#दोबारा फिल्म समीक्षा
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moviepopcorn-180 · 16 hours ago
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जरा हटके जरा बचके फिल्म समीक्षा/रिव्यु
घर के लिए कुछ भी करेगा!
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फिल्म जरा हटके जरा बचके के समीक्षा/रिव्यु में विक्की कौशल की इमेज प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसी शादीशुदा जोड़े की है जो अपना घर खरीदना चाहते हैं लेकिन महंगा बहुत है और वह सस्ते घर की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं| क्योंकि वह अपने परिवार के साथ नहीं रहना चाहते, जिसमे माता-पिता मामा-मामी सभी रहते हैं, घर भी छोटा है उनकी अपनी कोई प्राइवेसी भी नहीं है कि उनको कंप्रोमाइज करके अपने परिवार के साथ ही रहना पड़ेगा| वह घर खरीदने के लिए बहुत बड़ा रिस्क ले लेते हैं एक दूसरे से अलग होने और तलाक लेने का| तो क्या वह दोनों अपने खुद का घर खरीद पाएंगे? क्या उनका रिश्ता तब तक बना रहेगा? क्या वह दोबारा शादी कर पाएंगे? इस सभी सवालों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी| टोन और थीम: इस फिल्म की टोन रोमांटिक कॉमेडी पर आधारित है, इस फिल्म की थीम Sacrifice और Compromise पर है, इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश देना भी है कि सब कुछ घर नहीं होता, परिवार ही सब कुछ होता है घर जैसा मर्जी हो छोटा हो पर अपनों से और परिवार के सदस्यों से ही बनता है, पति-पत्नी का रिश्ता एक भावनात्मक धागे से जुड़ा होता है ना कि घर से| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: कप्पू कपिल के किरदार में विकी कौशल का अभिनय ठीक-ठाक कहा जा सकता है उन्होंने एक मध्यम वर्गीय परिवार और कंजूस जैसे इंसान का किरदार ठीक-ठाक से निभाया है, उनका किरदार ज्यादा दमदार नहीं था| इसलिए उनको कुछ खास करने को मौका नहीं मिला| सौम्या के किरदार में सारा अली खान का अभिनय भी औसत दर्जे का कहा जा सकता है, लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग बहुत ही बेहतरीन है उनके कुछ दृश्य ऐसे हैं जिनमें लगता है कि वह बहुत ही परफेक्शन के साथ उस दृश्य को निभा रही है| सपोर्टिंग कास्ट में आकाश खुराना, अनुभा फतेहपुरा, राकेश बेदी, सुष्मिता मुखर्जी, नीरज सूद और कनुप्रिया पंडित का अभिनय भी ठीक-ठाक कहा जा सकता है, विशेष कर आकाश खुराना का, इन सभी का अभिनय फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है| निर्देशक: इस फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उत्तेकर जिनकी पहचान मराठी सिनेमा में जहाँ इन्होने तापाल(2014), लालबागची रानी(2016) का निर्देशन किया है से निकलकर हिंदी सिनेमा में हुई, उनकी पिछली हिंदी फिल्म लुकाछिपी(2019) जिनका उन्होंने निर्देशन किया और वह एक सफल थी| वे एक सफल सिनेमेटोग्राफर भी है, इस फिल्म में उनका निर्देशन कुछ खास नहीं है पिछली फिल्मों के मुकाबले उनका निर्देशन कमजोर है, जिस तरह की उन्होंने फ़िल्में निर्देशित की है वैसा उनका इस फिल्म में नहीं दिखता, ऐसा महसूस होता है कि हम बहुत किसी कमज़ोर निर्देशक की फिल्म देख रहे हो, कहीं-कहीं लगता है कि फिल्म खींची जा रही है| लेखक: मैत्रेयी बाजपेयी, रमीज़ इल्हाम खान, लक्ष्मण उतेकर की कहानी-पटकथा कमज़ोर है, डायलॉग्स भी औसत दर्जे के है| बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर का बैकग्राउंड स्कोर below average है| साउंड डिज़ाइन: निहार रंजन समल का साउंड डिज़ाइन कुछ खास नहीं है| कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा की कास्टूम डिजाइनिंग भी ठीक ठीक है| एडिटिंग: मनीष प्रधान की एडिटिंग कमज़ोर है और ऐसा महसूस होता है की फिल्म को रबड़ की तरह खींचा गया है| सिनेमैटोग्राफी: राघव रामदॉस की सिनेमैटोग्राफी बढ़िया है प्रोडक्शन डिजाइन: सुब्रत चक्रबर्ती और अमित रे का प्रोडक्शन डिजाइन ठीक-ठाक है म्यूजिक: सचिन-जिगर का म्यूजिक बहुत ही बढ़िया है दो गाने तो बहुत