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#कंपनियों की लिस्टिंग
imnitishverma · 6 months
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Google Kormo Jobs App क्या है और कैसे प्रयोग करें?
लॉक डाउन के बीच Google ने अपनी जॉब-लिस्टिंग ऐप Kormo Jobs का विस्तार भारत में किया है। जैसा की आपको पता होगा देशव्यापी लॉक डाउन में बहुत सारे लोगों की नौकरी चली गई है। बहुत से कारणों की वजह से लोग अपनी जॉब भी बदलना चाह रहे हैं। ऐसे में इस संकट के समय में Google Kormo Jobs App भारत में लांच कर दिया गया है।
इस पोस्ट में आप Google Kormo Jobs App क्या है? कैसे इसका प्रयोग करना है। ये सभी जानकारी हम इस पोस्ट में आपको देने वाले हैं। तो अगर आपको भी एक नई जॉब की तलाश है तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें।
इस ऐप को सबसे पहले साल 2018 में बांग्लादेश में लॉन्च किया गया था और फिर साल 2019 में इसका विस्तार इंडोनेशिया में किया गया था।
Table of Contents
Google Kormo Jobs App क्या है?
गूगल कोरमो जॉब्स एप्प का प्रयोग कैसे करें?
Google Kormo Jobs App क्या है?
Kormo Jobs ऐप विभिन्न नौकरियों को लिस्ट करता है, इसके अलावा हर कोई इस प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत रूप से अपना डिज़िटल CV भी बना सकता है। गूगल की यह नई पहल लाखों लोगों को नौकरियां दिलाने में मदद करेगी।
अगर सब सही रहा तो जो कि यकीनन Microsoft के LinkedIn और इंडिया बेस्ड जॉब सर्च पोर्टल्स जैसे Naukri.com और TimesJobs को टक्कर दे सकता है।
Kormo Jobs ऐप की मदद से आप अपनी प्रोफाइल के आधार पर नौकरी की खोज कर सकते हैं। इसके अलावा इस ऐप में कुछ ऐसे टूल्स भी दिए गए हैं, जो कि आपकी प्रोफाइल में आपके करियर और नई स्किल को अपग्रेड कर सकेंगे। साथ ही ऐप में अपनी जानकरी देकर डिजिटल सीवी भी तैयार कर सकते हैं। जिसे ऐप के माध्यम से शेयर व प्रिंट किया जा सकता है।
यंहा एक Learn New Skill का भी ऑप्शन है। जंहा से आप अपने जॉब में काम आने वाले स्किल्स को सिख सकते हैं।
फिलहाल अभी मुझे इसमें कंटेंट की कमी लगी। उम्मीद है धीरे धीरे स्किल सेक्शन को और इम्प्रूव किया जाएगा।
गूगल कोरमो जॉब्स एप्प का प्रयोग कैसे करें?
Kormo Jobs App का प्रयोग करना बहुत ही आसान है।
सबसे पहले तो आप इस एप्प को प्लेस्टोर से अपने फ़ोन में डाउनलोड कर लें। अपनी पर्सनल जीमेल से इसको लॉगिन कर लें।
लॉगिन होने के बाद गूगल अकाउंट से आपकी बेसिक डिटेल्स यंहा आ जाती है। आप आपको “Your Profile” में जाकर सभी जानकरियों को अच्छे से दर्ज करना है।
https://www.nitishverma.com/wp-content/uploads/2020/08/Google-Kormo-Jobs-App-Interface-413x570.html
अब आपने जॉब का इंट्रेस्ट और लोकेशन चुन सकते हैं। इसके बाद आपको आपकी योग्यता के अनुसार जॉब की लिस्ट दिखाई देने लगेगी।आप अपने पसंद और सुविधा के अनुसार इन जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
Kormo Jobs App क्या ख़ास है?
