#जन्माष्टमी भोग 2020
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Janmashtami 2020 : जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को क्यों लगाया जाता है छप्पन भोग, जानें पौराणिक कहानी ‘ब्रज में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ आज देश भर में जन्माष्टमी मनाई जा रही है।कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भक्त श्रीकृष्ण के दर्शन करने आ रह��... Source link
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Ganpati Visarjan DJ Songs
भगवान गणेश की स्थापना के बाद उनका ग्यारहवें दिन विसर्जन कर दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश महादेव के पु��्र और माता पार्वती के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी और गणेश विसर्जन को महाराष्ट्र सहित पूरे उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है तो चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन 2020 में कब है (Ganesh Visarjan 2020 Mai Kab Hai), गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan Shubh Muhurat), गणेश विसर्जन का महत्व (Ganesh Visarjan Ka Mahatva), गणेश विसर्जन की पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja Vidhi) और गणेश विसर्जन की कथा (Ganesh Visarjan Story) Ganesh Visarjan 2020 Date : गणेश विसर्जन 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा Deepaksingh31 July 2020 6:33 PM 2 Ganesh Visarjan 2020 Date : गणेश चतुर्थी 22 अगस्त 2020 (Ganesh Chaturthi 22 August 2020) को मनाई जाएगी और 1 सितंबर 2020 को अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन (Lord Ganesha Visarjan) कर दिया जाएगा। इन 10 दिनों में भगवान गणेश की विधिवत पूजा करके उन्हें उनकी मनपसंद चीजों का भोग लगाया जाता है और ग्यारहवें दिन पूरे विधि विधान से गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता है तो चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन 2020 में कब है, गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त, गणेश विसर्जन का महत्व, गणेश विसर्जन की पूजा विधि और गणेश विसर्जन की कथा। गणेश विसर्जन 2020 तिथि (Ganesh Visarjan 2020 Tithi) 1 सितंबर 2020 गणेश विसर्जन 2020 शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2020 Shubh Muhurat) Also Read - Janmashtami 2020 Date And Time : जन्माष्टमी 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - सुबह 9 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 56 मिनट तक (1 सितम्बर 2020) अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 3 बजकर 32 मिनट से शाम 05 बजकर 07 मिनट तक (1 सितम्बर 2020) सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - रात 8 बजकर 07 मिनट से रात 09 बजकर 32 मिनट तक (1 सितम्बर 2020) रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - रात 10 बजकर 56 मिनट से सुबह 3 बजकर 10 मिनट तक (2 सितम्बर 2020) चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - सुबह 08 बजकर 48 मिनट से (31 अगस्त 2020) चतुर्दशी तिथि समाप्त - सुबह 09 बजकर 38 मिनट तक (1 सितंबर 2020) गणेश विसर्जन का महत्व (Ganesh Visarjan Importance) गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना को जितना महत्व दिया जाता है उतना ही महत्व भगवा्न गणेश के विसर्जन को दिया जाता है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन से भगवान गणेश को भक्त अपने घर पांच, सात या ग्यारह दिनों तक विराजित करते हैं और उनकी पूरी विधिवत आराधना करते हैं। Also Read - Janmashtami 2020 Ki Kab Hai : जानिए जन्माष्टमी पर क्यों फोड़ी जाती है दही हांडी Loading... इसके बाद भगवान गणेश का विसर्जन चतुर्दशी तिथि को कर दिया जाता है और उनसे प्रार्थना की जाती है कि वह इसी तरह अगले साल भी आएं। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की स्थापना करके उनका विधिवत पूजन करके विसर्जन करने से मनुष्य के जीवन की सभी परेशानियां समाप्त होती है और उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। गणेश विसर्जन पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja Vidhi) 1. भगवान गणेश का विसर्जन चतुर्दशी तिथि के दिया किया जाता है। विसर्जन से पहले उनका तिलक करके किया जाता है। 2. उसके बाद उन्हें फूलों का हार, फल, फूल,मोदक लड्डू आदि चढ़ाए जाते हैं। 3.इसके बाद भगवान गणेश क�� मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है। Also Read - Radha Ashtami 2020 Kab Hai : राधा अष्टमी पर करें ये आसान उपाय, प्रेम और वैवाहिक सुख की होगी बरसात 4.भगवान गणेश को पूजा में जो भी सामग्री चढ़ाई जाती है। उसे एक पोटली में बांध लिया जाता है। 