#मोक्षदा एकादशी कब है
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मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन उपवास करने से मोक्ष प्राप्ति होती है, इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है।
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्ष प्राप्ति: इस दिन उपवास करने से मोक्ष प्राप्ति होती है।
पापों का नाश: इस दिन उपवास करने से पापों का नाश होता है।
धार्मिक पुण्य: इस दिन दान-पुण्य करने से धार्मिक पुण्य प्राप्त होता है।
सुख-समृद्धि: इस दिन उपवास करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मोक्षदा एकादशी के विधि-विधान
उपवास: इस दिन उपवास किया जाता है।
पूजा: भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
मंत्र जाप: विष्णु मंत्रों का जाप किया जाता है।
दान-पुण्य: दान-पुण्य किया जाता है।
कथा श्रवण: मोक्षदा एकादशी की कथा सुनी जाती है।
मोक्षदा एकादशी 2024 की तिथि और समय
तिथि: बुधवार, 11 दिसंबर, 2024
पारण समय: 12 दिसंबर, 2024, सुबह 7:03 से 9:10 AM तक
दान का महत्व
मोक्षदा एकादशी के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। नारायण सेवा संस्थान जैसे संस्थाओं को दान करके आप जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं।
इस मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर उपवास, पूजा और दान करके हम आध्यात्मिक उन्नति कर सकते हैं और परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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Mokshada Ekadashi: इस दिन मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी | Ekadashi 2023 | कब मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी
Mokshada Ekadashi 2023: मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है
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Mokshada Ekadashi 2023: 22 या 23 दिसंबर 2023 कब है मोक्षदा एकादशी ?जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्तMokshada Ekadashi 2023 Date: मोक्षदा एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष (अगहन) महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह लगभग नवंबर या दिसंबर के महीने में होता है
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गीता जयंती 2020: गीता जयंती 25 दिसंबर को, जीवन का सार ये महाग्रंथ है
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गीता: अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर आत्मज्ञान से भीतर को करता है रोशन … गीता जयंती प्रित्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को गीता का उपदेश दिया ��ा। इस कारण से इस तिथि को गीता जयंती के रूप में मनाते हैं। जानकारों के अनुसार आज से लगभग 5 हजार साल पहले द्वापर युग के दौरान…
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Ekadashi December 2022: एकादशी की तिथि रहेगी 2 दिन तक, जानिए 3 या 4 कब रहा जाएगा व्रत, गीता जयंती का भी शुभ संयोग
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Ekadashi December 2022: इस बार मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक ही दिन है. Ekadashi on December 3 and 4: अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी तिथि 3 और 4 दिसंबर को रहने वाली है. ले��िन ज्योतिष शास्त्र और विद्वानों के मुताबिक व्रत और पूजा 4 तारीख को ही करना उचित रहेगा. महाभारत, नारद और भविष्य पुराण में ऐसा वर्णन मिलता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत…
