#जुलाई पूर्वानुमान
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Free kundli game on Astrology Signs Horoscope
कुंडली गेम
कुंडली गेम एक इंटरएक्टिव और मजेदार तरीका है जिससे आप अपनी कुंडली को समझ सकते हैं। इसमें जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर कुंडली तैयार की जाती है और इसके जरिए आप ग्रहों की स्थिति और उनकी ज़िंदगी पर पड़ने वाले प्रभाव को समझ सकते हैं। कुंडली गेम के जरिए आप अपनी राशि, ग्रहों की चाल, और भविष्यवाणियों का आनंद उठाते हुए खुद के बारे में ज्यादा जान सकते हैं। यह गेम आपको अपने जीवन की दिशा,kundli game चुनौतियों और संभावनाओं को सरल और रोमांचक तरीके से जानने का मौका देता है।
मेष राशिफल आज – प्रोकेरला
आज के दिन मेष राशि (21 मार्च – 19 अप्रैल) के जातकों के ल��ए ऊर्जा से भरपूर रहेगा। प्रोकेरला के अनुसार, आपको आज आत्मविश्वास और साहस के साथ किसी भी कार्य को करने की प्रेरणा मिलेगी। आपके करियर में तरक्की के संकेत हैं, लेकिन जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें। रिश्तों में सामंजस्य और संतुलन बनाए रखें। आर्थिक स्थिति में सुधार के योग हैं, और यह दिन निवेश के लिए अनुकूल रहेगा।
अंकशास्त्र मिलान (Numerology Match Making)
अंकशास्त्र मिलान विवाह से पहले दो व्यक्तियों के बीच संगतता जांचने का एक पारंपरिक तरीका है। इसमें जन्मतिथि के आधार पर अंकशास्त्र के विभिन्न नंबर जैसे लाइफ पाथ नंबर, डेस्टिनी नंबर और सोल नंबर का मिलान किया जाता है। यह विधि यह बताने में मदद करती है कि दंपति के बीच कितनी सामंजस्यता है और किन क्षेत्रों में उन्हें ध्यान देने की आवश्यकता है। इस मिलान के जरिए जीवनसाथी के स्वभाव और marriage date calculator by date of birth भविष्य की दिशा का भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
विवाह तिथि कैलकुलेटर जन्म तिथि के अनुसार
विवाह तिथि कैलकुलेटर एक उपयोगी टूल है जो आपकी और आपके साथी की जन्म तिथि के आधार पर सबसे शुभ विवाह तिथि का चयन करता है। यह ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों की चाल को ध्यान में रखते हुए विवाह के लिए सबसे अनुकूल दिन की सिफारिश करता है। शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
ज्योतिष और राशि चक्र (Astrology and Zodiac Sign)
ज्योतिष और राशि चक्र हमारे free numerology match making जीवन के विभिन्न पहल��ओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। राशि चक्र में 12 राशियाँ होती हैं, जिनके आधार पर व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मेष (21 मार्च – 19 अप्रैल): साहसिक और ऊर्जावान।
वृषभ (20 अप्रैल – 20 मई): स्थिर और विश्वसनीय।
मिथुन (21 मई – 20 जून): चतुर और जिज्ञासु।
कर्क (21 जून – 22 जुलाई): संवेदनशील और पोषण करने वाला।
सिंह (23 जुलाई – 22 अगस्त): आत्मविश्वासी और करिश्माई।
कन्या (23 अगस्त – 22 सितंबर): विश्लेषणात्मक और तार्किक।
तुला (23 सितंबर – 22 अक्टूबर): संतुलित और शांतिप्रिय।
वृश्चिक (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): तीव्र और रहस्यमय।
धनु (22 नवंबर – 21 दिसंबर): आशावादी और साहसी।
मकर (22 दिसंबर – 19 जनवरी): अनुशासित और महत्वाकांक्षी।
कुंभ (20 जनवरी – 18 फरवरी): नवीन और स्वतंत्र विचारक।
मीन (19 फरवरी – 20 मार्च): दयालु और कल्पनाशील।
इन राशियों के आधार पर व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव और उनकी विशेषताएँ निर्धारित की जाती हैं। ज्योतिष और राशि astrology and zodiac sign चक्र का अध्ययन व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य की जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।
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जुलाई की होगी भरपाई या रहेगा सूखा! अगस्त-सितंबर में कैसी रहेगी बारिश, मौसम विभाग ने कर दी भविष्यवाणी
नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में बारिश का असर सड़कों पर देखने को मिल रहा है। जुलाई के महीने में उमस और गर्मी झेल रहे लोगों आने वाले समय में राहत मिल सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को पूर्वानुमान लगाया कि अगस्त और सितंबर के महीने में भारत में औसत से अधिक बारिश दर्ज की जाएगी। साथ ही इस महीने के अंत तक अनुकूल ला नीना की स्थिति बनने की प्रबल संभावना है। IMD ने पूर्वानुमान लगाया कि देश भर में बारिश लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत होगी, जो 422.8 मिमी है। अब तक कितनी हुई बारिश? जून की शुरुआत से अब तक भारत में 453.8 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य स्तर 445.8 मिमी से दो प्रतिशत अधिक है। इस सरप्लस का श्रेय जून के सूखे के बाद जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश को दिया जा सकता है। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, देश के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद ��ै। हालांकि, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत से सटे लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ के साथ-साथ मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में कम बारिश भारत के कृषि क्षेत्र में मानसून की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसकी वजह है कि कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 प्रतिशत हिस्सा इस पर निर्भर करता है। जलाशयों को भरने के लिए प्राथमिक वर्षा-असर प्रणाली आवश्यक है, जो पूरे देश में पेयजल उपलब्ध कराने और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। आईएमडी प्रमुख ने दो महीनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ इलाकों में औसत से कम वर्षा की आशंका जताई है। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। कहां-कहां कितनी बारिश? महापात्र ने कहा कि गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के कुछ इलाकों में सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है। जुलाई के महीने में भारत में औसत से नौ प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जबकि मध्य क्षेत्र में 33 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि 29 जुलाई को केरल के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया था। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए चेतावनी जारी की गई थी। http://dlvr.it/TBMPPm
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आज का दिन निकला तो तवा बांध के गेट खुलने का करना होगा इंतजार
इटारसी। तवा बांध में 31 जुलाई तक 1158 फीट पानी रखना है। आज सुबह से बांध में जलस्तर 1157.50 पर स्थिर है। यानी निर्धारित जलस्तर से आधा फीट कम। हालांकि अभी हैवी रेन का पूर्वानुमान भी है, यदि दिन में हैवी रेन हो जाती है और जलस्तर तेजी से बढ़ता है तो बांध के गेट खुल सकते हैं, यदि आज का दिन निकल गया तो फिर थोड़े दिन इंतजार करना पड़ेगा। 1 से 15 अगस्त तक तवा बांध का गवर्निंग लेबल 1160 हो जाएगा। यानी दो…
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Jharkhand weather alert - झारखंड में मानसून ने पकड़ी रफ्तार, अब तक जमशेदपुर में सबसे अधिक बारिश, राज्य के दक्षिणी और मध्य हिस्से में अगले तीन दिन झमाझम बारिश का अलर्ट
रांची / जमशेदपु��� : कोल्हान समेत पूरे झारखंड में इन दिनों मानसून की रफ्तार बढ़ गयी है. मौसम विभाग रांची केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ अभिषेक आनंद ने पूर्वानुमान में बताया कि इन दिनों झारखंड में मानसून सक्रिय है. इस दौरान 30 जुलाई से 1 अगस्त तक राज्य के दक्षिणी और मध्य हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट है. राज्य के कई जिलों में गर्जन के साथ वज्रपात की संभावना है. वज्रपात के समय किसानों को खेत में और…
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ताजा खबर के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने पांच जिलों में 24 से 30 जुलाई तक बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। हिमाचल के चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला व सिरमौ�� के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
आपको बता दे की मंगलवार रात सबसे ज्यादा बारिश बैजनाथ में 85.0 एमएम, पालमपुर में 25.2, जोगिंद्रनगर में 18.0, धर्मशाला में 10.4, पांवटा साहिब में 7.6, सैंज में 7.5, काहू में 7.5, कसौली में 7.4 व शिमला में 5.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में बुधवार को हल्की धूप खिलने के साथ धुंध छाई रही। मानसून सीजन के चलते PWD ने बीते 24 घंटे में दस सडक़ों को दुरुस्त कर लिया है।
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सीएम ने जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के दिए निर्देश, रविवार को प्रदेश के नौ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का है पूर्वानुमान