5. इस पोटली में सभी सामग्री के साथ एक सिक्का भी रखा जाता है और उसके बाद गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता है। भगवान गणेश के विसर्जन के साथ ही इस पोटली को भी बहा दिया जाता है। गणेश विसर्जन की कथा (Ganesh Visarjan Story) पौराणिक कथा के अनुसार गणेश चतुर्थी से लेकर महाभारत तक ��ी कथा वेद व्यास जी ने गणेश जी को लगातार 10 दिनों तक सुनाई थी। जिसे भगवान श्री गणेश जी ने लगातार लिखा था। दसवें दिन जब भगवान वेद व्यास जी ने अपनी आखें खोली तो उन्होंने पाया की गणेश जी का शरीर बहुत अधिक गर्म हो गया है। जिसके बाद वेद व्यास जी ने अपने पास के सरोवर के जल से गणेश जी के शरीर को ठंडा किया था।इसी वजह से गणेश जी को चतुदर्शी के दिन शीतल जल में प्रवाह किया जाता है। इसी कथा अनुसार गणेश जी के शरीर का तापमान इससे अधिक न बढ़े। इसके लिए वेद व्यास जी ने सुगंधित मिट्टी से गणेश जी का लेप भी किया था। जब यह लेप सूखा तो गणेश जी का शरीर अकड़ गया था। जिसके बाद मिट्टी भी झड़ने लगी थी। जिसके बाद उन्हें सरोवर के पानी में ले जाकर शीतल किया गया था। उस समय वेदव्यास जी ने 10 दिनों तक गणेश जी को उनकी पसंद का भोजन भी कराया था। इसी कारण से भगवान श्री गणेश को स्थापित और विसर्जन भी किया जाता है। इन 10 दिनों में गणेश जी को उनकी पसंद का भोजन भी कराया जाता है।
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🙏 *श्री कृष्ण जन्माष्टमी अर्धरात्रि विशेषांक 2020 - Shri Krishna Janmashtami Midnight Specials*
🪔 *आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की*
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/kunj-bihari-shri-girdhar-krishna-murari
🪔 *श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं आरती*
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/shri-banke-bihari-teri-aarti-gaun
🪔 *आरती श्री बाल कृष्ण जी की*
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/aarti/bal-krishna-ki-keejen
🪕 *भोग आरती: आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन*
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/watch-aao-bhog-lagao-mere-mohan-arti-lyrics
🌸 *आरती युगलकिशोर की कीजै*
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/aarti-shri-yugal-kishoreki-keejai
🙏 *ॐ जय जगदीश हरे आरती*
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/om-jai-jagdish-hare
...And Many More About *Janmashtmi*
🖱️ https://www.bhaktibharat.com/amp/blogs/shri-krishna-janmashtami-specials
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Janmashtami 2020: भगवान कृष्ण की पूजा में शामिल करें तुलसी, जानें क्या हैं फायदे भगवान कृष्ण की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार उनके बिना पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को तुलसी का भी भोग लगाया जाता है। भगवान श्री ... Source link
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 #श्रीकृष्ण_जन्माष्टमी ⛅ दिनांक 11 अगस्त 2020* ⛅ दिन - मंगलवार* ⛅ विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)* ⛅ शक संवत - 1942 ⛅ अयन - दक्षिणायन ⛅ ऋतु - वर्षा ⛅ मास - भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - श्रावण) ⛅ पक्ष - कृष्ण ⛅ तिथि - सप्तमी सुबह 09:06 तक तत्पश्चात अष्टमी ⛅ नक्षत्र - भरणी रात्रि 12:57 तक तत्पश्चात कृत्तिका ⛅ *योग - गण्ड सुबह 08:40 तक तत्पश्चात वृद्धि* ⛅ *राहुकाल - शाम 03:45 से शाम 05:22 तक* ⛅ *सूर्योदय - 06:17* ⛅ *सूर्यास्त - 19:10* (सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अलग अलग जगह के लिए अलग अलग होता है) ⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में* ⛅ *व्रत पर्व विवरण - जन्माष्टमी (स्मार्त), मंगलागौरी पूजन* 💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞 🌷 *जन्माष्टमी व्रत की महिमा* 🌷 ➡ *१] भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिरजी को कहते हैं : “२० करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हैं |”* ➡ *२] धर्मराज सावित्री से कहते हैं : “ भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह १०० जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है |”* 🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞 *भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहते हैं, जिसका अर्थ है पीले रंग के कपड़े पहनने वाला। जन्माष्टमी पर पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं।* *जन्माष्टमी की रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें तो जीवन में सुख-समृद्धि आने के योग बन जाते हैं। जन्माष्टमी को शाम के समय ��ुलसी को गाय के घी का दीपक लगाएं और ऊं वासुदेवाय नम: मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें।* 🌷 #श्रीकृष्ण_जन्माष्टमी 🌷 🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार* *भारतवर्ष में रहने वाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। इसमें संशय नहीं है। वह दीर्घकाल तक वैकुण्ठलोक में आनन��द भोगता है। फिर उत्तम योनि में जन्म लेने पर उसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति उत्पन्न हो जाती है-यह निश्चित है।* 🙏🏻 *अग्निपुराण के अनुसार* *इस तिथिको उपवास करने से मनुष्य सात जन्मों के किये हुए पापों से मुक्त हो जाता हैं | अतएव भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करना चाहिये | यह भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाला हैं।* https://www.instagram.com/p/CDuxuZkJC8k/?igshid=qdo1riae9493