अच्छे बन पड़े हैं जैसे फिर और क्या चाहिए और तेरे ��ास्ते अच्छे बन पड़े हैं कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, विजय गांगुली, रूएल डाउसन वरन्दानी की कोरियोग्राफी बहुत बढ़िया है, खासकर तेरे वास्ते गीत के लिए गणेश आचार्य का| क्लाइमैक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स ठीक-ठाक ही कहा जा सकता है| ओपिनियन: आज के युवा लोग इस फिल्म एक बार को देख सकते हैं फैक्ट: दोनों की लड़ाई का दृश्य बहुत ही अच्छा बन पड़ा है 69th फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: इस फिल्म को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर, बेस्ट कोरियोग्राफर और बेस्ट लिरिसिस्ट में नॉमिनेशंस मिले थे और फिल्म एक अवार्ड बेस्ट लिरिसिस्ट अमिताभ भट्टाचार्य (तेरे वास्ते) गीत के लिए जीतने में सफल रहे| CBFC-U/A Movietime-2h.12m Genre-Romantic Comedy Backdrop-Indore Release-2023 फ़िल्मकास्ट: विकी कौशल, सारा अली खान, आकाश खुराना, अनुभा फतेहपुरा, राकेश बेदी, सुष्मिता मुखर्जी, नीरज सूद और कनुप्रिया पंडित प्रोडूसर: दिनेश विजन, ज्योति देशपांडे, डायरेक्टर: लक्ष्मण उतेकर, साउंड डिज़ाइन: निहार रंजन समल कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा, म्यूजिक: सचिन-जिगर, बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर, प्रोडक्शन डिज़ाइन: सुब्रत चक्रबर्ती और अमित रे, एडिटर: मनीष प्रधान, सिनेमेटोग्राफी: राघव रामदॉस, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, विजय गांगुली, रूएल डाउसन वरन्दानी लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य, लेखक: मैत्रेयी बाजपेयी, रमीज़ इल्हाम खान, लक्ष्मण उतेकर आर्ट डायरेक्शन: नीलेश विश्वकर्मा, कास्टिंग डायरेक्टर: वैभव विशांत, एंटी कास्टिंग Read the full article
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starfriday · 1 year ago
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*अपूर्व सिंह कर्की द्वारा निर्देशित भानुशाली स्टूडियोज़ लिमिटेड, एस.एस.ओ. प्रोडक्शंस और ऑरेगा स्टूडियोज की अगली फ़िल्म में मनोज बाजपेयी “भैयाजी” के रूप में दिखेंगे.*
ज़बरदस्त हिट फ़िल्म 'सिर्फ़ एक बंदा काफी है' को बनाने वाली ज़ोरदार टीम एक शानदार नई फिल्म – ‘भैयाजी’ के साथ एक बार फिर दर्शकों को दिल जीतने के लिए तैयार है। अपने बहुमुखी अदाकारी के लिए वाहवाही बटोरने वाले, मनोज बाजपेयी धमाकेदार एक्शन, बदला लेने का दिलकश ड्रामा और परिवार के संबंधों की दिल को छू लेने वाली भावनाओं से भरी इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभायेंगे।
मनोज बाजपेयी, जो एक तगड़े, ज़बरदस्त दिमाग वाले व्यक्ति का किरदार निभाते हैं, उनको कई लोग अपना आदर्श मानते हैं, वे ‘भैयाजी’ के साथ एक निर्माता भी बनने जा रहे हैं, जो अपने चाहनेवालों को अनूठा मनोरंजन देने का वादा दे रहे हैं।
सिर्फ़ एक बंदा काफी है के बाद, निर्देशक अपूर्व सिंह कर्की 'भैयाजी' का निर्देशन करेंगे, जो अपने परिवार के लिए खड़े होने और अपने परिवार के साथ हुए अत्याचारों का बदला लेने जैसी भावनाओं पर आधारित होगी। इस फिल्म की आकर्षक कहानी और घिनौनी दुनिया को दीपक किंगरानी ने लिखा है, जो 70 और 80 के दशक की डायलॉगबाज़ी को भी हिंदी सिनेमा में वापस लेकर आयेंगे।
यह फिल्म सितंबर महीने के मध्य में शूटिंग शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसके लिए पूरे उत्तर प्रदेश में 45 दिनों का शूटिंग शेड्यूल शुरू किया जायेगा।
मनोज बाजपेयी, जो ‘भैयाजी’ में अभिनेता-निर्माता होंगे, कहते हैं, “मैं ‘भैयाजी’ की दुनिया में कदम रखने को लेकर बेहद खुश हूँ। यह एक ठेठ और ज़बरदस्त किरदार होगा जिसमें जान फूँकने के लिए मैं रोमांचित हूँ। भैयाजी, जो कि पूरी तरह से एक मनोरंजक मेनस्ट्रीम फ़िल्म है, जिसकी वजह से मैंने अपूर्व सिंह कर्की, जिन्होंने ‘सिर्फ़ एक बंदा काफी है’ का निर्देशन किया था, के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है और इस प्यारी सी टीम के साथ इस फ़िल्म का निर्माता बन गया।"
