#नोएडा अथॉरिटी
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गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से नए गंतव्यों के लिए उड़ानों का विस्तार?
Direct Flights from Hindon Airport to Goa, Bengaluru & Kolkata Starting March 1 गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से गोवा, बेंगलुरु और कोलकाता के लिए सीधी उड़ानें शुरू, ऑनलाइन बुकिंग चालू AIN NEWS 1: गाजियाबाद वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब हिंडन एयरपोर्ट से गोवा, बेंगलुरु और कोलकाता के लिए सीधी उड़ानें शुरू हो रही हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस को इन तीन शहरों के लिए व्यावसायिक उड़ानों की अनुमति मिल चुकी है, और यह सेवा 1 मार्च 2025 से शुरू हो जाएगी। इन शहरों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग भी उपलब्ध हो गई है। एयर इंडिया एक्सप्रेस को मिली अनुमति हिंडन एयरपोर्ट से अभी तक आदमपुर, किशनगढ़, नांदेड़, लुधियाना और बठिंडा के लिए सीमित उड़ानें संचालित हो रही थीं। लंबे समय से अन्य बड़े शहरों के लिए उड़ानों का विस्तार करने की प्रक्रिया चल रही थी। अब गोवा, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे प्रमुख गंतव्यों के लिए उड़ानें शुरू होने से गाजियाबाद की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा। रोजाना तीनों शहरों के लिए उड़ानें हिंडन एयरपोर्ट प्राधिकरण के निदेशक उमेश यादव ने जानकारी दी कि गोवा, बेंगलुरु और कोलकाता के लिए रोजाना फ्लाइट्स उपलब्ध होंग���। इन शहरों से हिंडन एयरपोर्ट के लिए भी प्रतिदिन उड़ानें संचालित की जाएंगी। इससे यात्रियों को दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। गोवा जाने वालों को बड़ी राहत गोवा, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, वहां के लिए सीधी उड़ान शुरू होने से यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा, नोएडा और गाजियाबाद में स्थित बड़ी आईटी कंपनियों के कर्मचारी अब सीधे हिंडन एयरपोर्ट से बेंगलुरु जा सकेंगे। इससे उनका समय और यात्रा का खर्च दोनों बचेगा। फरवरी से तैयारियां पूरी हिंडन एयरपोर्ट पर बड़ी उड़ानों के संचालन को लेकर फरवरी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने इंडिगो, विस्तारा, अकासा और अन्य एयरलाइंस के साथ विचार-विमर्श किया है। माना जा रहा है कि भविष्य में अन्य शहरों के लिए भी उड़ानों का विस्तार होगा। वर्तमान उड़ानों की स्थिति फिलहाल, हिंडन एयरपोर्ट से केवल छोटे शहरों जैसे आदमपुर, किशनगढ़, नांदेड़, लुधियाना और बठिंडा के लिए उड़ानें संचालित हो रही हैं। बड़े गंतव्यों की उड़ानें शुरू होने से गाजियाबाद की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई मिलेगी। भविष्य की योजनाएं एयरपोर्ट प्रशासन आने वाले समय में और अधिक शहरों को जोड़ने की योजना बना रहा है। यह विस्तार स्थानीय अर्थव्यवस्था और यात्रियों की सुविधा के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। https://youtu.be/YRsbqapyXmA?si=RcI_vERHDPkouVQ8 Starting March 1, 2025, Hindon Airport in Ghaziabad will offer direct flights to Goa, Bengaluru, and Kolkata. Air India Express has received clearance for these routes, and online booking is now live. These new connections from Hindon Airport will improve travel convenience, reduce dependency on Delhi Airport, and benefit tourists and professionals alike. With daily flights planned, Hindon Airport is set to become a vital hub for air travel in North India. Read the full article
