#चिकित्सा के लिए जमानत
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Maharashtra: कैदियों के लिए बड़ी खबर जमानत याचिका पर जल्द होगी सुनवाई
बॉम्बे हाईकोर्ट में अरुण भेलके द्वारा दायर की गई याचिका में उसकी पत्नी कंचन नानावरे को 2014 में गिरफ्तार किया गया था। नानावरे को 2020 में एक गंभीर बीमारी का पता चला, लेकिन उसे जमानत नहीं दी गई और उसकी मौत हो गई। (Maharashtra Big news for prisoners, bail petition will be heard soon) इस्माईल शेखमुंबई– बॉम्बे हाईकोर्ट ने गंभीर बीमारी से ग्रस्त कैदियों के जेल में बंद रहने पर चिंता जताई है। इन…
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अपराधियों को जमानत पर क्यों रिहा कर दिया जाता है?
अपराधियों को जमानत पर रिहा करने के कई कारण और न्यायिक सिद्धांत होते हैं। इनका उद्देश्य न्याय प्रणाली में संतुलन बनाए रखना और व्यक्तिगत अधिकारों का संरक्षण करना होता है। जमानत पर रिहाई के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. असामान्य चंचलता (Presumption of Innocence):
किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि न्यायालय ने उसे दोषी नहीं पाया है। जमानत का यह सिद्धांत व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करता है और उसे अपनी कानूनी लड़ाई लडऩे का अधिकार देता है।
2. आवश्यकता और अनुपस्थिति का जोखिम:
अदालत यह विचार कर सकत��� है कि आरोपी के न्यायालय से भागने का कोई वास्तविक खत���ा नहीं है। अगर आरोपी का सामाजिक या पारिवारिक बंधन मजबूत है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह न्यायालय में उपस्थित होगा।
3. अन्य अंतिम प्रक्रिया:
अगर आरोपी को अधिक समय तक हिरासत में रखा जाता है, तो यह उसकी स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है, खासकर यदि आरोप हल्के हैं। जमानत के माध्यम से, आरोपी को न्यायालय की प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने मामले को सुलझाने का समय मिलता है।
4. स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति:
अगर आरोपी की स्वास्थ्य स्थिति या मानसिक स्थिति हिरासत में रहती है, तो उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है ताकि वह उचित चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सके।
5. सामाजिक स्थिति:
आरोपी की सामाजिक स्थिति, पारिवारिक जिम्मेदारियां, और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को संभालने की आवश्यकता भी जमानत पर रिहाई का आधार बन सकती है।
6. विभिन्न विचार:
अदालत यह भी विचार कर सकती है कि यदि आरोपी को जेल में रखा जाता है, तो क्या उसके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके पीछे परिवारिक और सामाजिक दबाव भी हो सकता है।
7. प्रक्रियात्मक खामियां:
कभी-कभी, कानूनी प्रक्रिया में खामियों के कारण भी आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है। जैसे, अगर गिरफ्तारी प्रक्रियाएं सही तरीके से नहीं की गई हैं या आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।
8. अन्य विकल्प:
अदालत यह विचार कर सकती है कि आरोपी के लिए जमानत के अलावा अन्य उपाय (जैसे, व्यक्तिगत बंधन या अन्य शर्तें) भी लागू किए जा सकते हैं, ताकि वह न्यायालय की अपेक्षाओं को पूरा कर सके।
ये सभी कारण अदालतों को जमानत पर रिहाई देने के लिए प्रेरित करते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जमानत का निर्णय अंततः न्यायाधीश पर निर्भर करता है, जो मामले की विशिष्ट परिस्थितियों और कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय करता है।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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अभिनेता दर्शन थुगुदीपा जमानत पर रिहा
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (हि.स.)। हत्या के मामले में चार महीने से अधिक समय से जेल में बंद अभिनेता दर्शन थुगुदीपा बुधवार को जमानत पर जेल से रिहा हुए। उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराने के लिए चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी है। न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने दर्शन को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी है। अदालत के आदेश के बाद जेल अधिकारियों ने औपचारिकताएं पूरी कर…
