#नासिर
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bazmeshayari · 2 years ago
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वो इस अदा से जो आए तो क्यूँ भला न...
वो इस अदा से जो आए तो क्यूँ भला न लगे हज़ार बार मिलो फिर भी आश्ना न लगे, कभी वो ख़ास इनायत कि सौ गुमाँ गुज़रीं कभी वो तर्ज़ ए तग़ाफ़ुल कि महरमाना लगे, वो सीधी सादी अदाएँ कि बिजलियाँ बरसें वो दिल बराना मुरव्वत कि आशिक़ाना लगे, दिखाऊँ दाग़ ए मोहब्बत जो नागवार न हो सुनाऊँ क़िस्सा ए फ़ुर्क़त अगर बुरा न लगे, बहुत ही सादा है तू और ज़माना है अय्यार ख़ुदा करे कि तुझे शहर की हवा न लगे, बुझा न दें ये…
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living-with-the-seasons · 21 days ago
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"दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया"
- नासिर काज़मी
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talesoftaru · 7 months ago
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नियत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं तू भी दिल से उतर न जाए कहीं आज देखा है तुझ को देर के बाद आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
- नासिर काज़मी
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chhamakchallo · 2 years ago
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देख कर जो हमें चुप-चाप गुज़र जाता है
कभी उस शख़्स को हम प्यार किया करते थे
इत्तिफ़ाक़ात-ए-ज़माना भी अजब हैं नासिर
आज वो देख रहे हैं जो सुना करते थे
क्या ज़माना था कि हम रोज़ मिला करते थे, नासिर काज़मी
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indlivebulletin · 2 days ago
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उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में कबायली परिषद की बैठक के दौरान गोलीबारी, चार लोगों की मौत
 उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के एक गांव में शुक्रवार को दो प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच सुलह कराने के लिए आयोजित जिरगा (कबीलाई परिषद) के दौरान हुई गोलीबारी में कम से कम चार लोग मारे गए और कई घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की म���वात जिले में अल-नासिर होटल के पास गांडी चौक पर उस समय हुई जब वजीरी दो जनजातियों के बीच जिरगा, हिंसक हो गया और वहां गोलीबारी शुरू…
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vedantbhoomidigital · 4 days ago
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई ट्रेन दुर्घटना के पीड़ित के माता-पिता को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे दावा न्यायाधिकरण के फैसले को पलट दिया है और एक यात्री के माता-पिता को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है, जिनकी 8 मई, 2010 को भीड़ भरी मुंबई लोकल ट्रेन से गिरने के बाद मौत हो गई थी। नासिर अहमद खान, एक नियमित यात्री वडाला से चिंचपोकली तक मासिक पास लेकर वह काम पर जा रहा था, तभी भीड़भाड़ के कारण वह ट्रेन से गिर गया। उन्हें बेहोश पाया गया और जेजे अस्पताल ले जाया गया,…
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livetimesnewschannel · 1 month ago
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History Of Syrian Civil War: Causes, Effects and Current Situation
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Introduction Of Syrian Civil War
सीरिया एक प्राचीन भूमि है जिसने पूरे विश्व के इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. आज वही प्राचीन शहर गृह युद्ध (Syrian Civil War) की आंच में तेजी से जल रहा है. सीरिया में साल 2011 में गृह युद्ध (Syrian Civil War) छिड़ने के बाद से लेकर अब तक पांच लाख से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. सीरियाई सेना (Syrian Civil War) 7 दिसंबर को दक्षिणी सीरिया के अधिकांश भाग से हट गई, जिसके कारण सीरिया की दो प्रांतीय राजधानी समेत सहित देश के अधिकांश बड़े शहर विद्रोहियों (Syrian Civil War) के कब्जे में आ गए.
Table Of Content
क्या है सीरिया का इतिहास?
सीरिया में कब हुई तख्तापलट की शुरूआत?
UAR के विघटन के बाद कैसे बदली सीरिया की सियासत?
साल 2011 में कैसे हुई सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत?
क्या है सीरिया में गृह युद्ध की पूरी टाइमलाइन?