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बुनियादी ढांचे का विकास में यूपी ने गढ़ा नया आयाम
बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्षों में नए आयाम गढ़े हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी विजन का असर ही है कि उत्तर प्रदेश आज देश में सबसे ज्यादा हाईवे और एयरपोर्ट वाला राज्य बन गया है। कनेक्टीविटी के मामले में उत्तर प्रदेश आज देश ही नहीं दुनिया में स्थान बना रहा है। योगी सरकार ने बुनियादी ढांचा प्रबंधन यूपी में नया आयाम स्थापित किया है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वजह से उत्तर प्रदेश निवेशकों का भी पसंदीदा गंत्वय बना है। प्रदेश की कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता के आधार पर सुदृढ़ किया गया है।
वर्ष 2017 से पूर्व दंगा प्रदेश के रूप में पहचाना जाने वाले उत्तर प्रदेश में योगीराज के दौरान थल, जल और नभ में इंफ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। बहुत जल्द यूपी 21 एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस की शुरुआत होने जा रही है। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे भी बन रहा है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ से पहले दिसंबर 2024 में गंगा एक्सप्रेस को शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फोर लेन की 1235 प्रोजेक्ट को पिछले सात साल में आगे बढ़ाया गया है।
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट खर्चे का 5वां हिस्सा बुनियादी ढांचे के विकास लिए आवंटित किया है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और जन कल्याणकारी योजनाओं के मामले में उत्तर प्रदेश नए भारत के निर्माण में एक नई शुरुआत कर रहा है। पहले उत्तर प्रदेश को लैण्डलॉक्ड स्टेट कहा जाता था। आज वाराणसी से हल्दिया के बीच इनलैण्ड वॉटर-वे का उपयोग प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रदेश में इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी गठित करने के पश्चात अयोध्या को भी हल्दिया के साथ जोड़ने की तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है।
यूपी में शहरी बुनियादी ढांचा के लिए बनाए गए ये तमाम एक्सप्रेस-वे भविष्य में उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों और निर्यात केंद्रों को जोड़ेंगे। जिससे कि आम आदमी को कम समय में बेहतर व आरामदेह सफर की सुविधा देने के साथ-साथ माल ढुलाई में भी मदद करेगा। उत्तर प्रदेश में आज लगभग 4 लाख किमी से अधिक का सड़क नेटवर्क और 11 हजार किमी का राजमार्ग नेटवर्क है। प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी है जो लगभग 9000 किमी से अधिक का है।
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तहतअउत्तर प्रदेश ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कोरिडोर (डीएमआईसी) और पूर्वी समर्पित फ्रेट कोरिडोर (ईडीएफसी) जैसे इंडस्ट्रियल कोरिडोर को सक्रिय तौर पर प्रोत्साहित किया है। इन कोरिडोरों का उद्घाटन औद्योगिक विकास के लिए प्रेरणा स्रोत, निवेशों को आकर्षित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने का कार्य करते हैं।
