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सतत कृषि और समुदाय की ताकत: आनंदा का उदाहरण
आनंदा चंडीगढ़ के ट्राइसिटी क्षेत्र के पनूला के बाहरी इलाके में रहती हैं है। यहां परिवार अपने चार गोद लिए हुए कुत्तों, 40 प्रजातियों के पक्षियों और 6,000 से अधिक पेड़ों वाले जंगल के साथ रहतीं है। यहां वे लगभग 150 फसलों की खेती करती हैं और पू��ी तरह से (ORGANIC PRODUCTION) खाद��य उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं। जब उन्होंने 2010 में यह जमीन खरीदी, तब इसकी कीमत 25-30 लाख रुपये प्रति एकड़ थी। लेकिन कोविड…
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#Ananda#आत्मनिर्भरता#आनंदा#गांव की जीवनशैली#जैविक खेती#परमाकल्चर#पर्यावरण संरक्षण#पारंपरिक निर्माण#पारिवारिक जीवन#प्राकृतिक खेती#फार्म लाइफ#मिट्टी का घर#सस्टेनेबल लाइफस्टाइल#सस्टेनेबल होम#स्थायी जीवन#स्वस्थ जीवन#Environmental Conservation#Family Life#Farm Life#Healthy Living#Mud House#Natural Farming#Organic Farming#Permaculture#Self-Reliance#Sustainable Home#Sustainable Lifestyle#Sustainable Living#Traditional Building#Village Life
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लखनऊ, 31.08.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "विकसित भारत में शिक्षा का महत्व” के अंतर्गत ब्राइट स्टार्ट कॉन्वेंट स्कूल, रायबरेली रोड, लखनऊ में जागरूकता कार्यक्रम “शिक्षित समाज: सम्पन्न देश” का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने विद्यालय के 80 छात्र-छात्राओं को शिक्षा का महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि, "शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं हैं । वास्तविक शिक्षा जीवन के विभिन्न अनुभवों ��र कौशलों को समाहित करती हैं, जिनमें वे महत्वपूर्ण ज्ञान और कौशल भी शामिल हैं जो पारंपरिक शैक्षणिक व्यवस्था में अक्सर अनदेखे रह जाते हैं |”
स्वयंसेवकों ने छात्राओं को यह समझाया कि शिक्षा का महत्व क्यों आवश्यक हैं । उन्होंने बताया कि “शिक्षा केवल जानकारी का संकलन नहीं, बल्कि यह व्यक्तित्व के समग्र विकास और सशक्त समाज की नींव रखने का आधार हैं । इस विस्तृत दृष्टिकोण से छात्रों को प्रेरित किया गया, ताकि वे अपने जीवन और करियर में समग्र विकास की दिशा में कदम बढ़ा सकें और शिक्षा के महत्व को एक नए आयाम से समझ सकें । इस प्रकार, कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को एक ऐसे समाज का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करना था, जहां हर व्यक्ति शिक्षित हो और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सके ।“
जागरूकता कार्यक्रम “शिक्षा का महत्व” मे हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों श्री सिद्धार्थ सिंह, सुश्री पूजा यादव, सुश्री प्रियांशी द्विवेदी (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने सहभागिता की तथा जागरूकता अभियान को सफल बनाया |
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कर्नल राजयवर्धन राठौड़: युवा महोत्सव से बनेगा उज्ज्वल राजस्थान
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“युवा महोत्सव से भविष्य के राजस्थान की नींव रखी जा रही है,” यह कहना है कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का, जो युवाओं की ताकत और उनकी प्रतिभा को राज्य के विकास के लिए सबसे अह��� मानते हैं।
उनके विचारों के मुख्य बिंदु:
युवाओं का सशक्तिकरण: कर्नल राठौड़ का मानना है कि युवा ऊर्जा और नई सोच राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रतिभा और कौशल का प्रोत्साहन: युवा महोत्सव जैसे मंचों के माध्यम से युवाओं को अपनी कला, खेल और अन्य क्षेत्रों में अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलता है।
विकसित राजस्थान का सपना: राष्ट्रीय उद्देश्यों जैसे “विकसित भारत 2047” के साथ तालमेल बिठाते हुए, उनका लक्ष्य है कि राजस्थान भी इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाए।
युवा महोत्सव को भविष्य के राजस्थान की दिशा में एक ठोस कदम बताते हुए, कर्नल राठौड़ ने यह स्पष्ट किया कि राज्य की प्रगति युवाओं की भागीदारी से ही संभव है। यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि राजस्थान के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है।
युवाओं से सशक्त राजस्थान की उम्मीदें
भारत की जनसंख्या का 65% हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु का है, और राजस्थान के युवा इस बदलाव के अग्रदूत हैं। उनकी सृजनात्मकता, धैर्य और जोश, राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
युवा महोत्सव, इस ऊर्जा को रचनात्मक प्रयासों में बदलने का माध्यम बन रहा है और एक सशक्त राजस्थान के निर्माण के लिए आधारशिला रख रहा है।
युवा महोत्सव के प्रमुख उद्देश्य
प्रतिभा का प्रदर्शन
यह महोत्सव राजस्थान के हर कोने से आए युवाओं को अपनी प्रतिभा जैसे कला, खेल, नवाचार और नेतृत्व के क्षेत्रों में दिखाने का अवसर देता है।
यह विविधता को बढ़ावा देता है और भाग लेने वाले युवाओं में एकता का भाव विकसित करता है।
कौशल विकास और सीखने का अवसर
वर्कशॉप, प्रशिक्षण सत्र और विशे��ज्ञों के साथ बातचीत से युवाओं को आधुनिक युग के आवश्यक कौशल सिखाए जाते हैं।
