#आईवीएफ प्रेगनेंसी
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क्या आप जानते हैं? आईवीएफ (IVF) के माध्यम से ट्विन प्रेगनेंसी की संभावना होती है! यह सपनों को दोगुना करने का एक सुंदर रास्ता हो सकता है।
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आजकल दंपत्ति अपने होने वाले बच्चों के बारे में बहुत चिंतित रहते है की कही उनमें कुछ खराबी ना निकल आये जब माँ या पिता को कोई बीमारी या genetic problem हो और उसकी वजह से वही दिक्कत उनके बच्चों में भी आ सकती है बहुत सारे लोग या तो प्रेगनेंसी का कोशिश ही नहीं करते है या फिर उनको प्रेग्नंसी होके बच्चों में कुछ abnormality रहती है या कुछ लोग प्रेगनेंसी में कुछ testing कराते है जिसमे की एक सुई बच्चेदानी में डालकर वहा से सेल्स लेकर उसकी testing करते है पर ये test रिस्की होते है इसमें प्रेगनेंसी का चांस 1 से 2% रहता है और हो सकता है की पूरी प्रेगनेंसी ही नस्ट हो जाये यामी फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर में ऐसी सुविधाएँ मौजूद है जिससे की हम उन दम्पत्तियों की मदद कर सकते है इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस वीडियो को अंत तक देखें इस वीडियो को लाइक करें, शेयर करें ताकि जो महिलाएं इस समस्या से पीड़ित है उन तक ये जानकारी पहुंच सके अतिरिक्त जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट, ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं। 𝐘𝐚𝐚𝐦𝐢 𝐅𝐞𝐫𝐭𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐈𝐕𝐅 𝐂𝐞𝐧𝐭𝐞𝐫 𝐈𝐧𝐝𝐨𝐫𝐞 Website - https://yaamifertility.com/ E-Mail - [email protected] Facebook - https://www.facebook.com/Yaami-Fertility-IVF-Center-Indore-105806311875222/ Instagram - https://www.instagram.com/yaamifertility/ WhatsApp - +𝟗𝟏-𝟕𝟖𝟖𝟎𝟎-𝟎𝟕𝟐𝟖𝟏 #ivf #ivfclinic #ivfdoctor #infertility #infertilityclinic #ivfcenter #ivffailure #ivfinindia #ivfsuccesshospital #ivfbabies #infertilityclinic #fertility #fertilitycentre #genetictesting #embryos #yaamiivfcenter #drsankalpsingh #drswatisingh #indore #india
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फैलोपियन ट्यूब बन्द होने के कारण | Block fallopian tube
इस वीडियो में हम नीलकंठ आईवीएफ एंड फर्टिलिटी सेण्टर की डायरेक्टर और फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट (फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट) डॉ सिमी सूद द्वारा जानेंगे फैलोपियन ट्यूब बन्द होने के कारण ?प्रेगनेंसी में फैलोपियन ट्यूब एक मुख्य भूमिका निभाती है भ्रूण फैलोपियन ट्यूब के अंदर ही बनता है कई बार नि:स��तानता की समस्या फैलोपियन ट्यूब बंद होने के कारण होती है पूरा वीडियो देखे इस चैनल को सब्सक्राइब करे, like कीजिये और शेयर कीजिये. धन्यवाद!
आपका भी कोई प्र���्न हो हमे कॉल करे पूछ सकते - 9509936377, 9024219144 📞 वेबसाइट - https://neelkanthivfcentre.com/
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आईवीएफ (ivf) ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गर्भधारण आसान व सफल प्रक्रिया है। जानें गर्भावस्था के लिए आईवीएफ उपचार की लागत, सफलता दर, डॉक्टर, हॉस्पिटल, आदि
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कानपुर में बांझपन उपचार के लिए आईवीएफ या टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया के माध्यम से गर्भधारण की प्रक्रिया में शामिल खर्च व आईवीएफ लागत को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? | Test tube baby cost and factors affecting ivf cost in kanpur in hindi | Zealthy
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जानिये ! आईवीएफ से पहले आपको किन बातो का ध्यान रखने की आवश्यकता है?
आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया के लिए खुद को तैयार करना किसी भी दंपत्ति के लिए एक बहुत ही बड़ा निर्णय होता है। यह जानते हुए कि हमारा समाज इस प्रक्रिया को ले कर कितना पिछड़ा हुआ है (सबसे पहले आईवीएफ इलाज होने के 40 साल बाद भी), यह एक बहुत बड़ी बात है कि आप इस सब से आगे बड़ कर सही इलाज लेने का कदम उठा रहें हैं।
पूरा इंटरनेट आईवीएफ की जानकारी से भरा हुआ है परंतु बहुत कम स्त्रोत हैं जो सही तरह से बताते हैं कि आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी की जाती है। किसी भी दंपत्ति के लिए बहुत ही मुश्किल होता है कई ऐसे लेख पढ़ना जो आईवीएफ के बारे में बड़ी बड़ी बातें लिखते हैं लेकिन आपको इस बात का उत्तर नहीं देते कि इस प्रक्रिया के लिए तैयार कैसे होते हैं।
हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको सभी सवालों जैसे – मैं अपने शरीर को आईवीएफ के लिए कैसे तैयार करूं? मानसिक रूप से आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी करते हैं? और आईवीएफ प्रिक्रिया के दौरान क्या क्या सवाल पूछने चाहिए? आदि के जवाब मिलेंगे। ये सभी सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम आशा करते हैं कि आपको इन सभी के बारे में पता लग जाएगा, तो आईये जानते हैं हमे आईवीएफ से पहले आपको किन चीजें का ध्यान रखने की आवश्यकता है?