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मुझे बच्चा पैदा करना है, पति को बेल दीजिए... महिला की याचिका पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित हाईकोर्ट में एक अजीबो-गरीब मामला पहुंचा है। जहां एक महिला ने संतान सुख पाने के लिए पति को जमानत दिए जाने की अर्जी लगाई है। हाईकोर्ट के ने महिला के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पांच चिकित्सकों की टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार महिला का प��ि एक मामले में जेल में है और महिला पति की रिहाई चाहती है।महिला ने हाईकोर्ट में पति की जमानत के लिए याचिका लगाई है। उसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के एक आदेश को भी लगाया है, जिसके जरिए उसने दावा किया है कि संतान पैदा करना उसका मौलिक अधिकार है। महिला की ओर से लगाई गई याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय के डीन को पांच चिकित्सकों की टीम गठित कर महिला की जांच करने को कहा है। मेडिकल टीम यह पता लगाएगी कि वह गर्भधारण करने के लिए फिट है या नहीं।डॉक्टरों के इस दल में तीन स्त्री रोग, एक मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सक और एक एंडोक्रोनोलॉजिस्ट को शामिल किया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी। वहीं, मामले में वकील ने कहा कि महिला का पति आपराधिक मामले में जेल में बंद है। महिला गर्भधारण करने की उम्र पार कर चुकी है। वह कृत्रिम और प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकती है। इसके बाद ही कोर्ट ने मेडिकल टीम गठित की। मेडिकल टीम की रिपोर्ट के आधार पर 22 नवंबर को सुनवाई होगी। मेडिकल टीम महिला की जांच करने के 15 दिनों बाद रिपोर्ट सौंपेगी। http://dlvr.it/SyHTPS
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'मुंबई में रहते हैं, घर पर आगंतुकों का जमावड़ा नहीं, सह-आरोपियों से संपर्क न करें': वरवर राव के लिए कोर्ट की जमानत शर्तें
‘मुंबई में रहते हैं, घर पर आगंतुकों का जमावड़ा नहीं, सह-आरोपियों से संपर्क न करें’: वरवर राव के लिए कोर्ट की जमानत शर्तें
द्वारा पीटीआई मुंबई: यहां की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले के एक आरोपी कवि-कार्यकर्ता पी वरवर राव को निर्देश दिया है, जिन्हें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई थी, मुंबई में रहने और शहर से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया। इसकी अनुमति। इसने राव को मुंबई में अपने आवास पर “आगंतुकों के इकट्ठा होने” से भी प्रतिबंधित कर दिया, और उनसे किसी भी “आपराधिक…
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डीन पर हमले में प्रो आरती को पकड़ने मध्य प्रदेश पहुंची पुलिस
डीन पर हमले में प्रो आरती को पकड़ने मध्य प्रदेश पहुंची पुलिस
मेरठ। मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के डीन डा. राजवीर सिंह पर हमले की आरोपित महिला प्रोफेसर आरती भटेले को पकडऩे के लिए पुलिस की टीम मध्यप्रदेश पहुंच गई है। पुलिस ने आरती और शूटर नदीम की गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सुनवाई के बाद नदीम का वारंट जारी हो गया है। आरती के अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी इसलिए…
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वरवरा पर गंभीर आरोप : एनआईए ने जमानत के लिए संघर्ष किया | भारत समाचार
वरवरा पर गंभीर आरोप : एनआईए ने जमानत के लिए संघर्ष किया | भारत समाचार
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को हैदराबाद निवासी पी द्वारा दायर एक याचिका प�� दलीलों की सुनवाई पूरी की। वरवरा राव माओवादियों से संबंध रखने का है आरोप एल्गर सम्मेलन उनके चिकित्सा विस्तार का मा��ला जमानत और मामला आदेश के लिए सुरक्षित रखा गया था। न्यायिक एसबी शुक्रा जीए ने राव को पिछले फरवरी में दी गई पिछली मेडिकल जमानत को तब तक जारी रखा जब तक कि पीठ ने आदेश पारित नहीं किया। इस राष्ट्रीय जांच…
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पिता को किडनी दान देना चाहता है ड्रग्स केस में बंद आरोपी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह निर्देश
पिता को किडनी दान देना चाहता है ड्रग्स केस में बंद आरोपी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह निर्देश
नई दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने अपने बीमार पिता को किडनी दान करने की इच्छा जताने वाले ड्रग केस के एक आरोपी को जरूरत पड़ने पर जरूरी चिकित्सा जांच के लिए जेल से अस्पताल ले जाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी अगर किडनी दान करने के योग्य पाया जाता है और संबंधित सरकारी मेडिकल कॉलेज की समिति ट्रांसप्लांट की मंजूरी दे देती है तो वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दे सकता है।…
