#चिंतन
Explore tagged Tumblr posts
kansharma · 1 year ago
Text
Tumblr media
6 notes · View notes
neelamdasi21 · 6 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
aryasamaj0 · 10 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
satyaparkashsworld · 2 years ago
Text
Tumblr media
0 notes
nidarchhattisgarh · 2 years ago
Text
बाबा साहेब की प्रासंगिकता
बाबा साहेब की प्रासंगिकता लेखक: संजय पराते  VM News desk :- डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर भारतीय समाज के दलित-शोषित-उत्पीड़ित तबकों के विलक्षण प्रतिनिधि ��े, जिन्होंने हिन्दू धर्म में जन्म ��ो लिया, लेकिन एक हिन्दू के रूप में उनका निधन नहीं हुआ। एक हिन्दू से गैर-हिन्दू बनने की उनकी यात्रा उनकी स्थापित मूर्तियों में साकार होती हैं, जिसमें वे पश्चिमी पोशाक के साथ संविधान हाथ में लेकर, आधुनिक भारतीय समाज का…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
navprabhattimes · 2 years ago
Text
डॉ. अवधेश कुमार राय की पुस्तक 'चिंतन के विविध आयाम' का लोकार्पण
मुंबई विश्वविद्यालय की पत्रिका शोधावरी के तत्वावधान में डॉ. अवधेश कुमार राय की पुस्तक ‘चिंतन के विविध आयाम’ का लोकार्पण 1अप्रैल,2023 को जे.पी.नाइक भवन, कालीना, मुंबई विश्वविद्यालयमें संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लकार प्रो. नंदलाल पाठक ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. रतन कुमार पांडेय व विशिष्ट अतिथि सोमैया कॉलेज के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
srbachchan · 4 months ago
Text
DAY 5981
Jalsa, Mumbai July 3/July 4, 2024 Wed/Thu 12:42 pm
I am responsible for this late Blog and my apologies .. just wanted to know what it feels like to get to bed earlier tha what has been happening all the past few days .. and this is the result .. am still groggy and wish to get in more sleep .. work is stable today so shall catch up soon .. but the morning mind is perhaps more awake than earlier ..
🤣
at work in the Studio was a delight .. had the dearest Shekhar over to just jam and spend time with his music and appreciate its lasting spell on all that he is ding and getting his appreciation of wanting to do some 🎶 together ..
He is far too gracious in his observations for me, but if feasible shall give it a try .. and make music .. !!!
I had a great piece of writing from our elder from Varanasi .. a scholar and dedicated human , which I thought might interest the lovers of his thoughts or his immense knowledge of Sanskrit , which he teaches and expounds ..
*!! हे प्रभु हे परमेश्वर हम सभी आपके कृतज्ञ हैं।
आपने मानव जीवन, जीव जन्तु की संरचना में न जाने कितने यन्त्रों को स्थापित किया है जो कि अत्यंत विस्मयकारी है ।हे जगत पालन कर्ता आपने
सिर के बालों से लेकर पैर के अंगूठे तक 24 घंटे भगवान, तू रक्त प्रवाहित करता है… जीभ पर नियमित अभिषेक कर रहा है… निरंतर तू मेरा ये हृदय चलाता है…
चलने वाला कौन सा यंत्र तू फिट कर दिया है हे भगवान… पैर के नाखून से लेकर सिर के बालों तक बिना रुकावट संदेशवाहन करने वाली प्रणाली… किस अदृश्य शक्ति से चल रही है कुछ समझ नहीं आता।
हड्डियों और मांस में बनने वाला रक्त कौन सा अद्वितीय आर्किटेक्चर है… इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं है।
हजार-हजार मेगापिक्सल वाले दो-दो कैमरे दिन-रात सारी दृश्यें कैद कर रहे हैं।
दस-दस हजार टेस्ट करने वाली जीभ नाम की टेस्टर,
अनगिनत संवेदनाओं का अनुभव कराने वाली त्वचा नाम की सेंसर प्रणाली… और… अलग-अलग फ्रीक्वेंसी की आवाज पैदा करने वाली स्वर प्रणाली और उन फ्रीक्वेंसी का कोडिंग-डीकोडिंग करने वाले कान नाम का यंत्र…
पचहत्तर प्रतिशत पानी से भरा शरीर रूपी टैंकर हजारों छेद होने के बावजूद कहीं भी लीक नहीं होता…
स्टैंड के बिना मैं खड़ा रह सकता हूँ…गाड़ी के टायर घिसते हैं, पर पैर के तलवे कभी नहीं घिसते। अद्भुत ऐसी रचना है।
देखभाल, स्मृति, शक्ति, शांति ये सब भगवान तू देता है। तू ही अंदर बैठ कर शरीर चला रहा है। अद्भुत है यह सब, अविश्वसनीय, असमझनीय।
ऐसे शरीर रूपी मशीन में हमेशा तू ही है, इसका अनुभव कराने वाला आत्मा भगवान तू ऐसा कुछ फिट कर दिया है कि और क्या तुझसे मांगूं…
तेरे इस *अद्भुत संरचना के खेल का निश्छल, *निस्वार्थ आनंद* का हिस्सा रहूँ!… ऐसी सद्बुद्धि मुझे दे!!