Google का कोर्मो जॉब्स ऐप आपको जॉब इंटरव्यू के माध्यम से निर्देशित अनुभव के साथ प्रवेश-स्तर की नौकरियों को खोजने में मदद करता है।
आप अपने इंट्रेस्ट, क्वालिफिकेशन और स्थान के आधार पर verified employers नियोक्ताओं से व्यक्तिगत नौकरी की सिफारिशें प्राप्त कर सकते हैं।
आप एक मुफ्त डिजिटल रिज्यूमे / सीवी बना और डाउनलोड कर सकते हैं।आप सीधे आवेदन कर सकते हैं और बस कुछ ही समय में एप्लीकेशन पूरा हो जाता है। आपको अपनी प्रोफ़ाइल को शुरू करने में केवल कुछ मिनट लगते हैं।
एक बार साइन अप करने के बाद, आपके पास असीमित पहुंच है:
verified employers से नई नौकरियां
वास्तविक समय ट्रैकिंग और जॉब एप्लीकेशन पर जल्दी अपडेट
ऐप के माध्यम से सीधे साक्षात्कार
मुफ्त डिजिटल रिज्यूमे जो आपके शेयर या CV के रूप में डाउनलोड करने के लिए है
आपको सीखने और अधिक कमाने में मदद करने के लिए नई स्किल कंटेंट भी उपलब्ध है
कोरमो जॉब्स रिटेल, लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी एंड सर्विसेज में माहिर हैं और रिटेल सेल्स एसोसिएट, डिलीवरी और वेयरहाउस ऑपरेशंस और कस्टमर सर्विस रिप्रेजेंटेटिव जैसे जॉब ऑफर करते हैं।
Google Pay Jobs Spot Section
आपको बता दें पिछले साल गूगल ने Google Pay में Jobs Spot सेक्शन जोड़कर Kormo Jobs का शुरुआती अनुभव प्रदान किया था। कंपनी का दावा है कि गूगल पे इंटीग्रेशन के जरिए Dunzo और Zomato जैसी कंपनियों ने 20 लाख से भी ज्यादा वेरिफाई जॉब्स पोस्ट की थी। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कितने लोगों को इस लिस्टिंग के जरिए जॉब्स प्राप्त हुई।
खैर! अब गूगल ने गूगल पे पर मौजूद Jobs Spot को Kormo Jobs के रूप में रीब्रांड कर दिया है, जो कि यूज़र्स को वैसा ही अनुभव प्रदान करने वाला है। अब यूजर सीधा kormo Jobs app की मदद से जॉब्स ढूंढ पाएंगे।
आपको बता दें, गूगल काफी समय से अपनी सर्च रिजल्ट्स में भी जॉब्स को ख़ास जगह दे रहा है। और आपने भी कई बार सर्च करते हुए इसका अनुभव किया होगा।
गूगल पे पर मौजूद जॉब स्पॉट को खासतौपर एंट्री-लेवल पॉजिशन के लिए डिज़ाइन किया गया था। लेकिन Kormo Jobs ऐप एंट्री-लेवल पॉजिशन से आगे बढ़ते हुए LinkedIn व भारतीय जॉब पोर्टल जैसे Naukri, Shine.com और TimesJobs को टक्कर देगा।
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में गूगल ने भारत में अपने सर्च इंजन पर जॉब लिस्टिंग लाने के लिए Aasaanjobs, Freshersworld, Headhonchos, IBM Talent Management Solutions, LinkedIn, Quezx और Shine जैसे जॉब पोर्टल्स के साथ साझेदारी की।
उम्मीद है Google Kormo Jobs App आपकी जॉब ढूंढने में आपकी मदद करेगा।
अगर Kormo Jobs App के जुड़ा आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट में बताएं। पोस्ट को शेयर कीजिये जिससे दूसरों को भी ये जानकारी मिल सके।
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gaange · 8 months
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Paytm को 24 घण्टे में 3 जोरदार झटके !
RBI का पेटीएम पर बैन लगाना पेटीएम के लिए आफत बनता जा रहा है। बाजार में शेयर हर दिन लूट फिट रहा है और बाहर पेटीएम के लिए हवा खराब होती चली जा रही है। बीते 24 घंटे में पेटीएम को तीन जोरदार झटके लगे हैं, जो उसमें पेटीएम की नींव हिला दी है। एक इपीऐफ़ओह ने पेटियम पेमेंट बैंक में क्रेडिट करने और क्लेम सेट्लमेंट करने पर रोक लगा दी है। दूसरा आज पेटियम के शेयर में जोरदार गिरावट देखी गई है। तीसरा कल पेटीएम की इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर मंजू अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया। Paytm को 24 घण्टे में 3 जोरदार झटके ! ये तीन खबरें पेटियम के लिए परेशानी का सबब बन गई है, क्योंकि पहले ही आरबीआई की तलवार पेटीएम पर लटकी हुई है। हो सकता है की आर बी आई 29 तारीख की डेडलाइन को पेटीएम के लिए एक्सटेंड कर दे और और सब कुछ दुरुस्त करने का पेटीएम को थोड़ा समय और मिल जाए। लेकिन क्या इससे समस्या हल हो जाएगी? पेटीएम के लिए इपीऐफ़ओह के दरवाजे बंद होना या इंडिपेंडेन्ट डाइरेक्टर का कंपनी को छोड़ कर जाना भले ही पेटीएम पर ज्यादा इम्पैक्ट ना डाले लेकिन जिस तरह से बाजार में पेटीएम के शेयर का भाव लगातार ताश के पत्तों के जैसे बिखर रहा है। पेटीएम के 2150 के आईपीओह का टाइम वाले भाव पर फंसे निवेशकों का क्या होगा? ऐसे में कुछ बड़े सवाल खड़े हो जाते हैं। क्या पेटियम की लिस्टिंग टाइम के भाव कभी आ सकते हैं? अगर पेटीएम डूब जाती है तो क्या होगा? मोटे तौर पर अगर देखा जाए तो पेटीएम के शेयर में करीब 11,00,000 लोगों ने रिटेल इन्वेस्टर्स के तौर पर निवेश किया हुआ है। पेटीएम के निवेशक उसके IPO के बाद से भाव टूटने की मार को झेल रहे हैं। IPO के टाइम का भाव आएगा या नहीं आएगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन अब ऐसे में अगर पेटीएम डूब जाती है तो सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं 11,00,000 लोगों को उठाना होगा। हालांकि पेटीएम में निवेश करने वालों में सिर्फ रिटेल इन्वेस्टर ही नहीं है। बल्कि पेटीएम में 514 FIISऔर 97 म्यूचुअल फंड स्कीम्स का पैसा भी लगा है। ज़ाहिर तौर पर 97 म्यूचुअल फंड कंपनियों में भी आम आदमी का ही पैसा लगा है। इस तरह देखा जाए तो पेटीएम के डूबने से मार्केट में भयानक तबाही आ सकती है। बाजार में शेयर का हाल तो आप जानते ही होंगे। लगातार पेटीएम का शेयर धराशायी होता जा रहा है। शुक्रवार को शेयर बाजार खुलते ही पेटीएम के शेयर में जोरदार गिरावट हुई। पेटीएम का 9 फरवरी का लो ₹410 का रहा। गनीमत रही की आखरी कुछ घंटों में बाजार में फिर वापसी करी और सुधार दिखा। 