डिजिटल कौशल, उद्यमशीलता, पब्लिक स्पीकिंग और समस्या-समाधान जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
नवाचार को प्रोत्साहन
हैकाथॉन और आइडिया प्रतियोगिताएं युवा नवोन्मेषकों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों को हल करने के लिए प्रेरित करती हैं।
नए स्टार्टअप और युवा उद्यमियों को उद्योग के दिग्गजों और निवेशकों से जुड़ने का मौका मिलता है।
सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण
महोत्सव राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक कला रूपों का संगम होता है।
यह युवाओं को राज्य की विविधता को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करता है।
भविष्य के राजस्थान की नींव
युवा महोत्सव, राजस्थान को भविष्य के लिए तैयार करने के दृष्टिकोण के साथ समन्वित है। यह:
उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है: युवाओं को नौकरी खोजने वाले से नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रेरित करता है।
नौकरी योग्यता बढ़ाता है: व्यावहारिक शिक्षा और वैश्विक प्रवृत्तियों के संपर्क से कौशल का अंतर कम करता है।
नेताओं को तैयार करता है: युवाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करता है, जिससे वे सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के वाहक बन सकें।
जय हिंद! जय राजस्थान!
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बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
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झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़क��ं का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरु���त।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल युग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
कोविड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल परिसर और सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुवि��ाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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स्थायी निर्माण में हॉलो ब्लॉक सीमेंट का भविष्य
जैसा कि स्थायी निर्माण के लिए मांग बढ़ रही है, हॉलो ब्लॉक सीमेंट एक प्रमुख सामग्री के रूप में उभर रहा है। ये ब्लॉक, जो सीमेंट, रेत और एग्रीगेट्स के मिश्रण से बनते हैं, स्थायित्व और लागत-कुशलता प्रदान करते हैं, साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
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ऊर्जा दक्षता और कचरे की कमी हॉलो ब्लॉक सीमेंट भवनों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाता है। इन ब्लॉकों में मौजूद हवाई छेद प्राकृतिक इन्सुलेशन प्रदान करते हैं, जिससे कृत्रिम हीटिंग और कूलिंग की आवश्यकता कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त, कई निर्माता उत्पादन प्रक्रिया में फ्लाई ऐश और स्लैग जैसे पुनर्नवीनीकरण सामग्री का उपयोग करके कचरे और नए संसाधनों पर निर्भरता को कम कर रहे हैं।
कम कार्बन उत्सर्जन पारंपरिक सीमेंट उत्पादन कार्बन उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत है। हाल���ंकि, हॉलो ब्लॉक प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण इसके प्रभाव को कम किया जा रहा है। वैकल्पिक बाइंडर्स, पर्यावरण-अनुकूल एडिटिव्स और अनुकूलित उत्पादन प्रक्रियाओं का उपयोग करके, ये ब्लॉक पारंपरिक ठोस कंक्रीट ब्लॉकों की तुलना में अधिक स्थायी विकल्प बन रहे हैं।
स्थायित्व और अनुकूलन क्षमता हॉलो ब्लॉक सीमेंट संरचनाएँ अपनी मजबूती और दीर्घायु के लिए जानी जाती हैं। ये कठोर मौसम की स्थितियों का सामना कर सकती हैं और न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है, जिससे ये दीर्घकालिक स्थायी निर्माण के लिए आदर्श बनती हैं। इसके अतिरिक्त, इनका माड्यूलर डिज़ाइन विभिन्न प्रकार के निर्माण डिज़ाइनों में कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सकता है, जिससे निर्माण के दौरान सामग्री का कचरा कम होता है।
आगे का रास्ता हॉलो ब्लॉक सीमेंट का भविष्य निरंतर नवाचार में निहित है। कार्बन-नकारात्मक सीमेंट, सेल्फ-हीलिंग कंक्रीट और उन्नत निर्माण प्रक्रियाओं पर शोध इनकी पर्यावरणीय मित्रता को और बढ़ाएंगे। सरकारें और निर्माण कंपनियाँ ग्रीन बिल्डिंग पहलों का समर्थन कर रही हैं, जिसके कारण हॉलो ब्लॉक सीमेंट का उपयोग बढ़ रहा है।
हॉलो ब्लॉक सीमेंट को आधुनिक निर्माण में शामिल करके, हम न केवल मजबूत और किफायती संरचनाएँ बना सकते हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार भवन भी बना सकते हैं। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी का विकास होगा, ये ब्लॉक स्थायी वास्तुकला के भविष्य को आकार देने में एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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चेट्टिनाड हॉलो ब्लॉक सीमेंट की बहुआयामी उपयोगिता
चेट्टिनाड हॉलो ब्लॉक सीमेंट आधुनिक निर्माण में एक महत्वपूर्ण विकल्प बन गया है। इसकी मजबूती, टिकाऊपन और बहुउद्देशीय उपयोगिता के कारण इसे आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परियोजनाओं में व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है।
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चेट्टिनाड हॉलो ब्लॉक सीमेंट क्यों चुनें?
