#आर्थिक संकट दूर करने के उपाय
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astrogurujimayanksblog · 6 months ago
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सनातन हिंदु धर्म में पीपल का महत्व समझिये
पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए:-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,
सखा शंकरमेवच ।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,
वृक्षराज नमोस्तुते ।।
हिदु धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और हमारे पितरों का वास भी माना गया है।
पीपल वस्तुत: भगवान विष्णु का जीवन्त और पूर्णत:मूर्तिमान स्वरूप ही है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है की वृक्षों में मैं पीपल हूँ।
पुराणो में उल्लेखित है कि
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मूलतः ब्रह्म रूपाय मध्यतो विष्णु रुपिणः।
अग्रतः शिव रुपाय अश्वत्त्थाय नमो नमः।।
अर्थात इसके मूल में भगवान ब्रह्म, मध्य में भगवान श्री विष्णु तथा अग्रभाग में भगवान शिव का वास होता है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से समस्त देवता स्वयं ही पूजित हो जाते हैं।
कहते है पीपल से बड़ा मित्र कोई भी नहीं है, जब आपके सभी रास्ते बंद हो जाएँ, आप चारो ओर से अपने को परेशानियों से घिरा हुआ समझे, आपकी परछांई भी आपका साथ ना दे, हर काम बिगड़ रहे हो तो
आप पीपल के शरण में चले जाएँ, उनकी पूजा अर्चना करे , उनसे मदद की याचना करें निसंदेह कुछ ही समय में आपके घोर से घोर कष्ट दूर जो जायेंगे।
धर्म शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में पीपल का पेड़ अवश्य ही लगाना चाहिए । पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार संकट नहीं रहता है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे रविवार को छोड़कर नियमित रूप से जल भी अवश्य ही अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बढ़ेगा आपके घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ती जाएगी। पीपल का पेड़ लगाने के बाद बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान भी अवश्य ही रखना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पीपल को आप अपने घर से दूर लगाएं, घर पर पीपल की छाया भी नहीं पड़नी चाहिए।
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है तो उसके जीवन से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नित्य पूजा भी अवश्य ही करनी चाहिए। इस उपाय से जातक को सभी भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
सावन मास की अमवस्या की समाप्ति और सावन के सभी शनिवार को पीपल की विधि पूर्वक पूजा करके इसके नीचे भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना / आराधना करने से घोर से घोर संकट भी दूर हो जाते है।
यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर रविवार को छोड़कर नित्य हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।
पीपल के नीचे बैठकर पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर चन्दन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर उसे प्रभु हनुमानजी को अर्पित करें, सारे संकटो से रक्षा होगी।
पीपल के चमत्कारी उपाय
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शास्त्रानुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल वृक्ष पर मां लक्ष्मी का फेरा लगता है। इसलिए जो व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहते है वो इस समय पीपल के वृक्ष पर फल, फूल, मिष्ठान चढ़ाते हुए धूप अगरबती जलाकर मां लक्ष्मी की उपासना करें, और माता लक्ष्मी के किसी भी मंत्र की एक माला भी जपे । इससे जातक को अपने किये ग�� कार्यों के सर्वश्रेष्ठ फल मिलते है और वह धीरे धीरे आर्थिक रूप से सक्ष��� हो जाता है ।
पीपल को विष्णु भगवान से वरदान प्राप्त है कि जो व्यक्ति शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मी की अपार कृपा रहेगी और उसके घर का ऐश्वर्य कभी नष्ट नहीं होगा।
व्यापार में वृद्धि हेतु प्रत्येक शनिवार को एक पीपल का पत्ता लेकर उस पर चन्दन से स्वस्तिक बना कर उसे अपने व्यापारिक स्थल की अपनी गद्दी / बैठने के स्थान के नीचे रखे । इसे हर शनिवार को बदल कर अलग रखते रहे । ऐसा 7 शनिवार तक लगातार करें फिर 8वें शनिवार को इन सभी पत्तों को किसी सुनसान जगह पर डाल दें और मन ही मन अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रार्थना करते रहे, शीघ्र पीपल की कृपा से आपके व्यापार में बरकत होनी शुरू हो जाएगी ।
जो मनुष्य पीपल के वृक्ष को देखकर प्रणाम करता है, उसकी आयु बढ़ती है
जो इसके नीचे बैठकर धर्म-कर्म करता है, उसका कार्य पूर्ण हो जाता है।
पीपल के वृक्ष को काटना
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जो मूर्ख मनुष्य पीपल के वृक्ष को काटता है, उसे इससे होने वाले पाप से छूटने का कोई उपाय नहीं है। (पद्म पुराण, खंड 7 अ 12)
हर रविवार पीपल के नीचे देवताओं का वास न होकर दरिद्रा का वास होता है। अत: इस दिन पीपल की पूजा वर्जित मानी जाती है
यदि पीपल के वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है।
शनि दोष में पीपल
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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभावों को दूर कर,शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए हर जातक को प्रति शनिवार को पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है।
यदि रोज (रविवार को छोड़कर) पीपल पर पश्चिममुखी होकर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है l
शनिवार की सुबह गुड़, मिश्रित जल चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती जलाकर उसकी सात परिक्रमा करनी चाहिए, एवं संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे कड़वे तेल का दीपक भी अवश्य ही जलाना चाहिए। इस नियम का पालन करने से पीपल की अदृश्य शक्तियां उस जातक की सदैव मदद करती है।
ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।
ग्रहों के दोषों में पीपल
ज्योतिष शास्त्र में पीपल से जुड़े हुए कई आसान किन्तु अचूक उपाय बताए गए हैं, जो हमारे समस्त ग्रहों के दोषों को दूर करते हैं। जो किसी भी राशि क�� लोग आसानी से कर सकते हैं। इन उपायों को करने के लिए हमको अपनी किसी ज्योतिष से कुंडली का अध्ययन करवाने की भी आवश्यकता नहीं है।
पीपल का पेड़ रोपने और उसकी सेवा करने से पितृ दोष में कमी होती है । शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ की सेवा मात्र से ही न केवल पितृ दोष वरन जीवन के सभी परेशानियाँ स्वत: कम होती जाती है
पीपल में प्रतिदिन (रविवार को छोड़कर) जल अर्पित करने से कुंडली के समस्त अशुभ ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। पीपल की परिक्रमा से कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से भी छुटकारा मिल जाता है। (पद्म पुराण)
असाध्य रोगो में पीपल
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पीपल की सेवा से असाध्य से असाध्य रोगो में भी चमत्कारी लाभ होता देखा गया है ।
यदि कोई व्यक्ति किसी भी रोग से ग्रसित है
वह नित्य पीपल की सेवा करके अपने बाएं हाथ से उसकी जड़ छूकर उनसे अपने रोगो को दूर करने की प्रार्थना करें तो जातक के रोग शीघ्र ही दूर होते है। उस पर दवाइयों का जल्दी / तेज असर होता है ।
यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो उसके तकिये के नीचे पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
निसंतान दंपती संतान प्राप्ति हेतु पीपल के एक पत्ते को प्रतिदिन सुबह लगभग एक घंटे पानी में रखे, बाद में उस पत्ते को पानी से निकालकर किसी पेड़ के नीचे रख दें और पति पत्नी उस जल का सेवन करें तो शीघ्र संतान प्राप्त होती है ऐसा लगभग 2-3 माह तक लगातार करना चाहिये।
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jyotishgher · 10 months ago
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हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर किय गए उपाय विशेष फल प्रदान करते हैं। इस युग में हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है। जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने वाले यह उपाय अवश्य आजमाएं -
https://www.jyotishgher.in
हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
* हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।
* तेज और शक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
* हनुमान जन्मोत्सव पर और बाद में साल में एक बार किसी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप ��मेशा दुर्घटनाओं से बचे रहेंगे।
* धन प्राप्ति का उपाय -
हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान करके लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद किसी हनुमान मंदिर में जाएं और उनकी प्रतिमा के सामने चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद किसी पात्र में सिंदूर लेकर उसमें चमेली का तेल मिला लें और हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इसके बाद हनुमान जी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और उनकी दोनों भुजाओं पर केवड़े का इत्र छिड़के। अब इसके बाद एक साबुत पान का पत्ता लें और भलिभांति देख लें कि पत्ता कहीं से भी कटा-फटा न हो, अब इसपर चना और गुड़ रखकर हनुमान जी को भोग लगाएं। धन प्राप्ति और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है।
* धन की किल्लत से बचने का उपाय -
यदि आपको बार-बार धन हानि का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण आप धन के संकट से जूझ रहे हैं तो पीपल के वृक्ष का एक पत्ता लेकर उसे गंगाजल से पवित्र करके हनुमान जी के चरणों में रख दें। इसके बाद अपने मन में प्रार्थना करें और उस पत्ते पर केसर से श्री राम लिख दें। जब लिखा हुआ सूख जाए तो पत्ते को अपने पर्स में रख लें। मान्यता है कि इससे आपका पर्स हमेशा पैसों से भरा रहता है लेकिन ध्यान रखें कि अपने पर्स को कभी गंदे हाथों से न छुएं।
* धन लाभ के लिए -
हनुमान जन्मोत्सव के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जलाकर प्रणाम करें और बिना पीछे देखे वापस घर आ जाएं। इसके बाद हनुमान जन्मोत्सव से लेकर लगातार सात मंगलवार तक इस मंत्र का मन ही मन जाप करते रहें।
'जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरु देव की नांई'
ध्यान रहे, इस उपाय को गुप्त रूप से ही करना चाहिए। इससे आपको आश्चर्यजनक धन लाभ होता है और भगवान हनुमान आपकी हर संकट से रक्षा करते हैं।
* शत्रुओं से रक्षा के लिए -
यदि आपको हर समय कोई अंजान भय सताता रहता है या आप शत्रुओं से परेशान हैं तो हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी के समक्ष 108 बार हनुमान चालीसा और 108 बार संकट मोचन का पाठ करें। ध्यान रखें कि यह कार्य आपको रात 9 बजे के बाद और 12 बजे से पहले करना है। यदि आप यह कार्य अकेले पूरा नहीं कर सकते हैं तो अपने परिजनों के साथ मिलकर पाठ पूर्ण कर सकते हैं। इससे प्रसन्न होकर हनुमान जी आपकी हर संकट और शत्रुओं से रक्षा करते हैं।
।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो ।।
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astrovastukosh · 11 months ago
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आज दिनांक - 29 मार्च 2024 का हिन्दू पंचांग और आर्थिक कष्ट निवारण के उपाय
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - चैत्र
पक्ष - कृष्ण
तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग - वज्र रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल - सुबह 11:12 से दोपहर 12:44 तक
सूर्योदय - 06:35
सूर्यास्त - 06:54
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:48 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:07 तक
व्रत पर्व विवरण - संकट चतुर्थी*
विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ
*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*
रविवार, सप्तमी, नवमी, अमावस्या, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण तथा संक्रांति - इन तिथियों को छोड़कर बाकी के दिन आँवले का रस शरीर पर लगाकर स्नान करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है। (स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)*
क्रोध पर नियंत्रण कैसे पायें ?
