#अस्पष्ट बस
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crying4all · 5 months ago
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कान्हा तुम्हें समर्पित यह क्रंदन…
कृष्ण की मुस्कान वह समर के आरब्ध पर आज क्यों अस्पष्ट है आख्यान वो प्रारब्ध पर? अधीरता से देखता हूं सृष्टि परावार को नैकशेय बुद्ध हो घूमते हैं समष्टि के उपकार को धर्म था की त्यज्य था निजप्राण भी कारूण्य पर सम्राट ही अब तोड़ते हैं साम्राज्य के आधार को। मदांधता कि प्राचीर पर, धृष्टता की है पताका, कुरु हुए हैं राट और मातुल बने हैं न्यायदाता। अनायसंगत ‘न्याय’ हैं और कुंठित तर्क हैं। कूपमंडूक विद्वता है या यह है नपुंसक दासता? धर्मसंकट है विकट, यह धर्म ही संकट में है राजृषियों की इस सभा में अब सत्य का संबल नहीं है अधर्मियों और कुकर्मियों के वर्ग कई हैं बस रहे… यदि नहीं है… तो पंथों से कटकर मरी इस मनुष्यता का दल नहीं है निकृष्ठता के यज्ञ में देते आहुति निज प्राण की मनुष्य ही को मार दे, यह दर्शनों का तल नहीं है। इस व्यूह का कोई हल नहीं है द्यूत खेल है अब छल नहीं है जल रहा संसार सारा बस तृष्णता है, जल नहीं है। दृश्यता एक कल्पना है, अदृश्य हूं हर श्वास में भाग्यरश्मि ढूंढता हूं पश्चिमी आवास में पूर्ण का परिचित मगर शून्यता पहचान है निस्तेज सी निष्प्राण देह, निःशब्द सा एक गान है, भूमि का अपमान मैं कुछ पुरुष यह व्यवधान है, रिक्त मन देखता यह शक्ति का अवसान है। निज देह में निःस्तब्धता, अश्रुपूरित, विवर्ण सा आग्नेय मैं, एक पितृद्रोही! हेमंत के एक पर्ण सा। इंद्र का अधिकार वह महासिंधु का मह ज्वार भी, कर्म की विपरीत धारा, बंद होते द्वार भी, दर्मज्ञ दृष्टा देखता है बच रहा बस द्वेष है क्रोध बन कर्तव्य सा, एक क्रंदित आवेश है। चैतन्य की एक डोर थामे, अनभिज्ञ था मैं दंभ से, साक्षी हां रहा किंतु तिमिर का आरंभ से। नीचता की बात करते, ये मन तुम्हारे नीच हैं यम के आवरण में ढके पर वासना के बीच हैं धर्म बस है यही की भेद ही अन्याय है। कामुकता और भ्रांतियाँ सब अंतःकरण में बीज हैं- एक रक्तिम निर्झरी में डूबते अवरोध के, धर्म के आह्वान पर जलकांत के उस क्रोध के, रूदन के, मृत्यु के और अंतरिम प्रतिशोध के, शत्रु बने हैं आज जो उस मर चुके न्यवग्रोध के। कोई आश्रित है नहीं और कोई किसी पर ‘सर’ नहीं है। दृष्टा जो थे सत्य तो फिर कोई भी तो ‘पर’ नहीं है। आज समर अंतर्निहित है और कौरव निज विचार, जो अनुज के प्राण साधे, सर्प है वो, नर नहीं है। अप्लज्ञानियों की धृष्टता का भला कोई अंत था? अरे! यातना जो थी सनातन तो सनातन संत था। विनम्रता और सौम्यता का हि तो तन निमित्त है है शील, धीरज, संतोष, प्रेम तो सनातन चित्त है। विवेक का वह प्रज्वलन, घेरे आशंकित मेघ सघन, कान्हा! बस तुम्हे समर्पित यह क्रंदन
-Puneet Singh Ratnu
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ankitashambhawi · 4 years ago
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भोर हुई है. नींद किसी बुरे सपने की वजह से, बुरी तरह टूटी है. पूरा बदन गर्म.
अच्छे सपने हम सभी को बता सकते हैं, बुरे सपने शायद ही बता पाएँ, वरना स्थिति कुछ ऐसी होगी कि हमें ही दोबारा उस चीज़ से दो-चार होना होगा, जिससे डरकर हमारी नींद टूटी, लेकिन सामने वाले को ये सब बड़ा उलझाऊ और अस्पष्ट लगेगा.
एक काली बिल्ली जब सामने होती है तो उतना डर नहीं लगता, जितना उसे सपने में, रात के अंधेरे में, अपनी डरावनी चमकती आँखें लिए, किचन की खुली हुई खिड़की से अचानक कूद कर अंदर आते देखकर लगता है.
आप उसे भगाना चाहो और वो चुपचाप आपको घूरती रहे...
सपनों की साइकोलॉजी भी बड़ी रहस्यमयी चीज़ है, इसपर कितने भी आर्टिकल्स पढ़ जाओ आपको ख़ुद के लिए बुरे सपनों से बचने का तरीक़ा शायद ही मिले!
अभी भी वो सपना मेरे इर्द-गिर्द बना हुआ है, जिसमें मुझे कोई छू रहा है, अजीब तरीक़े से. या कोई रेंगने वाली चीज़ मुझे जकड़ रही है. ये लिखते हुए मेरा मन जुगुप्सा और सिहरन से भर उठता है.
मैं ऐसे दुःस्वप्नों से मुक्ति पाना चाहती हूँ, कितनी भी कोशिश कर लूँ, नहीं होता! ये अंतहीन है. सपने वास्तविक लगते हैं, वो दिन चढ़ने तक आपको haunt करते हैं, आपमें समाए रहते हैं.
आप किसी को समझा नहीं पाते कि क्या वजह है कि आप सामान्य महसूस नहीं कर पा रहे हैं, ये लगभग उसी तरह की असहायता है कि आपको प्यास तो लगी है लेकिन आप अपने मुँह से ये किसी भी तरह बता नहीं पा रहे कि आपको पानी चाहिए...
बस एक गिलास ठंडा पानी.
~ ankita shambhawi
6:06 a.m.
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ckpcity · 4 years ago
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अमेरिका ने चीनी सीमा आक्रामकता पर भारत के साथ 'जबरदस्त सहयोग' को बरकरार रखा है, शीर्ष दूत अंब जस्टर कहते हैं
अमेरिका ने चीनी सीमा आक्रामकता पर भारत के साथ ‘जबरदस्त सहयोग’ को बरकरार रखा है, शीर्ष दूत अंब जस्टर कहते हैं
ट्रम्प प्रशासन ने नवीनतम चीनी सीमा आक्रामकता पर भारत के साथ घनिष्ठ संपर्क और “जबरदस्त सहयोग” बनाए रखा है, नई दिल्ली में अमेरिका के शीर्ष दूत ने कहा है कि पिछले छह महीने द्विपक्षीय संबंधों के मामले में अभूतपूर्व रहे हैं।
5 मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ कई क्षेत्रों में भारत और चीन के सैनिकों को गतिरोध में बंद कर दिया गया है। गालवान घाटी में पिछले महीने हालात बिगड़ गए थे,…
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lok-shakti · 2 years ago
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मौत की पहेली ब्रिटेन की विधवा: मुझे म्यांमार के निर्वासन का डर है
मौत की पहेली ब्रिटेन की विधवा: मुझे म्यांमार के निर्वासन का डर है
एक ब्रिटिश व्यक्ति की विधवा, जिसकी लंदन में “संदिग्ध” मौत अस्पष्ट बनी हुई है, उसके परिवार के अनुसार, म्यांमार को निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है और इसकी क्रूर सेना द्वारा लक्षित होने का डर है। पान ई फुयू को गृह कार्यालय द्वारा बताया गया है कि वह यूके में नहीं बस सकती है। जब 32 वर्षीय “दर्दनाक” का वीजा दो सप्ताह में समाप्त हो जाता है, तो उसे उस देश में भेजे जाने का सामना करना पड़ता है जिसने…
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teenpati22 · 3 years ago
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द मोस्ट इम्पोर्टेन्ट विनिंग पोकर बुक - योर जर्नल
तीन पत्ती क्यों है?
तीन पत्ती एक ड्रा आउट गेम ह���। यह वास्तव में प्रभावी धन प्रबंधन के समान नहीं है, आपके अपवाद के साथ कोई अन्य व्यक्ति आपके लिए ऐसा नहीं कर सकता है। आपको खुद कैश लाना होगा। किसी भी स्थिति में, आप व्यवस्था किए बिना, रिकॉर्ड रखने, परिणामों का अनुसरण करने, नए खुले दरवाजे तोड़ने और नए विकल्पों की जांच किए बिना योगदान नहीं देंगे। ऐसा नहीं है? समकक्ष पोकर के लिए मान्य है। भयानक खिलाड़ी (मछली) कुछ भी रिकॉर्ड नहीं करते हैं। वे कुछ भी ट्रैक नहीं करते हैं। वे आज यादगार वास्तविक कारकों पर आधारित विकल्पों पर समझौता नहीं करते हैं। पोकर की दुनिया में वे जिस साइट (या टेबल) पर हैं और विभिन्न गंतव्यों पर खेलने के बीच के अंतर के बारे में उनके पास सबसे अस्पष्ट विचार नहीं है। वे बस नीचे गिर जा��े हैं, अंधे हो जाते हैं और खेलना शुरू कर देते हैं। मछली जब तक संभव हो पोकर न खेलें। वे अभी के लिए खेलते हैं! यह हाथ! यह दूसरा! यह बैठक! इस घटना में कि वे जीतते हैं वे उत्साहित हैं। यह मानते हुए कि वे हार गए हैं, वे निराश हैं। वे हैं… एक शब्द में… हताहत!
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आप स्पष्ट रूप से इससे अधिक होने का प्रयास करते हैं। किसी भी मामले में, कई खिलाड़ी जो सबसे शक्तिशाली टूल पोकर को और अधिक पास करने का प्रयास करते हैं - ऐतिहासिक वास्तविकता तालिका में लाते हैं। प्रामाणिक सत्य हुआ। यह कैसे काम किया। यह क्यों काम किया। चूंकि, क्या सोचें… यह दोहराएगा!
यदि आप रिकॉर्ड नहीं रखते हैं तो आप अपने गलत कदमों से उतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ सकते जितना आपको चाहिए। शायद आपको उनसे कोई लाभ नहीं होगा। शायद आप कुछ समय के लिए आगे बढ़ेंगे और बाद में इसे एक बार फिर भूल जाएंगे। आपकी पोकर डायरी वह तरीका है जिसके द्वारा आप मौजूद सबसे प्रभावशाली पोकर डिवाइस को टैप करते हैं।
इस घटना में कि आप रिकॉर्ड नहीं रखते हैं तो आप सबसे शक्तिशाली टूल पोकर को पास कर देते हैं - आपका दिमाग। आपकी बौद्धिक क्षमता वह चीज है जो आपको स्टोर में लाएगी। अपनी भविष्य की उपलब्धि या असफलता के लिए रास्ता तय करना। चूंकि… एक आदमी जैसा सोचता है… वह भी वैसा ही है! बाइबल: नीतिवचन
आप एक पीसी स्क्रीन पर घंटों तक देखते हैं, हाथ खेलते हैं, अवलोकन करते हैं, चित्रण सीखते हैं (महान और भयानक)। आप लेख और किताबें पढ़ते हैं, अन्य पोकर खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हैं, और अन्य लोगों को नोटिस करते हैं जो आपसे अधिक प्रतिभाशाली हैं। यह डेटा कहां जाता है? यह केवल आपके दिमाग में नहीं जा सकता। आपका सिर एक भयानक रिकॉर्ड प्रबंधक है। यह भावनाओं से नियंत्रित होता है, इसमें बहुत सारे गैर-पोकर कार्य होते हैं, और यह सामान्य रूप से पोकर में सबसे भयानक समय पर ��पको बम से उड़ा देगा। इस प्रकार, अपने सिर पर निर्भर होने के बजाय, अपनी पोकर डायरी पर निर्भर रहें। एक पोकर डायरी हमेशा याद रहेगी। आपको इसका बार-बार सर्वेक्षण करना चाहिए। साथ ही, जिस तरह से आपने चीजों को रिकॉर्ड किया है, वह आपको उनका विस्तार करने और उन पर अधिक विचार करने के लिए प्रेरित करेगा।
पोकर डायरी रखने का तरीका और क्यों है।
आदर्श रूप से मैंने आपको आश्वस्त किया है कि एक पोकर डायरी वास्तव में आपके पोकर गेम में मूल्य और परिणाम जोड़ देगी। मूल रूप से HOW सीधा है। बस इसे पूरा करना शुरू करें! बहरहाल, यहां कुछ चीजें हैं जो मैंने अपनी पोकर डायरी के साथ काफी लंबे समय से हासिल की हैं। आदर्श रूप से आप उनमें से कुछ का उपयोग कर सकते हैं।
जबकि आप अपने पीसी पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से पोकर डायरी रख सकते हैं, मैं इसका सुझाव नहीं देता। और यह ध्यान में रखते हुए कि कोई भी पुराना घुमावदार नोट पैड करेगा, मैं आपसे कुछ और महत्वपूर्ण प्राप्त करने का आग्रह करूंगा। आपका बाद में मौका निकल गया है, एक डायरी के लिए शॉपिंग आउटिंग पर जाएं। इलेक्ट्रॉनिक डायरी के बारे में, इन पंक्तियों के साथ इसके बारे में सोचें; लंबे समय से किसी भी समय आपको कितने पीसी रिकॉर्ड मिल सकते हैं? अपेक्षाकृत कम। आपके बड़े होने के अनुभव से आपके पास कितनी तस्वीरें हैं? सबसे अधिक संभावना एक महत्वपूर्ण संख्या है। वास्तविक चीजें सुपर टिकाऊ होती हैं, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्रभावी रूप से खो जाते हैं, उपेक्षित या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। तो असली चीज़ के लिए जाओ।
मैं बार्न्स एंड नोबल में खरीदे गए एक फिर से भरने योग्य काउहाइड डायरी कवर का उपयोग करता हूं। यहाँ कारण है। बछड़ा महान है! यह आपके चिंतन को महत्व और भारी देता है। काउहाइड बेहद टिकाऊ और सांत्वना देने वाला होता है। जब आप इस डायरी में लिखते हैं तो यह आपको बेहतर बनने के लिए आकर्षित करता है। यह वैसे ही रिफिल करने योग्य है और इसमें कई पेन के लिए जगह है। यह सब मेरे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरी डायरी पूरी तरह से तैयार हो और मेरे जीवन के तरीके को बनाए रखे। मैं घड़ी की कल की तरह लगभग 1 शीर्ष से गुजरता हूं और मैं संदर्भ के लिए पुरानी डायरी को स्पष्ट रूप से सहेजता हूं। मैं अपनी डायरी व्यावहारिक रूप से लगातार अपने साथ रखता हूं, और मैं इसमें अक्सर नोट्स बनाता हूं।
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chandramurty · 3 years ago
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चेतना के सात अध्याय
जब कभी हम भविष्य की कोई योजना बना रहे होते हैं, तो हम कल्पना-लोक में होते हैं। कल्पना का यह लोक यथार्थ नहीं होता है । कल्पना लोक एक तरह से स्वप्न-लोक ही है । जब हम जब कभी अतीत की किसी याद में खोए हुए रहते हैं, तो उस वक्त हम स्मृति-लोक में होते हैं। यह स्मृति-लोक भी एक दूसरे प्रकार का स्वप्न-लोक है, अत: समग्र रूप से वर्तमान में रहना ही चेतना की जागृत अवस्था है।
स्वप्नावस्था जागृति और निद्रा के बीच की अवस्था होती है , थोड़े -थो��़े जागे, थोड़े -थोड़े सोए से रहें ,ऐसी अवस्था मे अस्पष्ट अनुभवों का घाल-मेल रहता है । इस यह घाल-मेली चेतना ही स्वप्न की चेतना है ।
चेतना की सुषुप्तावस्था हमारी समस्त इन्द्रियों के विश्राम क��� अवस्था है। सुषुप्तावस्था में हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ और हमारी कर्मेन्द्रियाँ अपनी सामान्य गतिविधि को रोक कर विश्राम की अवस्था में चली जाती हैं। यह अवस्था सुख-दुःख के अनुभवों से मुक्त होती है। किसी प्रकार के कष्ट या किसी प्रकार की पीड़ा का अनुभव नहीं होता। इस अवस्था में न तो कोई क्रिया होती है, न क्रिया होने की संभावना, यही सुषुप्ति की चेतना निष्क्रिय अवस्था है।
चेतना की चौथी अवस्था को तुरीय चेतना कहते हैं। इसका कोई गुण नहीं होने के कारण इसका कोई नाम नहीं है। इसके बारे में कुछ कहने की सुविधा के लिए इसको संख्या, तुरीय (चतुर्थ), से संबोधित कर लेते हैं। नाम होगा, तो गुण होगा, रूप भी होगा। चेतना की इस अवस्था का न तो कोई गुण है न ही कोई रूप । चेतना की यह चौथी अवस्था निर्गुण है, निराकार है। यह सिनेमा के सफ़ेद पर्दे जैसी है। जैसे सिनेमा के पर्दे पर प्रोजेक्टर से आप जो कुछ भी प्रोजेक्ट करो, पर्दा उसे हू-ब-हू प्रक्षेपित कर देता है। ठीक उसी तरह जागृत, स्वप्न , सुषुप्ति आदि चेतनाएँ तुरीय के पर्दे पर ही घटित होती हैं, और जैसी घटित होती हैं, तुरीय चेतना उन्हें हू-ब-हू, हमारे अनुभव को प्रक्षेपित कर देती है। यह आधार-चेतना है। इसे समाधि की चेतना भी कहते हैं। यहीं से शुरू होती है हमारी आध्यात्मिक यात्रा।
तुरीयातीत अवस्था का आगमन जागृत, स्वप्ना, सुषुप्ति आदि दैनिक व्यवहार में आने वाली चेतनाओं में तुरीय का अनुभव स्थाई हो जाने के बाद होता है। चेतना की इसी अवस्था को प्राप्त व्यक्ति को योगी या योगस्थ कहा जाता है। कर्म-प्रधान जीवन के लिए चेतना की यह अवस्था सर्वाधिक उपयोगी एवं अतिमहत्वपूर्ण अवस्था है। इस अवस्था में अधिष्ठित व्यक्ति निरंतर कर्म करते हुए भी थकता नहीं है। सर्वश्रेष्ट,सर्वोतम,एवं सर्वोच्च प्रभावी और अथक कर्म इसी अवस्था में संभव हो पाता है। योगेश्वर श्री कृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन को इसी अवस्था में कर्म करने का उपदेश करते हुए कहा था “योगस्थः कुरु कर्मणि”, योग में स्थित हो कर कर्म करो | इस अवस्था में काम और आराम एक ही बिंदु पर मिल जाते हैं । काम और आराम एक साथ हो जाए तो आदमी थके ही क्यों ? अध्यात्म की भाषा में समझें तो कहेंगे कि “कर्म तो होगा परन्तु संस्कार नहीं बनेगा।” इस अवस्था को प्राप्त कर लेने वाला मनुष्य जीवन रहते रहते भी “जीवन-मुक्त” रहता है । चेतना की तुरीयातीत अवस्था को ही सहज-समाधि भी कहते हैं।
भगवत चेतना की छठी अवस्था में संसार लुप्त हो जाता है, बस भक्त और भगवान शेष रह जाते हैं। चेतना की इसी अवस्था में वास्तविक भक्ति का उदय होता है अथवा सच्ची भक्ति पाप्त होती है । भक्त को सारा संसार भगवन-मय या ईश्वर मय ही दिखाई पड़ने लगता है। तुरीयातीत चेतना अवस्था में सभी सांसारिक कर्तव्य पूर्ण कर लेने के बाद भगवत चेतना की अवस्था बिना किसी ��ाधना के प्राप्त हो जाती है। इसके बाद का विकास सहज, स्वाभाविक और निस्प्रयास हो जाता है।
चेतना की सप्तम अवस्था में भक्त और भगवान का भेद भी ख़त्म हो जाता है। दोनों मिल कर एक ही हो जाते हैं। इस अवस्था में भेद-दृष्टि का पूर्णतया लोप हो जाता है। इसे ही ब्रह्म चेतना कहते हैं। हमारे शास्त्रों में इस स्थिति को "अहं ब्रह्मास्मि" और अरबी में "अनलहक" की संज्ञा दी गई है।अर्थात, "मैं ही ब्रह्म हूँ"।शायद यही "निर्विकल्प समाधि" की पराकाष्ठा है।
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nitinkandharkar · 4 years ago
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भाजी मंडी...
     आमच्या लहानपणी उमरग्याला सर्व वस्तू मिळत नसायच्या. काहीही आणायचं असल्यास सोलापूर किंवा हैद्राबादला जावे लागायचे. सोलापूर जवळ असल्यामुळे तिथे सर्वांचे सर्रास जाणे येणे असायचे. सकाळी जावून दिवसभर खरेदी करुन, एखादा सिनेमा किंवा नाटक पाहून रात्री परत येता यायचे. दहा वीस रुपयात जाणे येणे, खाणे पिणे आणि सिनेमा व्हायचे. रात्री दहाची शेवटची बस असायची सोलापूरहून उमरग्याला येण्यासाठी. पण सहसा ती नेहमी तुडुंब भरलेलीच असायची.
