#जन्माष्टमी कब है 2020
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sandhyabakshi · 4 years ago
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Janmashtami 2020 : जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को क्यों लगाया जाता है छप्पन भोग, जानें पौराणिक कहानी ‘ब्रज में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ आज देश भर में जन्माष्टमी मनाई जा रही है।कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भक्त श्रीकृष्ण के दर्शन करने आ रहे... Source link
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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Happy Krishna Janmashtami 2020: इस जन्माष्टमी घर में ले आएं ये एक चीज, बाधाएं होंगी दूर और आएगी समृद्धि
Happy Krishna Janmashtami 2020: इस जन्माष्टमी घर में ले आएं ये एक चीज, बाधाएं होंगी दूर और आएगी समृद्धि
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अनीता जैन, वास्तुविद, Updated Tue, 11 Aug 2020 12:23 PM IST
ज्योतिष और वास्तु में मोरपंख को सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना गया है। इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा तो आती ही है, ग्रहदोष भी शांत हो जाते हैं। मोरपंख में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है। शास्त्रों में मोर को चिर-ब्रह्मचर्य युक्त जीव समझा जाता है। अतः प्रेम में ब्रह्मचर्य की महान भावना को समाहित करने के प्रतीक रूप में…
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wo-socccer · 4 years ago
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Ganpati Visarjan DJ Songs
भगवान गणेश की स्थापना के बाद उनका ग्यारहवें दिन विसर्जन कर दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश महादेव के पुत्र और माता पार्वती के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी और गणेश विसर्जन को महाराष्ट्र सहित पूरे उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है तो चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन 2020 में कब है (Ganesh Visarjan 2020 Mai Kab Hai), गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan Shubh Muhurat), गणेश विसर्जन का महत्व (Ganesh Visarjan Ka Mahatva), गणेश विसर्जन की पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja Vidhi) और गणेश विसर्जन की कथा (Ganesh Visarjan Story) Ganesh Visarjan 2020 Date : गणेश विसर्जन 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, ���ूजा विधि और कथा Deepaksingh31 July 2020 6:33 PM 2 Ganesh Visarjan 2020 Date : गणेश चतुर्थी 22 अगस्त 2020 (Ganesh Chaturthi 22 August 2020) को मनाई जाएगी और 1 सितंबर 2020 को अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन (Lord Ganesha Visarjan) कर दिया जाएगा। इन 10 दिनों में भगवान गणेश की विधिवत पूजा करके उन्हें उनकी मनपसंद चीजों का भोग लगाया जाता है और ग्यारहवें दिन पूरे विधि विधान से गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता है तो चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन 2020 में कब है, गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त, गणेश विसर्जन का महत्व, गणेश विसर्जन की पूजा विधि और गणेश विसर्जन की कथा। गणेश विसर्जन 2020 तिथि (Ganesh Visarjan 2020 Tithi) 1 सितंबर 2020 गणेश विसर्जन 2020 शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2020 Shubh Muhurat) Also Read - Janmashtami 2020 Date And Time : जन्माष्टमी 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - सुबह 9 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 56 मिनट तक (1 सितम्बर 2020) अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 3 बजकर 32 मिनट से शाम 05 बजकर 07 मिनट तक (1 सितम्बर 2020) सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - रात 8 बजकर 07 मिनट से रात 09 बजकर 32 मिनट तक (1 सितम्बर 2020) रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - रात 10 बजकर 56 मिनट से सुबह 3 बजकर 10 मिनट तक (2 सितम्बर 2020) चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - सुबह 08 बजकर 48 मिनट से (31 अगस्त 2020) चतुर्दशी तिथि समाप्त - सुबह 09 बजकर 38 मिनट तक (1 सितंबर 2020) गणेश विसर्जन का महत्व (Ganesh Visarjan Importance) गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना को जितना महत्व दिया जाता है उतना ही महत्व भगवा्न गणेश के विसर्जन को दिया जाता है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन से भगवान गणेश को भक्त अपने घर पांच, सात या ग्यारह दिनों तक विराजित करते हैं और उनकी पूरी विधिवत आराधना करते हैं। Also Read - Janmashtami 2020 Ki Kab Hai : जानिए जन्माष्टमी पर क्यों फोड़ी जाती है दही हांडी Loading... इसके बाद भगवान गणेश का विसर्जन चतुर्दशी तिथि को कर दिया जाता है और उनसे प्रार्थना की जाती है कि वह इसी तरह अगले साल भी आएं। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की स्थापना करके उनका विधिवत पूजन करके विसर्जन करने से मनु��्य के जीवन की सभी परेशानियां समाप्त होती है और उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। गणेश विसर्जन पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja Vidhi) 1. भगवान गणेश का विसर्जन चतुर्दशी तिथि के दिया किया जाता है। विसर्जन से पहले उनका तिलक करके किया जाता है। 2. उसके बाद उन्हें फूलों का हार, फल, फूल,मोदक लड्डू आदि चढ़ाए जाते हैं। 3.इसके बाद भगवान गणेश के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है। Also Read - Radha Ashtami 2020 Kab Hai : राधा अष्टमी पर करें ये आसान उपाय, प्रेम और वैवाहिक सुख की होगी बरसात 4.भगवान गणेश को पूजा में जो भी सामग्री चढ़ाई जाती है। उसे एक पोटली में बांध लिया जाता है। 5. इस पोटली में सभी सामग्री के साथ एक सिक्का भी रखा जाता है और उसके बाद गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता है। भगवान गणेश के विसर्जन के साथ ही इस पोटली को भी बहा दिया जाता है। गणेश विसर्जन की कथा (Ganesh Visarjan Story) पौराणिक कथा के अनुसार गणेश चतुर्थी से लेकर महाभारत तक की कथा वेद व्यास जी ने गणेश जी को लगातार 10 दिनों तक सुनाई थी। जिसे भगवान श्री गणेश जी ने लगातार लिखा था। दसवें दिन जब भगवान वेद व्यास जी ने अपनी आखें खोली तो उन्होंने पाया की गणेश जी का शरीर बहुत अधिक गर्म हो गया है। जिसके बाद वेद व्यास जी ने अपने पास के सरोवर के जल से गणेश जी के शरीर को ठंडा किया था।इसी वजह से गणेश जी को चतुदर्शी के दिन शीतल जल में प्रवाह किया जाता है। इसी कथा अनुसार गणेश जी के शरीर का तापमान इससे अधिक न बढ़े। इसके लिए वेद व्यास जी ने सुगंधित मिट्टी से गणेश जी का लेप भी किया था। जब यह लेप सूखा तो गणेश जी का शरीर अकड़ गया था। जिसके बाद मिट्टी भी झड़ने लगी थी। जिसके बाद उन्हें सरोवर के पानी में ले जाकर शीतल किया गया था। उस समय वेदव्यास जी ने 10 दिनों तक गणेश जी को उनकी पसंद का भोजन भी कराया था। इसी कारण से भगवान श्री गणेश को स्थापित और विसर्जन भी किया जाता है। इन 10 दिनों में गणेश जी को उनकी पसंद का भोजन भी कराया जाता है।
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hindimejankariyan · 4 years ago
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dharmyaatra · 4 years ago
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जन्माष्टमी का पर्व केवल भारत देश में ही नही अपितु सं��ूर्ण विश्व में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के आठवे अवतार श्रीकृष्ण मानव रूप में धरती पर अवतरित हुए थे जिन्होंने ना केवल दुष्टों का सर्वनाश किया था बल्कि समाज को कई संदेश भी दिए थे। इसलिये जन्माष्टमी को सभी लोग बड़े हर्षोल्लास से मनाते है। आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।
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kisansatta · 4 years ago
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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 2020
भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी अर्थात श्रीकृष्ण के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. जन्माष्टमी तिथि को लेकर उलझन है. इस बार जन्माष्टमी 11 और 12 अगस्त को दो दिन मनाया जा रहा है. हिन्��ू सनातन धर्म के अनुसार जन्माष्टमी भादो के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी की तारीख को लेकर कई मत हैं. कुछ विद्वानों का कहना है कि जन्माष्टमी 11 अगस्त, मंगलवार के दिन है, जबकि अन्य बुद्धिजीवियों का मत है कि जन्माष्टमी 12 अगस्त को है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि जन्माष्टमी कब मनायी जाएगी…??
भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस बार कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहे हैं. 11 अगस्त को प्रातकाल 5 बजकर 55 मिनट के बाद अष्टमी तिथि का आरंभ हो जाएगा, जो 12 अगस्त को प्रातकाल 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. वहीं रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 13 अगस्त को सुबह 3 बजकर 27 मिनट से होगा अर्थात जन्माष्टमी का संयोग रोहणी नक्षत्र से इस वार नही होगा।यही कारण है कि स्मार्त (गृहस्थ) और वैष्णवों (सन्यासी) के विभिन्न मत होने के कारण तिथियां अलग-अलग बताई जा रही हैं।
जन्माष्टमी को दो तिथियां क्यो?