9 फरवरी का 448 रुपए का रहा था, लेकिन शेयर में स्थिरता नहीं दिखाई दी, जिसके चलते बाजार में पेटियम 9 फरवरी के दिन अपने ओपेन 420 के भाव के करीब जाकर ही बंद हो गया। पेटीएम के शेयर पिछले 2 दिन में 17 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। वही एक महीने के दौरान इसके शेयर में 39.76 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अब देखना होगा कि कब तक और कैसे पेटियम का समय बदलता है और कैसे निवेशकों को राहत मिलती है। Read the full article
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newsreporters24 · 3 years
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New companies in Uttar Pradesh to get priority listing at BSE, NSE
New companies in Uttar Pradesh to get priority listing at BSE, NSE
छवि स्रोत: पीटीआई / प्रतिनिधि। यूपी में नई कंपनियों को बीएसई, एनएसई में प्राथमिकता सूची मिलेगी। उत्तर प्रदेश में पिछले चार वर्षों में स्थापित नई कंपनियों को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध करने में प्राथमिकता दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) MSME नवनीत सहगल के अनुसार, गुरुवार को NSE के वरिष्ठ प्रबंधक राकेश कुमार के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया। सहगल ने…
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dailyhantnews · 2 years
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यूएई अस्पताल समूह बुर्जील ने पूरे साल का रिकॉर्ड बनाया...
यूएई अस्पताल समूह बुर्जील ने पूरे साल का रिकॉर्ड बनाया…
जहां बुर्जिल होल्डिंग्स की संभावित लिस्टिंग की बात ने मध्य पूर्व आईपीओ बूम से अमीरात को फायदा पहुंचाया है, वहीं अबू धाबी और दुबई ने इस साल कई सरकारी कंपनियों को सार्वजनिक किया है। ब्लूमबर्ग | ब्लूमबर्ग | गेटी इमेजेज दुबई, संयुक्त अरब अमीरात – भारतीय अरबपति शमशीर वायल अमीरात स्थित अस्पताल समूह द्वारा पूरे साल के राजस्व और मुनाफे को रिकॉर्ड करने के बाद बुर्जील होल्डिंग्स को सार्वजनिक करने की योजना…
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कभी हाथ में टिफिन बॉक्स और बिस्तर लेकर निकले थे, आज है 3.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति
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सफलता किसी को भी ऐसे ही नहीं मिल जाती, इसके पीछे कठिन संघर्ष छिपा होता है। लेकिन सफलता भी उन्हीं को मिलती है जो उसे पाने की चाह रखते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कभी बिहार से हाथ में एक टिफिन बॉक्स, बिस्तर और आंखों में बड़े सपने लेकर निकलने वाले वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल। जिन्होंने कबाड़ बेचकर अपनी पहचान बनाई और आज वो भारत के बड़े बिज़नेसमैन में से एक हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी संपत्ति को दान करके नई सुर्खियां भी बटोरी है साथ ही लोगों को प्रेरित भी किया है। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल उन चंद लोगों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी कामयाबी की कहानी खुद लिखी है। अधिकांश लोगों की तरह इन्होंने भी छोटे शहर से निकलकर मुंबई जाने का बड़ा सपना देखा है। लेकिन अनिल अग्रवाल न केवल उन सपनों को देखा बल्कि कठिन संघर्ष करते हुए उन्हें पूरा करके ही दम लिया। अगर आपके अंदर भी कुछ कर गुज़रने की आग है तो आप इनसे काफी कुछ सीख सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया और कैसे वो लोगों के लिए आज प्रेरणास्त्रोत बन गए।
·         15 की उम्र में छोड़ दिया था स्कूल
बिहार के पटना में जन्��ें और पले-बढ़े अनिल अग्रवाल की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन उनके सपने बहुत बड़े थे। उन्होंने हायर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन महज 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया। जब वो पटना से मुंबई जाने के लिए निकले तो उनके हाथ में एक टिफिन बॉक्स, बिस्तर और आंखों में बड़े-बड़े सपने थे। और मन में कुछ अलग करने की चाह थी।
·         कबाड़ बेचकर शुरू किया करियर
