#दबाव
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रक्तचाप क्या है || रक्तचाप का नियंत्रण कैसे करें।
रक्तचाप क्या है रक्तचाप शरीर के रक्त के दबाव को निर्दिष्ट करने वाला एक माप है। यह दबाव दो अंकों के रूप में मापा जाता है। उच्च रक्तचाप एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या होती है जो बीमारी या मृत्यु की एक प्रमुख वजह होती है। उच्च रक्तचाप अक्सर किसी अन्य समस्या का एक लक्षण होता है जैसे अस्थमा, मधुमेह और अन्य रोग। उच्च रक्तचाप के कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनमें शामिल हैं: तनाव, चक्कर आना, सिरदर्द, निंद ना आना,…
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फोन करके अधिकारी सवाल नहीं पूछने का दबाव बनाते हैं : शिल्पी नेहा
फोन करके अधिकारी सवाल नहीं पूछने का दबाव बनाते हैं : शिल्पी नेहा
रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को सत्ता पक्ष की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने सदन के अंदर एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें सवाल पूछने पर साजिश के तहत रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो तारांकित प्रश्न डाले थे लेकिन वह सदन में सवाल जवाब करने का मौका नहीं मिल पाया। कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पहली पाली के दौरान ज्यादा वक्त…
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Mental health: युवाओं में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं क्यों बढ़ रही हैं? क्या हैं समाधान!
चिंता के शिकार युवा Mental health: जानें कि क्यों युवाओं में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं और इनसे निपटने के उपाय। मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को समझें और स्वस्थ जीवन के लिए जागरूक रहें।आज के प्रतिस्पर्धी और तेज़-तर्रार जीवन में युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ना एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं न केवल उनके मानसिक…
#आर्थिक स्तिथि#परिवारिक दबाव#युवा मानसिक स्वास्थ्य#योग और ध्यान#शैक्षिक दबाव#सकारात्मक सोच#सोशल मीडिया का प्रभाव#स्वस्थ जीवनशैली
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चक्रासन के चामत्कारिक लाभ
चक्रासन, जिसे व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है!
चक्रासन के फायदे
1. पीठ के दर्द में राहत
यह आसन पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में सहायक होता है और शरीर के पोश्चर को सुधारता है, जिससे लंबे समय तक बैठने से होने वाले दर्द में राहत मिलती है।
2. पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना
चक्रासन में पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पेट के मसल्स टोन होते हैं और यह पाचन तंत्र को भी उत्तेजित करता है। इससे कब्ज और अन्य पाचन समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।
3. थकान और तनाव कम करना
यह आसन शरीर में ताजगी और ऊर्जा का संचार करता है और मस्तिष्क को शांत करता है। इससे मानसिक तनाव, थकान और अवसाद में राहत मिलती है।
4. कंधों और भुजाओं की ताकत बढ़ाना
��क्रासन के दौरान, कंधों और भुजाओं को सहारा देना पड़ता है, जिससे इन हिस्सों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
5. शरीर का रक्त परिसंचरण सुधारना
इस आसन के दौरान शरीर का रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में सहायक होता हैं!
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हैलो दोस्तो मेरा नाम राज है और मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में रहता हूँ। मेरे परिवार में मेरे पापा, मेरी मम्मी जिनका नाम सुमन है और मेरी एक छोटी बहन मनीषा है जिसे हम सब प्यार से मोना कहकर बुलाते है।
मेरा परिवार काफी साधारण है। हमारे पास ज्यादा जमीन जायदाद नहीं है। घर चलाने ��े लिए मैं और पापा दुकान पर काम करते है। काम करने के साथ साथ मैं पढ़ाई भी करता हूँ। हमारी जिंदगी में कोई गम नही है और हमारी जिंदगी काफी मजे से कट रही थी।
असली कहानी बहन की 10 वीं कक्षा पास करने के बाद से शुरू होती है। क्योंकि हमारे गांव में तब 10 वीं तक का ही स्कूल था और आगे पढ़ने के लिए हमें शहर जाना पड़ता था। बहन आगे और पढ़ना चाहती थी। बहन को आगे पढ़ाने में हममें से किसी को कोई एतराज नहीं था बस एक डर था।
डर ये था के हम जिस गांव में रह रहे थे उस गांव में से कई लड़कियां अपने आशिकों के साथ भाग कर शादी कर चुकी थी और इस मामले में हमारा गांव काफी बदनाम हो चुका था। हमे मोना पर तो पूरा विस्वास था पर क्या करें ये उम्र ही ऐसी थी के अगर इसमें कोई मोना को भुला फुसलाकर भगा कर ले जा सकता था और हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ सकती थी।
फिर एक दिन शाम को मैं, मम्मी और पापा एक साथ बैठे थे तो मम्मी ने मुझसे कहा के तुम और तेरी बहन शहर में एक कमरा ले लो वहीं रहो। इससे मोना पढ़ भी लेगी और तुम भी वहीं से सीधे काम पर चले जाया करो। फिर मम्मी ने अपनी चिंता बताते हुए कहा के तू मोना का अच्छे से ध्यान रखना कहीं वो किसी लड़के के चक्कर मे ना पड़ जाए। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं ध्यान रखूंगा।
फिर पापा जहां नौकरी करते थे उस सेठ का एक पुराना घर था जो कि अब खाली पड़ा था। फिर पापा ने सेठ से उस घर मे रहने के लिए बात की तो सेठ बोला के मैं वो घर बेच रहा हूँ। घर बिकने तक तुम उस घर मे रह सकते हो। इसके लिए सेठ हमसे कोई किराया भी नहीं लेने वाला था। इस प्रकार हमारा फ्री में ही रहने का जुगाड़ हो गया था। फिर पापा ने कहा के सेठ का वो घर इतनी जल्दी बिकने वाला नहीं है। सेठ उसे बेचने के लिए काफ़ी टाइम से कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक तो कोई उस घर को लेने के लिए तैयार नहीं हुआ है। क्योंकि सेठ का वो घर सड़क से थोड़ा दूर है और वहां ज्यादा लोग रहते भी नहीं है।
फिर कुछ दिन बाद ही हमारी जरूरत का सब सामान वगैरह लेकर हम उस घर मे रहने चले गए। घर रहने लायक था। हमने थोड़ी साफ सफाई की और बिजली, पानी की तो पहले से ही वहां व्यवस्था थी। फिर मैंने बहन का एक गर्ल्स स्कूल में एडमिशन करवा दिया। तब बहन की उम्र 16 साल की थी और उसे खाना वगैरह सब बनाना आता था। फिर वो स्कूल में जाने लगी और मैं अपने काम पर चला जाता। फिर जब मोना के स्कूल की छुट्टी होती तो मैं उसे लेकर कमरे पर आ जाता। फिर मुझे कोई काम होता तो मैं वापिस चला जाता वरना कमरे पर ही रहता।
मोना ने साफ सफाई करके सब सामान ��च्छे से सेट कर दिया था। तब गर्मियों के दिन थे और लाइट भी वहां कम ही रहती थी तो मैं और मोना जाकर छत पर सो जाते थे। मैं तो बस अंडरवियर में रहता और कुछ नहीं पहनता। मोना सलवार सूट में रहती। वो नीचे कुछ नहीं पहनती जिसके कारण उसके निपल दिखाई देते रहते थे। मोना भी मेरे अंडरवियर में खड़े लंड को नोटिस कर लेती पर कहती कुछ नहीं थी। मोना काफी बातूनी थी। वो मुझे अपने स्कूल की सब बातें बताती और मैं भी उसे सब बात बताता। हम आपस मे काफ़ी बातें करते।
पापा अपने काम बिजी होते तो वो हमारे पास ज्यादा नहीं आते थे। शनिवार के दिन मैं मोना को लेकर गांव चला जाता और फिर रविवार को शाम को वापिस आ जाता। हमारी जिंदगी काफी अच्छे से गुजर रही थी। मैं अपने फोन में काफ़ी हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो रखता और उन्हें देखकर कई बार अपना लंड भी हिला लेता था। मेरा फोन मेरी बहन भी इस्तेमाल करती थी तो वो भी उन हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो देख लेती थी पर कहती कुछ नहीं थी।
मम्मी का फोन रोज शाम को आता था। फिर हम मम्मी से बात करते। बात करने के बाद भी मैं और बहन एक दुसरे से काफी बात करते और देर रात तक हम दोनों फोन में वीडियो औऱ मूवी वगैरह देखते रहते। क्योंकि अब मम्मी पापा तो थे नहीं तो हमे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। हम रात को छत पर गद्दे लगाकर एक साथ ही सोते थे तो मोना मुझसे चिपक कर सो जाती थी। जिससे मुझे बहुत अच्छा लगता था।
फिर दिन बस यूं ही निकलने लगे। शहर आने के बाद हम दोनों भाई बहन का वापिस घर जाने का मन ही नहीं करता था। इस कारण फिर हम बस महीने में एक या दो बार ही घर जाते थे। मोना अपनी पढ़ाई का और मैं अपने काम का बहाना बना देते फिर मम्मी हम पर घर आने का ज्यादा दबाव नहीं बना पाती थी।
मेरा एक दोस्त था जिसकी मोबाइल की शॉप थी। फिर उससे मैं अपने फोन में हॉलीवुड मूवी भरवाकर ले आता था। इन मूवीज में चूमा चाटी और सेक्स वगैरह के काफी सीन होते थे। हम दोनों भाई बहन को मूवी देखने का बहुत चाव था। जब मूवी में कोई किसिंग सीन आते तो हम फिर वो भी बिना किसी शर्म के देखते रहते। इन मूवीज में लड़कियों का ब्रा पैंटी में दिखना आम बात थी। मेरे दोस्त ने मेरे फोन में भी काफी सारी ऐसी मॉडल की फ़ोटो डाल दी थी जो कि बस ब्रा पैंटी पहने थी।
मुझे वो सब मॉडल बहुत ज्यादा सेक्सी लगती थी। इस कारण मैंने उनमे से एक लड़की की फ़ोटो का वॉलपेपर लगा दिया। जिसे देखकर मोना ने कुछ नहीं कहा। कई बार मोना भी चुपके चिपके उन मॉडल्स की फ़ोटो वगेरह देखती रहती। हम दोनों भाई बहन अब पहले से ज्यादा खुल चुके थे। कई हॉलीवुड मूवी में तो लड़कियां पूरी नंगी भी हो जाती थी। जिन्हें हम दोनों भाई बहन आंखे फाड़ फाड़ कर देखते।
ऐसे सीन देखकर तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। तब मैं सिर्फ अंडरवियर में ही होता तो मोना मेरी अंडरवियर में बने तम्बू को देखकर मुस्कुराने लग जाती। फिर कई बार तो मैंने मोना के सामने ही अपने खड़े लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़कर दबाने लगता। ये देखकर मोना इसे थोड़ा अनदेखा कर देती। फिर कई बार रात को मेरे लंड का पानी निकल जाता और मेरा अंडरवियर भीग जाता। जिसे देखकर भी मोना कुछ नहीं कहती और बिना सवाल किए मेरे अंडरवियर को धो देती।
इस तरह धीरे धीरे हम दोनों भाई बहन के बीच से सब पर्दे हटते जा रहे थे। मैं जहां काम करता था वहां मेरे कई दोस्त थे। हममें से किसी की गर्लफ्रैंड नहीं थी और हम सारा दिन आपस मे बस चुदाई की ही बातें करते रहते थे। जब भी मार्केट में कोई सुंदर लड़की या औरत देखते तो चुपके से उसकी फोटो ले लेते और फिर हम सब मिलकर फ़ोटो देखकर लंड हिलाते। फिर एक दिन मेरे उस मोबाइल शॉप वाले दोस्त ने मेरे फोन में मूवी के साथ साथ पोर्न ���ूवी भी डाल दी और काफी सारी नंगी लड़कियों के फोटो डाल दिये। मैंने सोचा आज तो ये सब देखकर खूब मूठ मारूंगा।
फिर घर पर आने के बाद रात को मैं और मोना लेटे थे। फिर मोना मेरा फोन लेकर मूवी देखने लगी। फिर उसके सामने वो सब नंगी लड़कियो की फ़ोटो और वीडियो वगेरह आ गई। फिर एक वीडियो गलती से चल भी गई और मोबाइल की आवाज तेज होने के कारण आवाजें जोर से सुनाई देने लगी। फिर मैंने जल्दी से मोना के हाथ से मोबाइल लेकर मूवी चला दी और फिर हम दोनों वो मूवी देखने लगे। उस दिन मुझे मोना के सामने थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई। लेकिन मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। फिर मैं भी वो बात भूल गया। लेकिन मैंने वो सब फ़ोटो और वीडियो मोबाइल से डिलीट नहीं किये और ना ही हाईड किये।
रात को मोना के सोने के बाद मैं छत पर ही एक कोने में जाकर उन्हें देखकर मुठ मारता था। फिर एक दिन रात को मैं जल्दी सो गया था और मोना फोन में मूवी देख रही थी। फिर थोड़ी देर बाद जब मुझे जाग आई तो मैंने चुपके से देखा तो मोना उन नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। ये देखकर मैंने पता नहीं क्यों उसे कुछ नहीं कहा और फिर से सो गया। लेकिन फिर भी मैंने वो सब डिलीट नहीं किये।
मोना के स्कूल की छुट्टी होने के बाद मैं मोना को स्कूल से लेकर आता तो उसके साथ उसकी कई सहेलियां भी होती। उनमे से मुझे उसकी एक सहेली अच्छी लगने लगी थी और मैं उसे देखता रहता था। ये बात मोना को भी पता थी। फिर एक दिन जब मैं मोना को लेकर घर पर आया तो मोना ने मुझसे कहा के तुम्हे मेरी सहेली अच्छी लगती है क्या। तुम्हारी उसके साथ सेटिंग करवाऊं क्या। मोना की ये बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा। फिर मोना बोली के तुम्हें उसकी बहुत जरूरत है। फिर मैंने मोना से हंसते हुए कहा के नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तो उसे बस ऐसे ही देखते रहता हूँ। फिर मैंने मोना से पूछा के तुम्हे है क्या कोई लड़का पसंद। फिर मोना कहती है के हां है ना। फिर मैंने पूछा के कौन। फिर वो बोली के तुम। ये कहकर मोना जोर जोर से हंसने लग जाती है।
फिर मैं जाकर मोना के गले लग जाता हूँ। फिर उसी टाइम मोना मेरी पेंट की जेब से मेरा फोन निकाल लेती है और फिर जैसे ही फोन को ऑन करती है तो उसे एक नंगी लड़की का वॉलपेपर लगा मिलता है। तभी मेरी नजर ��ी फोन पर पड़ती है और फिर मैं फोन हाथ मे लेकर कहता हूं के मेरे किसी दोस्त ने लगा दिया होगा। लेकिन सच्चाई ये थी के वो वालपेपर मैंने ही लगाया था। हम सभी दोस्त ऐसे ही वालपेपर लगाए रखते थे और घर जाने से पहले चेंज कर लेते थे लेकिन आज मैं भूल गया था।
