#जमा
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thebharatexpress · 2 years ago
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बड़ी खुशखबरी: 10 जून से बैंक खातों में जमा होंगे 1000 रुपये, 31 मई को सूची हो जाएगी जारी
बड़ी खुशखबरी : भोपाल : मध्यप्रदेश के शिवराज सरकार की महत्वकांक्षी योजना लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार की तरफ से बड़ा अपडेट सामने आया हैं। बताया गया हैं की इस योजना के तहत अबतक उन्हें 6400 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। यह आपत्तियां महिला एवं बाल विकास विभाग को ऑनलाइन माध्यम से मिली हैं। प्राप्त आपत्तियों में इस अपात्रो के द्वारा भी आवेदन करने की शिकायतें हैं। विभाग की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया…
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sarhadkasakshi · 19 hours ago
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टिहरी गढ़वाल में सभी 10 नगरपालिका परिषद्/नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के 30 फार्म बिक्री तथा 01 जमा, सदस्य पद के 152 फार्म बिक्री तथा 4 जमा
टिहरी गढ़वाल में सभी 10 नगरपालिका परिषद्/नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के 30 फार्म बिक्री तथा 01 जमा, सदस्य पद के 152 फार्म बिक्री तथा 4 जमा टिहरी, 27 दिसम्बर 2024: नागर स्थानीय निकाय निर्वाचन-2024 के अन्तर्गत जनपद टिहरी के सभी 04 नगर पालिका परिषद (नगर पालिका परिषद् नरेन्द्रनगर को छोड़कर) एवं 06 नगर पंचायतों में अध्यक्षों एवं सदस्यों के नाम निर्देशन-पत्रों को जमा करने की कार्यवाही आरओ/एआरओ की मौजूदगी…
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subhashdagar123 · 8 months ago
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accountingsikhehindime · 2 years ago
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प्रमाणक (Voucher) क्या है। Voucher के विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, मह्त्व, उपयोगिता क्या है।
नमस्कार दोस्तो इस पोस्ट मे आज हम बात करेगे की प्रमाणक (Voucher) क्या है। Voucher के विशेषताएँ, लाभ, उद्देश्य, मह्त्व, उपयोगिता क्या है। दोस्तो यदि आप किसी व्यवसाय मे लेखापाल (Accountant) का कार्य करते है। तो आप को प्रमाणक का अर्थ जरूर जानना चाहिए क्योकि किसी भी व्यवसाय मे प्रमाणक (Voucher) किसी भी सोदे का ��िखित सबूत होता है। जिसके आधार पर ही Accounting का कार्य शुरू किया जाता है। इसलिए दोस्तो इस…
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kandeonlinecenter · 2 years ago
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satlokashram · 1 year ago
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संचित कर्म:- संचित कर्म वे पाप तथा पुण्य कर्म हैं जो जीव ने जन्म-जन्मातरों में किए थे। उनका भोग प्राप्त नहीं हुआ है। वे जमा हैं।
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srbachchan · 1 year ago
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DAY 5769
Jalsa, Mumbai Dec 3/4, 2023 Sun/Mon 12:30 AM
the day has come to an end and the debates on the dining arouse immense curiosity .. they always do .. some of the benefits of awakened minds and souls .. of which I must add, there are an entire basket full .. basket because that is the one object that was the most relevant for me in my growing up years .. the basket at the front handle of the bicycle, which became the carrier of the all the goods that were asked of me to ge for the house and home .. the informal 'delivery boy' of the time ..
Now in the times of today there are units company's institutions that thrive and operate on the smallest of needs of the metro inhabitants .. well almost .. all ..
want to get something done , no problem .. there is a company that can be hired to do it for you .. simple ..
Not in my time .. then we had to do it ourselves .. and in deep earnest and efficiency .. else .. 'stand up on the bench ' 😳
On the matter of then and now .. there is a confession and a seeking of advice whether it has now become mandatory to speak about yourself .. your work, your ifs and buts and your ups and downs .. more downs really in the case of the writer .. but yes , the need ..