१९७९ च्या उन्हाळ्यात दहावीचा अभ्यास सुरु होण्यापूर्वी एकदा मित्रासोबत सोलापूरला जाण्याचा योग आला. त्याला काही खरेदी करायची होती, ते काम झाल्यावर एखादा पिक्चर पाहून येऊत असे तो म्हणाला. घरून परवानगी मिळवली आणि आम्ही सकाळच्या बसने निघालो. प्रवासात वाचण्यासाठी मित्राने पेपर विकत घेतला, ते वाचत बारा वाजता सोलापूरला पोहोचलो. नवी पेठेत त्याची खरेदी आटोपली. एका उडप्याकडे राईसप्लेट खाल्ली. तोपर्यंत दोन वाजून गेले होते. 
भागवत थिएटर हे त्याकाळचे मल्टीप्लेक्सच होते. तीन स्वतंत्र सिनेमा हॉल्स एकाच ठिकाणी असलेले ते भव्य चित्र मंदीर होते. जेवण झाल्यावर तिथे पोहोचलो. एका थिएटरमध्ये धर्मेंद्रचा आझाद  पाहिला. बाहेर येवून भेळ खाल्ली आणि बसस्टँडवर जायला निघालो. मित्र म्हणाला ‘आता बसस्टँडवर गेलो तर सातची बस मिळेल का नाही सांगता येत नाही. त्यापेक्षा अजून एक पिक्चर पाहूत आणि रात्री दहाची बस पकडूत.’ पडत्या फळाची आज्ञा मानून लगेच तयार झालो. भागवत मधल्याच दुसर्‍या थिएटरमध्ये सरगम लागला होता. गर्दी होती पण तिकिट मिळाले आणि आत जावून बसलो. साडेनऊ वाजता सिनेमा सुटला आणि घाईघाईत पळतच बसस्टँडकडे निघालो. बसस्टँडसमोरच्या ईडली गृहात ईडली वडा खाल्ला आणि बसस्टँडवर आलो. नेमके त्यावेळीच तुडूंब भरलेली बस सुटली! बसच्या मागे धावलो, पण काही उपयोग झाला नाही. अगदी पाच मिनिटेच आम्हाला उशीर झाला होता!    
आता काय करावे हा प्रश्न होता. पुढची बस पहाटे पाच वाजताच होती. खूप चालल्यामुळे पाय दुखत होते. काही वेळ बाकड्यावर बसून आराम केला. सारखी डुलकी येत होती. डोळे तारवटले होते. घरातले अंथरुन पांघरुन डोळ्यासमोर दिसत होते. वेळेवर बसस्टँडवर आलो नाही याचा पश्चाताप होत होता, पण आता इलाज नव्हता. गर्दी असल्यामुळे बाकड्यावर आडवेही होता येत नव्हते. ट्रकचा पर्याय होता पण रात्रीच्या वेळी ट्रकने जायला नको असे मित्र म्हणाला. झोप घालवण्यासाठी बाहेर जाऊन चॉकलेट चहा घेतला. पहिल्यांदाच चॉकलेट फ्लेवरचा चहा घेतला. मला खूप आवडला होता. काही वेळ तिथेच बाकड्यावर बसलो, पण झोप बसू देत नव्हती.  
बसस्टँडच्या समोर थोडेसे आतल्या बाजूला एक भाजी मार्केट होते हे मित्राला माहित होते. तिथे जागा असेल तर बसून टाईमपास करता येईल असे त्याने सुचवले. थोडेसे अंतर चालून गेल्यावर चारी बाजूने ग्रील्स, वरती पत्रे आणि ग्रीलचेच प्रवेशद्वार असलेले भाजी मार्केट दिसले. दार उघडेच होते. आतल्या ट्युबलाईट्स चालू होत्या. काही गायी आत एका कोपर्‍यात रवंथ करत बसल्या होत्या. भाजीचे ओटे आणि सिमेंटचे गुळगुळीत बेंचेस रिकामे होते. बरं झालं, इथे आराम करता येईल या विचाराने खूश झालो.  
आत प्रवेश केला अन घपकन वेगवेगळ्या भाज्यांचा कुबट वास नाकात घुसला. तो उग्र वास सहनच होत नव्हता. ‘थोडा वेळ गेला की सवय होईल’ ह्या मित्राच्या अनुभवी बोलावर विश्वास ठेवून आत गेलो. सकाळी घेतलेले वर्तमानपत्र कामाला आले. त्यातली पाने सिमेंटच्या बाकड्यांवर अंथरली. डास चावू नये म्हणून पेपरच अंगावर पांघरले अन तो वास घेतच ताणून दिली. खरंच काही वेळाने त्या वासाची सवय होवून गेली, अन मस्त झोप लागली.
गाढ झोपेत असतांनाच त्या गायी जिथे बसल्या होत्या त्या जागी काही हालचाल जाणवली. मी डोळे किलकिले करुन तिकडे पाहिले. त्यातली एक पांढरी गाय उठून उभी राहिली. ती माझ्याकडेच रोखून पहात होती. बाकीच्या गायी आळस देत तिच्याकडे पाहून हसत आहेत असे मला उगीच वाटले. त्यांच्यात काही संभाषण चालले आहे असेही वाटत होते. काही क्षणातच त्या पांढर्‍या गायीचा आकार वाढत गेला. ती भेसूर दिसू लागली अन तिच्या अंगावर अस्वलासारखे केस दिसू लागले. तिचे दात नांगराच्या फाळासारखे फताडे अन विद्रुप दिसू लागले. बाकीच्या गायींकडे पहात ती एकदम दोन पायावर उभी राहून वेडेवाकडे नाचू लागली!
मी खूपच घाबरून गेलो. काय चालले आहे काहीच समजत नव्हते. चांगलाच घाम फुटला होता.  पाय दुमडून घेतले अन जमेल तसे पेपरच्या आतमध्ये ओढले. पायाखाली झोपलेल्या मित्राकडे पाहिले तर तो मस्त झोपला होता. त्याला आवाज देण्यासाठी तोंड उघडायचा प्रयत्न करत होतो पण आवाजच फुटत नव्हता. दातखीळ बसल्यासारखी झाली होती. हात, पाय अन सर्व अंगच आखडून गेले होते. एखाद्या लाकडा��्या ओंडक्याप्रमाणे शरीर कडक झाले होते. हालताच येत नव्हते.
तितक्यात टॉक टॉक असा चालण्याचा आवाज आला. मी परत डोळे किलकिले करून पाहिले तर काय! ती भेसूर आक्राळ विक्राळ गाय माझ्याकडेच येत होती! घामेने माझे शरीर संपूर्ण भिजले होते. जोरात ओरडावे असे वाटत होते पण तोंड उघडतच नव्हते. कुणीतरी माझे तोंड दाबून धरले आहे असे जाणवत होते. तो टॉक टॉक आवाज वाढत गेला, त्याची गती वाढत गेली, तो आवाज माझ्या जवळ जवळ येत होता. आता कुठल्याही क्षणी त्या गायीच्या रुपात असलेला तो भयंकर प्राणी आपल्याला मारून टाकेल या भीतीने देवाचे नामस्मरण करत मी डोळे गच्च मिटून घेतले! गाय माझ्या पायाजवळ आली. भेसूर हसत आपल्या भयानक मोठ्या दाताने तिने माझ्या पायाला गदगदा हलवले...आणि आवाज आला -
‘अरे उठ, चार वाजून गेले...’
संपूर्ण शक्ती एकवटून मी पेपर बाजूला केला. माझा मित्र माझ्या पायाला हलवत मला उठवत होता. माझा घामेजलेला चेहरा पाहून तो म्हणाला ‘एवढी गर्मी वाटत होती तर पेपर कशाला पांघरून झोपलास? बघ पेपरही भिजलाय.’
मी अजून पूर्णपणे होशमध्ये आलो नव्हतो. काही सेकंद आपण कुठे आहोत हेच विसरलो होतो. थोडी मान वर करून कोपर्‍यात पाहिले. काही गायी अजून बसल्या होत्या तर काही उठून बाहेर जात होत्या. बाजूच्या ओट्यावर काही लोक आपसात कुजबूजत हातगाडीवरची भाजी उतरवत होते. हातगाडीचे चाक निखळले होते. एकीकडे ते ठोकून बसवणे चालले होते. त्याचा ‘टॉक टॉक’ आवाज येत होता. भाजीमंडीत हालचाल सुरू झाली होती. पण ती भेसूर गाय मात्र कुठे दिसत नव्हती!
मी डोळे चोळत उठलो. हळुहळू सर्व स्पष्ट होत होते. झोपेत जे काही पाहिले ते स्वप्न होते तर! माझे मलाच मनात हसायला आले. आम्ही उठून बसस्टँडवर आलो. रात्रीच्याच टपरीवर जाऊन मीठाने दात घासले. चॉकलेट चहा घेतला आणि प्लॅटफॉर्मवर आलो. काही वेळातच गुलबर्ग्याला जाणारी कर्नाटक बस लागली. गर्दी नव्हती. आरामात झोपून सकाळी सात वाजता घरी पोहोचलो. अंगाला भाज्यांचा कुबट वास येत होता. साबण फासून आंघोळ केली, मगच बरे वाटले.
त्या रात्री मला तसे भयानक स्वप्न कसे काय पडले? तो टॉक टॉक आवाज हातगाडीला ठोकल्याचा होता, पण तो त्या भेसूर गायीच्या चालण्याचा का वाटला? भाजीवाल्यांची कुजबूज मला गायींचे संभाषण का वाटली? मुळात ती गाय तशी भयानक का दिसली? ती माझ्या पायाला हलवत होती इथपर्यंत मला सर्व स्पष्ट दिसत होते, मग एकदम त्याचे रुपांतर वास्तवात कसे काय झाले? काहीच लक्षात येत नव्हते!
पण एक मात्र लक्षात आले. ‘मनी वसे ते स्वप्नी दिसे' या उक्तीप्रमाणे त्या भाजी मंडीत गेल्यावर मला उगीच एक लहानपण��ची गोष्ट आठवली होती. पाच सहा वर्षाचा असेन त्यावेळी. आम्ही सर्वजण भालकीहून येतांना हुमनाबादला, बस नसल्यामुळे नव्या बसस्टँडच्या एका खोलीत रात्री थांबलो होतो. तिथे पांढरे कपडे घातलेली दात विचकवत तोंडाजवळ येवून पाहणारी भयानक बाई दिसली असे पहाटे उठल्यावर बहिण आई वडीलांना सांगत होती असे अस्पष्ट काहीसे ऐकले. ‘भास असेल. असे काही नसते. नवीन जागी असे भास होतात.’ असे आई म्हणाली होती हे ओझरते आठवते. त्यावेळपासून नवीन जागी अशी आक्राळ विक्राळ चेहर्‍याची अन फताड्या दातांची बाई दिसते हे माझ्या मनात बसले होते. तेच मनात घोळवत मी तिथे झोपलो होतो!
आता आठवले की हसू येते, पण त्यावेळी माझी काय अवस्था झाली होती माझे मलाच माहित...  
नितीन कंधारकर
औरंगाबाद.                
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yehbhidekho · 4 years ago
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इसमें कोई संदेह नहीं है कि एलेक्सा द्वारा संचालित स्मार्ट स्पीकर उपयोगी है।  आखिरकार, आपके स्मार्ट घर को नियंत्रित करने, गेम खेलने और अपनी आवाज के साथ संगीत चुनने की क्षमता अभूतपूर्व है - लेकिन क्या ��प जानते हैं कि बहुत सारी क्षमताएं हैं जो अनदेखी हो जाती हैं?
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एलेक्सा उन सुविधाओं के साथ जाम है, जो सुर्खियों में ज्यादा समय नहीं रखते हैं।  कुछ लोग आपका मनोरंजन करते रहेंगे, जबकि अन्य आपके आस-पास की दुनिया को वापस ��ेने में आपकी मदद ��र सकते हैं।
Alexa can make charity donations
एलेक्सा चैरिटी दान कर सकती हैं
यदि पिछले वर्ष की एक बात बहुतायत से स्पष्ट हो गई है, तो यह एक दूसरे के लिए बाहर देखने का महत्व है।  एलेक्सा आपके लिए चैरिटी डोनेशन करके इसे आसान बना सकता है - बस इतना ही कहना है, "एलेक्सा, मैं एक डोनेशन करना चाहता हूं।"
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वॉइस असिस्टेंट तब पूछेगा कि आप किस चैरिटी में दान करना चाहते हैं।  जबकि हर चैरिटी उपलब्ध नहीं है, वहाँ सैकड़ों हैं कि कर रहे हैं।  दान का नाम कहें और कार्रवाई की पुष्टि करें, और एलेक्सा स्वचालित रूप से आपके खाते से धनराशि डेबिट कर देगा।  बस सुनिश्चित करें कि आपके पास पहले अमेज़ॅन पे सेट अप है।
Don’t know what to cook? Alexa can recommend recipes
खाना बनाना नहीं आता?  एलेक्सा रेसिपी सुझा सकती है
एलेक्सा एक नुस्खा के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को चरण-दर-चरण चलने की क्षमता प्रसिद्ध है;  आखिरकार, रसोई में लक्षित सभी सुविधाओं के आधार पर एलेक्सा व्यावहारिक रूप से फूड नेटवर्क पर अपना खाना पकाने का शो रख सकती थी।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह वास्तव में आपके लिए आपके द्वारा बनाई गई सामग्री के आधार पर व्यंजनों का सुझाव दे सकती है।
Allrecipes Skill आपको यह पूछने की अनुमति देता है, "एलेक्सा, Allrecipes से पूछें कि मैं अंडे और चावल के साथ क्या बना सकता हूं" (या जो भी सामग्री आपके पास पेंट्री में है।) एलेक्सा आपके लिए उन व्यंजनों को शामिल करने के लिए सुझाव देगी।  जब आप भूखे हों, लेकिन आपको किराने की जरूरत भी हो, तो यह बहुत अच्छा कौशल है।
Alexa can keep pets entertained
एलेक्सा पालतू जानवरों का मनोरंजन कर सकती है
जितना हम अपने चार-पैर वाले दोस्तों से प्यार करते हैं, आप कभी नहीं ��ानते कि घर से दूर रहने के दौरान उन्हें क्या मिलेगा।  अच्छी खबर यह है कि एलेक्सा उन्हें मुसीबत से बाहर रखने की कोशिश कर सकती है, हालांकि एक निर्धारित पिल्ला को रोका नहीं जा सकता है।
दो एलेक्सा कौशल हैं जो मदद कर सकते हैं: वूफ़!  कुत्तों के लिए, और म्याऊ!  बिल्लियों के लिए।  आपको बस इतना कहना है, "एलेक्सा, मेव या बार्क को सक्षम करें।"  फिर, जब भी आपका पालतू शोर करेगा, तो एलेक्सा जवाब देगी और आपके पालतू जानवर के साथ एक तरह की बातचीत शुरू करेगी।  आप केवल अपने पालतू जानवरों से बात करने के लिए ड्रॉप-इन या प्रसारण सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।  शायद चिल्लाओ, "सोफे से उतरो!"  दिन भर सिर्फ अच्छे उपाय के लिए।
Alexa can play white noise
हर कोई रात में बेहतर सोना चाहता है, और कुछ लोगों के लिए इसका मतलब है कि सफेद शोर मशीन का उपयोग करना।  समर्पित डिवाइस पर सैकड़ों डॉलर खर्च करने का कोई कारण नहीं है, हालांकि - नहीं जब एलेक्सा एक ही काम कर सकता है।  आप कई अलग-अलग तरीकों से अपने एलेक्सा स्मार्ट स्पीकर से सीधे सफेद शोर खेल सकते हैं।
पहली अमेज़ॅन प्राइम म्यूज़िक है, इन-हाउस संगीत सेवा में आपके प्राइम सब्सक्रिप्शन के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है।  केवल एलेक्सा को प्राइम म्यूजिक के माध्यम से सफेद शोर बजाने के लिए कहें और आप गरज, अस्पष्ट आवाज़, और बहुत कुछ सुनेंगे।  (या आप जोश टर्नर एल्बम सुन सकते हैं यदि आप निर्दिष्ट नहीं करते हैं।)
यदि आप प्रधान ग्राहक नहीं हैं, तो आप Spotify के माध्यम से एक ही काम कर सकते हैं।  यदि उन विकल्पों में से कोई भी आपके लिए काम नहीं करता है, तो परिवेशीय शोर के लिए समर्पित अमेज़ॅन कौशल हैं जिनमें बबलिंग ब्रूक्स, पक्षी, क्रिक जैसी आवाज़ें शामिल हैं, और बहुत कुछ।
Alexa can order pizza
एलेक्सा पिज्जा ऑर्डर कर सकती है
उन रातों पर जब आप वास्तव में खाना बनाना नहीं चाहते हैं, पिज्जा ऑर्डर करें!  अपना फ़ोन लेने या वेबसाइट पर जाने के बजाय, एलेक्सा को आपके लिए ऑर्डर करने दें।  आपको सबसे पहले संबंधित कौशल को सक्षम करना होगा, हालांकि - डोमिनोज़, पिज्जा हट, या पापा जॉन।  या यदि आप विकल्प चाहते हैं तो तीनों को सक्षम करें!
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ऐसा करने के बाद, आपको बस इतना करना है, "एलेक्सा, एक पिज्जा ऑर्डर करें" या "एलेक्सा, एक पिज्जा ऑर्डर करें (एक स्थान निर्दिष्ट करें।)" प्रत्येक कौशल के पास अलग-अलग विकल्प हैं, लेकिन अब तक सबसे आसान है। डोमिनोज का।  "आसान ऑर्डर" सहेजें और एलेक्सा को इसे ऑर्डर करने के लिए कहें।  जब आप खुद को रसोई में खींचने के लिए बहुत भूखे होते हैं तो आपको भोजन प्राप्त करने का यह सबसे तेज़ तरीका है।
Alexa can whisper to you
क्या आप अपने आप को रात में एलेक्सा को चुपचाप आदेश जारी करने की कोशिश करते हुए पाते हैं जबकि आपका पति आपके पास सोता है?  आखिरी चीज जो आप करना चाहते हैं, वह है उन्हें जगाना।  अच्छी खबर यह है कि एलेक्सा का व्हिस्पर मोड एलेक्सा को कानाफूसी के साथ जवाब देने की अनुमति देता है।
बस अपने एलेक्सा ऐप में जाएं, सेटिंग्स> वॉयस रिस्पॉन्स खोलें और व्हिस्पर मोड चालू करें।  जब आप एक सामान्य आवाज में बोलते हैं, तो एलेक्सा एक सामान्य मात्रा में जवाब देगी - लेकिन जब आप एक आदेश फुसफुसाएंगे, तो वह एक कानाफूसी के साथ भी जवाब देगी।
Alexa can listen for the sounds of breaking glass
कांच तोड़ने की आवाज़ के लिए एलेक्सा सुन सकती है
आपके घर की सुरक्षा गति संवेदक और विभिन्न प्रकार के अन्य उपकरणों का उपयोग अवैध गतिविधि को देखने के लिए करती है, लेकिन एलेक्सा गार्ड के माध्यम से ग्लास तोड़ने की आवाज़ सुनकर एलेक्सा बचाव की पहली पंक्ति के रूप में कार्य कर सकती है।
एलेक्सा गार्ड एक मुफ्त संस्करण और एक भुगतान किया संस्करण दोनों प्रदान करता है।  जब सक्षम किया जाता है, तो यह ग्लास, धुएं और कार्बन मोनोऑक्साइड अलार्म, और अधिक को तोड़ने की आवाज़ों के लिए सूचीबद्ध करता है।  यहां तक ​​कि आप घर में किसी की उपस्थिति का अनुकरण करने के लिए एलेक्सा गार्ड के साथ स्��ार्ट लाइट का उपयोग कर सकते हैं ताकि आपका घर सुनसान न दिखे।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि एलेक्सा द्वारा संचालित स्मार्ट स्पीकर उपयोगी है।  आखिरकार, आपके स्मार्ट घर को नियंत्रित करने, गेम खेलने और अपनी आवाज के साथ संगीत चुनने की क्षमता अभूतपूर्व है - लेकिन क्या आप जानते हैं कि बहुत सारी क्षमताएं हैं जो अनदेखी हो जाती हैं?