उच्च मजबूती और टिकाऊपन चेट्टिनाड सीमेंट में उच्च संपीड़न शक्ति (कंप्रेसिव स्ट्रेंथ) होती है, जिससे हॉलो ब्लॉक लंबे समय तक मजबूती से टिके रहते हैं।
लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल हॉलो ब्लॉक कम सामग्री में बनते हैं, जिससे निर्माण की लागत कम होती है। इसके अलावा, यह कम सीमेंट उपयोग के कारण पर्यावरण के अनुकूल भी है।
थर्मल और ध्वनि इन्सुलेशन हॉलो ब्लॉक की खोखली संरचना गर्मी और ध्वनि को अवशोषित करने में मदद करती है, जिससे घर या कार्यालय ठंडे रहते हैं और ऊर्जा की खपत कम होती है।
हल्के लेकिन मजबूत पारंपरिक ईंटों की तुलना में हॉलो ब्लॉक हल्के होते हैं, जिससे इन्हें संभालना और लगाना आसान होता है। इससे श्रम लागत कम होती है और निर्माण तेजी से पूरा किया जा सकता है।
5.विविध उपयोगों के लिए उपयुक्त हॉलो ब्लॉक सीमेंट का उपयोग दीवारों, विभाजनों और लोड-बेयरिंग संरचनाओं के निर्माण में किया जा सकता है। यह आधुनिक आर्किटेक्चरल जरूरतों के लिए एक आदर्श विकल्प है।
निष्कर्ष चेट्टिनाड हॉलो ब्लॉक सीमेंट एक विश्वसनीय, किफायती और स्थायी निर्माण समाधान प्रदान करता है। इसकी मजबूत, इन्सुलेटिंग और बहुआयामी विशेषताओं के कारण यह इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स की पसंद बन गया है। यदि आप एक कुशल और टिकाऊ निर्माण सामग्री की तलाश में हैं, तो इसे जरूर आज़माएं।
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सब्यसाची मुखर्जी ने अपने ब्रांड की विरासत को संरक्षित करने के लिए 'साथी' का आभार व्यक्त किया; उसके साथी के बारे में सब पता है |
सब्यसाची मुखर्जीफैशन की दुनिया में एक प्रसिद्ध नाम, ने कला, संस्कृति और शिल्प कौशल के लिए एक गहरे प्रेम पर अपने साम्राज्य का निर्माण किया है। इन वर्षों में, उनके ब्रांड ने आधुनिक विलासिता के साथ पारंपरिक भारतीय विरासत के अपने संलयन के लिए वैश्विक मान्यता अर्जित की है। हाल ही में, सब्यसाची ने फैशन उद्योग में एक स्मारकीय मील का पत्थर -25 साल चिह्नित किया – जो कि जुनून, कड़ी मेहनत और समर्पण की अपनी…
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जमानियाः सरस्वती पूजा की तैयारी में जुटे मूर्तिकार, मां सरस्वती की प्रतिमा निर्माण जोरों पर
जमानिया। क्षेत्र में बसंत पंचमी के अवसर पर मनाई जाने वाली सरस्वती पूजा को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में पूरी लगन से जुटे हुए हैं। बाजारों और मूर्तिकला केंद्रों पर देवी की प्रतिमाओं का निर्माण अंतिम चरण में है। मूर्तिकारों के अनुसार, इस बार पारंपरिक और आधुनिक शैली के मिश्रण में प्रतिमाओं की मांग अधिक है। भक्त छोटे-बड़े आकार की मूर्तियों के साथ-साथ…
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मदरसे में रामकथा: शिक्षा में नया बदलाव, संस्कृत और आधुनिक विषयों के साथ धार्मिक अध्ययन का अवसर?