क्रोध भस्मासुर है, करा-कराया सब खाक कर देता है । जिन्हें क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें ।
(१) एक कटोरी में जल लेकर उसमें देखते हुए 'ॐ शांति... शांति... शांति... ॐ...' इस प्रकार २१ बार जप करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी ।*
(२) जब क्रोध आये तो उस समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा ।
(३) सुबह नींद में से उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सद्‌गुरु या इष्ट का ध्यान करें । बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से अग्��ि में आहुति डालें: ॐ क्रोधं जुहोमि स्वाहा ।
(४) एक नग आँवले का मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी । (शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन न करें ।)
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mrdevsu · 4 years ago
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धन की समस्या से परेशान हैं तो जन्म कुंडली में इन तीन ग्रहों को बनाएं मजबूत, बदल सकती है किस्मत
धन की समस्या से परेशान हैं तो जन्म कुंडली में इन तीन ग्रहों को बनाएं मजबूत, बदल सकती है किस्मत
धन समस्या समाधान ज्योतिष: लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है।मान्यता यह है कि जिस व्यक्ति पर लक्ष्मी जी की कृपा रहती है वह उसके जीवन में धन की कमी नहीं रहती है। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इसीलिए हर व्यक्ति धन की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करता है। यहां तक ​​की दूर के देशों की यात्राएं भी करती हैं। भौतिक युग में धन जीवन को जीने का प्रमुख साधन है। चाणक्य की चाणक्य…
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gururksharma · 2 years ago
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सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 10 अचूक ज्योतिषीय उपाय !!!!!
पति-पत्नी का रिश्ता जोश, उत्साह और जोश से शुरू होता है, लेकिन देखा जाता है कि समय बीतने के साथ ही रिश्ता दोनों लोगों के लिए बोझ बन जाता है। समय बीतने के साथ रिश्ता निभाना बोझ बन जाता है। जोड़े भी स्थिति के साथ तनाव का सामना करते हैं। हम अक्सर चकित हो जाते हैं कि कैसे प्यार और जुनून से भरा एक रिश्ता संकट और तनाव में समाप्त हो जाता है। लव मैरिज वाले जोड़ों क�� भी लड़ते हुए देखा जा सकता है। युगल के बीच समस्याएं आम हैं, इन ��मस्याओं को हल किया जा सकता है या अनदेखा किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो आपकी सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है।
नमस्ते!!!!! मैं हूं पंडित आरके शर्मा भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी। आज हम बात करेंगे कि हम वैदिक ज्योतिष की मदद से प्रेम समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
भारतीय वैदिक ज्योतिष पूरी तरह से ग्रहों की स्थिति पर आधारित है, इन ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन के हर पहलू को शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से प्रभावित करती है। यदि आप मुझसे पूछें कि क्या ज्योतिष से विवाह की समस्या का समाधान संभव है। जी हां कुछ उपायों से हम निश्चित रूप से प्रेम समस्या का समाधान कर सकते हैं।
क्या है शादी की समस्या के पीछे का कारण
जैसा कि मैंने ऊपर उल्लेख किया है कि ग्रहों की स्थिति सीधे संबंध को प्रभावित कर सकती है। वास्तविक कारण जानने का सबसे अच्छा तरीका दोनों सदस्यों की जन्म कुंडली पढ़ना है। मैं केवल आँख बंद करके उपायों का पालन करने की सलाह नहीं दूंगा। ये उपाय तभी काम करते हैं जब यह आपकी जन्म कुंडली के अनुसार किया जाए। हालांकि मैं इस लेख के अंत में कुछ ऐसे उपाय बताऊंगा जो सभी लोगों के लिए कारगर हैं।
ज्यादातर लोगों में से किसी एक में मंगल दोष होता है। सभी मामलों में यही प्रमुख कारण है। नकली पंडितों और ज्योतिषियों के संपर्क में आए लोग। इसलिए कोशिश करें कि पैसे बर्बाद न करें और केवल असली पंडित से संपर्क करें।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 10 अचूक ज्योतिषीय उपाय !!!!!
1. मंत्रों का जाप, पूजा करके भगवान सूर्य को प्रसन्न करने का प्रयास करें।
यहाँ पढ़ें:- सूर्य के प्रभाव को दूर करने के उपाय (सूर्य को कैसे प्रसन्न करें
2. जानवरों और पक्षियों को खिलाएं यह एक सामान्य उपाय है यह हम सभी के लिए एक सामान्य अनुष्ठान होना चाहिए क्योंकि यह एक दया कार्य है हम सभी को पक्षियों और जानवरों को खिलाना चाहिए
3. हर शनिवार को सरसों के तेल में एक सिक्का डालकर शनि देव को अर्पित करें।
4. 16 शुक्रवार के दिन शुक्रवार के दिन भगवान लक्ष्मी को सफेद प्रसाद दें।
5. सूर्य, लक्ष्मी या शनि मंत्र का 108 बार जाप करें।
6. पूजा में कपूर का प्रयोग करें यह सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को जला देगा।
7. पत्नी को प्रत्येक गुरुवार को दूध के पानी से स्नान करना चाहिए।
8. हमेशा पहली रोटी गाय को दें।
9. ��ंपत्ति को मंगलवार, शनिवार और गुरुवार को अपने बाल कटवाने, नाखून काटने से भी बचना चाहिए।
10. जरूरतमंद लोगों को मिठाई का दान करें।
मेरी आखिरी सलाह है कि हमेशा एक-दूसरे का सामना करने की कोशिश करें। पति-पत्नी का रिश्ता सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है। शादी से पहले कुंडली मिलान करने का रखें ध्यान, इससे आपकी कई समस्याओं से निजात मिलेगी
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ragbuveer · 2 years ago
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आज का पंचांग, राशिफल 4 फरवरी 2023, शनिवार
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
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#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिशाशूल पूर्व दिशा में रहेगा। इसलिए पूर्व की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो उड़द की दाल खाकर खाकर घर से निकलें। हनुमानजी के दर्शन अवश्य करें।
आज चतुर्दशी तिथि और दिन शनिवार है। आज के दिन मकर, कुंभ, मीन और कर्क, वृश्चिक राशि के जातक शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें। काला कपड़ा, उड़द, काले तिल, तेल और लोहा भेंट करें। शनिदेव के चरणों में देखते हुए दर्शन करें। मंदिर के बाहर बैठे हुए भिखारियों को नमकीन पुलाव और इमरती खिलाएं। शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलेगी। यहां पेश है आज का पंचांग, जिसमें शुभ-अशुभ योग देखकर पूरे दिन की प्लानिंग कर लीजिए।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज का पंचांग विक्रम संवत : 2079 शालिवाहन शके : 1944 मास : माघ शुक्ल पक्ष ऋतु : शिशिर अयन : उत्तरायण तिथि : चतुर्दशी रात्रि 9.29 तक नक्षत्र : पुनर्वसु प्रात: 9.15 तक, पश्चात पुष्य योग : प्रीति दोपहर 1.50 तक करण : गर प्रात: 8.13 तक सूर्योदय : 7.06.10 सूर्यास्त : 6.15.11 दिनकाल : 11 घंटे 09 मिनट 01 सेकंड रात्रिकाल : 12 घंटे 50 मिनट 31 सेकंड चंद्रोदय : सायं 5.04 चंद्रास्त : दूसरे दिन प्रात: 6.56
आज की ग्रह स्थिति सूर्य राशि : मकर में चंद्र राशि : कर्क मंगल : वृषभ में बुध : धनु में गुरु : मीन में शुक्र : कुंभ में शनि : कुंभ में अस्त राहु : मेष में केतु : तुला में
शुभ समय दिन के शुभ : प्रात: 8.30 से 9.53 चर : दोप 12.41 से 2.04 अमृत : दोप 3.28 से सायं 4.52 अभिजित : दोप 12.18 से 1.03 शुभ समय रात्रि के लाभ : सायं 6.15 से 7.52 शुभ : रात्रि 9.28 से 11.04 त्याज्य समय राहु काल : प्रात: 9.53 से 11.17 यम घंट : दोप. 2.04 से 3.28
आज विशेष : आज का शुभ रंग : नीला, काला आज के पूज्य देव : शनिदेव, हनुमानजी आज का मंत्र : हनुमान बाहुअष्टक का पाठ दिशाशूल दिशाशूल पूर्व दिशा में रहेगा। इसलिए पूर्व की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो उड़द की दाल खाकर खाकर घर से निकलें। हनुमानजी के दर्शन अवश्य करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज का विशेष उपाय
1. आज के दिन मकर, कुंभ, मीन और कर्क, वृश्चिक राशि के जातक शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें। काला कपड़ा, उड़द, काले तिल, तेल और लोहा भेंट करें। शनिदेव के चरणों में देखते हुए दर्शन करें। मंदिर के बाहर बैठे हुए भिखारियों को नमकीन पुलाव और इमरती खिलाएं। शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलेगी।
2. हनुमान मंदिर में श्रीफल, गुड़-चना का भोग लगाएं। वहीं बैठकर हनुमान बाहुअष्टक का पाठ करें। इससे शनि की पीड़ा से तो मुक्ति मिलेगी ही, आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक संकट भी दूर होंगे।
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दैनिक राशिफल 04 फरवरी 2023
माघ महीने में गंगा स्नान करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है,वो पापमुक्त हो जाता है। माघ में लोग कल्पवास और दान-पुण्य करते है,जिससे घर में शांति बनी रहती है।
मेष राशि : आज का दिन बढ़िया रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन बढ़िया रहने वाला है, आज आप अपने पार्टनर के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। आज आप दिल-दिमाग दोने से ही काफी खुश रहेंगे।
वृषभ राशि :आपका दिन सकारात्मक रहेगा शनिदेव की कृपा से आज आपका दिन सकारात्मक रहेगा, आज आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। अटके हुए सारे काम पूरे होंगे, परिवार वाले भी खुश रहेंगे।
मिथुन राशि : दिन बहुत ही खुशनुमा रहने वाला हुआ प्यार, मांग में सिंदूर भरते ही हुआ ख़त्म शनिदेव की कृपा से आज आपका दिन बहुत ही खुशनुमा रहने वाला है। आज आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। रुका हुआ कोई काम आज पूरा होगा।
