#वित्तीय समस्या को दूर करने के उपाय
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (त्रयोदशी तिथि, प्रदोष व्रत व त्रयोदशी तिथि श्राद्ध)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-12-अक्टुबर-2023
वार:----------गुरुवार
तिथी :-------13त्रयोदशी:-19:54
पक्ष :--------कृष्णपक्ष
माह:-------आश्विन
नक्षत्र :------पूर्वाफाल्गुनी:-11:36
योग:--------शुक्ल:-09:30
करण:-------गर:-06:48
चन्द्रमा:------सिंह 18:17/कन्या
सुर्योदय:-------06:39
सुर्यास्त:-------18:10
दिशा शुल-------दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :---------------शरद ऋतु
गुलीक काल:---09:18से 10:46
राहू काल:------13:41से15:08
अभीजित-------11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:-------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-06:39से08:07तक
चंचल:-11:00से12:28तक
लाभ:-12:28से13:54तक
अमृत:-13:54से15:22तक
शुभ:-16:42से18:10तक
🌓चोघङिया रात🌗
अमृत:-18:10से19:47तक
चंचल:-19:47से21:20तक
लाभ:-00:28से02:00तक
शुभ:-03:33से05:06तक
अमृत:-05:06से06:38तक
आज के विशेष योग
वर्ष का204वा दिन, भद्रा प्रारम्भ 19:54 पाताल-लोक शुभ (दिशा)पूर्व, प्रदोष व्रत, मास शिवरात्रि, त्रयोदशी श्राद्ध, कलि युगादि वैधृति महापात 09:50 तक,स्थिरयोग 11:36 से 30:34 तक, वज्रमुस्लयोग 11:36 से 30:34 तक,
🙏🪷वास्तु टिप्स🪷🙏
पित्रो को भोग लगाते समय दही जरुर डाले।
*सुविचार*
अपनी प्रत्यक्ष अनुभूति को ही अन्तिम प्रमाण मानो।
👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
चेहरे की त्वचा पर नारियल के तेल के लाभ -
*डैंड्रफ़ की समस्या -*
डैंड्रफ़ की समस्या हर किसी के लिए शर्मनाक हो सकती है। इसलिए खुद को डैंड्रफ से दूर खने के लिए अपने बालों पर हल्का गर्म नारियल तेल लगाइए और उसके बाद शैंपू कर लीजिए।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज आपके घर का वातावरण सुखद रहने वाला है। आप पूरी निष्ठा के साथ धार्मिक क्रियाकलापों को संपन्न करेंगे। सरकारी कार्यों में आपको सफलता प्राप्त होगी। विद्यार्थी वर्ग पढ़ाई को लेकर गंभीर रहेंगे।
☀️ वृषभ राशि :- आज आपको संतान के पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा, साथ ही नई संस्थाओं से आप जुड़ने के अवसर प्राप्त होंगे। संतान पक्ष से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। आज आपको पुराने दोस्तों से मिलने का मन कर सकता है।
☀️ मिथुन राशि :- आज आप अपने काम के साथ-साथ अपने परिवार का भी पूरा ध्यान रखेंगे। इसके अलावा साथ ही साथ वित्तीय और व्यवसायिक दोनों ही क्षेत्रों में भी लाभ होगा। आप अपने कार्यस्थल पर किसी अधीनस्थ की सहायता कर सकते हैं।
☀️ कर्क राशि :- आज आप अपने भीतर गजब के आत्मविश्वास का अनुभव करेंगे जो आपको आंतरिक तौर पर सशक्त करेंगे। प्रेमी जोड़ों को आज सावधान रहने की जरूरत है। लेकिन विवाहित जोड़ों के लिए यह समय पूरी तरह अनुकूल है। रिश्तेदारों की आवभगत में आपका समय बीतेगा।
☀️ सिंह राशि :- आज आप अपने स्वभाव को शांत रखकर अपना हर कार्य पूर्ण करने एवं सशक्त हो जाएंगे। अगर यात्रा करने का प्लान है तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। पति-पत्नी के बीच सामंजस्य कायम रहेगा। परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे।
☀️ कन्या राशि :- आज आपको व्यवसाय में इच्छानुसार लाभ प्राप्त होगा। हो सकता है कोई शुभ समाचार भी हासिल हो जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको सफलता प्राप्त होगी। दांपत्य जीवन भी मधुर रहेगा।
☀️ तुला राशि :- आज अभी तक आपने जो कार्य किए हैं आपको उनका उचित परिणाम हासिल होगा। अगर किसी से पैसा वापस मिलना असंभव लग रहा है तो वो भी मिल सकता है। आपसी प्रेम में बढ़ोतरी होगी और कैरियर के लिहाज से भी समय उत्तम है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज आपका सामाजिक मेलजोल बढ़ेगा और खानपान का भी भरपूर लाभ उठाएंगे। नौकरी व व्यापार आशानुरूप चलेगा। इसके अलावा आप मानवीय व कल्याणकारी कार्यों में भाग लेंगे। किसी करीबी व्यक्ति से उपहार की प्राप्ति हो सकती है।
☀️ धनु राशि :- आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आज से ही मेहनत करना शुरू कर दें, क्योंकि यह दिन नई शुरुआत के लिए बहुत अच्छा है। अगर परिस्थितियां कठिन हैं तो उनसे हार मानकर बैठने में कोई समझदारी नहीं है। आपको तब तक लड़ना चाहिए जब तक आप अपने उद्देश्यों को प्राप्त ना कर लें।
☀️ मकर राशि :- आज आप परिवार के प्रति अपनी किसी बड़ी जिम्मेदारी पूर्ण कार्यों को अंजाम देंगे, आप अपने स्वभाव में विनम्रता का भी अनुभव करेंगे। मेहमानों का आगमन मन को प्रसन्नाता देगा। यात्रा शुभ फलदायी रहेगी।
☀️ कुंभ राशि :- आज कारोबारी भागदौड़ की वजह से मन में निराशाजनक विचार आएंगे। हो सकता है आपके प्रेम संबंध आपको परेशान कर सकते हैं। आपके स्वास्थ्य में गिरावट आने की भी संभावनाएं हैं। परिवार का सहयोग मिलेगा।
☀️ मीन राशि :- आज विवाहित दंपत्तियों के बीच नोंक-झोंक हो सकती है, जिसकी वजह से आप मानसिक तनाव में रह सकते हैं। परिवार में किसी मांगलिक आयोजन की शुरुआत होगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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धन की समस्या से परेशान हैं तो जन्म कुंडली में इन तीन ग्रहों को बनाएं मजबूत, बदल सकती है किस्मत
धन की समस्या से परेशान हैं तो जन्म कुंडली में इन तीन ग्रहों को बनाएं मजबूत, बदल सकती है किस्मत
धन समस्या समाधान ज्योतिष: लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है।मान्यता यह है कि जिस व्यक्ति पर लक्ष्मी जी की कृपा रहती है वह उसके जीवन में धन की कमी नहीं रहती है। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इसीलिए हर व्यक्ति धन की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करता है। यहां तक की दूर के देशों की यात्राएं भी करती हैं। भौतिक युग में धन जीवन को जीने का प्रमुख साधन है। चाणक्य की चाणक्य…
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#आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के उपाय#आर्थिक तंगी से मुक्ति#आर्थिक संकट को दूर करने के उपाय#आर्थिक संकट दूर करने के उपाय#आर्थिक संकट से मुक्ति#आर्थिक समस्या दूर करने के उपाय#उपाय#कैसे पैसे की समस्या को हल करने के लिए#गुरु ग्रह#घर पर वित्तीय संकट को दूर करने के उपाय#घर में आर्थिक तंगी दूर करने के उपाय#घर में धन की कमी हो तो क्या करना चाहिए#घर में पैसे की कमी हो सकती है तो क्या करना चाहिए#धन की समस्या का उपाय#धन की समस्या का समाधान कैसे करें#पारा ग्रह#पैगनों की तंगी दूर होगी#पैसे#पैसे की परेशानी कितनी दूर हो सकती है#पैसे की परेशानी दूर कैसे करें#पैसे की समस्या को हल करने के लिए उपाय#बुध ग्रह#यार#वित्तीय समस्या को दूर करने के उपाय#वित्तीय समस्याएँ#वित्तीय समस्याओं से छुटकारा पाने के उपाय#शुक्र ग्रह
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🚩हिंदुओं की ऐतिहासिक भूलें, जो हमारे विनाश का कारण बन सकती हैं - 13 सितंबर 2021
🚩श्री अरविन्द ने सौ साल पहले ही कहा था कि भारत की सबसे बड़ी समस्या विदेशी शासन नहीं है, गरीबी भी नहीं है। सबसे बड़ी समस्या है– सोचने-समझने की शक्ति का ह्रास! इसे उन्होंने ‘चिंतन-फोबिया’ कहा था कि मानो हम सोचने-विचारने से डरते हैं। औने-पौने किसी मामले को निबटाने की कोशिश करते हैं। चाहे वह वैयक्तिक हो या सामाजिक या राष्ट्रीय। इससे कोई भी कार्य अच्छी तरह से तय नहीं होता, नतीजन समस्याएं बनी रहती हैं, बल्कि बिगड़ती जाती हैं।
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🚩वह एक सटीक अवलोकन था। स्वामी विवेकानन्द ने भी उसी कमी को ‘आत्म-विस्मरण’ कहा था। स्वतंत्र भारत में वह दूर होने के बदले और बढ़ गया। आकर्षक लगने वाली विविध, विदेशी विचारधार��ओं को हमारे शासकों, उच्च-वर्गीय लोगों, बुद्धिजीवियों ने बिना किसी जाँच-परख के अपना लिया। आज हिन्दू लोग अपना धर्म और इतिहास बहुत कम जानते हैं। इससे उनका आत्म-विस्मरण बढ़ता जा रहा है।
🚩हमारी असली दुर्बलता कहीं और है, जिससे सेना या सुरक्षा बलों का भी सही समय पर सही प्रयोग नहीं होता। अज्ञान और भय एक-दूसरे को बढ़ाते हैं। यह आज के हिन्दू समाज की कड़वी सच्चाई है। हिन्दू समाज अज्ञान में डूबा, विखंडित और दुर्बल है। यह देश की केंद्रीय समस्या है। इसे शिक्षा के माध्यम से सरलतापूर्वक एक पीढ़ी या बीस वर्षो में दूर कर लिया जा सकता था, पर हिन्दू-विरोधी वामपंथी नीतियों तथा विदेशी मतवादों के दबाव में उलटा ही किया गया। रोजगारपरक बनाने के नाम पर सार्वजनिक शिक्षा मूल्य-विहीन कर दी गई, जो घोर अशिक्षा में बदल गई है। दूसरी ओर, देश में राज्य-कर्म मुख्यतः नगरपालिका जैसे काम करने, पार्टी-बंदी और मीठी झूठी बातें कहने, तरह-तरह के भाषण देने में बदल कर रह गया है।
