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#किसी को आकर्षित करना
somnathpall · 1 year
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प्रशन :- ओशो, क्या कुछ आत्माएं शरीर छोड़ने के बाद भटकती रह जाती हैं?
कुछ आत्माएं निश्चित ही शरीर छोड़ने के बाद एकदम से दूसरा शरीर ग्रहण नहीं कर पाती हैं। उसका कारण ? उसका कारण है। और उसका कारण शायद आपने कभी न सोचा होगा कि यह कारण हो सकता है।
दुनिया में अगर हम सारी आत्माओं को विभाजित करें, सारे व्यक्तित्वों को, तो वे तीन तरह के मालूम पड़ेंगे। एक तो अत्यंत निकृष्ट, अत्यंत हीन चित्त के लोग; एक अत्यंत उच्च, अत्यंत श्रेष्ठ, अत्यंत पवित्र किस्म के लोग; और फिर बीच की एक भीड़ जो दोनों का तालमेल है, जो बुरे और भले को मेल-मिलाकर चलती है।
जैसे कि अगर डमरू हम देखें, तो डमरू दोनों तरफ चौड़ा है और बीच में पतला होता है। डमरू को उलटा कर लें। दोनों तरफ पतला और बीच में चौड़ा हो जाए, तो हम दुनिया की स्थिति समझ लेंगे। दोनों तरफ छोर और बीच में मोटा - डमरू उलटा । इन छोरों पर थोड़ी-सी आत्माएं हैं। निकृष्टतम आत्माओं को भी मुश्किल हो जाती है नया शरीर खोजने में और श्रेष्ठ आत्माओं को भी मुश्किल हो जाती है नया शरीर खोजने में। बीच की आत्माओं को जरा भी देर नहीं लगती। यहां मरे नहीं, वहां नई यात्रा शुरू हो गई। उसके कारण हैं। उसका कारण यह है कि साधारण, मीडियाकर, मध्य की जो आत्माएं हैं, उनके योग्य गर्भ सदा उपलब्ध रहते हैं।
मैं आपको कहना चाहूंगा कि जैसे ही आदमी मरता है, मरते ही उसके सामने सैकड़ों लोग संभोग करते हुए, सैकड़ों जोड़े दिखाई पड़ते हैं, मरते ही । और जिस जोड़े के प्रति वह आकर्षित हो जाता है, वहां गर्भ में प्रवेश कर जाता है। लेकिन बहुत श्रेष्ठ आत्माएं साधारण गर्भ में प्रवेश नहीं कर सकतीं। उनके लिए असाधारण गर्भ की जरूरत है, जहां असाधारण संभावनाएं व्यक्तित्व की मिल सकें। तो श्रेष्ठ आत्माओं को रुक जाना पड़ता है। निकृष्ट आत्माओं को भी रुक जाना पड़ता है, क्योंकि उनके योग्य भी गर्भ नहीं मिलता। क्योंकि उनके योग्य मतलब अत्यंत अयोग्य गर्भ मिलना चाहिए, वह भी साधारण नहीं है। तो श्रेष्ठ और निकृष्ट, दोनों को रुक जाना पड़ता है। साधारण जन एकदम जन्म ले लेता है, उसके लिए कोई कठिनाई नहीं है। उसके लिए निरंतर बाजार में गर्भ उपलब्ध हैं। वह तत्काल किसी गर्भ के प्रति आकर्षित हो जाता है।
सुबह मैंने बारदो की बात की थी। बारदो की प्रक्रिया में मरते हुए आदमी को यह भी कहा जाता है कि अभी तुझे सैकड़ों जोड़े भोग करते हुए, संभोग करते हुए दिखाई पड़ेंगे। तू जरा सोचकर, जरा रुककर, जरा ठहरकर गर्भ में प्रवेश करना। जल्दी मत करना, ठहर, थोड़ा ठहर ! थोड़ा ठहरकर किसी गर्भ में जाना। एकदम मत चले जाना।
जैसे कोई आदमी बाजार में खरीदने गया है सामान। पहली दुकान पर ही प्रवेश कर जाता है। शो रूम में जो भी लटका हुआ दिखाई पड़ जाता है, वही आकर्षित कर लेता है। लेकिन बुद्धिमान ग्राहक दस दुकान भी देखता है उलट-पलट करता है, भाव-ताव करता है, खोजबीन करता है, , फिर निर्णय करता है। नासमझ जल्दी से पहले ही जो उसकी आंख में पड़ जाती है चीज, वहीं चला जाता है।
तो बारदो की प्रक्रिया में मरते हुए आदमी से कहा जाता है कि सावधान! जल्दी मत करना। जल्दी मत करना। खोजना, सोचना, विचारना, जल्दी मत करना। क्योंकि सैकड़ों लोग निरंतर संभोग में हैं। सैकड़ों जोड़े उसे स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं। और जो जोड़ा उसे आकर्षित कर लेता है - और वह जोड़ा उसे आकर्षित करता है जो उसके योग्य गर्भ देने के लिए क्षमतावान होता है।
तो श्रेष्ठ और निकृष्ट आत्माएं रुक जाती हैं। उनके लिए प्रतीक्षा करनी पड़ती है कि जब उनके योग्य गर्भ मिले। निकृष्ट आत्माओं को उतना निकृष्ट गर्भ दिखाई नहीं पड़ता, जहां वे अपनी संभावनाएं पूरी कर सकें। श्रेष्ठ आत्मा को भी नहीं दिखाई पड़ता !
निकृष्ट आत्माएं जो रुक जाती हैं, उनको हम प्रेत कहते हैं। और श्रेष्ठ आत्माएं जो रुक जाती हैं, उनको हम देवता कहते हैं। देवता का अर्थ है, वे श्रेष्ठ आत्माएं जो रुक गई। और प्रेत का अर्थ, भूत का अर्थ है, वे आत्माएं जो निकृष्ट होने के कारण रुक गई। साधारण जन के लिए निरंतर गर्भ उपलब्ध है। वह तत्काल मरा और प्रवेश कर जाता है। क्षण भर की भी देरी नहीं लगती। यहां समाप्त नहीं हुआ, और वहां वह प्रवेश करने लगता है।
जो आत्माएं रुक जाती हैं, क्या वे किसी के शरीर में प्रवेश करके उसे परेशान कर सकती हैं?
इसकी भी संभावना है। क्योंकि वे आत्माएं, जिनको शरीर नहीं मिलता, शरीर के बिना बहुत पीड़ित होने लगती हैं । निकृष्ट आत्माएं शरीर के बिना बहुत पीड़ित होने लगती हैं। श्रेष्ठ आत्माएं शरीर के बिना अत्यंत प्रफुल्लित हो जाती हैं। यह फर्क ध्यान में रखना चाहिए। क्योंकि श्रेष्ठ आत्मा शरीर को निरंतर ही किसी न किसी रूप में बंधन अनुभव करती है और चाहती है कि इतनी हलकी हो जाए कि शरीर का बोझ भी न रह जाए। अंततः वह शरीर से भी मुक्त हो जाना चाहती है, क्योंकि शरीर भी एक कारागृह मालूम होता है। अंततः उसे लगता है कि शरीर भी कुछ ऐसे काम करवा लेता है, जो न करने योग्य हैं। इसलिए वह शरीर के लिए बहुत मोहग्रस्त नहीं होता। निकृष्ट आत्मा शरीर के बिना एक क्षण नहीं जी सकती है। क्योंकि उसका सारा रस, सारा सुख शरीर से ही बंधा होता है।
शरीर के बिना कुछ आनंद लिए जा सकते हैं। जैसे समझें, एक विचारक है। तो विचारक का जो आनंद है, वह शरीर के बिना भी उपलब्ध हो जाता है। क्योंकि विचार का शरीर से कोई संबंध नहीं है। तो अगर एक विचारक की आत्मा भटक जाए, शरीर न मिले, तो उस आत्मा को शरीर लेने की कोई तीव्रता नहीं होती, क्योंकि विचार का आनंद तब भी लिया जा सकता है। लेकिन समझो कि एक भोजन करने में रस लेने वाला आदमी है, तो शरीर के बिना भोजन करने का रस असंभव है। तो उसके प्राण बड़े छटपटाने लगते हैं कि वह कैसे प्रवेश कर जाए। और उसके योग्य गर्भ न मिलता हो, तो वह किसी कमजोर आत्मा में— कमजोर आत्मा से मतलब है ऐसी आत्मा, जो अपने शरीर की मालिक नहीं है—उस शरीर में वह प्रवेश कर सकता है, किसी कमजोर आत्मा की भय की स्थिति में।
और ध्यान रहे, भय का एक बहुत गहरा अर्थ है। भय का अर्थ है जो सिकोड़ दे। जब आप भयभीत होते हैं, तो आप सिकुड़ जाते हैं। जब आप प्रफुल्लित होते हैं, तो आप फैल जाते हैं। जब कोई व्यक्ति भयभीत होता है, तो उसकी आत्मा सिकुड़ जाती है और उसके शरीर में बहुत जगह छूट जाती है, जहां कोई दूसरी आत्मा प्रवेश कर सकती है। एक नहीं बहुत आत्माएं भी एकदम से प्रवेश कर सकती हैं। इसलिए भय की स्थिति में कोई आत्मा किसी शरीर में प्रवेश कर सकती है। और करने का कुल कारण इतना होता है कि उसके जो रस हैं, वे शरीर से बंधे हैं। वे दूसरे के शरीर मैं प्रवेश करके लेने की वह कोशिश करती है। इसकी पूरी संभावना है, इसके पूरे तथ्य हैं, इसकी पूरी वास्तविकता है। इसका यह ��तलब हुआ कि एक तो भयभीत व्यक्ति हमेशा खतरे में है। जो भयभीत है, उसे खतरा हो सकता है। क्योंकि वह सिकुड़ी हुई हालत में होता है। वह अपने मकान में, अपने घर के एक कमरे में रहता है, बाकी कमरे उसके खाली पड़े रहते हैं। बाकी कमरों में दूसरे लोग मेहमान बन सकते हैं।
कभी-कभी श्रेष्ठ आत्माएं भी शरीर में प्रवेश करती हैं, कभी-कभी। लेकिन उनका प्रवेश बहुत दूसरे कारणों से होता है। कुछ कृत्य हैं करुणा के, जो शरीर के बिना नहीं किए जा सकते। जैसे समझें, एक घर में आग लगी है, एक घर में आग लग गई है। और कोई उस घर में आग को बचाने को नहीं जा रहा है। भीड़ बाहर घिरी खड़ी है, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती कि आग में बढ़ जाए। और तब अचानक एक आदमी बढ़ जाता है। और वह आदमी बाद में बताता है कि मुझे समझ में नहीं आया कि मैं किस ताकत के प्रभाव में बढ़ गया। मेरी तो हिम्मत न थी और वह बढ़ जाता है, और आग बुझाने लगता है, और आग बुझा लेता है, और किसी को बचाकर बाहर निकल आता है। और वह आदमी खुद कहता है कि ऐसा लगता है कि मेरे हाथ की बात नहीं है यह, कुछ किसी और ने मुझसे करवा लिया है। ऐसी किसी घड़ी में जहां कि किसी शुभ कार्य के लिए आदमी हिम्मत न जुटा पाता हो, कोई श्रेष्ठ आत्मा भी प्रवेश कर सकती है। लेकिन ये घटनाएं कम होती हैं।
निकृष्ट आत्मा निरंतर शरीर के लिए आतुर रहती है। उसके सारे रस उनसे बंधे हैं और यह बात भी ध्यान में रख लेनी चाहिए कि मध्य की आत्माओं के लिए कोई बाधा नहीं है, उनके लिए निरंतर गर्भ उपलब्ध हैं।
इसीलिए श्रेष्ठ आत्माएं कभी-कभी सैकड़ों वर्षों के बाद ही पैदा हो पाती हैं। और यह भी जानकर हैरानी होगी कि जब श्रेष्ठ आत्माएं पैदा होती हैं, तो करीब-करीब पूरी पृथ्वी पर श्रेष्ठ आत्माएं एक साथ पैदा हो जाती हैं। जैसे कि बुद्ध और महावीर भारत में पैदा हुए आज से पच्चीस सौ वर्ष पहले। बुद्ध, महावीर दोनों बिहार में पैदा हुए। और उसी समय बिहार में छह और अदभुत विचारक थे। उनका नाम शेष नहीं रह सका, क्योंकि उन्होंने कोई अनुयायी नहीं बनाए और कोई कारण न था, वे बुद्ध और महावीर की ही हैसियत के लोग थे। लेकिन उन्होंने बड़े हिम्मत का प्रयोग किया। उन्होंने कोई अनुयायी नहीं बनाए। उनमें एक आदमी था प्रबुद्ध कात्यायन, एक आदमी था अजित सकंबल, एक था संजय वेलट्ठीपुत्त, एक था मक्खली गोशाल, और लोग थे। उस समय ठीक बिहार में एक साथ आठ आदमी एक ही प्रतिभा के, एक ही क्षमता के पैदा हो गए। और सिर्फ बिहार में, एक छोटे-से इलाके में सारी दुनिया के। ये आठों आत्माएं बहुत देर से प्रतीक्षारत थीं और मौका मिल सका तो एकदम से भी मिल गया।
और अक्सर ऐसा होता है कि एक श्रृंखला होती है अच्छे की भी और बुरे की भी उसी समय यूनान में सुकरात पैदा हुआ थोड़े समय के बाद, अरस्तू पैदा हुआ, प्लेटो पैदा हुआ। उसी समय चीन में कनफ्यूशियस पैदा हुआ, लाओत्से पैदा हुआ, मेन्शियस पैदा हुआ, च्वांगत्से पैदा उसी समय सारी दुनिया के कोने-कोने में कुछ अद्भुत लोग एकदम से पैदा हुए। सारा पृथ्वी कुछ अदभुत लोगों से भर गई। ऐसा प्रतीत होता है कि ये सारे लोग प्रतीक्षारत थे, प्रतीक्षारत थीं उनकी आत्माएं: और एक मौका आया और गर्भ उपलब्ध हो सके, और जब गर्भ उपलब्ध होने का मौका आता है, तो बहुत से गर्भ एक साथ उपलब्ध हो जाते हैं। जैसे कि फूल खिलता है एक फूल का मौसम आया है, एक फूल खिला; और आप पाते हैं कि दूसरा खिला और तीसरा खिला फूल प्रतीक्षा कर रहे थे और खिल गए। सुबह हुई, सूरज निकलने की प्रतीक्षा थी और कुछ फूल खिलने शुरू हुए, कलियां टूटी, इधर फूल खिला, उधर फूल खिला । रात भर से फूल प्रतीक्षा कर रहे थे, सूरज निकला और फूल खिल गए।
ठीक ऐसा ही निकृष्ट आत्माओं के लिए भी होता है। जब पृथ्वी पर उनके लिए योग्य वातावरण मिलता है, तो एक साथ एक श्रृंखला में वे पैदा हो जाते हैं। जैसे हमारे इस युग ने भी हिटलर और स्टेलिन और माओ जैसे लोग एकदम से पैदा किए। एकदम से ऐसे खतरनाक लोग पैदा हुए, जिनको हजारों साल तक प्रतीक्षा करनी पड़ी होगी। क्योंकि स्टैलिन या हिटलर या माओ जैसे आदमियों को भी जल्दी पैदा नहीं किया जा सकता.....
