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जरा हटके जरा बचके फिल्म समीक्षा/रिव्यु
घर के लिए कुछ भी करेगा!
फिल्म जरा हटके जरा बचके के समीक्षा/रिव्यु में विक्की कौशल की इमेज प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसी शादीशुदा जोड़े की है जो अपना घर खरीदना चाहते हैं लेकिन महंगा बहुत है और वह सस्ते घर की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं| क्योंकि वह अपने परिवार के साथ नहीं रहना चाहते, जिसमे माता-पिता मामा-मामी सभी रहते हैं, घर भी छोटा है उनकी अपनी कोई प्राइवेसी भी नहीं है कि उनको कंप्रोमाइज करके अपने परिवार के साथ ही रहना पड़ेगा| वह घर खरीदने के लिए बहुत बड़ा रिस्क ले लेते हैं एक दूसरे से अलग होने और तलाक लेने का| तो क्या वह दोनों अपने खुद का घर खरीद पाएंगे? क्या उनका रिश्ता तब तक बना रहेगा? क्या वह दोबारा शादी कर पाएंगे? इस सभी सवालों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी| टोन और थीम: इस फिल्म की टोन रोमांटिक कॉमेडी पर आधारित है, इस फिल्म की थीम Sacrifice और Compromise पर है, इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश देना भी है कि सब कुछ घर नहीं होता, परिवार ही सब कुछ होता है घर जैसा मर्जी हो छोटा हो पर अपनों से और परिवार के सदस्यों से ही बनता है, पति-पत्नी का रिश्ता एक भावनात्मक धागे से जुड़ा होता है ना कि घर से| एक्��िंग एंड कैरक्टर्स: कप्पू कपिल के किरदार में विकी कौशल का अभिनय ठीक-ठाक कहा जा सकता है उन्होंने एक मध्यम वर्गीय परिवार और कंजूस जैसे इंसान का किरदार ठीक-ठाक से निभाया है, उनका किरदार ज्यादा दमदार नहीं था| इसलिए उनको कुछ खास करने को मौका नहीं मिला| सौम्या के किरदार में सारा अली खान का अभिनय भी औसत दर्जे का कहा जा सकता है, लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग बहुत ही बेहतरीन है उनके कुछ दृश्य ऐसे हैं जिनमें लगता है कि वह बहुत ही परफेक्शन के साथ उस दृश्य को निभा रही है| सपोर्टिंग कास्ट में आकाश खुराना, अनुभा फतेहपुरा, राकेश बेदी, सुष्मिता मुखर्जी, नीरज सूद और कनुप्रिया पंडित का अभिनय भी ठीक-ठाक कहा जा सकता है, विशेष कर आकाश खुराना का, इन सभी का अभिनय फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है| निर्देशक: इस फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उत्तेकर जिनकी पहचान मराठी सिनेमा में जहाँ इन्होने तापाल(2014), लालबागची रानी(2016) का निर्देशन किया है से निकलकर हिंदी सिनेमा में हुई, उनकी पिछली हिंदी फिल्म लुकाछिपी(2019) जिनका उन्होंने निर्देशन किया और वह एक सफल थी| वे एक सफल सिनेमेटोग्राफर भी है, इस फिल्म में उनका निर्देशन कुछ खास नहीं है पिछली फिल्मों के मुकाबले उनका निर्देशन कमजोर है, जिस तरह की उन्होंने फ़िल्में निर्देशित की है वैसा उनका इस फिल्म में नहीं दिखता, ऐसा महसूस होता है कि हम बहुत किसी कमज़ोर निर्देशक की फिल्म देख रहे हो, कहीं-कहीं