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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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zealthy · 5 years ago
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बांझपन की समस्या का उपचार आईवीएफ से जुड़े मिथ व तथ्य? | Facts about ivf in hindi
इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ की प्रक्रिया प्रजनन समस्याओं (fertility problems) के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। इसकी मदद से दंपत्ति माता-पिता बनने का सुख प्राप्त कर सकते हैं। आईवीएफ की प्रक्रिया में महिला के ओवरीज़ से अंडों को बाहर निकालकर स्पर्म के साथ लैब में फर्टीलाइज़ किया जाता है। जिसके बाद, फर्टीलाइज्ड भ्रूण (fertilized embryo) को गर्भाशय (uterus) में डाल दिया जाता है। आईवीएफ के प्रत्येक चक्र को पूरा होने में दो हफ्ते या उससे अधिक लगते हैं। इसे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (assistant reproductive technology) के सबसे प्रभावी रूपों में से एक माना जाता है। हालांकि, कई कारक हैं, जो आईवीएफ के माध्यम से स्वस्थ बच्चे होने की संभावना को प्रभावित करते हैं। इस तकनीक से जुड़े कुछ मिथ और तथ्य भी हैं, जो एक दंपत्ति को ज़रूर जानने चाहिए। इस लेख में हम आईवीएफ़ से जुड़े अलग-अलग मिथ और तथ्यों की बात करेंगे।
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जीवनशैली में बदलाव करने से आईवीएफ का सफल होना फ़ैक्ट या मिथ/IVF can be successful by changing lifestyle Fact or myth in hindi
मिथ : लाइफस्टाइल में बदलाव करने से आईवीएफ सफल हो सकता है।
फैक्ट: अगर आप व्यायाम करना शुरू करते हैं, बेहतर आहार लेते हैं, सेहतमंद जीवनशैली बनाए रखते हैं और धूम्रपान और अल्कोहल से अपने आपको दूर रखते हैं तो ये अच्छी बात है। हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि जीवनशैली में बदलाव कर के आप आईवीएफ की मदद से आसानी से कंसीव कर सकते हैं। ये सावधानियाँ आपके कंसीव करने की संभावनाओं को बढ़ा ज़रूर सकती है। वहीं पोषण की कमी आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है। 30 से ऊपर बीएमआई (body mass index) वाली महिलाएं या जो कम वजन की हैं, उन्हें भी बच्चे को जन्म देने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। वास्तव में पर्याप्त नींद आईवीएफ के सफल होने में मदद कर सकती है। शोध के अनुसार जो महिलाएं रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेती हैं उनमें आईवीएफ के सफल होने की संभावना अधिक होती है।
आईवीएफ उपचार के दौरान अस्पताल में एडमिट होना फ़ैक्ट या मिथ/ IVF requires admission in hospital Fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ़ उपचार के दौरान अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है और पूरी तरह से बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है।
फैक्ट: आईवीएफ में केवल अंडे के संग्रह (egg collection) की प्रक्रिया के लिए मरीज़ को एक दिन के लिए अस्पताल में रहना पड़ता है। आईवीएफ के लिए अस्पताल में रातभर रहना आवश्यक नहीं है। वास्तव में देखा जाए तो महिला की स्थिति के आधार पर ही उन्हें बेडरेस्ट करने या न करने की सलाह दी जाती है।
आईवीएफ इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है फ़ैक्ट या मिथ/IVF is one of the best solution of infertility problems Fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ़ इंफर्टिलिटी की समस्या का सबसे बेहतरीन उपचार है।
