#जन्म कुंडली मिलान
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क्या कुंडली मिलान में नाड़ी दोष की वजह से शादी ना करना सही है ?
नाड़ी दोष किसी कुंडली मिलान में एक महत्वपूर्ण गुण माना जाता है। इसे नाड़ी दोष कहा जाता है जब दोनों विवाहीत व्यक्तियों की जन्म कुंडली में राशियों का नक्षत्र एक समान होता है। यह विवाहीत जीवन में संघर्ष, विवाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, और संयुक्त जीवन में संकट पैदा कर सकता है।
इसलिए, नाड़ी दोष वाले कुंडलियों के ब��च विवाह का सम्भावित फल नकारात्मक हो सकता है। हालांकि, इसे केवल एक गुण के रूप में देखना न्यायसंगत नहीं होता है। विवाह की कोई भी निर्णय लेते समय अन्य गुणों, भावनात्मक मेल, और दोनों के प्रेम और समर्थन की विवेकपूर्ण विश्वासी समीक्षा के साथ किया जाना चाहिए।
इसलिए, नाड़ी दोष केवल विवाह का निर्णय लेते समय केवल एक मानक नहीं होना चाहिए। यह एक सामान्य गुण है जो विचारने योग्य है, लेकिन इसका महत्व केवल इस एक ही गुण के आधार पर समझा नहीं जाना चाहिए। विवाह का निर्णय लेते समय अन्य गुणों, भावनात्मक मेल, और दोनों के प्रेम और समर्थन की विवेकपूर्ण विश्वासी समीक्षा के साथ किया जाना चाहिए।अधिक जानकारी के लिए कुंडली चक्र प्रोफेशनल 2022 सॉफ्टवेयर का उपयोग करें और हमसे संपर्क
+91 8595675042 करें।
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कुंडली गेम (Kundali Game)कुंडली गेम एक इंटरैक्टिव और मनोरंजक तरीका है जिससे आप अपनी कुंडली और ��्रहों की स्थिति का अध्ययन कर सकते हैं। इस गेम के जरिए आप अपनी जन्म तिथि और समय के अनुसार ग्रहों की चाल, राशि, और भविष्यवाणियों के बारे में जान सकते हैं। astrology and zodiac sign यह खेल न केवल आपको ज्योतिषीय ज्ञान देता है, बल्कि मनोरंजन भी करता है।
मेष राशिफल आज - प्रोकेरला (Aries Horoscope Today - Prokerala)आज के दिन मेष राशि (21 मार्च - 19 अप्रैल) के जातकों के लिए आत्मविश्वास और साहस से भरा रहेगा। प्रोकेरला के अनुसार, आप आज नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे। कार्यस्थल पर सफलता मिलने के संकेत हैं और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। ध्यान रखें कि आज रिश्तों में संवेदनशीलता बनाए रखें।
अंकशास्त्र मिलान (Numerology Match Making)अंकशास्त्र मिलान का उपयोग दो व्यक्तियों की जन्म तिथि और नाम के आधार पर उनकी संगतता का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। विवाह या संबंधों में आने वाली चुनौतियों और संभावनाओं को समझने में यह पद्धति सहायक होती है। अंकशास्त्र Marriage Date Calculator by Date of Birth के अनुसार, लाइफ पाथ नंबर, डेस्टिनी नंबर और सोल नंबर के जरिए यह जाना जाता है कि दोनों व्यक्तियों का संबंध कितना सफल हो सकता है।
विवाह तिथि कैलकुलेटर जन्म तिथि के आधार पर (Marriage Date Calculator by Date of Birth)विवाह तिथि कैलकुलेटर एक ज्योतिषीय टूल है जो आपकी और आपके साथी की जन्म तिथि के आधार पर विवाह के लिए सबसे शुभ तिथि का निर्धारण करता है। इसमें ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों को ध्यान में रखते हुए मुहूर्त का चयन किया जाता है। यह विवाह aries horoscope today prokerala को सफल और सुखमय बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
ज्योतिष और राशि चक्र (Astrology and Zodiac Sign)ज्योतिष और राशि चक्र एक प्राचीन विद्या है जो ग्रहों और नक्षत्रों की चाल के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य का आकलन करती है। राशि चक्र में 12 राशियाँ होती हैं, जिनमें से प्रत्येक राशि का अपना विशेष प्रभाव होता है। जन्म तिथि के आधार पर व्यक्ति की राशि निर्धारित की जाती है, और इससे व्यक्ति की जीवन यात्रा और स्वभाव के बारे में भविष्यवाणियाँ की जाती हैं।
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कुंडली देखते समय यदि जन्म समय में पांच दस मिनट का हेर फेर हो तो क्या कुंडली गलत बन सकती है?
