#कोरोनावायरस प्रभाव अर्थव्यवस्था
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gostcoder · 5 years ago
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कोरोनवायरस वायरस: भारत का रियल्टी सेक्टर ,६-२० करोड़ में लेने के लिए २०२०-२१ में हिट, केपीएमजी ने कहा
कोरोनवायरस वायरस: भारत का रियल्टी सेक्टर ,६-२० करोड़ में लेने के लिए २०२०-२१ में हिट, केपीएमजी ने कहा
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सीओवीआईडी ​​-19 प्रभाव के कारण रियल एस्टेट सेक्टर को 76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा
COVID-19 महामारी, वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म KPMG ने एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) के अंत तक भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र को 76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। “COVID-19: प्रतिक्रिया, अनुकूलन और पुनर्प्राप्ति – नई वास्तविकता” शीर्षक वाली रिपोर्ट बताती है कि महामारी अगले…
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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चीन में आर्थिक अर्थव्यवस्था के प्रभाव से पर्यावरण की चुनौती, शी पेंग ने ये देखभाल की है
चीन में आर्थिक अर्थव्यवस्था के प्रभाव से पर्यावरण की चुनौती, शी पेंग ने ये देखभाल की है
चिंराट में एक बार फिर से पायरा होता है। कुछ अन्य स्थितियों में भी त्वरित गति से स्थिति होती है। स्थिति में है। इस बीच चीन के राष्ट्रपति चुनाव के प्रभाव में हैं। शी पिपिंग की ये योजना इकठ्ठा करने के लिए आवश्यक है. . स्थायी रूप से खराब होने पर स्कूल बंद हो जाएगा"टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;"> विकास और के प्रभाव को कम करने की चुनौती राष्ट्रपति जी.जी. इसके तः हिन्दी कम से कम कीमत पर प्रभाव और आर्थिक…
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a-2-z-news · 3 years ago
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क्या ओमाइक्रोन का विश्व अर्थव्यवस्था पर हल्का या गंभीर प्रभाव पड़ेगा?
क्या ओमाइक्रोन का विश्व अर्थव्यवस्था पर हल्का या गंभीर प्रभाव पड़ेगा?
विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि “ओमाइक्रोन-संचालित आर्थिक व्यवधान” विकास को धीमा कर देगा। पेरिस: पिछले साल कोविड महामारी से पीछे हटने के बाद, ओमाइक्रोन संस्करण के तेजी से बढ़ने से वैश्विक आर्थिक सुधार को झटका लगा है। यात्रा उद्योग को फिर से अस्त-व्यस्त कर दिया गया है, श्रमिकों को घर पर अलग-थलग करने के लिए मजबूर किया गया है और सरकारों को प्रतिबंध लगाने या अर्थव्यवस्था को गड़बड़ाने के बीच एक कठिन…
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lok-shakti · 3 years ago
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अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के सीमित प्रभाव के कारण तेजी से रिकवरी की उम्मीद: सर्वेक्षण
अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के सीमित प्रभाव के कारण तेजी से रिकवरी की उम्मीद: सर्वेक्षण
सीआईआई के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था को कोविड -19 की दूसरी लहर के प्रभाव से तेजी से उबरने की उम्मीद है क्योंकि लॉकडाउन को बड़े पैमाने पर सामाजिक समारोहों को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था और आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा प्रभावित नहीं करता था। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लगभग 60 प्रतिशत सीईओ को उम्मीद है कि उनकी कंपनियों की बिक्री में सुधार महामारी की पहली लहर की…
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24daynews · 4 years ago
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क��रोनावायरस सर्ज रिकवरी चिंताएं और अर्थव्यवस्था की वृद्धि का अनुमान लगाता है, यहां आपको पता होना चाहिए - अर्थव्यवस्था में अर्थव्यवस्था: कोरोना की दूसरी लहर ने गिराए विकास के अनुमान, जानिए क्या हालात हैं
कोरोनावायरस सर्ज रिकवरी चिंताएं और अर्थव्यवस्था की वृद्धि का अनुमान लगाता है, यहां आपको पता होना चाहिए – अर्थव्यवस्था में अर्थव्यवस्था: कोरोना की दूसरी लहर ने गिराए विकास के अनुमान, जानिए क्या हालात हैं
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय Updated Wed, 14 Apr 2021 08:48 PM IST सार बीते सोमवार को जापान के इन्वेस्टमेंट और ब्रोकरेज नोमुरा ने कहा था कि वह साल 2021 में भारत के लिए अपनी वृद्धि दर को 12.4 फीसदी से बढ़ाकर 11.5 फीसदी कर दिया है। इसके एक दिन बाद ही वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भी अर्थव्यवस्था पर कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के असर को…
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hindinewshub · 4 years ago
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Moody's Has Rated Modi's Handling of India's Economy Step above Junk: Rahul Gandhi
Moody’s Has Rated Modi’s Handling of India’s Economy Step above Junk: Rahul Gandhi
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गरीब और लघु और मध्यम उद्योग को समर्थन की कमी यह संकेत देती है कि सबसे खराब स्थिति अभी बाकी है।
PTI
आखरी अपडेट: 2 जून, 2020, 11:57 पूर्वाह्न IST
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई…
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praveenpradhan254121 · 3 years ago