🚩ये राष्ट्र की मानसिक क्षमता में ह्रास के उदाहरण हैं। इनमें पिछले सौ साल से कोई विशेष सुधार हुआ नहीं लगता। ऐसी ही स्थितियों में मुट्ठी भर शत्रु भी आक्रामक होकर बड़ी संख्या पर विजयी हो सकते हैं। सन् 1947 में देश-विभाजन और फिर निरंतर जगह-जगह हिन्दुओं के विस्थापन का यही कारण रहा है। इसका उपाय अच्छी सेना या युद्धक विमान मात्र नहीं है। क्योंकि शक्ति हथियारों में नहीं, उनका उपयोग करने और करवाने वालों के चरित्र और मानस में होती है।
🚩श्रीअरविन्द के शब्दों में, ‘हम ने शक्ति को छोड़ दिया है और इसलिए शक्ति ने भी हमें छोड़ दिया है।… कितने प्रयास हो चुके हैं। कितने धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक आंदोलन शुरू किए जा चुके। लेकिन सबका एक ही परिणाम रहा या होने को है। थोड़ी देर के लिए वे चमकते हैं, फिर प्रेरणा मंद पड़ जाती है, आग बुझ जाती है और अगर वे बचे भी रहें तो खाली सीपियों या छिलकों के रूप में रहते हैं, जिनमें से ब्रह्म निकल गया है या वे तमस के वश में हैं।’ (भवानी मंदिर, 1905) इस दुरूह अवस्था से निकलने के लिए सबसे पहले हमें अपना सच्चा इतिहास जानना चाहिए। ठीक है कि गत हजार साल से हिन्दुओं ने दो साम्राज्यवादों का प्रति��ोध किया। लेकिन जिस मर्मांतक शत्रु को वे पहचान चुके थे, उसके सामने सदियों तक विफलता भयावह पैमाने की थी। उन विफलताओं के सबक आज भी प्रासंगिक हैं।
🚩पहली, सैन्य-कला की विफलता। दूसरी, राजनीतिक। आरंभिक चरणों में शाहीया, चौहान, चंदेल, गहड़वाल और चालुक्य जैसे हिन्दू राज्य अरब, तुर्क इस्लामी हमलावरों की तुलना में वित्तीय संसाधन और मानव-बल, दोनों में श्रेष्ठ थे, किन्तु हिन्दू उनका ढंग से उपयोग कर पाने में विफल रहे। इसका बड़ा कारण था- हिन्दुओं की आध्यात्मिक समझ में आई गिरावट। उससे पहले के युग में जब यूनानी आक्रमणकारी अलेक्जेंडर ने भारत के एक ब्राह्मण से पूछा था कि उन्होंने क्या सिखाया जिससे हिन्दू ऐसी ऊँची वीरता से भरे होते हैं, तो ब्राह्मण ने एक पंक्ति में उत्तर दिया था – ‘‘हम ने अपने लोगों को सम्मान के साथ जीना सिखाया है।’’ किन्तु पाँचवीं सदी के बाद स्थिति बदलने लगी। पहले के महाभारत, रामायण, पुराण और मनुस्मृति, आदि की तुलना में अब हिन्दू साहित्य बहुत हल्के होते गए।
🚩पहले का हिन्दू साहित्य मानव आत्मा की महान ऊँचाइयों में विचरता है, पर साथ ही पार्थिव जीवन के हरेक पक्ष पर भी पूरा ध्यान देता है। इसमें किसी बुराई को सहने या बिना दंड के क्षमा करने का कहीं कोई स्थान नहीं था। लेकिन बाद के हमारे आध्यात्मिक और दार्शनिक साहित्य में धरती पर जिए जाने वाले जीवन के प्रति एक वितृष्णा का भाव आ गया। इससे पीठ मोड़ लेना सर्वोच्च मानवीय गुण कहा गया। धर्म वह व्यापक धारणा न रहा जो मानवीय संबंधों की पूरी समृद्धि को अपने घेरे में लेता है, बल्कि इसे वैयक्तिक मुक्ति के लक्ष्य में सीमित कर दिया गया। तीसरी विफलता थी- आस-पास के विश्व में घट रही घटनाओं के प्रति मानसिक सतर्कता का अभाव।
🚩इस प्रकार आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और मानसिक स्तरों पर तिहरी विफलता ने हिन्दू समाज को एक अभूतपूर्व स्थिति में आवश्यक नीतियाँ बनाने और लागू करने के अयोग्य बना दिया। वैसी नीतियाँ, जिस से वह अपने देश में एक कैंसरनुमा रोग की स्थाई उपस्थिति से मुक्त हो सकता था।
🚩हज��र साल पहले का आक्रमणकारी इस्लामी साम्राज्यवाद ‘केवल-हम-सही’ होने के तेज बुखार से ग्रस्त था। उसे किसी कड़ी दवा की बड़ी जरूरत थी। यदि उन्हें बलपूर्वक समझाया जाता कि जो काम वे मार्त्तंड मंदिर या सोमनाथ के साथ करते हैं, वही उनके मक्का-मदीना के साथ ��ी किया जा सकता है, तो वे ठहर कर सोचते और सामान्य हो जाते। लेकिन ��िन्दुओं ने उस मतवादी आवेश को ठंडा करने की कभी कोशिश नहीं की, जबकि उनमें वह सैनिक और वित्तीय शक्ति थी। यह बहुत बड़ी भूल हुई।
🚩तब से बहुत समय बीत चुका है। पर वह बुखार आज भी भारत में मौजूद है, और उसके प्रति वही गफलत भी। सेक्यूलरवादी, वामपंथी और राष्ट्रवादी भी हमारे इतिहास को विकृत करने में लगे हैं कि इस्लाम ने कभी हिन्दुओं या हिन्दू धर्म को हानि पहँचाने की चाह नहीं रखी थी! क्या हिन्दू समाज को फिर इस आत्म-विस्मरण, गफलत की कीमत चुकानी होगी? पर अब कटिबद्ध इस्लामी प्रहार के समक्ष हिन्दू समाज नहीं बच सकेगा। इसका मानसिक, नैतिक, आध्यात्मिक स्वास्थ्य वैसा नहीं है। न भूलें कि सेना, प्रक्षेपास्त्र और बम होते हुए भी कश्मीर से हिन्दुओं का सफाया हुआ है!
🚩भारत के सच्चे देशभक्त और धर्म-परायण लोग यदि पार्टी-बंदी से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्थिति पर विचार करें, तभी उन्हें वस्तु-स्थिति का सही आभास होगा। जो समाज आत्म-दया से ग्रस्त है, जो हर उत्पीड़क की ओर से बोलने में लग जाता है, जो पक्के दुश्मनों से अपने लिए अच्छे आचरण का प्रमाण-पत्र पाने की जरूरत महसूस करता है– ऐसे समाज के लिए ऐसी दुनिया में कोई आशा नहीं, जो दिनों-दिन अधिक हिंसक होती जा रही है। इसलिए, हमें शक्ति के साथ-साथ ज्ञान की आराधना भी करनी चाहिए। लेखक : डॉ. शंकर शरण
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आज का राशिफल , शनिवार 9 अक्टूबर 2021, धनु राशि , मकर राशि , कुंभ राशि , मीन राशि वालों के लिए, तीसरा नवरात्रा
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आज का राशिफल , शनिवार 9 अक्टूबर 2021, धनु राशि , मकर राशि , कुंभ राशि , मीन राशि वालों के लिए, तीसरा नवरात्रा
धनु राशिफल: धनु राशि के लोगों को आज किसी के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश करनी पड़ सकती है। अगर किसी से मनमुटाव है तो उसे सुलझा लेना चाहिए।अगर आपने किसी के साथ कुछ गलत किया है तो माफी मांगें। जो लोग बैंकिंग, वित्त, प्रबंधन, परामर्श, ई-कॉमर्स आदि के क्षेत्र में हैं, उन्हें कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। कोशिश करें कि आज किसी भी मुद्दे पर आसानी से हार न मानें बल्कि अपनी गलती को ढूंढ कर उसे सुधारने का प्रयास करें। आपको सभी को काम पर लगाने की कोशिश करनी होगी। काम के सिलसिले में अधिकारी या बॉस आप पर नजर रखेंगे। परिवार में निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। वैवाहिक जीवन और प्रेम जीवन से संबंध खराब हो सकते हैं। बोलते समय आपको संयम से बोलने की जरूरत है।
धनु राशि – आज आपका लकी रंग आसमानी नीला है और आज आपका लकी नंबर 7 है । यदि आप किसी शुभ कार्य के लिए आज पश्चिम दिशा की यात्रा क��ते हैं तो यह शुभ फल लेकर आएगा।
मकर राशिफल: मकर राशि के जातकों को आज अपनी आय बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए. लागत कम करने के उपाय भी खोजें। वित्तीय मुद्दों का विश्लेषण करने का प्रयास करें। परिवार के परामर्श से कोई भी कार्य करें। सुनिश्चित करें कि व्यवसाय में सब कुछ आपके नियंत्रण में है। कार्यक्षेत्र में मेहनत का फल आपको मिल सकता है। पारिवारिक खर्च को लेकर किसी से विवाद हो सकता है।दांपत्य जीवन और प्रेम जीवन में दिन काफी अच्छा रहेगा। आप अपने जीवन साथी या लव पार्टनर के साथ रोमांटिक समय बिता पाएंगे। विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य रचनात्मक कार्य भी कर सकेंगे। आज दोस्तों या रिश्तेदारों से मुलाकात हो सकती है।आज किसी काम के सिलसिले में यात्रा हो सकती है। अगर आप आज निवेश करना चाहते हैं तो आपको बहुत सावधान रहना होगा। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन बनाने की कोशिश करें।
मकर राशि – आज आपका शुभ रंग ग्रे है और आपका शुभ अंक 3 है । यदि आप आज किसी शुभ कार्य के लिए उत्तर दिशा की ओर जाते हैं तो यह आपको शुभ फल देगा।
कुम्भ राशिफल: कुम्भ राशि के जो लोग राजनीति या सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं, उनके लिए दिन काफी अच्छा रहेगा. सामाजिक क्षेत्र में मूल्यों के प्रति सम्मान बढ़ेगा।जो लोग व्यापार पेय पदार्थ, होटल, दैनिक आवश्यकताओं के काम से जुड़े हैं उनके लिए दिन अच्छा है। कार्यस्थल पर बॉस या अधिकारी आपको कोई नई जिम्मेदारी दे सकते हैं। दांपत्य जीवन और प्रेम जीवन में आप अपने जीवन साथी के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। पारिवारिक मामले में कोई कार्य योजना बना सकते हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।पेट की समस्या, गले में खराश, बुखार आदि हो सकता है। स्वास्थ्य एक संपत्ति है, आइए इसे न भूलें। विद्यार्थी आज कुछ नया जानने और सीखने में सक्षम होंगे।आज आंख बंद करके किसी पर भरोसा करना ठीक नहीं होगा।
कुंभ राशि – आज आपका लकी रंग लाल है और आज आपका लकी नंबर 9 है । यदि आप आज किसी शुभ कार्य के लिए पूर्व दिशा में जाते हैं तो यह आपको शुभ फल देगा।