So viewing many of the informative ingredients of performances on the commerce , many in the Ef and others too keep giving , supposedly valid, informations on the subject ..
... and I shy away from them ..
never done it before .. beating my own drum ..
so we shall not ..
but there are exceptions .. and they gather each Sunday at the GOJ ..
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... the screams have died down on the appear .. the mobiles have risen .. catch the visual .. screams ..? well doesn't really matter the video of the moment carries more .. the music and the sound can always be put in later .. everyone is making their own movies and reels and instas ..
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ताऊ, नाना को चली है पीढ़ी, देखने जलसा गेट पर;
ये फाटक पर क्या गुल खिला है, देखें हम भी चलकर ।
ये भीड़ जमा क्यों होती है, आँखें चकित यूँ घूरें
"अम्मा गोदी " , भागे भैया, 'नाना को दूर ही रक्खें '
😂🤣😂
with love and affection
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Amitabh Bachchan
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helputrust · 3 days ago
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हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित "सियाराम की रसोई" योजना के अंतर्गत, पद्मश्री डॉ. शिव नारायण कुरील के सहयोग से सुशासन दिवस तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान कवि, भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सेक्टर-25 चौराहा, इंदिरा नगर, लखनऊ में 'सामूहिक श्रद्धांजलि व पूड़ी सब्जी वितरण' कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम के अंतर्गत लालता देवी मंदिर, नीमसार के प्रमुख पुजारी पं॰ अटल बिहारी शास्त्री जी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री ए.के. जायसवाल, श्री पंकज अवस्थी, श्री सौरभ जायसवाल एवं 200 से अधिक लोगों ने श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की  तथा सभी को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पूड़ी-सब्जी वितरित की गई ।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन करते हुए कहा कि, “अटल जी भारतीय राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने आदर्शों, कविताओं और उत्कृष्ट नेतृत्व से करोड़ों भारतीयों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी । वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी । उनकी भाषण शैली और संवाद कौशल ने न केवल संसद को जीव��त बनाया, बल्कि देशवासियों को प्रेरित भी किया । उनकी कविताएँ हमें आज भी सिखाती हैं कि कठिनाइयों के समय भी आशा और आत्मविश्वास को कभी नहीं छोड़ना चाहिए । उनकी एक पंक्ति –
"हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ"
हर भारतीय के दिल में संकल्प और साहस भर देती है ।
अटल जी का सपना एक ऐसा भारत था, जो आत्मनिर्भर हो, समृद्ध हो और विश्वपटल पर अपना सम्मानजनक स्थान बनाए । उनके प्रधानमंत्री काल में भारत ने प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित किए । पोखरण परमाणु परीक्षण, कश्मीर समस्या पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस रुख और सर्वशिक्षा अभियान जैसे कई ऐतिहासिक निर्णय उनके नेतृत्व की गवाही देते हैं । श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के कार्यों को वर्तमान मे देश के वर्तमान प्रधान मंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी, लखनऊ से सांसद एवं भारत के रक्षा मंत्री परम आदरणीय श्री राज नाथ सिंह जी तथा उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री परम आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी साकार कर रहे है |  आज के इस कार्यक्रम में हम न केवल उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, बल्कि "पूड़ी-सब्जी" वितरण के माध्यम से समाज सेवा का वह संदेश भी आगे बढ़ा रहे हैं, जो अटल जी के जीवन का मूलमंत्र था । प्रिय साथियों, आइए, हम सब उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें । उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और एक सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दें । जय हिंद, जय भारत ।“
