#बाबा साहेब के चिंतन का दायरा
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बाबा साहेब की प्रासंगिकता
बाबा साहेब की प्रासंगिकता लेखक: संजय पराते VM News desk :- डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर भारतीय समाज के दलित-शोषित-उत्पीड़ित तबकों के विलक्षण प्रतिनिधि थे, जिन्होंने हिन्दू धर्म में जन्म तो लिया, लेकिन एक हिन्दू के रूप में उनका निधन नहीं हुआ। एक हिन्दू से गैर-हिन्दू बनने की उनकी यात्रा उनकी स्थापित मूर्तियों में साकार होती हैं, जिसमें वे पश्चिमी पोशाक के साथ संविधान हाथ में लेकर, आधुनिक भारतीय समाज का…
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#chhatisgarh kisan sabha#इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी#औद्योगिक विवाद विधेयक#कोंकण में जमींदारी प्रथा का विरोध#डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर#बाबा साहेब के चिंतन का दायरा#साहूकारी शासन
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