सीएम ने जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमान को लेकर जारी किए निर्देश रविवार को प्रदेश के नौ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का है पूर्वानुमान देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिनांक 07 जुलाई 2024, रविवार को मौसम विभाग द्वारा राज्य के नौ जनपदों में भारी से बहुत भारी वर्षा के पूर्वानुमान को लेकर सभी संबंधित…
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इन जिलों में IMD का रेड अलर्ट, अगले चार दिनों तक इस राज्य में भारी बारिश की आशंका
मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि कुमाऊं के साथ ही चमोली, पौडी समेत कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 14, 15, 16, 17 जुलाई को पूरे राज्य में भारी बारिश की संभावना है. उत्तराखंड में अगले चार दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है. नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर के लिए रेड अलर्ट और बाकी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, गुरुवार को भी कई जिलों में भारी से मध्यम बारिश दर्ज की गई. मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि कुमाऊं के साथ ही चमोली, पौडी समेत कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 14, 15, 16, 17 जुलाई को पूरे राज्य में भारी बारिश की संभावना है। 18 तारीख से करीब एक हफ्ते तक बारिश से राहत मिलेगी। लोगों से अपील है कि खराब मौसम में यात्रा करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें. इस दौरान नदियां उफान पर हो सकती हैं या सड़कें बंद हो सकती हैं. प्राचार्य स्वयं अवकाश घोषित कर सकेंगे अब भारी बारिश या किसी अन्य आपदा की स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद रखने का फैसला प्रिंसिपल खुद ले सकेंगे. इसके लिए अब जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत नहीं होगी. देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिये हैं. आदेश के मुताबिक 20 जुलाई तक सरकारी, गैर सरकारी और निजी स्कूलों के प्राचार्य या डीन भारी बारिश या खराब मौसम की स्थिति में स्कूल बंद कर सकेंगे. आपदा से बचाव के लिए प्रशासन अलर्ट देहरादून की डीएम सोनिका ने गुरुवार को आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण किया. उन्होंने जिले भर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भी जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों को सक्रियता से काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति में इलाके के एसडीएम स्कूलों की छुट्टी पर भी फैसला ले सकते हैं. डीएम ��े जिले में आपदा के दौरान सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश दिया. साथ ही सड़कें बंद होने पर तत्काल राहत और बचाव के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि सड़क बंद होने की सूचना अधिकारी तुरंत पुलिस और आपदा प्रबंधन को दें. आईआरएस से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सक्रियता बढ़ाने के लिए भी कहा गया. (pc rightsofemployees) Read the full article
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��ंगाल की खाड़ी में आज चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ की आशंका
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने से 7 मई को चक्रवाती तूफान की संभावना बन रही है। यह वर्ष का पहला चक्रवात होगा। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने इस संभावित तूफान को ‘चक्रवात मोचा’ नाम दिया है। मोचा बंगाल के साथ ही समूचे उत्तर भारत के मौसम पर असर डालेगा और 9 से 12 मई के बीच तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) मॉडल ने कहा है कि मोचा 12 मई तक उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा। मई 2020 में आए सुपर साइक्लोन अम्फान ने कोलकाता सहित लगभग पूरे दक्षिण बंगाल को तबाह कर दिया था।
चक्रवात बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियां
विंडी डॉट कॉम ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बताई है।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर उष्णकटिबंधीय चक्रवात की ताप क्षमता 100 किलोजूल प्रति वर्ग सेमी. (केजे/सेमी) से अधिक है। किलोजूल ऊर्जा मापने की एक इकाई है। यह ताप क्षमता समुद्र की ऊपरी परतों में जमा होने वाली ऊष्मा की मात्रा को इंगित करती है।
