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#आर्थिक सुरक्षा
vlogrush · 3 months
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अरबपति बनने का मंत्र: अपने सपनों को आज ही साकार करें
अरबपति बनने का रहस्य जानें। सरल टिप्स और व्यावहारिक सलाह के साथ अपने सपनों को वास्तविकता में बदलें। वित्तीय स्वतंत्रता की ओर पहला कदम उठाएं।क्या आप भी अरबपति बनने का सपना देखते हैं? क्या आप सोचते हैं कि यह असंभव है? रुकिए! ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।अरबपति बनना कोई जादू नहीं है। यह एक सोची-समझी रणनीति, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प…
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helputrust · 4 months
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लखनऊ, 17.05.2024 । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, मलिहाबाद, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमे 43 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी ज़िम्मेदारी मंत्र को अपन���ते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना ।
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ रवीन्द्र कुमार त्रिपाठी शिक्षकों एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर ने दीप प्रज्वलित किया ।
महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ रवीन्द्र कुमार त्रिपाठी ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "महिलाओं के योगदान के बिना किसी भी समाज की समृद्धि संभव नहीं है । आज का समय नारी सशक्तिकरण का है जहां हर एक महिला को अपने सपनों को पूरा करने का अधिकार है । हमें देश के युवा वर्ग को सिखाना चाहिए कि महिलाओं का सम्मान करना केवल एक उत्कृष्टता का प्रतीक नहीं है बल्कि यह समाज के संगठन में एक अहम अंग है । हमारे समाज में अनेक महिलाएं हैं जो अपनी क्षमताओं और ताकत को पहचान चुकी हैं । हमें उनका उचित समर्थन करना चाहिए ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज हित में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें । हमें समाज में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में महिलाओं के साथ समानता और न्याय का संवाद बढ़ाना होगा । इसी उत्साह और जागरूकता के साथ हम सभी को महिलाओं के प्रति समर्थन का संकल्प लेना चाहिए । यह हमारे समाज की निरंतर प्रगति और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये गये ।
कार्यशाला में महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ रवीन्द्र कुमार त्रिपाठी, शिक्षकों श्री अरुन कुमार वर्मा, श्री पप्पू कुमार, चमन आरा जी, श्रीमती वैशाली गुप्ता, फौजिया वसी जी, सुश्री सरला देवी, सुश्री समा कौसर, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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bakaity-poetry · 1 year
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शायरी, कविता, नज़्म, गजल, सिर्फ दिल्लगी का मसला नहीं हैं। इतिहास गवाह है कि कविता ने हमेशा इंसान को सांस लेने की सहूलियत दी है। जब चारों ओर से दुनिया घेरती है; घटनाओं और सूचनाओं के तेज प्रवाह में हमारा विवेक चीजों को छान-घोंट के अलग-अलग करने में नाकाम रहता है; और विराट ब्रह्मांड की शाश्वत धक्कापेल के बीच किसी किस्म की व्यवस्था को देख पाने में असमर्थ आदमी का दम घुटने लगता है; जबकि उसके पास उपलब्ध भाषा उसे अपनी स्थिति बयां कर पाने में नाकाफी मालूम देती है; तभी वह कविता की ओर भागता है। जर्मन दार्शनिक विटगेंस्टाइन कहते हैं कि हमारी भाषा की सीमा जितनी है, हमारा दुनिया का ज्ञान भी उतना ही है। यह बात कितनी अहम है, इसे दुनिया को परिभाषित करने में कवियों के प्रयासों से बेहतर समझा जा सकता है।