फिर उस दिन भी मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। लेकिन उस दिन मुझे कुछ ज्यादा शर्म महसूस नहीं हुई। फिर उस दिन रात को मैं सोया हुआ था। फिर आधी रात को मुझे जाग आई तो तब कमरे में लाइट जल रही थी और मोना भी पास में नहीं थी। फिर मैं उठकर सीधे ही कमरे के अंदर चला गया तो देखा के मोना पूरी नंगी होकर एक तकिए को अपनी दोनो टांगो के बीच मे लेकर बैठी थी और अपनी चुत को तकिए पर रगड़ रही थी। वहीं मेरा फोन रखा हुआ था और उसमें एक पोर्न मूवी चल रही थी। जिसमे एक आदमी औरत को घोड़ी बनाकर चोद रहा था। ये सब देखकर मेरी आँखें फ़टी की फटी रह गई और मोना भी बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने उसे कहा के अगर हो गया हो तो बाहर आकर सो जाओ।
फिर मैं कमरे से बाहर आकर लेट गया लेकिन मेरे मन मे मोना का नंगा बदन ही घूम रहा था। फिर थोड़ी देर बाद ही मोना कपड़े पहनकर आई और मेरे पास लेट गई। फिर अगले दिन सन्डे था और मोना मुझसे आंख भी नहीं मिला पा रही थीं। मुझसे ये सहन नहीं हो रहा था। फिर मैं मोना का हाथ पकड़कर उसे कमरे में ले गया और उससे खुलकर बात करने लगा। मैंने उससे कहा के इस उम्र में ये सब आम बात है। मैं भी करता हूँ। इसमें शर्माने वाली कोई बात नहीं है। अब हम भाई बहन से ज्यादा दोस्त है। तुम मुझसे खुलकर बात कर सकती हो। मुझे बस तुम्हारी फिक्र है। कहीं तुम किसी ऐसे वैसे लड़के के चक्कर मे पड़कर अपनी जिंदगी ना खराब कर लो। फिर मोना कहती है के मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी। मुझे कोई लड़का पसंद भी आएगा तो मैं तुम्हे बता दूँगी। मैं हमारे घर की इज्जत का पूरा ख्याल रखूंगी। फिर इतना कहकर वो मेरे गले से लग जाती है।
फिर मैंने मोना से कहा के तुम मेरी बहन हो पर साथ मे एक लड़की भी हो। तुम्हारी भी जरूरते है। अगर तुम्हें कभी कुछ करने का मन हो तो मेरे फोन ले लेना। इस पर मोना भी कहती है के तुम्हे भी अब मुझसे कुछ छुपाकर रखने की जरूरत नहीं है। तुम्हे अपने फोन में जो रखना हो वो रखो और जो करना हो वो करो। मैं इसके बारे में मम्मी पापा को कुछ नहीं बताऊंगी। ये सुनकर मैं बोला के बहन हो तो तुम्हारे जैसी। फिर हम दोनों हंसने लग जाते है।
फिर उस दिन मैं और मोना शाम को खाना खाने बाहर गए और फिर हमने सिनेमा में फ़िल्म भी देखी। उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे। फिर उस दिन रात को हम देर से घर आये और आते ही सो गए। मैंने कपड़े उतारते टाइम अंडरवियर भी साथ मे उतार दिया गलती से और पूरा नंगा होकर सो गया। फिर रात को नींद में मैं मोना से चिपक कर सो गया था और लंड मोना की गाँड पर रगड़ने लगा था और फिर झड़ गया था। मुझे रात को सपना आया जैसे मैं किसी को लड़की को चोद रहा हूँ। फिर सुबह जब मोना मुझे चाय देने आई तो तब मैं बिल्कुल नंगा ही अपना लंड पकड़कर सो रहा था। फिर मोना ��े मुझे जगाया तो मुझे सब बात समझ मे आ गई। फिर मैंने मोना के कुर्ते पर अपना पानी लगा हुआ देखा। फिर इस सबके लिए मैंने मोना से सॉरी कहा तो मोना ने हँसकर बात को टाल दिया जैसे के कुछ हुआ ही ना हो।
मोना की कई सहेलियां चुदाई की गंदी बाते करती और फिर वो सब बातें बहन आकर मुझे भी बताती। फिर मैं भी मोना को अपने दोस्तों की बातें बताता। मोना तो मुझे ज्यादा खुलकर नहीं बता पाती थी लेकिन मैं मोना को सब खुलकर बताता। अब मैं फोन में मेरी मनचाही लड़की की नंगी फ़ोटो का वालपेपर लगाता और कमरे में जाकर नंगा होकर कभी भी मुठ मारने लग जाता। लेकिन मोना रात को ही नंगी होकर मुठ मारती थी। मैं दिन में मुठ मारता तो मोना मुझे कई बार मुठ मारते हुए देख चुकी थी। कई बार वो मुझे चोरी छुपे भी मुठ मारते हुए देखती। इसी तरह मैं भी रात को कई बार मोना को नंगी मुठ मारते हुए देखता। एक बार तो मोना ने मुझे पकड़ लिया और कमरे का दरवाजा खोलकर मेरे सामने नंगी खड़ी हो गई और बोली के आ जाओ अंदर आकर देख लो आराम से। फिर मैंने मोना से कहा के मैने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा है। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारी बहन और गर्लफ्रैंड दोनो हूँ। तुम्हे मुझसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
फिर मैंने भी मोना को अच्छे से देखा और उसके सामने ही खड़े होकर मुठ मारने लगा और फिर झड़ गया। उधर मोना भी उंगली करने लगी और झड़ गई। उस दिन के बाद हमारी शर्म बिल्कुल चली गई। अब हम एक दुसरे के सामने कपड़ो का जरा भी ख्याल नहीं रखते। लेकिन मेरे साथ सोते टाइम बहन अभी भी सलवार सूट पहनकर ही सोती थी। फिर एक रात मोना मेरा फोन लेकर नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। फिर एक लड़की की फ़ोटो आई जो कि मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी। फिर मैं मोना से बोला के ये औरत देख कितनी मस्त है। इसके बोबे भी बहुत मस्त है। फिर मोना फ़ोटो आगे देखती गई। तभी एक पोर्न वीडियो आ गई और फिर हम दोनों वो पोर्न वीडियो देखने लगे। फिर मैं मोना से बोला के इसमे ये औरत देख कितनी मस्ती से चुदवा रही है। फिर मोना भी बोली के ये आदमी भी बहुत मस्त है। इसका हथियार भी काफी बड़ा है।
इस तरह हम दोनों भाई बहन उस पोर्न वीडियो के मजे लेने लगे। फिर मैं तो अपना लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा और मोना ने भी अपनी सलवार ढीली करके अपनी चुत सहलाने लगी। वो वीडियो देखते देखते हम दोनों का पानी निकल गया और फिर हम वैसे ही सो गये। तब तक हमारा एक दुसरे से चुदाई करने के बारे में बिल्कुल भी ख्याल नहीं आया था।
फिर मैं मार्केट से सेक्सी मॉडल्स के पोस्टर लेकर आया जिसमे वो सब ब्रा पैंटी में थी। फिर वो सब पोस्टर मैंने कमरे में चिपका दिए। अब मैं और बहन एक दुसरे से पूरी तरह से खुल चुके थे। फिर मोना ने मुझसे कहा के तुमसे एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगे। फिर मैं बोला के हां बोल ना। मैं बिल्कुल भी बुरा नहीं मानूगा। फिर मोना कहने लगी के मुझे भी इन सब मॉडल्स की तरह मॉडल बनना है और ऐसे छोटे कपड़े पहनने है। तुम घर मे सारा दिन अंडरवियर में रहते हो मेरा भी मन करता है के मैं भी सिर्फ ब्रा पैंटी में रहूँ। मुझे अपनी बहन ना सही पर गर्लफ्रैंड समझकर ही ये कर लेने दो। फिर मैंने मोना से कहा के तुम्हारा मन करे वैसे रहो। मैं कुछ नहीं कहूँगा। मेरी बात सुनकर मोना बहुत खु�� हुई।
फिर वो तभी एक ब्रा पैंटी पहनकर और थोड़ा सज संवरकर आ गई। मोना तब बहुत सेक्सी लग रही थी। मेरा मन तो लंड हिलाने का कर रहा था। मोना मेरे मन की बात समझ चुकी थी। फिर वो बोली के मुठ मार लो मैं कुछ नहीं कहूंगी। फिर मैं जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा और मोना मुझे देखकर हंसने लगीं। मोना अब हर दम ब्रा पैंटी में ही रहने लगी। इससे वो काफ़ी ज्यादा खुश थी। एक बार रात को वो उसनेअपनी ब्रा भी निकाल दी और सिर्फ पैंटी पहनकर सोई। तब गर्मी के दिन थे तो उसे उस रात काफ़ी अच्छी नींद आई। फिर सुबह मोना ने मुझे इस सबके किये धन्यवाद दिया और बोली के वो इसे जिंदगी भर नही भूलेगी।
फिर इससे अगली रात मैंने उसे पैंटी ऊतारकर बिल्कुल नंगी होकर सोने के लिए कहा। क्योंकि अब हम एक दुसरे को कई बार नंगा देख चुके थे। फिर मोना ने वैसे ही किया। उस रात मैंने मोना को देखकर कई बार मुठ मारी। तब मैं मोना को देखकर मुठ मारकर ही खुश था। फिर मार्केट से मोना अपने लिए कई अलग अलग रंग और डिज़ाइन की ब्रा पैंटी लेकर आई। उन ब्रा पेंटी में तो मोना और भी ज्यादा खूबसूरत लगती थी। मोना को ऐसी ब्रा पैंटी पहनकर अच्छा लगता था और मुझे मोना को ऐसी ब्रा पैंटी में देखकर।
फिर मोना के स्कूल में कुछ दिनों की छुट्टियां हो गई और फिर मैं भी कुछ दिनों की छुट्टी लेकर मोना को लेकर गांव चला गया। मम्मी पापा हम दोनों को देखकर काफ़ी खुश हुए। अब मैं और मोना भी बहुत खुश थे। तब भयंकर गर्मी पड़ रही थी। रात को कूलर लगाकर हम सब एक साथ ही अलग अलग चारपाई पर सोते। पहले पापा सोते, फिर मम्मी, मैं और सबसे आखिर में मोना सोती। पापा मम्मी तो खाना खाकर जल्दी ही सो जाते। लेकिन मुझे और मोना को देर से सोने की आदत थी तो हमे नींद ही नहीं आती थी। फिर हम ऐसे ही एक दूसरे से धीरे धीरे बातें करके टाइम पास करते।
घर पर आने के बाद मैं तो फिर भी घर मे पापा मम्मी के सामने अंडरवियर में रह लेता था लेकिन मोना ब्रा पैंटी में नहीं रह सकती थी। लेकिन उसे ब्रा पैंटी पहनने की बहुत इच्छा हो रही थी। फिर एक दिन रात को हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी और पापा मम्मी गहरी नींद में थे। फिर तब मैंने मोना से ब्रा पैंटी पहनकर आने के लिए कहा तो फिर वो बोली के पापा मम्मी जाग गये तो क्या होगा। फिर मैंने कहा के कुछ नहीं होगा। वो नहीं जागेंगे। वो गहरी नींद में है। फिर मोना उठकर अंदर कमरे में चली गई और कुछ देर बाद सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर आकर चारपाई पर लेट गई। मोना को ब्रा पेंटी में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे रात मैं भी मोना का बदन अच्छे से दिखाई दे रहा था।
लेकिन तब मोना चारपाई पर लेटी हुई थी। जिस कारण मुझे उसका बदन अच्छे से नहीं दिखाई दे रहा रहा। फिर मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया। मैंने उसे मेरे लिए पानी लाने के लिए कहा। फिर उसने पहले तो मना कर दिया। क्योंकि घड़ा पापा की चारपाई के पास में था। फिर मैंने मोना को थोड़ा सा जोर देकर कहा तो वो मान गई। फिर वो उठी और चुपके से घड़े से पानी का ग्लास भरकर लाने लगी। तब मैं उसे ही देख रहा था। एक 16-17 साल की जवान लड़की अपने ही घर मे ब्रा पैंटी में घूम रही थी। मोना का फिगर भी अच्छा था। फिर उसने मुझे पानी दिया और फिर ग्लास वापिस घड़े पर रखकर आने लगी तो फिर मैंने उसे आंगन में घूमने के लिए कहा। तो फिर वो आंगन में घूमने लगी।
फिर उसने ��ुद ही अपनी ब्रा और पैंटी खोल दी और फिर नंगी ही घूमने लगी। उसे नंगी देखकर मैं अपना लंड जोर से हिलाने लगा और फिर झड़ गया। मेरे झड़ने के बाद फिर वो अपनी ब्रा पैंटी लेकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर आकर लेट गई। फिर वो हँसकर बोली के आज उसे काफ़ी मजा आया। अब से रोज वो ऐसा ही करेगी। ये सुनकर मैं भी काफी खुश हुआ।
दिन में पापा तो दुकान पर काम करने चले जाते और मम्मी सब काम वगैरह करके दुसरे कमरे में सो जाती है। मैं और मोना दूसरे कमरे में सोते। लेकिन हमें नींद नहीं आती थी तो हम आपस मे खूब बातें करते और फिर पोर्न वीडियो देखकर मुठ भी मार लेते। अब मैं और मोना मिलकर पोर्न वीडियो देखने लगे थे। मम्मी दोपहर को काफी देर आराम करती और कई बार वो दोपहर को बातें वगैरह करने के लिए पड़ोस में किसी के घर चली जाती और फिर वो दोपहर बाद ही आती थी। इस कारण हमें काफी टाइम मिल जाता था। फिर तब मोना सब कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी पहन लेती और मैं अपना अंडरवियर खोलकर बिल्कुल नंगा हो जाता। फिर मोना भी ब्रा पैंटी खोल देती और फिर हम एक दुसरे के सामने अपने लंड और चुत सहलाकर अपना पानी निकाल देते। ऐसा हम लगभग रोज ही करते थे।
अब मोना की हिम्मत काफी बढ़ चुकी थी। रात को जब हम सोते तो मम्मी पापा जाग रहे होते तब भी मोना किसी तरह अपने सब कपड़े निकालकर सिर्फ ब्रा पैंटी में सो जाती और अपने ऊपर कम्बल ले लेती। हम सब आपस मे बाते करते रहते और मोना ऐसे ही लेटी रहती। फिर एक बार तो मोना ने अपनी ब्रा पैंटी भी खोल दी और फिर नंगी ही लेट गई। वो बीच बीच मे मम्मी के साथ बातें भी कर रही थी। ऐसा तो लगभग अब रोज होने लगा था। फिर मम्मी पापा के सो जाने के बाद बहन आंगन में घूमने लग जाती। मैं भी तब अपना अंडरवियर निकालकर नंगा हो जाता। फिर हम दोनों कमरे में जाकर पोर्न वीडियो देखकर मुठ मारते और फिर आकर सो जाते। इस तरह हम अब दिन रात मस्ती करते थे और इसमें हमे बहुत मजा आता था।
फिर एक रात मम्मी पापा सो चुके थे और मैं और मोना अपनी अ���नी चारपाई पर नंगे होकर लेटे हुए थे और आपस मे ऐसे ही बाते कर रहे थे। फिर मोना नंगी ही उठकर पानी पीने गई और फिर वो पानी पीकर वापिस आई तो फिर मैंने मोना का हाथ पकड़कर उसे अपनी चारपाई पर खींच लिया। फिर वो मेरी चारपाई पर मेरे ऊपर आकर गिर गई। चारपाई छोटी थी तो फिर हम दोनों एक दुसरे से चिपके हुए थे। फिर अचानक मोना का हाथ मेरे लंड पर चला गया और वो मेरे लंड को हिलाने लगी। मुझे मजा आने लगा। फिर मोना मेरी तरफ पीठ करके लेट गई तो फिर मैं भी मोना के पीछे से चिपक कर लेट गया और मेरा लंड मोना की दोनो टांगो के बीच मे जाकर घुस गया और फिर मैं लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों काफ़ी गर्म हो गए।
फिर मैं मोना को लेकर कमरे में चला गया और फिर फोन में एक पोर्न वीडियो चालू कर दी। फिर मैंने मोना से मेरा लंड हिलाने के लिए कहा तो फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और तब तक हिलती रही जब तक कि मेरे लंड से पूरा पानी ना निकल गया हो। फिर मैं तो शांत हो क्या लेकिन मोना पूरी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने मोना को लेटने के लिए कहा तो वो लेट गई और फिर मैं मोना की चुत सहलाने लगा और एक दो उंगली मोना की चुत में भी डाल दी। जिससे मोना उछल पड़ी। मोना को ऐसे काफ़ी मजा आ रहा था। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद मोना झड़कर शांत हो गई। उस दिन उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी। उस दिन हमने एक दुसरे के लण्ड चुत को छुआ था और ��में काफ़ी मजा आया था।
