#नारियल पानी पीने के नुकसान
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*🌞~ आज दिनांक - 21 अक्टूबर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग शुद्ध गणना के साथ ~🌞*
*🙏Akshay Jamdagni ✍️*
*📲9837376839*🌹
*⛅दिनांक - 21 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षि��ायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 02:29 अक्टूबर 22 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी प्रातः 06:50 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग - वरीयान् प्रातः 11:11 तक, तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:05 से प्रातः 09:32 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:39*
*⛅सूर्यास्त - 06:09*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:47 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 अक्टूबर 21 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 22 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:39 से प्रातः 05:51 अक्टूबर 22 तक)*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹नेत्रज्योति घटने व असमय चश्मा लगने के कारण*
*🔸बहुत ज्यादा व कम रोशनी में पढ़ने से, टी.वी., मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर आदि के ज्यादा उपयोग से, रात्रि-जागरण, सुबह देर तक सोने से व दिन में सोने से, रात में स्नान करने से, धूल-धुएँ के आँखों में लगने से, नंगे सिर तेज धूप में बैठने या घूमने से, सूर्य को देखने से, नंगे पैर घूमने से, अंकुरित अनाज, दही, चाय-कॉफी, विरुद्ध आहार, फास्ट फूड आदि बाजारू चीजों तथा अधिक नमक, मसाले, खटाई वाले और तले हुए पदार्थों के सेवन से, रात को देरी से भोजन करने से तथा बिना प्यास के भी अधिक मात्रा में पानी पीने से आँखों की रोशनी कम होती है तथा असमय चश्मा लगाना पड़ता है ।*
*🔸आँखों को नुकसान पहुँचानेवाले उपरोक्त कारणों से बचें तथा नीचे दिये गये उपायों का अवलम्बन लें तो आपकी नेत्रज्योति सुरक्षित रहेगी और कम है तो बढ़ेगी ।*
*🔹नेत्रज्योति की सुरक्षा व वृद्धि के लिए🔹*
*🔸 सूर्योदय के समय हरी घास पर नंगे पैर चलें ।*
*🔸 हररोज प्रातः-सायं एक-एक मिनट तक पलकों को तेजी से खोलने तथा बंद करने का अभ्यास करें ।*
*🔸 नेत्रों की पलकों पर हाथ की उँगलियों को नाक से कान की दिशा में ले जाते हुए हलकी हलकी मालिश करें । पलकों से उँगलियाँ हटाते ही पलकें खोल दें और फिर पलकों पर उँगलियाँ लाते समय पलकों को बंद कर दें । यह प्रक्रिया आँखों की नस-नाड़ियों का तनाव दूर करने में सक्षम है ।*
*🔸पढ़ते समय रोशनी ठीक हो । आँखों और किताब के बीच कम-से-कम १२ इंच दूरी रखनी चाहिए ।*
*🔸 कम्प्यूटर, लेपटॉप आदि के उपयोग के दौरान हर २० मिनट में आँखों को विश्राम अवश्य दें । १-२ मिनट के लिए स्क्रीन से आँखें हटा दें । सम्भव हो तो आकाश की ओर या हरी घास, पेड़-पौधों आदि को निहारें ।*
*🔸 भोजन के बाद हथेलियों को रगड़कर कुछ सेकंड तक आँखों पर रखें ।*
*🔸 दिन में आधा गिलास पानी में आधा चम्मच (२ से ३ ग्राम) त्रिफला चूर्ण भिगोकर रखें । ४-५ घंटे बाद ३-४ परत किये हुए सूती कपड़े से छान लें । उस पानी को एक छोटे कप (Eye wash cup ) में लेकर आँख को उसमें १-२ मिनट तक मिचकायें, ऐसे ही दूसरी आँख से करें ।*
*🔸 आँवला-भृंगराज, नारियल, तिल आदि में से किसी तेल से सिर की मालिश करें । नाक में देशी गाय के घी की २-२ बूँद डालें ।*
*🔸रात को पैर के तलवों की घी से मालिश करना लाभदायी है । रात्रि को सोते समय शयनकक्ष में बिल्कुल अंधेरा हो ।*
*🔹आँखों के लिए लाभदायी आहार🔹*
*🔸गाय का दूध, घी, शुद्ध शहद, आँवला, मीठे अंगूर, केला, संतरा, पालक, गाजर, बथुआ, बादाम, जौ, मूँग, ककोड़ा, धनिया, सौंफ, पुनर्नवा, शतावरी, त्रिफला, गोमूत्र आदि ।*
*🔹नेत्रज्योति बढ़ाने व चश्मा छुड़ानेवाले औषधीय प्रयोग*
*🔸 नेत्रज्योतिवर्धक, दृष्टिप्रद त्रिफला रसायन का विधिवत् प्रयोग करें । १-१ बूँद संतकृपा नेत्रबिंदु आँखों में डालें । सर्दियों में सुबह खाली पेट आधा से १ चम्मच मामरा बादाम के मिश्रण का सेवन करें, बाद में २ घंटे तक कुछ न खायें ।*
*🔸 २-३ माह तक प्रातः खाली पेट गाय के दूध से बने आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पिसी हुई मिश्री व १ काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटें । इसके बाद कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़े खूब चबा-चबाकर खायें, ऊपर से थोड़ी सौंफ चबा के खा लें । बाद में दो घंटे तक कुछ न खायें । यह आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही शरीर को पुष्ट और सुडौल बनानेवाला एक अनुभूत उत्तम प्रयोग है ।*
*🙏Akshay Jamdagni ✍️*
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Wellhealthorganic.com Skin Care Tips in Hindi: आपकी त्वचा को चमकदार और स्वस्थ कैसे बनाएं
Introduction
Maintaining healthy and glowing skin requires dedication and the right skincare practices. With the growing interest in organic and natural solutions, many people are turning to simple, effective methods to achieve beautiful skin. One such platform, It has emerged as a go-to source for organic skincare tips, especially for Hindi-speaking audiences. In this blog, we’ll explore some essential Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi that you can follow daily to enhance your skin’s health and radiance.
1. त्वचा को साफ रखें (Keep Your Skin Clean)
हर दिन त्वचा की सफाई करना बेहद जरूरी है। खासकर जब आप दिन भर बाहर रहते हैं, तो धूल-मिट्टी और प्रदूषण आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए एक हल्का और प्राकृतिक फेसवॉश का उपयोग करें। कच्चे दूध का भी इस्तेमाल एक बेहतरीन क्लींजर के रूप में किया जा सकता है। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi यह आपकी त्वचा को गहराई से साफ करता है और नमी बनाए रखता है।
टिप: रात को सोने से पहले मेकअप हटाना न भूलें और चेहरा साफ करें।
2. हाइड्रेशन का ध्यान रखें (Keep Your Skin Hydrated)
हाइड्रेशन न केवल आपके शरीर के लिए ��ल्कि आपकी त्वचा के लिए भी महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा चमकदार बनी रहती है।
टिप: आप चाहें तो गुलाबजल का उपयोग भी कर सकते हैं। यह त्वचा को ताजगी और नमी देता है।
3. प्राकृतिक फेस मास्क का इस्तेमाल करें (Use Natural Face Masks)
रसायनों से भरपूर फेस मास्क की जगह प्राकृतिक तत्वों से बने फेस मास्क का उपयोग करना बेहतर होता है। आप घर पर ही कई प्रकार के फेस मास्क बना सकते हैं:
हल्दी और बेसन का मास्क: एक चुटकी हल्दी, एक चम्मच बेसन और थोड़ा सा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें। यह त्वचा को चमकदार बनाता है।
मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक: मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल मिलाकर लगाने से त्वचा की अशुद्धियाँ दूर होती हैं और त्वचा में निखार आता है।
4. सनस्क्रीन का उपयोग करें (Use Sunscreen)
सूरज की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सनस्क्रीन का उपयोग हर दिन करना बहुत जरूरी है, चाहे आप घर के अंदर हों या बाहर। यह आपकी त्वचा को यूवी किरणों से बचाने के साथ-साथ टैनिंग और समय से पहले बुढ़ापा आने से भी बचाता है।
टिप: बाहर जाने से कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं।
5. आहार में सुधार करें (Improve Your Diet)
स्वस्थ त्वचा के लिए आपका आहार भी महत्वपूर्ण होता है। अपनी डाइट में फलों और सब्जियों का समावेश करें। विटामिन सी और ए से भरपूर खाद्य पदार्थ त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, अखरोट और मछली आपकी त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं।
टिप: विटामिन ई से भरपूर भोजन जैसे हरी सब्जियां और बादाम आपकी त्वचा को भीतर से पोषण देते हैं।
6. नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करें (Moisturize Regularly)
त्वचा को नमी की हमेशा जरूरत होती है। खासकर सर्दियों के मौसम में त्वचा ज्यादा रूखी हो जाती है। इसके लिए हल्के और प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें। एलोवेरा जेल या नारियल तेल का इस्तेमाल करके भी आप अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज कर सकते हैं।
टिप: नहाने के तुरंत बाद त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना सबसे प्रभावी होता है।
7. नियमित व्यायाम करें (Exercise Regularly)
नियमित व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे आपकी त्वचा को जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलता है। यह आपकी त्वचा को ग्लोइंग और युवा बनाए रखने में मदद करता है। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi योग और ध्यान भी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि यह तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
टिप: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें।
8. पर्याप्त नींद लें (Get Enough Sleep)
नींद की कमी आपकी त्वचा पर तुरंत असर डालती है। आंखों के नीचे काले घेरे और थकी हुई त्वचा का एक मुख्य कारण पर्याप्त नींद न लेना है। एक स्वस्थ त्वचा के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
टिप: सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से नींद बेहतर आती है।
9. तनाव से बचें (Manage Stress)
तनाव आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह एक्ने और अन्य त्वचा समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें। सही समय पर आराम करना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
Conclusion
त्वचा की देखभाल एक समर्पण की प्रक्रिया है, जिसमें सही आहार, स्किनकेयर रूटीन, और प्राकृतिक उत्पादों का समावेश होना चाहिए। Wellhealthorganic.com skin care tips in Hindi पर उपलब्ध हिंदी में स्किन केयर टिप्स को अपनाकर आप भी अपनी त्वचा को प्राकृतिक निखार और स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं। चाहे आप सरल घरेलू उपचार अपना रहे हों या प्राकृतिक स्किनकेयर उत्पादों का उपयोग कर रहे हों, लगातार देखभाल से ही आपको लंबे समय तक स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलेगी।
सभी उपर्युक्त टिप्स को अपने डेली रूटीन में शामिल करें और अपने त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखरता देखें।
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"गर्मी में लिवर की देखभाल: डिहाइड्रेशन से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली के उपाय"
गर्मी के मौसम में लिवर से जुड़ी समस्याओं का बढ़ना एक सामान्य बात है। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो 500 से अधिक कार्य करता है। गर्मी में बढ़ते तापमान और बदलते खान-पान के कारण लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और लिवर फिट (best liver supplements) नहीं रह पाता।
पिछले लेख (5 liver problems during summer) में हमने गर्मी में लिवर सम्बन्धी समस्याओं के बढ़ने के कारणों पर विस्तृत चर्चा की थी। आइये इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मी में लिवर सम्बन्धी समस्याओं की रोकथाम कैसे की जा सकती है और अपने लिवर और शरीर को कैसे फिट रखा जा सकता है।
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
डिहाइड्रेशन के कारण लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में कठिनाई होती है।
समाधान
1. पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। उदाहरण के लिए, हर घंटे एक गिलास पानी पीने की आदत डालें। पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बना रहता है, जिससे लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है।
2. फलों का रस और नारियल पानी: ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, सुबह के नाश्ते में एक गिलास नारियल पानी पी सकते हैं। फलों का रस और नारियल पानी में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
3. इलेक्ट्रोलाइट्स: इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें। जैसे कि ओआरएस (ORS) या स्पोर्ट्स ड्रिंक्स। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में नमक और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
अस्वास्थ्यकर खान-पान (Unhealthy Food)
ये खाद्य पदार्थ उच्च मात्रा में वसा और शर्करा से भरपूर होते हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे खान-पान से बचना चाहिए और संतुलित और प्रोटीन युक्त आहार खाना चाहिए।
समाधान
1. ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें: ये खाद्य पदार्थ विटामिन, खनिज, और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, अपने भोजन में सलाद और फल शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ लिवर को विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं और लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही मल्टीविटामिन टेबलेट्स (Multivitamins Tablets) भी प्रयोग कर सकते हैं।
2. प्रोटीन का स्रोत (मछली, चिकन और दालें आदि) खाएं: प्रोटीन लिवर के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, दोपहर के भोजन में दाल और सब्जी का सेवन करें। प्रोटीन युक्त आहार लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है। शरीर की डेली प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए डेली प्रोटीन पाउडर (Daily Protein Powder) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
3. फास्ट फूड से बचें: उदाहरण के लिए, बर्गर और पिज्जा की जगह घर का बना खाना खाएं। फास्ट फूड से बचने से लिवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
अल्कोहल का सेवन
अल्कोहल के सेवन से लिवर की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है और उसकी कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। इसके अलावा, अल्कोहल के सेवन से लिवर में सूजन और संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
समाधान
1. अल्कोहल का सेवन कम करें: अल्कोहल लिवर के लिए विषाक्त होता है और इसके अधिक सेवन से लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जितना कम हो सके, अल्कोहल का सेवन उतना करिये। इससे लिवर को खुद को डिटॉक्स (Liver Detox) करने का समय मिलता है और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
2. अल्कोहल के बजाय ताजे फलों का रस या हर्बल चाय पिएं: ये पेय पदार्थ लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।
संक्रमण और विषाणु
गर्मी में संक्रमण और विषाणु का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में तापमान बढ़ने के कारण खाने-पीने की चीजों में बैक्टीरिया और विषाणु तेजी से बढ़ते हैं। दूषित पानी या भोजन के सेवन से हेपेटाइटिस ए और ई जैसे लिवर संक्रमण हो सकते हैं।
समाधान
1. हाथों को नियमित रूप से धोएं और स्वच्छता का ध्यान रखें: यह लिवर को संक्रमण और विषाणुओं से बचाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। स्वच्छता का पालन करने से लिवर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पौष्टिक आहार लें: यह लिवर को संक्रमण और विषाणुओं से लड़ने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, विटामिन सी युक्त फल जैसे संतरा और नींबू खाएं। पौष्टिक आहार लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और लिवर की कार्यक्षमता को बनाए रखता है।
तनाव और थकान
गर्मी में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे तनाव और थकान बढ़ जाती है। थकान के कारण लिवर को आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
समाधान
नियमित योग और ध्यान करें: यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, सुबह के समय 15-20 मिनट योग करें। योग और ध्यान से तनाव कम होता है और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