आईवीएफ के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
अगर आप पहले ही समझ गए हैं की आईवीएफ हर शरण पर कैसे काम करता है, तो आप जानते होंगे कि आईवीएफ प्रक्रिया में कई शरण होते हैं जिसमें डॉक्टर से परामर्श, खून जांचें, अंडों की उत्तेजना (ovarian stimulation), अंडों को शरीर से निकालना (Transvaginal Oocyte Retrieval), अंडों और स्पर्म को तैयार करना (Egg and Sperm Preparation), अंडों और स्पर्म को मिलाना (Egg Fertilizations), और इस मेल से बनने वाले एंब्रियो को महिला के गर्भ में रखना (Embryo transfer), आदि शामिल हैं। यह सब होने के दो हफ्ते बाद महिला का प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। यह सारे चरण सुनने में बहुत लम्बे और डरावने लग सकते हैं परंतु आप निश्चिंत रहिए कि आपके डॉक्टर के लिए यह सभी प्रक्रियाँ उनकी विशेषता हैं और उन्होंने इनमें महारत पाने के लिए कई साल मेहनत की है।
आईवीएफ में बहुत से चारण होते हैं, इसलिए इसके लिए शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से तैयार होना बहुत जरूरी है। इसके लिए बेहतर है कि आप एक ऐसे प्रदाता चुने जो आपको हर चरण में मदद करे और आपके ऊपर से यह बोझ हटा दे। आईवीएफ जंक्शन यह समझता है की यह प्रक्रिया आपके लिए कितनी डरावनी और मुश्किल हो सकती है और आपको पूरी प्रक्रिया के दौरान मदद करता है। हम आपको बहुत से रूप में मदद करते हैं जैसे – मानसिक तनाव को संभालना, आपके खान पान का ध्यान रखना, आर्थिक रूप में मदद करना और आपको हर चरण पर सही राय देना। इस सबसे आपको इस प्रक्रिया से गुजरने में बहुत सहायता मिलती है।
पूरी प्रक्रिया होने में कुछ हफ्तों से कुछ महीनें भी लग सकते हैं और इसलिए यह जरूरी है कि आप एक सही आईवीएफ क्लिनिक चुने। इसके साथ साथ यह जानना कि इस प्रक्रिया से आपको क्या उम्मीद करनी चाहिए आपको इसके लिए भी तैयार बनाता है।
· आईवीएफ के लिए शारीरिक तैयारी
· आईवीएफ के लिए आर्थिक तैयारी
· आईवीएफ के लिए मानसिक तैयारी
· टेक आवे
आईवीएफ के लिए शारीरिक तैयारी
आईवीएफ की प्रक्रिया के लिए जाने से पहले आप और आपके साथी को कुछ जांचें करवानी पड़ेंगी। यह सब जांचें सुनिश्चित करती हैं कि आपके डॉक्टर आपके लिए सही इलाज ढूंढ सके। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि डॉक्टर आपके बच्चा ना होने के कारण को ढूंढ कर ठीक कर पाए। इनसे यह भी पता चलता है कि आपका खुद का बच्चा हो सकता है या फिर आपको एक डोनर की आवश्यकता है।
अंडों की संख्या की जांच (ovarian reserve testing)
आम भाषा में बोलें तो ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग से यह पता चलता है कि महिला के शरीर में कितने अंडे हैं जो एक कामयाब प्रेगनेंसी में बदल सकते हैं। सभी महिलाएं अंडों की एक संख्या ले कर पैदा होती हैं और इन अंडों को संख्या और क्वालिटी बढ़ती उम्र के साथ कम होती जाती है। ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग आपके डॉक्टर को आपका सही इलाज करने में मदद करती है।
ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (Follicle Stimulating Hormone), एंटी मुलेरियन हॉर्मोन (Anti Mullerian Hormone), इनहिबिन बी (Inhibin B), बेसल एस्ट्राडियोल (Basal estradiol) और एंट्रल फॉलिकल काउंट ( Antral follicle count) का टेस्ट किया जाता है। इन जांचों से पता चलता है की क्या आपके अंडे प्रेग्नेंसी में बदल सकते हैं या नही।
संक्रामक रोगों की जांच
आपके (और अगर कोई डोनर हो तो) खून की जांच की जाती है ताकि किसी संक्रामक बीमारी का पता चल सके।
गर्भ का परीक्षण
अगर आपके डॉक्टर को लगता है की आपके बांझपन का कारण गर्भ से संबंधित हो सकता है तो वो गर्भ का परीक्षण करने के लिए कुछ जांच कर सकते हैं जैसे –
· ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड
· हिस्टेरोस्कोपी
· सेलाइन हिस्टेरोसोनोग्राफी
· और हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी
यह सारी जांचें कई बीमारियों का पता लगा सकती हैं जैसे – पॉलीप्स (polyps), अंतर्गर्भाशयी आसंजन, एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया (endometrial hyperplasia), गर्भाशय सेप्टा (septate uterus) और सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड (submucosal fibroids)।
स्पर्म का परीक्षण
इस जांच में पुरुष के शुक्राणु का परीक्षण किया जाता है। इस टेस्ट में स्पर्म की संख्या, आकार, गतिशीलता, आदि का परीक्षण किया जाता है। एक आदर्श सीमिन सैंपल में 15 मिलियन शुक्राणु एक मिली लीटर सैंपल में होते हैं और इनमें से 50 प्रतिशत शुक्राणु की गतिशीलता अच्छी होनी चाहिए और कम से कम 4 प्रतिशत शुक्राणु का आकार सही होना चाहिए। इसके अलावा और कई चीजों की जांच की जाती है जिससे आपके डॉक्टर को पता चलता है की क्या यह स्पर्म प्रेगनेंसी ��ो जन्म दे सकते हैं या नहीं।
इन सभी जांचों के बाद आपके डॉक्टर को यह पता चल जाता है की आपके अंडे और स्पर्म से एक प्रेगनेंसी बन सकती है या नहीं, या आपको एक डोनर की जरूरत है।
इसके अलावा जरूरी है की आप एक सामान्य डॉक्टर और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर लें ताकि अगर बांझपन का कोई और कारण है तो वों भी सामने आ जाएं। पीसीओएस ( PCOS) जैसे कई बीमारियां हैं जिससे महिला को बांझपन हो सकता है। 30 प्रतिशत दंपत्ति में बच्चे नहीं होने का कारण पीसीओएस हो सकता है इसलिए यह बहुत जरूरी है की यह सारी जांचें की जाएं।
आईवीएफ जंक्शन आपको सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों, भारत के सबसे अच्छे आईवीएफ डॉक्टरों, आईसीएमआर अनुमोदित केंद्रों, आईवीएफ उपचार परामर्श और उपचार सहायता से विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करता है। हम ऐसे केंद्रों के साथ साझेदारी करते हैं जिन्होंने सफलता दर स्थापित की है और सर्वोत्तम विशेषज्ञता, विशेष प्रयोगशालाएं, नैतिक अभ्यास और रोगी-केंद्रित हितों की पेशकश करते हैं।
हमारा फर्टिलिटी लाइफस्टाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम आईवीएफ जंक्शन द्वारा विशेष रूप से डिजाइन किया गया एक प्रोग्राम है जो आपको आईवीएफ इलाज शुरू करने से पहले अपनी जीवन शैली को बदलने करने में मदद करता है।
सबसे पहले एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना शुरू करें –
· धूम्रपान और शराब का सेवन करना बंद कर दें।
· रात को एक अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
· रोजाना कसरत करें।
· स्वस्थ भोजन ही खाएं।
· खूब सारा पानी पीएं।
· अपनी सभी दवाएं ठीक से लें।
· अपने वजन का ध्यान रखें।
· ऐसे पदार्थों से दूर रहें जो आपके हॉरमोन के स्तर को बिगड़ सकते हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन करना बंद कर दें।
