#चंद्रयान का प्रक्षेपण
Explore tagged Tumblr posts
Text
2024 में इतिहास रचने को तैयार अमेरिका, 54 साल में पहली बार चंद्रमा पर करेगा सॉफ्ट लैंडिंग?
वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अपोलो मिशन को दोहराने को तैयार है। इस मिशन को अगले साल यानी जनवरी 2024 में चंद्रमा पर उतारने की उम्मीद है। अंतर सिर्फ इतना होगा कि यह मिशन इस बार पूरी तरह से निजी होगा और इसमें इंसानों की जगह मशीनरी को भेजा जाएगा। अगर यह मिशन सफल साबित हुआ तो अमेरिका की निजी कंपनी इतिहास रच सकती है। नासा ने आखिरी अपोलो मिशन को 1969 में भेजा गया था। इसी दौरान अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर उतरने वाले पहले व्यक्ति बने थे। नासा ने इस मून मिशन को अंजाम देने के लिए निजी अमेरिकी कंपनी एस्ट्रोबोटिक का चुनाव किया है। 24 दिसंबर को लॉन्च होगा रोवर नासा के अनुसार, एस्ट्रोबोटिक का लैंडर पेरेग्रीन का प्रक्षेपण 24 दिसंबर को स्थानीय समयानुसार 1:50 बजे तय किया गया है। इसके फ्लोरिडा से यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (यूएलए) वल्कन सेंटौर रॉकेट पर उड़ान भरने की उम्मीद है। इसके बाद लैंडर के 25 जनवरी, 2024 को चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है। चंद्रमा पर अभी तक कुल 12 लोग उतरे हैं। हालांकि, दुनिया के सिर्फ चार देशों ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की है। इसमें अमेरिका, रूस, चीन और भारत शामिल हैं। भारत के चंद्रयान-3 ने इसी साल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था। इस क्षेत्र में भारत को छोड़कर अब तक किसी भी देश को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता नहीं मिली है। रोवर में नहीं होगा कोई इंसान नासा ने बताया है कि एस्ट्रोबोटिक का छह फुट ऊंचे लैंडर पेरेग्रीन में कोई भी नहीं होगा। बल्कि, वह नासा के उपकरणों को लेकर जाएगा, जिनका इस्तेमाल चंद्रमा के पर्यावरण के अध्ययन के लिए किया जाएगा। अभी तक कोई भी निजी कंपनी चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सकी है। ऐसे में एस्ट्रोबोटिक के इस अभियान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस कंपनी का चुनाव नासा के कॉमर्शियल लूनर प्राइवेट सर्विस (सीएलपीएस) पहल का हिस्सा है। इसके तहत नासा विभिन्न अमेरिकी कंपनियों के साथ चंद्रमा की सतह पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहुंचाने के लिए काम करता है। प्राइवेट कंपनियों को बढ़ावा दे रहा नासा नासा की वेबसाइट के अनुसार, कंपनियां नासा के लिए पेलोड पहुंचाने पर बोली लगाती हैं, और सीएलपीएस अनुबंध "अनिश्चित डिलीवरी और अनिश्चित मात्रा वाला अनुबंध हैं, जिनका अधिकतम कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 2028 तक 2.6 बिलियन डॉलर है। अंतरिक्ष के क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, इन निश्चित मूल्य अनुबंधों का उद्देश्य एक लूनर इकॉनमी बनाने में मदद करेगा जो अंतरिक्ष यात्रा के लिए कम कीमतें प्रदान करेगी। सीएलपीएस कार्यक्रम के मैनेजर क्रिस कल्बर्ट ने कहा, "नासा नेतृत्व जोखिमों से अवगत है और उसने स्वीकार किया है कि इनमें से कुछ मिशन सफल नहीं हो सकते हैं।" "लेकिन भले ही हर लैंडिंग सफल न हो, सीएलपीएस का लूनर इकॉनमी स्थापित करने के लिए आवश्यक वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे पर पहले से ही प्रभाव पड़ा है।" http://dlvr.it/SzcRQT