कर्क राशि : करियर में सफलता मिलेगी शनिदेव की कृपा से आज आपको काफी कुछ हासिल होगा, नौकरी वालों के लिए दिन काफी बढ़िया है, करियर में सफलता मिलेगी। परिवार में शांति रहेगी।
सिंह राशि : सेहत के लिहाज से दिन बढ़िया शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए बहुत कुछ लेकर आएगा, थोड़ा सेहत के लिहाज से दिन बढ़िया है। कहीं से अचानक धन लाभ भी हो सकता है।
कन्या राशि : करियर में सफलता मिलेगी शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा, बिजनेस वालों के लिए दिन लाभदायक रहेगा।करियर में सफलता मिलेगी। फैमिली वाले प्रसन्न रहेंगे।
तुला राशि : दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा, बिजनेस वालों के लिए दिन लाभदायक रहेगा।करियर में सफलता मिलेगी। फैमिली वाले प्रसन्न रहेंगे।
वृश्चिक राशि : सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए गुड है, कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा जिससे आप काफी खुश रहेंगे, छात्रों के लिए भी आज का दिन काफी अच्छा रहेगा।
धनु राशि : आज का दिन आपके लिए खुशियों भरा रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए खुशियों भरा रहेगा, आज आपको कहीं से अचानक धन लाभ हो सकता है। थोड़ा खुद की वाणी पर आज कंट्रोल रखें।
मकर राशि: आज लाभ के योग शनिदेव की कृपा से आज आप जो चाहते हैं वो हासिल होगा, व्यापार की बात करें तो उसमें भी सुखद परिणाम मिलेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से आज लाभ के योग हैं।
कुंभ राशि : आज आपके लिए लाभ का दिन शनिदेव की कृपा से आज आपके लिए लाभ का दिन है, आर्थिक रूप से तो आपको फायदा तो होगा ही साथ ही आपको आज बड़ों से कुछ सिखने को मिलेगा।
मीन राशि : आज का दिन ठीक ठाक रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन ठीक ठाक रहेगा, परिवार में सब ठीक रहेगा, लोगों के बीच मनमुटाव कम होगा आपकी सेहत बढ़िया रहेगी, कुछ नया करने की सोचेंगे।
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bestcareerprection · 2 years ago
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न्याय के देवता शनि 30 जनवरी को होने जा रहे अस्त, इन राशियों पर छाएगा बड़ा संकट। न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव 30 जनवरी को कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं। शनि के इस राशि परिवर्तन से 3 राशियों की जीवन में संकट के बादल छाने जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि वे राशियां कौन सी हैं और इस संकट से बचाव के उपाय क्या हैं 
वृश्चिक राशि
आपका निवेश अटक सकता है
नौकरी-कारोबार में होगी समस्या
माता-पिता की सेहत का ख्याल रखें
सिंह राशि
दांपत्य जीवन में आ सकती है कड़वाहट
आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ सकता है/Leo Finance Horoscope
नया कारोबार या नौकरी की शुरुआत करने की न सोचे
कर्क राशि
झेलनी पड़ सकती हैं स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें/Health Astrology Prediction
पारिवारिक मामलों में कलह बढ़ेगी
आर्थिक तंगी से परेशान रहेंगे
अस्त शनि से कुप्रभावों से ऐसे करें बचाव
अगर आप सेहत से जुड़ी दिक्कतें झेल रहे हैं तो
शनिवार के दिन मछलियों को दाना डालें
और साथ ही बीज मंत्र 'ऊं प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का जाप करें
आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए
शनिवार के दिन नारियल का छोटा सा हिस्सा काटकर उसमें शक्कर और आटा भर दें
इसके बाद उसे चीटियों के बिल के पास रख दें
यदि आप आपनी राशि पर शनी अस्त का प्रभाव जानना चाहते है या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/Daily Horoscope अथवा वार्षिक राशिफल 2023/Yearly Horoscope 2023 पधना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें
Source: https://vinaybajrangidham.blogspot.com/2023/01/shani-ast-2023.html
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howtoexloveback · 3 years ago
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करें ये उपाय, तुरंत परेशानी संकट से निजात पाएं
करें ये उपाय, तुरंत परेशानी संकट से निजात पाएं
जीवन में उतार चढ़ाव तो आते ही रहते हैं | कभी-कभी जीवन रूपी यह गाड़ी हंसी-खुशी सुचारु रुप से आगे बढ़ती है तो कभी-कभी यह मानसिक, शारीकिक व आर्थिक परेशानियों में भंवर में डूबने लगती है | व्यक्ति तरह- तरह की परेशानी से घिर जाता है और संकट से मुक्ति पाने के लिए छटपटाने लगता है | अगर आप भी कुछ इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा | इसमें आपको परेशानी दूर करने के उपाय…
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imsaki07 · 3 years ago
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इस दीपावली पर करें ये 10 अचूक उपाय, धन के साथ सफलता भी आएगी साथ #news4
Diwali Deepawali 2021: दीपावली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते है ताकि आर्थिक संकट दूर हो, कर्ज से मुक्ति मिले और घर में धन- समृद्धि बनी रहें। आओ जानते हैं कि दिवाली पर कौनसे 10 खास उपाय किए जा सकते हैं। 1. सात मुखी दीपक : माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहे, इसके लिए हमें उनके समक्ष 7 मुख वाला दीपक जलाना चाहिए। दीपक में घी होना चाहिए। दीपावली पर यह कार्य…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो शुक्रवार की शाम को जरूर करें ये एक काम Divya Sandesh
#Divyasandesh
लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो शुक्रवार की शाम को जरूर करें ये एक काम
 कहते हैं कि धन की देवी मां लक्ष्मी चंचला होती हैं और वह किसी एक स्थान पर अधिक सम�� तक नहीं रहती हैं। लेकिन अगर आप पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें, मां को प्रसन्न करने का प्रयास करें तो हो सकता है कि आपके जीवन में धन-संपत्ति से जुड़ी समस्या कभी न आए। मां लक्ष्मी को स्थायित्व देने के लिए सच्चे मन और विश्वास के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए। इसके लिए शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है क्योंकि यह मां लक्ष्मी का ही दिन होता है।1. धन से जुड़ी परेशानियां दूर करने और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी के मंदिर जाकर लाल रंग का वस्त्र, लाल बिंदी, लाल चूड़ी और लाल चुनरी आदि चीजें अर्पित करें। इस दिन मां लक्ष्मी को पूजा के दौरान लाल रंग के फूल चढ़ाएं और फिर पूजा हो जाने के बाद इन फूलों को अपनी अलमारी या तिजोरी में रख दें। लक्ष्मी जी की कृपा पाने का यह सबसे आसान उपाय है।2. घर के ईशाण कोण यानी उत्तर-पूर्व की दिशा में शुक्रवार की शाम को लक्ष्मी जी की पूजा करने के बाद गाय के घी का एक दीपक जलाकर रखें। इस दीपक में रुई की बत्ती की जगह लाल रंग के धागे का इस्तेमाल कर बत्ती बनाएं और साथ ही इस दीपक में चुटकी भर केसर भी डाल दें। इस उपाय से भी धन-संपत्ति का योग बन सकता है।3. शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है। इसके लिए शुक्रवार को दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर विष्णु जी का अभिषेक करें। इससे आर्थिक संकट हमेशा के लिए समाप्त हो सकता है। इसके अलावा शुक्रवार को श्रीयंत्र का दूध से अभिषेक करें। यह भी धन प्राप्ति का एक अचूक उपाय माना जाता है।4. शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते समय श्री सूक्त का पाठ करने से भी देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा आप चाहें तो श्री लक्ष्मी नारायण का पाठ भी कर सकते हैं। पाठ के बाद भगवान नारायण और देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। इससे भी जीवन में आर्थिक संपन्नता बनी रहती है।
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kisansatta · 4 years ago
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राजनीतिक दल प्रतिस्पर्धा और शत्रुता में अंतर करना सीखें
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नागपुर, 25 अक्टूबर (संवाद सूत्र)। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और शत्रुता में अंतर होता है। राजनीतिक दलों को इस अंतर को पहचानने की जरूरत है। प्रजातंत्र में राजनीतिक दल सत्ता में वापसी के लिए एक दूसरे से मुकाबला कर सकते हैं लेकिन राजनीतिक प्रतिस्पर्धा करत��� समय विवेक का होना आवश्यक है।
नागपुर के डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में स्थित महर्षि व्यास सभागार में आयोजित विजयादशमी और शस्त्रपूजन कार्यक्रम में ऑनलाइन पाथेय देते हुए डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा कि राजनीतिक दल एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। सत्ता से बाहर हुए दल सत्ता में वापसी के लिए विभिन्न प्रयास और हथकंडे अपनाते हैं। यह प्रजातंत्र में चलने वाली एक सामान्य बात है लेकिन उस प्रक्रिया में भी एक विवेक का पालन अपेक्षित है। डॉ. भागवत ने कहा कि राजनीतिक दलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इस प्रतिस्पर्धा के चलते समाज में कटुता, भेद, दूरियों का बढ़ना, आपस में शत्रुता की भावना उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। ऐसी विघटनकारी शक्तियों को बढ़ावा देने वाले तत्व इस देश में हैं। सरकार द्वारा लिए गए फैसले और समाज में घटने वाली घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते समय या उसका विरोध करते वक्त विवेक और मर्यादा का पालन करना चाहिए।
