#न��शक
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natkhat-sa-shyam · 10 months ago
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कभी कभी मैं बहुत फिक्र करता हूँ तुम्हारी।
फिर मैं रुक कर जाँच करता हूँ अपने फिक्र की-
कि कहीं फिक्र के शक्ल में मैं तुम्हें दबाना तो नहीं चाहता।
मैं पितृसत्ता वाले समाज में बड़ा हुआ हूँ
इसलिए खुद को हमेशा शक के घेरे में रखता हूँ।
अपने उस राक्षस को साध रखता हूँ,
जो तुम्हें बांध मेरी औरत बना देना चाहता है।
तुम्हारी आज़ादी पर मेरा कोई हक़ न हो-
मेरे फिक्र की हरदम इसलिए जांच हो।
कुछ भी हूँ तुम्हारा
आखिर तुम्हारे स्वयं से ज्यादा नहीं हूँ मैं।।
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inevitable-trash · 8 months ago
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हम ज़ार ज़ार रोते हैं
खुद से खफा भी होते हैं
हम ये पहले क्यूँ न समझे तुम फख्त मेरे
दिल का करार खोते हैं
कहाँ चैन से भी सोते हैं
हमने दिल में क्यूँ बिछाए शक ये गहरे
हसरतें बार बार बार बार यार की करो
ख्वाहिशें बार बार बार बार यार की करो
चाहतें बार बार बार बार यार की करो
मन्नतें बार बार बार बार यार की करो
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deepjams4 · 11 months ago
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मोहब्बत!
मैं यही मानता हूँ मेरी किस्मत अच्छी थी मुझे तुम जो मिले
ख़ैर यह अलग बात है तुम्हें उसी क़िस्मत से हैं हज़ारों गिले!
किस्मत की बात है कौन जाने मोहब्बत में किसे क्या मिले
कोई हँसे कोई शिकवे करे मोहब्बत के अच्छे कहाँ हैं सिले!
जानता नहीं क्या बातें वजह बनी जो तुम मुझसे नाराज़ हो
मेरी बात का यक़ीन करो दर्द मुझे भी है जो तुम उदास हो!
क्यों इस कदर उदास हो मेरा यक़ीन मानो तुम बेहद खास हो
शक न करो मैं खुद को खुश नसीब मान���ा हूँ जो तुम पास हो!
मन की आस पूरी हुई इसी वजह से मैं किस्मत पर इत��ाता हूँ
इस ख़ुशी में बार-बार मुस्कुराने से मैं खुद को न रोक पाता हूँ!
मोहब्बत क़तई तबाही नहीं खुमारी है मैं उसी में डूबा रहता हूँ
इश्क़ की दहलीज़ से क्यों मुड़े कोई बस यही सोचता रहता हूँ!
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shayariwalii · 1 year ago
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पति पत्नी के लिए कोट्स जो आपके रिश्ते में और ज़्यादा प्यार भर देंगे
अपने वैवाहिक जीवन को और भी ज़्यादा मज़बूत बनाएं कुछ प्यार भरे कोट्स के ज़रिये जो ख़ास पति और पत्नी के लिए लिखे गए हैं। हस्बैंड और वाइफ दोनों की यह कोशिश होनी चाहिए की वह अपने रिश्ते को और भी ज़्यादा मज़बूत बनाने में निरंतर प्रयास करते रहें। ऐसा करने से न सिर्फ उनका रिश्ता मज़बूत बना रहेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी भी उनसे बढ़िया सीख लेगी। आज हम पति पत्नी के लिए कुछ ऐसे ख़ास लव कोट्स लेकर आये हैं जो इस काम में आपकी काफी मदद करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
पति पत्नी के लिए प्यार भरे कोट्स
जिन्दगी भर तुम्हारे पास रहूँगा, तुम्हारा साथ दूँगा, तुम्हारे मुस्कान के लिए सब कुछ कुर्बान कर दूंगा
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दिल में को चाह नही जब से तुम मिले हो, जन्नत की ख्वाहिश नहीं जब से तुम मिले हो, हर ख्वाब मुक्कमल हो गया जब से तुम मिले हो, जैसे मेरा ख़ुदा मिल गया है जब से तुम मिले हो।
वो ख्वाब ही क्या जिसमें तुम न हो, वो बात ही क्या जिसमें तुम न हो, वो रात ही क्या जिसमें तुम न हो, वो जिंदगी ही क्या जिसमें तुम न हो।
तुझ पर सब कुछ लुटा कर, मैं बड़ी अमीर हो जाती हूँ।
जब से तुम मेरे जिन्दगी में आयें हो, मुहब्बत बनकर मेरे रूह में समायें हो।
तुम्हारें दिल में, मैं इतनी मुहब्बत भर दूंगा, नफरत के लिए वजह ढूंढते-ढूंढते थक जाओगी।
वाइफ के लिए रोमांटिक कोट्स
मेरे इश्क की जान तुम हो, मेरे इश्क की पहचान तुम हो, मेरे इश्क की भाषा तुम हो, मेरे इश्क मेरी जिन्दगी की परिभाषा तुम हो।
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मुझपर गुस्सा करने का हक है तुम्हारा पर कभी ये मत भूल जाना कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
प्यार करो तो ऐतबार भी करों, वरना शक तो सब कुछ बर्बाद कर देता है।
प्यार और दिलदार हमेशा साथ हो, और कुछ भी नहीं चाहिए मुझे जिन्दगी में।
मैं तुमसे प्यार करता हूँ, ये जब-जब कहता हूँ तब-तब तुम्हें याद दिलाता हूँ, तुम ही मेरी जिन्दगी मेरी जान हो।
हम कहें तुम जान जाओ, ये भी कोई मुहब्बत है जिस दिन सच्ची मुहब्बत होगी बिना कहे मेरे दिल का हाल जान लोगी।
हस्बैंड के लिए लव कोट्स
जब-जब तेरी याद आई है, तब-तब ख़ुशी का एहसास लाई है।
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तुमसे मुहब्बत इतनी है कि कभी मेरा ख्याल नहीं बदलेगा, ये मौसम, साल बदलेंगे मगर मेरे दिल का हाल नहीं बदलेगा।
मेरी जिन्दगी में रौनक तेरे आने से है, कभी तुझे सताने में तो कभी तुझे मनाने में।
तुमसे लड़ते-झगड़ते है और नाराजगी भी रखते हैं, पर तुम्हारे बिना जीने का ख्याल नहीं रखते हैं।
इक-दूजे में इक-दूजे की मुस्कान छिपी है, इक-दूजे में इक-दूजे की जान छिपी है।
वो लोग बहुत ख़ुशनसीब होते है, जिन्हें कोई प्यार करता है, और ऐसे प्यारे लोगों को अपने दिल में सम्भाल कर रखना चाहिए।
आप चाहें तो पति पत्नी के लिए शायरी भी देख सकते हैं जहाँ आपको ढेर सारी शायरियाँ और स्टेटस प्राप्त होंगे।
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astrovastukosh · 6 hours ago
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🌞 *आज दिनांक 15 जनवरी 2025 वैदिक हिन्दू पंचांग, शुद्ध गणना के साथ, माघ मास मे इतना करने से सबकुछ प्राप्त होता है~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 15 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - द्वितीया 16 जनवरी रात्रि 03:23 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र - पुष्य सुबह 10:28 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
🌤️ *योग - प्रीति 16 जनवरी रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
