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#पति को खुश करने के उपाय
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क्या आपका जीवनसाथी आपकी बात नहीं सुनता? क्या आपके और उनके बीच हमेशा तकरार होती रहती है?यदि ऐसा है तो क्ल पक्ष के पहले रविवार को प्रात: कालीन बेला में स्नान करने के बाद अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें। अब गंधक, फूल और बताशे आदि से इसका पूजन करें। पूजन में गाय के घी का दीपक जलाना जरूरी है। अब स्फटिक की माला लेकर ‘ऊं हृीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा’ का जाप करें। प्रतिदिन एक माला का जाप एक माह तक करने से किसी का भी वशीकरण कामयाब हो सकता है।
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पति को पराई स्त्री से दूर रखने के उपाय - मंत्र और टोटके ☏ +91-8621051786
अपने पति को अपने वश में करने के लिए बहुत ही आसान आसान उपाय आपको इस पोस्ट में मिलेंगे। हर एक पत्नी चाहती है कि उसका पति हमेशा उसी की बात माने और उसी से प्यार करे। लेकिन ऐसा होना कभी कबार मुश्किल भी हो जाता है। कई बार आप चाह कर भी अपने पति को अपने वश में कर पाने में असमर्थ रह जाती है। यह आपके लिए बहुत मुश्किल की घड़ी होती है। जब आपके पति पर कोई पराई स्त्री का जादू चलने लग जाये फिर तो आपका पति बिलकुल भी आपके आकर्षण में नहीं आ पायेगा। अपने पति को अपने वश में रखने के लिए और पति को पराई स्त्री से दूर करने का उपाय आपके लिए 100% गारंटी वाला समाधान है। इसकी मदद से आप अपने पति को अपने वश में रख सकती है।
पति पत्नी की जोड़ी में जब कोई तीसरा दस्त्ख दे तो यह आपके लिए बहुत ही बुरी बात का संकेत होता है। क्योंकि कोई पराई स्त्री आपके पति को शक्तिशाली रूप से वश में करने के काबिल होती है। इसलिए आपको ध्यान से अपने पति को अपने वश में रखने का उपाय करते रहना चाहिए।
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सौतन से कैसे छुटकारा पाए ?
अगर कोई पराई स्त्री आपके पति को अपने काबू में कर रही है तो वह आपकी सौतन बनने के लिए बहुत से रस्ते अपना सकती है। आपको अपने पति को  वश में करने के लिए उपाय करना चाहिए। लड़के लोग बहुत ही मासूम होते ही तभी वह किसी भी स्त्री की मासूमियत पर फ़िदा हो जाते है। इसी बात का पराई स्त्री फ़ायदा उठा लेती है। यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। क्योंकि आपकी सौतन आपके पति को अपने वश में करके अपने नियंत्रण में हमेशा के लिए ले सकती है। आपको बहुत अधिक सावधानी वरतने की जरूरत है। पति को पराई स्त्री से दूर रखने के उपाय से आप घर बैठे ही अपने पति को अपने काबू में ले सकते है।
कुछ घरेलू उपाय जो कि आप आसानी से कर सकती है :
पति की पसंद की चीज़े बनानी शुरू करे और बहुत ही प्यार से खिलाये भी।
पति की हर बात को प्यार से सुने और प्यार से हर बात का जवाब देना शुरू कर दे।
अगर आप संयुक्त परिवार में है तो अपने पति के परिवार वालो को खुश रखे।
अगर आप बच्चो वाले है तो कई बार ऐसा होता है कि पत्निया अपने बचो के साथ में व्यस्त हो जाती है। जिस वजह से पति का पत्नी के प्रति प्यार का आकर्षण खत्म हो जाता है। आप अपने पति का तब भी भरपूर ख्याल रखे।
पति के साथ बाहर घूमने जाए।
अपने पति के साथ बैठकर 10 मिनट के लिए बात करने की कोशिश जरूर करे।
पराई से पीछा छुड़वाने का मंत्र
अगर ���पके पति आपके वश में आ जाते है तो यह बहुत ही अच्छी बात है। लेकिन जब आपको लगे कि नहीं आपके पति आपके काबू में बिलकुल भी नहीं रहे है। तब आपको अपने पति को काबू में करने के लिए अपने ही पति का वशीकरण करना होगा। पति को पराई स्त्री से दूर रखने के उपाय आपके जीवन का एक मसीहा बन सकता है। इसलिए आपको ध्यान देना होगा कि आप सावधानी से इस उपाय कर प्रयोग अपने पति को वश में करने के लिए इस्तेमाल करे। और आप पराई स्त्री से पीछा छुड़ाने के लिए मंत्र का इस्तेमाल कर सकती है। यह मंत्र आपको वूडू विच क्राफ्ट स्पेल प्रदान करने वाले ज्योतिष मल्हार जी से मिलेगा। और आप अपने जीवयापन को और सही करने के लिए ज्योतिष से मिल भी सकती है।
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lifewealthcare · 2 years
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किसी दूसरी औरत के साथ उसका असर हो नाजायज संबंध हो बुरे स्वभाव वाला हो बुरा शुरू करता हो मारता हूं पीता हो हक अदा न करता हो बातचीत न करता हो अपने घर ले जाता हो खर्चा बर्चा ना देता हो तो ऐसे पति को सुधारने के लिए ऐसे पति को अपना गुलाम बना ने एक अनोखा ताबीज है और इस अनोखे ताबीज से पति को अपना गुलाम बनाया जा सकता है और कैसे भी बुरे स्वभाव वाले पति को सुधारा जा सकता है और उसके दिल में अपनी मोहब्बत को गहरी किया जा सकता है खास बात तो यह है कि ताबीज के इस्तेमाल से पति-पत्नी के बीच में ऐसी मोहब्बत गहरी हो जाती है कि दोनों दो जिस्म एक जान बन जाते हैं और लोग हैरत में पड़ जाते हैं कि कल तक जो लड़ाई झगड़े आपस में लड़ते झगड़ते थे एक-दूसरे से बातचीत नहीं करते थे आज इतनी गहरी मोहब्बत हो गई है एक दूसरे के बगैर जीना मुश्किल हो गया है तो मेरे साथ जानते हैं अभी इसके बारे में डिटेल के साथ जानते हैं इस अमल के बारे में डिटेल के साथ अनुपम अनुपम हो तो जाहिर सी बात है खास होती है स्पेशल होती है उसी तरीके से पति-पत्नी के बीच में मोहब्बत पैदा करने के लिए पति को सुधारने के लिए एक अनोखा ताबीज है यूनिट और इससे जो है पति को सुधारने में बहुत मदद मिलती है और जिंदगी जो है खुशहाल बन जाती है अगर किसी का पति वाकई वह वाला है मारता हूं तो हक अदा करता हो और जिसकी वजह से जो है जिंदगी नरक बन चुकी हो तो पति को अपना गुलाम बनाने के लिए पति को सुधारने के लिए पति के दिल में अपनी मोहब्बत पैदा करने के लिए इसको आप जरूर तैयार कीजिए इस्तेमाल कीजिए और उसे फायदा हासिल की और गुणाकार अपनी दुआओं में वह सिर्फ और सिर्फ इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि गलत हो जाएगा वहां से भटक गया है और वह बुराई नहीं समझ रहा है वह आप को नहीं समझ पा रहा है वह आपकी पीड़ा को आप के दर्द को नहीं समझ पा रहा है तो ऐसे में जो है इस अमल कीजिए इंशाल्लाह कामयाबी जरूर मिलेगी ध्यान देने वाली है देख रहे हैं यही है यही है जो अनुपम है अनोखा है जो पति को सुधारने के लिए दिल में मोहब्बत पैदा करने के लिए पति को अपना गुलाम बनाने के लिए यह जो है जाना जाता है और यह बड़े काम का है यहां पर एक बात और बताना चाहता हूं कि गुलाम बनाने मेरा मतलब मेरा मेरी मुराद यह है कि पति को सुधारने के लिए यूज किया है क्योंकि इसको कई लोग सर्च करते हैं लोग जो है इसके बारे में पूछते हैं इसलिए मैंने इसकी वजह कर दिया और इसके बारे में बता भी दिया तो यही नक्शा अपने बनाना है लेकिन जो अपने स्क्रीन पर देख रहे हैं इसी चाल से इसे तरतीब से इसी सीखो इनसे आपने यह नक्शा बनाना है कि जिस खाने में एक नंबर की गिनती लिखी हुई है उसे खाने से अपने शुरू करना है और खाने में गिनती लिखी हुई उसे खाने में आपने दूसरे नंबर पर वह खाना बनना है गिनती लिखी हुई है इसमें भरने की चाल से आपने जो है समझ में नहीं आ रहा है मैं बताना चाहता हूं और यह जो है उसको भरने की चाल है अब आप देखिए कि जिस खाने में एक नंबर की गिनती लिखी हुई है उसे अपने भरना शुरू करना है जो ताबीज में जो संख्या लिखी हैं आपने लेनी है पर इस को फॉलो करते हुए चले जाना है यह भरने का तरीका हो गया अपने दिलो-दिमाग में अपने टारगेट को अपने नियत को रचा लेना है बसा लेना है कि इसलिए मैं बना रही हूं इसलिए ��ो है आज को इस्तेमाल कर रही हूं तो यह जो है काम करता कर देगा और इस तरह से जो है आप अपने पति को सुधारने में कामयाब हो जाएंगे अपने जिंदगी में खुशियां वापस ले आएंगे और इस तरह से आप जो हैं खुशहाल हो जाएंगे तो इस वीडियो में बस इतना ही उम्मीद करता हूं कि जानकारी यह वीडियो आपको पसंद आया होगा तो वीडियो को प्लीज लाइक कर दीजिए और कम से कम 50000 लाइक तो इस वीडियो को मिलना ही चाहिए क्योंकि पति पत्नी जैसे पास रिश्ते को एक करने के लिए अमर बताया गया है तो अभी मुझे दीजिए इजाजत मिलते हैं एक और अच्छी वीडियो के साथ उपाय उसी के साथ तब तक खुश रहिए अपने और अपनों का ख्याल रखिए
किसी दूसरी औरत के साथ उसका असर हो नाजायज संबंध हो बुरे स्वभाव वाला हो बुरा शुरू करता हो
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वास्तुदोष जो घर में क्लेश का कारण बनते है जाने इसके उपाय
आप मनो या ना मानो लेकिन ग्रहो का आपके जीवन के ऊपर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।इससे आपके जीवन में कई तरह की समस्या होती ही रहती है। इसका प्रभाव आपके जीवन पर बहुत बुरी तरह से पड़ता है। आपको ध्यान में रखना है कि आपकी कुंडली में कोई चक्र व्यू खराब दिशा में तो नहीं है न। आपको अपनी हर तरह की परेशानी के बारे में समझना बहुत जरूरी है। अपने जीवन के बारे में अच्छा करना आपका ही अधिकार है।  आपको अपने ग्रह क्लेश के संकेत आपके घर में होने वाली गतिविधिया ही दे देती है। आपको ध्यान में रखना चाहिए कि कोई ग्रह आपके जीवन को बर्बाद करने वाले भी होते है। हमेशा अपने लिए कुछ अच्छा जरूर करने की कोशिश करे। आपको ही अपने भविष्य को अच्छा बनाना है। नहीं तो बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।
बहुत सी वजह है जिसके कारण घर में क्लेश बढ़ता है। आपके ग्रह में सूर्य के साथ अगर पापी ग्रह विद्यमान है तो आपका क्लेश कभी समाप्त नहीं होगा अगर आप अस्त्रोलोगेर की मदद नहीं लेते है तो। आपको अपने जीवन को अच्छा करने के लिए एस्ट्रोलॉजी की सहायता लेनी बहुत जरूरी है। एस्ट्रोलॉजर की मदद से ही आप  अपने जीवन की दशा को बदल सकते है।
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गृह क्लेश के उपाय
यदि आपके घर में क्लेश रोज होता है तो यह बहुत ही बुरी बात है। इससे आपके घर में किसी के काला साया बटकने का बहुत ही बड़ा हाथ होता है। यह आपके भविष्य के लिए भी सही नहीं है। आपको अपने भविष्य के बारे में अच्छा सोचने का पूर्ण अधिकार है। घर में क्लेश सिर्फ पति पत्नी का ही नहीं बल्कि भाई बहन और बच्चो का माता पिता के साथ भी हो सकता है। यह आपके जीवन के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। यह आपके भविष्य को बहुत बुरी तरह से तबाह कर सकता है। आप अपने अच्छे के लिए ही एस्ट्रोलॉजी की मदद लेंगे। इसमें पंडित जी का कोई भी फयदा नहीं है। उनका अगर कोई फयदा होगा भी तो वह है कि वह आपको हमेशा के लिए खुश रख सकते है।
अगर आपका बच्चा आपकी कोई बात नहीं सुनता और आपकी हर बात का विरोध करता है तो इसके लिए आपको अपने बच्चे के माथे पर रोज चंदन का टिका लगाना है। केसर में मिलकर चंदन का टिका करने से अपने बच्चे आपकी हर बात मैंने लग जायेंगे।
अगर घर की महिलाओ में आपस में नहीं बनती है तो उनको एक आते की चाकी किसी मंदिर में दान करनी चाहिए।
सामूहिक परिवार में कोई न कोई आपस में लड़ता ही रहता है और उनके बिच में बिल्कुल भी नहीं बनती है और वह आपस में एक दूसरे पर वार भी करते है तो ऐसे में आपको जौ लेकर उसे दूध में धोकर फिर एक बंद कमरे में रख दे ध्यान रहे उसी कमरे में रखे जहां पर कोई आता जाता ना हो।
अगर आपकी आपके पिता से, चाचा से या ताऊ जी से नहीं बनती है तो रविवार, मंगलवार, और वीरवार को लोहा, काला कपडा, और काले छानने को दान में दे। आप इनमे से कुछ भी दान में दे सकते है।
जिन लोगो की अपने माता पिता के साथ नहीं बनती है उनको 21 दिन तक कुछ न कुछ दान में देते रहना चाहिए।
जिस घर में बेटे की अपने पिता के साथ नहीं बनती है उसे गेहूं मंदिर में दान करना चाहिए।
अगर भाई बहन की आपस में नहीं बनती है तो उनके माता पिता को किसी मीठी चीज़ का दान करना चाहिए।
अगर आपकी अपनी बहन से नहीं बनती है तो आपको मंदिर में साबुत मुंग दान में देनी चाहिए।
अगर सास ससुर के बीच में झगडे होते है तो ऐसे में चने की खीर बनाकर गरीबो में खिलानी चाहिए।   दान में देने से आपके परिवार के संबंध आपके साथ में और भी अधिक अच्छे होते है। बाकि किसी समस्या की जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर जा सकते है। https://www.bestastrologerinusa.com/
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sethiquotes · 3 years
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*(गणतंत्र दिवस पर विशेष)*
*---आप के लिए क्रोध की दवा---*
*एक महिला थी, जिसको बात-बात पर गुस्सा करने की बहुत बुरी आदत थी। उसकी इस आदत की वजह से उसका पूरा परिवार परेशान था और परिवार में कलह का माहौल बना रहता था।*
*वह महिला भी अपनी इस आदत से बहुत परेशान थी। उसे हर छोटी-छोटी बात पर एकदम से गुस्सा आ जाता था।*
*एक दिन उस महिला के घर उनके पति के बचपन के एक मित्र, परिवार के साथ मिलने आए। वह पेशे से डॉक्टर थे। बातों बातों में उन्होंने पूछ लिया कि, "और बताओ भाभी जी, कैसा चल रहा है।" अचानक से जैसे महिला के दिल की तकलीफ को किसी ने छू लिया हो। उसकी आँखें भर आई। वह बोली, "मुझे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और उस पल मैं चाहकर भी अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं रख पाती। बाद में इसका मुझे बहुत अधिक पछतावा होता है और इससे मेरी तबियत भी बिगड़ने लगी है। मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता है। ऐसा लगता है, जैसे मेरे क्रोध ने मेरी जीवन की खुशियों को छीन लिया है।”*