पर्याप्त नींद (रोजाना 7-8 घंटे) नींद लें: यह लिवर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, रात 10 बजे सोने की आदत डालें। पर्याप्त नींद से लिवर की कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
नियमित व्यायाम करें: यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, शाम को 30 मिनट की सैर करें। व्यायाम से लिवर की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनी रहती है।
निष्कर्ष
गर्मी के मौसम में लिवर की समस्याओं से बचने के लिए हमें अपने खान-पान, पानी की मात्रा, स्वच्छता, और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और नियमित व्यायाम से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग और ध्यान से तनाव कम होता है और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
ध्यान दें कि यह जानकारी केवल सामान्य दर्शनीय उद्देश्यों के लिए है, अगर आपकी लिवर की समस्या गंभीर है और सुधार नहीं हो रहा है, तो किसी चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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Here are 30 hair care tips in Hindi बालों की देखभाल के लिए 30 टिप्स हिंदी में
अपने बालों की पूरी क्षमता को खोलने का राज़ खोजें! हमारे नवाचारी बालों की ग्रोथ समाधानों के साथ एक स्वस्थ बालों की ओर एक सफ़र पर शामिल हों। हमारे विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए उपचार और तकनीकों का उपयोग करें, जो आपके स्कैल्प को पोषण प्रदान करते हैं, बाल के बालबद्ध को उत्तेजित करते हैं और मजबूत बालों की ग्रोथ को प्रोत्साहित करते हैं। बेहद सुस्त बालों को अलविदा कहें ! Explore our innovative solutions #HairCare #HealthyHair #HairGrowth #MedicoSutra
एलोवेरा बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देता है और स्कैल्प को शांति प्रदान करता है।
नारियल का तेल बालों को गहरी पोषण प्रदान करता है और बालों को मजबूती देता है।
नियमित छोटा करवाने से स्प्लिट एंड्स को रोका जा सकता है और बाल स्वस्थ रह सकते हैं।
एवोकाडो विटामिनों से भरपूर होता है जो बालों को मॉइस्चराइज़ कर��े हैं और चमक डालते हैं।
जैतून के तेल से स्कैल्प की मालिश करने से रक्त संचरण में सुधार हो सकता है।
अंडे मजबूत, स्वस्थ बालों के लिए प्रोटीन और पोषण प्रदान करते हैं।
फ्रिक्शन और बाल टूटने को कम करने के लिए सिल्क पिलोकेस का उपयोग करें।
गुड़हल बालों के जड़ों को मजबूत करता है और बालों के समय से पहले सफेद होने से रोकता है।
गरम शॉवर से प्राकृतिक तेलों को हटा सकते हैं, इससे बचें।
मेथी के बीज रूसी को ठीक करने और बालों को मजबूत करने में मदद करते हैं।
सेब के सिरका से बालों को धोने से चमक और चिकनाहट बढ़ सकती है।
अपने आहार में अलसी शामिल करें, यह स्वस्थ बालों की वृद्धि में मदद कर सकता है।
बालों के टूटने और स्कैल्प की तनाव को रोकने के लिए टाइट हेयरस्टाइल से बचें।
एलोवेरा जेल को नेचुरल हेयर कंडीशनर के रूप में इस्तेमाल करें, यह बालों को चिकनाएगा।
चावल का पानी से धोने से चमक और बालों की लचीलाई में सुधार हो सकता है।
बालों को उलझाव और टूटने से बचाने के लिए वाइड-टूथ कॉम का इस्तेमाल करें।
बालों की ग्रोथ को स्टिम्युलेट करने और बालों की गिरने को कम करने के लिए कास्टर तेल लगाएं।
मजबूती और मरम्मत के लिए प्रोटीन-आधारित हेयर मास्क का इस्तेमाल करें।
हीट प्रोटेक्टेंट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके बालों को गर्मी से होने वाले नुकसान से बचाएं।
प्याज के रस का इस्तेमाल करके रक्त संचरण में सुधार करें और बालों की ग्रोथ को बढ़ावा दें।
बालों की मॉइस्चर बनाए रखने और सूखापन से बचने के लिए पानी पीने का ध्यान रखें।
हरा चाय से बालों को स्टिम्युलेट करने और झड़ने को कम करने के लिए इस्तेमाल करें।
योगर्ट को स्कैल्प पर लगाएं, इसकी मॉइस्चराइज़िंग और एंटी-फंगल गुणवत्ता के लिए।
बालों के टूटने और नुकसान से बचने के लिए अधिक ब्रशिंग से बचें।
गहरे कंडीशनिंग के लिए एलोवेरा और शहद का हेयर मास्क इस्तेमाल करें।
बालों को उलझन से बचाने के लिए सिल्क या सैटिन पिलोकेस पर सोएं।
ट्रैक्शन एलोपेशिया से बचने के लिए टाइट हेयरस्टाइल से बचें।
हेयर कलरिंग और कंडीशनिंग के लिए प्राकृतिक मेहंदी का इस्तेमाल करें।
बालों की ग्रोथ को स्टिम्युलेट करने के लिए रोज़मेरी तेल से बालों की मालिश करें।
नरम उलझाव के लिए लकड़ी का वाइड-टूथ कॉम इस्तेमाल करें।
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नारियल पानी पीने के फायदे और नुकसान।
नमस्कार दोस्तो।"best healdy life" में आपका स्वागत है।हम इस आर्टिकल में "नारियल पानी पीने के फायदों और नुकसान " के बारे में जानेंगे।नारियल के पानी को "coconut water" के नाम से जाना जाता है।एक नारियल के अंदर 200 मिली लीटर पानी होता है।यह स्वाद में हल्का मीठा और ताजंगी से भरपूर होता है। नारियल का वृक्ष _पाम प्रजाति का होता है।जिनके पेड़ बहुत लंबे होते है।नारियल के पेड़ का वानस्पतिक नाम फोकस न्यूसीफेरा होता है।भारत में अलग अलग जगह जैसे केरल,पश्चिम बंगाल,महाराष्ट्र,मुंबई,गोवा,आदि जगहों पर नारियल की खेती सबसे अधिक की जाती है।नारियल का सबसे अधिक उपयोग पूजा करने में किया जाता है।नारियल का पानी सबसे ज्यादा पीने के लिए उपयोग किया जाता है।नारियल पानी में पोषण के रूप में कार्बोहाइड्रेड,जिंक,पोटेशियम,फास्फोरस,मैग्नीशियम,विटामिन c, साथ ही विटामिन b _1, विटामिन,b_2,विटामिन b_3, विटामिन b_5,विटामिन b_6,विटामिन b_9,आयरन,कैल्सियम,फोलेट,शुगर, डायटरी फाइबर,सैचिरेटेड फैट,मोनोसैचुरेटेड,पॉलीअनसेचुरेट,प्रोटीन,थायमिन,एंटीऑक्सीडेंट,अमीनो एसिड, एंजाइम्स, बी _कॉम्प्लेक्स,आदि पाया जाता है।जिस तरह नारियल खाने में हेल्दी होता है।उसी तरह नारियल का पानी हमारे हेल्थ के लिए बहुत ही फायदे मंद होता है।तो आइए जानते है।नारियल पानी पीने के फायदे के बारे में।read more
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क्या आप आप जानते हैं खाली पेट नारियल पानी पीने से कितने सारे फायदे हैं, जानें यहां…
क्या आप आप जानते हैं खाली पेट नारियल पानी पीने से कितने सारे फायदे हैं, जानें यहां…
नारियल पानी (Coconut Water) स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन अगर कोई सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करता है, तो इससे दिनभर शरीर में एनर्जी (Energy) बनी रहती है। नारियल पानी विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।नारियल पानी में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए इसका सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से काफी…
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#Lifestyle#Lifestyle news#नारियल पानी कब पीन��� चाहिए#नारियल पानी कितना पीना चाहिए#नारियल पानी के फायदे फोर स्किन#नारियल पानी के फायदे बालों के लिए#नारियल पानी पीने के नुकसान#पथरी में नारियल#पीरियड में नारियल पानी के फायदे#बुखार में नारियल पानी के फायदे
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Coconut water: नारियल पानी हर किसी के लिए नहीं, ये हैं इसके स्वास्थ्य जोखिम
Coconut water: नारियल पानी हर किसी के लिए नहीं, ये हैं इसके स्वास्थ्य जोखिम
Coconut water: नारियल पानी किसे पसंद नहीं होता? इसका स्वाद इतना स्वादिष्ट होता है कि हर कोई इसे पीना चाहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नारियल पानी पीने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। इसका सेवन सेहत के लिए जितना फायदेमंद है उतना ही हानिकारक भी साबित हो सकता है। यहां जानिए नारियल पानी पीने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में। यहां जानिए नारियल पानी के नुकसान (नारियल पानी के साइड इफेक्ट) वैसे तो…