कबीर को उलटबांसी लिखने की जरूरत क्यों पड़ी? खुसरो डूबने के बाद ही पार लगने की बात क्यों कहते हैं? गालिब के यहां दर्द हद से गुजरने के बाद दवा कैसे हो जाता है? पाश अपनी-अपनी रक्त की नदी को तैर कर पार करने और सूरज को बदनामी से बचाने के लिए रात भर खुद जलने को क्यों कहते हैं? फैज़ वस्ल की राहत के सिवा बाकी राहतों से क्या इशारा कर रहे हैं? दरअसल, एक जबरदस्त हिंसक मानवरोधी सभ्यता में मनुष्य अपनी सीमित भाषा को ही अपनी सुरक्षा छतरी बना कर उसे अपने सिर के ऊपर तान लेता है। उसकी छांव में वह दुनियावी कोलाहल को अपने ढंग से परिभाषित करता है, अपनी ठोस राय बनाता है और उसके भीतर अपनी जगह तय करता है। एक कवि और शायर ऐसा नहीं करता। वह भाषा की तनी हुई छतरी में सीधा छेद कर देता है, ताकि इस छेद से बाहर की दुनिया को देख सके और थोड़ी सांस ले सके। इस तरह वह अपने विनाश की कीमत पर अपने अस्तित्व की संभावनाओं को टटोलता है और दुनिया को उन आयामों में संभवत: समझ लेता है, जो आम लोगों की नजर से प्रायः ओझल होते हैं।
भाषा की सीमाओं के खिलाफ उठी हुई कवि की उंगली दरअसल मनुष्यरोधी कोलाहल से बगावत है। गैलीलियो की कटी हुई उंगली इस बगावत का आदिम प्रतीक है। जरूरी नहीं कि कवि कोलाहल को दुश्मन ही बनाए। वह उससे दोस्ती गांठ कर उसे अपने सोच की नई पृष्ठभूमि में तब्दील कर सकता है। यही उसकी ताकत है। पाश इसीलिए पुलिसिये को भी संबोधित करते हैं। सच्चा कवि कोलाहल से बाइनरी नहीं बनाता। कविता का बाइनरी में जाना कवि��ा की मौत है। कोलाहल से शब्दों को खींच लाना और धूप की तरह आकाश पर उसे उकेर देना कवि का काम है।
कुमाऊं के जनकवि गिरीश तिवाड़ी ‘गिरदा’ इस बात को बखूबी समझते थे। एक संस्मरण में वे बताते हैं कि एक जनसभा में उन्होंने फ़ैज़ का गीत 'हम मेहनतकश जगवालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे' गाया, तो देखा कि कोने में बैठा एक मजदूर निर्विकार भाव से बैठा ही रहा। उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा, गोया कुछ समझ ही न आया हो। तब उन्हें लगा कि फ़ैज़ को स्थानीय बनाना होगा। कुमाऊंनी में उनकी लिखी फ़ैज़ की ये पंक्तियां उत्तराखंड में अब अमर हो चुकी हैं: ‘हम ओढ़, बारुड़ी, ल्वार, कुल्ली-कभाड़ी, जै दिन यो दुनी धैं हिसाब ल्यूंलो, एक हांग नि मांगूं, एक भांग नि मांगू, सब खसरा खतौनी किताब ल्यूंलो।'
प्रेमचंद सौ साल पहले कह गए कि साहित्य राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है, लेकिन उसे हमने बिना अर्थ समझे रट लिया। गिरदा ने अपनी एक कविता में इसे बरतने का क्या खूबसूरत सूत्र दिया है:
ध्वनियों से अक्षर ले आना क्या कहने हैं
अक्षर से फिर ध्वनियों तक जाना क्या कहने हैं
कोलाहल को गीत बनाना क्या कहने हैं
गीतों से कोहराम मचाना क्या कहने हैं
प्यार, पीर, संघर्षों से भाषा बनती है
ये मेरा तुमको समझाना क्या कहने हैं
कोलाहल को गीत बनाने की जरूरत क्यों पड़ रही है? डेल्यूज और गटारी अपनी किताब ह्वॉट इज फिलोसॉफी में लिखते हैं कि दो सौ साल पुरानी पूंजी केंद्रित आधुनिकता हमें कोलाहल से बचाने के लिए एक व्यवस्था देने आई थी। हमने खुद को भूख या बर्बरों के हाथों मारे जाने से बचाने के लिए उस व्यवस्था का गुलाम बनना स्वीकार किया। श्रम की लूट और तर्क पर आधारित आधुनिकता जब ढहने लगी, तो हमारे रहनुमा ही हमारे शिकारी बन गए। इस तरह हम पर थोपी गई व्यवस्था एक बार फिर से कोलाहल में तब्दील होने लगी। इसका नतीजा यह हुआ है कि वैश्वीकरण ने इस धरती पर मौजूद आठ अरब लोगों की जिंदगी और गतिविधियों को तो आपस में जोड़ दिया है लेकिन इन्हें जोड़ने वाला एक साझा ऐतिहासिक सूत्र नदारद है। कोई ऐसा वैचारिक ढांचा नहीं जिधर सांस लेने के लिए मनुष्य देख सके। आर्थिक वैश्वीकरण ने तर्क आधारित विवेक की सार्वभौमिकता और अंतरराष्ट्रीयतावाद की भावना को तोड़ डाला है। ऐसे में राष्ट्रवाद, नस्लवाद, धार्मिक कट्टरता आदि हमारी पहचान को तय कर रहे हैं। इतिहास मजाक बन कर रह गया है। यहीं हमारा कवि और शायर घुट रहे लोगों के काम आ रहा है।
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ashokgehlotofficial · 2 years
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जोधपुर में तीन दिवसीय डिजिफेस्ट जॉब फेयर व प्रदर्शनी के पहले दिन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। जॉब फेयर में 270 कंपनियां आई हैं तथा पहले दिन ही 500 युवाओं का चयन नौकरी के लिए हो चुका है। 1500 से ज्यादा प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है। 75 हजार प्रतिभागियों ने जॉब फेयर में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। यहां आई कम्पनियों में लगभग 30 हजार वेकेंसी है, जिन्हें तीन दिन चलने वाले इस जॉब फेयर में भरा जाएगा। युवाओं और बेरोजगारों के लिए नौकरी प्राप्त करने का यह एक बड़ा अवसर है।