*डॉक्टर मित्र ने बड़े ही शांत भाव से उस महिला की तकलीफ को सुना। फिर वे उनकी तरफ देखते हुए प्यार से मुस्कराये और कहा, "भाभी जी बस इतनी सी बात! अभी कुछ ही दिन पहले मेडिकल साइंस ने गुस्से की एक मेडिसिन ईजाद की है। हजारों लोगो को इससे बहुत फायदा हुआ है। मैं हर पल उस दवाई को अपने साथ रखता हूँ।" फिर उन्होंने अपने बैग से एक दवा की शीशी निकालकर उन्हें दी और कहा कि, "जब भी गुस्सा आये, इसमें से चार बूंद दवा अपनी जीभ पर डाल लेना और 10 मिनट तक दवा को मुँह में ही रखना है और इस दौरान कुछ भी नहीं बोलना है। 10 मिनट तक मुँह नहीं खोलना है, नहीं तो दवा असर नहीं करेगी।”*
*महिला के चेहरे पर एक उम्मीद की किरण आ गई और उसने डॉक्टर के बताए अनुसार दवा का प्रयोग शुरु किया। जैसे ही उसे गुस्सा आता, वह एकदम से मुँह मे दवा डाल देती। इस तरह करते-करते उसे 15 दिन बीत गए। ‌15 दिन में ही उसकी गुस्सा करने की आदत कम होने लगी। और वह बहुत खुश रहने लगी। 15 दिन बाद वह महिला अपने पति के साथ उन्ही डॉक्टर से मिलने गई। जैसे ही वह उनके चेम्बर मैं गई, उसकी आँखें फिर भर आई, पर इस बार आँसू खुशी के थे। नम आँखों से उसने कहा कि, "इस दवा से मेरा क्रोध लगभग गायब हो गया है। अब मुझे इतना गुस्सा नहीं आता और मेरे परिवार में भी अब शांति का माहौल रहता है। मैं जीवन भर आपकी आभारी रहूँगी। मुझे गुस्से को दूर करने की दवाई और दे दीजिए।”*
*एक बार डॉक्टर फिर मुस्कराये, पर इस बार उनकी मुस्कराहट मे शरारत थी और फिर वे बोले, "भाभी जी मैंने आपको कोई दवाई नहीं दी । बस वह तो सादा पानी था।"*
*महिला ने आश्चर्य से पूछा कि,"फिर मेरा क्रोध कैसे कम हो गया।" डॉक्टर ने कहा, "जब आप गुस्से के आने पर इस दवाई को अपने मुँह मे रखती थी, उन ठहराव के पलों मे आपका क्रोध रूपी नकारात्मक ऊर्जा शांत होकर ठहर जाता है और ये ठहराव के पल हमारी विवेक की शक्ति को जीवंत कर देते है।"*
*इस तरह हम इस क्रोध नामक बदसूरत उर्जा को करुणा के एक सुंदर फूल के रूप में बदल सकते हैं।*
*दोस्तो, हम में से कई लोग अपनी इस आदत से परेशान होंगे और कोई-न-कोई उपाय तलाश रहे होंगे, इस गुस्से से छुटकारा पाने का।*
*हार्टफुल्लनेस इंस्टिट्यूट के वैश्विक गाइड डॉ कमलेश डी पटेल जिन्हें हम प्यार से दाजी बुलाते है, वे कहते है "अगली बार जब आपको गुस्सा आए तो उसे सिर्फ नोटिस करें कि कैसे यह गुस्सा मेरे अंदर बह रहा है। उसे दबाने की बिल्कुल कोशिश ना करें। बस पूरी तरह जागरूक हो जाए। बस इतने से काम के अगर आप साक्ष्य बन जाते हैं, तो यह अंधेरे में रोशनी की किरण की तरह काम करेगा। जैसे ही आप जागरूक हो जाते हैं कि मेरे भीतर क्या चल रहा है, अचानक शांति उतरने लगेगी। जो ऊर्जा मेरे भीतर क्रोध को ईंधन दे रही थी, वही ऊर्जा मेरी शांति को ईंधन देने लगेगी। यह ऐसी हालत होगी जो आपने पहले कभी भी अनुभव नहीं की होगी। यह विपरीत परिस्थिति स्वयं क्रोध की वजह से ही होगी। जैसे जैसे हम ज्यादा जागरूक होते जाएँगे, हमें हमारे क्रोध से यू-टर्न लेने में उतना ही कम समय लगेगा। अधिक से अधिक जागरूकता होने पर कम से कम समय लगेगा क्रोध से यू-टर्न लेने में।*
♾️
‌*विशेष आग्रह---*
 *“क्रोध को बाहर प्रकट न करें बल्कि स्वयं में परिवर्तन लाने के लिए अपनी  ओर मोड़ दें।”*
*जरूर नोट करें---*
*मुझे मालूम है मुझ से भी इस ग्रुप में एक मेम्बर बहुत क्रोधित हैं। जब वह मुझसे बात कर लेंगे तो मैं समझूंगा कि उन्होंने मुझ पर विशेष कृपया करी है और अब वह गुस्सा नहीं हैं।*
*उनके फोन का बेसबरी से इंतजार है।*
*कृपया देर ना करना।*
*ना जानें, फिर मिलना हो ना हो।*
*कल कभी आती नहीं,याद रह जाती है।*
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amliyatduniya · 3 years
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किसी से पीछा छुड़ाने के सरल उपाय, “जब आप किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती या रिश्ते बनते है, तो आपको उस व्यक्ति बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। उसका स्वभाव किसी प्रकार है, आपको इस बात का भी बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं होता है। जब कोई लड़का या लड़की किसी से रिश्ता बनाता है। तब कुछ समय तक रिश्ता ठीक से चल चलता है। लेकिन जब वो आप पर पाबन्दी लगा देता है। आपको कही भी आने जाने नहीं देता। आपको अपना गुलाम बना कर रखता है। इसे में आप उस व्यक्ति से दूर जाना ही बेहतर समझते है। किसी व्यक्ति ने परेशान कर रखा है। और आप उसको भूल कर उससे पीछा छुड़वाना चाहत है। आज हम आपके लिए किसी से पीछा छुड़ाने के सरल उपाय देंगे।
ज़िन्दगी में कुछ पल ऐसे आते है। जो आपकी ज़िन्दगी में चार चाँद लगा देते है। कभी कभी किसी से दोस्ती और प्यार करना महंगा पड़ जाता है। जब आप किसी की जीने की वजह बन जाते है। तो वो व्यक्ति आपको भूल कर भी नहीं भूल सकता है। वो आपको ऐसा जख्म दे जाता है। जिसकी कभी अपने उम्मीद तक नहीं की होती है। इस मंत्र को बोलने से लड़का या लड़की आपका पीछा करना बंद कर देगा। उसके बाद आप अपनी ज़िन्दगी में खुश और लड़का अपनी ज़िन्दगी में खुश रहेगा।
आपका रेलशनशिप बहुत सालों से चला आ रहा होता है। जब उम्र शादी की होती है, तो एक दूसरे से अलग होना पड़ता है। कुछ लोग तो अपने घरवालों को मन कर लव म��रिज कर लेते है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते है। जो अपने घरवालों को मन पाने में असमर्थ होते है। लड़की अपने बॉयफ्रेंड से शादी नही कर सकती तो, वो इस उपाय को बिना सोचे कर सकती है। उपाय का असर जल्द देखने को मिल जायेगा। और लड़के से आपको हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी।
अगर कोई व्यक्ति आपके हाथ धोकर पीछे पड़ा है। आपसे शादी की बात कहती है। ऐसे हालात में आपको सबसे पहले उस व्यक्ति को नज़रंदाज़ करना है। अगर फिर भी वो आपको परेशान करता है, तो आप इस उपाय को करे। इस उपाय को लड़की अपने बॉयफ्रेंड के लिए और लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कर सकते है। इस उपाय को दूसरा प्रमुख कारण है कि इससे पति पत्नी एक दुसरे के लिए कर सकते।
लड़की से पीछा छुड़ाने के उपाय
अक्सर देखा जाता है, की जब लड़का और लड़की एक दूसरे से प्यार करते है, तब तक ठीक होता है। लेकिन जब बात शादी की आती है। तो लड़का अपने घरवालों की मर्ज़ी से शादी करने की सोचता है। ऐसे हालात में जब लड़का अपनी प्रेमिका से ब्रेकअप करना चाहता है, तो लड़की ब्रेकअप करने से साफ़ मना कर देती है। तब लड़के की मुसीबत और भी बढ़ जाती है। न चाहकर भी वो लड़की से पीछा नहीं छुड़वा पाते है। आज हम लड़की से पीछा छुड़ाने के उपाय बताएंगे। जिस करने के बाद आपकी प्रेमिका दूर हो जाएगी।
रिश्ता खत्म करना बहुत मुश्किल भरा होता है। ब्रेकअप के दिन लड़का लड़की बहुत रोती है। लेकिन घर की कुछ मजबूरयो के सामने झुकना ही पड़ता है। लड़का अपने माँ बाप की इज्जत के लिए अपनी प्रेमिका को भी छोड़ देता है। लेकिन लड़की रिश्ता नही तोडना चाहती है, वो अपने प्रेमी से शादी करना चाहती है। ऐसे में लड़के को समझ में नही आती की करे तो क्या करे। उसके लिए लड़का यह उपाय करे। उसके बाद लड़की आपको हमेशा के लिए छोड़ कर चली जाएगी।
यह उपाय बहुत ही चमत्कारी और अचूक है।
इस उपाय को लड़का लड़की दोनों कर सकते है। बस आपको इस उपाय को शुद्ध अवस्था में करना है।
महीने के पहले मंगलवार की रात 10:30 इस उपाय को करना है।
सर्वप्रथम एक कटोरी में थोड़ा पिसा हुआ लकड़ी का कोयला, चमेली का तेल, चौराहे की मिट्टी, ३ बूँद गुलाब जल, माधार आकड़े का दूध डालना है। और उसका घोल बना ले।
इस घोल से एक पुराने जूते के पीछे लड़की का नाम और उसके नीचे उसकी माँ का नाम लिखे।
फिर इस जूते को किसी सुनसान जगह पर जाकर मिट्ठी के गड़े में दफ़न कर देना है।
और फिर बिना किसी से बात किये सीधे घर आकर फिर से सो जाना है।
इस शक्तिशाली प्रयोग से बुधवार के दिन से लड़की हमेशा के लिए आपको भूल जाएगी और आपका पीछा छोड़ देंगी।
लोग कहते है लड़की से पीछा छोड़ना आसान है। जबकि लड़की से पीछे कुछ प्राचीन उपाय और टोटके की मदद से किया जा सकता है। उपाय इतने सरल है, की इससे कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इन उपाय से लड़की पर किसी भी तरह का कोई गलत असर नहीं पड़ेगा।
लड़की से छुटकारा पाने के बहुत से कारण होते है। अगर आपकी गर्लफ्रेंड आपको धोखा दे रही है। आपके पीठ पीछे किसी और लड़के से बातें करती है। इस वजह से आपको बहुत तकलीफ होती है। आप उसको हमेशा के लिए छोड़ना चाहते है। तो आप इस उपाय को हमसे पुछ कर सकते है।
लड़के से छुटकारा पाने के उपाय
लड़का अगर किसी लड़की से प्यार करता है, तो दिल से करता है। और दिल से प्यार निकला बहुत मुश्किल काम है। जब कोई लड़की किसी लड़के से हँसकर दो चार दिन बात कर लेती है। तो लड़के उसको प्यार समझने लग जाते है। और धीरे धीरे लड़को के अंदर उस लड़की को पाने की तमन्ना पैदा हो जाती है। वो उससे शादी तक करने के बारे में सोचने लग जाते है।
एक तरफ़ा प्यार बहुत बुरा होता है। जब कोई लड़का किसी लड़की को प्रोपोज़ करता है। और लड़की उसके साथ रिश्ता निभाने के लिए मना कर देती है। लड़के को बहुत बुरा लगता है। उसकी भावना और अहंकार को बहुत ठेस पूछती है। इसलिए वो लड़की को दिन रात परेशान करना शुरू कर देता है। और लड़की उससे पीछा छुड़वाने के लिए बहुत कुछ करती है। वो उसका नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल देती है। लेकिन लड़का फिर भी दूसरे नंबर से मैसेज और कॉल करके लड़की को परेशान करता है, लड़के से छुटकारा पाने के उपाय,  लड़की इस उपाय को करती है, तो लड़का आज ही उसका पीछा छोड़ देगा।
इस विधि को करने से पहले आपको कुछ सामान लेकर अपने पास रख लेने है।
जैसे सियार दन्ति, नाव की कील, काला घोडा का नाल, एक पाताल अस्टिकी, मंत्र धात्री और एक मीठी सुपारी को एक काले कपडे में गांठ बांधकर रख लेना है।
शनिवार की सुबह सूरज उगने से पहले आपने बिना नहाये किसी नदी के पास जाना है।
नदी के किनारे के पास पास गीली मिट्ठी में उस पोटली दबा देना है।
उसके बाद घर आ जाना है। फिर शाम को सूरज ढलने के बाद वही नदी के पास जा कर उस पोटली को बाहर निकलना है।
पोटली के सामने धुप या अगरबत्ती जलानी है और नरसिंह रक्षा स्तोत्र का २१ पाठ पढ़ें।
और पोटली को नदी में बहा देना है। उसके बाद आपको उस लड़के से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी।
जब कोई लड़का किसी लड़की को बिना किसी वजह परेशान करता है। तो ज्यादातर लड़की डर जाती है। और वो अपनी परेशानी किसी दोस्त या अपने घरवालों से भी नहीं कह पाती है। अब आपको परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। आप इस उपाय को बिना किसी को बताये अपनी समस्या को खुद हल कर सकते है।
किसी व्यक्ति से पीछा छुड़ाने का उपाय
प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। जिसकी वजह से लोग पराये लोगो के प्रेम जाल में फस जाते है। और अपनों को भूल जाते है। अगर आप भी किसी अनजान व्यक्ति के प्रेम जाल में फस चुके है। और अब उससे निकलना चाहते है। कुछ प्राचीन उपाय और टोटके है। जिनकी मदद से आप इस परेशानी से बाहर निकल सकते है।
कुछ गलतियों की सजा आपको जन्म भर तक भुगतनी पड़ती है। लेकिन आपको थोड़े ही समय के बाद पता चलता है। आप जिसके साथ रिश्ता निभा रहे है। वो रिश्ता ही गलत है। जो आगे जाकर आपकी परेशानी का सबक बन जायेगा। आप उस व्यक्ति से पीछा छुड़वाने की बहुत कोशिश करते है। लेकिन वो आपका पीछा नहीं नहीं छोड़ेगा। आपको बार बार मैसेज और कॉल करके परेशान करेगा। आपका जीना दुश्वार कर देगा।
किसी को अपना बनाना बहुत आसान है। लेकिन उससे पीछा छुड़वाना उतना ही कठिन होता है। आपकी ज़िन्दगी में सब कुछ अच्छे से चलता है। कुछ समय बाद ऐसा तूफान आता है। जो आपकी ज़िन्दगी को तबाह और बर्बाद कर देता है। आप न चाहकर भी उसे पीछा नहीं छुड़वा पाते है। आप जितना उससे दूर जाने की कोशिश करते हो। वो आप पर उतना ही मानसिक दबाब बनता है।
वैसे तो किसी व्यक्ति से पीछा छुड़ाने बहुत सरल है। लेकिन कुछ व्यक्ति से पीछा छुड़वाने के लिए काला जादू करवाते है। जिससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रेभ पड़ता है। उसकी जान को भी खतरा हो सकता है। लेकिन आपको काला जादू नही करना है। आपको हम्हारे बताये गये उपाय को करना है करने होंगे।
पराई औरत से पीछा छुड़वाने के उपाय
आपकी शादीशुदा ज़िन्दगी  में कोई एक पराई औरत बिना बुलाये मेहमान की तरह आ जाती है। और फिर आप दोनों बीच धीरे धीरे की नजदीकियां बढ़ती चली जाती है। ��प यह भी नही सोचते है, की आपकी बीवी और बच्चे है। और उस पराई औरत से आपको प्यार हो जाता है। लेकिन कुछ समय बाद आपको पता चलता है। की आप जिस रास्ते से जा रहे है। उसकी कोई मंजिल ही नहीं है। और आप यू टर्न लेकर फिर से अपनी बीवी और बच्चे की तरफ आ जाते है।
हर मर्द का ऐसा स्वभाव होता है, की वो सुन्दर औरत देखकर उन पर मोहित हो जाता है। अक्सर देखा जाता है, की मर्द किसी पराई औरत के चक्कर में पड़ कर अपना घर बर्बाद कर लेता है। अपने बीवी बच्चो तक को खो देता है। पराई औरत से रिश्ता रखने पर पति पत्नी के बीच लड़ाईया शुरू हो जाती है। जो आगे चलकर तलाक का मुख्य कारण बन जाती है।
किसी पराई औरत ने हँस दिया तो मर्द बस उसके पीछे ही दीवाना हो जाता है। उसको अपनी गलती का अहसास कुछ समय बाद मालूम होता है। फिर मर्द औरत से पीछा छुड़वाने की लाख कोशिश करता है। पर वो औरत उसका पीछा छोड़ने के लिए तैयार नहीं होती है ऐसे में आप यह में आप असरदार और और कामयाब उपाय करे है। वो औरत आपका पीछा तुरंत ही छोड़ देगी।
आप इस उपाय को अपनी पत्नी या पति के लिए भी कर सकते है। अगर आपकी पत्नी से रोज़ लड़ाई झगड़े होते हो। पत्नी के झगड़े की वजह से घर का पूरा माहौल बर्बाद हो चूका हो। और आप अपनी पत्नी के साथ अब एक पल भी नहीं रहना चाहते हो। तो आप इस उपाय को कर सकते है। इस उपाय को करने के बाद आपकी पत्नी खुद ही आपको तलाक़ दे देगी। बस आपसे गुज़ारिश करते है, की आप इस उपाय का गलत इरादे से इस्तेमाल नहीं करे। किसी पराई औरत को पाने के चक्कर में इस उपाय का बिलकुल न करे।
