनी है केवल उनके लिए यह कोर्स 3 साल का होगा और जिन्हे आगे रिसर्च करनी है उनके लिए 4 साल।फिर 1 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन और 4 साल का पी.एच.डी. जिसमे अब एम.फिल. की ज़रूरत नहीं होगी। बहु अनुशासनात्मक शिक्षा होगी ,यानि की कोई एक स्ट्रीम नहीं होगी कोई भी मनचाहे विषय चुन सकता है। यदि आप फिजिक्स में ग्रेजुएशन कर रहे हैं और पोलिटिकल साइंस या म्यूजिक जैसे विषयो में रूचि रखते हैं तो उन्हें भी पढ़ सकते हैं।
कॉलेजो में होगी ग्रेडेड ऑटोनोमी : कई कॉलेज एक ही विश्वविद्यालय से संबद्ध यानि एफिलिएटेड होते हैं और उनकी परीक्षा विश्वविद्यालयों के हाँथ में होती है।लेकिन अब कॉलेजो को भी अधिकार होंगे।
सिंगल रेगुलेटर बनाया जाएगा :
इस समय कई अलग संस्थाए हैं जो उच्च शिक्षा के लिए नियम बनती हैं जैसे यू.जी.सी., ए.आई.सी.टी.ई., आदि।इन सबको मिला कर एक कर दिया जाएगा।
देश के हर विश्वविद्यालय के लिए शिक्षा के मानक एक सामान होंगे यानि की केंद्र,राज्य या डीम्ड विश्वविद्यालय हो सबका स्तर एक जैसा होगा।
प्राइवेट कॉलेज मनमानी फीस नहीं वसूल कर सकेंंगे। जिसके लिए फी कप तय होंगे।
शोध की फंडिंग के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया जाएगा।जिसमे साइंस और आर्ट्स सभी विषयो को फण्ड किया जाएगा।तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा।आभासी या वर्चुअल लैब भी शुरू किये जाएंगे।
स्कूली शिक्षा में बदलाव :
वर्तमान समय में स्कूली शिक्षा 10 + 2 के आधार पर है जिसमे 10वी तक सभी विषय पढ़ने होते हैं और और 11वी में स्ट्रीम तय करनी होती है।
नए सिस्टम के तहत 5 +3 +3 +4 बताया गया है जिसमे स्कूल के आखरी साल 9वी से 12वी तक एक समान होंगे।
जिसमे विषयो को गहराई से पढ़ाया जाएगा लेकिन स्ट्रीम का चुनाव ज़रूरी नहीं होगा यह पढाई मल्टीस्ट्रीम होगी मैथ्स
वाला इतिहास भी पढ़ सकेगा और एक्स्ट्रा सुर्रिकुलुर में जैसे म्यूजिक या स्पोर्ट्स भी शामिल कर लिया जाएगा। इन विषयो को एक्स्ट्रा ना मान कर मुख्य समझा जाएगा।
3 से 6 साल के बच्चों के लिए अलग पाठ्यक्रम तैयार होगा जिसमे उन्हें खेल -खेल में सिखाया जाएगा जिसके लिए शिक्षकों की भी अलग तरह से ट्रेनिंग होगी।
6 से 9 साल तक के बच्चों को लिखना पढ़ना आ जाए इस बात पर ध्यान दिए जाएगा जिसके लिए नेशनल मिशन शुरू होगा।
कक्षा 6 से ही बच्चों को वोकेशनल कोर्स पढ़ाई जाएंगे यह पढाई स्किल बेस्ड होगी और इसमें इंटर्नशिप भी होगी जिसमे वह किसी एक जगह जा कर काम सीखेंगे।
6ठी कक्षा से बच्चों के प्रोजेक्ट बेस्ड सिखने के मॉडल तैयार किये जाएंगे। इन्हे कोडिंग भी सिखाई जाएगी। सिलेबस में बदलाव होंगे। सिलेबस में बदलाव सारे देश में एक जैसा होगा।
मात्र भाषा में पढ़ाने के लिए ज़ोर दिया जाएगा।
साल में 2 बार बोर्ड की परीक्षाए कराई जा सकती हैं जिसमे ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न भी हो सकते हैं।
रिपोर्ट कार्ड में ना केवल शिक्षकों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी एक कॉलम होगा जिसमे बच्चे स्वयं अपना मूल्याँकन करेंगे, और एक कॉलम में सहपाठी में उनका मूल्याँकन करेंगे।
स्कूल के बाद कॉलेज में दाखिले के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा हो इसके लिए राष्ट्रीय सहायता केंद्र बनाए जाएंगे।
स्कूल से निकलते वक़्त हर बच्चे के पास एक व्यावसायिक कौशल होगा।
यह भी पढ़ें :आज़ादी की लड़ाई में तवायफों की भूमिका
लेखक : लुबना हाश्मी