लगता है कि फिल्म खींची जा रही है| लेखक: मैत्रेयी बाजपेयी, रमीज़ इल्हाम खान, लक्ष्मण उतेकर की कहानी-पटकथा कमज़ोर है, डायलॉग्स भी औसत दर्जे के है| बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर का बैकग्राउंड स्कोर below average है| साउंड डिज़ाइन: निहार रंजन समल का साउंड डिज़ाइन कुछ खास नहीं है| कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा की कास्टूम डिजाइनिंग भी ठीक ठीक है| एडिटिंग: मनीष प्रधान की एडिटिंग कमज़ोर है और ऐसा महसूस होता है की फिल्म को रबड़ की तरह खींचा गया है| सिनेमैटोग्राफी: राघव रामदॉस की सिनेमैटोग्राफी बढ़िया है प्रोडक्शन डिजाइन: सुब्रत चक्रबर्ती और अमित रे का प्रोडक्शन डिजाइन ठीक-ठाक है म्यूजिक: सचिन-जिगर का म्यूजिक बहुत ही बढ़िया है दो गाने तो बहुत अच्छे बन पड़े हैं जैसे फिर और क्या चाहिए और तेरे वास्ते अच्छे बन पड़े हैं कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, विजय गांगुली, रूएल डाउसन वरन्दानी की कोरियोग्राफी बहुत बढ़िया है, खासकर तेरे वास्ते गीत के लिए गणेश आचार्य का| क्लाइ��ैक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स ठीक-ठाक ही कहा जा सकता है| ओपिनियन: आज के युवा लोग इस फिल्म एक बार को देख सकते हैं फैक्ट: दोनों की लड़ाई का दृश्य बहुत ही अच्छा बन पड़ा है 69th फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: इस फिल्म को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर, बेस्ट कोरियोग्राफर और बेस्ट लिरिसिस्ट में नॉमिनेशंस मिले थे और फिल्म एक अवार्ड बेस्ट लिरिसिस्ट अमिताभ भट्टाचार्य (तेरे वास्ते) गीत के लिए जीतने में सफल रहे| CBFC-U/A Movietime-2h.12m Genre-Romantic Comedy Backdrop-Indore Release-2023 फ़िल्मकास्ट: विकी कौशल, सारा अली खान, आकाश खुराना, अनुभा फतेहपुरा, राकेश बेदी, सुष्मिता मुखर्जी, नीरज सूद और कनुप्रिया पंडित प्रोडूसर: दिनेश विजन, ज्योति देशपांडे, डायरेक्टर: लक्ष्मण उतेकर, साउंड डिज़ाइन: निहार रंजन समल कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा, म्यूजिक: सचिन-जिगर, बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर, प्रोडक्शन डिज़ाइन: सुब्रत चक्रबर्ती और अमित रे, एडिटर: मनीष प्रधान, सिनेमेटोग्राफी: राघव रामदॉस, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, विजय गांगुली, रूएल डाउसन वरन्दानी लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य, लेखक: मैत्रेयी बाजपेयी, रमीज़ इल्हाम खान, लक्ष्मण उतेकर आर्ट डायरेक्शन: नीलेश विश्वकर्मा, कास्टिंग डायरेक्टर: वैभव विशांत, एंटी कास्टिंग Read the full article
#आकाशखुराना#जराहटकेजराबचके#जराहटकेजराबचकेफिल्म#जराहटकेजराबचकेमूवी#ड्रामा।#दिनेशविजन#रोमांटिक#रोमांटिककॉमेडी#लक्ष्मणउतेकर#विक्क���कौशल#साराअलीखान
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मिमी फिल्म समीक्षा/रिव्यु
Nothing like what you're expecting!