हाँ, जन्म समय में पाँच-दस मिनट का हेर-फेर होने पर कुंडली में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं, खासकर निम्नलिखित पहलुओं में:
लग्न (Ascendant): लग्न हर दो घंटे में एक राशि से दूसरी राशि में बदलता है। पाँच-दस मिनट के हेर-फेर से लग्न बदल सकता है, जिससे पूरी कुंडली की दशा और दृष्टिकोण बदल जाता है। इससे व्यक्ति का स्वभाव, शरीर, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ सकता है।
भाव चक्र (House Positions): पाँच-दस मिनट की गलती से ग्रहों के भाव बदल सकते हैं। जैसे यदि चंद्रमा चौथे भाव में है और समय थोड़ा बदलते ही वह तीसरे या पाँचवें भाव में चला जाता है, तो फलादेश में अंतर आ जाएगा।
नवमांश (Navamsa) कुंडली: नवमांश कुंडली में भी ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन हो सकता है, जिससे विवाह, रिश्ते, और जीवन में आध्यात्मिक प्रगति के संकेत बदल सकते हैं।
महादशा और अंतर्दशा: यदि जन्म समय में हेर-फेर होता है, तो महादशा और अंतर्दशा की प्रारंभिक और समाप्ति तिथियाँ भी बदल सकती हैं। इससे जीवन में प्रमुख घटनाओं के समय में बदलाव आ सकता है।
इसलिए, कुंडली का सही और सटीक विश्लेषण करने के लिए सटीक जन्म समय बहुत महत्वपूर्ण है। यदि जन्म समय में थोड़ी भी असमानता हो, तो उससे कुंडली का विश्लेषण प्रभावित हो सकता है। कुंडली मिलान, भविष्यवाणी या किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए सटीक जन्म समय सुनिश्चित करने के लिए आप Kundli Chakra 2024 - Astrology अप्प का प्रयोग कर सकते है। जो आपको काफी बेहतर जानकारी दे सकता है।
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वर बधु का कुंडली मिलान में क्या क्या देखना चाहिए?
वर और वधू की कुंडली मिलान (कुण्डली मिलान) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसे हिंदू विवाह में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मिलान वैवाहिक जीवन की अनुकूलता और सौभाग्य सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। यहाँ प्रमुख तत्व दिए गए हैं जिन्हें कुंडली मिलान के दौरान देखा जाना चाहिए:
1. गुण मिलान (अष्टकूट मिलान):
वरना (1 गुण): दंपत्ति के स्वभाव और दृष्टिकोण में सामंजस्य।
वसिया (2 गुण): जीवनसाथी की मानसिक और भावनात्मक अनुकूलता।
तारा (3 गुण): जन्म नक्षत्रों की अनुकूलता।
योनि (4 गुण): शारीरिक और यौन अनुकूलता।
ग्रहमैत्री (5 गुण): ग्रहों की मित्रता और दंपत्ति की मानसिक अनुकूलता।
गण (6 गुण): मानसिकता और स्वभाव का मिलान।
भकूट (7 गुण): भावनात्मक संबंध और जीवनसाथी के स्वास्थ्य।
नाड़ी (8 गुण): संतान उत्पत्ति और स्वास्थ्य।
कुल मिलाकर 36 गुण होते हैं और 18 से अधिक गुण मिलना शुभ माना जाता है।
2. मंगल दोष (मंगलिक दोष):
यह देखा जाता है कि वर या वधू में मंगल दोष है या नहीं। यदि दोनों में मंगल दोष हो, तो यह दोष नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है।
3. सप्तम भाव (7वां घर):
सप्तम भाव और इसके स्वामी की स्थिति और दृष्टि से विवाह और वैवाहिक जीवन की अनुकूलता को देखा जाता है।
4. नवम भाव (9वां घर):
नवम भाव भाग्य और धर्म का घर है, जो जीवन में शुभता और धार्मिक अनुकूलता को दर्शाता है।
5. दशम भाव (10वां घर):
दशम भाव करियर और पेशेवर जीवन का घर है, जो यह दर्शाता है कि दंपत्ति के करियर और पेशेवर जीवन में संतुलन और अनुकूलता कैसे रहेगी।
6. चंद्रमा की स्थिति:
चंद्रमा की स्थिति और उसकी दृष्टि से मानसिक और भावनात्मक अनुकूलता का मूल्यांकन किया जाता है।
7. दशा और अंतर्दशा:
दोनों की दशा और अंतर्दशा का अध्ययन करके यह देखा जाता है कि उनके वैवाहिक जीवन में आने वाले समय में अनुकूलता और सौभाग्य कैसा रहेगा।
8. कुण्डली के प्रमुख दोष:
अन्य महत्वपूर्ण दोषों का मूल्यांकन किया जाता है, जैसे कि कालसर्प दोष, पितृ दोष, आदि, जो वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
कुंडली मिलान के दौरान इन सभी पहलुओं का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है ताकि वर और वधू के बीच अनुकूलता, सौभाग्य, और दीर्घायु वैवाहिक जीवन सुनिश्चित किया जा सके। और अधिक जानकारी के लिए आप
विवाह सूत्रम २ सॉफ्टवेयरका प्रयोग कर सकते है। जो एक सटीक जानकरी दे सकता है।
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वर बधु का कुंडली मिलान में क्या क्या देखना चाहिए?