धूम्रपान और शराब का सेवन आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करने से पहले बंद कर देना चाहिए। यह आदतें आपके स्वास्थ्य के लिए बुरी होने के साथ साथ आपके अंडों या स्पर्म पर भी बुरा असर करती हैं। अगर आप बहुत समय से धूम्रपान करते हैं तो यह आदत छोड़ने का सही समय अभी है। आपके डॉक्टर धूम्रपान छोड़ने में आपकी मदद करेंगे।
रात को एक अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
नींद की कमी आपके शरीर में बहुत तरह के असंतुलन पैदा कर सकती है जैसे शरीर के सोने जागने की प्रकिया, हार्मोन्स का संतुलन, आपका मन, और आपके शरीर के नॉर्मल काम करने की क्षमता। रोज रात को अच्छी नींद लेना हार्मोन्स का स्तर ठीक रखने के लिए बहुत आवश्यक है।
रोजाना कसरत करें।
आपको कुछ हल्की फुल्की कसरत जैसे टहलना, रोज करना चाहिए अगर आपके डॉक्टर आपको अनुमति देते हैं तो। आप ऐसी कसरत से शुरू कर सकते हैं जो आपको सक्रिय और प्रेरित रखें। कसरत करना आपके मूड को अच्छा रखता है और मानसिक तनाव को कम करता है। ताज़ी हवा सेहत के लिए अच्छी होती है और थोड़ा टहलना भी आपके मूड को अच्छा कर सकता हैं। ��ेकिन याद रखें कि अपने डॉक्टर से पूछे बिना कोई नई कसरत न शुरू करें।
स्वस्थ भोजन ही खाएं।
अपने डॉक्टर द्वारा बताया गया अच्छा भोजन ही खाएं। कुछ खाद्य पदार्थ आपका स्वस्थ बनाते हैं और आपको सभी जरूरतमंद पोषण देते हैं। आपके शरीर को कभी भी आवश्यक पोषक तत्वों जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, विटामिंस, मिनरल्स और फाइबर की कमी नहीं होनी चाहिए। नियमित रूप से स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाना यह निश्चित करेगा की आपको कभी भी किसी पोषक तत्व की कमी न हो। बाहर के पैकेज्ड खाने को कम ही खाएं क्युकी ऐसे खाद्य पदार्थों में ट्रांस – फैट्स की मात्रा ज्यादा होती है। एक नियमित आहार लेना, एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है।
खूब सारा पानी पीएं।
आप जानते हो होंगे की हमारे शरीर का लगभग 60 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है। नियमित रूप से पानी पीना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। आपको कोशिश करनी चाहिए की आप केफीन (caffeine) से भरी हुई चीज से दूर रहें और ज्यादा स्वस्थ चीजों को चुने।
अपनी सभी दवाएं ठीक से लें।
आपके डॉक्टर आपको कुछ सप्लीमेंट्स दे सकते हैं अगर उनको लगता है कि आपको उनसे फायदा होगा। और यह बहुत जरूरी है कि आप उन्हें सही तरह से लेते रहें। दवाएं जैसे जिंक, फोलिक एसिड, कैल्शियम, और मैग्नीशियम आपको दी जा सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें की यह बहुत जरूरी है कि आप यह दवाएं बिलकुल वैसे ही लें जैसे आपके डॉक्टर ने बताया है। सप्लीमेंट ओवरडोज (supplement overdose) एक ऐसी स्तिथि है जिसमे इन दवाओं की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और यह बहुत हानिकारक हो सकती है। अपने डॉक्टर के मुताबिक दवाओं को लेना आपको इस स्तिथि से सुरक्षित रखेगा।
अपने वजन का ध्यान रखें।
सही वजन में रहना बहुत जरूरी हैं। अपने डॉक्टर से बात करिए कि आपके लिए सही वजन कितना है और उसी स्तर में रहने की कोशिश करें। आपके डॉक्टर आपको वजन बढ़ाने या घटाने में मदद कर सकते हैं।
ऐसे पदार्थों से दूर रहें जो आपके हॉरमोन के स्तर को बिगाड़ सकते हैं।
कुछ पदार्थ जैसे बीपीए (BPAs) और थेलेट्स (phthalates) शरीर में हार्मोन्स के स्तर को अंसांतुलित करते हैं। जरूरी है की आप इन पदार्थों के बारे में जाने और इनसे दूर रहें।
आईवीएफ जंक्शन में नेटवर्क पार्टनर हैं जो आहार प्रबंधन प्रदान करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि आपको पता है कि आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए वास्तव में क्या खाना चाहिए। आईवीएफ जंक्शन के आहार प्रबंधन भागीदार सुनिश्चित करते हैं कि आपके आहार संबंधी लक्ष्य आपकी आईवीएफ यात्रा के अनुरूप हों।
आईवीएफ के लिए आर्थिक तैयारी
· आईवीएफ एक महंगी प्रक्रिया है और अकसर इस प्रक्रिया के आर्थिक पहलू के बारे में कोई बात नही करता। अगर आप पहले से इस आर्थिक पहलू के बारे में सोचे तो जब तक आपका बच्चा इस दुनिया में आएगा तब तक आपकी आर्थिक स्तिथि ठीक होगी।
· आईवीएफ का खर्चा भारत और बाहर के देशों में कुछ ��ीजों पर निर्भर करता है।
· आईवीएफ एक बहुत ही विशेषज्ञ प्रक्रिया है और इसमें बहुत सारे विशेषज्ञों की जरूरत होती है, जैसे – सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञ, प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, नर्स, भ्रूणविज्ञानी और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम। यह सारे बहुत साल बिता देते हैं इन सब में महारत पाने में ताकि वो आईवीएफ कर सकें।
· एंड्रोलॉजी लैब को चलाने में बहुत सारे पैसे लगते हैं और इसलिए इनके द्वारा दी जाने वाली प्रक्रियां भी महंगी होती है।
· आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान कई सारे टेस्ट्स, जैसे – खून की जांच, सोनोग्राफी, स्पर्म का परीक्षण, हिस्टेरोस्कोपी, आदि किए जाते हैं ताकि बच्चा होने की संभावना बढ़ जाए।
· आईवीएफ प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के खर्चे के बारे में भी सोचना होगा। इस भाग में खर्चा कम करना सही नहीं होगा।
· जब आप आईवीएफ प्रक्रिया के आर्थिक स्तिथि के बारे में सोचे, तो यह सवाल खुद से जरूर करें कि क्या पैसे कम करने से मेरे स्वास्थ्य को कोई नुकसान तो नही पहुंचेगा? खर्चा कम करने के चक्कर में आपको कभी भी अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता नहीं करना चाहिए और हमेशा अच्छे और समर्थ विशेषज्ञों को ही चुनना चाहिए। कोई भी कीमत आपके स्वास्थ्य से ज्यादा नहीं है।
· आईवीएफ जंक्शन ने एक लागत कैलकुलेटर प्रदान किया है जो आपको शामिल वित्त का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है।
· हांलांकि पैसे के बारे में सोचना जरूरी है, कुछ रास्ते हैं जिससे आप इसका हिसाब लगा सकते हैं। आप कुछ विकल्पों के बारे में सोच सकते हैं जैसे ईएमआई (EMI) और लोन। आईवीएफ जंक्शन फर्टिलिटी प्रोग्राम और अनुभवी काउंसलर की मदद से आपकी सामर्थ्य के अनुसार ईएमआई योजना का लाभ उठाने में आपकी मदद कर सकता है।
आईवीएफ के लिए मानसिक तैयारी
जब आईवीएफ प्रक्रिया की बात आती है तो सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले दो सवाल हैं कि मैं खुद को आईवीएफ के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से कैसे तैयार करूं? ज्यादातर लोगों ने आईवीएफ चुनने से पहले सभी घरेलू नुस्खे अपना लिए होते हैं। इसके स��थ साथ यह प्रक्रिया बहुत लंबी और कठिन होती है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने मानसिकता का भी ध्यान रखें।
· इसके लिए आपको खुद से कुछ सवाल करने चाहिए, जैसे –
· क्या मैं मानसिक रूप में आईवीएफ के लिए तैयार हूं?
