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#ज्ञानसरोवर
asitbali · 5 months
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26-04-2024 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे - शरीर निर्वाह अर्थ कर्म करते हुए बेहद की उन्नति करो, जितना अच्छी रीति बेहद की पढ़ाई पढ़ेंगे, उतनी उन्नति होगी”
“निगेटिव सोचने का रास्ता बंद कर दो तो सफलता स्वरूप बन जायेंगे। - ओम् शान्ति।
प्रश्नः तुम बच्चे जो बेहद की पढ़ाई पढ़ रहे हो, इसमें सबसे ऊंच डिफीकल्ट सब्जेक्ट कौन-सी है? उत्तर:- इस पढ़ाई में सबसे ऊंची सब्जेक्ट है भाई-भाई की दृष्टि पक्की करना। बाप ने ज्ञान का जो तीसरा नेत्र दिया है उस नेत्र से आत्मा भाई-भाई को देखो। जरा भी आंखे धोखा न दें। किसी भी देहधारी के नाम-रूप में बुद्धि न जाये। बुद्धि में जरा भी विकारी छी-छी सकंल्प न चलें। यह है मेहनत। इस सब्जेक्ट में पास होने वाले…
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nepal123 · 8 years
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स्व. टीकाराम बाँस्तोलाको साहित्यीक व्यक्तित्वबारे छलफल हेमजा १०, माघ- हेमजा साहित्य प्रतिष्ठानको नियमित मासिक श्रृङखला शुभ प्रभात काव्यमालाको १ सय ६५ औँ श्रृङखलाको अवसरमा आइतबार साहित्यकार स्व. टीकाराम बाँस्तोलाको साहित्यीक व्यक्तित्वका विषयमा छलफल गरिएको छ । कार्यक्रममा बोल्ने वक्ताहरुको स्व. बाँस्तोलाको कृतित्व र व्यक्तित्व माथि चर्चा गरेका थिए । कार्यक्रममा साहित्य अनुरागी स्रष्टाहरु देवी त्रिपाठी, सृजना गायक, विष्णु प्रसाद पराजुली, भरतचन्द्र गोैतम, सुनिल गायक, अमृता अधिकारी र भानुभक्त पोखरेल, प्रकाश त्रिपाठी विवश लगायतले आ– आफना रचना वाचन गर्नुभएको थियो । सो अवसरमा प्रतिष्ठानले गत माघ २ गते लिएको माध्यामिक विद्यालय स्तरीय निबन्ध प्रतियोगितामा केफ उच्च मा.विका छात्रा स्मृति भण्डारी प्रथम, ज्ञानसरोवर बोर्डिङ स्कुलका छात्र सुजन सुवेदी द्दितीय, केफ उच्च मा.वि का छात्र नवराज सुवेदी तृतीय र हेमजा आवासीय विद्यालय की छात्रा भावना अधिकारी सात्वना हुन सफल भएकी थिइन् । उनीहरुलाई पुरस्कार र प्रमाण पत्र वितरण गरिएको छ । सोही कार्यक्रममा हाल दक्षिण कारियामा रोजगारीको शिलशिलामा रहनु भएका रमेश भण्डारीको तर्फबाट उहाँको वुवा पूर्णलाल भण्डारीले हेमजा साहित्य प्रतिष्ठानको अक्षय कोषका निमित्त नगद ५ हजार रुपैया सहयोग प्रदान गर्नुभएको थियो । हेमजा साहित्य प्रतिष्ठानका अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद पोैडेलको अध्यक्षतामा सञ्चाल��त कार्यक्रममा प्राध्यापक डा. रविराल अधिकारी, समालोचक डा. यमनाथ तिमिल्सिना, स्व. बाँस्तोलाकी धर्मपत्नी मनरुपा बाँस्तौला, छोरा इञ्जिनियर दिनेश बाँस्तोला, नेकपा एमाले पोखरा २९ का अध्यक्ष ऋषिराम पौडेल, माधवशरण बाँस्तोला, माधवशरण पाङ्घडेल, पूर्णलाल भण्डारी लगायतले, बोल्नुभएको कार्यक्रमको स्वागत प्रष्तिठानका सदस्य इमनाथ पौडेल र सञ्चालन सह – सचिव सुनिल गायकले गर्नुभएको थियो ।
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asitbali · 5 months
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19-04-2024 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे - बाप आये हैं सारी दुनिया का हाहाकार मिटाकर जयजयकार करने - पुरानी दुनिया में है हाहाकार, नई दुनिया में है जयजयकार”