एलेक्सा उन सुविधाओं के साथ जाम है, जो सुर्खियों में ज्यादा समय नहीं रखते हैं।  कुछ लोग आपका मनोरंजन करते रहेंगे, जबकि अन्य आपके आस-पास की दुनिया को वापस देने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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एलेक्सा चैरिटी दान कर सकती हैं
यदि पिछले वर्ष की एक बात बहुतायत से स्पष्ट हो गई है, तो यह एक दूसरे के लिए बाहर देखने का महत्व है।  एलेक्सा आपके लिए चैरिटी डोनेशन करके इसे आसान बना सकता है - बस इतना ही कहूंगा, "एलेक्सा, मैं एक डोनेशन करना चाहता हूं।"
वॉइस असिस्टेंट पूछेगा कि आप किस चैरिटी में दान करना चाहते हैं।  जबकि हर चैरिटी उपलब्ध नहीं है, वहाँ सैकड़ों हैं कि कर रहे हैं।  दान का नाम कहें और कार्रवाई की पुष्टि करें, और एलेक्सा स्वचालित रूप से आपके खाते से धनराशि डेबिट कर देगा।  बस सुनिश्चित करें कि आपके पास पहले अमेज़ॅन पे सेट अप है।
Don’t know what to cook? Alexa can recommend recipes
खाना बनाना नहीं आता?  एलेक्सा रेसिपी सुझा सकती है
एलेक्सा एक नुस्खा के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को चरण-दर-चरण चलने की क्षमता प्रसिद्ध है;  आखिरकार, रसोई में लक्षित सभी सुविधाओं के आधार पर एलेक्सा व्यावहारिक रूप से फूड नेटवर्क पर अपना खाना पकाने का शो रख सकती थी।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह वास्तव में आपके लिए उन व्यंजनों के आधार पर व्यंजनों का सुझाव दे सकती है जो आपके पास हैं।
Allrecipes Skill आपको यह पूछने की अनुमति देता है, "एलेक्सा, Allrecipes से पूछें कि मैं अंडे और चावल के साथ क्या बना सकता हूं" (या जो भी सामग्री आपके पास पेंट्री में है।) एलेक्सा आपके लिए उन व्यंजनों को शामिल करने के लिए सुझाव देगी।  जब आप भूखे हों, लेकिन किराने की जरूरत के लिए भी यह एक बहुत अच्छा कौशल है।
Alexa can keep pets entertained
एलेक्सा पालतू जानवरों का मनोरंजन कर सकती है
जितना हम अपने चार-पैर वाले दोस्तों से प्यार करते हैं, आप कभी नहीं जानते कि घर से दूर रहने के दौरान उन्हें क्या मिलेगा।  अच्छी खबर यह है कि एलेक्सा उन्हें मुसीबत से बाहर रखने की कोशिश कर सकती है, हालांकि एक निर्धारित पिल्ला को रोका नहीं जा सकता है।
दो एलेक्सा कौशल हैं जो मदद कर सकते हैं: वूफ़!  कुत्तों के लिए, और म्याऊ!  बिल्लियों के लिए।  आपको बस इतना कहना है, "एलेक्सा, मेव या बार्क को सक्षम करें।"  फिर, जब भी आपका पालतू शोर करेगा, तो एलेक्सा जवाब देगी और आपके पालतू जानवर के साथ एक तरह की बातचीत शुरू करेगी।  आप केवल अपने पालतू जानवरों से बात करने के लिए ड्रॉप-इन या प्रसारण सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।  शायद चिल्लाओ, "सोफे से उतरो!"  दिन भर सिर्फ अच्छे उपाय के लिए।
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हर कोई रात में बेहतर सोना चाहता है, और कुछ लोगों के लिए इसका मतलब है कि सफेद शोर मशीन का उपयोग करना।  समर्पित डिवाइस पर सैकड़ों डॉलर खर्च करने का कोई कारण नहीं है, हालांकि - नहीं जब एलेक्सा एक ही काम कर सकता है।  आप कई अलग-अलग तरीकों से अपने एलेक्सा स्मार्ट स्पीकर से सीधे सफेद शोर खेल सकते हैं।
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पहली अमेज़ॅन प्राइम म्यूज़िक है, इन-हाउस संगीत सेवा में आपके प्राइम सब्सक्रिप्शन के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है।  केवल एलेक्सा को प्राइम म्यूजिक के माध्यम से सफेद शोर बजाने के लिए कहें और आप गरज, अस्पष्ट आवाज़, और बहुत कुछ सुनेंगे।  (या आप जोश टर्नर एल्बम सुन सकते हैं यदि आप निर्दिष्ट नहीं करते हैं।)
यदि आप प्रधान ग्राहक नहीं हैं, तो आप Spotify के माध्यम से एक ही काम कर सकते हैं।  यदि उन विकल्पों में से कोई भी आपके लिए काम नहीं करता है, तो परिवेशीय शोर के लिए समर्पित अमेज़ॅन कौशल हैं जिनमें बबलिंग ब्रूक्स, पक्षी, क्रिक जैस�� आवाज़ें शामिल हैं, और बहुत कुछ।
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उन रातों पर जब आप वास्तव में खाना बनाना नहीं चाहते हैं, पिज्जा ऑर्डर करें!  अपना फ़ोन लेने या वेबसाइट पर जाने के बजाय, एलेक्सा को आपके लिए ऑर्डर करने दें।  आपको सबसे पहले संबंधित कौशल को सक्षम करना होगा, हालांकि - डोमिनोज़, पिज्जा हट, या पापा जॉन।  या यदि आप विकल्प चाहते हैं तो तीनों को सक्षम करें!
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ऐसा करने के बाद, आपको बस इतना करना है, "एलेक्सा, एक पिज्जा ऑर्डर करें" या "एलेक्सा, एक पिज्जा ऑर्डर करें (एक स्थान निर्दिष्ट करें।)" प्रत्येक कौशल के पास अलग-अलग विकल्प हैं, लेकिन अब तक सबसे आसान है। डोमिनोज का।  "आसान ऑर्डर" सहेजें और एलेक्सा को इसे ऑर्डर करने के लिए कहें।  जब आप खुद को रसोई में खींचने के लिए बहुत भूखे होते हैं तो आपको भोजन प्राप्त करने का यह सबसे तेज़ तरीका है।
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क्या आप अपने आप को रात में एलेक्सा को चुपचाप आदेश जारी करने की कोशिश करते हुए पाते हैं जबकि आपका पति आपके पास सोता है?  आखिरी चीज जो आप करना चाहते हैं, वह है उन्हें जगाना।  अच्छी खबर यह है कि एलेक्सा का व्हिस्पर मोड एलेक्सा को कानाफूसी के साथ जवाब देने की अनुमति देता है।
बस अपने एलेक्सा ऐप में जाएं, सेटिंग्स> वॉयस रिस्पॉन्स खोलें और व्हिस्पर मोड चालू करें।  जब आप एक सामान्य आवाज में बोलते हैं, तो एलेक्सा एक सामान्य मात्रा में जवाब देगी - लेकिन जब आप एक आदेश फुसफुसाएंगे, तो वह एक कानाफूसी के साथ भी जवाब देगी।
Alexa can listen for the sounds of breaking glass
आपके घर की सुरक्षा गति संवेदक और विभिन्न प्रकार के अन्य उपकरणों का उपयोग अवैध गतिविधि को देखने के लिए करती है, लेकिन एलेक्सा गार्ड के माध्यम से ग्लास तोड़ने की आवाज़ सुनकर एलेक्सा बचाव की पहली पंक्ति के रूप में कार्य कर सकती है।
एलेक्सा गार्ड एक मुफ्त संस्करण और एक भुगतान किया संस्करण दोनों प्रदान करता है।  जब सक्षम किया जाता है, तो यह ग्लास, धुएं और कार्बन मोनोऑक्साइड अलार्म, और अधिक को तोड़ने की आवाज़ों के लिए सूचीबद्ध करता है।  यहां तक ​​कि आप घर में किसी की उपस्थिति का अनुकरण करने के लिए एलेक्सा गार्ड के साथ स्मार्ट लाइट का उपयोग कर सकते हैं ताकि आपका घर सुनसान न दिखे।
इसके अलावा, एलेक्सा लोगों को सोने और सुबह की दिनचर्या स्थापित करने में भी उपयोगी है।  आपको केवल एक आदेश निर्दिष्ट करने की आवश्यकता है, और वह विशिष्ट आदेश घटनाओं की एक श्रृंखला को ट्रिगर कर सकता है।  उदाहरण के लिए, यदि आप कहते हैं, "एलेक्सा, शुभरात्रि," यह मशीन को ट्रिगर कर सकता है ताकि सभी घर की लाइट बंद कर सकें, सुरक्षा प्रणाली को बांधा जा सके, और एक साथ परिवेश शोर मशीन को चालू किया जा सके।  आप अपनी दिनचर्या को बहुत विशिष्ट बना सकते हैं;  यदि आप चाहें, तो आप एलेक्सा को अपनी पसंदीदा रोशनी चालू करने के लिए, 10 मिनट प्रतीक्षा करें, और फिर कॉफी पॉट चालू कर सकते हैं।  यदि आप अपने साथी की तुलना में पहले उठते हैं, तो आप एलेक्सा के कानाफूसी मोड का उपयोग कर सकते हैं, इसलिए वह एक कानाफूसी में वापस संचार करता है और आपके फुसफुसाते हुए के लिए स्पष्ट रूप से सुनता है।  आप सीख सकते हैं कि हमारे कैसे-कैसे पोस्ट में रूटीन सेट करना है।
एलेक्सा गार्ड एक सहायक सुरक्षा सु��िधा है जो आपके घर की परिधि और आपके घर के अंदर की गतिविधि की सावधानीपूर्वक निगरानी करता है जब आप वहां नहीं होते हैं।  यदि आपका इको स्पीकर असामान्य आवाज़ पर उठाता है, जैसे कि कांच को तोड़ने या एक और रहस्यमय शोर, एलेक्सा आपको चीजों को जांचने के लिए एक अधिसूचना के साथ जल्दी से सचेत करेगा।  एलेक्सा गार्ड प्लस (उसी फीचर का एक भुगतान किया गया संस्करण) के साथ, आपके पास समान होम-मॉनिटरिंग सुविधा होगी, अमेज़ॅन की आपातकालीन हॉटलाइन तक पहुंच, और कई अन्य सुरक्षा उपकरण भी।
अमेजन मूल्यवान और सहज तकनीक बनाकर एलेक्सा के कार्यों और क्षमताओं में सुधार और विस्तार करने के लिए लगातार काम कर रहा है।  उदाहरण के लिए, कंपनी वर्तमान में निराशा-पता लगाने की विशेषताओं को रोल करने के लिए काम कर रही है, इसलिए एलेक्सा आपके स्वर को समझ पाएगी और यदि आप उससे निराश हो रहे हैं तो समझ पाएंगे।  यदि आप इन कुछ नई एलेक्सा विशेषताओं के बारे में जानना चाहते हैं, तो बस पूछें, "एलेक्सा, आपके साथ क्या नया है?"  और वह खुश है
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abhay121996-blog · 4 years ago
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अपनी प्रेस रिलीज़ के लिए M360 मीडिया वायर इस्तेमाल करने के 10 कारण Divya Sandesh
#Divyasandesh
अपनी प्रेस रिलीज़ के लिए M360 मीडिया वायर इस्तेमाल करने के 10 कारण
एक प्रेस रिलीज लोगों, संगठनों या संस्थानों के दृश्यता, विश्वसनीयता, प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा (और अप्रत्यक्ष रूप से) राजस्व में सुधार के साथ जुड़ा हुआ है। हा��ाँकि, समाचार मीडिया नेटवर्क को अपनी प्रेस रिलीज़ वितरित करना एक थकाऊ, समय लेने वाला कार्य हो सकता है, और इसके अलावा, यदि कोई इसे कवर नहीं करता है, तो इसे लिखने और जारी करने में क्या बात है !?
यह वह जगह है जहाँ मीडियावायर आपकी मदद करने के लिए कदम रख सकता है। मीडियावायर टाइम्स ऑफ़ इंडिया ग्रुप द्वारा लॉन्च किया गया एक अनूठा उत्पाद है, जो भारत का सबसे बड़ा डिजिटल मीडिया हाउस है; वह आपको टाइम्स समूह के डिजिटल प्लेटफॉर्म या उनके साथी प्रकाशकों के उपयोग से अपने दर्शकों के साथ संवाद करने में सक्षम बनाता है।
मीडियावायर एक स्व-प्रकाशन, भविष्य के लिए तैयार, डिजिटल पीआर प्लेटफॉर्म है जो आपकी रि��ाई के अनुकूलन के लिए उपकरणों का एक बड़ा शस्त्रागार प्रदान करता है। यह आपको न केवल आपकी स्टोरी ’प्रकाशित करने का अधिकार देता है, बल्कि एक विपणन उपकरण के रूप में भी कार्य करता है, जो एक निश्चित और औसत दर्जे का कवरेज प्रदान करता है।
M360 कई प्लेटफार्मों पर सामग्री बनाने, संलग्न करने और मुद्रीकृत करने के लिए एक स्मार्ट प्रकाशक मंच है। पृष्ठों पर एक लॉगिन और कम टैग के तहत सब कुछ के साथ, प्रकाशक एआई-इंजन संचालित विजेट और लिस्टिंग पृष्ठों के माध्यम से सामग्री निर्माण, विमुद्रीकरण और पृष्ठ सामग्री सुविधाओं पर नियंत्रण के साथ तेज, उत्तरदायी और आकर्षक मोबाइल वेब पोर्टल और अनुप्रयोगों को सुनिश्चित कर सकते हैं।
यहाँ कुछ बेमिसाल फ़ायदे हैं जो मीडियावायर ने किसी अन्य भुगतान किए गए PR प्लेटफ़ॉर्म से ऊपर हैं:
1. Guaranteed Coverage : जिस संचार को आप लेने के लिए भेजते हैं और कुछ अस्पष्ट प्रकाशन के पत्रकार द्वारा कवर किया जाता है, उसके लिए आपको अब और चिंता या प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। मीडियावायर आपको अपनी पसंद के किसी भी प्रीमियम समाचार पोर्टल (ओं) पर अपनी प्रेस रिलीज़ की गारंटीकृत कवरेज देता है।
न केवल आपका लेख आपकी पसंद के मंच पर दिखाई देगा, यह उस अनुभाग में भी घोंसला करेगा जो आप चाहते हैं, अपनी कहानी की संभावना को अधिकतम रूप से उन दर्शकों द्वारा प्रभावी रूप से पढ़ा जा सकता है जिन्हें आप लक्षित करना चाहते हैं।
2. Communication carried verbatim : आपको अपने संचार के विकृत होने के बारे में भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, या बस इसका एक हिस्सा किया जाता है, या यह अनुवाद में खो जाता है। मीडियावायर यह सुनिश्चित करता है कि आपकी प्रेस रिलीज़ को बिना किसी विकृति के शब्दशः किया जाए, यह सुनिश्चित करते हुए कि Story योर स्टोरी ’आपके शब्दों में संप्रेषित है।
3. Lend Credibility to your story : मीडियावायर आपकी स्टोरी ’को विश्वसनीयता प्रदान करता है क्योंकि यह आपको प्रासंगिक श्रेणी के तहत भारत के कुछ सबसे प्रीमियम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना संचार प्रकाशित करने में सक्षम बनाता है।
4. Wide range of Language publications available : डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने भारतीय उपभोक्ताओं के बीच प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा दिया है।
मैकिन्से की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में दस में से नौ नए इंटरनेट ग्राहक अंग्रेजी नहीं बोलते हैं और वे मौखिक सामग्री का उपभोग करेंगे। उन विज्ञापनदाताओं की मदद करने के लिए जो अपने लक्षित दर्शकों के खानपान के महत्व को महसूस करते हैं, जिस भाषा ��ें वे पसंद करते हैं, मीडियावायर आपको हिंदी, मराठी, बंगाली, गुजराती, मलयालम, तमिल, कन्नड़, पंजाबी, आदि सहित सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अपनी कहानी जारी कर सकता है।
5. Search Engine Optimization : मीडियावायर के पास एक समर्पित टीम है जो मीडियावायर के माध्यम से प्रकाशित सभी लेखों को एसईओ अनुकूलित करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके लेख गूगल, याहू या बिंग जैसे सभी खोज इंजनों पर समाचार अनुभाग में आपके प्रतिस्पर्धियों के ऊपर रैंक करते हैं।
6. Specific Targeting : यदि आपके ग्राहक या हितधारक केवल टियर II शहरों में स्थित हैं, तो टियर I शहर के दर्शकों द्वारा आपके लेख का कोई मतलब नहीं है। ताकि आपको अधिकतम आरओआई  मिले, मीडियावायर आपको अपने लेखों के विशिष्ट भू-लक्ष्यीकरण करने में सक्षम बनाता है।
7. Your press release is available till perpetuity : प्रिंट के विपरीत, मीडियावायर के माध्यम से प्रकाशित आपकी प्रेस विज्ञप्ति कभी भी बासी खबर नहीं बनती। एक बार मीडियावायर के माध्यम से जारी होने के बाद, लेख लिंक जो उत्पन्न होता है वह प्रकाशन सर्वर पर स्थायीता तक रहता है। आप इसे संदर्भित करने या अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट के माध्यम से प्रसारित करने के लिए कभी भी वापस जा सकते हैं।
8. Content writing Services : यदि आपके पास एक एजेंसी या इन-हाउस टीम नहीं है जिसमें प्रेस विज्ञप्ति लिखने की विशेषज्ञता है, तो Mediawire की संपादकीय टीम आपकी प्रेस विज्ञप्ति को तैयार करने में मदद कर सकती है या आपकी मार्केटिंग / संचार टीम के परामर्श से उनका अनुवाद कर सकती है।
9. Rich Multimedia Format : प्रिंट कहानियों की अपनी सीमाएँ हैं। हालाँकि, अपने लेख को डिजिटल रूप से जारी करने के कई फायदे हैं, जिसमें आपको अपने लक्षित दर्शकों के लिए रोचक और इंटरैक्टिव बनाने के लिए एक समृद्ध इमर्सिव प्रारूप में ऑडियो, वीडियो, एनिमेटेड इमेज, सोशल मीडिया एम्बेड, हाइपरलिंक को सम्मिश्रण देने सहित कई फायदे हैं।
10. Measure the impact of your story : आपके अभियान के अंत में, मीडियावायर टीम उन आँकड़ों को साझा करेगी जो दिखाते हैं, कि कितने लोगों ने आपकी रिलीज़ देखी, जहाँ यह ऑनलाइन दिखाई दिया, विचारों की संख्या आदि, ताकि आप अपनी कहानी की पहुँच को माप सकें। यदि आवश्यक हो तो लीड पीढ़ी के फॉर्म भी आपके लेखों में एम्बेड किए जा सकते हैं।
प्रेस रिलीज़ वितरण एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जो आपके व्यवसाय या संगठन की ब्रांड छवि और प्रतिष्ठा में योगदान देता है। अपने जी क�� प्राप्त करने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति के लिए।
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devendrasinghworld · 4 years ago
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कृति सेनन का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है Image Source : INSTAGRAM
सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए मोड़ सामने आ रहे हैं। इस वक्त पूरा केस रिया चक्रवर्ती के इर्द-गिर्द घूम रहा है। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिया से घंटों पूछताछ की। इस बीच एक्ट्रेस कृति सेनन ने एक पोस्ट शेयर किया है, जो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। 
कृति सेनन ने लिखा, "यह बादल है, यह धुंधली है, यह सब बहुत अस्पष्ट है। लेकिन वे कहते हैं कि सत्य सूर्य की तरह है। वो हमेशा रहता है... इसलिए अटकलें मत लगाओ। बस धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें। बारिश से पहले थोड़ी आंधी आएगी, लेकिन याद रखना मेरे दोस्त, कभी-कभी एक तूफान सिर्फ सूर्य के फिर से चमकने का रास्ता बनाता है।"
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🌪🌦🌤☀️ #Patience
A post shared by Kriti (@kritisanon) on Aug 7, 2020 at 9:16am PDT
इससे पहले कृति ने दिल बेचारा की रिलीज पर भी इमोशनल पोस्ट शेयर किया था। 
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Its not Seri! And it will never sink in.. This broke my heart..again..💔💔 In Manny, i saw YOU come alive in so so many moments.. i knew exactly where you had put in a bit of yourself in the character..And as always, your most magical bits were your silences.. those bits where you said nothing and yet u said so much! . @castingchhabra I know this film will always mean a lot more to you than what we had thought.. you made us feel too many emotions in your first! Wish you and @sanjanasanghi96 a beautiful journey ahead! 💛💛
A post shared by Kriti (@kritisanon) on Jul 25, 2020 at 11:37pm PDT
  गौरतलब है कि सुशांत ने 14 जून को बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा पटना में केस दर्ज कराने के बाद बिहार पुलिस ने भी पड़ताल की।
अब ये मामला सीबीआई के हाथों में सौंप दिया गया है। दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रहा है। 
  from India TV Hindi: entertainment Feed https://ift.tt/2PyYNQt
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onlinekhabarapp · 4 years ago
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कहिले खुल्ला सार्वजनिक यातायात ?