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शिपिंग कंटेनरों के किराए में वृद्धि: जानिए इसके पीछे के कारण और निर्यातकों पर प्रभाव
शिपिंग कंटेनरों के किराए में वृद्धि: जानिए इसके पीछे के कारण और निर्यातकों पर प्रभाव
पिछले साल कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप ने देश के आयात और निर्यात को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे शिपिंग कंटेनरों का किराया भी बढ़ गया है। कोविड-19 महामारी ने भारत समेत दुनिया की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। आयात-निर्यात सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। लेकिन अचानक मांग बढ़ गई, जिससे निर्यातकों के सामने एक बड़ी चुनौती कंटेनरों का बढ़ता किराया था। दुनिया भर में लगभग…
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gostcoder · 5 years ago
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सिंगापुर ने 2020 जीडीपी आउटलुक को कोरोनावायरस बैटर अर्थव्यवस्था के रूप में फिर से तैयार किया
सिंगापुर ने 2020 जीडीपी आउटलुक को कोरोनावायरस बैटर अर्थव्यवस्था के रूप में फिर से तैयार किया
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सिंगापुर में मेरालियन प्रतिमा के सामने एक कपल फेस मास्क पहने हुए चलता है। (एपी फोटो)
खबर के बाद, केंद्रीय बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री एड रॉबिन्सन ने कहा कि मौद्रिक नीति अपरिवर्तित बनी हुई है और अगली योजना के अनुसार अक्टूबर में समीक्षा की जाएगी।
रायटर
आखरी अपडेट: 26 मई, 2020, 12:33 PM IST
सिंगापुर:सिंगापुर ने मंगलवार को तीसरी बार अपने 2020 के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को घटा…
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himanshu12563 · 3 years ago
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भारत पर कोरोनावायरस महामारी का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ मानव जीवन के नुकसान के मामले में काफी हद तक विघटनकारी रहा है। लगभग सभी क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है
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helphindimesblog · 3 years ago
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10 POINTS PANDEMIC AND EPIDEMIC DIFFERENCE HINDI
1 पैनडैमिक शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द पैन (Pan) से हुई है। वहीं एपिडेमिक शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द एपी (Epi) से हुई है।
   2 विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस को एक ग्लोबल पैनडैमिक (Global Pandemic) घोषित किया गया है।
   3 पैनडैमिक वैश्विक स्तर पर फैल जाता है। जबकि एपिडेमिक किसी देश की सीमाओं के अंदर ही फैलता है।
   4 पैनडैमिक से बड़े स्तर पर लोग संक्रमित होते है। एपिडेमिक में इसके मुकाबले कम लोग संक्रमित होते हैं।
   5 पैनडैमिक की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु होती है। जबकि एपिडेमिक में इसके मुकाबले कम मृत्यु दर होती है।
   6  कोरोनावायरस पैनडैमिक का उदाहरण है जबकि पोलियो एपिडेमिक का एक उदाहरण है।
   7 एक एपिडेमिक जब अपने वृहत्तर स्तर पर पहुंच जाती है तब वह पैनडैमिक बन जाती है।
   8 जब कोरोनावायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर में हुई थी तब वह एक एपिडेमिक के रूप में था। लेकिन जब यह अन्य देश की सीमाओं तक फैला तब वह पैनडैमिक बन गया।
   9 पैनडैमिक और एपिडेमिक दोनों में ही संक्रमण मनुष्य से मनुष्य में फैलता है।
   10  इन दोनों स्थितियों का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। हालांकि एक एपिडेमिक के मुकाबले पैनडैमिक से अर्थव्यवस्था ज्यादा चरमरा जाती है।
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hindinewshub · 4 years ago
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Japan's May Factory Activity Sinks as Pandemic Lockdowns Hit Demand: Survey
Japan’s May Factory Activity Sinks as Pandemic Lockdowns Hit Demand: Survey
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प्रतिनिधि छवि। (REUTERS / Edgard Garrido)
सर्वेक्षण ने 2009 के शुरुआत से आउटपुट, नए ऑर्डर और वर्क बैकलॉग में सबसे तेज संकुचन की ओर इशारा किया, क्योंकि वैश्विक रूप से रुकी हुई आर्थिक गतिविधि पर सरकार द्वारा रोक लगाई गई थी।
रायटर
आखरी अपडेट: 1 जून, 2020, सुबह 8:09 बजे IST
टोक्यो:जापान की कारखाना गतिविधि मार्च 2009 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ी, एक निजी क्षेत्र का सर्वेक्षण सोमवार को…
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24gnewshindi · 4 years ago
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भारत में दूसरी कोविद लहर की चोटी मई के मध्य तक हो सकती है: एसबीआई रिपोर्ट
भारत में दूसरी कोविद लहर की चोटी मई के मध्य तक हो सकती है: एसबीआई रिपोर्ट
घातक कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर न केवल अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हो रही है, बल्कि पहले से ही इसके प्रभाव में पड़े लोगों के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर रही है। यदि आप देश के सबसे बड़े बैंक-भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों द्वारा जाते हैं, तो मई के मध्य में दूसरी लहर चरम पर हो सकती है। हर दिन, नए कोविद -19 मामले लॉकडाउन जैसे उपायों के साथ अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ रहे…