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AIN NEWS 1: देहरादून में उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा' बनकर तैयार हो गया है। रेलवे स्टेशन के निकट स्थित इस मदरसे का निर्माण 50 लाख रुपये की लागत से हुआ है। यह सामान्य स्कूलों की तरह सभी विषयों की शिक्षा प्रदान करेगा, जिससे छात्र आधुनिक ज्ञान और पारंपरिक संस्कारों का संयोजन प्राप्त कर सकें। सभी विषयों की पढ़ाई के साथ संस्कृत और अरबी का अनूठा मिश्रण यहां छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान जैसे विषयों के साथ संस्कृत और अरबी भाषा पढ़ने का अवसर मिलेगा। संस्कृत को वैकल्पिक भाषा के रूप में पेश किया गया है, जिससे छात्रों को भारतीय संस्कृति और परंपरा को समझने का मौका मिलेगा। धार्मिक शिक्षा में लचीलापन: कुरान से रामकथा तक इस मदरसे में धार्मिक शिक्षा के लिए भी अनूठा दृष्टिकोण अपनाया गया है। सुबह से दोपहर तक छात्रों को सामान्य शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद शाम के समय छात्र अपनी रुचि के अनुसार कुरान, पैगंबर मोहम्मद या भगवान राम के जीवन और शिक्षाओं का अध्ययन कर सकेंगे। समाज में सामंजस्य बढ़ाने की पहल इस पहल का उद्देश्य छात्रों में विविधता और सहिष्णुता का विकास करना है। 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा' धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की मिसाल पेश करता है, जहां विभिन्न धर्मों के पहलुओं को समझने और आदान-प्रदान करने का मंच उपलब्ध होगा। मदरसे का उद्देश्य यह मदरसा न केवल धार्मिक शिक्षा पर जोर देता है, बल्कि छात्रों को आधुनिक युग के साथ सामंजस्य बैठाने के लिए तैयार करता है। इसका उद्देश्य छात्रों को एक बेहतर इंसान बनाना है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हों। English SEO Paragraph: The 'Dr. APJ Abdul Kalam Modern Madrasa' in Dehradun marks a revolutionary step in education, combining traditional learning with modern subjects. Located near the railway station, this madrasa offers studies in Hindi, English, Mathematics, and Science, alongside optional Sanskrit and Arabic. Students can also explore religious teachings, including the Quran, the life of Prophet Muhammad, or the Ramayana. With a mission to foster cultural harmony and modern education, this madrasa is a beacon of progressive learning in Uttarakhand. Read the full article
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Jamshedpur west development : जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने की विकास योजनाओं की शुरुआत, उलीडीह से लेकर कदमा तक में योजनाओं क�� दिखायी हरी झंडी
जमशेदपुर : कल्याण विभाग के मद से बनने वाली वाली उलीडीह में जाहिरा स्थल के चहारदीवारी निर्माण कार्य का शिलान्यास विधायक सरयू राय ने सोमवार को किया. लगभग 24 लाख की लागत से इसका निर्माण होना है. सर्वप्रथम समाज के दिऊरी (पुजारी) राजा बिरूवा के पारंपरिक पूजा अर्चना के बाद विधायक सरयू राय एवं समाज के अन्य सदस्यों ने शिलान्यास किया. मौके पर ग्राम के हातू मुंडा कैलाश बिरूवा, समिति के सचिव सामेश्वर…
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3d प्रिंटिंग से घर कैसे बनते है 3D printed house india shorts
3d प्रिंटिंग से घर कैसे बनते है 3D printed house india shorts 3d प्रिंटिंग से घर कैसे बनते है 3D printed house india shorts 3D प्रिंटिंग से घर कैसे बनते हैं? 3D प्रिंटिंग घर बनाने की एक क्रांतिकारी तकनीक है जो पारंपरिक निर्माण विधियों की तुलना में तेज़, अधिक कुशल और किफायती हो सकती है। यह प्रक्रिया इस प्रकार काम करती है: 1. डिजाइन: सबसे पहले, घर का एक 3D मॉडल कंप्यूटर पर बनाया जाता है। यह मॉडल घर…
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निर्माण में टिकाऊ सामग्री क्या हैं?
निर्माण जगत में एक क्रांति उभर रही है, क्या आपने सुना है? जबकि पारंपरिक विचारधाराओं को स्थायित्व के लिए कंक्रीट का उपयोग करके मजबूत किया गया था, मानसिकता में बदलाव देखा जा रहा है। आज के आर्किटेक्ट टिकाऊ वेरिएंट की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन लचीली वास्तुकला की वकालत करते समय, यह सवाल पूछा जाना चाहिए: क्या सीमेंट को पूरी तरह से खत्म करना बुद्धिमानी है? शायद नहीं, आर्किटेक्ट ऐसा सोचते…
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आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता: आपके व्यवसाय के लिए गुणवत्ता और विश्वसनीयता का स्रोत
आज के समय में, आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। प्राकृतिक स्वास्थ्य और वेलनेस की ओर उपभोक्ताओं का झुकाव आयुर्वेदिक उत्पादों को एक लाभदायक व्यवसाय बना रहा है। इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए, एक प्रमाणित और विश्वसनीय आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता के साथ साझेदारी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे निर्माता न केवल उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करते हैं बल्कि आपके ब्रांड के लिए विश्वास और स्थिरता का आधार भी बनाते हैं।