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प्रेगनेंसी में इम्यूनिटी पावर कैसे बढ़ाए |Pregnancy Me Immunity Power Kaise Badhaye
मां बनना हर औरत का सपना होता है। मां बनने से औरत को संपूर्ण माना जाता है। एक औरत के जीवन में एक पल ऐसा भी आता है, जब वह ऐसे दौर से गुजरती है जब सारी दुनिया की खुशी अपने पास ही पाती है।
मां बनना किसी भी औरत के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ होता है पर ऐसे समय में खुद का ख्याल रखने की भी जरूरत होती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि अपने खान-पान दिनचर्या को ध्यान में रखते हुए इम्यूनिटी पर पूरा ध्यान दिया जाए। कई बार इम्यूनिटी पावर कम हो जाती है जिससे महिलाओं को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे ही लाजवाब टिप्स बताने जा रहे हैं जिनसे आप प्रेगनेंसी में भी अपनी  इम्यूनिटी पावर को बढ़ा सकते हैं।
प्रेगनेंसी में यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए ले इन  आहारों को
प्रेगनेंसी में पूरा घर महिला का ध्यान रखता है लेकिन इस समय खुद का ध्यान रखना भी बहुत ही जरूरी हो जाता है। जब तक मां की  इम्यूनिटी सही नहीं होगी तब तक बच्चा भी सही तरीके से विकसित नहीं हो पाएगा इसीलिए इम्युनिटी के लिए मां को विशेष आहार लेने की आवश्यकता होगी।
1) कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने का कार्य करती है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से कैल्शियम युक्त आहार जैसे चिकन, दूध, पनीर, दही, लेती हैं तो इससे आपकी  इम्यूनिटी में बहुत फर्क पड़ेगा।
2) जिंक
अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने आहार में जिंक का उपयोग करें ,तो निश्चित रूप से यह इंफेक्शन को कम कर अपनी इम्यूनिटी को भी बढ़ाती हैं। इसके लिए आप खजूर का उपयोग कर सकती हैं।
3) विटामिन ए
विटामिन ए युक्त आहार सभी के लिए आवश्यक और लाभदाई हैं लेकिन अगर प्रेग्नेंट महिलाएं विटामिन ए का बहुतायत उपयोग करें तो निश्चित रूप से   इम्यूनिटी बढ़ती नजर आएगी। प्रेग्नेंसी के समय किसी भी रोगों से शिशु की रक्षा करता है यह सामान्यतः  आम, गाजर, बादाम, सभी मेंवो, अंडे, दूध में पाया जाता है।
4) डेयरी उत्पाद
इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा डेयरी उत्पाद का इस्तेमाल करना भी अति लाभदाई होता है, जो किसी भी बीमारी से मां और शिशु को दूर रखता है।
5) लहसुन
लहसुन में गजब की रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इसका यदि सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए तो प्रेगनेंसी में भी इम्यूनिटी  को बनाए रखा जा सकता है।
6) प्रोटीन
अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने आहार में प्रोटीन का उपयोग करें तो यह भी लाभदाई होगा।  प्रोटीन हीं होते है, जो हमारे इम्यून सिस्टम का निर्माण करते हैं ऐसे में यह बहुत ही आवश्यक है कि अपने आहार में प्रेगनेंसी में प्रोटीन को शामिल किया जाए।
हंसना भी है आवश्यक क्रिया
हंसना एक बहुत ही खूबसूरत किया है जिसमें शरीर के सभी अंग सक्रिय रूप से कार्य करते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट है, तो ज्यादा से ज्यादा खुश रहने और हंसने की आदत  डालें। एक सर्वे के अनुसार ऐसा माना गया है कि हंसते रहने से हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है। खासतौर से प्रेगनेंसी में किसी भी दुख, परेशानी, तनाव से दूर रहने की कोशिश करिए और हंसकर अपने इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं। अगर आप हंसते रहेंगी और खुश रहेंगी तो इसका सीधा असर आपके बच्चे की  इम्यूनिटी पर भी पड़ेगा और बच्चा भी स्वस्थ रहेगा।
अपनी इम्यून सिस्टम मजबूत करें इन तरीकों से भी
ऐसा माना जाता है कि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में कमजोरी और थकान आने लगती है। इस वजह से इम्यूनिटी में फर्क पड़ने लगता है। अगर आप अपनी  इम्यूनिटी को पूरे 9 महीने बरकरार रखना चाहती हैं, तो इन तरीकों को अपनाएं और साथ ही साथ अपने शिशु को भी स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए।
1) थोड़ा व्यायाम जरूर करें
अगर आप थोड़ा समय निकालकर व्यायाम कर ले, तो यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार होगा। साथ ही साथ यह आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद होगा। अगर आप डायबिटीज से भी ग्रसित हैं, तो ऐसे में भी आप  व्यायाम के माध्यम से भी अपनी  इम्य��निटी को बढ़ा सकती हैं।
2) उचित आहार लें
प्रेगनेंसी में सभी प्रकार के पोस्टिक आहार जैसे प्रोटीन, विटामिन, वसा ,कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार ले। इन सभी आहारो को पर्याप्त मात्रा में लेने पर आपकी इम्यूनिटी में फर्क पड़ेगा। साथ ही साथ आप मेवो, फलों का सेवन अनिवार्य रूप से करें।
3) भरपूर नींद लें
ऐसे समय में आपको आराम की सख्त आवश्यकता है। ऐसे में आप भरपूर नींद, आराम ले। पर्याप्त नींद लेने से आपकी थकान दूर होती है और इससे आपकी  इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
4) संगीत सुनें
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके पास करने को कोई काम नहीं है, तो ऐसे में आप अपना मनपसंद संगीत सुन सकती हैं। संगीत सुनने से हमारा दिमाग सक्रिय होकर इम्यूनिटी को बढ़ाने का कार्य करता है इसीलिए खाली समय में आप  संगीत सुनें।
घरेलू उपाय भी हो सकते हैं कारगर
कई बार ऐसा भी होता है कि प्रेगनेंसी में बहुत से समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय करके भी अपने इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए आप भोजन में ज्यादा से ज्यादा हल्दी, जीरा, लहसुन का उपयोग करें तो यह बहुत ही फायदेमंद होगा। इसके अलावा गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पिए तो इससे भी फायदा नजर आता है और घटती इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए हर्बल चाय का भी उपयोग किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में किन आहारो से रहें दूर
प्रेगनेंसी में अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना होता है। ऐसे में इन   आहारो को लेने से बचना होगा जिनसे इम्यूनिटी में फर्क पड़ता है। कई बार महिलाओं को पर्याप्त जानकारी नहीं होती तो आज हम उन आहारो के बारे में बता रहे हैं, जो आप प्रेगनेंसी में ना लें तो ही बेहतर है।
1) पपीता |papita
पपीते को कभी भी प्रेगनेंसी पीरियड में नहीं खाना चाहिए। पपीते में अत्यधिक मात्रा में लेटेक्स होता है, जो भ्रूण के विकास में बाधक है अतः इस फल से दूर ही रहे।
2) चायनीज फूड |chinese food
लोगों को चाइनीस फूड ज्यादा ही पसंद आते हैं। प्रेगनेंसी में महिलाओं को तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है कुछ भी हो लेकिन ऐसे समय में ज्यादा मात्रा में चाइनीस फूड नहीं खाना चाहिए। चाइनीस फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामैट होता है, जो  इम्यूनिटी को कम करने का काम करता है और भ्रूण को भी नुकसान होता है। ऐसे में चाइनीस फूड से दूरी बना ले।
3) जिमीकंद | jimikand
प्रेगनेंसी में अपनी इम्यूनिटी को बचाए रखना है, तो  जिमीकंद से दूर रहना होगा। जिमीकंद की तासीर गर्म है, जो प्रेगनेंसी में बच्चे की उन्नति कम करने का भी काम करती है।
4) धूम्रपान और शराब | dhoomrapaan aur sharaab
प्रेगनेंसी में शराब और धूम्रपान से दूर रहना ही बेहतर होगा। शिशु के विकास में बाधक होने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बहुत हद तक कम कर देते हैं अतः इनसे दूरी ही बना ले।
5) चाय और कॉफी | chai or coffee
लोगों को चाय और कॉफी का बहुत ज्यादा ही शौक होता है लेकिन इससे इम्यूनिटी कम होने लगती है खासतौर से प्रेगनेंसी में। चाय और कॉफी में कैफीन होती है जो निश्चित रूप से स्वास्थ्य में गिरावट और इम्यूनिटी कम करने का काम करती है। इन्हें सीमित मात्रा में लेना ही बेहतर होगा।
6) तुलसी के पत्ते | tulsi ke patte
तुलसी को औषधि रूप से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। इसके उपयोग से हम सभी वाकिफ हैं लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हानि प्रद हो सकता है। तुलसी में एस्ट्रो गोल उपस्थित होता है जो शिशु के विकास में भी बाधक होता है।
pregnancy me immunity power kaise badhaye
घरवालों को रखना होगा विशेष ध्यान
जब भी कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे सबसे ज्यादा जरूरत अपने घर वालों की होती है खासतौर पर पति की। ऐसे में घर वालों को भी पूरी तरह से महिला का ध्यान रखना चाहिए और उसे खुश रखना चाहिए। जब महिला खुश रहेगी तो प्रेगनेंसी में स्वता ही इम्यूनिटी बढ़ जाएगी इसलिए किसी भी तनाव, प्रेशर से दूर रख कर खुश रहने में ही भलाई है। जीवन में प्रेगनेंसी का दौर बहुत ही महत्वपूर्ण है इसे खुश होकर इससे खुश होकर जिए और घर वालों को भी प्रेग्नेंट महिला की हर खुशी का ख्याल रखना होगा तभी एक स्वस्थ बच्चे का विकास हो पाएगा और कोई भी दिक्कत नहीं आ पाएगी।
महामारी मे ध्यान रखें खुद का
अगर आप प्रेग्नेंट है, तो इस महामारी में अपना खुद का ही ध्यान रखना होगा। प्रेग्नेंट होने पर खुद के साथ साथ बच्चे की जिम्मेदारी भी आपके ही कंधों पर है। ऐसे में सही आहार लें और खुद का सही तरीके से ध्यान रखें। बाहरी लोगों से मिलने से बचें और बाहर तभी निकले जब आपको ज्यादा जरूरत हो।  इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फल, हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल करते रहे। साथ ही साथ गाजर, पालक का सूप व जूस जरूर लें ताकि आपकी इम्यूनिटी इस महामारी में भी बरकरार रहे। यह तो हम नहीं जानते हैं कि महामारी कब खत्म होगी पर इस दौर में खुद का ध्यान रखते हुए अपनी  इम्यूनिटी को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। खुद का ध्यान रखें और स्वस्थ रहे।
निष्कर्ष
इस प्रकार से देखा गया है कि यदि प्रेगनेंसी में खुश रहकर तनाव को दूर कर सही आहार लिया जाए तो अपनी मिनिटी को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो भी इस माध्यम से भी इम्यूनिटी को बढ़ा सकती हैं। अपने इस कीमती समय को एंजॉय करिए और किसी भी प्रकार के तनाव से दूर  रहकर ध्यान रखें। खुद का ध्यान रखने पर ही आप बच्चे पर ध्यान दे पाएंगे। हंसते रहिए, मुस्कुराते रहिए और आने वाले सुनहरे कल की शुरुआत करिए।
हमारा लेख पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद है यह आपके लिए लाभप्रद होगा।
Reference : https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-me-immunity-power-kaise-badhaye/
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बहुत से प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे से बहुत प्यार करते है, वो हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ रहना चाहते है, लेकिन किसी कारण वश एक- दूसरे के प्रति मन मुटाव आ जाता है. ऐसी परिस्थिति में वशीकरण मंत्र प्रेमी प्रेमिका को एक दूसरे के पास लाने का एक अचूक उपाय है.वशीकरण मंत्र का उपयोग करने के बाद प्रेमी और प्रेमिका के बिच के मन मुटाव दूर हो जाते है और तो और उनका प्रेम सम्बन्ध काफी ज्यादा अच्छा हो जाता है.|
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lovebackspell · 7 years
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किसी को आँखों से ही वश में करने का शक्तिशाली उपाय किसी को आँखों से ही वश में करने का शक्तिशाली उपाय यदि टोटका ओषधि है तो टोना रोग है! टोना किसी दूसरे पर किया जाने वाला कृत्य है है , जिसका निवारण टोटके द्वारा किया जाता है! प्रायः अपने आस पास के परिप्रेक्षय में सुना देखा होगा की अमुक व्यक्ति पर जबसे किसी ने टोना करवाया है, तबसे वह विशिप्त सा रहने लगा है ! वस्तुतः कुछ दुष्ट लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने अथवा दूसरों को कष्ट पहुँचाने के लिए टोन का दुरूपयोग करते है, जो की मानवीय दृष्टि से उचित नहीं है, अपितु निंदनीय है! टोना एक प्रकार का अनुष्ठान है , जो अलग कार्यों के लिए अलग अलग उपायों एवम उनसे सम्बंधित मंत्रो द्वारा किया जाता है! तो आइये जानते है आज की इस अतिमहत्वपूर्ण टोटके के बारे में जिसकी सहायता से आप किसी की मनुष्य को पूर्ण रूप से अपने वश में कर सकते है लेकिन इस टोटके की सिद्धि आपको तभी प्राप्त होगी जब आप इस टोटके को पूरी श्रद्धा भाव से करेंगे! किसी को आँखों से ही वश में करने  के लिए contact miya peerji +91-9636232154
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"28 मई" की अफ़वाह से उत्पन्न खलबलियाँ (भाग 1)
ज़िन्गव्यू, फ्रांस
पहली बार जब मैंने यह अफ़वाह सुनी तो मेरे दिल पर एक अँधेरा छा गया था
मेरी माँ एक श्रद्धालु ईसाई है। जब से मैं चीज़ों को समझने के लायक बड़ी हुई, वह अक्सर मुझे प्रभु यीशु के बारे में कहानियाँ बताया करतीं, और मुझसे कहा करतीं कि प्रभु यीशु ही एक मात्र सच्चा परमेश्वर है। जब मैं 13 साल की हुई, तो मैं अपनी माँ के साथ कलीसिया गई। उस समय मुझे वास्तव में पादरी के उपदेशों को सुनकर अच्छा लगा, और मुझे बहुत विश्वास हुआ। मैं प्रत्येक सहभागिता में सक्रिय रूप से भाग लिया करती थी। लेकिन मैंने धीरे-धीरे पाया कि पादरी द्वारा दिए गए उपदेशों में कोई प्रबोधन नहीं था। वे हमेशा कुछ मतों और बाइबल की जानकारी को, या कुछ धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों को, दोहराया करते थे, और जैसे जैसे समय बीतता गया, मुझे उनके उपदेशों को सुनकर कोई आनंद नहीं मिलता था, और न ही मुझे ऐसा लगता कि मुझे जीवन प्रदान किया जा रहा था। इसलिए, मैं अब सहभागिताओं में कम से कम कम जाने लगी।
