#किशोर का मन
Explore tagged Tumblr posts
adhoori-kahani · 9 months ago
Text
सच है,
विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।
मुख से न कभी उफ कहते हैं,
संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाने को,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके वीर नर के मग मेंखम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़।
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
गुण बडे एक़ से एक प्रख़र,
हैं छिपें मानवो के भीतर,
मेहदीं मे जैसे लालीं हो,
वर्तिंका-बीच ऊजियाली हों।
बत्तीं जो नही ज़लाता हैं,
रोशनी नही वह पाता हैं।
पीसा ज़ाता जब इक्षु-दण्ड,
झ़रती रस की धारा अख़ण्ड,
मेहदी जब सहती हैं प्रहार,
बनतीं ललनाओ का सिगार।
ज़ब फ़ूल पिरोए जाते है,
हम उनकों गले लगातें है।
वसुधा का नेंता कौंन हुआ?
भूख़ण्ड-विजे़ेता कौंन हुआ?
अतुलिंत यश क्रेता कौंन हुआ?
नव-धर्मं प्रणेता कौंन हुआ?
ज़िसने न कभीं आराम क़िया,
विघ्नो मे रहकर नाम क़िया।
जब विघ्ऩ सामनें आते है,
सोतें से हमें ज़गाते है,
मन को मरोडते है पल-पल,
तन को झ़झोरते है पल-पल।
सत्पंथ की ओर लगाक़र ही,
जाते है हमे ज़गाकर ही।
वाटिक़ा और वन एक़ नही,
आराम और रण एक़ नही।
वर्षां, अंधड, आतप अख़ंड,पौरुष के है साधन प्रचण्ड़।
वन मे प्रसून तो ख़िलते है,
बागो मे शाल न मिलते है।
कङकरियां जिनकी सेज़ सुघर,
छाया देता क़ेवल अम्बर,
विपदाए दूध पिलाती है,
लोरी आंधियां सुनाती है।
जों लाक्षा-गृह मे ज़लते है,
वें ही सूरमा निक़लते है।
बढकर विपत्तियो पर छा ज़ा,मेरें किशोर! मेरें ताजा!
ज़ीवन का रस छन ज़ाने दे,तन को पत्थर ब़न जाने दें,
तू स्वयं तेज़ भयक़ारी हैं,क्या क़र सकती चिंगारी है???
~ रामधारी सिंह ‘दिनकर’
29 notes · View notes
sobersinner01 · 7 months ago
Text
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखण्ड-विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया।
जब विघ्न सामने आते हैं,
सोते से हमें जगाते हैं,
मन को मरोड़ते हैं पल-पल,
तन को झँझोरते हैं पल-पल।
सत्पथ की ओर लगाकर ही,
जाते हैं हमें जगाकर ही।
वाटिका और वन एक नहीं,
आराम और रण एक नहीं।
वर्षा, अंधड़, आतप अखंड,
पौरुष के हैं साधन प्रचण्ड।
वन में प्रसून तो खिलते हैं,
बागों में शाल न मिलते हैं।
कङ्करियाँ जिनकी सेज सुघर,
छाया देता केवल अम्बर,
विपदाएँ दूध पिलाती है
लोरी आँधियाँ सुनाती हैं।
जो लाक्षा-गृह में जलते हैं,
वे ही शूरमा निकलते हैं।
बढ़कर विपत्तियों पर छा जा,
मेरे किशोर! मेरे ताजा!
जीवन का रस छन जाने दे,
तन को पत्थर बन जाने दे।
तू स्वयं तेज भयकारी है,
क्या कर सकती चिनगारी है?
2 notes · View notes
rightnewshindi · 29 days ago
Text
गर्लफ्रेंड के घर जाने से रोकने पर भड़का किशोर, गोली मारकर की छह हत्याएं; गर्भवती भाभी को भी नहीं छोड़ा
America News: 24 जनवरी 2021 की वो भयानक रात, जब एक शख्स ने अपने ही परिवार के 6 लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया। वो एक-एक कर कमरों के दरवाजे खोलता गया और जो सामने आया, उसे गोली मारता गया। पहले पिता, फिर मा��, इसके बाद बहन और भाई। इतने से भी जब उसका मन नहीं भरा, तो उसने अपनी उस भाभी को भी गोली मार दी, जिसके गर्भ में एक नन्ही जान पल रही थी। अब इसी कातिल को 6 हत्याओं का दोषी माना गया है और उसे हर कत्ल…
0 notes
drmadhurendupandey · 3 months ago
Text
पुरुषों के स्वास्थ्य समस्याओं का संपूर्ण समाधान
Tumblr media
पुरुषों के स्वास्थ्य का महत्व
पुरुषों का स्वास्थ्य एक व्यापक विषय है जो शारीरिक, मानसिक, और यौन स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। पुरुषों के जीवन में स्वास्थ्य समस्याएँ आम हो सकती हैं, लेकिन इन्हें सही समय पर पहचानकर और उचित इलाज से निपटना आवश्यक है।
स्वस्थ शरीर और मन की आवश्यकता
स्वस्थ शरीर और मन, जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि दोनों का आपस में गहरा संबंध है।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संबंध
मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएँ शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं, जैसे उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ, और सेक्स से जुड़ी समस्याएँ।
पुरुषों में आम स्वास्थ्य समस्याएँ
पुरुषों में कई स्वास्थ्य समस्याएँ देखी जाती हैं, जिनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और मोटापा प्रमुख हैं।
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप पुरुषों में एक आम समस्या बन च���की है। यह समस्याएँ अक्��र अस्वस्थ जीवनशैली, उच्च वसा वाला आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी से उत्पन्न होती हैं।
मधुमेह और इसके प्रभाव
मधुमेह भी एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, जो न केवल शरीर में शर्करा के स्तर को प्रभावित करता है, बल्कि अन्य अंगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
मोटापा और इसके कारण
मोटापा न केवल शरीर को भारी बनाता है, बल्कि यह हृदय, लीवर, और अन्य अंगों पर भी असर डालता है। इससे पुरुषों में यौन समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।
सेक्स से जुड़ी समस्याएँ और समाधान
पुरुषों में सेक्स से जुड़ी समस्याएँ जैसे सेक्स कमजोरी, यौन इच्छाशक्ति में कमी, और इरेक्टाइल डिसफंक्शन आम होती हैं। ये समस्याएँ शारीरिक और मानसिक कारणों से उत्पन्न हो सकती हैं।
सेक्स कमजोरी के कारण और उपचार
सेक्स कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक थकान, मानसिक तनाव, और कुछ रोग शामिल हैं। इसका इलाज शारीरिक व्यायाम, आहार सुधार, और मानसिक संतुलन बनाए रखने से किया जा सकता है।
यौन इच्छाशक्ति में कमी
यौन इच्छाशक्ति में कमी अक्सर मानसिक तनाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। योग, ध्यान, और कुछ विशेष आहार इस समस्या में मददगार साबित हो सकते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज दवाओं, काउंसलिंग, और जीवनशैली में सुधार से किया जा सकता है।
आहार और जीवनशैली में परिवर्तन
आहार और जीवनशैली में सुधार, जैसे फल, सब्जियों, और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन और नियमित व्यायाम, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कम कर सकता है।
चिकित्सा और दवाइयाँ
चिकित्सकीय सहायता और दवाइयाँ, जैसे PDE5 inhibitors, भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के ��लाज में प्रभावी हो सकते हैं।
स्वप्नदोष: कारण, प्रभाव और समाधान
स्वप्नदोष एक सामान्य समस्या है जो अक्सर किशोर और युवाओं में देखी जाती है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकती है।
स्वप्नदोष क्या है?
