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इन सप्लीमेंट्स से पाएं लंबे बाल, चमकदार त्वचा और मजबूत नाखून। यहाँ देखें
इन सप्लीमेंट्स से पाएं लंबे बाल, चमकदार त्वचा और मजबूत नाखून। यहाँ देखें
यह देखते हुए कि हम में से अधिकांश अपना भोजन कैसे करते हैं और हम अपने भोजन में क्या शामिल करते हैं, इस पर कितना कम विचार किया जाता है, हमारा आहार हमें त्वचा, बालों और नाखूनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक पर्याप्त पोषण देने में विफल रहता है। सभी आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिनों के साथ खुद को फिर से भरने का सबसे आसान तरीका स्वास्थ्य पूरक आहार है। यह न केवल आसान है, बल्कि स्वास्थ्य को…
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अब नवजात शिशुओं के नाखून देखकर होगा पीलिया का टेस्ट नवजात शिशुओं में पीलिया की जांच अब उन्हें छुए बगैर और बिना ब्लड टेस्ट के हो सकेगी। एक ऐसा उपकरण एजेओ-नियो विकसित किया गया है जो शिशु के नाखून पर प्रकाश की किरणें डालकर रक्त में बिलीरुबिन का स्तर महज... Source link
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Nirbhaya Case Verdict: एक-एक बाल, कातिलों की लार, नाखूनों में चमड़ी...निर्भया केस के इन सबूतों से मिल सका इंसाफ - proofs of nirbhaya case which led to justice to victim family
Nirbhaya Case Verdict: एक-एक बाल, कातिलों की लार, नाखूनों में चमड़ी…निर्भया केस के इन सबूतों से मिल सका इंसाफ – proofs of nirbhaya case which led to justice to victim family
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हाइलाइट्स
निर्भया कांड के बाद मौके से जुटाए गए थे कई छोटे और अहम सबूत
निर्भया के शरीर पर दांत काटने के इतने निशान थे, मानो जानवरों ने नोंच डाला हो
दांतों के निशान की फोटो और पकड़े गए आरोपियों के दांतों के साइज फरेंसिक लैब
वारदात के दौरान संदिग्ध बस की पहचान भी थी मुश्किल काम, एजेंसी ने मुश्किल से पता लगाया
विशाल शर्मा, नई दिल्ली 2012 में दुनिया भर को दहला देने वाली दिल्ली के निर्भया कांडक…
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हिंदी न्यूज़ - 66 साल बाद नाखून काटने को राजी हुआ यह शख्स, गिनीज बुक में दर्ज है नाम man Agrees to cut nail after 66 years
हिंदी न्यूज़ – 66 साल बाद नाखून काटने को राजी हुआ यह शख्स, गिनीज बुक में दर्ज है नाम man Agrees to cut nail after 66 years
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चिल्लाल के सभी नाखूनों की संयुक्त लंबाई 909.6 सेंटीमीटर है. भाषा
Updated: July 12, 2018, 8:08 AM IST विश्व में सबसे लंबे नाखूनों का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराने वाले भारत के श्रीधर चिल्लाल आखिरकार अपने नाखून काटने के लिए तैयार हो गए…