डूइंग बिजनेस सुविधाओं और एकल खिड़की स्वीकृति प्रक्रियाओं ने ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाया है, जिससे उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए और भी आकर्षक स्थल बन गया है। पिछले दशकों में उत्तर प्रदेश की पहचान एक बीमारू राज्य के रुप में होती थी लेकिन अब सूरत पूरी तरह से बदल चुकी है। वर्तमान योगी सरकार ने पिछले छह सालों में विकास के अनेकों ऐसे कार्य किए हैं जिसके चलते इसकी पहचान तेजी से विकसित हो रहे प्रदेश की बन चुकी है।
यूपी में शहरी बुनियादी ढांचा के विकास के क्रम में बिजली की निर्वाध आपूर्ति के लिए उत्पादन बढ़ाने पर भरपूर जोर दिया गया है । जिससे फलस्वरूप आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हुआ है । ओरा की 660 मेगावाट की एक यूनिट उत्पादन शुरू करने जा रही है । इसी तरह जवाहर तापीय परियोजना में निर्माणाधीन 660 मेगावाट की दो इकाइयां भी इसी साल उत्पादन शुरू करेगी । वहीं कानपुर स्थित पनकी तापीय परियोजना में 660 मेगावाट की एक यूनिट भी इस साल दिसंबर में शुरू होने वाली है ।
गाजियाबाद, लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा, कानपुर के बाद आगरा में मेट्रो का संचालन हो रहा छह जिलों में मेट्रो की सुविधाएं देने वाले उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है। 72.26 किलोमीटर लंबा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर गाजियाबाद के आरआरटीएस और बनने वाले जेवर एयरपोर्ट को जोड़ेगा । दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर का शुभारंभ हो चुका है। इससे दिल्ली से मेरठ तक पहुंचना अब ज्यादा सुगम और सुविधाजनक हो गया है। इन प्रयासों से कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में सकारात्मक परिणाम आएं हैं।
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घटेगी नई इमारतों की ऊंचाई, घरों की बाउंड्री और कमरे भी अलग होंगे, BIS ने नोएडा के लिए सुझाए नए नियम
योगेश तिवारी, नोएडा: आने वाले दिनों में शहर में बनने वाली बहुमंजिला आवासीय इमारतों की ऊंचाई उतनी नहीं होगी जितनी पहले की बिल्डिंगों की है। ग्रुप हाउसिंग में बिना सुविधा विकसित किए बिल्डर पजेशन नहीं दे पाएंगे। यही नहीं प्लॉट पर जो नए मकान बनेंगे वहां दो मकानों के बीच की दीवार पर छत नहीं डाली जा सकेगी। प्लॉट में सेटबैक का हिस्सा तकरीबन चारों तरफ छोड़ना होगा। इसका मतलब ये है कि प्लॉट पर पहले बाउंड्री बनवानी होगी, इसके बाद बीच में अलग से कमरे बनेंगे। इसी तरह निर्माण से जुड़े कई और नए नियम नोएडा में लागू हो सकते हैं। केंद्र के भारतीय मानक ब्यूरो () ने नोएडा में स्टैंडर्ड डिवेलपमेंट के लिए अगल से बिल्डिंग बायलॉज तैयार किए हैं। नए नियमों की किताब अथॉरिटी को सौंप दी गई है। अब अथॉरिटी इसे बोर्ड में रखकर मंजूरी लेगी। अथॉरिटी ने बिल्डिंग बायलॉज के ड्राफ्ट का अध्ययन शुरू करा दिया है। माना जा रहा है कि इसमें कुछ संशोधन भी होंगे। पुराने बायलॉज FAR पर आधारित हैं 2010 में नोएडा अथॉरिटी की तरफ से बनाए गए बिल्डिंग बायलॉज ही अभी तक लागू हैं। यह बायलॉज फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) आधारित था। इसमें देखा जाता था कि प्लॉट कितना बड़ा है और कितना निर्माण हो सकता है। इसके बा�� उसी आधार पर अथॉरिटी नक्शा पास कर देती है। निर्माण के दौरान