इस अवसर पर लालता देवी मंदिर, नीमसार के प्रमुख पुजारी पं॰ अटल बिहारी शास्त्री जी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री ए.के. जायसवाल, श्री पंकज अवस्थी, श्री सौरभ जायसवाल और ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
आप अपने “कभी खुशी कभी गम” के यादगार पलों (जन्मदिवस, सालगिर���, पुण्यतिथि आदि) के शुभ अवसर पर निम्नलिखित तरीकों से जनहित में अपना अमूल्य समर्थन प्रदान कर सकते हैं:
1. ऑनलाइन दान करके आर्थिक सहायता प्रदान करना |
2. खाद्य सामग्री, जैसे कि अनाज, दाल, चावल, फल, सब्जियां और ताजा दूध आदि, को संग्रहित करके हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समृद्धि केंद्र में जमा करना |
उल्लेखनीय हैं कि भोजन वितरण से पहले, आपके यादगार पलों / विशेष दिन के अवसर की घोषणा उपस्थित सभी लोगों के समक्ष की जाएगी, ताकि आपको आध्यात्मिक साधकों से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल सकें |
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yogi-1988 · 1 year ago
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#हिन्दू_भाई_संभलो
सनातन के नाम पर परोसा जा रहा अज्ञान
संत रामपाल जी महाराज
पवित्र हिन्दु धर्म के गुरूओं द्वारा गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के अर्थ में व्रज शब्द का अर्थ आना किया है जबकि व्रज शब्द का वास्तविक अर्थ जाना होता है। यह हमारें धर्मगुरूओं द्वारा हिन्दुओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है जबकि संत रामपाल जी महाराज ने समाज को सही गीता ज्ञान बताया है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
६६. सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज । अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ।।
(६६) सब कर्तव्यों को छोड़कर तू केवल मेरी शरण में आ जा। तू दुःखी मत हो; मैं तुझे सब पापों (बुराइयों) से मुक्त कर दूंगा।
हमें स्वेच्छापूर्वक उस परमारमा के दबाब के प्रति आत्मसमर्पण कर देना चाहिए, हमें उसकी इच्छा के सम्मुख पूरी तरह झुक जाना चाहिए और उसके प्रेम में शरण लेनी चाहिए। यदि हम अपने छोटे-से आरम में विश्वास को नष्ट कर दें बौर उसके स्थान पर परमात्मा में पूर्ण विश्वास जमा लें, तो यह परमात्मा हमारा उद्धार करेगा। परमात्मा हमसे पूर्ण जास्मसमर्पण चाहता है और उसके बदले में हमें
भारमा की वह शक्ति प्रदान करता है, जो प्रत्येक परिस्थिति को बदल देती है।
Hindu Bhai Dhokhe Mein
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➜ साधना चैनल 📺 शाम 7:30 से 8:30
➜ श्रद्धा चैनल 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
🔔Visit- "Satlok Ashram" on YouTube.
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mrinalini810 · 11 months ago
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Kaate nahi kat-te hain lamhe intezaar ke, Nazarein jama ke baithe hain raste pe yaar ke, Dil ne kaha dekhein jo jalwe husn-e-yaar ke, Laaya hai koun inko, phalak se utaar ke.
काटे नहीं कटते हैं लम्हे इंतज़ार के,  नज़रें जमा के बैठे हैं रस्ते पे यार के, दिल ने कहा देखें जो जलवे हुस्न-ऐ-यार के,  लाया है कौन इनको, फलक से उतार के।
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कामिनी विद्रावण रस टैबलेट
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कामिनी विद्रावण रस टैबलेट: एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य रत्न
आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए कई तरह के औषधीय उत्पादों का उपयोग किया जाता है। उनमें से एक प्रसिद्ध औषधि है कामिनी विद्रावण रस। यह आयुर्वेदिक औषधि विशेष रूप से पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने, शरीर में जमा दोषों को बाहर निकालने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। इस लेख में हम कामिनी विद्रावण रस टैबलेट के लाभ, उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
कामिनी विद्रावण रस क्या है?