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Nariyal Pani Ke Nuksan side effects of drinking too much coconut water right time and quantity to drink
Nariyal Pani Ke Nuksan side effects of drinking too much coconut water right time and quantity to drink
हिंदी न्यूज़ फोटो जीवन शैलीफायदा ही नहीं नुकसान भी पहुंचा सकता है नारियल पानी,जानें पीने का सही समय और मात्रा Thu, 02 Dec 2021 06:41 PM 1/8आपने आज तक सेहत के लिए नारियल पानी पीने के फायदे तो बहुत सुने होंगे पर क्या आप इसे पीने से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानते हैं। जी हां गलत समय और मात्रा में नारियल पानी पीने से फायदे की जगह व्यक्ति को इसके नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं…
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नहाये के बाल, खाये के गाल और
विवाह के बाद की चाल-ढाल कभी छुप नहीं सकते अर्थात स्त्री बाल नहाने के बाद ही पता लगते हैं कि कितने लम्बे, घने,काले हैं। इसी प्रकार समय पर खाने-पीने वाले के गाल अलग दिखते हैं। शादी के बाद यदि स्त्री को पर्याप्त संतुष्टि का अहसास होता है, तो उसकी चाल में लचक आ जाती है।
रोगरहित स्वस्थ्य जीवन के साथ ही खूबसूरत दिखने के लिए बालों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। महिलाओं के बल खाते बाल से ही उनमें आकर्षण बना रहता है।
इंदुलेखा तेल में मात्र 11 जड़ीबूटियों जैसे- भृंगराज, मीठा नीम, इंद्रायव, नीम, आंवला, एलोवेरा, ब्राह्मी, अंगूर, बादाम तेल, मुलेठी, कपूर के अलावा दूध और नारियल तेल का मिश्रण है। इसमें एलोवेरा इतना कारगर नहीं है। कच्चा गूदा ही लाभदायक रहता है।
इंदुलेखा तेल में बालों के लिए महत्वपूर्ण त्रिफला, शिकाकाई, विभितकी, तुरई बीज, बालछड़, शंखपुष्पी, मेहंदी, गुड़हल, हरश्रृंगार, आदि आवश्यक घटकों को नहीं मिलाया गया है।
आजकल नारियल से अधिक लाभकारी पुराना नारियल गोला कारगर है, जो औषधियुक्त तेल में पकाने से बालों का तेल चमत्कारी रूप से फायदेमंद हो जाता है।
बालछड़ केशनाशक द्रव्य है। यह तनाव दूर कर मानसिक शांति प्रदान कर नींद अच्छी, ग���री लाता है।
विभितकी बालों की सेहत के लिए जरूरी है। ये गंजापन एवं सिर की गर्मी दूर करने में बहुत उपयोगी होता है।
अगर आपको बालों का झड़ना, टूटना बन्द कर निये बाल उगाना हो तो एक बार कुन्तल केयर हेयर ऑयल लगाएं, जो बेहतरीन केशवर्धक आयुर्वेदिक औषधि है।
इसमें मिला लोंकी बीज, जपाकुसुम, तुरई बीज तेजी से बालों की लंबाई बढ़ाने में कारगर हैं।
भावप्रकाश, द्रव्यगुण विज्ञान, भेषजयरत्नावली एवं ए.एफ.आई.आदि ये आयुर्वेद की पुरानी विश्वसनीय पुस्तकें हैं। जिनमें केश रोगों से मुक्ति के लिए निम्नलिखित जड़ीबूटियों, द्रव्य-घटकों का उल्लेख है।
विभितकी यानि बहेड़ा, सरसों, भृंगराज, त्रिफला, मेहंदी, मेथी, कलौंजी, अदरक, बालछड़, नागरमोथा, बादाम, लहसुन, प्याज, नीम, लेमन, नीलगिरी तेल, एरण्ड तेल,जैतून, नारियल तेल, खोपरा, शिवप्रिय, हरश्रृंगार, रोहिष घांस, तिल तेल आदि ओशहद्दियाँ बालों की लगभग 219 बीमारियों को जड़मूल से मिटाने उपयोगी हैं। इंदुलेखा तेल में इनमें कुछ ही ली गई हैं।
कुन्तल केयर हेयर ऑयल में उपरोक्त सभी दवाओं का विशेष विधि से मिश्रण किया गया है।
पित्त की वृद्धि भी किशोरावस्था में कमजोर बाल, यौवन काल खत्म कर देते हैं। अतः पित्त को सन्तुलित करने के लिए कुन्तल केयर में त्रिफला, गूडल, बहेड़ा मिलाया है।
त्रिफला कमजोर जड़ों तथा डैमेज्ड बालों की फिर से मरम्मत करता है।

अनेक केश विकारों में उपयोगी -
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल
Kuntal care Herbal hair oil
अदभुत केशनाशक हर्बल ओषधि।
यह बन्द रोमछिद्रों को खोलकर जड़ों से नये बाल उगाने में सहायक है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल मस्तिष्क को शक्ति व शीतलता प्रदान कर बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है। यह बालों की त्वचा यानी स्कैल्प पर अच्छी तरह से समाहित या एब्जॉर्ब हो जाता है और गहराई तक जाकर बालों को पोषण देता है।
कुन्तल केयर तेल से बालों में अच्छी चमक भी आती है, क्योंकि इसमें कोई रसायनिक या केमिकल नहीं है। अनेकों अ���रकारक जड़ीबूटियों से निर्मित यह आयुर्वेदिक तेल के नियमित उपयोग से एक माह में आधा से 1 इंच लम्बाई बढ़ती है। जूं, लीक, दोमुंहे बाल, खुजली, खोंची, रूखापन आदि अनेक केशरोगों से मुक्ति मिलती है।
बाल क्यों होते हैं कमज़ोर?
कम उम्र में अधिक तनाव
काम की अधिकता
जिम्मेदारियों का बोझ
चिड़चिड़ापन
क्रोधी स���वभाव
बढ़ती उम्र के कारण
वात, पित्त, कफ का विषम होना
त्रिकाल त्रिदोष की अधिकता
अनियमित मासिक धर्म
ज्यादा माहवारी आना
सफेद पानी की समस्या तथा
काल के भाल से कलिकाल (कम उम्र) में ही बाल, अकाल ग्रस्त होकर, बाल की खाल कमजोर, चिकनी हो जाती है।
दुष्परिणाम:
तत्काल लाभ के फेर में बालों का घेर ढेर हो जाता है। अधिक केमिकल युक्त,
सिंथेटिक खुशबूदार तेल, साबुन, शेम्पो का उपयोग
लगातार लापरवाही से बाल तेज़ी से टूटते, झड़ने लगते हैं ।
प्रदूषण,प्रदूषित जल,
खारे,बोरिंग के पानी से
केश पतन,
रूसी, खोंची, खुजली,
केशों का दोमुहें होना,
असमय सफेदी,
रूखापन,
कड़ापन,
गंजापन,
कान्ति हीनता,
सिरदर्द, नजर की कमजोरी
अनेक केश विकार उत्पन्न होकर कम उम्र में ही सारी खूबसूरती मिटा देते हैं ।
पुरानी कहानी:
भारतीय संस्कृति में
प्राचीन परम्परा है कि महिलाओं को “मासिक धर्म”
के प्रथम दिवस केश धोवन नहीं करना चाहिए।
मान्यता है कि पहले दिन बाल धोने से अवसाद (डिप्रैशन), अधिक रक्तस्राव और कमजोरी के साथ-साथ किसी भी अन्य स्त्रीरोग से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
क्रोधी स्वभाव, चिड़चिड़ापन की वृद्धि हो सकती है। बाल भी तेजी से टूटने व झड़ने लगते हैं ।
अपने बाल को खुले रखने से भी बालों पर दुष्प्रभाव पड़ता है, इससे बालों की जड़े कमजोर होने लगती है।मान्यता यह भी है कि केश काटन (बाल कटवाने) मानसिक अशांति, तनाव बना रहता है ।
लापरवाही न करे:
अक्सर बाल धोवन के पश्चात तथा कंघी या सिर झाड़ते समय टूटे हुए बालों का गुच्छा बनाकर लड़कियां इधर-उधर फैंक देती है, यह अशुभ है।
अमृतम आयुर्वेद शास्त्रों का मत है कि ऐसा करने से आपसी मतभेद उत्पन्न होते हैं। परिवार में बात-बात पर विवाद-झगड़ा, कलह-कलेश भी बढ़ता है।
वैज्ञानिक एवं शास्त्र मतानुसार
मासिक धर्म के समय ठंड से बचना चाहिए। इससे महिलाओं के यूट्रस को नुकसान हो सकता है। गर्भधारण में बाधा होती है।
रोगरहित स्वस्थ्य जीवन के लिए अमृतम आयुर्वेद दवाओं का सेवन अत्यन्त लाभकारी है ।
उपयोग का तरीका—::
बाल धोने से एक दिन पहले अच्छी तरह बालों की जड़ों में हल्के हाथों से लगाकर दूसरे या तीसरे अमृतम भृङ्गराज हेयर थेरेपी से बाल धोएं। सप्ताह में 2 या 3 बार क��न्तल केयर हेयर ऑयल लगाना बहुत जरूरी है ।
सावधानी:
◆ गीले बालों में तेल न लगाए।
◆ बालों को अच्छी तरह सुखाकर कंघी करें।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल के बारे मे जानें विशेष ज़रूरी बातें…
यह वीडियो देखें
कुन्तल केयर तेल एक हर्बल है। यह सम्पूर्ण केशप्रणाली को दुरुस्त करने में कुछ वक्त ले सकता है। अगर शुरू में कुछ कमजोर बाल टूटे या झड़े, तो घबराएं नहीं। यह 100 फीसदी आयुर्वेदक होने से कोई नुकसान या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता। बल्कि कुन्तल केयर के साइड बेनिफिट असँख्य हैं।
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🚩सॉफ्टड्रिंक पीते हैं तो सावधान, सबसे बड़े खिलाड़ी ने दिए खतरे के संकेत!-25 जून 2021
🚩पुर्तगाल के स्टार फुटबॉलर व कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो का एक विडियो सोशल मिडिया में खूब बवाल मचा रहा है। एक प्रेस कांफ्रेंस में रोनाल्डो ने कांफ्रेंस टेबल पर रखी हुई दो कोक की बोतलों को अपने सामने से हटा दिया और कहा- 'कोक नहीं, पानी पियो।'
🚩उनके ऐसा करने से कंपनी को करीब 4 बिलियन डॉलर यानि 293 अरब रुपये का नुकसान हो गया। वैसे, नुकसान से याद आया कि कोल्ड ड्रिंक के पीने के बाद क्या होता है- आप जानते हैं?