खिड़की से लेकर बालकनी को मंजूरी तो अथॉरिटी देती थी लेकिन इनके मानक और कोई परिभाषा नहीं थी। अब नए बिल्डिंग बायलॉज में खिड़की से लेकर वेंटिलेशन के लिए एग्जॉस्ट लगाने तक के मानक और परिभाषा तय कर अथॉरिटी को बताए गए हैं। ग्रुप हाउसिंग में फ्लोर एरिया रेशियो भी घटाने का सुझाव दिया गया है। ऐसा होने पर इमारतों की ऊंचाई कम होगी। नए बायलॉज की 200 पेज से ज्यादा की एक किताब अथॉरिटी को सौंपी गई है। अब अथॉरिटी इन नए प्रस्तावित नियमों का अध्ययन कर रही है। ये सभी नियम नोएडा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इसके बाद भी अथॉरिटी को यह छूट होगी कि वह अध्ययन कर वाजिब तर्क देकर इन बायलॉज को कुछ संशोधन के साथ स्वीकार कर सकती है। अधिकारियों ने बताया कि नए बिल्डिंग बा���लॉज की जरूरत मौजूदा इंडस्ट्री और हाउसिंग ट्रेंड में बदलाव को देखते हुए पड़ी है। अब डेटा सेंटर, आईटी-आईटीएस, ईवी-वीकल जैसे उद्योगों के लिए अलग-अलग नीतियां आ चुकी हैं, लेकिन बिल्डिंग बायलॉज वहीं पुराने हैं। ईवी की इंडस्ट्री उसी तरह से नहीं बनाई जा सकती जैसे नट बोल्ट या अन्य पुरानी इंडस्ट्री बनी हुई हैं। इसके साथ ही प्लॉट पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के मानक सेटबैक, ग्राउंड कवरेज, एफएआर, ग्रीन एरिया, ओपन एरिया, लैंड यूज समेत अन्य मानक भी परिभाषित हो गए हैं। ऐसा होने पर सभी के लिए एक ही मानक रहने वाले हैं। बिल्डरों को नक्शा पास कराने के लिए देना होगा सर्विस प्लान ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट में फ्लैट बायर्स की बहुत सी शिकायतें और समस्याएं रहती हैं कि बिल्डर ने सभी जरूरी सुविधाएं विकसित किए बगैर ही कब्जा दे दिया। कहीं पार्किंग अधूरी रहती है तो कहीं क्लब हाउस और फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं रहते। कुछ जगह एसटीपी तक नहीं बना होता है। ये समस्याएं आगे न रहें इसके लिए प्रस्तावित बिल्डिंग बायलॉज में यह व्यवस्था की गई है कि बिल्डर जब नक्शे के लिए आवेदन करेगा तो सर्विस प्लान अलग से देगा। इस प्लान में यह बताया जाएगा कि सोसायटी में कौन-कौन सी सुविधाएं विकसित की जानी हैं। इसके साथ ही इन सुविधाओं से अलग बिल्डर सोसायटी को हाईटेक बना रहा है तो स्पेसिफिकेशन भी बताने होंगे। निर्माण पूरा होने के बाद जब ओसी के लिए बिल्डर आवेदन करेगा तो अथॉरिटी सबसे पहले सर्विस प्लान का परीक्षण करेगी। ऐसे में आम सुविधाओं की अनदेखी नहीं होगी। बनी हुई इमारत के कमजोर पड़ने पर उसके लिए भी नियम अगर बनी हुई पुरानी इमारत कमजोर पड़ जाती है तो उसे असुरक्षित घोषित करने का नियम भी नए बिल्डिंग बायलॉज में आया है। इसके लिए जरूरी जांच और फिर इमारत कमजोर मिलने के बाद होने वाले सुरक्षा इंतजाम भी नए बताए गए हैं। इमारत के कमजोर होने पर उसे कैसे खाली कराया जा सकता है और कोई घट��ा होने पर जिम्मेदारी भी तय की गई है। http://dlvr.it/T92WH8
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नोएडा अथॉरिटी का बड़ा कारनामा; महिला और बुजुर्ग को कार समेत उठाया, वीडियो हुआ वायरल
नोएडा अथॉरिटी का बड़ा कारनामा; महिला और बुजुर्ग को कार समेत उठाया, वीडियो हुआ वायरल
Noida Viral: अवैध जगह पर गाड़ी खड़ी करने पर पुलिस चालान करती है या ट्रैफिक विभाग द्वारा गाड़ी को टो (Tow) किया जाता है। हालांकि ऐसा तब होता है जब गाड़ी अवैध पार्किंग में खड़ी हो और उसमें कोई मौजूद ना हो। नोएडा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कार समेत कर्मचारी बैठे लोगों को भी टो करके ले जा रहे हैं। महिला और बुजुर्ग समेत कार को कर लिया टो बताया जा रहा है कि वीडियो नोएडा के सेक्टर…