स्वप्नदोष, जिसे नाइटफॉल भी कहा जाता है, तब होता है जब पुरुष नींद में स्वप्न के दौरान वीर्यपात करते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब यह बार-बार हो, तो इसे समस्याग्रस्त माना जा सकता है।
स्वप्नदोष के मुख्य कारण
स्वप्नदोष के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अश्लील सामग्री देखना, अत्यधिक मानसिक उत्तेजना, या किसी चिंता या तनाव का होना।
स्वप्नदोष का प्रभाव
स्वप्नदोष का प्रभाव मानसिक और शारीरिक हो सकता है। अत्यधिक स्वप्नदोष से शारीरिक कमजोरी और मानसिक तनाव हो सकता है।
स्वप्नदोष से बचाव के उपाय
स्वप्नदोष से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, योग और ध्यान, और उत्तेजक सामग्री से दूर रहना फायदेमंद हो सकता है।
गुप्तरोग: पुरुषों के लिए प्रमुख चिंताएँ
गुप्तरोग, पुरुषों के लिए गंभीर चिंताओं में से एक है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गुप्तरोग की पहचान और लक्षण
गुप्तरोग, यौन स��क्रमित बीमारियाँ होती हैं, जो आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंधों से फैलती हैं। इनके लक्षणों में जननांगों में जलन, घाव, और सूजन शामिल हो सकते हैं।
गुप्तरोग के प्रकार और उनके उपचार
गुप्तरोग कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे सिफलिस, गोनोरिया, और एचआईवी। प्रत्येक का उपचार अलग-अलग होता है, और इसके लिए चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक होता है।
चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता
गुप्तरोग के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। उचित समय पर इलाज न कराने से यह रोग बढ़ सकता है और गंभीर हो सकता है।
पुरुषों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पुरुष अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।
नियमित व्यायाम का महत्व
नियमित व्यायाम न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। यह हृदय रोग और मोटापे जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
संतुलित आहार और पोषण
संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन शामिल हों, शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और विभिन्न बीमारियों से बचाता है।
तनाव प्रबंधन और योग
योग और ध्यान, मानसिक तनाव को कम करने और यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। यह मानसिक शांति और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
पुरुषों के स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान एकीकृत दृष्टिकोण से संभव है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, और यौन स्वास्थ्य को समान महत्व दिया जाना चाहिए। उचित समय पर चिकित्सा
0 notes
ykpurohit · 15 hours ago
Text
Dear sir..
Good morning
Yes the words are our best tool for create to better life in our human community . I am learning how to create and use to words in life ..
So one exersise as a example for your notice ..
मित्रों वरिष्ठ साहित्यकार बीकानेर डॉ. शंकर लाला स्वामी जी द्वारा उपहार स्वरुप दी गयी पुस्तक जो की उनके समग्र साहित्य जीवन यात्रा पर केंद्रित एक विशेषांक के रूप में प्रकाशित मरू नव किरण प्रकाशन से है मुझे उनके कर कमलों से उनके निवास स्थान पर प्राप्त हुई एक लोकार्पण समारोह के उपरांत ! आज पुस्तक का अध्ययन किया , पुस्तक का प्रकाशन 119 पृष्ठों में किया गया है ! जो बहुत ही शानदार प्रकाशन है मरू नव किरण प्रकाशन की ओर से !
ये पुस्तक दो खंड में पढ़ी जा सकती पृष्ठ 5 से 50 एक खंड और फिर पृष्ठ 51 से 119 तक दूसरा खंड !
प्रथम खंड में डॉ. शंकर लाला स्वामी जी के साहित्य सफर को उनके विशेष साहित्यकार मित्रों जिनमे बीकानेर और बीकानेर के साथ राजस्थान और देश के साहित्यकार मित्रों के विश्लेषणात्मक आलेख, पत्र और विचार के रूप में संकलित किये गए है! जो करीब करीब 18 साहित्यकारों के है ! प्रथम खंड सपादक मरू नवकिरण प्रकाशन डॉ. अजय जोशी जी के द्वारा लिए गए साक्षात्कार से आरम्भ होता है फिर उनके बाद पुस्तक में स्वयं डॉ. शंकर लाला स्वामी जी के स्वयं की जीवन यात्रा और साहित्य यात्रा को रखा है ! फिर डॉ मोहम्मद फारूक चौहान साहब ,डॉ. बसंती हर्ष जी, डॉ. एस ऍन हर्ष जी , डॉ. भीष्मचंद्र सोढ़ी , शिवनाम सिंह , राजाराम स्वर्णकार , डॉ. बंशीधर तातेड़ , राजेंद्र जोशी जी , दर्शना कँवर जी "उत्सुक " , जी डी बि��्नानी , डॉ निर्मला माथुर , डॉ. मंगल राम सोनगर , जुगल किशोर पुरोहित जी , डॉ. नरसिंह बिन्नानी , आप सभी के आलेख संकलित है !
इन अलीखों से यह ज्ञात हुआ की किस प्रकार डॉ. शंकर लाला स्वामी जी ने, कहाँ से अपनी साहित्य यात्रा आरंभ की और वो कहा तक किन किन रास्तों से होते हुए आज के इस प्रतिष्ठित साहित्य मंच की विशेष कड़ी विशेषांक तक पहुंची है ! !
चिकित्सक की सेवा में व्यक्ति ठीक वैसे ही अपने जीवन को जीता है जैसे की रंग मंच पर एक अभिनेता एक ही किरदार को रोज अभिनीत करता है अपनी नाट्य प्रस्तुति में ! पर उसके दर्शक भिन्न भिन्न होते है और उन सब के लिए वो अभिनेता का किरदार एक नयी अनुभूति सम्प्रेषित करता है मंचन के दौरान दर्शक के मन मस्तिष्क में ! पर मंच के अभिनेता के लिए एक ही किरदार को एक ही भाव के साथ निभाना होता है जबकि एक चिकित्सक के लिए किरदार एक ही रूप रंग में एक ही मंच चिकित्सालय ही होता है पर उसके लिए अपने किरदार को निभाने के लिए हर मरीज की पीड़ा और तकलीफ के साथ उसके निदान के लिए अलग अलग भाव और उपचार की भिन्न भिन्न क्रियाओं के साथ खुद के भिन्न भिन्न रूप के किरदार को निभाना पड़ता है ( कभी करुणा भाव से तो कभी रूद्र भाव से और कभी प्रेम भाव से आदि आदि ) ! इस उपक्रम में अनेको परिस्थितियां , घटनाएं , भाव , संवेदनाएं आदि से नित सामना करना पड़ता है एक सुलझा हुआ चिकित���सक उन सभी क्रीड़ा और पीड़ा को अपने में समेटते हुए उसे जब मानसिक दबाव न बनाकर सकारात्मक दृष्टि से रचनात्मक अभिव्यक्ति में परिणित कर देता है तो साहित्यकार, कलाकार , गीतकार या नाटककार आदि आदि स्वरुप में समाज के सामने एक उदाहरण के तौर पर तटस्त नजर आया है ! यही बात डॉ. शंकर लालास्वामी जी में भी मुझे नजर आयी पुस्तक के प्रथम खंड के सभी आलेखों को पढ़ने के बाद जो की एक सफल रचनाकार बन ने के लिए अनुकरणीय बात है !
पुस्तक के दूसरे खंड में पृष्ठ 51 से 119 तक में डॉ. शंकर लाला स्वामी जी के साहित्य सृजन की समस्त विधाओं पर प्रकाश डाला गया है ! जो आरम्भ होता है कविता के रचाव की परिभाषा और विधि के उल्लेख के साथ जो डॉ. शंकर लाला स्वामी जी की स्वयं के तर्क और अनुभव के आधार पर आधारित है !