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एक बार जंगल में तय हुआ कि राजा वोट के आधार पे चुना जाएगा । उस चुनाव में बंदर भी उम्मीदवार बना और उसने पूरे जंगल में जानवरों के बीच अपने मित्रों को खड़ा कर दिया और बाकी जानवरो को विश्वास दिलाया कि वह सबसे योग्य है । फिर क्या जंगल का राजा बंदर बन गया ।
एक दिन एक बकरी आयी और बोली कि राजा साहब जंगल मे बाहरी जानवर आया है और हमारे बच्चो को उठा कर ले जा रहा है। कृपया शीघ्र कुछ कीजिये ।
फिर क्या उसके बाद बंदर एक पेड़ से दूसरे पेड़ कूदने लगा, शुरू में बकरी को लगा कि बंदर शायद कूद कर कोई तरकीब सोच रहा है । लेकिन जब सुबह से शाम ही गयी और वह एक पेड़ से दूसरे पेड़ कूदता देख बकरी ने बंदर से सवाल किया राजा साहब आप कुछ करते क्यो नही ।।
इसपर बंदर और उसकी बानर सेना इस बात से झाला गयी , बोला सुबह से शाम तक तुम्हारे लिये मैं बिना एक मिनट आराम किये इतनी मेहनत कर रहा हूँ । तुम्हे दिख नही रहा है ।।
आज भी हमारे समाज ऐसे लोग है को बिल्कुल भी नही दिख रहा कि उनके लिए कितनी कोशिश हो रही है फिर भी बेवकूफो को भरोसा ही नही पैदल चल रहे है, पता नही ये बेवकूफो को अपने खाते में इतना पैसा आने के बाद भी भूखे मरने में मज़ा क्यो आ रहा है ।। वो सब बकरी है ।।
नोट - यह कहानी बाकी कहानियों की तरह सिख देने के लिए है ।
आप इसे आज के स्तिथि और हालात से जोड़ कर देखेंगे मुझे पता है, लेकिन मैं पहले ही ये स्पस्ट कर देना चाहता हूं कि ये एक नॉन-पोलिटिकल पोस्ट है ।।
#नॉनपोलिटिकल #पोस्ट
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डीएलएड एडमिशन में योगी सरकार द्वारा आरक्षण समाप्त करने की सच्चाई - AG
डीएलएड एडमिशन में योगी सरकार द्वारा आरक्षण समाप्त करने की सच्चाई - AG .
1) एक पोस्ट वायरल हो रही है कि डीएलएड एडमिशन में SC OBC सीटों को जनरल से भरा जा रहा है और यूपी की योगी सरकार ने आरक्षण समाप्त कर दिया है। . . *2) पहले ऐसी पोस्ट पॉलिटकल पार्टीज के कैडर से निकलती थीं पर अब उनके समर्थक भी क्रिएटिव हो चले हैं। सच्चाई क्या है बताते हैं।* . . 3) दरअसल शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान संविधान में नहीं है लेकिन सरकारे संविधान के आर्टिकल 15(4) की आड़ में यह कार्य अपने पोलिटिकल उद्देश्य हेतु शासनादेशों और नियम अधिनियम बनाकर करती आयीं हैं। . . *4) ऐसे ही यूपी में भी GO द्वारा शिक्षा में आरक्षण दिया जा रहा था जिसे 2006 में अधिनियम द्वारा दिये जाने का प्रावधान किया गया है और पारित किया गया* U.P. Admission To Educational Institutions (Reservation For Scheduled Castes, Scheduled Tribes And Other Backward Classes) Act, 2006. . . 5) इसी अधिनियम के सेक्शन 4(2) में कहा गया है कि यदि ओबीसी एससी की सीटें खाली रह जाती हैं तो उन्हें स्पेशल एडमिशन ड्राइव से भरना चाहिए। . . *6) इसी में आगे सेक्शन 4(4) में कहा गया कि यदि स्पेशल एडमिशन ड्राइव से भी सीटें न भर पाएं तो उन्हें मेरि�� अनुसार किसी भी कैंडिडेट से भरा जा सकता है।* . . 7) तो यह कार्य जो आज हुआ है वह इसी सेक्शन 4(4) ऑफ यूपी एक्ट 23/2006 के अनुपालन में हुआ है - Where, due to non-availability of suitable candidates, any of the seats reserved under sub-section (1) remains unfilled even after special admission drive referred to in sub-section (2), or sub-section (3), then such vacancy shall be filled by any other suitable candidate, on the basis of merit. { Section 4(4) of UP ACT 23/2006 } . . *8) अंध विरोधियों को बस फेक प्रोपोगंडा चलाना होता है उद्देध्य केवल सत्ता हासिल करना है जनरल श्रेणी जागरूक बनिये एक जुट रहिये।* .