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जेवर एयरपोर्ट का हो रहा है खूब असर, तेजी से बढ़ रहे हैं प्रोपर्टी के भाव- Chetna Manch
नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के डेवलपमेंट से आसपास के इलाके को नई उड़ान मिलेगी, इस खबर के बाद से ही आसपास की प्रॉपर्टीज के दाम दिन ब दिन बढ़ रहे हैं। नोएडा में जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के साथ आसपास के क्षेत्र में आवासीय और वाणिज्यिक मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कई परियोजनाएं भी यहां चलाई जा रही हैं। जेवर एयरपोर्ट के आसपास की जगह को विकसित करने की दिशा में अथॉरिटी लगातार काम कर रही है। इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग उत्तर प्रदेश ,नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण , GNIDA मिलकर काम कर रहे हैं।
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Noida-ग्रेटर नोएडा के फ्लैट बायर्स का दर्द, घर चलाएं, ऑफिस जाएं या धरना दें, जानिए वजह
Noida-ग्रेटर नोएडा के फ्लैट बायर्स का दर्द, घर चलाएं, ऑफिस जाएं या धरना दें, जानिए वजह
नोएडा. ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) और नोएडा में रहने वाले फ्लैट बायर्स का एक बड़ा दर्द है कि वो वो घर चलाएं, ऑफिस जाएं या फिर बिल्डर्स के खिलाफ धरना लगाएं. दो-चार नहीं पूरे 8-10 साल से ग्रेटर नोएडा और नोएडा (Noida) के फ्लैट बायर्स खासे परेशा�� हैं. कुछ तो ऐसे भी हैं जिन्हें परेशान होते हुए इससे ज्यादा वक्त हो गया. उनकी परेशानी का सबब रुपये देने के बाद भी फ्लैट की रजिस्ट्री का न होना. ऐसे बहुत…
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Noida अथॉरिटी 28 अक्टूबर से दे रही Online 122 प्रॉपर्टी खरीदने का मौका
Noida अथॉरिटी 28 अक्टूबर से दे रही Online 122 प्रॉपर्टी खरीदने का मौका
नोएडा. दिवाली (Diwali) के इस मौके पर आपका अपने घर का ख्वाब पूरा हो सकता है. 100 से 500 मीटर तक के प्लाट पर आप अपनी छत वाला खूबसूरत घर बना सकते हैं. आपके इस ख्वाब को पूरा करने के लिए नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) एक योजना लेकर आ रही है. अथॉरिटी ऑनलाइन 122 प्रॉपर्टी का आवंटन करेगी. इसके लिए एक दिन बाद यानि 28 अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन (Online Application) लिए जाएंगे. कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करते…
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नोएडा: बरसात में जलभराव की हो दिक्कत तो करें इस नंबर पर कॉल, तुरंत होगा समाधान
नोएडा: बरसात में जलभराव की हो दिक्कत तो करें इस नंबर पर कॉल, तुरंत होगा समाधान
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water logging
प्राधिकरण की ओर से अपील की गई है कि यदि कहीं भी जलभराव होता है तो हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं, जिसके बाद तत्काल जमा हुए पानी को हटाने की कार्रवाई की जाएगी.
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नोएडा में 60% फ्लैट का रजिस्ट्रेशन ही नहीं! डिफॉल्टर्स की लिस्ट में आपका बिल्डर तो नहीं?