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2021 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें हर महीने की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज साल 2021 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2021 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन-सा त्योहार कब पड़ेगा? 2 जनवरी, शनिवार- संकष्टी चतुर्थी व्रत 6 जनवरी, बुधवार- रुक्मिणी अष्टमी 9 जनवरी, शनिवार- सफला एकादशी 13 जनवरी, बुधवार- लोहड़ी/ स्नानदान अमावस्या 14 जनवरी, बृहस्पतिवार- मकर संक्रां��ि/ पोंगल 16 जनवरी, शनिवार- विनायक चतुर्थी 20 जनवरी, बुधवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती 24 जनवरी, रविवार- पुत्रदा एकादशी 26 जनवरी, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत 28 जनवरी, बृहस्पतिवार- पौष पूर्णिमा 31 जनवरी, रविवार, तिल चतुर्थी व्रत 6 फरवरी, शनिवार- भीष्म पितामह जयंती 7 फरवरी, रविवार- षटतिला एकादशी 11 फरवरी, बृहस्पतिवार- मौनी अमावस्या 15 फरवरी, सोमवार- तिल कुंद चतुर्थी 16 फरवरी, मंगलवार- बसंत पंचमी 19 फरवरी, शुक्रवार- नर्मदा जयंती 20 फरवरी, शनिवार- भीष्माष्टमी 23 फरवरी, मंगलवार- एजा एकादशी 27 फरवरी, शनिवार- माघी पूर्णिमा 2 मार्च, मंगलवार- गणेश चतुर्थी 6 मार्च, शनिवार- सीताष्टमी 9 मार्च, मंगलवार- विजया एकादशी 11 मार्च, बृहस्पतिवार- महाशिवरात्रि 24 मार्च, बुधवार- आमल एकादशी 28 मार्च, रविवार- होलिका दहन 29 मार्च, सोमवार- धुरेड़ी 30 मार्च, मंगलवार- चित्रगुप्त पूजन 31 मार्च, बुधवार- गणेश चतुर्थी 2 अप्रैल, शुक्रवार- रंगपंचमी/ गुड फ्राइडे 4 अप्रैल, रविवार- शीतला सप्तमी 5 अप्रैल, सोमवार- शीतला अष्टमी 7 अप्रैल, बुधवार- पापमोचनी एकादशी व्रत 12 अप्रैल, शुक्रवार- सोमवती अमावस्या 13 अप्रैल, शनिवार- चैत्र नवरात्रि आरंभ/ गुड़ी पड़वा 15 अप्रैल, सोमवार- गणगौर तीज 21 अप्रैल, बुधवार- श्रीराम नवमी 23 अप्रैल, शुक्रवार- कामदा एकादशी 25 अप्रैल, रविवार- महावीर जयंती 27 अप्रैल, मंगलवार- हनुमान जयंती 7 मई, शुक्रवार- वरुथिनि एकादशी 14 मई, बुधवार- परशुराम जयंती/ अक्षय तृतीया 18 मई, बृहस्पतिवार- गंगा सप्तमी 22 मई, शनिवार- मोहिनी एकादशी 25 मई, मंगलवार- भगवान नरसिंह जयंती 26 मई, बुधवार- वैशाखी पूर्णिमा 6 जून, रविवार- अचला एकादशी 10 जून, बृहस्पतिवार- शनि जयंती 19 जून, शनिवार- महेश नवमी 20 जून, रविवार- गंगा दशहरा 21 जून, सोमवार- निर्जला एकादशी व्रत 24 जून, बृहस्पतिवार- व्रट पूर्णिमा व्रत 5 जुलाई, सोमवार- योगिनी एकादशी 9 जुलाई, शुक्रवार- हल हारिणी अमावस्या 13 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी 18 जुलाई, रविवार- भड़ली नवमी 20 जुलाई, मंगलवार- देवशयनी एकादशी व्रत 21 जुलाई, बुधवार- वामन एकादशी 22 जुलाई, बृहस्पतिवार- विजया पार्वती व्रत 24 जुलाई, शनिवार- गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी/ मंगला गौरी व्रत 3 अगस्त, मंगलवार- मंगला गौरी व्रत 4 अगस्त, बुधवार- कामिका एकादशी व्रत 8 अगस्त, रविवार- हरियाली एकादशी 11 अगस्त, बुधवार- हरियाली तीज 12 अगस्त, बृहस्पतिवार- दूर्वा गणपति व्रत 13 अगस्त, शनिवार- नाग पंचमी 17 अगस्त, बृहस्पतिवार- मंगला गौरी व्रत/ पवित्रा एकादशी 21 अगस्त, सोमवार- ओनम 22 अगस्त, मंगलवार- रक्षाबंधन 25 अगस्त, शुक्रवार- बहुला चतुर्थी 28 अगस्त, सोमवार- हरछठ 30 अगस्त, बुधवार- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2 सितंबर, बृहस्पतिवार- जया एकादशी 3 सितंबर, शुक्रवार- गोवत्स एकादशी 6 सितंबर, सोमवार- कुशग्रहण अमावस्या 9 सितंबर, बृहस्पतिवार- हरितालिका तीज 10 सितंबर, शुक्रवार- गणेश उत्सव आरंभ 11 सिंतबर, शनिवार- ऋषि पंचमी 12 सितंबर, रविवार- मोरयाई छठ 14 सितंबर, मंगलवार- राधाष्टमी 16 सितंबर, बृहस्पतिवार- तेजा दशमी 17 सितंबर, शुक्रवार- डोल ग्यारस 19 सितंबर, रविवार- अनंत चतुर्दशी 21 सितंबर- मंगलवार- पितृ पक्ष शुरू 28 सितंबर, मंगलवार- महालक्ष्मी व्रत 2 अक्टूबर, शनिवार- इंदिरा एकादशी 6 अक्टूबर, बुधवार- पितृमोक्ष अमावस्या 7 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- शारदीय नवरात्रि आरंभ 10 अक्टूबर, रविवार- उपांग ललिता व्रत 13 अक्टूबर, बुधवार- दुर्गा अष्टमी व्रत 14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- दुर्गा नवमी व्रत 15 अक्टूबर, शुक्रवार- विजयादशमी 16 अक्टूबर, शनिवार- पापांकुशा एकादशी 20 अक्टूबर, बुधवार- शरद पूर्णिमा 24 अक्टूबर, रविवार- करवा चौथ 26 अक्टूबर, मंगलवार- स्कंद