नहीं ?? तो फिर ये देख लीजिए –
🚩कोल्ड ड्रिंक पीने के महज़ 10 मिनट बाद आपके शरीर में 10 चम्मच शुगर चली जाती है। 20 मिन��� बाद शरीर में इंसुलिन का फ्लो बढ़ने लगता है जिसे कंट्रोल करने के लिए आपका लिवर एक्स्ट्रा शुगर को फैट में बदल देता है।
40 मिनट में साफ्ट ड्रिंक में मौजूद कैफिन आपके शरीर में घुलने लगता है, ब्लड़ प्रेशर बढ़ने लगता है, 45 मिनट बाद शरीर में डोपामाईन केमिकल बढ़ जाता है।
ये केमिकल ड्रग्स की तरह दिमाग पर असर करता है और 60 मिनट बाद सॉफ्ट ड्रिंक में मौजूद फॉस्फोरिक एसिड अपना असर दिखाता है, शरीर में पानी की कमी होने लगती है।
🚩रुकिए...!! और सुनिए... हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की स्टडी से पता चला है- 'सॉफ्ट ड्रिंक से फैट तो बढ़ता ही है साथ ही ये आपके लिए जानी दुश्मन होती है।'
🚩सॉफ्ट ड्रिंक पीने से हर साल दुनिया में दो लाख से ज्यादा लोगों की मौ�� होती है।
लोग डायबिटीज के शिकार भी होते हैं। लगभग 6 हज़ार लोग कैंसर का शिकार होते हैं और लगभग 44 हज़ार लोग दिल की बीमारियों का शिकार होकर मर जाते हैं।
🚩हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक कोल्ड ड्रिंक (पेप्सी, कोकाकोला) या डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पीने से न सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है बल्कि इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने लगती है। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे डायबिटीज और हृदयरोगों (हार्टअटैक) की चपेट में आने लगता है।
🚩ये तो आप समझ ही गए होंगे कि सॉफ्ट ड्रिंक पीने से आपकी बॉडी पर क्या असर पड़ता है तो उसकी जगह नारियल पानी, ताजे फलों का जूस, गुलाब शरबत, नींबू शरबत, पलाश शरबत पियें और पिलाइये जिससे आप और मेहमान भी स्वस्थ रहें और आपका पैसा भी कम खर्च होगा तथा पैसा विदेश में न जाकर देश में ही रहेगा।
🚩भारतवासियों ! घर के बनाये पेय पदार्थों का सेवन कर खुद भी स्वस्थ रहें और अपनी मेहनत से कमाए पैसे का भी सही और उचित जगह उपयोग करके देश को समृद्ध बनायें।
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Diabetes के मरीजों के लिए कौन से ड्रिंक्स माने जाते हैं रामबाण और किससे हो सकता है नुकसान, जानें Diabetes Diet Tips: कोकोनट ऑयल न्यूट्रिशनल वैल्यूज से परिपूर्ण होते हैं। इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर को संक्रमण से दूर रखता है। Drinks for Blood Sugar: डायबिटीज वो बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। खराब जीवनशैली और गलत खानपान डायबिटीज होने का मुख्य कारण हैं। चीनी की मात्रा शरीर में ज्यादा होने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा अधिक हो जाती है। इन्सुलिन वो हार्मोन है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित कर खाने को ऊर्जा में बदलता है। इन्सुलिन का स्तर लगातार बढ़ने पर खून में ग्लूकोज यानी चीनी की मात्रा बढ़ने लगती है। डायबिटीज, इन्सुलिन प्रतिरोध का अगला स्तर है। मधुमेह रोगी ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए कई उपाय करते हैं। खानपान को लेकर सावधानी बरतने से भी रक्त शर्करा के स्तर पर काबू किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ पेय पदार्थ इसके स्तर को कंट्रोल करने में मददगार हैं, जबकि कुछ ड्रिंक्स ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने का काम करते हैं। किन ड्रिंक्स का सेवन है फायदेमंद: करेले का जूस – कड़वा करेला हमें मीठे के कारण होनेवाली बीमारी डायबिटीज से बचाता है। डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 दोनों के मरीजों के लिए करेले का जूस फायदेमंद होता है। करेले में डायबिटीज कंट्रोल करने वाले इंसुलिन प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। इसमें पाए जाने वाले प्रॉपर्टीज डायबिटीज को नियंत्रित करने का काम करते हैं। दिन भर मे आपको करेला का जूस कितनी मात्रा में लेना चाहिए, यह आपके ब्लड शुगर लेवल और बॉडी कंडीशंस पर निर्भर करता हैं। इनके बारे में आप डाक्टर से जरूर सलाह ले लें। इसके अलावा, जहां तक अन्य सब्जियों के जूस की बात है, तो इसके सेवन से मरीजों को कई तरह के फायदे हो सकते हैं। गाजर का जूस, चुकंदर का जूस और पालक का जूस डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बेहतरीन विकल्प है। नारियल पानी – कोकोनट ऑयल न्यूट्रिशनल वैल्यूज से परिपूर्ण होते हैं। इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर को संक्रमण से दूर रखता है। इसमें मैग्नीशियम सॉल्ट पाया जाता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। पालक जूस: पालक उन खाद्य पदार्थों में शामिल है जो ब्लड शुगर को प्रभावित किये बगैर सम्पूर्ण सेहत को लाभ पहुंचाता है। आयरन और विटामिन सी युक्त पालक के रस को पीने से डायबिटीज के साथ ही अन्य बीमारियों से भी बचाव होता है। इन ड्रिंक्स से रहें दूर: फ्रूट जूस – बात जब डायबिटीज की हो तो फलों के जूस से किनारा कर (at Prayagraj - the Sangam City) https://www.instagram.com/p/CLMywQtMKDM/?igshid=1s2wk75hfbdfo
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Hindu Date - Vedic Hindu Calendar of 31 March 2024
हिंदू दिनांक - 31 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग
दिन - रविवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - चैत्र
पक्ष - कृष्ण
तिथि - षष्ठी रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 10:57 तक तत्पश्चात मूल
योग - व्यतिपात रात्रि 09.53 तक, तत्पश्चात वरियान
राहु काल - शाम 05:20 से शाम 06:52 तक
सूर्योदय - 06:33
सूर्यास्त - 06:52
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:46 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 अप्रैल 01 से 01:06 अप्रैल 01 तक
व्रत पर्व विवरण - संत एकनाथजी षष्ठी
विशेष - षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती, ��ल खाने या दातुन मुँह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है ।
गर्मी में दस्त
1 कटोरी नारियल पानी में आधा चम्मच धनिया-जीरा, 1 चम्मच मिश्री व आधा चम्मच जायफल चूर्ण डालकर दिन में 3 बार पीने से गर्मी के दस्त बंद हो जाते है ।
ज्योतिष ग्रंथ मुर्हूत चिंतामणि के अनुसार
हिंदू धर्म में दैनिक जीवन से जुड़ी भी अनेक मान्यताएं और परंपराएं हैं। ऐसी ही एक मान्यता है नाखून, दाढ़ी व बाल कटवाने से जुड़ी। माना जाता है कि सप्ताह के कुछ दिन ऐसे होते हैं जब नाखून, दाढ़ी व बाल कटवाना हमारे धर्म ग्रंथों में शुभ नहीं माना गया है, जबकि इसके बिपरीत कुछ दिनों को इन कामों के लिए शुभ माना गया है। आइए जानते हैं क्या कहते हैं शास्त्र...
ज्योतिष ग्रंथ मुर्हूत चिंतामणि के अनुसार जानिए किस दिन नाखून, दाढ़ी व बाल कटवाने से होता है क्या असर..
