#पारिवारिक जीवन
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naturalintelligence · 12 days ago
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सतत कृषि और समुदाय की ताकत: आनंदा का उदाहरण
आनंदा चंडीगढ़ के ट्राइसिटी क्षेत्र के पनूला के बाहरी इलाके में रहती हैं है। यहां परिवार अपने चार गोद लिए हुए कुत्तों, 40 प्रजातियों के पक्षियों और 6,000 से अधिक पेड़ों वाले जंगल के साथ रहतीं है। यहां वे लगभग 150 फसलों की खेती करती हैं और पूरी तरह से (ORGANIC PRODUCTION) खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं। जब उन्होंने 2010 में यह जमीन खरीदी, तब इसकी कीमत 25-30 लाख रुपये प्रति एकड़ थी। लेकिन कोविड…
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nageshjain · 2 years ago
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संतोष का फूल SANTOSH KA PHOOL
बहुत ही पुराने समय की बात है । मिस्र देश का एक राजा था जिस पर देवता प्रसन्न हो गये और उसके पास आये और उसे उपहार स्वरुप एक चमत्कारी तलवार दी और उसे बोले कि जाओ और दुनिया फतह करो । इस पर राजा ने भगवान से सवाल किया कि “भगवान आप भी कमाल करते है भला मुझे किस चीज़ की कमी है जो मैं पूरी दुनिया को फतह करू��। ” इस पर देवता ने फिर से कुछ सोचकर “ पारसमणि देते हुए राजा से कहा ये लो पारसमणि और जितना चाहे…
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vlogrush · 6 months ago
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5 छोटी कहानी शिक्षा देने वाली: अपने बच्चों की जरूर सुनाए
छोटी कहानी शिक्षा देने वाली बच्चों को सिखाने वाली छोटी कहानियाँ जो नैतिक मूल्य और जीवन के सबक देती हैं। जानें कैसे ये कहानियाँ बच्चों के विकास में मदद करती हैं।बचपन से ही कहानियाँ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। छोटी-छोटी कहानियाँ न केवल बच्चों का मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। इस लेख में, हम ऐसी शिक्षाप्रद कहानियों के महत्व पर चर्चा करेंगे जो…
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koshalaram5 · 5 months ago
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भूत-प्रेत से मुक्ति का असली उपाय, जानें इस अद्भुत साधना के बारे में! Sant Rampal Ji Maharaj Satsang | Episode: 2653
इस वीडियो में आप जानेंगे कि कैसे जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के उपदेश और सत्संग से लोगों की जिंदगियां पूरी तरह से बदल गईं। गीता और कुरान में वर्णित तत्वज्ञान के बारे में संत रामपाल जी के अद्भुत रहस्य उजागर किए गए हैं। जानें कैसे भगवान कबीर की भक्ति से एक महिला ने अपने जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति पाई। भूत-प्रेत की समस्याओं से लेकर तलाक के कगार पर पहुंच चुकी शादी को बचाने तक, संत रामपाल जी के उपदेश और उनके मार्गदर्शन ने कैसे जीवन को बदल डाला, यह आपको इस वीडियो में मिलेगा। अगर आप भी जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो इस वीडियो को अंत तक जरूर देखें और जानें कि कैसे संत रामपाल जी की शरण में आकर जीवन में सुख-शांति पाई जा सकती है। यह वीडियो आपके जीवन में नई रोशनी लाने का मार्गदर्शन करेगा
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Related Queries: 2024 में सफलता पाने की सही साधना, भूत-प्रेत की समस्या का स्थायी समाधान, तलाक से बचने के उपाय 2024, आर्थिक तंगी से छुटकारा कैसे पाएं, जीवन बदलने वाली आध्यात्मिक साधना, संत रामपाल जी महाराज की सच्ची शिक्षाएं, सही गुरू की पहचान कैसे करें, भक्ति से मिलने वाला सच्चा सुख, शादी में खुशहाली लाने के उपाय, 2024 में मोक्ष पाने का आसान तरीका, धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा कैसे पाएं, पारिवारिक समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान, मन की शांति के लिए सर्वश्रेष्ठ साधना, 2024 में सफलता के लिए सच्चा मार्ग, कुंडली दोष और उनके समाधान, सच्ची साधना से मिलेगी मन की शांति, पति-पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनाने के उपाय, 2024 के लिए सर्वश्रेष्ठ ध्यान तकनीक, शांति और आनंद के लिए सही पूजा विधि, तंत्र-मंत्र से बचाव के अचूक उपाय,
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buzz-london · 8 months ago
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*मजे लीजिए और* *पढ़ने के बाद आगे धकेल दीजिए...😉🤪* ●○●○●○●○●○ बर्बाद होने के लिए जरूरी नहीं कि शराब या जुआ खेला जाय! बर्बाद होने के लिए आप 2024 में Congress को वोट भी दे सकते है ! ●○●○●○●○●○ पागल वो नहीं जिसे भूत पिशाच दिखाई देते हैं! पागल तो वो है जिसे राहुल गाँधी में देश का भविष्य दिखाई देता है! ●○●○●○●○●○ "भारत रत्न" का मज़ाक तो तब बना था जब नेहरू ने चीन से युद्ध हारने के बाद भी खुद को भारत रत्न दिया था! ●○●○●○●○●○ आपका एक गलत वोट आपके घर तक आतंकवादी ला सकता है ! और एक सही वोट उन्हें सीमा पर ही निबटा सकता है ! जीवन आपका और निर्णय भी आपका! ●○●○●○●○●○ "प्रियंका" विश्व की पहली ऐसी नेता हैं, जिसका "मायका" और "ससुराल" दोनों जमानत पर चल रहे हैं! मगर फिर भी उनकी पार्टी नारे लगाती है कि चौकीदार चोर है! ●○●○●○●○●○ बाबर का बाप उजबेकिस्तान का, मां मंगोलिया की, वह मरा अफगानिस्तान में और उसका मकबरा काबुल में मगर "बाबरी मस्जिद चाहिये अयोध्या में ? मजे