#हाई टेक सिक्योरिटी
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tezlivenews · 3 years ago
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ये होगा Noida की सिक्योरिटी का हाइटेक सिस्टम, जानिए एक-एक कैमरे की खासियत
ये होगा Noida की सिक्योरिटी का हाइटेक सिस्टम, जानिए एक-एक कैमरे की खासियत
नोएडा. 5-10 या 10-20 नहीं, पूरे 88 करोड़ रुपये की लागत से नोएडा शहर हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम (Hi-Tech Security System) के हवाले होने जा रहा है. इस हाइटेक सिस्टम में सीसीटीवी समेत तीन और खास तरीके के कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा. ये तीन खास कैमरे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा और सर्विलांस कैमरा होगा. इसके अलावा शहरभर की 84 रेड लाइट पर एक हजार से ज्यादा…
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khsnews · 3 years ago
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पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल का दौरा किया थ्री लेयर सिक्योरिटी एसपीजी कमांडो एमपीएटीएस हॉक फोर्स एमपी पुलिस ग्राउंड हाई-टेक एरियल विजिल पर तैनात mpsg
पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल का दौरा किया थ्री लेयर सिक्योरिटी एसपीजी कमांडो एमपीएटीएस हॉक फोर्स एमपी पुलिस ग्राउंड हाई-टेक एरियल विजिल पर तैनात mpsg
भोपालप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. जमीन से लेकर आसमान और तालाब तक हर कोने पर सुरक्षा एजेंसियां ​​नजर रखे हुए हैं. पूरी सुरक्षा व्यवस्था एसपीजी के हाथ में है। MPATS, सेंट्रल इंटेलिजेंस, मध्य प्रदेश पुलिस और हॉक फोर्स के कमांडो तैनात हैं। 2 आईजी और 20 एसपी के साथ मप्र पुलिस की एक बड़ी टीम पीएम सुरक्षा व्यवस्था में लगी हुई है. केंद्र से लेकर…
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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खतरे में प्राइवेसी: हैक हो सकते हैं प्रत्येक 10 में से 4 स्मार्टफोन, रिसर्च में हुआ खुलासा
खतरे में प्राइवेसी: हैक हो सकते हैं प्रत्येक 10 में से 4 स्मार्टफोन, रिसर्च में हुआ खुलासा
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Wed, 14 Apr 2021 04:11 PM IST सार 46 फीसदी संस्थाओं के कम-से-कम एक कर्मचारी ने वायरस वाले एप को अपने फोन में डाउनलोड किया है। ख़बर सुनें ख़बर सुनें सभी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने फोन के साथ हाई लेवल की सिक्योरिटी का दावा करती हैं लेकिन एक रिसर्च में स्मार्टफोन की सिक्योरिटी को लेकर होने वाले सभी दावे फेल हो गए हैं। एक…
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ivxnews · 5 years ago
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अभिषेक तैलंग. नए दशक में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हम कई ऊंची छलांगें देखेंगे जिसकी शुरुआत नए वर्ष में हो जाएगी। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में छिटपुट बदलाव तो आप हर दूसरे-तीसरे महीने देखते ही रहेंगे, पर असली क्रांति तो 5जी आने के बाद शुरू होगी। यानी अगले 10 वर्ष 5जी के नाम! लगभग हर टेक कंपनी, 5जी के इंतजार में है। फिर चाहे वो स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनी हो, गेमिंग कंपनी हो या वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस हो। 5जी के आने के बाद आपके स्मार्ट फोन को इस्तेमाल करने का तरीका बदल जाएगा। जरूरी नहीं है कि हर वक्त आपको अपनी जेब में स्मार्ट फोन लेकर घूमना पड़े। 5जी आपके स्मार्ट फोन की एसेसरीज को इतनी ताकत दे देगा कि आप फोन को साथ रखे बिना भी उसका इस्तेमाल कर पाएंगे। सुबह जॉगिंग के वक्त आपकी स्मार्ट वॉच से ही कॉन्फ्रेंस कॉल हो जाएंगी। वॉयस इनेबल्ड स्मार्ट इयरफोन/स्मार्ट स्पीकर आपके हाथों को दूसरे जरूरी कामों के लिए मुक्त रखेंगे। आपका फोन 5जी की मदद से आपके आसपास के सभी गैजेट्स का सरदार बन जाएगा। एक टच या वॉयस कमांड से आपका फोन, घर के सभी इलेक्ट्राॅनिक गैजेट को नियंत्रित करेगा। फिर चाहे वो एसी, टीवी हो या घर का सिक्योरिटी सिस्टम। ये सब कमाल करने वाले गैजेट अभी बाजार में बिक रहे हैं पर आने वाले वर्ष में ये और सस्ते होंगे और जल्द ही घर-घर में आम हो जाएंगे। पर इन्हें असली ताकत तो 5जी ही देगा।