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col-life23 · 4 years ago
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कहीं भी पैसा लगाने से ज्यादा जरूरी है अब अपने हाथ में एक कैश रखें, जानिए पैसे से जुड़ी 7 उपयोगी बातें
कहीं भी पैसा लगाने से ज्यादा जरूरी है अब अपने हाथ में एक कैश रखें, जानिए पैसे से जुड़ी 7 उपयोगी बातें
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस प्रभाव के कारण, देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। इस कारण पिछले कुछ दिनों में भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स-निफ्टी 15 दिनों में 40 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। ऐसी स्थिति में, अधिकांश लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं, मुझे क्या करना चाहिए? क्या यह मौका है कि पहले से खरीदे गए शेयरों को और खरीदा जाए? विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया जिस महामारी का…
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shawtutorial · 4 years ago
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Hindi News - New Year Offers : नए साल में इन बाइक्स की खरीदारी पर मिल रही है धमाकेदार छूट !– News18 Hindi
Hindi News – New Year Offers : नए साल में इन बाइक्स की खरीदारी पर मिल रही है धमाकेदार छूट !– News18 Hindi
नए साल में बाइक्स की खरीदारी पर मिल रही है धमाकेदार छूट ! नए साल पर जनवरी में देश की तकरीबन सभी टू-व्हीलर कंपनियां अपनी बाइक्स पर ढेर सारी छूट दे रही हैं. आप भी इसका फायदा ले सकते हैं. News18Hindi Last Updated : January 19, 2021, 6:02 pm IST नई दिल्ली. नए साल पर जनवरी में देश की तकरीबन सभी टू-व्हीलर कंपनियां अपनी बाइक्स पर ढेर सारी छूट दे रही हैं. कोरोनावायरस के प्रभाव से उबर रही अर्थव्यवस्था…
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namoagainnarendramodi · 4 years ago
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कोरोनावायरस की भारत की प्रतिक्रिया आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में से एक है: पीएम मोदी
मेरे प्यारे देशवासियों,
नमस्कार !
आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में, बच्चे-बूढ़े-जवान, सभी की जुबान पर यही सवाल था कि - कोरोना की वैक्सीन कब आएगी? तो अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है। अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष रूप से प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे, दिन-रात जुटे थे। ना उन्‍होंने त्‍यौहार देखा है, ना उन्‍होंने दिन देखा है, ना उन्‍होंने रात देखी है। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। इतना ही नहीं कई और वैक्सीन पर भी काम तेज गति से चल रहा है। ये भारत के सामर्थ्य, भारत की वैज्ञानिक दक्षता, भारत के टैलेंट का जीता जागता सबूत है। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था- मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है !!
भाइयों और बहनों,
भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उसे पहले टीका लगेगा। जो हमारे डॉक्टर्स हैं, नर्सेंस हैं, अस्पताल में सफाई कर्मी हैं, मेडिकल-पैरा मेडिकल स्टाफ हैं, वो कोरोना की वैक्सीन के सबसे पहले हकदार हैं। चाहे वो सरकारी अस्पताल में हों या फिर प्राइवेट में, सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जिन पर जरूरी सेवाओं और देश की रक्षा या कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। जैसे हमारे सुरक्षाबल हो गए, पुलिसकर्मी हो गए, फायरब्रिगेड के लोग हो गए, सफाई कर्मचारी हो गए, इन सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। और मैंने जैसा पहले भी कहा है- इनकी संख्या करीब-करीब तीन करोड़ होती है। इन सभी के वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
साथियों,
इस टीकाकरण अभियान की पुख्ता तैयारियों के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से देश के कोने-कोने में Trials किए गए हैं, Dry Runs हुए हैं। विशेष तौर पर बनाए गए Co-Win डिजिटल प्लेटफॉर्म में टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर ट्रैकिंग तक की व्यवस्था है। आपको पहला टीका लगने के बाद दूसरी डोज कब लगेगी, इसकी जानकारी भी आपके फोन पर दी जाएगी। और मैं सभी देशवासियों को ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। एक डोज ले लिया और फिर भूल गए, ऐसा गलती मत करना। और जैसा एक्सपर्ट्स कह रहे हैं, पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। आपको ये भी याद रखना है कि दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। इसलिए टीका लगते ही आप असावधानी बरतने लगें, मास्क निकालकर रख दें, दो गज की दूरी भूल जाएं, ये सब मत करिएगा। मैं प्रार्थना करता हूँ मत करिएगा। और मैं आपको एक और चीज बहुत आग्रह से कहना चाहता हूं। जिस तरह धैर्य के साथ आपने कोरोना का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य अब वैक्सीनेशन के समय भी दिखाना है।
साथियों,
इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। ये अभियान कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा आप सिर्फ पहले चरण से ही लगा सकते हैं। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अगले वाले चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका। और कोई भी देश ऐसा नहीं है जिनकी आबादी इनसे ज्यादा हो। इसलिए भारत का टीकाकरण अभियान इतना बड़ा है। और इसलिए ये अभियान भारत के सामर्थ्य को दिखाता है। और मैं देशवासियों को एक और बात कहना चाहता हूं। हमारे वैज्ञानिक, हमारे एक्सपर्ट्स जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी है। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगैंडा, अफवाएं, दुष्प्रचार से बचकर रहना है।