स्नातक होने के बाद मैं फ्रांस गई, और मैंने मन ही मन सोचा: “विदेशों में कलीसियाओं की स्थिति निश्चित रूप से हमारे मुल्क की कलीसियाओं की तुलना में बेहतर होनी चाहिए।” इसलिए, मैंने तुरंत कलीसिया की तलाश में शुरू कर दी। जब मैं एक चीनी कलीसिया में गई, तो मैंने पाया कि उनके दिए गए उपदेश वस्तुतः वही थे जो हमारी अपनी कलीसियाओं में दिए जाते थे, और उनके पास कहने के लिए कुछ नया नहीं था। कुछ समय बाद, उस कलीसिया ने कुछ अमरिकी पादरियों को उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने भी किसी प्रबोधन के साथ बात नहीं की। कलीसिया को फिर से जीवंत बनाने के लिए, पादरियों और पुराने लोगों ने हम विश्वासियों के लिए एक सैर का भी आयोजन किया, ताकि दर्शनीय स्थलों की एक यात्रा और मनोरंजन का उपयोग करके विश्वासियों के उत्साह को जगाया जा सके और उनके बाहरी सामर्थ्य और प्रसिद्धि को मजबूत किया जा सके। जब मैंने देखा कि कलीसिया का हाल ऐसा था, तो मैंने बहुत निराश महसूस किया, और एक बेहतर विकल्प न होने के कारण मैंने इसे छोड़ दिया। इसके बाद, मेरी बड़ी बहन मुझे एक और कलीसिया में ले गई, और मुझे आश्चर्य हुआ कि इस कलीसियाकी स्थिति और भी बदतर थी। सारे विश्वासी प्रसिद्धि और धन के लिए संघर्ष कर रहे थे। कलीसिया के भीतर विवाद और झगड़े उठ खड़े हुए और आखिरकार उन्हें अलग करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा था। इन दृश्यों को देखने के बाद मैंने फिर कभी भी किसी कलीसिया में जाना नहीं चाहा।
एक दिन, जब मैं अपनी बहन के घर में प्रवेश कर ही रही थी, तो वह मेरे पास दौड़कर आई और बोली: “क्या तुमने सुना? एक पूर्वी बिजली कलीसिया उभर आई है, और वे बहुत ऊंचे उपदेशों का प्रचार कर रहे हैं, जो कलीसियाओं से अच्छी भेड़ों को ‘चुराने’ पर केंद्रित हैं। मैंने सुना है कि सभी मतों और संप्रदायों की कई अच्छी भेड़ें और उनके चरवाहों ने पूर्वी बिजली को स्वीकार कर लिया है, और वे सब इस बात को फैला रहे हैं और प्रभु यीशु की वापसी की गवाही दे रहे हैं। मैंने यह भी सुना है कि एक बार यदि तुम पूर्वी बिजली में विश्वास करना शुरू कर देते हो, तो तुम बाहर नहीं निकल सकते हो, कि अगर तुम छोड़ना चाहते हो तो वे तुम्हारी आँखें निकाल लेंगे, तुम्हारी नाक काट देंगे और तुम्हारी संपत्ति को लूट लेंगे।” मेरी बहन ने मुझे बार बार चेतावनी दी और कहा कि मुझे सावधान रहना होगा और पूर्वी बिजली के खिलाफ़ मुझे खुद को सुरक्षित रखना होगा। जब मैं घर वापस लौटी तो मेरे पति ने भी मुझे पूर्वी बिजली के बारे में कुछ नकारात्मक बातें बताईं जो उन्होंने इंटरनेट से जानी थीं। इनमें 28 मई को झाओयुआन, शेडोंग स्थित मैकडॉनल्ड्स में हुआ ह्त्या कांड विशेष था जिसकी सीसीटीवी पर एक रिपोर्ट आई थी। इसके बारे में सुनने के बाद मुझे और भी डर महसूस हुआ, और उस पल के बाद पूर्वी बिजली ने मेरे दिल पर एक निराशा की छाया डाल ली थी।
अफ़वाहों के धोखे में आकर, मैंने मेरी माँ को पूर्वी बिजली में विश्वास करने से रोक दिया
एक शाम, मुझे अचानक घर से अपने भाई का फ़ोन आया और उसने मुझे बताया कि हमारी माँ पूर्वी बिजली में विश्वास करती है। मैं इस खबर से चौंक गई: यह सच नहीं हो सकता, क्या यह हो सकता है? माँ पूर्वी बिजली में कैसे विश्वास कर सकती थी? मैंने उन अफ़वाहों के बारे में सोचा जो मैंने सुन रखी थी, और मुझे चिंता हुई कि माँ के साथ कुछ अनर्थ होगा। कई रातों तक मैं करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई। मैंने मन ही मन सोचा” “यह ठीक नहीं है! मुझे माँ को रोकना होगा, मैं उन्हें पूर्वी बिजली में विश्वास करने नहीं दे सकती”। लेकिन हर बार जब मैंने अपनी माँ को फ़ोन किया और पूर्वी बिजली के बारे में इन्टरनेट पर रहीं अफवाहों के बारे में बताया, उन्होंने तुरंत ही फोन रख दिया। मेरे पास उन्हें मनाने का कोई तरीक़ा नहीं था। उसके बाद मेरे भाई और मैंने आपस में सलाह की और यह तय किया कि वह हमारी माँ के पीछे लगेगा और उन्हें पूर्वी बिजली में विश्वास करने से रोकेगा। बहरहाल, चाहे वह किसी भी तरीक़े का उपयोग करे, इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ, हमारी माँ अपने विश्वास में बिलकुल नहीं डिगी। चूँकि कोई अन्य विकल्प नहीं था, मेरे भाई-बहनों और मैंने इस पर बात की और हमने फैसला किया कि हम अपनी माँ को एक अंतिम धमकी देंगे: अगर उन्होंने पूर्वी बिजली में विश्वास करना जारी रखा, तो हम उन्हें त्याग देंगे। हमें आश्चर्य हुआ कि वे अपने दृष्टिकोण में दृढ थीं और उन्होंने पूर्वी बिजली में विश्वास करते रहने पर ज़ोर दिया। मार्च 2017 में, मेरी बड़ी बहन ने और मैंने घर जाने और हमारी माँ को फ्रांस ले आने का फैसला किया, हमने सोचा था कि अगर हमने ऐसा किया तो हम उन्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर पर विश्वास करने से रोक सकते थे। लेकिन अप्रत्याशित रूप से, वे आने के लिए तैयार नहीं थीं, हालाँकि हम उनके वीज़ा के लिए आवेदन करने में सफल रहे थे, इसलिए मेरी बहन ने और मैंने, गर्म टिन की छत पर रही बिल्लियों की तरह घबराते हुए, यह पता लगाने की कोशिश की कि हम अपनी माँ को वहाँ से निकालने के लिए क्या कर सकते थे। आखिरकार, हमने एक अंतिम उपाय के बारे में सोचा: हम यह चाल चलेंगे कि अपनी माँ को पूर्वी बिजली में विश्वास का अभ्यास करने के लिए फ्रांस ले आयें। हमें आश्चर्य हुआ कि यह चाल काम कर गई और माँ इसके लिए यकीनन राज़ी हो गई। हालांकि, हमें उनकी एक शर्त से सहमत होना पड़ा। मैंने मन ही मन सोचा: “अगर माँ फ्रांस आ जाती हैं, तो एक तो क्या मैं दस शर्तों को भी मान लूँगा”। बाद में, मैंने पाया कि उनकी शर्त यह थी कि वे आशा करती थीं कि मेरी बहन और मैं परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य पर निगाह करेंगे। हमारी माँ को चालाकी से फ्रांस में ले आने के लिए मेरे पास इस बात से सहमत होने का नाटक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा: “आह! कोई गुंजाईश नहीं है कि मैं इसमें ध्यान दूँ! एक बार हम उन्हें फ्रांस ले आयें, तो हमारे पास उन्हें रोकने के तरीक़े होंगे”। इस तरह माँ हमारे साथ आने के लिए तैयार हो गईं क्योंकि उनकी यह धारणा थी कि हम वास्तव में उनके अनुरोध से सहमत थे।
हमारी माँ को फ्रांस में आए एक सप्ताह हो इसके पहले ही उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने कलीसिया की एक बहन से संपर्क किया था और उन्होंने रूबरू मिलने के लिए समय भी निर्धारित कर लिया था। मैंने मन ही मन सोचा: ये तो वाकई तेज़ी से काम करते हैं। हम अभी तो आये ही हैं और इन लोगों ने संपर्क भी बना लिया है, अब हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें सचमुच माँ को उनसे मिलने देना चाहिए या नहीं? अगर हम उनसे कहते हैं कि वे उनसे नहीं मिल सकती हैं, तो वे इसके लिए सहमत नहीं होंगी; अगर हम उन्हें मिलने देते हैं तो पूर्वी बिजली में विश्वास करने से उन्हें रोकने की हमारी आशा पर पानी फिर जाएगा। मैंने तय किया कि मैं माँ के साथ जाऊँगी, परन्तु मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरे पति, मेरी बहन और उसके पति ने मेरा कड़ा विरोध किया। जब हमने तय किया कि माँ उनसे मिलने नहीं जाएँगी, तो उन्होंने गुस्से में कहा: “सीसीपी द्वारा गठित झूठी बातों पर भरोसा करने का तुम्हारा आग्रह क्यों है? सीसीपी क्या है? यह एक नास्तिक राजनीतिक दल है, और जब से यह सत्ता में आई है, यह लगातार धार्मिक विश्वासियों का दमन करते हुए उन्हें अवैध घोषित करती रही है, और इसने ईसाई धर्म को एक बुरे पंथ के रूप में घोषित किया है, पवित्र बाइबल को एक बुरे पंथ का काम कहा है, हर जगह ईसाइयों को अंधाधुंध गिरफ्तार किया और सताया है, जिसके परिणामस्वरूप कई ईसाइयों को जेल में डाला गया है और उन पर उस सीमा तक अत्याचार किया गया है जहाँ वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं या मारे भी गए हैं। क्या तुम इन ऐतिहासिक तथ्यों को भूल गए हो? सीसीपी ने हमेशा परमेश्वर का विरोध किया है और यह परमेश्वर की दुश्मन रही है, यह परमेश्वर के वचन और सच्चाई से नफ़रत करती है, यह उन लोगों से नफ़रत करती है जो सच्चे परमेश्वर में विश्वास करते हैं और सही राह पर चलते हैं, और लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने से रोकने के लिए अफवाहें शुरू करने, लोगों को बदनाम करने और झूठे आरोप लगाकर उन्हें फँसाने जैसी सभी प्रकार की बुराइयों को करती है। क्या यह हो सकता है कि तुम इसे पहचानने में भी समर्थ नहीं हो? क्या यह हो सकता है कि मैं तुम्हारी माँ होकर अपने पुत्रों और पुत्रियों को आग के कुएँ में धकेल सकती थी? मैं यहाँ फ्रांस में चली आई ताकि तुम सभी सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास कर सको, परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य का अनुसरण कर सको, और परमेश्वर के पूर्ण उद्धार को प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करो। एक बार प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की थी कि वह वापस आएगा, और अब प्रभु यीशु लौट आया है, उसने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में देहधारण किया है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने लाखों वचनों को व्यक्त किया है, और प्रभु यीशु द्वारा किए गए छुटकारे के कार्य के आधार पर, वह परमेश्वर के घर से शुरू करते हुए अंत के दिनों के न्याय के कार्य को कर रहा है, ताकि हम सभी को जो शैतान द्वारा गहराई से भ्रष्ट हो चुके हैं, पूरी तरह शुद्ध कर हमें प्राप्त कर सके और परमेश्वर के राज्य में ला सके। यह एक बेहद दुर्लभ मौका है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य और वचन की तलाश किए बिना तुम केवल अफ़वाहों को क्यों सुनते हो? क्या इन सभी वर्षों में प्रभु में हमारा विश्वास प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए नहीं रहा है? यदि तुम लोग मुझे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की इस बहन को मिलने की इजाज़त नहीं देते हो तो मेरे लिए अब एक विमान-टिकट खरीद लो, मैं वापस घर जा रही हूँ!” अपनी माँ को अपने दृष्टिकोण में इतनी दृढ़ देखकर और उनसे समझदारी तथा अंतर्दृष्टि की ये बातें सुनकर, हम सभी अवाक् रह गए थे। बहरहाल, हमने फिर भी समझौता नहीं किया। हम हमारी माँ को उस बहन से मिलने के लिए ले जाने को तैयार नहीं थे। अगले कई दिनों तक, चाहे हमने अपनी माँ को खुश करने की कैसे भी कोशिश की, हम चाहे उन्हें कहीं भी ले गए हों या उनके लिए कुछ भी खरीदा हो, उन्होंने ज़रा-सा भी उत्साह नहीं दिखाया। पूरे दिन वे इतनी उदास रहीं कि वे खाना भी नहीं खाती थी। खाने-पीने के प्रति हमारी माँ की अनिच्छा ने मुझे बहुत असहज बना दिया था। मैंने सोचा कि हमारी माँ ने कैसे हमें प्यार से बड़ा किया था, उन्होंने शायद ही कभी हमारे सामने अपना आपा खोया था। यह पहली बार था जब मैंने अपनी माँ को इतना क्रोधित और आहत देखा था, और इस बात ने मुझे ढीला कर दिया। इसलिए, मैंने अपनी बहनों के साथ बात की और उनसे कहा कि इस बार मैं “ख़तरे” का बहादुरी से सामना करुँगी और उन्हें पूर्वी बिजली के उन विश्वासियों से मिलने के लिए ले जाऊँगी।
तथ्यों की रोशनी में अफ़वाहें ढह गईं, और परमेश्वर की आवाज़ सुनकर मैं उसके सामने लौट गई
दो दिन बाद, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की दो बहनें शाम को हमारी दुकान में आईं, और जैसे ही उन्होंने हमारी माँ को देखा, वे बहुत उत्साहित हो गईं और जाकर उन्हें गले लगा लिया। ऐसा लगा मानो वे करीबी रिश्तेदार थीं जो कई वर्षों तक एक दूसरे से अलग रहने के बाद अब फिर से मिली थीं। वे दोनों एक दूसरे के प्रति चिन्ताशील और सम्मानपूर्ण थीं। मैं यह देखकर हैरान रह गई, लेकिन दिल को छूने वाले इस दृश्य से द्रवित हुए बिना मैं न रह सकी, और मेरे चेहरे से आँसू बिना रुके टपकने लगे। ऐसा क्यों था? क्यों वे लोग, जिन्हें हम पहले कभी भी नहीं मिले थे, ऐसे लगते हैं मानो वे परस्पर स्नेह से मिलते आत्मीय-जन हों? मैंने यह भी देखा कि वे अपनी बोलचाल और अपने व्यवहार में बहुत शिष्ट थे और दूसरों के साथ पेश आने में वे बहुत मैत्रीपूर्ण और अच्छी प्रकृति के थे। वे ज़रा भी वैसे नहीं थे जैसे कि अफ़वाहों में बताये गए थे! लेकिन फिर मैंने मन ही मन सोचा: “ठीक है, यह हो सकता है कि वे इस पल में ऐसे दिखाई दें, लेकिन मैं खुद को उनसे धोखा खाने नहीं दूँगी, मुझे उनका अवलोकन करना जारी रखना चाहिए।” इसके बाद, मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाइयों और बहनों से संपर्क बनाये रखना शुरू कर दिया।