अकेले स्टैलिन ने रूस में कोई साठ लाख लोगों की हत्या की अकेले एक आदमी ने और हिटलर ने अकेले एक आदमी ने कोई एक करोड़ लोगों की हत्या की हिटलर ने हत्या के ऐसे साधन ईजाद किए, जैसे पृथ्वी पर कभी किसी ने नहीं किए थे। हिटलर ने इतनी सामूहिक हत्या की, जैसी कभी किसी आदमी ने नहीं की थी। तैमूरलंग और चंगीजखान सब बचकाने सिद्ध हो गए।
हिटलर ने गैस चेंबर्स बनाए उसने कहा, एक-एक आदमी को मारना तो बहुत महंगा है। एक-एक आदमी को मारो, तो गोली बहुत महंगी पड़ती है। एक-एक आदमी को मारना महंगा है, एक-एक आदमी को कब्र में दफनाना महंगा है। एक-एक आदमी की लाश को उठाकर गांव के बाहर फेंकना बहुत महंगा है। तो कलेक्टिव मर्डर, सामूहिक हत्या कैसे की जाए!
लेकिन सामूहिक हत्या भी करने के उपाय हैं। अभी अहमदाबाद में कर दी या कहीं और की, लेकिन ये बहुत महंगे उपाय हैं। एक-एक आदमी को मारो, बहुत तकलीफ होती है, बहुत परेशानी होती है, और बहुत देर भी लगती है। ऐसे एक-एक को मारोगे, तो काम ही नहीं चल सकता। इधर एक मारो, उधर एक पैदा हो जाता है। ऐसे मारने से कोई फायदा नहीं होता।
तो हिटलर ने गैस चैंबर बनाए। एक-एक चैंबर में पांच-पांच हजार लोगों को इकट्ठा खड़ा करके बिजली का बटन दबाकर एकदम वाष्पीभूत किया जा सकता है। बस पांच हजार लोग खड़े किए, बटन दवा, वे गए। एकदम गए, इसके बाद हॉल खाली। वे गैस बन गए। इतनी तेज चारों तरफ से बिजली गई कि वे गैस हो गए न उनकी कब्र बनानी पड़ी, न उनको कहीं मारकर खून गिराना पड़ा। खून-वून गिराने का जुर्म हिटलर पर कोई नहीं लगा सकता ! अगर पुरानी किताबों से भगवान चलता होगा, तो हिटलर को बिलकुल निर्दोष पाएगा। उसने खून किसी का गिराया नहीं, किसी की छाती में छुरा मारा नहीं, उसने ऐसी तरकीब निकाली जिसका कहीं वर्णन ही नहीं था। उसने बिलकुल नई तरकीब निकाली, गैस चैंबर जिसमें आदमी को खड़ा करो, बिजली की गर्मी तेज करो, एकदम वाष्पीभूत हो जाए, एकदम हवा हो जाए, बात खतम हो गई। उस आदमी का फिर नामोल्लेख भी खोजना मुश्किल है, हड्डी खोजना मुश्किल है, उस आदमी की चमड़ी खोजना मुश्किल है। वह गया। , पहली दफा हिटलर ने इस तरह आदमी उड़ाए जैसे पानी को गर्म करके भाप बनाया जाता है। पानी कहां गया, पता लगाना मुश्किल है। ऐसा खो गया आदमी। ऐसे गैस चैंबर बनाकर उसने अंदाजन एक करोड़ आदमियों को गैस चेंबर में उड़ा दिया।
ऐसे आदमी को जल्दी जन्म मिलना बड़ा मुश्किल है। और अच्छा ही है कि नहीं मिलता। नहीं तो बहुत कठिनाई हो जाए। अब हिटलर को बहुत प्रतीक्षा करनी पड़ेगी फिर बहुत समय लग सकता है अब हिटलर को दोबारा वापस लौटने के लिए। बहुत कठिन मामला है। क्योंकि इतना निकृष्ट गर्भ अब फिर से उपलब्ध हो। और गर्भ उपलब्ध होने का मतलब क्या है? गर्भ उपलब्ध होने का मतलब है उस मां और पिता की लंबी श्रृंखला दुष्टता का पोषण कर रही है-लंबी श्रृंखला । एकाध जीवन में कोई आदमी इतनी दुष्टता पैदा नहीं कर सकता कि उसका गर्भ हिटलर के योग्य हो जाए। एक आदमी कितनी दुष्टता करेगा? एक आदमी कितनी हत्याएं करेगा ? हिटलर जैसा बेटा पैदा करने के लिए, हिटलर जैसा बेटा किसी को अपना मां-बाप चुने इसके लिए सैकड़ों, हजारों, लाखों वर्षों की लंबी कठोरता की परंपरा ही कारगर हो सकती है। यानी सैकड़ों, हजारों वर्ष तक कोई आदमी बूचड़खाने में काम करते ही रहे हों, तब नस्ल इस योग्य हो पाएगी, बीजाणु इस योग्य हो पाएगा कि हिटल��� जैसा बेटा उसको पसंद करे और उसमें प्रवेश करे।
ठीक वैसा ही भली आत्मा के लिए भी है। लेकिन सामान्य आत्मा के लिए कोई कठिनाई नहीं है। उसके लिए रोज गर्भ उपलब्ध है। क्योंकि उसकी इतनी भीड़ है और इतने गर्भ चारों तरफ उसके लिए तैयार हैं; और उसकी कोई विशेष, कोई विशेष उसकी मांगें नहीं हैं। उसकी मांगें बड़ी साधारण हैं। वही खाने की, पीने की, पैसा कमाने की, काम-भोग की, इज्जत की, आदर की, पद की, मिनिस्टर हो जाने की, इस तरह की सामान्य इच्छाएं हैं। इस तरह की इच्छाओं वाला गर्भ कहीं भी मिल सकता है, क्योंकि इतनी साधारण कामनाएं हैं कि सभी की हैं। हर मां-बाप ऐसे बेटे को चुनाव के लिए अवसर दे सकता है।
लेकिन अब किसी आदमी को एक करोड़ आदमी मारने हैं, तो ऐसी आत्माओं को प्रतीक्षा करनी पड़ेगी ! और यदि किसी आदमी को ऐसी पवित्रता से जीना है कि उसके पैर का दबाव भी पृथ्वी पर न पड़े, इतने प्रेम से जीना है कि उसका प्रेम भी किसी को कष्ट न दे पाए, उसका प्रेम भी किसी के लिए बोझिल न हो जाए, तो फिर ऐसी आत्माओं को भी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
(मैं मृत्यु सिखाता हूं )
||osho||
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easyhindiblogs · 1 year
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Top 20 SEO Myths 2023
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SEO Myths : किसी वेबसाइट की ऑनलाइन visibility के लिए SEO महत्वपूर्ण है। हम सब जानते हैं कि SEO में आपकी वेबसाइट को नंबर 1 पर ले जाने की क्षमता है। SERP में 1 पर आना, यह आपकी वेबसाइट को और भी बेहतर स्थिति में ले जा सकता है। ज्यादातर लोग मार्केटिंग उद्योग में काफी लोकप्रिय SEO Myths के जाल में फंसकर SEO सेवाओं को लेने से डरते हैं।
ऐसे Myths उन्हें SEO सेवाओं को लेने का निर्णय लेने से रोकते हैं। बल्कि SEO Myths प्रमुख कारण हैं कि क्यों बड़े संगठन अपने सपनों के ग्राहकों को आकर्षित करने में विफल रहते हैं।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप SEO के सही रास्ते पर हैं, SEO के बारे में इन 9 Myths और तथ्यों की जाँच करें।
तो चलो शुरू हो जाओ!
Top 20 SEO Myths
यहाँ कुछ सबसे आम SEO Myths और तथ्यों को देखने का समय है जो आपको बढ़ने से रोक रहे हैं।
1. एसईओ मर चुका है
2. डुप्लिकेट कंटेंट पेनल्टी
3. डोमेन AGE एक रैंकिंग कारक है
4. SEO में 3 महीने लगते हैं
5. SEO सिर्फ बैकलिंक्स के बारे में है
6. URL में कीवर्ड महत्वपूर्ण है
7. बाउंस रेट एक रैंकिंग फैक्टर है
8. गूगल सैंडबॉक्स
9. पीपीसी विज्ञापन रैंकिंग में मदद करता है
10. नंबर एक स्थान को सारा ट्रैफिक मिलता है
11. Long कंटेंट बेहतर होता है
12. कीवर्ड स्टफिंग से रैंकिंग में सुधार होता है
13. आउटबाउंड लिंक SEO के लिए खराब हैं
14. आधिकारिक वेबसाइटें हमेशा उच्च रैंक करेंगी
15. अच्छी सामग्री अच्छी रैंकिंग के बराबर होती है
16. SEO करने के नियम
17. अतिथि ब्लॉगिंग और लिंक नेटवर्क पर भरोसा करना ठीक है
18. आंतरिक लिंकिंग महत्वपूर्ण नहीं है
19. छवियों को ऑप्टीमाइज़्ड ना करना
20. मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट नहीं बनाना
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chandramurty · 2 years
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॥शुभ प्रभात ! जागो हे ग्राहक देव॥
आज एक आमंत्रण मिला है, अल-सुबह शहर की गलियों में भटकते हुए, नये ग्राहकों को खोजने का ! इसके पीछे परिकल्पना शायद ये लगती है कि गर जुलूस की शक्ल में बैंकर्स गलियों में पर्चे बाँटते दिखेंगे तो नये ग्राहक गुड़ के पीछे चींटों की तरह या Pied Piper Of Hamelin के चूहों की तरह, मंत्रमुग्ध शाखाओं में घुसते चले आयेंगे !!
लगता है कि हाल में एक बैंक प्रबंधक के हाथ में Megaphone ले सावधि जमा के प्रचार की तस्वीरें महामहिमों को भा गयी हैं।शायद अब कुछ दिनों तक जनता की सुबह की मीठी-मीठी नींद विभिन्न बैंकों के अधिकारी हराम करने वाले हैं।क्यूँकि सारे बैंकर्स किसी भी नये Marketing Funda के पीछे ज़ोर-शोर से लग जाते हैं, तब तक, जब तक कि कोई दूसरा और भी Fantastic Funda ना आ जाए !!