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कृषि क्रान्तिमा स्नातक युवा, पाए पनि जागिर नखाने लिबाङ (रोल्पा) १८, चैत । हजारौँ युवा बर्सेनि बेरोजगार भएको बहानामा विदेश पलायन भइरहेकै अवस्थामा पाछाबाङ–८, रोल्पाका २६ वर्षीय देवकुमार वलीले भने बरु स्वदेशमै कृषि कर्ममा लाग्ने तर जागिर पाएपनि नखाने बताउनुभएको छ । “पढ्नु भनेको चरित्र निर्माण गर्नु हो त्यसैले समयले साथ दियो भने स्नात्तकोत्तर पूरा गर���ने रहर छ, तर अब योग्यता सुहाउँदो जागिर पाएपनि खाँदिन, बरु कृषि क्रान्ति गर्छु”, उहाँले भन्नुभयो । वलीले चार वर्षदेखि जिल्लामै सबैभन्दा बढी करिब चारसय ५० बोट कागती खेती र दुई सय ६० बोट अनार खेती गर्दै आउनुभएको छ भने मौरीपालन ब्यवसायमा पनि उहाँ जिल्लामै अग्रस्थानमा हुनुहुन्छ । “पहिलो वर्ष भएको हुँदा गत वर्ष कागतीबाट करिब रु २० हजार मात्र आम्दानी भयो । यस वर्ष फूल खेल्दैछ फल लाग्ने क्रम जारी छ । “प्रत्येक वर्ष यसरी नै बिरुवा थप्दै गएर कागती खेतीबाट वार्षिक रु १० लाख कमाउने सोच छ”, उहाँले भन्नुभयो । बाउबाजेको पालादेखि २० देखि ३५ घार मुढे मौरीपालन व्यवसाय सञ्चालन गर्दै आएको भएपनि मौरीपालन व्यवसाय निर्वाहमुखी मात्र बनेको थियो तर यस वर्षदेखि सञ्चालन गरेको आधुनिक मौरीपालन व्यवसायबाट मात्र मासिक रु २० हजार देखि ३० हजार आम्दानी भयो । त्यसैले अब नयाँ प्रविधिको विकाससँगै नयाँ ज्ञान, नयाँ सोच र नयाँ चिन्तनबाट व्यवसाय सञ्चालन गरे उपलब्धिमूलक बन्ने उहाँको आशा छ । त्यसैले आफ्नो ब्यवसायलाई आधुनिकीकरण गर्दैै जाने उहाँले बताउनुभयो । नेपालमा नपढेका मान्छ���ले मात्र कृषि व्यवसाय सञ्चालन गर्नुपर्छ भन्ने ��ान्यता छ । यसलाई चिर्दै जिल्लामा कृषि क्रान्ति गर्ने रहर बढेपछि उहाँले जागिर नखाने निधो गर्नुभएको हो । जागिर खानकै लागि पढ्नुपर्छ भन्ने मान्यतालाई उहाँ हिजोआज स्वीकार्नुहुन्न । “आजको युगमा हरेक काम सफलतापूर्वक सम्पन्न गर्नका लागि शिक्षा अपरिहार्य भएको हुँदा छोराछोरीलाई पनि सके जति पढाउँछु र जागिरकै कारण बीचमा रोकिएको आफ्नो पढाइलाई पनि निरन्तरता दिन्छु”, उहाँले भन्नुभयो । वलीले २१ वर्षको उमेरदेखि नै जागिरको अनुभव गर्नुभएको हो । २०६७ सालमा हरियाली प्रावि रोल्पामा अध्यापन गरेसँगै जागिरमा प्रवेश गरेका वलीले २०६९ सालदेखि ग्रामीण विकास तथा चेतना समाज (रुडास), रोल्पामार्फत सञ्चालित स्थानीय शासन तथा सामुदायिक विकास कार्यक्रम (एलजिसिडिपी)मा करिब आठ महिना सामाजिक परिचालकका रुपमा काम गर्नुभयो । त्यसपछि पनि जागिरकै सिलसिलामा जिविस रोल्पाद्वारा सञ्चालित पश्चिम उच्च पहाडी गरिबी निवारण आयोजनामा करिब चार वर्ष सामाजिक परिचालकका रुपमा