· क्या हम इस प्रक्रिया को पर्याप्त वक्त देने के लिए तैयार हैं?
· अगर आईवीएफ के दौरान हम अंडे या स्पर्म डोनर की जरूरत पड़ती है तो क्या उस स्तिथि से सहमत हैं?
· आईवीएफ प्रक्रिया के कई चरणों, जैसे पेग्नेंसी टेस्ट करते समय, के दौरान घबराहट हो सकती हैं क्या हम उसके लिए तैयार हैं?
· हमें सरोगेट की जरूरत भी पढ़ सकती है। क्या हम इस बात से सहमत हैं?
· आईवीएफ में कई बार एक से ज्यादा प्रेगनेंसी भी हो सकती है। क्या हम ऐसी स्तिथि के लिए तैयार हैं?
· क्या मेरे पास अपने तनाव को कम करने के लिए कुछ उपाय हैं?
· आईवीएफ प्रक्रिया में अकसर बहुत समय लग सकता है। क्या हम इतने लंबे समय तक उपचार ��ेने के लिए तैयार हैं?
इन सब सवालों के जवाब देते वक्त यह बहुत जरूरी है की आप अपने आप से बिलकुल सच बोलें। साथ साथ यह भी ध्यान रहें की इस प्रक्रिया के दौरान आपके डॉक्टर हमेशा आपके साथ हैं। आईवीएफ की सफलता उन पर भी निर्भर करती है और वो हर चरण में आपके साथ होंगें। आईवीएफ डॉक्टरों ने हजारों दंपत्ति को अपना बच्चा पाने में मदद की है और वो समझते हैं की आईवीएफ मानसिक स्तर को कैसे प्रभावित करता है। इसलिए आपकी मदद के लिए कई सारी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ साथ आप ऐसे समूह में शामिल हो सकते हैं जिसमे और दंपत्ति हो जो आईवीएफ इलाज ले रहे हो। ऐसे दंपत्तियों से आपको बहुत मदद और टिप्पणी मिल सकती है।
आईवीएफ जंक्शन में नेटवर्क पार्टनर हैं जो तनाव प्रबंधन में मदद करते हैं। आईवीएफ जंक्शन का फर्टिलिटी ग्रुप आपको अपने आईवीएफ प्रश्नों को साझा करने के लिए एक जगह प्रदान करता है, जिसका जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता है।
निष्कर्ष
हम आशा करते हैं की इस लेख से आपको अपने इस प्रश्न का उत्तर मिल गया हो की – आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी करते हैं? आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपको शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक तरीके से चुनौती देती है। इसलिए बहुत जरूरी होता है की आप अपने डॉक्टर और इस प्रक्रिया पर भरोसा रखें।
आप अपनी और मदद करने के लिए इस विषय में किताबें पढ़ सकते हैं। अपने आप को हर चरण पर याद दिलाएं की इतना लंबा और कठिन प्रक्रिया होने के बावजूद उसने सांकड़ों दंपत्ति को मां बाप बनने में मदद की है और विज्ञान में तरक्की की वजह से यह प्रक्रिया और बेहतर भी हुई है।
इसके अलावा अपने डॉक्टर की सलाह को हमेशा माने। उन्होंने अपने जीवन के कई साल लगाने के बाद इस में महारत हासिल की है। अच्छे से जान बूझ कर ही अपने लिए एक आईवीएफ डॉक्टर को चुने। साथ साथ अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखें।
जब आप विश्वास की यह छलांग लगाते हैं, तो हम भारत में उच्च योग्य आईवीएफ विशेषज्ञों की एक टीम के साथ इस प्रक्रिया में आपकी मदद करने के लिए मौजूद हैं।
Source: https://ivfjunction.com/blog/how-to-prepare-for-ivf-in-hindi/
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स्त्री रोगों में दूरबीन पद्धति से सर्जरी एक वरदान
�� लेखक परिचय डॉ. सुष्मिता मुखर्जी
मेडिकल की मेधावी छात्रा रहीं डॉ. सुष्मिता मुखर्जी एमबीबीएस, डीजीओ, एमडी और डीएनबी जैसी डिग्रियां प्राप्त कर चुकी हैं। आप इंडियन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियनंस एंड गायनेकोलोजिस्ट्स की फेलो रही हैं। डॉ. मुखर्जी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), एफओजीएसआई, इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन, इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी की आजीवन सदस्य हैं। ��ेप्रोस्कोपिक सर्जरी, हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी, आईवीएफ, सरोगेसी, हाई रिस्क प्रेगनेंसी में सिद्धहस्त डॉ. मुखर्जी करीब 28 सालों से मरीजों की सेवा मुस्कान के साथ कर रही हैं। 