फिर इसके बाद तो मोना जब चाहे मेरा लंड पकड़ लेती और हिलाने लग जाती। मैं भी मोना की चुत उसकी सलवार में हाथ डालकर सहलाने लग जाता। फिर मैंने उसके छोटे छोटे बोबो को भी दबाया। जिसमे मुझे बहुत मजा आया। अब लगभग हमारा हाथ एक दुसरे की चुत और लंड पर ही होता।
मोना की छुट्टियां तो कई दिनों की मिली थी लेकिन फिर मैं और मोना कोई बहाना लगाकर छुट्टियां खत्म होने से पहले ही वापिस शहर आकर रहने लगे। छुट्टियां अभी पड़ी थी तो हम दोनों सारा दिन नंगे रहते और खूब मस्ती करते। मेरे फोन में जो चुदाई के वीडियो थे वो वीडियो हम कई बार देख चुके थे। फिर मैं मेरे दोस्त से नए वीडियो डलवाकर ले आया। इस बार उसने काफ़ी ज्यादा वीडियो डाल दिये थे। फिर वो सब वीडियो मै और मोना सारा दिन देखते रहते। उन वीडियो में लड़का लड़की एक दूसरे की चुत और लंड को चाट ते और मस्ती करते। वो अलग अलग पोज में चुदाई करते।
फिर उन्हें देखकर मैं भी मोना की चुत चाटने लगा और मोना भी बड़े चाव से मेरे लंड को चुसने लगी। फिर तो हम एक दुसरे के साथ उल्टे होकर सोते और सारा दिन एक दुसरे की चुत और लंड चुसते रहते। मैं तो मोना का गाँड का छेद भी चाट ने लग गया था। दिन प्रतिदिन मोना मुझे काफी सेक्सी लगती जा रही थी।
उधर मोना को स्कूल में और मुझे अपने दोस्तों से चुदाई का भरपूर ज्ञान मिल रहा था और फिर वो ज्ञान हम कमरे पर आकर एक दुसरे के साथ आजमाते। अब मैं और मोना एक दुसरे के बदन को खूब चूमते चाटते। फिर एक दिन मैंने मोना को घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से उसकी चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों को काफ़ी मजा आया। फिर मोना मेरे लंड पर अपनी चुत रखकर बैठ गई और फिर अपनी चुत मेरे लंड पर रगड़ने लगी। जिससे कि हम दोनों एक साथ झड़ जाते। इस तरह हम चुदाई की अलग अलग पोजीशन ट्राय करने लग गए थे।
फिर कुछ दिन ऐसे करने के बाद मुझे और मोना को लगा के अब हमें चुदाई कर लेनी चाहिए। फिर एक बार स्कूल की छुट्टी के बाद मैं और मोना कमरे पर जा रहे थे पैदल ही। फिर मैंने मोना से कहा के आज चुदाई करें। ये सुनकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर वो बोली के 2 दिन बाद मेरा जन्म दिन आने वाला है। हम उस दिन करेंगे। फिर मैंने कहा के ठीक है। फिर रास्ते मे चलते चलते ही मोना ने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर मेरे लंड को सहलाने लगी। वो रास्ता सुनसान था। उस रास्ते पर ज्यादा लोग नहीं आते जाते थे।
फिर मैंने मोना से अपनी चुत दिखाने के लिए कहा। तो फिर मोना सलवार खोलकर वहीं रास्ते के एक साइड में बैठ गई और पेशाब करने लगी। उसकी चुत से निकलता हुआ पेशाब मुझे बहुत मजा दे रहा था। फिर मैंने उसकी पेशाब की धार में अपनी एक उंगली की और फिर मेरी उंगली उसके पेशाब से भर गई और फिर मैं वो उंगली चुसने लगा। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर उस दिन रात को जब मैं मोना की चुत चाट रहा था तो मोना पेशाब करने लगी और फिर मैं उसका पेशाब पीने लगा। फिर मैं खड़ा होकर उस पर पेशाब करने लगा तो वो मेरे पेशाब से अपने मुंह को धोने लगी। फिर पेशाब करने के बाद वो मेरे लंड को चुसने लगी।
फिर उस रात हम ऐसे ही सो गए। अब हम सब काम एक साथ करने लगे थे। हम साथ ही टॉयलेट जाते, साथ मे नहाते। अब मैं और मोना दोनो ही चुदाई कर���े के लिए तैयार थे। हमें चुदाई के बारे में सब कुछ ज्ञान हो गया था। अब तो हमे बस मोना के जन्मदिन का ही इंतजार था।
अब मैं और मोना एक दुसरे के साथ नंगे ही सोते और मोना सुबह उठकर मेरे खड़े लंड पर किस करती और कई बार चूस भी देती। मैं भी मोना की चुत पर किस करता और चाटता। हम अब पोर्न मूवी देखकर सब कुछ सीख चुके थे। फिर मैं और मोना लिप किस करते। मैं मोना के होंठो को चूस चूसकर पूरा निचोड़ लेता। मोना भी मेरा पूरा साथ देती। फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर अपनी चुत पर घिसने लग जाती और कभी कभी तो लंड का टोपा चुत में भी डाल देती। मोना की चुत में मेरा लंड देखकर मैं तो बिल्कुल पागल ही हो जाता। फिर मैं जैसे ही लन्ड अंदर डालने लगता तो मोना मेरा लंड बाहर निकाल देती।
हालांकि वो भी लंड लेने के लिए बेकरार थी पर वो सिर्फ अपने जन्मदिन पर ही मुझसे चुदना चाहती थी। मोना तब 15 साल की थी और उसे 16 वां साल लगने वाला था। यानी मोना को जवानी चढ़ते ही लंड मिलने वाला था। अभी मोना के जन्मदिन में पूरे 2 दिन पड़े थे। हम गांव में रहते थे तो हमने कभी जन्मदिन पर केक वगैरह नहीं काटा था। फिर मोना और मैंने प्लान बनाया के अबकी बार हम उसका जन्मदिन केक काटकर मनाएंगे। मोना और मैं एक दुसरे से बहुत प्यार करने लगे थे। हम भूल चुके थे के हम भाई बहन है। एक बार मोना मेरे गले लगकर बोली के अब से मैं बस तुम्हारी है। तुम मेरे साथ जो करना चाहो कर सकते हो। फिर उस दिन मैंने मोना के मुंह मे अपना लंड उसके गले तक डाल दिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। जिससे उसकी आँखों मे आंसू आ गए। फिर मैंने इसके लिए उससे सॉरी भी मांगा लेकिन फिर वो बोली के मुझे ऐसे अच्छा लगा था।
हमने एक वीडियो देखी थी जिसमे एक आदमी औरत को पीटता है और फिर उसकी चुदाई करता है। फिर एक दिन मैंने मोना की गाँड पर काफी थप्पड़ मारे। जिससे उसे काफी दर्द हुआ पर उसे मजा भी बहुत आया। इस तरह फिर हम चुदाई में एक दूसरे की पसंद नापसंद जानने लगे। मुझे भी इस तरह मोना को तड़पाने में मजा आता था। लेकिन चुदाई करने के मामले में मेरी पसंद थोड़ी अलग थी।
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ काम कर रहा था। उस दिन काम ज्यादा नहीं था तो फिर हम सब बैठकर एक पोर्न वीडियो देखने लगे। जिसमे 4-5 मर्द मिलकर एक लड़की को चोद रहे थे और उसके साथ मस्ती कर रहे थे। फिर उस रात मुझे एक सपना आया जिसमे मैंने देखा के उस वीडियो की तरह ही मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोना की चुदाई कर रहा हूँ और मोना भी खूब मजे ले रही है। ये सपना देखकर फिर उस रात मेरा पानी भी निकल गया। फिर सुबह जब मैं उठा तो मैंने सपने के बारे में मोना को बताया।
ये सुनते ही मोना की चुत तो गीली हो गई और फिर वो अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना बोली के पहले तुम अपना लंड तो डालो बाकी के बारे में बाद में सोचेंगे। यानी कि मोना की भी इसमें सहमति थी। फिर मैंने मोना को अपने गले से लगाया। मोना भी अब पूरा खुलकर मजे लेने के मूड में थी। फिर मैं और मोना मिलकर उसके जन्मदिन की प्लानिंग करने लगे। मोना पहली बार मेरा लंड बिना कंडोम के लेना चाहती थी तो उसने कंडोम ��ाने से मना कर दिया और गर्भ निरोधक टेबलेट लाने के लिए कहा। फिर हमने कुछ और भी सामान की लिस्ट बनाई।
फिर मैंने मोना से कुछ दिन के लिए स्कूल से छुट्टी लेने के लिए कहा। ताकि हम पूरी तरह से एन्जॉय कर सके। मैंने भी मोना के जन्मदिन के लिए कुछ सोच रखा था। मैं हमारी पहली चुदाई को यादगार बनाना चाहता था। ताकि मोना को हमारी चुदाई हमेशा याद रहे। इसलिए मैं उसे एक ऐसा गिफ्ट देना चाहता था जो कि हमेशा उसके पास ही रहे। पर ऐसा क्या गिफ्ट दूं ये मुझे समझ नहीं आ रहा था।
अगले दिन ही मोना का जन्मदिन था तो उस दिन मोना ने छुट्टी ले ली थी। फिर उस दिन सुबह जब मोना उठी तो फिर उसे मैंने विश किया और उसे गले से लगाया। मोना उस दिन घर पर ही रहकर शाम को हमारी होने वाली चुदाई के लिए तैयारी करने वाली थी। पहले उसने सब काम किया और फिर उसने अपने पूरे बदन पर हल्दी का लेप लगाया ताकि उसका बदन एक दम मुलायम हो जाये। फिर मैं मार्केट आ गया और मैं गिफ्ट के बारे में सोचने लगा। फिर मैंने एक गिफ्ट ले लिया। मैंने क्या गिफ्ट लिया ये आपको बाद में पता चल जाएगा। फिर मैंने मेडिकल से गर्भ निरोधक टेबलेट और कंडोम वगैरह भी ले लिए। ताकि बाद में कोई दिक्कत ना आये। फिर शाम को आते टाइम मैं फूल और रंग बिरंगी लाइट और केक लेकर घर आ गया।
फिर घर पर आया तो देखा के मोना ने तैयार होना शुरू कर दिया था। फिर मैंने भी छत पर जाकर तैयारी करनी शुरू कर दी। मैंने एक अच्छा सा बिस्तर लगाया और बिस्तर पर फूल बिछाए और आसपास रंग बिरंगे बल्ब लगाए। फिर मैं भी नहाकर तैयार होने लगा। जब मैं नहाकर आया तो मैंने सोचा के पहनू क्या। पहनने के बारे में तो मैंने कुछ सोचा ही नहीं था। फिर मैं पहनने के बारे में पूछने के लिए मोना के पास गया तो मोना ने अंदर से गेट बंद कर रखा था और फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली के कुछ मत पहनो। फिर मोना ने मुझे जल्दी से तैयार होने के लिए कहा। फिर मैं दुसरे कमरे में गया और अपने बाल वगैरह बनाये और फिर अपने पूरे बदन पर सेंट लगाया।
मैं सोच रहा था के पता नहीं मोना आज कैसे तैयार होकर आएगी। फिर मैं उसे आवाज देकर बाहर आने के लिए कहने ही वाला था के इतने में कमरे का गेट खुला और फिर मैं गेट की आवाज सुनकर जल्दी से उसे देखने के लिए बाहर आया और उसे देखा तो देखता ही रह गया। तब क्या लग रही थी मोना। ये बताने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं है। लेकिन फिर भी आपको बताने की कोशिश करता हूँ। मोना तब एक दम नंगी थी और उसकी चुत एक दम बिल्कुल चिकनी थी। उसका बदन भी बिल्कुल चिकना था और उसके बदन पर एक भी बाल नहीं था। उसने गले मे एक लॉकेट पहन रखा था और कानों में झुमके पहन रखे थे।
मोना ने नाक में नथ पहन रखी थी जो कि मुझे सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही थी। मोना को ऐसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और झटके मारने लगा। ये देखकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर मैं मोना के नजदीक गया तो मोना मेरे गले लग गई और फिर हम लिप किस करने लगे। लिप किस करने के बाद मैं मोना की कमर में हाथ डालकर उसे छत पर ले जाने लगा। फिर छत पर जाते ही मैंने रंग बिरंगी लाइट चालू कर दी। जिससे कि पूरा बिस्तर जगमगा उठा। ये देखकर मोना काफी ��ुश हुई। फिर मोना मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी।
फिर हम जाकर बिस्तर पर बैठ गए और मैंने केक पर मोमबत्ती जलाई और फिर मोना ने केक काटकर मुझे खिलाया और फिर अपनी उम्र के 16 वें साल में कदम रखा। फिर मैंने भी मोना को केक खिलाया। हम दोनों को भूख लगी थी तो फिर हम दोनों ने मिलकर केक खत्म किया। इसके बाद हम बिस्तर के बीच मे बैठ गए और एक दुसरे की तरफ देखने लगे। फिर मैंने मोना को अपने से चिपकाया और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा। जिससे कि मोना भी गर्म होने लगी। फिर में बीच मे रुका और फिर मोना को उसका जन्मदिन का गिफ्ट दिया। मैं मोना के लिए एक नोज रिंग लेकर आया था। मोना ने भी उसे नोज रिंग ही समझा और फिर उसे साइड में रखने लगी। फिर मैंने मोना से कहा के अभी पहन लो इसे। फिर मोना बोली के अभी मैंने नथ पहनी है तो बाद में पहन लुंगी। फिर मैंने कहा के इसे नाक में नहीं पहनना है। फिर मोना मेरी तरफ देखकर बोली के तो कहां पहनना है।
अब आप सब लोग ही यही सोच रहे होंगे के मैंने मोना को नोज रिंग कहाँ पर पहनने के लिए दी है। फिर मैं बोला के नीचे चुत में। फिर वो बोली के वहाँ कैसे पहनी जाएगी। फिर मैं बोला के लाओ मैं पहना देता हूँ। थोड़ा दर्द होगा। फिर मोना बोली के मै तुम्हारे लिए सब दर्द सहने के लिए तैयार हूँ। मैंने फिर मोना को लेटाया तो मोना अपने पैर फैलाकर लेट गई। फिर मैं उसकी चुत की पंखुड़ियों को टटोलने लगा और फिर उसकी एक चुत की पंखुड़ी में नोज रिंग डालने लगा। नोज रिंग मैंने उसकी चुत की पंखुड़ी के अंदर से घुसाकर बन्द कर दी। इससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर उसने जब अपनी चुत पर नोज रिंग देखी तो उसे भी ये काफी पसंद आई।
फिर मैं मोना के बदन को चूमने लगा और फिर उसकी चुत चाटने लगा। जिससे मोना काफी गर्म हो गई। फिर मोना ने मुझे लेटाया और फिर वो मेरे बदन को चूमने लगी और मेरे लंड को चुसने लगी। वो थोड़ी देर और चुस्ती तो शायद में झड़ जाता। फिर मैंने उसे हटाया और फिर उसे लेटाकर मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सेट कर दिया। फिर मैंने धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया। जिससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर दुसरे धक्के में मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो मोना छटपटाने लगी। फिर मैं धक्के मारने लगा तो हम दोनों को काफी मजा आने लगा। उसकी चुत एकदम टाइट थी। जिस कारण हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मोना तो आंखें बंद करके मजे ले रही थी और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद मोना झड़ गई और फिर मैंने भी मोना की चुत के अंदर ही पानी छोड़ दिया और मोना से चिपक कर लेट गया। फिर हमने देखा के मोना की चुत और मेरे लंड पर खून लगा था। जिसे देखकर हम दोनों घबराएं नहीं। क्योंकि हम दोनों को ही पता था के पहली बार चुदाई में खून निकलना आम बात है। फिर हम दोनों बाथरू�� में जाकर अपना लंड और चुत धोकर फिर से बिस्तर पर आ गए। मोना को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। फिर मैं मोना के ऊपर आ गया और मोना की चुत मारने लगा। इस बार हमने काफी देर तक चुदाई की जिसमे हमे मजा भी बहुत आया। फिर इस बार भी मैं मोना की चुत में ही झड़ गया।