फिल्म के पोस्टर में कृति सेनन की इमेज प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसी लड़की की है, जो डांसर होती है पर बिन ब्याही मां बन जाती है, और कौन से कारण रहे होंगे जिससे मां बन जाती है, उसका सपना तो हीरोइन बनने का था ऐसा उसकी जिंदगी में क्या हुआ कि वह हीरोइन बनने का सपना भी त्याग देती है| क्या उसके माता-पिता उसे और उसके बच्चे को स्वीकार करेंगे? क्या हमारा समाज बिन ब्याही मां को स्वीकार करेगा? क्या उसके बच्चे को पिता का नाम मिल पाएगा? इन सभी सवालों को जानने के लिए फिल्म देखें| टोन और थीम: यह फिल्म कॉमेडी ड्रामा टोन पर आधारित है, इसकी थीम इमोशंस और केयरिंग पर है, इसको बनाने का मकसद मनोरंजन करना है लेकिन मनोरंजन के साथ-साथ इमोशंस का भी भरपूर तड़का लगाया गया है| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: मिमी के किरदार में कृति सेनन ने क्या जबरदस्त, दमदार और लाजवाब अभिनय किया है, यह रोल उनके अब तक के फिल्मी करियर का सबसे कठिन और मजबूत है, विश्वास ही नहीं होता कि यह कृति सेनन है, जो कि अपने रोल में पूरी तरह से खो जाती हैं और पूरी जान डाल दी है, चाहे उनका हास्य रस हो, फेस एक्सप्रेशंस हो, डायलॉग डिलीवरी हो, और राजस्थानी भाषा का एसेंट हो, राजस्थानी ड्रेसेस हो, इमोशनल सींस हो, इतनी परफेक्शन के साथ और क्लेरिटी से क्या अभिनय किया है, फिल्म में देखते ही बनता है, इस रोल को निभाने के लिए उनको बहुत सराहना मिली है| पांडे के किरदार में पंकज त्रिपाठी का अभिनय भी शानदार है, वह कॉमेडी रोल निभाने में मास्टर है, उनका अभिनय भी बहुत ही संपूर्णता से भरा हुआ है, उनके रोल निभाने में कहीं से भी कोई कमी नजर नहीं आती, इस रोल को निभाने में उन्होंने अपना पूरा हंड्रेड परसेंट दिया है| शमा के किरदार में साई तम्हनकर का अभिनय भी बहुत बढ़िया है, उनकी और मिनी की जुगलबंदी लाजवाब है, जितना रोल उनको मिला उन्होंने अपने रोल में कोई कमी नहीं छोड़ी, सपोर्टिंग रोल्स में सुप्रिया पाठक,मनोज पाहवा, एवलिन एडवर्ड्स और एडन व्हीटॉक का अभिनय भी बढ़िया है, इन सभी का अभिनय भी कहानी को मजबूत बनाता है|
फिल्म समीक्षा/रिव्यु में कृति सेनन की इमेज डायरेक्शन: इसको लक्ष्मण उतेकर ने निर्देशित किया है, और वह एक सफल सिनेमेटोग्राफर भी है, इससे पहले इ��्होंने मराठी में तापाल(2014), लालबागची रानी(2016) का निर्देशन किया है, और हिंदी में लुकाछिपी(2019), ज़रा हटके ज़रा बचक(2023) का निर्देशन किया है और तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया(2024) की सिनेमेटोग्राफी की है, अगर इनका रिकॉर्ड देखे तो वह दोनों डिपार्टमेंट्स में सबसे ज्यादा सफल नज़र आते है, ऐसे लोग फिल्म इंडस्ट्री में विरले नज़र आते है, सभी फिल्में एक से एक बढ़कर बनाई है यह भी उसी कैटेगरी में आती है, पूरी फिल्म में उनकी पकड़ है शुरू से लेकर अंत तक उन्होंने फिल्म को कहीं से भी पटरी से उतरने नहीं दिया, उन्होंने छोटी-छोटी बारीकियां पर भी पूरा ध्यान दिया गया है| कहानी-पटकथा: लक्ष्मण उतेकर और रोहन शंकर दोनों ने मिलकर लिखा है कहानी तो मराठी फिल्म मालाआई वहेचाई पर आधारित है, पर पटकथा को बहुत ही बढ़िया से लिखा गया है और कही से कोई कमी भी नज़र नहीं आती|
