#कोविड -19 प्रभाव अर्थव्यवस्था
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lok-shakti · 3 years ago
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अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के सीमित प्रभाव के कारण तेजी से रिकवरी की उम्मीद: सर्वेक्षण
अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के सीमित प्रभाव के कारण तेजी से रिकवरी की उम्मीद: सर्वेक्षण
सीआईआई के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था को कोविड -19 की दूसरी लहर के प्रभाव से तेजी से उबरने की उम्मीद है क्योंकि लॉकडाउन को बड़े पैमाने पर सामाजिक समारोहों को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था और आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा प्रभावित नहीं करता था। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लगभग 60 प्रतिशत सीईओ को उम्मीद है कि उनकी कंपनियों की बिक्री में सुधार महामारी की पहली लहर की…
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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चीन में आर्थिक अर्थव्यवस्था के प्रभाव से पर्यावरण की चुनौती, शी पेंग ने ये देखभाल की है
चीन में आर्थिक अर्थव्यवस्था के प्रभाव से पर्यावरण की चुनौती, शी पेंग ने ये देखभाल की है
चिंराट में एक बार फिर से पायरा होता है। कुछ अन्य स्थितियों में भी त्वरित गति से स्थिति होती है। स्थिति में है। इस बीच चीन के राष्ट्रपति चुनाव के प्रभाव में हैं। शी पिपिंग की ये योजना इकठ्ठा करने के लिए आवश्यक है. . स्थायी रूप से खराब होने पर स्कूल बंद हो जाएगा"टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;"> विकास और के प्रभाव को कम करने की चुनौती राष्ट्रपति जी.जी. इसके तः हिन्दी कम से कम कीमत पर प्रभाव और आर्थिक…
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24daynews · 4 years ago
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ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज की रिपोर्ट अगर लॉकडाउन का असर पड़ा तो हर हफ्ते 9 हजार करोड़ का नुकसान होगा - लॉकडाउन: हर हफ्ते 9 हजार करोड़ का नुकसान होगा, बार्कलेज ने जारी की रिपोर्ट
ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज की रिपोर्ट अगर लॉकडाउन का असर पड़ा तो हर हफ्ते 9 हजार करोड़ का नुकसान होगा – लॉकडाउन: हर हफ्ते 9 हजार करोड़ का नुकसान होगा, बार्कलेज ने जारी की रिपोर्ट
एजेंसी, मुंबई द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप अपडेटेड मैट, 14 अप्रैल 2021 06:18 AM IST अर्थव्यवस्था पर कोरोना का असर (सांकेतिक चित्र) – फोटो: पिक्साबे ख़बर सुनना ख़बर सुनना कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने के कारण कई राज्यों में यातायात और व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाए जाने से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर सप्ताह 9.37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट…
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24gnewshindi · 4 years ago
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65 प्रतिशत कम, निम्न-मध्यम आय वाले देशों ने COVID-19 के प्रकोप के बाद शिक्षा बजट को घटा दिया: रिपोर्ट
65 प्रतिशत कम, निम्न-मध्यम आय वाले देशों ने COVID-19 के प्रकोप के बाद शिक्षा बजट को घटा दिया: रिपोर्ट
शुरुआत के बाद शिक्षा बजट में निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों के 65 प्रतिशत की कटौती की गई थी COVID-19 सर्वव्यापी महामारी जबकि विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, उच्च और मध्यम-मध्यम आय वाले देशों में से केवल 33 प्रतिशत ने ऐसा किया। रिपोर्ट, के सहयोग से संकलित यूनेस्को की ��ैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) की रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में सरकारी खर्चों का मौजूदा…
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ckpcity · 4 years ago
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ग्लोबल हाउसिंग मार्केट्स कोरोनोवायरस महामारी की उच्च बेरोजगारी: रायटर पोल द्वारा भेजी गई
ग्लोबल हाउसिंग मार्केट्स कोरोनोवायरस महामारी की उच्च बेरोजगारी: रायटर पोल द्वारा भेजी गई
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प्रतिनिधित्व के लिए छवि।
शहर के केंद्रों से उपनगरों में प्रवासन के रूप में अधिक लोग घर से काम करने के आदी हैं और जो अंतरिक्ष और उद्यानों की तलाश कर सकते हैं वे प्रमुख शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को कम कर सकते हैं।
रायटर बेंगलुरु
आखरी अपडेट: 25 जून, 2020, 11:24 AM IST