“बापदादा के राइट हैण्ड बनो, लेफ्ट हैण्ड नहीं।" - ओम् शान्ति।
प्रश्नः कौन-सा ईश्वरीय नियम है जो गरीब ही बाप का पूरा वर्सा लेते, साहूकार नहीं ले पाते? उत्तर:- ईश्वरीय नियम है – पूरा बेगर बनो, जो कुछ भी है उसे भूल जाओ। तो गरीब बच्चे सहज ही भूल जाते हैं परन्तु साहूकार जो अपने को स्वर्ग में समझते हैं उनकी बुद्धि में कुछ भूलता नहीं इसलिए जिनको धन, दौलत, मित्र, सम्बन्धी याद रहते वह सच्चे योगी बन ही नहीं सकते हैं। उन्हें स्वर्ग में ऊंच पद नहीं मिल सकता। गीत:-…
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asitbali · 5 months
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17-02-2024 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे - यह बना-बनाया नाटक है, इस नाटक से एक भी आत्मा छूट नहीं सकती, मोक्ष किसी को मिल नहीं सकता”
“विघ्न रूप नहीं, विघ्न-विनाशक बनो।" - ओम् शान्ति।
प्रश्नः ऊंचे ते ऊंचा पतित-पावन बाप भोलानाथ कैसे है? उत्तर:- तुम बच्चे उन्हें चावल मुट्ठी दे महल ले लेते हो, इसलिए ही बाप को भोलानाथ कहा जाता है। तुम कहते हो शिवबाबा हमारा बेटा है, वह बेटा ऐसा है जो कभी कुछ लेता नहीं, सदा ही देता है। भक्ति में कहते हैं जो जैसा कर्म करता है वैसा फल पाता है। परन्तु भक्ति में तो अल्पकाल का मिलता। ज्ञान में समझ से करते इसलिये सदाकाल का मिलता है। गीत:- हमें उन राहों…
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asitbali · 6 months
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17-02-2024 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें याद के बल से पावन बन ऊंच पद पाना है”
भगवानुवाच: “मीठे बच्चे – तुम्हें याद के बल से पावन बन ऊंच पद पाना है” - ओम् शान्ति!
प्रश्नः बाप रूहानी सर्जन है, वह तुम्हें कौन-सा धीरज देने आये हैं? उत्तर:- जैसे वह सर्जन रोगी को धीरज देते हैं कि अभी बीमारी ठीक हो जायेगी, ऐसे रूहानी सर्जन भी तुम बच्चों को धीरज देते हैं – बच्चे, तुम माया की बीमारी से घबराओ नहीं, सर्जन दवा देते हैं तो यह बीमारियां सब बाहर निकलेंगी, जो ख्यालात अज्ञान में भी नहीं आये होंगे, आयेंगे। लेकिन तुम्हें सब सहन करना है। थोड़ा मेहनत करो, तुम्हारे अब सुख के…
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asitbali · 2 years
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“तुम मात पिता हम बालक तेरे... अब यह महिमा किसके लिये गाई हुई है?”
"जब स्वयं परमात्मा आकर हमारे सारे कर्मों का खाता चुक्तू करता है, तब ही हम कहेंगे तुम माता पिता.."- ओम् शान्ति।
Ma Jagdamba , माँ जगदम्बा स्वरस्वती मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य:- “तुम मात पिता हम बालक तेरे… अब यह महिमा किसके लिये गाई हुई है?” Shiv God Supreem, परमपिता परमात्मा शिव तुम मात पिता हम बालक तेरे, तुम्हरी कृपा से सुख घनेरे… अब यह महिमा किसके लिये गाई हुई है? अवश्य पर–मात्मा के लिये गायन है क्योंकि परमात्मा खुद माता पिता रूप में आए इस सृष्टि को अपार सुख देता है। जरूर परमात्मा ने कब सुख की…
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asitbali · 2 years
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“जिस समय “ओम् शान्ति” कहते हैं तो उसका यथार्थ अर्थ है?”