पब्जी तो महज शुरुआत है! 2019 में हमने मोबाइल गेमिंग का बूम देखा। पब्जी खेलने वाले हर गली-नुक्कड़ में देखे। पर ये तो महज शुरुआत है। सस्ता और तेज इंटरनेट जहां मल्टीप्लेयर ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देगा, वहीं दूसरी ओर गूगल स्टैडिया, एपल आर्केड जैसे प्लेटफॉर्म प्रोफेशनल गेमिंग को घर-घर ले जाएंगे। जहां आपको उच्च क्वालिटी के ग्राफिक्स वाले गेम खेलने के लिए महंगा वाला फोन या गेमिंग कंसोल लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। गेमिंग में इस्तेमाल होने वाला सारा हाई एंड कम्प्यूटेशन दूर बैठे किसी गूगल या माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी के क्लाउड सर्वर पर होगा और ��प हजारों मील दूर बैठे अपने फोन या गेमिंग कंट्रोलर पर सिर्फ गेम का मजा लेंगे, वो भी अपने दोस्तों और ऑनलाइन गेमिंग बडीज के साथ। इस तरह की टेक्नोलॉजी को भारत में लांच होते-होते सितंबर तक का वक्त लग जाएगा। एपल आर्केड तो लॉन्च हो चुका है, पर वो सिर्फ एपल के उपकरणों के लिए है और गूगल स्टैडिया को भारत में लाॅन्च होने में थोड़ा वक्त लगेगा।
टीवी वापस लौटेगा! स्मार्टफोन और टैबलेट आने के बाद जो लोग टीवी की तेरहवीं मना रहे थे, उनके लिए ब्रेकिंग न्यूज है कि टीवी अब जबरदस्त वापसी करने वाला है। इसका सबसे बड़ा सबूत है कि स्मार्ट फोन बनाने वाली िशयोमी, वन प्लस, नोकिया और मोटोरोला जैसी ढेरों कंपनियां आखिर क्यों अब टीवी बनाने में भी हाथ आजमा रही है? जवाब सीधा है, टीवी वापस आने वाला है। लेकिन, ये टीवी बुद्धू बक्सा नहीं, बल्कि स्मार्ट टीवी है। जिस पर तेज इंटरनेट की मदद से आप ढेरों ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर पाएंगे। देश-दुनिया की मशहूर फिल्में, टीवी सीरीज, डॉक्यूमेंट्री आपकी अपनी भाषा में मिलेंगी। साथ ही इन स्मार्ट टीवी की मदद से सोशल नेटवर्किंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ ही मल्टी प्लेयर ऑनलाइन गेमिंग भी हो पाएगी। सस्ते और सुंदर स्मार्ट टीवी की भीड़ आपको इस वर्ष देखने को मिली, 2020 के खत्म होते-होते भारतीय बाजार में ढेरों टीवी और कई देसी-विदेशी ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं की बहार आ जाएगी, जिसमें डिज़नी जैसी कंपनियां भी शामिल होंगी। तो अच्छे कंटेट के लिए तैयार रहिए।
उलट-पलट फोन यकीन मानिए, फोल्डिंग गैजेट का दौर आ गया है, लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि 2019 में गैलेक्सी फोल्ड या मोटो रेजर जैसे फोल्डिंग डिवाइस हमने देखे, 2020 में भी इसी तरह के डिवाइस देखने को मिलेंगे। फोल्डिंग स्क्रीन का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आप बड़ी स्क्रीन को छोटा बनाकर जेब में रख सकते हैं या लैपटॉप बैग में 65 इंच का टीवी लेकर घूम सकते हैं। लेकिन, सैमसंग गैलेक्सी फोल्ड या मोटो रेजर के साथ अभी बहुत दिक्कतें है। ये नाजुक हैं और स्क्रीन चटकने की कई शिकायतें सुनने को मिली हैं। ठीक इसी तरह डील-डौल में भी ये भारी हैं और सबसे बड़ी दिक्कत इनमें अभी प्लास्टिक स्क्रीन का इस्तेमाल हो रहा है, जो कांच के मुकाबले कम चमकदार और कम टच रेस्पोंसिव होती है। इस बात में कोई शक नहीं है कि फोल्डेबल स्कीन आने वाले वक्त में अनेक गैजेट में इस्तेमाल होंगी पर 2020 में हमें इन गैजेट में छोटे-मोटे सुधार दिखते रहेंगे। आम आदमी की जेब में इन गैजेट को पहुंचने में अभी कम से कम 2-3 साल तो लगेंगे।