कामिनी विद्रावण रस एक आयुर्वेदिक योग है जो विशेष रूप से शरीर में विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने (विसर्पण) के लिए तैयार किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर के अंदर जमा कफ और वात दोषों को शांति प्रदान करना और पाचन क्रिया को सुधारना है। यह औषधि विभिन्न जड़ी-बूटियों और खनिजों के मिश्रण से तैयार होती है, जो शरीर के अंदर संचित अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कामिनी विद्रावण रस के लाभ
पाचन तंत्र को सुधारता है कामिनी विद्रावण रस पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, कब्ज, और अन्नास रोग को दूर करने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भोजन के पोषक तत्वों को शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित करने में मदद करता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है यह औषधि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों और खतरनाक तत्वों को बाहर निकालने के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट के रूप में काम करती है। यह रक्त को शुद्ध करने और शरीर से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है कामिनी विद्रावण रस शरीर की सामान्य कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे थकान और कमजोरी दूर होती है। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है और शरीर को सक्रिय रखता है।
प्राकृतिक उपचार कामिनी विद्रावण रस का उपयोग प्राकृतिक तरीके से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के। यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और खनिजों से बना होने के कारण शरीर के लिए सुरक्षित है।
कामिनी विद्रावण रस का उपयोग कैसे करें?
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट का सेवन सामान्यतः एक निर्धारित मात्रा में किया जाता है, जो आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर के निर्देशानुसा�� होता है। आमतौर पर इसे दिन में दो बार, खाने से पहले या बाद में पानी के साथ लिया जाता है। हालांकि, इसे लेने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है, ताकि आपके शरीर की विशेष जरूरतों के अनुसार सही खुराक निर्धारित की जा सके।
निष्कर्ष
कामिनी विद्रावण रस एक बहुपरकारी आयुर्वेदिक औषधि है, जो न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, बल्कि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, ऊर्जा बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर के विभिन्न दोषों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक स्वस्थ और ऊर्जा से भरा रहता है।
अगर आप भी अपने स्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो कामिनी विद्रावण रस को एक बार अपनी दिनचर्या में शामिल करके देख सकते हैं।
सुझाव: इस औषधि का सेवन शुरू करने से पहले एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
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mohanjaglan · 2 months ago
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#GodMorningThursday
@SaintRampalJiM
धन संग्रह कर लेना जीवन का उद्देश्य नहीं है। परमेश्वर कबीर जी का यह दोहा हमें यही सिखाता है कि चाहे हम कितनी भी संपत्ति जमा कर लें, मृत्यु के समय यह धन हमारे साथ नहीं जाएगा।
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kumarianamee · 1 year ago
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#Great_Prophecies_2024
💫परम संत रामपाल जी महाराज जी के विषय में फ्रांस के डॉ. जूलर्वन की भविष्यवाणी भारतीय महान आध्यात्मिक व्यक्ति के अनुयायी देखते-देखते एक संस्था के रूप में 'आत्मशक्ति' से सम्पूर्ण विश्व पर प्रभाव जमा लेंगे।⭐️💫
यही हैं वो महापुरुष
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subhashdagar123 · 9 months ago
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accountingsikhehindime · 2 years ago
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डेबिट नोट और क्रेडिट नोट मे अन्तर। 2023
नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे आज हम डेबिट नोट और क्रेडिट नोट मे अन्तर क्या है। के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करेगे। दोस्तों पिछली पोस्ट में मेने आप को Tally Prime मे Debit Note और Credit Note कैसे बनाये। के बारे में बताया था। तभी से मुझे कुछ Friends के Comments आ रहे हैं। की Sir हमे Debit Note और Credit Note मे Deference क्या है। के बारे में भी समझाइए। इसलिए आज मेने आप के लिए य़ह…
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satlokashram · 1 year ago
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कबीर, कोड़ी-कोड़ी जोड़ी कर, कीने लाख करोर। पैसा एक ना संग चलै, केते दाम बटोर।। भावार्थ:- दान धर्म पर पैसा खर्च किया नहीं, लाखों-करोड़ों रूपये जमा कर लिए। संसार छोड़कर जाते समय एक पैसा भी साथ नहीं चलेगा, चाहे कितना ही धन संग्रह कर लो।
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