इस अवसर पर डिजिफेस्ट के पहले ही दिन प्रतिष्ठित कम्पनियों से 18-18 लाख के उच्चस्तरीय पैकेज प्राप्त करने वाले 5 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
आज देश में महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्याएं हैं। राज्य सरकार युवाओं और छात्रों को केन्द्र में रखकर नीतियां बना रही है। वर्तमान आई.टी. युग में भारतीय युवाओं की प्रतिभा का लोहा विश्वभर के देशों ने माना है। राज्य सरकार युवाओं को आधुनिक तकनीकी शिक्षा देने तथा उन्हें अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्तमान युग आई.टी. का युग है। स्वर्गीय श्री राजीव गांधी का देश को आई.टी. से जोड़ने का स्वप्न आज साकार हो रहा है। राज्य सरकार प्रदेश में आई.टी. शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार निर्णय ले रही है। जोधपुर में 600 करोड़ की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी का निर्माण हो रहा है। इसी प्रकार कोटा में राजीव गांधी नॉलेज सेन्टर एवं इनोवेशन हब तथा जयपुर में राजीव गांधी सेन्टर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना की जा रही है। आज ई-मित्र के माध्यम से जनता को 600 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध है।
राज्य सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए कृत-संकल्पित है। युवा देश का भविष्य है। सभी युवाओं को सपने बड़े देखने चाहिए तथा उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करना चाहिए। युवाओं के सपने साकार करने के लिए राज्य सरकार हर कदम पर अपना सहयोग दे रही है। प्रदेश में अब तक 1.25 लाख सरकारी पदों पर भतियां की जा चुकी हैं, लगभग इतने ही पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन है तथा 1 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। राज्य सरकार का आने वाला बजट युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा। बजट के लिए आमजन से सुझाव मांगे गए हैं। अभी तक 21 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। यह इंगित करता है कि आमजन राज्य सरकार के कार्यों में भागीदारी निभाने के लिए तत्पर है।
राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांस्प्लांट, किडनी ट्रांस्प्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट आदि जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा स��� जोडने के क्रम में 1 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन दी जा रही है। इन्दिरा गांधी शहरी रोजगारी गारंटी योजना द्वारा शहरी ��्षेत्र में आमजन को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया है। इन्दिरा रसोई योजना में 8 रूपए में आमजन को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता के कारण विदेशी सैलानी भी इन्दिरा रसोई में आकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं। अनुप्रति कोचिंग योजना में 20 हजार से अधिक आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। प्रतिवर्ष 200 मेधावी छात्रों को विदेश में निःशुल्क पढ़ाई का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया गया है, साथ ही उन्हें कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है। राज्य में कोरोना महामारी के दौरान शानदार प्रबंध��� किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की पूरे देश में सराहना की गई। इन जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जानी चाहिए ताकि कोई भी पात्र नागरिक इनके लाभ से वंचित ना रहे।
प्रदर्शनी में लगे हुए विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया तथा जॉब फेयर में आए युवाओं के साथ संवाद किया।
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री किशनाराम विश्नोई, विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, राजस्थान पशु धन विकास बोर्ड अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सोलंकी, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती संगीता बेनीवाल, आरसीए अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत, महापौर श्रीमती कुन्ती देवड़ा परिहार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जॉबफेयर में आए युवा उपस्थित थे।