अब 7 दिसंबर को विद्रोहियों ने बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंक दिया है. इसमें सबसे बड़ा हाथ है HTS यानी हयात तहरीर अल-शाम का और उसके कमांडर मोहम्मद अल-जोलानी का. मोहम्मद अल-जोलानी ने ही 50 सालों से चल रहे सीरिया में अल-असद के परिवार की सत्ता और सीरियाई बाथ पार्टी के शासन को कुचल दिया है. दावा यह भी किया जा रहा है कि बशर अल-असद देश छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं. सीरियाई सेना और विपक्षी युद्ध निगरानी ने इस बात की पुष्टि कर दी है. ऐसे में हम जानते हैं कि क्या है सीरिया में गृह युद्ध की कहानी और इतिहास.
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क्या है सीरिया का इतिहास?
सीरिया के गृह युद्ध (Syrian Civil War) को जानने से पहले जरूरी है सीरिया का इतिहास जानना. सीरियन लॉ जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया पर सीरिया पर कई शासकों ने शासन किया है. इसमें मिस्र, असीरियन, यूनानी, रोमन, बीजान्टिन, उमय्यद खलीफा, अब्बासी खिलाफत, फातिमिद, सेल्जुक तुर्क, जेंगिड, अय्यूबी राजवंश, मामलुक, ओटोमन (उस्मानी साम्राज्य) और अंत में फ्रांसीसी शामिल हैं. इस कारण सीरिया (Syrian Civil War) में कई धर्मों और जातियों का प्रभुत्व देखने को मिलता रहा है. सीरिया 17 अप्रैल 1946 को स्वतंत्र हुआ था.
लेकिन इससे पहले ही 1918 में ब्रिटिश सेना ने ओटोमन साम्राज्य को हराने के बाद सीरिया में राजशाही स्थापित की. इसके बाद 1920 में मेसालौन की लड़ाई ब्रिटिशों ने अपना शासनादेश लागू कर दिया. उन्होंने सीरिया (Syrian Civil War) को कई राज्यों में विभाजित किया. फिर सीरियाई राज्य का गठन 1932 में शुरू हुआ और अली अबेद देश के पहले राष्ट्रपति बने. हालांकि, इस दौरान अंग्रेज सीरिया में हावी रहे और जनता और सेना की शत्रुता की यह स्थिति द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक जारी रही. बाद में अंतरराष्ट्रीय समझौते तके तहत फ्रांस ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया और परिणामस्वरूप सीरियाई राष्ट्रपति शुकरी कुवतली ने 17 अप्रैल, 1946 को सीरिया (Syrian Civil War) की आधिकारिक स्वतंत्रता की घोषणा की.
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सीरिया में कब हुई तख्तापलट की शुरूआत?
साल 1948 में पहली बार अरब-इजराइल के बीच युद्ध (Syrian Civil War) छिड़ गया. इसमें सीरिया ने अरब देशों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाद में इसी भूमिका ने सरकार और सेना के बीच अंदरूनी कलह (Syrian Civil War) को जन्म दिया. पहली बार सेना में असंतोष देखने को मिला. सीरियन लॉ जर्नल के मुताबिक मार्च 1949 में सेना प्रमुख जनरल हुस्नी जैम के नेतृत्व में पहली बार सीरिया में तख्तापलट (Syrian Civil War) पलट हुआ. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भी जनरल हुस्नी जैम ने सिर्फ 138 दिन तक ही शासन किया. जनरल हुस्नी जैम के शासन में पहली बार देश में यूरोपीय मॉडल की झलक देखने को मिली. हुस्नी जैम को सत्ता से अगले सैन्य नेता अदीब शिशकली ने 1951 में सत्ता से उखाड़ फेंका (Syrian Civil War) और राष्ट्रपति गणराज्य की स्थापना की.
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इस दौरान सीरिया में समाजवादी विचारधारा के समर्थक भी बढ़ते रहे. सेना में विभाजन और लोकप्रिय अशांति के कारण अदीब शिशकली इस्तीफा देने पर मजबूर हो गए. साल 1954 में हाशिम अतासी और साल 1955 में शुकरी कुवतली जैसे अनुभवी राजनेताओं ने भी सीरिया (Syrian Civil War) की कमान संभाली. तत्कालीन मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल-नासिर के साथ हाशिम अतासी और शुकरी कुवतली ने अच्छे रिश्ते स्थापित किए. इसके बाद सीरिया (Syrian Civil War) और मिस्र दोनों ने दोनों देशों के बीच एक संघ पर गंभीरता से विचार किया और 1958 में UAR यानी संयुक्त अरब गणराज्य की स्थापना की. राष्ट्रपति गमाल अब्देल-नासिर ने UAR के राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला.