साथियों,
भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है और पहले से है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है।
मेरे प्‍यारे देशवासियों,
हर हिन्‍दुस्‍तानी इस बात पर गर्�� करेगा कि दुनियाभर के करीब 60 प्रतिशत बच्चों को जो जीवनरक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं, भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से ही होकर गुज़रते है। भारत के वैज्ञानिकों और वैक्सीन से जुड़ी हमारी विशेषज्ञता पर दुनिया का ये विश्वास मेड इन इंडिया कोरोना वेक्सीन में और मज़बूत होने वाला है। इसकी कुछ और खास बातें हैं जो आज मैं देशवासियों को जरूर बताना चाहता हूं। ये भारतीय वैक्सीन, विदेशी वैक्सीनों की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज पांच हजार रुपए तक में है और जिसे माइनस 70 डिग्री तापमान में फ्रिज में रखना होता है। वहीं, भारत की Vaccines ऐसी तकनीक पर बनाई गई हैं, जो भारत में बरसों से Tried और Tested हैं। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन अब भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
साथियों,
कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखाई दिया है। संकट कितना ही बड़ा क्‍यों ना हो, देशवासियों ने कभी आत्‍मविश्‍वास खोया नहीं। जब भारत में कोरोना पहुंचा तब देश में कोरोना टेस्टिंग की एक ही लैब थी। हमने अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखा और आज 2300 से ज्यादा लैब्स का नेटवर्क हमारे पास है। शुरुआत में हम मास्क, PPE किट, टेस्टिंग किट्स, वेंटिलेटर्स जैसे ज़रूरी सामान के लिए भी विदेशों पर निर्भर थे। आज इन सभी सामानों के निर्माण में हम आत्मनिर्भर हो गए हैं और इनका निर्यात भी कर रहे हैं। आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की इसी ताकत को हमें टीकाकरण के इस दौर में भी सशक्त करना है।
साथियों,
महान तेलुगू कवि श्री गुराजाडा अप्पाराव ने कहा था- सौन्त लाभं कौन्त मानुकु, पौरुगुवाडिकि तोडु पडवोय् देशमन्टे मट्टि कादोयि, देशमन्टे मनुषुलोय ! यानि हम दूसरों के काम आएं ये निस्वार्थ भाव हमारे भीतर रहना चाहिए। राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता, बल्कि राष्ट्र का अर्थ होता है, हमारे लोग। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को संपूर्ण देश ने इसी भावना के साथ लड़ा है। आज जब हम बीते साल को देखते हैं तो, एक व्यक्ति के रूप में, एक परिवार के रूप में, एक राष्ट्र के रूप में हमने बहुत कुछ सीखा है, बहुत कुछ देखा है, जाना है, समझा है।
आज भारत जब अपना टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है, तो मैं उन दिनों को भी याद कर रहा हूं। कोरोना संकट का वो दौर जब हर कोई चाहता था कि कुछ करे, लेकिन उसको उतने रास्ते नहीं सूझते थे। सामान्य तौर पर बीमारी में पूरा परिवार बीमार व्‍यक्‍ति की देखभाल के लिए जुट जाता है। लेकिन इस बीमारी ने तो बीमार को ही अकेला कर दिया। अनेकों जगहों पर छोटे-छोटे बीमार बच्चों को मां से दूर रहना पड़ा। मां परेशान रहती थी, मां रोती थी, लेकिन चाहकर भी कुछ कर नहीं पाती थी, बच्चे को अपनी गोद में नहीं ले पाती थी। कहीं बुजुर्ग पिता, अस्पताल में अकेले, अपनी बीमारी से संघर्ष करने को मजबूर थे। संतान चाहकर भी उसके पास नहीं जा पाती थी। जो हमें छोड़कर चले गए, उनको परंपरा के मुताबिक वो विदाई भी नहीं मिल सकी जिसके वो हकदार थे। जितना हम उस समय के बारे में सोचते हैं, मन सिहर जाता है, उदास हो जाता है।
लेकिन साथियों,
संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस के साथी और दूसरे Frontline Workers. उन्होंने मानवता के प्रति अपने दायित्व को प्राथमिकता दी। इनमें से अधिकांश तब अपने बच्चों, अपने परिवार से दूर रहे, कई-कई दिन तक घर नहीं गए। सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं जो कभी घर वापस लौट ही नहीं पाए, उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया है। इसलिए आज कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर, एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है। ये टीका उन सभी साथियों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की आदरांजलि भी है।
भाइयों और बहनों,
मानव इतिहास में अनेक विपदाएं आईं, महामारियां आईं, भीषण युद्ध हुए, लेकिन कोरोना जैसी चुनौती की किसी ने कल्पना नहीं की थी। ये एक ऐसी महामारी थी जिसक��� अनुभव ना तो साइंस को था और ना ही सोसायटी को। तमाम देशों से जो तस्वीरें आ रही थीं, जो खबरें आ रहीं थीं, वो पूरी दुनिया के साथ-साथ हर भारतीय को विचलित कर रही थीं। ऐसे हालात में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत को लेकर तमाम आशंकाएं जता रहे थे।
लेकिन साथियों,
भारत की जिस बहुत बड़ी आबादी को हमारी कमज़ोरी बताया जा रहा है था, उसको ही हमने अपनी ताकत बना लिया। भारत ने संवेदनशीलता और सहभागिता को लड़ाई का आधार बनाया। भारत ने चौबीसों घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला ��ामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। पिछले साल आज का ही दिन था जब हमने बाकायदा सर्विलांस शुरु कर दिया था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