प्रमुख ��ैश्विक आवास बाजारों के लिए दृष्टिकोण कमजोर लग रहा है, कोरोनोवायरस महामारी और लॉकडाउन और उच्च आव्रजन से उच्च…
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tezlivenews · 3 years ago
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निकट अवधि में अधिकतम रोजगार, आय प्रभाव के लिए खर्च को प्राथमिकता देना जरूरी: एमपीसी सदस्य
निकट अवधि में अधिकतम रोजगार, आय प्रभाव के लिए खर्च को प्राथमिकता देना जरूरी: एमपीसी सदस्य
(���िजय कुमार सिंह) नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) जानेमाने अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य शशांक भिड़े ने रविवार को कहा कि अगर कोविड-19 महामारी पर काबू पा लिया गया, तो भारतीय अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि महामारी पर नियंत्रण के साथ ही लघु अवधि में अधिकतम रोजगार हासिल करने और आय प्रभाव के लिए खर्च को प्राथमिकता देना जरूरी…
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newsdaliy · 2 years ago
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Q1 में 13.5% पर, GDP एक वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ती है
Q1 में 13.5% पर, GDP एक वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ती है
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था अनुकूल आधार प्रभाव और खेत, सेवाओं, निर्माण और निजी खपत में मजबूत वृद्धि से मदद मिली, क्योंकि आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के बाद गति पकड़ी गई थी। कोविड -19 कर्ब और संपर्क-गहन क्षेत्रों में पुनरुद्धार। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी सालाना 13.5% बढ़ी है, जो पिछली तिमाही…
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dailyhantnews · 2 years ago
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चीन की जीडीपी ग्रोथ दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम...
चीन की जीडीपी ग्रोथ दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम…
जबकि चीन का निर्यात जून में अपेक्षा से अधिक बढ़ा, आयात उम्मीद से काफी कम हो गया। यहां चित्रित श्रमिकों ने 13 जुलाई, 2022 को क़िंगदाओ में एक कंटेनर शिप टर्मिनल कीटाणुरहित किया। भविष्य रिलीज | भविष्य रिलीज | गेटी इमेजेज बीजिंग – चीन ने एक साल पहले की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 0.4% दर्ज की, जिससे उम्मीदें गायब हो गईं क्योंकि अर्थव्यवस्था कोविड -19 के प्रभाव को दूर करने के लिए…
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divyabhashkar · 3 years ago
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मनीष सिसोदिया रु. 75,800 करोड़ रुपये का 'रोजगार बजट' पेश किया, नई इलेक्ट्रॉनिक सिटी का वादा | भारत समाचार
मनीष सिसोदिया रु. 75,800 करोड़ रुपये का ‘रोजगार बजट’ पेश किया, नई इलेक्ट्रॉनिक सिटी का वादा | भारत समाचार
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार (26 मार्च, 2022) को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रु. 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा, ”दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कोविड-19 के प्रभाव से उबर रही है. 2022-23 के लिए बजट आवंटन 75,800 करोड़ रुपये है.” दिल्ली के डिप्टी सीएमए ने कहा, “आज हम आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक…
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poonamranius · 3 years ago
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Kisan Credit Card Yojana : किसान घर बैठे ऐसे उठा सकते हैं KCC का लाभ, जानिए क्या है KCC और कैसे करें आवेदन
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केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश के किसानों (Farmers) की हालत में सुधार लाने के लिए और उनकी परेशानियों को हल करने के लिए कई तरह की बड़ी योजनाओं (Farmers Schemes) की शुरूआत की है, जिसके लाभ से उनकी हर परेशानी का हल निकल पा रहा है। साथ ही सभी लाभार्थी किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए खेती से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से लोन ले सकते हैं, जिससे उनको अब किसी भी साहूकारों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।  Kisan Credit Card Scheme के अंतर्ग�� देश के किसानों को एक क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाएगा। जिसके माध्यम से उन्हें 1 लाख 60 हजार का का लोन दिया जाएगा। इस लोन के माध्यम से देश के किसान अपनी खेती की और अच्छे से देखभाल कर पाएंगे। इसी के साथ किसान अपनी फसल का बीमा भी करा पाएंगे। हाल ही में किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत पशु पालक तथा मछुआरों को भी शामिल किया गया है।  किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य ( Objective of Kisan Credit Card Scheme ) जैसे की आप सब जानते ही है की अभी भारत में कोरोना वायरस फैला हुआ है जिसके कारण पुरे देश में लॉक डाउन कर दिया है। और ऐसी स्थिति में सभी उद्योग धंधे बंद कर दिए गए है जिससे की पुरे भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसलिए आरबीआई ने लोगो को राहत देते हुए तीन महीनो के लिए ब्याज ऋण के लिए मोहलत देने की घोषणा की है। और जिन किसानो ने किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऋण लिया था उन्हें भी कोविड -19 के तहत राहत दी जाएगी। इस योजना के तहत दुग्ध उत्पादक कम्पनियो के 1.5 करोड़ किसानो को क्रेडिट कार्ड प्राप्त कराये जायेंगे। सरकार के द्वारा पहले ही जानवरो को पालने के लिए, डेयरी के लिए आदि व्यवसाय को शुरू करने के लिए लोन की आवश्यकता को पूरा करता है। और जलीय जीव, झींगा, मछलियों, पक्षियों को पकड़ने के लिए और अल्पकालिक क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण देने की योजना चलाई जा रही है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना की विशेषताएं - पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना का भी लाभ प्रदान किया जाता है। - यह लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें बैंक में फॉर्म जमा करना होगा। - आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भी सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए जा रहे हैं। - इन क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को आसानी से एवं कम ब्याज पर लोन उपलब्ध करवाया जाता है। - वह सभी किसान जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया है और किसी कारणवश उनका कार्ड बंद हो गया है तो उसे दोबारा से चालू करना बहुत आसान है। - किसान क्रेडिट कार्ड की वैलिडिटी 5 साल होती है। - पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध केसीसी फॉर्म के माध्यम से आप अपने कार्ड की लिमिट बढ़ा सकते हैं एवं बंद कार्ड को दुबारा से शुरू कर सकते हैं। - किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लाभार्थी ₹300000 तक का लोन 9% ब्याज पर प्राप्त कर सकते हैं। - सरकार द्वारा इस ब्याज पर 2% की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यानी कि किसानों को केवल 7% ब्याज पर लोन प्रदान किया जाएगा। - यदि किसान समय से लोन चुका देता है तो उसे 3% की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाती है। यानी की इस स्थिति में किसान को केवल 4% का ब्याज का भुगतान करना होगा। - क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ - इस योजना का लाभ देश के सभी किसान उठा सकते है। - क्रेडिट कार्ड योजना किसान 2022 के तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जुड़े सभी किसानो को इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा। - देश के किसानो को इस क्रेडिट कार्ड के ज़रिये 1 लाख 60 हज़ार रूपये का लोन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा। - इस योजना के तहत लोन प्राप्त करने किसान अपनी खेती बड़ी को अच्छे से कर सकेंगे। - इस योजना का लाभ देश के 14 करोड़ किसानो को उपलब्ध कराया जायेगा। - किसानों के लिए ब्याज का बोझ कम करने के लिए। - किसान क्रेडिट कार्ड हर बैंक में लोन ले सकता है। किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता  ( Eligibility for Kisan Credit Card ) किसान (Farmers) भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए। किसान के पास खेती के लिए योग्य जमीन होनी चाहिए। इसके अलावा खेती और कृषि गतिविधियों में शामिल व्यक्ति Kisan Credit Card के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों की उम्र 18 से 75 साल के बीच होनी चाहिए! 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए सह-आवेदक होना जरूरी है। साथ ही किरायेदार किसान, मौखिक पट्टे और खेती के लिए योग्य जमीन के साझा कर्ता, खुद सहायता समूह या संयुक्त देयता समूह, जो शेयरधारक या किरायेदार किसानों द्वारा गठित हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के लिए दस्तावेज (Documents for Kisan Credit Card) - आवेदक का आधार कार्ड (Applicant’s Aadhar Card) - किसान भारतीय निवासी होना चाहिए (Farmer Must Be Resident of Indian) - जमीन की नकल (Land Copy) - पैन कार्ड (PAN Card) - मोबाइल नंबर (Mobile Number) - पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo) - किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application For Kisan Credit Card) जो भी देश का लाभार्थी किसान (Beneficiary Farmer) सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ( PMKSNY ) के तहत लाभ पाने के लिए अपना किसान क्रेडिट कार्ड ( Kisan Credit Card ) बनवाने के लिए आवेदन करना चाहते हैं।  