फिर अगली बार मोना घोड़ी बन गई तो मैं पीछे से उसकी चुत मारने लगा। इस बार मे झड़ने वाला हुआ तो मोना ने मेरा लंड मुंह मे लेकर चुसने लगी और ��ब मैं झड़ा तो मेरा सारा ��ानी पी गई। फिर हमने कुछ देर आराम किया। फिर हम एक दुसरे के साथ गन्दी गन्दी बातें करने लगे। मैं मोना से कहने लगा के मैं तुम्हे अपने दोस्तों के सामने नंगी नचवाऊंगा और उनके सामने तुम्हारी चुत मारूंगा। ये सुनकर मोना बोली के तुम जैसे कहोगे वैसे मैं करने के लिए तैयार हूँ। तुम बस अपने लंड से मेरी चुत भरकर रखना। फिर हम एक दुसरे से चूमा चाटी करने लगे।
फिर मोना पेशाब करने जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे चला गया और फिर उसके पेशाब करने के बाद मैंने मोना को वहीं पकड़ लिया। फिर मोना दीवार के सहारे झुक कर खड़ी हो गई तो फिर मैं पीछे से वहीं मोना की चुत मारने लगा और सारा पानी अंदर ही डाल दिया। फिर हम बिस्तर पर आकर लेट गए और फिर से एक दुसरे से बातें करने लगे। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारे सामने तुम्हारे दोस्तो से चुदवाऊंगी और खुब मजे करूंगी। ऐसी बातें करके मोना मुझे गर्म कर रही थी। फिर मैं बोला के मैं तुम्हें मॉडल बनाऊंगा और तुम्हारी नंगी फ़ोटो लोगो मे बाटूंगा। ऐसी बातों से हम दोनों काफी गर्म हो गए। फिर मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदने लगी। तब हम दोनों एक साथ ही झड़े और फिर मोना मेरे ऊपर ही सो गई। मुझे भी नींद आ गई। सारी रात मेरा लंड मोना की चुत में ही रहा।
सुबह हमें देरी से जाग आई। तब तक सूरज निकल चुका था। धूप में मोना बदन चमक रहा था। फिर हम दोनों उठकर नीचे आ गए। फिर मोना चाय बनाने लगी। मैं जाकर मोना से पीछे से चिपक गया और फिर उसकी चुत मारने लगा। तब मेरा झड़ने का कोई मूड नहीं था तो फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और फिर हम दोनों चाय पीने लगे। चाय पीने के बाद मोना नीचे बैठकर मेरे लंड को चुसने लगी और फिर मैं झड़ने लगा तो मेरा सारा पानी पी गई।
मोना ने स्कूल से और मैंने काम से छुट्टी ले रखी थी तो फिर मोना ने जल्दी से खाना वगैरह बनाया और फिर खाना खाकर हम दोनों बिस्तर पर जाकर चुदाई करने लगे। मैंने मोना को गर्भनिरोधक वाली टेबलेट पहले ही दे दी थी। उस दिन हमने दिन भर बिस्तर पर अलग अलग पोज में खूब चुदाई की। फिर थक गए तो हमें नींद आ गई। हालांकि हम दोनों ही पहली बार चुदाई कर रहे थे और हमारा मन चुदाई से भर ही नहीं रहा था।
फिर शाम को हम खाना खाकर लेटे थे। मैं तब मोना के बदन को सहला रहा था। फिर तभी मम्मी का फोन आ गया तो मोना तो मम्मी से बात करने लगी और मैं मोना के बदन को सहलाता रहा। फिर मैं उठा और मोना के ऊपर आकर मोना की चुत में लंड डाल दिया। तब भी मोना मम्मी से बाते करती रही। फिर मोना ने फोन मुझे दे दिया तो फिर मैं मम्मी से बातें करने लगा और लगातार मोना की चुत में लंड अंदर बाहर करता रहा। मोना ने अपनी सिसकारियां रोकने के लिए अपने मुंह पर हाथ रख लिया था। फिर थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने फोन काट दिया और फिर मोना की चुदाई करने लगा और फिर मोना भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी।
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैं मोना के साइड में आकर लेट गया। फिर मोना ने मेरा लंड सहलाते हुए मुझसे कहा के अगर मम्मी को पता चल गया तो हम क्या करेंगे। फिर मैंने कहा के हम मम्मी को पता नहीं चलने देंगे और कभी पता चल भी गया तो मैं अपने आप सम्भाल लूंगा तुम चिंता मत करो। फिर हम दोनों लिप किस करने लगे और फिर चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हो गया। फिर देर रात तक हमने खूब चुदाई की और खूब बातें की और फिर सो गए।
मोना ��ब काफी खुल चुकी थी। वो मुझे रिझाने के लिए कभी मेरे सामने अपनी गाँड हिलाती तो कभी अपनी चुत में उंगली करती तो कभी अपने छोटे छोटे बोबो को सहलाती। ये सब देखकर तो किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाये। मैं तो फूल गर्म हो जाता और मोना की खूब चुदाई करता। फिर मोना के कहने पर मैंने एक बार कंडोम लगाकर भी चुदाई की।
हम दोनों ने चुदाई के लगभग सभी आसनो में चुदाई कर ली थी और हमारा मन करता हम वैसे ही चुदाई करना शुरू कर देते। मोना अब किचन में खाना बनाती तब भी मैं उसकी चुत में लंड डालकर रखता। हम दोनों अब चुदाई के आदि हो चुके थे। हम दोनों को चुदाई के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता था। ये 5-6 दिन कैसे निकल गये हम दोनों को पता भी नहीं चला। इन दिनों में हमने पता नहीं कितनी ही बार चुदाई की होगी।
फिर मेरी और मोना की स्कूल की छुट्टियां खत्म हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम घर पर ही रहकर चुदाई कर रहे थे। चुद चुद कर मोना की चुत फूल गई थी और डबल रोटी जैसी लग रही थी। फिर मोना ने ही मुझे समझाया और कहा के अब हम चुदाई तो कभी भी कर सकते है। अगर हम ऐसे ही घर पर रहकर चुदाई करते रहे तो सबको शक हो जाएगा। फिर हमने जैसे तैसे अपने अपने मन को समझाया और फिर हम रोज की तरह ही अपने अपने काम मे लग गए। मोना स्कूल जाने लगी और मैं अपने काम पर।
सुबह घर से जाने से पहले तैयार होकर हम एक बार चुदाई करते और फिर शाम को आकर भी चुदाई करते और फिर रात को भी खूब चुदाई करते। अब हमारी जिंदगी में मजे ही मजे थे। मैं और मोना अब अपने अपने दोस्तों के साथ चुदाई के बारे में खुलकर बातें करते। जिससे हम दोनों गर्म हो जाते और फिर घर पर आकर चुदाई करते।
एक बार मैं मोना को स्कूल से लेकर घर आ रहा था। तब सड़क पर कोई नहीं था। ये इलाका शहर से थोड़ा अलग था तो यहां पर बहुत कम लोग आते जाते थे। फिर मैंने की सलवार में हाथ डालकर उसकी गाँड सहलाने लगा और फिर मोना भी मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैं मोना को वहीं दीवार के सहारे लगाकर लिप किस करने लगा और मोना भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों ही गर्म हो चुके थे। फिर मैंने मोना की सलवार खोलकर उसकी पैंटी साइड में की और फिर उसकी एक टांग उठाकर अपना लंड निकालकर उसकी चुत में डाल दिया और चुदाई करने लगा। मैं सड़क पर बिल्कुल सरेआम ही मोना को चोद रहा था। हम दोनों को ही पता था के यहां कोई आने वाला नहीं है। फिर मैंने मोना को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चुदाई करने लगा और झड़ गया। फिर हमने अपने कपड़े सही कर लिए और घर पर आ गए। आज ऐसे सड़क पर चुदाई करने में हम दोनों को काफ़ी मजा आया था।
आज की चुदाई से हम दोनों को समझ मे आ गया था के चुदाई का मजा सिर्फ बिस्तर पर ही नहीं आता बल्कि अलग अलग जगहों पर खुलेआम करने में भी बहुत मजा आता है। फिर अगले दिन सुबह सुबह मोना घर के आगे की तरफ की सफाई करने क�� लिए बिल्कुल नंगी ही चली गई और जाकर झाड़ू लगाने लगी। मैं घर के अंदर से उसे देखने लगा और अपना लंड हिलाने लगा। फिर झाड़ू लगाने के बाद मोना ने झाड़ू तो नीचे रख दी और फिर अपने बाल खोलकर ऐसे खड़ी हो गई जैसे कोई मॉडल हो। उसे ऐसे देखकर तो मेरा बुरा हाल हो गया। फिर मैं भी बाहर चला गया। फिर वो मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। मैं भी उसकी गाँड और बोबो को सहलाने लगा। फिर वो हँसकर बोली के हाय मैं कितनी बेशर्म हूँ जो ऐसे सरेआम ��ंगी खड़ी होकर अपने भाई का लंड हिला रही हूँ। वहां हमारे आसपास के सब घर खाली थे। इसलिए हमें किसी का कोई डर नहीं था।
फिर मैंने मोना से कहा के वो जोर से बोले के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मोना ये सुनकर हंसने लगी और फिर हंसते हुए कहा के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मैंने उससे और जोर से कहने के लिए कहा तो वो इस बार और जोर से बोली और फिर वो हंस पड़ी। उसे ऐसे हंसते देख मैं फुल गर्म हो चुका था। फिर मैं उसे उठाकर घर के अंदर ले गया और फिर ताबड़ तोड़ उसकी चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद मोना से कहा के तुम बहुत बड़ी रंडी बनोगी एक दिन। फिर मोना ने कहा के तुम ही मुझे बनाओगे। फिर हम हंसने लगे।
कुछ दिन बाद शाम को बारिश आना शुरू हो गई और पूरी रात बारिश होती रही। उस रात मैंने और मोना ने बारिश में खूब चुदाई की। मोना इतनी हॉट और सेक्सी थी के उसे देखकर तो कई बार मेरा ऐसे ही पानी निकल जाता। मैंने उससे कहा के तुम्हे खुश करने के लिए तो कई मर्द चाहिए। क्योंकि कुछ तो तुम्हे नंगी देखकर ही झड़ जाएंगे। ये सुनकर वो हँसने लगी।
फिर कुछ दिन बाद मम्मी का फोन आया और उन्होंने कहा के उन्हें किसी रिश्तेदार के यहां जाना है इसलिए तुम दोनों कुछ दिन के लिए गांव आ जाओ। फिर हम दोनों छुट्टी लेकर गांव चले गए। गांव आने के बाद मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार के यहां चली गई। फिर अब घर पर सिर्फ मैं, पापा और मोना ही थे। पापा भी दिन में काम पर चले जाते और शाम को थके हारे आते और खाना खाकर सो जाते। दिन में मैं और मोना घर पर अकेले होते तो हम खूब चुदाई करते। पापा सुबह जल्दी ही काम पर चले जाते तो उनके जाने के बाद मोना नंगी हो जाती और फिर मैं मोना को पकड़कर चोद देता। हम दोनों ने घर मे सब जगह अलग अलग पोज में चुदाई कर चुके थे।
रात को पापा के सोने के बाद हम दोनों नंगे हो जाते और फिर मोना मेरी चारपाई पर आ जाती और फिर हम चुदाई करते। पापा पास में ही सोए रहते लेकिन हम दोनों को बिल्कुल भी डर नहीं लगता था। मोना भी अब काफी ज्यादा खुल चुकी थी। पोर्न वीडियो से आईडिया लेकर हमारे मन मे जो आता हम वैसा ही करते। सुबह पापा थोड़ा लेट उठते थे। मैं और मोना उनसे पहले उठ जाते थे तो फिर मेरे कहने पर मोना उनके उठने तक ब्रा पैंटी में ही घर मे घूमती रहती और फिर तो नंगी ही रहने लगी। वो उठने वाले होते तो वो कपड़े पहन लेती। इसमे थोड़ा रिस्क भी था पर हमें बहुत मजा आता था।
फिर मौका मिलने पर मैं मोना के बोबो को सहला देता और मोना भी मेरे लंड को सहला देती तब पापा घर पर ही होते थे। एक दिन शाम का टाइम था। मैं और पापा तो नहाकर कुलर के आगे बैठे थे। पापा कूलर की तरफ मुंह करके लेटे थे। तब मोना नहाने के लिए जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मैंने उससे कहा के पापा दूसरी तरफ मुँह करके लेटे है तो तुम नहाने के बाद नंगी ही आना। ये सुनकर मोना हंसती हुई नहाने चली गई। फिर मैं उसका इंतजार करने लगा। फिर नहाने के बाद मोना ने बाथरूम से बाहर झांक कर देखा तो पापा तब भी दूसरी तरफ मुँह करके लेटे थे। फिर मैंने उसे आने का इशारा किया तो फिर वो एकदम नंगी बाथरुम से निकली और फिर हमारी तरफ आने लगी। तब पापा का मुँह दूसरी तरफ था। फिर मोना जैसे ही मेरे पास से जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया। फिर ��ो अपना हाथ छुड़ाने लगी। लेकिन मैंने नहीं छोड़ा।
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे सहलाने के लिए कहा तो फिर वो दुसरे हाथ से सहलाने लगी और फिर थोड़ी देर हिलाने के बाद ही मैंने उसे जाने दिया। फिर मोना भागकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर बाहर आकर लेट गई। फिर वो मुझसे बोली के आज तो तुम मरवा ही देते। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा था। फिर मैंने उसे कहा के कुछ नहीं होता। फिर मोना बोली के ऐसे मजा तो बहुत आता है पर डर भी लगता है। फिर मैंने मोना से कहा के तुम डरो मत सिर्फ मजे लो। फिर मोना अगले दिन नहाकर नंगी ही आई और इस बार मेरा लंड चूसकर फिर अंदर गई। फिर वो मुझसे बोली के तुम मुझे ऐसे और काम बताओ। जिन्हें करके मजा भी आये और थोड़ा रिस्क भी हो। फिर मैं बोला के ठीक है।
पापा को शाम को दारू पीने की आदत थी। मम्मी पापा को दारू पीने नहीं देती थी लेकिन अब मम्मी तो थी नहीं तो फिर पापा शाम को आते टाइम दारू ले आये। फिर उन्होंने मोना और मुझसे कहा के तुम अपनी मम्मी को कुछ मत बताना। फिर हमने हँसकर कहा के ठीक है हम कुछ नहीं बताएंगे। फिर पापा शाम को नहा धोकर दारू पीते और फिर खाना खाकर सो जाते। मोना पापा को दारू पीते टाइम उन्हें सलाद काटकर देती और उनकी पूरी सेवा करती। पापा को दारू मिल गई थी तो वो अब काफी खुश रहते। वो शाम को दारू पीकर टुन्न हो जाते और फिर उन्हें कोई होश नहीं रहता। इसी बात का फायदा उठाकर मैंने मोना से कहा के जब पापा टुन्न हो जाये तो फिर वो सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर ही पापा के सामने जाए। वो भी जानती थी के पीने के बाद पापा को कुछ होश नहीं रहता है। फिर जब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में पापा के सामने गई तो पापा उसे पहचान तो रहे थे पर इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे थे के उसने पहना क्या है।
ज्यादा दारू पीने के बाद पापा गन्दी गन्दी गालियां भी निकालने लग जाते। लेकिन गालियों का हम पर कोई असर नहीं होता था। फिर एक बार ज्यादा दारू पीने के बाद पापा पेशाब करने गए और फिर पेशाब करके आने लगे तो वो गिर गए। फिर मैं और मोना भागकर उनके पास गए और उन्हें उठाने लगे। उन्हें उठाया तब देखा के उनकी लुंगी खुल चुकी थी और वो बिल्कुल नंगे हो चुके थे। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर हम दोनों पापा को सहारा देकर लाये और लाकर चारपाई पर बैठाने लगे। तब मोना ब्रा पैंटी में थी और पापा ने मोना की कमर में हाथ डाल रखा था। फिर पापा और मोना तो एक साथ ही चारपाई पर बैठ गए और मैं उनके सामने बैठ गया। फिर मैंने मोना को पापा का लंड देखने के लिए इशारा किया तो मोना हंसने लगी। फिर मैंने अपना लंड सहलाते हुए मोना को पापा का लंड सहलाने के लिए कहा तो मोना हंसने लगी और ना में सिर हिलाने लगी।