अनिल अग्रवाल ने अपने करियर की शुरूआत बतौर स्क्रैप डीलर के तौर पर की। 1970 के दशक में उन्होंने कबाड़ की धातुओं की ट्रेडिंग शुरू की और 1980 के में उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज की स्थापना कर दी। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 1990 के दशक में कॉपर को रिफाइन करने वाली देश की पहली प्राइवेट कंपनी बनी। यही कंपनी आगे चलकर वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड और आज की Vedanta Group बन गई। वेदांता ग्रुप आज के समय देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनियों में से एक है।आज उनका नाम देश के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार हैं।
·         पत्नी के सहयोग से बड़े आगे
अपनी मेहनत से पहचान बनाने वाले अनिल अग्रवाल के आगे बढ़ने में उनकी पत्नी ने भी काफी सहयोग किया। उनकी पत्नी ने उनके लंदन जाने में अहम रोल अदा किया। लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने के बाद के अनिल अग्रवाल ने देखा कि यह भारत से कई तरह अलग था। लेकिन उन्होंने लंदन में भी अपनी एक खास पहचान बनाई। वे धातु, तेल और गैस के कारोबार से जुड़े हैं।
·         अपनी संपत्ति को दान करने कि घोषणा की 
वेदांता रिसोर्सेज के मालिक अनिल अग्रवाल ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी की लिस्टिंग के 10 साल होने पर करीब दो साल पहले अपनी 75 फीसदी संपत्ति को दान की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जो कमाया उसे समाज को लौटाना चाहता हूं। वर्तमान में अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ग्लोबल बन चुकी है, यह कंपनी भारत के अलावा अफ्रीका, आयरलैंड और अस्ट्रेलिया समेत अन्य कई देशों में कारोबार कर रही है। इस कंपनी में 65,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। फोर्ब्स के अनुसार, वर्तमान में अनिल अग्रवाल की अनुमानित संपत्ति 3.6 बिलियन डॉलर है।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल कहते हैं कि, “अगर आप मजबूत इरादे के साथ पहला कदम उठाएंगे, मंज़िल मिलना तय है।” उन्होंने अपने संघर्ष को अपनी ताकत बनाकर अपनी नई कहानी लिखी है। इसलिए आप भी अनिल अग्रवाल की सफलता की इस कहानी से प्रेरणा ले सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। लेख के बारे में आप अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। साथ ही इस कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिली है यह भी आप हमें कमेंट कर के बता सकते हैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-anil-agarwal-11013.html
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rudrjobdesk · 2 years
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बड़ी खबर- 1 अगस्त से Amazon, Flipkart पर बिकने वाले हर सामान पर अब लिखा होगा, वो कहां बना है
बड़ी खबर- 1 अगस्त से Amazon, Flipkart पर बिकने वाले हर सामान पर अब लिखा होगा, वो कहां बना है
नई दिल्ली. कंट्री ऑफ ओरिजिन (Country of Origin) को लेकर सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने हर प्रोडक्ट पर कंट्री ऑफ ओरिजिन बताने की नई लिस्टिंग के लिए डेडलाइन 1 अगस्त तय किया है. लेकिन पोर्टल पर मौजूद प्रोडक्ट्स के लिए डेडलाइन तय नहीं हो सका है. हालांकि DIPPGOI ने आज की बैठक में सितंबर के अंत तक नियम पूरी तरह से लागू करने की मंशा जाहिर की है. DPIIT…
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divyabhashkar · 3 years
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एसईसी द्वारा संभावित डीलिस्टिंग के लिए चीनी कंपनियों के नाम दिए जाने के बाद अलीबाबा, जेडी डॉट कॉम के शेयरों में गिरावट आई है।
एसईसी द्वारा संभावित डीलिस्टिंग के लिए चीनी कंपनियों के नाम दिए जाने के बाद अलीबाबा, जेडी डॉट कॉम के शेयरों में गिरावट आई है।
अलीबाबा (बाबा) शुक्रवार को हांगकांग 6% से अधिक गिर गया। इसका यूएस-लिस्टेड स्टॉक गुरुवार को 7.9% नीचे बंद हुआ। जद.कॉम (जद) वॉल स्ट्रीट पर 16% की गिरावट के बाद, हांगकांग लगभग 17% गिर गया। Baidu (बिदु) 6.3% की गिरावट के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका 5% नीचे था। संयुक्त राज्य अमेरिका और हांगकांग में दोहरी लिस्टिंग वाली अन्य कंपनियों में भी तेज गिरावट देखी गई। चीन के इंटरनेट और तकनीकी शेयरों में व्यापक…
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Google मानचित्र, Tripadvisor उपयोगकर्ताओं को रूस, यूक्रेन और बेलारूस में नई समीक्षाएं पोस्ट करने से रोकता है
Google मानचित्र, Tripadvisor उपयोगकर्ताओं को रूस, यूक्रेन और बेलारूस में नई समीक्षाएं पोस्ट करने से रोकता है
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन संकट को गहराते हुए, Google मानचित्र और ट्रिपएडवाइजर ने रूस के साथ-साथ यूक्रेन और बेलारूस में कुछ लिस्टिंग के लिए नई समीक्षा पोस्ट करने की क्षमता को अवरुद्ध कर दिया है। दोनों कंपनियों ने व्यवसायों और गंतव्यों की समीक्षाओं को निलंबित कर दिया है क्योंकि Google मैप्स और ट्रिपएडवाइजर का उपयोग राजनीतिक बयानों को कार्यकर्ताओं द्वारा समीक्षा के रूप में पोस्ट करने के लिए किया गया…