की बात ये कि समर्थन भी काग्रेस ही कर रही है! ●○●○●○●‍○●○ रामचंद्र कह गये सिया से ऐसा कलयुग आएगा! माँ बाप की शादी चर्च में होगी ��र बेटा "ब्राह्मण” कहलाएगा ! ●○●○●○●○●○ धर्म बदला, जाति बदली, बदल दिया है गोत्र! "दादा गड़े कब्र में, पंडित बन गया पौत्र! ●○●○●○●○●○ एक जमाना था जब जनता आंदोलन करती थी, और नेता घर बैठ के मजे लेते थे! मगर आज मोदी जी ने एसी परिस्थिती कर दी है की भ्रष्ट नेता आंदोलन कर रहे हैं, और जनता शाँत बैठकर घर पर मज़े ले रही है ! इसे कहते हैं अच्छे दिन ! ●○●○●○●○●○ विदेश के नेता मोदी के पीछे पागल हैं, और भारत के नेता मोदी के कारण पागल हैं ! कोई शक ! ●○●○●○●○●○ केवल फेविकोल ही नहीं जोड़ता, मोदी का डर भी जोड़ता हैं ! ●○●○●○●○●○ चौकीदार को वोट देना पक्का नही था, लेकिन जिस तरह चोरों को इकठ्ठा होते हुए देखा, तो प्रण कर लिया कि चौकीदार रखना जरूरी है। ●○●○●○●○●○ गद्दारी के किले ढह गए राष्ट्रवाद की तोप से, सांप - नेवले एक हो गए, मोदी तेरे खौफ से ! देश बेचने वाले एक हो सकते हैं, तो देश बचाने वाले क्यों नहीं एक हो सकते ? ●○●○●○●○●○ 77-इमर्जेंसी, 84-सिक्ख , 90-कश्मीरी हिंदु नरसंहार तब तक संविधान सुरक्षित था! 7 वर्षों में 1300 आतंकी मरने से संविधान खतरे में आ गया! ●○●○●○●○●○ जिस प्रियंका वाड्रा को कांग्रेसी माँ दुर्गा का अवतार बता रहे हैं, उसके बच्चों का नाम 'रेहान और मारिया' है! सोचा सबको बता ही दें ! ●○●○●○●○●○ भाजपा का विरोध करने वाले 22 दलों की कुल पारिवारिक संपत्ति सिर्फ-300 लाख करोड़ रुपये है, जो कि देश का 10 साल का बजट है ! सोचा बता दूँ… ●○●○●○●○●○ एक बार गलती की थी, तो 10 साल के लिए बिना आवाज का प्रधानमंत्री मिला था! इस बार गलती करेंगे, तो बिन दिमाग का प्रधानमंत्री मिलेगा ! ●○●○●○●○●○ विकास पागल हो सकता है, परन्तु पागल का विकास नहीं हो सकता! इसलिए मोदी और योगी है देश के लिए उपयोगी... ●○●○●○●○●○ नमो को वोट दिया जा सकता है, परन्तु नमूने को नहीं! ●○●○●○●○●○ हमारे प्रधानमंत्री के चाहे कितने ही कार्टून बना लो, कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन एक कार्टून को प्रधानमंत्री कभी नहीं बनाया जा सकता है। मैसेज को डकारना नहीं है,आगे भेजना है... *नए भारत का वैश्विक संकल्प...* *सनातन वैदिक धर्म...विश्व धर्म* *अखंड हिंदु राष्ट्र भारत...विश्व गुरु भारत* *धर्मो रक्षति रक्षितः...*🚩
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kahanikerang · 1 month ago
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कहानी के रंग: शादीशुदा औरत और रिश्तों की अनकही बातें
कहानी के रंग: शादीशुदा औरत और रिश्तों की अनकही बातें
कहानी "कहानी के रंग" एक शादीशुदा औरत के जीवन की उन भावनाओं और उलझनों को उजागर करती है, जो अकसर छुपी रह जाती हैं। यह हिंदी कहानी पारिवारिक रिश्तों, जिम्मेदारियों, और कुछ अनकहे पलों की बुनावट में रची गई है। मुख्य पात्र लाजवंती, एक ऐसी औरत है जिसका परिवार छोटा है, लेकिन जीवन के अनुभव गहरे हैं।
कहानी का सारांश
लाजवंती का जीवन अपने पति के साथ साधारण और शांत है, लेकिन उनकी गोद अभी तक सूनी है। एक दिन उनक�� घर की बिजली खराब हो जाती है, और मदद के लिए लाजवंती अपनी दीदी से संपर्क करती है। दीदी के बड़े बेटे मनोहर, जिसे प्यार से "मोनू" कहा जाता है, मदद के लिए आता है। लंबे समय बाद अपने भांजे को देखकर लाजवंती के मन में बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं।
मनोहर का व्यक्तित्व अब पूरी तरह बदल चुका है। वह लंबा-चौड़ा, आत्मविश्वासी और मजाकिया है। उसके और लाजवंती के बीच हुई बातचीत में बचपन की मस्ती और आज की परिपक्वता झलकती है। लेकिन इसी दौरान कुछ अनपेक्षित घटनाएं भी घटती हैं, जो कहानी को एक नया मोड़ देती हैं।
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रिश्तों की गहराई और उलझनें
कहानी में लाजवंती और मनोहर के रिश्ते के बीच की मासूमियत और भावनात्मक पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है। मनोहर की छोटी-छोटी बातें और उसकी हरकतें लाजवंती के मन को एक नई दिशा देती हैं। लेकिन कहानी में एक ऐसा क्षण भी आता है, जहां लाजवंती उलझन में पड़ जाती है कि क्या जो हुआ वह सही था या ��लत।
पारिवारिक रिश्तों की झलक
यह कहानी केवल लाजवंती और मनोहर के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें परिवार के अन्य सदस्यों की अहमियत भी झलकती है। लाजवंती की दीदी, उनके पति और मनोहर का पारिवारिक बंधन कहानी को और गहराई देता है।
हिंदी कहानियों का महत्व
"कहानी के रंग" जैसी कहानियां भारतीय समाज की भावनाओं, संघर्षों और रिश्तों को उभारती हैं। ऐसी कहानियां हिंदी साहित्य में अपने अनूठे अंदाज और पारिवारिक मूल्यों के लिए जानी जाती हैं।
के लिए हिंदी कीवर्ड्स:
हिंदी कहानी
पारिवारिक रिश्तों की कहानी
शादीशुदा औरत की कहानी
रिश्तों की गहराई
कहानी के रंग
हिंदी साहित्य
अनकही बातें
भावनात्मक कहानी
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shabdforwriting · 2 months ago
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जब टूटा गुरूर by Kanchan Shukla
किताब के बारे में... इस उपन्यास में औरत के अहंकार से होने वाली पारिवारिक तबाही को दर्शाने की कोशिश की है। औरत अहंकार में आकर दूसरों के साथ साथ अपना भी जीवन बर्बाद कर लेती है, पर इसका अहसास उसे बहुत बाद में होता है तब कुछ नहीं किया जा सकता सिवाय पश्चाताप के...