अब ज़ाहिर है कि सुबह के ग्राहक संपर्क अभियान के कारण कई बैंककर्मी देर- सबेर अपने कार्यालय पहुँचेंगे।वर्तमान ग्राहकों को थोड़ी असुविधा तो होगी पर दूर के फ़ायदे के लिए नज़दीक का थोड़ा नुक़सान तो उठाना ही पड़ता है ! अब ये दीग़र मसाईल है कि कई ग्राहक त्वरित सेवा ना मिलने के कारण दूसरे Megaphone वाले बंधु के तरफ़ आकर्षित हो जायें।पर करें क्या, नये ग्राहकों को आकर्षित करने की नवीनतम प्रक्रिया में कुछ तो Collateral Damages होंगे ही ! एक पुरानी कहावत थी कि एक संतुष्ट ग्राहक दस ग्राहकों को साथ लाता है।लगता है कि अब यह प्रासंगिक नहीं रह गया है।
ग़र Mobile Screen पर के WhatsApp messages में व्यस्त ये बैंकर बंदे, नज़र उठा कर सामने देखें तो कई नये, पुराने एवं भावी ग्राहक दिख जायेंगे।पर करें क्या, प्रभात फेरी की रिपोर्ट भी तो, In triplicate, 11बजे तक भेजनी है ! Vigilance Awareness की प्रभात फेरी वाली रिपोर्ट तो अभी तक Pending है ! उपर से 1करोड़ से बड़े ऋण प्रस्ताव वाले भावी ग्राहकों को भी खोजना है।साथ ही, सामने जो 10 लाख से 99 लाख के ऋण वालों की भीड़ जमा है उनको अगली गली वाली “दुकान” में Divert भी करना है !!
एक संत कबीर का दोहा, इस प्रसंग में समीचीन लगता है “मोको कहाँ ढूँढ़े बंदे , मैं तो तेरे पास में । ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।ना तो कौने क्रिया - कर्म में , नहीं योग वैराग में । खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं , पलभर की तलास में ।कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वासों की स्वास में॥”
जहां तक आमंत्रण का मसला है तो "मोमिन" का एक शेर बड़ा ही मौज़ूं है कि “उम्र सारी कटी इश्क़-ए-बुताँ में 'मोमिन',अब बुढ़ापे में क्या ख़ाक मुसलमाँ होंगे..!!”
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deshbandhu · 4 days
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Rambhadra ka Jeevan Darshan: Ek Preranaadaayak Gaatha
रामभद्र का जीवन दर्शन भारतीय संस्कृति और धर्म में एक ऐसा अनमोल रत्न है, जो अनंत काल से हर युग और पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" इस मंत्र के माध्यम से हम उस दिव्य चेतना की ओर आकर्षित होते हैं, जो धर्म, सत्य, और न्याय की प्रतिमूर्ति मानी जाती है। यह दर्शन न केवल एक व्यक्ति के जीवन को सुधारने का माध्यम है, बल्कि यह एक समाज, एक राष्ट्र, और समग्र मानवता के कल्याण की अवधारणा को भी समेटे हुए है।
धर्म और कर्तव्य के प्र��ीक
रामभद्र के जीवन का सबसे प्रमुख पहलू धर्म और कर्तव्य के प्रति उनकी अटूट निष्ठा है। उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलते हुए कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना किया। उनके जीवन में आए अनेक संघर्ष और चुनौतियाँ यह दिखाते हैं कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, धर्म का पालन करना ही मानव जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए। यह जीवन दर्शन हमें सिखाता है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन बिना किसी भेदभाव, भय, या पक्षपात के करना चाहिए।
यह संदेश विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रासंगिक है जो अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जब हम रामभद्र के जीवन को देखते हैं, तो हमें यह समझ में आता है कि कठिनाइयाँ और संघर्ष केवल बाहरी नहीं होते, बल्कि आंतरिक भी होते हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण ही इन संघर्षों को सुलझाने का मार्ग है। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" मंत्र इस दिव्यता का स्मरण कराता है, जो हमें कर्तव्य पथ पर अडिग बनाए रखता है।
मर्यादा और संयम का महत्व
रामभद्र का जीवन मर्यादा और संयम का प्रतीक है। उन्होंने जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने आचरण और व्यवहार में सदैव मर्यादा बनाए रखी। चाहे वह व्यक्तिगत संबंधों की बात हो, सामाजिक दायित्वों की बात हो, या राज्य के प्रति उत्तरदायित्व की, उन्होंने कभी भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि व्यक्ति को अपने जीवन में अनुशासन और संयम का पालन करना चाहिए, क्योंकि ये ही वो गुण हैं जो एक समाज को स्थिरता और शांति प्रदान करते हैं।
मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में रामभद्र का आदर्श जीवन यह दर्शाता है कि मर्यादा का पालन करना न केवल एक व्यक्तिगत आदर्श है, बल्कि यह सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने का आधार भी है। एक व्यक्ति का संयम और अनुशासन उसके चारों ओर के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, और यही रामभद्र का जीवन हमें सिखाता है। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" मंत्र में संचित यह संदेश हमें यह बताता है कि मर्यादा और संयम किसी भी व्यक्ति या समाज के जीवन को आदर्श बना सकते हैं।
सत्य और न्याय की स्थापना
रामभद्र का जीवन सत्य और न्याय की स्थापना के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके द्वारा लिए गए प्रत्येक निर्णय में सत्य और न्याय को सर्वोच्च स्थान दिया गया। उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत हितों को धर्म और न्याय के ऊपर नहीं रखा। यह जीवन दर्शन हमें यह सिखाता है कि सत्य और न्याय की स्थापना किसी भी समाज के विकास और कल्याण का आधार है। सत्य को पहचानने और उसे आत्मसात करने की जो शक्ति रामभद्र के जीवन में दिखती है, वही शक्ति आज के समाज में भी आवश्यक है।
समाज में अन्याय और अधर्म के विरुद्ध खड़े होने का साहस भी रामभद्र से सीखा जा सकता है। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" मंत्र हमें याद दिलाता है कि सत्य और न्याय की रक्षा के लिए हमें सदैव तैयार रहना चाहिए। यह जीवन दर्शन न केवल एक व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि समाज के सामूहिक स्तर पर भी सत्य और न्याय की स्थापन का संदेश देता है।
त्याग और समर्पण का महत्व
रामभद्र का जीवन त्याग और समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत सुखों और इच्छाओं को हमेशा समाज और परिवार के हितों के लिए त्याग दिया। उनके इस त्याग और समर्पण ने उन्हें एक आदर्श के रूप में स्थापित किया, जिसे हर युग में प्रेरणा के रूप में देखा जाता है। यह दर्शन हमें यह सिखाता है कि कभी-कभी व्यक्तिगत इच्छाओं को त्यागकर समाज और परिवार के कल्याण के लिए समर्पण करना आवश्यक होता है।
त्याग और समर्पण का यह गुण व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण और आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है। यह गुण न केवल आत्म-संतोष प्रदान करता है, बल्कि दूसरों के जीवन को भी प्रभावित करता है। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" इस मंत्र में निहित यह संदेश हमें त्याग और समर्पण के महत्व को समझने और उसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
भक्ति और आदर्श जीवन की प्रेरणा
रामभद्र का जीवन भक्ति और आदर्श जीवन की प्रेरणा देता है। उन्होंने अपने जीवन में भगवान के प्रति अटूट भक्ति और श्रद्धा को बनाए रखा, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों। उनका जीवन इस बात का प्रतीक है कि भक्ति के मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति अपने जीवन के सभी कष्टों और बाधाओं को पार कर सकता है। भक्ति का यह मार्ग व्यक्ति को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जो जीवन की हर चुनौती का सामना करने में सहायक होता है।
रामभद्र के जीवन दर्शन से यह स्पष्ट होता है कि आदर्श जीवन वही है, जो न केवल धर्म और सत्य के मार्ग पर चले, बल्कि भक्ति और समर्पण के साथ जिए। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" मंत्र में यह संदेश निहित है कि भक्ति और आस्था के बिना जीवन अधूरा है, और यही आस्था व्यक्ति को आत्मिक संतोष और जीवन की पूर्णता प्रदान करती है।
निष्कर्ष
रामभद्र का जीवन दर्शन एक ऐसी प्रेरणादायक गाथा है, जो हर व्यक्ति के जीवन को सही दिशा में ले जाने का मार्गदर्शन करती है। धर्म, सत्य, न्याय, मर्यादा, संयम, त्याग, समर्पण, और भक्ति के गुण उनके जीवन में प्रत्यक्ष रूप से दिखते हैं, जो हमें यह सिखाते हैं कि एक आदर्श जीवन कैसा होना चाहिए। "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे" यह मंत्र हमें रामभद्र के जीवन दर्शन की उस दिव्यता का स्मरण कराता है, जो हमारे जीवन को बेहतर, अधिक संतुलित, और आध्यात्मिक रूप से संपन्न बना सकता है।
रामभद्र के जीवन दर्शन का यह संदेश न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को सुधारने के लिए है, बल्कि यह पूरे समाज और मानवता के कल्याण के लिए एक प्रकाश स्तंभ है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा सुख और शांति केवल धर्म, सत्य, और भक्ति के मार्ग पर चलकर ही प्राप्त किया जा सकता है।
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Today's Horoscope -
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज किस्मत आपके साथ रहने वाली है। कार्यक्षेत्र में कुछ नया सीखने की कोशिश करेंगे। कार्यालय या घर के काम धीरे-धीरे ही सही लेकिन समय रहते पूरा जरुर हो जाएंगे। लोग आपकी बातों को ध्यानपूर्वक सुनेंगें। अपनी रचनात्मकता से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेंगे। कोई भी फ़ैसला करने से पहले ठीक से विचार-विमर्श कर लें। आज धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा बन पाओगे व लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। किसी उलझी हुई स्थिति में अपनों से बातचीत करन�� से समाधान जरूर मिलेगा। व्यस्त रह सकते हो व स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपका दिन सुनहरा रहने वाला है। किसी खास काम से आपको यात्रा पर जाना पड़ सकता है। अगर आपके दोस्त परिवार के लोगो से कोई खुशखबरी मिल सकती है। जिससे घर का माहौल खुशनुमा बनेगा। जो लोग अविवाहित हैं उन्हें विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है। छात्रों को कम मेहनत से ही सफलता मिल जायेगी। आपको अपने फिजूल खर्चों पर कंट्रोल करना होगा।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका दिन अच्छा रहेगा। कामकाज में कई दिनों से चल रहा तनाव खत्म हो जायेगा। इस राशि के मालिकों को कई बुकिंग एक साथ मिल सकती है। किसी उलझी हुई स्थिति में अपनों से बातचीत करने से समाधान जरूर मिलेगा। धनलाभ के कुछ नए अवसर भी मिलेंगे। माता-पिता का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ बना रहेगा। इससे आपके सारे काम आसानी से पूरे होंगे।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका दिन ठीक-ठाक रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में पहले से बनी प्लानिंग किसी अन्य के सामने न रखें। वरना कोई और इसका फायदा उठा सकता है। आप विवादों में पड़ने से बचें वरना बात सुलझने के बजाय उलझ सकती है। उधार के लेन-देन से बचें। विरोधी पक्ष आपका मन काम से दूर करने की कोशिश करेंगे, लेकिन समझदारी आपको इन लोगों से दूर रखेगी।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका दिन मिला जुला हो सकता है। रिश्तेदारों के साथ फोन पर बातचीत करते हुए ध्यान रखना होगा की कोई ऐसी बात न कहें जिससे तनाव की स्थिति बने। अपनी सूझ-बूझ से आप सभी व्यावसायिक समस्याओं को आसानी से हल कर सकेंगे। अगर आप नौकरी में हैं तो अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। काम के प्रति अपनी एकाग्रता बनाए रखें। कार्यक्षेत्र से जुड़ी आपकी सभी समस्याएं सुलझ जायेगी फिर आपका दिन बेहतर रहेगा। व्यायाम करने से आपकी सेहत अच्छी रहेगी।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपका दिन खुशियां लेकर आया है। अगर जीवनसाथी के साथ कई दिनों से मन-मुटाव चल रहा है तो, वो समाप्त हो जायेगा। अपना समय सकारात्मक कामों को करने में लगाएं। ऐसे मामलों में पड़ने से बचें जिनसे आपका कोई लेना-देना नहीं है। संगीत से जुड़े लोगों को किसी बड़ी संस्था में परफॉर्म करने का अवसर मिल सकता है। सच्चे मन से कि गई आपकी मेहनत रंग लायेगी।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका दिन मिला जुला रहेगा । सोच-विचार कर ही किसी बड़े फैसले को अंतिम रूप दें। कोई ऐसी बात आपके सामने आ सकती है जिससे आप परेशान हो सकते हैं। फिजूल खर्च करने से बचें। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कोई जरूरी काम रूक सकता है। इस राशि के छात्रों को पढ़ाई में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। महिलाओं का दिन राहतपूर्ण रहेगा। परिवार के सारे लोग घर के कामों में एक दूसरे की मदद करेंगे।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका दिन खास रहने वाला है। परिवार के लिये कुछ अच्छा करने का दिन है। आपका कार्य अधिकारियों को खुश करने में कामयाब रहेगा। साहित्य से जुड़े लोगों के लिये दिन अच्छा है। कोई कविता या कहानी लिख सकते हैं। आपको जीवनसाथी की ओर से कुछ अच्छा सा उपहार मिल सकता है। जीवन में लोगों का सहयोग मिलता रहेगा। चेहरे का खास ख्याल रखें।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपका दिन फायदेमंद रहने वाला है। पैसों का फायदा होने और कार्यक्षेत्र में कोई उपलब्धि मिलने का योग बन रहा है। आप शांत मन से काम करेंगे तो आपको काफी फायदा होगा। जो लोग प्लास्टिक के व्यापार से जुड़े हैं उनकी किसी बड़े व्यापारी से साझेदारी हो सकती है। विवाहितों के लिये दिन शानदार रहने वाला है। जीवनसाथी से आपको सरप्राइज मिल सकता है।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपका दिन अच्छा रहेगा। महत्वपूर्ण मामलों में दोस्तों से बातचीत हो सकती है। जिसमें उनका सहयोग आपको प्राप्त होगा। नये विचारों पर काम करने से आपको पूरा फायदा मिलेगा। ऑफिस में वर्कलोड कम रहेगा। परिवारवालों के साथ अधिक समय बीतेगा। इस राशि के जो लोग कपड़ा व्यापारी हैं उन्हें कार्यक्षेत्र में बढ़ोत्तरी के नये आसार मिलेंगे। आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत होगी। बाहार का खाने से बचें।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका दिन बेहतरीन रहने वाला है। अपनी इच्छाएं पूरी करने की कोशिश कारगर साबित होगी। आमतौर पर आप किसी बात का बुरा नहीं मानेंगे। परिवार में उलझा हुआ मामला आसानी से सुलझ जायेगा। छात्रों को करियर संबंधी कोई बड़ी सफलता मिलने वाली है। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ का सहयोग मिलता रहेगा। बच्चों के साथ समय बिताने से परिवारिक रिश्ते बेहतर होंगे और आपको खुशी भी मिलेगी।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका दिन शानदार रहने वाला है। पूरे दिन आपके चेहरे पर प्रसन्नता दिखेगी। कोई नया विचार आपको आर्थिक तौर पर फायदा दिलायेगा। बच्चों के साथ कहीं घूमने के लिये जायेंगे। आपकी कोशिशें फलदायी रहेंगी। आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी। शाम का समय दोस्तों के साथ बितेगा, आप उनके साथ मिलकर पुरानी यादे भी ताजा कर सकते हैं।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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digitalramsharma · 9 days