काम गरिसक्नुभएको छ । कार्यक्रमको अवधि सकिएपछि केही महिनाअघि उहाँ जागिरबाट बाहिरिन बाध्य हुनुभएको हो । जागिर खाँदा सीमित आम्दानी हुने र परनिर्भर बन्नुपर्ने बाध्यता भएपछि जागिर खाने सोचमा परिवर्तन आएको उहाँले बताउनुभयो । संयुक्त परिवारमा रहेका वलीका भाइ भने वैदेशिक रोजगारीका लागि कोरिया पुग्नुभएको छ । उहाँ कोरियाबाट फर्किएपछि दुई दाजुभाइ नै कृषि क्षेत्रमा रमाउने उहाँको सोच छ । “छोराछोरी विद्यालय जान्छन् । घरको काम सकेर फुर्सदको समयमा श्रीमती र आमाले पालैपालो सघाउनु हुन्छ”, उहाँले भन्नुभयो । बोटबिरुवामा मल हाल्ने, गोड्ने, फल टिप्ने, मौरीको रेखदेख तथा संरक्षणमा परिवारको साथ भएपछि उहाँलाई यस क्षेत्रमा अझ उत्साह बढेको छ, तर मह काढ्न भने सबैले नजान्ने भएको हुँदा आफँैले मह काढ्दै आएको बताउनुभयो । यसरी कृषि क्षेत्रमा आबद्ध भएपछि जिल्ला कृषि विकास कार्यालय रोल्पाले मागमा आधारित कार्यक्रमअन्तर्गत ३६ हजार अनुदान र प्लास्टिक सिँचाइ पोखरी निर्माणका लागि ३० हजार सहयोग गरेको भएपनि अन्य सम्पूर्ण लगानी आफँैले लगाउँदै आएको वलीले जानकारी दिनुभयो । जिल्ला कृषि विकास कार्यालय रोल्पाका वरिष्ठ कृषि विकास अधिकृत लालकुमार श्रेष्ठका अनुसार प्रधानमन्त्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना व्यावसायिक रुपमा कृषि क्षेत्रमा आबद्ध किसानलाई सहयोग गर्ने परियोजना भएको हुँदा तन, मन, वचन र कर्मले कृषि क्षेत्रमा लाग्ने जो सुकै किसानको समस्या पहिचा�� गरी आवश्यक सहयोग गर्न सकिन्छ । तर त्यसका लागि सम्बन्धित किसान कार्यालयको सम्पर्कमा आउनुपर्ने हुन्छ । The post कृषि क्रान्तिमा स्नातक युवा, पाए पनि जागिर नखाने appeared first on Etajakhabar.
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नाखून चबाने वाले बच्चों की इस आदत को करे दूर, ये रहा उपाय
अगर आपके बच्चों को भी है नाखून चबाने की आदत तो इससे सेहत पर नकारात्म असर पड़ता है। नाखूनो से विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है। जिसमे कई तरह की बीमारियां अपना घर बनाती हैं और जब नाखून चबाए या मुंह से काटे जाते हैं, तो बच्चों को इनके लगने का खतरा रहता है। बच्चों के अलावा ये आदत कुछ बड़े भी इसके शिकार होते हैं और यहां-वहा नाखून चबाते नजर आते है। बचपन से ही इस बात कोशिस की जानी चाहिए कि बच्चों क�� इसकी बुरी लत न लगे। घरेलू उपाय है जिसे अपनाकर बच्चों की यह बुरी आदत छुडा़ई जा सकती है-
बच्चों के नाखून बढ़ने ही न दें ये सबसे अच्छा तरीका है। हमेशा इस बात ध्यान रखें कि जैसे ही बच्चे के नाखून कुछ बढ़ना शुरू हों उन्हें उसे समय समय पर काट दिया जाए। नाखून चबाने की आदत नहीं होगी।