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
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iskconchd · 2 years ago
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श्रीमद्‌ भगवद्‌गीता यथारूप 1.41 https://srimadbhagavadgita.in/1/41 सङ्करो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च । पतन्ति पितरो ह्येषां लुप्तपिण्डोदकक्रियाः ॥ १.४१ ॥ TRANSLATION अवांछित सन्तानों की वृद्धि से निश्चय ही परिवार के लिए तथा पारिवारिक परम्परा को विनष्ट करने वालों के लिए नारकीय जीवन उत्पन्न होता है । ऐसे पतित कुलों के पुरखे (पितर लोग) गिर जाते हैं क्योंकि उन्हें जल तथा पिण्ड दान देने की क्रियाएँ समाप्त हो जाती हैं । PURPORT स��ाम कर्म के विधिविधानों के अनुसार कुल के पितरों को समय-समय पर जल तथा पिण्डदान दिया जाना चाहिए । यह दान विष्णु पूजा द्वारा किया जाता है क्योंकि विष्णु को अर्पित भोजन के उच्छिष्ट भाग (प्रसाद) के खाने से सारे पापकर्मों से उद्धार हो जाता है । कभी-कभी पितरगण विविध प्रकार के पापकर्मों से ग्रस्त हो सकते हैं और कभी-कभी उनमें से कुछ को स्थूल शरीर प्राप्त न हो सकने के कारण उन्हें प्रेतों के रूप में सूक्ष्म शरीर धारण करने के लिए बाध्य होना पड़ता है । अतः जब वंशजों द्वारा पितरों को बचा प्रसाद अर्पित किया जाता है तो उनका प्रेतयोनी या अन्य प्रकार के दुखमय जीवन से उद्धार होता है । पितरों को इस प्रकार कि सहायता पहुँचाना कुल-परम्परा है और जो लोग भक्ति का जीवन-यापन नहीं करते उन्हें ये अनुष्ठान करने होते हैं । केवल भक्ति करने से मनुष्य सैकड़ो क्या हजारों पितरों को ऐसे संकटों से उबार सकता है । भागवत में (११.५.४१) कहा गया है देवर्षि भूताप्तनृणां पितॄणां न किंकरो नायमृणी च राजन् । सर्वात्मना यः शरणं शरण्यं गतो मुकुन्दं परिहृत्य कर्तम् ॥ “जो पुरुष अन्य समस्त कर्तव्यों को त्याग कर मुक्ति के दाता मुकुन्द के चरणकमलों कि शरण ग्रहण करता है और इस पथ पर गम्भीरतापूर्वक चलता है वह देवताओं, मुनियों, सामान्य जीवों, स्वजनों, मनुष्यों या पितरों के प्रति अपने कर्तव्य या ऋण से मुक्त हो जाता है ।” श्रीभगवान् की सेवा करने से ऐसे दायित्व अपने आप पुरे हो जाते हैं । ----- Srimad Bhagavad Gita As It Is 1.41 saṅkaro narakāyaiva kula-ghnānāṁ kulasya ca patanti pitaro hy eṣāṁ lupta-piṇḍodaka-kriyāḥ TRANSLATION An increase of unwanted population certainly causes hellish life both for the family and for those who destroy the family tradition. The ancestors of such corrupt families fall down, because the performances for offering them food and water are entirely stopped. PURPORT According to the rules and regulations of fruitive activities, there is a need to offer periodical food and water to the forefathers of the family. This offering is performed by worship of Viṣṇu, because eating the remnants of food offered to Viṣṇu can deliver one from all kinds of sinful reactions. Sometimes the forefathers may be suffering from various types of sinful reactions, and sometimes some of them cannot even acquire a gross material body and are forced to remain in subtle bodies as ghosts. Thus, when remnants of prasādam food are offered to forefathers by descendants, the forefathers are released from ghostly or other kinds of miserable life. Such help rendered to forefathers is a family tradition, and those who are not in devotional life are required to perform such rituals. One who is engaged in the devotional life is not required to perform such actions. Simply by performing devotional service, one can deliver hundreds and thousands of forefathers from all kinds of misery. It is stated in the Bhāgavatam (11.5.41): devarṣi-bhūtāpta-nṛṇāṁ pitṝṇāṁ na kiṅkaro nāyam ṛṇī ca rājan sarvātmanā yaḥ śaraṇaṁ śaraṇyaṁ gato mukundaṁ parihṛtya kartam “Anyone who has taken shelter of the lotus feet of Mukunda, the giver of liberation, giving up all kinds of obligation, and has taken to the path in all seriousness, owes neither duties nor obligations to the demigods, sages, general living entities, family members, humankind or forefathers.” Such obligations are automatically fulfilled by performance of devotional service to the Supreme Personality of Godhead. ----- #krishna #iskconphotos #motivation #success #love #bhagavatamin #india #creativity #inspiration #life #spdailyquotes #devotion
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astrologergopalshastri · 2 years ago
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Today's Horoscope-
मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए मेहनत भरा रहने वाला है। व्यापार में वृद्धि होने से आप प्रसन्न रहेंगे, लेकिन आपको अत्यधिक मेहनत करने के बाद भी उतना फल नहीं मिल पाएगा, जितनी आपने मेहनत की थी। आप अपने कर्तव्यों से पीछे ना हटें। लेन-देन के मामलों में फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। कार्यक्षेत्र में यदि मेहनत करनी पड़ेगी, तो उससे आप पीछे नहीं हटेंगे। विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा में आ रही समस्याओं के लिए अपने गुरुजनों से बातचीत करनी होगी, तभी वह परीक्षा में सफलता हासिल कर सकेंगे।