मीन राशिफल (Pisces Rashifal) : मीन राशि के जातकों को आज कड़ी मेहनत करनी होगी और मेहनत करने पर ही उन्हें भाग्य की प्राप्ति होगी। अगर आप मैन्युफैक्चरिंग, बिल्डिंग, बिल्डिंग मैटेरियल, माइनिंग आदि में नए वर्कर्स को हायर करना चाहते हैं।कार्यक्षेत्र में आपको अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। आप अपने वैवाहिक जीवन में कहीं भी यात्रा कर सकते हैं और अपने जीवन साथी या प्रेम साथी के साथ प्रेम जीवन व्यतीत कर सकते हैं। लेकिन आज बात करते समय विशेष रूप से सावधान रहें। नहीं तो दिक्कतें आ सकती हैं।परिवार में सभी के साथ संबंध मजबूत करने का प्रयास करें। स्वास्थ्य की दृष्टि से दिन अनुकूल रहेगा। लेकिन खान-पान क�� ध्यान रखें। सामाजिक क्षेत्र में किसी कार्य की सराहना हो सकती है। छात्र यह जानने की कोशिश कर��े हैं कि आज एकाग्रता कैसे बढ़ाई जाए।मोबाइल, सोशल मीडिया आदि से दूर रहने से आपको फायदा होगा। अपनी पूरी क्षमता से कम के लिए मत जाओ। वह करने की कोशिश करो जो आपको सबसे अच्छा लगता है।
मीन राशि – आज आपका लकी रंग पीला है और आज आपका लकी नंबर 3 है । अगर आप आज किसी अच्छे काम के लिए दक्षिण दिशा में जाते हैं, तो यह आपको अच्छे परिणाम देगा।
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Today's Horoscope-
आज का पंचांग और राशिफल
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23-अगस्त-2021
वार:-सोमवार
विक्रम सम्वंत:-2078
तिथी:-01प्रतिपदा-एकम16:31
माह:-भाद्रपद
पक्ष:-कृष्णपक्ष
नक्षत्र:-शतभिषा19:25
योग:-अतिगंड08:32
करण:-कौलव16:31
चन्द्रमा:-कुंभ
सूर्योदय:-06:06
सूर्यास्त:-19:00
दिशाशूल :-पूर्व
निवारण उपाय:-दूध का सेवन
ऋतु:-शरद् ऋतु
गुलिक काल:-13:30से15:00
राहूकाल:-07:30से09:00
अभीजित:-12:04से12:52
पंचक,
___________
मेष (चु, चे, चो, ला, लि, लु, ले, लो, अ):-कार्यक्षेत्र में अपने काम करने के तरीके में थोड़ा बदलाव लायेंगे तो लाभकारी रहेगा। अनचाहे ख़यालों को दिमाग़ पर कब्ज़ा न करने दें। शांत और तनाव-रहित रहने की कोशिश करें, इससे आपकी मानसिक दृढ़ता बढ़ेगी। पारिवारिक माहौल बेहतर रहेगा साथ ही विवाहितों के लिए भी यह समय शुभ रहेगा, दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। नौकरीपेशा को तरक्की मिलेगी।
वृषभ (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो) :-नए और जोश भर देने वाले अवसर आज आपके सामने आ सकते हैं। पति-पत्नी के संबंध मधुर रहेंगे। परंतु जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कत उत्पन्न हो सकती हैं। मित्रों से मेलजोल करने का मौका मिलेगा फिर भी मन में एक खालीपन सा महसूस हो सकता है।
मिथुन (का, कि, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा):-आज आपके लिए दिन थोड़ा विवाद या बहस वाला हो सकता है। जीवनसाथी से किसी मामले में बहस हो सकती है या दोस्तों के साथ किसी बात पर तनाव हो सकता है। छोटी छोटी बातों क�� दिल पर न लें। विद्यार्थियों को पढ़ाई में ध्यान देने की आवश्यकता है नहीं तो भविष्य में परेशानी हो सकती है।
कर्क (हि, हु, हे, हो, डा, डि, डु, डे, डो) :-आत्मविश्वास की कमी रहेगी, खुद को अकेला महसूस करेंगे। अगर आप प्रयास करते हैं तो रुके हुए कार्य शीघ्र संपन्न होंगे। कहीं भी व्यर्थ धन ख़र्च करने से बचना अच्छा रहेगा। धन से जुड़े कोई भी लेन देन में असावधानी न बरतें। भाई-बहनों से रिश्तों में सुधार आएगा। आजीविका के साधनों की परेशानी दूर होगी। नौकरी और बिजनेस में तरक्की होगी।
सिंह (मा, मि, मु, मे, मो, टा, टि, टु, टे) :-मन में कुछ नया सीखने की उत्सुकता बनी रहेगी। परिवार का सहयोग मिलेगा। बेवजह की चिंताओं और बढ़ते हुए खर्चों के प्रति लापरवाही नहीं करनी चाहिए। व्यर्थ के विवाद से दूर रहने की कोशिश करें। किसी से प्रेरित होकर आप भविष्य के लिए नई योजनाओं पर कार्य करेंगे। प्रेम प्रसंगों से दूरी बनाकर रखें। प्रेम प्रसंगों के कारण परिवार में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
कन्या (टो, पा, पि, पु, ष, ण, ठ, पे, पो) :-किसी की बैंक गारंटी अथवा जमानत देना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता हैं। ग्रहों की स्थिति के अनुसार जीवन में अचानक लाभ के योग बनते हैं। जिसमें आप सूझबूझ से मौके का फायदा उठाएं। विवाह संबंधी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। रिश्तों में अपनेपन की कमी रहेगी। संबंधों को समय देने और एक दूसरे की भावनाओं को समझने की आवश्यकता है।
तुला (रा, रि, रु, रे, रो, ता, ति, तु, ते) :- प्रभावशाली लोगों से मुलाकात एवं सफलता मिलेगी। आज आप किसी का दबाव पसंद नहीं करेंगे। अपना व्यवहार सकारात्मक बनाए रखें। भविष्य के लिये बनायी योजनाओं पर भी आज कुछ सोच-विचार करने की जरुरत हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में परिवार वालों की मदद मिलेगी। जीवन में अपने परिवार, दोस्तों और जीवनसाथी की भूमिका को पहचानेंगे।
वृश्चिक (तो, ना, नि, नु, ने, नो, या, यि, यु):-आज लोग आपके व्यवहार से सन्तुष्ट रहेंगे। धन सम्बन्धी समस्या आज दूर हो सकती है। बड़ा और महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले अपने हितों के विषय में पूरा विचार कर लें। पराक्रम और निष्ठा से किया गया परिश्रम अवश्य लाभकारी होगा। मन में अनेक प्रकार की चिंताओं के बावजूद आज आप अपने परिवार को पूरा समय देंगे।
धनु (ये, यो, भा, भि, भु, धा, फा, ढा, भे) :-आपका ध्यान ऑफिस के कार्यो को पूरा करने में लगा रहेगा। अपने अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए भी आज का दिन अच्छा है। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आज आपका आत्मविश्वास आपके लिये सफलता की कुं��ी साबित होगा। सरकार से संबंधित काम करवाने के लिए आपको थोड़े धैर्य से काम लेना होगा।
मकर(भो,जा,जि,जु,जे,जो,ख,खि,खु,खे,खो,गा,गि) :-आज किसी काम के प्रति निर्णय लेने में कुछ दिक्कतें आ सकती है��। घर के किसी वरिष्ठ व्यक्ति की सलाह लें। बच्चों की कामयाबी पर आप गर्व महसूस करेंगे। आज आपका पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। भाई-बहनों का सहयोग मिलता रहेगा। आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। आज जिससे भी मिलेंगे वह व्यक्ति आपसे प्रभावित होगा। किसी से भी बात करते समय वाणी पर संयम बनाए रखें।
कुम्भ (गु, गे, गो, सा, सि, सु, से, सो, दा):- कुछ वित्तीय बाधाओं को महसूस किया जा सकता है। आप पर नई जिम्मेदारी आने से व्यस्तता बढ़ सकती है। भाइयों और दोस्तों का सहयोग मिलेगा। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में दुविधा की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। आप अपनी सोच का दायरा बढ़ा सकते हैं। किसी की कही हुई बातें आपकी भावना को ठेस पहुंचा सकती है। व्यर्थ की बातों को नजरअंदाज करना सीखें।
मीन (दि, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चि):-आपको थोड़ा सजग रहना होगा क्योंकि यह समय आपकी नौकरी में समस्याएं उत्पन्न करके परेशानी ला सकता है। इसलिए जागरूक रहें। आपकी भावनाएं आपके कार्यों और निर्णयों पर प्रभाव डालेंगी लेकिन संतुलित दृष्टि के लिए दिमाग और बुद्धिमत्ता से भी काम लें। कुछ मामलों को लेकर मन में भ्रम और अनिश्चितता का माहौल रहेगा। हाथ में आया हुआ अवसर सही निर्णय न लेने के कारण आप आज गंवा सकते हैं।
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केंद्रीय बजट गरीब और किसान विरोधी, महंगाई बढ़ाने वाला, दिशाहीन और निराशाजनक बजट है। इस बजट में कोरोना महामारी से पैदा हुई विकट बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। मिडिल क्लास करदाताओं को उम्मीद थी कि मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर कोई राहत देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बजट से समाज का हर तबका पूरी तरह से निराश हुआ है।
राजस्थान के लिए यह बजट पूरी तरह निराशाजनक है। हमें उम्मीद थी कि बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय ��रियोजना का दर्जा और हर घर नल योजना में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। प्रदेश से सभी सांसद एनडीए के होने के बावजूद केंद्र सरकार ने राजस्थान से भेदभावपूर्ण व्यवहार किया है। इस बजट का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी पर रहा। यह केंद्रीय बजट से ज्यादा ‘पांच चुनावी राज्य बजट’ प्रतीत हो रहा है।