1. सोमवार
सोम का संबंध चंद्रमा से है इसलिए सोमवार को बाल या नाखून काटना मानसिक स्वास्थ्य व संतान के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना गया है।
2. मंगलवार
मंगलवार को बाल कटवाना व दाढ़ी बनाना उम्र कम करने वाला माना गया है।
3. बुधवार
बुधवार के दिन नाखून और बाल कटवाने से घर में बरकत रहती है व लक्ष्मी का आगमन होता है।*
4. गुरुवार
गुरुवार को भगवान विष्णु का वार माना गया है। इस दिन बाल कटवाने से लक्ष्मी का नुकसान और मान-सम्मान की हानि होती है।
5. शुक्रवार
शुक्र ग्रह को ग्लैमर का प्रतीक माना गया है। इस दिन बाल और नाखून कटवाना शुभ होता है। इससे लाभ, धन और यश मिलता है।
6. शनिवार
शनिवार का दिन बाल कटवाने के लिए अशुभ होता है यह जल्दी मृत्यु का कारण माना जाता है।
7. रविवार
रविवार को बाल कटवाना अच्छा नहीं माना जाता है। महाभारत के अनुशासन पर्व में बताया गया है कि ये सूर्य का वार है इससे धन, बुद्धि और धर्म का नाश होता है।
इसी प्रकार की रोचक और जीवन उपयोगी जानकारियां पाने के लिए
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पिंपल हटाने का घरेलू उपाय | Pimple Hatane Ka Gharelu Upay
इस बदलती जीवन शैली में हमने बहुत से बदलाव महसूस किए हैं, जो हमारे लिए सही भी है और जरूरी भी। लेकिन आप ने यह महसूस किया होगा कि बदलते दौर में हमें कई नुकसान भी उठाने पड़ जाते हैं जो स्वास्थ्य संबंधी भी हो सकते हैं।
बदलते हुए परिवेश की एक मुख्य समस्या बार-बार पिंपल का आना है। इनकी वजह से मन में हीन भावना भी आ जाती है। ऐसे में हम आपका मार्गदर्शन करेंगे ताकि ऐसी समस्याओं को दूर कर सके और खुद को स्वस्थ रख सके।
कैसे होता है पिंपल | pimple kaise hote hai
1). पिंपल होना त्वचा की तैलीय ग्रंथियों पर निर्भर करता है। इन तैलीय ग्रंथियों के बहुत ज्यादा विकसित होने पर पिंपल होते हैं इन्हें स्वाभाविक माना जाता है। कई बार इन्हें ठीक होने में क��फी समय भी लग जाता है।
2). पिंपल होने का मुख्य कारण मसालेदार, तैलीय पदार्थों का सेवन भी है।
3). अगर आप ज��क फूड का ज्यादा ही सेवन करते हैं तो पिंपल होने की संभावना बढ़ जाती है।
4). अगर व्यक्ति ज्यादातर धूल के संपर्क में आए तो पूरी संभावना रहती है कि पिंपल हो जाए। धूल हमेशा त्वचा को नुकसान पहुंचाने का काम करती है।
5). बहुत ज्यादा चाय, कॉफी लेना भी पिंपल को जन्म देता है। इसमें कैफीन की अत्यधिक मात्रा है, जो पिंपल के लिए सही नहीं है।
6). कभी कभी इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट हमारे त्वचा के लिए सही नहीं होते और पिंपल होने लगते हैं।
7). कुछ हेवी डोज की दवाइयां लेने से कई बार डिंपल का सामना करना ही पड़ता है।
8). एक उम्र के बाद हार्मोन परिवर्तन होने के कारण ही पिंपल हो जाते हैं।
9). अगर आप बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं तो इससे भी आपको पिंपल की समस्या हो सकती है।
पिंपल ठीक करने के आसान उपचार | pimple ko thik karne ke aasan upchar
अगर आप लगातार पिंपल (pimple) से परेशान हो रहे हो, तो कुछ आसान से घरेलू उपाय के माध्यम से ही आप अपने पिंपल की समस्या को दूर कर सकते हैं।
1). एलोवेरा
एलोवेरा औषधि गुणों के कारण हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण है, जो किसी भी बैक्टीरिया को आक्रमण करने से रोकता है। ऐसे में पिंपल वाली त्वचा में एलोवेरा को कुछ देर तक लगाकर छोड़ दिया जाए तो इससे फायदा भी होगा।
2). नारियल तेल
नारियल तेल को बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। किसी भी जीवाणु को खत्म करने की ताकत नारियल तेल में है। ऐसे में यदि आप नारियल तेल को रुई के माध्यम से अपने पिंपल में लगाते है, तो इससे फायदा साफ नजर आएगा और चेहरे में चमक भी आ जाएगी।
3). लहसुन
यह हमारे लिए कई मायनों में फायदेमंद है। इनमें एलीसीन नामक पदार्थ है, जो किसी भी बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता करता है। ऐसे में यह पिंपल के लिए भी फायदेमंद है। लहसुन को कूटकर या पीसकर उसे पिंपल पर कुछ देर के लिए लगा रहने दें और फिर उसे धो लें तो कुछ ही दिनों में पिंपल की समस्या कम होती नजर आएगी।
4). हल्दी और शहद
हल्दी में करक्यूमिन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो एंटीसेप्टिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में हल्दी और शहद को मिलाकर उपयोग किया जाए तो इससे बहुत ही फायदा होगा। इसे कुछ देर के लिए लगा रहने दें और फिर इसे धो लें। इससे आपके पिंपल कम हो जाएंगे।
5). नींबू
नींबू में विटामिन सी होता है, जो किसी भी रोग से लड़ने में हमारी मदद करता है। नींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण भी हैं, जो पिंपल को खत्म कर देते हैं। आप अगर रोजाना नींबू के रस को पिंपल में लगाएं तो इससे काफी हद तक आपको आराम मिलेगा।
6). मुल्तानी मिट्टी
पिंपल होने का कारण हमारी तैलीय त्वचा है। ऐसे में अगर आप मुल्तानी मिट्टी में चंदन पाउडर और गुलाब जल डालकर अपने पिंपल में लगाएं तो इससे निश्चित रूप से आप को फायदा होगा। इसके साथ ही त्वचा भी चमकीली हो जाती है।
7). दालचीनी और शहद
शहद और दालचीनी दोनों ही हमारी त्वचा के लिए ��ायदेमंद है, जो किसी भी जीवाणु से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। इसके लिए दालचीनी को बारीक पीस लें और उसमें शहद मिला लें। उसे पिंपल पर लगाए आपको बहुत ही जल्दी फर्क महसूस होने लगेगा।
8). सेंधा नमक
आज तक सेंधा नमक का उपयोग खाने के रूप में किया गया है लेकिन इसमें मैग्नीशियम की अधिकता के कारण यह हमारी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। इसके लिए सेंधा नमक को गुनगुने पानी में डालकर मिलाएं उसे रूई की मदद से पिंपल वाले स्थानों में लगाएं। इससे आपको बहुत ही फायदा होगा। इसे कम से कम आधा घंटे तक करें धीरे-धीरे आपको लाभ मिलने लगेगा।
9). टूथपेस्ट
पिंपल को ठीक करने में टूथपेस्ट का भी योगदान रहता है। इसमें पाया जाने वाला रसायन पिंपल को ठीक करने (pimple ko thik karne) में फायदेमंद होता है। पिंपल में यदि कुछ देर के लिए टूथपेस्ट लगा ले, तो इसमें आपको फायदा होगा।
10).नीम
नीम को प्राचीन काल से ही त्वचा के लिए फायदेमंद बताया गया है। नीम में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो त्वचा को फायदा पहुंचाते हैं इसलिए नीम को औषधि के रूप में जाना जाता है। ऐसे में नीम को पीसकर अपने पिंपल पर लगाए तो ठंडक के साथ-साथ पिंपल को ठीक (pimple ko thik) भी किया जा सकता है। आप चाहे तो साथ में तुलसी को पीसकर ही लगाया जा सकता है।
11). सेब का सिरका
सेब के सिरके में विटामिन ए है, साथ ही एंटीबैक्टीरियल गुण भी। ऐसे में यदि पिंपल में सेब के सिरके को लगा लिया जाए तो इससे बहुत ही फायदा होगा इसे जरूर आजमाएं।
प्रेगनेंसी में पिंपल | pregnancy mein pimple
ऐसा होता है कि प्रेगनेंसी में महिलाओं को पिंपल होने लगते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि हर महिला में यह लक्षण दिखाई दें। पिंपल होने का मुख्य कारण है (pimple hone ke mukhya karan) , एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता जो पहले 3 महीने में देखे जाते हैं। ऐसे में आप परेशान ना हो। कुछ ही दिनों के बाद पिंपल स्वयं खत्म भी हो जाते हैं।
पिंपल मे इन आहारों से रहे दूर | pimple main in aahar se rahe dur
पिंपल का होना सामान्य सी होने वाली समस्या है लेकिन अगर आप खानपान में थोड़ी सावधानी रखें तो निश्चित रूप से ही पिंपल दूर हो जाएंगे।
1). नॉनवेज से रहे दूर
आप में से बहुत लोगों को नॉन वेज खाना पसंद आता है। ऐसे में अगर आपको पिंपल है, तो नॉनवेज से दूरी बना ले। नॉनवेज अत्यधिक मात्रा में अम्लीय है, जो पीएच लेवल को असंतुलित कर देता है। साथ ही साथ नॉन वेज मे प्रोटीन अधिक होता है। ऐसे में नॉनवेज से दूर रहने में ही भलाई है।
2). दूध से बनी चीजों से रहें दूर
पिंपल के होने पर दूध से बनी चीजों का सेवन बंद कर दें। ऐसा माना गया है कि गाय, भैंस के दूध को पीने से तेलीय ग्रंथि जल्दी ही सक्रिय हो जाती हैं। ऐसे में अपना ध्यान रखें और दूध से दूरी बना ले।
3). मसालेदार खाने से रहें दूर
पिंपल के होने पर मसालेदार खाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जो सही भी है। मसालेदार खाने में अत्यधिक मात्रा में तेल होता है, जो तेलीय ग्रंथि को जल्दी सक्रिय करता है। साथ ही साथ पाचन को भी कमजोर बनाता है। ऐसे में ऐसे आहार से दूर ही रहे।
4). चीनी से बनी चीजों से रहे दूर
अगर आपको मीठा खाना पसंद है, तो कुछ दिनों के लिए इसे खाना छोड़ना होगा। ��्यादा चीनी युक्त भोजन लेने से त्वचा में पिंपल में सूजन आने लगती हैं। ऐसे में मीठा खाना कम करें।
