#एकादशी कब की है
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December Ekadashi 2024 Date: दिसंबर में कब-कब है एकादशी व्रत? यहां जानें सही डेट और महत्व
December Ekadashi 2024 date and time: हर महीने में 2 बार एकादशी का व्रत रखा जाता है जो कि भगवान विष्णु जी को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने और श्रीहरि की पूजा करने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. एक साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. हर एकादशी व्रत का अपना विशेष नाम और खास महत्व है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी का व्रत सबसे सर्वश्रेष्ठ माना…
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देव उठनी एकादशी 2024: शहनाइयों की गूंज के लिए आ रहे हैं शुभ विवाह मुहूर्त, जानें कब हैं आपके लिए सबसे अच्छे दिन
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे देव उठनी एकादशी और देवत्थान एकादशी भी कहा जाता है, इस साल 12 नवंबर 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु योग-निद्रा से जागृत होते हैं और उनके साथ देवी तुलसी का विवाह भी ��म्पन्न होता है। देव उठनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास का समापन होता है, और घरों में शहनाइयां बजने लगती हैं। यह दिन विशेष रूप से शुभ कार्यों, जैसे विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों की…
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देव उठनी एकादशी 2024 डेट: जानिए विवाह की तिथि और शुभ मुहूर्त
जानिए देव उठनी एकादशी 2024 डेट। इसके साथ ये भी पता कीजिए कि नवंबर और दिसंबर 2024 में कब कब है शुभ ��िवाह के मुहूर्त और किस विधि से तुलसी विवाह मनाना चाहिए।
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Rama Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी रमा एकादशी जानिए तिथि और शुभ मुहूर्तRama Ekadashi 2024: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन रमा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ तिथि पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है
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विजया एकादशी क्या है पारस जी से जाने?
हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है और इस तरह एक साल में 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपको किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त हो तो इसके लिए विजया एकादशी का व्रत रखें। इस व्रत को रखने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको जीवन में अवश्य सफलता मिलती है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं कब है विजया एकादशी का व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व ?
कब है विजया एकादशी 2024 ?
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च बुधवार को है। क्योंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 6 मार्च को होगा इसलिए यह व्रत इसी दिन किया जायेगा। यह व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध किया था इसलिए इस दिन व्रत रखना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
विजया एकादशी के दिन सबसे पहले सवेरे उठकर स्नान आदि करें और फिर सच्चे मन से भगवान विष्णु का नाम लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को अक्षत, फल, पुष्प, चंदन, मिठाई, रोली, मोली आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल जरूर अर्पित करें क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है। श्रद्धा-भाव से पूजा कर अंत में भगवान विष्णु की आरती करने के बाद सबको प्रसाद बांटें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ होता है क्योंकि इस पाठ को करने से लक्ष्मी जी आपके घर में वास करती हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के शुभ दिन किसी गोशाला में गायों के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करें। विजया एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न , वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करें।
विजया एकादशी पारण
विजया एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण किया जाता है। एकादशी व्रत में दूसरे दिन विधि-विधान से व्रत को पूर्ण किया जाता है। विजया एकादशी व्रत का पारण 7 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस व्रत का पारण करने से पहले आप ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करायें और साथ ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान करें और इसके बाद ही स्वयं भोजन करें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। साल में जो 24 एकादशी आती हैं, हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की मुश्किलें दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। महंत श्री पारस भाई जी का कहना है कि भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी जिसके नाम से ही पता चलता ��ै कि इस एकादशी के प्रभाव से आपको विजय की प्राप्ति होती है। यानि विजय प्राप्ति के लिए इस दिन श्रीहरि की पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है उस मनुष्य के पितृ स्वर्ग लोक में जाते हैं।