35 हजार से अधिक सर्जरी कर चुकीं डॉ. मुखर्जी को 20 से अधिक अवार्ड और सम्मान मिल चुके हैं। लेप्रोस्कोपी या दूरबीन पद्धति से ऑपरेशन मरीजों के लिए एक वरदान की तरह है। यह मिनिमल इनवेसिव सर्जरी का एक प्रकार है। इसमें पूरी सर्जरी शरीर में कुछ छेद कर, उपकरणों के माध्यम से की जाती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें आम सर्जरी की तुलना में मरीज को दर्द काफी कम होता है। इसमें काफी कम समय अस्पताल में रहना होता है और इसमें रिकवरी या स्वास्थ्य लाभ भी काफी तेजी से होता है। मरीज ऑपरेशन के अगले ही दिन चलने-फिरने की स्थिति में आ जाता है। मरीज को पतला भोजन भी दिया जा सकता है। मरीज बहुत जल्दी अपनी पुरानी नियमित दिनचर्या में लौट सकता है। स्त्री रोग की इन स्थितियों में कारगर है लेप्रोस्कोपी 1. फाइब्रोइड्ड जैसे यूटेराइन ट्यूमर्स को निकालने में। 2. पूरे गर्भाशय को निकालने में या हिस्टेरेक्टोमी। 3. ओवेरियन सिस्ट को निकालने में। 4. एक्टोपिक प्रेगनेंसी (जब भ्रूण गर्भाशय के अलावा कहीं चिपक जाता है। 5. ट्यूबल लिगेशन (महिला की नसबंदी या फेलोपियन ट्यूब्स को बांधना) फेलोपियन ट्यूब से ही अंडा ओवरी या अंडाशय से गर्भाशय में पहुंचता है। 6. इनफर्टिलिटी या बच्चा पैदा करने में अक्षमता। 7. बंद फेलोपियन ट्यूब्स को खोलने में। 8. एंडोमिट्रियोसिस। 9. पेल्विक एबसेस (जेनाइटल ट्रैक इंफेक्शन की आखिरी और गंभीर अवस्था) 10. यूटेराइन प्रोलेप्स। (जब गर्भाशय अपनी जगह से हट जाता है। ऐसा पेल्विक फ्लोर मसल्स के कमजोर होने से होता है। वे गर्भाशय को स्थिरता नहीं दे पाती हैं) ध्यान रखने योग्य बातें... उक्त बीमारियों की सर्जरी के लिए अनुभवी सर्जन की आवश्यकता होती है। सर्जन को लेप्रोस्कोपी के अच्छे ज्ञान और प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है। लेप्रोस्कोपी के उपकरण भी अच्छे होना चाहिए। इसमें कैमरा, मॉनिटर और ऊर्जा का स्रोत यानी बिजली आदि अच्छी होना चाहिए। हालांकि हर सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ कॉम्प्लीकेशंस की गुंजाइश होती है। इससे बचने के लिए गंभीरता से केस का अध्ययन, अच्छी जांच सुविधाएं, अच्छे एनेस्थीसिया विशेषज्ञ व सर्जन का चयन करना चाहिेए। Read the full article
#Gynecologicaldiseases#Laparoscopy#Medical#Telescopicsystem#Thesurgery#दूरबीनपद्धति#मेडिकल#लेप्रोस्कोपी#सर्जरी#स्त्रीरोग
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मातृत्व के सपने को साकार करने की और पहला कदम है – सही आईवीएफ सेंटर का चयन !!
माँ बनने का सपना हर महिला का होता है। क्योंकि बच्चे न सिर्फ परिवार को पूरा करते है बल्कि पूरे घर को खुशियों से भी भर देते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ दंपत्ति ऐसे होते हैं। जो काफी प्रयास के बाद भी प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असक्षम होते हैं और इसी वजह से काफी भावनात्मक अस्थिरता, चिंता से गुज़र रहे होते हैं।
आप निराश न हो, क्योकि अब एडवांस्ड मेडिकल साइंस की मदद से ज़्यादातर दंपत्ति अपने मातृत्व के सपने को साकार कर सकते हैं, बस जर्रूरत है सही सलाह और बेस्ट ट्रीटमेंट की।
अधिक जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://bit.ly/34xdxqu
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आईयूआई (iui) ट्रीटमेंट क्या है? IUI ट्रीटमेंट की जरूरत कब पड़ती है? मेल इनफर्टिलिटी में कैसे मददगार है iui उपचार? | iui treatment in hindi
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कानपुर में आईवीएफ (ivf) ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गर्भधारण आसान व सफल प्रक्रिया है। जानें गर्भावस्था के लिए आईवीएफ उपचार की लागत, सफलता दर, डॉक्टर, हॉस्पिटल, आदि | Best ivf treatment pregnancy, success rate, cost, doctor, hospital in hindi
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लखनऊ में आईवीएफ (ivf) ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गर्भधारण आसान व सफल प्रक्रिया है। जानें गर्भावस्था के लिए आईवीएफ उपचार की लागत, सफलता दर, डॉक्टर, हॉस्पिटल, आदि | Best ivf treatment pregnancy, success rate, cost, doctor, hospital in hindi
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लखनऊ में आईवीएफ (ivf) ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गर्भधारण आसान व सफल प्रक्रिया है। जानें गर्भावस्था के लिए आईवीएफ उपचार की लागत, सफलता दर, डॉक्टर, हॉस्पिटल, आदि | Best ivf treatment pregnancy, success rate, cost, doctor, hospital in hindi
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सही स्त्री रोग विशेषज्ञ कैसे चुने?