अध्ययनों के अनुसार 60 किलोजूल प्रति वर्ग सेमी. से ऊपर की ताप क्षमता उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता को बढ़ा सकती है।
इस साल अल-नीनो के गर्म होने की संभावना
डब्ल्यूएमओ के अनुसार इस साल मई-जुलाई के दौरान अल-नीनो के विकसित होने की 60% संभावना है। यह जून-अगस्त में लगभग 70% और जुलाई-सितंबर के बीच 80% तक बढ़ जाएगा।
अल-नीनो औसतन हर 2 से 7 साल में होता है, जो 9 से 12 महीने रहता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक अल-नीनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं और मानसून के दूसरे चरण में इसका असर महसूस हो सकता है। यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए चिंता का सबब है।
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Elliott Wave Theory: What is it and why is it important? (Elliott Wave Theory in Hindi)
शेयर बाजार की दिशा और बाजार की भविष्य में क्या चाल हो सकती है इसकी पहचान करने के लिए, कई व्यापारी, शेयर बाजार विशेषज्ञ और विश्लेषक विभिन्न शेयर बाजार सिद्धांतों के आधार पर चार्ट या ग्राफ का उपयोग करके पिछले बाजार के आंकड़ों का अध्ययन करते हैं। आज हम ऐसी ही एक थिअरी यानि की इलियट वेव थिअरी के बारे में बात करेंगे जो शेयर बाजार सिद्धांतों में ��े एक है। इलियट वेव थिअरी (Elliot Wave Theory Hindi) वेव्स पैटर्न के आधार पर बाजार की चाल की भविष्यवाणी करने में मदद करती है। इलियट वेव थिअरी की खोज राल्फ नेल्सन इलियट (Ralph Nelson Elliot) ने की थी और उन्होंने जो सुझाव दिया था कि बाजार पहचानने योग्य पैटर्न में ऊपर या नीचे चलता है। उन्होंने इन पहचानने योग्य पैटर्न को एक संरचना दी और उन्होंने वेव्स के रूप में उनका प्रतिनिधित्व किया या यूँ कहें कि उन्होंने जो पाया वह यह था कि बाजार में ये संरचनात्मक उतार चढाव विशिष्ट वेव्स के रूप में हुए। बाजार के सिद्धांतों को दो तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है एक भविष्य कहनेवाला सिद्धांत (Predictive Theory) और एक प्रतिक्रियाशील सिद्धांत (Reactive Theory)। प्रतिक्रियाशील सिद्धांत वह है जो बाजार का अनुसरण करता है जबकि एक भविष्य कहनेवाला सिद्धांत वह है जो कुछ हद तक आपको बाजार की संभावित भविष्य की दिशा के बारे में बताता है। इलियट वेव थिअरी एक पूर्वानुमान उपकरण नहीं है, यह आपको केवल मार्केट सेंटीमेंट्स की जानकारी देता है।
इस ब्लॉग में आप आगे देखेंगे,
१. इलियट वेव थिअरी क्या है?
२. इलियट वेव थिअरी के सिद्धांत
३. इलियट वेव थिअरी के नियम
४. इलियट वेव थिअरी को समझना
५. क्या इलियट वेव थिअरी सच में काम करता है या नहीं ?
इलियट वेव थिअरी क्या है? (What is Elliot Wave Theory)
राल्फ नेल्सन इलियट (२८ जुलाई १८७१ - १५ जनवरी १९४८ ) एक अमेरिकी लेखाकार और लेखक ने अपने शोध के आधार पर एक सिद्धांत प्रस्तुत किया था कि वेव्स के अपने आप को दोहराने वाले पैटर्न को देखकर और पहचान कर शेयर बाजार की गति की भविष्यवाणी की जा सकती है। यही सिद्धांत इलियट वेव थिअरी (Elliot Wave Theory Hindi) के रूप में जाना जाता है।
इलियट ने बाजार का गहराई से विश्लेषण और अध्ययन किया, वेव पैटर्न की विशिष्ट विशेषताओं की पहचान की,और उन पैटर्न के आधार पर विस्तृत बाजार भविष्यवाणियां की। इलियट ‘डॉव थिअरी’ (Dow Theory) से प्रेरित थे और उन्होंने इसकी मदद ली, जो वेव्स के संदर्भ में मूल्य के उतार-चढाव को परिभाषित करता है। उन्होंने १९३० में इस सिद्धांत की खोज की, लेकिन उन्होंने १९३८ में “द वेव प्रिंसिपल”(The Wave Principle) नामक पुस्तक में बाजार के पैटर्न के अपने सिद्धांत को पहली बार प्रकाशित किया।
refer our detailed blog to learn more options strategy
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जीडीपी: कल दूसरे तिमाही के सांकेतिक आंकड़े, आर्थिक विकास दर के लिए एसबीआई रिसर्च का ये अनुमान है
जीडीपी: कल दूसरे तिमाही के सांकेतिक आंकड़े, आर्थिक विकास दर के लिए एसबीआई रिसर्च का ये अनुमान है
जीडीपी पूर्वानुमान: केंद्र सरकार की तरफ से जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के आंकड़े 30 नवंबर को जारी किए गए हैं और इससे पहले जांच ने अपना नक्शा रिपोर्ट दिया है जो अच्छी खबर लेकर नहीं आया है। इंडियन स्टेट बैंक (एसबीआईबीआई) की रिसर्च टीम ने जुलाई-सितंबर तिमाही में देश के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब यह है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की रैंकिंग में 6…