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कई बार उनसे मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहन हमारे साथ सिर्फ सच्चाई के बारे में सहभागिता करना चाहते थे और अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करना चाहते थे, उन्होंने हमें किसी भी तरह से धोखा नहीं दिया, और न ही उन्होंने हमें नुकसान पहुँचाया। इसके विपरीत, उन्होंने बहुत धीरज और सहानुभूति के साथ हमें परमेश्वर पर विश्वास करने में होती कुछ परेशानियों और कठिनाइयों को समझने में मदद की। प्रारंभ में उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रभु यीशु के प्रकटन होने की गवाही दी। मैंने इसे अपने दिल में स्वीकार नहीं किया, इसलिए उन्होंने बाइबल का इस्तेमाल कर धैर्यपूर्वक मुझे उन कारणों को समझाया कि धार्मिक दुनिया इतनी उजाड़ क्यों हो गई है। उन्होंने मुझे एक उदाहरण देते हुए कहा: “यह क्यों था कि व्यवस्था के युग के अंत में मंदिर चोरों के अड्डे में बदल गया जहाँ धन का आदान-प्रदान होता था और पशुधन और मुर्गियों को बेचा जाता था? इसका एक कारण यह था कि धार्मिक अगुआ परमेश्वर के नियमों और आदेशों का पालन नहीं करते थे, वे केवल उन नियमों के अनुसार चल रहे थे जिन���ा मनुष्य परंपरागत पालन कर रहा था, और वे अवैध कर्म कर रहे थे, परमेश्वर का विरोध कर रहे थे और वे परमेश्वर द्वारा नकारे गए थे; इसका एक और कारण यह था कि पवित्र आत्मा का कार्य पहले ही विकसित हो चुका था, परमेश्वर पहले ही देहधारण कर मंदिर के बाहर अनुग्रह के युग का कार्य पूरा कर रहा था। पवित्र आत्मा मंदिर में अब और काम नहीं कर रहा था, मंदिर उजाड़ हो चुका था। इसी तरह, कलीसिया भी आज उजाड़ हो चुकी है क्योंकि पादरी और एल्डर्स परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण नहीं कर रहे हैं, वे परमेश्वर के आदेशों के खिलाफ़ जा रहे हैं, वे प्रभु के नए कार्य का अंधाधुंध विरोध कर रहे हैं, परमेश्वर ने बहुत पहले उन्हें अस्वीकार कर दिया है, पवित्र आत्मा उनके बीच कार्य नहीं कर रहा है; साथ ही, यह इसलिए भी है कि परमेश्वर अंत के दिनों में नया कार्य कर रहा है, कि उसने पूरे ब्रह्मांड में आत्मा के सभी कार्यों को वापस ले लिया है और इसे अपने नए कार्य का अनुसरण करने वालों को सौंप दिया है। इन लोगों को पहले ही पवित्र आत्मा का कार्य दुबारा प्राप्त हुआ है और इन्होंने “बारिश” के नगर में प्रवेश किया है। लेकिन जिन लोगों को परमेश्वर का नया कार्य नहीं मिला है, उन्हें उस नगर में छोड़ा जाएगा जहाँ “बारिश” नहीं है और वहाँ वे सूख जाएँगे। इस “बारिश” का तात्पर्य पवित्र आत्मा के कार्य से है, यह परमेश्वर के नए वचन को संदर्भित कर रही है। इससे आमोस 4:7 की किताब में जो कहा गया है, वह पूरा हुआ है: ‘जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैं ने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैं ने एक नगर में जल बरसाकर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिस में न बरसा, वह सूख गया।’
उनकी सहभागिता वास्तव में बाइबल के अनुरूप थी, और यह प्रभु के वचन के अनुरूप थी। उन्होंने जो कहा वह बहुत अर्थपूर्ण था, लेकिन चूँकि मैं सीसीपी और धार्मिक दुनिया के पादरियों और एल्डर्स द्वारा प्रसारित अफ़वाहों से गहराई से प्रभावित हो गई थी, इसलिए मैं अब भी उनके खिलाफ़ सावधान रही और मैंने दिल में उनका विरोध किया। किसी कमी को खोज निकालने की मैंने पूरी कोशिश की ताकि मैं इसका उपयोग कर उन्हें अस्वीकार कर सकूँ। मैंने उनसे भले ही ऐसा व्यवहार किया, उन्होंने फिर भी मेरे साथ बहुत धैर्यपूर्वक सहभागिता की, जिससे मुझे परमेश्वर की इच्छा का एहसास हुआ और मैं परमेश्वर के कार्य को जान सकी। बाद में, उन बहनों ने परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों की सच्चाई के बारे में भी मेरे साथ सहभागिता की। यह सुनकर मैं हैरान रह गई, लगता है अंत के दिनों के मसीह—सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मानव जाति को बचाने के लिए परमेश्वर की 6,000 साल की प्रबंधन योजना के सभी रहस्यों को उजागर कर दिया है। व्यवस्था के युग में परमेश्वर का कार्य यह था कि उसने इस्राएलियों के जीवन का नेतृत्व करने के लिए “यहोवा” नाम का इस्तेमाल किया, और मूसा के द्वारा नियम जारी करने के माध्यम से उसने मनुष्य को अपने पापों से अवगत कराया; अनुग्रह के युग में परमेश्वर का कार्य यह था कि छुटकारे के काम को करने के लिए उसने “यीशु” नाम का उपयोग किया, और अंत में वह क्रूस पर मनुष्य के लिए पापबलि के रूप में चढ़ाया गया, अर्थात उसने मानवजाति के पापों को अपने ऊपर लेकर मनुष्य को पापमुक्त कर दिया; राज्य के युग में परमेश्वर का कार्य यह है कि वह मनुष्यों का न्याय करने और अंत के दिनों में मनुष्य को शुद्ध करने के काम को पूरा करने के लिए “सर्वशक्तिमान परमेश्वर” नाम का उपयोग कर रहा है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मनुष्यों का न्याय करने और मनुष्यों को दंडित करने के लिए वचनों को जारी किया है, और इस प्रकार मनुष्य को अपनी पापी प्रकृति का त्याग कर शुद्ध होने और परमेश्वर के उद्धार को प्राप्त करने की अनुमति दी है, ताकि उसे परमेश्वर के राज्य में लाया जा सके और एक नए स्वर्ग और एक नई पृथ्वी में प्रवेश किया जा सके। परमेश्वर के कार्य के तीन चरण आपस में घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं, वे क्रमशः गहरे होते जाते हैं, एक दूसरे के पूरक हैं, उनमें से एक भी अनावश्यक नहीं है, वे एक ही परमेश्वर के कार्य हैं, और यह प्रकाशितवाक्य पुस्तक की भविष्यवाणियों को पूरा करता है जहाँ कहा गया है: “प्रप्रभु परमेश्‍वर, जो है और जो था और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्‍तिमान है, यह कहता है, मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूँ” (प्रकाशितवाक्य1:8)। उस पल में मुझे ऐसा लगा कि मेरा दिल जाग रहा था, और मुझे बहुत उत्साहित महसूस हुआ। अब तक मैंने बीस वर्षों से अधिक समय से प्रभु में विश्वास किया था, लेकिन चाहे वह मुख्यभूमि ��ीन में हो या विदेश में, मैंने पहले कभी किसी पादरी या एल्डर से उपदेश का ऐसा प्रचार नहीं सुना था। जहाँ तक परमेश्वर की योजना और बाइबल की भविष्यवाणियों का प्रश्न है, ये सभी रहस्य हैं, इन्हें कोई भी नहीं जानता है, फिर भी जो लोग पूर्वी बिजली में विश्वास करते हैं, वे इतनी सारी चीज़ों के बारे में बहुत स्पष्ट रूप से बोलते हैं, जैसे मानव जाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर की योजना, और परमेश्वर के कार्य के प्रत्येक युग में हासिल किए जाने वाले कदम, सिद्धांत, विवरण और परिणाम, साथ ही परमेश्वर द्वारा व्यक्त किया गया स्वभाव, और परमेश्वर की मानवजाति से अपेक्षाएँ और उसकी इच्छा, मानो कि ये लोग अपने परिवार के क़ीमती सामानों की गणना कर रहे हों। मुझे अपने दिल में यह पुष्टि महसूस हुई कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर का वचन सत्य के आत्मा की अभिव्यक्ति है, यह वास्तव में परमेश्वर की आवाज़ है। प्रभु यीशु ने एक बार कहा था: “परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा” (यूहन्ना 16:13)। “ये बातें पूरी हो गई हैं। मैं अल्फा और ओमेगा, आदि और अन्त हूँ” (प्रकाशितवाक्य 21:6)। अब इन भविष्यवाणियों को अंत के दिनों में प्रकट हुए सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य के माध्यम से निष्पादित और पूर्ण किया गया है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है, और यह सब वास्तव में एक ही परमेश्वर द्वारा किया गया कार्य है।
बाद में मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन को भी पढ़ा जहाँ यह कहा गया है: “अंतिम दिनों का मसीह जीवन लेकर आता, और सत्य का स्थायी एवं अनन्त मार्ग प्रदान करता है। इसी सत्य के मार्ग के द्वारा मनुष्य जीवन को प्राप्त करेगा, और एक मात्र इसी मार्ग से मनुष्य परमेश्वर को जानेगा और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करेगा। यदि तुम अंतिम दिनों के मसीह के द्वारा प्रदान किए गए जीवन के मार्ग को नहीं खोजते हो, तो तुम कभी भी यीशु के अनुमोदन को प्राप्त नहीं कर पाओगे और कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं बन पाओगे क्योंकि तुम इतिहास के कठपुतली और कैदी दोनों हो। …परमेश्वर के आये बिना, क्या तुम अपने आप को परमेश्वर के साथ पारिवारिक आनन्द मनाने के लिए स्वर्ग में ले जा सकते हो क्या तुम अभी भी स्वप्न देख रहे हो? मैं तुम्हें सुझाव देता हूं, कि तुम स्वप्न देखना बंद कर दो, और उनकी ओर देखो जो अभी कार्य कर रहे हैं, इन अंतिम दिनों में कौन मनुष्यों को बचाने के लिए कार्य कर रहा है। यदि तुम ऐसा नहीं करते हो, तो तुम कभी भी सत्य को नहीं प्राप्त कर सकते, और कभी भी जीवन प्राप्त नहीं कर सकते हो” (“वचन देह में प्रकट होता है” से “केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है”)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का वचन परमेश्वर के अधिकार और महिमा से भरा हुआ है, और यह परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव को प्रकट करता है। मुझे पता है कि अंत के दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कार्य सत्य को व्यक्त करना और मनुष्य को जीवन प्रदान करना है। जब तक हम अंत के दिनों के मसीह—सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए वचन को भी स्वीकार करते हैं, तो हम अंततः हमारे पाप के मूल कारण को हल करने में सक्षम होंगे। केवल तभी हम अनंत जीवन के मार्ग को प्राप्त करने में समर्थ होंगे। और जो लोग परमेश्वर के कार्य की गति के साथ निभाने में सक्षम नहीं हैं, जो अंत के दिनों में परमेश्वर के उद्धार को स्वीकार नहीं करते हैं, वे कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं होंगे, और अंत में वे केवल परमेश्वर द्वारा हटाये जा सकते हैं, जिससे वे तबाह और नष्ट हो जाएँगे। परमेश्वर के न्याय के वचनों के सामने, मैंने सोचा कि किस तरह मैं पिछले कुछ वर्षों में प्रभु की वापसी के तथ्य को समझने में इतनी लापरवाह रही थी, और मैं कुछ डरे बिना नहीं रह सकी, और अब मैं इस तथ्य के साथ इस तरह अनादर का व्यवहार करने की हिम्मत न कर सकी। मैंने उन परिस्थितियों के बारे में भी सोचा जब मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहनों से मिली थी और मैंने देखा था कि वे परमेश्वर के वचनों से जीवन पाते थे: चाहे मैंने कोई भी मुद्दे उठाये हों, वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन का उपयोग करते हुए मुझे उत्तर देने में हमेशा बहुत धीरज रखते थे, वे तब तक नहीं रुकते थे जब तक मैं समझ नहीं लेती थी; कभी-कभी बहनें मेरी दुकान में आती थीं, और चूँकि दुकान छोटी थी और उनको बिठाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी, वे कई घंटों तक खड़ी ही रहती थीं, और वे अपने लिए खुद ही खाना भी लेकर आती थीं; कभी-कभी, मेरे व्यापार पर असर न पड़े इसलिए, वे रात के समय की प्रतीक्षा करती थीं ताकि मैं अपना काम पूरा कर सकूँ और वे सच्चाई के बारे में मुझसे सहभागिता कर सकें, और हमारी सभा के ख़त्म होते और उनके घर लौट पाने तक आधी रात हो जाती थी। एक बार दो बहनें मेरे साथ रात में इतनी देर तक सहभागिता करती रही कि उनके घर लौटने के लिए अब कोई ट्रेन नहीं थी, और उन्होंने बाकी रात मेट्रो स्टेशन पर ही बिताई थी। मैंने इन भाइयों और बहनों को बहुत कठिनाइयों का सामना करते और बहुत सहानुभूति और धीरज रखते हुए देखा, और मैं बाइबल में जो यह कहा गया है उसके बारे में सोचे बिना न रह सकी: “उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे। क्या लोग झाड़ियों से अंगूर, या ऊँटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं? इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है। अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्छा फल ला सकता है”(मत्ती 7:16-18)। जब से मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाइयों और बहनों के संपर्क में रहने लगी थी, मैंने देखा कि वे जिस तरह से रहते थे वह काफी प्रशंसनीय था, कि वे उन दो महान आज्ञाओं का पालन करते थे जिनका अभ्यास करने के लिए प्रभु यीशु ने मनुष्यों से कहा था: “तू परमेश्‍वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख” (मत्ती 22:37-39)। मैं यह कहने की हिम्मत तो नहीं करुँगी कि वे पहले ही प्रभु की अपेक्षाओं तक पहुँच चुके थे, लेकिन मैंने देखा कि वे इन दो आज्ञाओं की वास्तविकता का एक भाग जी रहे थे। और जब इसकी तुलना विभिन्न पंथों और संप्रदायों के भाई-बहन किस तरह जीते थे, उससे की गई तो ये स्वर्ग और पृथ्वी के समान भिन्न थे, वो भाई-बहन ज़रा भी क्षमा और धैर्य से नहीं रहते थे, वे ईर्ष्या और कलह से भरे हुए थे, और वे एक दूसरे के साथ लड़ते तथा संघर्ष करते थे, यहाँ तक कि वे कलीसिया के भीतर ही एक दूसरे से प्रसिद्धि, लाभ और पदवी के लिए लड़ते थे, और जहाँ तक वे किस प्रकार के पेड़ के थे इसका प्रश्न है, यह उस फल को देखकर बताया जा सकता है जो उस पेड़ ने दिए थे। लेकिन जिस तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहन जीते थे, उससे मुझे अपने दिल में एक पुष्टि मिली कि, उनके रहने का ढंग नकली नहीं था, परमेश्वर के वचनों का पालन करने के बाद यह उनके जीवन की अभिव्यक्ति थी। चूँकि वे मेमने के चरणों का अनुसरण करते थे, चूँकि उनके पास पवित्र आत्मा का कार्य था, और उनके जीवन के रूप में परमेश्वर का वचन था, वे एक ऐसे सच्चे ईसाई की सदृशता को जीने में सक्षम थे जो परमेश्वर के लिए महिमा लाता है और परमेश्वर की गवाही देता है। इस समय, परमेश्वर के वचन के नेतृत्व में और इन तथ्यों के शक्तिशाली जवाबी हमलों के तहत, पूर्वी बिजली के बारे में ये अफ़वाहें धीरे-धीरे मेरे दिल में ढह पड़ीं।
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sethiquotes · 3 years
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*(गणतंत्र दिवस पर विशेष)*
*---आप के लिए क्रोध की दवा---*
*एक महिला थी, जिसको बात-बात पर गुस्सा करने की बहुत बुरी आदत थी। उसकी इस आदत की वजह से उसका पूरा परिवार परेशान था और परिवार में कलह का माहौल बना रहता था।*
*वह महिला भी अपनी इस आदत से बहुत परेशान थी। उसे हर छोटी-छोटी बात पर एकदम से गुस्सा आ जाता था।*
*एक दिन उस महिला के घर उनके पति के बचपन के एक मित्र, परिवार के साथ मिलने आए। वह पेशे से डॉक्टर थे। बातों बातों में उन्होंने पूछ लिया कि, "और बताओ भाभी जी, कैसा चल रहा है।" अचानक से जैसे महिला के दिल की तकलीफ को किसी ने छू लिया हो। उसकी आँखें भर आई। वह बोली, "मुझे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और उस पल मैं चाहकर भी अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं रख पाती। बाद में इसका मुझे बहुत अधिक पछतावा होता है और इससे मेरी तबियत भी बिगड़ने लगी है। मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता है। ऐसा लगता है, जैसे मेरे क्रोध ने मेरी जीवन की खुशियों को छीन लिया है।”*