सबसे पहले आपको पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) की आधिकारिक वेबसाइट ( pmkisan.gov.in ) पर जाना होगा। इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जायेगा। होम पेज पर आपको मेन्यू में Download KCC Form के विकल्प पर क्लिक करना है। इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जायेगा। इसके बाद आपके सामने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऑनलाइन आवेदन फॉर्म PDF फॉर्मेट में खुल जायेगा। अब आपको दाएं और दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवेदन पत्र को डाउनलोड करना होगा। किसान क्रेडिट कार्ड आवेदन पत्र को डाउनलोड करने के बाद आपको उनमे सभी जरूरी जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके बाद आप आवेदन पत्र के साथ सभी जरूरी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी को अटैच कर दें। KCC Loan आवेदन पत्र में अपने द्वारा दर्ज सभी जानकारी की अच्छी तरह से जांच करने के बाद अपने पास के किसी Bank ब्रांच में जमा कराना होगा। बैंक द्वारा आवेदन पत्र में आपके द्वारा दर्ज जानकारी की वेरिफिकेशन के 14 दिन के अंदर-अंदर पीएम किसान सम्मान योजना ( PM Kisna Samman Nidhi ) के लाभार्थी को केसीसी लोन कार्ड (Kisan Credit Card) उपलब्ध करा दिया जाएगा। Read the full article
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insolubleworld · 3 years ago
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ईयर एंडर 2021: पुष्पा से वेकेल साब, साल की 5 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तेलुगु फिल्में
ईयर एंडर 2021: पुष्पा से वेकेल साब, साल की 5 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तेलुगु फिल्में
वर्ष समाप्ति 2021: कई अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों की तरह, महामारी के कारण सिनेमा उद्योग को एक महत्वपूर्ण प्रभाव का सामना करना पड़ा। कोविड -19 मामलों में वृद्धि के साथ, जब मूवी हॉल बंद हो गए, फिल्म उद्योग की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ। स्वाभाविक रूप से एक बार जब सिनेमाघरों ने पहले की तरह ही फिल्मों का प्रदर्शन शुरू किया, तो यह वास्तव में बहुत अच्छी खबर थी। 2022 से पहले, यहां तेलुगु में शीर्ष 5…
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doonitedin · 3 years ago
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बाल वनिता आश्रम के बच्चों के साथ CM ने जन्म दिवस मनाया
बाल वनिता आश्रम के बच्चों के साथ CM ने जन्म दिवस मनाया
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम में जाकर बच्चों के साथ अपना जन्म दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया एवं बच्चों को मिष्ठान वितरण किया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि कोविड-19 से वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में रोजगार एवं अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड…
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hindi-news-india · 3 years ago
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम में जाकर बच्चों के साथ अपना जन्म दिवस मनाया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम में जाकर बच्चों के साथ अपना जन्म दिवस मनाया #pushkarsinghdhami #dehradun #uttarakhand
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम में जाकर बच्चों के साथ अपना जन्म दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया एवं बच्चों को मिष्ठान वितरण किया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि कोविड-19 से वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में रोजगार एवं अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड…
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praveenpradhan254121 · 3 years ago
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शिपिंग कंटेनरों के किराए में वृद्धि: जानिए इसके पीछे के कारण और निर्यातकों पर प्रभाव
शिपिंग कंटेनरों के किराए में वृद्धि: जानिए इसके पीछे के कारण और निर्यातकों पर प्रभाव