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इस्कॉन मंदिर की ओर से जन्माष्टमी की वर्चुअल उत्सव
लखनऊ। लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्तिथ प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में इस बार नहीं मनाया जाएगा जन्माष्टमी का उत्सव। कोरोना वायरस के फैले त्योहारों का मज़ा फीका पड़ते जा रहा है। हर साल धूम धाम से मनाये जाने वाले त्यौहार, अब उसी ख़ुशी के साथ नहीं मनाये जाएंगे। इस बार, लखनऊ के प्रसिद्ध, इस्कॉन मंदिर में, होगा जन्माष्टमी का वर्चुअल उत्सव।
मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय दास ने बताया कि, सुबह 9:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक भजन कार्यक्रम होंगे। शाम 7 बजे संध्या आरती के बाद 8 से 9 बजे तक प्रवचन, रात 10 से 12 बजे तक महाअभिषेक, रात 12 से 12:50 बजे तक छप्पन भोग अनुष्ठान और 12 बजे महाआरती होगी।
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हर जन्माष्टमी में कम से कम एक से डेढ़ लाख लोग आते थे, लेकिन इस बार ज़्यादा से ���्यादा लोग वर्चुअल समारोह से जुड़ने की कोशिश करेंगे, जिस कारण यह वर्चुअल उत्सव का ख़ास आयोजन किया जा रहा है, जिसमें करोड़ो लोग जुड़ सके और जो भारतीय बाहरी देशों में रह रहे है, वह भी इसे मन सके।
https://kisansatta.com/virtual-celebration-of-janmashtami-from-iskcon-temple/ #IskonMandir, #Janamaashtami, #LucknowNews, #VirtualCelebration2020 iskon mandir, janamaashtami, lucknow news, virtual celebration 2020 Culture, State, Top, Trending #Culture, #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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Janmashtami 2020: भगवान कृष्ण की पूजा में शामिल करें तुलसी, जानें क्या हैं फायदे भगवान कृष्ण की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इनके बिना पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को तुलसी का भी भोग लगाया जाता है। भगवान श्री... Source link
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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर कान्हा को जरूर लगाएं धनिए की पंजीरी का भोग, ये है बनाने का तरीका
Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर कान्हा को जरूर लगाएं धनिए की पंजीरी का भोग, ये है बनाने का तरीका
Krishna Janmashtami 2020: हर साल भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह अष्टमी तिथि 11 अगस्त सुबह 09:06 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त सुबह 11:16 बजे समाप्त हो रही है। यानी अष्टमी तिथि मंगलवार की सुबह से बुधवार 11 बजे तक है। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण को 56 भोग का प्रसाद लगाने का विधान है। लेकिन इनमें सबसे खास है धनिए की पंजीरी का भोग। माना जाता…
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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर कान्हा को भोग लगाने के लिए बनाएं मथुरा के पेड़े, नोट कर लें ये सीक्रेट Recipe
हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 11-12 अगस्त यानी दो दिन मनाया जाएगा। जन्माष्टमी भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाई जाती है। भगवान कृष्ण को जन्माष्टमी (Janmashtami) पर पंजीरी (Panjiri) और पेड़े का भोग लगाया जाता है। कृष्ण भक्त इस दिन अपने आराध्य को पेड़े का भोग जरूर लगाते…
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Laddu Gopal Image Source : INSTAGRAM/ARTISTIC DENTIST
भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस खास दिन को कृष्ण जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन लोग व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करके रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 12 अगस्त को है।
वैसे तो हर साल इस त्योहार को कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से एहतियात के तौर पर यह त्योहार सादगी से मनाया जा रहा है। इस दिन मंदिरों के अलावा लोग अपने घरों में झाकियां भी लगाते हैं। इसके साथ ही कई तरह के पकवान बनाकर लड्डू गोपाल को भोग भी लगाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कृष्ण ���न्माष्टमी के दिन तीन चीजों को घर पर लाना बहुत शुभ होता है। ये तीन चीजें वहीं है जो भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय हैं।
Janmashtami 2020: इस बार दो दिन मनेगी जन्माष्टमी, जानिए किस दिन ग्रहस्थ रखेंगे व्रत
बांसुरी