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ किसी भी स्त्री के महिला अंगों की डॉक्टर होती है। किसी भी महिला के जीवन के पहले महीने के बारे में बताने से लेकरउसके जीवन के आखरी महीने या मेनोपॉज (menopause) से संबंधित सभी लक्षणों में उसकी सहायता करने तक, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ किसी भी महिला के जीवन के प्रत्येक चरण पर उसकी सहायता करती है। बहुत से देशों में प्रसूति या प्रेगनेंसी (pregnancy) के डॉक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ एक ही डॉक्टर होते हैं, जो महिलाओं के अंगों से जुडी सभी बीमारियों और प्रेगनेंसी का इलाज करते हैं।
विषय–सूची
1. स्त्री रोग विशेषज्ञ क्या करते हैं। 2. सही स्त्री रोग विशेषज्ञ का चयन कैसे करें 3. टेक आवे
स्त्री रोग विशेषज्ञ क्या करती है? किसी भी महिला का स्वास्थ्य एक बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसमे कई चीजे आती हैं, जैसे उनके महीने या पीरियड्स (periods), प्रेगनेंसी, बच्चे की डिलीवरी, और उसके बाद बच्चे और मां की देख रेख। किसी भी स्वस्थ समाज के लिए, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बहुत जरूरी है क्योंकि औरतों के स्वास्थ्य को अकसर नज़रंदाज़ किया जाता है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने में कई साल की मेहनत लगती है। सबसे पहले 5.5 साल की एम.बी.बी.एस (MBBS) की पढ़ाई खत्म करनी होती है। इसमें एक साल की इंटर्नशिप भी मौजूद होती है जिसके बाद ही कोई व्यक्ति एक डॉक्टर कहलाया जाता है। उसके बाद स्त्री रोग विशेषज्ञता में पोस्ट ग्रेजुएशन करके ही आप एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बन सकते हैं। बहुत से डॉक्टर आगे भी पढ़ाई करते रहते हैं ताकि उन्हें इस विशेषज्ञता में और महारत हासिल हो। नीचे कुछ आम बीमारियां दी हैं, जिनका इलाज एक स्त्री रोग विशेषज्ञ करता है।
महीनों से संबंधित बीमारियां बहुत सी महिलाएं महीनों से संबंधित बीमारियों का सामना करती हैं जैसे बहुत ज्यादा खून बहना, हर महीने सही वक्त पर महीना ना आना, पीसीओएस (PCOS), गर्भ में फायब्रॉयड्स (fibroids) होना, आदि। इसके साथ साथ एक स्त्री रोग विशेषज्ञ महिलाओं को अपने महीने के दौरान सही तरीके से सफाई कैसे रखनी है और महीने के दौरान होने वाले लक्षणों के बारे में भी बताती है। हमारे देश में महीनों को ले कर कई गलत जानकारी फैली हुई हैं। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ सुनिश्चित करती है की वो लोगों को सही जानकारी दे पाए।
महिला रेपेरोडक्टीव सिस्टम से संबंधित बीमारियां एक स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला के रेपेरोडक्टीव सिस्टम से संबंधित बीमारियों का भी इलाज करती है। उससे जुड़ी किसी भी परेशानी को एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही पहचान कर ठीक कर सकती है।
बांझपन या इनफर्टिलिटी (infertility) आज के ज़माने में कई दम्पति को बांझपन का सामना करना पड़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। अगर महिला में किसी बीमारी की वजह से बांझपन होता है तो उसे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही ढूंढ कर ठीक करते है।
यौन संक्रमण या STI
यौन संक्रमण ऐसी बीमारियां हैं जो किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ संबंध बनाने से हो सकती है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही ऐसे यौन संक्रमणों का इलाज करते है। इसके साथ साथ वो लोगों को सुरक्षित तरह से संबंध बनाने पर भी सलाह देती हैं।
श्रोणि तल (पेल्विक फ्लोर) हेल्थ
स्त्री रोग विशेषज्ञ पेल्विक फ्लोर हेल्थ का भी ध्यान रखती है और कई बीमारियां जैसे योनि में संक्रमण, यूटेराइन प्रोलैप्स (गर्भाशय खिसककर बच्चेदानी का बाहर आना), यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस और पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन आदि को होने से रोकते है
प्रेगनेंसी
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रेगनेंसी के हर चरण में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह समय समय पर कई टेस्ट और सोनोग्राफी कर के सुनिश्चित करती है की मां और बच्चा दोनो स्वस्थ है। डिलीवरी के समय, मां की प्रेगनेंसी के अनुसार वह यह निर्णय भी लेते है की डिलीवरी किस माध्यम से की जाएगी। अगर कोई जोड़ा बांझपन से पीड़ित है तो वह उसके इलाज में भी सहायता करते है।
कैंसर के लिए स्क्रीनिंग
स्त्री रोग विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के रेपेरोडक्टीव सिस्टम के कैंसर की जांच करते है और उसके अनुसार एक ऑन्कोलॉजिस्ट को संदर्भित करते हैं।
परिवार नियोजन या फैमिली प्लानिंग
स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भनिरोधक तरीकों, सर्जरी और प्रक्रियाओं का सुझाव देकर परिवार नियोजन में मदद करते है। इन सब बातों से पता चलता है कि एक स्त्री रोग विशेषज्ञ सिर्फ एक ��हिला के लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए महत्वपूर्ण है। जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चा पैदा होने के बाद एक दम सही इलाज और जानकारी मिली है, वो खुद तो स्वस्थ होती ही है और साथ में उनके बच्चे भी ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इस के साथ साथ, समय समय पर एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाने से कई बीमारियां जैसे पीसीओएस, कैंसर, आदि सही समय पर पकड़े जा सकते हैं।
सही स्त्री रोग विशेषज्ञ का चुनाव कैसे करें?
सही स्त्री रोग विशेषज्ञ का चयन करते समय आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। जरूरी नहीं है कि एक डॉक्टर जो किसी के लिए सही वो वही आपके लिए भी सही हो। इसलिए जरूरी है की आपको अच्छे से पता हो की आप किस कारण से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहते हैं। नीचे कुछ ऐसे ��ातों के बारे में चर्चा की गई है जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।
आप एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श क्यों कर रहे हैं?
क्या आप सामान्य महिला रेपेरोडक्टीव हेल्थ के लिए दिखा रहे हैं, या प्रेगनेंसी या गर्भनिरोधक, या फैमिली प्लानिंग, आदि। इस प्रश्न का जवाब आपको एक दम साफ़ तरह से पता होना चाहिए।
आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ किन अस्पतालों में काम करते हैं?
यह जानना बहुत जरूरी है की आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ किस किस अस्पताल में काम करते हैं। ऐसा करना और भी आवश्यक है अगर आप प्रेगनेंसी के लिए एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ढूंढ रहे हैं क्योंकि प्रेगनेंसी में कभी भी आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है और इसलिए जरूरी है की वह अस्पताल आपके आस पास हो और वहां सब सुविधाएं आपके लिए किफायती हो। यह पता करना भी जरूरी है की उस अस्पताल में क्या इलाज किये जाते हैं।
क्या आप एक पुरुष स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ सहज हैं?