श्रीकृष्ण भक्त दो प्रकार के होते हैं
स्मार्त और वैष्णव।
स्मार्त कौन तथा वैष्णव कौन?
स्मार्त(सनातनी) वह भक्त हैं जो गृहस्थ जीवन में रहते हुए पंचदेवोपासक है ,अर्थात पंचदेवो मे श्री गणेश , दुर्गा, विष्णु, शिव तथा सूर्य के साथ साथ इनके अवतारो जैसे राम ,कृष्ण इत्यादि तथा ग्रहो मातृकाओ आदि 33 कोटि देवताओं का पूजन, व्रत स्मरण करते हैं. उसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण का भी पूजन करते हैं.।तथा स्मृतियो(मनुस्मृति सूर्य स्मृति इत्यादि)मे वर्णित ग्रहस्थ नियमों सस्कारों का पालन करते है।तथा चारो पुरुषार्थ (अर्थ,धर्म,काम, मोक्ष)के अभिलाषी हो वे सभी स्मार्त कहलाते है।
जबकि वैष्णवों में वो भक्त आते हैं ।जो एकेश्वरवादी है।अर्थात केवल एक ही ईश्वर को ही मानते है,जिसकी उन्होने दीक्षा ली है।तथा जिन्होने वैष्णव मत के गूरुओ से दीक्षा लेकर अपनी भुजा पर तप्तमुद्रा द्वारा शंख चक्र अंकित करा लिये हो ।तथा संसार से विरक्त होकर सन्यासी हों गये हो जिनके जीवन का लक्ष्य अर्थ ,धर्म, तथा काम को त्याग कर केवल ईश्वर प्राप्ति (मोक्ष)हो। वे सभी वैष्णव कहलाते है।
स्मार्त भक्तजनो का मानना है कि जिस दिन रात्रि मे 12बजे अष्टमी तिथि है ,उसी दिन जन्माष्टमी मनानी चाहिए। अतःस्मार्तों(गृहस्थों) के लिये अष्टमी 11 अगस्त को है।
जवकि वैष्णव (सन्यासी , साधुसंत, विरक्त, एकेश्वरवादी तथा विधवा स्त्री जो वैष्णव हो गयी हो)उनके लिये श्री कृष्ण जन्माष्टमी 12 अगस्त को है।।
*मथुरा और द्वारका में 12 अगस्त को जन्माष्टमी जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जबकि उज्जैन, जगन्नाथ पुरी और काशी में 11 अगस्त को दिन मे जन्माष्टमी ब्रत तथा जन्मोत्सव रात्रि 12 वजे मनाया जाएगा।*
जन्माष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि आरम्भ – 11 अगस्त दिन मंगलवार प्रातकाल 5 वजकर 55 मिनट से सम्पूर्ण दिन तथा सम्पूर्ण रात्रि पश्चात
12 अगस्त दिन बुधवार प्रातकाल 7 बजकर 41 मिनट तक अतः स्पष्ट है कि समस्त ग्रहस्थ जनो (स्मार्त)को जन्माष्टमी व्रत 11अगस्त को मनाना चाहिये तथा वैष्णव (सन्यासी , साधु सन्तो विरक्त जनो)को जनमाष्टमी 12अगस्त वुधवार को मनाना चाहिये।
https://kisansatta.com/sri-krishna-birthday-2020/ #SriKrishnaBirthday2020 Sri Krishna Birthday 2020 In Focus, Religious, Trending #InFocus, #Religious, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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astrogurutips · 4 years ago
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Krishna Janmashtami Date In 2020, #Puja #Timing, #Muhurat: श्री कृष्ण का #जन्मोत्सव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। इस साल श्री कृष्ण जन्मष्टमी 11 और 12 अगस्त, दोनों ही दिन #जन्माष्टमी मनाई जाएगी. आइये जानते है की कब है इस वर्ष जन्मष्टमी मुहूर्त तथा पूजा विधि |
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masilcoglobal · 4 years ago
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Janmashtami 2020: 11 या 12 अगस्त जानें कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी पूर्णिमा के बाद भादो का महीना लग गया है। भादो के महीने की षष्ठी को बलराम और अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूरे दिन शुभ मुहूर्त ... Source link
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sandhyabakshi · 4 years ago
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Janmashtami 2020: भगवान कृष्ण की पूजा में शामिल करें तुलसी, जानें क्या हैं फायदे भगवान कृष्ण की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इनके बिना पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को तुलसी का भी भोग लगाया जाता है। भगवान श्री... Source link
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funandknowledgenet · 4 years ago
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Janmashtami kab hai 2020, what is the shubh muharat and time
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hindihaihum · 5 years ago
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जाने krishna janmashtami in hindi. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी Kab Hai 2020 Mein, Kaise Manate hai. Krishna Ashtami ki poori Jaankari. जाने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बारे में, Krishna Janmashtami कैसे और कब मनायी जाती है? 2020 में जन्माष्टमी कब है?