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें- कृं कृष्णाय नम:, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:। महंत श्री पारस भाई जी ने इस व्रत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी इस व्रत का वर्णन मिलता है। विजया एकादशी का व्रत भी बाकी एकादशियों की तरह बहुत ही कल्याणकारी है।
महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि यदि आप शत्रुओं से घिरे हो और कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, तब विजया एकादशी के व्रत से आपकी जीत निश्चित है।
इस दिन ये उपाय होते हैं बहुत ख़ास
तुलसी की पूजा विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा को बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है। इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी का प्रसाद भी ग्रहण करें। ऐसा करने से घर से दुःख दूर होते हैं और घर में खुशालीआती है ।
शंख की पूजा
विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा की तरह शंख पूजा का भी अत्यधिक महत्व है। इस दिन शंख को तिलक लगाने के बाद शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक कर शंख बजाएं। शंख से अभिषेक कर बजाना भी फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पीला चंदन प्रयोग करें
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के दिन पीले चंदन का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को और स्वयं भी पीले चंदन का टीका अवश्य लगाएं। पीले चंदन का टीका लगाने से आपको कभी असफलता नहीं मिलेगी और आपकी सदैव जीत होगी।
ॐ श्री विष्णवे नम: “पारस परिवार” की ओर से विजया एकादशी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
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कब है परिवर्तिनी एकादशी 13 या 14, जानें इस दिन विष्णु क्यों बदलते है करवट। Parivartini Ekadashi 2024
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा।
https://www.vinaybajrangi.com/vrat/ekadashi.php
https://www.youtube.com/watch?v=kTfcFEDlaUo
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षटतिला एकादशी- इस व्रत से दूर होती है दुख-दरिद्रता
माघ महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक एकादशी व्रत का अपना एक विशेष महत्व होता है और इस दिन व्रत करने के साथ दान-पुण्य करना बेहद लाभकारी माना गया है। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही खास माना जाता है। हर महीने 2 एकादशी और एक साल में कुल 24 एकादशी आती हैं। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन का विधान है। आइये जानते हैं क्या है षटतिला एकादशी और क्या है इसका महत्व ?
षटतिला एकादशी कब है ?
इस साल षटतिला एकादशी 6 फरवरी 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी। षटतिला एकादशी के दिन पूजन में व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। पूजन के अंत में भगवान विष्णु की आरती कर पारण के समय तिल का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ति होती है। इस व्रत को रखने से मनुष्यों को अपने बुरे पापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में यह भी बताया है कि केवल षटतिला एकादशी का व्रत रखने से वर्षों की तपस्या का फल प्राप्त होता है।
षटतिला एकादशी का महत्व
षटतिला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और वैभव बना रहता है। षटतिला एकादशी का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय और खुशहाल बनता है। इसके अलावा इस व्रत की कथा सुनने एवं पढ़ने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि षटतिला एकादशी के दिन अन्न दान करने का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन ब्राह्मण को एक भरा हुआ घड़ा, छतरी, जूतों का जोड़ा, काले तिल और उससे बने व्यंजन और वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।
क्यों कहा जाता है इसे षटतिला एकादशी ?
षटतिला एकादशी पर तिल का विशेष महत्व है। इस व्रत में तिल का छः तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहा जाता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत करने से स्वर्ण-दान से मिलने वाले पुण्य के समान ही पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल का अत्यंत महत्व है। इस दिन तिल के जल से स्नान करते हैं, तिल का उबटन लगाया जाता है, तिल से हवन किया जाता है। इसके अलावा तिल का भोजन में इस्तेमाल करते हैं, तिल से तर्पण करते हैं और तिल का दान करते हैं। महंत श्री पारस जी ने कहा है कि एकादशी तिथि के दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन ��ूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें। इसके उपरांत मंदिर की सफाई कर मंदिर में गंगाजल छिड़कें। चौकी पर पूजा स्थल में पीला वस्त्र बिछाएं और इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु को धूप, दीप अर्पित करें।
