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#गोलकोंडा
digitalbharat12 · 8 months
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शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फ़रवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। इनके पिता का नाम शाहजी भोसलें और माता का नाम जीजाबाई था। शिवनेरी दुर्ग पुणे के पास है। उनकी माता ने उनका नाम भगवान शिवाय के नाम पर शिवाजी रखा। उनकी माता भगवान शिवाय से स्वस्थ सन्तान के लिए प्रार्थना किया करती थी।
शिवाजी के पिताजी शाहजी भोंसले एक मराठा सेनापति थे, जो कि डेक्कन सल्तनत के लिए कार्य किया करते थे। शिवाजी के जन्म के समय डेक्कन की सत्ता तीन इस्लामिक सल्तनतों बीजापुर, अहमदनगर और गोलकोंडा में थी।
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visitingdream · 11 months
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"चारमीनार की रहस्यमय उत्पत्ति और ऐतिहासिक महत्व"
चारमीनार भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में स्थित एक प्रमुख पर्वतीय निर्माण है, जो इस शहर का प्रतीक बन गया है। यह निर्माण गोलकोंडा द्वारा बनवाया गया था और यह एक महत्वपूर्ण स्थल है जो इस शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। 
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चारमीनार का नाम उसके चार (चार) मिनारों से मिला है, जो इसकी मुख्य पहचान हैं (best travel places to visit in India)। यह निर्माण मुग़ल शाही सम्राट और गोलकोंडा सल्तनत के हुक्मरान मोहम्मद कुली कुतब शाह द्वारा 1591 ईसा पूर्व में शुरू किया गया था।
चारमीनार का नाम:
चारमीनार का नाम एक संयुक्त शब्द है, जिसे दो शब्दों - "चार" और "मीनार" से मिलाकर बनाया गया है। "चार" का मतलब होता है "चार" और "मीनार" का मतलब होता है "मनार" या "मंजिल"। इसका मतलब होता है कि यह निर्माण चार मिनारों की मंजिल के रूप में बनाया गया है। चारमीनार को अक्सर "चारमीनार की मंजिल" भी कहा जाता है।
निर्माण का कारण:
चारमीनार का निर्माण मुग़ल शाही सम्राट मोहम्मद कुली कुतब शाह द्वारा किया गया था। इसका मुख्य कारण था शहर की सुरक्षा और संकट की पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था। गोलकोंडा सल्तनत तथा दक्खिन भारत के इस क्षेत्र में रहे लोगों के लिए इसे एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में बनाया गया था। चारमीनार ने शहर की सुरक्षा को सुनिश्चित किया और यह समय के साथ इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर का हिस्सा बन गया।
निर्माण:
चारमीनार का निर्माण बाजार क्षेत्र में स्थित है, और इसका निर्माण चारमीनार चौराहे के पास हुआ था। इस निर्माण के लिए एक प्रमुख संगठन था, और इसका मुख्य निर्माता और निर्माणकर्ता मिर मुहम्मद कुली निर्मला था। निर्माण के दौरान, निर्माता ने अच्छूत एक गोल के दरवाजे के पास हाजर खड़े रहे थे, ताकि उनके पास कोई दिक्कत न हो।
चारमीनार की विशेषता:
चारमीनार, जो कि हैदराबाद, तेलंगाना, भारत के एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, विशेषता से भरपूर है। इसका नाम "चारमीनार" उसके चार मिनारों से प्राप्त हुआ है, जो इसके सुंदर डिज़ाइन का हिस्सा हैं। यह इस्लामी वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है और 1591 ईसा में निर्मित हुआ था।