गुणवत्ता की गारंटी
गुणवत्ता आयुर्वेदिक उत्पादों की आत्मा होती है। एक प्रमाणित आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता इस बात का ध्यान रखता है कि उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया में गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। उदाहरण के लिए, आयुबल वेलनेस जैसे प्रतिष्ठित निर्माता प्रमाणित कच्चे माल का उपयोग करते हैं और उनकी शुद्धता तथा प्रभावशीलता की जांच करते हैं।
इन उत्पादों को आधुनिक लैब्स में जांचा जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी मानकों पर खरे उतरें। उच्च गुणवत्ता वाले आयुर्वेदिक उत्पाद ग्राहकों का विश्वास जीतते हैं और आपके ब्रांड की प्रतिष्ठा को मजबूत बनाते हैं।
पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का संयोजन
आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक तकनीकों के अद्भुत संगम का उपयोग करते हैं। यह न केवल उत्पादों की प्रभावशीलता को बढ़ाता है, बल्कि उनके उत्पादन की प���रक्रिया को भी अधिक सटीक और कुशल बनाता है।
आयुबल वेलनेस इस दिशा में अग्रणी है। यह कंपनी पारंपरिक आयुर्वेदिक सूत्रों का अनुसरण करते हुए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करती है, जिससे उत्पाद उच्च गुणवत्ता के साथ बाजार में आते हैं।
कानूनी अनुपालन और प्रमाणन
आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए कानूनी और प्रमाणन मानकों का पालन करना अनिवार्य है। एक प्रमाणित आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता इन सभी मानकों का पालन करता है। यह उत्पाद निर्माण से लेकर उनकी पैकेजिंग और लेबलिंग तक हर स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखता है।
यह सुनिश्चित करता है कि आपके उत्पाद बाजार में आसानी से उपलब्ध हो सकें और ग्राहकों का भरोसा जीत सकें।
व्यवसाय के लिए लाभ
एक प्रमाणित आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता के साथ काम करने के कई लाभ हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है स्केलेबिलिटी।
बड़े पैमाने पर उत्पादन: ये निर्माता आपके ब्रांड की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन कर सकते हैं।
कस्टमाइजेशन: यदि आप अपने उत्पाद को अनुकूलित करना चाहते हैं, तो ये निर्माता आपकी आवश्यकताओं के अनुसार उत्पाद निर्माण में मदद करते हैं।
प्रोफेशनल सपोर्ट: निर्माता उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। इससे आपका व्यवसाय सुचारू रूप से चलता है।
टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन
आज के समय में उपभोक्ता उन उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं जो पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार होते हैं। प्रमाणित आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि उनके उत्पादन प्रक्रियाएं पर्यावरण के अनुकूल हों।
यह दृष्टिकोण आयुर्वेद की मूल भावना – प्रकृति के साथ सामंजस्य – का पालन करता है। इससे न केवल आपका ब्रांड पर्यावरणीय जागरूकता का संदेश देता है, बल्कि यह ग्राहकों के बीच सकारात्मक प्रभाव भी डालता है।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता आपके व्यवसाय की सफलता का आधार बन सकते हैं। वे न केवल गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्रदान करते हैं बल्कि आपके ब्रांड के प्रति उपभोक्ताओं का विश्वास भी बढ़ाते हैं। आयुबल वेलनेस जैसे प्रतिष्ठित निर्माता आयुर्वेदिक उद्योग में गुणवत्ता और विश्वसनीयता के प्रतीक हैं।
जैसा कि हरिराम रिनवा, आयुर्वेद और वेलनेस के प्रबल समर्थक, कहते हैं, “एक विश्वसनीय आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता के साथ साझेदारी करना न केवल आपके व्यवसाय को सफलता की ओर ले जाता है, बल्कि यह उपभोक्ताओं को प्राकृतिक और प्रभावी समाधान प्रदान करने का वादा भी करता है।”
सही निर्माता के साथ साझेदारी करके, आप अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं और आयुर्वेद के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकते हैं।
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CIN /विट्ठल मंदिर के स्तंभ से निकलती है संगीत के स्वर
जितेन्द्र कुमार सिन्हा ::हम्पी कर्नाटक के तुंगभद्रा नदी के तट पर आंध्र प्रदेश के साथ राज्य की सीमा के पास स्थित है। हम्पी को पारंपरिक रूप से पंपा क्षेत्र, किष्किंधा क्षेत्र और भास्कर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हम्पी में विट्ठल मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण राजा कृष्णदेव राय ने करवाया था। यह मंदिर विष्णु भगवान के वाहन गरूड़ को समर्पित है ।हम्पी…
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Sexual Conformity: Best Sexologist Patna, Bihar India | Dr. Sunil Dubey