षष्ठी व्रत 1 नवंबर, सोमवार- रंभा एकादशी व्रत 2 नवंबर, मंगलवार- धनतेरस 3 नवंबर, बुधवार- रूप चतुर्थी 4 नवंबर, बृहस्पतिवार- दीपावली 5 नवंबर, शुक्रवार- गोवर्धन पूजा 6 नवंबर, शनिवार- भाई दूज 10 नवंबर, बुधवार- छठ पूजा 12 नवंबर, शुक्रवार- गोपाष्टमी 13 नवंबर, शनिवार- अक्षय नवमी 15 नवंबर, सोमवार- देवउठनी एकादशी 18 नवंबर, बृहस्पतिवार- बैकुंठ चतुर्दशी व्रत 19 नवंबर, शुक्रवार- कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर, शनिवार- कालभैरव अष्टमी 30 नवंबर- उत्पन्ना एकादशी\ 7 दिसंबर, मंगलवार- विनायक चतुर्थी 8 दिसंबर, बुधवार- विवाह पंचमी 14 दिसंबर, मंगलवार- मोक्षदा एकादशी 18 दिसंबर, शनिवार- दत्त पूर्णिमा 25 दिसंबर, शनिवार- क्रिसमस 27 दिसंबर, सोमवार- रुक्मणी अष्टमी 30 दिसंबर, बृहस्पतिवार- सफला एकादशी Read the full article
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जाने कब है मोक्षदा एकादशी व्रत कथा व महत्व
जाने कब है मोक्षदा एकादशी व्रत कथा व महत्व
सनातन हिन्दू धर्म में मोक्ष को मनुष्य जीवन का लक्ष्य माना जाता है आत्मा कर्म अनुसार मनुष्य जीवन पाती है इसका मुख्य उद्देश्य सत्कर्म कर मोक्ष की प्राप्ति है इसलिए मानव जीवन को अन्य योनियों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण माना गया है। पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया मान्यता है कि मोक्ष प्राप्त किए बिना मनुष्य को बार-बार इस संसार में आना पड़ता है। पद्म पुराण में मोक्ष की चाह रखने वाले प्राणियों के लिए…
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कब है मोक्षदा एकादशी? जानें इसका महत्व और पूजन विधि
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Mokshada Ekadashi 2024: Date, Time, Rituals, Vrat Katha
Date: Wednesday, December 11, 2024
Parana Time: December 12, 2024, 7:03 AM to 9:10 AM
Mokshada Ekadashi, a sacred Hindu festival, is dedicated to Lord Vishnu. It is believed that observing a strict fast on this day can lead to salvation (Moksha).
Significance of Mokshada Ekadashi
Spiritual Liberation: By observing Mokshada Ekadashi, devotees seek liberation from the cycle of birth and death.
Divine Blessings: Lord Vishnu, the supreme deity, is believed to shower his blessings upon those who sincerely observe this fast.
Purification of Soul: The fast helps purify the soul and mind, leading to spiritual enlightenment.
Rituals and Practices
Strict Fasting: Devotees observe a strict fast, abstaining from food and water for the entire day.
Night Vigil: Many people stay awake all night, chanting mantras and reading scriptures.
Early Morning Rituals: Early morning rituals include bathing, wearing clean clothes, and offering prayers to Lord Vishnu.
Tulsi Puja: Worshiping the Tulsi plant is considered auspicious on this day.
Charitable Deeds: Donating to charity and helping the needy is highly recommended.
Mokshada Ekadashi Vrat Katha
Once upon a time, in a small village nestled amidst lush green fields, lived a young boy named Arjun. Despite his tender age, Arjun was deeply devoted to Lord Vishnu. Every Ekadashi, he would observe a strict fast, praying fervently for the well-being of his family and the world.
One year, on the auspicious day of Mokshada Ekadashi, Arjun, filled with unwavering faith, embarked on a long pilgrimage to a sacred temple. His journey was arduous, filled with challenges and obstacles. But his devotion to Lord Vishnu kept him going.
As he reached the temple, exhausted but determined, he offered his heartfelt prayers. Just as he was about to leave, a wise sage approached him. The sage, recognizing Arjun’s pure devotion, blessed him and gifted him a divine fruit.