वृष दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। आपको अपने प्रियजनों से कोई शुभ सूचना ��ुनने को मिल सकती है। आप किसी काम में ढील ना बरतें और घूमने फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी भी प्राप्त हो सकती है। आपके व्यक्तित्व में आज निखार आएगा और वाणी की सौम्यता आपको मान सम्मान दिलाएगी। आपको अपने किसी प्रियजन की ओर से कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है, लेकिन आपका कोई पुराना काम समय रहते पूरा होगा।
मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope) मिथुन राशि के जातकों के लिए आज का दिन सांसारिक सुख भोग के साधनों में वृद्धि लेकर आने वाला है। परिवार में किसी भी वरिष्ठ सदस्य से अपनी बात मनवाने के लिए जिद ना करें, नहीं तो इससे उन्हें कष्ट होगा और अपने कार्य को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें। किसी संपत्ति संबंधित मामले में आपको जीत मिल सकती है, लेकिन व्यापार कर रहे लोगों के लिए आज का दिन थोड़ा कमजोर रहेगा। आप भावुकता में कोई निर्णय ना लें, नहीं तो बाद में आपको उसके लिए पछतावा हो सकता है।
कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए उन्नति भरा रहने वाला है। आप दिखावे के चक्कर में अत्यधिक धन व्यय कर सकते हैं, जिसके लिए बाद में आपको पछतावा होगा। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होने से आज आपका मन प्रसन्न रहेगा। आप किसी आवश्यक काम में ढील ना दें, नहीं तो समस्या हो सकती है। आपको किसी पैतृक संपत्ति संबंधित मामले में चुप रहना बेहतर रहेगा। संतान को यदि आप कोई जिम्मेदारी देंगे, तो वह उन्हें समय रहते पूरी करेगी। आपको काम के सिलसिले में छोटी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है।
सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope) सिंह राशि के जातकों के लिए आज का दिन बचत की योजनाओं का धन लगाने के लिए रहेगा। संतान से चल रही अनबन आज दूर होगी। आपके चारों ओर का वातावरण खुशनुमा रहेगा। विद्यार्थियों को यदि किसी नौकरी से संबंधित परीक्षा के लिए आवेदन करना था, तो वह कर सकते हैं। आपको अपनी आय और व्यय का एक बजट बनाकर चलेंगे, तो बेहतर रहेगा, नहीं तो आपके खर्चे अधिक हो सकते हैं। पारिवारिक रिश्तों को बेहतर बनाएं रखने के लिए आपको बातचीत अवश्य करनी होगी।
कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope) आज के दिन आपके चारों ओर का वातावरण सुखमय रहेगा और कार्यक्षेत्र में आप कुछ नया करने की उधेड़बुन में लगे रहेंगे। किसी विपरीत परिस्थिति में आप बुद्धि व विवेक से काम लें, नहीं तो समस्या हो सकती है। घर परिवार में आज किसी मांगलिक कार्यक्रम के होने से परिवार के कोई सदस्य आपसे नाराज हो सकते हैं, लेकिन किसी लक्ष्य को लेकर यदि आप चलेंगे, तो उस पर खरे अवश्य उतरेंगे। संतान को संस्कारों व परंपराओं का पाठ पढ़ाएंगे और आपके किसी पुराने मित्र से आज लंबे समय बाद मुलाकात होगी।
तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope) आज आपको विदेश में रह रहे परिजन से फोन के जरिए कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है, लेकिन आप कुछ अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखें और अपने रिश्तो में सहज रहें। किसी महत्वपूर्ण मामले में आपको सतर��क रहने की आवश्यकता है। आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, नहीं तो आप किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। आपके बढ़ते खर्च आपका सिरदर्द बनेंगे, लेकिन आपको उन पर लगाम लगानी होगी।
वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए लेनदेन के मामले में सक्रियता बनाए रखने के लिए रहेगा। मित्रों का आपको पूरा सहयोग रहेगा और प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में आप आगे बढ़ेंगे। आपको मामा पक्ष से धन लाभ मिलता दिख रहा है, लेकिन आप किसी सरकारी काम में लापरवाही ना बरते, नहीं तो वह आपके लिए कोई बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। गृहस्थ जीवन में खुशहाली बनी रहेगी और स्थायित्व की भावना को बल मिलेगा। आप अपने दोस्तों के साथ कुछ समय मौज मस्ती करने में व्यतीत करेंगे।
धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए एक बजट बनाकर चलने के लिए रहेगा। कला कौशल में भी सुधार आएगा और आपकी मित्रों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। व्यापार कर रहे लोगों को आज उम्मीद से ज्यादा धन मिलने से वह फूले नहीं समाएंगे। आप अपने परिवार में सदस्यों की जरूरतों को समय रहते पूरा करेंगे, लेकिन आपको कुछ गुप्त शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है, नहीं तो वह आपके बनते कामों में रोड़ा अटकाने की पूरी कोशिश कर सकते हैं।
मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए व्यवसाय में दीर्घकालीन योजनाओं से अच्छा लाभ दिलाने के लिए रहेगा। आप अपने मन में नकारात्मक विचारों को ना आने दे और आपके अनुभवों का आपको पूरा लाभ मिलेगा। जीवनसाथी का सहयोग व सानिध्य आपको भरपूर मात्रा में मिलता दिख रहा है। घर में किसी मांगलिक कार्यक्रम के होने से परिजनों का आना जाना लगा रहेगा। यदि कार्यक्षेत्र में कोई वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो, तो उसमे चुप रहें, नहीं तो वह कानूनी हो सकता है।
कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। अपनों की सीख व सलाह पर चलकर आप आगे बढ़ेंगे, लेकिन आप किसी गलत बात के लिए हां ना करें, नहीं तो बाद में समस्या हो सकती है। किसी जरूरी काम में आपने यदि लापरवाही बरती, तो आपका कोई बड़ा नुकसान हो सकता है। करियर को लेकर यदि आप चिंतित चल रहे थे, तो आपकी वह चिंता दूर होगी। आप अपनी वाणी व व्यवहार से लोगों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब रहेंगे।
मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए साझेदारी में किसी काम को करने के लिए अच्छा रहने वाला है। गृहस्थ जीवन में सरसता बनी रहेगी। आपको आज अपने लक्ष्य पर फोकस बनाकर आगे बढ़ना बेहतर रहेगा। नेतृत्व क्षमता भी आज आपकी बढे़गी। परिवार में किसी सदस्य के विवाह प्रस्ताव पर मोहर लग सकती है। यदि आप किसी संपत्ति का सौदा करने जा रहे हैं, तो उसके चल व अचल पहलुओं को स्वाधीनता से जांच लें। कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करके अपने साथियों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे।
आपका दिन शुभ व म��गलमय हो। समस्या चाहे कैसी भी हो 100% समाधान प्राप्त करे:- स्पेशलिस्ट- मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान। एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी। Call Now: - +91-78888-78978/+1(778)7663945 फीस संबंधी जानकारी के लिए #Facebook page के message box में #message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं। Get to Know More About Astrologer Gopal Shastri: - www.ptgopalshastri.com
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sharpbharat · 4 days ago
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Horoscope know your day Friday 3rd january 2025- राशिफल, जानें कैसा रहेगा आपका दिन-शुक्रवार 3 जनवरी 2025
मेष राशिसिर्फ़ आप जानते हैं कि आपके लिए क्या बेहतर है, इसलिए मजबूत और स्पष्टवादी बनें तथा फैसले तुरन्त लें और उनके परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहें। जो लोग अब तक धन को बिना सोचे विचारे उड़ा रहे थे उन्हें आज पैसे की बहुत आवश्यकता पड़ सकती है और आज आपको समझ में आ सकता है कि पैसे की जीवन में क्या अहमियत है। पारिवारिक जिम्मेदारियों को न भूलें। प्यार-मोहब्बत के लिहाज से दिन थोड़ा मुश्किल रहेगा।…
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ragbuveer · 4 days ago
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02 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌺 *सुप्रभात जय श्री राधेकृष्णा*🌺
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
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#jodhpur
#udaipur
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#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👍🏻👍🏻आध्यात्मिक गुरु 👍🏻राधे राधे 8764415587, 9610752236
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है #वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 2 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 2 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा। इस तरह आपका मूलांक 2 होगा। इस मूलांक को चंद्र ग्रह सचालित करता है। चंद्र ग्रह मन कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते है। आप स्वभाव से संकालू भी होते है। दूसरों के दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ है। लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के है। आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता चंद्र के समान आपके स्वभाव में उतार चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दे। तो आप जीवन में सफल होते है।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29
शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92
शुभ वर्ष : 2025, 2027, 2029, 2036
ईष्टदेव : भगवान शिव और बटुक भैरव
शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला और सिल्वर ग्रे
कैसा रहेगा यह वर्ष
किसी नवीव कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ो की सलाह लें व्यापार व्यवसाय की स्थिति ठीक ठीक रहेगी स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाये दखल अंदाजी ठीक नहीं रहेगी वर्ष काफी समझदारी से चलने का रहेगा लेखन से संबधित मामलों में सावधानी रखना होगी। अधूरे कार्यो में सफलता मिलेगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए
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महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए?
परिचय शारीरिक संबंधों की आवृत्ति हर जोड़े के लिए अलग होती है, और यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे शारीरिक, मानसिक स्थिति, उम्र, रिश्ते की स्थिति और व्यक्तिगत इच्छाएं। महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए, यह सवाल अक्सर पूछा जाता है। हालांकि इसका कोई सटीक उत्तर नहीं है, इस ब्लॉग में हम इस विषय पर चर्चा करेंगे और समझेंगे कि शारीरिक संबंधों की आदर्श आवृत्ति क्या हो सकती है।
1. शारीरिक और मानसिक स्थिति का प्रभाव
शारीरिक स्वास्थ्य: महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप और आपका साथी शारीरिक रूप से कितने स्वस्थ हैं। शारीरिक बीमारियों, थकान, या किसी तरह के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे आवृत्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
मानसिक स्थिति: मानसिक स्थिति का भी शारीरिक संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब कोई पार्टनर मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद का सामना कर रहा होता है, तो शारीरिक संबंधों की इच्छा कम हो सकती है। इस स्थिति में एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है।
2. आदर्श आवृत्ति: महीने में कितनी बार?