नमस्ते दोस्तों! हमेशा की भांति इस बार भी हम फिर से आपके साथ एक नए टॉपिक के साथ हाजिर। आज के विषय के बारे में बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि पुरुषो में होन�� वाले इरेक्शन को कैसे बेहतर बनाया जाए और शीघ्रपतन को कैसे प्रतिबंधित किया जाए। आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार वाकई में प्राकृतिक इलाज की पद्धति है लेकिन इस उपचार के अलावा, दैनिक व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव जैसी अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियाँ भी ज़रूरी हैं। एक स्वस्थ शरीर में ऊर्जा का सकारात्मक प्रवाह हमेशा देखा जाता है, जो व्यक्ति के औरा से पता चलता है।
हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे जो कि गुप्त व यौन रोग के विशेषज्ञ है, पहले ही यौन सहनशक्ति में सुधार के बारे में चर्चा कर चुके हैं जो स्तंभन दोष को कम करने, यौन सहनशक्ति बढ़ाने और यौन गतिविधि की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है। वह विवाहित लोगों को फोरप्ले पर ध्यान केंद्रित करने, स्टार्ट-स्टॉप तकनीक आज़माने, चिंता और अवसाद को प्रबंधित करने, धूम्रपान छोड़ने, साथी के साथ खुलकर संवाद करने, रिश्तों से जुड़ी समस्याओं से बचने और नियमित व्यायाम व योग करने का सुझाव देते हैं।
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आज यह विषय यौन फिटनेस पर आधारित हैं जो आपको इस यौन गतिविधि में मजबूती, सुदृढ़ता, व आत्मविश्वास प्रदान करेगा। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति को यौन गतिविधि के दौरान 100-150 कैलोरी की खपत है, जिसमे शारीरिक ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अच्छे यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, व्यक्ति को हमेशा अपनी शारीरिक व मानसिक फिटनेस का ध्यान रखना अति आवश्यक है। प्रतिदिन का कम से कम 20 से 30 मिनट का मध्यम व्यायाम व्यक्ति के रक्त परिसंचरण में नियमित करने मदद करता है और वजन के प्रबंधन में भी सहायता करता है। वॉकिंग या जॉगिंग और प्लैंक या पुशअप्स वर्कआउट हमारे शरीर को पूरी तरह से तरोताजा करने में मदद करते हैं। वास्तव में देखा जाय तो ऊर्जा का संचयन और नियमन व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य के लिए हमेशा मायने रखता है।
डॉ. सुनील दुबे, पटना के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट ने लोगो के अनुरोध पर कुछ यौन शब्दावली का अपने स्वयं कथन के विवरण प्रस्तुत किया है। आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार के समय, हमारी दिनचर्या हमेशा मायने रखती है कि हम क्या खाते हैं, हम अपने तनाव को कैसे प्रबंधित करते हैं और हम शारीरिक व मानसिक रूप से इस उपचार में कितना ��ामिल हैं।
यौन विकार व क्रिया की कुछ शब्दावली:
यौन सहनशक्ति: यौन गतिविधि के दौरान लंबे समय तक सक्रिय रहने की क्षमता का होना।
यौन कल्याण: यौन इच्छा और इरेक्शन या इरेक्टाइल फ़ंक्शन प्राप्त करने और बनाए रखने की क्षमता का होना।
यौन शक्ति: शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक शक्ति का होना।
यौन क्षमता: यौन क्रियाकलाप के दौरान महिला को संतुष्ट करने के लिए तैयार रहना।
यौन नियंत्रण: सामान्य हृदय गति, नियमित श्वास, मांसपेशियों की गतिविधि, रक्त परिसंचरण, शारीरिक शक्ति, मनोवैज्ञानिक स्व-नियंत्रण और शरीर का लचीलापन।
यौन ज्ञान: कामुकता, यौन अभिविन्यास और यौन क्रियाकलाप के बारे में ज्ञान।
यौन विकार: उत्तेजना विकार, इच्छा विकार, दर्द विकार और संभोग विकार।
यौन आवश्यकता: व्यक्ति दर व्यक्ति भिन्न-भिन्न होती है लेकिन गंतव्य एक ही है जो संभोग से सम्बंधित है।
यौन इच्छा: कोई व्यक्ति अपने और किसी और के बीच यौन क्रियाकलाप चाहता है।
यौन उत्तेजना: संभोग की तैयारी में या यौन उत्तेजनाओं के संपर्क में आने पर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएँ।
यौन दर्द: संभोग के दौरान दर्द, या डिस्पेर्यूनिया, यौन क्रियाकलाप से ठीक पहले, उसके दौरान या बाद में लगातार या आवर्ती दर्द का होना।
संभोग: जननांगों या कामुक क्षेत्रों की उत्तेजना के बाद संभोग होता है। यह यौन उत्तेजना का चरम है और आनंद की तीव्र अनुभूति का कारण बनता है।
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कुछ व्यायाम जो लोगों को यौन फिटनेस बनाए रखने में मदद करते हैं, वे निम्नलिखित हैं:
1. फोरआर्म बॉडी प्लैंक सॉ: यह कोर ताकत में सुधार, संतुलन और स्थिरता में सुधार करता है और मुद्रा में सुधार के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है।
2. पुशअप्स: पुशअप्स व्यायाम हमारे मांसपेशियों में ताकत और उनकी सहनशक्ति का निर्माण करते हैं।
3. स्क्वाट्स: यह व्यायाम हमारे कंकाल को, मुख्य रूप से रीढ़ और निचले शरीर को मजबूती प्रदान करता है।
4. बारबेल हिप थ्रस्ट: अधिक पारंपरिक व्यायामों की तुलना में कूल्हे की एक्सटेंसर मांसपेशियों की अधिक सक्रियता का होना।
5. हेक्स बार डेडलिफ्ट: पैर और पीठ की ताकत बढ़ाएं और पीठ के निचले हिस्से पर तनाव को कम करें।
6. डंबल हैमर कर्ल: यह आपकी भुजाओं में द्रव्यमान को जोड़ने में मदद करता है, क्योंकि पकड़ की स्थिति अक्सर आपको भारी वजन उठाने की अनुमति देती है।
7. स्प्रिंट: स्प्रिंटिंग अंतराल आपको वसा हानि, हृदय स्वास्थ्य, मांसपेशियों के निर्माण और धीरज पर बढ़त प्रदान करता है। इन सभी लाभों के पीछे एक पावरहाउस आपका चयापचय है, जिसे स्प्रिंटिंग अंतराल के कारण अतिरिक्त बढ़ावा मिलता है।