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कुबेर अष्टलक्ष्मी धनप्राप्ति मंत्र
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र: समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए:-
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कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र हिन्दू धर्म में समृद्धि, ऐश्वर्य और धन के देवता कुबेर से संबंधित एक महत्वपूर्ण मंत्र है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। इस लेख में, हम कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र के महत्व, इसके लाभ और इसे सही तरीके से जपने की विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र का महत्व:- कुबेर, धन और संपत्ति के देवता हैं। उन्हें ‘धन के देवता’ के रूप में पूजा जाता है और उनके आशीर्वाद से जीवन में वित्तीय स्थिरता और समृद्धि आती है। कुबेर के साथ अष्ट लक्ष्मी का संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। लक्ष्मी देवी के आठ रूप होते हैं, जिन्हें अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है।
ये आठ रूप हैं:
1. धन लक्ष्मी - धन और समृद्धि की देवी
2. वीर लक्ष्मी - विजय और सामर्थ्य की देवी
3. संतान लक्ष्मी - संतान सुख की देवी
4. आयुष्मान लक्ष्मी - दीर्घायु और स्वास्थ्य की देवी
5. सर्वभौम लक्ष्मी - समस्त विश्व की माता
6. राज लक्ष्मी - राजसी सुख और वैभव की देवी
7. जल लक्ष्मी - जल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की देवी
8. श्री लक्ष्मी - सामान्य लक्ष्मी, सौभाग्य और संपत्ति की देवी इन आठ रूपों की पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, ऐश्वर्य, सुख-शांति और सभी प्रकार की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र:- कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र के रूप में, यह मंत्र अष्ट लक्ष्मी के सभी रूपों को समर्पि�� है और कुबेर की पूजा का हिस्सा होता है।
यह मंत्र है:
"ॐ श्री कुबेराय नमः,
ॐ धन लक्ष्मी नमः,
ॐ वीर लक्ष्मी नमः,
ॐ संतान लक्ष्मी नमः,
ॐ आयुष्मान लक्ष्मी नमः,
ॐ सर्वभौम लक्ष्मी नमः,
ॐ राज लक्ष्मी नमः,
ॐ जल लक्ष्मी नमः,
ॐ श्री लक्ष्मी नमः।"
इस मंत्र का जाप करते समय, व्यक्ति को विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ प्रत्येक लक्ष्मी के नाम का उच्चारण करना चाहिए।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र के लाभ:-
1. धन और समृद्धि की प्राप्ति: यह मंत्र धन, संपत्ति और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करता है। यदि किसी को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो इस मंत्र का नियमित जाप लाभकारी हो सकता है।
2. वित्तीय स्थिरता: यह मंत्र वित्तीय स्थिरता और सुरक्षित भविष्य का आश्वासन प्रदान करता है। यह व्यक्ति को अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
3. सुख और शांति: मंत्र का जाप मानसिक शांति और संतोष को बढ़ावा देता है। यह व्यक्ति की आंतरिक स्थिति को सुधारने में भी सहायक होता है।
4. स्वास्थ्य और दीर्घायु: आयुष्मान लक्ष्मी के गुणों के कारण, यह मंत्र स्वास्थ्य और दीर्घायु में भी सुधार कर सकता है।
5. परिवार में सुख-शांति: संतान लक्ष्मी की कृपा से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। यह मंत्र परिवारिक रिश्तों को मजबूत बनाने में भी सहायक है।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र का जाप कैसे करें?
1. सही समय: मंत्र का जाप सूर्योदय के समय या रात्रि को शांति से करें। विशेषत: शुक्रवार और लक्ष्मी पूजा के दिन इस मंत्र का जाप अधिक फलदायी माना जाता है।
2. स्वच्छता: जाप के समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। स्नान करके, शुद्ध वस्त्र पहनकर और एक शांत स्थान पर बैठकर मंत्र का जाप करें।
3. माला का उपयोग: मंत्र का जाप जाप माला (108 दानों वाली माला) के साथ करें। प्रत्येक दाने पर एक बार मंत्र का जाप करें और पूरी माला पूरी करें।
4. ध्यान और श्रद्धा: मंत्र का जाप करते समय कुबेर और अष्ट लक्ष्मी के ध्यान में रहें। अपने मन में विश्वास और श्रद्धा बनाए रखें।
5. सच्ची निष्ठा: जाप करते समय निष्ठा और समर्पण का भाव रखें। मन को एकाग्र करके, मंत्र के अर्थ और प्रभाव को समझते हुए जाप करें।
निष्कर्ष:-
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए एक प्रभावी साधन है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का अनुभव होता है। सही तरीके से इस मंत्र का जाप करने से, व्यक्ति को जीवन की सभी सुख-सुविधाएँ प्राप्त होती हैं और आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं। यह मंत्र न केवल धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए है, बल्कि यह मानसिक शांति और परिवारिक सुख के लिए भी लाभकारी होता है। इसलिए, इसे नियमित रूप से जपकर अपनी जीवन की परिस्थितियों में सुधार लाया जा सकता है।
इस मंत्र का जाप आप इस वीडियो के माध्यम से कर सकते हैं : https://www.youtube.com/watch?v=Zx4MKU-cZZo&t=271s
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astroclasses · 12 days
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astrobysadhak · 15 days
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बुध के गोचर से मालामाल हो जाएंगे ये जातक, बस इन जातकों को रहना होगा बहुत सतर्क!
ज्योतिष में बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और लेखन के कारक हैं। जब बुध किसी राशि में विराजमान रहते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के समय बुध की स्थिति और उसकी दिशा हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। बुध का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 से 30 दिनों के बीच होता है। इस अवधि के दौरान, यह विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, बुध का मेष राशि में गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों की प्रेरणा दे सकता है, जबकि वृषभ राशि में गोचर होने पर यह व्यापार में स्थिरता और समृद्धि लाने में सक्षम होता है।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का सिंह राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। इसे बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार, व्यापार, और शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। बुध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और शिक्षा के स्तर को दर्शाता है। जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे लोग तेज दिमाग, तर्कशक्ति, और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले होते हैं। इन्हें गणित, विज्ञान, और साहित्य में विशेष रुचि होती है।
बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का धार्मिक महत्व भी गहरा है। बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को संतुलन और धैर्य का देवता माना जाता है, और बुध भी व्यक्ति के जीवन में संतुलन, विवेक और समझदारी लाता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धार्मिकता की ओर आकर्षित होता है और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक रूप से, यह वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुध का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने और उनमें रुचि रखने की प्रेरणा देता है।
बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए आसान उपाय
बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और इसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर आप बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
बुध मंत्र का जाप
बुध के मंत्र का नियमित जाप करना बुध ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनकर इस मंत्र -ॐ बुं बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से भी है। बुध के दोषों को शांत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। इसके अलावा, बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
हरा वस्त्र और हरे रंग का प्रयोग
बुध ग्रह का रंग हरा माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभाव के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा, मूंग की दाल का दान करना भी लाभकारी होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह के दोषों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस उपाय को करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन करना बुध ग्रह को मजबूत बनाता है। बुध को बलवान बनाने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियों, विशेषकर आंवला को शामिल करें।
रुद्राक्ष धारण करना
पांच मुखी रुद्राक्ष को बुध के लिए शुभ माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी की पूजा
तुलसी का पौधा बुध से संबंधित होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित पूजा करें। तुलसी को जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। इससे बुध ग्रह के दोष कम होते हैं।
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shayarikitab · 22 days
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Best 100+ खूबसूरती की तारीफ शायरी | Khubsurti Ki Tareef Shayari
प्यार में, हम अक्सर उस व्यक्ति के लिए प्रशंसा व्यक्त करते हैं जिसे हम संजोते हैं, यह जानते हुए कि हमारी प्रशंसा खुशी लाती है और हमारे बंधन को मजबूत करती है। रिश्तों में तारीफें आम बात हैं, लेकिन जब उन तारीफों को शायरी के रूप में पिरोया जाता है, तो वे और भी आकर्षक हो जाती हैं। आज के लेख में, हमने आपकी प्रशंसा व्यक्त करने में मदद करने के लिए कुछ Khubsurti Ki Tareef Shayari साझा की हैं।. ये शायरी सिर्फ़ शब्द नहीं हैं; ये आपके प्यार को गहरा करने का एक तरीका हैं। चाहे आप अपनी Girlfriend की तारीफ़ करना चाहते हों या किसी ख़ास को प्रभावित करना चाहते हों, ये शायरी कमाल कर देंगी। अगर आपकी अभी तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, तो ये शायरी किसी को भी आपसे प्यार करने के लिए आकर्षित कर सकती हैं। इन शायरियों को सुनाना या शेयर करना निश्चित रूप से एक स्थायी छाप छोड़ेगा, जो आपके रिश्ते को काव्यात्मक रोमांस के स्पर्श के साथ बढ़ाएगा।.
Khubsurti Ki Tareef Shayari
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हमें लिखनी है उन पर एक पूरी किताब….. उनकी तारीफे चंद लफ़्ज़ों में हमसे बयां नहीं होंगी….!!!
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तुम हकीकत नही हो हसरत हो, जो मिले ख्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आइना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
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महंगी हे तु कोहिनूर से भी , खूबसूरत हैं तु हूर से भी , दूर से दिखते हे चांद में दाग मगर , बेदाग हे तु दूर से भी ..!! समझ में आया लोग चाँद को खूबसूरत क्यों कहते हैं शायद मेरी तरह वो भी उसमे अपनी ही झलक देखते होंगे।
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ज्यादा बड़ा शायर तो नहीं हूं मैं बस तुम्हें खूबसूरत लफ़्ज़ों में पिरो देता हूं।
खूबसूरती की तारीफ शायरी 4 लाइन
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तुम खूबसूरत हो, जानती हो हम तारीफ ना करें, तो क्या करें आंखे कातिलाना हैं तुम्हारी, जानती हो हम जां निसार ना करें, तो क्या करें..!