अगर बच्चों की नाखून काटना उनकी आदत में है तो इसके लिए नीम के तेल का तरीका है। जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा करने से बच्चे जब-जब बच्चा नाखून चबाने की चाहेंगे उसका मुंह कड़ुवा हो जाएगा और वह नाखून नहीं चबा पाएगा। और धीरे- धीरे उनकी यह आदत छूट जाएगी। इसके अलावा उसके नाखूनों पर लहसुन को भी रगड़ा जा सकता है। इसका स्वाद भी बच्चों को नाखून चबाने से रोके रखेगा।
इस बात को बच्चो को समझाएं की ऐसा करना सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। नाख़ून चबाने से बीमारियां हो जाती हैं। इस प्रकार धीरे-धीरे बच्चे को इस आदत को छोड़ देगा। इसके अलावा, बच्चे खाली समय में अपनी पसंद के काम के रूप में ड्राइंग या किसी भी चीज में ��गा दे तो इस आदत से ध्यान हटाया जा सकता है।
बच्चे काफी नाखून काटने वाला है, तो इसे तुरंत सुधार नहीं होगा। धीरे-धीरे यह आदत जाएगी। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे पर ध्यान रखें और जब बच्चे का मन नाखून चबाने का है तो उसे कोई फल आदि खाने को दे दें। नारियल भी अच्छा उपाय हो सकता है। नारियल को बच्चा देर तक खाता रहेगा।
https://kisansatta.com/remove-this-habit-of-chewing-nails-here-is-a-solution39776-2/ #HereIsASolution, #RemoveThisHabitOfChewingNails, #डरइग, #नखन, #नरयल, #सहत here is a solution, Remove this habit of chewing nails, ड्राइंग, नाखून, नारियल, सेहत Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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सेक्स के दौरान क्यों महिलाएं पुरुषो के शरीर को नाखून से नोचती हैं
सेक्स के दौरान क्यों महिलाएं पुरुषो के शरीर को नाखून से नोचती हैं
सेक्सएक ऐसी क्रिया है जिसे हर इंसान करना पसंद करता है। सेक्स को लेकर आज भी भारत में लोग खुल के बोलना पसंद नही करते हैं। लेकिन इस मसले पर जानकरी लेना और सेक्स से जुड़ी हुई बातों पर लोग नेट और किताबों में पढ़ के इनसे जुड़े सवाल का हल तलाश करते रहतें हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों सेक्स के दौरान महिलाएं अपने पुरुष साथी को शरीर के अलग अलग जगहों पर नाखून से नोच लेती है। आखिर क्यों…
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हिंदी न्यूज़ - 66 साल बाद नाखून काटने को राजी हुआ यह शख्स, गिनीज बुक में दर्ज है नाम
हिंदी न्यूज़ – 66 साल बाद नाखून काटने को राजी हुआ यह शख्स, गिनीज बुक में दर्ज है नाम
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श्रीधर चिल्लाल की फाइल फोटो
Updated: July 11, 2018, 11:20 PM IST
विश्व में सबसे लं��े नाखूनों का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराने वाले भारत के श्रीधर चिल्लाल आखिरकार अपने नाखूनों को…