चारमीनार के मिनार बड़े ही आकर्षक हैं और 56 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। ये मिनार चार कोनों पर बने हुए हैं और उनकी शृंगारिक अर्किटेक्चर सजावट सबको मोहित कर देती है।
चारमीनार का निर्माण गोलकोणाकार रेड संग और खरमास पत्थर से किया गया है, जो इसको और भी आकर्षक बनाता है। मिनार के अंदर एक लड़ाई देखने के लिए और उसकी ऊँचाई से शहर का पूरा दृश्य देखने के लिए सीढ़ियाँ हैं।
चारमीनार एक मंदिर हो या मस्जिद, यह एक मिश्रित संस्कृति के साक्षर है और भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी विशेषता उसके आकर्षक डिज़ाइन और इस्लामी वास्तुकला की प्रतिष्ठा में है, जो इसे एक अनूठा और रोचक स्थल बनाती है।
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trendingwatch · 2 years
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इंडियन स्पोर्ट्स रैप, 7 नवंबर
इंडियन स्पोर्ट्स रैप, 7 नवंबर
गोल्फ़ एचजीए, पीजीटीआई 8 नवंबर से तेलंगाना मास्टर्स गोल्फ चैंपियनशिप का आयोजन करेंगे हैदराबाद गोल्फ एसोसिएशन (HGA) और प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (PGTI) 8 नवंबर से हैदराबाद गोल्फ क्लब (गोलकोंडा) में IRA रियल्टी तेलंगाना मास्टर्स गोल्फ चैंपियनशिप का आयोजन करेंगे, जिसकी कुल पुरस्कार राशि रु। 40 लाख। चैंपियनशिप, आईटीआर रियल्टी द्वारा भागीदारी और तेलंगाना पर्यटन द्वारा संचालित, ओलंपियन उदयन माने…
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insolubleworld · 3 years
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मुसी: तेलंगाना: मुसी-कृष्ण के संगम से निकल सकते हैं हीरे, अध्ययन में कहा गया है | हैदराबाद समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
मुसी: तेलंगाना: मुसी-कृष्ण के संगम से निकल सकते हैं हीरे, अध्ययन में कहा गया है | हैदराबाद समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
हैदराबाद: ‘गोलकुंडा हीरे’ एक गलत नाम हो सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में कभी भी हीरे की खोज नहीं हुई थी, लेकिन हाल के शोध अध्ययनों ने मुसी नदी के संगम पर हीरे खोजने की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है। कृष्णा नलगोंडा जिले में इसके अलावा, महबूबनगर जिले में कृष्णा के साथ भीमा नदी के संगम पर और कृष्णा के साथ तुंगभद्रा नदी के संगम पर गडवाल जिले में हीरा-असर वाले किम्बरलाइट्स और लैम्प्रोइट्स की खोज की गई…
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disuv · 4 years
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कब आयेगा मेरे बंजारे :- भाग्यनगर बनाम हैदराबाद ?
जब से योगी जी हैदराबाद गये है तभी से सम्पूर्ण भारत मे एकबार फिर से शहर के नाप पर चर्चा गरम है । यूँ तो अनेकों किस्से-कहानियों को हैदराबाद शहर समेटे हुये है लेकिन एक बात तो तय है कि हैदराबाद नाम ही उस शहर की असलियत नही है। आइये खोजते हैं उद्गम स्थल !
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बात उन दिनों की है जब यह भूभाग गोलकोंडा के नाम से प्रख्यात थी । वही गोलकोंडा जहां पर कोहिनूर और ना जाने कितनी बेशकीमती हीरे जवाहरातों ने भारत देश की समृद्धि में चार चाँद लगा दिया था । इतिहासकारों की माने तो चौदहवीं शताब्दी में वारंगल के राजा ने गोलकोंडा दुर्ग का निर्माण करबाया था जिसे बाद में बहमनी शासकों ने हथिया लिया और इसका नाम गोलकोंडा से बदलकर मुहम्मदनगर रख दिया और फिर उसके बाद यह दुर्ग 1580 ईस्वी में कुतुब शाही के अधिकार में आया । हमें यहीं तक पहुँचना था ताकि भाग्यनगर को ढूंढा जा सके ।