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सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकार • गिरफ्तारी के आधार और जमानत के अधिकार के बारे में सूचित करने का अधिकार। धारा 50 • पूछताछ के दौरान अपनी पसंद के वकील से मिलने का अधिकार। धारा 41-डी • मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने का अधिकार। धारा 56 कानून के अधिकार के बिना 24 घंटे से अधिक समय तक कोई हिरासत नहीं। धारा 57 • शुल्क के बारे में जानने और वारंट की सामग्री देखने का अधिकार। • योग्य मामलों में चिकित्सा परीक्षा का अधिकार। धारा 53-ए, धारा 54 • यदि गिरफ्तार व्यक्ति एक महिला है तो महिला पुलिस रखने का अधिकार। धारा 46 • डी.के.बासु के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पुलिस का कर्तव्य।
For any legal help : Call, email or Dm Us today👍 9528414004 [email protected] Advocate Lalit Chauhan
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डोमिनिकन कोर्ट ने भगोड़े मेहुल चोकसी को मेडिकल आधार पर जमानत दे दी है
डोमिनिकन कोर्ट ने भगोड़े मेहुल चोकसी को मेडिकल आधार पर जमानत दे दी है
फरार कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत दे दी गई है और इलाज के लिए एंटीगुआ वापस जाने की इजाजत दे दी गई है। वह 23 मई से डोमिनिकन गणराज्य में अवैध प्रवेश के लिए जेल में बंद है चोकसी को दी गई अंतरिम जमानत सख्ती से एंटीगुआ में चिकित्सा उपचार के लिए है, जब तक कि वह यात्रा करने के लिए फिट प्रमाणित नहीं हो जाता, इसके बाद उसे डोमिनिका लौटना पड़ता है। चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से लापता हो गया था और भारत में…
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स्वामी को आराम दिया गया: 'उन अपराधों का आरोप लगाया जिनके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था'
स्वामी को आराम दिया गया: ‘उन अपराधों का आरोप लगाया जिनके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था’
जेसुइट पुजारी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का अंतिम संस्कार, जिनकी सोमवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में एल्गार परिषद मामले में चिकित्सा जमानत का इंतजार करते हुए मृत्यु हो गई, का अंतिम संस्कार मंगलवार को एक वायरल सेवा में किया गया जिसमें जेसुइट पादरियों ने उनकी सेवा के वर्षों को याद किया आदिवासियों और दलितों के अधिकारों के लिए, और प्रदर्शनकारियों ने मामले में अन्य आरोपियों की…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#एल्गार परिषद मामला#फादर स्टेन स्वामी का अंतिम संस्कार#महाराष्ट्र समाचार#मुंबई खबर
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बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और वरवर राव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और वरवर राव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
द्वारा पीटीआई नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की याचिका सहित विभिन्न मामलों की सुनवाई करने वाला है, जिसमें पैगंबर पर उनकी टिप्पणी और पी वरवर राव की चिकित्सा आधार पर जमानत की याचिका पर दर्ज प्राथमिकी को जोड़ने के लिए उनकी याचिका को फिर से शुरू करने की मांग की गई है। भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामला। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ…
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अनुपमा गुल्टी हत्याकांड के पति ने पत्नी के 72 टुकड़े किए, हाईकोर्ट से जमानत नहीं मांगी cgpg- News18 Hindi
अनुपमा गुल्टी हत्याकांड के पति ने पत्नी के 72 टुकड़े किए, हाईकोर्ट से जमानत नहीं मांगी cgpg- News18 Hindi
नताली। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के चर्चित अनुपमा गुल्टी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए पति राजेश गुल्टी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है. सरकार के जवाब के बाद मुख्य न्यायाधीश की अदालत ने राजेश गुल्टी को दोषी ठहराने के लिए जमानत पर सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है। कोर्ट में जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकार ने कहा कि राजेश गुल्टी को जेल में ही चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा…
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एल्गर मामला: महाराष्ट्र ने जेल में बंद कार्यकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने को कहा
एल्गर मामला: महाराष्ट्र ने जेल में बंद कार्यकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने को कहा
सुधा भारद्वाज एल्गर-परिषद मामले में आरोपी हैं। (फाइल फोटो) मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को एल्गर-परिषद माओवादी लिंक मामले में आरोपी वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की नवीनतम चिकित्सा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया, जो वर्तमान में मुंबई में बायकुला महिला जेल में बंद है। उनकी बेटी मायासिंह ने चिकित्सा आधार पर सुधा भारद्वाज के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए उच्च…