कुंडली मिलान, जिसे ज्योतिषीय संगतता की जांच भी कहा जाता है, विशेष रूप से विवाह के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें वर और वधू की जन्म कुंडलियों का मिलान किया जाता है। इसमें कई पहलू शामिल हैं जिन्हें देखा जाता है:
अष्टकूट मिलान (अष्टकूट गुण मिलान): यह आठ अलग-अलग परमीटर्स पर आधारित होता है जो कुल मिलाकर 36 गुणों में से कितने गुण मिलते हैं, यह देखता है। इनमें वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट, और नाडी शामिल हैं। आम तौर पर, 18 से अधिक गुणों का मिलान होने पर शादी के लिए हरी झंडी दी जाती है।
मांगलिक दोष: मंगल ग्रह की स्थिति की जाँच की जाती है क्योंकि यदि एक कुंडली में मांगलिक दोष हो और दूसरी में नहीं हो, तो यह समस्या पैदा कर सकता है। मांगलिक दोष का समाधान तभी माना जाता है जब दोनों कुंडलियों में समान रूप से दोष हो या उपाय के जरिए इसे कम किया जा सके।
भकूट दोष: यह राशि और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर होता है और इसे देखकर यह पता लगाया जाता है कि जीवन में स्वास्थ्य, धन, और संतान के लिए संगतता कैसी है।
नाडी दोष: यह संतान संबंधी मुद्दों और स्वास्थ्य के पहलुओं को देखता है। नाडी दोष का होना विशेष रूप से समस्याग्रस्त माना जाता है।
दशा संबंधी समय: कुंडली में विभिन्न ग्रहों की दशा और अंतर्दशा की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है। यह जांचना जरूरी होता है कि शादी के बाद का समय दोनों के लिए शुभ हो।
सामंजस्य: भावनात्मक, मानसिक, और भौतिक स्तर पर सामंजस्य भी महत्वपूर्ण होता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से यह पता चलता है कि दोनों में सहयोग और समझ कैसी होगी।
सप्तम भाव: सप्तम भाव की स्थिति को भी देखा जाता है क्योंकि यह भाव विवाह और जीवनसाथी के साथ संबंधों को दर्शाता है। इस भाव के स्वामी की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है।
ये सभी बिंदु कुंडली मिलान के दौरान देखे जाते हैं ताकि वर और वधू के बीच सबसे अच्छी संगतता सुनिश्चित की जा सके। यदि आप कुंडली मिलान करवा रहे हैं, आप कुंडली मिलान सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है। जो आपको एक सटीक जानकारी दे सकता है।
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जन्म कुंडली में मांगलिक दोष का निर्धारण कैसे किया जाता है?
ज्योतिष शास्त्र में मांगलिक दोष का कुंडली मिलान के माध्यम से बताया गया है। कुंडली मिलान एक विवाह के पूर्व विचार से पता चलता है कि दोनों लोगों की कुंडली में किसी दोष की उपस्थिति की जांच की जा सकती है और विवाह के बाद आने वाली ताकत का अनुमान लगाया जा सकता है।
कुंडली में मांगलिक दोष निर्धारित करने के लिए मंगल ग्रह की स्थिति की जांच की जाती है। यदि कुंडली में मंगल किसी विशेष स्थान पर स्थित हो, जैसे कि जन्म राशि पर, केंद्र स्थान पर, या कुंडली के अन्य कुछ चिन्ह के साथ युत होता है, तो उसे मांगलिक या मांगलिक दोष माना जाता है।
कुंडली में मांगलिक दोष की स्थिति के आधार पर ज्योतिषाचार्य या पंडित विवाह की प्रकृति और दोष समाधान के ��िए सुझाव देते हैं। यह दोष कई प्रकार के पूजा, दान, यंत्र, यात्रा या अन्य उपायों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है, जो किसी विशेष ज्योतिष दृष्टिकोण और पारंपरिक विधान के अनुसार होते हैं। और यदि आपको जाना है। की आपकी कुंडली में कोण सा दोष है।
तो इसके लिए आप Kundli Chakra 2022 Professional Software का प्रयोग कर सकते है। जो आपको आपकी जन्म कुंडली के आधार पर आपको सही गए दे सकता है।
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क्या जरूरी है कुण्डली मिलान - BHOOMIKA KALAM www.astrobhoomi.com
कुंडली मिलान बहुत जरूरी है--
सनातन संस्कृति की नींव षोडश संस्कारों में निहित है। इन षोडश संस्कारों में 'विवाह' का महत्वपूर्ण स्थान है। बच्चों के युवा होते ही माता-पिता को उनके विवाह की चिंता सताने लगती है। विवाह का विचार मन में आते ही जो सबसे बड़ी चिंता माता-पिता के समक्ष होती है, वह है अपने पुत्र या पुत्री के लिए योग्य जीवनसाथी की तलाश। इस तलाश के पूरी होते ही एक दूसरी चिंता सामने आ खड़ी होती है, वह है भावी दंपति की कुंडलियों का मिलान जिसे ज्योतिष की भाषा में 'मेलापक' कहा जाता है।
प्राचीन समय में कुंडली मिलान अत्यावश्यक माना जाता था। वर्तमान सूचना और प्रौद्योगिकी के दौर में मेलापक केवल एक रस्म-अदायगी बनकर रह गया है। ज्योतिष शास्त्र ने मेलापक में विलग-विलग आधार पर गुणों की कुल संख्या 36 निर्धारित की गई है जिसमें 18 या अधिक गुणों का मिलान विवाह और दांपत्य सुख के लिए उत्तम माना जाता है।
मेरे देखे गुणों की संख्या के आधार पर दांपत्य सुख का निश्चय कर लेना उचित नहीं है। अधिकतर देखने में आया है कि 18 की अपेक्षा कहीं अधिक गुणों का मिलान होने पर भी दंपतियों के मध्य दांपत्य सुख का अभाव पाया गया है। इसका मुख्य कारण है मेलापक को मात्र गुण आधारित प्रक्रिया समझना, जैसे कोई परीक्षा हो जिसमें न्यूनतम अंक पाने पर विद्यार्थी उत्तीर्ण अथवा 1-2 अंक कम आने से अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता है। ज्योतिष इतना सरल व संक्षिप्त नहीं है। गुणों पर आधारित मेलापक की यह विधि पूर्णतया कारगर नहीं है।
हमारे अनुसार विवाह ��ें कुंडलियों का मिलान करते समय गुणों के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण बातों का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, भले ही गुण निर्धारित संख्या की अपेक्षा कम मिले हों। परंतु दांपत्य सुख के अन्य कारकों से यदि दांपत्य सुख की सुनिश्चितता होती है, तो विवाह करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। आइए, जानते हैं कि मेलापक (कुंडली मिलान) करते या करवाते समय गुणों के अतिरिक्त किन विशेष बातों का ध्यान रखा जाता आवश्यक है?