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कुतुब शाही शाशकों की राजधानी गोलकोंडा या मुहम्मदनगर तब तक बनी रही जब तक इस घराने में कुतुब कुली शाह का जन्म नही हुआ । खैर 1565 में घराने ने एक चिराग को जन्म दिया जिसका नाम इनके पिता इब्राहिम शाह ने कुतुब कुली शाह रखा । पढ़ने लिखने में बहुत ही होशियार थे । पिता के आकस्मिक निधन के बाद मात्र 15 बर्ष की आयु में सन 1580 में सिंहासन पर बैठ गए । ज्यों ज्यों किशोरावस्था से युवा अवस्था मे प्रवेश करने लगे शेरो-शायरी करने लगे , विद्वता बढ़ने लगी, यहाँ तक कि 1590 ईस्वी आते आते कुली साहब अरबी, फ़ारसी, तेलगु, उर्दू के प्रख्यात विद्वान हो गए । लेकिन अचानक राज्य में प्लेग आ जाने के कारण लोग हजारों की संख्या में मरने लगे । इन्हें लगा कि यदि गोलकोंडा में और अधिक समय तक प्रजा रही तो सभी मारे जाएंगे । और यहीं से सुरु हुआ हैदराबाद शहर की खोज ! जल्दि ही मुसी नदी के किनारे जगह मिल गया और वहीं पर एक नया शहर बनाने का निर्णय लिया गया । ये मुसी नदी कोई और नदी नही बल्कि उसी कृष्णा नदी की उपनदियों में से एक है जो बंगाल की खाड़ी से मिलती है । भारत का इतिहास जानना हो और नदी का जिक्र नही तो समझिए आप सत्य जानने से चूक गए । संछिप्त में बस यही समझीये की मुसी नदी के किनारे वर्तमान हैदराबाद और कृष्णा नदी के किनारे वर्तमान विजयवाड़ा । और भी बहुत कुछ है लेकिन लेख को भटकाने का मेरा कोई इरादा नही है ।
कुली शाह ने ईरान से शिल्पकारों को बुलाया और इस तरह मस्जिद , चारमीनार निर्माण करबाने के बाद कहा जाता है कि राशिदून ख़लीफ़ा जिनका नाम अली इब्न अली तालिब उर्फ हैदर था उनके नाम पर इस शहर का नाम हैदराबाद रखा ।
कुछ अलग अलग कहानियों में से एक कहानी और भी है कि कुली साहब को बगीचों , नदियों , प्रकृति से अधिक लगाव था । वे शाम को मुसी नदी के किनारे टहलने जाया करते थे । वहीं बैठकर क़सीदा, मर्शिया , ग़ज़ल इत्यादि लिखते भी और अपने दरबारियों को सुनाते भी थे । वहीं आसपास में एक दिन किसी लड़की को देखा जो अति सुंदर और अनमोल गाती थी । वह लड़की बंजारन थी और नाम था भागवती। कुली साहब इश्क़ में पड़ गए और उस लड़की से निकाह कर लिया । निकाह के समय भागमती का नाम बदलकर बेगम हैदर रख दिया और उन्ही के नाम पर शहर का नाम रखा - हैदराबाद । यह तो मुझे एक कहानी प्रतीत होती है , हो सकता है आप इसमें से कुछ सच निकाल संकें ।
बहरहाल जो भी हुआ हो लेकिन मेरे इस लेख को लिखने के पीछे उद्वेश्य कुछ और ही है ।
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आपने एक बात पर जरूर गौर किया होगा कि गोलकोंडा का नाम बदलकर बहमनी शाशकों ने मुहम्मदनगर रख दिया था । यदि इस नाम को देखें तो पाते हैं - मुहम्मद +नगर । एक अरबी और एक संस्कृति । क्या हो यदि इसमें से से नगर को हम हटा दें । ऐसे और भी उदाहरण भरे पड़े हैं । मुजफ्फरनगर में से नगर को हटा कर देखिये , अलीगढ़ में से गढ़ को हटाकर देखिये ! गढ़ तो चंडीगढ़ में भी सुहागा है और अलीगढ़ में भी । शहरों के नाम भी उर्दू-अरबी-फारसी-हिंदी को समेटे हुये है शब्दों की तो बात ही छोड़ दीजिए ।