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UAR के विघटन के बाद कैसे बदली सीरिया की सियासत?
सीरिया (Syrian Civil War) को UAR में जूनियर पार्टनर बनाने से गमाल अब्देल-नासिर के खिलाफ सैनाओं के भीतर नाराजगी बढ़ने लगी. सितंबर 1961 में सेना के सब्र का बांध टूट गया और तख्तापलट (Syrian Civil War) ने UAR को हमेशा के लिए दफ्न क�� दिया. इसके साथ एक बार फिर से सीरिया (Syrian Civil War) में स्वतंत्र सरकार बहाल कर दी गई. दिसंबर 1961 में राष्ट्रपति नाजिम कुदसी प्रशासन ने UAR शासन के कई योजनाओं को जड़ से खत्म कर दिया. हालांकि, वह इससे सफल नहीं हो पाए और दो साल के भीतर साल 1963 में समाजवादी वामपंथी बाथ पार्टी (Syrian Civil War) ने अरबवाद के समर्थन से सत्ता में आई और गमाल अब्देल-नासिर की UAR शासन की कई योजनाओं को फिर से लागू कर दिया.
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बाद में अमेरिका की सहायता से विघटन संधि ने गोलान हाइट्स के मुख्य शहर कुनेत्रा को सीरियाई नियंत्रण में वापस ला दिया. सीरिया में कुछ समय के लिए शांति थी, लेकिन तेल की कीमतों में गिरावट ने 1986 में सबसे बड़े राजनीतिक संकट (Syrian Civil War) को जन्म दिया. हालांकि, इससे बचते हुए सीरिया (Syrian Civil War) ने 1990 के दशक में अमेरिका से संबंध बेहतर किए. कुवैत से इराकी सेना को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी सेना का साथ दिया.
इसके बाद जुलाई 2000 में हाफिज अल-असद के बेटे बशर अल-असद सीरिया (Syrian Civil War) के राष्ट्रपति बने. हालांकि, तेल भंडार में गिरावट ने उन्हें कमजोर कर दिया. राष्ट्रपति बशर अल-असद (Syrian Civil War) के पदभार संभालने के साथ ही फिलिस्तीनी विद्रोह भड़क उठा और अमेरिका में 9/11 के हमले हुए. इससे अमेरिका ने अरब देशों के दूरी बना ली. साल 2003 में इराक पर आक्रमण और साल 2005 के लेबनान संकट ने अमेरिका और सीरिया (Syrian Civil War) के बीच के रिश्तों को कमजोर कर दिया. हालांकि, साल 2011 में बराक ओबामा के अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही यह संबंध पहले से बेहतर हुए. लेकिन तब तक सीरिया (Syrian Civil War) में पूरी तरह से अशांति फैल चुकी थी. अल-असद की सत्ता के दौरान विद्रोहों को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर तोप और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया.
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साल 2011 में कैसे हुई सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत?
हाफिज अल-असद के मौत के बाद साल 2000 में उनके बेटे बशर अल-असद सीरिया के राष्ट्रपति बने. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन साल 2011 में अरब स्प्रिंग यानी अरब क्रांति की चिंगारी ने सीरिया (Syrian Civil War) को पूरी तरह से बदल दिया. अरब स्प्रिंग एक लोकतंत्र समर्थक विद्रोहों (Syrian Civil War) की एक श्रृंखला थी. हालांकि, इसमें शांतिपूर्ण और सशस्त्र दोनों ही पक्ष शामिल थे. इनमें से कई को सरकार ने कुचल दिया, जिससे यह चिंगारी (Syrian Civil War) भड़कती ही चली गई.
इसमें कई लोग बढ़ते बेरोजगारी दर, भ्रष्टाचार और राजनीतिक स्वतंत्रता की कमी से नाखुश (Syrian Civil War) थे. जब सरकार ने इन्हें (Syrian Civil War) कुचलने के लिए घातक बल का इस्तेमाल किया, तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन (Syrian Civil War) भड़क उठे और क्रूर युद्ध का रूप ले लिया. इस संघर्ष में कई समूह लड़ाई (Syrian Civil War) में शामिल हो गए और वह कई गुट अलग-अलग हितों के लिए एक-दूसरे के खिलाफ लड़ (Syrian Civil War) रहे हैं.