0 notes
Text
Isro nisar launching : चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो अब ‘निसार’ के प्रक्षेपण की तैयारी में, जल्द होने वाले दो महत्वपूर्ण प्रक्षेपण इसरो के लिए हैं खास, नासा की मदद से निसार इएलओ वेधशाला का हो रहा विकास
नई दिल्ली : चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो की नजर अब नवंबर और दिसंबर के बीच प्रस्तावित दो अन्य महत्वपूर्ण प्रक्षेपणों पर है. भारत अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) नवंबर-दिसंबर में कम से कम दो और प्रक्षेपणों की तैयारी कर रही है, जिनमें एक है इसरो का वर्कहॉर्स, पीएसएलवी और दूसरा जीएसएलवी-एमके2. इनके अतिरिक्त इसरो के लिए सबसे खास है धरती ��े अवलोकन के लिए नासा के साथ मिलकर लॉन्च किया जाने वाला प्रोजेक्ट…
View On WordPress
0 notes
Text
इसरो की प्रक्षेपण आवाज एन वलारमथी का निधन, चंद्रयान अपनी आखिरी उलटी गिनती पर है
ISRO की वैज्ञानिक एन वलमरथी का निधन
अपनी आवाज़ से मशहूर यह महिला भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संघटन (ISRO) की वैज्ञानिक एन वलमरथी का शनिवार को निधन हो गया। चन्द्रमा मिशन चंद्रयान-3 के दौरान इन्होने अपनी अंतिम सांसे ली जिसने इतिहास रचा दिया।
#ISROtribute#ValaramathiMemorial#ChandrayaanLastCountdown#ISROlaunch#SpaceExploration#RocketScience#IndianSpaceResearch#ChandrayaanMission#NASApartnership#SpaceTelescope
0 notes
Text
जब सूरज के सफर पर आदित्य L1 निकला तब चांद पर क्या कर रहा था प्रज्ञान?
Delhi: नई दिल्ली: शनिवार को फिर पूरी दुनिया की नजर भारत पर टिकी हुई थी। वह भारत के सूर्य मिशन की लॉन्चिंग का साक्षी बनने को बेताब थी। दोबारा भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपनी क्षमता का परिचय दुनिया को करा दिया। उसने अपने सूर्य मिशन को सफलता से लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से 'आदित्य एल1' का शनिवार दोपहर 11.50 बजे सफल प्रक्षेपण किया गया। जब पीएसएलवी रॉकेट पर सवार होकर 'आदित्य एल1' सूरज की ओर बढ़ा तब चांद पर मौजूद हमारा चंद्रयान-3 काम में जुटा था। चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने हौले-हौले कम से कम 100 मीटर दूरी तय कर ली। http://dlvr.it/SvXWlm
0 notes
Text
चंद्रयान - 3
सौजन्य गूगल आज दिनांक २३/८/२०२३ एक ऐतिहासिक पल भारतीय वैज्ञानिकों एवं भारतीय अवाम के लिए जब चंद्रयान ३ का सफल प्रक्षेपण हुआ । यह गौरवशाली पल हर भारतीय के लिए सुनहरा पल है, हम सभी भारतवासी अपने वैज्ञानिकों को तहेदिल दिल से शुक्रिया करते हैं । यह पल ऐतिहासिक है भारत की सफलता का खुश होने का गौरवशाली पल वैज्ञानिकों के सफलता इतिहास बनाना है । हम विश्व को दिखा देंगे भारत के हुनर को यह नवभारत है…
View On WordPress
1 note
·
View note
Video
tumblr
चंद्रयान-3 🚀 का सफल प्रक्षेपण। LVM3 M4 vehicle🚀 successfully launched #i...