🌤️ *राहुकाल - दोपहर 12:48 से दोपहर 02:11 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:16*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
*🚩 व्रत पर्व विवरण*-
💥 *विशेष- द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
👉🏻 *माघ मास मे इतना करने से सबकुछ प्राप्त होता है*
🌷 *माघ मास* 🌷
🙏🏻 *13 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक माघ स्नान (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार माघ मास दिनांक 30 जनवरी से) | माघ स्नान से बढ़कर पवित्र पाप नाशक दूसरा कोई व्रत नही है | एकादशी के व्रत की महिमा है, गंगा स्नान की महिमा है, लेकिन माघ मास में सभी तिथियाँ पर्व हैं, सभी तिथियाँ पूनम हैं | और माघ मास में सूर्योदय से थोड़ी देर पहले स्नान करना पाप नाशक और आरोग्य प्रद और प्रभाव बढ़ाने वाला है | पाप नाशनी उर्जा मिलने से बुद्धि शुद्ध होती है, इरादे सुंदर होते हैं |*
🙏🏻 *पद्म पुराण में ब्रह्म ऋषि भृगु कहते हैं की तप परम ध्यानं त्रेता याम जन्म तथाह | द्वापरे व् कलो दानं | माघ सर्व युगे शुच ||*
🙏🏻 *सत युग में तपस्या से उत्तम पद की प्राप्ति होती है, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में भगवत पूजा से और कलियुग में दान सर्वोपरी माना गया है | दानं केवलं कलियुगे || परन्तु माघ स्नान तो सभी युगों में श्रेष्ठ माना गया है |*
🙏🏻 *सतयुग में सत्य की प्रधानता थी, त्रेता में तप की, द्वापर में यज्ञकी, कलियुग में दान की लेकिन माघ मास में स्नान की चारो युग में बड़ी भारी महिमा है | सभी दिन माघ मास में स्नान कर सकें तो बहुत अच्छा नहीं तो ३ दिन तो लगातार करना चाहिए | बीच में तो करें लेकिन आखरी ३ दिन तो जरूर करना चाहिए | माघ मास का इतना प्रभाव है कि सभी जल गंगा जल के तीर्थ पर्व के समान हैं |*
🙏🏻 *पुष्कर, कुरुक्षेत्र, काशी, प्रयाग में १० वर्ष पवित्र शौच, संतोष आदि नियम पालने से जो फल मिलता है माघ मास में ३ दिन ��्नान करने से वो मिल जाता है, खाली ३ दिन | माघ मास प्रात: स्नान सब कुछ देता है | आयु, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य, सदाचरण देता है |*
🙏🏻 *जिनके बच्चे सदाचरण से गिर गए हैं उनको भी पुचकारके, इनाम देकर भी बच्चो को स्नान कराओ तो बच्चों को समझाने से, मारने-पीटने से या और कुछ करने से उतना नहीं सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नहीं सुधरेंगे जितना माघ मास के स्नान से |*
🙏🏻 *तो सदआचरण, संतान वृद्धि, सत्संग, सत्य और उदार भाव आदि का प्रादितय होता है | व्यक्ति की सुदंरता उत्तम गुण*
*समझ, उतम गुण से सम्पन होती है | नर्क का डर उसके लिए सदा के लिए खत्म हो जाता है | मरने के बाद फिर वो नर्क में नही जायेगा |*
🙏🏻 *दरिद्रता और पाप दूर हो जायेंगे | दुर्भाग्य का कीचड नाश हो जायेगा | यत्न पूर्वक माघ स्नान, माघ प्रात: स्नान से विद्या निर्मल होती है | मलिन विद्या क्या है ? कि पढ़-लिख के दूसरों को ठगों | दारू पियो, क्लबों में जाओ, बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड करो ये मलिन विद्या है | लेकिन निर्मल विद्या होगी तो ये पापाचरण में रूचि नही होगी |*
🙏🏻 *माघ प्रात: स्नान से विद्या निर्मल, कीर्ति बढ़ती है, आरोग्य और आयुष्य, अक्षय धन की प्राप्ति होती है | जो धन कभी नष्ट ना हो, वह अक्षय ध��� की भी प्राप्ति होती है | रुपये-पैसे तो छोड़के मरना पड़ता है, दूसरा अक्षय धन वो भी प्राप्त होता है | समस्त पापों से मुक्ति और इंद्र लोक की प्राप्ति सहज में हो जाती है अर्थात स्वर्ग लोक की प्राप्ति |*
🙏🏻 *पद्म पुराण में वशिष्टजी भगवान कहते हैं, भगवान के गुरु, भगवान वशिष्टजी कहते हैं वैशाख में जल, अन्न दान उत्तम हैं | कार्तिक में तपस्या और पूजा, माघ में जप और होम दान उत्तम है |*
🙏🏻 *प्रिय वस्तु अर्थात रूचिकर वस्तु का त्याग करने से व्यक्ति वासनाओं की गुलामी के जंजाल को काटने का बल ले आता है | नियम पालन, पवित्र नियम पालने से अधर्म की जड़े कटती हैं | जो लोग तत्वज्ञान सुनते हैं लेकिन अधर्म करते रहते हैं तो तत्वज्ञान में रूचि नहीं होती, तत्वज्ञान उनको पचता नहीं है |*
🙏🏻 *मूर्ख हृदय न चेतिए यदपि गुरु मिले विरंची सम || ब्रह्माजी जैसा गुरु मिले लेकिन जिसको अधर्म में रूचि है वह फिर फिसल जाता है | मैं मिलियनर, बिलियनर, तिलियनर बनू | लेकिन वो सुसाईड करके मर गए कई मिलियनर, कई तिलियनर, बड़े-बड़े | तो बड़े धनाढ़्य थे, और उनकी बड़ी दुर्गति हुई | तो जिस वस्तु में आसक्ति है उस वस्तु को बल पूर्वक त्याग दे तो अधर्म की जड़े कटती हैं |*
🙏🏻 *सकाम भावना से माघ महिने का स्नान करने वाले को मनोवांछित फल प्राप्त होता है ��ेकिन निष्काम भाव से कुछ नहीं चाहिए खाली भगवत प्रसन्नता, भगवत प्राप्ति के लिए माघ का स्नान करता है, तो उसको भगवत प्राप्ति में भी बहुत-बहुत आसानी होती है |*
🙏🏻 *सामर्थ्य के अनुसार प्रति दिन हवन और १ बार भोजन करें माघ मास में | ३-३ बार खाना ये आध्यात्मिक जगत में और बच्चों के लिए ३-३ बार भोजन बुद्धि मोटी बना देगा | माघ मास में जरा नाश्ते से बच जाओ | २ टाईम भोजन करो | लिखा तो १ टाईम है लेकिन फिर भी २ टाईम कर सकते हैं |*
🙏🏻 *माघ मास में पति-पत्नी के सम्पर्क से दूर रहने वाला व्यक्ति दीर्घ आयु वाला रहता है और सम्पर्क करने वाले की आयुष्य नाश होती है | भूमि पे शयन नहीं तो गद्दा हटाकर सादे बिस्तर पर, पलंग पर और धन में, विद्या में, जितना भी कमजोर हो, असमर्थ हो, उतना ही उसको बल पूर्वक माघ स्नान कर लेना चाहिए | तो धन में, बल में, विद्या में बढ़ेगा | माघ मास का स्नान असमर्थ को सामर्थ्य देता है, निर्धन को धन देता है, बीमार को आरोग्य देता है | पापी को पुण्य, निर्बल को बल देता है | माघ मास में तिल उबटन स्नान | मिक्सी में पिस जाते हैं थोडा पानी में घोल बनाकर शरीर को मलकर फिर तिल और जौ वो पुण्य स्नान है | उबटन स्नान, तर्पण, हवन और दान और भोजन, भोजन में भी थोडा तिल हो जाये | वो कष्ट निवारक है |*
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ragbuveer · 4 days ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (द्वादशी तिथि+त्रयोदशी तिथि प्रदोष व्रत)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-11-जनवरी-2025
वार:-शनिवार
तिथि :-12द्बादशी:-08:22/13त्रयोदशी:-30:34
पक्ष:-शुक्लपक्ष
माह:-पौषमास
नक्षत्र:-रोहिणी:-12:29