मेलापक के समय ध्यान देने योग्य बातें : विवाह का उद्देश्य गृहस्थ आश्रम में पदार्पण के साथ ही वंशवृद्धि और उत्तम दांपत्य सुख प्राप्त करना होता है। प्रेम व सामंजस्य से परिपूर्ण परिवार ही इस संसार में स्वर्ग के समान होता है। इन उद्देश्यों की पूर्ति की संभावनाओं के ज्ञान के लिए मनुष्य की जन्म कुंडली में कुछ महत्वपूर्ण कारक होते हैं। ये कारक हैं- सप्तम भाव एवं सप्तमेश, द्वादश भाव एवं द्वादशेश, द्वितीय भाव एवं द्वितीयेश, पंचम भाव एवं पंचमेश, अष्टम भाव एवं अष्टमेश के अतिरिक्त दांपत्य का नैसर्गिक कारक ग्रह शुक्र (पुरुषों के लिए) व गुरु (स्त्रियों के लिए)।
सप्तम भाव एवं सप्तमेश : दांपत्य सुख प्राप्ति के लिए सप्तम भाव का विशेष महत्व होता है। सप्तम भाव ही साझेदारी का भी होता है। विवाह में साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। अत: सप्तम भाव पर कोई पाप ग्रह का प्रभाव नहीं होना चाहिए। सप्तम भाव के अधिपति को सप्तमेश कहा जाता है। सप्तम भाव की तरह ही सप्तमेश पर कोई पाप प्रभाव नहीं होना चाहिए और न ही सप्तमेश किसी अशुभ भाव में स्थित होना चाहिए।
द्वादश भाव एवं द्वादशेश : सप्तम भाव के ही सदृश द्वादश भाव भी दांपत्य सुख के लिए अहम माना गया है। द्वादश भाव को शैया सुख का अर्थात यौन सुख प्राप्ति का भाव माना गया है। अत: द्वादश भाव एवं इसके अधिपति द्वादशेश पर किसी भी प्रकार के पाप ग्रहों का प्रभाव दांपत्य सुख की हानि कर सकता है।
द्वितीय भाव एवं द्वितीयेश : विवाह का अर्थ है एक नवीन परिवार की शुरुआत। द्वितीय भाव को धन एवं कुटुम्ब भाव कहते हैं। द्वितीय भाव से पारिवारिक सुख का पता चलता है। अत: द्वितीय भाव एवं द्वितीय भाव के स्वामी पर किसी पाप ग्रह का प्रभाव दंपति को पारिवारिक सुख से वंचित करता है।
पंचम भाव एवं पंचमेश : शास्त्रानुसार जब मनुष्य जन्म लेता है, तब जन्म लेने के साथ ही वह ऋणी हो जाता है। इन्हीं जन्मजात ऋणों में से एक है 'पितृ ऋण' जिससे संतानोत्पत्ति के द्वारा मुक्त हुआ जाता है। पंचम भाव से संतान सुख का ज्ञान होता है। पंचम भाव एवं इसके अधिपति पंचमेश पर किसी पाप ग्रह का प्रभाव दंपति को संतान सुख से वंचित करता है।
अष्टम भाव एवं अष्टमेश : विवाहोपरांत विधुर या वैधव्य भोग किसी आपदा के सदृश है। अत: भावी दंपति की आयु का भलीभांति परीक्षण आवश्यक है। अष्टम भाव एवं अष्टमेश से आयु का विचार किया जाता है। अष्टम भाव एवं अष्टमेश पर किसी पाप ग्रह का प्रभाव दंपति की आयु क्षीण करता है।
नैसर्गिक कारक : इन कारकों के अतिरिक्त दांपत्य सुख से नैसर्गिक कारकों, जो वर की कुंडली में शुक्र एवं कन्या की कुंडली में गुरु होता है, पाप प्रभाव नहीं होना चाहिए। यदि वर अथवा कन्या की कुंडली में दांपत्य सुख के नैसर्गिक कारक शुक्र व गुरु ��ाप प्रभाव से पीड़ित हैं या अशुभ भावों में स्थित है तो दांपत्य सुख की हानि कर सकते हैं।
विंशोत्तरी दशा भी है महत्वपूर्ण : उपरोक्त महत्वपूर्ण कारकों के अतिरिक्त वर अथवा कन्या की महादशा एवं अंतरदशाओं की भी कुंडली मिलान में महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसकी अक्सर ज्योतिषी उपेक्षा कर देते हैं। हमारे अनुस���र वर अथवा कन्या दोनों ही पर पाप व अनिष्ट ग��रहों की महादशा/ अंतरदशा का एक ही समय में आना भी दांपत्य सुख के लिए हानिकारक है। अत: उपरोक्त कारकों के मिलान एवं परीक्षण के उपरांत महादशा एवं अंतरदशा का परीक्षण परिणाम में सटीकता लाता है।
जिन लोगों की कुंडली नहीं मिलती और फिर भी शादी कर लेते हैं तो रिश्ते में क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं?