भगवान कृष्ण को बांसुरी बहुत प्रिय है। यहां तक कि श्रीकृष्ण को मुरली मनोहर भी कहा जाता है। मान्यता है कि जिस घर में बांसुरी होती है वहां पर भगवान कृष्ण का वास होता है। इसके साथ ही वहां पर कभी भी धन की कमी नहीं होती।
बाल गोपाल भगवान श्री कृष्ण का जन्म���ष्टमी के दिन जन्म हुआ था। इसी वजह से भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल रूप की इस दिन पूजा अर्चना होती है। मान्यता है कि अगर आपके घर में कोई भी बाल गोपाल यानी कि अगर आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो इस शुभ दिन पर घर पर बाल गोपाल जरूर लाएं। मान्यता है कि ऐसा करने पर आपकी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो जाती है।
घी-मक्खन भगवान श्री कृष्ण को माखन बहुत पसंद है। इसी वजह से इन्हें माखनचोर भी कहा जाता है। जन्माष्टमी के दिन गाय के दूध से बना घी और मक्खन जरूर लाएं। भगवान कृष्ण को इन दोनों चीजों का भोग लगाने से आपकी सारी समस्याएं दूर होंगी।
भगवत गीता में एक लोकप्रिय कथन है- “जब भी बुराई का उत्थान और धर्म की हानि होगी, मैं बुराई को खत्म करने और अच्छाई को बचाने के लिए अवतार लूंगा।” जन्माष्टमी का त्यौहार सद्भावना को बढ़ाने और दुर्भावना को दूर करने को प्रोत्साहित करता है। यह दिन एक पवित्र अवसर के रूप में मनाया जाता है जो एकता और विश्वास का पर्व है।
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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर प्रसाद में बनाएं ये चीजें, इनका लगता है भोग
Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर प्रसाद में बनाएं ये चीजें, इनका लगता है भोग
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भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर-घर में कान्हा को विराज दिया जाता है। उनका मेकअप किया जाता है। उन्हें नए कपड़े, बांसुरी, मुकुट और मोरपंख लगाए जाते हैं। इस बार 11 अगस्त और 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र नहीं है, अष्टमी तिथि 11 अगस्त को 9 बजे लग रही है, जबकि 12 अगस्त को रात 11 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही उन्हें…
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Janmashtami 2020 Date: लड्डू गोपाल को पसंद हैं ये 5 चीजें, जन्माष्टमी के दिन भोग में करें इन चीजों को शामिल
Janmashtami 2020 Date: लड्डू गोपाल को पसंद हैं ये 5 चीजें, जन्माष्टमी के दिन भोग में करें इन चीजों को शामिल
जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस साल 12 अगस्त, बुधवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी के पावन दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण के बाल रूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है।
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Janmashtami 2020: जानें जन्माष्टमी पर कैसा हो कन्हैया का श्रृंगार, प्रसाद और मूर्ति का चुनाव करते समय ध्यान रखें ये बातें
Janmashtami 2020: जानें जन्माष्टमी पर कैसा हो कन्हैया का श्रृंगार, प्रसाद और मूर्ति का चुनाव करते समय ध्यान रखें ये बातें
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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के श्रृंगार का विशेष महत्व बताया गया है। देशभर में जन्माष्टमी 11 और 12 दो दिन मनाई जा रही है। जन्माष्टमी पर घर-घर में कान्हा को विराजा जाता है। उनका श्रृंगार किया जाता है। उन्हें नए कपड़े, बांसुरी, मुकुट और मोरपंख लगाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कान्हा को प्रसन्न करने के लिए जन्माष्टमी पर कैसे करें श्रीकृष्ण का श्रृंगार और उनके भोग में करें…
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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर कान्हा को भोग लगाने के लिए बनाएं मथुरा के पेड़े, नोट कर लें ये सीक्रेट Recipe
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Janmashtami 2020: हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 11-12 अगस्त यानी दो दिन मनाया जाएगा। जन्माष्टमी भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाई जाती है। भगवान कृष्ण को जन्माष्टमी (Janmashtami) पर पंजीरी (Panjiri) और पेड़े का भोग लगाया जाता है। कृष्ण भक्त इस दिन अपने आराध्य को पेड़े…
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Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर प्रसाद में बनाएं ये चीजें, इनका लगता है भोग
Janmashtami 2020: जन्माष्टमी पर प्रसाद में बनाएं ये चीजें, इनका लगता है भोग
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भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर-घर में कान्हा को विराजा जाता है। उनका श्रृंगार किया जाता है। उन्हें नए कपड़े, बांसुरी, मुकुट और मोरपंख लगाया जाता है। इस बार 11 अगस्त और 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र नहीं है,अष्टमी तिथि 11 अगस्त को 9 बजे लग रही है, वहीं 12 अगस्त को 11 बजे तक रहेगी। इसके साथ ही उन्हें माखन…
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