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उत्तर-पश्चिम में तुर्की समर्थित सेनाएं इस बात पर अड़ी हुई थी कि किसी भी शांति समझौते में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को दूर रखा जाए. वहीं, इस गृहयुद्ध (Syrian Civil War) में आतंकी संगठन ISIS की भी भागीदारी देखी गई है, जिसके नियंत्रण में कई हिस्से थे. हालांकि अब ISIS के पास कोई वास्तविक अधिकार या कोई क्षेत्र नहीं है. इसमें (Syrian Civil War) सबसे ज्यादा सक्रिय हैं कुर्द लड़ाके, जो सुन्नी मुसलमान हैं. इसमें कुछ यजीदी, ईसाई, शिया लड़ाके भी भाग ले रहे हैं.
बता दें कि कुर्दों के लिए साल 1920 में सेव्रेस की संधि के तहत एक अलग देश देने का वादा किया गया था, लेकिन लौसाने की संधि ने इस वादे को रद्द कर दिया. ऐसे में कुर्द लड़ाके (Syrian Civil War) अपनी मांगों के लिए लड़ रहे हैं. साल 2014 में उन्होंने उत्तरी सीरिया (Syrian Civil War) के रोजावा में अपने नियंत्रण वाले इलाकों को स्वायत्त सरकार घोष��त कर दिया. कुर्दों के हितों के लिए SDF की राजनीतिक शाखा सीरियन डेमोक्रेटिक काउंसिल का गठन किया गया था. अब सबसे अहम है HTS यानी हयात तहरीर अल-शाम, जिसने बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंक दिया है.
क्या है सीरिया में गृह युद्ध की पूरी टाइमलाइन?
साल 2011 में मार्च के महीने में सीरिया (Syrian Civil War) के दक्षिणी शहर डेरा में पहली बार हिंसा की जानकारी सामने आई. इस दौरान पुलिस ने राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ राजनीतिक नारे लिखने के आरोप में कुछ लड़कों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद हिंसा (Syrian Civil War) भड़कती ही चली और कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि अगस्त तक पांच महीनों में सीरियाई सुरक्षा बलों (Syrian Civil War) की ओर से 2 हजार से अधिक लोग मारे गए थे. इस मामले में इस्तांबुल में सीरियाई राष्ट्रीय परिषद का गठन किया गया. साथ ही अरब लीग के शांति प्रस्ताव को खारिज करने के बाद सीरिया (Syrian Civil War) को अरब लीग से निलंबित कर दिया गया.
वहीं, फ्री सीरियन आर्मी ने दमिश्क और अलेप्पो शहर में हमले शुरू कर दिए. अगले साल 2012 में होम्स शहर में सीरियाई सेना (Syrian Civil War) ने मोर्चा संभाला और कुछ ही दिनों में सैकड़ों लोगों को मार डाला. यह लड़ाई करीब तीन साल तक चली. फिर भी क्रांति की राजधानी कहे जाने वाले होम्स शहर पर सेना नियंत्रण हासिल नहीं कर पाई. बाद में साल 2012 में सीरियाई सरकार (Syrian Civil War) ने संयुक्त राष्ट्र के शांति योजना को स्वीकार करते हुए भारी हथियारों और सैनिकों को वापस बुलाया. साथ ही कैद किए गए लोगों को रिहा करने की भी बात कही.
संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान विभाग के प्रमुख हर्वे लैडसौस इस दौरान इसे पहली बार गृह युद्ध (Syrian Civil War) बताया. इसी बीच सीरियाई राष्ट्रीय गठबंधन का उदय हुआ. साल 2013 के मार्च महीने में ईरान समर्थित लेबनानी आतंकी समूह हिज्बुल्लाह के हजारों की संख्या में लड़ाके सीरियाई सरकार (Syrian Civil War) का समर्थन करने के लिए युद्ध (Syrian Civil War) में शामिल हो गए. इसके कारण सीरिया (Syrian Civil War) में जमकर खून बहा.