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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2020 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरे साल की लिस्ट
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चैतन्य भारत न्यूज साल 2020 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2020 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन सा त्योहार कब पड़ेगा? (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जनवरी 2020 के त्योहार 6 जनवरी, सोमवार पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी, शुक्रवार  पौष पूर्णिमा 11 जनवरी,शनिवार  चंद्र ग्रहण 13 जनवरी,सोमवार  सकट चौथ 15 जनवरी,बुधवार  मकर संक्रांति, पोंगल 20 जनवरी, सोमवार  षट्तिला एकादशी 23 जनवरी, गुरुवार मासिक शिवरात्रि 24 जनवरी, शुक्रवार मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार वसंत पंचमी फरवरी 2020 के त्योहार 1 फरवरी, शनिवार  रथ सप्तमी 2 फरवरी, रविवार  भीष्म अष्टमी 5 फरवरी,बुधवार  जया एकादशी 9 फरवरी,रविवार  माघ पूर्णिमा 13 फरवरी, गुरुवार  कुंभ संक्रांति 19 फरवरी, बुधवार  विजया एकादशी 20 फरवरी, गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 21 फरवरी, बुधवार महाशिवरात्रि 23 फरवरी, रविवार फाल्गुन अमावस्या मार्च 2020 के त्योहार 6 मार्च, शुक्रवार  आमलाकी एकादशी 9 मार्च, सोमवार  छोटी होली, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा 10 मार्च, मंगलवार  होली 14 मार्च, शनिवार मीन संक्रांति 16 मार्च,सोमवार  शीतला अष्टमी, बसोड़ा 19 मार्च,गुरुवार  पापमोचनी एकादशी 21 मार्च, शनिवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 22 मार्च, रविवार मासिक शिवरात्रि 24 मार्च, मंगलवार चैत्र अमावस्या 25 मार्च, बुधवार  चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, गुडी पडवा 27 मार्च, शुक्रवार  गौरी पूजा, गणगौर 30 मार्च, सोमवार  यमुना छठ अप्रैल 2020 के त्योहार 2 अप्रैल, गुरुवार  राम नवमी, स्वामी नारायण जयंती 3 अप्रैल, शुक्रवार चैत्र नवरात्रि पारणा 4 अप्रैल, शनिवार  कामदा एकादशी 5 अप्रैल रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 8 अप्रैल, बुधवार  हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा 10 अप्रैल, शुक्रवार  गुड फ्राइडे 11 अप्रैल, शनिवार संकष्टी चतुर्थी 13 अप्रैल, सोमवार मेष संक्रांति 18 अप्रैल,शनिवार  वरुथिनी एकादशी 20 अप्रैल,सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 21 अप्रैल,मंगलवार मासिक शिवरात्रि 22 अप्रैल,बुधवार वैशाख अमावस्या 25 अप्रैल,शनिवार  परशुराम जयंती 26 अप्रैल, रविवार  अक्षय तृतीया 30 अप्रैल,गुरुवार  गंगा सप्तमी मई 2020 के त्योहार 2 मई,शनिवार  सीता नवमी 3 मई,रविवार  मोहिनी एकादशी 4 मई,सोमवार  गौण मोहिनी एकादशी 5 मई, मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 7 मई, गुरुवार  वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा 10 मई, रविवार संकष्टी चतुर्थी 8 मई,शुक्रवार  नारद जयंती 14 मई,गुरुवार  वृषभ संक्रांति 18 मई,सोमवार  अपरा एकादशी 19 मई, मंगलवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 20 मई, बुधवार मासिक शिवरात्रि 22 मई,शुक्रवार  शनि जयंती, वट सावित्री व्रत 24 मई,रविवार  ईद उल फितर जून 2020 के त्योहार 1 जून, सोमवार  गंगा दशहरा 2 जून, मगलवार  निर्जला एकादशी 3 जून, बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 5 जून, शुक्रवार  ज्येष्ठ पूर्णिमा, वट पूर्णिमा व्रत 6 जून,शनिवार  चंद्र ग्रहण 8 जून, सोमवार संकष्टी चतुर्थी 14 जून, रविवार  मिथुन संक्रांति 17 जून, बुधवार  योगिनी एकादशी 18 जून, गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 