इसपर किसी को प्रश्न और शंशय नही है कि संस्कृत के शब्दों में किसी उर्दू या अरबी शब्दों का संगम है । सभी को पता है कि भारत मे जितने भी शहरों के नाम हैं वे अरब आक्रमण के बाद ही बदले गए थे जिसमें कुछ अस्तित्व में हैं और कुछ मिट गए । बात बस ये है कि जब अरबी शाशकों ने नामकरण किया तो कैसे हिंदी-अरबी को सम्लित और मिलाकर एक अमर नाम दिया । ये बड़ी बात है ।
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शहरों के नाम बदलते रहेंगे , और यही होता भी आ रहा है लेकिन जिस तरह से दो समुदायों के बीच में गुंजाइश को सभी मध्यकालीन शाशकों ने स्थान और सम्मान दिया उसे कोई ना छेड़े तो भारतीय परंपरा को कभी आंच नही आएगी । यहाँ के हिन्दू मुस्लिम में कोई भेद नही है । एक दूसरे से इस कदर गूँथ चुके हैं कि इसे अब कोई अलग नही कर सकता है । यदि एक को अलग करेंगे तो दूसरा अपने आप मर जयेगा और यदि दूसरे को अलग करेंगे तो पहला भी नही जी पावेगा ।
धार्मिक उन्माद और मजहबी कट्टरता करनेवालों ने इन दोनों समुदायों के बीच मे फुट डालकर बर्षों से इन्हीलोगों को आपस मे लड़ाया है । वे तो सुरक्षित घरों में रहे लेकिन लाखों आम नागरिक हिन्दू-मुसलमान के नामपर मर-कट गए - चाहे वो 1947 का विभाजन हो या अलग अलग समय पर दंगा-फसाद , मरनेवाले वो कभी नही रहे जिन्होंने दंगा सुरु होने से पहले माइक पर चिल्लाकर आवाज दी थी- हम नबी के दुलारे हैं, मौत से नही डरते, हम खून की नदियां बहा देंगे या हम राम के भक्त हैं, महाकाल के भक्त हैं , हम तांडव करेंगे तो त्राहिमाम होगी ।
कभी तो तर्क लगाइये , एकबार सोचिये की अपने आप हमारे मुँह से निकल जाती है - मानव, आदमी और इंसान । ऐसा कोई हिन्दू या मुस्लिम भारत मे नही जो इन तीन शब्दों का प्रयोग ना करता हो लेकिन फिर भी पता नही किस अंधकार में जीते हैं । एक को भाग्यनगर बनने में रस है और दूसरे को हैदराबाद में । भाईलोगों ये आदमी शब्द आदम से बना है , इंसान ईसा से और मानव मनु से । चुकी इस्लाम ईसाई और यहूदी का ही एक सम्लित परिवार है कुछ अंतर के साथ इसलिए इंसान शब्द में इंशा भी है । अंत मे यही कहूंगा कि कोई राजनेता कुली शाह या गफ्फार खान या सुभाष चंद्र जैसे आपको दिखे तो उन्हें समर्थन दें । सच तो यही है कि नाम चाहे कितना भी कोई सरकार बदले उस से किसी को कोई मतलब नही होना चाहिए । मतलब ये रखिये की नाम की आड़ में वह नेता आपके दिमाग के साथ ना खेल जाय अन्यथा वही होना है जो वे चाहते आ रहे हैं । दंगा !
अंत में कुतुब कुली शाह का मकबरा नीचे आपके लिए और एक विनय यदि आप इनके द्वारा लिखे - कुल्लियात पोथी में से कुछ ग़ज़ल, मर्शिया या क़सीदा पढ़ सकें । अपने भारत मे असंख्य हीरे हैं , जो भी मिल जाय रख लिया कीजिए - भाग्यनगर या हैदराबाद ।
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vinodtawde · 2 years
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माननीय भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी ने एचआईसीसी हैदराबाद में तेलंगाना के अनसंग हीरोज और शहीदों की गोलकोंडा प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों के साथ बातचीत की और उनका स्नेह प्राप्त किया। उनके साथ बीजेपी महामंत्री विनोद तावड़े जी भी मौजूद रहे। #BJPNECInTelangana  #BJPNECInTelangana  #vinodtawde #bjp4telangana #modigovt #jpnadda #pmmodiji
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mediawalablog · 2 years
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Fake Aadhar Card : फर्जी दस्तावेजों से 7 हजार फर्जी आधार कार्ड बना डाले!