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हजारों गुलाब है महफिल में पर मेरे वाला गुलाब सबसे खूबसूरत है…❤✍️
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मेरी ज़िंदगी में रौनक़ों की वजह हो तुम । मेरे ख़्वाबों में पारियों की जगह हो तुम। जिस आईने में ख़ुद को रोज़ सवारती हो तुम । उस आईने की खूबसूरती की वजह हो तुम ।
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खूबसूरत हो तुम दिलकश मुस्कुराहट है तुम्हारी एक झलक पाकर ही धड़कने बढ़ जाती हैं हमारी
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इन्ही को सुकून इन्ही को कहर लिखा है हमने तेरी आंखों को खूबसूरत शहर लिखा हैं।
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ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत ख्याल हो तुम इश्क़ और इबादत दोनों में बेमिसाल हो तुम ❤️❤️ इसी खूबसूरत से नाम ने ही बरबाद कर रखा है वरना, इश्क के पहले जख़्मी ही कौन था। इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में, जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए…. इश्क की गहराईयों में…खूबसूरत क्या है एक मैं हूँ, एक तुम हो और जरुरत क्या है।
खूबसूरती की तारीफ शायरी २ लाइन
तुमको लिख पाना , कहाँ मुमकिन है.. इतने खूबसूरत तो लफ्ज़ भी नहीं मेरे पास..💜 बेहद खूबसूरत “गजल” हो तुम, तुम्हे हर पल गुनगुनाता हूं मैं.. 😊😊❤️❤️ वह बहुत खुबसूरत है इससे कोई परहेज नहीं, और कत्ल करती हैं जिस कदर वह मेरा, नजर तेज धार है उतनी जितनी तलवार भी तेज नहीं। अगर मेरे अल्फाज भी खूबसूरत लगते हैं तो सोचिए, जिन्हें सोचकर लिखते हैं वो कितने खूबसूरत होंगे…!!
सनम की खूबसूरती की तारीफ शायरी
बहुत खूबसूरत है पूरी कायनात, फिर भी तेरे ख़्याल से खूबसूरत कुछ भी नहीं! खूबसूरत मेरी शायरी नही तेरी मोहब्बत है जो नूर बन कर झलकती है मेरे लफ़्ज़ों में… औरों को पसंद आती होगी मेकअप में छुपी खूबसूरती, हमे तो तेरी सादगी पसंद है .!!🥰🥰 सभी खूबसूरत है मगर… बेइंतहा शब्द… किसी एक के लिए होता है.. ✍️
किसी व्यक्ति की तारीफ में शायरी
तू चाँद सी खूबसूरत है 🌙 बादलों में न छिप जाया कर☁️ और क्या रखा है.? ✨ चाहतों में ♥️🌼 इबादतों में ♥️✨ शिद्दतों में ♥️✨ बस हर रोज़ दिख जाया कर 😇✨ रात भर करता रहा में तारीफ चांद से ।।। तेरे इश्क में उसको भी फीका बता दिया।। तेरी खूबसूरती की चमक में। अब क्या कह उसे तेरी तारीफो ने सुबह के जलते सुरुज को भी ठंडा बना दिया ।।। हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का.. कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो..!!!! ❤️😻 धीरे से लबों पर उतरा ये सवाल.. वो ज्यादा खुबसूरत है या उसका ख्याल .. 🌺 धीरे से लबों पे पिघला है यह सवाल……. तू ज़्यादा ख़ूबसूरत है या तेरा ख़्याल…….!!! खूबसूरत तो सारे गुलाब होते है, पर मेरी पसन्द का गुलाब हो तुम।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तुमसे टकराए तो मालूम हुआ हादसे खूबसूरत भी हुआ करते है। नजर लगती है हर खूबसूरत चीज को…. कोई काला धागा बांध दे मेरे इश्क़ को…..🖤 तुम्हे याद करने से होंठों पर मुस्कुराहट आ जाए, एक ऐसा खूबसूरत ख्याल हो तुम…..* लाज़मी है चेहरे पर तिल होना खुबसूरत चेहरे पर पहरेदारी भी जरूरी है 💖 अपने महबूब को गजल में सवारूँ कैसे, वो मेरे ख्याल से बढ़ कर खूबसूरत है। मेरा और उसका कुछ ऐसा किस्सा है ….. मेरी छोटी सी दुनिया का वह खूबसूरत हिस्सा है ….. बहुत खूबसूरत हो तुम फूल की तरह,😁 😌खुद को दुनिया कि नजर से बचाया करो, सिर्फ आँखों में काजल ही काफी नहीं,😵 गले में नीम्बू-मिर्ची भी लटकाया करो।🍋 मेरी नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गई अरे पगली!!! तूं है ही इतनी खूबसूरत जो मोहब्बत तुम हो गई 🤪 उसकी खूबसूरती की तारीफ करने से डरते हैं, कहीं समझ न ले वो इसे हमारी खता,🥀🌺 इसलिए इजहार-ए-मोहब्बत करने से डरते हैं। मेरे लफ्जो में है तारीफ एक चेहरे की…………💕💕 मेरे महबूब की मुस्कुराहट से चलती है शायरी मेरी…💕💕 Read Also Read the full article
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parasparivaarorg · 22 days
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Famous Temple in India Mahakal Ujjain
Paras Parivaar Organization: Praised Mahakal Temple (महाकाल मंदिर) in India
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा �� रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
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धार्मिक नगरी उज्जैन पूरी दुनिया में काफी मशहूर है। मध्य प्रदेश की तीर्थ नगरी उज्जैन में शिप्रा तट के निकट 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर हैं। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर भारत में भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसके अलावा यहाँ हर 12 साल में कुंभ मेले का भी आयोजन किया जाता है जो सिंहस्थ के नाम से जाना जाता है।
इस मंदिर में किए जाने वाले अनोखे अनुष्ठानों में से एक भस्म आरती है, जो अद्भुत रहस्य से भरी है इसलिए यह भस्म आरती दुनिया भर से भक्तों को आकर्षित करती है। आज इस ब्लॉग में हम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के बारे में और महाकाल भस्म आरती के महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर
मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का यह प्रमुख मंदिर है। उज्जैन में भारत के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल मंदिर स्थित है। महाकाल की नगरी उज्जैन को सब तीर्थों में श्रेष्ठ माना जाता है। यहां 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल मंदिर स्थित है।
यह न केवल एक पूजा स्थल है बल्कि अत्यधिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का स्थल भी है। मंदिर की उत्पत्ति चौथी शताब्दी ईसा पूर्व की मानी जाती है, जिसका उल्लेख मत्स्य पुराण और अवंती खंड जैसे प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में मिलता है।
इस मंदिर में किया जाने वाले सबसे मुख्य अनुष्ठान भस्म आरती है जो हर किसी का ध्यान अपनी ओर बरबस ही खींचती है। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। यह भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास स्थान माना जाता है।
महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि बाबा महाकालेश्वर के दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
वास्तुकला
यह मंदिर उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसमें पाँच-स्तरीय शिकारा (शिखर), जटिल नक्काशी और एक विशाल प्रवेश द्वार है। इसके साथ ही मंदिर का आध्यात्मिक माहौल, पास में शिप्रा नदी के शांत घाटों के साथ मिलकर, भक्तों और पर्यटकों के लिए एक शांत वातावरण बनाता है। हिंदू धर्म में उज्जैन शहर का अपना अलग महत्व है। यह प्राचीन धार्मिक नगरी देश के 51 शक्तिपीठों और चार कुंभ स्थलों में से एक है।
क्यों कहा जाता है महाकाल ?
काल के दो अर्थ होते हैं एक समय और दूसरा मृत्यु। भगवान भोलेनाथ की नगरी उज्जैन हमेशा से ही काल-गणना के लिए बेहद उपयोगी एवं महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। देश के नक्शे में यह शहर 23.9 डिग्री उत्तर अक्षांश एवं 74.75 अंश पूर्व रेखांश पर स्थित है।
कर्क रेखा भी इस शहर के ऊपर से गुजरती है। साथ ही उज्जैन ही वह शहर है, जहां कर्क रेखा और भूमध्य रेखा एक-दूसरे को काटती है। इस शहर की इन्हीं विशेषताओं को ध्यान में रख काल-गणना, पंचांग निर्माण और साधना के लिए उज्जैन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
दरअसल महाकाल को महाकाल इसलिए कहा जाता है क्योंकि प्राचीन समय से ज्योतिषाचार्य यहीं से भारत की काल गणना करते आए हैं और यहीं से प्राचीन काल में पूरे विश्व का मानक समय निर्धारित होता था। इसी काल की गणना के कारण ही यहां भगवान शिव को महाकाल के नाम से जाना जाता है और यही वजह है कि इस ज्योतिर्लिंग का नाम महाकालेश्वर पड़ा।
“महाकाल” शब्द यानि “महान समय” है, जो भगवान शिव की शाश्वत प्रकृति को दर्शाता है। कहते हैं काल भी महाकाल के रौद्र रूप महाकाल के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं।
शास्त्रों का एक मंत्र- आकाशे तारकेलिंगम्, पाताले हाटकेश्वरम्। मृत्युलोके च महाकालम्, त्रयलिंगम् नमोस्तुते।। यानि सृष्टि में तीन लोक हैं- आकाश, पाताल और मृत्यु लोक। आकाश लोक के स्वामी हैं तारकलिंग, पाताल के स्वामी हैं हाटकेश्वर और मृत्युलोक के स्वामी हैं महाकाल। मृत्युलोक यानी पूरे संसार के स्वामी महाकाल ही हैं।
भस्म आरती
कालों के काल महाकाल के यहाँ हर दिन सुबह भस्म आरती होती है। इस आरती की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें ताजा मुर्दे की भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। यानि महाकालेश्वर मंदिर में सबसे अनोखा अनुष्ठान है भस्म आरती। इस अनुष्ठान में शिव लिंगम पर पवित्र राख, या “भस्म” लगाना शामिल है।
मध्य प्रदेश के शहर उज्जैन का नाम तो हर किसी ने सुना होगा। धार्मिक मान्यताओं के लिए मशहूर यह शहर पूरी दुनिया में दो चीजों के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। इनमें से पहला है यहां स्थित बाबा महाकाल का मंदिर और दूसरा यहां होने वाला कुंभ।
कालों के काल बाबा महाकाल के इस मंदिर के दर्शन करने दूर-दूर से हर साल लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुँचते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि यह स्थल अत्यन्त पुण्यदायी है। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिव पुराण में भी विस्तार से मिलता है।
भस्म आरती का समय
भस्म आरती के दर्शन करने के नियम कुछ खास होते हैं, इनका आपको पालन करना होता है। आपको बता दें कि यहां आरती करने का अधिकार सिर्फ यहाँ के पुजारियों को ही दिया जाता है अन्य लोग इसे केवल देख सकते हैं।
इस आरती को देखने के लिए पुरुषों को केवल धोती पहननी पड़ती है और महिलाओं को आरती के समय सिर पर घूंघट रखना पड़ता है। भस्म आरती का समय ऋतु परिवर्तन और सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय के साथ थोड़ा बदल जाता है। विशेष रूप से सुबह की भस्म आरती सबसे लोकप्रिय है और इसमें बहुत भीड़ होती है।
इस पवित्र समारोह को देखने और इसमें भाग लेने के लिए भक्त भोर से पहले ही जाग जाते हैं। भस्म आरती में अनुष्ठानों की एक श्रृंखला शामिल होती है, जिसमें वैदिक मंत्रों का जाप, पवित्र जल (अभिषेकम) की पेशकश और शिव पर विभूति का अनुप्रयोग शामिल है। पुजारी इन अनुष्ठानों को विधि विधान और समर्पण के साथ करते हैं।
भस्म आरती का समय
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती एक दैनिक अनुष्ठान है जो सुबह जल्दी शुरू होती है। भस्म आरती का समय निम्न है-
प्रातः भस्म आरती
यह भस्म आरती प्रातः 4:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक होती है। यह सबसे प्रसिद्ध भस्म आरती है, इस पवित्र भस्म आरती के दर्शन के लिए भक्त बड़ी संख्या में आते हैं।
मध्याह्न भस्म आरती
यह भस्म आरती सुबह 10:30 से 11:00 बजे तक होती है।
संध्या भस्म आरती
इसका समय शाम 7:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक है। इसका समय सूर्यास्त के समय के साथ बदलता रहता है।
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि भस्म आरती देखना और भगवान शिव का आशीर्वाद लेना बेहद शुभ होता है। आरती के बाद, भक्तों को प्रसाद के रूप में पवित्र राख दी जाती है। ऐसा माना जाता ​​है कि इस राख को अपने माथे या शरीर पर लगाने से आध्यात्मिक शुद्धि और सुरक्षा मिलती है।
मंदिर का वैज्ञानिक महत्व
हम सबने भगवान शिव के इस मंदिर की पौराणिक कथाओं के बारे में सुना है लेकिन इस मंदिर का वैज्ञानिक महत्व शायद आपको पता न हो। खगोल शास्त्री मानते हैं कि मध्य प्रदेश का शहर उज्जैन ही पृथ्वी का केंद्र बिंदु है।