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2021 में IPO लाकर शेयर बाजार में धूम मचाने वाले स्टार्टअप कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिरे
2021 में IPO लाकर शेयर बाजार में धूम मचाने वाले स्टार्टअप कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिरे
Black Monday For Stock Market: सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट का असर तो पूरे बाजार पर है. सभी सेक्टर्स की पिटाई हुई है. लेकिन आज के ट्रेडिंग सेशन में सबसे ज्यादा पिटाई हुई है स्टार्टअप कंपनियों की जिन्होंने 2021 में अपनी लिस्टिंग के दौरान खुब धूम मचाई थी. सोमवार को नायिका, जोमैटो, पेटीएमस पॉलिसी बाजार कार ट्रेड की जबरदस��त पिटाई हुई है. 900 के नीचे लुढ़का पेटीएम  पेटीएम के शेयर में गिरावट का…
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technofyworld · 3 years
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Apple ने इन-हाउस में अधिक वायरलेस चिप्स लाने के लिए कैलिफ़ोर्निया में इंजीनियरों की नई टीम बनाई
Apple ने इन-हाउस में अधिक वायरलेस चिप्स लाने के लिए कैलिफ़ोर्निया में इंजीनियरों की नई टीम बनाई
ऐप्पल दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में एक नए कार्यालय के लिए वायरलेस चिप्स विकसित करने के लिए इंजीनियरों को भर्ती कर रहा है जो अंततः ब्रॉडकॉम और स्काईवर्क्स सॉल्यूशंस द्वारा आपूर्ति किए गए घटकों को प्रतिस्थापित कर सकता है। कंपनी इरविन में वायरलेस चिप्स विकसित करने के लिए कुछ दर्जन लोगों की तलाश कर रही है, जहां ब्रॉडकॉम, स्काईवर्क्स और अन्य कंपनियों के कार्यालय हैं। हाल की नौकरी लिस्टिंग से पता चलता है…
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lok-shakti · 3 years
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फोन कंपनियों को इस उबाऊ 'जोखिम से बचने' के दौर से बाहर निकलने की जरूरत क्यों है
फोन कंपनियों को इस उबाऊ ‘जोखिम से बचने’ के दौर से बाहर निकलने की जरूरत क्यों है
सप्ताहांत के दौरान, मैंने ओएलएक्स पर एलजी विंग की खोज शुरू की और स्मार्टफोन की अनगिनत लिस्टिंग मिली, जिसे कभी दक्षिण कोरियाई प्रमुख के लिए अपनी प्रमुख स्मार्टफोन रणनीति को सही करने के लिए अंतिम उपाय माना जाता था। एलजी अब स्मार्टफोन के कारोबार से बाहर हो गया है, और यह देखकर दुख होता है कि कैसे एक बार खेल के शीर्ष पर एक कंपनी सालों तक पैसे खर्च करने के बाद अपने फोन डिवीजन को बंद करने के लिए कम हो…
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divyabhashkar · 3 years
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उतार-चढ़ाव भरे बाजारों में Zomato, Paytm, Nykaa के शेयर टूट गए। लेकिन यह टेक स्टॉक ठोस है
उतार-चढ़ाव भरे बाजारों में Zomato, Paytm, Nykaa के शेयर टूट गए। लेकिन यह टेक स्टॉक ठोस है
वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति के कारण अस्थिर बाजार के कारण भारतीय शेयर, विशेष रूप से तकनीकी दिग्गज, दुनिया के अधिकांश देशों की तरह एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। ऐसी कंपनियों में डिजिटल मैप प्रोवाइडर सीई इंफो सिस्टम्स या मैपमाईइंडिया की शेयर लिस्टिंग मजबूत है। गुरुवार को कंपनी के शेयर 2.03% ऊपर बंद हुए 3एनएसई के शेयरों में पिछले पांच दिनों में लगभग 7% की वृद्धि हुई है और 1,505 अन्य तकनीकी शेयरों में…
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ajay1891 · 3 years
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जानना जरूरी है:आखिर जोमैटो, पेटीएम और LIC को IPO लाने की जरूरत क्यों? IPO में हम कैसे पैसा लगा सकते हैं और 2021 में निवेशकों को IPO से कितनी कमाई हुई?
अजय शर्मा । बिज़नेस : IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस का नाम तो आपने सुना ही होगा। इसका IPO फरवरी 1993 में लॉन्च हुआ। इसमें एक शेयर की कीमत 95 रुपए थी और एक्सचेंज पर शेयर की लिस्टिंग 145 रुपए के प्रीमियम पर 14 जून 1993 को हुई। आज ये शेयर 1600 के करीब चल रहा है। अगर आपने इंफोसिस के 100 शेयर्स के लिए 1993 में केवल 10,000 रुपए का निवेश किया होता, तो आज आप लखपति बन गए होते।
कोरोना के दौरान यानी मार्च 2020 से अब तक IPO बाजार गुलजार रहा है। 2021 में अब तक 28 IPO आ चुके हैं। इस साल कुछ IPOs से निवेशकों को 90% तक का रिटर्न मिला है। इस साल पेटीएम समेत 10 बड़े IPO आने वाले हैं।
ऐसे में हम आपको यहां समझा रहे हैं कि IPO होता क्या है, क्यों किसी कंपनी को IPO लाने की जरूरत होती है, हम इसमें कैसे पैसा लगा सकते हैं और 2021में अभी तक आए IPOs से निवेशकों की कितनी कमाई हुई?