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खाेकी लाग्दा के नखाने ? काठमाडौँ – खोकी लाग्ने बिभिन्न कारण हुन्छन् । कुनै खोकी गम्भीर रोगको लक्षण हो भने सामान्य समस्यामा पनि खोकी लाग्छ । खोकी लागेको केही दिनमा निको नभए चिकित्सकलाई भेट्नुपर्छ । सामान्यतया खोकी लाग्दा यी खानेकुरा खानु हुदैन : कफी तथा चियाः खोकी लाग्दा कफी र दुधको चिया खानु हुदैन । यसले घाटीलाई सुख्खा बनाउने र केही चिज निल्दा समेत गाहे हुन्छ । जंक फुडः यस्ता खानेकुराले रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कमजोर बनाउनुका साथैैै शरिरको रक्षात्मक कार्यलाई घटाउछ । तसर्थ पास्ता, चिप्स, प्याक गरिएका स्नयाक्स लगायतका खाने कुरा नखानु राम्रो हुन्छ । तारिएका खानेकुराः खोकी लाग्दा तारिएका खानेकुराबाट टाढै रहनुहोस । तारिएका खानेकुरा तेलीय हुनाले झन् खोकी लाग्ने गर्छ । तातो तेलमा खानेकुरालाई लामो समय फ्राइ गर्दा एक्रोलिन नामक तत्व उत्पन्न हुने र त्यसले खोकी लाग्ने र घाँटी दुख्ने कारक तत्वलाई सक्रीय पार्छ । चिसो पदार्थः आइस क्रिम र चिसो पेय पदार्थले घाँटीको संक्रमणको खतरा हुन्छ । मदिराः मदिराले रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता घटाउनुका साथै डिहाइड्रेसन गराँउछ । यसले खोकी झन् खोकी बढाउनुका साथै अन्य समस्या उत्पन्न गर्छ ।स्वास्थ्य खबरपत्रिकामा खबर छ । खोकी रोक्ने घरेलु उपाय नुनपानीले कुल्ला गर्ने मनतातो पानीमा नुन हालेर घोली गार्गल गर्नाले सुक्खा खोकी घट्दै जान्छ । मह खाने सुक्खा खोकी निरन्तर लागेर हैरान बनाएको बेलामा मह खाने गर्नाले सञ्चो हुन्छ । महले घाँटीलाई सुक्खा हुन दिँदैन र सुक्खा खोकी लाग्ने क्रमलाई कम गरिदिन्छ । अदुवा हालेको चिया खाने सुक्खा खोकी लागेको बेला अदुवा मिसाएको चिया खाने गर्नाले आराम मिल्छ ।
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तौल घटाउने नाममा नखाने र नसुत्ने लगायत गम्भिर गल्ती त गर्नुभएको छैन ? वजन घटाउने धुनमा धेरैले गम्भीर गल्ती गरिरहेका हुन्छन् । ‘स्लिम’ बन्ने नाममा यस्ता काम फिटिक्कै गर्नु हुँदैनः प्रोटिन बढी नखाने फ्याट, कार्बोहाइड्रेड र सुगरजन्य खानाले मोटाउने भएकाले स्लिम बन्न प्रोटिनयुक्त खाना बढी खाने गर्छन् । तर, बढी मात्रामा प्रोटिन खाइयो भने यो शरीरमा गएर फ्याट र सुगरमा परिवर्तित हुन्छ । यसले शरीरलाई थप मोटो बनाउँछ । जुस नखाने कतिपयले बिहानको खाजामा जुस मात्र पिउने गर्छन् । जुस पिउनाले रगतमा सुगरको मात्रा र इन्सुलिन बढ्ने गर्छ । इन्सुलिन बढ्दा भोक बढी लाग्छ । भोकले मानिसलाई स्लिम बन्न दिँदैन । कम नसुत्ने बढी सुत्दा मोटाइन्छ भन्ने आम मान्यता छ । त्यसैले स्लिम बन्ने धुनमा मानिस कम सुत्ने गर्छन् । तर, कम सुत्नाले भोक बढी लाग्छ र अझ मोटाइन्छ । भोकै नबस्ने स्लिम बन्ने बहानामा हामी ज्यादै कम खाने अथवा लामो अन्तरालपछि खाने गर्छौं । तर, यसो गर्दा उल्टो मोटाइने डर हुन्छ । किनकि, लामो समयसम्म भोकै बस्दा पछि एकैचोटि धेरै खाइन्छ । एकैचोटि खाने मानिसभन्दा थोरैथोरै खाइरहने मानिस कम मोटाउँछ । शुक्रबार साप्ताहिकबाट ।