मेरी आवाज़ ही पहचान है! 2019 में सबसे ज्यादा बिकने वाले गैजेट में अमेजन की अलेक्सा डिवाइस समेत तमाम ऐसे गैजेट का नाम शुमार रहा, जो आपके वॉयस कमांड से अनेक काम कर लेते है। 2020 में भी ये दौर इसी तरह से चलेगा। यह कैटेगरी सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है। ये आपके कहनेभर से न सिर्फ गाने सुनाना, टाइम बताना जैसे काम करने लगे हैं, बल्कि अब आप इनसे अपने घर की लाइट, एसी व फ्रिज को भी कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही छोटे बच्चों की पढ़ाई में भी ये काफी मदद कर रहे हैं। अब ये वॉयस असिस्टेंट हिंदी जैसी भाषाएं समझते भी हैं और आपसे हिंदी में बात भी कर सकते हैं। 2020 और आने वाले वर्षों में वॉयस असिस्टेंट हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन जाएंगे।
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Intelligence of Things, AI and 5G define the technology in next full year decade in india
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sgtechs-in · 6 years ago
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'तानाशाह' किम जोंग-उन की हाई टेक सिक्योरिटी, दुनिया में और किसी के पास नहीं
'तानाशाह' किम जोंग-उन की हाई टेक सिक्योरिटी, दुनिया में और किसी के पास नहीं
[ad_1] उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन को लोग तानाशाह कहते हैं. क्योंकि, वह अपने अलग ही अंदाज में सबकुछ करता है. परमाणु हथियारों का परीक्षण हो या फिर मिसाइल छोड़कर पड़ोसी मुल्कों को डराना. [ad_2] Source link
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bharatmedianews-blog · 8 years ago
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अब प्राइवेट कंपनियां बना सकेंगी लड़ाकू विमान और पनडुब्बी, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
अब प्राइवेट कंपनियां बना सकेंगी लड़ाकू विमान और पनडुब्बी, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-2362
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने आज एक अहम फैसला लेते हुए प्राईवेट सेक्टर के लिए रक्षा क्षेत्र के दरवाजे खोल दिए हैं. आज रक्षा मंत्री अरूण जेटली की ��ध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद ने ‘स्ट्रटेजिक-पार्टनर्शिप’ को हरी झंडी दी. जिसके तहत लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और आर्मर्ड गाड़ियों बनाने में प्राईवेट सेक्टर की भागेदारी हो सकेगी और प्राईवेट कंपनियां, विदेशी कंपनियों के सहयोग से हाई-टेक इक्यूपमेंट बनाने में हिस्सा ले सकेंगी.
रक्षा मंत्रालय ने आज हाईटेक डिफेंस इक्यूपमेंट बनाने में प्राईवेट सेक्टर की भागीदारी के लिए ब्रॉड गाइड लाइन तैयार कर दी है. सीसीएस यानि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से क्लीयरेंस के बाद ये पॉलिसी बन जाएगी.
रक्षा मंत्रालय ने प्राईवेट सेक्टर की भागीदारी को दी मंजूरी
रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी डीसीए ने आज एक मोस्ट अवेटेड पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जिसके तहत भारत में पनडुब्बी और लड़ाकू विमानों जैसे सैन्य प्लेटफॉर्म बनाने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ भागीदारी में चुनिंदा प्राईवेट कंपनियों को शामिल किया जाएगा.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रक्षामंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में डीएसी ने आज भारत में हाईटेक डिफेंस इक्यूपमेंट बनाने में देश के प्राईवेट सेक्टर को शामिल करने की नीति की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया. इस नीति का उद्देश्य प्रमुख भारतीय कम्पनियों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र, दोनों को शामिल करते हुए देश में रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित करना है.