अधिकांश विशेषज्ञों के अनुसार, महीने में 4 से 8 बार शारीरिक संबंध बनाना एक सामान्य और स्वस्थ आवृत्ति मानी जाती है, यानी सप्ताह में 1 से 2 बार। यह संख्या दोनों पार्टनर्स की संतुष्टि, शारीरिक स्वास्थ्य और रिश्ते की स्थिति के अनुसार बदल सकती है।
युवा जोड़े: युवा और स्वस्थ जोड़े महीने में 8-12 बार तक शारीरिक संबंध बना सकते हैं, क्योंकि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति अधिक सक्रिय होती है।
उम्र बढ़ने के साथ: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शारीरिक समस्याएं, काम की व्यस्तता, या पारिवारिक जिम्मेदारियां शारीरिक संबंधों की आवृत्ति को घटा सकती हैं। हालांकि, रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
3. व्यक्तिगत इच्छाएं और जीवनशैली
हर व्यक्ति और हर रिश्ते की जरूरतें अलग होती हैं। शारीरिक संबंधों की आवृत्ति का निर्धारण दोनों पार्टनर्स की इच्छाओं और जीवनशैली पर भी निर्भर करता है। अगर कोई पार्टनर व्यस्त कामकाजी दिनचर्या या अन्य जिम्मेदारियों के कारण शारीरिक संबंधों के लिए समय नहीं निकाल पा रहा है, तो आवृत्ति कम हो सकती है।
कामकाजी जीवन: लंबे कार्यदिवस और जिम्मेदारियां शारीरिक संबंधों की आवृत्ति को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन इसे संतुलित करने के लिए आप शारीरिक संबंधों को खुशहाल और शांतिपूर्ण बना सकते हैं, भले ��ी उनकी संख्या कम हो।
आध्यात्मिक या मानसिक संतोष: अगर दोनों पार्टनर मानसिक रूप से संतुष्ट हैं, तो शारीरिक संबंधों की आवृत्ति में प्राकृतिक वृद्धि हो सकती है।
4. शारीरिक संबंधों के लाभ
शारीरिक संबंधों के कई शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं:
शारीरिक स्वास्थ्य: शारीरिक संबंध नियमित रूप से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार और तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
भावनात्मक जुड़ाव: नियमित शारीरिक संबंधों से रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास मजबूत होता है।
तनाव कम करना: सेक्स के दौरान एंडोर्फिन्स (फील-गुड हार्मोन) का रिलीज़ तनाव को कम करने में मदद करता है।
5. जब शारीरिक संबंधों की आवृत्ति कम हो जाए
कभी-कभी शारीरिक संबंधों की आवृत्ति कम हो सकती है, और यह कोई समस्या नहीं है, जब तक दोनों पार्टनर इस बदलाव को समझते हैं और स्वीकार करते हैं। शारीरिक संबंधों में कमी का कारण मानसिक तनाव, शारीरिक समस्याएं, या रिश्ते में असंतोष हो सकता है। इस स्थिति में संवाद और समझ का महत्व बढ़ जाता है।
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निष्कर्ष
महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए, इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। यह पूरी तरह से दोनों पार्टनर्स की शारीरिक और मानसिक स्थिति, जीवनशैली, और रिश्ते की जरूरतों पर निर्भर करता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप और आपका साथी संतुष्ट और आरामदायक महसूस करें, और शारीरिक संबंधों को एक सकारात्मक और सुखद अनुभव बनाए रखें। संतुलित और समझदारी से शारीरिक संबंधों की आवृत्ति तय करना रिश्ते को और मजबूत बना सकता है।
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nageshjain · 2 years ago
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णमोकार मंत्र का महत्व NAMOKAR MANTRA KA MAHATVA
किसी समय राजपुरी के उद्यान में बहुत से ब्राह्मण लोग यज्ञ कर रहे थे , एक कुत्ता आया और अत्यधिक भूखा होने से उसने यज्ञ की सामग्री खानी चाही तथा झट से किसी थाल में मुँह लगा ही दिया। बस! क्या था? एक ब्राह्मण ने गुस्से में आकर उस कुत्ते को डंडे से खूब मारा जिससे वह मरणासन्न हो गया। उधर से जीवंधरकुमार अपने मित्रों के साथ निकले। कुत्ते की दशा देखकर वे परमदयालु स्वामी वहीं बैठ गये। वे समझ गये कि अब यह…
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vlogrush · 6 months ago
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5 छोटी कहानी शिक्षा देने वाली: अपने बच्चों की जरूर सुनाए
छोटी कहानी शिक्षा देने वाली बच्चों को सिखाने वाली छोटी कहानियाँ जो नैतिक मूल्य और जीवन के सबक देती हैं। जानें कैसे ये कहानियाँ बच्चों के विकास में मदद करती हैं।बचपन से ही कहानियाँ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। छोटी-छोटी कहानियाँ न केवल बच्चों का मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। इस लेख में, हम ऐसी शिक्षाप्रद कहानियों के महत्व पर चर्चा करेंगे जो…
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kprnewslive1 · 6 days ago
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Gen-Z जेनरेशन और आने वाला समाज
हम सभी को संभवतः आज महसूस होने लगा होगा, विशेषतः जब जब हम Gen-Z की बात करें तो यह लगभग लगभग सिद्ध हो गया है, की हमारी जीवनशैली, हमारे आहार-विहार, हमारे विचारों का स्तर, मुख्यतः हमारी सोच, हमारा व्यवहार, मुख्य रूप से हमारी मनोवृति, हमारी संतानों परिलक्षित होगी ही । बीच का कालखंड मानवता के दौर में ऐसा बीता जब भारत में यूरोपीय जीवनशैली का अंधानुकरण करने की होड लगी थी, भारतीयों को अपनी जीवन शैली, अपना रहन-सहन, हमारे सामाजिक मूल्य, हमारी संस्कृति, हमारा आहार-विहार सब पुराण पंथी लगता था, लोग भारतीय जीवन शैली को छोड़ने में अपनी शान समझने लगे, एकल परिवारों का प्रचलन बढ़ने लगा, संयुक्त परिवारों का विघटन, आपसी भाईचारे का आभाव, आदर्श सामाजिक मूल्यों में गिरावट, यह सब नब्बे के दशक में खूब देखने को मिलीं और अब तो हम सूचना प्रौधयोगिकी के युग में हैं जहां मनुष्य के औजार बनकर रह गया है । ऐसे में हम उस समय हुए बदलावों के परिणाम के रूप में सामने आ रही है Gen-Z जेनरेशन, जिसमें न किसी प्रकार की संवेदनाएं हैं, न किसी के प्रति भाव और न ही जिम्मेदारी का भान हो, शून्य संवेदनाओं का संसार समेटे यह Gen-Z वर्ग के बारे में समझें तो ध्यान में आता है ?