. PS: नौकरियों में आरक्षण देने वाले अधिनियम में ऐसी कोई धारा और प्रावधान नहीं है इसलिए यह नौकरियों में नही होगा, ऐसा कहने वाले लोगो से दूर से जय श्री राम करलें।
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2018/07/ag_12.html
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आज मैं आपको संवाद लेखन इस पोस्ट के माध्यम से संवाद लेखन कैसे करते हैं इसके बारे मे बताने वाला हूं।अगर आप एक पोलिटिकल लीडर बनना चाहते हैं या फिर एक बिजनेस शुरू करना चाहते हो तो आपको इस पोस्ट को जरूर पढे, और इसके साथ स्टुडेंट भी संवाद लेखन के बारे मे जानना जरूरी है ये भी पढ सकते है, क्योंकि भाष विषय के सीलाबस मे इसको इनक्लूड किया गया है।
आप बस जानकारी के लिए पढना चाहते हैं तो भी आप पढ सकते है ,इनमें आप नहीं है तो आप इस पो्स्ट को स्किप करके जा सकते हैं यह आपकी मर्जी है।
यह भी पढे-भाषण की तयारी कैसे करें?
संवाद लेखन की शुरुआत:-
संवाद लेखन की शुरुआत बहुत पहले से हुआ है यानि इसकी शुरुआत वैदिक काल से माना जाता है।जब इनसान ब��लने की कला सीखा लगभग तब से इसकी इसकी शुरुआत कह जा सकता हैं क्योंकि मनुष्य अपने व्यवहार में कुशलता पाने के इसकी बहुत जरूरत थी।जैसे जैसे इनसान का जरूरत बढते गये इसका महत्व और बढने लगा।
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हैट्रेड एंड सोशल मीडिया
मैं बहुत समय से सोच रहा था की आखिर इतनी नफरत और गुस्सा आता कंहा से है। फिर मैंने सवाल किया की मैं आज घटनाओ की जानकारी कंहा से लेता हूँ , कंहा पर अन्य लोगो की प्रतिक्रिया को पढता हूँ। जबाब साफ़ था फेसबुक -ट्विटर । अचानक मैंने अपने न्यूज़ फीड पर गौर करना चालू कर दिया । पाया की जो फेसबुक का गणित है वह हमें फेसबुक पर ज्यादा देर तक उलझा के रखने की है इसके लिए फेसबुक हमें ज्यादातर एक तरह की ही पोस्ट देने लगता है । जिसकी वजह से हमारी न्यूज़ फीड एक तरह की मानसिकता से भर जाता है । इससे हम एक पक्ष में तो मजबूत हो जाते है लेकिन हमको दूसरे पक्ष को जानने का मौका ही नहीं मिलता । इसमें कई बार ऐसे पेज या मित्र के पोस्ट होते है जो तर��क से हटा हमें गुस्सा दिलाने का कोशिश करते है । कई बार आप जिस समाज से आते है या जिसकी आप फ़िक्र करते है चाहे वो हिन्दू हो , मुस्लिम हो , दलित हो , क्रिस्चियन हो या सिख हो - उससे सम्बंधित ऐसी बर्बरता को दिखाई जाती है जिससे हमारा खून खौलने लगता है । हम अचानक कब अपने समाज के हितैषी के बदले दूसरे समाज के दुश्मन बन जाते है हमको पता ही नहीं चलता । कब हम एक समाज के रक्षक से दूसरे समाज के भक्षक बन जाता है पता ही नहीं चलता । हम युवा नफरत और बदले की आग में इस प्रकार जलने लगते है की कब हम मानवता तक भूल जाते है हमें खुद ही पता नहीं चलता । कई बार हम उन उग्रवादी और कट्टरपंथी संगठनो तक से जुड़ जाते है जो की धार्मिक उन्माद के नाम पर निर्दोष बच्चो तक से हिंसा करने में नहीं चूकते । फिर हम युवा ये भी कहने लगते है उन्होंने भी तो हमारे घर जलाये थे - हमने तो बस जबाब दिया है । लेकिन हम ये भूल जाते है की जबाब उनको नहीं मिलती जिन्होंने ऐसा किया हो बल्कि हजारो निर्दोष बच्चो को , महिलाओ को और बुढो को जिनका इनसे दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता। कई बार ऐसे काम पोलिटिकल पार्टी भी करने लगती है , ताकि समाज के बिच तनाव पैदा हो और उसे किसी एक वोट बैंक का लाभ मिले । नफरत इतनी भर जाती है है की कब हम अपने देश में ही दरार पैदा करने लगते है पता नहीं चलता । और हम कई बार इन सब के चक्कर में आकर ये तो भूल ही जाते है की हम नफरत में कभी भी किसी समाज , देश या मानवता की भलाई नहीं कर सकते। हमारे देश में अनेक भाषा है , अनेक रंग है , अनेक धर्म है , अनेक संस्कृति है और शायद इसी वजह से हम दुनिया में खास है । जन्हा इतनी विविधताएँ होंगी वंहा वैचारिक डिफरेंस होना स्वाभिक है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं की हम किसी को अपना दुश्मन समझ ले । क्योकि मै मानता हूँ किसी भी बात को किसी भी विचार को बिना गुस्से के, बिना ठेस पहुचाये कहा जा सकता है।
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दुखद घटना राजकोट गुजरात की रहनेवाली सिंधी समाज ब्राह्मण समाज की बेटी स्व भाविका शर्मा(पीड़िता) पुत्री स्व अशोकभाई(पपन महाराज) शर्मा जिसने 3 महीने पहले दूसरी जाति आहिर समाज के लड़के से गोंडल शहेर में प्रेम विवाह किया था जिसके पतिका नाम चिराग संजय बलदाणीया है। पीड़ित परिवार का कहना है उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक यातनाये दी गई और उसकी हत्या की गई है लड़के और उसके परिवार ने साथ मिलके इस कु कर्म को किया है। जिसमे लड़के का भाई और मातापिता भीशामिल है। लडक़ी के पिता नही है विधवा निसाहय माता है और 1 छोटा भाई है । पीड़ित परिवार को मारने की ओर अन्य धमकियां दी जारही है तथा उनपर दबाव बनाया जा रहा है । उनकी बात सुनी नही जा रही लड़की के शरीर पर चोटो के कई निशान है जिसके सबूत पीड़ित परिवार के पास फ़ोटो वीडियो के माध्यम से मौजूद है, फिरभी सब बातोंको अनदेखा कर हत्या का गुनाह न लगाकर आत्महत्या बताया जा रहा है। जिसकी सिंधी समाज और ब्राह्मण समाज निंदा करता है और उच्चस्तरीय न्यायिक निष्पक्ष जांच की मांग करता है। इस घटना के विरोध में अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज ने इस प्रकरण की कड़ी निंदा किहे ओर उच्चस्तरीय जांच की मांग किहे। ओर मुख्यमंत्री श्री गुजरात, गृहमंत्री गुजरात, कलेक्टर, डेप्युटी कलेक्टर, मामलतदार, गुजरात पुलिस, महिला आयोग, ह्यूमन राइट्स(मानवाधिकार आयोग), राज्य के तथा देश के लोकल तथा नेशनय न्यूज़ चेनल्स, सभी पोलिटिकल पार्टीस तथा निताओ को, Facebook, Instagram, Twitter, WhatsApp, website, फोन, मेसेज, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूपसे लिखित तथा मौखिक आवेदन देकर न्याय की उच्चस्तरीय निष्पक्ष की मांग की है। सभी माताओ बहेनो बहु-बेटियों सभी से प्रार्थना है हमारे पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने में समर्थन कर ओर अधिक से अधिक लोगोंतक ये बात पहोचाइये ताकि प्रशाशन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे इसलिए अधिक से अधिक शेर करे इस पोस्ट को। ओर पीड़ित परिवार को मदद दिलवाने के लिए आपसे जो बनपडे मदद करे या कुछ नही तो इस पोस्ट को शेर करके उनकी न्याय की मांग को आगे बढ़ाए। जय जुलेलाल। जय परशुराम।