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गुजरात: डीएनए टेस्ट के नाखून पुलिस वाले जो 'रिश्वत के पैसे' चबाते हैं https://tinyurl.com/yybm5ydj #39रशवत #क #गजरत #चबत #ज #टसट #डएनए #नखन #पलस #पस39 #वल #ह
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कमलपित्त (जन्डिस) भएमा के खाने, के नखाने काठमाडौँ – वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सककमलपित्त या जन्डिस कलेजोसम्बन्धी रोग हो । खाना पचाउन सहयोग गर्ने कलेजोमा प्रदूषि�� खानपान, फोहोर पानी र अत्याधिक मद्यपानले असर गर्छ । जसका कारण जन्डिसको संक्रमण वढी हुन्छ । जन्डिसलाई समयमा नै नियन्त्रण गर्न नसकिएमा स्वास्थ्यमा गम्भीर असर पु-याउँछ । कतिपयको मृत्यु पनि हुने गरेको छ । जन्डिस हुँदा यसको उपचार भनेको खानपानमा ध्यान दिने र आराम नै महत्वपूर्ण कुरा हो । यो रोगलाई आयुर्वेद र एलोपेथी दुवै विधिबाट उपचार गरिन्छ । आयुर्वेदमा कमलपित्त हुँदाखेरि कस्ता कुरा सेवन गर्ने या नगर्ने भन्ने मान्यता रही आएको छ । यो मान्यता उपचार प्रणालीमा प्रभावकारी बन्दै आएको छ । जन्डिसमा खान हुन्छ १ सब्जीहरू : रायोको साग, काउली, बन्दा, फर्सीको मुन्टा, सिमी, तितेकरेला, लौका, स्कुस, आलु, च्याउ, फर्सी (हरियो र पाकेको) चम्सुर, पालुंगो, मेथीको साग, सिधेनुन जिरा हालेर उसिनेको तरकारी खान हुन्छ । जिउ चिलाउन थालेमा भने नुन नखानु राम्रो हुन्छ । २. फलफूलहरू : स्याउ, सुन्तला, नासपती, कलिला काँक्राहरू, उखु, मेवा, नरिवलको पानी, खरबुजा, तरबुजा, गाँजर, मुला, प्रशस्त खाने । ३. मसलाहरू : सिधेनुन, जिरा, धनिया, अदुवा, लसुन, प्याज, बेसार, जन्डिस कम हुँदै गएको अवस्थामा मात्र थोरै खान सकिन्छ । ४. पेयपदार्थहरू : पानी, ग्लुकोज पानी, मिश्री पानी प्रशस्त मात्रामा खाने उखु मौसम सुन्तला आदिको जुस खाने ५. रहरको दाल, मुँगको दाल, पाउरोटी –क्रिम नभएको, बिस्कुट, दूध डेरीको मात्र ६. जन्डिस भएको अवस्थामा जतिसक्यो आराम गर्नुपर्छ । ७. रोग लाग्नेबित्तिकै आयुर्वेद चिकित्सकको सल्लाह लिनुपर्छ । खा��� नहुने कुराहरू १. सब्जीहरू : तोरीको साग, सुपको साग २. फलफूलहरू : आँप, केरा, अंगुर, लिची, अनार, अम्बा ३. मसलाहरू : चिल्लो पदार्थहरू, खुर्सानी, काजु, बदाम, छोकडा, तिल, ४. पेय पदार्थहरू : दही, मोही, फ्रिजमा राखेको कोक फेन्टा पेप्सीलगायतका चिसो पेय तथा चिया, कफी तथा अत्कोहलजन्य पेय पदार्थ चाउचाउ, केक, पप, मिठाईहरू, भटमास, चना, बोडी, अन्डा, माछा मासु, चिल्लो पिरो अमिलो मासको दाल, मसुरो विपरीतलिंगीसँग नसुत्ने अर्थात् एक्लै सुत्ने । जन्डिस हुँदा ज्वरो आएमा सिटामोल खानुहुँदैन । ज्वरो वढी आएमा चिकित्सकको सल्लाह लिनुपर्दछ ।नयाँ पत्रिकाले छापेको छ ।