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dainikdangal · 2 days
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NPS वात्सल्य योजना: बच्चों के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा
बच्चों के भविष्य की सुरक्षा और उनके आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना हर माता-पिता की प्राथमिकता होती है। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने “NPS वात्सल्य योजना” की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को पेंशन की सुविधा प्रदान करना है, जिससे उनके भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा किया जा सके। NPS वात्सल्य योजना क्या है? NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) वात्सल्य योजना एक नई पहल है जो…
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saveralivehindi · 4 days
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Prime Minister Modi 74th Birthday: वैश्विक प्रतीक को मनाने के लिए शुभकामनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक रणनीतियाँ अक्सर आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित होती हैं. ये विषय भारत के नागरिकों के साथ गहराई से जुड़ते हैं.  उनके 74वें जन्मदिन पर, कई लोग व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ, संदेश और उद्धरण तैयार कर रहे हैं. भारत के सबसे सम्माननीय प्रधानमंत्री को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. भगवान…
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scentedkidmagazine · 5 days
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मेरी पत्नी को दमा की बीमारी थी। हमारी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेने के बाद पत्नी बिल्कुल स्वस्थ हो गयी। और गुरुजी की शरण में आने से हमारी किस्मत जागी। अब गरीब परिवार धनवान हो गया। 🌱
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#परमात्मा_दुखीको_सुखी_करताहै
भूत-प्रेत, पित्तर-भैरव-बेताल जैसी आत्माऐं सतभक्ति करने वाले परिवार के आसपास नहीं आती। देवता उस भक्त परिवार की सुरक्षा करते हैं।
Kabir Is God
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airnews-arngbad · 10 days
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date 11 September 2024
Time 11.00 to 11.05 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: ११ सप्टेंबर २०२४ सकाळी ११.०० वाजता.
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पाकिस्तानी सैन्याने आज जम्मू जिल्ह्यातील अखनूर सीमेवरील भारतीय चौक्यांवर विनाकारण गोळीबार केला आणि युद्धविराम कराराचे उल्लंघन केले. या गोळीबारास बीएसएफच्या जवानांनीही जोरदार प्रत्युत्तर दिले. सीमा सुरक्षा दलाचा एक जवान या बेछूट गोळीबारात जखमी झाला असून त्याला उपचारासाठी जवळच्या रुग्णालयात दाखल करण्यात आले आहे. सीमा सुरक्षा दलाच्या प्रवक्त्याने ही माहिती दिली. ते म्हणाले की, सैनिक हाय अलर्टवर आहेत आणि आंतरराष्ट्रीय सीमा तसच नियंत्रण रेषेवर कडक नजर ठेवत आहेत.
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राज्यातले शेतकरी फळ लागवडीस मोठ्या प्रमाणात प्राधान्य देत असून भौगोलिक मानांकनं प्राप्त फळांच्या लागवडीस विशेष चालना देण्याच्या दृष्टीने विभागाने प्रयत्न करावेत, अशा सूचना फलोत्पादन मंत्री दादाजी भुसे यांनी दिल्या. एकात्मिक फलोत्पादन विकास अभियानासंदर्भात मंत्रालयात आयोजित आढावा बैठकीत काल मंत्री भुसे यांनी दूरदृश्य संवाद प्रणालीद्वारे मार्गदर्शन केलं. एकात्मिक फलोत्पादन विकास अभियानांतर्गत शेतकऱ्यांना फळांवरील प्रक्रियेच्या माध्यमातून अधिक लाभ मिळण्याच्या दृष्टीने विभागानं नाविन्यपूर्ण संकल्पना राबवाव्यात. डाळिंबाच्या फळापासून रस निर्मितीच्या प्रकल्पाचा प्रस्ताव सादर करण्याच्या सूचना त्यांनी दिल्या. कृषी विद्यापीठांनीही या संदर्भात संशोधनाचे पूरक तपशील नवीन उपक्रमासाठी घ्यावं, शेतकऱ्यांना सोयीचं ठरणारं कॉमन फॅसिलिटी सेंटर उभारण्याचं नियोजन करावं, त्या-त्या तालुक्यातील फलोत्पादन पद्धतीनुसार फळ लागवड करण्यास प्रोत्साहन द्यावं, अशा सूचना दादाजी भुसे यांनी यावेळी दिल्या.