सरसंघचालक ने कहा कि किसी चीज का विरोध करते समय राष्ट्रीय एकात्मता के सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। समाज में विद्यमान सभी पंथ, प्रांत, जाति, भाषा आदि विविधताओं का सम्मान रखते हुए व संविधान कानून की मर्यादा के अंदर ही अभिव्यक्त होना आवश्यक है। दुर्भाग्य से अपने देश में इन बातों पर प्रामाणिक निष्ठा न रखने वाले अथवा इन मूल्यों का विरोध करने वाले लोग भी अपने आप को प्रजातंत्र, संविधान, कानून, पंथनिरपेक्षता आदि मूल्यों के सबसे बड़े रखवाले बताकर समाज को भ्रमित करने का कार्य करते चले आ रहे हैं।
अलगाववादी ताकतों से सतर्क रहें देश में बढ़ती अलगाववादी शक्तियों पर सरसंघचालक ने कहा कि हमारे देश में तथाकथित अल्पसंख्यक तथा अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को झूठे सपने दिखाकर कपोलकल्पित द्वेष की बातें बताई जा रही हैं। ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसी घोषणाएं करने वाले लोग इन षडयंत्रकारियों में शामिल हैं और उनका नेतृत्व भी करते हैं। राजनीतिक स्वार्थ, कट्टरपन व अलगाव की भावना, भारत के प्रति शत्रुता तथा जागतिक वर्चस्व की महत्वाकांक्षा, इनका एक अजीब सम्मिश्रण भारत की राष्ट्रीय एकात्मता के विरुद्ध काम कर रहा है। इस षडयंत्र को पहचान कर भड़काने वालों के अधीन ना होते हुए, संविधान व कानून का पालन करते हुए, अहिंसक तरीके से व जोड़ने के ही एकमात्र उद्देश्य से हम सबको कार्यरत रहना पड़ेगा। डॉ. भागवत ने आह्वान किया कि देश में सभी लोग अलगाववादी ताकतों से सतर्क रह���र आपसी भाईचारा बनाए रखें।
चीन से सावधान, अन्य पड़ोसियों से बेहतर रिश्ते हों चीन को आड़े हाथों लेते हुए सरसंघचालक ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर चीन की भूमिका संदिग्ध रही है। अपनी शक्तियों के बल में खोया चीन भारत की सीमाओं पर अपने विस्तारवाद को बढावा देने के प्रयास में है। पूरी दुनिया से भाईचारा और दोस्ती भारत का स्वभाव और परंपरा रही है लेकिन हम किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने में सक्षम हैं। बीते दिनों चीन के साथ हुए संघर्ष में हमारे वीर जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। चीन को भारत से कभी इस तरह के मुंहतोड़ जबाब की उम्मीद नहीं रही होगी। नतीजतन चीन को बड़ा धक्का मिला है।
डॉ. भागवत ने बताया कि आर्थिक क्षेत्र में, सामरिक क्षेत्र में, अपनी अंतर्गत सुरक्षा तथा सीमा सुरक्षा व्यवस्थाओं में, पड़ोसी देशों के साथ तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों में चीन से अधिक बड़ा स्थान प्राप्त करना ही उसकी राक्षसी महत्त्वाकांक्षा के नियंत्रण का एकमात्र उपाय है। इस ओर हमारे शासकों की नीति के कदम बढ़ रहे हैं, ऐसा दिखाई देता है। सरसंघचालक ने आह्वान किया कि श्रीलंका, बांग्लादेश, ब्रह्मदेश, नेपाल जैसे पड़ोसी देश हमारे मित्र भी हैं। उनके साथ हमें अपने सम्बन्धों को अधिक मित्रतापूर्ण बनाने में अपनी गति तीव्र करनी चाहिए। इस कार्य में बाधा उत्पन्न करनेवाले मनमुटाव, मतभेद, विवाद के मुद्दों का जल्द से जल्द निपटारा करना पड़ेगा।
कोरोना से जंग में दिखा जज्बा सरसंघचालक ने कोरोना योद्धाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से दुनिया में जितना नुकसान हुआ, उस अनुपात में भारत में काफी नियंत्रित रहा है। भारत में इस महामारी की विनाशकता का प्रभाव बाकी देशों से कम दिखाई दे रहा है, इसके कुछ कारण हैं। शासन-प्रशासन ने तत्परतापूर्वक इस संकट से समस्त देशवासियों को सावधान किया, सावधानी के उपाय बताए और उपायों का अमल भी अधिकतम तत्परता से करने की व्यवस्था की। महामारी के खिलाफ जंग में डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी और सफाई कर्मियों का अनूठा योगदान रहा है। अपने परिवार से दूर रह कर इन लोगों ने मरीजों की सेवा की। समाज में कई लोग एक-दूसरे की सहायता करते दिखाई दिए। सरसंघचालक ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट काल में हमारी सहनशीलता, आपसी स्नेह, संस्कृति तथा एक-दूसरे को सहायता करने की परंपरा उभर कर सामने आई है। डॉ. भागवत ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक मार्च म��ीने से ही इस संकट के संदर्भ में समाज में आवश्यक सब प्रकार के सेवा की आपूर्ति करने में जुट गए हैं। सेवा के इस नए चरण में भी वे पूरी शक्ति के साथ सक्रिय रहेंगे। समाज के अन्य बन्धु-बांधव भी लम्बे समय सक्रिय रहने की आवश्यकता को समझते हुए अपने अपने प्रयास जारी रखेंगे यह विश्वास है।
कृषि सुधारों की जरूरत इस अवसर पर सरसंघचालक डॉ. भागवत ने देश में कृषि सुधारों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वित्त, कृषि, श्रम, उद्योग तथा शिक्षा नीति में स्व को लाने की इच्छा रख कर कुछ आशा जगाने वाले कदम अवश्य उठाए गए हैं। व्यापक संवाद के आधार पर एक नई शिक्षा नीति घोषित हुई है। उसका संपूर्ण शिक्षा जगत से स्वागत हुआ है, हमने भी उसका स्वागत किया है। “वोकल फॉर लोकल” यह स्वदेशी संभावनाओं वाला उत्तम प्रारंभ है परन्तु इन सबका यशस्वी क्रियान्वयन पूर्ण होने तक बारीकी से ध्यान देना पड़ेगा। सरसंघचालक ने विश्वास जताया कि स्व या आत्मतत्त्व का विचार इस व्यापक रूप से सभी को स्वीकारना होगा, तभी उचित दि��ा में चलकर यह यात्रा यशस्वी होगी।
हिन्दू शब्द का विकल्प और नैतिक आचरण सरसंघचालक ने हिन्दू शब्द को लेकर बहुत महत्त्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि समाज में हिन्दू शब्द को उपासना पद्धति से जोड़कर संकुचित किया जाता है। हालांकि हिन्दू जीवन एक पद्धति है लेकिन भारतीय समाज को बांटने वाली शक्तियां हिन्दू शब्द पर छल कर वैचारिक अलगाव पैदा करती है। डॉ. भागवत ने कहा कि हिन्दू शब्द का विकल्प खोज कर उसका प्रयोग किया जाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने नैतिकतायुक्त आचरण पर जोर देते हुए कहा कि शराब बेच कर धन कमाना हमारी संस्कृति, परंपरा और नैतिकता में शामिल नहीं हो सकता। शराब जैसी चीजें मनुष्य को हानि पहुंचाती हैं, उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को नैतिक नहीं कहा जा सकता।
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ragbuveer · 2 years ago
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आज का पंचांग, राशिफल 2 फरवरी 2023, गुरुवार
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🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌺 *सुप्रभात जय श्री राधेकृष्णा*🌺
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#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
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आज दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहेगा इसलिए दक्षिण की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो बिना शक्कर का दही खाकर घर से निकलें।
आज द्वादशी तिथि और दिन गुरुवार है। आज जया एकादशी है।आज के दिन भीष्म द्वादशी का व्रत करने से समस्त मनोरथ पूरे होते हैं। जिस कामना की पूर्ति के संकल्प के साथ यह व्रत किया जाता है, वह अवश्य पूरी होती है। आज के दिन श्रीहरि नारायण या भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का भी विशेष महत्व है। जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है वे भगवान श्रीकृष्ण का पूर्ण श्रृंगार कर उनका पूजन पीले पुष्पों से करें, शीघ्र विवाह की बात बन जाएगी। यहां पेश है आज का पंचांग, जिसमें शुभ-अशुभ योग देखकर पूरे दिन की प्लानिंग कर लीजिए।
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आज का पंचांग विक्रम संवत : 2079 शालिवाहन शके : 1944 मास : माघ शुक्ल पक्ष ऋतु : शिशिर अयन : उत्तरायण तिथि : द्वादशी सायं 4.25 तक नक्षत्र : आद्र्रा दूसरे दिन प्रात: 6.16 तक योग : वैधृति दोपहर 12.10 तक करण : बालव सायं 4.25 तक सूर्योदय : 7.07.01 सूर्यास्त : 6.13.54 दिनकाल : 11 घंटे 06 मिनट 53 सेकंड रात्रिकाल : 12 घंटे 52 मिनट 41 सेकंड चंद्रोदय : दोपहर 3.17 चंद्रास्त : दूसरे दिन तड़के 5.26
आज की ग्रह स्थिति सूर्य राशि : मकर में चंद्र राशि : मथुन मंगल : वृषभ में बुध : धनु में गुरु : मीन में शुक्र : कुंभ में शनि : कुंभ में अस्त राहु : मेष में केतु : तुला में शुभ समय दिन के चर : प्रात: 11.17 से दोप 12.40 लाभ : दोप 12.40 से 2.04 अमृत : दोप 2.04 से 3.27 शुभ : सायं 4.51 से 6.14 अभिजित : दोप 12.18 से 1.03 शुभ समय रात्रि के अमृत : सायं 6.14 से 7.51 चर : सायं 7.51 से रात्रि 9.27 त्याज्य समय राहु काल : ��ोप. 2.04 से 3.27 यम घंट : प्रात: 7.07 से 8.30 आज विशेष : भीष्मद्वादशी आज का शुभ रंग : पीला, सफेद आज के पूज्य देव : श्री हरि आज का मंत्र : ऊं नमो भगवते वासुदेवाय दिशाशूल दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहेगा। इसलिए दक्षिण की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो बिना शक्कर का दही खाकर घर से निकलें।
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आज का विशेष उपाय
1. आज के दिन भीष्म द्वादशी का व्रत करने से समस्त मनोरथ पूरे होते हैं। जिस कामना की पूर्ति के संकल्प के साथ यह व्रत किया जाता है, वह अवश्य पूरी होती है।
2. आज के दिन श्रीहरि नारायण या भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का भी विशेष महत्व है।
3. जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है वे भगवान श्रीकृष्ण का पूर्ण श्रंृगार कर उनका पूजन पीले पुष्पों से करें, शीघ्र विवाह की बात बन जाएगी।
4. आज के दिन गाय को पीले पके केले खिलाएं, आर्थिक संकट दूर होंगे।
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दैनिक राशिफल 02 फरवरी 2023
माघ महीने में गंगा स्नान करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है,वो पापमुक्त हो जाता है। माघ में लोग कल्पवास और दान-पुण्य करते है,जिससे घर में शांति बनी रहती है।