Fake Aadhar Card : फर्जी दस्तावेजों से 7 हजार फर्जी आधार कार्ड बना डाले
Indore : फर्जी डाक्यूमेंटस के आधार पर 7000 हजार फर्जी कार्ड बनाने वाले बदमाशों को राज्य साबयर सेल ने पकड़ लिया। उनकी गिरफ्तारी के लिए हैदराबाद पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही थी। पकड़ाया आरोपी मूल रुप से शिवपुरी का रहने वाला एमकाम तक शिक्षा प्राप्त है। पुलिस उससे कड़ी पूछताछ कर रही है।
स्टेट सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि हैदराबाद के थाना बंजारा हिल्स एवं थाना गोलकोंडा में दर्ज धारा 420, 467, 468, 120-बी भादवि एवं 42 आधार एक्ट 2016 एवं 65 आईटी एक्ट 2000 का आरोपी पवन कोटिया पिता मनीराम कोटिया, बीना नगर सुखलिया फरार है।
मुख्यालय से मिली इस जानकारी के बाद उसकी छानबीन के लिए जांच की गई। हाईटेक तरीके से आरोपी का इनपुट प्राप्त होते ही स्टेट सायबर सेल की टीम ने आरोपी को गिरफ्त में ले लिया। आरोपी 2011 से आधार कार्ड की फील्ड में ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा था। 2016 से इंदौर में आकर आधार कार्ड बनाने वालों को वह टैक सपोर्ट देने लगा था। अपने मित्र रोहित शर्मा के साथ मिलकर मध्य प्रदेश एवं असम के कई फर्जी आधार कार्ड के लिए कमीशन बेसिस पर वह टेक सपोर्ट देने का काम करता था।
आधार कार्ड के कियोस्क की आईडी बनवाने, परीक्षा दिलाने एवं आधार कार्ड बनाने में लगने वाली तकनीक सामग्री को भी कमीशन पर किराए पर देता था। आरोपी द्वारा किए गए आधार सेटअप व टेक सपोर्ट के माध्यम से हैदराबाद में फर्जी आधार कार्ड बनाने में गैंग सक्रिय था। फर्जी आधार कार्ड कांड में हैदराबाद पुलिस अभी तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये मास्टर माइंड फरार था जिसे स्टेट सायबर सेल ने पकड़ा। आरोपी पवन कोटिया को ट्रांजिट रिमांड पर हैदराबाद पुलिस अपने साथ ले गई है।
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abhay121996-blog · 3 years
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IRCTC Tour Package : केवल 505 रुपए में देखें हैदराबाद के ये दर्शनीय स्थल Divya Sandesh
#Divyasandesh
IRCTC Tour Package : केवल 505 रुपए में देखें हैदराबाद के ये दर्शनीय स्थल
इंटरनेट डेस्क। अगर आप गर्मी के मौसम में कही घूमने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो आपके लिए हैदराबाद बेहतर विकल्प हो सकता है। आईआरसीटीसी अब इसके लिए एक विशेष पैकेज लेकर आया है। इसके तहत आप केवल 505 रुपए में ही हैदराबाद की मशहूर जगहों पर घूमने का आनंद ले सकते हैं।
पर्ल सिटी के नाम से मशहूर हैदराबाद का एक समृद्ध इतिहास है जो लगभग चार सौ साल पुराना है। के इस पैकेज के तहत पर्यटकों को रेलवे स्टेशन (सिकंदराबाद, नामपल्ली, काचीगुडा) से पिक किया जाएगा। पैकेज के हिसाब से बाद में टैंकबंड रोड से बिरला मंदिर, सालार जंग संग्रहालय, चौमहला पैलेस, मक्का मस्जिद, चारमीनार, गोलकोंडा फोर्ट, कुतुबशाही टॉम्ब के दर्शनीय स्थलों पर पर्यटकों को घूमाया जाएगा। अन्त में उनहें रेलवे स्टेशन छोड़ दिया जाएगा।
आईआरसीटीसी के इस पैकेज के हिसाब से 4 से 6 लोगों के पैकेज के तहत प्रतिव्यक्ति खर्चा 1170, 7 से 12 के लिए प्रतिव्यक्ति खर्चा 1145 रुपए और 13 से 22 लोगों के लिए प्रतिव्यक्ति खर्चा 505 रुपए आएगा।
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thedepthnews · 4 years
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अमेरिका में नीलाम हो रहा गोलकुंडा का हीरा, निजाम के वंशजों ने लगाई भारत सरकार से गुहार - गोलकोंडा डायमंड्स का नाम आपने खूब सुना होगा। अब उसी की नीलामी होने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोलकोंडा में मिला दुर्लभ और बेशकीमती हीरे की नीलामी न्यूयार्क स्थित फार्चुना ऑक्शन हाउस में होने वाली है। 3.05 कैरेट वाले इस हीरे की कीमत डेढ़ करोड़ तक होने का अनुमान https://thedepth.in/one-more-golconda-diamond-auction-new-york/