निर्देशक अपूर्व सिंह कर्की कहते हैं, "भैयाजी' के साथ, हम बदले के तेज़-तर्रार ड्रामा पर आधारित किरदारों की ठेठ और असली भावना को प्रस्तुत करने और पारिवारिक संबंधों की ताकत और भावनाओं को दिखाने का सफ़र शुरू कर रहे हैं। ‘सिर्फ एक बंदा काफ़ी है’ के ज़ोरदार विषय के बाद है, मैं सिनेमा की एक पूरी तरह से अलग शैली का पता लगाना चाहता था और ‘भैयाजी’ बिल्कुल सही फ़िल्म थी,''
निर्माता विनोद भानुसाली का कहना है, "दर्शकों को 70-80 के दशक की मेनस्ट्रीम फिल्मों के दौर में वापस ले जाने के लिए 'भैयाजी' के हर हिस्से को बहुत ध्यान से तैयार किया गया है। मनोज जी के साथ दोबारा काम करना एक आसान फ़ैसला था। कला के प्रति उनकी लगन और इस फ़िल्म को बनाने के लिए, उनके सक्रिय योगदान को देखते हुए, वे न केवल निर्देशक के अदाकार बल्कि निर्माता के अभिनेता भी बन जाते हैं।"
निर्माता समीक्षा ओसवाल ने बताया, “भावनाओं, मेनस्ट्रीम कहानी, एक्शन और ड्रामा के साथ एक सही मायने में मनोरंजक फ़िल्म दर्शकों को ‘भैयाजी’ में मिलेगी। हम अपने प्री-प्रोडक्शन के चरण में ही हैं और फ़िल्म की शूटिंग शुरू करने को लेकर बहुत खुश हैं।
मनोज बाजपेयी, भानुशाली स्टूडियोज़ लिमिटेड और एस.एस.ओ. प्रोडक्शन एल.एल.पी., ऑरेगा स्टूडियोज़ के सहयोग से प्रस्तुत ‘भैयाजी’ का निर्माण विनोद भानुशाली, कमलेश भानुशाली, समीक्षा ओसवाल, शैल ओसवाल, शबाना रजा बाजपेयी और वि���्रम खाखर द्वारा किया जायेगा।
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trendingwatch · 2 years ago
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दोबारा फिल्म समीक्षा
आलोचकों की रेटिंग: 3.0/5 अंतरा (तापसी पन्नू) और उनके पति विकास (राहुल भट्ट) नाम की एक युवा नर्स हाल ही में पुणे के हिंजेवाड़ी में एक नए घर में चली गई है। ��े एक वीडियो कैमरा से जुड़े एक पुराने टीवी सेट पर मौका पाते हैं, जहां वे दो दशक पहले घर में रहने वाले एक लड़के की हरकतों को देखते हैं। एक भयानक तूफान आता है, और अंतरा किसी तरह लड़के के साथ संवाद करने में सक्षम होती है। वह एक हत्या का गवाह था…
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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मुख्यमंत्री निवास पर पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया। पर्यटन का क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होता है, वहीं इससे प्राप्त होने वाली आय से राज्य के विकास को गति मिलती है। राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट लोक कलाओं और संस्कृति के संरक्षण तथा उत्थान के लिए राज्य सरकार जल्द ही राजस्थान लोक कला उत्सव का आयोजन करने जा रही है।
पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले राजस्थान लोक कला उत्सव से प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ेगी। राजस्थान लोक कला उत्सव के आयोजन के लिए प्राथमिकता से प्रमुख स्थानीय पर्यटन स्थलों को चुना जाएगा। पर्यटन से जुड़े विभिन्न उद्योगों से समन्वय कर इसका पर्याप्त प्रचार सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि राजस्थान में लगभग 22 प्रकार के लोक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। इन उत्सवों के माध्यम से सैलानी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का आनंद उठा रहे हैं।
राजस्थान का प्रत्येक क्षेत्र अपनी अनूठी संस्कृति लिए हुए है। विभिन्न माध्यमों से राजस्थान की लोक कलाओं और संस्कृति के साथ-साथ यहां के विशिष्ट व्यंजनों का व्यापक स्तर पर प्रचार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इनका अनुभव लेने राजस्थान आएं।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022 में राजस्थान में पर्यटकों के आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। प्रदेश में देशी पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष 90.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा इस वर्ष सितम्बर तक 1.64 लाख विदेशी सैलानी राजस्थान घूमने आए हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लिए जा रहे विभिन्न निर्णयों से राज्य देश-विदेश के पर्यटकों के आकृर्षण का केन्द्र बना है।