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सर्वप्रथम हम इनके सकारात्मक पक्ष को समझें तो बेहतर होगा, इसलिए सामान्यतः हम वर्ष 1997 से 2012 के बीच जन्में लोगों की जेनरेशन को जेन-जी के रूप में जानते हैं. इस जनरेशन को लेकर कहा जा रहा है, इस वर्ग में घूमने-फिरने के साथ-साथ गेमिंग की प्रवृति अत्यधिक पाई जाती है. ये लोग क्रिएटिविटी पर फोकस करते हैं एवं नई चीजों को बहुत जल्दी सीख जाते हैं. मल्टीटास्किंग होने के साथ अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को लेकर भी बहुत अवेयर रहते हैं। Gen Z के पास बहुत स्किल है लेकिन हम शायद वो कौशल समझ नहीं पा रहे हैं. जेन-जी के पास मिलेनियल के मुकाबले सोशल मीडिया की बेहतर समझ है वो इंटरनेट कनेक्टेड हैं, जबकि मिलेनियम के पास इन सबकी बहुत ज्यादा जानकारी शायद नहीं है । (ज्ञातव्य हो : मिलेनियल जनरेशन,यानि जिनका जन्म 1981 से 1996 के मध्य हुआ हो)
मिलेनियम जेनरेशन के बच्चों में सहनशक्ति अधिक होती थी एवं एडजस्ट करने की भी शक्ति अधिक होती थी. जबकि उनके अवसर एवं किसी भी चीज के लिए ज्यादा ऑप्शन भी नहीं होते थे, ऐसे में वो मेहनत भी बहुत ज्यादा किया करते थे । वर्तमान में दुनियाभर के बच्चों में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसके कई कारण हैं, जैसे ��ि आजकल के बच्चों का डिजिटल वर्ल्ड में बहुत अधिक रहना । क्योंकि अब बच्चों को सभी चीज एक क्लिक पर मिलने लगी है,  जिसकी वजह से उनका पेशेंस लेवल खोने लगे हैं, सभी के साथ एडजस्मेंट नहीं हो पा रहे हैं,अतः उनमें  सोशल स्किल भी बहुत कम होने लगी है । आज के समय में बच्चों को सोशल स्किल और किसी भी चीज को डील करने का तरीका सीखने की जरुरत है । Gen Z जेनरेशन में कॉमन सेंस का अत्यंत आभाव है । आजकल के बच्चों एवं युवाओं को वर्क एथिक्स के साथ ऑफिस वर्क कल्चर के बारे में सिखाया जाना बहुत जरूरी है ।
Gen-Z जेनरेशन फीडबैक नहीं लेना चाहती, इनको लगता है कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे अच्छा कुछ भी नहीं किया जा सकता है. अपने सीनियर्स एवं परिवार के बड़ों के बारे में उन्हें लगता है, कि इनको इतना कुछ नहीं पता है, जितना हमें पता है. उनमें सीखने की ललक के साथ हार्ड वर्क करने की भी इतनी क्षमता भी नहीं होती है।  यह जेनरेशन सब कुछ बहुत जल्दी और आसानी से कर लेना चाहती हैं. किसी भी चीज में बिना एफर्ट डालें, वो उस चीज को वहीं छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं, इस जनरेशन में मूव ऑन की प्रवृति होती है। अतः इनके मन को समझना बहुत मुश्किल है। कुछ नहीं समझ आया, कुछ असंभव सा लगा तो उसके बारे में जानना, उसके बारे में समझने जिज्ञासा नहीं है इसे युवाओं में, बल्कि उसे छोड़कर आगे बढ़ जाना चाहते हैं, इस बात की परवाह किए बगैर कि उनके लिए, उनके अनुसार किसी ने क्या-क्या व्यवस्थाएं कीं हैं एवं कितना इनवेस्टमेंट किया है । उनको इस बात से कोई मतलब नहीं । चाहे परिवार में उनके बड़े हों चाहे नौकरी में उनके वरिष्ठ हों, चाहे उनके पद की जिम्मेदारी का मामला हो, उन्हें कोई बात नहीं जमी तो वह दूसरे ऑपसन पर ध्यान केंद्रित कर देते हैं, उन्हे किसी के प्रति कोई संवेदना नहीं एवं उनसे क्या आशा एवं अपेक्षा की गई इस बात की परवाह किए बगैर Gen Z के होनहार मुंह फेर का आगे बढ़ने में तनिक में देर नहीं लगाते हैं । डिजिटल वर्ल्ड की जानकारी रखने एवं वहाँ की उपलब्धताओं पर फोकस जीवन शैली के आधीन आज कल के युवाओं में सहनशीलता का आभाव, अपनी अलग जिज्ञासाएं, निरंकुश जीवन, एकल रहन-सहन, रोक-टोक से परे, पारिवारिक संस्कारों से अलग, सामाजिक जिम्मेदारियों से मुक्त, औजारिया जीवन की ओर बढ़ता समाज ही है Gen-Z.