मेष राशि : कामों में सफलता हासिल होगी भगवान विष्णु की कृपा से आज आपका दिन आनंदमय रहेगा, आपको कामों में सफलता हासिल होगी। घर का वातावरण अच्छा बना रहेगा। दाम्पत्य जीवन में मधुरता रहेगी।
वृषभ राशि : आज आपको धनलाभ होगा भगवान विष्णु की कृपा से आज आपको धनलाभ होगा, नौकरी में पदोन्नति और स्थान परिवर्तन के योग नजर आ रहे हैं तो वहीं अपनों का प्रेम भी आपको मिलेगा।
मिथुन राशि : आज आपका दिन अनुकूल रहेगा भगवान विष्णु की कृपा से आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। कुछ शुभ समाचार मिल सकता है, छात्रों के लिए दिन काफी बढ़िया है, परिवार में प्रेम और एकता रहेगी।
कर्क राशि : आप आज खुद से खुश रहेंगे भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन बेहतर रहेगा, आप मन लगाकर काम करेंगे तो आपको सफलता मिलेगी। पूजा-पाठ में भी ध्यान लगेगा और आप आज खुद से खुश रहेंगे।
सिंह राशि : आज आप बढ़िया महसूस करेंगे भगवान विष्णु की कृपा से आज आप बढ़िया महसूस करेंगे, सेहत ठीक रहेगी, किसी बड़े फैसले में जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। धन लाभ के भी संकेत नजर आ रहे हैं।
कन्या राशि : बॉस आपके काम से प्रसन्न रहेंगे भगवान विष्णु की कृपा से आज आपके लिए दिन बढ़िया रहेगा, नौकरी में बॉस आपके काम से प्रसन्न रहेंगे, हो सकता है आपको कुछ बढ़िया सौगात मिले, परिवार नें सुख-शांति रहेगी।
तुला राशि :कुछ अच्छी चीजें सीखने को मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा से आज आपको कुछ अच्छी चीजें सीखने को मिलेगी, पारिवारिक वातावरण सुखमय रहेगा। नौकरी और बिजनेसवाले वाले लोग आज खुश रहेंगे।
वृश्चिक राशि : सकारात्मकता बनी रहेगी भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन सार्थक रहेगा, सकारात्मकता बनी रहेगी, बिजनेस में अप्रत्याशित लाभ के संकेत हैं। पारिवारिक वातावरण सुखमय रहेगा।
धनु राशि : आज का दिन सामान्य रहेगा भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन सामान्य रहेगा, सेहत ठीक रहेगी, परिजनों के साथ धार्मिक यात्रा की प्लानिंग कर सकते हैं तो वहीं ऑफिस में लोगों का पूरा सहयोग मिलेगा।
मकर राशि : छात्रों के लिए आज दिन बहुत बढ़िया भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन बढ़िया है, स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आज दिन बहुत बढ़िया है तो वहीं आर्थिक रूप से भी आज का दिन अच्छा है।
कुंभ राशि : परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन आनंदमय रहेगा, परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा, परिजनों के साथ कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं।
मीन राशि : प्रेम और विश्वास में वृद्धि होगी भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन अच्छा है, आज आपका दिन सुख-शांति से भरा रहेगा और परिजनों के बीच आपसी प्रेम और विश्वास में वृद्धि होगी।
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confectioneryvixen · 5 years ago
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यूरोपीय अमेरिकी समझौते के बाद ज्यादातर बाजार: लाइव अपडेट
वैश्विक वित्तीय बाजारों ने प्रोत्साहन पर रैली की
बुधवार को एशिया और यूरोप में बाजार ज्यादातर अधिक थे क्योंकि निवेशकों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को किनारे करने के लिए $ 2 ट्रिलियन कोरोनोवायरस प्रोत्साहन पैकेज दिया।
सकारात्मक मनोदशा वॉल स्ट्रीट पर ले जाने की संभावना के रूप में वायदा कारोबार में शेयरों के लिए एक मजबूत उद्घाटन के रूप में अच्छी तरह से संकेत दिया। प्रोत्साहन सौदे की उम्मीदों पर मंगलवार को न्यूयॉर्क में व्यापारियों के पास 2008 के बाद से अपना सबसे अच्छा दिन था।
यूरोप में प्रमुख आदान-प्रदान बुधवार को जोरदार तरीके से खुले, लेकिन उनके लाभ देर सुबह तक दूर हो गए।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, बाजारों ने ताजा साप्ताहिक ऊंचाई पर दिन समाप्त किया। जापान के निक्केई 225 के आयोजकों के रूप में भी 8 प्रतिशत से अधिक उछल गया टोक्यो 2020 ओलंपिक खेल उन्होंने कहा कि वे इस घटना को एक साल के लिए टाल देंगे। चीनी शेयरों में गिरावट आई, जि���में शंघाई के एसई कम्पोजिट का दिन 2.1 प्रतिशत अधिक और शेनझेन का स्टॉक 3 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया।
हाल के सप्ताहों में बाजार अस्थिर रहे हैं, इस भावना को देखते हुए कि दुनिया भर की सरकारें कोरोनोवायरस के प्रसार से होने वाले आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए मजबूत कदम उठाएंगी, और डर है कि नीति निर्धारक साहसिक निर्णय नहीं ले रहे हैं।
सीनेटरों और ट्रम्प प्रशासन ने बुधवार की सुबह एक बड़े प्रोत्साहन बिल पर एक सौदा किया, जो कंपनियों और उद्योगों के लिए प्रकोप से सबसे मुश्किल हिट के लिए एक गिट्टी प्रदान करने में मदद करेगा। यह अमेरिकियों को पैसा भी देगा, जिनमें से कई ने हाल के दिनों और हफ्तों में अपनी नौकरी खो दी है।
अन्य जगहों पर, सरकारों ने अधिक ठोस उपाय किए हैं। सोमवार को जर्मनी ने कंपनियों और राज्य समर्थित ऋणों के लिए एक आपातकालीन बजट और बचाव कोष तैयार किया। यूरोपीय संघ के नेता वायरस के आर्थिक प्रकोप को कम करने में मदद करने के लिए कुछ देशों के लिए धन जुटाने में मदद के लिए अतिरिक्त उपायों पर काम कर रहे हैं।
सोमवार को वॉल स्ट्रीट पर एसएंडपी 500 ने 9 प्रतिशत से अधिक की बढ़त हासिल की क्योंकि निवेशकों को उम्मीद थी कि कांग्रेस बड़ी उत्तेजना से गुजर सकती है।
यूबीएस ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी पॉल हेफेल ने एक नोट में कहा, “आज की तेज इक्विटी रैली से पता चलता है कि केंद्रीय बैंकों की संपूर्ण ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस प्लेबुक और प्रत्यक्ष, राजकोषीय समर्थन बाजारों में अच्छी तरह से मिल सकते हैं।” वॉल स्ट्रीट पर मंगलवार के प्रदर्शन के बारे में निवेशक।
हैफेल ने कहा, “उत्साहजनक रूप से, हाल ही में शेयरों में नए चढ़ाव के साथ-साथ बग़ल में या कम अस्थिरता के साथ, संकेत मिलता है कि बाजार हमारे सामने आने वाले संभावित परिणामों के साथ अधिक आरामदायक होने लगे हैं।”
तेल की कीमत शुरू में बुधवार को 3 प्रतिशत से अधिक हो गई, लेकिन फिर नकारात्मक क्षेत्र में गिर गई।
स्टिमुलस समझौते में व्य��ित व्यवसायों के लिए धन शामिल है।
सीनेटरों और ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार तड़के एक समझौते पर लगभग $ 2 ट्रिलियन प्रोत्साहन उपाय किया, जो व्यक्तियों को प्रत्यक्ष भुगतान और बेरोजगारों को लाभ पहुंचाएगा, साथ ही राज्यों और व्यवसायों के लिए धन कोरोनोवायरस महामारी द्वारा तबाह हो जाएगा।
कानून, जिसे दिनों के भीतर लागू किए जाने की उम्मीद है, का उद्देश्य व्यवसायों को अपने दरवाजे बंद करने और अमेरिकी परिवारों और अस्पतालों को राहत देने के लिए मजबूर वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
यह सौदा 1 बजे से पहले ही शुरू हो गया था, सीनेट रिपब्लिकन, डेमोक्रेट्स और राष्ट्रपति ट्रम्प की टीम के बीच हुई बातचीत के मैराथन सेट का उत्पाद था, जो लगभग गिर गया क्योंकि डेमोक्रेट्स मजबूत कार्यकर्ता सुरक्षा पर जोर देते थे और संकट से उबारने के लिए 500 बिलियन डॉलर के नए फंड का निरीक्षण किया। व्यवसायों।
व्हाइट हाउस के विधायी मामलों के निदेशक एरिक उलैंड ने कहा, “हमारे पास एक सौदा है,” दोपहर 1 बजे से पहले पत्रकारों से कहा, बिल के पाठ को अभी भी पूरा करने की जरूरत है। “हमारे पास सभी पक्षों को दर्शाते हुए स्पष्ट, स्पष्ट विधायी पाठ है या हम ठीक से जानते हैं कि हम विधायी पाठ पर कहाँ जा रहे हैं क्योंकि हम समाप्त करना जारी रखते हैं।”
अमेरिकन एयरलाइंस के अंदर, वायरस ग्राउंड उड़ानों के रूप में एक हाथापाई।
सोमवार सुबह, अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 1 ने न्यूयॉर्क के जॉन एफ। कैनेडी एयरपोर्ट को लॉस एंजिल्स के लिए रवाना किया। इसमें छह यात्री थे।
उड़ान आमतौर पर एयरलाइन के सबसे व्यस्त और सबसे अधिक लाभदायक में से एक है। अब यह एक पैसा गड्ढा है, एक क्रॉस-कंट्री प्रतीक है कि कोरोनोवायरस महामारी कितनी अच्छी तरह से है कमर्शियल हवाई यात्रा कुछ ही हफ्तों में।
पहले कभी नहीं किया ग्राहकों की मांग इतनी तेज़ी से गिरा, और इससे पहले कभी भी यह कम स्पष्ट नहीं हुआ है कि – या यहाँ तक कि – द वैश्विक एयरलाइन उद्योग वास्तव में ठीक हो जाएगा।
“यह डरावना है,” जोस फ्रीग ने कहा, लैटिन अमेरिका के संचालन के अमेरिकी प्रमुख जोस फ्रीग, जो कंपनी की कोरोनवियन प्रतिक्रिया टीम का प्रबंधन कर रहे हैं। “इस पर एक तल खोजना मुश्किल है।”
हाल के हफ्तों में, एयरलाइन का लगभग हर हिस्सा, संयुक्त राज्य में सबसे बड़ा, वायरस के प्रसार को धीमा करने के प्रयासों से बदल दिया गया है।
कंपनियों के शेयरों को सरकार से मदद मिलने की संभावना है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टॉक मंगलवार को उम्मीदों पर खरा उतरा कि कांग्रेस अमेरिका की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए एक प्रोत्साहन बिल का उत्पादन करने के करीब थी और कोरोनावायरस के कारण उद्योगों के पतन की कगार पर पहुंच गई।
डेमोक्रेट्स द्वारा आपत्तियों पर रविवार से कंपनियों को जमानत देने और अमेरिकियों को 1,200 डॉलर तक के चेक भेजने की योजना बंद कर दी गई थी। लेकिन मंगलवार को शीर्ष डेमोक्रेट और ट्रम्प प्रशासन के अधिकारी उन्होंने कहा कि वे एक समझौते को अंतिम रूप देने के बारे में आशावादी थे लगभग $ 2 ट्रिलियन योजना पर।
एस एंड पी 500 का 2008 के बाद से इसका सबसे बड़ा दैनिक लाभ था, जो 9 प्रतिशत से अधिक था। जर्मनी के नेतृत्व में यूरोप में स्टॉक चढ़ गया, जहां स्टॉक 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया। उन लाभों का एशिया में एक समान प्रदर्शन हुआ, जहां पोस्ट के आसपास के प्रमुख बाजारों में वृद्धि हुई जो हफ्तों में उनके सबसे बड़े लाभ में से एक हैं।