खगोल शास्त्रियों के अनुसार मध्य प्रदेश का यह प्राचीन शहर धरती और आकाश के बीच में स्थित है। इसके अलावा शास्त्रों में भी उज्जैन को देश का नाभि स्थल बताया गया है। यहाँ तक कि वराह पुराण में भी उज्जैन नगरी को शरीर का नाभि स्थल और बाबा महाकालेश्वर को इसका देवता कहा बताया गया है
उज्जैन के कुंभ को क्यों कहा जाता है सिंहस्थ
यहां हर 12 साल में पूर्ण कुंभ तथा हर 6 साल में अर्द्धकुंभ मेला लगता है। उज्जैन में होने वाले कुंभ मेले को सिंहस्थ कहा जाता है। आपको बता दें कि सिंहस्थ का संबंध सिंह राशि से है। जब सिंह राशि में बृहस्पति और मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होता है तो तब उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है इसलिए उज्जैन के कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है।
दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है महाकाल
उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर का पौराणिक महत्व भी बहुत अधिक है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां दूषण नामक राक्षस का वध कर अपने भक्तों की रक्षा की थी, जिसके बाद भक्तों के आग्रह के बाद भोलेबाबा यहां विराजमान हुए थे। दूषण का वध करने के पश्चात् भगवान शिव को कालों के काल महाकाल या भगवान महाकालेश्वर नाम से पुकारा जाने लगा।
यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है। ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ, मल्लिकार्जुन के बाद तीसरे नंबर पर महाकालेश्वर मंदिर आता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिणमुखी है।
इसलिए तंत्र साधना के लिए इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल तंत्र साधना के लिए दक्षिणमुखी होना जरूरी है। इस मंदिर को लेकर ये भी मान्यता है कि यहां भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे।
ज्योतिर्लिंग यानी शिव जी ज्योति स्वरूप में विराजित हैं। देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं। इन 12 जगहों पर शिव जी प्रकट हुए थे और भक्तों की इच्छा पूरी करने के लिए इन जगहों पर ज्योति रूप में विराजमान हो गए।
यह मंदिर हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस मंदिर की तीर्थयात्रा करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं और आपको जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। महाकाल को उज्जैन का महाराज भी कहते हैं, माना जाता है कि किसी भी शुभ चीज को करने से पहले महाकाल का आशीर्वाद लेना बहुत ही शुभ फल देता है।
इन नामों से भी जाना जाता है उज्जैन को
शिप्रा, जिसे क्षिप्रा के नाम से भी जाना जाता है यह मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य की एक नदी है। क्षिप्रा नदी के तट पर बसे होने की वजह से इस शहर को शिप्रा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा यह शहर संस्कृत के महान कवि कालिदास की नगरी के नाम से भी काफी प्रचलित है।
यह मध्य प्रदेश के पांचवें सबसे बड़े शहरों में से है, जो अपनी धार्मिक मान्यातों के चलते दुनियाभर में पर्यटन का प्रमुख स्थल है। प्राचीन समय में उज्जैन को अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा के नाम से भी जाना जाता था।
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astrovastukosh · 2 months
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Aaj Ka Rashifal 07 August 2024: आज हरियाली तीज पर इन राशियों पर बरसेगी खुशियां
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Aaj Ka Rashifal 07 August 2024: बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेश को समर्पित होता है और हरियाली तीज के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शिव परिवार की विधिवत पूजा करने से संकट दूर होते हैं और मनचाहा फल प्राप्त होता है।
Aaj Ka Rashifal 07 August 2024: जानें कैसा रहेगा आपका दिन
मेष राशि आज आप आर्थिक रूप से अच्छा प्रदर्शन करेंगे। किसी नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं। आपकी सेहत अच्छी रहने वाली है। आपमें से कुछ लोगों को पेशेवर मोर्चे पर अपनी प्रतिष्ठा को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। बाहर घूमने जाने का योग है और यह आपको किसी विदेशी जगह पर ले जा सकता है। संपत्ति के मामले में कोई फैसला आपकी पसंद के मुताबिक होगा। आज का दिन आपके लिए खुशहाल रहेगा।
वृषभ राशि आज परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे। कुछ लोगों को अच्छी और अच्छे वेतन वाली नौकरी मिलने की संभावना है। आप अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए नए प्रयासों में सफल होंगे। संपत्ति पर आकर्षक ऑफर मिलना संभव है। सामाजिक मोर्चे पर आप देखेंगे कि लोग आपकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
मिथुन राशि आज आप कार्यस्थल पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। कुछ लोगों को पदोन्नति के साथ आय में उम्मीद से ज्यादा वृद्धि मिल सकती है। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिताएंगे। आज कोई आर्थिक फैसला आपके बैंक बैलेंस को बढ़ा सकता है। परिवार के साथ कहीं घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं।
कर्क राशि आज आप आर्थिक रूप से अच्छा महसूस करेंगे। यात्रा के योग बन रहे हैं। आपकी संपत्ति में बढ़ोतरी हो सकती है। कार्यस्थल पर आपको उच्चाधिकारियों का सहयोग मिलेगा। आपको कार्यस्थल पर लंबित मुद्दों को निपटाने के लिए समय मिलेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए राह आसान होने की संभावना है। भूमि, भवन व वाहन की खरीदारी संभव है।
सिंह राशि सिंह राशि वालों के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है। जिस सहकर्मी पर आप भरोसा करते हैं वह काम के मोर्चे पर किसी समस्या से निपटने में आपकी मदद करेगा। समझदारी भरे निवेश अवसर का लाभ उठाने से निकट भविष्य में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है। दोस्तों के साथ मुलाकात संभव है। प्रॉपर्टी में निवेश से अच्छा रिटर्न मिल सकता है, इसलिए इस पर नजर रखें।
कन्या राशि कार्यस्थल पर आपकी कोई परेशानी दूर हो सकती है। परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा समय बिताएंगे, जिससे मन प्रसन्न रहेगा। लंबी दूरी की यात्रा के लिए अच्छा दिन है। डाइट में बदलाव होने से आप ज्यादा एनर्जेटिक रहेंगे। व्यवसायी व्यक्ति मुनाफा बढ़ाने के नए तरीके खोजेंगे। आपका मानसिक तनाव दूर होगा।
तुला राशि व्यापारी आज नए कस्टमर बनाने में सफल रहेंगे। आर्थिक मोर्चे पर आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आज कोई करीबी व्यक्ति आपकी मदद के लिए आगे आ सकता है। जिस घर या संपत्ति पर आपकी लंबे समय से नजर थी, उसे आप खरीद सकेंगे। परिवार में आज कोई उत्साह हो सकता है, जिससे आप उत्साहित रहेंगे।
वृश्चिक राशि सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। कुछ लोगों को संपत्ति लाभ हो सकता है। बिगड़ती आर्थिक स्थिति में जल्द ही सुधार के संकेत दिखेंगे। आप डाइट में कंट्रोल करने से आपकी सेहत में सुधार होगा। ऑफिस में थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा।
धनु राशि किसी बड़ी चीज में निवेश करने के लिए आपको आर्थिक रूप से मजबूत स्थिति मिलने की संभावना है। आज कुछ लोग घर भी खरीद सकते हैं। आज आपको मेहनत का पूरा फल मिलेगा। पेशेवर मोर्चे पर आपको उच्चाधिकारियों का सहयोग मिलेगा।
मकर राशि पेशेवर मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत और परिश्रम का फल मिलना निश्चित है। कुछ लोगों को परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। ऑफिस में आप मैनेजमेंट की गुड बुक में रहें। आपको आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के प्रयास करने चाहिए। कुछ लोगों के लिए संपत्ति विरासत में मिलने की संभावनाएं हैं।
कुंभ राशि कुंभ राशि वालों के लिए आज का दिन बढ़िया रहने वाला है। पेशेवर मोर्चे पर आपकी छवि अच्छी रहेगी। आज आप अपने खर्चों पर नजर रखें, वरना आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। संपत्ति के मोर्चे पर फैसला आपके पक्ष में रहेगा। परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा दिन बिताएंगे।
मीन राशि मीन राशि के कुछ जातकों को आज मनचाहा ट्रांसफर मिल सकता है। आज आप बजट बनाकर चलें, वरना आगे चलकर आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस बात की प्रबल संभावना है कि कोई मेहमान आपके दरवाजे पर आएगा और आपका दिन खुशनुमा बना देगा। आज ऑफिस में राजनीति से सतर्क रहें।
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atl007 · 3 months
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शास्त्र भी यदि विश्राम न दे पाएँ तो समझना कुछ कमी है।
तुम भव-रस सुखाने की चेष्टा मत करो,तुम प्रेम-रस प्रकट करने की चेष्टा करो; भव-रस अपने आप सूख जायेगा।
भूतकाल को शोकपूर्ण दृष्टि से न देखो,वह पुन: लौट नहीं सकता बुद्धिमत्ता के साथ वर्त्तमान की उन्नति करो,वह तुम्हारा है।
संत का कहना है सभी प्राणियों में एक ही ईश्वर का वास होता है,ईश्वर के अलावा और दूसरा है कहाँ? लोभ और द्वेष में पड़कर जब हम किसी को कष्ट,पीड़ा पहुँचाने का प्रयास करते हैं
तो हमारा चिन्तन ईश्वर से हटकर संसार में भटकने - लगता है। हम मुक्ति पाने से वंचित हो जाते हैं।
अत: दूसरे को कष्ट व पीड़ा पहुँचाने का भाव छोड़कर उनमें प्रेम व ज्ञान का प्रकाश करके आत्म सुख का अनुभव प्राप्त करना ही जीवन का मूल्य है।
प्रभु,हमें ऐसे लोगों की संगति देना,जिनके भीतर संदेह हो जो कर्मवादी हों. सपने देखते हों,जिनमें उत्साह भरा हो और जो हर दिन ऐसे जीते हों,जैसे यह आपकी महिमा को समर्पित हो !
🇮🇳 भारत की असली ताकत 🇮🇳
जब हम भारत के अतीत को देखते हैं,तो जो बात हमारा ध्यान सर्वाधिक आकर्षित करती है,वह है उसकी विलक्षण ऊर्जस्विता; उसके जीवन और जीवन के आनंद की असीम शक्ति;
सृजनशीलता। कम से कम तीन हजार वर्षों से- वस्तुतः और भी लंबे समय से भारत प्रचुरता से और निरंतरता से खुले हाथों व अनंत बहुपक्षीयता के साथ सुजित करता आ रहा है गणतंत्रों,राज्यों और साम्राज्यों की दर्शनों,राष्टि-मीमांसाओं को विज्ञानों और पंथी को, समुदायों, समाजों और धार्मिक व्यवस्थाओं को,कानूनों व संहिताओं,व्यापारी,उद्योगों को यह सूची अनंत है और प्रत्येक मद में प्रायः क्रियाशीलता का बाहुल्य है। वह सृजन करता ही जाता है,करता ही जाता है और
न संतुष्ट होता है,न थकता है,वह उसका अंत नहीं करना चाहेगा। आराम करने के लिए स्थान की आवश्यकता भी नहीं लगती,न आलस्य अथवा खाली पड़े रहने के लिए समय की। वह अपनी सीमाओं के बाहर भी विस्तार करता है; उसके जहाज महासागर पार करते हैं और उसकी संपदा का उत्तम अतिरेक छलककर
जूडेआ,मिस्र और रोम पहुंचता है; उसके उपनिवेश उसकी कलाओं,उसके महाकाव्यों और उसके पंथों को द्वीप-समूहों में प्रसारित कर देते हैं;
उसके चिह्न मैसोपोटामिया की रेतों में पाए जाते हैं; उसके धर्म चीन और जापान को जीत लेते हैं और पश्चिम की दिशा में
फलस्तीन और सिकंदरिया तक फैल जाते हैं और उपनिषदों के स्वर तथा बौद्धों की उक्तियां ईसा मसीह के होठों पर पुनः गुंजरित हो उठते हैं। सर्वत्र, जैसी उसकी मिट्टी में,वैसी ही उसके कामों में भरपूर जीवन की
ऊर्जा की अति- विपुलता है। ...
वस्तुतः इस भरपूर ऊर्जा और भरपूर बौद्धिकता के बिना भारत इतना कुछ कभी नहीं कर पाता,जितना उसने अपनी आध्यात्मिक प्रवृत्तियों के साथ किया। यह समझना भारी भूल है कि आध्यात्मिकता सबसे अधिक वहां पनपती है,जहां की भूमि दरिद्र होती है,जीवन अधमरा होता है और बुद्धि हतोत्साहित तथा भयाक्रांति होती है।
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ऐसी जो आध्यात्मिकता पनपती है,वह विकृत यदि चाहे,तो भारत उन समस्याओं को निर्णायक मोड़ दे सकता है, जिनके ऊपर सारी मानव जाति परिश्रम कर रही है और लड़खड़ा रही है,क्योंकि उनके हल का सुराग उसके प्राचीन ज्ञान में है।
यदि चाहे,तो भारत उन समस्याओं को एक नया और निर्णायक मोड़ दे सकता है, जिनके ऊपर साgरी मानव जाति परिश्रम कर रही है और लड़खड़ा रही है,क्योंकि BHARAT है!