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पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड एमके पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जमानत दी पाकिस्तान: नवाज शरीफ को मेडिकल ग्राउंड पर मिली 6 हफ्ते की जमानत
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड एमके पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जमानत दी पाकिस्तान: नवाज शरीफ को मेडिकल ग्राउंड पर मिली 6 हफ्ते की जमानत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जेल से रिहा कर दिया गया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक दिन पहले यानी मंगलवार को चिकित्सा आधार पर उनकी जमानत याचिका छह सप्ताह के लिए मंजूर कर ली थी। 69 वर्षीय नवाज शरीफ पिछले साल दिसंबर (2018) से लाहौर की कोट लखपत जेल में थे। उन्हें अल-अजीजिया स्टीफ मिल भ्रष्टाचार मामले में सात साल कैद की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के…
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डोमिनिका में हाई कोर्ट ने चोकसी को जमानत तो दी लेकिन पाबंदियां भी लगाईं Divya Sandesh
#Divyasandesh
डोमिनिका में हाई कोर्ट ने चोकसी को जमानत तो दी लेकिन पाबंदियां भी लगाईं
नई दिल्ली भारत का भगोड़ा हीरा कारोबारी डोमनिका सिर्फ तभी जा पाएगा जब डॉक्टर उसे सुनवाई में शामिल होने के लिए स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र दे देंगे। मीडिया ने डोमिनिका हाई कोर्ट से चोकसी को मिली जमानत की शर्तों का हवाला देते हुए यह खबर दी। वह डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने के आरोपों का सामना कर रहा है। हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि चोकसी अपना डॉक्टर या एंटीगुआ में अपना ठिकाना बदलेगा तो उसे इसकी सूचना अदालत को दोनी होगी।
भारत के प्रयासों को झटका कैरेबियाई देश से चोकसी को वापस लाने के भारतीय प्रयासों को बड़ा झटका देते हुए डोमिनिका उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने उद्योगपति को एंटीगुआ एवं बारबुडा लौटने की इजाजत दे दी। चोकसी वहां माउंट सेंट जॉन्स मेडिकल सेंटर में तंत्रिकारोग विशेषज्ञ (Neurologist) हेडेन ओसबोर्न से चिकित्सकीय परामर्श ले सकेगा। चोकसी 2018 से एंटीगुआ एवं बारबुडा के नागरिक के तौर पर रह रहा है। डोमिनिका न्यूज ऑनलाइन ने यह खबर दी।
डोमनिका हाई कोर्ट में 26 जनवरी को अगली सुनवाई वेबसाइट की खबर के अनुसार,जज ने कहा कि चोकसी तभी डोमिनिका लौटेगा जब कोई डॉक्टर प्रमाणित करेगा कि वह मुकदमे के लिए फिट है। चोकसी ने स्थानीय पुलिस द्वारा डोमिनिका में अवैध प्रवेश के मामले में और वहां के एक मंत्री के उसे प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित करने के फैसले की न्याय��क समीक्षा का अनुरोध किया है। मामले में अब सुनवाई 26 जनवरी, 2022 तक के लिए टाल दी गई है।
चोकसी के सामने ये शर्तें हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि चोकसी अपना डॉक्टर या एंटीगुआ में अपना पता बदले तो उसे नए डॉक्टर और पते से अदालत को अवगत करना होगा।खबर में कहा गया है कि डोमिनिका में कथित अवैध प्रवेश को लेकर एक मजिस्ट्रेट के समक्ष जारी सुनवाई भी स्थगित कर दी गई। हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि लौटने के बाद उसे डोमिनिका में अपने पते ��े बारे में अदालत को सूचित करना होगा और 48 घंटों के भीतर उनकी जमानत की समीक्षा की जाएगी।
चोकसी के वकीलों का आरोप जमानत की सुनवाई तब हुई जब वकीलों ने अदालत को उसके बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में सूचित किया। डॉक्टरों ने उसे न्यूरोलॉजिस्टों द्वारा उसकी चिकित्सा स्थिति की तत्काल समीक्षा करने की सलाह दी है। डोमिनिका के प्रिंसेस मार्गरेट अस्पताल के डॉक्टर येरांडी गाले गुटिरेज और रेने गिल्बर्ट वेरानेस द्वारा हस्ताक्षरित 29 जून की सीटी स्कैन रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सेवाएं वर्तमान में द्वीप पर उपलब्ध नहीं हैं।’
पंजाब नैशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित चोकसी को वापस लाने के भारतीय प्रयासों के लिए डोमिनिका हाई कोर्ट का आदेश एक बड़ा झटका है। चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया था कि एंटीगुआ और बारबुडा से भारतीय मूल के पुरुषों और बारबरा जाबेरिका नाम की एक रहस्यमयी महिला द्वारा रची गई साजिश में उसका अपहरण कर लिया गया था, जिसने पिछले छह महीनों के दौरान उससे दोस्ती की थी।
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