भगवान विष्णु के सामने तुलसी दल जरूर चढ़ाएं। साथ ही कुमकुम, पीला फूल, पीला चंदन और भोग में पीले रंग की मिठाई और फल के साथ तिल-गुड़ के लड्डू चढ़ाएं। व्रत के दौरान क्रोध, ईर्ष्या आदि जैसे विकारों का त्याग करके फलाहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही रात्रि जागरण भी करना चाहिए।
अंत में भगवान विष्णु की आरती उतारें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी इस दिन शुभ माना जाता है। अंत में पूजा समाप्त करने के पश्चात प्रसाद का वितरण करें।
तिल एवं गुड़ के दान का महत्व
महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि जो व्यक्ति षटतिला एकादशी के दिन तिल एवं गुड़ का दान करते हैं, उन्हें मोक्ष मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि षटतिला एकादशी के दिन पितरों का तिल-तर्पण करने से उन्हें सद्गति की प्राप्ति होती है। साथ ही ये भी माना जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन व्यक्ति जितने तिल का दान करता है, उतने हजार वर्ष तक बैकुंठलोक में सुख पूर्वक रहता है। महंत श्री पारस भाई जी ने आगे बताया कि जो भी इस दिन तिल का ��ह तरह से उपयोग करता है उसे कभी धन की कमी नहीं होती और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
षटतिला एकादशी की व्रत-कथा
प्राचीनकाल में एक ब्राह्मण की विधवा पत्नी थी। वह भगवान विष्णुजी की अनन्य भक्त थी। वह उनकी प्रतिदिन पूजा करती थी। उसने विष्णुजी का आशीर्वाद पाने के लिए एक महीने तक उपवास किया। ऐसा करने पर उसका तन-मन शुद्ध हो गया लेकिन उसने ब्राह्मण को भोजन नहीं खिलाया, न ही कभी देवताओं या ब्राह्मणों के निमित्त अन्न या धन का दान किया। इसलिए ब्राह्मण-भोज का महत्व बताने के लिए षटतिला एकादशी को ब्राह्मण रूप में विष्णुजी महिला के पास गए और उससे भिक्षा मांगी। उसने ब्राह्मण को भोजन नहीं कराया और दान में एक मिट्टी का ढेला दिया।
जब उसकी मृत्यु हुई तो वह बैकुंठधाम तो गई लेकिन वहां उसे एक खाली झोपड़ी मिली। यह सब देखकर उसने सोचा कि वह तो श्रद्धा भाव से विष्णुजी की पूजा करती थी लेकिन उसे खाली झोपड़ी क्यों मिली। इसके बाद विष्णुजी महिला के पास पहुंचे और उसको कारण बताया कि उसने ब्राह्मण को भोजन नहीं कराया था। तब उस दुखी महिला ने भगवान विष्णुजी से इसका हल पूछा। उसकी बात सुनकर विष्णुजी ने उसे षटतिला एकादशी व्रत करने के बारे में बताया। महिला ने विष्णुजी की बात सुनकर श्रद्धा भाव और नियम से व्रत किया। उसकी पूजा से विष्णुजी खुश हुए और उन्होंने कहा कि षटतिला एकादशी के दिन जो भी व्यक्ति इस व्रत को करेगा और ब्राह्मणों को दान देगा तब उसे मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होगी एवं जीवन में सुख-शांति का वास होगा। इस दिन तिल का दान करने से रोग, दोष और भय से छुटकारा मिलता है। साथ ही इस दिन तिल का दान करने से अनाज की कभी कमी नहीं होती है और इस व्रत के प्रभाव से दुख-दरिद्रता दूर होती है।
ॐ श्री विष्णवे नम: … “पारस परिवार” की ओर से षटतिला एकादशी की ढेर सारी शुभकामनाएं !!!!
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20 या 21 जनवरी पौष पुत्रदा एकादशी कब? नोट कर लें सही डेट, मुहूर्त और पूजा-विधि
Pausha Putrada Ekadashi 2024: जनवरी के महीने में पड़ने वाली दूसरी एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहते हैं। पौष पुत्रदा एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व 21 जनवरी को पड़ रहा है। रविवार को पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की उपासना की जाएगी। श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पौष पुत्रदा…
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Utpanna Ekadashi 2023 - कैसे और कब हुआ एकादशी व्रत का शुभारंभ
हिंदू धर्म में सभी व्रतो में एकादशी का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना गया है। शास्त्रों में बताया भी गया है कि एकादशी व्रत से ज्यादा कुछ और भगवान विष्णु को प्रिय नहीं है। हिंदु मान्यता अनुसार सभी तिथियों में से भगवान विष्णु को एकादशी तिथि सबसे ज्यादा प्रिय है। हिंदु पंचांग/Hindu Panchang, के अनुसार हर माह दो एकादशी तिथि और साल में 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। आइए इस लेख में जानते हैं कि आखिर इस एकादशी तिथि और व्रत की शुरुआत कब और कैसे हुई थी।
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Newsplus21 Wave: Riding the Currents of Evolving News Trends
Dive into the dynamic world of news with Newsplus21 Wave, where journalism takes on a new dimension. Like a surfer riding the waves, we navigate the ever-changing currents of evolving news trends. In this immersive experience, we don't just report news; we become part of the narrative, anticipating, adapting, and staying ahead of the curve.