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दुखद घटना राजकोट गुजरात की रहनेवाली सिंधी समाज ब्राह्मण समाज की बेटी स्व भाविका शर्मा(पीड़िता) पुत्री स्व अशोकभाई(पपन महाराज) शर्मा जिसने 3 महीने पहले दूसरी जाति आहिर समाज के लड़के से गोंडल शहेर में प्रेम विवाह किया था जिसके पतिका नाम चिराग संजय बलदाणीया है। पीड़ित परिवार का कहना है उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक यातनाये दी गई और उसकी हत्या की गई है लड़के और उसके परिवार ने साथ मिलके इस कु कर्म को किया है। जिसमे लड़के का भाई और मातापिता भीशामिल है। लडक़ी के पिता नही है विधवा निसाहय माता है और 1 छोटा भाई है । पीड़ित परिवार को मारने की ओर अन्य धमकियां दी जारही है तथा उनपर दबाव बनाया जा रहा है । उनकी बात सुनी नही जा रही लड़की के शरीर पर चोटो के कई निशान है जिसके सबूत पीड़ित परिवार के पास फ़ोटो वीडियो के माध्यम से मौजूद है, फिरभी सब बातोंको अनदेखा कर हत्या का गुनाह न लगाकर आत्महत्या बताया जा रहा है। जिसकी सिंधी समाज और ब्राह्मण समाज निंदा करता है और उच्चस्तरीय न्यायिक निष्पक्ष जांच की मांग करता है। इस घटना के विरोध में अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज ने इस प्रकरण की कड़ी निंदा किहे ओर उच्चस्तरीय जांच की मांग किहे। ओर मुख्यमंत्री श्री गुजरात, गृहमंत्री गुजरात, कलेक्टर, डेप्युटी कलेक्टर, मामलतदार, गुजरात पुलिस, महिला आयोग, ह्यूमन राइट्स(मानवाधिकार आयोग), राज्य के तथा देश के लोकल तथा नेशनय न्यूज़ चेनल्स, सभी पोलिटिकल पार्टीस तथा निताओ को, Facebook, Instagram, Twitter, WhatsApp, website, फोन, मेसेज, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूपसे लिखित तथा मौखिक आवेदन देकर न्याय की उच्चस्तरीय निष्पक्ष की मांग की है। सभी माताओ बहेनो बहु-बेटियों सभी से प्रार्थना है हमारे पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने में समर्थन कर ओर अधिक से अधिक लोगोंतक ये बात पहोचाइये ताकि प्रशाशन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे इसलिए अधिक से अधिक शेर करे इस पोस्ट को। ओर पीड़ित परिवार को मदद दिलवाने के लिए आपसे जो बनपडे मदद करे या कुछ नही तो इस पोस्ट को शेर करके उनकी न्याय की मांग को आगे बढ़ाए। जय जुलेलाल। जय परशुराम।
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दुखद घटना राजकोट गुजरात की रहनेवाली सिंधी समाज ब्राह्मण समाज की बेटी स्व भाविका शर्मा(पीड़िता) पुत्री स्व अशोकभाई(पपन महाराज) शर्मा जिसने 3 महीने पहले दूसरी जाति आहिर समाज के लड़के से गोंडल शहेर में प्रेम विवाह किया था जिसके पतिका नाम चिराग संजय बलदाणीया है। पीड़ित परिवार का कहना है उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक यातनाये दी गई और उसकी हत्या की गई है लड़के और उसके परिवार ने साथ मिलके इस कु कर्म को किया है। जिसमे लड़के का भाई और मातापिता भीशामिल है। लडक़ी के पिता नही है विधवा निसाहय माता है और 1 छोटा भाई है । पीड़ित परिवार को मारने की ओर अन्य धमकियां दी जारही है तथा उनपर दबाव बनाया जा रहा है । उनकी बात सुनी नही जा रही लड़की के शरीर पर चोटो के कई निशान है जिसके सबूत पीड़ित परिवार के पास फ़ोटो वीडियो के माध्यम से मौजूद है, फिरभी सब बातोंको अनदेखा कर हत्या का गुनाह न लगाकर आत्महत्या बताया जा रहा है। जिसकी सिंधी समाज और ब्राह्मण समाज निंदा करता है और उच्चस्तरीय न्यायिक निष्पक्ष जांच ���ी मांग करता है। इस घटना के विरोध में अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज ने इस प्रकरण की कड़ी निंदा किहे ओर उच्चस्तरीय जांच की मांग किहे। ओर मुख्यमंत्री श्री गुजरात, गृहमंत्री गुजरात, कलेक्टर, डेप्युटी कलेक्टर, मामलतदार, गुजरात