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गोपीनाथ मुंडे शेतकरी अपघात सुरक्षा सानुग्रह अनुदान योजनेंतर्गत ३० कोटी रुपये निधी वितरित करण्यास कृषी विभागाने मान्यता दिली असून याबाबतचा शासन निर्णय निर्गमित करण्यात आला आहे. राज्यातील शेतकऱ्यांना अपघातात अपंगत्त्व अथवा मृत्यू आल्यास त्यांना भरपाई देण्यासाठी गोपीनाथ मुंडे शेतकरी अपघात विमा योजनेमध्ये सुधारणा करून गोपीनाथ मुंडे शेतकरी अपघात सुरक्षा सानुग्रह अनुदान योजना राबवण्यात येत आहे. या योजनेअंतर्गत २०२४-२५ या आर्थिक वर्षातील मंजूर प्रस्ताव निकाली काढण्यासाठी चालू आर्थिक वर्षामध्ये केलेल्या तरतुदीतून ३० कोटी रुपये इतकं अनुदान वितरित करण्यास शासनाची मान्यता देण्यात आली आहे.
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ग्लोबल नेव्हिगेशन सॅटेलाईट सिस्टिम असलेल्या खाजगी वाहनांना राष्ट्रीय महामार्ग तसंच एक्स्प्रेस वे वर दररोज २० किलोमीटरपर्यंत मोफत प्रवास करता येणार आहे. २००८ मधील राष्ट्रीय महामार्ग शुल्क नियमात दुरुस्ती करुन रस्ते परिवहन आणि महामार्ग मंत्रालयानं हा आदेश जारी केला आहे. जीएनएसएस प्रणाली असलेल्या वाहनांनाच २० किलोमीटर इतक्या अंतराच्या प्रवासासाठी ही सवलत असेल. २० किलोमीटरपेक्षा जास्त प्रवास करणाऱ्या वाहनधारकांना पूर्ण अंतराचं शुल्क द्यावं लागेल.
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मराठवाडा मुक्ती संग्रामदिनाच्या समारंभाची पूर्वतयारी बैठक बीड इथे निवासी उप जिल्हाधिकारी शिवकुमार स्वामी यांच्या अध्यक्षतेखाली काल जिल्हाधिकारी कार्यालयात पार पडली. या बैठकीस उपजिल्हाधिकारी शैलेश सूर्यवंशी, जिल्हा पुरवठा अधिकारी ओंकार देशमुख, तहसीलदार आणि संबधित विभागाचे अधिकारी, प्रतिनिधी उपस्थित होते. यावेळी निवासी उपजिल्हाधिकारी यांनी मराठवाडा मुक्ती संग्राम ध्वजारोहणाच्या कार्यक्रमासंबधी सर्व संबंधित विभागास कार्यक्रमाच्या पुर्वतयारीसाठी सूचना दिल्या.
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एकपात्री, नाट्य, चित्रपट, मालिका अशा विविध माध्यमातून गेली पन्नासहून अधिक वर्षे रसिकांचं मनोरंजन करणारे जेष्ठ रंगकर्मी, हास्य कलाकार दिलीप हल्याळ यांचं काल पुण्यात हृदयविकारानं निधन झालं. ते ६५ वर्षांचे होते. बंपर लाफ्टर, नजराणा हास्याचा या कार्यक्रमातून त्यांनी रसिकांची मनं जिंकली. एकपात्री कलाकार परिषदेचे ते माजी अध्यक्ष होते.
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी यांच्या जयंतीचे औचित्य साधून २ ऑक्टोबर हा दिवस स्वच्छ भारत दिवस म्हणून साजरा केला जाणार आहे. त्या निमित्ताने नांदेड तसंच हिंगोलीसह अनेक ठिकाणी 'स्वच्छता ही सेवा' ही मोहीम १७ सप्टेंबर ते १ ऑक्टोबर २०२४ या कालावधीत राबवण्यात येणार आहे.