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जुलाई में जमकर बरसेंगे बदरा, कई जगह तो बाढ़ का खतरा, जान लीजिए अपने राज्य का हाल
नई दिल्ली : जून में बारिश में कमी के बाद अब जुलाई में देश के ज्यादातर हिस्सों में 'सामान्य से ज्यादा बारिश' देखने को मिल सकती है। पूर्वोत्तर, पूर्वी यूपी और पश्चिमी बिहार में ही इस महीने सामान्य से कम बारिश देखने को मिलेगी। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, जून में 1901 के बाद से उत्तर-पश्चिम भारत इस साल सबसे ज्यादा गर्म रहा। जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान अच्छी खबर है क्योंकि इसी महीने में खर��फ के फसलों की बुवाई, रोपाई होती हैं। आईएमडी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को भारी बारिश का अनुमान है। दिल्ली में बारिश के साथ तूफान आने, बिजली चमकने और तेज हवाएं चलने का भी अनुमान है।दिल्ली में मंगलवार को भी बारिश के अनुमानमौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 2.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 76 प्रतिशत दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, भारी बारिश को एक दिन में 64.5 से 124.4 मिलीमीटर के बीच बारिश के रूप में परिभाषित किया जाता है। दिल्ली में मंगलवार के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है। आईएमडी रंगों पर आधारित चार स्तर की चेतावनियां जारी करता है जो क्रमश: ‘ग्रीन (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), ‘येलो’ (सतर्क रहें और जानकारी रखें), ‘ऑरेंज’ (तैयार रहें) और ‘रेड’ (कार्रवाई करें) हैं। जुलाई में हिमालयी क्षेत्रों में बाढ़ की आशंकाआईएमडी ने सोमवार को कहा कि जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है। आईएमडी ने पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश में जुलाई की औसत बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है जो लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 28.04 सेमी से 106 प्रतिशत अधिक रह सकती है।इन क्षेत्रों में बारिश में देखने को मिल सकती है कमीउन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।’आईएमडी प्रमुख ने कहा कि सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान ‘निश्चित रूप से’ कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा की संभावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘विशेष रूप से, यदि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के अलावा पश्चिमी हिमालय की तराई को देखें तो हम सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद कर रहे हैं।’महापात्र ने कहा, ‘यह वह क्षेत्र है जहां बादल फटने, भारी वर्षा के कारण भूस्खलन, बाढ़ के रूप में विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। कई नदियां भी यहीं से निकलती हैं। मध्य भारत में भी गोदावरी, महानदी और अन्य नदी घाटियों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है। इसलिए वहां बाढ़ की आशंका अधिक है।’पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा ज्यादा रहेगानेपाल स्थित अंतर-सरकारी संगठन अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईएमओडी) के विशेषज्ञों ने भी बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और ��ाकिस्तान सहित हिंदुकुश हिमालयी क्षेत्र के देशों के लिए मॉनसून के दौरान मौसम की चरम घटनाओं की चेतावनी दी है। आईसीआईएमओडी में जलवायु सेवा के लिए कार्यक्रम समन्वयक मंदिरा श्रेष्ठ ने कहा, ‘पिछले वर्ष हिंदुकुश हिमालयी देशों के कई इलाकों में औसत से कम वर्षा हुई थी, इस तथ्य के बावजूद हिंदुकुश हिमालय के क्षेत्रों में समुदाय कई बार विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुए।’उन्होंने कहा, ‘इस संदर्भ में, इस वर्ष का मॉनसून पूर्वानुमान चिंताजनक है। यह समग्र तापमान वृद्धि की प्रवृत्ति के भी विपरीत है, जिसके बारे में हम जानते हैं कि यह बर्फ और हिमनदों के अधिक पिघलने के नुकसान से जुड़ा है। बर्फ का पिघलना अक्सर विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का एक प्रमुख कारक होता है जिसे हम इस समय अपने क्षेत्र में देख रहे हैं।’वर्ष 2023 में जुलाई और अगस्त में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तथा अक्टूबर में पूर्वी हिमालय में तीस्ता नदी में विनाशकारी बाढ़ आई थी। भारत में जून में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। महापात्र ने जून में सामान्य से कम वर्षा के लिए मौसम प्रणालियों की कमी के कारण देश के उत्तरी और पूर्वी भागों में मॉनसून की धीमी प्रगति को जिम्मेदार ठहराया।आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी तट को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा, ‘मध्य… http://dlvr.it/T930wG