जयपुर के टाउन हॉल को एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 96 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया है। यहां राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का इतिहास पर्यटकों को दिखाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि पर्यटन को राज्य सरकार द्वारा उद्योग का दर्जा दिए जाने एवं रिप्स-2022 के तहत दी जा रही विभिन्न प्रकार की छूट से पर्यटन से आजीविका अर्जित करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है। विद्युत बिलों में औद्योगिक दरों के लागू होने से 30 प्रतिशत तक की बचत हो रही है। इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि परिवर्तन शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट दी गई है। पर्यटन इकाइयों को ऋण पर 8 प्रतिशत तक ब्याज दर में सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा निर्माण कार्याें में भी आवश्यक अ��ुमतियों में औद्योगिक दरें लागू कर दी गई हैं। राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत विभिन्न विभागों द्वारा निःशुल्क फिल्म शूटिंग के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आरटीडीसी एवं राज्य होटल कॉरपोरेशन द्वारा फिल्म निर्माण के लिए आई पूरी टीम के ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जा रही है। बैठक में बताया गया कि पैलेस ऑन व्हील्स को दोबारा शुरू करने के बाद सैलानियों ने बड़े स्तर पर इसमें रूचि दिखाई है। दिसंबर तक पैलेस ऑन व्हील्स में 80 प्रतिशत तक बुकिंग हो चुकी है।
बैठक में बताया गया कि जैसलमेर में ढोला-मारू टुरिज्म कॉम्पलेक्स के निर्माण हेतु डीपीआर तैयार कर 865 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई है। जल्द ही टुरिज्म कॉम्पलेक्स का निर्माण पूरा किया जा��गा, जिसमें राजस्थान की लोक कला के प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन की व्यवस्था के साथ-साथ पर्यटकों के रूकने का उत्कृष्ट प्रबंध होगा। यहां राजस्थान के हस्तनिर्मित उत्पादों के अलावा राजस्थान के परम्परागत व्यंजनों का स्वाद सैलानी ले सकेंगे।
इस अवसर पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह, पर्यटन राज्य मंत्री श्री मुरारी लाल मीणा, आरटीडीसी चेयरमैन श्री धर्मेन्द्र राठौड़, राज्य मेला प्राधिकरण आयोग के उपाध्यक्ष श्री रमेश बोराणा, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन विभाग श्रीमती गायत्री राठौड़ सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
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studycarewithgsbrar · 2 years ago
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'दोबारा' बॉक्स ऑफिस कलेक्शन, दिन 2: तापसी पन्नू स्टारर गवाह वृद्धि
‘दोबारा’ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन, दिन 2: तापसी पन्नू स्टारर गवाह वृद्धि
नई दिल्ली: तापसी पन्नू की ‘दोबारा’ को समीक्षकों से अच्छी समीक्षा मिली है, लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमजोर शुरुआत की और शुक्रवार को केवल 72 लाख रुपये का संग्रह करने में सफल रही। अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने दूसरे दिन की बढ़त दर्ज की और 1.02 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। हालांकि फिल्म ने ग्रोथ दिखाई है, लेकिन टोटल लोअर साइड पर है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्विटर पर फिल्म की…
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dailyhantnews · 2 years ago
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दोबारा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 1: अनुराग कश्यप की फिल्म...