पुस्तक के दूसरे खंड में एक बात और गौर करने की है ,और वो है डॉ. शंकर लाला स्वामी जी के साहित्य लेखन में एक शब्द को व्याख्यायित करने की ! ठीक वैसे ही जैसे की एक कथा वाचक संत प्रभु शब्द को कई अर्थों और रूपों में कथा श्रोताओं के समक्ष रखते हुए एक लंबा उपदेश दे देते है ! इस पुस्तक में डॉ. शंकर लाला स्वामी जी ने टपका शब्द को बहुत ही विस्तार से परिभाषित किया है मानो शब्द नहीं कोई विषय हो. आप की लेखनी की क्षमता "कौन आ टपका है " आलेख से आंकी जा सकती है आप को लिखने के लिए कोई विषय , कथा कहानी अथवा भाव की आवश्यकता नहीं , मात्र एक शब्द ही प्रयाप्त है लिखने को ग्रंथ के ग्रंथ ! वंदन आप की लेखनी की क्षमता को।
इस दूसरे खंड में आप के अभी तक के लिखे गए सभी साहित्य कृतियों के विवरण के साथ उनमे प्रकाशित , कहानियों , लघु कथाओं, कवितों , यात्रा वृतांत ,हाइकु ,राजस्थानी कहानियां , गजल, दोहे के साथ बाल साहित्य व् सोरठे आदि का जिक्र और कुछ चुनिंदा रचनाओं का प्रकाशन भी किया गया है ! जो पाठक को पुस्तक के पठन हेतु और साहित्य शोधकर्तों के लिए प्रयाप्त सामग्री ही कही जानी उचित रहेगी मेरी दृष्टि से !
मरू नवकिरण के संपादक डॉ. अजय जोशी जी ने इस विशेषांक को एक साहित्यिक दस्तावेज के रूप में सब के समक्ष प्रस्तुत किया है ! जो आंकलन योग्य और ज्ञान प्रदत कृति के रूप में सहित्य शिल्प भी है डॉ. शंकर लाल स्वामी जी की जीवन यात्रा और साहित्य यात्रा की !
इस से आगे अब कुछ और नहीं लिख रहा हूँ जान बुझ कर क्योंकि कुछ आप भी जाने समझे इस पुस्तक और डॉ. शंकरलाल स्वामी जी के सन्दर्भ में इस विशेषांक को पढ़कर ! सो आभार आप सब का !
Tumblr media
Tumblr media
You have a great day sir
Warm regards
Yogendra Kumar Purohit
Master of fine arts
Bikaner, India
DAY 6131
Jalsa, Mumbai Dec 2, 2024/Dec 2 Mon/Tue 1:02 am
🪔 ,
December 03 .. birthday greetings to Ef Attia Mirza from New York .. 🙏🏽❤️🚩
..
Birthday - Shilpa Deepak Makwana Ef Chennai .. Dec 2, 2024 greetings and affection from the Ef brigade ..
It takes more than time to be able to fathom words expressions thoughts .. and the reason they are put out has been the best to let them remain in the realm of the originator .. complete and relevant understanding shall never be the domain of the unknown understanding .. for the mind of the creator shall ever be his or hers , and the understanding shall ever be the debate or the questioning of them that make effort to enter that cave ..
so if you can find the mind of the creator , that shall be the creation that you would understand .. can you truly be that ..
NEVER !!
which is why it is put out .. to express this very thought that the independence of the creator may it prosper and flourish in its own depth ..
it cannot be for you or me .. which is why it is expressed .. if you cannot penetrate its depth its vertical profundity , turn the page or close the book ..
but it's deprivation from its questioning can never be me .. it belongs to him .. and expressing it for all to see and know is the prerogative of him .. not you or any other .. because you are not me .. you are not him ..
the last words say it all .. the words that belong to me cannot be given through any medium to them that give it blame , of not receiving them .. for those words shall never be the property of any else .. or other ..
and the debate on the 'other' has been researched through the ages and remains inconclusive ..
research its literature and be the vendor of even further debate ..
THE OTHER ..
MY LOVE 😍
Tumblr media
Amitabh Bachchan
91 notes · View notes
abhinews1 · 9 months ago
Text
श्री कृष्णार्पण सेवा समिति की एक बैठक स्थानीय होटल पर हुई आयोजित
Tumblr media
श्री कृष्णार्पण सेवा समिति की एक बैठक स्थानीय होटल पर हुई आयोजित
श्री कृष्णार्पण सेवा समिति की एक बैठक स्थानीय होटल पर आयोजित हुई। जिसमे संरक्षक जुगल किशोर बैंक वालो ने बताया समिति द्वारा 16 मार्च को होटल ड्यूक पैलेस पर श्याम बाबा का भव्य कीर्तन और मेला आयोजित किया जाएगा। जिसमे भोपाल, मुजफ्फरनगर, राया और मथुरा के विख्यात गायकार बाबा का कीर्तन करेंगे। इस अवसर पर संरक्षक नंदकिशोर शंकर स्टील वालो द्वारा कार्ड का विमोचन किया गया। महामंत्री प्रतीक शर्मा ने सभी जनमानस से भारी संख्या में पधारने की अपील की है। बैठक की अध्यक्षता गौरव अग्रवाल सजावट वालो ने की उन्होंने सभी श्याम प्रेमी लोगो से कार्यक्रम में तन मन धन से सहयोग की अपील की। इस अवसर पर मुख्य रूप से संरक्षक जुगल किशोर बैंक वाले, नंदकिशोर शंकर स्टील वाले, डॉ. अंशुमान गोयल, सुनील गोयल सीए पदम गोयल, राजेश अग्रवाल टाउनशिप, दिनेश अग्रवाल सादाबाद वाले, रमाकांत सारस्वत, अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, महामंत्री प्रतीक शर्मा, कोषाध्यक्ष जीतू अग्रवाल हरनोल वाले, कमल गुप्ता केटर्स, पारस अग्रवाल, प्रवीण बंसल, पवन प्रेस वाले, रोहित सजावट, शिवम सजावट, राजेश श्री जी, विनय बंसल, राधारमण, अनुज अग्रवाल माया ट्रेवल्स, अनुज चौधरी, मुकेश टेंट, पवन खंडेलवाल, सुमित वर्मा, अंकुर अग्रवाल, राम अग्रवाल केटर्स, मोंटी गुब्बारे वाले, संतोष सर्राफ, संतोष अग्रवाल गुब्बारे वाले, विशाल ठाकुर, श्याम जनरेटर वाले, चंद्रभान जेनरेटर वाले, एडवोकेट गोविंद अग्रवाल, कुशाग्र अग्रवाल, जीतू घी वाले, काना टेंट वाले, रितिक अग्रवाल, ऋषि इवेंट वाले, मोहित इवेंट वाले, अनुज राजपूत, हर्षित अग्रवाल, कन्हैया अग्रवाल आदि उपस्थित रहे
Tumblr media
Read the full article
0 notes
dainiksamachar · 1 year ago
Text
मर्डर, मर्डर, मर्डर... पछतावे की जगह मौत का जश्न, दिल्ली में अपराध की किस राह पर बढ़ रहे नाबालिग