नोएडा: नोएडा (Noida) में बकाये को लेकर बिल्डर्स और सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसका नुकसान होमबायर्स को हो रहा है क्योंकि उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। शहर में केवल 40 फीसदी फ्लैट्स ही रजिस्टर्ड हैं। नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने इस बारे में हाल में अपनी वेबसाइट पर डेटा अपलोड किया है। इसके मुताबिक 2016-17 तक 115 प्रोजेक्ट्स में 1.3 लाख फ्लैट्स को मंजूरी दी गई थी। उनमें से केवल 56,790 फ्लैट्स ही रजिस्टर्ड हैं। 115 प्रोजेक्ट्स में से 89 यानी 77% डिफॉल्टर हैं और उन पर कुल मिलाकर 26,000 करोड़ रुपये का बकाया है। केवल 24 प्रोजेक्ट्स ने सारा बकाया चुकाया है जबकि दो को कैंसल कर दिया गया है। जिन 24 प्रोजेक्ट्स ने पूरा बकाया चुकाया है, उनमें से भी केवल 15 को कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिला है। यह शहर में मंजूर किए गए कुल प्रोजेक्ट्स का महज 13 फीसदी है।जब किसी प्रोजेक्ट में सारी सुविधाएं बनकर तैयार हो जाती हैं और लाइसेंस की शर्तों को पूरा कर लिया जाता है तो उसे कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है। कई प्रोजेक्ट्स में अभी तक पूरी सुविधाएं नहीं दी गई हैं। इस कारण आए दिन इनमें बिल्डर्स के खिलाफ धरना-प्रदर्शन होते रहते हैं। नोएडा में 2016-17 से 2021-22 के बीच किसी भी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली। अधिकारियों ��ा कहना है कि बीते फिस्कल ईयर में कुछ नए प्रोजेक्ट्स को अप्रूव किया गया है। ये प्रोजेक्ट्स डिफॉल्टर्स की लिस्ट में शामिल नहीं हैं। साथ ही स्पोर्ट्स सिटी स्कीम (Sports City) के तहत सेक्टर 78, 79, 101, 150 और 152 में मंजूर किए गए प्रोजेक्ट्स भी इसमें शामिल नहीं हैं। इस प्रोजेक्ट्स में स्पोर्���्स सुविधाओं के पूरा नहीं होने के कारण रजिस्ट्री नहीं हो पाई। सबसे बड़ा डिफॉल्टर जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Ltd) के विश टाउन (Wish Town) में 15 प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें करीब 30,000 फ्लैट्स बनने हैं। इसे ही डिफॉल्टर्स की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। यह अभी इनसॉल्वेंसी रेजॉल्यूशन प्रोसेस से निकली है। इसकी डील यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल अथॉरिटी (YEIDA) के साथ हुई थी। 89 डिफॉल्ट प्रोजेक्ट्स में से 15 एनसीएलटी में हैं। यूनिटेक (Unitech) सबसे बड़ी डिफॉल्टर है। अब इसे सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड चला रहा है। दूसरे नंबर पर आम्रपाली (Amrapali) है जिसके प्रोजेक्ट्स सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एनबीसीसी (NBCC) पूरा कर रही है। 89 में से 14 प्रोजेक्ट इन्हीं दो कंपनियों के हैं।डेटा के मुताबिक यूनिटेक का बकाया 9,760 करोड़ रुपये का है। इनमें से 6,594 करोड़ रुपये का बकाया सेक्टर 96, 97 और 98 में स्थित प्रोजेक्ट्स का है। इसी तरह सेक्टर 117 के प्रोजेक्ट का 1,754 करोड़ और सेक्टल 113 और 114 के प्रोजेक्ट्स का 1,412 करोड़ रुपये का बकाया है। आम्रपाली का बकाया 2,777 करोड़ रुपये का है। एनसीएलटी में फंसे प्रोजेक्ट्स का कुल 4,732 करोड़ रुपये का बकाया है। इनमें सुपरटेक (Supertech), लॉजिक्स (Logix), 3सी (3C) और अजनारा (Ajnara) शामिल हैं। नोएडा अथॉरिटी ने पहले बार इसकी डिटेल अपनी वेबसाइट पर डाली है ताकि होम बायर्स अपने प्रोजेक्ट का स्टेटस चेक कर सकें। क्यों नहीं हो रही रजिस्ट्री अधिकारियों का कहना है कि रजिस्ट्री इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि बिल्डर्स ने बकाया नहीं चुकाया है। पिछले साल एक अप्रैल से करीब 3,500 रजिस्ट्री हुई हैं। इससे पहले 2021-22 में केवल 2,424 रजिस्ट्री हुई थी। साल 2020-21 में कोरोना के कारण प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। लेकिन उससे पहले भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। 