उनके हल का सुराग उसके प्राचीन ज्ञान में है।
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deshbandhu · 1 month
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Brahmaraakshas: ek saamaajik aur aadhyaatmik chetaavanee
ब्रह्मराक्षस कविता भारतीय साहित्य की एक महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें गहरे सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश निहित हैं। इस कविता के माध्यम से कवि ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास, धार्मिक पाखंड, और स्वार्थपरता का पर्दाफाश किया है। कविता की व्याख्या करते समय हमें इसके शाब्दिक अर्थ के साथ-साथ उसमें छुपे हुए दार्शनिक और नैतिक संदेशों पर भी ध्यान देना चाहिए।
ब्रह्मराक्षस का परिचय
ब्रह्मराक्षस एक अद्वितीय प्रतीक है, जो कवि की कल्पना में जन्मा एक पात्र है। यह एक ऐसे विद्वान की आत्मा है जो मृत्यु के बाद ब्रह्मराक्षस बन जाता है। इसे इस रूप में देखा जा सकता है कि वह विद्वान जीवन में अपने ज्ञान का सही प्रयोग नहीं कर पाया, और मृत्यु के बाद उसे इस रूप में भुगतना पड़ता है। ब्रह्मराक्षस एक प्रकार का अभिशप्त पात्र है, जो ज्ञान और विद्या के होते हुए भी आत्मिक शांति से वंचित है।
कविता में ब्रह्मराक्षस का चित्रण एक विशालकाय और भयानक राक्षस के रूप में किया गया है, जो लोगों को डराता है। लेकिन असल में, वह किसी को नुकसान नहीं पहुँचाता, बल्कि स्वयं अपनी पीड़ा में डूबा हुआ है। यह पात्र इस बात का प्रतीक है कि केवल ज्ञान प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है; उसका सही प्रयोग और उसे आत्मसात करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
सामाजिक और नैतिक संदेश
कविता के माध्यम से कवि ने समाज में व्याप्त कई कुरीतियों और विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। ब्रह्मराक्षस उस व्यक्ति का प्रतीक है, जो केवल बाहरी ज्ञान के आधार पर समाज में प्रतिष्ठा तो प्राप्त कर लेता है, लेकिन उसकी आत्मा शांति और संतोष से वंचित रहती है। यह कविता हमें यह संदेश देती है कि ज्ञान का सही उपयोग न हो, तो वह व्यक्ति के लिए बोझ बन सकता है।
कविता में ब्रह्मराक्षस का जीवन एक प्रकार की त्रासदी है, जो यह दर्शाता है कि केवल विद्वान बनना ही पर्याप्त नहीं है। अगर व्यक्ति अपने ज्ञान को समाज की भलाई के लिए प्रयोग नहीं करता, तो वह अंततः एक अभिशाप में बदल जाता है। यह कविता हमें यह सिखाती है कि विद्या का उद्देश्य केवल आत्मसंतुष्टि या समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे समाज की भलाई और मानवता की सेवा में लगाना चाहिए।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण
ब्रह्मराक्षस का पात्र एक गहरी आध्यात्मिक त्रासदी को भी उजागर करता है। यह कविता इस बात की ओर इशारा करती है कि जीवन में ज्ञान का असली उद्देश्य आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्त करना है। ब्रह्मराक्षस का जीवन इस बात का प्रतीक है कि अगर व्यक्ति अपने ज्ञान का सही मार्ग पर प्रयोग नहीं करता, तो वह आत्मिक शांति से वंचित रह सकता है।
कविता के आध्यात्मिक संदेश में यह भी शामिल है कि व्यक्ति को अपने अहंकार, लालच, और स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। ब्रह्मराक्षस का जीवन हमें यह सिखाता है कि ज्ञान के साथ विनम्रता, करुणा और दूसरों की भलाई की भावना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। अगर व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए ज्ञान का प्रयोग करता है, तो वह अंततः दुख और पीड़ा का ही सामना करता है।
कविता की भाषा और शिल्प
कविता की भाषा अत्यंत प्रभावशाली और समृद्ध है। कवि ने सरल और सीधे शब्दों का प्रयोग किया है, लेकिन उनमें गहरी भावनाएँ और संदेश छिपे हुए हैं। ब्रह्मराक्षस का चित्रण जिस प्रकार किया गया है, वह पाठक के मन में एक भयानक लेकिन दयनीय पात्र की छवि उत्पन्न करता है। कविता का शिल्प और संरचना इस प्रकार है कि वह पाठक को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करती है।
कवि ने ब्रह्मराक्षस के माध्यम से समाज के उन लोगों पर भी कटाक्ष किया है, जो केवल बाहरी दिखावे और ज्ञान के आधार पर समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। ब्रह्मराक्षस का पात्र इन सबके लिए एक चेतावनी है कि अगर ज्ञान का सही प्रयोग नहीं किया गया, तो वह अंततः एक भयंकर त्रासदी का कारण बन सकता है।
ब्रह्मराक्षस की प्रासंगिकता
ब्रह्मराक्षस कविता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी कि वह अपने समय में थी। आज के समाज में भी जहां बाहरी दिखावे, प्रतिष्ठा, और स्वार्थ का बोलबाला है, वहां इस कविता का संदेश एक चेतावनी के रूप में काम करता है। यह कविता हमें यह सिखाती है कि केवल ज्ञान प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसका सही प्रयोग और उसे आत्मसात करना भी आवश्यक है।
कविता हमें यह प्रेरणा देती है कि हमें अपने ज्ञान और विद्या का प्रयोग न केवल अपने लिए, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी करना चाहिए। यह कविता हमें यह सिखाती है कि आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति के लिए हमें अपने अहंकार, लालच, और स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचना चाहिए।
निष्कर्ष
ब्रह्मराक्षस कविता एक महत्वपूर्ण साहित्यिक रचना है, जो समाज में व्याप्त कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालती है। यह कविता हमें यह सिखाती है कि ज्ञान का सही प्रयोग न हो, तो वह व्यक्ति के लिए एक अभिशाप बन सकता है। ब्रह्मराक्षस का जीवन और उसकी त्रासदी हमें यह चेतावनी देती है कि हमें अपने ज्ञान का सही उपयोग करना चाहिए और उसे समाज की भलाई और मानवता की सेवा में लगाना चाहिए।
कविता की भाषा, शिल्प, और उसमें निहित संदेश हमें गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। ब्रह्मराक्षस का पात्र एक ऐसी त्रासदी का प्रतीक है, जो हमें यह सिखाती है कि केवल विद्वान बनना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें अपने ज्ञान का सही मार्ग पर प्रयोग करना चाहिए। इस कविता के माध्यम से कवि ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि वह पहले था।
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Today's Horoscope-
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आपका आज का दिन आनंदपूर्वक बीतेगा। आज दिन भर स्वास्थ्य बना रहेगा लेकिन विपरीत लिंगीय और अनैतिक कार्यो के प्रति आकर्षण आज कुछ अधिक ही रहेगा विवेक से काम ले अन्यथा जहाँ से सम्मान मिलना है वहां आदर में कमी आ सकती है। आलस्य करने पर भी सहयोगियों की मदद से आपके कार्य निर्धारित रूप से योजना के अनुसार पूर्ण होंगे। नौकरी पेशा जातको को आज अतिरिक्त कार्य करना पडेगा इसके बदले कोई अतिरिक्त लाभ की आशा न रखे निराश होने पड़ेगा धन लाभ आज मुश्किल से ही होगा। आकस्मिक यात्रा के योग बनेंगे अंत समय मे टल भी सकते है। मित्र रिश्तेदारो के साथ उत्तम-भोजन सुख मिलेगा।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज का दिन आपके लिये मिला-जुला फल देगा। दिन के आरंभिक भाग में सुस्ती रहेगी मध्यान के समय ही कार्यो को थोड़ी बहुत गंभीरता से लेंगे कार्य क्षेत्र पर अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी लाभ के लिए संध्या तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मध्यान के बाद आकस्मिक धनलाभ होने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी लेकिन आज व्यवसायी वर्ग भावनाओ में बहकर उधारी के व्यवहारों से बचे अन्यथा आगे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। सांध्य का समय सार्वजनिक क्षेत्र पर सम्मान मिलने से मन को संतोष होगा मित्र रिश्तेदारी में खर्च को लेकर परिवार में बहस हो सकती है। सेहत आज कुछ नरम रहने पर भी परवाह नही करेंगे।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज का दिन आपके लिए शुभ फलदायक रहेगा। आज आपकी दिनचार्य योजना बद्ध नही रहेगी जो भी कार्य करेंगे उसमे कोई न कोई टांग अड़ायेगा हताशा को जगह ना दे लक्ष्य पर ध्यान दे तो लाभ अवश्य मिलेगा।आज कोई पुरानी परेशानी किसी रिश्तेदार की सहायता से कम होगी। मध्यान बाद कार्य व्यवसाय में अचानक गति आने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी लेकिन धन संग्रह बड़ी मुश्किल से ही हो सकेगा। नौकरी पेशा जातक आज अपने कार्य के लिए सम्मानित होंगे। ससुराल पक्ष से आकस्मिक लाभ की संभावना है। सामाजिक समारोह को लेकर परिवार में सुख का वातावरण रहेगा। शारीरिक स्वास्थ्य में कमी आएगी थकान दर्द की समस्या से ग्रस्त रहेंगे।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज का दिन आपके लिये कार्यसफलता वाला रहेगा बीते दिन���ं से जिस कार्य को लेकर भागदौड़ कर रहे थे आज उसके पूर्ण होने से आय के नए मार्ग खुलेंगे। आज जिस भी नए कार्य में हाथ डालेंगे उसमे किसी का सहयोग समय पर मिलने से सफलता मिलेगी। किसी नजदीकी के सहयोग से नए अनुबंध मिलेंगे। भाई-बहनों से आज संबंधो में निकटता का अनुभव करेंगे फिर भी छोटी मोटी बातो को अनदेखा करना ही बेहतर रहेगा। दूर रहने वाले परिजनों से शुभ समाचार मिलेंगे अविवाहितों के लिये विवाह के प्रस्ताव आएँगे लेकिन जल्दबाजी में निर्णय ना ले। यात्रा से लाभ होगा। सेहत कुछ समय के लिये खराब होगी स्वतः ठीक भी हो जाएगी।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) आज का दिन आपको मिश्रित फल प्रदान करेगा। आज कार्य व्यस्तता अधिक रहने से थकान एवं शारीरिक शिथिलता अनुभव होगी आज जिस कार्य को करना चाहेंगे उसमे कोई न कोई व्यवधान आएगा आध्यात्म में रुचि होने पर भी मन कही और भटकने पर शान्ति नही मिलेगी। आज विशेषकर मित्रमंडली में बैठने पर आचार विचार का ठीक से पालन करें दबाव में आकर अनैतिक कार्य करने पड़ेंगे बाद में पछतावा होगा। कार्य क्षेत्र पर अधीनस्थों के रूखे व्यवहार से हानि हो सकती है शेयर के काम में घाटा हो सकता है धन का निवेश देखभाल कर करें। संध्या के समय आकस्मिक लाभ से राहत मिलेगी। शरीर छूट पुट समस्या को छोड़ सामान्य बना रहेगा।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज का दिन आपके लिए प्रतिकूल फलदायक रहेगा। शारीरिक रूप से दिन उतार चढ़ाव वाला रहेगा सेहत पल पल में बनती बिगड़ती रहने से कार्यो के प्रति उत्साह नही बना पाएंगे कार्य क्षेत्र पर कोई पुरानी समस्या फिर बनेगी। नयी व्यवस्था लागू करने की कोशिश असफल होगी। परिश्रम अधिक रहेगा इसके तुलना में लाभ आज कम ही होगा। परिजनों का मीठा व्यवहार भी आज अटपटा और स्वार्थी लगेगा फिर भी विवेक का परिचय दें अकारण क्रोध से बचे। नौकरी पेशाओ को भी आज कार्य क्षेत्र पर संघर्ष करना पड़ेगा हित शत्रुओ से सावधान रहें पीठ पीछे चुगली कर हानि पहुचा सकते है। यात्रा से बचे सन्धा के समय समारोह में जाना पड़ेगा खान पान संतुलित रखें।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) व्यापारिक दृष्टिकोण से आज का दिन आपको शुभफलदायक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर सुव्यवस्था रहने से लोगो को शीघ्र आकर्षित कर लेंगे अन्य लोगो की तुलना में आपका काम अधिक पसंद किया जाएगा। विरोधी भी आज आपके निर्णय क्षमता की प्रशंसा करेंगे। लटके सरकारी कार्यो में सफलता मिलने से राहत मिलेगी इसके लिये खर्च भी करना पड़ेगा। जमीन या अचल संपत्ति सम्बंधित सौदे आज ना करें धन फंस सकता है। संध्या का समय अत्यंत खर्चीला रहेगा अनिच्छित वस्तुओ पर खर्च होगा। रिश्तेदारी के किसी आयोजन में सम्मिलित होने के लिये अन्य कार्यो में बदलाव करना पड़ेगा। सेहत को लेकर थोड़े आशंकित रहेंगे।