नई दिल्ली : दिल्ली की सड़कों पर हाल ही में किशोर अपराध की बाढ़ आ गई है। परेशान करने वाली घटनाओं से युवा अपराधियों में हिंसा के प्रति चिंताजनक झुकाव दिखाई दे रहा है। खास बात है कि नाबालिग ना सिर्फ अपराध कर रहे हैं बल्कि अपराध का जश्न भी मना रहे हैं। नाबालिगों में बदले की भावना से लेकर आपसी रं��िश इस तरह बढ़ गई है कि उनके मन में कानून का डर बिल्कुल नहीं दिख रहा है। हाल ही में एक खौफनाक मामले में, नवंबर में एक सड़क डकैती के दौरान 17 वर्षीय लड़के को 70 से अधिक बार चाकू मारा गया था। किशोर अपराधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर चाकू, हथियार और यहां तक कि अदालत परिसर के भीतर खुद के फुटेज दिखाने वाले वीडियो शेयर किए, जिससे एक आपराधिक छवि पेश की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि ये नाबालिग अपराध की राह पर क्यों बढ़ रहे हैं। पुलिस के अनुसार स्थिति यह है कि दिल्ली में हर महीने 10-12 नाबालिग हत्या के आरोप में गिरफ्तार हो रहे हैं। अपराध का जश्न एक वीडियो में एक कैप्शन दिया गया कि भाई है अपना, जेल में 302 में अंदर (वह मेरा भाई है, धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में बंद है)। गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद, परेशान करने वाले दृश्य सामने आए, जिसमें आरोपी को पीड़ित के शरीर पर लापरवाही से नाचते हुए और इस भयानक अपराध का 'जश्न' मनाते हुए दिखाया गया। सीसीटीवी फुटेज में हमलावर को पीड़ित को एक संकरी गली में घसीटते हुए, उसकी मौत सुनिश्चित करने के लिए बार-बार चाकू से वार करते हुए और शरीर पर भयानक नृत्य करते हुए देखा गया। 100 रुपये के लिए मर्डर घटना उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में जनता मजदूर कॉलोनी में हुई और हत्या के पीछे का मकसद डकैती था। पीड़ित का गला दबाया गया, कई बार चाकू मारा गया और 350 रुपये लूट लिए गए। किशोर ने 2022 में दिल्ली के जाफराबाद में 100 रुपये लूटने के लिए तीन अन्य लोगों के साथ एक व्यक्ति की हत्या भी की थी। एक सूत्र ने बताया कि 2022 में, किशोर को हत्या के लिए सुधार गृह भेजा गया था। वह एक साल की सजा के बाद बाहर आ गया, जबकि अन्य तीन अभी भी जेल में हैं। सूत्र के मुताबिक कि वह कुख्यात हाशिम बाबा गिरोह से प्रेरित था और इलाके में आतंक पैदा करना चाहता था। यह घटना नवंबर में पहले के एक ��ामले के बाद हुई है, जहां निजी दुश्मनी के कारण एक नाबालिग ने 16 वर्षीय लड़के की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। बदले के लिए ली जान पुलिस के अनुसार, किशोर ने मृतक के साथ पहले से मौजूद दुश्मनी का खुलासा करते हुए कहा कि चाकू मारने की घटना बदले की भावना से की गई थी। हत्या के दौरान हमलावर ने पीड़ित की गर्दन और हाथ को निशाना बनाया। अक्टूबर में, दक्षिणी दिल्ली में एक किशोर ने गंगा राम उर्फ संजय नाम के 25 वर्षीय व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। अपराध के पीछे का मकसद कथित तौर पर किशोर की प्रेमिका का उत्पीड़न था। जंगली इलाके में पकड़े गए आरोपी ने दावा किया कि चाकू मारने की घटना पीड़ित द्वारा उसकी प्रेमिका को परेशान करने के जवाब में की गई थी। पेचकस से गोदकर मर्डर अक्टूबर में एक और घटना में, दिल्ली पुलिस ने काशिफ नाम के 18 वर्षीय युवक की मौत के मामले में दो किशोरों को गिरफ्तार किया। दोनों किशोर, स्कूल छोड़ चुके थे और एक ही इलाके के निवासी थे, काशिफ के साथ हाथापाई में शामिल थे, जिससे उन्हें घातक चोटें आईं। काशिफ ने, एक नुकीले पेचकस से लैस होकर, लड़कों को धमकी दी, जिसके परिणामस्वरूप हाथापाई हुई, जहां उनमें से एक ने पेचकस छीन लिया और काशिफ पर कई बार वार किया। दिल्ली में किशोर अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति युवाओं के बीच इस तरह के हिंसक व्यवहार के लिए जिम्मेदार कारकों के बारे में चिंता पैदा करती है। अपराध में बढ़ रही नाबालिगों की संख्या पिछले साल 152 किशोरों को हत्या के आरोप में पकड़ा गया था। 2021 में यह आंकड़ा 125 रहा जबकि एक साल पहले यह 96 था। इस साल 15 अगस्त तक करीब 112 नाबालिगों को हत्या के आरोप में पकड़ा गया। आंकड़ों से पता चलता है कि ग्राफ लगातार उत्तर की ओर बढ़ रहा है। एक पुलिस अनुमान के अनुसार, पिछले 3-4 वर्षों में, विभिन्न अपराधों के बाद पकड़े गए किशोरों की संख्या 3,000 के आसपास रही है। 2017-2021 से संबंधित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा में किशोरों की तरफ किए गए अपराधों की सूची 13,000 से अधिक। इसमें 16,000 से अधिक नाबालिगों को उनके आपराधिक कृत्यों के लिए पकड़ा गया है। डेटा में 314 हत्याएं, 412 हत्या के प्रयास, 500 से अधिक बलात्कार, 982 चोट या गंभीर चोट पहुंचाने के मामले, 475 से अधिक मामले किसी महिला के खिलाफ उसकी शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग, 1,401 डकैती और की एक भयानक सूची है। क्या है उपाय? एक्सपर्ट के अनुसार सरकार को किशोर अपराध की समस्या के समाधान के लिए सुधार और आश्रय गृहों पर ध्यान केंद्रित करने की… http://dlvr.it/Szc9KB
0 notes
192211008 · 2 years ago
Link
💐🌿 श्रीयुगल सरकार के परिणय महोत्सव की मङ्गलमय बधाई हो।💐🌿
🌿💐 फुलेरा दौज के दिन ही ब्रह्मा जी ने अनादि दिव्य दम्पति प्राण प्यारें श्रीयुगल सरकार श्रीप्रिया प्रियतम जू का विवाह पूर्ण करवाया था।फुलेरा दूज: वह दिन जब भगवान ब्रह्मा ने भांडीरवन में राधा-कृष्ण का विवाह संपन्न कराया। इस वर्ष फुलेरा दूज (21 02 2023 )💐🌿
😍💞☘️श्री वृन्दावन धाम रसिक मन मोहई। दूलह दुलहिनि ब्याह सहज तहाँ सोहई।। नित्य सहाने पट अरु भूषन साजहीं। नित्य नवल सम वैस एक रस राजहीं।। सोभा कौ सिरमौर चन्द्रिका मोर की। बरनी न जाइ कछु छवि  नवला किशोर की।। सुभग माँग रँग रेख मनो अनुराग की। झलकत मौरी सीस सुरंग सुहाग की।।☘️💞😍
0 notes
newsuniversal-in · 2 years ago
Text
यादगार इतिहास बन गया वर्तमान की विदाई व नवागत का स्वागत
Tumblr media