बिना गुण मिलाए शादी करने पर हो सकती हैं ऐसी दिक्कतें हालांकि, प्रेम विवाह के मामलों में लड़का और लड़की गुण मिलान पर ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं. वे बिना गुण मिलान कराए ही शादी कर लेते हैं. कुछ मामलों में गुण मिलाए भी जाते हैं लेकिन 18 से कम गुण मिलने पर भी शादी कर लेते हैं. ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक जिन लोगों के 18 गुण से कम मिलते हैं, उनका वैवाहिक जीवन काफी कष्ट में गुजरता है. ऐसे लोगों को अपने वैवाहिक जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो प्रेम विवाह के कुछ समय बाद वर और वधू के बीच मतभेद और मनभेद हो जाते हैं. ऐसे में उनका वैवाहिक जीवन बर्बाद हो जाता है. इतना ही नहीं, कुछ मामलों में तो बात इतनी बिगड़ जाती है कि तलाक तक की नौबत आ जाती है. यही वजह है कि बड़े-बुजुर्ग गुण मिलाने के बाद ही शादी करने की सलाह देते हैं.
गुणों के बेहतर मिलान के बाद भी टूट जाते हैं रिश्ते मान्यताओं के मुताबिक कुंडली मिलान के बिना की गई शादी के बाद वर और वधू का केवल वैवाहिक जीवन ही नहीं बल्कि निजी जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है. वर और वधू के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होने लगता है. इस झगड़े की वजह से दोनों पक्ष के परिवारों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. हालांकि, इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि गुण मिलने के बाद भी कई लोगों की शादियां बर्बाद हो जाती हैं और रिश्ता टूट जाता है. आज भी हमारे समाज में ऐसी कई शादियां टूटते हुए देखी गई हैं जिनमें वर और वधू की कुंडली में गुणों का बेहतर मिलान किया गया था लेकिन शादी के बाद उनके वैवाहिक जीवन में कलह हावी हो गया. हालांकि, ऐसे मामलों में वर और वधू की कुंडली के ग्रह भी जिम्मेदार हो सकते हैं.
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सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 10 अचूक ज्योतिषीय उपाय !!!!!
पति-पत्नी का रिश्ता जोश, उत्साह और जोश से शुरू होता है, लेकिन देखा जाता है कि समय बीतने के साथ ही रिश्ता दोनों लोगों के लिए बोझ बन जाता है। समय बीतने के साथ रिश्ता निभाना बोझ बन जाता है। जोड़े भी स्थिति के साथ तनाव का सामना करते हैं। हम अक्सर चकित हो जाते हैं कि कैसे प्यार और जुनून से भरा एक रिश्ता संकट और तनाव में समाप्त हो जाता है। लव मैरिज वाले जोड़ों को भी लड़ते हुए देखा जा सकता है। युगल के बीच समस्याएं आम हैं, इन समस्याओं को हल किया जा सकता है या अनदेखा किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो आपकी सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है।
नमस्ते!!!!! मैं हूं पंडित आरके शर्मा भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी। आज हम बात करेंगे कि हम वैदिक ज्योतिष की मदद से प्रेम समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
भारतीय वैदिक ज्योतिष पूरी तरह से ग्रहों की स्थिति पर आधारित है, इन ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन के हर पहलू को शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से प्रभावित करती है। यदि आप मुझसे पूछें कि क्या ज्योतिष से विवाह की समस्या का समाधान संभव है। जी हां कुछ उपायों से हम निश्चित रूप से प्रेम समस्या का समाधान कर सकते हैं।
क्या है शादी की समस्या के पीछे का कारण
जैसा कि मैंने ऊपर उल्लेख किया है कि ग्रहों की स्थिति सीधे संबंध को प्रभावित कर सकती है। वास्तविक कारण जानने का सबसे अच्छा तरीका दोनों सदस्यों की जन्म कुंडली पढ़ना है। मैं केवल आँख बंद करके उपायों का पालन करने की सलाह नहीं दूंगा। ये उपाय तभी काम करते हैं जब यह आपकी जन्म कुंडली के अनुसार किया जाए। हालांकि मैं इस लेख के अंत में कुछ ऐसे उपाय बताऊंगा जो सभी लोगों के लिए कारगर हैं।
ज्यादातर लोगों में से किसी एक में ��ंगल दोष होता है। सभी मामलों में यही प्रमुख कारण है। नकली पंडितों और ज्योतिषियों के संपर्क में आए लोग। इसलिए कोशिश करें कि पैसे बर्बाद न करें और केवल असली पंडित से संपर्क करें।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 10 अचूक ज्योतिषीय उपाय !!!!!