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) आज का दिन आपके लिए प्रतिकूल रहने से आपका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ सकता है। दिन के आरंभ से ही कार्य के प्रति उत्साह की कमी रहेगी। नौकरी व्यवसाय में लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगाफिर भी कार्यो में विलम्ब हताशा बढ़ायेगा। फिजूल एवं आकस्मिक खर्च परेशान करेंगे। पूर्व में लिए निर्णय के कारण ग्लानि अनुभव होगी स्वयजनो के विरोध का सामना करना पड़ेगा। महत्त्वपूर्ण निर्णय फिलहाल टालना ही बेहतर रहेगा आज अनैतिक कार्यो से बचकर रहे सरकारी उलझनों में पड़ने की संभावना अधिक है। महिला वर्ग अन्य लोगो से तुलना ना करें मन दुखी होगा।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आपको मध्यम फलदायक रहेगा। प्रातः काल से ही स्वास्थ्य सामान्य रहने पर भी आलस्य अधिक रहेगा। लाभ पाने के लिए आज अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। बुद्धि विवेक की प्रचुर मात्रा रहने पर भी कम समय मे ज्यादा मुनाफा कमाने का प्रलोभन दिमाग मे लगा रहेगा लेकिन किसी लोभ में आकर अनैतिक कार्य ना करें हानि हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर जब भी लाभ की संभावना बनेगी तभी सहकर्मी अथवा किसी अन्य का गलत मार्गदर्शन उलझन में डालेगा इसलिये आज स्वयं के निर्णय पर ही भरोसा करें।दाम्पत्य जीवन में मतभेद उभरेंगे महिलाए असंतुष्ट ही रहेंगी। यात्रा से मध्यम लाभ होगा।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज का दिन आपके लिए अशांत रहेगा। दिन के पहले भाग में ही किसी परिजन या रिश्तेदार से तीखी झड़प होने के आसार बनेंगे आपका स्वभाव शांत रहेगा लेकिन व्यवहार की लापरवाही कलह कराएगी जिससे दिन भर अशांति, बेचैनी रहेगी। माता पिता से भी मतभेद उभरेंगे किसी परिजन की बीमारी पर खर्च होगा। कार्य क्षेत्र पर आज समय पर सहयोग नही मिलेगा लोग केवल आश्वासन देकर टालने के प्रयास करेंगे आर्थिक कारणों से भी किसी से बहस होने की संभावना है।सामाजिक कार्य मे वादा करने के बाद भी अधिक योगदान नहीं दे पाने से मान हानि हो सकती है। संध्या के समय अल्प लाभ होगा।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज का दिन भी आपको धनलाभ कराएगा। आज दिन भर शारीरिक एवं मानसिक स्फूर्ति बनी रहेगी जसका सीधा असर कार्यो में देखने को मिलेगा कम समय मे अन्य लोगो की तुलना में अधिक सफाई से काम करने पर सम्मानित होंगे। सरकार की तरफ से भी आज अप्रत्यक्ष लाभ हो सकता है। ऋण सम्बंधित दस्तावेज करने के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। स्त्री पक्ष से आकस्मिक लाभ के योग है लेकिन इसके लिए थोड़े ताने सुनने के लिये तैयार रहे।संध्या के समय परिजनों के साथ उत्तम भोजन एवं मनोरंजन के अवसर मिलेंगे थोड़ी बहुत उद्दंडता को अनदेखा करें। लंबी यात्रा की योजना आज मन मे ही रह जायेगी।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा। स्वभाव से संतोषि रहेंगे जिससे किसी भी कार्य को देखभाल कर ही करेंगे जोखिम लेने से आज हानि भी हो सकती है। आज पारिवार में पुरानी कलह का समाधान होने से राहत अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर आत्मविश्वाश के साथ अधूरे कार्य पूर्ण करेंगे लेकिन धन लाभ के लिये किसी की खुशामद करनी पड़ेगी तब जाकर खर्च अनुसार ही हो पायेगा। नविन योजना बनाने के लिए दिन उपयुक्त है फिर भी निवेश आज ना ही करें। व्यावसायिक यात्रा से थकान होगी। परिवारिक महत्त्वकांक्षाओ की पूर्ति करने पर ही आदर मिलेगा अन्यथा अनदेखी होगी। जलाशय से बचें।
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gurujitmshastri · 3 months
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Today's Horoscope -
मेष (चु, चे, चो, ला, लि, लु, ले, लो, अ):-आज का दिन आपके लिए बहुत ही सूझबूझ से काम लेने के लिए रहेगा। आपको यदि बड़े कोई सुझाव दें, तो आप इसे पूरे ध्यान से सुने। आपकी कुछ नए लोगों से मुलाकात होगी और आप किसी से धन लेने से बचें। परिवार में सुख समृद्धि बढ़ेगी। आप अपने आवश्यक कार्य पर पूरा फोकस बनाएं रखेंगे। आपको किसी अजनबी की बातों में आने से बचना होगा। संतान नौकरी को लेकर किसी दूसरी जगह अप्लाई कर सकती है। जीवनसाथी का सहयोग व सानिध्य आपको भरपूर मात्रा में मिलेगा।
वृषभ (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो):-आज का दिन आपके लिए साझेदारी में किसी काम को करने के लिए रहेगा। आपका आत्मविश्वास मजबूत रहने के कारण आप अपने कामों को आसानी से पूरा कर पाएंगे। आपका किसी नए भूमि, वाहन, मकान, आदि की खरीदारी का सपना पूरा हो सकता है। व्यक्तिगत संबंधों में मजबूती आएगी। आप अपने निजी मामलों को घर में रहकर सुलझाएं, तो आपके लिए अच्छा रहेगा। रिश्तों में चल रही अनबन बातचीत के जरिए दूर होंगी। कार्यक्षेत्र में आपको कोई जिम्मेदारी भरा काम मिल सकता है, जिसे आप टीमवर्क के जरिए आसानी से पूरा कर पाएंगे।
मिथुन (का, कि, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा) :-आज का दिन आपके लिए व्यापार के मामले में अच्छा रहने वाला है। कामकाज की गतिविधियों पर आप पूरा ध्यान देंगे और आप अपनी बातचीत से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब रहेंगे। आप किसी बात को लेकर कार्यक्षेत्र में जल्दबाजी में कोई निर्णय लेंगे। बिजनेस में आप लेनदेन के मामले में स्पष्टता बनाए रखें, नहीं तो आपको बाद में समस्या आएगी। आप अपने काम को लेकर विनम्रता दिखाएं। आपके कुछ विरोधी सक्रिय रहेंगे, जिन पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है और अपने डेली रूटीन में आप कोई बदलाव न करें।
कर्क (हि, हु, हे, हो, डा, डि, डु, डे, डो):-आज का दिन आपके लिए ऊर्जावान रहने वाला है। आप सबको साथ लेकर चलने की कोशिश में कामयाब रहेंगे। मित्रों के साथ आप अपने रिश्ते को बेहतर बनाए रखेंगे। आप मन से मजबूत रहेंगे, लेकिन आपको किसी बात को लेकर तनाव हो सकता है। आप कहीं घूमने फिरने की प्लानिंग कर सकते हैं। आप अपने बुद्धि से काम लें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। आध्यात्म के कार्यों के प्रति आपकी रुचि बढे़गी। कारोबार में आपको एक अच्छा उछाल देखने को मिलेगा।
सिंह (मा, मि, मु, मे, मो, टा, टि, टु, टे) :-आज का दिन आपके लिए सुख सुविधाओं में वृद्धि लेकर आएगा। आधुनिक विषयों में आपकी पूरी रुचि रहेगी और आप अपनों की बातों को नजरअंदाज ना करें। आप अपनी मनपसंद चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। प्रेम जीवन जी रहे लोगों को साथी के व्यवहार में कुछ कमी लगेगी, जो उनके रिश्ते के बीच तनाव पैदा कर करेगी। आपको छोटों की गलतियों को बड़प्पन दिखाते हुए माफ करना होगा। धार्मिक कार्यों पर आपका पूरा ध्यान रहेगा।
कन्या (टो, पा, पि, पु, ष, ण, ठ, पे, पो) :-आज का दिन आपके लिए सुख-सुविधाओं में वृद्धि लेकर आएगा और सहकारिता का भाव आपके मन में बना रहेगा। भाई बंधुओं से आपके नजदीकियां रहेगी। आप सबको साथ लेकर आगे रहेंगे। सभी क्षेत्रों में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपको कोई पुराना मित्र आपसे लंबे समय बाद मेल मुलाकात करने आ सकता है और विदेश में रह रहे परिजन से आप किसी काम को लेकर बातचीत कर सकते हैं। परिवार में सदस्यों आपसी सामंजस्यता रहेगी और किसी नई नौकरी को लेकर आपको भागदौड़ करनी होगी।
तुला (रा, रि, रु, रे, रो, ता, ति, तु, ते):-आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। आपके धन धान्य में वृद्धि होगी। आप अपने घर परिवार में लोगों को एक साथ जोड़कर रखने में कामयाब रहेंगे। आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है। जीवन साथी की ओर से आपको कोई मूल्यवान वस्तु भेट स्वरूप प्राप्त होगी। आपको किसी पुरानी गलती से आपको सबक लेना होगा, इसलिए आप कार्य क्षेत्र में किसी काम को लेकर जल्दबाजी न दिखाएं।
वृश्चिक (तो, ना, नि, नु, ने, नो, या, यि, यु):-आज का दिन आपके लिए किसी मन की इच्छा की पूर्ति के लिए रहेगा। व्यक्तित्व की भावना को बल मिलेगा। आपकी सोच व समझ से आप कुछ नए मित्र भी बनाने में कामयाब रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत लोगों की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। आप अपनी वाणी व व्यवहार में मधुरता बनाए रखें। सभी का सहयोग व सानिध्य आप पर बना रहेगा। प्रतिस्पर्धा का भाव आपके मन में बना रहेगा। किसी नए काम को करने के लिए आप उत्सुक रहेंगे और उसे पूरा करके ही दम देंगे। आप अपने बिजनेस को अच्छी ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे।
धनु (ये, यो, भा, भि, भु, धा, फा, ढा,भे):-आज का दिन आपके लिए किसी बड़े खर्चे को करने के लिए रहेगा। आप अपने कामों को लेकर बजट बनाकर आगे बढ़े, तो आपके लिए अच्छा रहेगा । आपको अपने बिजनेस में कुछ स्मार्ट नीतियो को भी अपनाना होगा। बड़ों का साथ व सहयोग आप पर बना रहेगा। किसी काम को लेकर आप अति उत्साहित ना हो और किसी से कोई वादा बहुत ही सोच विचार कर करें। यदि आप किसी से धन उधर लेंगे, तो वह आपके बीच किसी लड़ाई झगड़े की वजह बन सकता है।
मकर(भो,जा,जि,जु,जे,जो,ख,खि,खु,खे,खो,गा,गि) :-आज आप उन्नति की राह पर आगे बढ़ेंगे। अपने आसपास रह रहे लोगों का भरोसा आसानी से जीत पाएंगे और अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आप दिखावे के चक्कर में न पड़े। आपको किसी अजनबी से सावधान रहने की आवश्यकता है। शासन व प्रशासन के मामले में आप पूरा ध्यान देंगे। आप आर्थिक स्थिति पर को मजबूत करने की कोशिश में लगे रहेंगे। आपकी कुछ नए लोगों से मुलाकात होगी। आपको परिजनो से कुछ धन कमाने के टिप्स भी मिलेंगे। आपको किसी बड़े लक्ष्य को पकड़ कर चलना होगा, तभी आप उसे आसानी से पूरा कर पाएंगे।
कुम्भ (गु, गे, गो, सा, सि, सु, से, सो, दा) :- आज का दिन आपके लिए निर्णय लेने की क्षमता का लाभ लेकर आएगा। आपका कोई मामला आपको परेशान करेगा। आपको कार्यक्षेत्र में छोटों की गलतियों को बड़प्पन दिखाते हुए माफ करना होगा। आप सभी मामलों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आप सभी लक्ष्य के प्रति आप समर्पित नजर आएंगे। आपकी पद व प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है। आपको कार्य क्षेत्र में योग्य अनुसार काम मिलने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा।
मीन (दि, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चि) :-आज का दिन आपके लिए भाग्य के दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। आप अपने कामकाज पर पूरा ध्यान लगाएंगे और अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे। आपके प्रभाव व प्रताप मे वृद्धि होने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा पर पूरा जोर रहेगा। आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर कोई महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। आप विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा नाम कमाएंगे। मित्रों के साथ आप किसी मनोरंजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। धार्मिक कार्य के प्रति आपकी आस्था और बढ़ेगी।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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स्पेशलिस्ट-
मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान।
एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी।
Guru Ji T M Shastri Ji
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astroclasses · 1 month
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