कोरोना महामारी के कारण राज्यों के वित्तीय स्रोत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्यों को उम्मीद थी कि बजट में विशेष आर्थिक पैकेज दिए जाएंगे जिससे राज्यों की स्थिति सुधर सके। ऐसे पैकेज के द्वारा नए रोजगार पैदा किए जा सकें और आमजन की परचेजिंग पावर बढ़ सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले महीनों में केंद्र सरकार ने रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन किया है तब भी मोदी सरकार राज्यों को जीएसटी का हिस्सा नहीं दे रही है जिससे राज्यों में विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाले कृषि और रीयल एस्टेट सेक्टर को इस बजट में विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए था। किसान अपनी मांगों को लेकर महीनों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने इस बजट में किसान हित में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया है। रीयल एस्टेट सेक्टर आमजन को सस्ता आवास उपलब्ध एवं स्किल्ड और अनस्किल्ड दोनों प्रकार के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने वाला सेक्टर है। लॉकडाउन के बाद से परेशानियों में घिरे इस सेक्टर को राहत पैकेज दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यह बजट पूरी तरह बड़े उद्योगपतियों के हितों को साधने वाला बजट है। मोदी सरकार ने इस बजट के माध्यम से अपनी 'सूट बूट की सरकार' की छवि को पुन: जाहिर करते हुए सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को राहत देने का प्रयास किया है। मोदी सरकार ने पूर्व में कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की थी जिससे इस वर्ष कॉर्पोरेट टैक्स के कलेक्शन में 16% से अधिक की कमी आई है। इससे विकास योजनाओं को 76 हजार करोड़ की राशि कम अर्जित हुई। इसका विकास कार्यों पर बेहद प्रतिकूल असर होगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ाती जा रही है। आमजन को उम्मीद थी कि बजट में केंद्रीय करों में कटौती कर मोदी सरकार राहत प्रदान करेगी लेकिन बजट में एक नया सेस लगा दिया गया है। फिलहाल इसका सीधा असर आम आदमी पर ना पड़े लेकिन आखिर में इसका बोझ आमजन को ही उठाना पड़ेगा।
मोदी सरकार द्वारा FDI को बढ़ावा देने पर कहा कि यूपीए सरकार के समय FDI की मुखर विरोधी रही भाजपा सरकार में आने के बाद से FDI को बढ़ावा दे रही है जिसकी झलक बजट में भी दिखी। अगर पूर्व में सिर्फ राजनीतिक कारणों से FDI क��� विरोध करने की जगह देशहित में बीजेपी ने यूपीए का सहयोग किया होता तो इस दिशा में देश और भी आगे होता। इस बजट में मोदी सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में शुरू किए गए बहुचर्चित मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी कई योजनाओं के बारे में कोई जिक्र तक नहीं किया है। इससे लगता है कि स्वयं मोदी सरकार ने ही इन सभी योजनाओं को असफल मान लिया है।
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व्यायाम के 35 अतिरिक्त मिनट अवसाद के जोखिम को कम कर देते हैं
अवसाद और चिंता में एक नए अध्ययन से पता चलता है कि कोई भी शारीरिक व्यायाम अवसाद के एक व्यक्ति के जोखिम को कम करने और अवसाद के एपिसोड से बचाने में मदद कर सकता है, यहां तक कि उन लोगों में भी, जिनके पास आनुवांशिक जोखिम है। वास्तव में, शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रति सप्ताह प्रत्येक अतिरिक्त 4 घंटे के व्यायाम के लिए, एक और अवसादग्रस्तता एपिसोड होने का जोखिम 17 प्रतिशत कम हो गया है। दोनों उच्च तीव्रता वाले वर्कआउट, जैसे कि एरोबिक व्यायाम या व्यायाम मशीनों का उपयोग करना, और कम तीव्रता वाली गतिविधि, जैसे कि योग या स्ट्रेचिंग, अवसाद के जोखिम को कम करता है। यहाँ अवसाद के लक्षण हैं जिन्हें आपको कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
यदि आप अधिक स्वास्थ्य सुर्खियां चाहते हैं, तो हमने शीर्ष कहानियों के माध्यम से कंघी की है, इसलिए आपको ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ और क्या हमारा ध्यान आकर्षित किया है।
नियमित उपवास लंबे समय तक, स्वस्थ जीवन का नेतृत्व कर सकता है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्रों में प्रस्तुत दो नए अध्ययनों के अनुसार, नियमित उपवास हृदय गति की कम दर और लंबी उम्र के साथ जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं ने सदियों पुरानी बहस पर नई रोशनी डालने की कोशिश की कि उपवास स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है। विभिन्न कारकों के लिए समायोजन के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि अनुवर्ती अवधि के दौरान नियमित उपवासियों में गैर-उपवासियों की तुलना में 45 प्रतिशत कम मृत्यु दर थी।
आयु 60 मई के बाद व्यायाम हृदय रोग, स्ट्रोक को रोकें एक अध्ययन में पाया गया है कि 60 वर्ष की आयु से अधिक की गतिविधि हृदय रोग के जोखिम को काफी कम कर सकती है। लोगों की उम्र कम होने के साथ ही उनका सक्रिय होना आम बात है। लेकिन यूरोपियन हार्ट जर्नल में किए गए अध्ययन में पाया गया है कि दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिमों को कम करने के लिए या तो गतिविधि का स्तर बनाए रखना या जीवन के इस स्तर पर अधिक सक्रिय होना महत्वपूर्ण है। समय के साथ व्यायाम के अपने स्तर को कम करने वाले अध्ययन प्रतिभागियों में हृदय और रक्त वाहिका के मुद्दों के विकास की 27 प्रतिशत अधिक संभावना थी। जो लोग अधिक सक्रिय हो गए, उनके जोखिम में 11 प्रतिशत की कमी आई।
संयंत्र आधारित आहार संज्ञानात्मक ��िरावट को रोक सकता है नए शोध में पाया गया है कि पौध-आधारित खाद्य पदार्थों से समृद्ध आहार और मिडलाइफ़ के दौरान पशु उत्पादों में कम जीवन में बाद में संज्ञानात्मक हानि का जोखिम काफी कम होता है। परिणाम अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में दिखाई देते हैं। अपने जीवन में पौधों पर आधारित आहारों को बढ़ाने का तरीका जानें।
बूढ़ी महिलाओं में अपर्याप्त नींद मई हानिकारक हड्डी का स्वास्थ्य जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च ऑफ पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में नए शोध में पाया गया है कि जो लोग प्रति रात 5 घंटे से अधिक नहीं सोते थे उनमें हड्डियों के खनिज घनत्व और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना कम होती थी। अध्ययन से पता चलता है कि नींद खराब स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जो खराब नींद के हानिकारक प्रभाव की सूची में शामिल है। दूध के बारे में तथ्य प्राप्त करें।
अध्ययन की पुष्टि करें एचपीवी शॉट सुरक्षित है बाल रोग में प्रकाशित दो नए अध्ययनों से पिछले शोध की पुष्टि होती है कि मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) टीका सुरक्षित है। दो अध्ययनों में गार्डासिल 9 वैक्सीन की लाखों खुराक शामिल थीं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में एचपीवी से संबंधित कैंसर की रोकथाम के लिए वर्तमान में उपयोग किया जाने वाला एकमात्र टीका है। एचपीवी प्रत्येक वर्ष 33,000 से अधिक कैंसर के लिए जिम्मेदार है - महिलाओं में 20,000 और पुरुषों में 13,000। गार्डासिल 9 वैक्सीन के नियमित उपयोग से इन कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों को रोका जा सकता है, अध्ययन के साथ संपादकीय ने कहा।
लेट-टर्म प्रेग्नेंसी के लिए लेबर सेफ़ बेट को इंडिकेट करना देर से गर्भधारण में नवजात की मृत्यु का जोखिम कम हो सकता है यदि प्रतीक्षा और देखने के दृष्टिकोण के बजाय श्रम प्रेरित होता है, एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के जर्नल में एक नया अध्ययन बताता है। 41 हफ्तों में श्रम प्रेरण महिलाओं और उनके बच्चों के लिए सुरक्षित विकल्प की तरह दिखता है, एक साथ संपादकीय में शोधकर्ताओं ने कहा।
अपने जीवन में सरलीकरण तनाव
यदि आपसे पूछा गया कि आप अपने जीवन में कितनी बार तनाव का अनुभव करते हैं, तो संभावना है कि आप बहुत बार कहेंगे। वास्तव में, हेल्दीवुमेन, प्रिवेंशन मैगज़ीन और हेल्थ केयर कम्युनिकेशन एजेंसी GCI Health द्वारा हाल ही में की गई 3,000 से अधिक महिलाओं के एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 40 प्रतिशत महिलाएं दिन में कई बार लगातार तनाव का अनुभव करती हैं। छब्बीस प्रतिशत इसे दैनिक अनुभव करते हैं, और 22 प्रतिशत इसे सप्ताह में एक या दो बार अनुभव करते हैं।
जब महिलाओं को तनाव होता है, तो इसका उनके ज��वन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। समग्र स्वास्थ्य पर नींद के महत्व को देखते हुए, सत्तर प्रतिशत महिलाओं को अच्छी तरह से नींद नहीं आती है, और यह हमारे जीवन में तनाव का कारण बनने का एक बड़ा कारण है।
हेल्दीवुमेन के सीईओ आरएन-सी, बेथ बैटलगिनो कहते हैं, "नींद की कमी से मोटापा, मेमोरी प्रॉब्लम, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और डिप्रेशन जैसी तमाम तरह की हेल्थ इश्यूज हो जाती हैं।" "जब तनाव नींद के रास्ते में हो जाता है, तो यह एक संकेत है कि आपके तनाव को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।"