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bhaskarhindinews · 4 years
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अजब-गजब: रहस्यों से भरा है 400 साल पुराना गोलकोंडा किला, जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें
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दुनिया में कई ऐसे रहस्य हैं, जिनकी गुथ्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। ऐसे रहस्य जो विज्ञान के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल यह जगह एक रहस्यमयी किला है। यह किला हैदराबाद के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, इसका नाम गोलकोंडा किला है। यह किला देश की सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक हुसैन सागर झील से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इस क्षेत्र के सबसे संरक्षित स्मारकों में से एक है। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण कार्य 1600 के दशक में पूरा हुआ था, लेकिन इसे बनाने की शुरुआत 13वीं शताब्दी में काकतिया राजवंश द्वारा की गई थी। यह किला अपनी वास्तुकला, पौराणिक कथाओं, इतिहास और रहस्यों के लिए जाना जाता है।
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studentsnewsindia · 6 years
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केवी गोलकोंडा हैदराबाद भर्ती 2019: पीआरटी, टीजीटी, पीजीटी और अन्य पदों के लिए करें आवेदन
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dilsedeshi · 6 years
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viralnewsofindia · 7 years
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी ने किया गोलकोंडा किला का दीदार हैदराबाद:  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी व सलाहकार इवांका ट्रंप ने बुधवार को ऐतिहासिक गोलकोंडा किले का दीदार किया। अपने दौरे के दूसरे दिन इवांका ने हैदराबाद इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर (एचआईसीसी) से 15 किमी दूर स्थित किले का दौरा किया। एचआईसीसी वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (जीईएस) का आयोजन स्थल है। इवांका जीईएस में भाग लेने आईं हुईं हैं। शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन सुबह के सत्र में भाग लेने के बाद इवांका ट्राईडेंट होटल लौट गईं। वह इसी होटल में ठहरी हुई हैं। बाद में इवांका किले के लिए रवाना हुईं। यह कुतुब शाही राज्य का 1518 से 1687 तक राजधानी रहा था।
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street-traveling · 3 years
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bangalore palace Amazing History And Architecture in hindi [2021]
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bangalore palace
अदभुत वास्तुकला और सुंदरता का एक प्रतीक bangalore का शाही पैलेस अपने पुराने शाही वैभव के लिए जाना जाता हे । वर्तमान में यह bangalore palace बैंगलोर का प्रमुख आकर्षण हे। bangalore के इस शाही महल को वर्ष 1878 में बनाया गया था। चामराजेंद्र वाडियार के ब्रिटिश माता-पिता ने 1873 में बैंगलोर सेंट्रल हाई स्कूल रेव जे गैरेट के प्रिंसिपल से अपने स्वयं के धन से इस शाही महल को ख़रीदा था । महल असाधारण रूप से विशाल है और 45,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। आज हम जो आलिशान महल को देखते हे वो ट्यूडर और स्कॉटिश गॉथिक वास्तुकला के मिश्रण से बनाया गया हे। महल की लकड़ी की संरचना के साथ-साथ अंदर और बाहर सुंदर नक्काशी शाही संस्कृति को अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शित करती है। जैसलमेर