पुलिस, महिला आयोग, ह्यूमन राइट्स(मानवाधिकार आयोग), राज्य के तथा देश के लोकल तथा नेशनय न्यूज़ चेनल्स, सभी पोलिटिकल पार्टीस तथा निताओ को, Facebook, Instagram, Twitter, WhatsApp, website, फोन, मेसेज, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूपसे लिखित तथा मौखिक आवेदन देकर न्याय की उच्चस्तरीय निष्पक्ष की मांग की है। सभी माताओ बहेनो बहु-बेटियों सभी से प्रार्थना है हमारे पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने में समर्थन कर ओर अधिक से अधिक लोगोंतक ये बात पहोचाइये ताकि प्रशाशन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे इसलिए अधिक से अधिक शेर करे इस पोस्ट को। ओर पीड़ित परिवार को मदद दिलवाने के लिए आपसे जो बनपडे मदद करे या कुछ नही तो इस पोस्ट को शेर करके उनकी न्याय की मांग को आगे बढ़ाए। जय जुलेलाल। जय परशुराम।
अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज
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दुखद घटना राजकोट गुजरात की रहनेवाली सिंधी समाज ब्राह्मण समाज की बेटी स्व भाविका शर्मा(पीड़िता) पुत्री स्व अशोकभाई(पपन महाराज) शर्मा जिसने 3 महीने पहले दूसरी जाति आहिर समाज के लड़के से गोंडल शहेर में प्रेम विवाह किया था जिसके पतिका नाम चिराग संजय बलदाणीया है। पीड़ित परिवार का कहना है उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक यातनाये दी गई और उसकी हत्या की गई है लड़के और उसके परिवार ने साथ मिलके इस कु कर्म को किया है। जिसमे लड़के का भाई और मातापिता भीशामिल है। लडक़ी के पिता नही है विधवा निसाहय माता है और 1 छोटा भाई है । पीड़ित परिवार को मारने की ओर अन्य धमकियां दी जारही है तथा उनपर दबाव बनाया जा रहा है । उनकी बात सुनी नही जा रही लड़की के शरीर पर चोटो के कई निशान है जिसके सबूत पीड़ित परिवार के पास फ़ोटो वीडियो के माध्यम से मौजूद है, फिरभी सब बातोंको अनदेखा कर हत्या का गुनाह न लगाकर आत्महत्या बताया जा रहा है। जिसकी सिंधी समाज और ब्राह्मण समाज निंदा करता है और उच्चस्तरीय न्यायिक निष्पक्ष जांच की मांग करता है। इस घटना के विरोध में अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज ने इस प्रकरण की कड़ी निंदा किहे ओर उच्चस्तरीय जांच की मांग किहे। ओर मुख्यमंत्री श्री गुजरात, गृहमंत्री गुजरात, कलेक्टर, डेप्युटी कलेक्टर, मामलतदार, गुजरात पुलिस, महिला आयोग, ह्यूमन राइट्स(मानवाधिकार आयोग), राज्य के तथा देश के लोकल तथा नेशनय न्यूज़ चेनल्स, सभी पोलिटिकल पार्टीस तथा निताओ को, Facebook, Instagram, Twitter, WhatsApp, website, फोन, मेसेज, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूपसे लिखित तथा मौखिक आवेदन देकर न्याय की उच्चस्तरीय निष्पक्ष की मांग की है। सभी माताओ बहेनो बहु-बेटियों सभी से प्रार्थना है हमारे पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने में समर्थन कर ओर अधिक से अधिक लोगोंतक ये बात पहोचाइये ताकि प्रशाशन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे इसलिए अधिक से अधिक शेर करे इस पोस्ट को। ओर पीड़ित परिवार को मदद दिलवाने के लिए आपसे जो बनपडे मदद करे या कुछ नही तो इस पोस्ट को शेर करके उनकी न्याय की मांग को आगे बढ़ाए। जय जुलेलाल। जय परशुराम।
अखिल गुजरात सिंधी सारस्वत ब्राह्मण समाज
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