यह चीजें होंगी आपके लिए फायदेमंद
पिंपल के होने पर कुछ खास चीजों को खाने पर आपको फायदा होगा, इन्हें जरूर आजमाए।
1). हरी सब्जियों का करें सेवन
आपको ऐसी सब्जियां बहुतायत से लेनी होगी, जो हरी होने के साथ-साथ विटामिन बी, विटामिन ई भरपूर मात्रा में हो। जैसे लौकी, पालक, आंवला, गाजर, चुकंदर, तोरई आदि।
2). फलों का करें भरपूर उपयोग
पिंपल के होने पर मौसमी फलों का सेवन करें जिसमें संतरा, अनार, मौसंबी, पपीता, सेब, टमाटर, केला, नींबू हो। इसमें उपस्थित विटामिन ए और विटामिन डी पिंपल क��� कम करने में फायदेमंद है।
कुछ जरूरी बदलाव
अगर आप पिंपल की समस्या से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में अपने जीवन शैली में आवश्यक बदलाव करके पिंपल की समस्या को दूर कर सकते हैं, इन्हें जरूर आजमाएं।
1). ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। अच्छा होगा अगर ऐसे में गुनगुने पानी का सेवन करे।
2). हमेशा हल्का भोजन करें जैसे दलिया, खिचड़ी, ओट्स, मूंग की दाल आदि।
3). ज्यादा से ज्यादा जंक फूड से दूर ही रहे। आप चाहे तो उन चीजों को घर में ही बना कर खाएं।
4). रात को खाना खाने के बाद टहलना चाहिए ताकि पाचन संबंधी समस्या ना होने पाए।
5). अपनी त्वचा का ध्यान रखें साफ सफाई का पूरा ध्यान दें।
मेकअप से जुड़े जरूरी बदलाव | makeup se judi jaruri badlav
अक्सर जब मेकअप किया जाता है, तो ध्यान नहीं रखा जाता है और हर प्रकार के प्रोडक्ट का उपयोग कर लिया जाता है। एक बात हमेशा याद रखें कि जब भी आप मेकअप करें, तो ऐसे प्रोडक्ट का उपयोग ना करें जिससे त्वचा तैलीय हो जाती है। ऐसे में त्वचा में कभी भी बादाम के तेल का उपयोग ना करें। इससे आपकी त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और पिंपल होने लगते हैं। हमेशा मॉइस्चराइजर का उपयोग करें और त्वचा को पिंपल से दूर रखें।
निष्कर्ष
इस लेख मे हमने पूरी कोशिश की है कि आपको पिंपल संबंधित जानकारी दे सकें। युवा वर्ग इस समस्या से ग्रसित नजर आते हैं। ऐसे में उन्हें भी परेशान होने या तनाव लेने की जरूरत नहीं है। हार्मोन का संतुलन थोड़े दिन में ठीक हो जाता है और यह समस्या भी ठीक हो जाती है।
आप ऐसे में घरेलू उपाय (gharelu upay) अपनाएं और खुद को पिंपल (Pimple) मुक्त रखें। हमारे इतने बड़े जीवन में यह छोटी समस्या है इससे घबराए नहीं बस खुद का ध्यान रखें और साफ-सफाई बनाए रखें। जल्द ही आपकी पिंपल की समस्या दूर हो जाएगी।
Source: http://www.ghareluayurvedicupay.com/pimple-hatane-ka-gharelu-upay/
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दूध के साथ भूल कर भी न खाएं ये चीजें, पड़ सकते हैं लेने के देने
कहा जाता है कि हमारे शरीर के लिए दूध सबसे फायदेमंद रहता है। दूध में सारे मिनरल्स और विटामिन्स होते है। इसी वजह से आयुर्वेद से लेकर साइंस तक में दूध को संपूर्ण आहार कहा गया है।आयुर्वेद में दूध को अमृत समान माना जाता है। प्राचीन काल से दूध अपने आप में पूर्ण पोषक तत्व में आता है यानी कि इसे शरीर के लिए सबसे ज्यादा हेल्दी माना जाता है, दूध को हल्दी के अलावा अलग-अलग चीजों के साथ मिलाकर भी पिया जाता है।लेकिन इसके बाद भी क्या आपको पता है दूध पीते वक्त भी कई चीजों का ध्यान रखा जाता है ऐसी कई चीजे है जिसे हम दूध के साथ नहीं खा सकता। आयुर्वेद में भी ऐसी कई चीजों के बारे में बताया गया है।
जिसको दूध के साथ खाने के लिए सख्त मना किया गया है। इतना ही नहीं, इस दौरान इसके नुकसान भी बताए गए है। जो काफी खतरनाक है।दूध पीने के अनगिनत फायदे हैं लेकिन दूध पीने के बाद कुछ चीजों के सेवन से आपको नुकसान हो भी सकता है। बेशक दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-2, बी-12, एवं डी होते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए दूध प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ पाचन-तंत्र को भी ठीक करता है। आयुर्वेद के अनुसार दूधको हर समय नहीं पिया जा सकता। इसे पीने का भी एक निश्चित समय होता है। उस समय पर दूध पीने से आप उसका सबसे अधिक लाभ उठा पाएंगे।आयुर्वेद के अनुसार दूध को इन चीजों के साथ कभी नहीं खाना,पीना चाहिए नहीं तो ये हत की खतरनाक हो सकता है।
1. दूध के साथ कभी भी नींबू और नमक से बनी चीजों को नहीं खाना चाहिए। इसमें सब्जिया सबसे अहम है। सब्जियों में नींबू होता है इसमें सब्जिया सबसे अहम है। सब्जियों में नमक होता है।जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे आपके शरीर को काफी परेशानी हो सकती है। दूध के साथ नींबू और नमक खाने से स्किन इंफेक्शैन होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। देखा गया है कि ऐसे लोगों में दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा आदि की शिकायत ज्यादा होती है।
2. वैसे तो आज के समय में दूध में फ्��ूट्स ब्लेंड करके स्मूदीज बनाने का फैशन छा गया है। अधिकतर लोग दूध के साथ फ्रूट्स मिलाकर शेक पीते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, केला, स्ट्रॉबेरी, पाइनएप्पल, संतरे जैसे फल पाचन के समय पेट में गर्मी बढ़ाते हैं। वहीं, दूध की तासीर ठंडी होती है। दूध और फलों की प्रकृति पूरी तरह से उलटी होने पर पाचन-तंत्र पर इसका बुरा असर पड़ता है। इससे सर्दी, खांसी, जुखाम और एलर्जी जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं।
3. दूध के साथ कभी भी मूंग दाल नहीं खानी चाहिए। इसके अलावा और भी कई चीजे है। जिसे दूध के साथ नहीं खाना चाहिए।जिसमें गाजर, शकरकंद, आलू, तेल, दही, नारियल, लहसुन आदि चीजे शामिल है। इन चीजों को दूध के साथ खाने के लिए दो घंटे के समय का अंतर होना चाहिए। उड़द की दाल दूध के साथ खाने से हार्टअटैक का खतरा बढ़ता है।
4. दूध और मांस-मछली कभी भी साथ में या एकदम आगे-पीछे नहीं लेना चाहिए। ऐसी कई चीजें हैं जिसे बनाते समय दूध का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि व्हाइट सॉस पास्ता दूध की मदद से बनता है। इसी पास्ता में चिकन/मीट भी होता है। दूध अपने आप में पूर्ण है। शरीर को दूध को पचने के लिए समय की जरूरत होती है क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसे किसी भी अन्य तरह के प्रोटीन जैसे कि मीट या मछली के साथ मिक्स करने पर पाचन-तंत्र पर काफी दबाव पड़ता है। इससे शरीर में कई तरह की परेशोनियां हो सकती हैं।
5. दूध पीने के बाद कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा दूध के बाद नींबू या नमक जैसे चीजें भी ना खाएं। इससे आपको त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं जैसे दाद, खाज और खुजली हो सकती है।
6. दूध पीने के बाद आपको मूली और अन्य नमकीन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मूली से बनी कोई अन्य डिश भी खाने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपकी तबीयत खराब हो सकती है और आपको त्वचा रोगों का खतरा हो सकता है। इसलिए मूली खाने के कम से कम दो घंटे बाद ही दूध पियें।
7. गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। इस मौसम में पानी वाले फलों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। तरबूज दिन में किसी भी समय खा सकते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ तरबूज के कई और फायदें हैं। 96 प्रतिशत पानी वाला यह फल गर्मियों के लिए परफेक्ट माना जाता है। तरबूज में पोटेशियम, फाइबर समेत कई पोषक तत्व होते हैं। समर डाइट में इसे सबसे हेल्दी फ्रूट कहा जा सकता है, लेकिन इसे दूध के साथ लेना खतरे से खाली नहीं है। तरबूज को अकेला खाएं। इसे किसी के भी साथ खाना सही नहीं है।
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हरे सेब के फायदे और नुकसान – Green Apple Benefits and Side Effects in Hindi
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हरे सेब के फायदे और नुकसान – Green Apple Benefits and Side Effects in Hindi
आहार में सेब को शामिल करने के फायदे आपने जरूर सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल सेब की तरह ही हरे सेब भी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। माना जाता है कि हरे सेब का सेवन आंतरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा पर भी सकारात्मक प्रभाव दि��ा सकता है। आप सोच रहे होंगे कि इन लाभ के लिए हरे सेब काम कैसे करते हैं? इस सवाल का जवाब आपको स्टाइलक्रेज के इस लेख में मिलेगा। इस लेख को पढ़कर आपको हरे सेब के फायदे और इसके उपयोग संबंधी जानकारी मिलेगी। साथ ही लेख के अंत में हरे सेब के नुकसान भी बताए गए हैं। लेख में आगे बढ़ने से पहले, पाठक इस बात पर जरूर ध्यान दें कि हरा सेब लेख में बताई गई किसी भी समस्या का इलाज नहीं है, लेकिन यह इनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में एक सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है।