३ असार, काठमाडौं । नेपालटारबाट पुतलीसडकको एक निजी बैंकमा काम गर्न आउने सरिता थामीसँग आफ्नै स्कुटर छैन । साइकल पनि चलाउन जान्दिनन् । लकडाउनअघि उनी सार्वजनिक बस चढेर कार्यालय आउने–जाने गर्थिन् ।
लकडाउन खुकुलो भए पनि सार्वजनिक यातायात सञ्चालन नभएकाले अहिले उनी ९ बजे कार्यालय आइपुग्न ७ बजे नै कोठाबाट खाना टिफिनमा राखेर पैदलै हिँड्छिन् ।
कहिलेकाँही मौका परिहाले साथीको मोटरसाइलको पछाडि बसेर आउँछिन् ।
अहिले उनी जस्ता धेरै जनता छन्, जो आफ्नो दैनिक अत्यावश्यक काममा आउन–जान पैदल हिँड्न बाध्य छन् । निजी सवारीलाई जोर बिजोरको आधारमा खुला गरिएपनि सार्वजनिक सवारी प्रयोगकर्ताहरुलाई पनि अहिले अनेकन समस्या छन् । सार्वजनिक यातायातको प्रयोग गर्नुपर्नेहरु निम्न वर्गका मानिसहरु त झनै मारमा परेका छन् ।
बजार, पसल र कार्यालयहरु खुलेपछि आफ्ना आवश्यक काममा गन्तब्यसम्म पुग्न निजी सवारी नभएकाहरुलाई अति कठीन छ । सरकारले मोटरसाइकलमा दुईजना बस्न नपाइने नियमले सवारी चलाउन जान्नेले मात्रै सवारी यात्रा गर्न पाउने अवस्था छ ।
यसले गर्दा सडक पेटीमा पैदलयात्रुको संख्या बक्लिन थालेको छ । लकडाउन खुकुलो भएपछि विभिन्न प्रयोजनमा आवत–जावत गर्ने धेरै पैदल हिँड्दैछन् ।
सरकारले भने सार्वजनिक सवारी कहिलेबाट खुल्छ भन्ने स्पष्ट गरेको छैन । यातायात व्यवस्था विभागका महानिर्देशक गोगनबहादुर हमाल कोभिड संकट व्यवस्थापन केन्द्र (सीसीएमसी) र मन्त्रिपरिषदले गर्ने निर्णयका आधारमा मात्रै सार्वजनिक सवारी खुल्ने भएकाले विभागीयस्तरमा त्यसको जानकारी नहुने बताउँछन् ।
व्यवसायी र उपभोक्ता दुवै मारमा नपर्ने गरी भाडा बढाएर सार्वजनिक यातायात खुला गर्ने विभागको योजना रहेको अधिकारीहरु बताउँछन्
सरकार आफैं अस्पष्ट
यदि खुल्ने अवस्था आए त्यसको व्यवस्थापनको काम विभाग र ट्राफिक प्रहरीले गर्नुपर्ने भन्दै उनले त्यसका लागि आवश्यक तयारी भने गरिएको बताउँछन् ।
प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद  कार्यालयका सचिव नारायणप्रसा�� बिडारी सार्वजनिक सवारी अहिलकै अवस्थामा सार्वजनिक सवारी सञ्चालन गर्दा संक्रमण फैलने जोखिम हुने बताउँछन् ।
सार्वजनिक सवारीमा विभिन्न ��ात्रुबीच समाजिक दूरी कायम राख्न र सम्भावित संक्रमितलाई निषेध गर्न सम्भव नहुने भएकाले तत्कालै सार्वजनिक सवारी खुला गर्न कठीन हुने उनले बताए ।
‘जोखिमको मूल्यांकन गर्दै उपयुक्त समय आएपछि सार्वजनिक सवारी खुल्छ,’ बिडारीले भने,‘मिति तोकेर भन्न सकिने अवस्था छैन, संक्रमणको दर घटिसकेको छैन ।’
मापदण्डको मस्यौदा
लकडाउन खुकुलो बनाउने तयारी गरेपछि यातायात व्यवस्था विभागले सार्वजनिक यातायात सञ्चालन गर्न नयाँ निर्देशिकाको मस्यौदा भने बनाएको छ ।
यात्रुको स्वास्थ्य सुरक्षाका लागि यातायात व्यवसायी र स्वयम् यात्रुलाई जिम्मेवार बनाउने गरी निर्देशिका ल्याउने तयारी भइरहेको छ ।
विभागका महानिर्देशक हमाल लकडाउन खुकुलो पार्दै लैजाने सरकारी नीति रहेकाले बाध्यात्मक रुपमा सार्वजनिक यातायात खोल्नुपर्ने अवस्था आएको स्वीकार्छन् ।
आवश्यक सतर्कता अपनाउने गरी निर्देशिका बनाएर छलफल भइरहेको बताउँदै हमालले सरकारी निर्णयपछि निर्देशिका पारित गरेर सही अनुरुप सार्वजनिक सवारी सञ्चालनका लागि बाटो खुला गरिने हमालले बताए ।
प्रस्तावित मापदण्डअनुसार सार्वजनिक यातायातका साधनमा सिट क्षमताको आधा मात्रै यात्रु चढाइनेछ । सिट क्षमताको आधाभन्दा बढी यात्रु चढाए कारबाही हुनेछ । यसबारे ट्राफिक प्रहरीले नियमित अनुगमन गर्ने योजना समेत बनाइएको छ ।
त्यसैगरी सार्वजनिक यातायातको प्रत्येक एउटा सिट खाली राखेर मात्रै अर्को सिटमा यात्रु बस्न पाउने छन् । यात्रुले आफैँले स्यानिटाइजर बोकेको हुनुपर्ने प्रस्ताव गरिएको छ । सार्वजनिक यातायात चढ्ने यात्रुले मास्क अनिवार्य लगाउनुपर्नेछ ।
सम्भव भएसम्म थर्मल गनबाट ज्वरो नापेर मात्रै यात्रु चढाउने व्यवस्था गर्नुपर्नेछ । त्यस्तै सार्वजनिक बसलगायतका साधनभित्र चुस्त सरसफाइको प्रवन्ध गर्नुपर्नेछ । दैनिकरुपमा गाडीमा डिस–इन्फेक्सन स्प्रे छर्किनु पर्ने छ । सम्भव भएसम्म भाडाको भुक्तानी डिजिटल (विद्युतीय) माध्यमबाट गर्ने, नभए बसभित्र एउटा बाकस राखेर भाडा त्यसैमा तोकिएको खसाल्ने व्यवस्था गर्नुपर्ने प्रस्ताव छ ।
बसपार्क र बिसौनीहरूमा यात्रुहरूले सामाजिक दुरी कायम गर्नुपर्ने र लामबद्ध भएर सवारी चढ्नुपर्ने नियम लगाउन लागिएको छ । त्यसको निगरानी नेपाल प्रहरीले गर्नेछ ।
भाडा बढ्न सक्ने
तर, यसरी सवारी चलाउन सरकारलाई सबैभन्दा अप्ठ्यारो भाडामा पर्ने देखिएको छ । सिट क्षमताको आधा मात्रै यात्रु बोक्न पाइने नियम बनाए सञ्चालन खर्च पनि नउठ्ने यातायात व्यवसायीहरूको तर्क छ ।
नेपाल यातायात व्यवसायी राष्ट्रिय महासंघमा महासचिव सरोज सिटौला सार्वजनिक सवारी खुला गरेपछि यात्रु संख्या घट्ने भएकाले भाडाको विषयलाई सरकारले उचित तवरले सम्बोधन गर्नुपर्ने बताउँछन् ।
व्यवसायीहरूले दुईवटा सुझाव दिएका छन् । पहिलो, हालको भाडादरमा वृद्धि गर्ने । दोस्रो, सरकारले व्यवसायीलाई अनुदान दिने ।
भाडा बढाउन नसक्ने हो सरकारले घाटा पूर्तिका लागि कम्पनीहरूलाई अनुदान दिनुपर्ने व्यवसायीहरूले बताएका छन् । यस्तो अवस्थामा सरकार भने भाडा बढाउने गृहकार्यमा जुटेको छ ।
व्यवसायी र उपभोक्ता दुवै मारमा नपर्ने गरी भाडा बढाएर सार्वजनिक यातायात खुला गर्ने विभागको योजना रहेको अधिकारीहरु बताउँछन् ।
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iloudlyclearbouquetworld · 4 years ago
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झांसी में घोस्ट एक्सरसाइज मशीन का वायरल वीडियो ट्विटर पर छाया कारण आपको विभाजन में छोड़ देगा
झांसी में घोस्ट एक्सरसाइज मशीन का वायरल वीडियो ट्विटर पर छाया कारण आपको विभाजन में छोड़ देगा
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ऑनलाइन बहुत सारे डरावना वीडियो और कहानियां हैं। उन कहानियों में से कुछ की व्याख्या है और कुछ बस अस्पष्ट हैं। उत्तर प्रदेश के झांसी में काशीराम पार्क में एक व्यायाम मशीन का एक ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ है।
बाल काटने की क्लिप को पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने ट्विटर पर कैप्शन के साथ साझा किया, “स्पष्ट रूप से यह यूपी में कहीं हुआ था। WA के माध्यम से प्राप्त किया। कौन व्यायाम कर रहा है?”
जाहिर…
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confectioneryvixen · 5 years ago
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यहां बताया गया है कि आप इस संगरोध पर अपनी निकोटीन वापसी पर कैसे अंकुश लगा सकते हैं
द्वारा: लाइफस्टाइल डेस्क | नई दिल्ली | प्रकाशित: 2 अप्रैल, 2020 8:50:33 बजे
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जब कोई धूम्रपान करना बंद कर देता है, तो कम निकोटीन का सेवन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के संतुलन को परेशान करेगा। (फोटो: गेटी)
24 मार्च को, केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति देते हुए एक राष्ट्रव्यापी तालाबंदी की घोषणा की गई थी। धूम्रपान करने वालों के लिए, सिगरेट पर स्टॉक करना एक चुनौती थी, जो कई लक्षणों को प्रदर्शित करने के लिए ��ग्रणी थी, जैसे कि चिंता, लघु गुस्सा और चिड़चिड़ापन।
पेरेंट्यून.कॉम की मनोवैज्ञानिक और वरिष्ठ काउंसलर स्वप्ना नायर ने कहा, “भारी धूम्रपान करने वाले के लिए सिगरेट पीने के चार घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जबकि उन लोगों के लिए जो अधिक धूम्रपान नहीं करते हैं, यह एक लंबा समय लगेगा, जैसे कि दिन का समय जो वे आमतौर पर सिगरेट लेते हैं। ”
लोगों की पिटाई की लत के अलग-अलग तरीके हैं। डॉ। नायर कहते हैं, “दिलचस्प बात यह है कि धूम्रपान करने वालों की आदत छोड़ने के विभिन्न तरीके हैं। कुछ पुनर्वसन कार्यक्रमों के लिए चयन करने के बजाय अपने दम पर छोड़ना चुनते हैं। दूसरों को सिर्फ एक अच्छा दिन देना है, जबकि अन्य इसे चरणबद्ध करते हैं। यह पूरी तरह से आदत की प्रकृति पर निर्भर है। “
फोर्टिस अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ। मनदीप सिंह मल्होत्रा, वसंत कुंज बताते हैं कि कैसे निकोटीन प्रमुख रासायनिक यौगिक है जो तंबाकू की लत का कारण बनता है और उसे बनाए रखता है। “जब कोई धूम्रपान करना बंद कर देता है, तो कम निकोटीन का सेवन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के संतुलन को परेशान करेगा, जिससे वापसी के लक्षण पैदा होते हैं,” वे बताते हैं।
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बस एक ही रास्ता है और मैं एक मजबूत दिमाग रखता हूँ (फोटो: गेटी)
दृढ़ता के सिवाय कुछ नहीं
डॉक्टर नीचे दिए गए सामान्य लक्षणों का भी उल्लेख करते हैं।
• मजबूत cravings • चिंता • चिड़चिड़ापन • बेचैनी • गुस्सा • निराशा • सिरदर्द • अनिद्रा • भार बढ़ना
जबकि हम सभी आत्म-पृथक हैं, निकोटीन वापसी आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी एक टोल ले सकती है। डॉ। प्रकृति पोद्दार, मानसिक स्वास्थ्य में विशेषज्ञ, निदेशक पोद्दार वेलनेस लिमिटेड ने टिप्पणी की, “जब निकोटीन आपके रक्तप्रवाह से हटना शुरू हो जाता है, तो दवा के साथ भी मिजाज आपके नियंत्रण में नहीं होता है। बस एक ही रास्ता है, जो मानसिक रूप से मजबूत रहना है। “
शुरुआत छोटे कदमों से करें
डॉ नायर तीन आसान चरणों को सूचीबद्ध करता है जो इस अवधि के दौरान प्रक्रिया को आसान बना देगा।
सबसे महत्वपूर्ण कदम जानबूझकर छोड़ने और लक्ष्य निर्धारित करने का है। यहां, आमतौर पर, धूम्रपान करने वाले छोड़ने के फैसले के बारे में काफी अस्पष्ट हैं। वे भ्रमित हैं, बचने की कोशिश करते हैं और सबसे अधिक, वे वापसी के लक्षणों से डरते हैं। प्रतिबद्धता बनाने के लिए उन्हें दोस्तों और परिवार की मदद की आवश्यकता हो सकती है। फिर केवल एक विशिष्ट योजना के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
अगली बात यह है कि अपनी योजना को जीवन में लाएं और इसे अमल में लाएं। यहां परिवार और दोस्त प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हो जाते हैं और यह अत्यधिक सलाह दी जाती है कि वे उस व्यक्ति की मदद करें जो छोड़ने की कोशिश कर रहा है। नागमणि से बचें क्योंकि अधिकांश दिनों में व्यक्ति बहुत चिंतित और तनावग्रस्त रहेगा। हमें यह याद रखना होगा कि तनाव और चिंता से बचने के लिए धूम्रपान करने वाला सिगरेट का रुख करता है।
पहले दो चरण कठिन हो सकते हैं लेकिन परिश्रम से बदलाव को बनाए रखना आवश्यक है। यह एक कठिन चरण है, जहां से रिलेसैप होने की संभावनाएं प्रमुख हैं।
डॉ। पोद्दार बताते हैं कि एक काले बादल में हमेशा चांदी की परत होती है, “एमसामान्य व्यसनों से छुटकारा पाने में लगभग 21 दिन लगते हैं। इस प्रकार, यदि आप शराब, सिगरेट, या किसी भी प्रकार के पदार्थों के बिना 21 दिनों में चले गए हैं, तो उच्च संभावना में, आप कभी भी इस स्थिति में नहीं आते हैं। ”
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प्रोफेसर विकल्प ग्रे अपने चमड़े को स्कूल में ले जा रहा है!
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प्रोफेसर विकल्प ग्रे अपने चमड़े को स्कूल में ले जा रहा है! हाउडी चमड़े aficionados! बस आप देखना चाहते हैं! हमारे सहयोगियों में से एक, ऑप्शन ग्रे, एक दृश्य सुपर-गाइड में सिर्फ लेदर मिल्क को चित्रित किया गया है, जो आपको बताता है कि आपको अपने चमड़े को कैसे साफ करना है, इसके बारे में जानने की जरूरत है! हालांकि इस भयानक सैर के अंदर चित्रित किया गया है, सैडलबैक की अपनी महिलाओं का चमड़ा ढोना बैग, जिसे आप सैडलबैक की ऑनलाइन दुकान पर ले सकते हैं। यह एक बहुत शानदार जगह है! यदि आपने विकल्प ग्रे के बारे में कभी नहीं सुना है, तो अभी हम इसे ठीक कर देंगे, क्योंकि वे आपके रडार से निंजा के लिए बहुत अच्छे हैं। अपने स्वयं के शब्दों में, विकल्प ग्रे "जानबूझकर जीवन के लिए शिक्षा, प्रेरणा और गियर के साथ एक ईडीसी की दुकान है।" (ईडीसी "हर रोज़ ले जाने के लिए छोटा है", इलेक्ट्रिक डेज़ी कार्निवल नहीं है - जो यकीनन रोज़मर्रा के ईडीसी के रूप में आवश्यक अनुभव के रूप में भी है। )। तो उन्हें क्या मिला? शुरुआत के लिए एक रसोई सिंक को छोड़कर सब कुछ के बारे में! इस यात्री की पवित्र साइट पर आपको वे सभी आवश्यक चीजें मिलेंगी जिनसे आपको बचना होगा, जिन्हें हम बीहड़, स्थिर जंगल कहते हैं: फ्लैश लाइट्स और चाकू, नोटबुक और टूल रोल, प्राथमिक चिकित्सा किट और फायर स्टार्टर, फ्लेयर्स, जल शोधन, उत्तरजीविता किट , खाने के बर्तन, और सबसे अच्छा, चमड़ा! बहुत सारे और चमड़े के बहुत सारे। यह सब स्वादिष्ट चमड़े को देखो! जब विकल्प ग्रे की बात आती है, तो उनके पूरे दर्शन को उनके नाम में वहीं दफन कर दिया जाता है: “हमने विकल्प ग्रे का नाम चुना क्योंकि विकल्प का मतलब है कि आपके पास पसंद की स्वतंत्रता है। ग्रे होने का अर्थ है कि आपके पास एक अस्पष्ट परिभाषित स्थिति या स्थिति है। संयुक्त होने पर, विकल्प ग्रे एक स्थिति को बनाए रखने के लिए सभी स्थितियों के लिए आपके पास विकल्प की क्षमता को इंगित करता है, जो ध्यान आकर्षित नहीं करता है। " तो अपने आप को एक एहसान करो और उन्हें बाहर की जाँच करें, और उनके बहुत जानकारीपूर्ण चमड़े की देखभाल गाइड: कैसे चमड़ा साफ करने के लिए। वे वास्तव में इस पर अपना होमवर्क करते थे! एक नमूना देखें! चरण 1: पता लगाएँ कि आपके पास किस तरह का चमड़ा है पूर्ण एनिलिन चमड़े की सुंदरता प्राकृतिक रंग के अंतर, निशान, ब्रांड, के माध्यम से छिपाने के लिए आने की अनुमति देती है, जिससे चमड़े को सांस लेने, फ्लेक्स करने और उम्र के साथ बेहतर होने की अनुमति मिलती है। यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि आप किस तरह के चमड़े को साफ करना चाहते हैं, क्योंकि प्रकार क्लीनर और विधि का निर्धारण करेगा जिसे आपको उपयोग करने की आवश्यकता है। सब्जी से लेकर, क्रोम-टैन्ड, नैप्ड, स्यूड, विनाइल, एनिलिन रंगे, अधूरे, या यहां तक ​​कि चमड़े से आपको लगता है कि यह चमड़े का है, लेकिन यह वास्तव में बहुत छोटा नहीं है ... चमड़ा कई फिनिश और बनावट में आता है। यह कैसे करना है? आपके द्वारा खरीदे गए चमड़े के उत्पाद विवरण पृष्ठ पर जाएं। यह (उम्मीद) चमड़े के वजन, खत्म, और यह कैसे tanned है के बारे में बात करनी चाहिए चमड़े के प्रकार पर अतिरिक्त विवरण प्राप्त करने के लिए आपके द्वारा खरीदी गई कंपनी को कॉल करें अपने चमड़े का आकलन करें क्या आप चमड़े के प्राकृतिक रंग और विशेषताओं को देख सकते हैं? यह शायद एक पूर्ण एनिलिन है, जिसका अर्थ है कि यह एनिलिन रंगे हुए हैं और इसकी सतह पर लागू शीर्ष वर्णक खत्म कोटिंग नहीं है। यह आमतौर पर नरम, स्पर्श करने के लिए ठंडा और लचीला होता है। चमड़ा झरझरा है और सफाई की देखभाल की जानी चाहिए ... OptionGray.com पर बाकी पढ़ें, और भविष्य में आप अनंत काल तक आभारी रहेंगे। आप एक शानदार दिन है, aficionados!
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प्रश्न 27: बाइबल ईसाई धर्म का अधिनियम है और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, उन्होंने दो हजार वर्षों से बाइबल के अनुसार ऐसा विश्वास किया हैं। इसके अलावा, धार्मिक दुनिया में अधिकांश लोग मानते हैं कि बाइबल प्रभु का प्रतिनिधित्व करती है, कि प्रभु में विश्वास बाइबल में विश्वास है, और बाइबल में विश्वास प्रभु में विश्वास है, और यदि कोई बाइबल से भटक जाता है तो उसे विश्वासी नहीं कहा जा सकता। क्या मैं पूछ सकता हूँ कि इस तरीके से प्रभु पर विश्वास करना प्रभु की इच्छा के अनुरूप है या नहीं?