1. मंत्रों का जाप, पूजा करके भगवान सूर्य को प्रसन्न करने का प्रयास करें।
यहाँ पढ़ें:- सूर्य के प्रभाव को दूर करने के उपाय (सूर्य को कैसे प्रसन्न करें
2. जानवरों और पक्षियों को खिलाएं यह एक सामान्य उपाय है यह हम सभी के लिए एक सामान्य अनुष्ठान होना चाहिए क्योंकि यह एक दया कार्य है हम सभी को पक्षियों और जानवरों को खिलाना चाहिए
3. हर शनिवार को सरसों के तेल में एक सिक्का डालकर शनि देव को अर्पित करें।
4. 16 शुक्रवार के दिन शुक्रवार के दिन भगवान लक्ष्मी को सफेद प्रसाद दें।
5. सूर्य, लक्ष्मी या शनि मंत्र का 108 बार जाप करें।
6. पूजा में कपूर का प्रयोग करें यह सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को जला देगा।
7. पत्नी को प्रत्येक गुरुवार को दूध के पानी से स्नान करना चाहिए।
8. हमेशा पहली रोटी गाय को दें।
9. दंपत्ति को मंगलवार, शनिवार और गुरुवार को अपने बाल कटवाने, नाखून काटने से भी बचना चाहिए।
10. जरूरतमंद लोगों को मिठाई का दान करें।
मेरी आखिरी सलाह है कि हमेशा एक-दूसरे का सामना करने की कोशिश करें। पति-पत्नी का रिश्ता सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है। शादी से पहले कुंडली मिलान करने का रखें ध्यान, इससे आपकी कई समस्याओं से निजात मिलेगी
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सही जीवनसाथी का चुनाव करें! हमारी कुंडली मिलान सेवाओं द्वारा
Match Making In Adarsh Nagar
कुंडली मिलान या पुण्य मिलान वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडली मिलान है। हिंदू धर्म में और विशेष रूप से भारत में, बड़ों और माता-पिता के आशीर्वाद से विवाह संपन्न होते हैं, इसलिए कुंडली मिलान का विवाह के लिए बहुत अधिक महत्व है और कुंडली मिलान के बाद ही विवाह तय किए जाते हैं। कुंडली मिलान के माध्यम से यह जाना जाता है कि ग्रह किस स्तर पर वर-वधू को आशीर्वाद दे रह�� हैं और कौन सा ज्योतिषीय सुधार विवाह में खुशी ला सकता है। नीचे दिए गए फॉर्म में कुंडली मिलान के लिए लड़के और लड़की के जन्म विवरण भरें। परिणाम अष्टकूट संपत्ति के 36 गुणों के मिलान के आधार पर दिए गए हैं।
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Free kundli game on Astrology Signs Horoscope
कुंडली गेम
कुंडली गेम एक इंटरएक्टिव और मजेदार तरीका है जिससे आप अपनी कुंडली को समझ सकते हैं। इसमें जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर कुंडली तैयार की जाती है और इसके जरिए आप ग्रहों की स्थिति और उनकी ज़िंदगी पर पड़ने वाले प्रभाव को समझ सकते हैं। कुंडली गेम के जरिए आप अपनी राशि, ग्रहों की चाल, और भविष्यवाणियों का आनंद उठाते हुए खुद के बारे में ज्यादा जान सकते हैं। यह गेम आपको अपने जीवन की दिशा,kundli game चुनौतियों और संभावनाओं को सरल और रोमांचक तरीके से जानने का मौका देता है।
मेष राशिफल आज – प्रोकेरला
आज के दिन मेष राशि (21 मार्च – 19 अप्रैल) के जातकों के लिए ऊर्जा से भरपूर रहेगा। प्रोकेरला के अनुसार, आपको आज आत्मविश्वास और साहस के साथ किसी भी कार्य को करने की प्रेरणा मिलेगी। आपके करियर में तरक्की के संकेत हैं, लेकिन जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें। रिश्तों में सामंजस्य और संतुलन बनाए रखें। आर्थिक स्थिति में सुधार के योग हैं, और यह दिन निवेश के लिए अनुकूल रहेगा।
अंकशास्त्र मिलान (Numerology Match Making)
अंकशास्त्र मिलान विवाह से पहले दो व्यक्तियों के बीच संगतता जांचने का एक पारंपरिक तरीका है। इसमें जन्मतिथि के आधार पर अंकशास्त्र के विभिन्न नंबर जैसे लाइफ पाथ नंबर, डेस्टिनी नंबर और सोल नंबर का मिलान किया जाता है। यह विधि यह बताने में मदद करती है कि दंपति के बीच कितनी सामंजस्यता है और किन क्षेत्रों में उन्हें ध्यान देने की आवश्यकता है। इस मिलान के जरिए जीवनसाथी के स्वभाव और marriage date calculator by date of birth भविष्य की दिशा का भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
विवाह तिथि कैलकुलेटर जन्म तिथि के अनुसार
विवाह तिथि कैलकुलेटर एक उपयोगी टूल है जो आपकी और आपके साथी की जन्म तिथि के आधार पर सबसे शुभ विवाह तिथि का चयन करता है। ��ह ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों की चाल को ध्यान में रखते हुए विवाह के लिए सबसे अनुकूल दिन की सिफारिश करता है। शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
ज्योतिष और राशि चक्र (Astrology and Zodiac Sign)
ज्योतिष और राशि चक्र हमारे free numerology match making जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। राशि चक्र में 12 राशियाँ होती हैं, जिनके आधार पर व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मेष (21 मार्च – 19 अप्रैल): साहसिक और ऊर्जावान।
वृषभ (20 अप्रैल – 20 मई): स्थिर और विश्वसनीय।
मिथुन (21 मई – 20 जून): चतुर और जिज्ञासु।
कर्क (21 जून – 22 जुलाई): संवेदनशील और पोषण करने वाला।