सिद्धार्थनगर। खुनियांव विकास खण्ड में बुधवार को कार्यरत खण्ड विकास अधिकारी के स्थानान्तरण का विदाई तथा नवागत खण्ड विकास अधिकारी के स्वागत का समारोह आयोजित हुआ। जोकि वर्तमान की विदाई व नवागत का स्वागत एक यादगार इतिहास बन गया। - कार्यरत खण्ड विकास अधिकारी के स्थानान्तरण का विदाई तथा नवागत खण्ड विकास अधिकारी के स्वागत का समारोह जिसमें विकास खण्ड के कर्मचारी व ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने वर्तमान खण्ड विकास अधिकारी के व्यक्त्ति्व, कृतित्व को यादकर दुखी मन से विदाई दिया। नवागत खण्ड विकास अधिकारी का पुरजोर स्वागत किया। नवागत खण्ड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला- कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवागत खण्ड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए खण्ड विकास अधिकारी विजय कुमार मिश्रा की लोकप्रियता पर कहा कि देवकी नन्द खत्री की वह कविता आप पर बहुत सटीक बैठती है। कबिरा जब मैं पैदा हुआ, जग हसे हम रोए। ऐसी करनी कर चले कि हम हसे जग रोए। उन्होंने आगे कहा कि व्यक्ति के अच्छे कार्य हमेशा याद किए जाते हैं। इसी के साथ उन्होंने शुभकामनाएं भी दिया। आगे कहा कि शासन की मंशानुरूप विकास खण्ड के विकास कार्य को आगे बढ़ाने में मेरा भरसक प्रयास रहेगा। वर्तमान खण्ड विकास अधिकारी विजय कुमार मिश्रा- वर्तमान खण्ड विकास अधिकारी विजय कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि मेरा इस ब्लाक में पांच माह का समय बीता है। मेरा सिद्धांत है कि जो काम प्रेम से होगा वह दबाव से नहीं होगा। मैंने इसी प्रेम रूपी अश्त्र से सारा काम किया है। खुनियांव विकास खण्ड का विकास कार्य आगे बढ़ा है। आप लोगों के प्यार हमेशा याद रहेंगे। ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि राजेन्द्र दूबे- ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि राजेन्द्र दूबे ने कहा कि ब्लाक प्रमुख का तीसरा कार्यकाल में मिश्रा जी तीसरे बीडीओ रहे हैं। छा माह का कार्यकाल दो अन्य बीडीओ का रहा। वह लोग विकास कार्य को पीछे छोड गए। जब से यह आए हैं तब से ब्लाक का विकास कार्य आगे बढ़ा है। आपका व्यक्त्तिव और कृतित्तव बहुत आदर्श रहा है। इसी के साथ उन्होंने नवागत खण्ड विकास अधिकारी का स्वागत किया। इसी क्रम में वक्ताओं में सचिव हरेन्द्र नाथ पाण्डेय, कम्प्यूटर आपरेटर कमलेश यादव, सचिव पीयूष पाण्डेय, सहायक विकास अधिकारी इटवा सुनील कुमार सिंह, सहायक विकास अधिकारी पंचायत जितेन्द्र नाथ त्रिपाठी आदि ने अपने विचार प्रकट करते हुए उनके 5 माह के कार्यकाल की सराहना की।
Tumblr media
उनके कार्य व अनुभवों पर चर्चा करते हुए उन्हें परिश्रमी एवं लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सदैव प्रयत्नशील व कर्मठ बताया। आगे कहा कि आपका स्वभाव बहुत मृदुल रहा है। आप सिद्धांतवादी, कुशल, कर्तव्यनिष्ठ रहे हैं। हमेशा तनावमुक्त और थकान मुक्त रहे हैं। 05 माह का समय बीत गया। लग रहा है कि अभी 05 दिन नहीं पीता है। कभी आप तनाव और गुस्से में नहीं रहे। सबसे मृदुल स्वभाव से मिले। आप हंसकर लोगों से काम करवा लेते थे। ब्लाक की सभी योजनाओं के लाभ से पात्रों को आच्छादित किया। किसी को फटकार नहीं मिला। किसी का वेतन नहीं रुका। सरकारी सेवा में स्थानान्तरण एक प्रक्रिया है। जिससे सबको गुजरना रहता है। हम आपके पद चिन्हों पर चल सकें। वही हमारी सच्ची विदाई है। आपने कभी धैर्य नहीं खोया। आपकी यादें और आदर्श हमेशा याद रहेंगी। उपस्थित लोगों ने उनके सुखद भविष्य की कामना करते हुए पदोन्नति के लिए शुभकामनाएं दिया। उपस्थित लोगों ने स्थानांतरित बीडीओ विजय कुमार मिश्रा को बुके, गुलदस्ता, अंगवस्त्र, माला से सम्मानित कर उपहार प्रदान किया गया। दूसरी तरफ नए बीडीओ का स्वागत बुके व गुलदस्ता देकर किया गया। इस विदाई एवं स्वागत समारोह का सफल और आनन्ददायक संचालन एडीओआईएसबी सुजीत कुमार जायसवाल ने अपने काव्य- बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी। ख्वाबों में ही सही मुलाकत तो होगी।। आदि कविताओं से किया। इस अवसर पर बब्बू ��ूबे, जेई आरईडी जयनाथ पाण्डेय, ग्राम विकास अधिकारी मो. तारिक खान, एडीओ आईएसबी डुमरियागंज शिव बहादुर, सचिव ज��सिंह गुप्ता, सचिव विकास चौधरी, सचिव अतुल सिंह यादव, सचिव यशवंत यादव, सचिव विरेंद्र कुमार, सचिव सैदुल्लाह, राकेश पाठक, शिव कुमार दूबे, पंचायती राज रोजगार सेवक संघ अध्यक्ष अखिलेश मौर्या, कौशल किशोर यादव, लेखाकार भीखा सिंह, लिपिक फखरुद्दीन, भीखा सिंह यादव, जितेंद्र सिंह, राजू सिंह, अब्दुल रहीम, अरुण कुमार, हरिश्चंद्र, अब्दुल हई सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। Read the full article
0 notes
prabudhajanata · 2 years ago
Text
रायपुर : हीरक जयंती कार्यक्रम के संयोजक प्रोफ़ेसर डॉ. गिरीश कांत पांडे ने बताया है कि (Science College) साइंस कॉलेज, रायपुर के स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में वर्ष भर चलने वाले "हीरक जयंती कार्यक्रम" का आज विधिवत उद्घाटन प्रो केशरी लाल वर्मा, कुलपति, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो वर्मा ने साइंस कॉलेज भवन से ही 'विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थान' को तत्कालीन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा आरंभ किए जाने का जिक्र भी किया। प्रोफ़ेसर वर्मा ने साइंस कॉलेज से अपने पारिवारिक संबंधों को भी याद किया तथा साइंस कॉलेज के उत्कृष्ट शिक्षकों और शोध कार्य की सराहना भी किया। आज के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1948 के प्रथम बैच के छात्र रहे डॉक्टर एस आर गुप्ता तथा दूसरे बैच के छात्र रहे श्री गोपाल व्यास जी को सम्मानित किया गया। दोनों पूर्व छात्रों ने अपने पुराने अनुभवों को साझा भी किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के पूर्व छात्र रहे कुछ विशिष्ट शिक्षाविदों प्रोफेसर अवध राम चंद्राकर, प्रोफेसर हर्षवर्धन तिवारी, प्रोफेसर अरुण दाबके तथा प्रोफेसर एम एल नायक को महाविद्यालय परिवार ने सम्मानित किया। आज के कार्यक्रम में एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अंजय शुक्ला, जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष डॉ विकास पाठक ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर बी सी चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। डॉक्टर सविता सिंह द्वारा महाविद्यालय के 75 वर्ष की यात्रा का पीपीटी के माध्यम से जानकारी प्रदान किए। सभी अतिथियों ने, कार्यक्रम के आरंभ से पहले शहीद उद्यान में, शहीद राजीव पांडेय तथा शहीद युगल किशोर वर्मा को पुष्पांजलि अर्पित किए। महाविद्यालय के छात्रों का बैंड 'युवाज' ने अपने स्वागत गीत "मन की वीणा से", एम एस सी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा माल��िका नायर ने "जगनमोहन कृष्णा" को शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम के माध्यम से प्रस्तुत की, अंतिम प्रस्तुति "प्रणवालय" के रूप में छात्राओं के समूह ने नृत्य विधा के रूप में किये। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर गिरीश कांत पांडेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर विमल कानूनगो द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पूर्व छात्रों सहित वर्तमान छात्रों ने भी भाग लिया।