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उत्तर:
बहुत से लोगों का विश्वास है कि बाइबल प्रभु की प्रतिनिधि है, परमेश्वर की प्रतिनिधि है और प्रभु में विश्वास करने का अर्थ बाइबल में विश्वास करना है, और बाइबल में विश्वास करना प्रभु में विश्वास करने के समान है। वे बाइबल को परमेश्वर के समान दर्जा देते हैं। ऐसे भी लोग हैं जो परमेश्वर को नहीं मानते पर बाइबल को मानते हैं। वे बाइबल को सर्वोच्च मानते हैं और परमेश्वर के स्थान पर बाइबल को रखने का प्रयास भी करते हैं। ऐसे धार्मिक नेता भी हैं जो मसीह को नहीं मानते पर बाइबल को मानते हैं, और दावा करते हैं कि प्रभु के दूसरे अवतरण का उपदेश देने वाले लोग पाखंडी और विधर्मी हैं। यहां ठीक-ठीक मुद्दा क्या है? यह स्पष्ट है, कि धार्मिक विश्व ऐसे बिंदु तक धंस गया है जहां वे केवल बाइबल को ही मानते हैं और प्रभु के लौटने पर विश्वास नहीं करते—उन्हें कोई नहीं बचा सकता। इससे यह स्पष्ट हो जाता है, कि धार्मिक विश्व यीशु-विरोधियों का ऐसा समूह बन चुका है जो परमेश्वर का विरोध करता है और परमेश्वर को अपना शत्रु मानता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कई धार्मिक नेता पाखंडी फारसी हैं। विशेष रूप से वे जो यह दावा करते हैं कि "प्रभु के दूसरे अवतरण का उपदेश देने वाले लोग पाखंडी और विधर्मी हैं," वे सभी मसीह-विरोधी और अविश्वासी हैं। लगता है कि बहुत से लोग जानते ही नहीं कि परमेश्वर में विश्वास रखने का सही अर्थ क्या है। वे इस अस्पष्ट परमेश्वर में अपने विश्वास को परंपरावादी पंथ कहते हैं और परमेश्वर के स्थान पर बाइबल तक में विश्वास करते हैं। यहां तक कि वे अंत के दिनों के मसीह के देहधारण को भी नहीं मानते और उनकी निंदा करते हैं। वे मसीह की बताई किसी भ��� सच्चाई को अनदेखा और नज़रंदाज़ कर देते हैं। यहां समस्या क्या है? यह काफ़ी गहरा प्रश्न है। जिन दिनों में प्रभु यीशु अपना काम कर रहे थे, यहूदियों का रवैया भी बिल्कुल ऐसा ही था। अपना कार्य करने के लिए मसीह के प्रकट होने से पहले, उनकी आस्था बाइबल पर थी। कोई नहीं कह सकता था कि किसकी आस्था सच्ची थी और किसकी झूठी, और निश्चय ही कोई नहीं बता सकता था कि कौन वास्तव में परमेश्वर की आज्ञा का पालन कर रहा था और कौन उनका विरोध कर रहा था। ऐसा क्यों हुआ कि जब प्रभु यीशु देहधारी हुए और अपना कार्य किया, हर इंसान का खुलासा हो गया? इसी में परमेश्वर का सर्वशक्तिमान होना तथा उनकी बुद्धिमत्ता स्थित है। जब सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंतिम दिनों के मसीह, प्रकट होते हैं और अपना कार्य करते हैं, तो बुद्धिमान कुँवारियाँ उनकी वाणी सुनती हैं और परमेश्वर के पदचिह्न का करीब से अनुसरण करती हैं इस प्रकार, स्वाभाविक रूप से, उन्हें परमेश्वर के सिंहासन के सामने लाया जाता है। जहाँ तक मूर्ख कुँवारियों का प्रश्न है, क्योंकि वे बाइबल पर जोर देते हैं और पहचान नहीं पाते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंतिम दिनों के मसीह ही वास्तव में परमेश्वर हैं, वे इस प्रकार प्रकट होते हैं और त्यागे जाते हैं। अभी के लिये वे अपने तथाकथित विश्वास से अभी भी चिपके हुए हैं, किंतु जब बड़ी आपदाएँ आएँगी, तो वे बिलखते और दाँत पीसते हुए समाप्त हो जाएँगे। इससे हम देख सकते हैं, कि जो केवल बाइबल से चिपक कर रहते हैं और सत्य को स्वीकार करने में असफल रहते हैं, जो केवल परमेश्वर में विश्वास करते हैं लेकिन देहधारी मसीह को स्वीकार करने में असफल रहते हैं वे सब अविश्वासी हैं और परमेश्वर के द्वारा निश्चित रूप से हटा दिये जाएँगे। यही सत्य है। आइए देखें कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर इसके बारे में क्या कहते हैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "उस समय से जब बाइबल थी, प्रभु के प्रति लोगों का विश्वास, बाइबल के प्रति विश्वास रहा है। यह कहने के बजाए कि लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, यह कहना बेहतर है कि वे बाइबल में विश्वास करते हैं; यह कहने की अपेक्षा की उन्होंने बाइबल पढ़नी आरम्भ कर दी है, यह कहना बेहतर है कि उन्होंने बाइबल पर विश्वास करना आरम्भ कर दिया है; और यह कहने की अपेक्षा कि वे प्रभु के सामने वापस आ गए हैं, यह कहना बेहतर होगा कि वे बाइबल के सामने वापस आ गए हैं। इस तरह से, लोग बाइबल की आराधना ऐसे करते हैं मानो कि यह परमेश्वर है, मानो कि यह उनका जीवन रक्त है और इसे खोना अपने जीवन को खोने के समान होगा। लोग बाइबल को परमेश्वर के समान ही ऊँचा देखते हैं, और यहाँ तक कुछ ऐसे भी हैं जो इसे परमेश्वर से भी ऊँचा देखते हैं। यदि लोग पवित्र आत्मा के कार्य के बिना हैं, यदि वे परमेश्वर का एहसास नहीं कर सकते हैं, तो वे जीवन जीते रह सकते हैं—परंतु जैसे ही वे बाइबल को खो देते हैं, या बाइबल के प्रसिद्ध अध्यायों और कथनों को खो देते हैं, तो यह ऐसा है मानो उन्होंने अपना जीवन खो दिया हो" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "बाइबल के विषय में (1)")।
"उनके लिये मेरे अस्तित्व का दायरा मात्र बाइबल तक ही सीमित है। उनके लिए, मैं बस बाइबल के समान ही हूँ; बाइबल के बिना मैं भी नहीं हूँ, और मेरे बिना बाइबल भी नहीं है। वे मेरे अस्तित्व या क्रियाओं पर कोई भी ध्यान नहीं देते, परन्तु इसके बजाय, पवित्रशास्त्र के हर एक वचन पर बहुत अधिक और विशेष ध्यान देते हैं, और उनमें से कई एक तो यहाँ तक मानते हैं कि मुझे मेरी चाहत के अनुसार, ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जब तक वह पवित्रशास्त्र के द्वारा पहले से बताया गया न हो। वे पवित्रशास्त्र को बहुत अधिक महत्त्व देते हैं। यह कहा जा सकता है कि वे वचनों और उक्तियों को बहुत अधिक महत्वपूर्ण तरीकों से देखते हैं, इस हद कि हर एक वचन जो मैं बोलता हूं उसकी तुलना बाइबल की आयतों के साथ करते हैं, और उसका उपयोग मुझे दोषी ठहराने के लिए करते हैं। वे जिसकी खोज कर रहे हैं वह मेरे अनुकूल होने का रास्ता या ढंग नहीं है, या सत्य के अनुकूल होने का रास्ता नहीं है, बल्कि बाइबल के वचनों की अनुकूलता में होने का रास्ता है, और वे विश्वास करते हैं कि कोई भी बात जो बाइबल के अनुसार नहीं है, बिना किसी अपवाद के, मेरा कार्य नहीं है। क्या ऐसे लोग फरीसियों के कर्तव्यनिष्ठ वंशज नहीं हैं? यहूदी फरीसी यीशु को दोषी ठहराने के लिए मूसा की व्यवस्था का उपयोग करते थे। उन्होंने उस समय के यीशु के अनुकूल होने की खोज नहीं की, बल्कि नियम का अक्षरशः पालन कर्मठतापूर्वक किया, इस हद तक किया कि अंततः उन्होंने निर्दोष यीशु को, पुराने नियम की व्यवस्था का पालन न करने और मसीहा न होने का आरोप लगाते हुए, क्रूस पर चढ़ा दिया। उनका सारतत्व क्या था? क्या यह ऐसा नहीं था कि उन्होंने सत्य के अनुकूल होने के मार्ग की खोज नहीं की? उनमें पवित्रशास्त्र के हर एक वचन का जुनून सवार हो गया था, जबकि मेरी इच्छा और मेरे कार्य के चरणों और कार्य की विधियों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया। ये वे लोग नहीं थे जो सत्य को खोज रहे थे, बल्कि ये वे लोग थे जो कठोरता से पवित्रशास्त्र के वचनों का पालन करते थे; ये वे लोग नहीं थे जो सत्य की खोज करते थे, बल्कि ये वे लोग थे जो बाइबल में विश्वास करते थे। दरअसल वे बाइबल के रक्षक थे। बाइबल के हितों की सुरक्षा करने, और बाइबल की मर्यादा को बनाये रखने, और बाइबल की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए, वे यहाँ तक गिर गए कि उन्होंने दयालु यीशु को भी क्रूस पर चढ़ा दिया। यह उन्होंने सिर्फ़ बाइबल की रक्षा करने के लिए, और लोगों के हृदय में बाइबल के हर एक वचन के स्तर को बनाये रखने के लिए ही किया। इस प्रकार उन्होंने यीशु को, जिसने पवित्रशास्त्र के सिद्धान्त का पालन नहीं किया, मृत्यु दंड देने के लिये अपने भविष्य और पापबलि को त्यागना बेहतर समझा। क्या वे पवित्रशास्त्र के हर एक वचन के नौकर नहीं थे?
"और आज के लोगों के विषय में क्या कहें? मसीह सत्य को बताने के लिए आया है, फिर भी वे निश्चय ही स्वर्ग में प्रवेश प्राप्त करने और अनुग्रह को पाने के लिए उसे मनुष्य के मध्य में से बाहर निकाल देंगे। वे निश्चय ही बाइबल के हितों की सुरक्षा करने के लिए सत्य के आगमन को भी नकार देंगे, और निश्चय ही वापस देह में लौटे मसीह को बाइबल के अस्तित्व को अनंतकाल तक सुनिश्चित करने के लिए फिर से सूली पर चढ़ा देंगे। कैसे मनुष्य मेरे उद्धार को ग्रहण कर सकता है, जब उसका हृदय इतना अधिक द्वेष से भरा है, और मेरे प्रति उसका स्वभाव ही इतना विरोध से भरा है?" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "तुम्हें मसीह की अनुकूलता में होने के तरीके की खोज करनी चाहिए")।
प्रभु में विश्वास रखने का मतलब क्या है? बाइबल में विश्वास करने का अर्थ क्या है? बाइबल और प्रभु के बीच क्या संबंध है? पहले कौन आया, बाइबल या प्रभु? तो फिर वह कौन है जो उद्धार का कार्य करता है? क्या बाइबल प्रभु के द्वारा किये जाने वाले कार्य की जगह ले सकती है? क्या बाइबल प्रभु का प्रतिनिधित्व कर सकती है? यदि हम बाइबल पर अंधा विश्वास करें और बाइबल की आराधना करें, तो क्या इसका मतलब यह है कि हम परमेश्वर में विश्वास करते हैं और उनकी आराधना करते हैं? क्या बाइबल का अनुसरण करना परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने और अनुभव करने समान है? क्या बा��बल का अनुसरण करने का आवश्यक रूप से यही मतलब है कि हम प्रभु का अनुसरण कर रहे हैं? इसलिए यदि हम बाइबल को हर चीज के पहले रखें, तो क्या इसका मतलब यह है कि हम प्रभु को महान मानकर उनकी आराधना करते हैं, कि हम प्रभु का आदर करते हैं और उनके प्रति आज्ञाकारी हैं? कोई भी इन मुद्दों के सत्य को नहीं देखता है। हजारों सालों तक, लोग बाइबल की अंधवत् आराधना करते आ रहे हैं और बाइबल को वही दर्जा दे रहे हैं जो वे प्रभु को देते हैं। कुछ लोग तो बाइबल का उपयोग प्रभु और उनके कार्यों के बदले में भी लेते हैं, लेकिन कोई भी प्रभु को सच में नहीं जानता और उनके प्रति आज्ञाकारी नहीं है। बाइबिल का अनुसरण करने के कारण ही, फरीसियों ने प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया। मुद्दा क्या था? क्या बाइबल को समझने का मतलब परमेश्वर को जानना है? क्या बाइबल का अनुसरण करने का मतलब परमेश्वर का अनुसरण करना है? फरीसी बाइबल की टीकाओं के विशेषज्ञ थे, लेकिन परमेश्वर को नहीं जानते थे। इसके बजाय, उन्होंने प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया जिन्होंने सत्य व्यक्त किया और छुटकारा दिलाने का कार्य किया। क्या यह एक तथ्य नहीं है? वास्तव में परमेश्वर को सच में जानने का मतलब क्या है? क्या सिर्फ बाइबल की व्याख्या करने और बाइबल के ज्ञान को समझने में सक्षम होना ही परमेश्वर को जानने के रूप में अर्हता प्राप्त करना है? यदि यही मसला है, तो फरीसियों ने क्यों प्रभु यीशु की निंदा की और उनका विरोध किया जबकि उसी समय उन्होंने बाइबल की व्याख्या भी की? इस बात की कुंजी कि क्या कोई सच में परमेश्वर को जानकर उनकी आज्ञा का पालन कर पाता है यह है कि क्या वह देहधारी मसीह को जानता और उनकी आज्ञा का पालन करता है या नहीं। समस्त मानवजाति पर देहधारी परमेश्वर प्रकट होते हैं, यही वह है जिसे अधिकांश लोग महसूस करने में असफल रहते हैं। फरीसियों पर प्रभु यीशु का श्राप इस तथ्य का एक प्रमाण है कि परमेश्वर धार्मिकता के साथ हर किसी के साथ व्यवहार करता है। जैसा की स्पष्ट है, यदि हम प्रभु की आज्ञा पालन और उनकी आराधना नहीं करते हैं बल्कि केवल बाइबल में अंधविश्वास करते हैं और उसकी उपासना करते हैं तो हमें ईश्वर का अनुमोदन नहीं मिलेगा है। यदि किसी व्यक्ति का विश्वास पूरी तरह से बाइबल के पालन में हो और उसके दिलों में प्रभु के लिए कोई स्थान नहीं हो, यदि वो प्रभु को महान मान कर उनकी आराधना नहीं कर सकता हो और उनके वचनों का अभ्यास नहीं कर सकता हो, यदि वो परमेश्वर के कार्य और मार्गदर्शन को स्वीकार करने और उसका पालन करने में असमर्थ हो, तो क्या ऐसा मनुष्य एक पाखंडी फरीसी नहीं है? क्या ऐसा मनुष्य मसीह विरोधी नहीं है, एक ऐसा मनुष्य नहीं है जिसने यीशु को अपना दुश्मन बना लिया है? इसलिए, यदि हम केवल बाइबल से चिपका रहते हैं, तो इसका निश्चित रूप से यह मतलब नहीं है कि हमने सत्य और जीवन को पा लिया है। बाइबल का अंधवत् अनुसरण और आराधना करना गलत है, ऐसा करके निश्चित रूप से किसी को भी प्रभु का अनुमोदन प्राप्त नहीं होगा। देहधारी परमेश्वर सत्य व्यक्त करते हैं हम मनुष्यों को शुद्ध करने, बचाने और शैतान के प्रभाव से मुक्त करने के लिए ताकि हम परमेश्वर की आज्ञापालन कर सकें, उनकी आराधना कर सकें और अंत में परमेश्वर द्वारा जीत लिये जा सकें। यह देहधारी परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य व अर्थ है। हमारे विश्वास की कुंजी सत्य को तलाशना, और प्रभु के वचनों का अभ्यास और अनुभव करना है। केवल इसी प्रकार हम पवित्र आत्मा के कार्य को प्राप्त करेंगे और परमेश्वर को जानेंगे। तब, हम प्रभु पर श्रद्धा रखने और प्रभु को अपने दिलों में महिमामंडित करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, हमें उन पर सच्चा विश्वास होगा और सच्चाई से उनकी आज्ञा का पालन करेंगे। यही प्रभु में विश्वास करने का सच्चा अर्थ है। केवल इसी तरह से विश्वास का अभ्यास करके हमें परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त होगा। इससे, हर कोई साफ-साफ देखता है कि बाइबल में विश्वास करना परमेश्वर में विश्वास करने के समान नहीं है। तो परमेश्वर और बाइबल के बीच क्या संबंध है? इस प्रश्न के संदर्भ में, प्रभु यीशु ने स्पष्ट कहा है। कृपया यूहन्ना के सुसमाचार अध्याय 5 पद 39-40 पर जाएँ: "तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।" प्रभु यीशु के वचनों से, यह बहुत स्पष्ट है कि बाइबल परमेश्वर की केवल एक गवाही है, वह अतीत में किए गए परमेश्वर के कार्य का अभिलेख मात्र है। बाइबिल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं करती है, क्योंकि बाइबल में परमेश्वर के वचनों और कार्य का सीमित वृतांत है। परमेश्वर के वचनों और कार्य का सीमित वृतांत परमेश्वर का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है? परमेश्वर सृष्टिकर्ता है जो सब कुछ भरता है, वह सभी चीजों का स्वामी है। परमेश्वर का जीवन असीम और अक्षय है। मनुष्य कभी परमेश्वर की विपुलता और महानता की थाह नहीं ले सकता है। और बाइबल में पाए जाने वाले परमेश्वर के वचनों और कार्य का सीमित अभिलेख परमेश्वर के जीवन के विशाल समुद्र की एक केवल बूंद है। बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकती है? बाइबल परमेश्वर के बराबर कैसे हो सकती है? परमेश्वर मनुष्य को बचाने का कार्य कर सकते हैं, क्या बाइबल मनुष्य को बचाने के लिए कार्य कर सकती है? परमेश्वर सत्य व्यक्त कर सकते हैं, क्या बाइबल ऐसा कर सकती है? परमेश्वर किसी भी समय मनुष्य को प्रबुद्धता दे सकते हैं, ज्योतिर्मय कर सकते हैं, और उसका मार्गदर्शन कर सकते हैं, क्या बाइबल ऐसा कर सकती है? बिल्कुल नहीं! तो, बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है। कुछ लोग बाइबल को परमेश्वर के बराबर रखते हैं और सोचते हैं कि बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व कर सकती है। क्या यह परमेश्वर के महत्व को कम करना और ईशनिंदा नहीं है? यदि हम परमेश्वर के कार्य के स्थान पर बाइबल का उपयोग करते हैं, तो यह परमेश्वर को इनकार करना और उनसे विश्वासघात है। परमेश्वर परमेश्वर हैं, बाइबल बाइबल है। बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है, ना ही वह परमेश्वर के कार्य का स्थान ले सकती है। बाइबल परमेश्वर के कार्य का अभिलेख मात्र है। बाइबल के अंदर परमेश्वर के वचन सत्य हैं। वे परमेश्वर के जीवन स्वभाव की अभिव्यक्ति हैं, और परमेश्वर की इच्छा दर्शा सकते हैं। लेकिन परमेश्वर के कार्य का हर चरण केवल उस युग के दौरान मानवजाति के लिए परमेश्वर की अपेक्षा और इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। वे अन्य युगों में परमेश्वर के वचनों और कार्य का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। क्या अब आप सभी इस पर स्पष्ट हैं?