2019-20 में केवल 1,500 रजिस्ट्रीज हुई थीं। अथॉरिटी का कहना है कि इस डेटा को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। इसका मकसद होमबायर्स की मदद करना है और ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में पारदर्शिता लाना है। http://dlvr.it/SlrzP3
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सीबीआई ने नोएडा अथॉरिटी के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह को गिरफ्तार किया सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 116.39 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अपने कार्यकाल के दौरान निजी कंपनियों को दिया । Source link
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अथॉरिटी ने घटाई बिना पेनाल्टी प्लॉट रजिस्ट्री की अवधि, अब 31 जनवरी तक ही मिलेगा फायदा... नोएडा वालों के लिए काम की खबर
अथॉरिटी ने घटाई बिना पेनाल्टी प्लॉट रजिस्ट्री की अवधि, अब 31 जनवरी तक ही मिलेगा फायदा… नोएडा वालों के लिए काम की खबर
नोएडा: नोएडा अथॉरिटी के करीब 10 हजार प्लॉट आवंटियों के लिए यह बड़ी खबर है। बिना पेनल्टी रजिस्ट्री करवाने के लिए 31 मार्च 2023 तक जो सहूलियत दी गई थी, अब इसे दो महीने घटाकर 31 जनवरी 2023 कर दिया है। अब अगर 31 जनवरी के बाद कोई रजिस्ट्री करवाएगा तो उसे पेनल्टी देनी पड़ेगी। यमुना अथॉरिटी की शुक्रवार को हुई 75वीं बोर्ड बैठक में रजिस्ट्री के लिए समय कम करने व अन्य फैसले पर मुहर लग गई है। इस आदेश से…
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फिल्म सिटी के भविष्य पर आज हो सकता है बड़ा फैसला, जानें वजह
फिल्म सिटी के भविष्य पर आज हो सकता है बड़ा फैसला, जानें वजह
नोएडा. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक फिल्म सिटी (Film City) का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन उसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. फिल्म सिटी के लिए चुनी गई अमेरिकन (American) कंपनी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं. ग्लोबल टेंडर होने के बावजूद निर्माण कार्य के लिए सिर्फ एक बिल्डर सामने आया है. इस संबंध में आज लखनऊ (Lucknow) में एक बड़ी बैठक बुलाई गई है.…
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ये होगा Noida की सिक्योरिटी का हाइटेक सिस्टम, जानिए एक-एक कैमरे की खासियत
ये होगा Noida की सिक्योरिटी का हाइटेक सिस्टम, जानिए एक-एक कैमरे की खासियत
नोएडा. 5-10 या 10-20 नहीं, पूरे 88 करोड़ रुपये की लागत से नोएडा शहर हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम (Hi-Tech Security System) के हवाले होने जा रहा है. इस हाइटेक सिस्टम में सीसीटीवी समेत तीन और खास तरीके के कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा. ��े तीन खास कैमरे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा और सर्विलांस कैमरा होगा. इसके अलावा शहरभर की 84 रेड लाइट पर एक हजार से ज्यादा…
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नोएडाः प्रशासनिक भवन में लगी आग, हजारों फाइलें खाक, जांच के लिए कमिटी गठित Edited By Raghavendra Shukla | भाषा | Updated: 25 May 2020, 02:22:00 PM IST प्रतीकात्मक तस्वीर
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