Newsplus21 Wave isn't confined to traditional reporting; it's a journey through the fluidity of information, where breaking news is just the beginning. We explore emerging trends, technological innovations, and societal shifts, ensuring our audience is not just informed but equipped to understand the transformative forces shaping our world. Join us on Newsplus21 Wave, where the tides of news trends are not obstacles but opportunities for exploration and engagement. Ride the wave with us as we redefine the very nature of staying current in today's news landscape.
Here are some latest news please go through the links given below:
टाटा का नए साल में धमाका, मार्केट में धूम मचाने आ गई Punch EV कार, ₹25000 देकर खरीदें
टाटा मोटर्स ने एकदम नया इलेक्ट्रिक कार प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है जिसका नाम Acti.EV है। ये प्लेटफॉर्म पहली बार Punch EV में इस्तेमाल किया गया है और कई नए इलेक्ट्रिक वाहनों, जैसे कर्व, सिएरा EV और हैरियर EV का आधार बनेगा।
मानवता हुई शर्मशार: शव को कांव��़ में लेकर पांच किमी तक किया पैदल सफर, आज भी सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग, देखें विडियो
दंतेवाड़ा । बस्तर इलाके में अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती है जो विकास के दावों की पोल खोल कर रख देती है। स्वास्थय सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार काफी प्रयास करती है लेकिन कई ऐसे स्थान मौजूद हैं जो विकास और सुविधाओं से आज भी कोसो दूर है। एक बार फिर बस्तर इलाके के अंदरूनी क्षेत्र से तस्वीर सामने आई है जहां मानवता एक बार फिर शर्मशार हो गई।
भारत विरोधी आतंकवादी अल्लामा मसूद-उर-रहमान उस्मानी की गोली मारकर हत्या
Pakistan: पाक आतंकी अल्लामा मसूद-उर-रहमान उस्मानी की राजधानी इस्लामाबाद में गोली मार कर हत्या कर दी गई। उस्मानी अक्सर ही भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देता था। उस्मानी न सिर्फ भारत के खिलाफ अनाप-शनाप बकवास करता था, बल्कि आतंकवादियों को भारत पर हमला करने के लिए उकसाता भी था।
ED must first prove money trail, says former Deputy CM, reacting to Mahadev app probe
Political war of words has begun in Chhattisgarh after it emerged that ED has named former Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel in the supplementary charge sheet in the Mahadev betting app case. Reacting to the development, the former Chhattisgarh Deputy CM and Congress leader TS Singh Deo said, “Bhupesh Baghel’s name was taken earlier also before state elections to influence the election results.
“…my initials add up to ‘RAM’, was born in ‘Ram’pur, acted in ‘Ram Lakhan’…”, says prominent Muslim actor Raza Murad
Amid the excitement building up ahead of the Ram temple consecration ceremony on Jan 22, prominent people from all walks of life are finding ways to register their participation or get involved.
Lohri 2024: 13 या 14 जनवरी कब मनाया जाएगा लोहड़ी का पर्व, यहां देखें पूरी डिटेल्स
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। नए साल के जनवरी माह में सबसे पहला पर्व होता है लोहड़ी का। सिखों और पंजाबियों के लिए ये पर्व बहुत ही मायने रखता है। ये त्योहार मकर संक्रांति के ठीक एक दिन पहले हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस पर्व को सुख और समृद्धि का त्यौहार माना जाता है। लोहड़ी पर रात में आग जलाते हैं और कटी फसल का भोग लगाते हैं।
साल की पहली एकादशी इस दिन जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कथा
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु जगत पालक हैं और इनकी सबस प्रिय तिथि एकादशी है। माना जाता है कि जो भी भक्त एकादशी तिथि का व्रत करते हैं उनके समस्त कष्ट श्री हरि हर लेते हैं। यदि आप भगवान नारायण की कृपा पाना चाहते हैं तो एकादशी का व्रत इसका एकमात्र सरल उपाय है। शास्त्रों में एकादशी के व्रत को सबसे बड़े व्रतों में से एक बताया गया है।
Viral video, langur attempts getting close, policewoman dodges
A viral video is taking the internet by storm and for all right reasons. A langur barges into the parked police vehicle somewhere in the Hindi belt of India and then appears to make multiple attempts to kiss one of police woman.
उदयपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों ने अज्ञात शख्स को कुचला, मौके पर मौत
सरगुजा जिला के उदयपुर वन परिक्षेत्र के पतरा पारा में हाथियों के हमले से अज्ञात शख्स की मौत हो गई। विक्षत हालत में व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। शव को सीएचसी उदयपुर के मर्च्यूरी में रखवाया गया है। घटनास्थल के आस पास के घर वाले रात में घर खाली करके सुरक्षित स्थान पर चले गए थे। रात 11 से 12 बजे के बीच की घटना हुई है। आस पास के गांव वालों को सूचना देकर शिनाख्त की कोशिश की जा रही है।
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Utpanna Ekadashi kab hai: 26 या 27 नवंबर… उत्पन्ना एकादशी कब है? एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन
Utpanna ekadashi vrat kab hai: हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना गया है. इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान बताया गया है. सभी एकादशी का अपना एक नाम और खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक श्रीहरि की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. अगर आप श्रीहरि का आशीर्वाद या कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको इस दिन उनकी विशेष पूजा करनी चाहिए और उनके निमित्त व्रत रखना…
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*"सत्यमेव जयते"*
👏एक हिन्दू को इन👇 बातों की जानकारी , जबानी रखनी चाहिए :
"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 5110 साल पहले सुनाई।
ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।
ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी
ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 84
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 41
अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है।
33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।
कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,
कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!
8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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निर्जला एकादशी को मनाने के पीछे अनेक महत्वपूर्ण कारण हैं। इस व्रत को रखने से मान्यता है कि व्रती के पापों का नाश होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विविध धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ देने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, निर्जला एकादशी व्रत रखने से शरीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और बहुत से लोग इसे विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ निभाते हैं।
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Papankusha Ekadashi 2024: कब करें पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण? नोट करें सही समयPapankusha ekadashi 2024 Vrat Parana Time: पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप और श्री कृष्ण की पूजा करने की परंपरा है।
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राम नवमी का महत्व क्या है? [गुरुवार, 30 मार्च 2023]What is the Significance of Ram Navami?
राम नवमी कब, कैसे और क्यों? ❀ राम नवमी ❀ चैत्र नवरात्रि
राम नवमी मंत्र: ❀ श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ❀ श्री राम रक्षा स्तोत्रम् ❀ श्री राम नाम तारक ❀ नाम रामायणम ❀ दैनिक हवन-यज्ञ विधि
❀ राम नवमी शुभकामना संदेश
नामावली: ❀ मंत्र: श्री विष्णुसहस्रनाम पाठ ❀ श्री राम चालीसा
श्री राम की आरतियाँ: ❀ रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती ❀ श्री रामचन्द्र जी ❀ श्री जानकीनाथ जी की आरती
राम नवमी भजन: ❀ राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ❀ जन्म बधाई भजन: घर घर बधाई बाजे रे देखो ❀ कभी राम बनके, कभी श्याम बनके भजन ❀ जय जय सुरनायक जन सुखदायक ❀ सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये ❀ अच्चुतम क���शवं कृष्ण दामोदरं ❀ भए प्रगट कृपाला दीनदयाला ❀ श्री राम भजन
श्री राम मंदिर: ❀ श्री राम जन्मभूमि❀ श्री कालाराम मंदिर, नासिक❀ श्री राम मंदिर, सोमनाथ❀ श्री राम मंदिर, विवेक विहार❀ श्री राम मंदिर, भीमाशंकर❀ श्री राम मंदिर, शिकोहाबाद❀ श्री राम कृष्ण मंदिर, अशोक विहार श्री राम प्रेरक कहानियाँ:❀ भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त❀ नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे❀ राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भाइयों का प्यार❀ भरे हुए में राम को स्थान कहाँ?❀ श्री राम नाम जाप महिमा❀ सिय राम मय सब जग जानी❀ महिमा राम नाम की
अगले उत्सव, पर्व, व्रत एवं पूजा: ❀ कामदा एकादशी ❀ हनुमान जयंती / श्री हनुमान जन्मोत्सव
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