फिर मैंने उसे कहा के यही मौका है दूसरे लंड से मजा लेने का। फिर मोना मान गई और फिर वो पापा का लंड पकड़कर सहलाने लगी। पापा तो अपनी ही बकवास किये जा रहे थे। उन्हें कहाँ पता चलने वाला था। फिर मोना ने कुछ देर तो लंड हिलाया और फिर वो उठकर चूल्हे के पास चली गई। फिर मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मोना बोली के वो भी एक बार दारू पीकर देखना चाहती है। फिर मैं बोला के तो आज ही मौका है। ये मौका फिर नहीं मिलने वाला है। मेरे फोन में एक पोर्न वीडियो थी जिसमे एक जवान लड़की बूढ़े आदमी से चुदाई करवाती है और खूब मजे करती है। फिर वो वीडियो जब मैंने मोना को दिखाई तो वो गर्म हो गई। वो सब समझ गई के ��्या करना है।
फिर मैं अपना अंडरवियर खोलकर चारपाई पर बैठ गया और फिर मोना भी अपनी ब्रा पैंटी खोलकर नंगी हो गई और फिर दो कांच के ग्लास लेकर आई और पापा के पास बैठ गई। फिर उसने पापा का हाथ पकड़कर अपनी कमर पर रख लिया और फिर वो एक हाथ से पापा का लंड सहलाने लगी। फिर मैंने हम सबके लिए पैग बनाये। मैंने मोना के लिए थोड़ा हल्का पैग बनाया और मेरे लिए आधा पानी और आधी दारू डाल ली और पापा को सिर्फ दारू डालकर दी। फिर हम सबने चियर्स करके एक दुसरे के ग्लास के साथ ग्लास भिड़ाये और पीने लगे। मोना पहली बार दारू पी रही थी तो उसे काफी कड़वी लगी लेकिन वो जैसे तैसे पी गई। फिर उसने और दारू डालने के लिए कहा तो मैंने कहा के आज इतनी ही बहुत है। अगर तुम भी पीकर टुन्न हो जाओगी तो मजे कैसे करोगी। मेरी बात सुनकर मोना पापा को तरफ देखकर हंसने लगी।
फिर मैं भी जाकर मोना के दूसरी तरफ बैठ गया। फिर मोना मेरा लंड भी पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैंने उससे पूछा के दो दो लंड हाथों में लेकर कैसा लग रहा है फिर वो बोली के बहुत मजा आ रहा है। फिर मैंने मोना से कहा के आज तुम हम दोनों को अपने बाप भाई मत समझो बल्कि बस मर्द समझो और खुलकर मजे लो। मोना भी अब बच्ची नहीं रही थी। वो जान गई थी के एक मर्द से कैसे मजे लिए जाते है। फिर वो फुदक कर पापा की गोद मे जा बैठी। मोना पापा की गोद मे एक दम नंगी बैठी थी। ये देखकर ही मेरे लंड से पानी निकलने को हो गया। फिर पापा ने भी मोना के छोटे छोटे बोबो को पकड़ लिया और सहलाने लगी। मोना को भी अब नशा हो चुका था। नशे के कारण वो दोनो बाप बेटी अब एक दूसरे के साथ मजे करने लगे।
वो दोनो फिर चारपाई पर लेट गए। पापा को तो बिल्कुल भी होश नहीं था। फिर मोना पापा का हाथ अपनी चुत पर रखकर सहलाने लगी। फिर वो पापा के ऊपर चढ़ गई और पापा का लंड चुसने लगी। जब पापा का लंड पूरा खड़ा हो गया तो फिर वो पापा का लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदवाने लगी। उसने पापा के दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए थे। फिर मैं खड़ा होकर उनके पास गया अपना लंड मोना के मुँह में दे दिया। अब मोना मेरा लंड चुसने लगी और साथ मे पापा से चुदवा रही थी। मोना आज दो दो लंड के मजे ले रही थी। फिर पापा झड़ गए और सारा पानी मोना की चुत में ही चला गया। फिर मैंने मोना को पापा पर से उतारा और फिर ले जाकर अपनी चारपाई पर लेटा दिया और फिर मैं मोना की चुदाई करने लगा। कुछ देर चुदाई करने के बाद मैं भी झड़ गया। फिर मैं और मोना कुछ देर तो ऐसे गई लेटे रहे। फिर उठकर हमने सब सामान सही किया। पापा का लंड पोंछा और पापा को लुंगी पहनाई और फिर शराब की बोतल और ग्लास वगैरह सब वहां से उठा दिए। ताकि सुबह उठकर पापा को कुछ पता ना चले के रात को क्या हुआ था।
पापा तो दारू पीकर बिना खाना खाए ही सो गए। मोना भी थोड़े नशे में थी। फिर मैंने मोना को खाना खिलाया और खुद भी खाया। फिर मोना ने कपड़े पहने और फिर वो और मैं अपनी अपनी चारपाई पर सो गए। आज की ये रात हमें हमेशा याद रहने वाली थी।
फिर अगले दिन उठे तो मोना का सिर दर्द हो रहा था। फिर मैंने उसे टेबलेट दी तो फिर वो ठीक हो गया। फिर पापा उठे तो मोना ने उनके लिए चाय बनाई। फिर पापा ने पूछा के रात को मैंने क्या क्या किया था। फिर मोना ने बताया के आपने रात को ज्यादा दारू पी ली थी और आप हर क��सी को गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे। ये सुनकर पापा थोड़ा शर्मिंदा हुए। फिर पापा बोले के तुम ये बात अपनी मम्मी को मत बताना। फिर मोना बोली के और आप भी मम्मी के आने के बाद दारू मत पीना। पापा ने हमसे और कुछ नहीं पूछा। बस वो बार बार अपने लंड को जरूर सहला रहे थे। शायद उन्हें पता चल गया था के उन्होंने चुदाई की है। लेकिन किससे की और कैसे की। ये पता नहीं था उन्हें।
फिर पापा तैयार होकर दुकान पर चले गए। पापा के जाने के बाद मोना मुझसे बोली के कल रात बहुत मजा आया था। फिर मैंने कहा के दो लंड लेकर हर लड़की को मजा ही आता है। अब तुमने अपने बाप और भाई का लंड ले लिया है तो अब तुम्हें किसी और का लंड लेने में शर्म नहीं आएगी। ये सुनकर मोना हँसकर बोली के मुझे तो आप दोनों का लंड लेने में भी शर्म नहीं आई। फिर मोना बोली के मेरी कई सहेलियां है जो कि लंड लेने के लिए बहुत बेताब है और लंड लेने के बाद वो किसी से कुछ कहेगी भी नहीं। अगर तुम्हें लेनी है उनमें से किसी की चुत तो बताओ। फिर मैं मोना से बोला के तुम हमारे बारे में किसी को भी मत बताना। क्योंकि अगर एक बार किसी को पता चल गया तो फिर सबको पता चलने में देर नहीं लगेगी। फिर मोना बोली के मैं किसी को नहीं बताऊंगी। पर मेरी एक पक्की सहेली है। अगर तुम उससे कर लोगे तो वो किसी को नहीं बताएगी। अगर उसको हमारे बारे में पता चल जाएगा तो भी वो किसी से कुछ नहीं बोलेगी।
फिर मैं बोला के तुम किसी पर विस्वास मत करना। मुझे पता है तुम भी किसी और का लंड लेने के लिए बेताब हो। मैं तुमसे वादा करता हूँ कि अगर तुम मुझसे अपनी सहेली चुदवाओगी तो फिर मैं तुम्हारे लिए भी कोई न कोई लंड ढूंढ दूंगा। तुम चाहे किसी से भी करना मुझे कोई एतराज नहीं है। लेकिन तुम अभी तक तैयार नहीं हो। तुम्हारी गाँड की सील भी अभी खोलनी है। तुम्हारी गाँड और चुत थोड़ी खुल जाए फिर चाहे तुम किसी का भी लंड ले लेना तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगी।
फिर ये सुनकर मोना बोली के मैं तुमसे इसलिए अपनी सहेली नहीं चुदवा रही के फिर तुम भी मुझे अपने दोस्त से चुदवाओ। मुझे लंड तो लेने है पर अगर आपकी मर्जी नहीं होगी तो मैं किसी का भी लंड नहीं लूंगी।
फिर मैं बोला के अभी हमने चुदाई करना शुरू ही किया है। मजे करने के लिए तो आगे बहुत जिंदगी पड़ी है। अभी मुझे सिर्फ तुम्हारे साथ ही चुदाई करनी है। अभी हम हमारे बीच किसी को भी नहीं आने देंगे। ये सुनकर मोना मुस्कुराकर मेरे गले लग जाती है आए फिर हम किस करने लग जाते है। फिर दोपहर को हम सो जाते है क्योंकि रात को हम देर से ही सोए थे।
उस दिन शाम को पापा आते है। फिर पापा उस दिन शाम को भी दारू ले आते है। फिर मोना पापा से दारू नहीं पीने के लिए कहती है। फिर पापा ने कहा के तुम्हारी मम्मी आने तक तो पी लेने दो। फिर तो बन्द ही करनी पड़ेगी। फिर मोना हँसकर कहती है के ठीक है।
अब मोना ने पापा से भी चुदवा लिया था हालांकि इसका पता पापा को नहीं चला था लेकिन फिर भी उसने चुदवा तो लिया ही था। जिस कारण मोना अब पापा से खुलकर बात करने लगी थी और उनके सामने अपने कपड़ों ��ा भी ज्यादा ध्यान नहीं रखती। मोना गहरे गले वाले सूट पहन��ी जिस कारण मोना के बोबो की गहराई दिखती रहती। मोना दुपट्ट�� वगैरह भी नहीं रखती थी। तब गर्मी का टाइम था और गर्मी में काम करने के कारण मोना का सूट पूरा पसीने से भीग जाता और मोना के बोबे साफ दिखने लग जाते। जिन्हें देखकर एक बार तो पापा भी ध्यान स्व देखने लग जाते है। लेकिन अपनी बेटी जानकर वो इसे अनदेखा कर देते।
मम्मी को गए अभी 10 दिन होने वाले थे लेकिन मम्मी तो अभी वापिस आने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मोना ने मम्मी को फोन किया तो फिर मम्मी ने कहा के 2-3 दिन में आ जाऊंगी।
पहले तो मोना अपनी ब्रा और पैंटी छुपाकर रखती थी। मोना अपनी ब्रा पैंटी बाकी के कपड़ो से अलग जगह सुखाती थी। लेकिन फिर मोना ने अपनी ब्रा पैंटी बिल्कुल खुल्लम खुल्ला सुखाने लगी और बाथरूम में भी उसकी ब्रा पैंटी ऐसे ही पड़ी रहती। मुझे पता था के मोना ये सब मौज मस्ती के लिए कर रही है। फिर मोना ने मुझसे कहा के पापा मुझे कुछ कहने वाले तो है नहीं। इसलिए मैं पापा के सामने कैसे भी रह सकती हूँ। फिर मैं बोला के तुम क्या करने वाली हो। फिर मोना बोली के ज्यादा कुछ नहीं बस किसी तरह उनके सामने नंगी होना है। देखते है फिर पापा क्या करते है। फिर मैं बोला के बेचारे वो क्या करेंगे। उन्हें तो ये भी पता नहीं के उनकी बेटी उनसे चुद चुकी है। ये सुनकर मोना बोली के तभी तो। उन्हें बता तो नहीं सकती पर वो भी बेचारे मुझे देखकर अपनी आंखें सेंक लेंगे। फिर मोना ने मुझसे पूछा के तुम्हारे हिसाब से मुझे क्या करना चाहिए। मम्मी भी आने वाली है।
फिर मैं बोला के मैं सोचता हूँ कुछ। मोना बोली के मैं किस बहाने से उनके सामने नंगी होउंगी ताकि उनका पता ना चल पाये के मैं उनके सामने जानबूझकर नंगी हुई हूँ। फिर मैंने पूछा के तुम पूरी नंगी होना चाहती हो या अधनंगी। फिर वो बोली के पूरी नंगी कैसे हो सकती हूँ। फिर मैं बोला के होने को कुछ भी हो सकता है। फिर मोना बोली के पूरी नंगी ही हो जाऊंगी। अब मुझे शर्म नहीं आती। मैं अब बिल्कुल बेशर्म हो चुकी हूँ। मुझे तो बस थोड़ा सा बहाना चाहिए फिर तो मैं खुद ही नंगी हो जाऊंगी। अब मोना ने पापा के सामने नंगी होने की ठान ही ली थी तो मुझे तो उसका साथ देना ही था।
फिर मैं कोई तरकीब सोचने लगा जिससे मोना पापा के सामने नंगी हो सके। मोना सलवार सूट ही पहनती थी। अगर और कुछ पहनती फिर भी कुछ सोचता। मोना का सूट भी चलो फटने से उतर जाए पर सलवार कैसे उतर सकती है। ये मेरे समझ नहीं आ रहा था। फिर काफी सोचने के बाद मुझे एक आईडिया आया। हालांकि ये आईडिया इतना ज्यादा अच्छक नहीं था और काम चल सकता था। इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। आगे बताता हूँ के क्या हुआ।
सन्डे का दिन था और उस दिन पापा घर पर ही थे। घर मे थोड़ी साफ सफाई करने वाली थी। फिर मोना ने पापा और मुझसे साफ सफाई में हाथ बंटाने के लिए कहा। फिर इसके लिए पापा ने हाँ कर दी। फिर मोना ने जल्दी से खाना बनाया और फिर खाना खाकर हम सब साफ सफाई में लग गए। साफ सफाई करते टाइम मैं तो सिर्फ अंडरवियर में था और पापा सिर्फ लुंगी में थे और मोना ने अपना एक पुराना टाइट सूट पहन लिया। जिसमे सुराख भी थे और वो काफ़ी पतला भी था। उस सूट में एक सुराख एक बोबे की जगह भी था।
फिर हम तीनों साफ सफाई करने लगे। गर्मी के दिन ��े तो जल्द ही हम तीनों पसीने से तर हो गए। मैं और पापा ने तो ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था इसलिए हमारा पसीना तो नीचे बह रहा था। लेकिन मोना ने ऊपर सूट पहन रखा था जो कि पूरा भीग चुका था। उसके बोबे साफ नजर आने लगे थे। मैं तो इसे अनदेखा कर रहा था लेकिन पापा कभी कभी देख लेते थे। मोना का सूट थोड़ा गहरे गले वाला भी था जिस कारण उसके बोबो के उभार साफ नजर आ रहे थे। फिर हम यूंही काम करते रहे। फिर मैंने देखा के मोना बाहर गई और सूट में बोबे कई जगह जहां सुराख था वहां से उसने अपने एक बोबे का निप्पल बाहर निकाल लिया। जब मैंने ये देखा तो मैं समझ गया के मोना की शरारत अब शुरू हो गई है। फिर मैंने इस और बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और मैं उनसे थोड़ा दूर हो गया और उन्हें अकेला छोड़ दिया। ताकि पापा बिना किसी शर्म के मोना के बदन को निहार सके।
फिर कुछ देर बाद मोना ने अपने दुसरे बोबे वाली जगह सूट में सुराख कर लिया और उसमें से अपने दुसरे बोबे के निप्पल को भी बाहर निकाल लिया। मोना को ऐसे देखकर तो किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाये। फिर जब मोना ऐसे पापा के सामने गई तो फिर पापा भी उसे देखते रह गए। लेकिन वो क्या कर सकते थे देखने के अलावा। मोना को ऐसे देखकर पापा उसे कुछ नहीं बोले। थोड़ी देर बाद जब काम खत्म हो गया तो फिर मैं तो कोई बहाना मारकर घर से निकल गया और छिपकर उन्हें देखने लगा। क्योंकि असली नाटक तो अब होने वाला था। फिर नहाने की बारी आई तो फिर पहले मोना नहाने चली गई और पापा वहीं चारपाई पर बैठकर इंतजार करने लगे।
तभी अचानक बाथरूम से मोना बिल्कुल नंगी बाहर आ गई और चिल्लाने लगी के अंदर मेरे ऊपर छिपकली पड़ गई। फिर पापा मोना को नंगी देखकर देखते ही रह गए और फिर भागकर बाथरूम में गए। तब तक मोना बाहर ही बिल्कुल नंगी खड़ी रही। मोना ने तब सीधी खड़ी थी और अपने हाथों से अपने बोबो और चुत को बिल्कुल भी नहीं ढक रखा था। फिर पापा बाथरूम से बाहर आये और मोना से बोले के अंदर कोई छिपकली नहीं है जाकर नहा लो। लेकिन मोना इतनी जल्दी कहाँ अंदर जाने वाली थी। फिर वो बाहर खड़ी खड़ी ही कहने लगी के नहीं अंदर छिपकली है। फिर पापा उसे समझाने लगे के अंदर कुछ नहीं है। चुप चाप जाकर नहा लो। मोना ने चुत पर मेरी दी हुआ नोज रिंग पहन ही रखी थी। फिर पापा का ध्यान उस पर गया तो पापा कुछ पल के लिए उसे देखते रहे।