सिंह (23 जुलाई – 22 अगस्त): आत्मविश्वासी और करिश्माई।
कन्या (23 अगस्त – 22 सितंबर): विश्लेषणात्मक और तार्किक।
तुला (23 सितंबर – 22 अक्टूबर): संतुलित और शांतिप्रिय।
वृश्चिक (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): तीव्र और रहस्यमय।
धनु (22 नवंबर – 21 दिसंबर): आशावादी और साहसी।
मकर (22 दिसंबर – 19 जनवरी): अनुशासित और महत्वाकांक्षी।
कुंभ (20 जनव��ी – 18 फरवरी): नवीन और स्वतंत्र विचारक।
मीन (19 फरवरी – 20 मार्च): दयालु और कल्पनाशील।
इन राशियों के आधार पर व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव और उनकी विशेषताएँ निर्धारित की जाती हैं। ज्योतिष और राशि astrology and zodiac sign चक्र का अध्ययन व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य की जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।
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भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी - ज्योतिष आचार्य देवराज जी | जीवन की सभी समस्याओं के लिए ज्योतिष परामर्श
भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी - ज्योतिष आचार्य देवराज जी | जीवन की सभी समस्याओं के लिए ज्योतिष परामर्श
भारत में सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी - ज्योतिष आचार्य देवराज जी - नई दिल्ली, भारत में जन्मे और पले-बढ़े। और अपने परिवार में ज्योतिषियों की पुरानी पीढ़ियों के कारण ज्योतिष का अध्ययन करने का निर्णय लिया। उन्होंने नई दिल्ली में अपनी ज्योतिष संबंधी तकनीकी योग्यता पूरी की, वे किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली का विश्लेषण करने के लिए पारंपरिक और आधुनिक तरीकों के संयोजन का उपयोग करते हैं। 2005 से, उन्हें ज्योतिष में 17+ वर्ष का विशाल अनुभव है। नंबर 1 ज्योतिष आचार्य देवराज जी दिल्ली के शीर्ष ज्योतिष���यों में से एक हैं और जन्म कुंडली भविष्यवाणियों के विशेषज्ञ भी हैं। ज्योतिष आचार्य देवराज जी वैदिक ज्योतिष के विशेषज्ञ हैं और केपी, ज्योतिष, नाड़ी ज्योतिष और अंक ज्योतिष में अत्यधिक कुशल हैं। वह आपकी जन्म कुंडली के वैज्ञानिक, तकनीकी और तार्किक विश्लेषण में माहिर हैं, और सबसे सटीक निदान देते हैं। ज्योतिष आचार्य देवराज जी सर्वश्रेष्ठ ��ारतीय मानसिक, ज्योतिषी और आध्यात्मिक परामर्श सेवा, प्रदाता हैं। आचार्य देवराज जी सटीक ज्योतिष भविष्यवाणियां और उपाय देने में विशेषज्ञ हैं जो स्पष्ट रूप से आपके जीवन के प्रवाह को सकारात्मक तरीके से बदल सकते हैं। वह भारत में सबसे प्रसिद्ध ज्योतिषियों और भारत में शीर्ष ज्योतिषियों में से एक हैं। विशाल अनुभव के साथ उनका ज्योतिषीय कौशल बहुत गहरा है। उनके परिवार में ज्योतिषियों की पुरानी पीढ़ी के कारण इस प्राचीन विज्ञान में उनका विश्वास बहुत गहरा है। जन्म कुंडली का सबसे सटीक विश्लेषण और सबसे सटीक भविष्यवाणियां और कुंडली मिलान कौशल उन्हें एक लोकप्रिय ज्योतिषी बनाते हैं। उनके सटीक ज्योतिष परामर्श, ज्योतिष भविष्य की भविष्यवाणियां और उपायों ने कई लोगों को शांतिपूर्ण और समृद्ध जीवन जीने में मदद की है।
वह आपके जन्म चार्ट विश्लेषण के आधार पर महा-दशा, अंतर-दशा और प्रत्यंतर दशा के अलावा ग्रहों, नक्षत्रों और उप-नक्षत्रों के पारगमन का अध्ययन करता है, जो आपके भविष्य के जीवन की घटनाओं का सबसे सटीक अनुमान लगाता है। जो अंततः आपके जीवन को प्रभावित करता है। आपकी जन्म कुंडली के तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं के साथ-साथ ज्योतिष के विस्तृत अध्ययन के बाद ही आपको 100% सटीक भविष्यवाणियां पूर्ण विश्वास के साथ प्रदान की जाती हैं। आपकी जन्म कुंडली आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं के गहन विश्लेषण के साथ-साथ आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक पाठ्यक्रम को प्रकट करती है।
इन पहलुओं में परिवार, शिक्षा, वित्तीय स्थिरता, विवाहित जीवन और पितृत्व शामिल हैं। और आपकी जन्म कुंडली भी भाग्य या दुर्भाग्य की भविष्यवाणी कर सकती है। उदाहरण के लिए, जीवन में आप आनंद लेंगे या कष्ट, आपकी सफलता और असफलता, अंतरंगता और शत्रुतापूर्ण संबंध, और आपके जीवन में आने वाली घटनाओं को आपकी कुंडली में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है।
आपके जीवन की भविष्यवाणियों में, वह सभी घटनाओं का समय भी शामिल करता है। उदाहरण के लिए, वह आपको एक विचार देगा कि आप संपत्ति या वाहन कब खरीदेंगे। और आप अपने पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन और पेशेवर जीवन में आने वाली सभी समस्याओं के अंत की समाप्ति तिथि की घोषणा करते हैं और उन समस्याओं को हल करने के लिए सटीक समाधान प्रदान करते हैं। आप दुनिया के किसी भी कोने से अपने घर बैठे अपने जीवन की सभी समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
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जन्म कुंडली में मांगलिक दोष का निर्धारण कैसे किया जाता है?