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।
IPO में कौन पैसा लगा सकता है?
कोई भी वयस्क व्यक्ति IPO में पैसा लगा सकता है, जो कानूनी अनुबंध की समझ रखता हो। इसके लिए कुछ आवश्यक शर्तें भी हैं…
IPO में शेयर खरीदने के इच्छुक निवेशक के पास देश के आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया पैन कार्ड होना चाहिए।
वैलिड डीमैट अकाउंट भी होना चाहिए।
IPO में कितना पैसा लगा सकते हैं?
आप IPO में बिल्कुल आसानी से पैसा लगा सकते हैं। कोई भी कंपनी पब्लिक इश्यू के जरिए पैसा जुटाने के लिए IPO 3-10 दिन तक ओपन रखती है। मतलब कोई भी निवेशक IPO को 3 से 10 दिनों के बीच ही खरीद सकता है। हालांकि, ज्यादातर कंपनियों का IPO 3 दिन के लिए खुला होता है।
इसमें कंपनियां ��्रति शेयर प्राइस तय करती हैं और उसी हिसाब से लॉट साइज भी तय किया जाता है। एक लॉट में उतने ही शेयर शामिल होते हैं, जिनका कुल अमाउंट 15 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होता। लॉट, शेयर्स का एक बंडल होता है।
निवेशक IPO में कंपनी की ऑफिशियल साइट पर जाकर या रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए पैसा लगा सकते हैं या फिर आप अपने मोबाइल ऐप से भी पैसा लगा सकते हैं। लेकिन एक आम निवेशक 2 लाख रुपए से ज्यादा का इश्यू नहीं खरीद सकता है।
IPO में शेयर्स की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत प्राइस बैंड या फिक्स्ड प्राइस इश्यू से तय होती है। IPO में प्राइस बैंड और न्यूनतम लॉट साइज कंपनी के प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर्स, IPO मैनेजर के साथ विचार-विमर्श के बाद तय करते हैं।
IPO में पैसा लगाते समय किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जरूर देखें: यह बताता है कि कंपनी जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहां करेगी। साथ ही निवेशकों के लिए संभावित रिस्क की भी जानकारी देती है।
IPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहां होगा: ज्यादातर कंपनियां IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और बिजनेस को बढ़ाने पर करती हैं। अगर ऐसा है तो बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है।
कंपनी के कारोबार को समझें: IPO में निवेश करने से पहले बतौर निवेशक इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए कि कंपनी का कारोबार क्या है? उस कारोबार में ग्रोथ की संभावनाएं कैसी हैं? अगर कंपनी का कारोबार अच्छा चल रहा है और ग्रोथ की संभावनाएं अच्छी हैं तो निवेश किया जा सकता है।
प्रमोटर बैकग्राउंड और मैनेजमेंट टीम: एक निवेशक को जरूर जान लेना चाहिए कि कंपनी कौन चला रहा है? कंपनी के जुड़े सभी कामों में अहम भूमिका निभाने वाले प्रमोटर्स और मैनेजमेंट कैसा है? क्योंकि कंपनी को आगे बढ़ाने में मैनेजमेंट की भूमिका सबसे अहम होती है।
बाजार में कंपनी की क्षमता: कंपनी के पास अच्छा बिजनेस मॉडल होना चाहिए। अगर कंपनी फंड जुटाने के बाद अच्छा प्रदर्शन करती है, तो निवेशकों को IPO के दौरान किए गए निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
कंपनी की स्ट्रेंथ और स्ट्रैटजी​​​: निवेशक DRHP से कंपनी की स्ट्रेंथ और स्ट्रैटजी के बारे में पता लगा सकते हैं। यहां इंडस्ट्री में कंपनी की क्या पोजिशन है इसे जानने की कोशिश की जानी चाहिए।
कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ और वैल्यूएशन: निवेशकों को IPO में पैसा लगाने से पहले कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन को समझना चाहिए। पिछले सालों में कंपनी को कितना फायदा या घाटा हुआ है और आय में कितनी कमी या बढ़ोतरी हुई है।
सेगमेंट की अन्य कंपनियों के साथ तुलना: IPO लाने वाली कंपनी की तुलना उसी सेगमेंट की अन्य कंपनी के साथ करनी चाहिए। इसके लिए DRHP में फाइनेंशियल नंबर और वैल्यूएशन के डीटेल को आधार बनाना चाहिए।
रिस्क फैक्टर: DRHP से रिस्क फैक्टर यानी कंपनी से जुड़ी वो बातें जान सकते हैं, जो भविष्य में कंपनी के लिए खतरा बन सकती हैं। जैसे, कंपनी पर किसी तरह के मुकदमे दर्ज हैं या नहीं।
निवेशकों का निवेश पर स्पष्ट रहना: IPO में पैसे लगाते समय यह साफ कर लेना चाहिए कि निवेश लिस्टिंग गेन के लिए है या फिर लॉन्ग टर्म निवेश के लिए। क्योंकि लिस्टिंग गेन बाजार के सेंटीमेंट पर निर्भर करता है और लॉन्ग टर्म निवेश कंपनी की ग्रोथ और कामकाज पर निर्भर करता है।
IPO में पैसा लगाने के बाद हमें कितने दिन बाद शेयर मिलेगा और एक्सचेंज पर शेयर कब लिस्ट होगा?