फिर उन्होंने एक बार और मोना से अंदर जाकर नहाने के लिए कहा तो फिर मोना बाथरूम में जाने लगी। जाते टाइम पापा ने मोना को एक नजर पीछे से देखा। फिर कुछ देर बाद जब मोना नहाकर आ गई और पापा नहाने चले गए तो फिर मैं भी वापिस घर पर आ गया। फिर मैंने मोना से कहा के तुमने तो कमाल कर दिया। फिर मैंने मोना से कहा के अगर वो तुम्हे नंगी देखकर तुम्हे चोदने लग जाते तो। फिर मोना बोली के तो क्या मैं उनसे हंसी खुशी चुदवा लेती। ये सुनकर हम दोनों हँसने लगे। फिर पापा नहाकर आकर दुसरे कमरे में जाकर सो गए। फिर मैं और मोना नंगे होकर चुदाई करने लगे और फिर हम भी सो गए।
आज जो मोना ने किया वो करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। फिर शाम को सब कुछ नॉर्मल रहा। मोना और पापा एक दुसरे से पहले के जैसे ही बातें ��र रहे थे। अब मोना की सब शर्म और डर चला गया था। उस रात लाइट नहीं थी। तो मैं और पापा तो खाना खाकर लेट गए और मोना बर्तन वगैरह साफ करने लगी। फिर सब काम करके ���ब मोना हमारे पास आई तो उसने पहले अपने सब कपड़े खोले और फिर पूरी नंगी होकर आकर चारपाई पर लेट गई। पापा तब तक जाग ही रहे थे। फिर मोना अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना पानी पीने नंगी ही गई और फिर पानी पीकर आकर लेट गई। जैसे कि वो हमेशा से ही ऐसे ही नंगी रह रही हो। फिर पापा के खर्राटे बजने लगे तो फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पूरा निकाल दिया और लंड सहलाने लगा।
फिर तभी मोना खड़ी हुई और आकर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और फिर ऊपर नीचे होने लगी। उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था के पापा भी पास में लेटे है। फिर हम झड़ गये तो फिर वो अपनी चारपाई पर जाकर नंगी ही कम्बल ओढ़कर सो गई और फिर मैं भी सो गया। सुबह जब मोना उठी तो वो नंगी ही थी और पापा के उठने तक नंगी ही रही। फिर पापा तैयार होकर काम पर चले गए और फिर हम दोनों नंगे होकर घर मे घूमने लगे।
पापा के सामने नंगी होने के बाद मोना और भी ज्यादा खुल गई थी। हम पोर्न वीडियो में देखते के कैसे उसमें लड़की कभी नर्स बनकर तो कभी टीचर बनकर चुदवाती है और खूब मजे लेती है। फिर ऐसा ही कुछ हम भी करने लगे। मोना पहले नर्स बनी और फिर वो मुझे नंगा करके मेरे लंड को चेक करने लगी। हम बातें भी ऐसे कर रहे थे जैसे मोना सच मे कोई नर्स है और मैं उसका मरीज। फिर चेक करते करते जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर हम चुदाई करने लगे। इसके बाद वो मेरी स्टूडेंट बनी और फिर वो मेरी टीचर बनी और हमने फिर जमकर चुदाई की।
फिर इसके बाद मोना को अपनी फेवरिट एक्ट्रेस समझकर चोदता और मोना भी मुझे कोई अपना फेवरिट एक्टर समझकर मुझसे खूब चुदवाती। ऐसे चुदाई करके हमे काफ़ी मजा आता था। अभी हमारा हाल ऐसा हो गया था के मोना को नंगी देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मेरा खड़ा लंड देखकर मोना की चुत गीली हो जाती। फिर तो हमारी चुदाई पक्की हो जाती। घर मे जब में मोना को अपना लंड बाहर निकालकर दिखा देता तो मोना सब काम छोड़कर मेरे पास आ जाती और फिर अपनी सलवार खोलकर घोड़ी बन जाती। कई बार तो ऐसा होता के बाहर पापा बैठे होते और अंदर कमरे में मोना मेरे सामने घोड़ी बनी हुई होती। फिर मैं भी उसकी चुत में लंड डाल देता।
फिर बस कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। मम्मी के आने से पहले मोना ने पापा को अपने बदन के खूब दर्शन करवाएं। फिर मम्मी आ गई तो फिर मम्मी के सामने मोना नॉर्मल ही रही। फिर हम एक दो दिन और गांव में रहे और फिर हम वापिस शहर आकर रहने लगे। फिर से हमारी वही रूटीन शुरू हो गई।
मैं अपने दोस्त से खूब पोर्न वीडियो अपने फोन में डलवाकर लाता और फिर मैं और मोना वो वीडियो देखते और फिर जमकर चुदाई करते। मोना को डांस करना बहुत अच्छे से आता था और वो जब नंगी होकर डांस करती तो इतनी सेक्सी लगती के पूछो मत। मोना सब कुछ बहुत तेजी से सीख रही थी। चुदाई में तो वो अब पूरी एक्सपर्ट हो चुकी थी।
फिर मोना के एग्जाम आ गए तो मैंने ��से पढ़ने के लिए कहा ताकि उसके एग्जाम में अच्छे नम्बर आ सके। मैं उसकी चुदाई कर देता जिससे कि वो बिल्कुल रिलेक्स होकर पढ़ सके। मोना पढ़ाई में होशियार ही थी। इस कारण मैंने फिर मोना से कहा के कहीं हमारी चुदाई के कारण तुम्हारी पढ़ाई खराब ना हो जाये। मोना बोली के ऐसा कुछ नहीं होगा। फिर मोना पढ़ाई में ध्यान देने लगी और मैं भी मोना के साथ चुदाई के लिए ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं करता।
फिर एक बार शाम को मम्मी का मेरे पास फोन आया तो हम ऐसे ही बातें करने लगी। फिर वो मुझसे मोना के बारे में पूछने लगी तो मैंने कहा के वो ठीक है। फिर मम्मी ने कहा के उसका ध्यान रखना कहीं उसका किसी के साथ चक्कर ना चल जाये। फिर मैंने मम्मी से कहा के हमारी मोना सयानी है वो सब समझती है। वो ऐसा वैसा कुछ नहीं करेगी। फिर मम्मी बोली के बेटा ये उम्र ही ऐसी होती है और हमारा गांव तो पहले से ही बदनाम है। फिर मैंने मम्मी से कहा के थोड़ा तो विस्वास रखो। वो तुम्हारी बेटी है। तुम्हे अपनी बेटी पर जरा भी विस्वास नहीं है। फिर मम्मी बोली के उस पर तो विस्वास है लेकिन इस दुनिया पर नहीं है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम मोना की उम्र की थी तो तब तुम्हारा था क्या कोई बॉयफ्रेंड। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के बेशर्म अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात पूछता है।
फिर मैंने कहा के क्यों अब तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड रहा होगा तो होगा। अब मुझे क्या पता। फिर मम्मी बोली के अरे मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। फिर वो हंसने लगी। फिर मैंने कहा के ये तो नहीं हो सकता। आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना रहा हो। ये सुनकर मम्मी फिर हंसने लगी। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं था पर शायद तेरी जरूर कोई गर्लफ्रैंड है। फिर मैं बोला के आपको कैसे पता। फिर मम्मी बोली के तेरी बातों से पता चल गया। फिर मैं बोला के नहीं है मैंने तो ऐसे ही कह दिया था। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है तो हम बन जाते है एक दुज़रे के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड। ये सुनकर मम्मी खूब हंसी।
उस दिन मैंने और मम्मी ने काफी देर बात की। मेरी मम्मी मस्त औरत है। सबके साथ हँसकर ही बात करती है। उस दिन के बाद से मैं मम्मी के साथ कुछ ज्यादा ही मस्ती मजाक करने लगा। मम्मी को मुझ पर पूरा विस्वास था और घर के बारे में जो भी बात करनी होती तो वो मुझ से ही पूछती थी। घर का सब हिसाब किताब हम दोनों ही रखते थे। मम्मी मेरा काफी ख्याल रखती थी और उन्होंने कभी मुझे किसी चीज के लिए मना नहीं किया था। इस कारण मैं कुछ न कुछ चीज ले जाकर मम्मी को देता रहता था।
मोना को भी हमारी इन सब बातों का पता था। फिर मोना ने मुझसे कहा के अगर तुम मम्मी को किस तरह पटा लो तो फिर कभी मम्मी को हमारे बारे में पता भी चलेगा तो वो हमें ज्यादा कुछ नहीं कहेगी। फिर मैंने मोना से कहा के वो हमारी मम्मी है। वो ऐसे जल्दी से पटने वाली औरत नहीं है। फिर मोना ने मुझसे कहा के हमारी मम्मी सुंदर है और अभी भी काफी जवान ही लगती है। अगर उनका किसी के साथ चक्कर चल रहा हो तो। फिर ये सुनकर मैं मोना से बोला के तुम्हारा दिमाग तो ठीक है क्या। फिर मोना बोली के मेरा दिमाग ठीक है। होने को कुछ भी हो सकता है। वो भी औरत है उनके भी चुत है। उनका भी मन करता ही है। मोना की बातें सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया। फिर मैंने मोना से कहा के अभी ��सा कुछ सामने तो नहीं आया है। लेकिन तुम्हारी बात सही भी हो सकती है। फिर मोना बोली के पापा को तो मैं सम्भाल लुंगी। तुम बस मम्मी का ध्यान रखना।
मैंने कहा के ठीक है। फिर मैं मम्मी का भी ध्यान रखने लगा। उनका फोन वगैरह भी चेक करता रहता। लेकिन कुछ नहीं मिला। तब जाकर मुझे और मोना को यकीन हुआ।
सर्दियों के दिन शुरू हो गए। मैं और मोना नंगे होकर एक ही रजाई में सोते और जमकर चुदाई करते। सर्दियों में चुदाई करने का मजा ही अलग होता है। फिर मोना के एग्जाम हो गए और मोना अब बिल्कुल फ्री थी। फिर मोना गाँड मरवाने की जिद करने लगी। फिर मैंने उसे समझाया के इसमे बहुत दर्द होगा। फिर मोना बोली के मैं सारा दर्द सह लुंगी। हम पहले से ही काफ़ी गाँड चुदाई की वीडियो देख चुके थे। फिर एक दिन रात को हमने गाँड चुदाई का प्रोग्राम बनाया। मैंने तेल, क्रीम वगैरह सब कुछ पहले से ही बिस्तर के पास रख लिए थे। फिर मोना घोड़ी बन गई तो फिर मैंने मोना की गाँड और मेरे लंड पर खूब सारा तेल लगाया। फिर मैं लंड गाँड में डालने लगा। मोना की गाँड काफी टाइट थी। फिर जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया तो उसे थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा। फिर मेरा आधा लंड अंदर चला गया तो उसे तेज दर्द होने लगा। वो चिल्लाने लगी और रोने लगी।
लेकिन फिर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो फिर तो उसका बुरा हाल हो गया। वो मुझसे लंड निकालने के लिए कहने लगी। लेकिन मैंने नहीं निकाला। फिर मैं साथ मे इसकी वीडियो भी बनाने लगा। फिर मैं लंड अंदर बाहर करने लगा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। मोना का तो रो रोकर बुरा हाल हो चुका था। मुझे भी मोना की टाइट गाँड चोदने में बहुत मजा आ रहा था। फिर आखिरकार मैं भी झड़ गया और पुरा माल मोना की गाँड में ही निकाल दिया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया। लंड बाहर निकालने के बाद मोना सीधी होकर लेट गई और अपनी गाँड के छेद को अपने हाथ से छूकर देखने लगीं। वो कांप रही थी तब।
मेरा लंड तब भी खड़ा था और मोना की हालत देखकर बड़े शान से मैं अपने लंड को सहला रहा था। मोना भी ये देख रही थी। फिर मैंने लंड उसकी चुत में डाल दिया और करने लगा। फिर मोना बोली के मेरी जान लोगे क्या आज। फिर मैं बोला के जान नहीं एक बार गाँड और लूंगा। फिर ये सुनकर मोना रोकर कहने लगी के नहीं आज बख्स दो। फिर मैं बोला के एक बार और करवालोगी तो गाँड ढंग से खुल जाएगी। लेकिन फिर वो मना ही करती रही। फिर मेरा लण्ड थोड़ा ढीला होने लगा तो फिर मैंने लन्ड उसके मुंह मे डाल दिया तो वो रोती रोती मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तनकर तैयार हो गया जिसे मैं उसके मुंह के सामने ही मैं सहलाने लगा। फिर ये देखकर मोना डर गई के अब उसकी खैर नहीं। फिर मैंने उसे समझाया के अब उसे पहले जितना दर्द नहीं होगा। लेकिन वो करवाने के लिए तैयार ही नहीं थी।
लेकिन फिर भी मैंने किसी तरह लंड उसकी गाँड में डाल ही दिया। उसे पहले तो दर्द हुआ लेकिन फिर इस बार उसे मजा आने लगा आए उसकी चुत बहने लगी। फिर इस बार मैंने उसकी चुत भी मारी। फिर चुदाई के बाद मैंने उसकी चुत और गाँड को अच्छे से साफ किया और उसे दर्द की गोली दी। फिर वो उल्टी होकर लेट गई तो फिर मैं उसकी गाँड की सिकाई करने लगा। फिर थोड़ा आराम मिलते ही मोना को न��ंद आ गई। फिर मैं भी सो गया।
जब अगले दिन वो उठी तो वो लंगड़ाकर चल रही थी। फिर मैंने कहा के कुछ दिन में ठीक हो जाओगी। फिर उस दिन भी मैंने कई बार उसकी गाँड मारी। फिर इसके बाद तो उसकी गाँड में खुजली होने लगी और वो खुद अपनी गाँड लाकर मेरे सामने रख देती। फिर मोना को भी गाँड चुदाई में काफी मजा आने लगा और वो अब काफी खुश थी। फिर मैं लगभग रोज रात को उसकी गाँड में अपना लंड डालकर सोने लगा। अब जब मैं घोड़ी बनाकर मोना की चुदाई करता तो उसकी चुत और गाँड दोनो की चुदाई करता और फिर उसकी गाँड में झड़ जाता।
जब मोना पूरी तरह ठीक हो गई तो फिर हम कुछ दिन के लिए गांव चले गए। गांव में हमारे घर मे एक कमरे में पापा मम्मी सोते है और उसके साथ वाले कमरे में मैं और मोना सोते है और एक रसोई है और एक गेस्ट रूम है। इस प्रकार कुल 4 ही कमरे है। हमारे और मम्मी पापा के कमरे में बस एक दीवार ही थी और उसमें भी कई छेद थे। फिलहाल उसमें ईंट फसाई हुई थी पर वो ईंट आसानी से निकल भी सकती थी और मम्मी पापा के कमरे में आराम से देखा जा सकता था। फिर एक दिन खाना वगैरह खाने के के बाद हम सब अपने अपने कमरों में चले गए। मैं और मोना तो कमरे में जाते ही कमरा अंदर से बन्द कर लेते और फिर नंगे होकर लेट जाते रजाई में।
बीच मे सिर्फ एक दीवार होने के कारण हमें एक दुसरे के कमरों की आवाजें साफ सुनाई देती थी। मैं और मोना तो चुदाई करते टाइम इस बात का ख्याल रखते और हम बिल्कुल भी आवाज नहीं करते थे। जब कभी मोना को मुझे कसकर चोदना होता तो मैं मोना को कमरे से बाहर ले जाता और फिर उसकी कसकर चुदाई करता। इतनी सर्दी होने के बावजूद भी मैं और मोना एक दम नंगे कमरे से बाहर चले जाते थे। तब हम बहुत गर्म होते थे और हमें सर्दी बिल्कुल भी नहीं लगती थी।
फिर एक बार मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठी थी। तभी हमें मम्मी की सिसकारियों की थोड़ी आवाजें आने लगी। ये सुनकर मैं और मोना एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराए। क्योंकि हमें पता चल गया था के मम्मी पापा चुदाई कर रहे है। फिर हम दोनों उठे और फिर किसी तरह जाकर दीवार में से एक ईंट निकाल ली। फिर हमने कमरे में देखा के मम्मी पापा एक दम नंगे थे और चुदाई कर रहे थे। मैं तो मम्मी को ही देखे जा रहा था। वो नंगी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उनकी चुदाई देखकर मैं और मोना गर्म हो गये तो फिर हम वहीं खड़े खड़े ही चुदाई करने लगे। मैंने पीछे से मोना की गाँड में लंड डाल दिया था।