साल 2017 में अमेरिका समर्थित कुर्द समूह सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज ने भी ISIS को कुचल कर रक्का शहर को आजाद करा लिया. 2018 सीरियाई सेना ने डेरा और अल कुनेत्रा प्रांतों पर भी सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया. इस दौरान रूस और तुर्की ने इदलिब प्रांत में सेना रखने का फैसला किया. साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही घोषणा की कि अमेरिका उत्तर-पूर्वी सीरिया छोड़ देगा, वैसे ही तुर्की ने उत्तर-पूर्वी सीरिया (Syrian Civil War) के कुर्द क्षेत्र में आक्रमण शुरू कर दिया. हालांकि, साल 2020 में तुर्की और रूसी सेना ने सीरिया के आखिरी विपक्षी इलाके इदलिब में युद्ध विराम की घोषणा की और सुरक्षा गलियारा स्थापित करने पर सहमति जताई. कोविड-19 का भी असर इस युद्ध पर पड़ा और संघर्ष कमजोर हो गया.
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साल 2021 में बशर अल-असद सीरिया (Syrian Civil War) के फिर से राष्ट्रपति बने और रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस की सहायता कम हो गई. हालांकि, अब एक बार फिर से 27 नवंबर को चरमपंथी समूह HTS यानी हयात तहरीर अल शाम ने सीरिया (Syrian Civil War) के अलेप्पो, दारा और हमा शहर पर अचानक हमला कर कब्जा कर लिया. HTS का नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जुलानी कर रहा है. वह राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है. अब बशर अल-असद की सरकार गिर गई है.
Concussion
बता दें कि हाल के दिनों में ईरान और इजराइल के बीच की लड़ाई ने हिज्बुल्लाह को काफी नुकसान पहुंचाया है. यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा रूस भी खुद पर ध्यान दे रहा है. दोनों ही सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की मदद साल 2011 से ही करते आए हैं. ऐसे में उनकी मदद कमजोर होते ही साल 2015 और 2016 की तरह विद्रोह को कुचलने के लिए इस्तेमाल की गई सेना की संख्या हाल में सीरिया के पास नहीं थी. इसका फायदा उठाते हुए HTS ने बशर अल-असद की सत्ता का पलट दिया.
अब उम्मीद की जा सकती है कि सीरिया में यह गृह युद्ध रुक जाएगा. हालांकि, इस युद्ध (Syrian Civil War) में साल 2011 से लेकर 2024 तक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पांच लाख से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग पलायन कर रहे हैं. वहीं, लाखों लोग पूरी तरह से मानवीय सहायता पर निर्भर हैं. 1 करोड़ 20 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ कर इराक, मिस्र, उत्तरी अफ्रीका, लेबनान, जॉर्डन और तुर्की में शरणार्थी की तरह रह रहे हैं. युद्ध के कारण यूरोप में को सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हो गया है. इसके अलावा ग्लोबल पीस इंडेक्स ने 2016 से 2018 तक सीरिया को सबसे नीचे रखा था. अब यह नीचे से 8वें नंबर पर है.
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sharpbharat · 1 month ago
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jamshedpur human welfare trust- एमजीएम अस्पताल में ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट ने किया भोजन का वितरण
जमशेदपुर:ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट के द्वारा भोजन वितरण का हिस्सा बन ��माजसेवी नेहाल नासिर, तरुण कुमार चौहान और भरत लाल ने अपने हाथों से एमजीएम अस्पताल में भर्ती मरीजों के रिश्तेदार, अटेंडर, अभिभावक के बीच रात्रि का भोजन वितरण किया गया. जिसमे मुख्य रूप से सेब, केला, ब्रेड, फ्रूट केक एवं बच्चों के लिए चॉकलेट बांटा गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर मौजूद नेहाल नासिर,तरुण कुमार चौहान एवं भरत लाल ने…
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purohitkeyur · 2 months ago
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मुझे ये डर है तेरी आरज़ू ना मिट जाए बहुत दिनों से तबीयत मेरी उदास नहीं। - नासिर काजमी
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rightnewshindi · 2 months ago
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इजरायली सेना ने मार गिराया हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर जाफर खादर फाउर, रॉकेट दाग कर की थी 12 बच्चों की हत्या