*डॉक्टर मित्र ने बड़े ही शांत भाव से उस महिला की तकलीफ को सुना। फिर वे उनकी तरफ देखते हुए प्यार से मुस्कराये और कहा, "भाभी जी बस इतनी सी बात! अभी कुछ ही दिन पहले मेडिकल साइंस ने गुस्से की एक मेडिसिन ईजाद की है। हजारों लोगो को इससे बहुत फायदा हुआ है। मैं हर पल उस दवाई को अपने साथ रखता हूँ।" फिर उन्होंने अपने बैग से एक दवा की शीशी निकालकर उन्हें दी और कहा कि, "जब भी गुस्सा आये, इसमें से चार बूंद दवा अपनी जीभ पर डाल लेना और 10 मिनट तक दवा को मुँह में ही रखना है और इस दौरान कुछ भी नहीं बोलना है। 10 मिनट तक मुँह नहीं खोलना है, नहीं तो दवा असर नहीं करेगी।”*
*महिला के चेहरे पर एक उम्मीद की किरण आ गई और उसने डॉक्टर के बताए अनुसार दवा का प्रयोग शुरु किया। जैसे ही उसे गुस्सा आता, वह एकदम से मुँह मे दवा डाल देती। इस तरह करते-करते उसे 15 दिन बीत गए। ‌15 दिन में ही उसकी गुस्सा करने की आदत कम होने लगी। और वह बहुत खुश रहने लगी। 15 दिन बाद वह महिला अपने पति के साथ उन्ही डॉक्टर से मिलने गई। जैसे ही वह उनके चेम्बर मैं गई, उसकी आँखें फिर भर आई, पर इस बार आँसू खुशी के थे। नम आँखों से उसने कहा कि, "इस दवा से मेरा क्रोध लगभग गायब हो गया है। अब मुझे इतना गुस्सा नहीं आता और मेरे परिवार में भी अब शांति का माहौल रहता है। मैं जीवन भर आपकी आभारी रहूँगी। मुझे गुस्से को दूर करने की दवाई और दे दीजिए।”*
*एक बार डॉक्टर फिर मुस्कराये, पर इस बार उनकी मुस्कराहट मे शरारत थी और फिर वे बोले, "भाभी जी मैंने आपको कोई दवाई नहीं दी । बस वह तो सादा पानी था।"*
*महिला ने आश्चर्य से पूछा कि,"फिर मेरा क्रोध कैसे कम हो गया।" डॉक्टर ने कहा, "जब आप गुस्से के आने पर इस दवाई को अपने मुँह मे रखती थी, उन ठहराव के पलों मे आपका क्रोध रूपी नकारात्मक ऊर्जा शांत होकर ठहर जाता है और ये ठहराव के पल हमारी विवेक की शक्ति को जीवंत कर देते है।"*
*इस तरह हम इस क्रोध नामक बदसूरत उर्जा को करुणा के एक सुंदर फूल के रूप में बदल सकते हैं।*
*दोस्तो, हम में से कई लोग अपनी इस आदत से परेशान होंगे और कोई-न-कोई उपाय तलाश रहे होंगे, इस गुस्से से छुटकारा पाने का।*
*हार्टफुल्लनेस इंस्टिट्यूट के वैश्विक गाइड डॉ कमलेश डी पटेल जिन्हें हम प्यार से दाजी बुलाते है, वे कहते है "अगली बार जब आपको गुस्सा आए तो उसे सिर्फ नोटिस करें कि कैसे यह गुस्सा मेरे अंदर बह रहा है। उसे दबाने की बिल्कुल कोशिश ना करें। बस पूरी तरह जागरूक हो जाए। बस इतने से काम के अगर आप साक्ष्य बन जाते हैं, तो यह अंधेरे में रोशनी की किरण की तरह काम करेगा। जैसे ही आप जागरूक हो जाते हैं कि मेरे भीतर क्या चल रहा है, अचानक शांति उतरने लगेगी। जो ऊर्जा मेरे भीतर क्रोध को ईंधन दे रही थी, वही ऊर्जा मेरी शांति को ईंधन देने लगेगी। यह ऐसी हालत होगी जो आपने पहले कभी भी अनुभव नहीं की होगी। यह विपरीत परिस्थिति स्वयं क्रोध की वजह से ही होगी। जैसे जैसे हम ज्यादा जागरूक होते जाएँगे, हमें हमारे क्रोध से यू-टर्न लेने में उतना ही कम समय लगेगा। अधिक से अधिक जागरूकता होने पर कम से कम समय लगेगा क्रोध से यू-टर्न लेने में।*
*---विशेष आग्रह---*
*“क्रोध को बाहर प्रकट न करें बल्कि स्वयं में परिवर्तन लाने के लिए अपनी  ओर मोड़ दें।”*
*जरूर नोट करें---*
*मुझे मालूम है मुझ से भी इस ग्रुप में एक मेम्बर बहुत क्रोधित हैं। जब वह मुझसे बात कर लेंगे तो मैं समझूंगा कि उन्होंने मुझ पर विशेष कृपया करी है और अब वह गुस्सा नहीं हैं।*
*उनके फोन का बेसबरी से इंतजार है।*
*कृपया देर ना करना।*
*ना जानें, फिर मिलना हो ना हो।*
*कल कभी आती नहीं,याद रह जाती है।*
*****
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gethealthy18-blog · 5 years
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लव कोट्स और प्यार भरी शायरी हिंदी में – Love Quotes and Shayari in Hindi
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लव कोट्स और प्यार भरी शायरी हिंदी में – Love Quotes and Shayari in Hindi
लव कोट्स और प्यार भरी शायरी हिंदी में – Love Quotes and Shayari in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 November 19, 2019
प्यार के दो शब्द ही एक-दूसरे के रिश्ते को और गहरा करने के लिए काफी होते हैं। स्टाइलक्रेज के इस खास आर्टिकल में हम आपके लिए रोमांटिक लव कोट्स लेकर आए हैं। इसकी मदद से आप अपने प्रेमी या प्रेमिका, पति या पत्नी और चाहने वालों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। आप खूबसूरत लव शायरी को अपने चाहने वालों को भेजकर अपने रिश्ते की गहराई को और बढ़ा सकते हैं। ये लव कोट्स पढ़कर उन्हें भी इस बात का एहसास होगा कि वो आपके लिए कितने मायने रखते ���ैं। लव शायरी हिंदी में जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
विषय सूची
लड़कों के लिए
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1. क्यों न गुरूर हो खुद पर, मुझे उसने अपनाया, जिसे अपनाने वाले लाखों थे।
2. जब नहीं करना है इज़हार, तो क्यों करते हो प्यार, बहुत हो गई नैनों की लुका-छिपी अब लबों से करो इकरार।
3. तेरे दिल की धड़कन बनकर तेरे साथ रहने का इरादा है, इश्क़ में मरते तो सब हैं, लेकिन हमारा तेरे साथ जीने का वादा है।
4. एक दिन तुमसे बात न हो, तो पल-पल मरते हैं हम, कसम तुम्हारी तुमसे बहुत इश्क करते हैं हम।
5. अगर दिल में आए कभी सवाल कि मुझे कितनी जरूरत है तुम्हारी, एक बार सांस रोककर देख लेना जीने के लिए सांसों की जितनी तलब है, उतनी ही मुझे जरूरत है तुम्हारी।
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6. मुहब्बत तुमसे करती हूं ज़िन्दगी से ज्यादा, आजमाकर देख ले मुझे किसी और से ज़्यादा, तू भी जान जाएगा मेरी ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं है तेरे प्यार से ज़्यादा।
7. कैसे कहूं दिल में क्या भूचाल है, मन में कितने उलझे से सवाल हैं, सबकी तरह तुमने भी पूछा मेरा हाल, नजरे चुराकर हमने भी कह दिया सही है हाल-चाल।
8. खुदा से हर वक्त आपकी खुशियां मांगते हैं, हर वक्त आपके चेहरे पर मुस्कान मांगते हैं, खुद के लिए क्या मांगें खुदा से, सोचा अपने लिए आपकी मुहब्बत मांगते हैं।
9. सब कहते थे ज़िन्दगी खूबसूरत है, जब आपसे मिले तो यकीन हो गया।
10. न खाना न पीना, न जागना न सोना, जानू बस आप ही मेरे होना।
11. लाखों महफ़िल हैं, हजारों मेले हैं, पर जहां नहीं हो आप हम वहां बिल्कुल अकेले हैं।
12. इश्क वो नहीं जो हर वक्त जताया जाए, ये वो ख़ुशी है, जिसे ख़ूबसूरती से निभाया जाए।
13. न है चांद-सितारों की चाहत, न है हीरे-ज़ेवर की फरमाइश, पहचान जाऊं तेरी हर आहट, हर पल रहे तू साथ बस यही है ख्वाहिश।
14. हमसे हमारी सारी खुशियां मांग लो, हमारे दिल के सारे राज़ मांग लो, बस इतनी इल्तज़ा है कि कभी धोखा न देना, चाहे हंसकर हमारी जान मांग लो।
15. जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो किसी हसीं शाम के साथ, वैसा ही लगता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ।
16. तुम्हें पता ही नहीं कि कितना प्यार है तुमसे हर रोज जाने-अनजाने में और ज्यादा जुड़ जाते हैं तुमसे।
17. अच्छा लगता है जब तुम मेरी ख़ामोशी को पढ़ लेते हो, ताज्जुब होता है आखिर तुम ऐसा कैसे कर लेते हो।
18. होली के हर गुलाल में तेरा रंग है तू साथ न होकर भी मेरे संग है।
19. तुम्हें पाना हमारी मंजिल है, तुम्हारा दिल है हमारा घर, अब नहीं है किसी का डर, क्योंकि हमारे पास आपका दिल है।
20. आपके लिए न गुस्सा है न गुरूर है, बस आपको ही पाने का सुरूर है, अगर इश्क करना गुनाह है, तो आपके लिए यह गुनाह भी मंजूर है।
अब कुछ रोमांटिक लव कोट्स लड़कों के लिए। अपने व्यस्त वक्त से थोड़े पल निकालकर अपनी प्रेमिका के लिए लिख भेजें नीचे लिखे गए लव मैसेज में से आपका फेवरेट लव मैसेज।
लड़कियों के लिए
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1. कितना प्यार है तुमसे ये कभी कह नहीं पाते, बस इतना पता है कि तुम्हारे बिना हम रह नहीं पाते।
2. हमारा टकराना, एक हो जाना कोई इत्तेफाक नहीं, हमें कोई अलग कर दे इतनी किसी की औकात नहीं।
3. जिस दिन भी तेरा दीदार हो जाता है, मेरे लिए वो दिन त्योहार हो जाता है।
4. देखा उसे तो रंगीन हो गए, बेज़ार ख्वाब भी हसीन हो गए। कुछ अदाओं का था असर, कुछ उसकी कशिश भरी आंखों का कि दबे-कुचले अरमां भी आसमानी हो गए।
5. जिंदगी के मुश्किल में तेरा हाथ न छोड़ूंगा, चाहे आए कितने भी तूफान तेरा साथ न छोड़ूंगा।
6. तुम्हारी आंखे हसीन ख़्वाब दिखाती हैं, इस बंजर रेगिस्तान में आब दिखाती है, इन्हें अल्फ़ाज़ों में समेटना मुमकिन नहीं, सोचते ही ख्यालों का सैलाब बनाती है।
7. आपकी क्या तारीफ करूं शब्द नहीं मिलते, आप वो फूल हो जो डाल पे नहीं खिलते।
8. हर वक्त तुम ऐसे ही खिलखिलाया करो, हर दिन हमसे यूं ही मिला करो, हमसे न कोई गिला करो, हमारे साथ मुहब्बत ऐसे ही निभाया करो।
9. तेरी खूबसूरती को निहारने का दिल करता है, तेरी सादगी में डूब जाने का दिल करता है, खुदा का बनाया वो करिश्मा है तू, जिसे सबसे छुपाकर रखने का दिल करता है।
10. तेरे एक हां का है इंतज़ार मुझे, जाने क्यों तुझसे इतना प्यार है मुझे, जाने कब आएगा वो दिन, जब तुम खुद कहोगी, तुमसे इश्क है मुझे।
11. मुहब्बत होने लगी है तुमसे, अब क्या किया जाए, रोक लें खुद को या कर ले ये गुनाह, यही सवाल कर रहे हैं हम हर वक्त खुद से।
12. तुम्हारे लिए मेरा ख्याल नहीं बदलेगा, दिन बदलेंगे साल बदलेगा, लेकिन आपके लिए हमारा प्यार नहीं बदलेगा।
13. कभी अपने शब्द भूल जाऊं, कभी अपने ख्याल भूल जाऊं, तुझे इस तरह टूटकर चाहूं कि सांस लेना भूल जाऊं, तुझसे दूर भी रहूं, तो तेरे पास खुद को भूल जाऊं।
14. एक बार सीने से लगा लो मुझे, मेरी हर धड़कन में तेरा ही नाम सुनाई देगा तुझे।
15. ये तेरी चाहत का ही असर था जो लोग मुझे पागल समझते रहे, और मैं खुद को तेरा आशिक।
16. ये मुहब्बत आम न हो जाए, औरों की तरह सरेआम न हो जाए, इन अफसानों को मुझ तक ही रहने दो, कहीं ये बात चर्चा-ए- बाजार न हो जाए।
17. कोई पूछे कि इश्क का चेहरा कैसा है, हमारा यही जवाब होगा, देख लो मेरे यार की तस्वीर, क्योंकि वो मेरे यार जैसा है।
18. ए सुबह, मेरे प्यार को पैगाम देना खूबसूरत दिन, हसीं शाम देना, जब भी वो देखे मेरे मैसेज को, उनके लबों पे खूबसूरत मुस्कान देना।
19. खुद का खास ख्याल रखा करो, सांसे बेशक तुम्हारी हैं, लेकिन तुम्हारे अंदर बसने वाली जान हमारी है, खुद को संभालकर रखा करो।
20. हमें पता न था तुझसे मुहब्बत हो जाएगी, तुझे खुश देखना हमारी आदत बन जाएगी।
इनमें से जो भी आपका फेवरेट लव मैसेज है, उसे बिना देर करते हुए अपने जीवन के खास व्यक्ति को भेजें और उन्हें एहसास दिलाएं कि आपके मन में हर वक्त उनका ख्याल रहता है। याद रखें कि प्यार का इजहार करने के लिए कोई स्पेशल दिन या वक्त नहीं होता है। जब भी आप अपने खास व्यक्ति के सामने प्यार के दो मीठे शब्द बोलें, बस वही दिन और वही वक्त ख़ास हो जाता है। साथ ही अगर आपके अंदर भी छुपा हुआ शायर है, तो बेझिझक लव शायरी हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में साझा करें।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी ��ौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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yahuhealth · 5 years
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"28 मई" की अफ़वाह से उत्पन्न खलबलियाँ (भाग 1)
पहली बार जब मैंने यह अफ़वाह सुनी तो मेरे दिल पर एक अँधेरा छा गया था
मेरी माँ एक श्रद्धालु ईसाई है। जब से मैं चीज़ों को समझने के लायक बड़ी हुई, वह अक्सर मुझे प्रभु यीशु के बारे में कहानियाँ बताया करतीं, और मुझसे कहा करतीं कि प्रभु यीशु ही एक मात्र सच्चा परमेश्वर है। जब मैं 13 साल की हुई, तो मैं अपनी माँ के साथ कलीसिया गई। उस समय मुझे वास्तव में पादरी के उपदेशों को सुनकर अच्छा लगा, और मुझे बहुत विश्वास हुआ। मैं प्रत्येक सहभागिता में सक्रिय रूप से भाग लिया करती थी। लेकिन मैंने धीरे-धीरे पाया कि पादरी द्वारा दिए गए उपदेशों में कोई प्रबोधन नहीं था। वे हमेशा कुछ मतों और बाइबल की जानकारी को, या कुछ धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों को, दोहराया करते थे, और जैसे जैसे समय बीतता गया, मुझे उनके उपदेशों को सुनकर कोई आनंद नहीं मिलता था, और न ही मुझे ऐसा लगता कि मुझे जीवन प्रदान किया जा रहा था। इसलिए, मैं अब सहभागिताओं में कम से कम कम जाने लगी।
स्नातक होने के बाद मैं फ्रांस गई, और मैंने मन ही मन सोचा: "विदेशों में कलीसियाओं की स्थिति निश्चित रूप से हमारे मुल्क की कलीसियाओं की तुलना में बेहतर होनी चाहिए।" इसलिए, मैंने तुरंत कलीसिया की तलाश में शुरू कर दी। जब मैं एक चीनी कलीसिया में गई, तो मैंने पाया कि उनके दिए गए उपदेश वस्तुतः वही थे जो हमारी अपनी कलीसियाओं में दिए जाते थे, और उनके पास कहने के लिए कुछ नया नहीं था। कुछ समय बाद, उस कलीसिया ने कुछ अमरिकी पादरियों को उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने भी किसी प्रबोधन के साथ बात नहीं की। कलीसिया को फिर से जीवंत बनाने के लिए, पादरियों और पुराने लोगों ने हम विश्वासियों के लिए एक सैर का भी आयोजन किया, ताकि दर्शनीय स्थलों की एक यात्रा और मनोरंजन का उपयोग करके विश्वासियों के उत्साह को जगाया जा सके और उनके बाहरी सामर्थ्य और प्रसिद्धि को मजबूत किया जा सके। जब मैंने देखा कि कलीसिया का हाल ऐसा था, तो मैंने बहुत निराश महसूस किया, और एक बेहतर विकल्प न होने के कारण मैंने इसे छोड़ दिया। इसके बाद, मेरी बड़ी बहन मुझे एक और कलीसिया में ले गई, और मुझे आश्चर्य हुआ कि इस कलीसियाकी स्थिति और भी बदतर थी। सारे विश्वासी प्रसिद्धि और धन के लिए संघर्ष कर रहे थे। कलीसिया के भीतर विवाद और झगड़े उठ खड़े हुए और आखिरकार उन्हें अलग करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा था। इन दृश्यों को देखने के बाद मैंने फिर कभी भी किसी कलीसिया में जाना नहीं चाहा।