साथियों,
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जैसी इच्छाशक्ति दिखाई है, जो साहस दिखाया है, जो सामूहिक शक्ति का परिचय करवाया है, वो आने वाली अनेक पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। याद कीजिए जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया। हमने ताली-थाली और दीया जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा।
साथियों,
कोरोना जैसे अनजान दुश्मन, जिसके Action-Reaction को बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देश नहीं भांप पा रहे थे, उसके संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका ही यही था कि जो जहां है, वो वहीं रहे। इसलिए देश में लॉकडाउन का फैसला भी किया गया। ये निर्णय आसान नहीं था। इतनी बड़ी आबादी को घर के अंदर रखना असंभव है, इसका हमें ऐहसास था। और यहां तो देश में सब कुछ बंद होने जा रहा था, लॉकडाउन होने जा रहा था। इसका लोगों की रोजी-रोटी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका आकलन भी हमारे सामने था। लेकिन देश ने ’जान है तो जहान है’ के मंत्र पर चलते हुए प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। और हम सभी ने ये देखा है कि कैसे तुरंत ही पूरा देश, पूरा समाज इस भावना के साथ खड़ा हो गया। अनेकों बार छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी दे��े के लिए मैंने भी अनेक बार देशवासियों के साथ सीधा संवाद किया। एक तरफ जहां गरीबों को मुफ्त भोजन की व्यवस्था की गई, तो वहीं दूध, सब्ज़ी, राशन, गैस, दवा, ऐसी ज़रूरी चीज़ों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की गई। देश में व्यवस्थाएं ठीक से चलें, इसके लिए गृह मंत्रालय ने 24X7 कंट्रोल रूम शुरु किया जिस पर हजारों कॉल्स का जवाब दिया गया है, लोगों को समाधान दिया गया है।
साथियों,
कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में हमने कदम-कदम पर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए। कोरोना काल में वंदे भारत मिशन के तहत 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को विदेशों से भारत लाया गया। मुझे याद है, एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी टेस्‍टिंग लैब यहां से वहां भेज करके उसको वहां सजाया लगाया ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो।
साथियों,
भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा। ISRO, DRDO, फौज से लेकर किसानों और श्रमिकों तक, सभी एक संकल्प के साथ कैसे काम कर सकते हैं, ये भारत ने दिखाया है। ‘दो गज़ की दूरी और मास्क है जरूरी’ उस पर फोकस करने वालों में भी भारत अग्रणी देशों में रहा।
भाइयों और बहनों,
आज इन्हीं सब प्रयासों का परिणाम है कि भारत में कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर कम है और ठीक होने वालों की दर बहुत अधिक है। देश के कई जिले ऐसे हैं जहां एक भी व्यक्ति को हमें कोरोना की वजह से खोना नहीं पड़ा। इन जिलों में हर व्यक्ति कोरोना से ठीक होने के बाद अपने घर पहुंचा है। बहुत से जिले ऐसे भी हैं, जहां बीते दो सप्ताह से कोरोना संक्रमण का एक भी केस नहीं आया है। यहां तक कि लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भी भारत दुनिया में आगे निकल रहा है। भारत उन गिने-चुने देशों में है जिसने मुश्किल के बावजूद दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में ज़रूरी दवाएं और ज़रूरी मेडिकल सहायता पहुंचाई। पैरासिटामॉल हो, हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्विन हो, टेस्टिंग से जुड़ा सामान हो, भारत ने दूसरे देश के लोगों को भी बचाने की हर संभव कोशिश की। आज जब हमने अपनी वैक्सीन बना ली है, तब भी भारत की ��रफ दुनिया आशा और उम्मीद की नज़रों से देख रही है। हमारा टीकाकरण अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, दुनिया के अनेक देशों को हमारे अनुभवों का लाभ मिलेगा। भारत की वैक्सीन, हमारी उत्पादन क्षमता, पूरी मानवता के हित में काम आए, ये हमारी प्रतिबद्धता है।
भाइयों और बहनों,
ये टीकाकरण अभियान अभी लंबा चलेगा। हमें जन-जन के जीवन को बचाने में योगदान देने का मौका मिला है। इसलिए इस अभियान से जुड़ी प्रक्रिया को, उस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए भी देश में Volunteer आगे आ रहे हैं। मैं उनका स्‍वागत करता हूँ, और भी अधिक Volunteers को मैं अपना समय इस सेवा कार्य में जोड़ने के लिए जरूर आग्रह करूंगा। हां, जैसा मैंने पहले कहा, मास्क, दो गज़ की दूरी और साफ-सफाई, ये टीके के दौरान भी और बाद में भी ज़रूरी रहेंगे। टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप कोरोना से बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें। अब हमें नया प्रण लेना है- दवाई भी, कड़ाई भी ! आप सभी स्वस्थ रहें, इसी कामना के साथ इस टीकाकरण अभियान के लिए पूरे देश को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ! देश के वैज्ञानिकों का, रिसर्चस का, लैब में जुड़े हुए सब लोगों का जिन्‍होंने पूरे साल एक ऋषि की तरह अपनी लैब में जीवन खपा दिया और ये वैक्‍सीन देश और मानवता को दी है मैं उनको भी विशेष रूप से अभिनंदन करता हूँ, उनका आभार व्‍यक्‍त करता हूँ। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनांए हैं। आप जल्‍द इसका लाभ उठाएं। आप भी स्‍वस्‍थ रहें, आपका परिवार भी स्‍वस्‍थ रहे। पूरी मानव जाति इस संकट की घड़ी से बाहर निकले और स्‍वस्‍थता हम सबको प्राप्‍त हो, इसी एक कामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !
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Covid 19 Current Affairs Question in Hindi
कोरोना वायरस से जुड़े 50 महत्वपूर्ण प्रशन हिन्दी में – Covid 19 Current Affairs Question in Hindi
इस वेबसाइट का आशय यह है कि आपको हमेशा वर्तमान जानकारी मिलती रहेगी जिससे आपको आगामी परीक्षा में समर्थन मिलेगा,
यदि आप किसी Government Job की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है कि आपको Current Affairs की Knowledge हो, आपको ये जानकारी हो कि आपके राज्य में, देश में या विदेश में क्या हो रहा है, आपकी सरकार कौन से अभियान और योजनायें शुरू कर रही है.
कौन से नियम और कानून  बनाये गये हैं, ���नमें क्या बदलाव किये जा रहे हैं, देश की अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है, राजनीति में क्या हो रहा है, हमारे देश में कौन सी नई New Tecnology  आई है, विज्ञान में कौन से नए आविष्कार हो रहे हैं, हमारे देश की सेना में कौन सी Exercise चलाई जा रही हैं, आदि के बारे में जानकारी होना अति आवश्क है,
हम आपको इस वेबसाइट के माध���यम से आने वाली UPSC, IAS,  PCS, Banking, IBPS, Railway, Clerk, PO, UPPSC, RPSC, BPSC, MPPSC, TNPSC, MPSC, KPSC SSC EXAM, EXAM , HSSC EXAM, RSSC EXAM, PSSC EXAM, NDA EXAM, BANK EXAM और अन्य सरकारी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए हर रोज नई कर्रेंट अफेयर्स and GK की लेटेस्ट अपडेट देंगे जो आपको आने वाली सरकारी नोंकरी में सायता करेगी,
1. कोरोना किस प्रकार से फैलने वाली बीमारी है?
A. जीवाणु द्वारा
B. विषाणु द्वारा
C. दोनों
D. फफूंद द्वारा
Ans.     विषाणु द्वारा
2. कोरोना वायरस का पहला केश किस वर्ष मिला था?
A. 2017
B. 2018
C. 2019
D. 2020
Ans.    2019
3. कोरोना वायरस का नाम किस ��ाषा से लिया गया है?
A. हिन्दी
B. अँग्रेजी
C. लैटिन
D. चीनी
Ans.    लैटिन
4. कोरोना वायरस का पहला केश किस देश मे मिला था?
A. अमेरिका
B. रूस
C. इटली
D. चीन
Ans.   चीन
5. कोरोना वायरस का पूरा नाम क्या है?
A. 2019 नॉवेल कोरोना
B. 2019-nCoV
C. दोनों
D. क्राउन
Ans.    दोनों
6. कोरोनावायरस किस बीमारी का कारण होता है?
A.  मर्स
B.  सार्स
C.  A और B दोनों
D.  इनमें से कोई नहीं
Ans.  अ और ब दोनों
7. कोविड-19 के लिए कौन- सा वायरस जिम्मेदार है?
A. एन1एच1
B. इबोला
C. सार्स-कोव 2
D. निडोवायरस
Ans.   सार्स-कोव 2
8. कोरोनावायरस के लक्षण क्या है?
A.  बुखार
B.  खांसी
C.  सांस लेने में तकलीफ
D.  उपर्युक्त सभी
Ans.   उपर्युक्त सभी
9. इस वायरस का नाम कोरोनावायरस कैसे पड़ा?
A. क्राउन जैसा स्ट्रचर होने के कारण
B. पत्ती जैसा आकार होने के कारण
C. ईंटों जैसी सतह होने के कारण
D. इनमें से कोई नहीं
Ans.   क्राउन जैसा स्ट्रचर होने के कारण
10. WHO के द्वारा कोरोना वायरस को क्या नाम दिया है?
A. क्राउन
B. COVID-19
C. 2019-nCoV
D. सभी
Ans.    COVID-19
11. कोरोना से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे क्या-क्या बदलाव आते है?
A. निमोनिया
B. खांसी
C. जुकाम, बुखार
D. सभी
Ans.    सभी
12. कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रभाव किस मौसम मे रहता है?
A. सर्दी
B. गर्मी
C. बरसात
D. सभी मौसम मे बराबर
Ans.    सर्दी
13. कोरोना किस प्रकार का वायरस है?