फिर पापा झड़ गए तो पापा मम्मी पर से हट गए और मम्मी तब एक दम नंगी अपनी झांटो वाली चुत को सहलाने लगी। ये देखकर मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया। फिर मम्मी खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी। तो ये देखकर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैंने मोना के मुँह पर हाथ रखा और फिर उसकी गाँड की जबरदस्त चुदाई करने लगा। मोना भी समझ गई थी के मैं मम्मी को देखकर बहुत ज्यादा गर्म हो गया हूँ। फिर मैं झड़ गया तो फिर मैं और मोना आकर रजाई में लेट गए। उधर मम्मी पापा भी सो गए थे। फिर मोना मेरा लंड सहलाने लगी और फिर मुझसे पूछने लगी के कैसी लगी तुम्हे मम्मी। फिर मैं हँसकर बोला के बहुत सेक्सी। फिर मोना ने पूछा के उनके बोबे, चुत और गाँड कैसे थे। मैं बोला के एकदम कयामत थे।
हमारे ऐसे बातें करने से मेरा लंड खड़ा हो गया। तब हमारे कमरे में मम्मी के कुछ सूट और उनकी ब्रा पैंटी पड़ी थी। फिर मोना खड़ी हुई और उसने प���ले मम्मी की एक ब्रा पहनी और फिर ऊपर से सूट पहन लिया नीचे कुछ नहीं पहना। फिर उसने मम्मी की एक पैंटी मेरी तरफ फेंकी। फिर उसे लेकर मैं देखने लगा और फिर सूंघने लगा। मोना के बोबे छोटे थे तो फिर उसने ब्रा में कुछ कपड़े ठूंस लिए जिससे उसके बोबे बड़े हो गए। फिर वो आकर लेट गई और फिर वो बोली के आजाओ चोद लो अपनी मम्मी को। फिर उसके ऐसा कहते ही मैं मोना के ऊपर चढ़ गया और फिर उसके बोबो के बीच मे सिर डाल दिया। मम्मी के सूट से मुझे मम्मी के बदन की खुशबू आ रही थी। फिर मैं मोना को मम्मी समझकर उसकी चुदाई करने लगा। साथ मे एक हाथ से मैं मम्मी की पैंटी सूंघ रहा था। मैं काफी गर्म हो चुका था तो फिर मैं जल्दी ही झड़ गया। पर मजा बहुत आया। इसके लिए मैंने मोना का बहुत बहुत धन्यवाद किया।
फिर मोना हँसकर बोली के मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ। उस रात मोना वैसे ही मम्मी के कपड़ो में सोई और मैं उससे चिपक कर सोया। अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा मम्मी को देखने का नजरिया ही बदल गया। फिर मोना ने मुझसे कहा के मम्मी को देखकर खूब मजे लो। मम्मी के सूट में से बोबे दिखते रहते थे और मम्मी की बड़ी गाँड भी छुपाए नहीं छुपती थी। जिन्हें देखकर मैं भी मजे लेने लगा। फिर मोना ने किसी तरह मुझे मम्मी की नंगी फ़ोटो मोबाइल से खींचकर ला दी। फिर वो फ़ोटो देखकर तो मैं दिन रात अपना लंड हिलाने लगा। मोना तो पहले से ही पापा से चुदवा चुकी थी। फिर वो मुझसे बोली के तुम भी शर्म मत करो और मम्मी का उद्घाटन कर दो। फिर मैं बोला के ऐसे एकदम से कुछ नहीं होगा टाइम लगेगा।
फिर मोना बोली के तुम कोशिश करते रहो। कभी तो बात बनेगी ही। फिर कुछ दिनों बाद मम्मी पापा की शादी की सालगिरह आने वाली थी। हम गांव में रहते थे तो गांव में कौन सालगिरह मनाता है। वैसे पापा मम्मी के बीच मे सब कुछ ठीक था लेकिन फिर भी उनके बीच कुछ कमी सी लगती थी। बस इसी बात का मैंने फायदा उठाया। मैं और मम्मी एक जैसा सोचते थे जिस कारण हममें काफी बातें कॉमन थी। मैंने भी घर का सब काम अच्छे से सम्भाल रखा था और मैं मम्मी की हर बात मानता था। अभी तक मुझे मम्मी अपना बेटा ही समझ रही थी। बस मुझे मम्मी की यही सोच किसी तरह बदलनी थी।
मम्मी की पसंद नापसंद मुझे सब कुछ पता था। फिर मोना ने भी मुझे कई बातें बताई। फिर मोना ने और मैंने मिलकर एक प्लान बनाया। जो कि आपको आगे पता चल जाएगा।
फिर मम्मी की सालगिरह वाले दिन मैं मम्मी को किसी बहाने से शहर ले आया। हम बस में ही गए थे। फिर बस से उतरकर हम मार्केट की तरफ जाने लगे। फिर रास्ते मे मम्मी को एक कोने में ले गया और फिर उनसे कहने लगा के आज तुम्हारी शादी की सालगिरह है। पापा ने तो कभी सालगिरह ढंग से नहीं मनाई लेकिन आज मैं और आप दोनों मिलकर सालगिरह मनाएंगे। मैं पापा की जगह तुम्हे खूब शॉपिंग करवाऊंगा। मम्मी को शॉपिंग करना काफी पसंद था। फिर ये सुनकर मम्मी काफी खुश हुई। फिर मैंने मम्मी से कहा के आज मैं पापा की सब क��ी दूर कर दूंगा। तुम मना मत करना। फिर मैं मम्मी के गले लग गया और फिर मम्मी की गाल पर एक किस भी कर दिया। फिर मैंने अपनी गाल मम्मी क�� सामने की तो फिर मम्मी ने भी मुझे किस कर दिया। फिर मम्मी बोली के तेरे पापा से मुझे शिकायते थी पर मैंने कभी इसका जिक्र किसी के सामने कभी नहीं किया। पर आज मैं काफी खुश हूं कि भगवान ने मुझे तुम जैसा बेटा दिया। फिर ये सुनकर हम फिर से एक दुसरे के गले लगे।
फिर मैंने भी मौके पर चौका मारते हुए मम्मी से कहा के मैं तुम्हे नाम से बुला सकता हूँ क्या सिर्फ आज आज के लिए। फिर मम्मी हंसकर बोली के ठीक है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तो चले सुमन डार्लिंग और फिर मैंने मम्मी की कमर में हाथ डाल दिया। फिर मेरे मुँह से ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी का हाथ पकड़ा और फिर हम मार्केट में जाने लगे। फिर मैं पहले मम्मी को लेकर एक कपड़े की दुकान में गया। फिर वहां हम मम्मी के लिए सूट देखने लगे। मुझे और मम्मी को कई सूट पसंद आये। फिर मम्मी मुझसे पूछने लगी के कौनसा सूट लूँ तो फिर मैंने एक सूट पसंद किया और फिर मम्मी ने वो ही सूट ले लिया। वो सूट पिंक कलर का था और सिलाई के बाद मम्मी पर काफी अच्छा लगने वाला था। फिर मेरे कहने पर मम्मी ने दो सूट और ले लिए। फिर उस दुकान से निकलकर हम मार्केट में घूमने लगे। फिर हम एक ज्वैलर की दुकान में गये। फिर उस दुकान से मैंने मम्मी के लिए एक नोज रिंग ली। वो ली तो मैंने मम्मी की चुत के लिए थी और तब मम्मी ने उसे अपनी नाक में पहन ली। फिर मैंने मम्मी के लिए गले मे पहनने के लिए एक चैन ली। जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ था।
फिर मम्मी वो चैन गले मे पहनकर खुद को वहाँ लगे शीशे में देखने लगी। मैं तब मम्मी के साथ ही बैठा था। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम बहुत अच्छी लग रही हो। फिर मैं और मम्मी एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर हम उस दुकान से निकलकर एक दूसरी दुकान में चले गए। वहां लेडीज का लगभग सारा ही सामान था। फिर वहां से मैंने मम्मी के लिए दो लेटेस्ट डिज़ाइन के मंगलसूत्र लिए। फिर मम्मी जब वो मंगलसूत्र पहनने लगी तो फिर मैंने मम्मी के हाथ से मंगलसूत्र लेकर मम्मी के गले मे बांधने दिया। फिर मम्मी ने वहां से चूड़ियां वगैरह भी ली। वहाँ ब्रा पैंटी वगैरह भी थे। फिर मम्मी ने मेकअप वगैरह का सामान लिया और फिर कहने लगी के चलो चलते है। फिर मैंने मम्मी से कहा के और कुछ लेना है तो ले लो। फिर मम्मी ने कहा के सब ले लिया और क्या लेना है। फिर मैं मम्मी से बोला के देख लो और कुछ लेना हो तो। फिर हम दोनों दुकान में इधर उधर नजर दौड़ाने लगे। वहाँ सामने ही शोकेस में एक ब्रा पैंटी का सेट रखा हुआ था। फिर मेरी नजर तो जाकर उस पर रुक जाती।
फिर पहले तो मम्मी मुझसे पूछती रही के क्या लेना क्या लेना है और फिर जब उन्होंने मुझे शो केस में रखी उस ब्रा पैंटी को घूरते हुए देखा तो वो सब समझ गई। फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और बोली के वो मेरे पास है। फिर मैं बोला के तो क्या हुआ एक और ले लो। ये सुनकर मम्मी थोड़ी शर्म से लाल हो गई। तब हम थोड़ा उस दुकान से बाहर आ चुके थे। फिर मम्मी मुझसे बोली के जा तू ही ला दे। फिर मैं जाने लगा लेकिन तभी मुझे याद आया के साइज तो पूछा ही नहीं। फिर मैं मम्मी से पूछने ही वाला था के मम्मी हंसने लगी। मम्मी को भी पता चल गया था के मैं क्या पूछने वाला हूँ। फिर मैं थोड़ा शर्माने लगा और मम्मी से पूछा के किस साइज के लाने है। फिर मैं मम्मी के बोबो की तरफ देखने लगा। फिर मम्मी ने कहा 38 की ब्रा और 40 कि पैंटी ले ��ना। मम्मी मुझे देखकर लगातार मुस्कुरा रही थी।
फिर मैं दुकान के अंदर गया और मम्मी ने बताया उस साइज की अलग अलग डिज़ाइन की कई ब्रा पैंटी ली। फिर मैं ब्रा पैंटी लेकर दुकान से बाहर आया तो फिर मम्मी ने एक थैला खोलकर मेरे आगे कर दिया और फिर मैंने वो सब ब्रा पैंटी उसमें डाल दी। फिर मम्मी उन्हें थैले के अंदर ही हाथ मे लेकर देखने लगी। फिर मैंने सोचा के मैं मम्मी से क्यों शर्मा रहा हूँ। मैं ही शरमाउंगा तो फिर बात कैसे बनेगी। फिर हम आगे बढ़े। फिर एक दुकान के आगे एक लड़के का पुतला पेंट शर्ट पहनकर खड़ा था। फिर मम्मी बोली के तू भी अपने लिए कुछ ले ले। फिर मैंने कहा के मैं फिर कभी ले लूँगा। फिर वहीं एक लड़की का पुतला था जिसने एक शार्ट जीन और टॉप पहन रखा था। फिर मैंने उस पुतले की तरफ इशारा करते हुए मम्मी से कहा के तुम्हारे लिए ऐसे कपड़े ले लूँ। फिर उस पुतले की तरफ देखकर बोली के ना ना बिल्कुल नहीं। फिर हम दोनों हंसने लगे।
तब दोपहर हो चुकी थी और हमे भूख भी लग चुकी थी। फिर मैं मम्मी को लेकर एक रेस्टोरेंट में गया। फिर वहाँ मैंने मम्मी का फेवरिट खाना मंगवाया। फिर मैं अपने हाथों से मम्मी को खाना खिलाने लगा तो फिर मम्मी भी मुझे अपने हाथों से खिलाने लगी। तब मैंने मम्मी के हाथ मे अपना हाथ डाल रखा था। फिर खाना खत्म करके मम्मी ने थोड़ा पीछे की तरफ होकर डकार ली और बोली के आज तो मजा आ गया। फिर मैंने तभी मम्मी की कमर में हाथ डालकर मम्मी से पूछा के और क्या खाओगी। फिर मम्मी बोली के और कुछ नहीं खाना।
फिर हम उस होटल से निकलकर बाजार में घूमने लगे। फिर मैं मम्मी को एक पार्क में लेकर गया। वहां काफ़ी झूले थे। फिर मैं और मम्मी कई झूलों ओर झूले। फिर मम्मी बोली के उन्हें काफ़ी मजा आया। फिर हम एक जूतों की दुकान पर गए वहाँ मेरे कहने पर मम्मी ने हाई हील के सैंडल लिए। फिर वहीं पास ही में एक दुकान थी जिसमे की नाइटी वगैरह मिल रही थी। फिर मैंने सोचा के मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती है तो उनके लिए नाइटी ले लेता हूँ। ताकि उसमें वो आराम से रह सके। फिर मैं मम्मी को लेकर उस दुकान में चला गया। उस दुकान में काफी सारी सेक्सी नाइटी भी थी। फिर उन्हें देखकर मम्मी सोचने लगी के पता नहीं अब मैं उन्हें क्या दिलवाऊंगा। फिर मैंने उनसे एक लांग नाइटी दिखाने के लिये कहा। फिर वो दिखाने लगे। उनमे से कुछ नाइटी सीधे ही पहनने वाली थी और कुछ आगे से खुलने वाली थी। फिर मैंने मम्मी के लिए सब टाइप की नाइटी ले ली।
कुछ नाइटी शॉर्ट थी जो कि घुटनो से ऊपर तक ही आती थी। फिर मैंने मम्मी से पूछा के ये नाइटी लोगी क्या रात में पहनने के लिए। फिर मम्मी कुछ नहीं बोल पाई और बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने मम्मी के लिए एक वैसी नाइटी ले ली। फिर हम उस दुकान से बाहर निकले तो मम्मी थोड़ी चुप चाप सी थी। फिर मैं को लेकर हमारे उस शहर वाले घर मे जाने लगा। मैंने यही प्लान बनाया था के मम्मी को पहले शॉपिंग करवाऊंगा और फिर उन्हें लेकर वहां चला जाऊंगा। इस कारण मैंने पहले से ही शहर वाले घर मे से वो सब सामान छिपा दिया जो कि मम्मी को नहीं देखना चाहिए था। हम घर मे जा ही रहे थे के तभी मौसम खराब हो गया और बारिश आने लगी।
फिर हम जैसे तैसे घर पहुंचे। फिर घर पहुंचते ही मैंने मम्मी से रात यही रुकने के लिए कहा तो फिर मम्मी ने कहा के जैसा तुम्हे ठीक लगे। फिर मैंने मम्मी के फोन पर फोन कर दिया जो कि मोना के पास था और उसे कहा के हम कल घर आएंगे। अब हमें घर नहीं जाना था तो फिर मम्मी ने चाय बनाई और फिर साथ बैठकर हम चाय पीने लगे। मम्मी आज काफी खुश थी। मैंने आज मम्मी को दस हजार की शॉपिंग करवाई थी। फिर मैं मम्मी का हाथ पकड़कर मम्मी को पूरा घर दिखाने लगा। अब मैं मम्मी से ऐसे व्यवहार करने लगा जैसे मम्मी मेरी बीवी हो। मैं कभी मम्मी की कमर में हाथ डाल देता तो कभी मम्मी के कंधे ओर हाथ रखकर मम्मी को खुद से चिपका लेता। अब मम्मी भी कोई बच्ची नहीं थी। उन्हें भी आज इस बात का एहसास हो गया था के मैंने आज उन्हें अपनी बीवी समझकर ही सब शॉपिंग करवाई है।
फिर हम छत पर चले गए। तब बारिश बन्द हो गई थी और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। फिर मैंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गले मे हाथ डालकर खड़ा हो गया। फिर हम कुछ देर ऐसे ही खड़े रहे और फिर मम्मी मेरी तरफ मुड़ी और मेरे सीने से लग गई। तब मैंने मम्मी की आंखों में देखा तो मुझे उनकी आंखों में प्यार साफ दिख रहा था। फिर हम वहीं बैठकर बातें करने लगें। फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम्हें और कुछ भी लेना था क्या। फिर मम्मी हँसकर बोली के नहीं तुमने आज मुझे काफ़ी कुछ दिला दिया। आज मुझे विस्वास हो गया है के तू अब सब कुछ सम्भाल लेगा। फिर मम्मी मुझसे बोली के तेरी शादी करवा दूँ। फिर मैं बोला के नहीं मैं अभी शादी नहीं करूंगा। पहले हम मोना की शादी करेंगे। फिर मैं मेरी शादी के बारे में सोचूंगा। मेरी ये बात सुनकर मम्मी इम्प्रेस हुई और फिर मुझसे कहा के हां तुमने सही कहा।
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#नारी_रत्न_की_खान
17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी
🇮🇳
द्वारा सरल व सादगीपूर्ण तरीके से दहेज मुक्त विवाह कर चुके हैं। जिससे लाखों बेटियों को बिना किसी आर्थिक दबाव के सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। उनके इस प्रयास से समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ा है।