एक दिन, जब मैं अपनी बहन के घर में प्रवेश कर ही रही थी, तो वह मेरे पास दौड़कर आई और बोली: "क्या तुमने सुना? एक पूर्वी बिजली कलीसिया उभर आई है, और वे बहुत ऊंचे उपदेशों का प्रचार कर रहे हैं, जो कलीसियाओं से अच्छी भेड़ों को 'चुराने' पर केंद्रित हैं। मैंने सुना है कि सभी मतों और संप्रदायों की कई अच्छी भेड़ें और उनके चरवाहों ने पूर्वी बिजली को स्वीकार कर लिया है, और वे सब इस बात को फैला रहे हैं और प्रभु यीशु की वापसी की गवाही दे रहे हैं। मैंने यह भी सुना है कि एक बार यदि तुम पूर्वी बिजली में विश्वास करना शुरू कर देते हो, तो तुम बाहर नहीं निकल सकते हो, कि अगर तुम छोड़ना चाहते हो तो वे तुम्हारी आँखें निकाल लेंगे, तुम्हारी नाक काट देंगे और तुम्हारी संपत्ति को लूट लेंगे।" मेरी बहन ने मुझे बार बार चेतावनी दी और कहा कि मुझे सावधान रहना होगा और पूर्वी बिजली के खिलाफ़ मुझे खुद को सुरक्षित रखना होगा। जब मैं घर वापस लौटी तो मेरे पति ने भी मुझे पूर्वी बिजली के बारे में कुछ नकारात्मक बातें बताईं जो उन्होंने इंटरनेट से जानी थीं। इनमें 28 मई को झाओयुआन, शेडोंग स्थित मैकडॉनल्ड्स में हुआ ह्त्या कांड विशेष था जिसकी सीसीटीवी पर एक रिपोर्ट आई थी। इसके बारे में सुनने के बाद मुझे और भी डर महसूस हुआ, और उस पल के बाद पूर्वी बिजली ने मेरे दिल पर एक निराशा की छाया डाल ली थी।
अफ़वाहों के धोखे में आकर, मैंने मेरी माँ को पूर्वी बिजली में विश्वास करने से रोक दिया
एक शाम, मुझे अचानक घर से अपने भाई का फ़ोन आया और उसने मुझे बताया कि हमारी माँ पूर्वी बिजली में विश्वास करती है। मैं इस खबर से चौंक गई: यह सच नहीं हो सकता, क्या यह हो सकता है? माँ पूर्वी बिजली में कैसे विश्वास कर सकती थी? मैंने उन अफ़वाहों के बारे में सोचा जो मैंने सुन रखी थी, और मुझे चिंता हुई कि माँ के साथ कुछ अनर्थ होगा। कई रातों तक मैं करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई। मैंने मन ही मन सोचा" "यह ठीक नहीं है! मुझे माँ को रोकना होगा, मैं उन्हें पूर्वी बिजली में विश्वास करने नहीं दे सकती"। लेकिन हर बार जब मैंने अपनी माँ को फ़ोन किया और पूर्वी बिजली के बारे में इन्टरनेट पर रहीं अफवाहों के बारे में बताया, उन्होंने तुरंत ही फोन रख दिया। मेरे पास उन्हें मनाने का कोई तरीक़ा नहीं था। उसके बाद मेरे भाई और मैंने आपस में सलाह की और यह तय किया कि वह हमारी माँ के पीछे लगेगा और उन्हें पूर्वी बिजली में विश्वास करने से रोकेगा। बहरहाल, चाहे वह किसी भी तरीक़े का उपयोग करे, इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ, हमारी माँ अपने विश्वास में बिलकुल नहीं डिगी। चूँकि कोई अन्य विकल्प नहीं था, मेरे भाई-बहनों और मैंने इस पर बात की और हमने फैसला किया कि हम अपनी माँ को एक अंतिम धमकी देंगे: अगर उन्होंने पूर्वी बिजली में विश्वास करना जारी रखा, तो हम उन्हें त्याग देंगे। हमें आश्चर्य हुआ कि वे अपने दृष्टिकोण में दृढ थीं और उन्होंने पूर्वी बिजली में विश्वास करते रहने पर ज़ोर दिया। मार्च 2017 में, मेरी बड़ी बहन ने और मैंने घर जाने और हमारी माँ को फ्रांस ले आने का फैसला किया, हमने सोचा था कि अगर हमने ऐसा किया तो हम उन्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर पर विश्वास करने से रोक सकते थे। लेकिन अप्रत्याशित रूप से, वे आने के लिए तैयार नहीं थीं, हालाँकि हम उनके वीज़ा के लिए आवेदन करने में सफल रहे थे, इसलिए मेरी बहन ने और मैंने, गर्म टिन की छत पर रही बिल्लियों की तरह घबराते हुए, यह पता लगाने की कोशिश की कि हम अपनी माँ को वहाँ से निकालने के लिए क्या कर सकते थे। आखिरकार, हमने एक अंतिम उपाय के बारे में सोचा: हम यह चाल चलेंगे कि अपनी माँ को पूर्वी बिजली में विश्वास का अभ्यास करने के लिए फ्रांस ले आयें। हमें आश्चर्य हुआ कि यह चाल काम कर गई और माँ इसके लिए यकीनन राज़ी हो गई। हालांकि, हमें उनकी एक शर्त से सहमत होना पड़ा। मैंने मन ही मन सोचा: "अगर माँ फ्रांस आ जाती हैं, तो एक तो क्या मैं दस शर्तों को भी मान लूँगा"। बाद में, मैंने पाया कि उनकी शर्त यह थी कि वे आशा करती थीं कि मेरी बहन और मैं परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य पर निगाह करेंगे। हमारी माँ को चालाकी से फ्रांस में ले आने के लिए मेरे पास इस बात से सहमत होने का नाटक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा: "आह! कोई गुंजाईश नहीं है कि मैं इसमें ध्यान दूँ! एक बार हम उन्हें फ्रांस ले आयें, तो हमारे पास उन्हें रोकने के तरीक़े होंगे"। इस तरह माँ हमारे साथ आने के लिए तैयार हो गईं क्योंकि उनकी यह धारणा थी कि हम वास्तव में उनके अनुरोध से सहमत थे।
हमारी माँ को फ्रांस में आए एक सप्ताह हो इसके पहले ही उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने कलीसिया की एक बहन से संपर्क किया था और उन्होंने रूबरू मिलने के लिए समय भी निर्धारित कर लिया था। मैंने मन ही मन सोचा: ये तो वाकई तेज़ी से काम करते हैं। हम अभी तो आये ही हैं और इन लोगों ने संपर्क भी बना लिया है, अब हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें सचमुच माँ को उनसे मिलने देना चाहिए या नहीं? अगर हम उनसे कहते हैं कि वे उनसे नहीं मिल सकती हैं, तो वे इसके लिए सहमत नहीं होंगी; अगर हम उन्हें मिलने देते हैं तो पूर्वी बिजली में विश्वास करने से उन्हें रोकने की हमारी आशा पर पानी फिर जाएगा। मैंने तय किया कि मैं माँ के साथ जाऊँगी, परन्तु मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरे पति, मेरी बहन और उसके पति ने मेरा कड़ा विरोध किया। जब हमने तय किया कि माँ उनसे मिलने नहीं जाएँगी, तो उन्होंने गुस्से में कहा: "सीसीपी द्वारा गठित झूठी बातों पर भरोसा करने का तुम्हारा आग्रह क्यों है? सीसीपी क्या है? यह एक नास्तिक राजनीतिक दल है, और जब से यह सत्ता में आई है, यह लगातार धार्मिक विश्वासियों का दमन करते हुए उन्हें अवैध घोषित करती रही है, और इसने ईसाई धर्म को एक बुरे पंथ के रूप में घोषित किया है, पवित्र बाइबल को एक बुरे पंथ का काम कहा है, हर जगह ईसाइयों को अंधाधुंध गिरफ्तार किया और सताया है, जिसके परिणामस्वरूप कई ईसाइयों को जेल में डाला गया है और उन पर उस सीमा तक अत्याचार किया गया है जहाँ वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं या मारे भी गए हैं। क्या तुम इन ऐतिहासिक तथ्यों को भूल गए हो? सीसीपी ने हमेशा परमेश्वर का विरोध किया है और यह परमेश्वर की दुश्मन रही है, यह परमेश्वर के वचन और सच्चाई से नफ़रत करती है, यह उन लोगों से नफ़रत करती है जो सच्चे परमेश्वर में विश्वास करते हैं और सही राह पर चलते हैं, और लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने से रोकने के लिए अफवाहें शुरू करने, लोगों को बदनाम करने और झूठे आरोप लगाकर उन्हें फँसाने जैसी सभी प्रकार की बुराइयों को करती है। क्या यह हो सकता है कि तुम इसे पहचानने में भी समर्थ नहीं हो? क्या यह हो सकता है कि मैं तुम्हारी माँ होकर अपने पुत्रों और पुत्रियों को आग के कुएँ में धकेल सकती थी? मैं यहाँ फ्रांस में चली आई ताकि तुम सभी सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास कर सको, परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य का अनुसरण कर सको, और परमेश्वर के पूर्ण उद्धार को प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करो। एक बार प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की थी कि वह वापस आएगा, और अब प्रभु यीशु लौट आया है, उसने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में देहधारण किया है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने लाखों वचनों को व्यक्त किया है, और प्रभु यीशु द्वारा किए गए छुटकारे के कार्य के आधार पर, वह परमेश्वर के घर से शुरू करते हुए अंत के दिनों के न्याय के कार्य को कर रहा है, ताकि हम सभी को जो शैतान द्वारा गहराई से भ्रष्ट हो चुके हैं, पूरी तरह शुद्ध कर हमें प्राप्त कर सके और परमेश्वर के राज्य में ला सके। यह एक बेहद दुर्लभ मौका है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य और वचन की तलाश किए बिना तुम केवल अफ़वाहों को क्यों सुनते हो? क्या इन सभी वर्षों में प्रभु में हमारा विश्वास प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए नहीं रहा है? यदि तुम लोग मुझे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की इस बहन को मिलने की इजाज़त नहीं देते हो तो मेरे लिए अब एक विमान-टिकट खरीद लो, मैं वापस घर जा रही हूँ!" अपनी माँ को अपने दृष्टिकोण में इतनी दृढ़ देखकर और उनसे समझदारी तथा अंतर्दृष्टि की ये बातें सुनकर, हम सभी अवाक् रह गए थे। बहरहाल, हमने फिर भी समझौता नहीं किया। हम हमारी माँ को उस बहन से मिलने के लिए ले जाने को तैयार नहीं थे। अगले कई दिनों तक, चाहे हमने अपनी माँ को खुश करने की कैसे भी कोशिश की, हम चाहे उन्हें कहीं भी ले गए हों या उनके लिए कुछ भी खरीदा हो, उन्होंने ज़रा-सा भी उत्साह नहीं दिखाया। पूरे दिन वे इतनी उदास रहीं कि वे खाना भी नहीं खाती थी। खाने-पीने के प्रति हमारी माँ की अनिच्छा ने मुझे बहुत असहज बना दिया था। मैंने सोचा कि हमारी माँ ने कैसे हमें प्यार से बड़ा किया था, उन्होंने शायद ही कभी हमारे सामने अपन��� आपा खोया था। यह पहली बार था जब मैंने अपनी माँ को इतना क्रोधित और आहत देखा था, और इस बात ने मुझे ढीला कर दिया। इसलिए, मैंने अपनी बहनों के साथ बात की और उनसे कहा कि इस बार मैं "ख़तरे" का बहादुरी से सामना करुँगी और उन्हें पूर्वी बिजली के उन विश्वासियों से मिलने के लिए ले जाऊँगी।
तथ्यों की रोशनी में अफ़वाहें ढह गईं, और परमेश्वर की आवाज़ सुनकर मैं उसके सामने लौट गई
दो दिन बाद, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की दो बहनें शाम को हमारी दुकान में आईं, और जैसे ही उन्होंने हमारी माँ को देखा, वे बहुत उत्साहित हो गईं और जाकर उन्हें गले लगा लिया। ऐसा लगा मानो वे करीबी रिश्तेदार थीं जो कई वर्षों तक एक दूसरे से अलग रहने के बाद अब फिर से मिली थीं। वे दोनों एक दूसरे के प्रति चिन्ताशील और सम्मानपूर्ण थीं। मैं यह देखकर हैरान रह गई, लेकिन दिल को छूने वाले इस दृश्य से द्रवित हुए बिना मैं न रह सकी, और मेरे चेहरे से आँसू बिना रुके टपकने लगे। ऐसा क्यों था? क्यों वे लोग, जिन्हें हम पहले कभी भी नहीं मिले थे, ऐसे लगते हैं मानो वे परस्पर स्नेह से मिलते आत्मीय-जन हों? मैंने यह भी देखा कि वे अपनी बोलचाल और अपने व्यवहार में बहुत शिष्ट थे और दूसरों के साथ पेश आने में वे बहुत मैत्रीपूर्ण और अच्छी प्रकृति के थे। वे ज़रा भी वैसे नहीं थे जैसे कि अफ़वाहों में बताये गए थे! लेकिन फिर मैंने मन ही मन सोचा: "ठीक है, यह हो सकता है कि वे इस पल में ऐसे दिखाई दें, लेकिन मैं खुद को उनसे धोखा खाने नहीं दूँगी, मुझे उनका अवलोकन करना जारी रखना चाहिए।" इसके बाद, मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाइयों और बहनों से संपर्क बनाये रखना शुरू कर दिया।
कई बार उनसे मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहन हमारे साथ सिर्फ सच्चाई के बारे में सहभागिता करना चाहते थे और अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करना चाहते थे, उन्होंने हमें किसी भी तरह से धोखा नहीं दिया, और न ही उन्होंने हमें नुकसान पहुँचाया। इसके विपरीत, उन्होंने बहुत धीरज और सहानुभूति के साथ हमें परमेश्वर पर विश्वास करने में होती कुछ परेशानियों और कठिनाइयों को समझने में मदद की। प्रारंभ में उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रभु यीशु के प्रकटन होने की गवाही दी। मैंने इसे अपने दिल में स्वीकार नहीं किया, इसलिए उन्होंने बाइबल का इस्तेमाल कर धैर्यपूर्वक मुझे उन कारणों को समझाया कि धार्मिक दुनिया इतनी उजाड़ क्यों हो गई है। उन्होंने मुझे एक उदाहरण देते हुए कहा: "यह क्यों था कि व्यवस्था के युग के अंत में मंदिर चोरों के अड्डे में बदल गया जहाँ धन का आदान-प्रदान होता था और पशुधन और मुर्गियों को बेचा जाता था? इसका एक कारण यह था कि धार्मिक अगुआ परमेश्वर के नियमों और आदेशों का पालन नहीं करते थे, वे केवल उन नियमों के अनुसार चल रहे थे जिनका मनुष्य परंपरागत पालन कर रहा था, और वे अवैध कर्म कर रहे थे, परमेश्वर का विरोध कर रहे थे और वे परमेश्वर द्वारा नकारे गए थे; इसका एक और कारण यह था कि पवित्र आत्मा का कार्य पहले ही विकसित हो चुका था, परमेश्वर पहले ही देहधारण कर मंदिर के बाहर अनुग्रह के युग का कार्य पूरा कर रहा था। पवित्र आत्मा मंदिर में अब और काम नहीं कर रहा था, मंदिर उजाड़ हो चुका था। इसी तरह, कलीसिया भी आज उजाड़ हो चुकी है क्योंकि पादरी और एल्डर्स परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण नहीं कर रहे हैं, वे परमेश्वर के आदेशों के खिलाफ़ जा रहे हैं, वे प्रभु के नए कार्य का अंधाधुंध विरोध कर रहे हैं, परमेश्वर ने बहुत पहले उन्हें अस्वीकार कर दिया है, पवित्र आत्मा उनके बीच कार्य नहीं कर रहा है; साथ ही, यह इसलिए भी है कि परमेश्वर अंत के दिनों में नया कार्य कर रहा है, कि उसने पूरे ब्रह्मांड में आत्मा के सभी कार्यों को वापस ले लिया है और इसे अपने नए कार्�� का अनुसरण करने वालों को सौंप दिया है। इन लोगों को पहले ही पवित्र आत्मा का कार्य दुबारा प्राप्त हुआ है और इन्होंने "बारिश" के नगर में प्रवेश किया है। लेकिन जिन लोगों को परमेश्वर का नया कार्य नहीं मिला है, उन्हें उस नगर में छोड़ा जाएगा जहाँ "बारिश" नहीं है और वहाँ वे सूख जाएँगे। इस "बारिश" का तात्पर्य पवित्र आत्मा के कार्य से है, यह परमेश्वर के नए वचन को संदर्भित कर रही है। इससे आमोस 4:7 की किताब में जो कहा गया है, वह पूरा हुआ है: 'जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैं ने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैं ने एक नगर में जल बरसाकर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिस में न बरसा, वह सूख गया।'"