0 notes
Text
https://youtube.com/live/nh0q3VrRByA?feature=share
🙋♂️ठीक दो बजे
🎤Launch of LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 SHAR, Sriharikota/शार, श्रीहरिकोटा से एलवीएम3-एम4/चंद्रयान-3 मिशन का प्रक्षेपण🔴LIVE प्रसारण 🖥️
🙋♂️तुरंत समाचार पाने के लिए हमारे चैनल SONI NEWS को अभी सब्स्क्राइब लाइक और शेयर करे
0 notes
Text
The Indian Space Research Organization will launch Chandrayaan-2
मिशन चंद्रयान 2: काउंटडाउन शुरू, कल 2 बजकर 51 मिनट पर होगी लॉन्चिंग
youtube
हाईलाइट
मिशन चंद्रयान-2 कल होगा लॉन्च
लॉन्चिंग के लिए भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV MK-3 का होगा इस्तेमाल
55 दिन में चंद्रयान-2 के 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की चंद्रमा पर भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के 20 घंटों की उलटी गिनती आज (रविवार) सुबह शुरू हो गई है। चेयरमैन डॉक्टर के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान का प्रक्षेपण 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा। सफल प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और सभी उपकरणों की जांच का काम भी पूरा हो चुका है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें – https://www.bhaskarhindi.com/news/mission-chandrayaan-2-chandrayaan-live-update-indian-space-research-organization-isro-live-updates-73107
#मिशन चंद्रयान-2#भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन#चंद्रयान का प्रक्षेपण#श्रीहरिकोटा#Chandrayaan-2#Indian Space Research Organization#Chandrayaan-1#Rocket GSLV MK-3#follow-up mission#sriharikota#BhaskarHindiNews
0 notes
Text
रोवर ने पूरा किया अपना काम, अब लंबी नींद 'सोएगा'... चंद्रयान-3 पर देर रात इसरो का बड़ा अपडेट
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 पर शनिवार देर रात बड़ा अपडेट दिया। उसने बताया कि रोवर प्रज्ञान ने अपना काम पूरा कर लिया है। अब उसे सुरक्षित पार्क कर दिया गया है। रोवर को स्लीप मोड में डाल दिया गया है। इसरो के मुताबिक, APXS और LIBS पेलोड को भी स्विच ऑफ किया गया है। इन पेलोड से डेटा लैंडर के जरिये धरती पर भेजा जाता है। फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है। सौर पैनल 22 सितंबर को अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। रिसीवर चालू रखा गया है। उसने असाइनमेंट के दूसरे सेट के लिए रोवर के सफलतापूर्वक जागने की उम्मीद जाहिर की। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह हमेशा भारत के लूनर एंबेसडर के रूप में वहीं रहेगा।इसके पहले शनिवार को ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ एस सोमनाथ ने बताया था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं। चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी। इसलिए इन्हें ‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा था कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं। टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है। सोमनाथ ने बताया था कि अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है। हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। कारण है कि चांद पर रात होने वाली वाली है। इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी थी। देर रात इसरो ने 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उसने बताया कि रोवर ने अपने असाइनमेंट पूरे कर लिए हैं। अब उसे पार्क करके स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है। अभी बैटरी फुल है। अगला सूर्योदय 22 सितंबर को होने की उम्मीद है। सोलर पैनल को उसी के अनुसार उन्मुख किया गया है। रिसीवर को ऑन रखा गया है। http://dlvr.it/SvXp5x
0 notes
Text
श्री एस. सोमनाथ, इसरो के नए अध्यक्ष नियुक्त।
प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक श्री श्रीधर पनिकर सोमनाथ को भारत सरकार द्वारा अंतरिक्ष विभाग के नवीन सचिव तथा अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के 10वें अध्यक्ष के रूप में श्री एस. सोमनाथ, डॉ. के. सिवन का स्थान 14 जनवरी, 2022 से कार्यभ��र संभाला। उनका कार्यकाल अगले तीन वर्षों के लिए होगा तथा नियमानुसार कार्यकाल में वृद्धि भी की जा सकती है।