बाइबल के अंदर की कहानी के संबंध में, मुझे लगता है कि हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर से कुछ अंश को देख सकते हैं। "बाइबल की सच्चाई को कोई नहीं जानता हैः कि यह परमेश्वर के कार्य के ऐतिहासिक अभिलेख, और परमेश्वर के कार्य के पिछले दो चरणों की गवाही से बढ़कर और कुछ नहीं है, और तुम्हें परमेश्वर के कार्य के लक्ष्यों की कोई समझ नहीं देता है। जिस किसी ने भी बाइबल को पढ़ा है वह जानता है कि यह व्यवस्था के युग और अनुग्रह के युग के दौरान परमेश्वर के कार्य के दो चरणों को प्रलेखित करता है। पुराना विधान इस्राएल के इतिहास और सृष्टि के समय से लेकर व्यवस्था के अंत तक यहोवा क��� कार्य का कालक्रम से अभिलेखन करता है। नया विधान पृथ्वी पर यीशु के कार्य को, जो चार सुसमाचारों में है, और साथ की पौलुस के कार्य को भी अभिलिखित करता है; क्या वे ऐतिहासिक अभिलेख नहीं हैं?" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "बाइबल के विषय में (4)")।
"उस से पहले, इस्राएल के लोग केवल पुराना नियम ही पढ़ते थे। दूसरे शब्दों में, अनुग्रह के युग की शुरुआत में लोग पुराना नियम पढ़ते थे। नया नियम केवल अनुग्रह के युग के दौरान ही प्रकट हुआ था। जब यीशु काम करता था तब नया नियम मौजूद नहीं था; उसके पुनरूत्थान और स्वर्गारोहण के बाद ही लोगों ने उसके कार्य को दर्ज किया या लिखा था। केवल तब ही सुसमाचार की चार पुस्तकें...। जो कुछ उन्होंने दर्ज किया है, ऐसा कहा जा सकता है, वह उनकी शिक्षा और उनकी मानवीय योग्यता के स्तर के अनुसार था। जो कुछ उन्होंने दर्ज किया था वे मनुष्यों के अनुभव थे, और प्रत्येक के पास दर्ज करने या लिखने और जानने के लिए अपने स्वयं के माध्यम थे, और प्रत्येक का लिखित दस्तावेज़ अलग था। इस प्रकार, यदि तुम परमेश्वर के रूप में बाइबल की आराधना करते हो तो तुम बहुत ही ज़्यादा नासमझ और मूर्ख हो। तुम आज के लिए परमेश्वर के वचनों को क्यों नहीं खोजते हो? केवल परमेश्वर का कार्य ही मनुष्य को बचा सकता है। बाइबल मनुष्य को बचा नहीं सकती है, वे हज़ारों सालों तक इसे पढ़ सकते हैं और फिर भी उनमें ज़रा सा भी परिवर्तन नहीं होगा, और यदि तुम बाइबल की आराधना करते हो तो तुम पवित्र आत्मा के कार्य को कभी प्राप्त नहीं करोगे" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "बाइबल के विषय में (3)")।
"लोग धुन और विश्वास के साथ बाइबल के समीप जाते हैं, और बाइबल की भीतरी कहानी या सार के बारे में कोई भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकता है। इसलिए आज, जब बाइबल की बात आती है तो लोगों के पास अभी भी जादुईगिरी का एक अवर्णनीय एहसास है; और उस से भी बढ़कर, वे उससे बुरी तरह से ग्रस्त हैं, और उस पर विश्वास करते हैं। आज, हर कोई बाइबल में अंत के दिनों के कार्य की भविष्यवाणियों का पता लगाना चाहता है, वह यह खोज करना चाहता है कि अंत के दिनों के दौरान परमेश्वर क्या कार्य करता है, और अंत के दिनों के क्या लक्षण हैं। इस तरह से, बाइबल की उनकी आराधना और उत्कट हो जाती है, और यह जितना ज़्यादा अंत के दिनों के नज़दीक आती है, उतना ही ज़्यादा वे बाइबल की भविष्यवाणियों को विश्वसनीयता देने लगते हैं, विशेषकर उनको जो अंत के दिनों के बारे में हैं। बाइबल में ऐसे अन्धे विश्वास के साथ, बाइबल में ऐसे भरोसे के साथ, उनमें पवित्र आत्मा के कार्य को खोजने की कोई इच्छा नहीं होती है। अपनी अवधारणाओं के अनुसार, लोग सोचते हैं कि केवल बाइबल ही पवित्र आत्मा के कार्य को ला सकती है; केवल बाइबल में ही वे परमेश्वर के पदचिह्नों को खोज सकते हैं; केवल बाइबल में ही परमेश्वर के कार्य के रहस्य छिपे हुए हैं; केवल बाइबल—न कि अन्य पुस्तकें या लोग—परमेश्वर के बारे में हर बात को और उनके कार्य की सम्पूर्णता को स्पष्ट कर सकती है; बाइबल स्वर्ग के कार्य को पृथ्वी पर ला सकती है; और बाइबल युगों का आरंभ और अंत दोनों कर सकती है। इन अवधारणाओं के साथ, लोगों ��ा पवित्र आत्मा के कार्य को खोजने की ओर कोई झुकाव नहीं होता है। अतः इस बात की परवाह किए बिना कि अतीत में बाइबल लोगों के लिए कितनी मददगार थी, यह परमेश्वर के नवीनतम कार्य के लिए एक बाधा बन गई है। बाइबल के बिना, लोग अन्य स्थानों पर परमेश्वर के पदचिह्नों को खोज सकते हैं, फिर भी आज, उसके कदमों को बाइबल के द्वारा 'रोक लिया' गया है, और उसके नवीनतम कार्य को बढ़ाना दोगुना कठिन, और एक मुश्किल संघर्ष बन गया है। यह सब बाइबल के प्रसिद्ध अध्यायों एवं कथनों, और साथ ही बाइबल की विभिन्न भविष्यवाणियों की वजह से है। बाइबल लोगों के मनों में एक आदर्श बन चुकी है, यह उनके मस्तिष्कों में एक पहेली बन चुकी है, वे मात्र यह विश्वास करने में असमर्थ हैं कि परमेश्वर बाइबल से अलग भी काम कर सकता है, वे यह विश्वास करने में बिल्कुल असमर्थ हैं कि लोग बाइबल के बाहर भी परमेश्वर को पा सकते हैं, और वे यह बिलकुल भी विश्वास करने में सक्षम नहीं हैं कि परमेश्वर अंतिम कार्य के दौरान बाइबल से दूर जा सकता है और एक नए सिरे से शुरू कर सकता है। यह लोगों के लिए अकल्पनीय है; वे इस पर विश्वास नहीं कर सकते हैं, और न ही वे इसकी कल्पना कर सकते हैं। लोगों द्वारा परमेश्वर के नए कार्य को स्वीकार करने में बाइबल एक बहुत बड़ी बाधा बन चुकी है, और इसने परमेश्वर के लिए इस नए कार्य का विस्तार करना कठिन बना दिया है" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "बाइबल के विषय में (1)")।
"आख़िरकार, कौन बड़ा हैः परमेश्वर या बाइबल? परमेश्वर का कार्य बाइबल के अनुसार क्यों होना चहिए? क्या ऐसा हो सकता है कि परमेश्वर को बाइबल से आगे बढ़ने का कोई अधिकार नहीं है? क्या परमेश्वर बाइबल से दूर नहीं जा सकता है और अन्य काम नहीं कर सकता है? यीशु और उनके शिष्यों ने सब्त का पालन क्यों नहीं किया? यदि उसे सब्त का पालन करना होता और पुराने विधान की आज्ञाओं के अनुसार अभ्यास करना होता, तो आने के बाद यीशु ने सब्त का पालन क्यों नहीं किया, बल्कि इसके बजाए उसने पाँव धोए, सिर को ढका, रोटी तोड़ी और दाखरस पीया? क्या यह सब पुराने विधान की आज्ञाओं से अनुपस्थित नहीं हैं? यदि यीशु पुराने विधान का सम्मान करता, तो उसने इन सिद्धांतो का विरोध क्यों किया? तुम्हें जानना चाहिए कि पहले कौन आया था, परमेश्वर या बाइबल! सब्त का प्रभु होते हुए, क्या वह बाइबल का भी प्रभु नहीं हो सकता है?" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "बाइबल के विषय में (1)")।
इस संदर्भ में सत्य को ढूँढ़ना और खोजना कि क्या बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व कर सकती है और बाइबल तथा परमेश्वर के बीच क्या संबंध है अत्यंत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले हमें जानना चाहिए: परमेश्वर किस प्रकार का परमेश्वर है? जैसा कि हम सब जानते हैं, परमेश्वर सभी चीजों का सृष्टिकर्ता है, सभी चीजों का शासक है। परमेश्वर वह है जो वो है, और असीम रुप से सर्वशक्तिशाली और बुद्धिमान है। केवल परमेश्वर ही मानवजाति को बचा सकता है और उसका मार्गदर्शन कर सकता है। केवल परमेश्वर ही मानवजाति का भाग्य निर्धारित कर सकता है। यह एक व्यापक रूप से अभिस्वीकृत तथ्य है। बाइबल कैसे बनी थी? जब परमेश्वर ने अपना कार्य पूरा कर लिया, तो उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए मनुष्यों ने अपनी गवाहियाँ और अनुभव लिखे, और ये गवाहियाँ और अनुभव बाद में बाइबल बनाने के लिए संकलित किए गए। यही सत्य है। इसी कारण से हम पूरे यकीन के साथ कह सकते हैं कि बाइबल केवल परमेश्वर के अतीत में किए गए कार्य का अभिलेख मात्र है, यह परमेश्वर के कार्य की गवाही से अधिक कुछ नहीं है। बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है, और ना ही वह मनुष्य को बचाने का कार्य करने के लिए परमेश्वर का स्थान ले सकती है। यदि हमारा विश्वास केवल बाइबल पढ़ने पर ही आधारित है न कि परमेश्वर के कार्य का अनुभव करने पर, तो हमें कभी भी पवित्र आत्मा का कार्य प्राप्त नहीं होगा और बचाया नहीं जाएगा। क्योंकि परमेश्वर का उद्धार कार्य वर्तमान में चल रही गतिविधि है। इसलिए, हमें परमेश्वर के कार्य के एक या दो चरणों पर असामान्य रूप से आसक्त नहीं होना चाहिए। हमें परमेश्वर के कार्य के पदचिन्हों का तब तक पालन करना चाहिए जब तक कि परमेश्वर मनुष्य जाति को बचाने के अपने कार्य को पूरा न कर लें। केवल इसी तरह से शायद हमें ईश्वर के द्वारा पूर्ण उद्धार प्राप्त हो सके और हम अपनी सुखद मंज़िल में प्रवेश कर सकें। परमेश्वर की प्रबंधकारणीय योजना में कार्य के तीन चरण शामिल है��: व्यवस्था के युग, अनुग्रह के युग, और राज्य के युग का कार्य। व्यवस्था का युग वह युग था जब परमेश्वर ने मनुष्य के जीवन का मार्गदर्शन करने के लिए व्यवस्थाओं का उपयोग किया था। अनुग्रह का युग तब था जब परमेश्वर ने मानवजाति पर छुटकारा दिलाने का कार्य किया। प्रभु यीशु को सूली पर लटकाया गया था ताकि मानवजाति को शैतान की प्रभुता के क्षेत्र से छुटकारा दिलाया जाए, उन्हें उनके पापों के लिए क्षमा किया जाए, और उन्हें परमेश्वर के सामने आने, परमेश्वर से प्रार्थना करने, और उनके साथ बातचीत करने के योग्य बनाया जाए। जहाँ तक राज्य के युग में न्याय के कार्य का सवाल है, यही वह कार्य है जो समस्त मानवजाति को अच्छी तरह से शुद्ध करने, बचाने, और परिपूर्ण करने के लिए है। अगर मानवजाति केवल व्यवस्था के युग और अनुग्रह के युग के कार्य से ही गुजरे लेकिन अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार करने में असफल रहे, तो वह अच्छी तरह से परमेश्वर के द्वारा बचायी और जीती नहीं जाएगी। हम सभी देख सकते हैं कि अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु का कार्य केवल मानवजाति को छुटकारा दिलाना था। इस युग में, परमेश्वर में विश्वास करने से हमें मात्र हमारे पापों से माफ किए जाने, परमेश्वर से प्रार्थना करने, और परमेश्वर के समस्त अनुग्रह का आनंद की अनुमति मिली, लेकिन हम इस युग में शुद्धता हासिल नहीं कर सके। ऐसा क्यों है? क्योंकि हम अंदर से पापी स्वभाव के हैं, और हम अक्सर पाप करते हैं, परमेश्वर से द्वन्द और उनका विरोध करते हैं, प्रभु यीशु ने वादा किया कि वे वापस आएँगे, और सभी सत्यों को व्यक्त करेंगे जो अंतिम दिनों में मानवजाति को बचाते हैं ताकि उन सभी को शुद्ध किया जाए जो परमेश्वर की वाणी सुनते हैं और परमेश्वर के सिंहासन के समक्ष लाए जाते हैं। ठीक जैसे कि प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की: "मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन और कार्य यूहन्ना के पद की संपूर्ण पूर्ति हैं: "जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा।" तो सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर वर्तमान में अंतिम दिनों में न्याय के कार्य में लगे हुए हैं, और उन सभी को शुद्ध करने व परिपूर्ण बनाने में लगे हुए हैं जो उनके सिंहासन के समक्ष आ गये हैं। यानी कि, वो उन बुद्धिमान कुँवारियों को विजेताओं में परिपूर्ण कर रहे हैं जो उनकी वाणी सुनकर उनकी तरफ वापस लौटे हैं और वह उनको परमेश्वर के राज्य में लाया जायेंगे। यह तथ्य कि परमेश्वर उद्धार कार्य को तीन चरणों में पूरा करते हैं हमें यह देखने की अनुमति देता है कि परमेश्वर हमेशा मानवजाति का मार्गदर्शन करने और उसे बचाने के लिये कार्य करते रहते हैं। परमेश्वर के कार्य का हर चरण पिछले चरण से और उन्नत एवं और गहरा होता है। जहाँ तक बाइबल का प्रश्न है, यह हम परमेश्वर के विश्वासियों के लिये हमारे लिये एक आवश्यक किताब से अधिक कुछ नहीं है। मानवजाति के मार्गदर्शन और उसे बचाने के लिए, बाइबल परमेश्वर के कार्य को नहीं कर सकती है।
बाइबल परमेश्वर के कार्यों का एक अभिलेख मात्र है। जब परमेश्वर ने एक कार्य पूरा कर लिया था, तो मनुष्य ने उनके वचनों और कार्य को लेखों में अभिलिखित किया और ये संकलित लेख बाइबल बन गये। यद्यपि बाइबल हमारे विश्वास के लिए अपरिहार्य है, किंतु केवल पवित्र आत्मा के कार्य को प्राप्त करके ही हम बाइबल और सत्य को वास्तव में समझ सकते हैं। यह सच है। इसलिए, प्रभु में विश्वास के लिए हमें मेमने के पदचिन्हों का बारीकी से अनुसरण करने, परमेश्वर के अंतिम दिनों के न्याय के कार्य को स्वीकार करने और उसका पालन करने की आवश्यकता है। केवल इसी तरह हम पवित्र आत्मा के कार्य और परमेश्वर द्वारा उद्धार को प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम केवल बाइबल को पढ़ते हैं लेकिन अंतिम दिनों के परमेश्वर के वचनों और कार्य को स्वीकार करने में असफल रहते हैं, तो हमें शुद्ध नहीं किया जा सकता और बचाया नहीं जा सकता है। वास्तव में, यदि परमेश्वर के सभी वचनों को बाइबल में अभिलिखित कर भी लिए गए होते, तब भी पवित्र आत्मा के कार्य के बिना, हम परमेश्वर के वचन को समझने और जानने में असमर्थ होते हैं। सत्य को समझने के लिए, हमें परमेश्वर के वचनों का अनुभव और अभ्यास अवश्य करना चाहिए, हमें पवित्र आत्मा की प्रबुद्धता और रोशनी प्राप्त होगी। केवल इसी प्रकार हम परमेश्वर के वचनों को समझ सकते हैं, सत्य को समझ सकते हैं और सत्य की वास्तविकता में प्रवेश कर सकते हैं। तथ्य यह साबित करने के लिए काफी हैं कि हमारे उद्धार की कुंजी पवित्र आत्मा का कार्य, पवित्र आत्मा द्वारा परिपूर्णता है। अब, पवित्र आत्मा कौन है? क्या पवित्र आत्मा स्वयं परमेश्वर नहीं है? बाइबल अतीत में परमेश्वर के कार्य का अभिलेख मात्र है। तो यह कैसे स्वयं परमेश्वर का स्थान ले सकती है? इसलिए जैसा कि मैंने कहा है, केवल परमेश्वर ही मनुष्य को बचा सकते हैं, बाइबल मनुष्य को बचाने में अक्षम है। यदि किसी का विश्वास केवल बाइबिल का अनुसरण करने में है और परमेश्वर के अंतिम दिनों के वचनों और कार्य को स्वीकार करने में नहीं है, यदि वो ईश्वर के कार्य की गतिका अनुसरण नहीं करता है, तो उसे त्याग दिया जाएगा व हटा दिया जाएगा। व्यवस्था के युग में, बहुत सारे लोग थे जो प्रभु यीशु के कार्य को स्वीकार करने में असफल रहे, उन्हें हटा दिया गया। जो प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं लेकिन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंतिम दिनों के कार्य को स्वीकार करने में असमर्थ रहते हैं उन्हें भी त्याग दिया जाएगा और हटा दिया जाएगा। यह कहा जा सकता है कि ये मनुष्य अंधे हैं और परमेश्वर को नहीं जानते हैं। उनके लिए बस यही बचता है कि वे आने वाली आपदाओं की मार को विलाप करते हुए और अपने दाँत पीसते हुए सहें।
अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा सत्य को व्यक्त करके किया गया न्याय का कार्य ही मानवजाति को बचाने के लिए परमेश्वर की प्रबंधकारणीय योजना का मुख्य कार्य है। यह मानवजाति को अच्छी तरह से शुद्ध करने, बचाने और परिपूर्ण करने के परमेश्वर के कार्य का अंतिम चरण भी है। सही है! इसलिए यदि हम बाइबल में वर्णित कार्य���ं के केवल प्रथम दो चरणों को ही पकड़े रहते हैं लेकिन अंतिम दिनों के मसीह के द्वारा किये गये शुद्धिकरण और उद्धार कार्य को स्वीकार करने में असफल रहते हैं, तो हमें कभी बचाया नहीं जाएगा और हम कभी भी परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं करेंगे। चाहे कितने ही सालों तक हम लोगों का परमेश्वर पर विश्वास रहा हो, वह सब शून्य हो जाएगा, क्योंकि हम सब जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंतिम-समय के उद्धार को अस्वीकार करते हैं, परमेश्वर के विरोधी होते हैं, हम पाखंडी फरीसी हैं। इस बारे में तो बिल्कुल भी संशय नहीं है। भले ही फरीसियों ने बाइबल के आधार पर प्रभु यीशु मसीह को अस्वीकार कर दिया और अंतिम दिनों में, पादरियों और बुज़ुर्गों ने बाइबल के आधार पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को अस्वीकार किया, लेकिन उनके तर्क ठहरते नहीं हैं। क्योंकि वह अपने तर्कों को परमेश्वर के वचनों पर आधारित करने के बजाये बाइबल के अक्षर पर आधारित करते हैं। चाहे उन के पास कितने ही तर्क हों, जो भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंतिम दिनों के कार्य को स्वीकार करने में असफल रहता है वह परमेश्वर का विरोधी और विश्वासघाती है। परमेश्वर की निगाह में, वे सब कुकर्मी हैं, परमेश्वर उन्हें कभी भी अंगीकार नहीं करेंगे। अंतिम दिनों के परमेश्वर के कार्य द्वारा उजागर हुए इन ईसाविरोधियों और अविश्वासियों को आने वाली आपदाओं के दंड को विलाप करते हुए और दाँत पीसते हुए सहना पड़ेगा। परमेश्वर के द्वारा उन्हें हमेशा के लिए त्यागा और हटाया जा चुका है, और उन्हें दुबारा कभी भी परमेश्वर को देखने और उनका अनुमोदन प्राप्त करने का मौका नहीं मिलेगा। यह सत्य है। यहाँ, हम एक तथ्य समझ सकते हैं: बाइबल परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है, और परमेश्वर के कार्य का स्थान निश्चित रुप से नहीं ले सकती है। परमेश्वर परमेश्वर है, बाइबल बाइबल है। क्योंकि हम परमेश्वर में विश्वास करते हैं, इसलिए हमें अवश्य परमेश्वर के कार्य का अनुभव करना चाहिए और परमेश्वर के कार्य की गति का अनुसरण करना चाहिए, हमें अवश्य अंतिम दिनों में परमेश्वर के वचनों को खाना और पीना चाहिए, और परमेश्वर के द्वारा व्यक्त किए गए सभी सत्यों को स्वीकार करके उनका अनुसरण अवश्य करना चाहिए। यही ईश्वर में विश्वास करने का सही अर्थ है। हर बार जब कार्य करने के लिये परमेश्वर देहधारी बनते हैं तो, उन्हें उन लोगों को त्यागना और हटाना पड़ता है जो केवल बाइबल का अनुसरण करते हैं लेकिन परमेश्वर को पहचानने और उनकी आज्ञापालन करने में विफल रहते हैं। इसलिए, हम विश्वास के साथ कह सकते हैं, कि "परमेश्वर पर विश्वास बाइबल से मेल खाना चाहिए, बाइबल का पालन करना ही परमेश्वर पर सच्चा विश्वास करना है, बाइबल ईश्वर का प्रतिनिधित्व करती है" ऐसे दावे शुद्ध भ्रांतिपूर्ण है। जो कोई भी ऐसे दावे करता है वह अंधा है और परमेश्वर को नहीं जानता है। अगर मनुष्य बाइबल को सबसे ऊपर रखता और परमेश्वर के स्थान पर बाइबल का उपयोग करता है, तो क्या यह फरीसियों के मार्ग पर चलना नहीं होगा? फरीसियों ने परमेश्वर के विरोध में बाइबल का अनुसरण किया, जिसके परिणाम स्वरुप वे परमेश्वर के श्राप को प्राप्त हुए। क्या यह तथ्य नहीं है?