मेक इन इंडिया पॉलिसी को बढ़ावा
यह नीति भारतीय उद्योग के साथ जुड़े पक्षों के व्यापक विचार विमर्श के बाद विकसित की गई है. इसमें योग्य भारतीय उद्योग प्रमुखों के साथ दीर्घावधि की कार्यनीतिक भागीदारी कायम करने की व्यवस्था है. इसके लिए भारतीय उद्योग भागीदार एक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के जरिए वैश्विक ओईएम के साथ समझौते करेंगे ताकि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विनिर्माण संबंधी जानकारी हासिल करते हुए घरेलू विनिर्माण ढांचे और सप्लाई चेन की स्थापना की जा सके. इस नीति से रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पॉलिसी को बढ़ावा मिलेगा.
शुरू में यह नीति कुछ चुने हुए क्षेत्रों में लागू की जाएगी. इनमें लड़ाकू विमान, पनडुब्बियों और बख्तरबंद वाहनों का निर्माण शामिल है. बाद में अतिरिक्त क्षेत्र इसमें जुड़ेंगे. नीति के कार्यान्वयन के लिए समुचित संस्थागत तंत्र कायम किया जाएगा.
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abhay121996-blog · 4 years ago
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iPhone लवर्स के लिए एक अच्छी तो एक बुरी खबर, कंपनी जल्द ले सकती है ये फैसला Divya Sandesh
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iPhone लवर्स के लिए एक अच्छी तो एक बुरी खबर, कंपनी जल्द ले सकती है ये फैसला
दिग्गज टेक कंपनी एपल 2022 में लॉन्च होने वाले आईफोन को लेकर बड़ी प्लानिंग कर रही है। सिक्योरिटी एनालिस्ट मिंग-ची कुओ ने अपनी रिपोर्ट में एक ऐसी जानकारी दी, जो आईफोन लवर्स को निराश कर सकती है। कुओ ने बताया कि एपल अपने 5.4-इंच स्क्रीन वाले मिनी आईफोन को बंद कर सकती है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि कंपनी 6.1 और 6.7-इंच स्क्रीन वाले नए मॉडल लॉन्च कर सकती है।
कंपनी लाइनअप में जोड़ेगी नए स्क्रीन साइज वाले मॉडलकुओ ने रिपोर्ट में बताया कि 2022 आईफोन में लाइनअप में दो 6.1-इंच और दो 6.7-इंच के मॉडल को जोड़ा जाएगा। य��� आईफोन 12 फैमिली की तरह होंगे। जैसे आईफोन 12 और आईफोन 12 प्रो 6.1-इंच में आते हैं। वहीं, आईफोन 12 प्रो मैक्स 6.7-इंच स्क्रीन में आता है।
आईफोन 12 मिनी को लेकर कंपनी लेगी बड़ा फैसलाएपल आईफोन 12 लाइनअप में अभी 5.4-इंच स्क्रीन वाला आईफोन 12 मिनी भी शामिल है, जिसकी कीमत 63,900 रुपए है। कुओ के मुताबिक कंपनी 2022 में इसे अपग्रेड नहीं करने का फैसला ले सकती है। इससे डिसकंटीन्यू भी किया जा सकता है क्योंकि इस छोटे स्क्रीन साइज वाली फोन को उम्मीद के मुताबिक बिक्री नहीं हुई है।
2022 आईफोन में 48 मेगापिक्सल कैमरा मिलेगा
कुओ ने नोट में इस बात का भी जिक्र है कि 2022 में आने वाले आईफोन के हाई-एंड मॉडल में 48-मेगापिक्सल कैमरा सेंसर मिलेगा। नए मॉडल में 1.25-माइक्रोन पिक्सल साइज होने की भी बात कही गई है। कुओ ने मैकरूमर्स में कहा कि हमे इस बात का यकीन है कि नए 2H22 आईफोन में डायरेक्ट 48 मेगापिक्सल आउटपुट और 12 मेगापिक्सल आउटपुट का सपोर्ट मिलेगा। 12 मेगापिक्सल आउटपुट के साथ नए 2H22 आईफोन का CIS पिक्सल साइज लगभग 2.5um तक बढ़ जाता है, जो कि आईफोन 12 की तुलना में काफी बड़ा है। 2022 आईफोन मॉडल मोबाइल फोन कैमरा फोटोग्राफी को नए स्तर पर ले जाएगा। इससे 8K वीडियो रिकॉर्डिंग का फीचर भी मिल सकता है। साथ ही ये ऑग्मेंटेड रियलिटी और मिक्स्ड रियलिटी के एक्सपीरियंस को बेहतर करेगी।
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abhay121996-blog · 4 years ago
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नया लेबर कोड लागू होने पर बढ़ेगी या घटेगी आपकी सैलरी, यहां जानिए सबकुछ Divya Sandesh