दोबारा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 1: अनुराग कश्यप की फिल्म…
अनुराग कश्यप तापसी पन्नू अभिनीत फिल्म दोबारा को कुछ सकारात्मक समीक्षा मिली है, लेकिन उन समीक्षाओं ने फिल्म के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन में मदद नहीं की है। यह फिल्म 2018 की स्पेनिश फिल्म मिराज की आधिकारिक रीमेक है, जो 19 अगस्त क�� रिलीज हुई थी। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक फिल्म बॉक्स ऑफिस पर महज 72 लाख रुपये ही कमा पाई। उन्होंने ट्विटर पर साझा किया, “#DoBaaraa उम्मीद से बेहतर संख्या में खुलता…
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moviepopcorn-180 · 3 days ago
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हीरोपंती फिल्म समीक्षा/रिव्यु
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फिल्म समीक्षा/रिव्यु में टाइगर श्रॉफ की इमेज प्लॉट: इस फिल्म की कहानी एक लड़के पर है, जिसे चौधरी के भाई उसे और उसके दोस्तों को उठाकर अपने घर ले आते हैं क्योंकि उसका दोस्त चौधरी की बेटी को शादी वाले दिन भगाकर ले जाता है, अब चौधरी की शर्त यह है कि जब तक उसकी बेटी नहीं मिल जाती, तब तक उसके दोस्तों और उसको नहीं छोड़ेंगे| लेकिन इस दौरान चौधरी के घर से वे सभी भाग जाते हैं, भागते वक्त वह जंगल में एक लड़की को देखता है, जिसे देखते ही उसे प्यार हो जाता है तो वह भागने का प्लान कैंसिल कर देता है, चौधरी के गुर्गे उन चारों को दोबारा पड़कर घर ले जाते हैं| क्या वह उसे लड़की से मिल पाएगा? क्या वह उस लड़की को ढूंढ पाएगा? वह उस लड़की को ढूंढने के लिए किसे बोलेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए फिल्म को देखें| टोन और थीम: इस फिल्म की टोन रोमांटिक एक्शन पर आधारित है, इस फिल्म की थीम लव एंड वॉर है, फिल्म को बनाने का मकसद सिर्फ मनोरंजन करना और मसाला फिल्म परोसना है| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: बब्लू के रोल में टाइगर श्रॉफ की यह पहली हिंदी फिल्म है, उन्होंने पहली फिल्म में ही साबित कर दिया कि वह लंबी रेस का घोड़ा है, चाहे अभिनय हो, डांस हो, डॉयलॉग डिलीवरी हो, एक्शन करना हो, जिम टोंड बॉडी हो या फिर उसकी बॉडी लैंग्वेज हो, सब में वह अव्वल साबित हुआ| डिंपी के रोल में कृति सेनन की भी यह पहली हिंदी फिल्म है, उन्होंने भी साबित कर दिया कि वह भी लंबी रेस की घोड़ी है चाहे उनकी डांसिंग स्किल्स हो, अभिनय हो, कास्टूम हो, फेस एक्सप्रेशन हो, सब में उन्होंने बहुत मेहनत की है| चौधरी साहब के रोल में प्रकाश राज ने भी एक पिता वाले रोल में भूमिका निभाकर अच्छा अभिनय किया है, एक सख्त, तेज तर्रार और गुस्से वाले चेहरे के हाव -भाव में वह बहुत सटीक बैठते हैं| सपोर्टिंग कास्ट में भी सबका अभिनय ठीक-ठाक है| रिटन एंड डायरेक्शन: इस फिल्म का डायरेक्शन सब्बीर खान ने किया है, यह उनकी दूसरी निर्देशित फिल्म है, इससे पहले उन्होंने