0 notes
todaypostlive · 2 years ago
Text
स्वर्गीय कमल किशोर भगत जी के आदर्शों में चलकर पार्टी को मजबूत बनाने का काम करें :निरू शांति भगत
स्वर्गीय कमल किशोर भगत जी के आदर्शों में चलकर पार्टी को मजबूत बनाने का काम करें :निरू शांति भगत
लोहरदगा । आजसू पार्टी जिला कमिटि की बैठक  बुधवार को पार्टी कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए आजसू पार्टी की नेत्री सह लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी निरू शांति भगत ने कहा कि आने वाला समय निश्चित रूप से आजसू का होगा। हम सबों को कमल किशोर भगत जी के आदर्शों में चलकर उनके सपनों को साकार करना है और उसके लिए हम सभी कार्यकर्ता तन मन और धन के साथ लग जाएं । उन्होंने कहा कि…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
newsdaliy · 2 years ago
Text
कोविड -19 के दौरान सामान्य से अधिक उम्र के अमेरिकी किशोरों का दिमाग: अध्ययन
कोविड -19 के दौरान सामान्य से अधिक उम्र के अमेरिकी किशोरों का दिमाग: अध्ययन
अध्ययन से पता चला है कि उस दौरान किशोरों के दिमाग की उम्र कम से कम तीन साल थी। विनाशकारी कोविड-19 महामारी का लोगों के जीवन के हर पहलू पर प्रभाव पड़ा है, जिसमें उनके स्वास्थ्य, नौकरी और जीवन के तरीके शामिल हैं। घातक कोरोनावायरस के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभावों की सूची को हाल के एक अध्ययन से एक और खतरनाक खोज द्वारा विस्तारित किया गया है। अध्ययन, गुरुवार को प्रकाशित हुआ जैविक मनोरोग: ग्लोबल ओपन…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
ramkishorbajpai · 4 years ago
Text
लक्ष्य और मैं
करूँ खुद मैं खुद पर यकीन, काश वो दिन जल्द आये| करूँ मैं रब से इब्बादतें... वो सुकून का लम्हा जल्द आये, जब तोड़ूँ ये बंदिशें ज़माने की मैं, वो दिन बहुत जल्द आये| हो सकूँ खुद के विचारों की नौका पर सवार, करूँ कुछ सफर तय मैं अपने लक्ष्य के भी| जाने कब तक ज़िन्दगी में ये मलाल आये, हूँ अभी भी किसी और के सफर...लक्ष्य क��� का मुसाफिर, दिल में ये ख़्याल आये| मन में उठती हैं चंद लहरें हर रोज़, जिनके उठने या गिरने का नहीं मेरे पास तोड़| होती हैं कुछ कश्मकश हर रोज़, पर कर खुद पर यकीन चल रहा मैं हर रोज़| आज नहीं पर है वह लम्हा कहीं किसी मोड़, शायद बस कुछ दूर और... शायद जा मिलूँ उस ओर| कोशिशें तो होती रहेंगी हमेशा बेजोड़, कभी न कभी तो हासिल कर लूँगा वो लम्हा वो लक्ष्य और वो दौर...
...राम किशोर बाजपेई
1 note · View note
nazmehayat · 5 years ago
Photo
Tumblr media
17 Days | 17 Provocations Day 06 | Content 06 Title: तम घाटी का रहस्य मन की तम घाटियों में अचानक पहुँचा हुँ !! फिसलन भरी घुमावदार मोड़ है !! एक मैं अकेला खोज पर निकला हुँ !! मन में भय की जिज्ञासा पाले घाटियों के उस पार ?? जिस पर लोग जाने से कतराते हैं रहस्य क्या है ?? पद चाप खुद की सुन रहा हुँ !! नीली कड़कड़ाती आसमानी बिजली रोक रही है !! मेरे कदमों को काले घने बादल लुप्त हो रहे !! घाटी धीरे धीरे लाल हो रही है क्या नरक का द्वार खुल रहा है ?? मैं असमंजस में हुँ !! रक्त की धारा बह रही है !! मैं पाषाण अमूर्त बन देख रहा हुँ !! पाप का घड़ा पक रहा धधकती आग पर...... सिसकियाँ खुद की सुन रहा हुँ !! उस अंतिम दिन की जब यात्रा पर जाने के बाद !! पढ़ पाए कोई तामसिक तम घाटियों का रहस्य अचरज है !! संस्कारों का बोझ कम हो !! सही और गलत का भान हो !! शायद इसलिए लिख रहा हुँ !! कोई और न गुजरे !! पागल इस घाटी से !! Written by: नवीन किशोर महतो ( @naveen5351 ) Tags: #poetsofinstagram #poetryofinstagram #writingprompts #poemsofinstagram #poetrycommunity #writersofig #writersofinstagram #creativewriting #writer #write #writerscommunity #reading #follow #writer #writersofinstagram #poetry #poetryisnotdead #poets #poem #artist #igwrites #igpoets #igpoetryfollow #writers #writings #indianwriters #poetsofinstagram #instagram #instaquote #instawrite (at प्रयागराज उत्तर प्रदेश) https://www.instagram.com/p/B_K8XwqhE0m/?igshid=v3vjljhd6noh
1 note · View note
ykpurohit · 11 months ago
Text
Dear sir ..
Good night
this post is very much surprising for me or i knew very important story of Dr.HRB from your canvas so lots of regards for you my EGuru ji ..
today i lived busy in writing to words of heart or reality of present time of my life ..
मित्रों आज सुबह सुबह नींद से जागते ही एक विचार मन में आया ��ी कैसे अपनी मनोस्थिति को प्रबुद्ध और जिमेवार व्यक्तित्वों के समक्ष प्रस्तुत करू ? फिर सोचा की फेसबुक पर एक ओपन पोस्ट साझा कर देता हूँ ! इतना कुछ मन मस्तिष्क में चल ही रहा था की संयोग वस दैनिक भास्कर बीकानेर के संपादक श्री पियूष मिश्रा जी का एक सन्देश व्हाट्सप्प पर आया जिसमे एक लिंक जुड़ा हुआ था और साथ में न्यूज़ कटिंग की इमेज भी गाइड लाइन के रूप में ! राजस्थान के नवोदित माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाला शर्मा जी और दैनिक भास्कर के संयुक्त प्रयास से एक सुझाव संग्रहण का कार्य आरम्भ किया गया है राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा जी के द्वारा ! उन्होंने मेरा राजस्थान , मैं बनाऊंगा रोल मॉडल शीर्षक से एक कैंपेन आरम्भ किया है जिसका लिंक गूगल फॉर्म से दिया है ! बार कॉड भी और एक मोबाइल नंबर भी सुझाव को प्रेषित करने हेतु !
मेरे लिए तो ये अवसर एक उपहार या मन की बात को जान लेने वाली सी बात हुई ! मैंने मेरे विचार /सुझाव जो की राजस्थान के हर शिक्षित परिवार का सुझाव होगा ऐसा मेरा मानना है ! को प्रेषित किया दिए हुए लिंक पर !
मेरा सुझाव ये लिखा था मैंने -
माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान श्री भजन लाल शर्मा जी
राजस्थान !