उनकी सहभागिता वास्तव में बाइबल के अनुरूप थी, और यह प्रभु के वचन के अनुरूप थी। उन्होंने जो कहा वह बहुत अर्थपूर्ण था, लेकिन चूँकि मैं सीसीपी और धार्मिक दुनिया के पादरियों और एल्डर्स द्वारा प्रसारित अफ़वाहों से गहराई से प्रभावित हो गई थी, इसलिए मैं अब भी उनके खिलाफ़ सावधान रही और मैंने दिल में उनका विरोध किया। किसी कमी को खोज निकालने की मैंने पूरी कोशिश की ताकि मैं इसका उपयोग कर उन्हें अस्वीकार कर सकूँ। मैंने उनसे भले ही ऐसा व्यवहार किया, उन्होंने फिर भी मेरे साथ बहुत धैर्यपूर्वक सहभागिता की, जिससे मुझे परमेश्वर की इच्छा का एहसास हुआ और मैं परमेश्वर के कार्य को जान सकी। बाद में, उन बहनों ने परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों की सच्चाई के बारे में भी मेरे साथ सहभागिता की। यह सुनकर मैं हैरान रह गई, लगता है अंत के दिनों के मसीह—सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मानव जाति को बचाने के लिए परमेश्वर की 6,000 साल की प्रबंधन योजना के सभी रहस्यों को उजागर कर दिया है। व्यवस्था के युग में परमेश्वर का कार्य यह था कि उसने इस्राएलियों के जीवन का नेतृत्व करने के लिए "यहोवा" नाम का इस्तेमाल किया, और मूसा के द्वारा नियम जारी करने के माध्यम से उसने मनुष्य को अपने पापों से अवगत कराया; अनुग्रह के युग में परमेश्वर का कार्य यह था कि छुटकारे के काम को करने के लिए उसने "यीशु" नाम का उपयोग किया, और अंत में वह क्रूस पर मनुष्य के लिए पापबलि के रूप में चढ़ाया गया, अर्थात उसने मानवजाति के पापों को अपने ऊपर लेकर मनुष्य को पापमुक्त कर दिया; राज्य के युग में परमेश्वर का कार्य यह है कि वह मनुष्यों का न्याय करने और अंत के दिनों में मनुष्य को शुद्ध करने के काम को पूरा करने के लिए "सर्वशक्तिमान परमेश्वर" नाम का उपयोग कर रहा है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मनुष्यों का न्याय करने और मनुष्यों को दंडित करने के लिए वचनों को जारी किया है, और इस प्रकार मनुष्य को अपनी पापी प्रकृति का त्याग कर शुद्ध होने और परमेश्वर के उद्धार को प्राप्त करने की अनुमति दी है, ताकि उसे परमेश्वर के राज्य में लाया जा सके और एक नए स्वर्ग और एक नई पृथ्वी में प्रवेश किया जा सके। परमेश्वर के कार्य के तीन चरण आपस में घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं, वे क्रमशः गहरे होते जाते हैं, एक दूसरे के पूरक हैं, उनमें से एक भी अनावश्यक नहीं है, वे एक ही परमेश्वर के कार्य हैं, और यह प्रकाशितवाक्य पुस्तक की भविष्यवाणियों को पूरा करता है जहाँ कहा गया है: "प्रप्रभु परमेश्‍वर, जो है और जो था और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्‍तिमान है, यह कहता है, मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूँ" (प्रकाशितवाक्य1:8)। उस पल में मुझे ऐसा लगा कि मेरा दिल जाग रहा था, और मुझे बहुत उत्साहित महसूस हुआ। अब तक मैंने बीस वर्षों से अधिक समय से प्रभु में विश्वास किया था, लेकिन चाहे वह मुख्यभूमि चीन में हो या विदेश में, मैंने पहले कभी किसी पादरी या एल्डर से उपदेश का ऐसा प्रचार नहीं सुना था। जहाँ तक परमेश्वर की योजना और बाइबल की भविष्यवाणियों का प्रश्न है, ये सभी रहस्य हैं, इन्हें कोई भी नहीं जानता है, फिर भी जो लोग पूर्वी बिजली में विश्वास करते हैं, वे इतनी सारी चीज़ों के बारे में बहुत स्पष्ट रूप से बोलते हैं, जैसे मानव जाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर की योजना, और परमेश्वर के कार्य के प्रत्येक युग में हासिल किए जाने वाले कदम, सिद्धांत, विवरण और परिणाम, साथ ही परमेश्वर द्वारा व्यक्त किया गया स्वभाव, और परमेश्वर की मानवजाति से अपेक्षाएँ और उसकी इच्छा, मानो कि ये लोग अपने परिवार के क़ीमती सामानों की गणना कर रहे हों। मुझे अपने दिल में यह पुष्टि महसूस हुई कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर का वचन सत्य के आत्मा की अभिव्यक्ति है, यह वास्तव में परमेश्वर की आवाज़ है। प्रभु यीशु ने एक बार कहा था: "परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:13)। "ये बातें पूरी हो गई हैं। मैं अल्फा और ओमेगा, आदि और अन्त हूँ" (प्रकाशितवाक्य 21:6)। अब इन भविष्यवाणियों को अंत के दिनों में प्रकट हुए सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य के माध्यम से निष्पादित और पूर्ण किया गया है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है, और यह सब वास्तव में एक ही परमेश्वर द्वारा किया गया कार्य है।
बाद में मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन को भी पढ़ा जहाँ यह कहा गया है: "अंतिम दिनों का मसीह जीवन लेकर आता, और सत्य का स्थायी एवं अनन्त मार्ग प्रदान करता है। इसी सत्य के मार्ग के द्वारा मनुष्य जीवन को प्राप्त करेगा, और एक मात्र इसी मार्ग से मनुष्य परमेश्वर को जानेगा और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करेगा। यदि तुम अंतिम दिनों के मसीह के द्वारा प्रदान किए गए जीवन के मार्ग को नहीं खोजते हो, तो तुम कभी भी यीशु के अनुमोदन को प्राप्त नहीं कर पाओगे और कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं बन पाओगे क्योंकि तुम इतिहास के कठपुतली और कैदी दोनों हो। ...परमेश्वर के आये बिना, क्या तुम अपने आप को परमेश्वर के साथ पारिवारिक आनन्द मनाने के लिए स्वर्ग में ले जा सकते हो क्या तुम अभी भी स्वप्न देख रहे हो? मैं तुम्हें सुझाव देता हूं, कि तुम स्वप्न देखना बंद कर दो, और उनकी ओर देखो जो अभी कार्य कर रहे हैं, इन अंतिम दिनों में कौन मनुष्यों को बचाने के लिए कार्य कर रहा है। यदि तुम ऐसा नहीं करते हो, तो तुम कभी भी सत्य को नहीं प्राप्त कर सकते, और कभी भी जीवन प्राप्त नहीं कर सकते हो" ("वचन देह में प्रकट होता है" से "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है")। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का वचन परमेश्वर के अधिकार और महिमा से भरा हुआ है, और यह परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव को प्रकट करता है। मुझे पता है कि अंत के दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कार्य सत्य को व्यक्त करना और मनुष्य को जीवन प्रदान करना है। जब तक हम अंत के दिनों के मसीह—सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए वचन को भी स्वीकार करते हैं, तो हम अंततः हमारे पाप के मूल कारण को हल करने में सक्षम होंगे। केवल तभी हम अनंत जीवन के मार्ग को प्राप्त करने में समर्थ होंगे। और जो लोग परमेश्वर के कार्य की गति के साथ निभाने में सक्षम नहीं हैं, जो अंत के दिनों में परमेश्वर के उद्धार को स्वीकार नहीं करते हैं, वे कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं होंगे, और अंत में वे केवल परमेश्वर द्वारा हटाये जा सकते हैं, जिससे वे तबाह और नष्ट हो जाएँगे। परमेश्वर के न्याय के वचनों के सामने, मैंने स��चा कि किस तरह मैं पिछले कुछ वर्षों में प्रभु की वापसी के तथ्य को समझने में इतनी लापरवाह रही थी, और मैं कुछ डरे बिना नहीं रह सकी, और अब मैं इस तथ्य के साथ इस तरह अनादर का व्यवहार करने की हिम्मत न कर सकी। मैंने उन परिस्थितियों के बारे में भी सोचा जब मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहनों से मिली थी और मैंने देखा था कि वे परमेश्वर के वचनों से जीवन पाते थे: चाहे मैंने कोई भी मुद्दे उठाये हों, वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन का उपयोग करते हुए मुझे उत्तर देने में हमेशा बहुत धीरज रखते थे, वे तब तक नहीं रुकते थे जब तक मैं समझ नहीं लेती थी; कभी-कभी बहनें मेरी दुकान में आती थीं, और चूँकि दुकान छोटी थी और उनको बिठाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी, वे कई घंटों तक खड़ी ही रहती थीं, और वे अपने लिए खुद ही खाना भी लेकर आती थीं; कभी-कभी, मेरे व्यापार पर असर न पड़े इसलिए, वे रात के समय की प्रतीक्षा करती थीं ताकि मैं अपना काम पूरा कर सकूँ और वे सच्चाई के बारे में मुझसे सहभागिता कर सकें, और हमारी सभा के ख़त्म होते और उनके घर लौट पाने तक आधी रात हो जाती थी। एक बार दो बहनें मेरे साथ रात में इतनी देर तक सहभागिता करती रही कि उनके घर लौटने के लिए अब कोई ट्रेन नहीं थी, और उन्होंने बाकी रात मेट्रो स्टेशन पर ही बिताई थी। मैंने इन भाइयों और बहनों को बहुत कठिनाइयों का सामना करते और बहुत सहानुभूति और धीरज रखते हुए देखा, और मैं बाइबल में जो यह कहा गया है उसके बारे में सोचे बिना न रह सकी: "उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे। क्या लोग झाड़ियों से अंगूर, या ऊँटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं? इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है। अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्छा फल ला सकता है"(मत्ती 7:16-18)। जब से मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाइयों और बहनों के संपर्क में रहने लगी थी, मैंने देखा कि वे जिस तरह से रहते थे वह काफी प्रशंसनीय था, कि वे उन दो महान आज्ञाओं का पालन करते थे जिनका अभ्यास करने के लिए प्रभु यीशु ने मनुष्यों से कहा था: "तू परमेश्‍वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख" (मत्ती 22:37-39)। मैं यह कहने की हिम्मत तो नहीं करुँगी कि वे पहले ही प्रभु की अपेक्षाओं तक पहुँच चुके थे, लेकिन मैंने देखा कि वे इन दो आज्ञाओं की वास्तविकता का एक भाग जी रहे थे। और जब इसकी तुलना विभिन्न पंथों और संप्रदायों के भाई-बहन किस तरह जीते थे, उससे की गई तो ये स्वर्ग और पृथ्वी के समान भिन्न थे, वो भाई-बहन ज़रा भी क्षमा और धैर्य से नहीं रहते थे, वे ईर्ष्या और कलह से भरे हुए थे, और वे एक दूसरे के साथ लड़ते तथा संघर्ष करते थे, यहाँ तक कि वे कलीसिया के भीतर ही एक दूसरे से प्रसिद्धि, लाभ और पदवी के लिए लड़ते थे, और जहाँ तक वे किस प्रकार के पेड़ के थे इसका प्रश्न है, यह उस फल को देखकर बताया जा सकता है जो उस पेड़ ने दिए थे। लेकिन जिस तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहन जीते थे, उससे मुझे अपने दिल में एक पुष्टि मिली कि, उनके रहने का ढंग नकली नहीं था, परमेश्वर के वचनों का पालन करने के बाद यह उनके जीवन की अभिव्यक्ति थी। चूँकि वे मेमने के चरणों का अनुसरण करते थे, चूँकि उनके पास पवित्र आत्मा का कार्य था, और उनके जीवन के रूप में परमेश्वर का वचन था, वे एक ऐसे सच्चे ईसाई की सदृशता को जीने में सक्षम थे जो परमेश्वर के लिए महिमा लाता है और परमेश्वर की गवाही देता है। इस समय, परमेश्वर के वचन के नेतृत्व में और इन तथ्यों के शक्तिशाली जवाबी हमलों के तहत, पूर्वी बिजली के बारे में ये अफ़वाहें धीरे-धीरे मेरे दिल में ढह पड़ीं।
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jokess1 · 5 years
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Guess My Age
A South Indian and his six year old son went to the Zoo. At the Elephant's section, there was a sign put up, "Feed the elephant a bun to get your age." The little boy gives a bun to the elephant and it stamps its foot six times. "Wow," says the boy. "That's right. I'm six. Dad, now you have a go." The South Indian dad gives the elephant a bun. A moment later, the elephant lets go a loud fart and stamps his foot thrice. Dad, "O mai Gad. Wat a korect anszer. I'm farty three."
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Foreigner: What is the right time to cross the road in India? Me: The right time to cross a road in India is not when a signal turns red. It's when enough people are sick of waiting and just cross together in a group!
Yun Toh Koi Shikayat Nahi Tujhse Bhagwaan, Magar Tarbooz Ke Beej Kharbuje Ki Tarah Beech Mein Kar Deta Toh Achha Hota!
What's the difference between a hippo and a zippo? A hippo is very heavy and a Zippo is a little lighter!
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पत्नी: अजी मैं बाजार आई हूँ खरीददारी करने आप को कुछ चाहिए क्या? पति: मुझे जीवन का अर्थ चाहिए, जीवन सार्थक कैसे होता है! उसका उपाय चाहिए, आत्मा की शांति चाहिए, मुझे अपना अस्तित्व ढूंढ़ना है! पत्नी: ठीक है ठीक है कौन सी लाऊँ Royal Stag या Blenders Pride?
दोस्त: भाई तू कल बड़ा दुखी था! दूसरा दोस्त: हाँ यार कल बीवी 25000 की साड़ी ले आई! पहला दोस्त: फिर आज खुश क्यों हो! दूसरा दोस्त: आज वो तेरी बीवी को दिखाने गई है!
शादी में खाते देख किसी ने मुझसे पूछा आप वर पक्ष से है या वधू पक्ष से है मैं बोला निर्दलीय हूँ! भगा दिया सालों ने!
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He that falls in love with himself will have no rivals.
You only live once, but if you do it right, once is enough.
from SantaBanta SMS http://bit.ly/2IRphvc
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