किले के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लीक करे। bangalore के एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ साथ यह महल विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, रॉक शो और विवाहों की मेजबानी भी करता है। लोक मान्यताओं के अनुसार राजा चामराजेंद्र वाडियार ने लंदन के विंडसर कैसल से महल के निर्माण की प्रेरणा ली थी। पैलेस के भूतल पर फ्लोरोसेंट नीली सिरेमिक टाइलों के साथ ग्रेनाइट की सीटें, एक परी कथा बॉलरूम, प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा की पेंटिंग, बेल से ढकी दीवारें और पहली मंजिल पर दरबार हॉल ये सब मिलाकर बैंगलोर पैलेस बनता हैं। महल की यात्रा आपको दक्षिण भारत के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक के भव्य और भव्य वैभव को देखने का मौका देती है। भाषा के मुद्दों वाले लोगों की मदद करने के लिए इसके इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए पैलेस के अंदर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में एक ऑडियो टेप उपलब्ध है।
bangalore palace History
अभी जहा यह पैलेस खड़ा है वह भूमि मूल रूप से शहर के एक स्कूल प्रिंसिपल रेवरेंड जे गैरेट का था। चामराजेंद्र वाडियार के ब्रिटिश माता-पिता जोकि उन्हें पाल रहे थे इन्होने नाबालिग महाराज के पैसो से इस भूमि को ख़रीदा था ताकि उनकी शिक्षा और प्रसासनीय प्रशिक्षण आसानी से हो सके। गोलकोंडा किले के बारे में जाने। अप्रैल 1874 में इस महल के निर्माण की शुरुआत की गई थी। लालबाग बनाने वाले जॉन कैमरन ने इस महल के भूनिर्माण की जिम्मेदारी ली थी । 1878 ई. के दौरान इस महल का प्रारंभिक निर्माण पूरा हो गया था । प्रारंभिक पूर्णता के बाद के वर्षों में कई परिवर्धन और सुधार किए गए। महाराजा जयचामराज ने अपने शासनकाल के दौरान दरबार हॉल के बाहर के हिस्से जोड़े। नवीनीकरण इसलिए हुआ ताकि महल में लंदन के विंडसर कैसल का सार हो सके जिसने राजा को दिया था। bangalore palace का स्वामित्व कई कानूनी गतिविधियों से गुजरा है। वर्तमान में, यह मैसूर शाही परिवार के वंशज श्रीकांत दत्त नरसिम्हाराजा वाडियार के स्वामित्व में है। महल ने 2005 में जनता के लिए अपने दरवाजे खोले।
bangalore palace Architech
महल वास्तुकला की ट्यूडर शैली को दर्शाता है। बगीचे के साथ इसका परिसर 454 एकड़ में फैला हुआ है। महल के अंदरूनी हिस्से पर प्रोफाइल, कंगनी और लकड़ी की नक्काशी है। अंदर के कई भौतिक तत्व ब्रिटेन से आयात किए जाते हैं। अंग्रेजों द्वारा वाडियारों को उपहार, दीवारों पर लाल और सफेद रंग में चित्रित हथियारों का एक कोट। इसमें पौराणिक छाप और जटिल पुष्प डिजाइन शामिल हैं। बीच में पागल भेरुंडा, एक पौराणिक दो सिर वाला पक्षी है, जबकि दूसरी तरफ एक पौराणिक जानवर है, जिसमें हाथी और शेर दोनों के सिर हैं, जो राजत्व और शक्ति का प्रतीक है। सोनगढ़ किले के बारे में पूरी माहिती। दो-स्तरीय ग्रेनाइट महल की आंखों में देखी जाने वाली कुछ विशेषताओं में गढ़वाले टॉवर, ढहती दीवारें, महल के मैदान, बॉलरूम और ट्यूडर और स्कॉटिश इमारतों के अन्य वास्तुशिल्प तत्व शामिल हैं। प्रवेश द्वार पर रोमन मेहराब अपने आगंतुकों का स्वागत करते हैं। छत को राहत चित्रों से सजाया गया है और महल के अंदर के फर्नीचर में विक्टोरियन, नव-शास्त्रीय और एडवर्डियन शैलियों का स्पर्श है। महल में 35 कमरे हैं और भूतल पर एक खुला आंगन है जिसमें फ्लोरोसेंट नीली सिरेमिक टाइलों से सजाए गए ग्रेनाइट सीटें हैं। बैंगलोर पैलेस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दरबार हॉल है जो पहली मंजिल पर है। हॉल में एक विशाल हाथी का सिर है। इसके अलावा, गोथिक शैली से लिया गया, इसमें एक तरफ कांच की खिड़कियां हैं। दीवारों पर पीला रंग काफी प्रमुख है। हॉल में लगा सोफा भी उसी रंग का है। दूसरे छोर पर स्क्रीन