आप के विचार और संकल्प " मेरा राजस्थान , मैं बनाऊंगा रोल मॉडल " के लिए सुझावों के आमंत्रण के अति रचनात्मक कदम में मेरा आप से सुझाव के साथ विनम्र निवेदन है की राजस्थान में जितने भी सरकारी कर्मचारी जिनकी नई ज्वाइनिंग हो चुकी है और जिनकी हो रही है और भविष्य में भी आप के द्वारा राजस्थान सरकार करेगी उन सभी कर्मचारियों / शिक्षक /अन्य को उनके मूलस्थान( जहाँ के वे मूलनिवासी है और अपने परिवार के साथ जहाँ रह रहे है ) पर ही पदोनति देवे! समय की परिस्थिति और मांग को देखते हुए ( महामारी कोरोना का पुनः प्रभाव और मुद्रा स्फीति की वैश्विक स्तर पर होती गिरावट को मध्य नजर रखते हुए ) इससे लाभ जो होगा वो ये की परिवार नहीं बिखरेंगे , नन्हे बालको का बच्चपन सुरक्षित और संग्रक्षित रहेगा , उनकी मानसिक स्थिति सहज रहेगी जिस से बाल मन का रचनात्मक विकास स्वाभाविक स्वरुप में होगा ! साथ ही दादी नानी का सानिध्य आशीर्वाद उन्हें मिलता रहेगा ! सांस्कृतिक मूल्य बचेंगे तो परिवार और साथ ,में राजस्थान भी समृद्ध होगा ! इसके साथ साथ कर्मचारियों के सामाजिक जीवन में आर्थिक तंगी के इस दौर में सम्बल मिलेगा धन की अतिरिक्त छय नहीं होगी तो राज्य की पूंजी में स्व��ः ही आर्थिक सुधार होगा ! सामन्य और सजह जीवन होगा तो राजस्थान विकास के क्रम में अग्रणी होगा आप के विचार से वो देश का रोल मोडल भी बनेगा ऐसा मेरा मत है आप से अभिलाषा रखते हुए !
सादर
चित्रकार - योगेंद्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट्स ( राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट जयपुर )
निवासी - कमला सदन , बंगला नगर
19 , पूगल रोड , बीकानेर ,
राजस्थान !
पिन 334004
( ऐसा लिखने का कारण ये भी रहा की मेरी भतीजी जो की 6 साल पुरे कर चुकी है ! जन्म से लेकर 1 दिसम्बर 2023 तक वो मुझ से और हमारे 6 सदस्यों के परिवार से कभी भी अलग नहीं रही है ! मुझसे उसका स्नेह अत्यधिक है ! क्यों की मेरी लाड़ली है ! मेरे छोटे भाई की पत्नी जो की अंग्रेजी विषय में डॉ. किये हुए है और उसका प्रथम श्रेणी के शिक्षकों कि
नई ज्वाइनिंग बीकानेर के स्थान पर राजसमंद के मोहि कस्बे की श्री नन्द किशोर जोशी उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई है ! सो मेरी भतीजी एक महीने के बाद घर लौटी तो आचरण और व्यव्हार में जो उदासीनता देखि तो मुझे स्वयं में अपराध बोध का अनुभव हुआ, कि अकारण ही हमने हमारी मासूम बच्ची को परिवार के उस माहौल से अलग एकदम एकांत और सूनापन दे दिया ! जिसकी वो आदि नहीं है और उसे इस सब का कोई ज्ञान भी नहीं है की ये क्यों हो रहा है ! उसके साथ किसने गलत किया और क्यों ताऊजी ने ऐसा होने दिया जो हमेशा मेरे पास रहते मेरी हर एक गतिविधि में मेरा साथ देते , मेरा अहित नहीं होने देते वे एकदम चुप क्यों हैं ? ( ऐसे यक्ष प्रश्न उसकी मौन आँखे मुझसे पूछती है और मैं निरुत्तर स्वयं को कोषता रहता हूँ मन ही मन में रोते हुए मन से ) ! इन 30 दिनों में उसने मात्र एक चित्र ही रचा है जबकि राजसमंद जाने से पहले वो अपने खाली समय को रंग और रेखाओं में परिवर्तित करती चित्र रचती , बालपत्रिका चहल पहल में और राजस्थान पत्रिका के पत्रिका ब्रेन पावर पेज में भी उसके चित्र प्रकाशित हो चुके है ! सो उसकी रचनाशीलता भी जड़ होने को है ये बाल मन के विकास की कड़ी में बड़ी बाधा है ! इन पीड़ा के पलों को मैं साझा करना चाहता था आप सब के साथ और इस्वर ने संपादक दैनिक भास्कर बीकानेर श्री पियूष मिश्रा जी को देव दूत के रूप में मेरे सामने उनके सन्देश के जरिये खड़ा कर दिया ! ये इस्वर की अनुकम्पा ही तो है इस से ज���ञात होता है की इस्वर है और वो मन की बात को सुनने कहने का अवसर भी समय पर देता है सो मैंने सुझाव /विचार ( सत्य की कड़वी पीड़ा ) को मेरा राजस्थान , मैं बनाऊंगा रोल मॉडल के कंपेंग पेज पर सीधे राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित करने का अवसर पाया इस उम्मीद के साथ की वे इस पर विचार करेंगे और क्रियान्वित भी ! सो आभार संपादक दैनिक भास्कर बीकानेर श्री पियूष मिश्रा जी को ! अपनी इस बात को मैं एक दोहे के साथ विराम देता हूँ की गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागूं पाँव , बलिहारी गुरु आप ने जो गोविन्द दियो मिलाय ( ये दोहा संपादक दैनिक भास्कर बीकानेर श्री पियूष मिश्रा जी को समर्पित ! और साधुवाद माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान श्री भजन लाला शर्मा जी को !
जय जय राजस्थान जय जय हिंदुस्तान !
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLScMcyqTtLOqoR7zPBCuaUAZBlqm9lhH5QKniYKw66G5F_gw2Q/viewform
Tumblr media Tumblr media
Tumblr media
what i say after this last one picture ..
you have a great sleep sir ..
warm regards
Yogendra kumar purohit
Master of Fine arts
Bikaner,India
DAY 5799
Jalsa, Mumbai Jan 2/3, 2024 Tue/Wed 6:28 AM
🪔 ,
January 03 .. birthday wishes to our Ef and greetings to all ..
Ef Himanshu Srivastava .. Ef Nandkeshor Dattatreya Paatil .. Ef Omnia from Egypt 🇪🇬 .. Ef Anuradha Raheja from Madurai .. and Ef Megha VJ from USA 🇺🇲 ..
.. ✨
🌹
Tumblr media
Babuji .. a prominent member of the Freedom Fighters for Independent India .. and how his modest home was opened for secret meetings and a place to hide, for the freedom fighters ..
In one of his conversations with me he did describe how the great freedom fighter Chandrashekhar 'Azaad' had sought refuge at his home and remained rolled up in a 'bistar band' .. बिस्तर बंद .. the 'HoldAll' of my times, a canvas type rolled packaging with straps to tie it up, inside which was laid a mattress, pillows, your shoes and other essentials for travel .. all then rolled up and tied in leather straps, which then became an essential baggage element during travel .. it would and was opened up by releasing the straps, unrolling it and viola, a ready made bed - mattress pillows and all .. open it up on the bed or floor or a train berth .. most convenient and the most important baggage material for travel .. well on train and cars and bus travels .. until the airplane arrived as the more, now common mode of travel ..
So 'Azad' remained rolled up in the 'holdall' - a most convenient and descriptive word coined for this kind of baggage essential - and secretly spent a night there at Babuji's home .. rolled up in a holdall !!
The dedication and will of the freedom fighter ! Incredible !!
Chandrashekhar 'Azad' later took on the British forces, a large contingent, in the famous Allahabad park, then known as Alfred Park, alone, hiding behind a tree, firing bullets from his pistol , until when his ammunition was exhausted and when he felt he would be caught, he ended his life behind that tree, by shooting his last bullet .. at himself .. not wanting to give himself up to the British ..