पिछले साल कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप ने देश के आयात और निर्यात को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे शिपिंग कंटेनरों का किराया भी बढ़ गया है। कोविड-19 महामारी ने भारत समेत दुनिया की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। आयात-निर्यात सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। लेकिन अचानक मांग बढ़ गई, जिससे निर्यातकों के सामने एक बड़ी चुनौती कंटेनरों का बढ़ता किराया था। दुनिया भर में लगभग…
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lok-shakti · 3 years ago
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आर्थिक सुधार शुरू; उद्योग ने विकास की गति को बनाए रखने के लिए सिफारिशें दीं
आर्थिक सुधार शुरू; उद्योग ने विकास की गति को बनाए रखने के लिए सिफारिशें दीं
जून 2021 के लिए, जीपीएस इंडेक्स मई 2021 के नौ महीने के निचले स्तर 91.5 से 110.3 पर दर्ज किया गया था। दूसरी कोविड -19 लहर के धीरे-धीरे घटने के साथ, जून में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई, जिससे अर्थव्यवस्था के लिए एक गुंजाइश पैदा हुई। बढ़ना। अप्रैल और मई 2021 के महीनों में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक कठिन प्रभाव देखा। हालांकि जून 2021 से आर्थिक और कारोबारी संकेतकों में सुधार दिखा है। पीएचडी चैंबर ऑफ…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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संक्रमण की दर काफी चिंताजनक, अर्थव्यवस्था को दुर्बल करने वाला हो सकता है स्वास्थ्य संकट: आरबीआई Divya Sandesh
#Divyasandesh
संक्रमण की दर काफी चिंताजनक, अर्थव्यवस्था को दुर्बल करने वाला हो सकता है स्वास्थ्य संकट: आरबीआई
नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय संकटों की तुलना में, स्वास्थ्य संकट वास्तविक अर्थव्यवस्था पर अधिक व्यापक और दुर्बल करने वाला हो सकता है। रिपोर्ट में स्वास्थ्य संकट को देखते हुए एक जोखिम की स्थिति का अनुमान लगाया गया है भविष्य की लहरों के लिए तैयार रहना को कहा गया है।
इसमें कहा गया है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था के परि²श में निजी निवेश गायब है और इसे पुनर्जीवित करना जरूरी है। रिपोर्ट में उद्यमशीलता पर जोर देने की बात कही गई है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि दूसरी ���हर में संक्रमण की दर काफी चिंताजनक है। इतनी तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्य ढांचे को क्षमता के लिहाज से विस्तारित करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर वृद्धि लौटने और अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की स्थिति में यह महत्वपूर्ण होगा कि सरकार बाहर निकलने की एक स्पष्ट नीति का पालन करे और राजकोषीय बफर बनाए जिसका इस्तेमाल भविष्य में वृद्धि को लगने वाले झटकों की स्थिति में किया जाए।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी परि²श्य के समक्ष सबसे बड़ा जोखिम है। सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने, क्षमता का इस्तेमाल अधिक होने तथा पूंजीगत सामान के आयात बेहतर रहने से अर्थव्यवस्था में सुधार की गुंजाइश बन रही है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि महामारी के खिलाफ व्यक्तिगत देशों के संघर्ष के बजाय सामूहिक वैश्विक प्रयासों से निश्चित रूप से बेहतर नतीजे हासिल होंगे।रिपोर्ट में महामारी की तैयारी के संदर्भ में सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।
महामारी ने भारत में न केवल लाखों लोगों की जान ली है, बल्कि इसका आर्थिक प्रभाव भी काफी पड़ा है और इसी वजह से वर्ष 2020 में उत्पादन और रोजगार के लिहाज से नुकसान दर्ज किया गया है, जो कि विश्व स्तर पर और भारत में इतिहास में अभूतपूर्व स्थिति रही है। यह अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 9.5 करोड़ अतिरिक्त लोग इस दौरान अत्यधिक गरीबी में जीने को मजबूर हुए हैं, जिनमें से 8 करोड़ से अधिक कुपोषित हैं और प्रवृत्ति ज्यादातर कम आय वाले देशों में देखी गई है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि ठीक एक साल पहले जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया था और भारत ने मार्च में सख्त लॉकडाउन लगाया था तभी से एक गहरी निराशा और जोखिम मनोविकृति व्यापक हो गई थी।
इसमें कहा गया है कि महामारी की वजह से लोगों का जीवन बाधित हो गया है और जीवन शैली मौलिक रूप से बदल गई है। भारत में, गतिविधि के कुछ क्षेत्रों विशेष रूप से गहन संपर्क वाले क्षेत्रों में गहरा घाव देखने को मिला है, जबकि अन्य जैसे कृषि और संबद्ध गतिविधियों, सूचना प्रौद्योगिकी, राजमार्ग अवसंरचना, ट्रैक्टर बिक्री, रेलवे भाड़ा, बिजली की मांग और घरेलू व्यापार ने दुर्लभ लचीलापन दिखाया है। –आईएएनएस Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप 
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