हमारे जीवन में तनाव पैदा करने वाली चीजें कभी-कभी अपरिहार्य हो जाती हैं और हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं - जैसे ट्रैफ़िक जाम - लेकिन ऐसा कुछ जो हमें आश्चर्यचकित करता है कि हम पहचाने गए शीर्ष चार तनावग्रस्त महिलाओं के नियंत्रण में कितने थे: परिवार, घरेलू अव्यवस्था या परियोजनाएँ, वित्त, और नौकरी की मांग।
इस रहस्योद्घाटन के बारे में अच्छी और बुरी खबर है। अच्छी खबर यह है कि आपके जीवन में इन तनावों में से कुछ का प्रबंधन करने में आपकी मदद करने के लिए कदम हैं। बुरी खबर यह है कि ये ऐसी चीजें हैं जिनका आप प्रतिदिन सामना करते हैं, इसलिए उनका प्रभार लेना भारी लग सकता है और वास्तव में आपको तनाव देना शुरू कर सकता है! यह ठीक है - हम यहाँ मदद करने के लिए हैं।
जबकि महिलाएं अपने तरीके से तनाव का प्रबंधन कर रही हैं - मुख्य रूप से टीवी देखने के माध्यम से, व्यायाम करना और खाना, हमारे सर्वेक्षण के अनुसार - ऐसे अन्य तरीके हैं जिनसे हम इन सामान्य तनावों से निपट सकते हैं जो लंबे समय तक चलने वाले सकारात्मक प्रभाव को बनाएंगे।
आपके जीवन में तनाव को कैसे सरल बनाया जाए, इसके कुछ उपाय यहां दिए गए हैं।
परिवार से तनाव को कम करें- चाहे वह एक छुट्टी परिवार की सभा हो या एक नियमित रूप से मंगलवार की शाम, पहला कदम यह पहचानना है कि आपके परिवार में गतिशील तनाव क्या है। एक बार जब आप पारिवारिक तनाव को पहचान लेते हैं, तो आपको अपने परिवार के साथ इस पर चर्चा करने की आवश्यकता होती है। क्या यह आपके चाचा को बता रहा है कि थैंक्सगिविंग डिनर टेबल के आसपास राजनीतिक बकवास बंद है या अपने पति को बताएं कि आपको बच्चों के स्नान के समय के लिए अतिरिक्त हाथ चाहिए, बाहर बात करें। पचहत्तर प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि उनके साथी पर उतना जोर नहीं दिया जाता है जितना कि वे समझती हैं, और जब तक चर्चा नहीं होगी। परिवर्तन अभी नहीं हो सकता है, लेकिन अगर आपके प्रियजनों को पता है कि कुछ आपको तनाव दे रहा है, तो संभावना है कि वे एक समाधान के साथ आने ��ें मदद करने के लिए काम करेंगे।
घरेलू अव्यवस्था से तनाव को सरल बनाएं- "घरेलू अव्यवस्था दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और एक घर में दिनचर्या के साथ हस्तक्षेप करती है," राशेल आइसेप, पेशेवर आयोजक और उत्पादकता सलाहकार ने कहा theorderexpert.com। अपने सुबह के बारे में सोचो: यदि आप अपने जूते नहीं खोज सकते हैं, तो आप देर से समाप्त हो सकते हैं, जो तनाव का कारण बनता है। अपनी शाम के बारे में सोचें: यदि आप सोते समय एक गन्दे कमरे में रहते हैं, तो यह संभव है कि आप विश्राम की भावना महसूस नहीं करेंगे। इस्प्रिट कहते हैं, "अगर आप को तनाव से मुक्त करने का विचार" एक आसान पहला कदम है, तो अपने घर में एक छोटे से समस्या क्षेत्र की पहचान करना और उसे समाप्त करना है। "समय की पहचान करने और एक भयावह या तनावपूर्ण स्थिति की पहचान करने के लिए, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, कुछ तात्कालिक राहत प्रदान करेगा, और आपको घर पर भविष्य की सफलता के लिए तैयार करेगा।" अपने घर में किस क्षेत्र (क्षेत्रों) को पहचानें या दैनिक आधार पर परेशान करें, और वहां से शुरू करें। इसे एक बार में एक कार्य से दूर करें।
वित्त से तनाव को सरल बनाएं- वित्तीय तनाव अलग-थलग महसूस कर सकता है, लेकिन आप अकेले नहीं हैं। साठ प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि वे अपने पैसे के बजाय अपनी मौत के बारे में बात करेंगी। अधिक महिलाएं अपने घरों की वित्तीय जिम्मेदारी ले रही हैं, और उस तनाव को नेविगेट करने के तरीके हैं। अपनी वर्तमान स्थिति का आकलन करें और किसी भी तत्काल व्यवहार की पहचान करें जिसे आपके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए बदला जा सकता है। पैसे के साथ अपने रिश्ते को गहराई से देखें: क्या आप आराम, विलासिता, प्रेम, शक्ति या कुछ और खोजने के लिए खर्च कर रहे हैं? पैसे की पहचान खुशी या सुरक्षा की गारंटी नहीं देती है। सलाह के लिए किसी विश्वसनीय मित्र, वित्तीय सलाहकार, वरिष्ठ केंद्र, चर्च, सामुदायिक एजेंसी या क्रेडिट परामर्श सेवा से जुड़ें। और एक बजट बनाओ। शब्द आपको तनाव दे सकता है, लेकिन इसे सशक्त बनाने के रूप में देखें। एक यथार्थवादी बजट बनाना और उससे चिपकना आपके वित्तीय स्वास्थ्य और अंततः, व्यक्तिगत कल्याण में सुधार करने में मदद कर सकता है।
नौकरी की मांग से तनाव को कम करें- जबकि करियर अविश्वसनीय रूप से पुरस्कृत हो सकता है, वे एक महिला के जीवन में एक प्रमुख तनाव हो सकते हैं। यदि आपके जीवन में काम एक तनाव है, तो आपको सीमाएं स्थापित करने की आवश्यकता है। वह टोन सेट करें जिसे आप एक निश्चित समय के बाद ईमेल की जाँच नहीं करेंगे या घंटों के बाद कॉल नहीं लेंगे। जब आप घर आते हैं, तो रात में दरवाजे पर चलने से पहले रुकें। कार में कुछ संगीत सुनें या सामने के दरवाजे पर कुछ गहरी साँस लें। इस तरह, आप अपने परिवार को देखने से पहले बेहतर मूड में होंगे। और छुट्टी के दिनों को बेकार मत जाने दो। आपको आराम करने के लिए समय निकालने की ज़रूरत है ताकि आप काम पर लगाम लगा सकें और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो सकें। "आज के काम के माहौल में, कोई भी दिन-प्रतिदिन के दबावों को प्रबंधित करने के लिए अजनबी नहीं है - यही कारण है कि यह इतना महत्वपूर्ण है कि कंपनियां संस्कृतियों का निर्माण करती हैं जहां कर्मचारी तनाव के प्रबंधन में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं और उनके नियंत्रण में रहते हैं।" वेंडी लंड, जीसीआई हेल्थ के सीईओ।
तनाव को सरल बनाएं- आपके जीवन में तनाव का कारण कोई बात नहीं है, कुल मिलाकर सामान्य विषय पर बात करना है, जो कि ऐसा नहीं लगता है। लगभग आधी महिलाएं अपने तनाव के बारे में शायद ही कभी या कभी बात नहीं करती हैं क्योंकि वे बोझ नहीं बनना चाहती हैं, या उन्हें नहीं लगता कि लोग परवाह करेंगे।
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पर्यावरण को कोरोना ने दिए अच्छे दिन
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कोरोनोवायरस महामारी ने आर्थिक गतिविधियों में वैश्विक कमी का कारण बनी है, हालांकि यह चिंता का प्रमुख कारण है, मानव गतिविधियों के नीचे होने का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।औद्योगिक और परिवहन उत्सर्जन और अपशिष्ट कम हो गए हैं, और औसत दर्जे का डेटा वायुमंडल, मिट्टी और पानी में प्रदूषकों के समाशोधन का कार्य कर रहा है। यह प्रभाव कार्बन उत्सर्जन के विपरीत भी है, जो एक दशक पहले वैश्विक वित्तीय दुर्घटना के बाद 5 प्रतिशत तक बढ़ गया था
जीवाश्म ईंधन उद्योग से वैश्विक कार्बन उत्सर्जन इस साल रिकॉर्ड 5% की कमी के साथ 2.5 बिलियन टन घट सकता है, क्योंकि कोरोन���ायरस महामारी रिकॉर्ड पर जीवाश्म ईंधन की मांग में सबसे बड़ी गिरावट का कारण बानी है। कोरोनावायरस के कारण यात्रा, कार्य और उद्योग पर अभूतपूर्व प्रतिबंधों ने हमारे घुटे हुए शहरों में अच्छी गुणवत्ता वाली हवा के साथ अच्छे दिन सुनिश्चित किए हैं। प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन स्तर सभी महाद्वीपों में गिर गए हैं
मई का महीना, जो आमतौर पर पत्तियों के अपघटन के कारण शिखर कार्बन उत्सर्जन को रिकॉर्ड करता है, ने दर्ज किया है कि 2008 के वित्तीय संकट के बाद हवा में प्रदूषकों का न्यूनतम स्तर क्या हो सकता है। चीन और उत्तरी इटली ने भी अपने नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की है। लॉक डाउन के परिणामस्वरूप, मार्च और अप्रैल में दुनिया के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता स्तर में नाटकीय रूप से सुधार हुआ। कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और संबंधित ओज़ोन (O3) के गठन, और पार्टिकुलेट मैटर (PM) में फैक्ट्री और सड़क यातायात उत्सर्जन में कमी के कारण हवा की गुणवत्ता में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ। जल निकाय भी साफ हो रहे हैं और यमुना और गंगा नदियों ने देशव्यापी तालाबंदी के लागू होने के बाद से महत्वपूर्ण सुधार दिखा है।
जब सभी राष्ट्र कोरोनोवायरस के साये में बंद है तो , तो पर्यावरण, परिवहन और उद्योग के नियमों का बेहतर कार्यान्वयन पर्यावरण पर मानव गतिविधि के हानिकारक प्रभावों को कम करने में उपयोगी सिद्ध हुआ है, हालांकि इन विकासों ने वैश्विक उत्पादन, उपभोग और रोजगार के स्तर में भारी आर्थिक और सामाजिक झटके दिए हैं, लेकिन वे वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी के साथ भी जुड़े हैं। इसलिए जब तक कोरोनोवायरस संकट आर्थिक गतिविधियों को कम करता रहेगा, कार्बनउत्सर्जन अपेक्षाकृत कम रहेगा। यह एक टिकाऊ पर्यावरणीय सुधार है.