The park has now been renamed in his honour .. The Chandrashekhar Azad Park ..
I spent a large amount of time at this park, for picnics etc., and this was where the popular Allahabad Flower Show used to be held, where I went with Ma .. she won several cups for Best Garden, and Best Flower, the rose, competition !
I remember seeing that famous tree, behind which Azad took shelter and fought the British contingent ..
The park was a large expanse of green and flowers and trees right almost in the centre of the city .. a canopied structure in the middle of the park, was inhabited by a Band, every Sunday, playing old tunes of the time ..
The park also had a most well kept grass tennis court, where I saw some great International players during their tournament, organised by the Allahabad Civic authorities .. I cannot remember their names .. was too young for that .. but they were from Britain, and some European countries , I think ..
They were invited for a tea reception at Justice Mootham's residence, the then Chief Justice of the Allahabad High Court ..
If my memory does not fail me .. Justice Mootham ! yes that name is correct in memory ..
7 :00 AM
a bit misleading the time , for I have been up since 4 .. loitering about in my room, nursing a muscle pulled back in spasm, unable to sleep or rest .. so a selective spray, that boasts of 'pain relief' within minutes - they all do - was generously applied and ..
And ..
Well, the discomfort remains .. ahahaha ..
🤣🤣🤣
The greetings of the New Year, the greetings for the Birthday have all been overwhelmingly large, and this has provided an enormous amount of space occupation on the mobile .. which as I try to address, is becoming a most arduous task ..
SO ..
may I just acknowledge all that have sent their wishes and greetings here and express my inadequacy in making personal responses ..
PLEASE ..
my gratitude then and my love for this ..
❤️
Laziness persists .. and that induces a temperament , which is difficult to describe ..
The absence of routine may sound odd, but routine puts and gathers the body in a way that keeps it going .. else , one never has a solution as to what can be done to occupy time .. and several essentials loose their essentiality !
Making sense ..
No ..
Well then too bad ! 🥹
Was going to suggest, you get lazy to experience and endorse my words, but that would be so ethically incorrect ..
Hence its a wish for the effervescent day ahead .. and my love 😍
Tumblr media
Amitabh Bachchan
PS : I was right .. 👇🏽
Orby Howell Mootham
Sir Orby Howell Mootham (17 February 1901 – 19 July 1995) was a British lawyer, legal writer, and judge who was the Chief Justice of the Allahabad High Court from 1955 to 1961, the third-last British judge to serve in India.
120 notes · View notes
abhinews1 · 2 years ago
Text
सताक्षी और पुष्कर ने जीते बैडमिंटन के खिताब
Tumblr media
सताक्षी और पुष्कर ने जीते बैडमिंटन के खिताब
राजीव एकेडमी में चार दिवसीय प्रतिस्पर्धा-2023 का समापन मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में चार दिवसीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के अंतिम दिन विभिन्न खेलों के फाइनल मुकाबले खेले गए। बैडमिंटन के बालिका वर्ग में जहां सताक्षी अरोरा तथा बालक वर्ग में पुष्कर सिंह चैम्पियन बने वहीं टेबल टेनिस में हर्ष अग्रवाल (बीबीए पंचम सेमेस्टर) वि��ेता तथा वंश मित्तल (बीबीए तृतीय सेमेस्टर) उप-विजेता रहे। चार दिवसीय खेल प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने शतरंज, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, वालीब���ल, लूडो तथा कैरम में अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया। शतरंज में बी.एड. प्रथम वर्ष के आदित्य बंसल प्रथम तथा बीएससी प्रथम सेमेस्टर के जतिन सिसोदिया द्वितीय तथा बीसीए तृतीय सेमेस्टर के नरेश कुमार तृतीय स्थान पर रहे। छात्राओं की बैडमिंटन स्पर्धा में बीबीए पंचम सेमेस्टर की सताक्षी अरोरा चैम्पियन बनीं उन्होंने फाइनल में भूमिका सिंह को पराजित किया। बीबीए पंचम सेमेस्टर की गीतांजलि को तीसरा स्थान मिला। छात्रों की बैडमिंटन स्पर्धा में बी.ईकॉम प्रथम सेमेस्टर के पुष्कर सिंह विजेता तथा दुष्यंत चौधरी उप-विजेता रहे। आदित्य जग्गी को तीसरा स्थान मिला। टेबल टेनिस में हर्ष अग्रवाल (बीबीए पंचम) विजेता तथा वंश मित्तल (बीबीए तृतीय सेमेस्टर) उप-विजेता रहे। कैरम में सुनील (बीएससी तृतीय वर्ष) विजेता तथा दीक्षा रावत (बी.लिब साइंस) उप-विजेता रहीं। तीसरा स्थान गौरी गर्ग (एमबीए) को मिला। लूडो में जीतेन्द्र सिंह (बीएससी तृतीय) विजेता तथा लक्ष्मीनारायण (बीसीए प्रथम सेमेस्टर वर्ग डी) उप-विजेता रहे। नेहा पचौरी (बी.एड प्रथम वर्ष) तीसरे स्थान पर रहीं। वालीबाल में बीसीए और बीबीए की टीमें संयुक्त रूप से विजेता रहीं तथा बीएससी प्रथम सेमेस्टर की टीम को दूसरा तथा बी.ईकॉम प्रथम सेमेस्टर की टीम को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। प्रतिस्पर्धा 2023 की प्रायोजक शीतल पेय कम्पनी कोकाकोला थी। सभी खेल मुकाबलों के समन्वयक बीसीए के विभागाध्यक्ष चन्द्रेश दुबे, मयंक दीक्षित तथा गोपाल सारस्वत रहे। प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने मेडल, प्रशस्ति-पत्र तथा स्मृति चिह्न प्रदान कर प्रोत्साहित किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा प्राध्यापकों ने विजेता, उप-विजेता तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह पढ़ाई के साथ खेलों में भी सहभागिता करें ताकि उनका तन-मन स्वस्थ रहे। चार दिवसीय खेलों को सुव्यवस्थित तरीके से सम्पन्न कराने में डॉ. विकास जैन, डॉ. रमन चावला, मोहम्मद जाहिद, प्रखर त्यागी, तनुज अग्रवाल, दीपक सिंह, मनीष उपाध्याय, अखिलेश गौड़, योगेश तिवारी, गौरव गोस्वामी डॉ. प्रमोद वल्लभ गोस्वामी, वर्षा शर्मा, शरद सिंह, राकेश, विजय कुमार अग्रवाल, कृष्णेन्द्र कुमार, तमन्ना आहूजा, सौरव शर्मा, समरा खलिक, प्रीति शर्मा, ललित किशोर, स्वाती गुप्ता, रश्मि सिंह, डॉ. अम्बिका उपाध्याय, पूर्वी गौतम, विमलेश, नेहा मेहरा, प्रियेश गोस्वामी, श्वेता सारस्वत, कृष्ण गोपाल, ज्योति सिंह, डॉ. सुषमा शर्मा, अवधेश अथइया, पवन अग्रवाल, डॉ. रिचा भार्गव, ��ॉ. विवेक कुमार श्रीवास्तव, मंकेश शर्मा, बिजेन्द्र, साक्षी पाण्डेय, अंजली शर्मा, डॉ. डीबी समाधिया, वीरकान्त भास्कर, संयम वार्ष्णेय, हीरेन्द्र सिंह, राम अवतार शर्मा, प्रियंका सिंह, गरिमा शर्मा, दुर्गपाल सिंह, कृष्णा सूत्रधर, निश्चय चौधरी, मनुर्भव रविकान्त आदि का योगदान रहा।
Tumblr media
राजीव एकेडमी में चार दिवसीय प्रतिस्पर्धा-2023 का समापन Read the full article
0 notes