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तिहारमा के खाने,के नखाने ? काठमाडौं, कात्तिक १४ । हिन्दूहरुको दोस्रो ठूलो पर्व तिहारमा घरआँगन सफा सुग्गर राख्नुु, पटका पड्काउनु र झिलिमिली उज्यालो पार्नु यस पर्वका विशेषता हुन् । यसबाहेक तिहारमा गुलियो र चिल्ला परिकारहरु खाने गरिन्छ जुन स्वास्थ्यसँग प्रत्यक्ष जोडिएको हुन्छ । दिपावली एउटा रमाईलो पर्व हो । तर होस् पुर्याइएन भने यसले स्वास्थ्यसँग सम्बन्धित अनगिन्ति समस्या निम्त्याउँछ । स्वास्थ्यमा प्रतिकूल असर नपर्ने गरी तिहार मनाउने केही टिप्स यस प्रकार छन्ः फलफुल खानुहोस्�� तिहार भन्ने वित्तिकै गुलियो ��रिकार खाने आम विश्वास छ । तर स्वस्थ खानका लागि चिल्लो मिसाइएका चकलेट तथा मिठाइरुको सट्टा सकभर फलफुल रोज्नुहोस् । गुलियो खानैपर्ने भए न्यून क्यालोरियुक्त चकलेट छनौट गर्नुहोस् । सकभर घरमै बनाएको चकलेट खानुहोस् । हाइडे«ड रहनेः चारैतिर खानेकुरा र गुलिया परिकार देख्दा कसको जिब्रो रसाउदैन र रु तसर्थ तिहारमा अन्य बेला भन्दा बढी गुलियो खाइन्छ । चकलेट खाइसकेपछि वा खानुअघि प्रशस्त पानी खानुपर्छ । बिहानदेखि बेलुकासम्म बारम्बार पानीको चुस्की लिनुहोस् । पानी पिउदा गुलियो परिकारले शरिरभित्र पार्ने अशर घटाउछ र शरिरको विषाधी समेत पखालिदिन्छ । कृतिम चकलेटबाट टाढै रहनुहोस्ः बजारमा कृत्रिम गुलियो मिसिएको परिकार पाइन्छन् । तर, यस्ता परिकारबाट सकभर टाढै रहनुहोस् । किनकी कृतिम गुलियोले ब्रेन ट्युमरदेखि क्यान्सरसम्म निम्त्याउँछ । चकलेटमा मिसाइएका अखाद्य र मिसावटयुक्त रसायनले किड्नी र दमको समस्या ल्याउछ, दिमागका कोषहरु बिगारिदिन्छ । तसर्थ मह चिनी, खुदो जस्ता प्राकृतिक गुलियोबाट बनेका चकलेट रोज्ननुोस् । आफ्नो रोगबारे बिचार पुयाउनुहोस्ः डायबिटिजबाट पीडित मानिसले तिहारको समयमा विशेष ख्याल गर्नुपर्छ । गुलियो परिकारबाट टाढा रहनुका अतिरिक्त उनीहरु अन्य खानेकुराहरु जस्तै सेल रोटी, खिर लगायतका खानेकुरामा हुने गुलियोको मात्रा पनि बिचार पु¥याउनुपर्छ । पटका बारे सर्तकताः दिपावली पटकाको समेत पर्व भएकोले होशियार नरहेमा जुनसुकै बेला स्वास्थ्यसम्बन्धी गम्भीर समस्य निम्तिन सक्छ । तसर्थ आँखामा हाल्ने ड्रप्स, पोल्दा लगाउने मल्हम आफूसँगै राख्नुपर्छ । पटकाको ठूलो आवाजले कानको श्रवण शत्तिमा हानी पु¥याउन सक्ने र बहिरो हुने समस्या समेत आउन सक्छ । तसर्थ पटका पड्काईएको स्थानमा घुम्दा कानमा प्लग वा रुई राख्नुपर्छ । पटकाका कारण आगोको जोखिम हुने भएकोले सकभर नाइलनको कपडा लगाउनु हँुदैन । खुवा र दुधबाट बनेको