“Eat this fruit, my child,” the sage said, “it will fulfill all your desires.”
Overjoyed, Arjun thanked the sage and ate the fruit. As he did, a radiant light enveloped him, and he felt a sense of peace and tranquility he had never experienced before. From that day on, Arjun’s life was filled with joy, prosperity, and spiritual enlightenment.
The tale of Arjun’s devotion serves as a reminder of the power of faith and the grace of the divine. By observing Ekadashi with sincerity and dedication, one can attain spiritual liberation and material prosperity.
Importance of Donations on Mokshada Ekadashi
Charity is an integral part of Mokshada Ekadashi. Donating to the underprivileged not only helps them but also fulfills spiritual obligations.
Shloka:
“दानेन पाणिर्नलिना भविष्यति।”
(Through charity, hands become lotus-like, pure, and divine.)
By engaging in acts of charity on Mokshada Ekadashi, you can align yourself with the divine and contribute to the well-being of others.
The Power of Giving Donation
On this auspicious day of Mokshada Ekadashi, let us remember the importance of giving back to society. By donating to organizations like Narayan Seva Sansthan, we can help those in need and accumulate spiritual merit. Every act of kindness, no matter how small, can make a significant difference in someone’s life.
Let us embrace the spirit of Mokshada Ekadashi by fasting, praying, and giving generously. May we all be blessed with peace, prosperity, and spiritual enlightenment.
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Mokshada Ekadashi 2024: Significance, Rituals, and Auspicious Date and Timings
Mokshada Ekadashi is an important Hindu festival that is celebrated on the eleventh day of the bright half of the month of Margashirsha (November-December). It is considered to be a day of great significance for devotees of Lord Vishnu. On this day, devotees observe a fast and perform various rituals to seek the blessings of Lord Vishnu.
Significance of Mokshada Ekadashi
Mokshada Ekadashi is believed to be the day on which Lord Vishnu defeated the demon Mura. As a result, this day is considered to be very auspicious for those who seek liberation from the cycle of birth and death. It is also believed that fasting on this day can help to purify the soul and bring peace and prosperity.
Rituals of Mokshada Ekadashi
The rituals of Mokshada Ekadashi include:
Fasting: Devotees observe a fast on Mokshada Ekadashi. The fast begins at sunrise and ends the following day at sunrise. During the fast, devotees refrain from eating grains, meat, fish, and eggs. They may consume fruits, vegetables, and milk.
Bathing: Devotees take a bath early in the morning on Mokshada Ekadashi. They may also perform a special bath using holy water.
Chanting mantras: Devotees chant mantras dedicated to Lord Vishnu throughout the day.
Visiting a temple: Devotees visit a temple to offer prayers to Lord Vishnu.
Donating food and clothes: Devotees donate food and clothes to the poor and needy.
Auspicious Date and Timings of Mokshada Ekadashi 2024
Mokshada Ekadashi will be celebrated on December 11, 2024. The Ekadashi tithi begins at 12:30 PM on December 10, 2024, and ends at 11:54 AM on December 11, 2024. The parana (breaking of the fast) can be done on December 12, 2024, after sunrise.
Mokshada Ekadashi, observed during the Margashirsha month (November-December), is a sacred day dedicated to seeking liberation (moksha) and divine blessings from Lord Vishnu. Devotees fast, pray, and engage in acts of charity to honor the spirit of selflessness and compassion. Supporting initiatives like Narayan Seva Sansthan, which aids the underprivileged and differently-abled, is a meaningful way to celebrate this auspicious occasion. By donating food, clothes, or resources through such organizations, one can embody the true essence of Mokshada Ekadashi—uplifting lives and spreading positivity while seeking spiritual growth.
Benefits of Observing Mokshada Ekadashi
Observing Mokshada Ekadashi is believed to bring many benefits, including:
Purification of the soul
Peace and prosperity
Liberation from the cycle of birth and death
Forgiveness of sins
Increased devotion to Lord Vishnu
Conclusion
Mokshada Ekadashi is a special day for devotees of Lord Vishnu. It is a day to observe a fast, perform rituals, and seek the blessings of Lord Vishnu. By observing Mokshada Ekadashi, devotees can purify their souls and bring peace and prosperity into their lives.
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कब है मोक्षदा एकादशी 22 या 23 दिसंबर, जानें सही तिथि व शुभ मुहूर्त। Mokshada Ekadashi 2023
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है।
https://www.vinaybajrangi.com/blog/vrat/mokshada-ekadashi-2023
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