— "राज्य के सुसमाचार पर विशिष्ट प्रश्न और उत्तर संकलन" से उद्धृत
लोग परमेश्वर में अपने विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करते हैं या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है कि वे सत्य को प्राप्त करते हैं या नहीं। यदि वे ऐसा करते हैं, तो उन्होंने वास्तव में परमेश्वर को जान लिया है; केवल उन लोगों ने जो ऐसा कर चुके हैं, वास्तव में जीवन प्राप्त किया है। वे लोग जो वास्तव में परमेश्वर को नहीं जानते हैं, सत्य को प्राप्त नहीं कर पाए हैं; इसलिए ऐसे लोगों ने जीवन को हासिल नहीं किया है। यह निश्चित है, किसी भी संदेह से परे है। तो वास्तव में सत्य को पाने का क्या मतलब है? इसके लिए मसीह के बारे में जानना आवश्यक है, क्योंकि वह मनुष्यों के बीच सम्पूर्ण सत्य को व्यक्त करने वाला देहधारी परमेश्वर है। सत्य परमेश्वर के जीवन से उत्पन्न होता है, और यह पूरी तरह से मसीह की अभिव्यक्ति है, जिसका सार सत्य, मार्ग और जीवन है। सिर्फ मसीह के पास सत्य और जीवन का सार है, इसलिए उसे जानना और पा लेना सत्य को प्राप्त करने का एकमात्र वास्तविक तरीका है। इससे यह स्पष्ट है कि निष्ठावानों में, केवल वे लोग जिन्होंने मसीह को जाना और पाया है, उन्होंने ही वास्तव में जीवन को पाया है, परमेश्वर को जाना है, और अनन्त जीवन को हासिल कर लिया है। यह बात बाइबल में लिखे इस कथन को बिल्कुल सटीक तरीके से पूरा करती है: "जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर रहता है" (यूहन्ना 3:36)। पुत्र में विश्वास करने का तात्पर्य निस्संदेह देहधारी मसीह का अनुसरण करने से है। उन लोगों में से जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, केवल जो मसीह को सत्य, मार्ग और जीवन के रूप में पहचानते हैं, वे ही वास्तव में परमेश्वर को जान सकते हैं, उन्हें ही बचाया और पूर्ण किया जा सकता है; केवल वे ही परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त करेंगे। जो कोई परमेश्वर पर विश्वास करता है, फिर भी मसीह से इनकार कर सकता है, उसका विरोध या उसका त्याग सकता है, वह एक ऐसा व्यक्ति होता है जो विश्वास तो करता है, लेकिन परमेश्वर का विरोध करता है और उसे धोखा देता है। इस तरह, वह उद्धार या पूर्णता प्राप्त करने में सक्षम नहीं होगा। यदि कोई परमेश्वर पर विश्वास करता है लेकिन बस आँखें मूँद कर बाइबल की आराधना करते है और उसकी गवाही देते हुए मसीह का विरोध करता है या उससे घृणा करता है, तो उस व्यक्ति ने पहले से ही मसीह-विरोधी होने के पथ पर कदम रख दिया है और परमेश्वर का शत्रु बन गया है। एक वास्तविक मसीह-विरोधी होने के नाते, इस तरह के व्यक्ति को परमेश्वर द्वारा दंडित और शापित किया जाएगा, और अंत में उसका विनाश और बर्बादी निश्चित है। विश्वसनीय व्यक्ति के लिए, यह सबसे गंभीर विफलता और दुख है।
ऐसे कई लोग हैं जो केवल बाइबल के अनुसार स्वर्ग के एक अस्पष्ट परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, लेकिन जो यह नहीं मानते कि परमेश्वर देह बन सकता है, मसीह के देहधारी परमेश्वर बनने, भ्रष्ट इंसान के उद्धारकर्ता बनने, या मनुष्यों को बचाने वाले एक व्यावहारिक परमेश्वर बनने की बात तो छोड़ ही दो। ऐसे लोग नहीं जानते कि मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है; इतना ही नहीं, वे मसीह के अनुरूप भी नहीं बन सकते। वे निश्चित रूप से ऐसे लोग हैं जो सत्य से ऊब जाते हैं और उसके प्रति घृणा महसूस करते हैं। हम सब बाइबल में पढ़ सकते हैं कि यहूदियों के मुख्य याजकों, शास्त्रियों और फरीसियों ने परमेश्वर पर आजीवन विश्वास किया, फिर भी देहधारी यीशु को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, यहाँ तक कि उन्होंने यीशु मसीह को मृत्यु तक क्रूस पर चढ़ा दिया। नतीजतन, वे ऐसे लोग बन गए जिन्होंने परमेश्वर का विरोध किया और उसे धोखा दिया, और इसलिए उससे शाप और सजा प्राप्त की। अपने आजीवन विश्वास के बावजूद, वे परमेश्वर के आशीर्वाद और वचन को प्राप्त करने में असमर्थ थे। यह कितना दयनीय और दुखद था! इस प्रकार, लोग अपने विश्वास में सफल होते हैं या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या उन्होंने मसीह को जाना और प्राप्त किया है। इस मामले का मूल यह है कि क्या उन्होंने मसीह के द्वारा प्रकट किए गए सभी सत्यों को स्वीकार किया है, और आज्ञाकारिता के साथ परमेश्वर के समूचे कार्य का अनुभव किया है; मुद्दा यह है कि क्या वे मसीह के अनुकूल होने तक उसकी प्रशंसा कर सकते हैं और उसकी गवाही दे सकते हैं। यही वह महत्वपूर्ण बात है जो कि परमेश्वर पर उनके विश्वास की सफलता या असफलता को निर्धारित करती है। बहरहाल, कई लोग इस बात से सहमत नहीं हैं; वे बाइबल को सर्वोपरि मानते हैं, और यहां तक कि वे इसका उपयोग अपने दिल में परमेश्वर को हटाने के लिए भी करते हैं। जब देहधारी परमेश्वर कार्य करने के लिए आता है, ये लोग वास्तव में मसीह को नकार सकते हैं, उसे अस्वीकार कर सकते हैं, और उसका विरोध कर सकते हैं। यदि मसीह के वचन और कार्य बाइबल के कुछ नियमों के अनुरूप नहीं हैं, तो ये लोग उसकी निंदा करने, उसे अस्वीकार करने और उसका त्याग करने की हद तक चले जाते हैं। यह कहना सही होगा कि परमेश्वर पर विश्वास करने की जगह वे बाइबल में विश्वास करते हैं। उनकी दृष्टि में, बाइबल ही उनका प्रभु, उनका परमेश्वर है। ऐसा लगता है कि उनके लिए परमेश्वर, उनका प्रभु, बाइबल में है, और यह परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करती है। इस प्रकार, वे मानते हैं कि सत्य वह है जो बाइबल के साथ पूर्ण सहमति ��ें हो, और जो कुछ भी बाइबल से हटकर है, वह सत्य नहीं हो सकता। वे बाइबल को सभी सत्यों से बढ़कर मानते हैं; बाइबल से भटक जाना सत्य से भटकना होगा, क्योंकि जो बाइबल में लिखा है केवल वही सच है। वे मानते हैं कि परमेश्वर का कार्य और कथन केवल वही हैं जो बाइबल के पन्नों में दर्ज हैं; वे बाइबल से हटकर उसके किये हुए किसी भी कार्य या कथन को स्वीकार करने से इनकार करते हैं। ऐसे लोग उन यहूदी मुख्य याजकों, शास्त्रियों और फरीसियों के समान होते हैं, जो केवल बाइबल को जानते थे, लेकिन परमेश्वर को ज़रा भी नहीं मानते थे; और वे देहधारी मसीह के अस्तित्व को स्वीकार करने के लिए तो और भी कम इच्छुक थे। उन्होंने बाइबल और मसीह को एक दूसरे के विरुद्ध भी खड़ा कर दिया था, वे इस बात से बिलकुल ही अनजान थे कि वही सत्य, मार्ग और जीवन है; इसके बजाए, उन्होंने बाइबल को ऊंचा उठाया, उसकी गवाही दी और मसीह को क्रूस पर कीलों से जड़ दिया, जिसके द्वारा उन्होंने परमेश्वर का विरोध करने के राक्षसी पाप कर डाले। इस तरह, संभव है कि उन्होंने परमेश्वर पर विश्वास किया हो, लेकिन उन्हें बचाया नहीं गया; इसके विपरीत, वे परमेश्वर के शत्रु बन गए, और उसकी सजा और शाप पाने के भागी बने। यह उन लोगों का प्रत्यक्ष परिणाम है, जो धर्म के तहत परमेश्वर पर विश्वास करते थे, जो मुख्य याजकों, शास्त्रियों और फरीसियों द्वारा बहकाये गए और नियंत्रित किये गए थे, और जिन्होंने मसीह-विरोधी बनने की राह पर कदम रख दिया था। यह दर्शाता है कि प्रभु यीशु ने जो कहा वह सच है: "अंधा यदि अंधे को मार्ग दिखाए, तो दोनों ही गड़हे में गिर पड़ेंगे" (मत्ती 15:14)। ऐसे लोगों को निश्चित रूप से बचाया या पूर्ण नहीं किया जा सकता है।
बाइबल में एक ऐसा वचन शामिल है जो मसीह के सार को सबसे अच्छी तरह दर्शाता है। प्रभु यीशु ने कहा था, "मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता" (यूहन्ना 14:6)। इन वचनों के द्वारा, प्रभु यीशु ने ठीक निशाने पर तीर मारा था, और परमेश्वर में विश्वास के सबसे बड़े रहस्य को प्रकट किया था—अर्थात यह तथ्य कि केवल मसीह को जानने और मसीह को प्राप्त करने से ही लोग उद्धार प्राप्त कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि परमेश्वर स्वयं मसीह के रूप में देह धारण करके ही इंसान को पूरी तरह से बचा सकता है। अपनी भेड़ों को स्वर्ग के राज्य में ले जाने के लिए, केवल मसीह ही एकमात्र रास्ता है, और केवल देहधारी मसीह ही वह व्यावहारिक परमेश्वर है जो मनुष्यों के लिए उद्धार ला सकता है। यदि वे परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, तो केवल मसीह को स्वीकार कर और उसका अनुसरण करते हुए ही वे उद्धार और पूर्णता के पथ पर कदम रख सकते हैं। यही एकमात्र तरीका है जिससे वे ऐसे लोग बन सकते हैं जो स्वर्गिक पिता की इच्छा पूरी करते हैं, और फलस्वरूप स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करते हैं। इससे, यह समझा जा सकता है कि परमेश्वर के विश्वासियों के लिए मसीह के देहधारण को स्वीकार करना और उसका पालन करना ज़रूरी है, ताकि वे बचाए और पूर्ण किये जा सकें और इस तरह परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त सकें। परमेश्वर ने लोगों को स्वयं पर विश्वास करने और उद्धार प्राप्त करने के लिए यही तरीक़ा पूर्वनिर्धारित किया है। इस प्रकार, यह सवाल कि क्या वे लोग जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं, मसीह को जानते हैं और क्या उन्होंने मसीह को प्राप्त किया है, वास्तव में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसका उनकी मंज़िल और उनके परिणाम पर सीधा असर पड़ता है।
ज्यों ही हम प्रभु यीशु के उस कार्य का स्मरण करते हैं जो उसने उस समय किया जब वह धरती पर अनुग्रह के युग की शुरूआत करने आया था, तो हम देख सकते हैं कि धर्म के विश्वासियों में से कोई भी उसके बारे में न तो जानता था और न ही उसका अनुसरण करता था। यह बात मुख्य याजकों, शास्त्रियों और यहूदी धर्म के फरीसियों के लिए विशेष रूप से सच थी, जिनमें से सभी ने मसीह को पहचानने या स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। इसके अलावा, इन लोगों ने बाइबल में लिखी गई बातों के मुताबिक प्रभु यीशु को नकारा, उसके बारे में राय बनायी और उसकी निंदा की। यहाँ तक कि उन्होंने उसे क्रूस पर भी चढ़ा दिया, इस प्रकार उन्होंने परमेश्वर का विरोध करने का घिनौना पाप किया और उन लोगों के लिए आदर्श बन गए जो पिछले दो हज़ार वर्षों से परमेश्वर पर विश्वास तो करते हैं, परन्तु उसका विरोध करते हैं और उसे धोखा देते हैं, और जिन्हें इसलिए परमेश्वर की सजा और शाप को भुगतना पड़ा है। असल में, इसके पहले, प्रचार के दौरान, प्रभु यीशु को पहले ही इस वास्तविक तथ्य का बोध हो गया था कि धार्मिक दुनिया सारतः परमेश्वर के विरोध में थी, और उसने बड़ी सटीकता के साथ, परमेश्वर के विरुद्ध फरीसियों के प्रतिरोध की जड़ और सार को सीधे ही उजागर कर दिया: "और उसके वचन को मन में स्थिर नहीं रखते, क्योंकि जिसे उसने भेजा तुम उसका विश्‍वास नहीं करते। तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते" (यूहन्ना 5:38-40)। प्रभु यीशु के वचनों ने परमेश्वर में विश्वास करते हुए भी परमेश्वर का विरोध करने वाले धार्मिक समुदाय की सच्चाई और सार को उजागर किया है। इसके साथ ही, उन वचनों ने बाइबल और मसीह के बीच के संबंध के सार पर भी प्रकाश डाला है। निस्संदेह, यह उन लोगों के लिए एक बड़ा उद्धार है जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं। हालांकि, आज के धार्मिक समुदाय में, अधिकांश लोग अभी भी आँखें मूँद कर बाइबल पर विश्वास करते हैं, उसकी आराधना करते हैं, और गवाही देते हैं, उसे मसीह और मसीह की गवाही से ऊपर का दर्जा देते हैं। यह बात उन धार्मिक अगुवाओं और पादरियों के लिए विशेष रूप से सही है, जो फरीसियों की तरह, अंत के दिनों के देहधारी मसीह द्वारा व्यक्त किये गए सत्य के बावजूद उसके बारे में राय बनाते रहते हैं, उसका तिरस्कार और निंदा करना जारी रखते हैं। उनके ये कार्य मसीह को दूसरी बार क्रूस पर चढ़ाए जाने की चरम त्रासदी की हद तक पहुँच गए हैं, और उन्होंने बहुत पहले परमेश्वर के क्रोध को भड़का दिया है। इसका परिणाम महाविनाशकारी है, क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने पहले ही चेतावनी दी थी, "जो परमेश्वर को सलीब पर चढ़ाते हैं उनके लिए संताप" ("वचन देह में प्रकट होता है" में "दुष्टों को निश्चय ही दण्ड दिया जायेगा")। इसलिए बाइबल और मसीह के बीच एक स्पष्ट संबंध स्थापित करना पूरी तरह से आवश्यक है ताकि सभी लोग बाइबल के साथ सही ढंग से पेश आ सकें, मसीह को स्वीकार कर सकें, और परमेश्वर की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए उसके कार्य का अनुपालन कर सकें।
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धर्म-शास्त्रों के संबंध में, प्रभु यीशु ने एक बार कहा था, "यह वही है जो मेरी गवाही देता है"। यहाँ पर परमेश्वर का वचन बहुत स्पष्टता के साथ कहा गया था; बाइबल उसके बारे में गवाहियों का एक संकलन मात्र है। हम सभी जानते हैं कि बाइबल परमेश्वर के कार्य के पहले दो चरणों का वास्तविक आलेख है। दूसरे शब्दों में, यह परमेश्वर के कार्य के उन पहले दो चरणों की गवाही है, जिसमें स्वर्ग, पृथ्वी तथा मानव सहित सभी चीज़ों की रचना के बाद इंसान के मार्गदर्शन और उद्धार को निश्चित किया गया है। बाइबल को पढ़ने से, हर कोई यह समझ सकता है कि व्यवस्था के युग में किस तरह परमेश्वर ने मनुष्य का नेतृत्व किया और उन्हें उसके सामने जीवन जीना और उसकी आराधना करना सिखाया। हम यह भी समझ सकते हैं कि अनुग्रह के युग में किस तरह परमेश्वर ने इंसान को छुटकारा दिलाया और उन सभी को उनके पिछले पापों के लिए माफ़ कर दिया, ��ाथ ही उनके लिए शांति, आनन्द और सभी प्रकार का अनुग्रह प्रदान किया। इससे न केवल लोग यह समझ सकते हैं कि परमेश्वर ने इंसान की रचना की थी, बल्कि यह कि उसने उनका निरंतर मार्गदर्शन किया और फिर उन्हें छुटकारा भी दिलाया। इसी दौरान, परमेश्वर ने इंसान के लिए प्रावधान किया है और उनकी सुरक्षा भी की है। इसके अलावा, हम बाइबल की भविष्यवाणियों में पढ़ सकते हैं कि अंत के दिनों में, परमेश्वर के वचन उसकी प्रजा का न्याय करने और उन सब को शुद्ध करने के लिए आग की तरह जलेंगे। वे इंसान को समस्त पापों से बचाएंगे और हमें शैतान के अंधेरे प्रभाव से बच निकलने में मदद करेंगे ताकि हम पूरी तरह से परमेश्वर की ओर लौट जाएँ और अंततः उसके आशीर्वाद और उसके वादों की विरासत को पा सकें। परमेश्वर का यही तात्पर्य था जब उसने कहा था, "यह वही है जो मेरी गवाही देता है"। इसलिए, जिस किसी ने भी सच्चाई से बाइबल को पढ़ा है, वह परमेश्वर के कुछ कार्यों को समझ सकता है और उसके अस्तित्व, उसकी सर्वशक्तिमत्ता और उसके ज्ञान को पहचान सकता है, जिसके द्वारा परमेश्वर ने स्वर्ग और पृथ्वी पर सब कुछ रचा है, जिसके द्वारा वह सभी चीज़ों पर अपना प्रभुत्व रखता है और सब कुछ नियंत्रित करता है। इस प्रकार, परमेश्वर पर विश्वास करने में, परमेश्वर को जानने में और विश्वास के मार्ग पर यानी जीवन के उचित मार्ग पर कदम रखने में, बाइबल लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो कोई ईमानदारी से परमेश्वर पर विश्वास करता है और सत्य से प्रेम करता है, वह बाइबल पढ़ कर जीवन में एक लक्ष्य और दिशा पा सकता है, और परमेश्वर में विश्वास करना, उस पर भरोसा करना, उसकी आज्ञा मानना और उसकी आराधना करना सीख सकता है। ये सब परमेश्वर के लिए बाइबल की गवाही के प्रभाव हैं; यह एक निर्विवाद तथ्य है। बहरहाल, प्रभु यीशु ने एक और महत्वपूर्ण बिंदु की भी व्याख्या की, जब उसने कहा, "तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है" "फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते" ये शब्द बहुत ही महत्वपूर्ण हैं! जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, अगर वे सत्य और जीवन प्राप्त करना चाहते हैं, तो केवल बाइबल की गवाही पर भरोसा करना पर्याप्त नहीं है; उन्हें सत्य और जीवन प्राप्त करने के लिए मसीह के पास भी आना चाहिए। इसका कारण यह है कि केवल वही सत्य को व्यक्त कर सकता है, इंसान को छुटकारा दिला सकता है, और इंसान को बचा सकता है। परमेश्वर वह है जो हमें जीवन देता है। बाइबल उसके सामर्थ्य का स्थान नहीं ले सकती, पवित्र आत्मा के कार्य की तो बात ही नहीं है, और यह परमेश्वर की ओर से मनुष्य को जीवन नहीं दे सकती है। केवल मसीह को स्वीकार कर और उसे मानकर ही हम पवित्र आत्मा का कार्य हासिल कर सकते हैं और सत्य और जीवन को प्राप्त कर सकते हैं। अगर लोग व्यावहारिक देहधारी परमेश्वर को स्वीकार किए बिना केवल बाइबल में ही विश्वास करते हैं, तो वे जीवन प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे, क्योंकि बाइबल परमेश्वर नहीं है; यह केवल परमेश्वर के कार्य की गवाही है। परमेश्वर पर विश्वास करने में, हमें यह समझना चाहिए कि इंसान को बचाने के उसके कार्य के कुछ चरण हैं; इंसान को शैतान के प्रभाव से पूरी तरह से बचाने के लिए कार्य के तीन चरण अत्यंत आवश्यक हैं, ताकि वे वास्तव में परमेश्वर के पास लौट सकें और उसके द्वारा प्राप्त किये जा सकें। इसलिए, परमेश्वर के कार्य का हर चरण, जिसका मनुष्य अनुभव करता है, उसके लिए उद्धार का एक हिस्सा ले आता है। केवल पवित्र आत्मा के कार्य का निकटता से अनुसरण करते हुए और अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय और उसकी ताड़ना का अनुभव करके ही हम परमेश्वर के प्रचुर और पूर्ण उद्धार को प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यहोवा परमेश्वर में अपने विश्वास के द्वारा, व्यवस्था के युग के दौरान इस्राएलियों को केवल परमेश्वर के वादे का आनंद मिल सका। अगर उन्होंने यीशु मसीह के उद्धार को स्वीकार नहीं किया होता, तो उनके पापों को माफ़ नहीं किया जा सकता था, परमेश्वर द्वारा दी गई शांति, प्रसन्नता और भरपूर अनुग्रह का आनंद तो उन्हें और भी नहीं मिल सकता; यही सच है। अगर लोग केवल अपने पापों की माफ़ी की खातिर प्रभु यीशु द्वारा दिए गए छुटकारे को और साथ ही परमेश्वर के कई अनुग्रहों को स्वीकार करते हैं, फिर भी अंत के दिनों में उसके न्याय और उसकी ताड़ना को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वे सत्य या जीवन प्राप्त नहीं कर सकते हैं, न ही वे अपने जीवन-स्वभाव में परिवर्तन ला सकेंगे। इस तरह, वे परमेश्वर के वादों को विरासत में पाने और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं होंगे। परमेश्वर के कार्य का हर चरण अपना फल लेकर आता है। एक बार में परमेश्वर के कार्य एक ही चरण पूरा होता है, और ये सभी चरण एक दूसरे के पूरक हैं; किसी एक एक को भी छोड़ा नहीं जा सकता। वे धीरे-धीरे पूर्णता की ओर ले जाते हैं। अगर किसी ने परमेश्वर के कार्य के चरणों में से किसी एक को स्वीकार नहीं किया, तो वह व्यक्ति उसके उद्धार के केवल एक अंश क�� प्राप्त कर सकता है, न कि सभी को। यह भी एक तथ्य है। यदि लोग अंत के दिनों के मसीह को स्वीकार किए बिना केवल बाइबल में विश्वास करते हैं, तो वे परमेश्वर के विरोधी और विश्वासघाती हो जाएंगे। नतीजतन, वे परमेश्वर के अंतिम उद्धार के पूरक को खो चुके होंगे। दूसरे शब्दों में, जो लोग केवल प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं और अंत के दिनों में उसकी वापसी-अर्थात सर्वशक्तिमान परमेश्वर-द्वारा लाए गए उद्धार को स्वीकार नहीं करते हैं, उनका विश्वास बीच राह में ही समाप्त हो जाएगा, और सब कुछ व्यर्थ हो जाएगा। यह कितना दयनीय होगा! कितना दुखद होगा! इसलिए, देहधारी मसीह को स्वीकार नहीं करने का परिणाम जीवन प्राप्त करने में असमर्थ होना है। केवल बाइबल में विश्वास करने से लोग बचाये नहीं जा सकते, न ही वे जीवन प्राप्त कर सकते हैं, और न ही कभी वे परमेश्वर को जान पाएँगे, क्योंकि बाइबल परमेश्वर नहीं है; यह केवल उसकी गवाही है। इस प्रकार, अगर लोग मसीह को स्वीकार किए बिना केवल बाइबल में विश्वास करते हैं, तो उन्हें पवित्र आत्मा का कार्य नहीं मिल सकता है। नतीजतन, वे परमेश्वर द्वारा बचाये नहीं जा सकते; वे केवल उसके द्वारा हटाये जा सकते हैं। यह संदेह से परे और निश्चित है। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे बाइबल पढ़कर समझा जा सकता है। इसके अलावा, यह इस बात का मुख्य कारण भी है कि धार्मिक अगुवा और पादरी परमेश्वर पर विश्वास करके भी क्यों परमेश्वर का विरोध करते हैं, जो उनके विश्वास में उन्हें विफलता की ओर ले जाती है।