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नया लेबर कोड लागू होने पर बढ़ेगी या घटेगी आपकी सैलरी, यहां जानिए सबकुछ
नई दिल्लीइस साल इन्क्रिमेंट के बावजूद आपको मई से मिलने वाली इन हैंड सैलरी (in hand salary) में ज्यादा बढ़ोतरी दिखने की गुंजाइश कम है। दरअसल अगले महीने से देश में चार नए लेबर कोड लागू हो सकते हैं। इनके मुताबिक कंपनियों को सीटीसी (कुल सैलरी) में बेसिक वेतन का हिस्सा कम से कम 50 फीसदी करना होगा। ऐसा होने पर आपकी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। हालांकि गैच्युटी की रकम और कर्मचारी तथा कंपनी दोनों का ही पीएफ अंशदान (PF contribution) बढ़ जाएगा।
एऑन के भारत में परफॉर्मेंस और रिवॉर्ड बिजनस के पार्टनर और सीईओ नितिन सेठी ने कहा कि नए लेबर कोड के तहत वेतन की नई परिभाषा प्रस्तावित की गई है। इसके चलते कंपनियों को ग्रैच्युटी, छुट्टी के बदले पैसा और पीएफ के लिए ज्यादा रकम का प्रावधान करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों के तहत वित्तीय असर के आकलन के बाद कंपनियां साल की दूसरी छमाही में अपने वेतन बजट की समीक्षा करेंगी। इस समीक्षा के चलते हाई से मिड सैलरी ग्रुप पर तो ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन जिन लोगों की सैलरी कम है उन लोगों की टेक होम सैलरी पर रिस्ट्रक्चरिंग से 25 से 30 फीसदी असर पड़ सकता है।
ग्रैच्युटी भी हो सकेगी ट्रांसफर अब नौकरी बदलने पर पीएफ की तरह ग्रैच्युटी ट्रांसफर का भा मौका मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार इस बाबत सरकार-यूनियन और इंडस्ट्री के बीच मौजूदा ग्रैच्युटी स्ट्रक्चर में बदलाव पर सहमति बन गई है। इसे सोशल सिक्योरिटी कोड से जुड़े नियमों में शामिल किया जा सकता है। इस संदर्भ में नोटिफिकेशन अगले महीने आ सकता है। ग्रैच्युटी को सीटीसी का जरूरी हिस्सा बनाने का प्रस्ताव है। ये प्रावधान सोशल सिक्योरिटी कोड के नियम में शामिल होगा। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार बैठक में ग्रैच्युटी के लिए वर्किंग डे बढ़ाने पर सहमति नहीं बन पाई। इंडस्ट्री, ग्रैच्युटी के लिए वर्किंग डे 15 दिन से 30 दिन करने के प्रस्ताव पर सहमत नहीं है।
मासिक पेंशन बढ़ाना मुश्किलइस बीच सरकार का कहना है कि एंप्लॉयी पेंशन स्कीम 1995 के तहत मिलने वाली न्यूनतम मासिक पेंशन में बढ़ोतरी अतिरिक्त बजटीय सहायता के बिना संभव नहीं है। लेबर मिनिस्टर संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने ईपीएस-1995 के मूल्यांकन और समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय निगरानी समित का गठन किया है। इस समिति ने कुछ निश्चित शर्तों के साथ मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की सिफारिश की है।
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ivxnews · 5 years ago
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गैजेट डेस्क. कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो दुनिया का सबसे बड़ा टेक इवेंट है। 2006 के बाद से इसमें एक लाख से ज्यादा विजिटर्स शामिल होते हैं। बीते साल यानी 2019 में यहां 1 लाख 75 हजार से ज्यादा विजिटर्स पहुंचे थे। इस इवेंट में भारत, चीन, यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनियाभर के विजिटर्स शामिल होते हैं। हम यहां बीते साल हुए कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो में ऑडियंस से जुड़े कुछ रोचक आंकड़े आपको बता रहे हैं।
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CES 2019 में आने वाली कुल ऑडियंस
रजिस्ट्रेशन टाइप डोमेस्टिक इंटरनेशनल कुल ऑडियंस ऑडियंस 65,728 35,055 100,783 एग्जीबिटर 44,476 23,588 68,064 मीडिया 3,778 2,587 6,365 कुल ऑडियंस 113,982 61,230 175,212