8. केटल बेल स्विंग: शरीर के पीछे के हिस्से में पोस्टीरियर चेन की मांसपेशियों को मजबूत करता है – जिसमें पीठ के निचले हिस्से, ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग शामिल हैं।
9. रनर लंज: घुटनों, क्वाड्स, ग्लूट्स और कूल्हों को मजबूत करता है और टखनों, पिंडलियों, हैमस्ट्रिंग, कूल्हे के फ्लेक्सर्स और कमर को खींचता है।
10. स्पाइडर-मैन स्ट्रेच: यह आपकी कमर की मांसपेशियों को खींचता है। यह आपके बाहरी हिप रोटेटर को ढीला करता है। यह आपके हिप फ्लेक्सन में सुधार करता है।
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11. अपवर्ड फेसिंग डॉग: खिंचाव, मजबूती, लम्बाई: यह मुद्रा टखनों से लेकर सिर तक शरीर के अगले हिस्से को पूरा खिंचाव देती है। ... लचीलापन और गति की सीमा: यह मुद्रा मांसपेशियों के सममित खिंचाव और संकुचन द्वारा ��रीर के लचीलेपन को बढ़ाती है।
12. फिगर फोर: कूल्हे के जोड़ों और मांसपेशियों को खोलना, खास तौर पर आपकी पिरिफोर्मिस, जो तंग होने पर साइटिक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है और दर्द का कारण बन सकती है। अपने ग्लूटस मेडियस और भीतरी जांघों को खींचना। अपने कूल्हों और पीठ में तनाव को दूर करना। अपने कोर और हाथ की मांसपेशियों को सक्रिय करना।
13. पेल्विक फ्लोर: गर्भाशय, मूत्राशय और आंत्र (बड़ी आंत) के निचले हिस्से में मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। वे पुरुषों और महिलाओं दोनों की मदद कर सकते हैं जिन्हें मूत्र रिसाव या आंत्र नियंत्रण की समस्या है। पेल्विक फ्लोर मांसपेशी प्रशिक्षण अभ्यास ऐसा है जैसे आपको पेशाब करने का नाटक करना है और फिर उसे रोक कर रखना है।
14. केगेल व्यायाम: पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत करता है, पैल्विक अंगों को सहारा देता है, और मूत्र, आंत्र और गैस के असंयम को नियंत्रित करने में मदद करता है।
कामुकता या यौन इच्छा को प्रभावित करने वाले कारक:
डॉ. सुनील दुबे जो बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट है, कहते हैं कि ऐसे कई कारक हैं जो व्यक्तियों में यौन इच्छा को प्रभावित करते हैं। तनाव, बीमारी, उम्र का बढ़ना, करियर की चिंता, सामाजिक प्रतिबद्धताएँ, पारिवारिक ज़िम्मेदारी, इत्यादि व्यक्तियों की कामुकता को प्रभावित करने वाले कारक हो सकते हैं। कारण चाहे जो भी हो, भागीदारों के बीच यौन इच्छा में अंतर कभी-कभी अलगाव, निराशा, अस्वीकृति, नाराजगी और अन्य भावनाओं को जन्म दे सकता है। इस स्थिति में प्रकृति के अनुरूप अच्छा यौन स्वास्थ्य को बनाए रखना आवश्यक है।
बेहतर यौन स्वास्थ्य के लिए क्या करें:
एक पुरानी कहावत है कि स्वभाव और हस्ताक्षर कभी नहीं बदलते। हम वही बन जाते हैं जो हम सोचते हैं। सबसे पहले, स्वस्थ यौन जीवन जीने के लिए; लोगों को प्राकृतिक यौन गतिविधि और कार्यों को समझने की आवश्यकता है। उन्हें प्रकृति का अनुसरण क���ना होता है और प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार अपनाना पड़ता है। जिस तरह शरीर को फिट रखने के लिए व्यायाम और संतुलित आहार की आवश्यकता होती है, उसी तरह अच्छे विचार और प्राकृतिक दिनचर्या हमें मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत बनाती है। अच्छे यौन स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक, वैचारिक, व सामाजिक रूप से स्वस्थ होना बहुत जरुरी है।
गुप्त एवं यौन रोगों के इलाज के लिए दुबे क्लिनिक का महत्व:
जब भी हम बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर के पास जाते हैं और अपना इलाज करवाते हैं। यह एक आम बीमारी है जिसे हर कोई एक ही नज़रिए से देखता है। लेकिन जब भी हमें कोई गुप्त या यौन समस्या होती है तो हमारे मन में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं। हम झिझकते हैं, शर्मिंदगी महसूस करते हैं और जितना हो सके अपने गुप्त व यौन समस्या को छिपाते हैं। गुप्त व यौन रोगियों की यह मानसिकता भले ही वास्तविक हो लेकिन भविष्य के सही नहीं है।
दुबे क्लिनिक भारत का सर्वाधिक मांग वाला विश्वसनीय आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है। यह बिहार का पहला आयुर्वेदिक क्लिनिक भी है जिसकी स्थापना सन 1965 में हुई थी। इस क्लिनिक की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार से लाखों गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित होते हैं। यह क्लिनिक सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों की मदद करता है जो शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, मानसिक, चिकित्सा, हार्मोनल, स्वास्थ्य समस्याओं और अन्य कारणों से यौन रोग से प्रभावित हैं। यह क्लिनिक आयुर्वेदिक दवाओं और उपचारों के साथ-साथ रोगी के समस्या के अनुसार जीवन शैली में बदलाव व अच्छे स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी प्रदान करता है। दुबे क्लिनिक का यौन परामर्श और आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
शुभकामनाओं के साथ:
दुबे क्��िनिक
भारत का प्रमाणिक क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पीएच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना - 04