योग:-शुक्ल:-11:48
करण:-बालव:-08:21
चन्द्रमा:-वृषभ 23:55 मिथुन
सूर्योदय:-----07:31
सूर्यास्त:-----18:00
दिशा शूल-----पूर्व
निवारण उपाय:---उङद या वाह्वारंग का सेवन
ऋतु :- शिशिर ऋतु
गुलिक काल:-07:31से 08:50
राहू काल:-10:10से11:30
अभीजित--12:13से12:57
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:-कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-08:50से10:10तक
चंचल:-12:30से13:50तक
लाभ:-13:50से15:10तक
अमृत:-15:10से16:40तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-18:00से19:40तक
शुभ:-21:20से23:00तक
अमृत:-23:00से00:40तक
चंचल:-00:40से02:20तक
लाभ:-05:50से07:31तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 279वा दिन, शनिप्रदोष, शनिरोहिणी, अमृतसिद्बियोग सूर्योदय से 12:29, रोहिणी व्रत (जैन), घृतदान, ऊंट महोत्सव प्रारंभ (2दिन राज.),
🌺👉टिप्स 👈🌺
शनि प्रदोष व्रत के दिन तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलतीं है।
*सुविचार*
अगर आप मेहनत को अपनी आदत बना लेते है, तो जीवन में आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।”👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*नस पर नस चढ़ना (माँस-पेशियों की ऐंठन) के घरेलु उपचार :-*
👉🏻वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैरों में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
👉🏻यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
👉🏻शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
👉🏻सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
👉🏻अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉगिंग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
नवीन व���्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बाहरी-भीतरी मतभेद समाप्त होने से प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। भाइयों से सहयोग मिलेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। दूसरों की जवाबदारी न लें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
बड़ों की बात मानें, लाभ होगा। अच्छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। वरिष्ठ जन सहयोग करेंगे। जोखिम न लें। आलस्य रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वा��िष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बुद्धि व ज्ञान की वृद्धि होगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
घर-बाहर तनाव रहेगा। शांति बनाए रखें। अधिक प्रयास करने से लाभ होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। शोक समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ी समस्या का हल मिलेगा। मित्र व संबंधी सहयोग करेंगे। घर के बड़ों की चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान पक्ष तरक्की करेगा।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
भूले-बिसरे मित्र व संब‍ंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। दूसरों के काम की जवाबदारी न लें। प्रयास भरपूर करें, लाभ होगा। वरिष्ठजनों से मेल-मुलाकात होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। यात्रा से लाभ होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। अतिउत्साह हानि देगा। विवाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
सुख के साधनों पर अतिव्यय हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बोलचाल में हल्की मजाक न करें। घर-बाहर तनाव रह सकता है। कार्यकुशलता में कमी रहेगी। कोई बड़ी गलती हो सकती है। अपरिचितों पर विश्वास न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
भाग्य अनुकूल है। समय का लाभ लें। रोजगार में वृद्धि होगी। परिवार में कोई मंगल कार्य हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य पूर्ण होंगे। रुका हुआ धन मिल सकता है। भाइयों व पार्टनर से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
राजकीय बाधा दूर होगी। मतभेद समाप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य में प्रगति होगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। अज्ञात भय सताएगा। विरोधी पस्त होंगे। प्रमाद न करें। कार्यस्थल पर सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
तं‍त्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
विवाद को बढ़ावा न दें। उत्तेजना पर नियंत्रण आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। घर में अशांति रहेगी। कुसंगति से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है, धैर्य रखें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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voomcomix · 29 days ago
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Echo Dream - Ep-02 @VoomComix
कई दिनों बाद, राहिल की आँख खुली। घर में खुशी का माहौल था। लेकिन एक बात अजीब थी—राहिल के पास से कोई एक मिनट के लिए भी दूर होता, तो वह तेज़ चीखने लगती। उसकी आवाज़ बिल्कुल वैसी थी, जैसे कुएं के अंदर से आती है।
धीरे-धीरे समय बीतता गया, और राहिल ठीक होती गई। कुछ महीनों बाद वह ठीक तो हो गई, लेकिन उसमें अजीब बदलाव आ चुके थे। वह अब हमेशा किसी कोने में रहना पसंद करती। वह डर-डर कर जीने लगी थी। न उसे धूप पसंद थी, न कोई दोस्त, न परिवार से लगाव था, न किसी रिश्तेदार से। वह बस चुप रहना चाहती थी।
स्कूल में भी, वह हमेशा एक कोने में बैठी रहती। न पढ़ाई में मन लगता, न दोस्तों से बात करती। धीरे-धीरे स्कूल के बच्चे उससे डरने लगे। उसके अजीब से बाल और घूरने की आदत ने उसे और अजीब बना दिया। अगर कोई उसके पास बैठता, तो वह उसे ऐसी नज़रों से देखती, जैसे उसे जान से मार देगी।
हालात इतने बिगड़ गए कि स्कूल वालों ने उसे पढ़ाने से मना कर द���या। उन्होंने कहा कि उसकी वजह से बच्चे स्कूल छोड़ने की धमकी दे रहे हैं।
घर पर भी राहिल के परिवार वाले उसकी हरकतों से परेशान हो गए थे। अब राहिल के पास जाने से उनके अपने परिवार को भी डर लगने लगा था। वह आधी रात को कुएं के पास चली जाती और वहीं खड़ी रहती। सुबह घरवाले उसे वापस लाते। उसकी माँ बस उसे देखकर रोती रहतीं, क्योंकि वह उनकी इकलौती बेटी थी।