19 जून, शुक्रवार मासिक शिवरात्रि 21 जून, रविवार  सूर्य ग्रहण 23 जून, मंगलवार  जगन्नाथ रथ यात्रा जुलाई के त्योहार 1 जुलाई, गुरुवार  देवशयनी एकादशी 2 जुलाई गुरुवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 5 जुलाई, रविवार अषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण 16 जुलाई, गुरुवार कमिका एकादशी, कर्क संक्रांति 8 जुलाई, बुधवार संकष्टी चतुर्थी 16 जुलाई, गुरुवार कामिका एकादशी , कर्क संक्रांति 18 जुलाई, शनिवार मासिक शिवरात्रि , प्रदोष व्रत (कृष्ण) 20 जुलाई, सोमवार  सोमवती अमावस्या 23 जुलाई,गुरुवार  हरियाली तीज 25 जुलाई, शनिवार  नाग पंचमी 30 जुलाई,गुरुवार  श्रावण पुत्रदा एकादशी अगस्त 2020 के त्योहार 1 अगस्त,शनिवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 3 अगस्त, सोमवार  श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन, राखी, गायत्री जयंती 6 अगस्त, मंगलवार  कजरी तीज 7 अगस्त, शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी 11 अगस्त, मंगलवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 12 अगस्त, बुधवार जन्माष्टमी 15 अगस्त,शनिवार  अजा एकादशी 16 अगस्त,रविवार  सिंह संक्रांति 17 अगस्त, सोमवार मासिक शिवरात्रि 19 अगस्त, बुधवार भाद्रपद अमावस्या 21 अगस्त, शुक्रवार हरतालिका तीज 22 अगस्त, शनिवार  गणेश चतुर्थी 23 अगस्त, रविवार  ऋषि पंचमी 26 अगस्त, बुधवार  राधाष्टमी 29 अगस्त, शनिवार परस्व एकादशी 30 अगस्त, प्रदोष व्रत (शुक्ल) 31 अगस्त, सोमवार  ओणम सितंबर 2020 के त्योहार 1 सितम्बर, मंगलवार  अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन 2 सितम्बर,बुधवार     भाद्रपद पूर्णिमा, पितृ पक्ष प्रारंभ 5 सितम्बर, शनिवार संकष्टी चतुर्थी 13 सितम्बर,रविवार    इंदिरा एकादशी 15 सितम्बर, मंगलवार मासिक शिवरात्रि , प्रदोष व्रत (कृष्ण) 16 सितम्बर, बुधवार   कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर, गुरुवार   सर्व पितृ अमावस्या 18 सितम्बर,शुक्रवार    मुहर्रम 27 सितम्बर,रविवार    पद्मीनी एकादशी 29 सितम्बर, मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) अक्टूबर 2020 के त्योहार 1 अक्टूबर, गुरुवार  आश्विन अधिक पूर्णिमा 5 अक्टूबर, सोमवार संकष्टी चतुर्थी 13 अक्टूबर,शनिवार  परम एकादशी 14 अक्टूबर, बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 15 अक्टूबर,गुरुवार मासिक शिवरात्रि 16 अक्टूबर, शुक्रवार अमावस्या 17 अक्टूबर, शारदीय  नवरात्रि प्रारंभ, तुला संक्रांति 21 अक्टूबर, बुधवार कल्परम्भ 24 अक्टूबर,शनिवार   दुर्गा अष्टमी, महानवमी 25 अक्टूबर,रविवार    दशहरा, विजयादशमी 27 अक्टूबर, मंगलवार  पापांकुशा एकादशी 30 अक्टूबर, शुक्रवार   कोजागरी पूजा, शरद पूर्णिमा नवंबर 2020 के त्योहार 4 नवबंर, बुधवार  करवा चौथ 8 नवबंर, रविवार अहोई अष्टमी 11 नवबंर, बुधवार रमा एकादशी 12 नवबंर, गुरुवार गोवत्स द्वादशी 13 नवबंर, शुक्रवार  धनतेरस, काली चौदस 14 नवबंर, शनिवार  नरक चतुर्दशी, दिवाली, लक्ष्मी पूजा 15 नवबंर, रविवार गोवर्धन पूजा 16 नवबंर, सोमवार  भैया दूज, वृश्चिक संक्रांति 20 नवबंर, शुक्रवार छठ पूजा 24 नवबंर, मंगलवार  कंस वध 25 नवबंर, बुधवार  देव उठनी एकादशी 26 नवबंर, गुरुवार  तुलसी विवाह 30 नवबंर, सोमवार  कार्तिक पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण दिसंबर 2020 के त्योहार 7 दिसंबर,  सोमवार   काल भैरव जयंती 10 दिसंबर, गुरुवार   उत्पन्ना एकादशी 11 दिसंबर, शुक्रवार  गौण उत्पन्ना एकादशी 14 दिसंबर, सोमवार  सोमवती अमावस्या, सूर्य ग्रहण 15 दिसंबर, मंगलवार  मलमास प्रारंभ 25 दिसंबर, शुक्रवार   क��रिसमस 30 दिसंबर,  बुधवार  मार्गशीर्ष पूर्णिमा ये भी पढ़े... वार्षिक राशिफल 2020: जानिए नए साल में किसकी चमकेगी किस्मत और किसे करना पड़ेगा मुसीबतों का सामना ये है भगवान गणेश का अनोखा मंदिर, जहां चोर करते थे चोरी के माल का बंटवारा, बप्पा को भी देते थे हिस्सा इस देश में भभकते ज्वालामुखी पर पिछले 700 साल से विराजमान हैं भगवान गणेश Read the full article