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अधाता ट्रस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया: वृद्धावस्था को सकारात्मक बनाने को बढ़ावा दिया और अपनी 12वीं वर्षगांठ मनाई
~मशहूर फिल्म अभिनेता, श्री अजिंक्य देव उपस्थित रहकर ��स अवसर की शोभा बढ़ाई~
~ इस वर्ष के आयोजन का विषय था - रूट्स एंड रिदम्स: नई पीढ़ी - पुरानी परंपरा~
मुंबई, 2 अक्टूबर, 2024: वरिष्ठ नागरिकों की मानसिक और सामाजिक भलाई में सुधार के लिए काम करने वाले मुंबई स्थित गैर सरकारी संगठन, अधाता ट्रस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर अपनी 12वीं वर्षगांठ बड़े उत्साह के साथ मनाई। पिछले एक दशक से ट्रस्ट 'पॉजिटिव एजिंग' ��ानी वृद्धावस्था को सकारात्मक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस वर्ष का कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की "एजिंग विद डिग्निटी" की थीम के अनुसार आयोजित किया गया था। अधाता ट्रस्ट वरिष्ठ नागरिकों को एक सहायक और अनुरूप वातावरण में संपूर्ण जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है।
अधाता ट्रस्ट का यह कार्यक्रम 'रूट्स एंड रिदम्स: नयी पीढ़ी - पुरानी परंपरा' थीम के तहत आयोजित किया गया था। आज के तेज़ी से बदलते समाज में हमारे बुजुर्ग परंपराओं को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, इस बात पर कार्यक्रम में प्रकाश डाला गया। बढ़ती उम्र की ओर यात्रा के बारे में दृष्टिकोण को कुशलतापूर्वक नया रूप देते हुए, कार्यक्रम में 14 से अधिक केंद्रों के वरिष्ठ सदस्यों ने मंच पर पारंपरिक लोक गीतों को प्रस्तुत किया, भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति का जश्न मनाया और अपने प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
लोकप्रिय अभिनेता श्री अजिंक्य देव ने इस अवसर पर कहा, "इस कार्यक्रम में आकर, हमारे बुजुर्गों को, हमारे परिवारों के मुखियाओं को इतनी ख़ुशी से रहते हुए देखकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई। वे हमारी संस्कृति और मूल्यों के स्तंभ हैं। हमें उनके ज्ञान का सम्मान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे हमेशा खुश रहें। आइए हम सब मिलकर वृद्धत्व की सुंदरता और समृद्धि का जश्न मनाएं।"
श्रीमती अनन्या गोएंका ने अपने भाषण से कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाते हुए कहा, "वृद्धत्व युवावस्था का समाप्त होना नहीं है बल्कि यह जीवन का एक नया चरण है जो अपने साथ ढेर सारे अवसर और शक्ति लेकर आता है।"
अधाता ट्रस्ट के संस्थापक और ट्रस्टी श्री अरुण नंदा ने कहा, "12 साल पूरे करना अधाता ट्रस्ट के लिए सिर्फ एक पड़ाव नहीं है, बल्कि यह वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने और समाज में उम्र बढ़ने के प्रति दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव लाने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। हमारा मानना है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, हर उम्र हमारे लिए जीवन की समृद्धि को अपनाने का एक अद्भुत अवसर है। साथ मिलकर हम एक ऐस�� संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं जहां उम्र बढ़ना आनंद, ज्ञान और नए अवसरों से भरी यात्रा है।"
टाटा मुंबई मैराथन सीनियर सिटिज़न रन की तैयारी के लिए अधाता ट्रस्ट ने एक वर्चुअल रनिंग इवेंट, द जर्नी टू फिटनेस चैलेंज का भी आयोजन किया है। प्रोकैम इंटरनेशनल के सहयोग से आयोजित इस पहल का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के बीच शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। यह फिटनेस और सामुदायिक भागीदारी को प्राथमिकता देने की बढ़ती प्रतिबद्धता को भी दिखाएगा। इससे प्रतिभागियों को 2025 में आयोजित होने वाली टीएमएमएससीआर की तैयारी में मदद मिलेगी। रजिस्ट्रेशन 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।
पिछले साल, टीएमएमएससीआर की थीम 'उम्र बढ़ने को सकारात्मक बनाना' थी। इसमें 1700 से अधिक उत्साही वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया और सक्रिय रहने और समाज से जुड़े रहने के महत्व पर प्रकाश डाला।
वर्तमान में अधाता ट्रस्ट मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे (जल्द ही पनवेल में) में स्थित 14 सामुदायिक केंद्रों में 500 से अधिक वरिष्ठ नागरिक सदस्यों का समर्थन करता है। भारत के वरिष्ठ नागरिकों और उनके मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए ट्रस्ट हर साल विश्व बुजुर्ग दिवस मनाता है। विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से, अधाता ट्रस्ट बुजुर्गों के जीवन को बेहतर बनाने, उनके आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को फिर से हासिल करने में मदद करने के प्रयास करता है। ट्रस्ट विशेष कार्यक्रम आयोजित करके और दोस्तों और परिवार को उनमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करके वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक अनुरूप वातावरण बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है।
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