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adani-hasdeo · 16 days
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अडानी हसदेव कोयला परियोजना, निस्संदेह, भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह परियोजना देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। स्वदेशी कोयले के उत्पादन से देश की विदेशी कोयले पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
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vlogrush · 3 months
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अरबपति बनने का मंत्र: अपने सपनों को आज ही साकार करें
अरबपति बनने का रहस्य जानें। सरल टिप्स और व्यावहारिक सलाह के साथ अपने सपनों को वास्तविकता में बदलें। वित्तीय स्वतंत्रता की ओर पहला कदम उठाएं।क्या आप भी अरबपति बनने का सपना देखते हैं? क्या आप सोचते हैं कि यह असंभव है? रुकिए! ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।अरबपति बनना कोई जादू नहीं है। यह एक सोची-समझी रणनीति, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प…
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helputrust · 8 months
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लखनऊ, 03.02.2024 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में शशि भूषण बालिका महाविद्यालय, लाल कुआं, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला" आयोजित की गई जिसमें 30 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना | कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा शशि भूषण बालिका महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 अंजुम इस्लाम एवं रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के श्री अजय पटेल ने दीप प्रज्वलन किया | शशि भूषण बालिका महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 अंजुम इस्लाम ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का आभार प्रकट करते हुए कहा, "भारत में वर्तमान समय में नारी उत्पीड़न के प्रति घंटे के अनुरूप लगभग 49 मामले दर्ज होते है । इस तरह यह स्थिति भयावह है । हमारे देश की आधी आबादी, जो पूरी तरह से अब भी सामाजिक सम्मान, शक्ति, संपन्नता, सम्पत्ति की समान अधिकारिणी व आर्थिक रूप से स्वतंत्रता, राजनैतिक दृष्टि से सुदृढ़ता, भौगोलिक परिवेश को लेकर उदारता की भागीदार नहीं बन पाई है इसलिए नारी उत्पीड़न के समाधान हम सबको मिलकर घरेलू स्तर से प्रारंभ करते हुए, सामाजिक व राष्ट्रीय स्तर पर करते रहने होंगे । जहाँ बेटी के जन्म को बोझ समझते हुए लिंग परीक्षण को पूरी तरह रोकना होगा, घरेलू स्तर से ही बालक-बालिका में भेद पर अंकुश लगाना होगा, बालिकाओं हेतु रोजगान्मुखी शिक्षा को जरूरी बनाना होगा| साथ ही विद्यालय स्तर से ही समान प्रायोगिक, व्यवहारिक, खेलकूद, कसरत, योगाभ्यास आदि का समान प्रशिक्षण देना होगा | बालिकाओं को आत्मरक्षा कौशल भी सिखाना उतना ही जरूरी है जितना घरेलू कार्य क्योंकि इससे उनकी मानसिक सोच मजबूत होगी तथा वे समाज में फैले अत्याचार के खिलाफ मजबूत कदम उठा सकेंगी |" कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |" आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |  कार्यशाला में शशि भूषण बालिका महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 अंजुम इस्लाम, शिक्षिकाओं, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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rightnewshindi · 21 days
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सुरक्षा सम्मेलन के लिए श्रीलंका पहुंचे अजीत डोभाल ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से की मुलाकात, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा
Srilanka News: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर चर्चा की। कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए डोभाल गुरुवार को कोलंबो पहुंचे। यह सम्मेलन शुक्रवार को आयोजित किया गया। डोभाल ने राष्ट्रपति सचिवालय में विक्रमसिंघे से मुलाकात की। राष्ट्रपति मीडिया डिवीजन ने कहा कि दोनों ने श्रीलंका…
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dainikdangal · 8 days
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लाडली बहना योजना की अटकी हुई किस्त: कैसे पाएं तुरंत पैसा?