मंगलवार को कूद शेयर निवेशकों के लिए एक कठिन खिंचाव से एक पलटाव था। सोमवार को, एस एंड पी 500 लगभग 3 प्रतिशत गिर गया क्योंकि कांग्रेस ने सहायता बिल पर मतभेदों को दूर करने के लिए संघर्ष किया और व्यापारी फेडरल रिजर्व द्वारा अर्थव्यवस्था की गिरावट को कम करने की क्षमता के बारे में सतर्क रहे। फरवरी में अपने चरम पर स्टॉक लगभग 30 प्रतिशत नीचे हैं।
अमेरिकी कंपनियां अप्रैल के अंत तक चीन में हमेशा की तरह व्यापार का लक्ष्य रखती हैं।
दर्जनों अमेरिकी कंपनियों ने अप्रैल के अंत तक चीन में सामान्य संचालन फिर से शुरू करने और अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किए गए अपने निवेश की योजना को बनाए रखने की उम्मीद है।
जबकि दुनिया भर में महामारी अर्थव्यवस्थाओं को पंगु बना रही है, चीनी अधिकारियों ने उत्पादन को पुनर्जीवित करना शुरू कर दिया है और हुबे�� प्रांत पर उनकी तालाबंदी में आसानी, जहां कोरोनोवायरस पहली बार दिखाई दिए। पिछले गुरुवार, ���ीन ने सूचना दी कोई नया स्थानीय संक्रमण नहीं पिछले साल देर से प्रकोप शुरू होने के बाद पहली बार।
लगभग 120 फर्मों के सर्वेक्षण के बाद, चैंबर की चीन शाखा ने बुधवार को कहा कि कुछ कंपनियों ने निवेश करने की योजना भी बनाई है, जो पहले से गति में थे, यहां तक ​​कि आधी कंपनियों ने राजस्व में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की और दूसरों ने महामारी के बीच आर्थिक विकास के बारे में निराशावादी थे।
चीन में एक श्वसन रोग विशेषज्ञ, ज़ोंग नानशान द्वारा की गई समय-सारिणी की गूँज भविष्यवाणियों ने कहा है कि अप्रैल के अंत तक देश के भीतर इसका प्रकोप नियंत्रण में आ सकता है।
परंतु रिपोर्ट यह दावा किया है कि हुबेई की राजधानी वुहान में स्वास्थ्य अधिकारी, विषमता के संक्रमण वाले लोगों की संख्या को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं, जिससे डर है कि वायरस अभी भी फैल रहा है। संक्रमण की एक दूसरी लहर शुरू करने की धमकी देते हुए, विदेशों से देश में पहुंचने वाले लोगों के बीच मामले भी चढ़ रहे हैं।
टेक FIX
ऑनलाइन वीडियो बैठकों का डॉस और डॉनट्स।
लेकिन अनिवार्य रूप से, घरों और कार्यस्थलों को एक में विलय करने के साथ, व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच की सीमाएं मिट रही हैं – और अजीब परिस्थितियों में आगे बढ़ गए हैं।
अब तक, आपने अपने बच्चों से बचने के लिए कुछ सहकर्मियों के साथ वीडियो कॉल किया होगा, जो अपने बाथरूम या कोठरी जैसी विषम जगहों पर बैठकें करते हैं। फिर ऐसे सहयोगी हैं जो अपनी सीमाओं को पूरी तरह से आत्मसमर्पण करते हैं और अपने बच्चों और पालतू जानवरों को बैठक का हिस्सा बनाते हैं।
हम सभी इसे प्राप्त करते हैं: कोई भी इस संक्रमण के लिए वास्तव में तैयार नहीं था, और हम क्या कर सकते हैं, इसक�� सीमाएं हैं। लेकिन अब कार्यस्थल वीडियो कॉल में अपने सहकर्मियों के प्रति दयालु होने के अवसर के रूप में महसूस होता है, क्योंकि वे कॉल अंत में वास्तव में हैं।
रिपोर्टिंग में एलेक्जेंड्रा स्टीवेन्सन, डेविड गेल्स, ब्रायन एक्स चेन, ऐलेन यू, डैनियल विक्टर, केविन ग्रानविले और कार्लोस तेजा का योगदान था।
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vsplusonline · 5 years ago
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जमाकर्ताओं को चिंता की जरूरत नहीं, भारतीय बैंकिंग सिस्टम में अच्छी पूंजी: सीईए
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जमाकर्ताओं को चिंता की जरूरत नहीं, भारतीय बैंकिंग सिस्टम में अच्छी पूंजी: सीईए
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येस बैंक की बदहाली से ग्राहकों में खलबली
बैंकों में रखे पैसों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
येस बैंक के संकट को देखते हुए भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. इस बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा है कि जमाकर्ताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है. हमारे बैंकों को अच्छी तरह से पूंजीकृत किया गया है.
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा, ‘जमा राशि के लिए बीमा राशि को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है. जमाकर्ताओं और निवेशकों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. हमारे बैंकों को अच्छी तरह से पूंजीकृत किया गया है. भारतीय बैंकिंग सिस्टम में सार्थक पूंजी है.’
यह भी पढ़ें: राणा कपूर की फैमिली की वजह से डूबा YES बैंक, अपनों को लोन बना बर्बादी की वजह
इसके साथ ही मार्केट कैपिटलाइजेशन (M-Cap) अनुपात से बैंक की सुरक्षा को मापने के तरीके को सुब्रमण्यम ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि कैपिटल टू रिस्क एसेट रेशियो (सीआरएआर) बैंक की सुरक्षा के लिए मानक उपाय हैं. सुब्रमण्यम ने बताया कि भारतीय बैंकों के पास सीआरएआर के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा पूंजी है.
यह भी पढ़ें: राणा कपूर की बेटी को लंदन जाने से रोका, परिवार के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर
दरअसल, येस बैंक की बदहाली से ग्राहकों में खलबली देखने को मिल रही है. बैंकों में रखे पैसों की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं ईडी की जांच में यह सामने आया है कि राणा कपूर एंड फैमिली के बिजनेस ने येस बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है.
यस बैंक पर संकट
देश के कई दिग्गज प्रोफेशनल के जरिए शुरू किया गया निजी क्षेत्र का येस बैंक संकट में फंस गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसके बोर्ड का संचालन अपने हाथों में लेते हुए इससे महीने में 50 हजार रुपये तक की ही निकासी की सीमा तय कर दी है. सरकार ने इसे संकट से दूर करने के लिए कवायद भी शुरू कर दी है.
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fulltimereviewer · 5 years ago
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Essay On Demonetisation In Hindi 2020
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Essay on demonetisation in Hindi
Hello, There we are here again with yet another essay this time its Essay on Demonetisation in Hindi for the students and the people who are visiting this article. we hope you guys like it. What is Demonetisation? विमुद्रीकरण एक मुद्रा को कानूनी निविदा के रूप में छीनने के कार्य को संदर्भित करता है। विमुद्रीकरण में, मुद्रा का मौजूदा रूप संचलन से हटा दिया जाता है और सेवानिवृत्त हो जाता है। इसके अलावा, पैसे के इस रूप का प्रतिस्थापन नए नोटों या सिक्कों के साथ होता है। कभी-कभी, एक राष्ट्र पूरी तरह से पुरानी मुद्रा के स्थान पर एक नई मुद्रा का परिचय देता है। अधिकांश उल्लेखनीय, विमुद्रीकरण एक ऐसा कदम है जिसमें एक सरकार एक निश्चित मूल्यवर्ग के नोटों या सिक्कों पर प्रतिबंध लगाती है।
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केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्राओं या अन्य कीमती सामान की वापसी को राष्ट्र में कानूनी निविदा के रूप में इस्तेमाल किया जाना है। ऐसी मुद्राएं या तो स्क्रैप में बदल जाती हैं या बैंकों में जमा होती हैं और उनकी जगह नई मुद्राएं लेती हैं। मुद्रा के विमुद्रीकरण का अर्थ है, विशेष मुद्रा को संचलन से अलग करना और इसे नई मुद्रा के साथ बदलना। मौजूदा संदर्भ में यह कानूनी निविदा के रूप में 500 और 1000 मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध है। डिमोनेटाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मुद्रा इकाई को अब कानूनी निविदा के रूप में नहीं माना जाता है, और एक नया संस्करण इसकी जगह लेता है। दुनिया भर में कई सरकारों ने काले बाजार पर अंकुश लगाने और मुद्रा नोटों की जालसाजी को रोकने के लिए यह उपाय किया है। जबकि कुछ देश सफल थे, अन्य लोग विमुद्रीकरण के पीछे अपने लक्ष्यों में बुरी तरह विफल रहे। आइए हम भारत के मामले को उजागर करने से पहले विभिन्न देशों में विमुद्रीकरण परिदृश्यों पर एक नज़र डालें। Essay on demonetisation in hindi pdf दुनिया भर के कई देशों ��ी सरकारों ने काले धन पर अंकुश लगाने और करेंसी नोटों की जालसाजी रोकने के लिए यह कठोर कदम उठाया है। कुछ देश बुरी तरह से विफल रहे, जबकि अन्य विमुद्रीकरण के पीछे अपने लक्ष्यों में सफल रहे। आइए एक नज़र डालते हैं उन देशों पर जो विमुद्रीकर��� और उनके प्रभाव का सामना करते हैं। Demonetisation worldwide अफ्रीकी देश: घाना और नाइजीरिया ने क्रमशः 1982 और 1984 में विमुद्रीकरण की कोशिश की। घाना कर चोरी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहता था, जबकि नाइजीरिया कर्ज में डूबी अर्थव्यवस्था को ठीक करना चाहता था। दोनों असफल थे, और इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई। 2015 में जिम्बाब्वे सरकार ने जिम्बाब्वे डॉलर को अमेरिकी डॉलर से बदल दिया। इससे पहले, जिम्बाब्वे में एक सौ ट्रिलियन जिम्बाब्वे डॉलर की मुद्रा मूल्यवर्ग था।   म्यांमार: 1987 में म्यांमार में सैन्य शासन ने मूल्य में अस्सी प्रतिशत धन को अमान्य कर दिया। इससे भयानक आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, और इसके परिणामस्वरूप लगभग एक हजार लोगों की निर्मम हत्या हुई।   सोवियत संघ: 1991 में मिखाइल गोर्बाचेव ने 50 और 100 रूबल नोट वापस लेने के निर्णय का नेतृत्व किया। परिणामस्वरूप, अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई और यहां तक ​​कि यूएसएसआर के टूटने के परिणामस्वरूप।   ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलियाई सरकार 1992 में पहली बार प्लास्टिक के नोट लाने वाली थी। 1996 में, ऑस्ट्रेलिया ने जाली नोटों के खतरे को ठीक करने के लिए सभी नोटों को प्लास्टिक मुद्रा द्वारा बदलने का फैसला किया। चूंकि बहुलक आधारित नोट पहले से ही चार साल से उपयोग में थे, इसलिए संक्रमण सुचारू था और इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।   पाकिस्तान: पाकिस्तान ने 2016 में अपने कुछ संप्रदायों के साथ दूर करने और उन्हें नए डिजाइन के साथ बदलने का फैसला किया। डेढ़ साल से पहले परिवर्तन के बारे में लोगों को सूचित किया गया था। इससे उन्हें पुराने नोटों को नए के साथ एक्सचेंज करने में काफी समय मिला, और इस प्रक्रिया में कोई अराजकता नहीं थी। Demonetisation In India? 8 नवंबर, 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि रुपये 500 और 1000 रुपये के मूल्यवर्ग अमान्य होंगे और भुगतान के एक मोड के रूप में उपयोग नहीं किया जाएगा। दो संप्रदाय सबसे बड़े थे, और उन्हें निस्तारण करके, लगभग 86% परिसंचारी नकदी बेकार हो गई। विमुद्रीकरण के पीछे सरकार द्वारा उद्धृत कारण निम्नानुसार हैं: काला-धन बाजार की कार्यवाही पर अंकुश लगाने के लिए। नकली मुद्राओं को खत्म करने और उन पर निर्भर आतंकवादी अभियानों को समाप्त करने के लिए। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए। पुराने नोटों के बदले में 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे। लेकिन विनिमय तत्काल नहीं था; लोगों को अपना पैसा पाने के लिए लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ा। 2015 की अघोषित विदेशी आय और संपत्ति (कर का प्रभाव) की ऊँची एड़ी के जूते पर; और 2016 की आय प्रकटीकरण योजना, नरेंद्र मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपये की मुद्रा के विमुद्रीकरण की घोषणा की है, जिसे कई विशेषज्ञों द्वारा मास्टरस्ट्रोक के रूप में संदर्भित किया गया है।
Demonetisation Essay In Hindi
मूल अर्थ यह आरबीआई / सरकार द्वारा मुद्रा नोट की स्थिति को कानूनी निविदा के रूप में उपयोग किए जाने की स्थिति को वापस लेने के निर्णय को संदर्भित करता है। आमतौर पर, RBI द्वारा जारी की गई सभी मुद्राओं का उपयोग कानूनी निविदा के रूप में किया जा सकता है, क्योंकि उनके द्वारा लिए गए मूल्य का वादा RBI द्वारा किया जाता है और एक बार जब मूल्य का विमुद्रीकरण / वापस ले लिया / वापस कर दिया जाता है, तो मुद्रा नोट का उपयोग नहीं किया जा सकता है। वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक एक ऐसी प्रथा का पालन करते हैं जिसमें पुराने नोटों को वापस ले लिया जाता है और बढ़ी हुई सुरक्षा सुविधाओं के साथ नए करेंसी नोट जारी किए जाते हैं ताकि जाली मुद्रा के खतरे को दूर किया जा सके। Why Was Demonetisation Done In India? काले धन / समानांतर अर्थव्यवस्था / छाया अर्थव्यवस्था के खतरे से निपटने के लिए भारत में नकदी का प्रसार सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है इसलिए हम नकद लेनदेन को कम करना चाहते हैं और भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित करना चाहते हैं और इस तरह कैशलेस लेनदेन की ओर कदम बढ़ाते हैं। नकली मुद्रा के खतरे का मुकाबला करने के लिए आतंकवादी गतिविधियों / आतंकी फंडिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही नकदी को रोकना यह केवल दूसरी बार स्वतंत्रता के बाद (1946 में आजादी के पहले विमुद्रीकरण किया गया था) कि विमुद्रीकरण जैसे उपाय की घोषणा की गई है। आखिरी बार यह 1978 में मोरारजी देसाई सरकार के तहत 500 रुपये, 1000 रुपये और 10000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण के समय हुआ था। इस उपाय का मूल्यांकन करने वाली एक सीबीडीटी रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि यह एक अप्रभावी कदम था क्योंकि उच्च संप्रदायों के केवल 15% का आदान-प्रदान किया गया था बाकी कभी भी सरकार द्वारा कड़े दंड के डर से सामने नहीं आए। हाई डिनोमिनेशन बैंक नोट्स (डिमोनेटाइजेशन) अधिनियम, 1978 के अनुसार, इसने उच्च मूल्यवर्ग के बैंक नोटों के हस्तांतरण और प्राप्ति पर रोक लगा दी और जमाकर्ताओं और अन्य लोगों द्वारा दंडित की गई झूठी घोषणा सहित कोई भी उल्लंघन किया गया - जुर्माना या तीन साल की जेल अवधि रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि विमुद्रीकरण एक समाधान नहीं हो सकता है क्योंकि काले धन को बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्ति, सराफा और गहने के रूप में रखा गया था। इस तरह के उपाय से केवल अधिक मुद्रा नोटों के रूप में लागत में वृद्धि होगी, जिन्हें मुद्रित करना होगा। यह बैंकिंग लॉजिस्टिक्स पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है (वर्तमान युग में यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने घोषणा की है कि यह € 500 के नोट का उपयोग करेगा) भारत में प्रचलन में मुद्राओं का उच्चतम स्तर है जो इसके जीडीपी मूल्य का 12% से अधिक है; और 1000 और 500 रुपये के नोटों का प्रचलन में मुद्राओं का 24.4% (लगभग 2300 करोड़ रुपये) है, लेकिन प्रचलन में मुद्रा के मूल्य के संदर्भ में 85% से अधिक के लिए कहा गया है, इसलिए यह ध्यान रखना होगा कि भारत एक नहीं है इस खंड में अलग-अलग देश हैं, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका के 100 डॉलर के नोट और संचलन के लिए 80% से अधिक मुद्राओं के लिए जापान के for 10000 खाते हैं। RBI के अनुसार, भारत में 87% लेनदेन नकद लेनदेन है आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एटीएम कार्ड में डेबिट कार्ड 88% और 94% (क्रमशः वॉल्यूम और मूल्य के अनुसार) डेबिट कार्ड लेनदेन और 12% और पीओएस लेनदेन के लिए 6% खाते हैं। बुनियादी ढांचे की वृद्धि धीमी है - पीओएस मशीनें और एटीएम 1.2 मिलियन हैं (और भारत में लगभग 14 मिलियन व्यापारी हैं, संक्षेप में, 90% से अधिक व्यापारी क्रमशः पीओएस मशीनों का उपयोग नहीं कर रहे हैं) और 0.19 मिलियन। (2013 से 2015 तक, एटीएम में 43% और पीओएस मशीनों में 28% की वृद्धि हुई)| Advantages Of Demonetisation in India? सबसे पहले, विमुद्रीकरण भ्रष्टाचार को जगह लेने से काफी कम कर देता है। यह निश्चित रूप से भ्रष्ट प्रथाओं पर पूर्ण रोक लगाता है। विमुद्रीकरण से काले धन से निपटने वाले व्यक्तियों को उनके बुरे विचारों को पूरा करने से रोक दिया गया है। अधिकांश उल्लेखनीय, भ्रष्ट लोग भविष्य में नकदी जमा करने से डरेंगे। Essay on demonetisation in india in hindi डिमोनेटाइजेशन से बैंकिंग सिस्टम में काफी सुधार होता है। डिमोनेटाइजेशन निश्चित रूप से बैंकिंग प्रणाली में अधिक परिष्कार को बढ़ावा देगा। एक राष्ट्र की अर्थव्यवस्था विमुद्रीकरण के कारण एक कैशलेस दिशा में चली जाएगी। कैशलेस दिशा में आगे बढ़ने का मतलब होगा कि वित्तीय संचालन के लिए ऋण की पहुंच बेहतर हो। विमुद्रीकरण का एक और उल्लेखनीय लाभ सरकार के लिए देयता कम हो गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विमुद्रीकरण तरल मुद्रा के जोखिम और दायित्व को कम करता है। इसके अलावा, हार्ड मनी को संभालने की तुलना में सॉफ्ट मनी को ह���ंडल करना कहीं अधिक आसान है। साथ ही, हर नोट सरकार के लिए एक दायित्व है। इसलिए, कुछ नोटों को प्रचलन से हटाकर विमुद्रीकरण इस दायित्व को कम करता है। इसलिए, पुरानी मुद्रा उन लोगों के लिए बेकार हो जाती है जो अपनी आय का खुलासा नहीं करते हैं। डिमोनेटाइजेशन से कर से बचने के कम उदाहरण मिलेंगे। यह निश्चित रूप से विमुद्रीकरण का एक बड़ा फायदा है। जो पैसा जमा किया जाता है, उसे आयकर अधिकारियों द्वारा ट्रैक किया जाएगा। इसलिए, लोग कर परिहार रणनीति का उपयोग करने में संकोच करेंगे। इसके अलावा, ऋण लेनदेन की जांच भी की जाएगी। नतीजतन, करों के प्रवाह में वृद्धि होगी। इससे निश्चित रूप से सरकार को और अधिक जन कल्याणकारी कदम उठाने होंगे। काले धन के खतरे को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है आतंक के वित्तपोषण, गैरकानूनी गतिविधियों के लिए काले धन का उपयोग करना आदि सभी हिट होंगे नकली मुद्राएं जिनका वास्तविक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है, उन्हें जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा बैंकों में जमा राशि में वृद्धि होगी, जिससे ऋण प्रवाह में वृद्धि हो सकती है और उधार दर कम हो सकती है काला धन असंगत मांग को जोड़ता है और इसलिए कुछ हद तक मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहेगी सरकार अपने राजस्व संग्रह को बढ़ाने का भी लक्ष्य बना रही है (जैसे- निश्चित जमा राशि पर आईटी दरों पर कर लगाकर, अन्य रूपों में कर संग्रह भी बढ़ेगा आदि) रियल एस्टेट काले धन के उत्पादन के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इस कदम के साथ यह उम्मीद की जाती है कि संपत्ति बाजार की दरें नीचे या मध्यम हो सकती हैं यह सरकार द्वारा कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है| ऐसे परिदृश्य के तहत ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा| चुनाव आम तौर पर काले धन की उत्पत्ति और प्रचलन से जुड़े होते हैं, इस योजना के साथ नापाक तरीकों से चुनावों का वित्तपोषण प्रभावित होगा उम्मीद है कि इस कदम से सरकार का फिस्कल डेफिसिट कम हो सकता है| Demerits Of Demonetisation in India? मुद्रा के प्रदर्शन की घोषणा से लोगों को भारी असुविधा हुई है। वे नोट एक्सचेंज करने, जमा करने या निकालने के लिए बैंकों की ओर भाग रहे हैं। अचानक की गई घोषणा से स्थिति अराजक हो गई है। नई मुद्रा के प्रचलन में देरी होने के कारण जनता के बीच टेंपरर अधिक चल रहे हैं। इसका व्यवसाय पर गहरा असर पड़ा है। नकदी की किल्लत के कारण पूरी अर्थव्यवस्था में ठहराव आ गया है। Short Essay on Demonetisation in Hindi बहुत से गरीब दिहाड़ी मजदूर बिना किसी काम के रह गए हैं और उनकी दैनिक आय रुक गई है क्योंकि नियोक्ता अपने दैनिक वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हैं। सरकार को इस नीति को लागू करने में मुश्किल हो रही है। नए करेंसी नोटों की छपाई का खर्च उसे उठाना पड़ता है। नई मुद्रा को प्रचलन में लाना भी मुश्किल हो रहा है। 