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praysure · 4 years ago
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अगस्त 2020 के व्रत एवं त्योहार , जानें कब है जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, प्रदोष व्रत
अगस्त 2020 के व्रत एवं त्योहार , जानें कब है जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, प्रदोष व्रत
अगस्त 2020 के व्रत एवं त्योहार :-  हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, 04 अगस्त से भाद्रपद मास का प्रारंभ हो गया है, वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अगस्त माह का भी प्रारंभ 4 दिन पूर्व हुआ है। सावन की तरह भाद्रपद मास का भी व्रत एवं त्योहार की दृष्टि से अपना एक विशेष महत्व है। इस माह में कजरी तीज, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज, अजा एकादशी, पद्मा एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी, स्वतंत्रता दिवस, मासिक…
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jainyupdates · 4 years ago
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Janmashtami 2020: कब से शुरू हुई 56 भोग की परंपरा
Janmashtami 2020: कब से शुरू हुई 56 भोग की परंपरा
शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जाएगी। कृष्ण जी को 56 भोग भी अर्पित किए जाते हैं।
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sabkuchgyan · 4 years ago
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जन्माष्टमी 2020 : जानिए इस ब���र जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी? 11 को या 12 अगस्त को ?
जन्माष्टमी 2020 : जानिए इस बार जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी? 11 को या 12 अगस्त को ? #janmashtami #krishna #august #hindu #god #mathura #religion #pray
सावन माह की समाप्ति के साथ ही भादो माह शुरू हो गया है और इस महीने का पहला सबसे बड़ा त्योहारयानी जन्माष्टमी बहुत नजदीक है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। हर कोई भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबने के लिए तैयार है। इस बार लोग जन्माष्टमी को लेकर उलझन में हैं, कुछ 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे और कुछ 12 अगस्त को मनाएंगे। हर बार की तरह जन्माष्टमी दो दिन मनाई जानी है। देश इस त्योहार को 11 और 12 तारीख…
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imsaki07 · 4 years ago
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अगस्त के तीज-त्योहार:3 अगस्त को रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद जन्माष्टमी मनाई जाएगी, इस माह में हरितालिका तीज के बाद शुरू होगा गणेश उत्सव
2020 के आठवें माह अगस्त में रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और हरितालिका तीज जैसे बड़े तीज-त्योहार मनाए जाएंगे। 3 अगस्त को सावन माह की पूर्णिमा है। इस दिन सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी, इसके बाद पूरे दिन रक्षासूत्र बांध सकते हैं। 4 अगस्त से भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा। ये हिन्दी पंचांग के छठा माह है। जानिए हिन्दी पंचांग के अनुसार इस माह में कब कौन सा पर्व आएगा और उस दिन कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…
सोमवार,…
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