पब्लिक इश्यू बंद होने के 3 कारोबारी (वर्किंग) दिन बाद शेयर अलॉट होते हैं। यानी निवेशक के डीमेट अकाउंट में शेयर आ जाएंगे। शेयर्स की लिस्टिंग की बात करें तो यह IPO बंद होने के अगले 6 कारोबारी दिन बाद दोनों एक्सचेंज BSE और NSE पर लिस्ट होते हैं। स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के बाद शेयर सेकेंड्री मार्केट में खरीदे और बेचे जा सकते हैं।
IPO बंद होने के बाद शेयरों का अलॉटमेंट कैसे होता है?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है, लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाए तो क्या होता है? इसके लिए कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। जैसे, किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उसे 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।
क्या एक्सचेंज पर शेयर्स की लिस्टिंग बाजार के मूड पर भी निर्भर होती है?
हां, अगर मार्केट सेंटीमेंट पॉजिटिव रहा तो ज्यादातर मौकों पर शेयर अपने इश्यू प्राइस से ऊपर लिस्ट होते हैं। इसे प्रीमियम पर लिस्टिंग कहते हैं, लेकिन मार्केट में बिकवाली रहे तो शेयर अपने इश्यू प्राइस से कम भाव पर लिस्ट होता है, जिसे डिस्काउंट पर लिस्टिंग कहते हैं।
IPO में पैसा लगाने वाली कैटेगरी कौन-कौन सी हैं?
2 लाख रुपए तक के शेयर्स के लिए आवेदन करने वाले इनवेस्टर्स को रिटेल यानी आम निवेशकों की कैटेगरी में रखा जाता है।
रिटेल निवेशकों से ज्यादा निवेश करने वाले को नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) कहते हैं।
एक अन्य कैटेगरी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) की है, जिनमें पेंशन फंड, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनियां और इनवेस्टमेंट बैंक शामिल होते हैं। ये स्टॉक मार्केट में बड़ी वॉल्यूम में ट्रेडिंग करते हैं।
अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी अपना पब्लिक इश्यू (IPO) लाती है और निवेशकों ने शेयर नहीं खरीदा। फिर ऐसी स्थिति में कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। मार्केट रेगुलेटर सेबी का नियम कहता है कि अगर IPO 90% से कम सब्सक्राइब हुआ, तो इसे फेल माना जाता है।
ग्रे मार्केट क्या होता है और इसके क्या मायने हैं?
ग्रे मार्केट IPO में डील करने का अनाधिकारिक प्लेटफॉर्म है। ये गैर-कानूनी होने के बावजूद काफी पॉपुलर है। हालांकि, इसमें चुनिंदा लोग ही ट्रेडिंग करते हैं। इसमें आपसी भरोसे के साथ फोन पर ट्रेडिंग होती है। इसके लिए ऑपरेट करने वाले का पर्सनल कॉन्टैक्ट होना जरूरी है। ग्रे मार्केट में डील पूरा होने की गारंटी नहीं होती। डील एक्सचेंजों पर लिस्टिंग के दिन के लिए रिजर्व होते हैं। अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, राजकोट IPO ग्रे मार्केट के बड़े सेंटर हैं। जयपुर, इंदौर, कोलकाता में भी ये कारोबार होता है।
14-16 जुलाई के दौरान ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो का IPO आया, जो 38 गुना से ज्यादा भरा। एक्सचेंज पर इसकी लिस्टिंग 116 रुपए पर हुई, जबकि इश्यू प्राइस 72-76 रुपए प्रति शेयर ही थी। यानी निवेशकों को प्रति शेयर 40 रुपए का मुनाफा हुआ। IPO को मिल रहे शानदार रिस्पॉन्स की बड़ी वजह देश में बढ़ रहे रिटेल निवेशकों की संख्या और निवेश से जुड़ी जानकारी है। अब निवेशकों को आने वाले दिनों में पेटीएम और LIC जैसे बड़े और धमाकेदार IPO का बेसब्री से इंतजार है।
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abhay121996-blog · 3 years
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नए शेयरों का कमाल, लिस्टिंग वाले दिन ही लगाई 20% से अधिक की छलांग Divya Sandesh
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नए शेयरों का कमाल, लिस्टिंग वाले दिन ही लगाई 20% से अधिक की छलांग
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में आज के कारोबार के दौरान तेजी का रुख बना रहा। शेयर बाजार की इस तेजी का असर आज लिस्ट होने वाली दो कंपनियों- श्याम मेटालिक्स और सोना कॉमस्टार के शेयर के भाव पर भी पड़ा। इन दोनों कंपनियों के शेयर आज पूरी मजबूती दिखाते हुए बंद हुए। 
आज ही शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली श्याम मेटालिक्स का शेयर आज दिनभर का कारोबार खत्म होने के समय 22.92 फीसदी की मजबूती के साथ 376.15 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 306 रुपये इश्यू प्राइस वाले इस शेयर की लिस्टिंग 70 रुपये की मजबूती के साथ 376 रुपये पर हुई थी। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में इसकी लिस्टिंग 380 रुपये पर हुई। दिनभर के कारोबार में श्याम मेटालिक्स के शेयर 399 रुपये के स्तर तक गए, लेकिन कारोबार खत्म सोते वक्त शेयर 376.15 रुपये के स्तर पर बंद हुए। 