A. डीएनए
B. आरएनए
C. दोनों
D. इनमे से कोई नहीं
Ans.    आरएनए
14. कोरोना वायरस दो मुख्य वायरस कौन से है?
A. MERS-CoV, SES-CoV
B. SARA-CoV , SES-CoV
C. MERS-CoV, SARA-CoV
D. SES-CoV.MEC-CoV
Ans.   MERS-CoV, SARA-CoV
15. अभी तक किस देश मे कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा मृत्यु हुई है?
A. चीन
B. ईरान
C. अमेरिका
D. इटली
Ans.     अमेरिका
16. कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति मे कितने दिनों बाद इसके लक्षण दिखाई देते है?
A. 2 दिन से 14 दिन
B. 7 दिन से 14 दिन
C. 10 दिन से 20 दिन
D. 14 दिन से 18 दिन
Ans.     2 दिन से 14 दिन
17. COVID-1 के नाम से किस वायरस को जाना जाता है?
A. कोरोना
B. SARS
C. MERS
D. सभी को
Ans.    SARS
18.   कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण किस संस्था द्वारा ग्लोबल इमरजेंसी लागू की गई है?
A. यूनिसेफ
B. डबल्यूएचओ
C. युनेस्को
D. सभी
Ans.    डबल्यूएचओ
19.   कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए डबल्यूएचओ ने कितनी धनराशी दान दी है?
A. 600 मिलियन डॉलर
B. 650 मिलियन डॉलर
C. 675 मिलियन डॉलर
D. 700 मिलियन डॉलर
Ans.  675 मिलियन डॉलर
20.   कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए ADB (एशियन डेवेलपमेंट बैंक) ने कितनी धनराशी दान दी है?
A. 2 मिलियन डॉलर
B. 60 मिलियन डॉलर
C. 67 मिलियन डॉलर
D. 70 मिलियन डॉलर
Ans.    2 मिलियन डॉलर
21.   कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए भारत ने कितनी धनराशी दान दी है?
A. 2 मिलियन डॉलर
B. 6 मिलियन डॉलर
C. 1 मिलियन डॉलर
D. 7 मिलियन डॉलर
Ans.    1 मिलियन डॉलर
22.   किस राज्य सरकार ने म्यांमार,चीन और दक्षिण पूर्व एशिया देशों से डिब्बा बांध खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है?
A. उत्तर प्रदेश
B. उत्तराखंड
C. मिजोरम
D. मणिपुर
Ans.    मणिपुर
23.    कोरोना वायरस के खतरे मे भारत किस स्थान पर है?
A. 10 वें
B. 29 वें
C. 23 वें
D. 20 वें
Ans.     23 वें
24. कोरोना वायरस से निपटने के लिए किस देश ने टास्क फोर्स का गठन किया है?
A. भारत
B. चीन
C. इटली
D. ईरान
Ans.     भारत
25.      क्या चिकन, मीट, अंडा खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण होता है?
Ans.    अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिसमें कहा जाए कि यह नॉनवेज खाने से फैल रहा है।
26.   कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत मे जनता कर्फ़्यू किस तिथि को हुआ था?
A. 21 मार्च – 2020
B. 22 मार्च – 2020
C. 23 मार्च – 2020
D. 24 मार्च – 2020
Ans.    22 मार्च – 2020
27.    कोरोना वायरस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने निम्न मे से कौन सी ई-मेल आईडी उपलब्ध कराई है?
28.   गोमूत्र पीने, अदरक, काली मिर्च, लहसुन, गर्म पानी आदि का इस्ते माल करने से कोरोना का वायरस मर जाएगा। इस पर क्या कहेंगे?
Ans.     सोशल मीडिया में फैलाई जा रहीं ये सभी जानकारियां महज भ्रांतियां हैं। इन सबसे न तो कोरोना वायरस का संक्रमण रुकेगा और न ही यह ठीक करने की दवा है। अदरक, लहसुन, काली मिर्च से गले में वायरस मर जाएगा, इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं है।
29.   कोरोना वाइरस से जुड़ी जानकारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कौन सा नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया है?
A. 102
B. 1098
C. 1075
D. 1198
Ans.     1075
30. आस्ट्रेलिया मे कोरोना वायरस की वैक्सीन किस भारतीय वैज्ञानिक की अगुआई मे तैयार की जा रही है?