लेख में आगे बढ़ने से पहले आइये जानते हैं कि शरीर के लिए हरे सेब के फायदे क्या हैं।
विषय सूची
हरे सेब के फायदे – Benefits of Green Apple in Hindi
सेब के विभिन्न प्रकार माने गए हैं। बेशक, ये रंग और रूप में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें स्वस्थ रखने में ये सभी लगभग समान रूप से काम करते हैं। हालांकि, इनमें मौजूद पोषक तत्व लगभग एक जैसे ही होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा में थोड़ा फर्क हो सकता है। सेब का ऐसा ही एक प्रकार है “ग्रैनी स्मिथ एप्पल (Granny Smith apples)”, जिसे आम भाषा में हरा सेब कहा जाता है। आइए, विस्तार से जानते हैं सेहत के लिए हरे सेब के फायदे।
1. लिवर के लिए हरे सेब के फायदे
सेब में कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं और इन्हीं में से एक है क्वेरसेटिन (Quercetin)। यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और स्वस्थ रखने में लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही, सेब के छिलकों में पाए जाने वाले खास एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को कैंसर के खतरे से बचाने में भी लाभदायक हो सकते हैं (1)। लिवर के लिए हरे सेब के फायदे उठाने के लिए रोज सुबह एक सेब खाया जा सकता है (2)।
2. फेफड़ों के लिए हरे सेब के फायदे
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि फल और सब्जियों का सेवन महिलाओं में लंग्स कैंसर के खतरे को 21 प्रतिशत तक कम कर सकता है। लंग्स कैंसर के इस खतरे को कम करने में हरे सेब में मौजूद फ्लावोनोइड प्रभावी पाया गया है। वहीं, शोध में शामिल 10,000 पुरुषों और महिलाओं पर किए गए परीक्षण में फ्लेवोनॉयड के सेवन और फेफड़ों के कैंसर के मध्य विपरीत संबंध देखा गया है। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन एक ग्रीन एप्पल का सेवन किया जा सकता है (1)। ध्यान रहे कि कैंसर जैसी स्थितियों में घरेलू उपाय की जगह डॉक्��री इलाज करवाएं।
3. हड्डियों के लिए हरे सेब के फायदे
हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के पोषक ��त्वों की आवश्यकता होता है, जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम। इनके साथ ही कुछ अन्य खनिज जैसे कॉपर, आयरन, जिंक, विटामिन-ए और विटामिन-के भी हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। ये पोषक तत्व बोन मास बढ़ाने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत रखने में सहायक माने जाते हैं (3) यहां हरे सेब के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह उपरोक्त बताए गए सभी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि हरे सेब के उपयोग से हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
4. वजन कम करने में सहायक
सेब का सेवन वजन कम करने के उपाय के रूप में किया जा सकता है। सेब की इस कार्यप्रणाली के पीछे इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स काम करते हैं। ये पॉलीफेनोल्स एंटी-ओबेसिटी गुण को प्रदर्शित करते हैं और शरीर से फ्री रेडिकल्स और फैट टिश्यू को कम करके वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। फिलहाल, वजन नियंत्रण में हरे सेब के बेहतर प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (5)।
5. त्वचा के लिए हरे सेब के फायदे
कच्चे हरे सेब के उपयोग की बात करें तो इसके फल का सिर्फ गूदा ही नहीं, बल्कि छिलका भी त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद टैनिन एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट तो होता ही है, साथ ही यह त्वचा के लिए एक प्रभावी एसट्रिनजेंट की तरह भी काम करता है। एसट्रिनजेंट, त्वचा के रोमछिद्रों को छोटा करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, हरे सेब के छिलके का उपयोग त्वचा से सीबम के स्राव को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (6)। त्वचा को स्वस्थ रखने के उपाय के रूप में हरे सेब का उपयोग नीचे बताए गए तरीकों से किया जा सकता है –
सामग्री :
दो से तीन हरे सेब के छिलके
छाछ (आवश्यकतानुसार)
विधि :
सेब के छिलकों को धूप में सूखा लें।
जब वे अच्छी तरह सूख जाएं तो उन्हें पीस कर पाउडर बना लें।
अब एक बाउल में इस पाउडर को लें और उसमें जरूरत अनुसार छाछ मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को ब्रश या उंगलियों की मदद से चेहरे पर लगाएं।
लगभग 15 से 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
इसके अलावा, त्वचा के लिए हरे सेब के गुदे का भी उपयोग किया जा सकता है।
सामग्री :
आधा हरा सेब (कटा हुआ)
आधा चम्मच शहद
एक चम्मच दही
विधि :
हरे सेब को ब्लेंडर में डाल कर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को एक बाउल में निकाल लें ��र बची हुई दोनों सामग्री डालकर अच्छी तरह मिला लें।
इसके बाद, इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
20 मिनट के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
अंत में तौलिये से थपथपा पर चेहरा पोंछें और मॉइस्चराइजर लगाएं।
लेख के अगले भाग में जानिए हरे सेब में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
हरे सेब के पौष्टिक तत्व – Green Apple Nutritional Value in Hindi
नीचे दिए गए टेबल की मदद से जानिए हरे सेब में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (4)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 85.46 ग्राम ऊर्जा 58 kcal प्रोटीन 0.44 ग्राम फैट 0.19 ग्राम कार्बोहाइड्रेट 13.61 ग्राम फाइबर 2.8 ग्राम शुगर 9.59 ग्राम मिनरल कैल्शियम 5 मिलीग्राम आयरन 0.15 मिलीग्राम मैग्नीशियम 5 मिलीग्राम फास्फोरस 12 मिलीग्राम पोटेशियम 120 मिलीग्राम सोडियम 1 मिलीग्राम जिंक 0.04 मिलीग्राम कॉपर 0.031 मिलीग्राम सिलेनियम 0.1 माइक्रोग्राम मैंगनीज 0.044 मिलीग्राम विटामिन थियामिन 0.019 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन 0.025 मिलीग्राम नियासिन 0.126 मिलीग्राम पैंटोथैनिक एसिड 0.056 मिलीग्राम विटामिन-बी 6 0.037 मिलीग्राम फोलेट, टोटल 3 माइक्रोग्राम कोलीन 3.4 मिलीग्राम विटामिन-ए RAE 5 माइक्रोग्राम विटामिन-ए, आईयू 100 आईयू विटामिन-ई 0.18 मिलीग्राम विटामिन-के 3.2 माइक्रोग्राम
लेख के अगले भाग में जानिए हरे सेब के उपयोग के बारे में।
हरे सेब का उपयोग – How to Use Green Apple in Hindi
कैसे करें उपयोग :
रोज सुबह एक साबुत हरे सेब का सेवन किया जा सकता है।
सेब का जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
ओटमील और ड्राई फ्रूट्स के साथ हरे सेब के छोटे छोटे टुकड़े मिलाकर खाए सकते हैं।
दूध में पपीता, संतरा और हरा सेब डालकर स्मूदी बनाई जा सकती है।
एक बाउल में ग्रेपफ्रूट, हरा सेब और ड्राई फ्रूट्स (अखरोट और बादाम) मिलाकर खा सकते हैं।
कब और कितना करें उपयोग :
सुबह नाश्ते में एक हरे सेब का सेवन किया जा सकता है (7)।
इस लेख के आखिरी भाग में जानिए कि क्या हरे सेब के नुकसान भी हो सकते हैं?
हरे सेब के नुकसान – Side Effects of Green Apple in Hindi
कुछ मामलों में हरे सेब के उपयोग से निम्नलिखित दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं (8) (9) –
ओरल एलर्जी सिंड्रोम (होठों, जुबान और गले में सूजन व खुजली)
हे फीवर (एक तरह की एलर्जी, जिसमें आंखों और नाक में खुजली होती है और पानी आता है)
इसके साथ ही, गर्भावस्था में सेवन करने से हरे सेब के नुकसान हो सकते या नहीं, इस पर ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इस दौरान हरे सेब के उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप हरे सेब के फायदे से अच्छी तरह परिचित हो गए होंगे। फायदों के साथ, अब आपको हरे सेब के उपयोग से जुड़ी जानकारी भी मिल चुकी हो��ी और आप समझ गए होंगे कि इसका इस्तेमाल कितनी मात्रा में किया जा सकता है। अनियंत्रित रूप से उपयोग करने के कारण हरे सेब के नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में भी हमने इस लेख में बताया है। तो अब देर किस बात की, आज ही से अपने आहार में इसे शामिल करें और इसके लाभ उठाएं।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/hare-seb-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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