2000 रुपये का नोट लोगों पर एक बोझ है क्योंकि कोई भी इस तरह के उच्च मूल्य की मुद्रा के साथ लेनदेन करना पसंद नहीं करता है। कुछ आलोचकों का मानना ​​है कि इससे भविष्य में लोगों को काले धन का उपयोग करने में आसानी होगी। इसके अलावा, कई लोगों ने विमुद्रीकृत करेंसी नोटों को बंद कर दिया है और यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक नुकसान है। एक के लिए सभी काले धन को केवल नकदी के रूप में संग्रहीत नहीं किया जाता है और दूसरा यह उपाय परिणाम का ध्यान रखता है लेकिन भ्रष्टाचार और कर चोरी के कारण मुख्य रूप से काला धन उत्पन्न नहीं होता है। यह उपाय काले धन के उपयोग को नियंत्रित करता है लेकिन कारणों को नियंत्रित नहीं कर सकता है नई मुद्राओं के लिए अचानक और भारी मांग   (essay on demonetisation in hindi ) आम आदमी के बीच दहशत (पहले से ही हमने उस मामले को देखा है जिसमें लोगों ने एमपी में उचित मूल्य की दुकान लूटी है, कैश कैरी करने वाली कंपनियां उच्च बीमा आदि की मांग कर रही हैं)। पहले से ही घबराहट के कारण लोग मुद्राएँ जमा कर रहे हैं जिससे बाजार में तरलता कम हो गई है छोटे व्यापार / दुकानदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है नए नोटों / मुद्राओं की कालाबाजारी बढ़ रही है बैंक, अस्पताल आदि जैसे प्रतिष्ठान बहुत तनाव में हैं एक अन्य क्षेत्र जो चिंता का कारण है, ग्रामीण मांग में गिरावट की संभावना है क्योंकि नकदी का उपयोग प्रतिबंधित हो जाएगा। इसके अलावा विशेषज्ञ एसएमई क्षेत्र, कृषि उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ने की उम्मीद कर रहे हैं (अर्थव्यवस्था में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी क्योंकि दो खराब मानसून के बाद भी अच्छी रबी की फसल की उम्मीद थी, लेकिन एक प्रमुख अर्थशास्त्री प्रोनाब सेन ने कहा है कि विमुद्रीकरण है) मानसून के तीसरे बुरे वर्ष के रूप में यह कृषि उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अधिक खतरनाक स्थिति यह उर्वरक, ट्रैक्टर क्षेत्रों पर प्रभाव डालती है) Challenges On Demonetisation in India  पहली चुनौती इंटरनेट कनेक्शन और उपलब्धता है। विमुद्रीकरण के कारण बहुत से लोग कैशलेस हो गए। इसलिए, वे ई-कैश और ई-भुगतान का सहारा लेंगे। हालांकि, कई विकासशील देशों में, इंटरनेट कनेक्टिविटी काफी खराब है। इसलिए, यह किसी भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है जो विमुद्रीकरण को लागू करने का इरादा रखती है। नकदी की कमी विमुद्रीकरण का एक स्वाभाविक परिणाम है। नकदी की कमी निश्चित रूप से अराजकता का कारण बन सकती है। यह ठीक वैसा ही है जैसा 2016 के भारतीय नोटबंदी के दौरान हुआ था। इसके अलावा, लोगों को डिमोनेटाइज्ड बैंकनोट्स को जमा करने या एक्सचेंज करने में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, एटीएम कई हफ़्तों या महीनों तक नकदी की कमी को दूर कर सकता है। विमुद्रीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र और कृषि क्षेत्र अत्यधिक नकदी पर निर्भर हैं। इसके अलावा, इन लोगों को स्थिति को संभालने के लिए वित्तीय साक्षरता का अभाव है। इसके अलावा, ऐसे क्षेत्रों में अधिकांश लोग कंप्यूटिंग तकनीक और कैशलेस अर्थव्यवस्था से अनभिज्ञ हैं। इसे समाप्‍त करने के लिए, देश के आर्थिक तंत्र में विमुद्रीकरण निश्चित रूप से एक क्रांतिकारी कदम है। यह कुछ ऐसा है जो समय-समय पर देशों द्वारा अभ्यास किया जाता है। इसके अलावा, दुनिया भर में विमुद्रीकरण के उद्देश्य कमोबेश एक जैसे हैं। सबसे उल्लेखनीय है, राष्ट्रीय हितों को सबसे आगे रखकर निंदा करने का निर्णय आना चाहिए। बैंकिंग क्षेत्र का कवरेज- केवल 27% गांवों में 5 किलोमीटर (आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार) बैंक है जेडीवाई के कार्यान्वयन को रिकॉर्ड करने के बावजूद, बैंकिंग प्रवेश सभी राज्यों में औसतन 46% कम है (आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार) काले धन को लागू करने और मिटाने में एक और चुनौती अनौपचारिक अर्थव्यवस्था की मौजूदगी होगी। यह सकल घरेलू उत्पाद का 45% और रोजगार का 80% हिस्सा है इसलिए इस कदम का अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है सभी 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने की लॉजिस्टिक और कॉस्ट चुनौतियां - आरबीआई के दस्तावेजों के अनुसार, इस उपाय से कम से कम 12000 करोड़ रुपये खर्च होंगे क्योंकि इसे इन मुद्राओं के 2300 करोड़ से अधिक टुकड़ों को बदलना होगा 2000 रुपये की मूल्यवर्ग की करेंसी और 500 रुपये और 1000 रुपये की करेंसी को जारी करने के फैसले से बड़ी चुनौती पैदा होगी, क्योंकि भारत में दिन के अधिकतर लेनदेन 500 रुपये के नोट (लगभग 47% से अधिक) के नोटों के चलन में हैं। 500 रुपए के नोट में है) 500 और 1000 रुपये के नोटों की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती होगी क्योंकि जारी की गई कुल मुद्राओं के मूल्य के संदर्भ में दोनों 85% से अधिक हैं। Demonetisation essay in hindi  इस प्र��्रिया के कारण एटीएम के सामने लोगों की भारी भीड़ और लंबी कतारें लग गई हैं और वित्त मंत्री के बयान के अनुसार एटीएम के पुनर्वितरण में लगभग 2 से 3 सप्ताह लगेंगे वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-अंत में 17,50,000 करोड़ रुपये मूल्य के करेंसी नोट प्रचलन में थे, जिनमें से 85% प्रतिशत या 14,50,000 करोड़ रुपये अब 500 रुपये और 1,000 रुपये के बराबर हैं। टिप्पणियाँ। अब तक पहले चार दिनों में सरकार 50000 करोड़ रुपये (औसतन 12500 करोड़ रुपये) में पंप कर पाई है। इन नंबरों के अनुसार, इन नोटों को बदलने में लगभग 4 महीने का समय लगेगा क्योंकि पीएम द्वारा वादा किए गए 50 दिनों के मुकाबले Demonetisation in hindi essay Conclusion अर्थशास्त्री इस नीति के कई और गुणों और अवगुणों को सूचीबद्ध करने में व्यस्त हैं। सरकार कह रही है कि विमुद्रीकरण नीति के केवल फायदे हैं और यह दीर्घकालिक रूप में देखा जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जो एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, आरबीआई के पूर्व गवर्नर और देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं, विमुद्रीकरण के कदम को 'संगठित लूट और कानूनी लूट' कहते हैं। हालांकि, अगर हम गुण छंद अवगुणों की तुलना करते हैं, तो यह निष्कर्ष निकालना सुरक्षित होगा कि पूर्ववर्ती उत्तरार्द्ध आगे बढ़ता है। यह तथ्य कि भारतीय नागरिकों ने अप्रत्याशित प्रक्रिया का समर्थन और अनुपालन किया है, उल्लेखनीय है। अतीत में, विमुद्रीकरण एक क्रमिक प्रक्रिया रही है या युद्ध, अतिपरिवर्तन, मुद्रा संकट आदि के लिए एक संवेदनशील उपाय के रूप में लिया गया था, वेनेजुएला को लोगों द्वारा मजबूत विरोध प्रदर्शन के बाद विमुद्रीकरण को वापस लेना पड़ा। इसलिए, हम कह सकते हैं कि कई भारतीयों ने महसूस किया कि विमुद्रीकरण के पीछे के इरादे हमारे कल्याण और प्रगति के लिए अच्छे और आवश्यक थे। जाली मुद्रा और काला बाजार रुपये के मूल्य को कमजोर करते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचार को खत्म करते हैं। इसलिए, ��इए हम डिजिटल लेनदेन को अपनाने का संकल्प लें और एक अन्य विमुद्रीकरण के मामले में तैयार रहें। भले ही फिलहाल जनता के बीच दुख और पीड़ा है लेकिन पूर्वानुमान यह है कि इसका लाभ लंबे समय में देखने को मिलेगा। सरकार मुद्रा की मांग को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम और कार्रवाई कर रही है और जल्द ही नई मुद्रा के सुचारू प्रवाह के साथ लोगों का परीक्षण और क्लेश खत्म हो जाएगा। we hope you guys liked this essay on demonetisation in hindi, please share this essay to the students who are in search of such essay's. Also read Digital India Essay in Hindi Read the full article
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abhay121996-blog · 4 years ago
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आर्थिक संकट दूर करने के लिए Mahashivratri पर करें ये जाप, जल्द प्रसन्न हो जाएंगे शिवजी Divya Sandesh
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आर्थिक संकट दूर करने के लिए Mahashivratri पर करें ये जाप, जल्द प्रसन्न हो जाएंगे शिवजी
इंटरनेट डेस्क। महाशिवरात्रि का त्योहार कल धूमधाम से मनाया जाएगा। हर साल ये त्योहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
बताया जाता है कि इसी दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती का भी विवाह हुआ था। भगवान शिव शिवरात्रि पर सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न होकर उनकी मुराद पूरी कर देते हैं।
अगर आप आर्थिक परशानियों से जूझ रहे हैं तो शिवरात्रि के दिन कुछ उपाय करके आप इन से छुटकारा पा सकते हैं। इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए ऊँ शं शिवाय शं ऊँ नम: मंत्र का कम से कम 21 बार जाप शिवरात्रि के दिन करना सही रहेगा। आप ये जाप रुद्राक्ष की माला के साथ करें। इसके अलावा बेलफल से हवन करने से भी भगवान शिव आप पर प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना पूर्ण कर देंगे।
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