लाडली बहना योजना सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा के लिए चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में मासिक किस्त के रूप में वित्तीय सहायता दी जाती है। लेकिन कई बार कुछ तकनीकी या दस्तावेज़ संबंधी कारणों से किस्त अटक जाती है और इसे प्राप्त करने में देरी होती है। अगर आपकी भी लाडली बहना योजना की किस्त अटकी हुई है, तो आप कुछ आसान…
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astrovastukosh · 21 days
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*🌞~ दिनांक - 31 अगस्त 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 31 अगस्त 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - त्रयोदशी रात्रि 03:40 सितम्बर 01 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - पुष्य शाम 07:39 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग - वरीयान शाम 05:39 तक तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल - प्रातः 09:31 से प्रातः 11:05 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:22*
*⛅सूर्यास्त - 06:58*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:36 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से 01:05 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:17 सितम्बर 01 से रात्रि 01:03 सितम्बर 01 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹कर्ज-निवारण व धन-वृद्धि हेतु रखें इन बातों का विशेष ध्यान 🔹*
*🔸झाडू को कभी पैर न लगायें ।*
*🔸 भोजन बनाने के बाद तवा, कढ़ाई या अन्य बर्तन चूल्हे से उतारकर नीचे रखें ।*
*🔸 घर के दरवाजे को कभी भी पैर से ठोकर मार के न खोलें ।*
*🔸 देहली (दहलीज) पर बैठकर कभी भोजन न करें ।*
*🔸सुबह शाम की पहली रोटी गाय के लिए बनायें व समय-अनुकूलता अनुसार खिला दें ।*
*🔸 घर के बड़ों को प्रणाम करें । उनके आशीर्वाद से घर में बरकत आती है ।*
*🔸 रसोईघर में जूठे बर्तन कभी भी नहीं रखें तथा रात्रि में जूठे बर्तन साफ करके ही रखें ।*
*🔸 घर में गलत जगह शौचालय बन गया हो तो शौचालय में नमक रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव दूर होता है । नमक को शौचालय के अलावा कहीं भी खुला न रखें । इससे धन-नाश होता है ।*
*🔸 घर की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) दूर करने के लिए हफ्ते में एक बार नमक मिले पानी से पोंछा लगायें ।*
*🔸 घर में जितनी भी घड़ियाँ हों उन्हें चालू रखें, बंद होने पर तुरंत ठीक करायें, धनागम अच्छा होगा ।*
*🔸 घर की छत पर टूटी कुर्सियाँ, बंद घड़ियाँ, गत्ते के खाली डिब्बे, बोतलें, मूर्तियाँ या कबाड़ नहीं रखना चाहिए ।*
*🔸 घर में जाला या काई न लगने दें ।*
*🔸घर की दीवारों व फर्श पर पेंसिल, चाक आदि के निशान होने से कर्ज चढ़ता है । निशान हों तो मिटा दें ।*
*🔸बाधाओं से सुरक्षा हेतु हल्दी व चावल पीसकर उसके घोल से या केवल हल्दी से घर के प्रवेश द्वार पर ॐ बना दें ।*
*🔸प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें । असत्य वचन न बोलें । पूजाघर में दीपक व गौ-चंदन धूपबत्ती जलायें । हो सके तो ताजे पुष्प चढ़ायें और तुलसी या रुद्राक्ष की माला से अपने गुरुमंत्र का कम से कम १००० बार (१० माला) जप करें । जिन्होंने मंत्रदीक्षा नहीं ली हो वे जो भी भगवन्नाम प्रिय लगता हो उसका जप करें ।*
*🔹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🔹*
*🔸 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🔸 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔸आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔸*
*🔸एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
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dkkansal · 21 days
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बॉन्ड्स: एक सुरक्षित निवेश विकल्प बॉन्ड्स क्या हैं? बॉन्ड्स एक प्रकार की ऋण सुरक्षा होती है, जो सरकारों, निगमों, या अन्य संस्थाओं द्वारा पूंजी जुटाने के लिए जारी की जाती है। जब आप बॉन्ड खरीदते हैं, तो आप उस संस्था को पैसा उधार देते हैं। इसके बदले में, वह संस्था आपको नियमित ब्याज देती है, जिसे कूपन भुगतान कहा जाता है। बॉन्ड की परिपक्वता पर, आपको आपका मूल पैसा वापस मिलता है। बॉन्ड्स की स्थिरता कम अस्थिरता के कारण बॉन्ड्स आम तौर पर शेयरों की तुलना में कम अस्थिर होते हैं। इस वजह से, वे विशेष रूप से अस्थिर आर्थिक समय में एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन जाते हैं। सरकारी बॉन्ड्स और उच्च गुणवत्ता वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड्स अपनी स्थिरता के लिए प्रसिद्ध होते हैं। जो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं, उनके लिए बॉन्ड्स एक अच्छा विकल्प हैं। वे परिपक्वता तक बनाए रखने पर मूल राशि की वापसी की गारंटी देते हैं, बशर्ते कि जारीकर्ता डिफ़ॉल्ट न हो। नियमित आय का स्रोत बॉन्ड्स की एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे नियमित आय उत्पन्न करते हैं। बॉन्ड्स निश्चित ब्याज भुगतान के माध्यम से निरंतर नकदी प्रवाह प्रदान करते हैं। यह विशेष रूप से कम ब्याज दर वाले वातावरण में आकर्षक हो सकता है। सेवानिवृत्त व्यक्तियों या उन लोगों के लिए जो एक पूर्वानुमानित आय धारा की तलाश में हैं, बॉन्ड्स एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। ब्याज दरों में वृद्धि और बॉन्ड्स का उच्च रिटर्न मुद्रास्फीति और ब्याज दर जब केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि करते हैं, तो नए जारी किए गए बॉन्ड्स उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं। यह उन्हें नकद रख-रखाव या कम ब्याज दर वाले बचत खातों की तुलना में अधिक आकर्षक बनाता है। ये उच्च रिटर्न बॉन्ड्स से उत्पन्न आय को बढ़ाते हैं और निवेश पर कुल रिटर्न में सुधार करते हैं। मुद्रास्फीति से सुरक्षा कुछ बॉन्ड्स, जैसे ट्रेजरी इन्फ्लेशन-प्रोटेक्टेड सिक्योरिटीज (TIPS), मुद्रास्फीति से सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये बॉन्ड्स अपने मूलधन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में परिवर्तन के आधार पर समायोजित करते हैं। इससे आपकी निवेश की क्रय शक्ति सुरक्षित रहती है। उच्च रिटर्न वाले बॉन्ड्स भी मुद्रास्फीति को मात देने वाले रिटर्न प्रदान कर सकते हैं, जिससे आपके निवेश पर वास्तविक रिटर्न प्राप्त होता है। बॉन्ड्स के प्रकार सरकारी बॉन्ड्स सरकारी बॉन्ड्स, जैसे कि भारत सरकार के बॉन्ड्स, बहुत सुरक्षित माने जाते हैं। ये बॉन्ड्स सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और इन्हें आमतौर पर कम जोखिम के साथ देखा जाता है। कॉर्पोरेट बॉन्ड्स कॉर्पोरेट बॉन्ड्स कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं। ये बॉन्ड्स सरकार की तुलना में थोड़े अधिक जोखिम वाले हो सकते हैं, लेकिन इनमें आमतौर पर उच्च रिटर्न की संभावना होती है। नगरपालिका बॉन्ड्स नगरपालिका बॉन्ड्स स्थानीय सरकारी इकाइयों द्वारा जारी किए जाते हैं। ये भी सुरक्षित होते हैं और विभिन्न परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में मदद करते हैं। अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड्स अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड्स विदेशों में जारी किए जाते हैं। ये बॉन्ड्स ��िवेशकों को विभिन्न देशों के बाजारों में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे विविधता बढ़ती है। कैसे चुनें सही बॉन्ड? वित्तीय लक्ष्य और जोखिम प्रोफाइल अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर, बॉन्ड्स का चयन करना महत्वपूर्ण है। क्या आप अल्पकालिक लक्ष्य के लिए बचत कर रहे हैं, या स्थिर आय उत्पन्न करना चाहते हैं? अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए बॉन्ड्स का चयन करें। बॉन्ड की परिपक्वता बॉन्ड की परिपक्वता का समय भी महत्वपूर्ण है। यदि आप अपनी पूंजी को लंबे समय के लिए लॉक करना चाहते हैं, तो लंबी अवधि के बॉन्ड्स आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं। बॉन्ड्स एक सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प प्रदान करते हैं। चाहे आप स्थिर आय की तलाश में हों या मुद्रास्फीति से सुरक्षा चाहते हों, बॉन्ड्स आपके निवेश पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकते हैं। विभिन्न प्रकार के बॉन्ड्स और उनके रिटर्न विकल्पों को समझकर, आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, बॉन्ड्स एक प्रभावी तरीका हो सकते हैं अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने और नियमित आय प्राप्त करने के लिए। अपने निवेश निर्णयों को सोच-समझकर लें और अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार बॉन्ड्स का चयन करें।
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nidarchhattisgarh · 22 days
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छत्तीसगढ़ में एकीकृत पेंशन योजना की तत्काल मांग: कर्मचारियों के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में बड़ा कदम
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