A. ऋषभ सिंह
B. एसएस वासन
C. के एल कालेकर
D. सभी
Ans.    एसएस वासन
31. चाइना के वुहान शहर मे फसे 324 भारतीयों को किस विमान से बाहर निकाला गया था
A. एयर इंडिया
B. विस्तारा
C. पवन हंस
D. इंडिगो
Ans.     एयर इंडिया
33. कोविड-19 के वैक्सीन के लिए हाल ही में मनुष्यों पर पहला परिक्षण कहां पर शुरू हुआ है,
A. रूस
B. अमेरिका
C. जापान
D. भारत
Ans.  अमेरिका
33.  अभी हाल ही में कोरोना वायरस ट्रैकर किसने लांच किया है
A. माइक्रोसॉफ्ट
B. मक्रोव��ब
C. मक्रोवोर्ल्ड
नेटफ्लेसी
Ans.  माइक्रोसॉफ्ट
34.   कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वच्छ हाथों की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए सेफहैंड़स चुनौती की शुरूआत किसने की है
A. WHO
B. DWO
C. MON
D. ESRO
Ans.  WHO
35.  किसने कोविड-19 महामारी से संबंधित जानकारी के लिए एक वेबसाइट लांच की है
A. SAARC आपदा प्रबंधन केंद्र
B. AAWER आपदा प्रबंधन केंद्र
C. WQRST आपदा प्रबंधन केंद्र
D. GHTUO आपदा प्रबंधन केंद्र
Ans.  SAARC आपदा प्रबंधन केंद्र
36.   मणिपुर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग ने कोरोना वायरस के मद्देनजर इथाईल अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर की कितनी बोतलें बनाई है,
A. 500
B. 600
C. 400
D. 300
Ans.  500
37.    किस बैंक ने IND – COVID इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन की घोषणा की है
A.INDIA BANK
B.SBI BANK
C.PNB BANK
D.ICICI BANK
Ans.   इंडियन बैंक
38.   भारत में कोरोना वायरस से पहले मृत्यु किस राज्य में हुई थी?
A. कर्नाटक
B. हरयाणा
C. पंजाब
D. उतर्पर्देश
Ans.   कर्नाटक
39.    सूक्ष्मदर्शी (Microscope) द्वारा देखने पर कोरोना वायरस की संरचना किसके समान दिखाई देती है?
A. मुकुट के समान
B. मछर के समान
C. चीटी के समान
D. फुल के समान
Ans.   मुकुट के समान
40.    हाल ही मे किस देश ने कपड़ों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है?
A. नेपाल
B. भूटान
C. अमेरिका
D. भारत
Ans.    भारत
41.    कोरोना वायरस क्या है?
A. यह वायरस का एक बड़ा परिवार जैसा है.
B. यह निडोवायरस के परिवार से संबंधित है.
C. A और B दोनों सही हैं
D. केवल Aसही है।
Ans.   A और B दोनों सही हैं
16 August 2020 Today Current Affairs in Hindi 16 अगस्त 2020 आज की ताज़ा कर्रेंट अफेयर्स
42.   11 फरवरी, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी के लिए एक आधिकारिक नाम की घोषणा की है जो कि 2019 नॉवेल कोरोना वायरस के प्रकोप का कारण बन रही है? इस बिमारी का नया नाम क्या है?
A. COVID-19
B. COVn-19
C. COnV-20
D. COnVID-19
Ans.   COVID -19
43.   नॉवेल कोरोनो वायरस के पहले मामले की पहचान कहां हुई थी?
A. बीजिंग
B. शंघाई
C. वुहान
D. तिआनजिन
Ans.   वुहान
44.   कोरोना वायरस निम्नलिखित में से किस बीमारी से संबंधित है?
A. MERS
B. SARS
C. A और B दोनों
D. न तो A और न ही B
Ans.   C. A और B दोनों –  ( MERS Middle East Respiratory Syndrome और SARS  Severe Acute Respiratory Syndrome )
45.    कोरोना वायरस का नाम कहां से पड़ा?
A. crown-like projection जैसे अनुमानों के कारण.
B. leaf-like projection जैसे अनुमानों के कारण.
C. ईंटों की उनकी सतह संरचना के कारण.
D. उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans.   crown-like projection जैसे अनुमानों के कारण
46.   कोरोना वायरस से बचने के लिए कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है?
A. छींक आने पर अपनी नाक और मुंह ढक कर रखें.
B. अपने आहार में अधिक लहसुन शामिल करें.
C. एंटीबायोटिक्स उपचार के लिए अपने डॉक्टर से मिलें.
D. हर घंटे के बाद अपने हाथ धोएं.
Ans.  छींक आने पर अपनी नाक और मुंह ढक कर रखें
47.    सैनिटाइजर के कई ब्रांड बाज़ार में उपलब्ध हैं। लोगों में भ्रमित हैं कि कौन सा लें कौन सा न लें। इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?
Ans.    उनको पहले देखना चाहिए कि बॉटल पर एल्कोउहल बेस्डं लिखा है या नहीं, क्योंकि एल्को हल बेस्डक सैनिटाइजर वायरस को मार देता है।
48.    कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें, क्या-क्या सावधानियां बरतें?
Ans.     अगर किसी को ज़ुकाम, नज़ला, खांसी है तो वह अपनी खांसी को ढके या फिर अपनी बाज़ू में खांसे। टिश्यूि या रुमाल का प्रयोग करे।
49.    गांव में एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर उपलब्धइ नहीं रहता है। ऐसी सिचुवेशन में किस तरह से हमें हाथ साफ करना चाहिए?
Ans.    जरूरी नहीं है कि आपके पास सैनिटाइजर हो। साबुन से अगर अच्छे   से हाथ धोएं, वही बहुत है। साबुन से हाथ धोना सेनइटाइजर से बेहतर है।
50.    हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल कब करें?
Ans.   अगर आप सफर कर रहे हैं, तो मजबूरी है कि आप सैनिटाइजर का प्रयोग करें, लेकिन अगर आप ऐसी जगह पर हैं, जहां पानी और साबुन उपलब्धक है, तो उसका ही इस्ते,माल करना चाहिए,
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