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राशिफल आज: 11 जुलाई के लिए ज्योतिषीय भविष्यवाणी | ज्योतिष
राशिफल आज: 11 जुलाई के लिए ज्योतिषीय भविष्यवाणी | ज्योतिष
सभी राशियों की अपनी विशेषताएं और लक्षण होते हैं जो किसी के व्यक्तित्व को परिभाषित करते हैं। क्या यह मददगार नहीं होगा यदि आप अपने दिन की शुरुआत पहले से ही यह जानकर करते हैं कि आपके रास्ते में क्या आने वाला है? यह जानने के लिए पढ़ें कि आज परिस्थितियां आपके पक्ष में होंगी या नहीं। मेष (21 मार्च -20 अप्रैल) काम पर एक मुश्किल काम आपको गांठों में बांध सकता है, लेकिन दृढ़ता भुगतान करेगी। कुछ लोगों को…
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Weather Update: इन जिलों में जमकर बरसेंगे मेघ, भारी बारिश का देहरादून सहित पांच जिलों में 10 जुलाई से ऑरेंज अलर्ट
Weather Update: इन जिलों में जमकर बरसेंगे मेघ, भारी बारिश का देहरादून सहित पांच जिलों में 10 जुलाई से ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने रविवार को देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली व बागेश्वर जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में 13 जुलाई तक बारिश के दौर चलते रहेंगे। Source link
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Weather Alert: मानसून सीजन में पश्चिमी राजस्थान में लू की चेतावनी, 45 डिग्री तक पहुंच सकता है पारा
Weather Alert: मानसून सीजन में पश्चिमी राजस्थान में लू की चेतावनी, 45 डिग्री तक पहुंच सकता है पारा
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बीकानेर और जोधपुर संभाग के कुछ जिलों में हीट वेव/ लू चलने की संभावना है. राजस्थान में मानसून (Monsoon) के दस्तक देने के बावजूद लोग अभी तक झमाझम बारिश (Rain) का इंतजार ही कर रहे हैं. इस पर मौसम विभाग ने लू चलने की चेतावनी जारी कर दी है.
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#4 जुलाई सामान्य होगी परिस्थितयां#Light rain likely in East Rajasthan- July 4 will be normal conditions#Loo warning in western Rajasthan#Meteorological Department forecast#Weather Alert- Jaipur#पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश की संभावना#मौसम विभाग का पूर्वानुमान- पश्चिमी राजस्थान में लू की चेतावनी#वेदर अलर्ट- जयपुर
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ETH मूल्य पूर्वानुमान: Ethereum कितना कम हो सकता है?
ETH मूल्य पूर्वानुमान: Ethereum कितना कम हो सकता है?
चल रहे क्रिप्टोक्यूरेंसी मंदी में ईटीएच की कीमत पीछे नहीं रही है। इथेरियम $ 1,136 के निचले स्तर तक गिर गया, जो पिछले साल जुलाई के बाद का सबसे निचला स्तर था। इस साल के उच्चतम स्तर से सिक्का 27% से अधिक गिर गया है, जिससे साल-दर-साल नुकसान 60% से अधिक हो गया है। FTX क्रैश से Ethereum को फायदा हो सकता है Ethereum पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकुरेंसी क्रैश के रूप में कीमतों में एक मजबूत मंदी की…
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U.S. natural gas futures on Monday closed up about 1%, rebounding on the coming expiration of the front-month contract despite forecasts for milder weather that sent them down early in the session to their lowest since July 15. यूएस नेचुरल गैस फ्यूचर्स सोमवार को लगभग 1% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जो कि अगले महीने के अनुबंध की समाप्ति पर पलटाव के बावजूद, मौसम के पूर्वानुमान के बावजूद, जिसने उन्हें सत्र की शुरुआत में 15 जुलाई के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर भेज दिया।
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