कमबख्त इश्क(2009) बनाई थी, अक्षय कुमार और करीना कपूर के साथ, उनकी यह फिल्म औसत दर्जे की थी| इस फिल्म को उन्होंने पहली फिल्म से बेहतर बनाया है, पूरी फिल्म पर उनकी पकड़ है, सबसे वह अच्छा काम निकलवा पाए| फिल्म का अंत भी बढ़िया बन पड़ा है, यह तेलुगु फिल्म परागु(2008) की रीमेक है, कहानी भास्कर ने लिखी है जो की ओरिजिनल फिल्म के स्टोरी ट्रेलर है, कहानी को ओरिजिनल फिल्म से अडॉप्ट किया गया है| स्क्रीनप्ले और डायलॉग: संजीव दत्ता ने लिखी है जो कमज़ोर और शिथिल है, डायलॉग अच्छे लिखे गए हैं|
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फिल्म समीक्षा/रिव्य�� में कृति सेनन की इमेज सिनेमैटोग्राफी: हरि के वेदांतम की सिनेमैटोग्राफी औसत दर्जे की है, कुछ दृश्य अच्छे से फिल्माए गए हैं| एडिटिंग: मनन सागर की ठीक-ठाक है, फिल्म को थोड़ा लंबा खींचा गया है, वैसे फिल्म की गति थोड़ी सी ढीली है प्रोडक्शन डिजाइन: नरेंद्र रहुरिकर का ठीक-ठाक है| साउंड डिजाइन: परीक्षित ललवानी और कुणाल मेहता का भी ठीक है कास्टूम डिज़ाइन: सोनाक्षी राज के फिल्म के कलाकारों के मुताबिक है| म्यूजिक: साजिद वाजिद का बढ़िया बन पड़ा है, कुछ गीत अच्छे बने हैं, जैसे रात भर, तबाह, रब्बा और Whistle बजा | लिरिसिस्ट: कौसर मुनीर के लिखे हुए गीत भी ठीक-ठाक है कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, अहमद खान और राजू खान की अच्छी है| क्लाइमेक्स: अच्छा बन पड़ा है ओपिनियन: Time Pass Movie! जो एक्शन और रोमांस वाली फ़िल्में देखना पसंद करते है वे एक बार देख सकते है| Flaws: आईपीएस पुलिस वाले पर हाथ उठाकर क्या मैसेज देना चाहते हैं, फर्स्ट हाफ स्लो है, लड़की और लड़के को मिलाने के लिए दर्शकों को 35 से 40 मिनट का इंतज़ार करना पड़ता है, लेकिन जब वे मिलते हैं, तो इंटरवल हो जाता है 1 घंटे की फिल्म में इंटरवल तक कोई कहानी नहीं है, सिवाय एक दूसरे को मिलाने के| मैसेज: लड़के-लड़कियों को भागकर शादी नहीं करनी चाहिए, माता-पिता की रजामंदी के साथ और बात करके करनी चाहिए| भागने से पहले लड़के-लड़कियों को माता-पिता के बारे में एक बार सोचना चाहिए कि उनकी बदनामी होगी| CBFC-U/A Movietime-2h.26m Genre-Romantic Action Backdrop-Haryana Release-2014 प्रोडूसर: साजिद नाडियाडवाला, डायरेक्टर: सब्बीर खान, साउंड डिज़ाइन: परीक्षित ललवानी, कुणाल मेहता, कास्टूम डिज़ाइन: सोनाक्षी राज, म्यूजिक: साजिद वाजिद, गेस्ट कंपोजर: मंज म्यूज़िक, मुस्तफा ज़ाहिद, बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर, प्रोडक्शन डिज़ाइन: नरेंद्र रहुरिकर, एडिटर: मनन सागर, सिनेमेटोग्राफी: हरि के वेदांतम, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, अहमद खान, राजू खान, लिरिक्स: कौसर मुनीर स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स: संजीव दत्ता, एक्शन: अनल अरासु Read the full article
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