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इसी तरह सोना कॉमस्टार के शेयर ने भी आज के कारोबार में शानदार प्रदर्शन किया। 291 रुपये की इश्यू प्राइस वाले इस शेयर की लिस्टिंग आज सिर्फ 3.92 फीसदी की तेजी के साथ 302.40 रुपये के स्तर पर हुई थी। लिस्टिंग के बाद शुरुआती कारोबार में सोना कॉमस्टार का शेयर बिकवाली के दबाव में 295.15 रुपये के स्तर तक गिर गया लेकिन बाद में इसकी जोरदार लिवाली शुरू हुई। इसके बल पर इस शेयर ने छलांग लगाते हुए 361 रुपये से भी ऊपर का स्तर प्राप्त कर लिया। अंत में सोना कॉमस्टार का शेयर 24.12 फीसदी की मजबूती के साथ 70.20 रुपये की उछाल लगाकर 361.20 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।  Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
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getdreamjobonline · 3 years
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ऑनलाइन नौकरी देने के नाम पर ऐसे होती है धोखाधड़ी, इस तरह खुद को बचा सकते हैं आप
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गौरव (बदला हुआ नाम) को टॉप जॉब लिस्टिंग वेबसाइट पर एक विज्ञापन दिखा। इस विज्ञापन में एक बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में अच्छी तनख्वाह पर मैनेजर के रूप में नौकरी का ऑफर दिया गया था। गौरव ने दिए गए नंबर पर कॉल लगाया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी का एचआर मैनेजर बताते हुए उसका सीवी मांगा। दो दिन बाद उसे ऑनलाइन इंटरव्यू के लिए तैयार रहने को कहा गया और इसके लिए उसे पांच हजार रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाने को कहा गया। गौरव ने दिए गए नंबर पर पेमेंट वॉलेट में रुपए जमा करवाए। इसके बाद वह नंबर बंद हो गया और गौरव परेशान है। उसे समझ नहीं आ रहा कि वह अपने साथ हुई धोखाधड़ी के लिए किससे मदद ले!
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लग गई है रोक इन दिनों बड़ी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले जालसाज सक्रिय हैं। वे टॉप जॉब लिस्टिंग वेबसाइट्स पर युवाओं को ऐसी कंपनी में नौकरी का झांसा देते हैं और उसके नाम से रुपए ले लेते हैं। अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन टॉप जॉब लिस्टिंग वेबसाइट्स पर इस तरह के धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।
कैसे काम करते हैं फिल्टर्स ये फिल्टर्स या शब्द यदि विज्ञापन के हैडिंग या बॉडी में किसी भी स्थान पर होंगे तो उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने की ऑटोमेटिक प्रक्रिया उसे रोक देगी। इसके बाद इन विज्ञापनों को जॉब लिस्टिंग कंपनियों का प्रतिनिधि मैनुअली देखेगा और उनकी जांच करेगा। विज्ञापन सही होने पर ही वह उन्हें अप्रूव करेगा। इस तरह फिल्टर्स की मदद से अधिकतम लोगों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है।
फिल्टर्स हो सकते हैं काम के टॉप जॉब लिस्टिंग कंपनियां ऐसे शब्दों को फिल्टर कर बैन करती हैं, जिनसे यूजर्स के साथ धोखाधड़ी की आशंका हो। जैसे भारतीय सेना, भारतीय रेल, भारतीय डाक आदि�� सरकारी विभागों के अन्य कीवर्ड भी फिल्टर के रूप में रखे जाते हैं। साथ ही नवरत्न कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के ट्रेडमार्क से जुड़े शब्द भी फिल्टर किए जाते हैं।
जॉब लिस्टिंग कंपनियां इस्तेमाल करेंगी फिल्टर्स सवाल है कि जॉब लिस्टिंग कंपनियां कैसे इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगाएंगी। इसका तरीका है- फिल्टर्स का इस्तेमाल यानी इन साइट्स पर धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बड़ी कंपनियों के नाम को फिल्टर के रूप में रखा जाएगा। अब नियोक्ता जॉब लिस्टिंग के जो विज्ञापन अपलोड करेंगे, उनमें यदि ये फिल्टर्स आ गए, तो उनका विज्ञापन अप्रूव ही नहीं होगा। यह सारी प्रक्रिया ऑटोमेटिक होगी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/how-to-escape-online-fraud-on-the-name-of-jobs-6771527/
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lok-shakti · 3 years
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अब मुंबई केंद्रित मामला नहीं: शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए उत्तर प्रदेश की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी
अब मुंबई केंद्रित मामला नहीं: शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए उत्तर प्रदेश की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी
गुरुवार (12 अगस्त) को अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) एमएसएमई नवनीत सहगल और एनएसई के वरिष्ठ प्रबंधक राकेश कुमार की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में स्थापित नई कंपनियों को स्टॉक में लिस्टिंग में प्राथमिकता मिलेगी। एक्सचेंज (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश में व्यापारियों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जबकि देश में…
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