थक हारकर, परिवार ने किसी ओझा को बुलाने का फैसला किया। किसी को शक नहीं था कि राहिल पर किसी आत्मा का साया है।
ओझा ने आकर राहिल से बात करने की कोशिश की। लेकिन राहिल चुप रही। न कोई आवाज़, न कोई डर, बस चुपचाप वह वही करती, जो ओझा कहता।
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drsunildubeyclinic · 2 months ago
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Top-class Best Sexologist Patna, Bihar for SD Treatment due to Relationship Problems | Dr. Sunil Dubey
रिश्ते की समस्याओं के होने से यौन समस्या:
आज के समय में शादीशुदा जोड़ों के बीच रिश्तों की समस्याएँ का होना बहुत ही आम हैं, लेकिन अगर यह स्थिति अगर किसी जोड़े के जीवन में लम्बे समय तक बनी रहे, तो यह उनके यौन समस्याओं का कारण बनती है। भारत में, एक तिहाई शादीशुदा जोड़े अपने जीवन से खुश नहीं हैं। कारण चाहे जो भी हो, यह पारिवारिक व शादी-शुदा जीवन के लिए अच्छा संकेत नहीं होता है। आज का सत्र रिश्तो की समस्याओं के कारण होने वाले गुप्त व यौन समस्याओं पर आधारित है, जहाँ पुरुष व महिला दोनों ही अपने-अपने यौन जीवन में समस्याओं का सामना करते है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो पिछले 35 वर्षो से पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में कार्यरत हैं, कहते हैं कि आज के समय में गुप्त व यौन रोग के कई मामले रिश्तों की समस्याओं से जुड़े होते हैं। वे दुबे क्लिनिक में सभी तरह के गुप्त व यौन रोगियों का इलाज करते हैं, बताते है कि कई शादीशुदा जोड़े रिश्तों की समस्याओं के कारण अपने-अपने यौन विकारों के लिए चिकित्सा व उपचार हेतु क्लिनिक आते हैं। वे उनके गुप्त व यौन समस्याओं को दूर करने के लिए व्यापक आयुर्वेदिक उपचार, हर्बल चिकित्सा, प्रभाव�� भस्म और स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं। वे रोगियों के उनके समस्याओं के अनुसार ही उनका इलाज करते है जहाँ वे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, जीवनशैली, व अन्य कारक के कारण इससे पीड़ित होते है।
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अपने प्रैक्टिस, अनुभव, व परामर्श के अनुसार, उनका मानना है कि जोड़े के बीच रिश्तों की समस्याएँ प्रमुख मुद्दे नहीं हैं, बल्कि इसके कारण मनोवैज्ञानिक संघर्ष का दैनिक जीवन में बने रहना जोड़े के जीवन में एक प्रमुख मुद्दा है। आइए कुछ सामान्य रिश्ते संबंधी मुद्दों पर नज़र डालते है जो पुरुषों या महिलाओं में गुप्त व यौन समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
संचार टूटना: एक दूसरे से बातचीत न करना।
विश्वास के मुद्दे: एक दूसरे को शक की दृष्टि से देखना।
संघर्ष और बहस: छोटी-छोटी बातो पर बहस का मुद्दा।
भावनात्मक वियोग: एक दूसरे के प्रति लगाव का न होना।
अंतरंगता से बचना: यौन क्रिया के दूर रहना।
यौन इच्छाओं में अंतर: एक दूसरे के संभोग में अंतर होना।
बेवफाई: अपने पार्टनर को धोखा देना।
वित्तीय तनाव: पैसे की तंगी का होना।
पेरेंटिंग संघर्ष: संतान प्राप्ति हेतु संघर्ष करना।
भावनात्मक समर्थन की कमी: परस्पर सहयोग में कमी।
डॉ. सुनील दुबे बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन में रिश्ते की समस्याएं की स्थिति बनी रहती हैं, तो यह उसकी मानसिक स्थिति, शारीरिक स्वास्थ्य और दैनिक जीवनशैली को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। एक निश्चित समय के बाद, ये रिश्ते की समस्याएं उनके जीवन में जटिल बन जाती हैं और उनके यौन स्वास्थ्य को मानसिक व भावनात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। इस रिश्ते की समस्या के कारण पुरुष और महिला दोनों अपने यौन जीवन में संघर्ष करते देखे जा सकते हैं।
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रिश्तों में समस्याओं के कारण होने वाले यौन विकार:
पुरुषों या महिलाओं में कामेच्छा में कमी होना।
पुरुषों में स्तंभन दोष (नपुंसकता) का होना।
पुरुषों में अर्जित शीघ्रपतन की स्थिति का होना।
पुरुषों में स्खलन में देरी या विकृत स्खलन का होना।
महिलाओं में योनि तनाव या वागिनिस्मुस की स्थिति का होना।
महिलाओं में डिस्पेर्यूनिया (पीड़ा विकार) का होना।
महिलाओं में संभोग सुख की कमी का होना।
पुरुषों या महिलाओं में यौन संतुष्टि में कमी होना।
पुरुषों या महिलाओं में संभोग से परहेज करना।
पुरुषों या महिलाओं में बेवफाई की स्थिति।
रिश्तों से जुड़ी समस्याओं का यौन जीवन पर प्रभाव:
डॉ. सुनील दुबे भारत के सफल आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुसंधान, सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान और यौन चिकित्सा परामर्श के विशेषज्ञ हैं। भारत के अधिकांश लोग उन्हें बिहार में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में जानते हैं क्योंकि वे एक उच्च शिक्षित, सबसे अनुभवी और सफल सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो पटना से तालुक रखते है। उनका कहना है कि विवाहित जोड़ों के बीच खराब संबंध शादी-शुदा जीवन के लिए अभिशाप से कम नहीं है क्योंकि इस रिश्ते की समस्या के कारण न केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरा परिवार प्रभावित होता है।
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जोड़े के बीच भावनात्मक संकट बढ़ जा���ा है।
दंपत्ति के बीच आत्मीयता कम हो जाती है।
दंपत्ति के बीच संवाद कम हो जाता है।
दंपत्ति के बीच संघर्ष की स्थिति बढ़ जाता है।
दंपत्ति के बीच संबंधों में संतुष्टि कम हो जाती है।
दंपति के बीच तलाक की स्थिति बन जाती है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि रिश्तों की समस्याएं जोड़े के यौन जीवन को प्रभावित करती हैं, जहां यौन ऊर्जा असंतुलित हो जाती है, महत्वपूर्ण ऊर्जा कम हो जाती है और मन भावनात्मक रूप से अशांत रहता है। इस स्थिति में, व्यक्ति को आयुर्वेदिक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जो उसे तनाव से राहत, हार्मोनल का संतुलन, कामेच्छा में वृद्धि, प्रजनन कल्याण और विषहरण उन्हें प्राकृतिक रूप से संतुलित बनाते है। इसका शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति अपने वात, पित, व कफ को संतुलित करता है।