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#नारी_रत्न_की_खान
#womeninbusiness #WomenSupportingWomen #womenshealth #womensafety #womenempoweringwomen #womanempowerment #woman #sister #motherhood #wifeylife #daughter #beti
#SaintRampalJi #SantRampalJiMaharaj
🎉 संत रामपाल जी महाराज ने दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज़ उठाई व उसका पूर्णतः अंत किया जिससे लाखों बेटियों को बिना किसी आर्थिक दबाव के सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। उनके इस प्रयास से समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ा है और विवाह को 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी द्वारा सरल व सादगीपूर्ण बनाया गया है।
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संत रामपाल जी महाराज ने दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज़ उठाई व उसका पूर्णतः अंत किया जिससे लाखों बेटियों को बिना किसी आर्थिक दबाव के सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। उनके इस प्रयास से समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ा है और विवाह को 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी द्वारा सरल व सादगीपूर्ण बनाया गया है
#SaintRampalJi #SantRampalJiMaharaj
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संत रामपाल जी महाराज ने दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज़ उठाई व उसका पूर्णतः अंत किया जिससे लाखों बेटियों को बिना किसी आर्थिक दबाव के सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। उनके इस प्रयास से समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ा है और विवाह को 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी द्वारा सरल व सादगीपूर्ण बनाया गया है।
Bhrun hatya Jaisi burai band Hui hai tatha purushon mein Nasha ki mrutyu ko khatm karne se Parivar sukhi Ho Gaye
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लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक "Our Minds, Our Rights" का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि "विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |" सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि, "इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |" वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि "मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है| आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |" डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि, "यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शर���र में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |" सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अर��णा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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🔥🔥🔥 👉ओरल सेक्स के लिए हर महिला सहज नहीं होती है। ऐसे में जब उन पर साथी द्वारा दबाव बनाया जाता है, तो ये उनके संबंध बनाने के अनुभव को कड़वाहट से भर देता है। पॉर्न फिल्में देखने के बाद पुरुष साथी के जरिए वैसी ही स्थितियों की उम्मीद करना या पार्टनर पर ऐसा करने का दबाव डालना भी महिलाओं को परेशान कर देता है और वे रुचि खोने लगती हैं क्योंकि ये उनके लिए काफी असहज कर देने वाली स्थितियां होती हैं‼️ 🔥🔥🔥
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Mental health: युवाओं में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं क्यों बढ़ रही हैं? क्या हैं समाधान!
चिंता के शिकार युवा Mental health: जानें कि क्यों युवाओं में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं और इनसे निपटने के उपाय। मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को समझें और स्वस्थ जीवन के लिए जागरूक रहें।आज के प्रतिस्पर्धी और तेज़-तर्रार जीवन में युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ना एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं न केवल उनके मानसिक…
#आर्थिक स्तिथि#परिवारिक दबाव#युवा मानसिक स्वास्थ्य#योग और ध्यान#शैक्षिक दबाव#सकारात्मक सोच#सोशल मीडिया का प्रभाव#स्वस्थ जीवनशैली
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नाराज़गी!
ऐसी भी क्या नाराज़गी क्यों हमसे मुँह मोड़ लिया
एक अनूठा सा रिश्ता एक झटके में ही तोड़ दिया
इस बड़े से जहाँ में बस दो अजनबी बनके रह गये
कोई तो बात दिल में होगी जो साथ यूँ छोड़ दिया
कुछ दूर साथ चले कदमों के रास्ते क्यों अलग हुए
न जाने क्यों दिलों ने जज़्बात का दामन छोड़ दिया
काग़ज़ है कलम है सियाही की भी कोई कमी नहीं
न जाने क्यों कलम ने अल्फ़ाज़ से नाता तोड़ लिया
एक दफ़ा तो बता देते आप ऐसी भी क्या खता हुई
बिना कहे सुने कुछ क्यों चुपचाप ही मुँह मोड़ लिया
मशवरों हौसला-अफजाई को दबाव ही समझ बैठे
समझ से ग़लतफ़हमियों ने जाने क्या धोखा किया
ज़ेहनी-झुकाव का तर्जुमा बस इश्क़ या हसरत नहीं
जज़्बात एहतराम भी है फिर जाने क्या सोच लिया
सोचो ज़रा ग़ुस्से नाराज़गी को अहमियत क्यों देना
छोटी सी ज़िन्दगी है बेवजह ही ये कैसा बोझ लिया!
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This is the final 30/30 vocab list for this November challenge. I made it! Thank you @guillemelgat so much for inspiring this challenge! 🧡🧡
Office Vocabulary
कार्यालय, दफ़्तर - office, bureau (masculine) * and office can be निजी (private) or साझा (shared). कार्यस्थान - workspace, workplace (masculine) रोज़गार - employment (masculine) कार्य, काम - work, task (masculine) नौकरी - job (feminine) * work or job can be for example लिपीकीय (clerical), प्रशासनिक (administrative) or प्रबंधकीय (managerial), अंशकालिक (part time) or पूर्णकालिक (full time). * मोजूदा नौकरी - current job (feminine) काम करना - to work (transitive) संगठन - organization (masculine) संस्था - institution (feminine) कंपनी - company (feminine) व्यवसाय - business, occupation (masculine) व्यवसायी - businessman (masculine) नियोक्ता - employer (masculine) ओहदा - position, post (masculine) कर्तव्य - role, duty (masculine) कनिष्ठ - junior (adjective) वरिष्ठ - senior (adjective) आधिकारिक - official, governmental (adjective) अधिकारी - officer, officials (masculine) विभाग - department (masculine) * बिक्री विभाग - sales department सहकर्मी, काम साथी - coworker, colleague (masculine) कर्मचारी - employee, staff member (masculine) कार्यकर्ता - worker (masculine) कार्यकारी - executive, working (adjective) निदेशक - director, administrator (masculine) प्रबंधक - manager, administrator (masculine) प्रबंधन - management (masculine) प्रशासन - administration (masculine) अधीक्षण - supervision (masculine) मालिक, पर्यवेक्षक - boss, supervisor (masculine) मुख्य कार्यकारी अधिकारी - CEO (masculine) प्रतिनिधि - 1. representative, 2. substitute (masculine) समूह के नेता - team leader (masculine) समूह का सदस्य - team member (masculine) लिपिक - clerk (masculine) सचिव - secretary (masculine or feminine) सुरक्षा प्रहरी - security guard (masculine) ग्राहक - client, customer (masculine) आगंतुक - visitor (masculine)
Getting and Leaving a Job
नौकरी की तलाश में होना - to look for a job (intransitive) नौकरी का आवेदन - job application (masculine) नौकरी के लिए आवेदन करना - to apply for a job (transitive) कार्य अनुभव - work experience (masculine) नौकरी के लिए साक्षात्कार - job interview (masculine) दबाव संभालना - to handle pressure (transitive) वेतन - salary, wages (masculine), also तनख़्वाह (feminine) अधिलाभ - bonus (masculine) कमाना - to earn (transitive) समझौता - agreement, negotiation (masculine) हाथ मिलाना - to shake hands (transitive) नौकरी का प्रस्ताव - job offer (masculine) नौकरी हासिल करना - to get a job (transitive) नौकरी देना - to hire, employ (transitive) हड़ताल - strike (feminine) संघ - union (masculine) इस्तीफ़ा, त्यागपत्र - resignation (masculine) * नौकरी से इस्तीफा देना - to resign from a job (transitive) नौकरी छोड़ना - to leave a job सेवानिवृत्त हो जाना - to retire (intransitive)
At Work
कार्यालय की इमारत - office building (feminine) मंज़िल - floor, storey (feminine) बहुमंजिला - multi-storey (adjective) परिचय पत्र - ID card (masculine) कुंजी कार्ड - key card (masculine) लॉबी - lobby, waiting area (feminine), also प्रतीक्षा क्षेत्र (masculine) लिफ़्ट - elevator, lift (feminine) मुख्यालय, मुख्य कार्यालय - headquarters, head office (masculine) शाखा - branch (feminine) बैठक, सम्मेलन - meeting (masculine), also मीटिंग, सभा (feminine) * बैठक का कमरा - meeting room * फ़ोन सम्मेलन - conference call, phone conference * ऑनलाइन बैठक - online meeting * बैठक निर्धारित करना - to schedule a meeting (transitive), also मीटिंग शेड्यूल करना विश्राम कक्ष - lounge (masculine) घन कक्ष - cubicle (masculine) समय पर पहुंचना - to arrive on time (intransitive) ब्रेक लेना - to take a break (transitive) कॉफी ब्रेक पर होना - to be on a coffee break (intransitive) भोजनावकाश - lunch break (masculine) दस्तावेज - document (masculine) हस्ताक्षर करना - to sign, to write a signature (transitive) अभिलेख - records (masculine) फाइल - file (feminine) फाइलें रखने की अलमारी - filing cabinet (feminine) ईमेल लिखना - to write an email (transitive) भेजना - to send (transitive) फ़ोन उठाना - to answer the phone (transitive) फ़ोन करना - to make a call (transitive) प्रिंट करना - to print (transitive) प्रति बनाना - to make a copy (transitive) मंथन करना - to brainstorm (transitive) परियोजना - project (feminine) * परियोजना ख़त्म करना - to finish a project (transitive)
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1411
अग्निपरीक्षा
-© कामिनी मोहन
ज़िंदगी एक नियमबद्ध अंतराल में
चलने वाली फ़िल्म है
इसमें मनुष्य सबसे अच्छे
और बुरे रूप में दिखता है
बदसूरती और सुंदरता का चेहरा उतरता है
अचानक अंत के साथ
अभिनेता अनभिव्यक्त हो जाता है
ब्लैकबोर्ड पर उंगलियों के
हल्क़े दबाव से
टूटते चाॅक की तरह बिखर जाता है
आगे जुड़ाव के लिए कोई स्क्रिप्ट नहीं है
कैमरे के पीछे कोई निर्देशक भी नहीं है।
पर्दे पर आयु का ज़िक्र है
अंधेरा सिर्फ़ इंतज़ार का चित्र है
जैसे सूखे गुलाब के गुलदस्ते की तरह
दुःख सिकुड़ कर झड़ जाता है
जैसे पूर्ण आकाश मुट्ठी में क़ैद रहता है
और हथेली आश्रय पकड़ नहीं पाता है।
बस पुनरुत्थान की प्रतीक्षा है
अपनी राख से उठकर
आकाश की तरह
हर तरफ़ लौटने की
हर किसी की इच्छा है
हवा का स्वाद लेकर
जीवन की समयरेखा पर एक ही बार में
शाश्वत तारे की तरह
ब्रह्माण्ड के पतन के बाद भी
एक संकेत में
साहस और ईमानदारी के साथ
आँखों से सब छू लेने की अग्निपरीक्षा है।
-© कामिनी मोहन
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वह कभी नहीं सोया / कुंवर नारायण
वह जगह
जहाँ से मेरे मन में यह द्विविधा आयी
कि अब यह खोज हमें आगे नहीं बढ़ा पा रही
मेरे घर के बिल्कुल पास थी।
वह घाटी नहीं तलहटी थी
जिसे हमने खोद निकाला था-
और जिसे खोद निकालने की धुन में
हम सैकड़ों साल पीछे गड़ते चले जा रहे थे
इतनी दूर और इतने गहरे
कि अब हमारी खोज में हमें ही खोज पाना मुश्किल था।
शायद वहीं एक सभ्यता का अतीत हमसे विदा हुआ था जहाँ साँस लेने में पहली बार मुझे
दिक्कत महसूस हुई थी
और मैं बेतहाशा भागा था
उस ज़रा-से दिखते आसमान, वर्तमान और खुली हवा की ओर
जो धीरे-धीरे मुँदते चले जा रहे थे।
एक खोज कहाँ से शुरू होती और कहाँ समाप्त
इतना जान लेने के बाद क्या है और क्या नहीं
यहीं से शुरू होती आदमी की खोज,
उसकी रोज़मर्रा कोशिश कि
वह कैसे ज़िन्दा रहे उन तमाम लड़ाइयों के बीच
जो उसकी नहीं-जो उसके लिए भी नहीं-जिनमें
वह न योद्धा कहलाये न कायर,
केवल अपना फर्ज़ अदा करता चला जाय
ईमानदारी से
और फिर भी अपने ही घर की दीवारों में
वह ज़िन्दा न चुनवा दिया जाय।
वह अचानक ही मिल गया।
कुछ निजी कारणों से उसने
अपना नाम नहीं केवल नम्बर बताया।
इतिहास देखकर जब वह वर्षों ऊब गया
उसने अपने लिए क़ब्रनुमा एक कमरा बनाया
और एक बहुत भारी पत्थर को ओढ़कर सो गया।
वह फिर कभी नहीं जागा, यद्यपि उसे देखकर लगता था कि वह कभी नहीं सोया था। उस ठण्डी सोली जगह में उसकी अपलक आँखों का अमानुषिक दबाव, उसकी आकृति, उसकी व्यवहारहीन भाषा-कुछ संकेत भर शेष थे कि वह पत्थर नहीं आदमी था
और हज़ारों साल से आदमी की तरह ज़िन्दा रहने की कोशिश
कर रहा था।
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