चकलेट सकभर नखानुहोस् । किनकी यसले फुड पोइजनिङ गराउन सक्छ । अन्य महत्वपूर्ण टिप्स गुलियो खानेकुरा खाँदा थोरै लिएर बस्नुहोस, सकभर ढिलो खानुहोस । चिनिको विकल्पको रुपा मह, खुदो प्रयोग गरेको परिकार खाने, फ्याट झिकेको दुधबाट चकलेट बनाउने । गुलियो खाएपछि सलाद, दही अनिवार्य खाने । धेरै चकलेट वा गुलियो परिकार घरमा भन्डार नगर्ने । धेरै खानेकुरा देख्दा खाउँ–खाउँ लागि रहन्छ । दिपावलीमा दिदीबहिनीले दाजुभाईलाई उपहार स्वरुप कपडा र गुलिया परिकार दिन�� प्रचलन छ । गुलिया परिकारको सट्टा फलफुल वा थोरै क्यालोरी भएको चकलेट दिने । पसलमा अखाद्य र मिसावटयुक्त तथा कम स्वस्थकर परिकार बनाइने हुँदा सकभर घरमै बनाएको खानेकुरा खाने । परिचित पसलबाट मात्र खानेकुरा किन्नुपर्छ । सकभर खाली पेट गुलियो परिकार खाने । किनकी खानेकुरा खाएको पेटमा गुलियो खाँदा कार्बोहाईडेडलाई फ्याटमा परिवर्तन गरिदिन्छ । स्वास्थ्य खबरबाट
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सन्नी लियोनीलाई माछामासु नखान डाक्टरको सुक्राव, अब भेज मात्रै खानुपर्ने कात्तिक १० गते- बलिउड नायिका सन्नी लियोनीलाई माछामासु नखान चिकित्सकहरुले सुक्राव दिएका छन् । उनको रगतमा इन्फेक्सन देखिएपछि चिकित्सकहरुले भेजिटेरीयन खाना खान सुझाव दिएका हुन् । यस्तै, उनको स्वास्थ्यलाई मध्यनजर गर्दै अल्कोहल, मिल्क प्रडक्ट, स्पाइसी खानेकुरासमेत नखान आग्रह गरिएको छ । सन्नी पछिल्लो समय बिरामी परेपछि परम्परागत चाइनीज विधिको उपचारमा लागेकी थिईन् । -एजेन्सीको सहयोगमा
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रक्सी खाएपछि के खाने के नखाने ? असोज ७ गते- रक्सी डिहाइड्रेसन गराउने कारण भएकाले रक्सी पिउनुभन्दा कम्तीमा एक घन्टाअघि र रक्सी पिएको एक घन्टापछि फलफूल��ो रस, प्रशस्त पानी पिउनु बेस हुन्छ । साँझ रक्सी पिएको छ भने पेट बिग्रने सम्भावना घटाउन भोलिपल्ट बिहान एउटा स्याउ, स्ट्रबेरी वा ‘बेरी’ प्रजातिका फलफूल खानु उत्तम हुन्छ । नुनमा लवण र पानीको मात्राले ‘इलेक्ट्रोलाइट’ तत्वको क्षतिलाई ठीक गर्छ । जुन तत्वले शारीरिक क्रियाशीलतामा मनोवैज्ञानिक सन्तुलन मिलाउँछ । साल्मोन जातको माछामा हुने ‘भिटामिन बी–६’ र ‘ओमेगा–३’ ले टाउको वा जिउ दुःख्ने समस्या हट्छ । ओमेगा–३ ले मनस्थिति (मुड) ठीक गर्न सहयोग पु(याउँछ । साल्मोन नपाए पनि हामीकहाँ ट्राउट माछा पाइन्छ । पुदिना वा काँचो अदुवा पिसेर तिल, टिमुर आदि पनि लगाएर बनाएको चटनीले वाकवाकी, डकार, पेट तथा वायुसम्बन्धी समस्या (ग्यास्ट्रिक डिस्ट्रेस) हटाउन रक्सीपछिको खानासँग लिनु राम्रो हुन्छ । रक्सी खाएपछि कम्तीमा २४ घन्टासम्म चिया, कफीजस्ता ‘क्याफिन’युक्त पेय नलिनु उत्तम हुन्छ । – एजेन्सी
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