फिल्म समीक्षा/रिव्यु में पंकज त्रिपाठी की इमेज डायलॉग: रोहन शंकर के बहुत ही मजेदार, हंसी दिला देने वाले और राजस्थानी एक्सेंट वाले है| सिनेमैटोग्राफी: आकाश अग्रवाल की बढ़िया है, एरियल व्यूज से अच्छे से शहर को दिखाया गया है, कैमर��� को सभी डिग्री में घुमाकर फिल्माया गया है, शहर की गलियों को अच्छे से दिखाया गया है| एडिटिंग: मनीष प्रधान की बहुत ही जानदार है, शुरू से लेकर अंत तक पकड़ मजबूत और गति तेज है फिल्म एक पल के लिए भी बोर नहीं करती, दर्शक को जिज्ञासा रहती है, कि अब आगे क्या होगा और वह पूरी फिल्म में अपनी सीट से बंधा रहता है| कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य परम सुंदरी की बहुत शानदार है, और विजय गांगुली रिहाई दे की बढ़िया है कॉस्ट्यूम डिजाइन: शीतल शर्मा ने बैकड्राप और राजस्थानी कल्चर के अनुसार बहुत ही बढ़िया डिजाइन किए गए हैं प्रोडक्शन डिजाइन: सुब्रत चक्रबर्ती और अमित रे का ��ढ़िया है, पुराने घर के बनाए गए सेट्स अच्छे हैं साउंड डिजाइन: बायलोन फोंसेका का बहुत ही शानदार है, सिंकिंग बहुत ही कमाल की है| म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर: ए आर रहमान के बारे में कुछ कहने और बताने की जरूरत ही नहीं है बहुत ही अच्छा फिल्म के मूड के हिसाब से उन्होंने बनाया है| लिरिसिस्ट: अमिताभ भट्टाचार्य ने गीत अच्छे लिखे हैं, दोनों ही परम सुंदरी और रिहाई दे| क्लाइमैक्स: बहुत ही बढ़िया बन पड़ा है| ओपिनियन: मस्ट वॉच! जितनी बार देखो उतनी बार कम है | बहुत ही बढ़िया है, आपका बार बार देखने का मन करेगा| मैसेज: सरोगेसी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो कि गलत है कहानी को काल्पनिक मानकर इग्नोर कर सकते हैं| रियल लाइफ में इसको फॉलो ना करें वैसे भी शुरआत में डिस्क्लेमर तो डाल ही दिया जाता है| फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: इस फिल्म को 6 नॉमिनेशंस मिले थे, नेशनल अवार्ड और फिल्मफेयर अवार्ड,दोनों ही फिल्म ने दो और तीन अवार्ड्स जीते थे, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट म्यूजिक, बेस्ट कोरियोग्राफी(परम सुंदरी), बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर श्रेया घोषाल(परम सुंदरी), में से बेस्ट एक्ट्रेस कृति सेनन ,बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर पंकज त्रिपाठी, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस साई तम्हनकर ने अवार्ड जीते| नेशनल अवार्ड में फिल्म ने बेस्ट एक्ट्रेस कृति सेनन (आलिया भट्ट को गंगूभाई काठियावाड़ के साथ) और बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर पंकज त्रिपाठी ने जीता| फ़िल्मकास्ट: कृति सेनन, पंकज त्रिपाठी, साई तम्हनकर, सुप्रिया पाठक, मनोज पाहवा, एवलिन एडवर्ड्स और एडन व्हीटॉक प्रोडूसर: दिनेश विजन, जिओ स्टूडियोज और कृति सेनन, डायरेक्टर: लक्ष्मण उतेकर, साउंड डिज़ाइन: बायलोन फोंसेका, कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा, म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर: ए आर रहमान, प्रोडक्शन डिज़ाइन: सुब्रत चक्रबर्ती और अमित रे, एडिटर: मनीष प्रधान, सिनेमेटोग्राफी: आकाश अग्रवाल, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, विजय गांगुली, लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य, डायलॉग्स: रोहन शंकर, स्टोरी एंड स्क्रीनप्ले: लक्मण उतेकर, रोहन शंकर, डायरेक्टर: लक्मण उतेकर Read the full article
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