विश्व स्तर पर, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाली मौतें हर साल 7 मिलियन मौतों के साथ महामारी के अनुपात में होती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए भारत में भी एक जागृत आह्वान होना चाहिए। वायु प्रदूषण को कम करने का लॉक डाउन आदर्श तरीका नहीं है, लेकिन यह साबित करता है कि वायु प्रदूषण मानव निर्मित है। अब हमे ये पता चल गया है कि हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं। कोरोनावायरस संकट भारत को एक स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य में निवेश करने के अवसर देता है, अब हमें कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक – जिनमें ब्लैक कार्बन, मीथेन, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन और ट्रोपोस्फेरिक ओजोन शामिल हैं – ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा दे��े वाले शक्तिशाली जलवायु कैंसर हैं। ये दुनिया भर में बड़ी आबादी के लिए भोजन, पानी और आर्थिक सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं, अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों के प्रभाव एक प्रमुख विकास के मुद्दे का प्रतिनिधित्व करते हैं जो त्वरित और महत्वपूर्ण वैश्विक कार्रवाई चाहते है, अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक उत्सर्जन को कम करने के उपाय अक्सर सुलभ और लागत प्रभावी होते हैं, और अगर जल्दी से लागू किए गए तो जलवायु के साथ-साथ लाखों लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका के लिए तत्काल लाभ ला सकते हैं।
हम उपलब्ध सर्वोत्तम विज्ञान को धन, पहुंच और समझ के द्वारा जीवन बचा सकते हैं। जलवायु परिवर्तन पर विज्ञान के माध्यम से हम जनता के लिए खतरे को भांपने में विफल रहे हैं, जिससे तथ्यों का व्यापक खंडन हुआ है। आवास और जैव विविधता का नुकसान मानव समुदायों में फैलने वाले घातक नए वायरस और सीओवीआईडी -19 जैसी बीमारियों के लिए स्थितियां बनाता है। और अगर हम अपनी भूमि को नष्ट करना जारी रखते हैं, तो हम अपने संसाधनों को भी नष्ट कर देंगे और हमारी कृषि प्रणालियों को गहरा धक्का लगेगा
जलवायु परिवर्तन पर कठोर कार्रवाई भोजन और पानी की कमी, प्राकृतिक आपदाओं और समुद्र के स्तर में वृद्धि को कम कर सकती है, जिससे अनगिनत व्यक्तियों और समुदायों की रक्षा हो सकती है। दुनिया भर में, स्वस्थ लोग अपने समुदायों में अधिक संवेदनशील लोगों की रक्षा के लिए अपनी जीवन शैली बदल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के लिए इसी तरह का समर्पण हमारी ऊर्जा खपत को तुरंत बदल सकता है।
सामान्य रूप से – जीवाश्म ईंधन को खोदना, जंगलों को काटना और लाभ, सुविधा और खपत के लिए ग्रह के स्वास्थ्य का त्याग करना – विनाशकारी जलवायु परिवर्तन को बढ़ा रहा है। अब इस विनाशकारी प्रणाली को छोड़ने और हमारे ग्रह के निवासियों के लिए स्थायी तरीके खोजने का समय आ गया है
वायरस एक लक्षण है – एक संकेत जिसे हमें भविष्य में और भी बड़े लॉकडाउन के लिए अभ्यास करना होगा। यह प्रकृति से हमारे लिए एक जगने की पुकार है – हमारे जीने के तरीके के खिलाफ। कोई भी कोरोनोवायरस के लिए भौगोलिक रूप से अलग नहीं है और जलवायु परिवर्तन के लिए भी यही सच है। यदि हम पर्यवरण के अधिकारों का सम्मान नहीं करते हैं तो कोविड-19 जैसे महामारी बहुत अधिक बार आएंगी।
वैश्विक चुनौतियों के लिए साहसिक परिवर्तनों की आवश्यकता होती है – वे परिवर्तन जो केवल सरकार या कंपनियों द्वारा सक्रिय नही किए जा सकते हैं, बल्कि उन्हें व्यक्तिगत व्यवहार परिवर्तन की भी आवश्यकता होती है। हमें दोनों की जरूरत है। यदि कोरोनावायरस संकट में कुछ ���ी लाया है, तो यह है कि हम – प्र��्येक, अलग-अलग और एक साथ – सिस्टम को बदल सकते हैं। हमने पिछले कुछ हफ्तों में देखा है कि सरकारें कठिन कार्रवाई कर सकती हैं और हम अपना व्यवहार भी काफी जल्दी बदल सकते हैं।
हमें जीवन जीने के न्यूनतमदृष्टिकोण को अपनाने के साथ निम्न-कार्बन जीवनशैली में बदल करना होगा – हो सकता है कि हमें विकास को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता हो – जो पारिस्थितिक सम्पन्नता के संदर्भ में मापी जा सके न कि बढ़ती आय के स्तर के रूप में। आखिरकार, यह अधिक टिकाऊ और धारणीय जीवन जीने का आखिरी मौका हो सकता है। पृथ्वी के सभी तत्वों को संरक्षण देने का संकल्प लेना चाहिए। अब समय आ गया है , हमें धरती माँ की पुकार सुननी होगी। माँ का दर्जा दिया है तो उसके साथ माँ जैसी भावना से पेश भी आना होगा। धरती खाली-सी लगे, नभ ने खोया धीर ! अब तो मानव जाग तू, पढ़ कुदरत की पीर ! वरना आधुनिक युग के महानतम वैज्ञानिक और ब्रह्मांड के कई रहस्यों को सुलझाने वाले खगोल विशेषज्ञ स्टीफेन हाकिंग की भविष्यवाणी हमें झेलनी होगी। उनका मानना था कि पृथ्वी पर हम मनुष्यों के दिन अब पूरे हो चले हैं। हम यहां दस लाख साल बिता चुके हैं। पृथ्वी की उम्र अब महज़ दो सौ से पांच सौ साल ही बच रही है। इसके बाद या तो कहीं से कोई धूमकेतु आकर इससे टकराएगा या सूरज का ताप इसे निगल जाने वाला है, या कोई महामारी आएगी और धरती खाली हो जाएगी ।
हाकिंग के अनुसार मनुष्य को अगर एक और दस लाख साल जीवित बचे रहना है तो उसे पृथ्वी को छोड़कर किसी दूसरे ग्रह पर शरण लेनी होगी। यह ग्रह कौन सा होगा, इसकी तलाश अभी बाकी है। इस तलाश की रफ़्तार भी बहुत धीमी है। पृथ्वी का मौसम, तापमान और यहां जीवन की परिस्थितियां जिस तेज रफ़्तार से बदल रही हैं, उन्हें देखते हुए उनकी इस भविष्यवाणी पर भरोसा न करने की कोई वजह नहीं दिखती।
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कैलिफोर्निया कोरोनावायरस ऑर्डर अपडेट रहना होम विस्तारित व्यापार बंद – WWD
लॉस एंजिलस काउंटी नागरिकों और व्यापार के लिए अपने लॉकडाउन आदेश को जल्द ही बंद नहीं होने देगा।
एक दैनिक टेली-ब्रीफिंग के दौरान, काउंटी के अधिकारियों ने कहा कि “घर पर सुरक्षित” नियम लोगों को जब भी संभव हो अंदर रहने का आदेश देते हैं और सभी गैर-व्यावसायिक व्यवसाय के करीब अब कम से कम 15 मई तक चलेगा। यह शुरू में काउंटी की तुलना में एक पूरा महीना लंबा है। नियम लागू होंगे। कैलिफ़ोर्निया में एक राज्य चौड़ा भी है “घर पर सुरक्षित” जनादेश, लेकिन गवर्नर गेविन न्��ूजोम ने मार्च के मध्य में आदेश लागू करने की अंतिम तिथि का अनुमान नहीं लगाया था।
बारबरा फेरर, के निदेशक, “हम वक्र के एक सच्चे चपटे को देख रहे हैं।” लॉस एंजिलस पब्लिक हेल्थ के काउंटी विभाग ने कहा, पुष्टि की गई COVID-19 मामलों की दैनिक संख्या में कमी का वर्णन है। “लेकिन क्योंकि बहुत सारे लोग संक्रमित हैं, हमें इसे जारी रखना होगा।” की पुष्टि की मामलों की संख्या कोरोना कैलिफोर्निया में अभी 20,000 से अधिक है और एलए काउंटी में 8,000 के करीब पहुंच रहा है। काउंटी में 10 मिलियन निवासी हैं और इसमें L.A. का शहर, साथ ही साथ Long Beach, Pasadena और Santa Monica जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।
फेरर ने उन सभी आवश्यक व्यवसायों के लिए नई आवश्यकताओं का वर्णन किया जो खुले रहते हैं, मुख्य रूप से किराने की दुकानों पर, लेकिन उन व्यवसायों को भी जो आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए पाए गए हैं। 15 अप्रैल की आधी रात से, सभी व्यवसायों के लिए श्रमिकों को एक कपड़ा मुखौटा के साथ आपूर्ति करने की आवश्यकता होती है और, अगर वे कई श्रमिकों के साथ एक वातावरण में काम करते हैं या जनता के साथ बातचीत करते हैं, तो उन्हें सभी कर्मचारियों के लिए रूपरेखा और पोस्ट करना होगा ताकि सामाजिक के लिए किए जा रहे उपायों को देख सकें। दूर रखने और श्रमिकों को सुरक्षित रखने के लिए। व्यवसायियों को कार्यस्थल की सफाई सुनिश्चित करने के लिए उपाय और योजना बनाने की भी आवश्यकता है।
इससे पहले, किराने की दुकानों जैसे व्यवसायों को केवल हाथ सैनिटाइज़र और हाथ धोने के लिए जगह प्रदान करने की आवश्यकता होती थी, जो कि ग्राहकों के लिए एक समय में 25 और 50 के बीच की अवधि के लिए स्टोर में आने वाले लोगों को सीमित करके ग्राहकों के लिए सामाजिक दूर करने के दिशा निर्देशों को लागू करते थे। एक स्टोर का आकार।
अन्य व्यवसाय जो खुले रह सकते हैं उनमें शामिल हैं: खाद्य बैंक और किसान बाजार; आर्थिक रूप से वंचितों को सेवा देने वाले व्यवसाय; गैस स्टेशन, बैंक और वित्तीय संस्थान; सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के साथ हार्डवेयर स्टोर, प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन, और स्वास्थ्य देखभाल संचालन।