जन्म कुंडली में मांगलिक दोष का निर्धारण ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ विशेष ग्रहों के स्थिति के आधार पर किया जाता है। मांगलिक दोष के लिए निम्नलिखित प्रमुख योग या स्थितियाँ देखी जाती हैं:
मांगलिक ग्रह (मंगल) की स्थिति: जन्मकुंडली में मंगल का स्थान देखा जाता है। अगर मंगल प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, आठवीं, बारहवीं या केंद्रीय घरों में स्थित है, तो व्यक्ति को मांगलिक दोष कहा जाता है।
मंगलिक योग (मंगल दोष): मंगल के साथ राहु, केतु, शनि या गुलिक के संयोग से भी मंगलिक दोष हो सकता है। इस स्थिति को मंगलिक योग कहा जाता है।
मंगलिक दोष के प्रभाव: मंगलिक दोष के कारण व्यक्ति के विवाह में देरी, विवाहित जीवन में संघर्ष, स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानियाँ आदि हो सकती हैं।
परिहार: मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय परिहार भी होते हैं, जैसे कि कुंडली मिलान, मंत्र जाप, दान-पुण्य, यज्ञ आदि।
यहां मांगलिक दोष की जांच केवल कुंडली में किसी ग्रह विशेष की स्थिति पर निर्भर नहीं करती। बल्कि इसके लिए व्यक्ति की पूरी कुंडली का अध्ययन किया जाता है, जिसमें अन्य ग्रहों के योगों का भी अहम योगदान होता है। इसलिए मांगलिक दोष के निर्धारण के लिए किसी आप टोना टोटका सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है। जो आपको एक अच्छे उपाए बता सकता है.
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मैचमेकिंग या कुंडली मिलन- क्या यह शादी में मायने रखता है?
क्या आपके मन में कभी ऐसा सवाल आया है कि मैचमेकिंग या कुंडली मिलन- क्या यह शादी में मायने रखता है? अगर हम यह सवाल किसी ज्योतिषी से पूछें तो वह बड़ी हां कहेगा। मंगनी या कुंडली मिलन प्राचीन काल से हिंदू विवाहों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जोड़ों के बीच विवाह या रोमांटिक संबंधों की व्यवस्था के लिए एक ज्योतिष-आधारित गतिविधि है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लोगों के जीवन में सफल विवाह का कारण कुंडली मिलन है। भारत में हर शादी से पहले मैचमेकिंग या कुंडली मिलान किया जाता है। यदि कुण्डली मिलन एक आदर्श मेल पाया जाता है, तो ही विवाह होगा, अन्यथा नहीं।
शादी से पहले मंगनी क्यों की जाती है?
सभी ��रंपराएं और रीति-रिवाज समय के साथ विकसित हुए हैं, लेकिन शादी से पहले कुंडली मिलन की प्रवृत्ति अपरिवर्तित रहती है। अरेंज्ड हो या लव मैरिज, कुंडली मिलन हर तरह की शादियों के लिए किया जाता है।
• मंगनी इसलिए की जाती है ताकि एक जोड़े को अपने रिश्ते में किसी भी तरह की प्रेम समस्या का सामना न करना पड़े।
• यह उन प्रयासों को समझने में मदद करता है जिन्हें विवाह में सामंजस्य बनाए रखने के लिए करने की आवश्यकता होती है
• ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आपको एक अनुकूल और सहयोगी जीवन साथी मिले।
शादी से पहले कुंडली मिलन वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसी व्यक्ति की वास्तविकता को प्रकट कर सकता है। मैचमेकिंग तलाक की संभावनाओं के बारे में चेतावनी देने में मदद करता है, यह आपको अपने साथी द्वारा धोखा दिए जाने की संभावनाओं से अवगत कराता है।
आपकी कुंडली का मिलान कौन कर सकता है?
कुंडली जीवन के हर चरण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक की सभी घटनाओं को व्यक्ति की कुंडली में दर्ज किया जाता है। यह भारत में कई लोगों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह आपको यह भी बताता है कि आपकी योग्यता कितनी होगी, आपकी शादी किस उम्र में होगी और आप किस उम्र तक जीवित रहेंगे।
"मैचमेकिंग या कुंडली मिलन- क्या यह शादियों में मायने रखता है?" हाँ, यह बात है। यदि यह कुंडली मिलान इतना महत्वपूर्ण है, तो आपके लिए इसे कौन मिलाता है? केवल एक ज्योतिष विशेषज्ञ ही आपकी कुंडली पढ़ सकता है और आपके लिए उसका मिलान कर सकता है।
अब अगर आप किसी ऐसे अच्छे ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं जो आपकी कुंडली-मिलन का मूल्यांकन कर सके। फिर आपको वैवाहिक जीवन में खुश रहने के लिए अपनी कुंडली मिलान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए।
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