वैसे तो हर व्यक्ति को, चाहे पुरुष हो या महिला, स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने के लिए एक जैसी ट्रेनिंग ही मिलती है, परंतु अगर आप अपने इलाज के लिए एक महिला डॉक्टर ही चाहते हैं तो वो आपकी मर्जी है। इसके साथ साथ यह भी सुनिश्चित कर लें की अगर आपके डॉक्टर कहीं और व्यस्त हो तो उनकी जगह कौनसा स्त्री रोग विशेषज्ञ लेता है और क्या वो पुरुष है या महिला।
स्त्री रोग विशेषज्ञ की संबद्धता और प्रमाणन
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की संबद्धता और प्रमाणन( Affiliation and Certification) बहुत महत्वपूर्ण प्रमाण हैं और स्त्री रोग विशेषज्ञ को चुनने से पहले उसकी जांच हमेशा करनी चाहिए।
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स्त्री रोग विशेषज्ञ की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर जाके देखें।
कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञ समय समय पर अपने वेबसाइट और सोशल मीडिया को अपडेट करते हैं और मरीजों के विवरण भी डालते हैं। इन विवरण से आपको पता चलेगा की वह कैसे डॉक्टर है। परंतु यह याद रखें कि सब डॉक्टर अपनी वेबसाइट अपडेट नहीं करते हैं और इसलिए हो सकता है की आपको उनको वेबसाइट पर ऐसी मरीजों की विवरण न मिले। इसलिए जरूरी है ऐसे स्थिति में डॉक्टर की साख और प्रशिक्षण को देखना ज्यादा जरूरी है।
अतिरिक्त ट्रेनिंग
कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञ अतिरिक्त ट्रेनिंग लेते हैं ताकि वो ज्��ादा रिस्क वाले प्रेगनेंसी को भी संभाल पाए। इसमें वो कुछ प्रक्रियाएं जैसे लेप्रोस्कोपी (laparoscopy), हिस्ट्रोस्कॉपी (hysteroscopy), आदि को सीखते हैं। कोई भी स्त्री विशेषज्ञ चुनने से पहले यह सब भी देख लें ताकि अगर आप सुनिश्चित रहें की अगर आपकी प्रेगनेंसी के दौरान कोई कठिनाई आती है तो वह स्त्री रोग विशेषज्ञ उसे संभाल पाए।
स्त्री रोग विशेषज्ञ की विशेषज्ञता
स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुभव का बहुत महत्व है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ जिसके पास वर्षों का अनुभव है, उसने अपने कौशल को पूर्ण करने में बहुत समय बिताया है।
उपलब्धता
यह देखना बहुत जरूरी है कि क्या आपका और आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ का उपलब्ध रहने का समय मेल खाता है या नही क्योंकि यह बहुत आवश्यक है कि आप समय समय पर जांच करवाते रहें, खास तौर पर अगर आप प्रेगनेंट हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ का दृष्टिकोण
स्त्री रोग की जांचें बहुत ही ज्यादा निजी होती हैं इसलिए यह जरूरी हैकि आप उनके साथ बिल्कुल सुरक्षित और सहज हो। अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ कोई भी प्रक्रिया करने से पहले आपको अच्छे से उसके बारे में बताएंगे और हर चरण पर आपकी सहमति लेंगे। आज के ज़माने में ज्यादातर स्त्री रोग विशेषज्ञ इस बात का ध्यान रखते हैं।
अच्छा श्रोता
ज्यादातर महिलाओं को रेपेरोडक्टीव सिस्टम से संबंधित बीमारियों के बारे में बात करने में झिझक और शर्म होती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने इन सब के बारे में पढ़ाई कर उसमे महारत हासिल की है और इसलिए वो सुनिश्चित करते हैं की उनके मरीज खुल के अपनी तकलीफ सामने रख पाएं। यह सही इलाज के लिए बहुत आवश्यक है। कोई भी स्त्री विशेषज्ञ चुनने से पहले, ऊपर दिए हुए सभी बातों पर सोचना बहुत जरूरी है। आप एक ऐसे स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाना पसंद करेंगे जो आपको सहज महसूस करवाते हैं। नहीं तो आप हमेशा अपॉइंटमेंट से डरते रहेंगे। हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको समझ आया होगा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ क्या करते हैं? और आप यह भी जान गए होंगे कि यह भी जरूरी है किआपके डॉक्टर आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं।
टेक अवे
हर जगह गलत सूचना है – अपने पीरियड्स के दौरान ऐसा न करें, गर्भवती होने पर वह न खाएं, जब आप बड़े हों तो इस गर्भनिरोधक का उपयोग न करें, बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन करें – यदि आप एक ऐसी महिला है जो अपने रेपेरोडक्टीव सिस्टम के बारे में बातचीत करना चाहती है तो यह सब बकवास टिप्पणियाँ कभी खत्म नहीं होती और सब लोग एक विशेषज्ञ के रूप में बात करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में यह महत्वपूर्ण है कि आपके साथ सम्मान और दयालुता का व्यवहार किया जाए। आईवीएफ जंक्शन (IVF Junction) पर हम आपकी सही जानकारी पाने की इच्छा का सम्मान करते हैं। हम ऐसे डॉक्टरों से जुड़े हैं जिनका मुख्य ध्यान सिर्फ अपने मरीजों का सही इलाज है। आईवीएफ जंक्शन सपोर्ट फोरम सभी प्रकार के प्रश्नों का स्वागत करता है ताकि आप अपने प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में कोई भी प्रश्न प्रस्तुत कर सकें। आईवीएफ जंक्शन सब विशेषज्ञों से सूचनात्मक सामग्री लाने में मदद करता है। हम आपकी यात्रा के दौरान आपका समर्थन करने के लिए हैं – चाहे वह बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य, आईवीएफ उपचार, बांझपन सहायता, और वित्तीय उपचार के लिए तैयारी हो।
Source: https://bit.ly/3xptrzh
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आईवीएफ भ्रूण स्थानांतरण के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण | Embryo transfer pregnancy
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बांझपन की समस्या का उपचार आईवीएफ से जुड़े मिथ व तथ्य? | Facts about ivf in hindi
इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ की प्रक्रिया प्रजनन समस्याओं (fertility problems) के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। इसकी मदद से दंपत्ति माता-पिता बनने का सुख प्राप्त कर सकते हैं। आईवीएफ की प्रक्रिया में महिला के ओवरीज़ से अंडों को बाहर निकालकर स्पर्म के साथ लैब में फर्टीलाइज़ किया जाता है। जिसके बाद, फर्टीलाइज्ड भ्रूण (fertilized embryo) को गर्भाशय (uterus) में डाल दिया जाता है। आईवीएफ के प्रत्येक चक्र को पूरा होने में दो हफ्ते या उससे अधिक लगते हैं। इसे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (assistant reproductive technology) के सबसे प्रभावी रूपों में से एक माना जाता है। हालांकि, कई कारक हैं, जो आईवीएफ के माध्यम से स्वस्थ बच्चे होने की संभावना को प्रभावित करते हैं। इस तकनीक से जुड़े कुछ मिथ और तथ्य भी हैं, जो एक दंपत्ति को ज़रूर जानने चाहिए। इस लेख में हम आईवीएफ़ से जुड़े अलग-अलग मिथ और तथ्यों की बात करेंगे।