फेरर ने कहा कि काउंटी के अधिकारी और प्रतिनिधि आवश्यक व्यवसायों के साथ ब्रीफिंग करेंगे “अगले सप्ताह भर में व्यवसायों को अ��ुपालन में मदद करने के लिए।”
शुक्रवार के रूप में L.A. काउंटी को एक आवश्यक व्यवसाय के साथ बातचीत करते समय सभी नागरिकों को एक फेस मास्क पहनने की आवश्यकता होती है और साथ ही साथ काम करते समय सभी आवश्यक कर्मचारियों को एक पहनना पड़ता है। काउंटी के सबसे धनी एन्क्लेव बेवरली हिल्स को वास्तव में हर किसी को घर से बाहर होने पर मास्क पहनना पड़ता है।
ब्रीफिंग के दौरान काउंटी के अधिकारियों ने नागरिकों से संपर्क और बातचीत को सीमित रखने के लिए और मास्क पहनने के लिए काम करने के लिए (नर्सिंग बच्चों या गंभीर साँस लेने में कठिनाई वाले लोगों को छोड़कर) को रखने का आग्रह किया, जो कि कई फैशन और कपड़ा कंपनियां हैं अब उत्पादन कर रहा है। आपूर्ति, यहां तक कि स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए, जो अभी तक आवश्यक है, कम है। लेकिन मुखौटा आदेश के साथ एक संभावित समस्या यह है कि शुक्रवार को फेरर ने क्या आग्रह किया: एक कपड़ा मुखौटा का दैनिक धुलाई, इसके प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए।
“मैं स्वीकार करना चाहती हूं कि हम आप सभी से बहुत कुछ पूछ रहे हैं,” उसने कहा। “लेकिन आप जो कर रहे हैं, कृपया करते रहें। जब आप बाहर हों तो घर पर रहें और अपना कपड़ा ढकें। ”
अधिक के लिए, देखें:
न्यू यॉर्क एजी अमेजन फायरिंग कोरोना प्रोटेस्टर पर श्रम जांच चाहता है
कैलिफोर्निया Coronavirus आदेश द्वारा ऑनलाइन व्यापार रास्ता
वॉलमार्ट ने कोरोनोवायरस पर लंबे समय तक काम करने वाले की मौत का मुकदमा किया
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मुस्तैदी की दरकार
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अपने दो सौ सालों के इतिहास में भारत की आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था आज ऐसे मुकाम पर खड़ी है, जहां उसे चारों ओर चुनौतियां ही चुनौतियां दिखाई पड़ रही हैं। भारत की स्थिरतावादी शक्तियां या कहें कि लोगों के खास मिजाज का ही नतीजा है कि इन चुनौतियों के बीच भी हमारे बैंक अपनी विश्वसनीयता बनाए हुए हैं। कोई पश्चिमी देश होता तो उसकी बैंकिंग व्यवस्था इतनी चुनौतियों के बीच ढह जाती लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था या कहिए समाज में ही एक ताकत है, जिसके कारण बड़ा से बड़ा संकट भी हमें अस्थिर नहीं कर पाता। समस्याग्रस्त भारतीय बैंकों को इसी का लाभ मिल रहा है। अब यह हमारे नीति निर्माताओं के अर्थ कौशल पर निर्भर करता है कि बैंकों को दरपेश अभूतपूर्व संकट को कैसे दूर करें। असली समस्या सरकारी बैंकों में है जो एनपीए ( नॉन परफॉर्मिग एसेट्स) की समस्या से जूझ रहे हैं।
इनमें लोगों का विास इसलिए बना हुआ है, क्योंकि ये सरकारी हैं और सरकार बुरे लोन की समस्या से जूझ रहे बैंकों को अपने खजाने से समर्थन कर रही है। इसी सिलसिले में सरकार ने 5 बैंकों को 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इन पांच बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल है, जो मेहुल चौकसी और नीरव मोदी के कारण 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की चपत खा चुका है। सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में भी बैकों को एक लाख करोड़ रुपये की सहायता की थी। तब यह सवाल उठा था कि उन बैंकों की गैर-जिम्मेदारी का खमियाजा टैक्स अदा करने वाली जनता क्यों भुगते? एक बार फिर सरकारी खजाने से उन्हें वित्त पोषित किए जाने के बाद इसी तरह के सवाल उठ सकते हैं, लेकिन नहीं भूलना चाहिए कि उन बैंकों में पैसा उन्हीं का जमा है, जो टैक्स भी ��ेते हैं। अभी तो उन बैंकों का पैसा डूबा है। यदि बैंक ही डूब गए तो फिर उन लोगों का पैसा भी डूब जाएगा जिन्होंने उनमें अपने पैसे जमा कर रखे हैं। लेकिन यह भी सच है कि सरकार अपने खजाने से बैंकों को लगातार पैसे नहीं दे सकती।
उनकी समस्याओं का स्थायी हल ढूंढना होगा। सरकारी खजाने से उन्हें धन देने के अलावा सरकार ने अन्य अनेक उपाय भी किए हैं। इसके लिए विशेष दिवालिया कानून भी बनाया है, जिससे बैंकों को कुछ राहत मिलती दिखाई पड़ रही है। भूषण स्टील से संबंधित मामले में पंजाब नेशनल बैंक को दिवालिया कानून का लाभ मिला भी और उसके बाद उम्मीद जगी थी कि बैंक एक साल के अंदर शायद अपना डूबा हुआ एक लाख करोड़ वापस पा लें। हमारे देश की समस्या यह है कि कानून आसानी से लागू नह���ं होते। कानूनी कार्रवाई तेजी से होने में भी अड़चनें आ जाती हैं। कानूनी लूपहोल्स का ही निहित स्वार्थ न केवल लाभ उठाते हैं, बल्कि न्याय प्रक्रिया की सुस्ती का भी उन्हें फायदा होता है। यही कारण है कि जिस तेजी से बैंकों में फ्रॉड हो जाता है, उतनी तेजी से फ्रॉड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। दिवालिया कानून के रास्ते में भी इस तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं।वैसे तो एनपीए की समस्या से लगभग सभी सरकारी बैंक जूझ रहे हैं, लेकिन कुछ कमजोर बैंकों के सामने कुछ ज्यादा ही कठिनाइयां हैं।
इसलिए एक विकल्प यह भी है कि कमजोर और छोटे बैंकों को मजबूत और बड़े बैंकों में विलीन कर दिया जाए। केंद्र सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला भी किया है, और इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक को आगे की कार्रवाई करने को भी कहा है। मोदी सरकार के गठन के बाद भारतीय स्टेट बैंक में उसके अनुषंगी कुछ बैंकों का विलय भी हुआ है। वे विलय सफल भी रहे हैं। यूपीए सरकार ने एक महिला बैंक भी बनाया था। उस महिला बैंक का भी भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो चुका है। लेकिन भारतीय स्टेट बैंक में उन बैंकों के विलय की सफलता से कोई ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये विलय एनपीए की समस्या को हल करने के लिए नहीं थे। वे बैंक एसबीआई के अनुषंगी बैंक थे और बेहतर संचालन और खर्च कम करने के उद्देश्य से उनका विलय किया गया था। लेकिन अब जो विलय होगा तो उसमें कमजोर बैंकों की कमजोरी का भी विलय होगा और खतरा यह होगा कि मजबूत बैंक भी उसी समस्या से ग्रस्त हो सकता है, जो कमजोर बैंक में थी। यही कारण है कि विलय की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक और भारत की सरकार को फूंक-फूंक कर कदम उठाना होगा।
सही अध्ययन करना होगा ताकि सतर्क रहा जा सके कि विलय के कारण कहीं लाभ होने के बदले नुकसान तो नहीं हो जाएगा। कौन-सा बैंक किस बैंक में विलीन किया जाए इसका निर्णय करने में समय लगेगा। यही कारण है कि यह कहने में जितना आसान लगता है, करने में उतना आसान नहीं है, और इसमें दो साल से 5 साल तक लग सकते हैं। सरकारी खजाने से बैंकों का वित्त पोष�� किया जाना और कमजोर बैंकों को मजबूत बैंकों में मिला दिया जाना समय की जरूरत हो सकती है, लेकिन जिनके कारणों से भारत की बैंकिंग व्यवस्था आज संकटग्रस्त हो गई है, उन कारणाों का इलाज करना भी जरूरी है। आखिर बैंकों की यह हालत हुई क्यों? 2008 में जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की शिकार थी, तो भारत उसका अपवाद था। दुनिया का आर्थिक संकट अमेरिकी बैंकों में शुरू हुए संकट का नतीजा था, लेकिन भारत के बैंकों तक वह सकंट नहीं पहुंच पाया।
हमारे बैंक उस समय हमारी अर्थव्यवस्था को ताकत प्रदान कर रहे थे। लेकिन आज यह स्थिति क्यों पैदा हो गई है? तो उसका एक कारण 2008 का वह विश्वव्यापी अर्थ संकट भी है। उस समय उद्योगों को विशेष पैकेज दिए गए थे। उनमें ब्याज दरों में कमी भी शामिल थी। उस कमी से उद्योगों को तो हजारों करोड़ों का फायदा हुआ लेकिन बैंकों को नुकसान ही हुआ। उसके कुछ समय बाद ही 2 जी घोटाला भी सामने आया। घोटालेबाजों ने बैंकों से हजारों करोड़ों के लोन ले रखे थे। उनके लाइसेंस कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने से बैंकों के भी हजारों करोड़ रुपये फंस गए। कोयला घोटाले और उसके बाद के अदालती आदेशों के कारण भी बैंकों के एनपीए बढ़े। और वह बुलबुला मोदी सरकार के कार्यकाल में फूट गया। बैंकों में हुए कुछ घोटालों ने भी मामले को संगीन कर दिया। मोदी सरकार को जिस मुस्तैदी और कुशलता से उस संकट को दूर करना चाहिए था, उसका अभाव दिखाई पड़ा। लेकिन समस्या है, तो उसे हल करना ही होगा।