Israel Hezbollah War: इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के एक और टॉप कमांडर को मार गिराया है। इसकी पहचान जाफर खादर फाउर के तौर पर हुई, जो पिछले साल अक्टूबर से इजरायल में हुए कई रॉकेट हमलों के लिए जिम्मेदार था। इसमें जुलाई 2024 का अटैक भी शामिल है, जहां फुट��ॉल के मैदान पर 12 बच्चों की मौत हो गई थी। खादर दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह की नासिर ब्रिगेड रॉकेट यूनिट का कमांडर था। आतंकी गुट की ओर से अभी तक…
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tvsandeshbharat09 · 9 months ago
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Viral Photo: मां के सामने दोनों बच्चियों की मौत… बाथरूम में इस हालत में मिलीं विधायक की दोनों भतीजियां
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Mohammad Salim Shabbo Qureshi: मुरादाबाद देहात सीट से सपा विधायक नासिर कुरेशी के छोटे भाई और देश के सबसे बड़े मांस निर्यातक हाजी मोहम्मद सलीम शब्बो कुरेशी के दिल्ली स्थित घर में भीषण आग लग गई। इससे पहले कि पुलिस और अग्निशमन दल आग पर काबू पाते, मांस निर्यातक की दो बेटियों गुलश्ना (15) और अनाया (13) की दम घुटने से मौत हो गई। निर्यातक की पत्नी गुलिस्तां कुरैशी, नौकर आदि ने किसी तरह भागकर जान बचा ली, लेकिन उनकी दो बेटियां पहली मंजिल पर बाथरूम में फंस गईं। मीट निर्यातक सलीम का उत्तरी दिल्ली के सदर बाजार के कुरैश नगर में चमेलियन रोड पर आलीशान दो मंजिला बंगला है। करीब 750 गज जमीन पर बने इस बंगले में उनकी पत्नी गुलिस्तां कुरैशी, बेटे शारिक और खिजर के अलावा दो बेटियां गुलश्ना और अनाया रहती थीं। सलीम बिजनेस के सिलसिले में दुबई गया हुआ है।
Mohammad Salim Shabbo Qureshi: बचावकर्मी बंगले के अंदर जाते हैं
मंगलवार दोपहर 2.07 बजे बंगले के ग्राउंड फ्लोर पर बने होम थिएटर से अचानक धुआं उठने लगा। देखते ही देखते धुएं ने आग का रूप ले लिया। ग्राउंड फ्लोर पर होने के कारण सलीम की पत्नी गुलिस्तां, गार्��, ड्राइवर और दो नौकर बाहर चले गए।
आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी टीम
पहली मंजिल पर कमरे में मौजूद दोनों बेटियां फंस गईं। बचने के लिए दोनों ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया. इसी बीच पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंच गई और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए। फायर ब्रिगेड कर्मी बीए सेट (मास्क) पहनकर घर में दाखिल हुए। शीशा तोड़कर धुआं निकाला गया।
रेस्क्यू टीम शीशा तोड़कर अंदर दाखिल हुई
आग पर काबू पाने के बाद जब घर की तलाशी ली गई तो बेटियां कहीं नजर नहीं आईं। पहली मंजिल पर बंद बाथरूम का दरवाजा तोड़ा गया तो दोनों बेहोश मिले। उन्हें तुरंत पास के जीवन माला अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। जांच टीम ने जांच के लिए नमूने लिए। दोनों बच्चियों की मौत उनकी मां के सामने ही हो गई मंगलवार दोपहर कुरैश नगर के अमानत मकान में जब आग लगी तो सलीम के चारों बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे। दरअसल, रोजे की वजह से सभी लोग सुबह सेहरी खाकर देर से उठते थे. दोपहर को जब घर में आग लगी तो सलीम के दोनों बेटे ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे में सो रहे थे। दोनों बेटियां पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रही थीं। जांच टीम ने जांच के लिए नमूने लिए। मां गुलिस्तां अपने काम में व्यस्त थी। आग लगने के बाद जब थिएटर से धुआं उठा तो गुलिस्तां ने अपने बेटों शारिक और खिजर को बाहर निकाला। दोनों बेटियां ऊपर अपने कमरे में फंस गईं। बेटों को बाहर छोड़कर गुलिस्तां ने घर में घुसने की कोशिश की तो अंदर आग और धुआं फैला हुआ था।
Mohammad Salim Shabbo Qureshi: जांच टीम मौके पर
इसके बावजूद जब गुलिस्तां अंदर घुसने लगा तो बाहर मौजूद लोगों की भीड़ ने उसे रोक दिया. गुलशना और अनाया की मौत उनकी मां के सामने ही हो गई. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि हाजी सलीम का बड़ा बेटा बीबीए प्रथम वर्ष का छात्र है। बड़ी बेटी 11वीं क्लास में आ गई थी.