तू ही यह सब संभालता है इसका अनुभव मुझे हमेशा रहे!!! रोज पल-पल कृतज्ञता से तेरा ऋणी होने का स्मरण, चिंतन हो, यही परमेश्वर के चरणों में प्रार्थना है!🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
May the Hindi gyani's of the Ef brigade do make an attempt to translate for the Hindi challenged ..
I shall find time later to give it my explanation too ..
It is an ode to the MAKER of us all of us humans and what a wonder the human is .. that HE has mede ..
My love
Tumblr media
Amitabh Bachchan
107 notes · View notes
saagar-jaisi-aankhonwali · 5 months ago
Text
Moonlit Pages #2
Moonshine's Musings चांदनी का चिंतन
Today Is June 16 i.e father's day , I wished my dad and gifted him a collage made of our pictures but I can't help and wonder that yes I love my dad too much but at the same time I also hate him.... That doesn't even makes any sense but that's how our relationship is....
Tumblr media Tumblr media
I have taken so much after my dad , the way I talk , my anger issues , over possessiveness for people around me and due to these traits , I end up tagging him as a monster but the truth is I am more worse of a monster than him.... I have more anger issues than him , and making him the demon for that just shows how much of a hypocrite I am....
My dad and I are so similar that we end up fighting with each other , we both are just a reflection of each other but just the difference is that :
Yes I am born with my father's anger but the patience my mother holds also runs through my veins....
Tumblr media Tumblr media
He is the only man in my life whom I can show faith upon , the world makes me feel unheard , unseen just like a background character but to him I am the only one who matters like i am the main character of his life - his queen , kiki , Rani beti and what not....
I may never say it to him but I love him to the core and he's the best man life has given me....
Tumblr media Tumblr media
हाथों की उंगली पकड़ कर चलना सिखाया ख्वाबों के पर् बनाके उड़ना सिखाया अब चल पड़ी हु इस दुनिया से लड़ने में आप बस साथ रह कर मेरी उड़ान देखना इन पंखों की जान देखना ....
Tumblr media Tumblr media
I love you dad , I love you so very much....
My dear past self is probably giggling rn....
My dear future self please don't let him down and do make him proud....
Moonshine 💌
27 notes · View notes
sol941sblog · 11 months ago
Text
A reflexão que temos que fazer é sempre manter a cabeça erguida e os pés no chão...
La reflexión que tenemos que hacer es mantener la cabeza en alto y los pies en la tierra.