— ऊपर से संगति से उद्धृत                                                                    स्रोत:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
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अध्याय 13
परमेश्वर बड़े लाल अजगर के सभी वंशजों से नफ़रत करता है, और वह बड़े लाल अजगर से तो और भी ज़्यादा नफ़रत करता है। यह परमेश्वर के हृदय के भीतर कोप की जड़ है। ऐसा लगता है कि परमेश्वर उन सभी चीज़ों को आग और गंधक की झील में डालकर पूरी तरह भस्म कर देना चाहता है जो बड़े लाल अजगर से संबंधित हैं। ऐसे समय भी आते हैं जब ऐसा प्रतीत होता है कि परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से इसे मिटाने के लिए अपना हाथ बढ़ाना चाहता है—केवल यही उसके हृदय की नफ़रत को मिटा सकता है। बड़े लाल अजगर के घर में हर एक व्यक्ति जंगली जानवर है जिसमें मानवता का अभाव है, यही वजह है कि निम्नलिखित कहने के लिए परमेश्वर ने अपने गुस्से को दृढ़तापूर्वक दबा दिया: "मेरे सभी लोगों में से, और सभी पुत्रों में से, अर्थात्, उन लोगों में से जिन्हें मैंने सम्पूर्ण मानवजाति में से चुना है, तुम लोग निम्नतम समूह से संबंध रखते हो।" परमेश्वर ने बड़े लाल अजगर के साथ उसके अपने ही देश में एक निर्णायक लड़ाई शुरू कर दी है, और जब उसकी योजना सफल होने लगेगी तो वह उसे नष्ट कर देगा, उसे मनुष्य को अब और भ्रष्ट करने या उनकी आत्माओं को नष्ट करने की अनुमति नहीं देगा। एक भी दिन ऐसा नहीं बीतता है कि परमेश्वर अपने लोगों को बचाने के लिए नहीं बुलाता है जो झपकी ले रहे हैं, किन्तु वे सभी सुस्ती की स्थिति में हैं मानो कि उन्होंने नींद की गोलियाँ ले ली हों। यदि वह उन्हें एक पल के लिए उठाता नहीं है, तो वे बिना किसी होश के, अपनी नींद की अवस्था मैं लौट जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उसके सभी लोगों को दो तिहाई लकवा मार गया है। उन्हें अपनी आवश्यकताओं या अपनी स्वयं की कमियों का पता नहीं है, या यहाँ तक कि यह भी नहीं पता है कि उन्हें क्या पहनना चाहिए या क्या खाना चाहिए। इससे पता चलता है कि बड़े लाल अजगर ने लोगों को भ्रष्ट करने के लिए काफी प्रयास किए हैं। इसकी कुरूपता चीन के हर क्षेत्र में फैली हुई है। इसने लोगों को परेशान भी कर दिया है और उन्हें इस पतनोन्मुख, अश्लील देश में अब और ठहरने का अनिच्छुक बना दिया है। परमेश्वर जिससे सर्वाधिक नफ़रत करता है वह है बड़े लाल अजगर का सार, यही वजह है कि वह लोगों को हर दिन अपने कोप में याद दिलाता है, और लोग हर दिन उसके कोप की नज़र के नीचे रहते हैं। फिर भी, अधिकांश लोग अभी भी परमेश्वर को तलाशना नहीं जानते हैं, किन्तु वे सिर्फ वहाँ बैठे हुए देखते रहते हैं और हाथ से खिलाए जाने की प्रतीक्षा करते हैं। भले ही वे भूख से मर रहे होंगे, तब भी वे अपना स्वयं का भोजन खोजने के लिए तैयार नहीं होंगे। लोगों के विवेक को बहुत पहले ही शैतान द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया था और हृदयहीन होने के लिए सार रूप से बदल दिया गया था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि परमेश्वर ने कहा था कि: "यदि मैंने तुम लोगों को प्रेरित नहीं किया होता तो तुम अभी भी जागृत नहीं होते, बल्कि ऐसे रहे होते मानो जमे होने की अवस्था में हो, और फिर से, मानो शीतनिद्रा में हो," यह ऐसा है मानो कि लोग शीतनिद्रा में पड़े जानवरों की तरह थे जो सर्दियाँ गुज़ार रहे थे और खाने या पीने के लिए नहीं माँगते थे; यह वास्तव में परमेश्वर के लोगों की वर्तमान स्थिति है, यही वजह है कि परमेश्वर केवल लोगों से प्रकाश में देहधारी परमेश्वर स्वयं को जानने की अपेक्षा करता है। उसकी लोगों से बहुत अधिक बदलने या उनके जीवन में बहुत अधिक बढ़ोतरी करने की अपेक्षा नहीं है। यह गंदे, कुत्सित बड़े लाल अजगर को पराजित करने, और फलस्वरूप परमेश्वर की महान सामर्थ्य को बेहतर रूप से अभिव्यक्त करने के लिए पर्याप्त होगा।
जब लोग परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं तो वे केवल शाब्दिक अर्थ समझ सकते हैं, किन्तु वे उनके आध्यात्मिक महत्व को समझने में असमर्थ हैं। "क्रुद्ध लहरों" के इन तीन शब्दों ने हर एक नायक को चकरा दिया है। जब परमेश्वर का कोप प्रदर्शित होता है, तो क्या उसके वचन, उसकी क्रियाएँ, और उसका स्वभाव क्रुद्ध लहरें नहीं हैं? जब परमेश्वर समस्त मानवजाति का न्याय करता है, तो क्या यह उसके कोप का प्रकटन नहीं है? क्या यह तब नहीं होता है जब क्रुद्ध लहरें प्रभावी होती हैं? वह कौन है जो मनुष्य की भ्रष्टता के कारण क्रुद्ध लहरों के बीच में नहीं रह रहा है? अर्थात्, कौन परमेश्वर के कोप के बीच में नहीं रहता है? जब परमेश्वर मानव जाति पर तबाही बाँटना चाहता है, तो क्या यह वही नहीं है जो लोग एक "काले बादलों के उलटते-पलटते घालमेल" को देखते हैं? मनुष्यों के बीच, कौन तबाही से भाग नहीं रहा है? परमेश्वर का कोप लोगों पर भारी वर्षा की तरह बरसता है और उन्हें इधर-उधर एक भीषण वायु की तरह उड़ा देता है। सभी लोग परमेश्वर के वचनों के माध्यम से शुद्ध हो जाते हैं मानो कि उनकी मुलाकात किसी घूमते हुए बर्फ़ीले तूफान से करवाई गई थी। ये परमेश्वर के वचन ही हैं जो मानवजाति के लिए सर्वाधिक अगम्य हैं। यह उसके वचनों के माध्यम से ही है कि उसने दुनिया को बनाया और अपने वचनों के माध्यम से ही है कि वह समस्त मानवजाति की अगुआई करता है और उसे शुद्ध करता है। और अंत में, वह अपने वचनों के माध्यम से पूरे ब्रह्मांड की पवित्रता को बहाल करेगा। यह उसके वचनों के हर हिस्से में देखा जा सकता है कि परमेश्वर के आत्मा का अस्तित्व खोखला नहीं है। यह केवल परमेश्वर के वचनों में ही है कि लोग जीवित रहने का थोड़ा सा मार्ग देख सकते हैं। सभी लोग उसके वचनों को सँजो कर रख सकते हैं क्योंकि वे जीवन के भरण-पोषण से युक्त हैं। मनुष्य जितना अधिक उसके वचनों पर ध्यान केंद्रित करेगा, उतने ही अधिक मुद्दे वह मनुष्य के सामने प्रस्तुत करेगा—यह उन्हें पूरी तरह उलझन में डाल देता है और उनके पास उत्तर देने के लिए कोई समय नहीं होता है। परमेश्वर का बार-बार पूछताछ करना ही लोगों को कुछ समय के लिए चीज़ों पर विचार करवाने के लिए पर्याप्त है, उसके बाकी वचनों की तो बात ही छोड़ो। परमेश्वर में, सब कुछ भरा हुआ है और अतिशय है और इसमें कोई अभाव नहीं है। हालाँकि, लोग इसका अधिक आनंद लेने में सक्षम नहीं हैं; वे उसके वचनों के केवल सतही पक्ष को ही जानते हैं मानो कि वे जो देख सकते थे वह मुर्गे की त्वचा थी किन्तु वे मुर्गे का माँस नहीं खा सकते थे। यह दर्शाता है कि लोगों के आशीष बहुत सीमित हैं और वे परमेश्वर का आनंद लेने में वास्तव में असमर्थ हैं। लोगों की अवधारणाओं में वे अपने हृदय में एक निश्चित परमेश्वर को रखते हैं, यही वजह है कि किसी को भी पता नहीं है कि अस्पष्ट परमेश्वर क्या है, या शैतान की छवि क्या है। इसलिए जब परमेश्वर ने कहा "क्योंकि जो कुछ तुम विश्वास करते हो वह सिर्फ़ शैतान की छवि है और परमेश्वर स्वयं से उसका कुछ लेना-देना नहीं है," तो सभी लोग अवाक् थे कि उन्होंने इतने वर्षों तक विश्वास किया था, किन्तु फिर भी यह महसूस नहीं किया कि वे जिस पर विश्वास करते थे वह शैतान था और न कि परमेश्वर स्वयं। उन्हें अचानक खालीपन महसूस हुआ किन्तु उन्हें नहीं पता था कि क्या कहना है। उस समय वे फिर से भ्रमित होना शुरू हो गए। केवल इस तरह से काम करके ही लोग नए प्रकाश को बेहतर ढंग से स्वीकार कर सकते हैं और इस तरह पुरानी चीजों से इनकार कर सकते हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे कितना अच्छा प्रतीत होते हैं, उनसे काम नहीं चलेगा। यह लोगों के लिए व्यावहारिक परमेश्वर स्वयं को समझने और इस तरह स्वयं को उस हैसियत से छुटकारा दिलाने में समर्थ होने के लिए जो लोगों के हृदय में उनकी अवधारणाएँ रखती हैं और परमेश्वर स्वयं को लोगों को अधिकार में लेने की अनुमति देने के लिए और भी अधिक फायदेमंद है। केवल इस तरह से ही देहधारण के महत्व को प्राप्त किया जा सकता है और लोग अपनी भौतिक आँखों से व्यावहारिक परमेश्वर स्वयं को जान सकते हैं।
परमेश्वर ने लोगों को आध्यात्मिक दुनिया की स्थितियों के बारे में कई बार बताया है: "जब शैतान मेरे सामने आता है, तो मैं इसकी जंगली क्रूरता से पीछे नहीं हटता हूँ, न ही मैं इसकी भयानकता से भयभीत होता हूँ: मैं सिर्फ़ उसकी उपेक्षा करता हूँ।" लोगों ने इससे जो समझा है वह केवल वास्तविकता में स्थिति है; वे आध्यात्मिक दुनिया में सच्चाई को नहीं जानते हैं। क्योंकि परमेश्वर देह बन गया है, इसलिए शैतान, इस तरह से परमेश्वर पर हमला करना चाहते हुए, सभी तरह के आरोप लगाने के तरीकों को काम में लाया है। हालाँकि, परमेश्वर इस वजह से पीछे नहीं हटता है—वह सिर्फ बोलता है और मानवजाति के बीच कार्य करता है और अपने देहधारी देह के माध्यम लोगों को उसे जानने की अनुमति देता है। शैतान की आँखे क्रोध से लाल हैं और उसने परमेश्वर के लोगों को नकारात्मक बनाने, पीछे हटने और यहाँ तक कि अपना रास्ता भी खो देने के लिए उन पर बहुत प्रयास किया है। किन्तु परमेश्वर के वचनों के प्रभाव की वजह से शैतान विफल हो गया है, इसलिए उसकी स्वच्छन्दता और बढ़ गई है। यही कारण है कि परमेश्वर ने हर एक को याद दिलाया है कि: "तुम लोगों के जीवन में, ऐसा दिन आ सकता है जब तुम इस प्रकार की परिस्थिति का सामना करोगेः क्या तुम स्वेच्छा से स्वयं को शैतान के बंधन में पड़ने दोगे, या तुम मुझे तुम्हें प्राप्त करने दोगे?" यद्यपि लोग उन चीज़ों से अवगत नहीं हैं जो आध्यात्मिक जगत में घटती हैं, किन्तु जैसे ही वे परमेश्वर से इस प्रकार के वचनों को सुनते हैं, तो वे सतर्क और भयभीत हो जाते हैं—यह शैतान के हमलों को पीछे खदेड़ देता है, जो कि परमेश्वर की महिमा को दिखाने के लिए पर्याप्त है। यद्यपि उन्होंने बहुत समय पहले कार्य करने की एक नई पद्धति आरंभ की है, फिर भी लोगों को राज्य में जीवन पर स्पष्टता नहीं है—भले ही वे समझते हैं, किन्तु उनमें स्पष्टता का अभाव है। इसलिए जब परमेश्वर ने लोगों को चेतावनी जारी की उसके बाद, उसने उन्हें राज्य में जीवन के सार से परिचित कराया: "राज्य में जीवन लोगों और परमेश्वर स्वयं का जीवन है।" चूँकि परमेश्वर स्वयं देहधारी हुआ है, इसलिए तीसरे स्वर्ग का जीवन यहाँ पृथ्वी पर प्राप्त किया गया है। यह न केवल परमेश्वर की योजना है, बल्कि उसे परमेश्वर द्वारा पूरा भी किया जाता है। जैसे-जैसे समय गुज़रता है लोग परमेश्वर को अधिकाधिक रूप से जानने लगते हैं और इस तरह स्वर्ग के जीवन का स्वाद लेने में समर्थ हो जाते हैं, क्योंकि उन्होंने वास्तव में महसूस किया है कि परमेश्वर पृथ्वी पर है, कि वह स्वर्ग में एक अस्पष्ट परमेश्वर नहीं है। इसलिए, पृथ्वी पर जीवन स्वर्ग में जीवन के समान है। वास्तविकता यह है कि परमेश्वर देह बन जाता है और मानव दुनिया की कड़वाहट का स्वाद लेता है, और जितना अधिक वह देह में उस कड़वाहट का स्वाद लेने में समर्थ होता है, उतना ही अधिक यह साबित करता है कि वह व्यावहारिक परमेश्वर स्वयं है। यही कारण है कि आज के परमेश्वर की व्यावहारिकता को साबित करने के लिए निम्नलिखित वचन पर्याप्त हैं: "अपने निवास स्थान में, जो कि ऐसा स्थान है जहाँ पर मैं छिपा हुआ हूँ, फिर भी, अपने इस निवास स्थान में, मैंने अपने सभी शत्रुओं को हरा दिया है; अपने निवास स्थान में, मैंने पृथ्वी पर रहने का वास्तविक अनुभव प्राप्त कर लिया है; अपने निवास स्थान में, मैं मनुष्य के प्रत्येक वचन और कार्य को देख रहा हूँ, और सम्पूर्ण मानवजाति की हिफ़ाज़त कर रहा हूँ और उसे आज्ञा दे रहा हूँ।" सचमुच देह में रहना, सचमुच देह में मानव जीवन का अनुभव करना, सचमुच देह के भीतर से समस्त मानवजाति को समझना, सचमुच देह में मानवजाति को जीतना, सचमुच बड़े लाल अजगर के साथ देह में निर्णायक लड़ाई छेड़ना, और देह में परमेश्वर के समस्त कार्य को करना—क्या यह सटीक रूप से व्यावहारिक परमेश्वर स्वयं का अस्तित्व नहीं है? हालाँकि, यह बहुत दुर्लभ है कि लोग परमेश्वर के इन साधारण वचनों में दक्षता देख सकें। वे बस शीघ्रता से उनसे गुज़र जाते हैं और परमेश्वर के वचनों की बहुमूल्यता या दुर्लभता को महसूस नहीं करते हैं।
परमेश्वर के वचन भली-भाँति परिवर्तित होते हैं—"चूँकि मानवजाति निष्क्रिय पड़ी है" वाक्यांश परमेश्वर स्वयं के विवरण को समस्त मानवजाति की स्थिति के विवरण में परिवर्तित करता है। यहाँ, "ठंडी चमक के विस्फोट" पूर्व की बिजली को नहीं दर्शाते, किन्तु ये परमेश्वर का वचन हैं, अर्थात्, कार्य करने की उसकी नई पद्धति। इस प्रकार, इसमें लोगों की सभी प्रकार की गतिशीलता कोदेखा जा सकता है कि: नई पद्धति आरंभ करने के बाद, वे सभी, यह नहीं जानते हुए कि वे कहाँ से आते हैं और वे कहाँ जा रहे हैं, अपना दिशा-बोध खो देते हैं। "अधिकांश लोगों पर लेजर-जैसी किरण से प्रहार होता है" उन लोगों को संदर्भित करता है जो नई विधि के माध्यम से निकाल दिए जाते हैं, जो परीक्षणों का सामना या पीड़ाओं द्वारा शुद्धिकरण सहन नहीं कर सकते हैं और इसलिए एक बार फिर अथाह गड्ढे में फेंक दिए जाते हैं। परमेश्वर का वचन एक हद तक मानवजाति को उजागर करता है—ऐसा प्रतीत होता है कि जब लोग परमेश्वर के वचन को देखते हैं तो वे डर जाते हैं, और वे कुछ भी कहने का साहस नहीं करते हैं मानो कि उन्होंने किसी बंदूक की नली को सीधे अपने हृदय पर निशाना लगाए हुए देख लिया हो। हालाँकि, वे यह भी महसूस करते हैं कि परमेश्वर के वचनों में अच्छी बातें हैं। उनके हृदय में द्वंद्व चलता है और वे नहीं जानते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए, किन्तु अपने विश्वास के कारण, वे बस इस भय के कारण कि परमेश्वर उन्हें त्याग देगा, स्वयं को दृढ़ बनाते हैं और उसके वचनों की गहरी खोज करते हैं। ठीक जैसे कि परमेश्वर ने कहा था: "मानवजाति के मध्य कौन इस अवस्था में विद्यमान नहीं है? कौन मेरे प्रकाश के भीतर विद्यमान नहीं है? यहाँ तक कि यदि तुम मज़बूत हो, या मानो कि तुम कमज़ोर हो, तब भी तुम मेरे प्रकाश को आने से कैसे रोक सकते हो?" यदि परमेश्वर किसी के कमजोर होने के बावजूद भी उसका उपयोग करता है, तो परमेश्वर अपनी ताड़ना में उन्हें रोशन और प्रबुद्ध करेगा, इसलिए लोग जितना अधिक परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, उतना ही अधिक वे उसे समझते हैं, उतनी ही अधिक उसके लिए उनकी श्रद्धा होती है, और उतना ही कम धृष्ट होने का वे साहस करते हैं। लोग आज यहाँ तक पहुँच पाएँ हैं, यह पूरी तरह से परमेश्वर की महान सामर्थ्य की वजह से है। यह उसके वचनों के अधिकार की वजह से है, अर्थात् यह उसके वचनों में पवित्रात्मा की वजह से है कि लोगों को परमेश्वर का भय है। परमेश्वर मानवजाति के वास्तविक चेहरे को जितना अधिक प्रकट करता है, वे उतना ही अधिक विस्मय से भर जाते हैं, इस प्रकार उसके अस्तित्व की वास्तविकता के प्रति वे उतना ही अधिक निश्चित होते हैं। यह परमेश्वर को समझने के मार्ग पर मानव जाति के लिए परमेश्वर का आकाशदीप है; यह वह पगडंडी है जो परमेश्वर ने उन्हें अनुसरण करने के लिए दी है। यदि तुम लोग इसके बारे में सावधानी से सोचो, तो क्या ऐसा नहीं है?
क्या उपरोक्त मानवजाति के सामने जो मार्ग है उस पर आकाशदीप नहीं है?
                                                   स्रोत: सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
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