जीवनशैली में बदलाव करने से आईवीएफ का सफल होना फ़ैक्ट या मिथ/IVF can be successful by changing lifestyle Fact or myth in hindi
मिथ : लाइफस्टाइल में बदलाव करने से आईवीएफ सफल हो सकता है।
फैक्ट: अगर आप व्यायाम करना शुरू करते हैं, बेहतर आहार लेते हैं, सेहतमंद जीवनशैली बनाए रखते हैं और धूम्रपान और अल्कोहल से अपने आपको दूर रखते हैं तो ये अच्छी बात है। हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि जीवनशैली में बदलाव कर के आप आईवीएफ की मदद से आसानी से कंसीव कर सकते हैं। ये सावधानियाँ आपके कंसीव करने की संभावनाओं को बढ़ा ज़रूर सकती है। वहीं पोषण की कमी आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है। 30 से ऊपर बीएमआई (body mass index) वाली महिलाएं या जो कम वजन की हैं, उन्हें भी बच्चे को जन्म देने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। वास्तव में पर्याप्त नींद आईवीएफ के सफल होने में मदद कर सकती है। शोध के अनुसार जो महिलाएं रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेती हैं उनमें आईवीएफ के सफल होने की संभावना अधिक होती है।
आईवीएफ उपचार के दौरान अस्पताल में एडमिट होना फ़ैक्ट या मिथ/ IVF requires admission in hospital Fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ़ उपचार के दौरान अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है और पूरी तरह से बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है।
फैक्ट: आईवीएफ में केवल अंडे के संग्रह (egg collection) की प्रक्रिया के लिए मरीज़ को एक दिन के लिए अस्पताल में रहना पड़ता है। आईवीएफ के लिए अस्पताल में रातभर रहना आवश्यक नहीं है। वास्तव में देखा जाए तो महिला की स्थिति के आधार पर ही उन्हें बेडरेस्ट करने या न करने की सलाह दी जाती है।
आईवीएफ इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है फ़ैक्ट या मिथ/IVF is one of the best solution of infertility problems Fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ़ इंफर्टिलिटी की समस्या का सबसे बेहतरीन उपचार है।
फैक्ट: वास्तव में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। उपचार प्रत्येक दंपत्ति के कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कितने समय से एक दंपत्ति गर्भ��ती होने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी उम्र और टेस्ट के परिणाम। उदाहरण के तौर पर, एक महिला के थायरॉयड ग्लैंड (thyroid gland) में प्रॉब्लम होने के कारण वो ओव्युलेट नहीं कर पाती है। हालांकि थायरॉयड हार्मोन को ठीक करने से उसका ओव्यूलेशन शुरू हो सकता है और वो गर्भधारण कर सकती है। वहीं अगर सीमेन एनालिसिस (semen analysis) के बाद ये पता चलता है कि पुरुष के स्पर्म (sperm) की क्वालिटी (quality) अच्छी नहीं है, तो उस व्यक्ति के लिए इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन (intrauterine insemination) कराना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। दूसरी तरफ अगर एक महिला ओव्युलेट नहीं करती है, तो उस महिला को ओव्युलेशन के लिए दवा देना सबसे उपयुक्त उपचार होगा। ऐसे में आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन (artificial insemination) की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा जिन महिलाओं की फॉलोपियन ट्यूब (fallopian tube) ब्लॉक होती है, उनका उपचार आईवीएफ की मदद से किया जाता है, हालांकि सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है।
Read Also: अच्छी फर्टिलिटी क्लिनिक खोजने से पहले जरूर ध्यान दे यह 6 बातें
आईवीएफ की सफलता दर बहुत अधिक है फ़ैक्ट या मिथ/Success rate of IVF is very high Fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ की सफलता की दर बहुत अधिक है और पहली बार में ही एक महिला कंसीव कर सकती है।
फैक्ट: आईवीएफ 40% मामलों में सफल होता है। गर्भधारण करने के लिए कुछ मामलों में एक से दो चक्रों की आवश्यकता हो सकती है। सफलता महिला की आयु, इनफर्टिलिटी के कारण, बायोलॉजिकल (biological) और हार्मोनल (hormonal) कारणों, क्लिनिक और फर्टिलिटी डॉक्टर की साख (credentials) जैसे कारकों पर निर्भर करती है।
आईवीएफ के माध्यम से जन्म लेने वाले शिशुओं में जन्म दोष हो सकते हैं फ़ैक्ट या मिथ/Babies conceived through IVF may have a higher chance of birth defects: fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ के माध्यम से जन्म लेने वाले शिशुओं में जन्म दोष, कम वज़न या विकास संबंधी देरी की संभावना अधिक हो सकती है।
फैक्ट: आईवीएफ की मदद से जन्मे बच्चों में किसी भी तरह के विकृति (malformation) होने का रिस्क प्राकृतिक रूप से जन्म लेने वाले बच्चों के सामान ही होता है। जिन दंपतियों में फर्टिलिटी से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती और जो प्राकृतिक रूप से बच्चे को जन्म देते हैं, उनमें भी 3-5 प्रतिशत तक बर्थ डिफेक्ट होने का रिस्क होता है। इसके अलावा उनमें विकास में देरी का अनुभव होने की संभावना एक से दो प्रतिशत होती है। हालांकि इनफर्टिलिटी का अनुभव करने वाली महिलाओं में प्रेगनेंसी से जुड़े कौम्प्लीकेशन (complications) का रिस्क अधिक हो सकता है। ये रिस्क ओवेरियन स्टिम्युलेशन (ovarian stimulation) के कारण बढ़ जाता है, जिससे एक से अधिक बच्चे के होने का रिस्क बढ़ सकता है। वहीं आईवीएफ से पैदा हुए बच्चे प्राकृतिक रूप से जन्मे बच्चों की तुलना में थोड़े छोटे हो सकते हैं, हालांकि ऐसा होने के मौके भी बहुत कम है।
आईवीएफ इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने का पहला विकल्प नहीं हो सकता है। लेकिन अधिक उम्र और कई तरह की समस्याओं का सामना करने वाले दंपत्तियों के लिए यह वरदान है। आईवीएफ की मदद से गर्भवती होना कुछ के लिए आसान है और वहीं कुछ के लिए कठिन। इनसे जुड़े कई मिथ और फ़ैक्ट हैं जिनकी जानकरी होना आवश्यक है।
Original Source: https://zealthy.in/health-article/common-myths-and-facts-related-to-ivf-infertility-treatment-in-hindi
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