परामर्श और चिकित्सा:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अपने रिश्ते में परेशानी का सामना एक लम्बे समय से कर रहा है, तो उसे व्यक्तिगत सहायता, उपचार और चिकित्सा हेतु आयुर्वेद विशेषज्ञ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वास्तव में, आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अन्य चिकित्सक से अधिक प्रभावी होते हैं जो सेक्सोलॉजी चिकित्सा में भी विशेषज्ञ हो। अपनी काउंसलिंग में, वह युगल चिकित्सा, यौन चिकित्सा, संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा (सीबीटी), भावनात्मक रूप से केंद्रित चिकित्सा (ईएफटी) प्रदान करते हैं। अपने आयुर्वेदिक उपचार में, वह जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रसायन, प्रभावी भस्म, हर्बल उपचार और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य दिशानिर्देश प्रदान करते हैं।
विवाहित जोड़ों को सुझाव जो रिश्ते की समस्याओं का सामना कर रहे हैं-
अपने-अपने संचार में सुधार कर��े की कोशिश करें।
सहानुभूति और आपसी समझ का अभ्यास करें।
नियमित रूप से डेट नाइट्स शेड्यूल करें।
अंतरंग गतिविधियों (गैर-यौन) में शामिल हों।
क्षमा और संघर्ष समाधान का अभ्यास करें।
आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में प्रमाणित और विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करें। दुबे क्लिनिक हमेशा उन लोगों (पुरुषों और महिलाओं) के लिए सही विकल्प है जो अपने-अपने गुप्त व यौन समस्याओं से जड़ से छुटकारा पाना चाहते हैं।
अधिक जानकारी हेतु:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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manvadhikarabhivyakti · 3 months ago
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इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर ड्रोन हमला, हिजबुल्ला पर हमले का शक
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निजी आवास को निशाना बनाकर ड्रोन हमला किया गया है। इस्राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस हमले की पुष्टि की है। लेबनान से यह ड्रोन हमला किया गया, जिसके बाद इस हमले का शक हिजबुल्ला पर जताया जा रहा है। हालांकि अभी तक न तो हिजबुल्ला और न ही किसी अन्य संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्राइली पीएम के आवास पर हुए हमले में किसी तरह के नुकसान की खबर…
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islamicduaformyloverback · 4 months ago
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Shak Dur Karne Ka Wazifa (Wazifa For Someone)
Introduction:-शक दूर करने का वजीफापति का शक दूर करने की दुआPati Ka Shak Dur Karne Ki Duaशक की बीमारी का कुरानी इलाजShak Ki Bimari Ka Qurani Ilaj���क न होने का वज़ीफ़ाShak Na Hone Ka Wazifa Introduction:- दोस्तों शक यदि किसी पर हो जाये तो उसकी अल्लाह के अलावा कोई दवाई नहीं है. शक वो सब कुछ कर सकता है जो एक खतरनाक से खतरनाक दुश्मन नहीं कर सकता। इसलिए आज हम आपको शक की बीमारी का क़ुरानी इलाज और शक न…
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wxfq · 4 months ago
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अंत
अंदरूनी रूप से थकावट रही क्या यह एक कांच की चाह? भटकता रहा दर बदर, जो जीवन में बस निराशा दिखी मुझे क्या मैं उतना देख नही पा रहा मेरी बेरंग आंखें है? क्या तुम देख नही पा रहे हो, क्या मैं मुस्कुरा रहा हूं।
मेरी छवि में सिर्फ शक भाव अमर रहे और इसकी समझने की समझ भी शायद बस एक नासमझी सी रहे समझ में मैं शांत रहूं? कान किसके बडबडा रहे है?
यह भी पूछ लेना की हैसियत क्या रही तुम्हारी जो औकात मेरी नापू तो तराजू की समय बर्बादी क्या ही मृत्य इंद्रधनुष मेरा जीवन क्यों में बेरंग और क्यों तू रंग सुनहरा जो हैसियत बराबर
शब्द क्या मेरे निराशा के नाम है जो मेरी नीलामी मुफ्त भी नही हो सकी क्या अंत सही में नजदीक है? जो ये मंद मंद मुस्कुराहट उभर रही है, चेहरे पे।
मैं शांतिदूत भी रहा अहंकार का सही मेरी जीत हार निर्लज्जता नही तो क्या? अंत इतना दूर दिख रहा है क्या स्वय को जो बेखौफ बस हताशा रूपी कफन के इंतजार में हूं
सब चाहने की चाह मेरी सादगी नही तो क्या है ना मैं निष्पक्ष ना मैं जवाबदेह, मैं मनुष्य बनना चाहूंगा जो ये रूढ़िवादी सोच ही रही तो मान लूंगा क्या कमजोर इंसान झूठ से भी कतराता है?
जो मगन हूं मैं अपनी छवि से जो सिर्फ अंधकार दिखा चमत्कार, दुआ करता हूं की मेरा बस नाम न रहे जो मेरे नाम छा गए तो शिकायत नही तारीफ रहे काला ये जंगल, वृक्ष परछाई रूप मिट्टी में सीप गए
इतनी भीतर तक सिप गई की ज़मीन की छवि उठ गई क्या यह रहेगा जिंदगानी का पहला सुख? मैं क्या जानू, और अगर जानू भी तो कहूं कैसे क्या अंत यह हुआ?
कांच हाथ छोड़ मस्तिष्क से गले लगा है कविता हेतु लाल सियाही बह रही है कवि खुले मुस्कुरा रहा है, कवि कलम को आराम दे जो ये सियाही अरुण वर्षा करे की आज आज़ादी हासिल है
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deepjams4 · 1 year ago
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ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा
तदबीर से क्यों है रूठी हुई
तू भी अपना काम कर
वो अपना काम है कर रही
तेरे रूठने के बाद भी देख
उसने हार नहीं मानी कभी
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
वो रात दिन रहे जूझती
तू आराम से सोयी पड़ी
ग़र साथ उसका तू दे ज़रा
आसान हो मुश्किल घड़ी
वो मोड़ देगी पहिया वक्त का
ग़र हो जाए साथ तू खड़ी
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
माना वो अकेली पड़ गयी
थक गयी है साँस उसकी फूली हुई
मगर लगता नहीं मैदान से हटे कभी
घुटने न टेकेगी अपने ईमान पे डटी
ग़र तू उससे कंधा मिला दे अभी
देखना छूने लगेगी वो बुलंदियाँ नयीं
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
चाहे वक्त से वो अकेले ही भिड़ गयी
काम के बोझ से फिर भी वो ना डरी
काम से टलने की कला उसे आती नहीं
छुटकारा पाने वो कहीं छुप जाती नहीं
ग़र तू उसकी दोस्त बन गयी कभी
वो उड़ेगी तोड़ पाँव की बेड़ियाँ सभी
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा…!