The reflection we have to do is keep our heads up and our feet on the ground
हमें जो चिंतन करना है वह यह है कि हम अपना सिर ऊपर रखें और अपने पैर ज़मीन पर रखें
والتفكير الذي يتعين علينا القيام به هو أن نبقي رؤوسنا مرفوعة وأقدامنا على الأرض
57 notes · View notes
narendardass · 6 months ago
Text
Tumblr media
#What_Is_Meditation
Sant Rampal Ji Maharaj
मेडिटेशन का तात्पर्य है प्रभु का चिंतन/ध्यान करना। पूर्ण गुरु से दीक्षा लेकर परमात्मा का नाम लेते रहना चाहिए, हठयोग (एक स्थान पर बैठकर ध्यान लगाना) शास्त्रों में मना किया है।
4 notes · View notes
jayshrisitaram108 · 5 months ago
Text
ll रात्रि चिंतन ll
ज्ञान के बाद यदि अहंकार का जन्म होता है तो वह ज्ञान ज़हर है किंतु ज्ञान के बाद यदि नम्रता का जन्म होता है तो यह ज्ञान अमृत होता है
॥ जय श्री राधे कृष्ण ॥
ll शुभ रात्रि ll
4 notes · View notes
santram · 6 months ago
Text
Tumblr media
भक्ति के चार आवश्यक पहलू जब तक भगत के अंदर नहीं होगी तो वह मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकता है
धन संग्रह करने में
बोलने में
-खाने, पीने में
भगवान का चिंतन करना चाहिए
#KabirisGod
2 notes · View notes
matoshri · 1 year ago
Text
2 notes · View notes
satyaparkashsworld · 2 years ago
Text
Tumblr media
0 notes
astrovastukosh · 10 months ago
Text
Tumblr media
आज दिनांक - 19 जनवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - पौष
पक्ष - शुक्ल
तिथि - नवमी रात्रि 07:51 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - भरणी मध्य रात्रि 02:50 तक तत्पश्चात कृतिका
योग - साध्य दोपहर 12:46 तक तत्पश्चात शुभ
राहु काल - सुबह 11:28 से 12:50 तक
सूर्योदय - 07:23
सूर्यास्त - 06:18
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:16 तक
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
कठोर या चंचल स्वभाव बदलने की कुंजी
स्वभाव कठोर है तो कमल का ध्यान करें, स्वभाव कोमल हो जायेगा । चंचल स्वभाव है तो ऐसा चिंतन करें कि “मैं शांत आत्मा हूँ, चिद्घन आत्मा हूँ, चैतन्य आत्मा हूँ... चंचलता मन में है, उसको जाननेवाला, चल मन को जाननेवाला अचल मेरा आत्मा-परमात्मा है । ॐ ॐ ॐ....” थोड़े दिन में स्वभाव ठीक हो जायेगा ।
मनुष्य कितना भी पतित हो वह महान बन सकता है
‘ॐऽऽऽ...’ उच्चारण किया और जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर शांत हो जाय, ध्यान में डूबता जाय । अगर ऐसा १०-१५ मिनट सुबह-शाम करे, गुरुगीता का पाठ करे, युवाधन-सुरक्षा के नियमों पर अमल करे और भगवान् को, सदगुरु को एकटक देखे, उनसे बातें करे, प्रेरणा ले फिर अंतर में डुबकी मारे तो कितना भी पतित, कैसा भी गिरा हुआ व्यक्ति हो, उसका पतन बंद होने लगेगा, मन पवित्र होने लगेगा । वह मंगल के रास्ते चल पड़ेगा ।
लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु
तुलसी-गमले की प्रतिदिन एक प्रदक्षिणा करने से लक्ष्मीप्राप्ति में सहायता मिलती है ।
तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डाल के उसे सामने रखकर भगवद्गीता का पाठ करे । फिर घर के सभी लोग मिल के भगवन्नाम - कीर्तन करके हास्य - प्रयोग करे और वह पवित्र जल सब लोग ग्रहण करे । यह प्रयोग करने से घर के झगड़े मिटते है, शराबी की शराब छुटती है और घर में सुख शांति का वा�� होता है ।
#akshayjamdagni #hindu #hindi #rammandir #panchang
🚩ज्योतिष, वास्तु एवं अंकशास्त्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़ें l 🚩👇 👉Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
☎️👇
9837376839
1 note · View note
Text
संत मत में जो ध्यान है, वह परमात्मा की प्राप्ति की तड़फ में प्रति क्षण उसी की याद बनी रहे। जैसे चिंता होती है तो पल-पल मन उसी चीज़ पर केन्द्र��त हो जाता है। कोशिश करने पर भी नहीं हटता। ठीक ऐसे परमात्मा की चिंता जो चिंतन कहा जाता है। परमात्मा को याद कर उसका सुमरण करना। और सुमरण में श्वांसों के साथ कौनसा शब्द उचारण हो रहा है ध्यान रखना ही वास्तविक मेडिटेशन है।
Tumblr media
5 notes · View notes