(श्री एस. सोमनाथ ने इसरो के 10वें अध्यक्ष के रूप में 14 जनवरी, 2022 से कार्यभार संभाला।)
श्री सोमनाथ ने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कोल्लम से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और भारतीय विज्ञान संस्थान से गतिशीलता और नियंत्रण में विशेषज्ञता के साथ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में परास्नातक किया। वर्ष 1985 से निरंतर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े हुए श्री एस. सोमनाथ, इसरो के नवीन अध्यक्ष के पदभार संभालने से पहले जनवरी, 2018 से विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम (केरल) के निदेशक के पद पर आसीन थे। उससे पहले, वह तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी), वालियामाला, तिरुवनंतपुरम के निदेशक तथा विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के सह-निदेशक (परियोजना) और जीएसएलवी एमके-III प्रक्षेपण वाहन के परियोजना निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके है।
(श्री एस. सोमनाथ - चित्र साभार: नासा)
देश के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक श्री एस. सोमनाथ, प्रक्षेपण वाहनों के सिस्टम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने पीएसएलवी तथा जीएसएलवी एमके III जैसे प्रमुख भारतीय प्रक्षेपण वाहनों व चंद्रयान-2 के लैंडर क्राफ्ट के लिए थ्रॉटलेबल इंजनों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अक्टूबर, 2021 में दुबई, सयुंक्त राज्य अमीरात में आयोजित इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस के दौरान मुझे उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ। वह एक सहज, सरल और उत्साह से परिपूर्ण व्यक्तित्व है।
(श्री एस. सोमनाथ के साथ दीपक शर्मा।)
श्री एस. सोमनाथ के नेतृत्व में इसरो के आगामी तीन वर्ष में अनेक बेहद महत्वपूर्ण मिशनों का निष्पादन होना निर्धारित है, जिसमें चंद्रयान-3 के द्वारा चाँद पर लैंडर व रोवर भेजने तथा भारतीय धरती से मानव को अंतरिक्ष में भेजने सम्बन्धी बहुप्रतीक्षित मिशन गगनयान शामिल है।
#SSomanath#Somanath#ISRO#India#astronaut#authors#Blog#Space#DeepakSharma#Gaganyaan#Writer#RakeshSharma#PSLV#GSLV#Rocket#Scientist#Hindi
0 notes
Text
इसरो ने 15 अगस्त से पहले गगनयान के प्रक्षेपण का लक्ष्य रखा है
इसरो ने 15 अगस्त से पहले गगनयान के प्रक्षेपण का लक्ष्य रखा है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इस साल स्वतंत्रता दिवस से पहले गगनयान मिशन के तहत दो नियोजित अनक्रूड उड़ानों में से पहली और तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -3 को “अगले साल के मध्य” तक लॉन्च करने का लक्ष्य बना रहा है, अध्यक्ष डॉ के सिवन ने सोमवार को कहा। . “यदि आप इस वर्ष तत्काल कार्य को देखें, तो हमारे पास निष्पादित करने के लिए कई मिशन हैं। इनमें से कुछ पीएसएलवी बोर्ड पर ईओएस-4 और ईओएस-6 का प्रमोचन हैं।…
View On WordPress
0 notes
Text
मिशन गगयान के लिए रूस वाली ट्रेनिंग पूरी, अब भारत में शुरू होगा अगला चरण Divya Sandesh
#Divyasandesh
मिशन गगयान के लिए रूस वाली ट्रेनिंग पूरी, अब भारत में शुरू होगा अगला चरण
नई दिल्ली भारत के पहले मानव रहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान का एक अहम पड़ाव जल्द ही पूरा होने वाला है। इस मिशन के लिए चुने गए इंडियन एयरफोर्स के चार पायलटों की ट्रेनिंग जल्द ही पूरी होने वाली है। इसके बाद इस साल मई या जून से इनकी सेकेंड फेज ट्रेनिंग देश में ही शुरू हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का ट्रेनिंग जल्द ही इस महीने तक पूरी हो जाएगी।
बर्फीले, पानी, गर्मी वाली स्थिति से निपटने की ली ट्रेनिंग रूस में पायलटों ने एस्ट्रो नेविगेशन, एक्स्ट्रा व्हीकुलर एक्टिविटी के साथ ही असामान्य बर्फीले, पानी और मैदानी स्थिति से निपटने के पारे में ट्रेनिंग ली। पायलटों को प्रेशर को एडजस्ट करने के साथ ही डीप्रेशराइज्य मॉड्यूल और ग्रेविटेशनल टोलरेंस में काम करना सीखा। रूस में गगनयान के चार अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग लॉकडाउन के चलते रोक दी गई थी। कोरोना वायरस के मद्देनजर ट्रेनिंग सेंटर को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था। भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग राजधानी मॉस्को के निकट यूए गगारिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में फरवरी से उनकी ट्रेनिंग चल रही है।