उसका दिया है शायद टिमटिमा रहा
लगता है बाती काफ़ी जल चुकी
शायद तेल भी कम हो गया है उसका
डर है तेज़ हवाएँ उसे बुझा न दें कहीं
ग़र बचा ले बुझने से तू उसकी लौ अभी
देखना फिर सर होतीं उससे मंज़िलें नयीं
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
एक और एक मिलकर ग्यारह ही बनें
यह जानते हुए भी तू क्यों पीछे हटी
जाग उठकर पकड़े ले उसका हाथ तू
पत्थरीली राहें भी हमवार हो जाएँगी
ग़र भूला दे तू अपने गिले शिकवे सभी
देखना संवार देगी वो मुस्तकबिल कई
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
इत्तला मान या समझ इसे मेरी तजवीज़ ही
यहाँ यकीन से बात होती है सिर्फ़ तदबीर की
शक की नज़र से ही देखता है तुझे हर कोई
हर कोई दुविधा में है तुम साथ दोगी या नहीं
ग़र शोहरत चाहिए तो दरियादिली दिखा ज़रा
वरना उसकी हार में मिलेगी तुझे बस हार ही
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा….!
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jyotis-things · 4 months ago
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart95 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart96
"नीरू-नीमा को कबीर परमात्मा की लहरतारा सरोवर में प्राप्ति"
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को भी ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्योदय से लगभग डेढ़ घण्टा पहले होता है) में स्नान करने के लिए जा रहे थे। नीमा रास्ते में भगवान शंकर से प्रार्थना कर रही थी कि हे दीनानाथ! आप अपने दासों को भी एक बच्चा-बालक दे दो आप के घर में क्या कमी है प्रभु! हमारा भी जीवन सफल हो जाएगा। दुनिया के व्यंग्य सुन-2 कर आत्मा दुःखी हो जाती है। मुझ पापिन से ऐसी कौन सी गलती किस जन्म में हुई है जिस कारण मुझे बच्चे का मुख देखने को तरसना पड़ रहा है। हमारे पापों को क्षमा करो प्रभु! हमें भी एक बालक दे दो। यह कह कर नीमा फूट-2 कर रोने लगी तब नीरू ने धैर्य दिलाते हुए कहा
हे नीमा! हमारे भाग्य में सन्तान नहीं है यदि भाग्य में सन्तान होती तो प्रभु शिव अवश्य प्रदान कर देते। आप रो-2 कर आँखे खराब कर लोगी। बालक भाग्य में है नहीं जो वृद्ध अवस्था में ऊंगली पकड़ लेता। आप मत रोओ आप का बार-2 रोना मेरे से देखा नहीं जाता। यह कह कर नीरू की ��ँखे भी भर आई। इसी तरह प्रभु की चर्चा व बालक प्राप्ति की याचना करते हुए उसी लहरतारा तालाब पर पहुँच गए। प्रथम नीमा ने प्रवेश किया, पश्चात् नीरू ने स्नान करने को तालाब में प्रवेश किया। सुबह का अंधेरा शीघ्र ही उजाले में बदल जाता है। जिस समय नीमा ने स्नान किया था उस समय तक तो अंधेरा था। जब कपड़े बदल कर पुनः तालाब पर उस कपड़े को धोने के लिए गई, जिसे पहन कर स्नान किया था, उस समय नीरू तालाब
में प्रवेश करके गोते लगा-2 कर मल मल कर स्नान कर रहा था। नीमा की दृष्टि एक कमल के फूल पर पड़ी जिस पर कोई वस्तु हिल
रही थी। प्रथम नीमा ने जाना कोई सर्प है जो कमल के फूल पर बैठा अपने फन को उठा कर हिला रहा है। उसने सोचा कहीं यह सर्प मेरे पति को न डस ले नीमा ने उसको ध्यानपूर्वक देखा वह सर्प नहीं है कोई बालक था। जिसने एक पैर अपने मुख में ले रखा था तथा दूसरे को हिला रहा था। नीमा ने अपने पति से ऊँची आवाज में कहा देखियो जी! एक छोटा बच्चा कमल के फूल पर लेटा है। वह जल में डूब न जाए।
नीरू स्नान करते 2 उस की ओर न देख कर बोला नीमा! बच्चों की चाह ने तुझे पागल बना दिया है। अब तुझे जल में भी बच्चे दिखाई देने लगे हैं। नीमा ने अधिक तेज आवाज में कहा मैं सच कह रही हूँ, देखो सचमुच एक बच्चा कमल के फूल पर, वह रहा, देखो! देखो नीमा की आवाज में परिवर्तन व अधिक कसक देखकर नीरू ने उस ओर देखा जिस ओर नीमा हाथ से संकेत कर रही थी। कमल के फूल पर नवजात शिशु को देखकर नीरू ने आव देखा न ताव झपट कर कमल के फूल सहित बच्चा उठाकर अपनी पत्नी को दे दिया।
नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को सीने से लगाया, मुख चूमा, पुत्रवत् प्यार किया जिस परमेश्वर की खोज में ऋषि-मुनियों ने जीवन भर शास्त्रविधि विरूद्ध साधना की उन्हें नहीं मिला। वही परमेश्वर भक्तमति नीमा की गोद में खेल रहा था। जिस शान्तिदायक परमेश्वर को आनंद की प्राप्ति के लिए प्राप्त करने की इच्छा से साधना की जाती है वही परमेश्वर नीमा के हाथों में सीने से लगा हुआ था। उस समय जो शीतलता व आनन्द का अनुभव भक्तमति नीमा को हो रहा होगा उस की कल्पना ही की जा सकती है। नीरू स्नान. करके जल से बाहर आया। नीरू ने सोचा यदि हम इस बच्चे को नगर में ले जाऐंगे तो शहर वासी हम पर शक करेंगे सोचेंगे कि ये किसी के बच्चे को चुरा कर लाए हैं। कहीं हमें नगर से निकाल दें। इस डर से नीरू ने अपनी पत्नी से कहा नीमा ! इस बच्चे को यहीं छोड़ दे इसी में अपना हित है। नीमा बोली हे पति देव ! यह भगवान शंकर का दिया खिलौना है। इस बच्चे ने पता नहीं मुझ पर क��या जादू कर दिया है कि मेरा मन इस बच्चे के वश हो गया है। मैं इस बच्चे को नहीं त्याग सकती। नीरू ने नीमा को अपने मन की बात से अवगत करवाया। बताया कि यह बच्चा नगर वासी हम से छीन लेगें, पूछेंगे कहाँ से लाए हो? हम कहेंगे लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर मिला है। हमारी बात पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा। हो सकता है वे हमें नगर से भी निकाल दें। तब नीमा ने कहा मैं इस बालक के साथ देश निकाला भी स्वीकार कर लूँगी। परन्तु इस बच्चे को नहीं त्याग सकती। मैं अपनी मृत्यु को भी स्वीकार कर लूँगी। परन्तु इस बच्चे से भिन्न नहीं रह सकूँगी।
नीमा का हठ देख कर नीरू को क्रोध आ गया तथा अपने हाथ को थप्पड़ मारने की स्थिति में उठा कर आँखों में आँसू भरकर करूणाभरी आवाज में बोला नीमा मैंने आज तक तेरी किसी भी बात को नहीं ठुकरवाया। यह जान कर कि हमारे कोई बच्चा नहीं है मैंने तुझे पति तथा पिता दोनों का प्यार दिया है। तू मेरे नम्र स्वभाव का अनुचित लाभ उठा रही है। आज मेरी स्थिति को न समझ कर अपने हठी स्वभाव से मुझे कष्ट दे रही है। विवाहित जीवन में नीरू ने प्रथम बार अपनी पत्नी की ओर थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया था तथा कहा कि या तो इस बच्चे को यहीं रख दे वरना आज मैं तेरी बहुत पिटाई करूँगा।