घटना के बाद जांच टीम मौके पर पहुंची
अनाया आठवीं क्लास में पढ़ती थी. छोटा बेटा खिजर छठी क्लास में पढ़ता है. एक पड़ोसी ने बताया कि हाजी सलीम कुरेशी का आलीशान मकान पूरे इलाके में चर्चा में था. घर में सेंट्रलाइज्ड एसी के अलावा 12-14 लोगों के लिए मूवी देखने के लिए थिएटर भी है. थिएटर में आग एसी से शुरू हुई. थिएटर में ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण यह तेजी से पूरे घर में फैल गया और दो लड़कियों की जान चली गयी.
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bazmeshayari · 2 years ago
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वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए
वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए वो कश्तियाँ चलाने वाले क्या हुए ? वो सुब���ह आते आते रह गई कहाँ जो क़ाफ़िले थे आने वाले क्या हुए ? मैं उन की राह देखता हूँ रात भर वो रौशनी दिखाने वाले क्या हुए ? ये कौन लोग हैं मेरे इधर उधर वो दोस्ती निभाने वाले क्या हुए ? वो दिल में खुबने वाली आँखें क्या हुईं वो होंट मुस्कुराने वाले क्या हुए ? इमारतें तो जल के राख हो गईं इमारतें बनाने वाले क्या हुए ? अकेले घर से…
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samaya-samachar · 1 year ago
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बंगलादेशी क्रिकेटर प्रतिबन्ध
काठमाडौं , ४ माघ , अन्तर्राष्ट्रिय क्रिकेट काउन्सिल (आईसीसी) ले बंगलादेशी क्रिकेटर नासिर हुसेनमाथि २ वर्षको प्रतिबन्ध लगाएको छ । ३२ वर्षीय नासिर हुसेनलाई काउन्सिलले २०२३ मा भ्रष्टाचार विरोधी संहिता उल्लङ्घन गरेको आरोप लगाएको थियो, जुन सत्य पाइयो । त्यसपछि नासिरले पनि तीनवटै आरोप स्वीकार गरेका थिए । अब उनलाई ७ अप्रिल २०२५ सम्म प्रतिबन्ध लगाइनेछ । बंगलादेशी अलराउन्डर नासिरलाई अज्ञात व्यक्तिले…
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wikistudynews · 1 year ago
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हुसैन का कहना है कि सूर्यकुमार को नहीं पता कि वनडे में क्या करना है, लेकिन टी20 क्रिकेट में वह एक सनकी खिलाड़ी हैं।
इंग्लैंड के क्रिकेट कप्तान नासिर हुसैन. | फोटो साभार: रॉयटर्स इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी का मानना ​​है कि सूर्यकुमार यादव 50 ओवर के क्रिकेट में थोड़ा अनभिज्ञ हैं, लेकिन यह धाकड़ बल्लेबाज "एक सनकी" है, जो सबसे छोटे प्रारूप में पूरी तरह से कमांड में है और इस साल के अंत में टी 20 विश्व कप में उन पर सबकी निगाहें होंगी। कप्तान नासिर हुसैन. 2021 में भारत के लिए अपनी टी20 यात्रा शुरू करने के बाद से, सूर्यकुमार ने 60 टी20 में चार शतक और 17 अर्द्धशतक बनाकर खुद को खेल के सबसे छोटे प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया है। उनके प्रभावशाली प्रदर्शन ने उन्हें 2022 में T20I बल्लेबाजों की ICC रैंकिंग में नंबर 1 स्थान दिलाया, जिस पर वह तब से कायम हैं। हालाँकि, बड़े हिट बल्लेबाज़ को वनडे में समान प्रभाव डालने के लिए संघर्ष करना पड़ा है। आईसीसी ने हुसैन के हवाले से कहा, "टी20 में इस समय जिस व्यक्ति पर दुनिया की नजर रहेगी, वह सूर्यकुमार यादव हैं।" "मेरा मतलब है, वह आदमी एक सनकी है। मिस्टर 360 का घिसा-पिटा नाम, लेकिन कुछ शॉट्स वह खेलता है... और वह थोड़ा सनकी है क्योंकि पचास ओवरों के क्रिकेट में, वह नहीं जानता कि कब खेलना है जाना है, कब नहीं जाना है, क्या करना है. हुसैन ने कहा, "लेकिन टी20 क्रिकेट में, वह पूरी तरह से जानत��� है कि हर समय क्या करना है, और यह एक मजेदार खेल है, टी20 क्रिकेट और स्काई देखना, यह बिल्कुल मजेदार है।" टी20 विश्व कप जून में कैरेबियाई और संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाला है और हुसैन ने दक्षिण अफ्रीका को उसकी पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने का समर्थन किया है। "वास्तव में मैंने इस बारे में बहुत अधिक नहीं सोचा है... लेकिन मैं दक्षिण अफ्रीका के साथ जाने वाला हूँ। "इंग्लैंड हैं चैंपियन, लेकिन इस समय विशेष रूप से अच्छा नहीं खेल रहा। यह कैरेबियन में है और वेस्ट इंडीज ठीक चल रही है, फिर आपके पास पाकिस्तान है, तो क्या मैं इन सभी टीमों को चुन सकता हूं?" दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल विश्व कप में कुछ रिकॉर्ड तोड़ने वाले प्रदर्शन किए थे, इससे पहल�� कि वे सेमीफाइनल में अंतिम चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे . "मैं फाइनल में दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड के लिए जा रहा हूं।" "मैं यहां (साथी कमेंटेटर) साइमन डूल का थोड़ा अनुसरण कर रहा हूं। (50 ओवर के) विश्व कप से पहले, उन्होंने उन्हें इसे जीतने के लिए सुझाव दिया था और यह थोड़ा सा मैदान छोड़ दिया गया था। मेरा मतलब है, यह अभी भी दक्षिण अफ्रीका है, एक महान क्रिकेट खेलने वाले देशों, खेल खेलने वाले देशों में से, लेकिन मुझे लगा कि यह डौली की ओर से एक अच्छा चिल्लाहट थी। और उन्होंने उस विश्व कप में कुछ शानदार क्रिकेट खेला।" हुसैन को लगता है कि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की टी20 लीग - एसए20, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था - ने राष्ट्रीय टीम को फायदा पहुंचाया है। "मुझे लगता है कि उनकी (घरेलू) SA20 प्रतियोगिता ने वास्तव में उनके कुछ खिलाड़ियों को ऊपर उठाया है और उनमें अब वह गहराई, वह वर्ग और वह प्रतिभा है। दक्षिण अफ्रीका वनडे विश्व कप में एनरिक नॉर्टजे और सिसंडा मगाला की घायल तेज जोड़ी के बिना था, लेकिन इन दोनों के टी20 इवेंट के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। "मुझे नहीं पता कि वह इस समय अपनी चोट के कारण कहां हैं, लेकिन विश्व कप के अंत में, उन महत्वपूर्ण खेलों में शायद एनरिक नॉर्टजे जैसे खिलाड़ी की कमी खल रही थी। हुसैन ने कहा, "तो मुझे लगता है, शायद, अगर नॉर्टजे कैरेबियन में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए और अपनी गतिशील बल्लेबाजी लाइन-अप के साथ फिट हो सकते हैं, तो मैं दक्षिण अफ्रीका की तरफ देखूंगा।" Read the full article
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indlivebulletin · 6 days ago
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आयुष ने 'नासिर' बनकर महाकुंभ मेले को बम से उड़ाने की दी धमकी, ATS-IB की पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होने वाले महाकुंभ मेले को बम से उड़ाने की धमकी देने के आरोप में बिहार के पूर्णिया जिले से 11वीं कक्षा के एक छात्र को हिरासत में लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने कहा कि 17 वर्षीय छात्र, जिसे पूछताछ के लिए रविवार को प्रयागराज लाया गया था। उसे रिमांड होम भेज दिया गया है। एसएसपी ने कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर हिसाब बराबर करने…
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vedantbhoomidigital · 8 days ago
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छत्तीसगढ़ के बगीचा में मंदिर के पुजारी से अभद्रता करने वाला कांग्रेस नेता नासिर अली गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के बगीचा में मंदिर के पुजारी से अभद्रता करने वाले कांग्रेस नेता नासिर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नासिर अली पर आरोप है कि उन्होंने दुर्गा मंदिर के पुजारी भूपेंद्र पाठक से अभद्रता की और पूजा में व्यवधान डाला।By Prashant Pandey Publish Date: Sat, 04 Jan 2025 02:05:30 PM (IST)Updated Date: Sat, 04 Jan 2025 02:12:34 PM (IST)पुलिस की गिरफ्त में आरोपित नासिर अली।HighLightsकांग्रेस…
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