उस क्षेत्र को अलग करती है जहां महिलाएं विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए बैठी थीं। bangalore palace में 19वीं और 20वीं सदी की कई प्रसिद्ध पेंटिंग हैं। इसमें प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार राजा रवि वर्मा का काम शामिल है। महल की एक और आकर्षक विशेषता शक्तिशाली वाडियार राजवंश की विभिन्न पीढ़ियों को चित्रित करने वाले चित्रों का व्यापक संग्रह है। यह सदियों से बैंगलोर के विकास की एक झलक भी देता है। यहाँ सब कुछ सहज आर्क-डेको डिज़ाइन का दावा करता है। महल के चारों ओर फैले मैदान कभी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मेजबान हुआ करते थे। बैकस्ट्रीट बॉयज़, डॉन मोएन, डेविड गेटा, एल्टन जॉन, लैम्ब ऑफ़ गॉड, एकॉन, द ब्लैक आइड पीज़, डीप पर्पल, द रोलिंग स्टोन्स, मेटालिका, रोजर वाटर्स, एनरिक इग्लेसियस जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों की अपनी सीमाएँ हैं। लेकिन, सरकार और मैसूर शाही परिवार के बीच कानूनी विवाद के बाद, ये आधार अब व्यावसायिक उपयोग में नहीं हैं। शाही परिवार के करीबी दोस्त या उनसे जुड़ी कंपनियां ही यहां किसी भी तरह के आयोजन का आयोजन करती हैं। इसके बाद, द फन वर्ल्ड खुद को मनोरंजन पार्क पैलेस ग्राउंड परिसर में पाता है। बच्चों के पसंदीदा इस पार्क में रोजाना अच्छी संख्या में लोग आते हैं। Read the full article
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googlesamachar · 8 years
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हैदराबाद: फ्लैट में गांजे की खेती करता था पूर्व बैंकर, गिरफ्तार - नवभारत टाइम्स
नवभारत टाइम्स हैदराबाद: फ्लैट में गांजे की खेती करता था पूर्व बैंकर, गिरफ्तार नवभारत टाइम्स एक सनसनीखेज मामले के तहत हैदराबाद पुलिस ने पूर्व बैंकर को घर में गांजे की खेती करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान 33 वर्षीय सैयद शाहिद हुसैन के रुप में हुई है, जो अपने 2BHK के फ्लैट में साइंटिफिक तरीके से गांजे की खेती कर रहा था। यहां के मनीकोंडा में फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित फ्लैट से ही नशीले पदार्थों का धंधा करने वाले हुसैन को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रविवार की रात गोलकोंडा इलाके से गिरफ्तार किया। उस वक्त वह ग्राहकों को ड्रग बेच रहा था। पूर्व बैंकर हुसैन यहां किराए के 2BHK फ्लैट में अपने परिवार के साथ रहता है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने आरोपी के घर ... हैदराबाद में थ्री बीएचके फ्लैट में हो रहे गांजे की खेती का भंडाफोड़Pradesh18 Hindi हैदराबादः फ्लैट में हाे रही थी गांजे की खेती, पुलिस के सामने अाई चाैंकाने वाली जानकारी(Pics)पंजाब केसरी हैदराबाद : इंटरनेट से तरीका सीखकर घर में बने बगीचे में उगाया जा रहा था गांजाएनडीटीवी खबर News Track -News State -Khabar NonStop -News Trend India (प्रेस विज्ञप्ति) सभी ८ समाचार लेख » http://dlvr.it/N1mdqW
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journalistcafe · 4 years
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मजदूरों को ले जा रहे ट्रक की चपेट में आने से 6 की मौत
हैदराबाद: कर्नाटक के बाहरी इलाके में एक मजदूरों को ले जा रही लॉरी से टकराकर छह लोगों की मौत हो गई। हादसा आउटर रिंग रोड पर हुआ। लॉरी मजदूरों को कर्नाटक में उनके गांवों में ले जा रही थी। लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए 30 मजदूर कर्नाटक के रायचूर जिले में अपने गाँव लौट रहे थे।
इस हादसे में छह अन्य घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, रांगा रेड्डी जिले के पेद्दा गोलकोंडा गांव के पास मजदूरों को ले जा रहे ट्रक…
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