उसी समय नीमा के सीने से चिपके बालक रूपधारी परमेश्वर बोले हे नीरू! आप मुझे अपने घर ले चलो आप पर कोई आपत्ति नहीं आएगी। मैं सतलोक से चलकर तुम्हारे हित के लिए यहाँ आया हूँ। नवजात शिशु के मुख से उपरोक्त वचन सुनकर नीरू (नूर अल्ली) डर गया कहीं यह कोई देव या पित्तर या कोई सिद्ध पुरूष न हो और मुझे शाप न दे दे। इस डर से नीरू कुछ नहीं बोला घर की ओर चल पड़ा। पीछे 2 उसकी पत्नी परमेश्वर को प्यार करती हुई चल पड़ी।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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astrovastukosh · 4 months ago
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🌞 *~दिनांक - 27 सितम्बर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और एकादशी व्रत के लाभ ~* 🌞
🙏Akshay Jamdagni ✍️🌹9837376839
🌤️ *दिनांक - 27 सितम्बर 2024*
🌤️ *दिन - शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - अश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र भाद्रपद)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - दशमी दोपहर 01:20 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️ *नक्षत्र - पुष्य 28 सितम्बर रात्रि 01:30 तक तत्पश्चातत अश्लेशा*
🌤️ *योग - शिव रात्रि 11:34 तक तत्पश्चात सिद्ध*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:59 से दोपहर 12:29 तक*
🌤️ *सूर्योदय -06:29*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:28*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - एकादशी का श्राद्ध*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡️ *27 सितम्बर 2024 शुक्रवार को दोपहर 01:20 से 28 सितम्बर, शनिवार को दोपहर 02:49 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष - 28 सितम्बर, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य कार्य* 🌷
*विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
🙏Akshay Jamdagni ✍️🌹9837376839
#akshayjamdagni #astrovastukosh #astroakshay #hindu
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ragbuveer · 8 days ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (अष्टमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-07-जनवरी-2025
वार :-मंगलवार
तिथि :-08अष्टमी-16:27
माह:-पौषमास
पक्ष:-शुक्लपक्ष
नक्षत्र:-रेवती:-17:49
योग:-शिव:-23:15
करण:-बव:-16:27
चन्द्रमा:-मीन 17:50/मेष
सूर्योदय:-07:31
सूर्यास्त:-17:57
दिशा शूल---उत्तर
निवारण उपाय: तिल का सेवन
ऋतु:-शिशिर ऋतु
गुंलिक काल:-12:30से 14:00
राहू काल:-15:15से16:35
अभीजित...12:12से12:55
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:-कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-10:07से11:25तक
लाभ:-11:25से12:43तक
अमृत:-12:43से14:01तक
शुभ:-15:19से16:37तक
🌗चोघङिया रात🌓
लाभ:-19:39से21:21तक
शुभ:-23:03से00:45तक
अमृत:-00:45से02:27तक
चंचल:-02:27से04:09तक
🌸आज के विशेष योग🌸 वर्ष का 275 वाँ दिन, पंचक समाप्त 17:49, शाकंभरी नवरात्र प्रारंभ, दुर्गाष्टमी, रवियोग प्रारंभ 17:49, मंगलाश्विनी , अमृतसिद्बियोग 11:49से सूर्योदय,
🙏 टिप्स 🙏
पौष माह में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनके निमित्त तर्पण, पिंडदान, करे।
*सुविचार*
आदमी वह महान होता है, जो अपने पास बैठे इंसान को छोटा महसूस ना होने दे।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*पाचन को ठीक करने के उपाय -*
*शारीरिक व्यायाम कीजिए -*
आपका शरीर केवल बैठने के लिए नहीं बना है बल्कि कुछ शारीरिक श्रम या शारीरिक व्यायाम के लिए भी बना है, ताकि आप हेल्दी रह सको। आपको बता दें कि शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए शारीरिक व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप या तो सैर कर सकते हो या फिर तैराकी और दौड़ भी लगा सकते हैं। अगर आपको साइलिक चलाने का शौक है, तो आप वह भी चला सकते हैं।
आप योग करके भी अपने आप फिट रख सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करते हैं, तो इससे आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने में बहुत ही सहायता मिलेगी, जिससे पाचन संबंधी समस्याओं की संभावना कम किया जा सकता है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
किसी प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थदर्शन हो सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें, लाभ होगा। मित्रों के साथ अच्‍छा समय बीतेगा। विरोध होगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। जल्दबाजी से हानि होगी। आलस्य हावी रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। विवेक का प्रयोग करें। आय बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
घर-परिवार की चिंता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। बाहर जाने का मन बनेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संतान पक्ष से खुशियां प्राप्त होंगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्रोध रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बड़े सौदे बड़ा ��ाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रों के साथ आनंदायक समय व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
👩🏻‍🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
बुरी सूचना मिल सकती है। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। आय में कमी रहेगी। नकारात्मकता बढ़ेगी। विवाद से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। अनावश्यक परेशानी खड़ी हो सकती है। दूसरों की बातों में न आएं। धैर्य रखें, समय सुधरेगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
सामाजिक कार्यों में मन लगेगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्‍छा समय व्यतीत होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें। ईर्ष्यालु सक्रिय रहेंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। कोई नया बड़ा काम करने की योजना बनेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यावसायिक साझेदार पूर्ण सहयोग करेंगे। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने का मन बनेगा। सेहत का ध्यान रखें। वरिष्ठजनों की सलाह काम आएगी। नए मित्र बनेंगे। आय बनी रहेगी। हर कार्य बेहतर होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