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टॉप-20 देश से कितनी ऑडियंस
नंबर देश ऑडियंस 1 यूनाइटेड स्टेट्स 113,982 2 चीन 12,839 3 साउथ कोरिया 8,403 4 जापान 7,119 5 फ्रांस 4,862 6 कनाडा 4,547 7 जर्मनी 2,824 8 ताइवान 2,547 9 यूनाइटेड किंगडम 2,378 10 मैक्सिको 1,845 11 इजराइल 991 12 हांगकांग SAR, चाइना 965 13 नीदरलैंड्स 911 14 इटली 819 15 स्वीडन 686 16 स्विट्जरलैंड 684 17 ऑस्ट्रेलिया 673 18 भारत 583 19 ब्राजील 509 20 सिंगापुर 487
इन इवेंट में सबसे ज्यादा ऑडियंस
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कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो में होने वाले इवेंट का आंकड़ा थोड़ा सा चौंकाने वाला है, क्योंकि जिस इवेंट में सबसे ज्याद भीड़ होना चाहिए वहां पर सबसे कम लोग पहुंचते हैं। प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े इवेंट को बीते साल महज 12,002 लोगों ने अटैंड किया। वहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के इवेंट में सबसे ज्यादा 29,676 लोग पहुंचे।
टॉप-20 प्रोडक्ट में ऑडियंस
प्रोडक्ट कैटेगरी अटेंडेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 29,676 स्मार्ट होम 29,509 वायरलेस डिवाइस 26,963 व्हीकल टेक्नोलॉजी 23,339 सॉफ्टवेयर और ऐप्स 22,667 कम्प्यूटर हार्डवेयर 21,361 वियरेबल्स 20,378 वर्चुअल रियलटी और ऑग्युमेंटेड रियलटी 19,839 टेलीकम्यूनिकेशन 18,534 रोबोटिक्स 18,409 क्लाउड सर्विस 16,969 सेंसर और बॉयोमीट्रिक्स 16,851 स्मार्ट सिटीज 16,101 ऑडियो/हाई-एंड/हाई परफॉर्मेंस 15,764 3डी प्रिंटिंग 14,144 डिजिटल हेल्थ 14,029 गेमिंग 13,977 वीडियो 13,925 ड्रोन 13,727 साइबर सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी 12,002
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How much crowd was gathered in CES 2019 Las Vegas event
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ivxnews · 5 years ago
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गैजेट डेस्क. एपल ने हाल ही अपना सिक्योरिटी बाउंटी प्रोग्राम सभी सिक्योरिटी रिसर्चर्स के लिए ओपन किया है। इस प्रोग्राम में एपल अपने ऑपरेटिंग सिस्टम्स में बग्स ढूंढने के लिए एक मिलियन डॉलर व उससे अधिक के रिवॉर्ड्स दे रही है। 2016 में शुरू हुए इस प्रोग्राम में इससे पहले केवल इंविटेशन से ही पार्टिसिपेट किया जा सकता था। इस प्रोग्राम में रिसर्चर्स को समस्या के डिटेल्ड डिस्क्रिप्शन के साथ पर्याप्त डिटेल देनी होगी ताकि एपल उसे रिप्रोड्यूस कर सके।
विभिन्न कैटेगरीज वाले इस प्रोग्राम में टॉप पेआउट्स केवल हाई क्वालिटी रिपोर्ट्स और उन मुद्दों को दिए जाएंगे जो एपल के अधिकांश प्लेटफॉर्म्स को प्रभावित करते हों। अगर आप किसी बीटा वर्जन में कोई बग ढूंढते हैं तो आपको तय रिवॉर्ड के अतिरिक्त 50 प्रतिशत बोनस भी प्राप्त होगा। इसमें शामिल कुछ पेआउट्स इस प्रकार हैं - डिवाइस की लॉक स्क्रीन को बायपास करने पर पच्चीस हजार से एक लाख डॉलर, अनाधिकृत आईक्लाउड एक्सेस पर पच्चीस हजार से एक लाख डॉलर और किसी लॉक्ड डिवाइस से ��ेंसिटिव डेटा निकालने पर एक लाख से ढाई लाख डॉलर।
केवल यही नहीं, अगर आप ऐसे अटैक्स करने में सफल हो जाते हैं जो किसी डिवाइस को यूजर के कोई एक्शन लिए बगैर ही टेक ओवर कर लें तो आप दस लाख डॉलर तक जीत सकते हैं। साथ ही कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वह बाउंटी पेमेंट्स के बराबर रकम चैरिटीज को देगी और सफल रिसर्चर्स को सार्वजनिक रूप से रिकगनाइज करेगी।
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Bugs finder in Apple's OS will get rewards up to million dollars
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