Crisis of banks मुस्तैदी की दरकार अपने दो सौ सालों के इतिहास में भारत की आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था आज ऐसे मुकाम पर खड़ी है, जहां उसे चारों ओर चुनौतियां ही चुनौतियां दिखाई पड़ रही हैं। भारत की स्थिरतावादी शक्तियां या कहें कि लोगों के खास मिजाज का ही नतीजा है कि इन चुनौतियों के बीच भी हमारे बैंक अपनी विश्वसनीयता बनाए हुए हैं। कोई पश्चिमी देश होता तो उसकी बैंकिंग व्यवस्था इतनी चुनौतियों के बीच ढह जाती लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था या कहिए समाज में ही एक ताकत है, जिसके कारण बड़ा से बड़ा संकट भी हमें अस्थिर नहीं कर पाता। समस्याग्रस्त भारतीय बैंकों को इसी का लाभ मिल रहा है। अब यह हमारे नीति निर्माताओं के अर्थ कौशल पर निर्भर करता है कि बैंकों को दरपेश अभूतपूर्व संकट को कैसे दूर करें। असली समस्या सरकारी बैंकों में है जो एनपीए ( नॉन परफॉर्मिग एसेट्स) की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें लोगों का विास इसलिए बना हुआ है, क्योंकि ये सरकारी हैं और सरकार बुरे लोन की समस्या से जूझ रहे बैंकों को अपने खजाने से समर्थन कर रही है। इसी सिलसिले में सरकार ने 5 बैंकों को 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इन पांच बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल है, जो मेहुल चौकसी और नीरव मोदी के कारण 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की चपत खा चुका है। सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में भी बैकों को एक लाख करोड़ रुपये की सहायता की थी। तब यह सवाल उठा था कि उन बैंकों की गैर-जिम्मेदारी का खमियाजा टैक्स अदा करने वाली जनता क्यों भुगते? एक बार फिर सरकारी खजाने से उन्हें वित्त पोषित किए जाने के बाद इसी तरह के सवाल उठ सकते हैं, लेकिन नहीं भूलना चाहिए कि उन बैंकों में पैसा उन्हीं का जमा है, जो टैक्स भी देते हैं। अभी तो उन बैंकों का पैसा डूबा है। यदि बैंक ही डूब गए तो फिर उन लोगों का पैसा भी डूब जाएगा जिन्होंने उनमें अपने पैसे जमा कर रखे हैं। लेकिन यह भी सच है कि सरकार अपने खजाने से बैंकों को लगातार पैसे नहीं दे सकती। उनकी समस्याओं का स्थायी हल ढूंढना होगा। सरकारी खजाने से उन्हें धन देने के अलावा सरकार ने अन्य अनेक उपाय भी किए हैं। इसके लिए विशेष दिवालिया कानून भी बनाया है, जिससे बैंकों को कुछ राहत मिलती दिखाई पड़ रही है। भूषण स्टील से संबंधित मामले में पंजाब नेशनल बैंक को दिवालिया कानून का लाभ मिला भी और उसके बाद उम्मीद जगी थी कि बैंक एक साल के अंदर शायद अपना डूबा हुआ एक लाख करोड़ वापस पा लें। हमारे देश की समस्या यह है कि कानून आसानी से लागू नहीं होते। कानूनी कार्रवाई तेजी से होने में भी अड़चनें आ जाती हैं। कानूनी लूपहोल्स का ही निहित स्वार्थ न केवल लाभ उठाते हैं, बल्कि न्याय प्रक्रिया की सुस्ती का भी उन्हें फायदा होता है। यही कारण है कि जिस तेजी से बैंकों में फ्रॉड हो जाता है, उतनी तेजी से फ्रॉड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। दिवालिया कानून के रास्ते में भी इस तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं।वैसे तो एनपीए की समस्या से लगभग सभी सरकारी बैंक जूझ रहे हैं, लेकिन कुछ कमजोर बैंकों के सामने कुछ ज्यादा ही कठिनाइयां हैं। इसलिए एक विकल्प यह भी है कि कमजोर और छोटे बैंकों को मजबूत और बड़े बैंकों में विलीन कर दिया जाए। केंद्र सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला भी किया है, और इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक को आगे की कार्रवाई करने को भी कहा है। मोदी सरकार के गठन के बाद भारतीय स्टेट बैंक में उसके अनुषंगी कुछ बैंकों का विलय भी हुआ है। वे विलय सफल भी रहे हैं। यूपीए सरकार ने एक महिला बैंक भी बनाया था। उस महिला बैंक का भी भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो चुका है। लेकिन भारतीय स्टेट बैंक में उन बैंकों के विलय की सफलता से कोई ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये विलय एनपीए की समस्या को हल करने के लिए नहीं थे। वे बैंक एसबीआई के अनुषंगी बैंक थे और बेहतर संचालन और खर्च कम करने के उद्देश्य से उनका विलय किया गया था। लेकिन अब जो विलय होगा तो उसमें कमजोर बैंकों की कमजोरी का भी विलय होगा और खतरा यह होगा कि मजबूत बैंक भी उसी समस्या से ग्रस्त हो सकता है, जो कमजोर बैंक में थी। यही कारण है कि विलय की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक और भारत की सरकार को फूंक-फूंक कर कदम उठाना होगा। सही अध्ययन करना होगा ताकि सतर्क रहा जा सके कि विलय के कारण कहीं लाभ होने के बदले नुकसान तो नहीं हो जाएगा। कौन-सा बैंक किस बैंक में विलीन किया जाए इसका निर्णय करने में समय लगेगा। यही कारण है कि यह कहने में जितना आसान लगता है, करने में उतना आसान नहीं है, और इसमें दो साल से 5 साल तक लग सकते हैं। सरकारी खजाने से बैंकों का वित्त पोषण किया जाना और कमजोर बैंकों को मजबूत बैंकों में मिला दिया जाना समय की जरूरत हो सकती है, लेकिन जिनके कारणों से भारत की बैंकिंग व्यवस्था आज संकटग्रस्त हो गई है, उन कारणाों का इलाज करना भी जरूरी है। आखिर बैंकों की यह हालत हुई क्यों? 2008 में जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की शिकार थी, तो भारत उसका अपवाद था। दुनिया का आर्थिक संकट अमेरिकी बैंकों में शुरू हुए संकट का नतीजा था, लेकिन भारत के बैंकों तक वह सकंट नहीं पहुंच पाया। हमारे बैंक उस समय हमारी अर्थव्यवस्था को ताकत प्रदान कर रहे थे। लेकिन आज यह स्थिति क्यों पैदा हो गई है? तो उसका एक कारण 2008 का वह विश्वव्यापी अर्थ संकट भी है। उस समय उद्योगों को विशेष पैकेज दिए गए थे। उनमें ब्याज दरों में कमी भी शामिल थी। उस कमी से उद्योगों को तो हजारों करोड़ों का फायदा हुआ लेकिन बैंकों को नुकसान ही हुआ। उसके कुछ समय बाद ही 2 जी घोटाला भी सामने आया। घोटालेबाजों ने बैंकों से हजारों करोड़ों के लोन ले रखे थे। उनके लाइसेंस कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने से बैंकों के भी हजारों करोड़ रुपये फंस गए। कोयला घोटाले और उसके बाद के अदालती आदेशों के कारण भी बैंकों के एनपीए बढ़े। और वह बुलबुला मोदी सरकार के कार्यकाल में फूट गया। बैंकों में हुए कुछ घोटालों ने भी मामले को संगीन कर दिया। मोदी सरकार को जिस मुस्तैदी और कुशलता से उस संकट को दूर करना चाहिए था, उसका अभाव दिखाई पड़ा। लेकिन समस्या है, तो उसे हल करना ही होगा।
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फिटकरी का रातोंरात होता है असर, आपकी किस्मत बदल सकती है- जानिए इसके उपयोग
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फिटकरी का रातोंरात होता है असर, आपकी किस्मत बदल सकती है- जानिए इसके उपयोग
फिटकरी के बारे में करीब करीब हम सब ने सुना है व देखा भी होगा। फिटकरी, एक रंगहीन, क्रिस्टलीय पदार्थ हैं। साधारण फिटकरी का रासायनिक नाम पोटाश एलम होता हैं।
हमारे घर में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके फायदों से हम अनजान हैं। आपने कई बार त्वचा की जलन या घावों पर फिटकरी का इस्तेमाल किया होगा। आज हम आपको फिटकरी के चमत्कारी गुणों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कम ही लोग जानते हैं।
तंत्र शास्त्र और हमारे बुर्जुगों के अनुसार फिटकरी के छोटे से उपाय जिनका असर रातों रात असर होता हैं आपके लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं। इसके उपाय करने से नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता के साथ कई तरह की परेशानियों से आपको मुक्ति मिल सकती है।
यदि आपके बुरे सपने आते हैं तो आप फिटकरी का उपयोग कर सकते हैं। बिस्तर पर जाने से पहले, एक काले कपड़े में फिटकरी को लपेट कर सिहराने रखने से बुरे सपने और अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
यदि आपके घर में वित्तीय संकट है और व्यवसाय का लगातार नुकसान हो रहा है, तो फिटकरी का उपयोग भी किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए, स्टोर के दरवाजे पर काले कपड़ें मे फिटकरी बांध कर रखें । ऐसा करने से आपको जल्दी फायदा होगा।
यदि आपके घर में हर दिन लड़ाई होती है, तो परिवार के मुखिया को अपने बिस्तर के नीचे एक बर्तन मे फिटकरी का पानी रखना चाहिए और सुबह उठकर पीपल पर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में शांति आती है।
घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए बाथरूम में नमक या फिटकरी से भरा कटोरा रखें। यह नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
नहाने से पहले फिटकरी के पानी से नहाने के कई फायदे हैं।
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