“तो अपने को आत्मा समझ परमात्मा की याद में रहना, यह है सच्चा ज्ञान।“- ओम् शान्ति।
Ma Jagdamba , माँ जगदम्बा स्वरस्वती मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य:- जिस समय “ओम् शान्ति” कहते हैं तो उसका यथार्थ अर्थ है मैं आत्मा सालिग्राम उस ज्योति स्वरूप परमात्मा की संतान हूँ, हम भी वही पिता ज्योतिर्बिन्दू परमात्मा के मुआफिक आकार वाली हैं। बाकी हम सालिग्राम बच्चे हैं तो इन्हों को अपने ज्योति स्वरूप परमात्मा के साथ योग रखना और लाइट माइट का वर्सा लेना है। उस निराकार परमात्मा को श्वांसों…
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asitbali · 2 years
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22-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पुरुषार्थ कर सर्वगुण सम्पन्न बनना है दैवीगुण धारण करने हैं”
स्लोगन:- “निश्चित विजय और निश्चिंत स्थिति का अनुभव करने के लिए सम्पूर्ण निश्चयबुद्धि बनो।।“ - ओम् शान्ति।
शिव भगवानुवाच : “मीठे बच्चे – पुरुषार्थ कर सर्वगुण सम्पन्न बनना है दैवीगुण धारण करने हैं, देखना है मेरे में अब तक क्या-क्या अवगुण हैं, हम आत्म-अभिमानी कहाँ तक बने हैं” प्रश्नः– सर्विसएबुल बच्चों की बुद्धि में अब कौन सी तात लगी रहनी चाहिए? उत्तर:- मनुष्यों को देवता कैसे बनायें, कैसे सबको लक्ष्मी–नारायण, राम–सीता की बायोग्राफी सुनायें – यह तात बच्चों में लगी रहनी चाहिए। लक्ष्मी–नारायण के मन्दिर…
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asitbali · 2 years
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“SPIRITUAL BOOK’S – आद्यात्मिक किताबे”: ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय।
Sacred books of Gods Verses : Srimad Bhagwat GEETA etc, परमात्मा के वचनो की पवित्र पुस्तकें: भगवानुवाच भागवत गीता, आदि.
Brahma kumaries Spiritual Litrature, ब्रह्मा कुमारी आध्यात्मिक साहित्य -– Please select Visit Page
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nepal123 · 8 years
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स्व. टीकाराम बाँस्तोलाको साहित्यीक व्यक्तित्वबारे छलफल हेमजा १०, माघ- हेमजा साहित्य प्रतिष्ठानको नियमित मासिक श्रृङखला शुभ प्रभात काव्यमालाको १ सय ६५ औँ श्रृङखलाको अवसरमा आइतबार साहित्यकार स्व. टीकाराम बाँस्तोलाको साहित्यीक व्यक्तित्वका विषयमा छलफल गरिएको छ । कार्यक्रममा बोल्ने वक्ताहरुको स्व. बाँस्तोलाको कृतित्व र व्यक्तित्व माथि चर्चा गरेका थिए । कार्यक्रममा साहित्य अनुरागी स्रष्टाहरु देवी त्रिपाठी, सृजना गायक, विष्णु प्रसाद पराजुली, भरतचन्द्र गोैतम, सुनिल गायक, अमृता अधिकारी र भानुभक्त पोखरेल, प्रकाश त्रिपाठी विवश लगायतले आ– आफना रचना वाचन गर्नुभएको थियो । सो अवसरमा प्रतिष्ठानले गत माघ २ गते लिएको माध्यामिक विद्यालय स्तरीय निबन्ध प्रतियोगितामा केफ उच्च मा.विका छात्रा स्मृति भण्डारी प्रथम, ज्ञानसरोवर बोर्डिङ स्कुलका छात्र सुजन सुवेदी द्दितीय, केफ उच्च मा.वि का छात्र नवराज सुवेदी तृतीय र हेमजा आवासीय विद्यालय की छात्रा भावना अधिकारी सात्वना हुन सफल भएकी थिइन् । उनीहरुलाई पुरस्कार र प्रमाण पत्र वितरण गरिएको छ । सोही कार्यक्रममा हाल दक्षिण कारियामा रोजगारीको शिलशिलामा रहनु भएका रमेश भण्डारीको तर्फबाट उहाँको वुवा पूर्णलाल भण्डारीले हेमजा साहित्य प्रतिष्ठानको अक्षय कोषका निमित्त नगद ५ हजार रुपैया सहयोग प्रदान गर्नुभएको थियो । हेमजा साहित्य प्रतिष्ठानका अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद पोैडेलको अध्यक्षतामा सञ्चालित कार्यक्रममा प्राध्यापक डा. रविराल अधिकारी, समालोचक डा. यमनाथ तिमिल्सिना, स्व. बाँस्तोलाकी धर्मपत्नी मनरुपा बाँस्तौला, छोरा इञ्जिनियर दिनेश बाँस्तोला, नेकपा एमाले पोखरा २९ का अध्यक्ष ऋषिराम पौडेल, माधवशरण बाँस्तोला, माधवशरण पाङ्घडेल, पूर्णलाल भण्डारी लगायतले, बोल्नुभएको कार्यक्रमको स्वागत प्रष्तिठानका सदस्य इमनाथ पौडेल र सञ्चालन सह – सचिव सुनिल गायकले गर्नुभएको थियो ।
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