सरकारों ने विकास की बात तो बहुत की, सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, ऊंचे ऊंचे भवन, फ्लाई ओवर, पहाड़ तोड़ तोड़कर लंबी लंबी सुरंग तो बहुत बनाईं, युद्ध के समान तो और औजार तो बहुत अत्याध��निक बनाए, किन्तु सामाजिक मूल्यों के विकास, अपने समाज की दशा-दिशा पर काम करने से विमुखता व्यक्त की, परिणाम आप सभी के समक्ष हैं। सरकार सामाजिक अधिकारिता के नाम पर वर्ग वार आर्थिक पहलू पर तो लीपा पोती करती रही, लेकिन समाज में हो रहे बदलावों पर कोई ध्यान नहीं दिया, इसी का परिणाम है, देश की सरकारी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लोगों का जुड़ाव ही नहीं हो पाता है, और न ही सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों में सामाजिक भागीदारी देखने को मिलती है । बेरोजगारी पर बहस चल रही है, सरकार कहती है, निरंतर बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में सरकार नौकरी कैसे दे ? वैसे तो भारत को युवाओं का देश कहा जाता है, किन्तु जो हो भी कहते हैं, उन्हें समझना पड़ेगा कि युवाओं को रोजगार भी देना होगा, जब रोजगार की बात आती है, और सरकार की अक्षमता देखने को मिलती है तो एकमात्र सहारा निजी क्षेत्र ही बचता है । अब समझना होगा कि निजी क्षेत्र भी Gen-Z जेनरेशन को लेकर कोई बहुत उत्साहित नहीं है क्योंकि देखा गया है ?
सोशल रिफ���र्म्स एण्ड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 60% भारत एवं अमेरिकी कंपनियों का अध्ययन करें तो जेन-जी जेनरेशन के कर्मियों को नौकरी से निकलना पड़ता है. वहीं, 75% निजी कंपनियां का मानना हैं, कि उनके यहाँ जेन-जी कर्मचारियों में से कुछ ही कर्मी सही से काम करते हैं अर्थात उन्हें जो काम सही से दिया जाता है, उसे करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 25% कंपनियां Gen-Z को नौकरी देना चाहती हैं और 17% कंपनियां Gen-Z को नौकरी देने से बचती हैं, या अधिकतर तो सीधा मना ही कर देती हैं. 21% प्रबंधकों  का मानना है कि Gen-Z जेनरेशन ऑफिस की समस्याओं की चैलेंज से निपटने के लिए ही तैयार नहीं होते, तो इन्हें रखकर क्या करेंगे । क्योंकि इनमें कम्युनिकेशन स्किल की कमी, ऑफिस कल्चर में एरजेस्ट नहीं हो पाते, यह सोशल मीडिया से अत्यधिक प्रभावित होते हैं, एवं सबसे बड़ी बात यह जल्दी ही छोटी-छोटी बातों से नाराज हो जाते है, लगातार फोन बने रहने का स्वभाव भी कंपनियों के लिए परेशानी का बहुत बड़ा कारण बना हुआ है ।
अब बात यहाँ मात्र नौकरियों या ऑफिस कल्चर तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि यह समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, यहाँ बात युवक-युवतियों दोनों की हो रही है । इसलिए आज इस बात पर बहस होनी चाहिए कि हम समाज में कैसे सामाजिक, नैतिक मूल्यों को बचाएं एवं इनको जीवन का हिस्सा बनाएं, अगर इसी तरह यह सामाजिक गिरावट आती रही तो समाज की दशा दिशा क्या होगी, हम कैसे समाज की ओर बढ़ रहे हैं, इसे समझना होगा ।
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yog-sandesh · 7 days ago
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वैदिक सनातन संस्कृति पूर्णता का दर्शन हैं
विधि एवं निषेध डूज एंड डोंट्स पर ही हमारे जीवन के समस्त कर्त्तव्य, अकर्त्तव्य, शुभ-अशुभ, धर्म-अधर्म, सुख-दुःख, पाप-पुण्य, अच्छा-बुरा, लाभ-हानि, सफलता-विफलता सब कुछ इन दो शब्दों पर टिका हुआ है। इसलिए जीवन में जो करना है वह किसी भी कीमत पर करना है तथा जो नहीं करना वह किसी भी कीमत पर नहीं करना।
   जैसे जो आहार-विचार, वाणी-व्यवहार, स्वभाव, सम्बंध, आचरण हमें किसी भी प्रकार से दुःख देने वाले तत्व हैं, उनसे बचना है। तात्कालिक या दीर्घकालिक रूप से, वैयक्तिक, पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक या राजनैतिक रूप से हमें क्या लाभ-हानि है, यहां तक की वैश्विक लाभ-हानि का भी हमें विचार करके ध्यान रखते हमें कार्य करना चाहिए। ऐसा न करने पर हमें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।
    इसलिए आधा अधूरा ज्ञान, आधी अधूरी भक्ति, आधे अधूरे काम हमें अत्यंत दुःख देते हैं। अतः पूर्ण भक्ति, पूर्ण विवेक, पूर्ण पुरुषार्थ से हमें जो करना है उसी करना ही है तथा जिसे नहीं करना वो नहीं करना। जैसे मुझे एक भी विदेशी प्रोडक्ट का उपयोग नहीं करना तभी M.N.C. की आर्थिक, वैचारिक व सांस्कृतिक लूट व गुलामी से हम खुद को व देश को बचा पायेंगे। जैसे हमें अपने बच्चों को गुरुकुलम्, आचार्यकुलम् में ही पढ़ाना है। विश्वविद्यालय में अपवाद रूप में यदि विद्यार्थियों को, अपनी सन्तानों को देशकाल परिस्थिति, प्रकृति, संस्कृति एवं युगधर्म के अनुरूप हमें देश-विदेश के किसी भी विश्वविद्यालय पढ़ाना पड़े तो पढ़ा सकते हैं। 10-12वीं तक तो पतंजलि गुरुकुलम्, या आचार्यकुलम् में भारतीय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालय में ही हम अपनी सन्तानों को शिक्षा-दीक्षा व संस्कार देंगे। यह पूर्ण दृढ़ आग्रह होना ही चाहिए। शिक्षा की तरह ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी सामान्य रूप से बी.पी., शुगर, थायराइड से लेकर वात, पित्त, कफ, आर्थराइटिस, अस्थमा, एसिडिटी आदि से लेकर 99% रोगों को सस्ता सरल पूर्णतः - निर्दोष समाधान क्योर योगायुर्वेद व नेचरोपैथी में है। अपवाद रूप में कोई दवा या ऑपरेशन हो सकता है।
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