क्रू के मॉड्यूल और सिस्टम की लेंगे जानकारी मानव अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक, उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि देश में ट्रेनिंग के इस फेज में अंतरिक्ष यात्री क्रू के मॉड्यूल और सिस्टम की जानकारी लेंगे। ट्रेनिंग में भारत के क्रू मॉड्यूल और उड़ान हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के सिमुलेटर शामिल होंगे। ट्रेनिंग करिकुलस को डिफाइन करने के लिए एक एक्सपर्ट टीम का गठन किया गया है। इसमें कम से कम तीन प्रकार के सिमुलेटर में ट्रेनिंग में शामिल होंगे।
क्रू सेलेक्शन के लिए इंडियन एयरफोर्स के साथ करार पिछले साल मई में, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) और भारतीय वायुसेना के बीच गगनयान मिशन के लिए क्रू सिलेक्शन और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने का समझौता हुआ था। मिशन से जुड़ी ट्रेनिंग के लिए इसरो ने रूस के अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस के साथ पिछले साल जुलाई को एक समझौता किया था। इसरो को 2020 में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की प्रक्रिया को मंजूरी मिल चुकी है। इस प्रमुख बता चुके हैं कि इस साल भारत 25 से ज्यादा मिशन लॉन्च करेगा।
गगनयान से पहले दो मानवरहित मिशन होंगे लॉन्च भारतीय अंतरिक्ष यान कार्यक्रम गगनयान के अंतर्गत इसरो अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने के लिए ह्यूमैनोयड मॉडल (मानव की तरह दिखने वाला ) भेजने की योजना बना रहा है। इस ह्यूमनॉयड को इसरो ने ‘व्योम मित्र’ नाम दिया है। इसे 2022 में गगनयान मिशन से पहले रवाना किया जाएगा। दिसंबर 2021 में भारत के प्रथम मानवयुक्त अंतरिक्षयान ‘गगनयान’ के प्रक्षेपण के मद्देनजर इसरो दिसंबर 2020 और जून 2021 में दो मानवरहित मिशनों को लॉन्च करेगा। व्योममित्र उसी का हिस्सा है।
आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लॉन्च होगा मिशन देश के पहले मानव मिशन गगनयान प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 9023 करोड़ रुपये है। इस मिशन को देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लॉन्च किया जाएगा। देश का सबसे भारी लॉन्च वाहन, ‘बाहुबली’ जीएसएलवी मार्क -3 पर एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में ले जाने की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में 15 अगस्त के भाषण में देश के पहले मानवमिशन को लॉन्च करने की घोषणा की थी। हालांकि कोरोना की वजह से मिशन में देरी हो सकती है।
0 notes
Text
अच्छी खबर: अगले साल की शुरुआत में भारत का चंद्रमा मिशन 'चंद्रयान-3' हो सकता है लॉन्च
चैतन्य भारत न्यूज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार ��ए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। अब इसरो ने एक और उपलब्धि अपने नाम करने को तैयार है। इसरो साल 2021 की शुरुआत में चंद्रयान 3 की लांच कर सकता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। हालांकि, चंद्रयान-2 के विपरित इसमें ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा लेकिन इसमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा। बता दें पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर ‘हार्ड लैंडिंग’ हुई थी जिसके बाद इसरो ने इस साल के अंतिम महीनों के लिलिए ये एक अन्य अभियान की योजना बनाई थी। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन ने इसरो की कई परियोजनाओं को प्रभावित किया और चंद्रयान-3 जैसे अभियान में देर हुई। सिंह के हवाले जारी एक बयान में कहा गया है, जहां तक चंद्रयान-3 की बात है तो इसका प्रक्षेपण 2021 की शुरूआत में कभी भी होने की संभावना है। चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का ही पुन: अभियान होगा और इसमें चंद्रयान-2 की तरह ही एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-2 को पिछले साल 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की योजना थी। लेकिन लैंडर विक्रम ने सात सितंबर को हार्ड लैंडिंग की और अपने प्रथम प्रयास में ही पृथ्वी के उपग्रह की सतह को छूने का भारत का सपना टूट गया था। अभियान के तहत भेजा