फैक्ट: वास्तव में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। उपचार प्रत्येक दंपत्ति के कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कितने समय से एक दंपत्ति गर्भवती होने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी उम्र और टेस्ट के परिणाम। उदाहरण के तौर पर, एक महिला के थायरॉयड ग्लैंड (thyroid gland) में प्रॉब्लम होने के कारण वो ओव्युलेट नहीं कर पाती है। हालांकि थायरॉयड हार्मोन को ठीक करने से उसका ओव्यूलेशन शुरू हो सकता है और वो गर्भधारण कर सकती है। वहीं अगर सीमेन एनालिसिस (semen analysis) के बाद ये पता चलता है कि पुरुष के स्पर्म (sperm) की क्��ालिटी (quality) अच्छी नहीं है, तो उस व्यक्ति के लिए इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन (intrauterine insemination) कराना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। दूसरी तरफ अगर एक महिला ओव्युलेट नहीं करती है, तो उस महिला को ओव्युलेशन के लिए दवा देना सबसे उपयुक्त उपचार होगा। ऐसे में आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन (artificial insemination) की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा जिन महिलाओं की फॉलोपियन ट्यूब (fallopian tube) ब्लॉक होती है, उनका उपचार आईवीएफ की मदद से किया जाता है, हालांकि सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है।
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आईवीएफ की सफलता दर बहुत अधिक है फ़ैक्ट या मिथ/Success rate of IVF is very high Fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ की सफलता की दर बहुत अधिक है और पहली बार में ही एक महिला कंसीव कर सकती है।
फैक्ट: आईवीएफ 40% मामलों में सफल होता है। गर्भधारण करने के लिए कुछ मामलों में एक से दो चक्रों की आवश्यकता हो सकती है। सफलता महिला की आयु, इनफर्टिलिटी के कारण, बायोलॉजिकल (biological) और हार्मोनल (hormonal) कारणों, क्लिनिक और फर्टिलिटी डॉक्टर की साख (credentials) जैसे कारकों पर निर्भर करती है।
आईवीएफ के माध्यम से जन्म लेने वाले शिशुओं में जन्म दोष हो सकते हैं फ़ैक्ट या मिथ/Babies conceived through IVF may have a higher chance of birth defects: fact or myth in hindi
मिथ : आईवीएफ के माध्यम से जन्म लेने वाले शिशुओं में जन्म दोष, कम वज़न या विकास संबंधी देरी की संभावना अधिक हो सकती है।
फैक्ट: आईवीएफ की मदद से जन्मे बच्चों में किसी भी तरह के विकृति (malformation) होने का रिस्क प्राकृतिक रूप से जन्म लेने वाले बच्चों के सामान ही होता है। जिन दंपतियों में फर्टिलिटी से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती और जो प्राकृतिक रूप से बच्चे को जन्म देते हैं, उनमें भी 3-5 प्रतिशत तक बर्थ डिफेक्ट होने का रिस्क होता है। इसके अलावा उनमें विकास में देरी का अनुभव होने की संभावना एक से दो प्रतिशत होती है। हालांकि इनफर्टिलिटी का अनुभव करने वाली महिलाओं में प्रेगनेंसी से जुड़े कौम्प्लीकेशन (complications) का रिस्क अधिक हो सकता है। ये रिस्क ओवेरियन स्टिम्युलेशन (ovarian stimulation) के कारण बढ़ जाता है, जिससे एक से अधिक बच्चे के होने का रिस्क बढ़ सकता है। वहीं आईवीएफ से पैदा हुए बच्चे प्राकृतिक रूप से जन्मे बच्चों की तुलना में थोड़े छोटे हो सकते हैं, हालांकि ऐसा होने के मौके भी बहुत कम है।
आईवीएफ इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने का पहला विकल्प नहीं हो सकता है। लेकिन अधिक उम्र और कई तरह की समस्याओं का सामना करने वाले दंपत्तियों के लिए यह वरदान है। आईवीएफ की मदद से गर्भवती होना कुछ के लिए आसान है और वहीं कुछ के लिए कठिन। इनसे जु���़े कई मिथ और फ़ैक्ट हैं जिनकी जानकरी होना आवश्यक है।
Original Source: https://zealthy.in/health-article/common-myths-and-facts-related-to-ivf-infertility-treatment-in-hindi
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