अनावश्यक जोखिम न लें। किसी भी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है। सेहत को प्रा‍थमिकता दें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय नहीं है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्‍छा समय व्यतीत होगा। व्यस्तता के चलते स्वास्‍थ्य बिगड़ सकता है, ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
घर-परिवार के साथ आराम तथा मनोरंजन के साथ समय व्यतीत होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोध होगा। काम करते समय लापरवाही न करें। चोट लग सकती है। थकान तथा कमजोरी महसूस होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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subeshivrain · 4 months ago
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart95 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart96
"नीरू-नीमा को कबीर परमात्मा की लहरतारा सरोवर में प्राप्ति"
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को भी ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्योदय से लगभग डेढ़ घण्टा पहले होता है) में स्नान करने के लिए जा रहे थे। नीमा रास्ते में भगवान शंकर से प्रार्थना कर रही थी कि हे दीनानाथ! आप अपने दासों को भी एक बच्चा-बालक दे दो आप के घर में क्या कमी है प्रभु! हमारा भी जीवन सफल हो जाएगा। दुनिया के व्यंग्य सुन-2 कर आत्मा दुःखी हो जाती है। मुझ पापिन से ऐसी कौन सी गलती किस जन्म में हुई है जिस कारण मुझे बच्चे का मुख देखने को तरसना पड़ रहा है। हमारे पापों को क्षमा करो प्रभु! हमें भी एक बालक दे दो। यह कह कर नीमा फूट-2 कर रोने लगी तब नीरू ने धैर्य दिलाते हुए कहा
हे नीमा! हमारे भाग्य में सन्तान नहीं है यदि भाग्य में सन्तान होती तो प्रभु शिव अवश्य प्रदान कर देते। आप रो-2 कर आँखे खराब कर लोगी। बालक भाग्य में है नहीं जो वृद्ध अवस्था में ऊंगली पकड़ लेता। आप मत रोओ आप का बार-2 रोना मेरे से देखा नहीं जाता। यह कह कर नीरू की आँखे भी भर आई। इसी तरह प्रभु की चर्चा व बालक प्राप्ति की याचना करते हुए उसी लहरतारा तालाब पर पहुँच गए। प्रथम नीमा ने प्रवेश किया, पश्चात् नीरू ने स्नान करने को तालाब में प्रवेश किया। सुबह का अंधेरा शीघ्र ही उजाले में बदल जाता है। जिस समय नीमा ने स्नान किया था उस समय तक तो अंधेरा था। जब कपड़े बदल कर पुनः तालाब पर उस कपड़े को धोने के लिए गई, जिसे पहन कर स्नान किया था, उस समय नीरू तालाब
में प्रवेश करके गोते लगा-2 कर मल मल कर स्नान कर रहा था। नीमा की दृष्टि एक कमल के फूल पर पड़ी जिस पर कोई वस्तु हिल
रही थी। प्रथम नीमा ने जाना कोई सर्प है जो कमल के फूल पर बैठा अपने फन को उठा कर हिला रहा है। उसने सोचा कहीं यह सर्प मेरे पति को न डस ले नीमा ने उसको ध्यानपूर्वक देखा वह सर्प नहीं है कोई बालक था। जिसने एक पैर अपने मुख में ले रखा था तथा दूसरे को हिला रहा था। नीमा ने अपने पति से ऊँची आवाज में कहा देखियो जी! एक छोटा बच्चा कमल के फूल पर लेटा है। वह जल में डूब न जाए।
नीरू स्नान करते 2 उस की ओर न देख कर बोला नीमा! बच्चों की चाह ने तुझे पागल बना दिया है। अब तुझे जल में भी बच्चे दिखाई देने लगे हैं। नीमा ने अधिक तेज आवाज में कहा मैं सच कह रही हूँ, देखो सचमुच एक बच्चा कमल के फूल पर, वह रहा, देखो! देखो नीमा की आवाज में परिवर्तन व अधिक कसक देखकर नीरू ने उस ओर देखा जिस ओर नीमा हाथ से संकेत कर रही थी। कमल के फूल पर नवजात शिशु को देखकर नीरू ने आव देखा न ताव झपट कर कमल के फूल सहित बच्चा उठाकर अपनी पत्नी को दे दिया।
नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को सीने से लगाया, मुख चूमा, पुत्रवत् प्यार किया जिस परमेश्वर की खोज में ऋषि-मुनियों ने जीवन भर शास्त्रविधि विरूद्ध साधना की उन्हें नहीं मिला। वही परमेश्वर भक्तमति नीमा की गोद में खेल रहा था। जिस शान्तिदायक परमेश्वर को आनंद की प्राप्ति के लिए प्राप्त करने की इच्छा से साधना की जाती है वही परमेश्वर नीमा के हाथों में सीने से लगा हुआ था। उस समय जो शीतलता व आनन्द का अनुभव भक्तमति नीमा को हो रहा होगा उस की कल्पना ही की जा सकती है। नीरू स्नान. करके जल से बाहर आया। नीरू ने सोचा यदि हम इस बच्चे को नगर में ले जाऐंगे तो शहर वासी हम पर शक करेंगे सोचेंगे कि ये किसी के बच्चे को चुरा कर लाए हैं। कहीं हमें नगर से निकाल दें। इस डर से नीरू ने अपनी पत्नी से कहा नीमा ! इस बच्चे को यहीं छोड़ दे इसी में अपना हित है। नीमा बोली हे पति देव ! यह भगवान शंकर का दिया खिलौना है। इस बच्चे ने पता नहीं मुझ पर क्या जादू कर दिया है कि मेरा मन इस बच्चे के वश हो गया है। मैं इस बच्चे को नहीं त्याग सकती। नीरू ने नीमा को अपने मन की बात से अवगत करवाया। बताया कि यह बच्चा नगर वासी हम से छीन लेगें, पूछेंगे कहाँ से लाए हो? हम कहेंगे लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर मिला है। हमारी बात पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा। हो सकता है वे हमें नगर से भी निकाल दें। तब नीमा ने कहा मैं इस बालक के साथ देश निकाला भी स्वीकार कर लूँगी। परन्तु इस बच्चे को नहीं त्याग सकती। मैं अपनी मृत्यु को भी स्वीकार कर लूँगी। परन्तु इस बच्चे से भिन्न नहीं रह सकूँगी।
नीमा का हठ देख कर नीरू को क्रोध आ गया तथा अपने हाथ को थप्पड़ मारने की स्थिति में उठा कर आँखों में आँसू भरकर करूणाभरी आवाज में बोला नीमा मैंने आज तक तेरी किसी भी बात को नहीं ठुकरवाया। यह जान कर कि हमारे कोई बच्चा नहीं है मैंने तुझे पति तथा पिता दोनों का प्यार दिया है। तू मेरे नम्र स्वभाव का अनुचित लाभ उठा रही है। आज मेरी स्थिति को न समझ कर अपने हठी स्वभाव से मुझे कष्ट दे रही है। विवाहित जीवन में नीरू ने प्रथम बार अपनी पत्नी की ओर थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया था तथा कहा कि या तो इस बच्चे को यहीं रख दे वरना आज मैं तेरी बहुत पिटाई करूँगा।
उसी समय नीमा के सीने से चिपके बालक रूपधारी परमेश्वर बोले हे नीरू! आप मुझे अपने घर ले चलो आप पर कोई आपत्ति नहीं आएगी। मैं सतलोक से चलकर तुम्हारे हित के लिए यहाँ आया हूँ। नवजात शिशु के मुख से उपरोक्त वचन सुनकर नीरू (नूर अल्ली) डर गया कहीं यह कोई देव या पित्तर या कोई सिद्ध पुरूष न हो और मुझे शाप न दे दे। इस डर से नीरू कुछ नहीं बोला घर की ओर चल पड़ा। पीछे 2 उसकी पत्नी परमेश्वर को प्यार करती हुई चल पड़ी।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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