गया आर्बिटर अच्छा काम कर रहा है और जानकारी भेज रहा है। चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था। जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो के प्रथम चंद्र अभियान ने कुछ चित्र भेजे हैं जो प्रदर्शित करते हैं कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग सा लगता दिख रहा है। बयान में कहा गया है कि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रिेशन (नासा) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि पृथ्वी का अपना वातावरण इसमें सहायता कर रहा हो, दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा की भी रक्षा कर रहा हो। इस प्रकार, चंद्रयान-1 के डेटा से संकेत मिलता है कि चांद के ध्रुव पर पानी है, वैज्ञानिक इसी का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ की तैयारियां जारी हैं। मंत्री ने कहा कि गगनयान की तैयारी में कोविड-19 से कुछ अड़चनें आई लेकिन 2022 के आसपास की समय सीमा को पूरा करने के लिये कोशिश जारी है। Read the full article
0 notes
Text
लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुए 10 अंतरिक्ष मिशन, गगनयान और चंद्रयान-3: ISRO प्रमुख
लॉकडाउन की वजह से अंतरिक्ष मिशन प्रभावित हुए हैं. (फाइल फोटो)
खास बातें
लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुए अंतरिक्ष मिशन
ISRO के प्रमुख के सिवन ने दिया यह बयान
‘चंद्रयान-तीन समेत सभी अभियान प्रभावित हुए हैं’
नई दिल्ली:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से अंतरिक्ष में मानव को भेजने और चंद्रयान-3 अभियान में देर होने के अलावा ऐसे 10 अंतरिक्ष अभियान ‘बाधित’ हुए हैं, जिनके इस साल होने की योजना थी. उन्होंने कहा कि इसरो अपने अंतरिक्ष अभियानों पर लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करेगा. ISRO प्रमुख ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इस साल 10 प्रक्षेपण की योजना बनाई थी.
यह भी पढ़ें
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से सभी चीजें बाधित हो गईं. कोविड-19 संकट से निपटने के बाद हमें एक आकलन करना होगा.” सिवन ने कहा, ‘‘लॉकडाउन की वजह से गंगनयान प्रभावित होगा. सभी उद्योगों ने काम करना अभी शुरू नहीं किया है.” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने में अभियान का कार्य प्रभावित हो गया. ISRO प्रक्षेपण से जुड़े उपकरणों के उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर है. ISRO को उपकरण उपलब्ध कराने वालों में शामिल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमईएस) भी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने बताया, ‘‘चंद्रयान-तीन समेत सभी अभियान प्रभावित हुए हैं.” सिवन ने कहा, ‘‘हमें गगनयान पर लॉकडाउन के प्रभावों का आकलन करना होगा.” पिछले साल चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग होने के बाद ISRO ने चंद्रयान-3 प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी, जिसे इसी साल चांद पर भेजा जाना था. गगनयान मिशन के तहत 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है. इसके लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन भी हो चुका है और वे रूस में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं लेकिन यह भी लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है.
VIDEO: लॉकडाउन का प्राइवेट स्कूलों पर पड़ रहा है असर
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Source link
from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%b2%e0%a5%89%e0%a4%95%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%89%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%9c%e0%a4%b9-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%bf/
0 notes
Link
इसरो ने देश की सुरक्षा और उसकी तीसरी आँख के रूप में सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को 13 अमेरिकी सैटेलाइट्स के साथ सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। सुबह 9.28 बजे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लॉन्च पैड से कार्टोसैट-3 प्रक्षेपित किया गया है। मून मिशन चंद्रयान-2 का जुलाई में प्रक्षेपण के बाद इसरो ने यह पहला सेटेलाइट लांच किया। Cartosat-3 पांच साल तक काम करेगा।
0 notes