#अलसी बालों को स्वस्थ
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Here are 30 hair care tips in Hindi बालों की देखभाल के लिए 30 टिप्स हिंदी में
अपने बालों की पूरी क्षमता को खोलने का राज़ खोजें! हमारे नवाचारी बालों की ग्रोथ समाधानों के साथ एक स्वस्थ बालों की ओर एक सफ़र पर शामिल हों। हमारे विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए उपचार और तकनीकों का उपयोग करें, जो आपके स्कैल्प को पोषण प्रदान करते हैं, बाल के बालबद्ध को उत्तेजित करते हैं और मजबूत बालों की ग्रोथ को प्रोत्साहित करते हैं। बेहद सुस्त बालों को अलविदा कहें ! Explore our innovative solutions #HairCare #HealthyHair #HairGrowth #MedicoSutra
एलोवेरा बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देता है और स्कैल्प को शांति प्रदान करता है।
नारियल का तेल बालों को गहरी पोषण प्रदान करता है और बालों को मजबूती देता है।
नियमित छोटा करवाने से स्प्लिट एंड्स को रोका जा सकता है और बाल स्वस्थ रह सकते हैं।
एवोकाडो विटामिनों से भरपूर होता है जो बालों को मॉइस्चराइज़ करते हैं और चमक डालते हैं।
जैतून के तेल से स्कैल्प की मालिश करने से रक्त संचरण में सुधार हो सकता है।
अंडे मजबूत, स्वस्थ बालों के लिए प्रोटीन और पोषण प्रदान करते हैं।
फ्रिक्शन और बाल टूटने को कम करने के लिए सिल्क पिलोकेस का उपयोग करें।
गुड़हल बालों के जड़ों को मजबूत करता है और बालों के समय से पहले सफेद होने से रोकता है।
गरम शॉवर से प्राकृतिक तेलों को हटा सकते हैं, इससे बचें।
मेथी के बीज रूसी को ठीक करने और बालों को मजबूत करने में मदद करते हैं।
सेब के सिरका से बालों को धोने से चमक और चिकनाहट बढ़ सकती है।
अपने आहार में अलसी शामिल करें, यह स्वस्थ बालों की वृद्धि में मदद कर सकता है।
बालों के टूटने और स्कैल्प की तनाव को रोकने के लिए टाइट हेयरस्टाइल से बचें।
एलोवेरा जेल को नेचुरल हेयर कंडीशनर के रूप में इस्तेमाल करें, यह बालों को चिकनाएगा।
चावल का पानी से धोने से चमक और बालों की लचीलाई में सुधार हो सकता है।
बालों को उलझाव और टूटने से बचाने के लिए वाइड-टूथ कॉम का इस्तेमाल करें।
बालों की ग्रोथ को स्टिम्युलेट करने और बालों की गिरने को कम करने के लिए कास्टर तेल लगाएं।
मजबूती और मरम्मत के लिए प्रोटीन-आधारित हेयर मास्क का इस्तेमाल करें।
हीट प्रोटेक्टेंट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके बालों को गर्मी से होने वाले नुकसान से बचाएं।
प्याज के रस का इस्तेमाल करके रक्त संचरण में सुधार करें और बालों की ग्रोथ को बढ़ावा दें।
बालों की मॉइस्चर बनाए रखने और सूखापन से बचने के लिए पानी पीने का ध्यान रखें।
हरा चाय से बालों को स्टिम्युलेट करने और झड़ने को कम करने के लिए इस्तेमाल करें।
योगर्ट को स्कैल्प पर लगाएं, इसकी मॉइस्चराइज़िंग और एंटी-फंगल गुणवत्ता के लिए।
बालों के टूटने और नुकसान से बचने के लिए अधिक ब्रशिंग से बचें।
गहरे कंडीशनिंग के लिए एलोवेरा और शहद का हेयर मास्क इस्तेमाल करें।
बालों को उलझन से बचाने के लिए ��िल्क या सैटिन पिलोकेस पर सोएं।
ट्रैक्शन एलोपेशिया से बचने के लिए टाइट हेयरस्टाइल से बचें।
हेयर कलरिंग और कंडीशनिंग के लिए प्राकृतिक मेहंदी का इस्तेमाल करें।
बालों की ग्रोथ को स्टिम्युलेट करने के लिए रोज़मेरी तेल से बालों की मालिश करें।
नरम उलझाव के लिए लकड़ी का वाइड-टूथ कॉम इस्तेमाल करें।
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बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है अलसी , जानें कैसे अभी इसी वक़्त
बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है अलसी , जानें कैसे अभी इसी वक़्त #health
अलसी का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है यह कई प्रकार के विटामिंस और खनिज पदार्थों से भरपूर होती है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने में मदद करती है अगर आप रोजाना अलसी का सेवन करते हैं तो इससे आपको बहुत सारे फायदे होते हैं अलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्त्व हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं अलसी में पाए जाने वाला विटामिन बी और विटामिन ए हमारी त्वचा को…
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बीमारियों को दूर भगाने वाली अलसी के हैं फायदे अनेक
वर्तमान समय में हम सब अपने काम में इतने व्यस्त हो गये हैं कि हमें अपने शरीर का ध्यान ही नहीं रहता! इसके चलते ना जाने कितनी बीमारियां हमारे शरीर में अपना घर बना लेती हैं! अगर आप भी इस तरह की समस्या से परेशान हैं, तो डरे नहीं बल्कि अपने आहार में एक छोटी सी चीज शामिल कर आप इन जोखिमों से खुद का बचाव कर सकते हैं! ये चीज जितनी छोटी है उतनी ही कारगर भी साबित होती है! हम बात कर रहे हैं, अलसी की! अलसी के छोटे-छोटे बीजों में शरीर के लिए जरूरी कई पोषक तत्वों का भंडार छिपा है, जो कई गंभीर रोगों से राहत दिलाने में मदद कर सकते है!
अलसी के बीज भूरे-काले रंग के छोटे आकार के होते हैं जो हृदय के रोगों से हमारी रक्षा करते हैं! इसमें फाइबर्स, प्राकृतिक रूप से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करता है! इससे हृदय की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल घटने लगता है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना नहीं होती है! वैसे अलसी के बीज को वेजिटेरियन फिश भी कहा जाता है! इसमें ओमेगा फैटी एसिड और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है!
बालों के लिये रामबाण है अलसी
अलसी झड़ते बालों के लिए काफी फायदेमंद होती है, ये हमारे बालों को झड़ने से बचाती है! स्वस्थ और हेल्दी बालों के लिए विटामिन और खनिज का सेवन करना ज���ूरी होता है ऐसे में अलसी सबसे कारगर साबित हो सकती है! वहीं अलसी के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं जो बालों को बेहतर पोषण दे सकते हैं!
अलसी से मोटापा करें दूर
अक्सर लोग वजन घटाने को लेकर काफी परेशान रहते हैं कई कोशिश करने के बाद भी वजन घटाने का सही उपाय नहीं मिल पाता है, ऐसे में अलसी का तेल आपके लिए कमाल साबित हो सकता है! वजन घटाने के लिए अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो फैट बर्न करने में मदद कर सकता है! पेट की चर्बी कम करने के लिए भी अलसी के बीज का तेल फायेदमंद होता है!
अलसी खाने से नहीं होगा कैंसर
अलसी में पाए जाने वाले तत्व कैंसररोधी हार्��ोन्स को प्रभावी बनाते हैं! अलसी के नियमित सेवन से बेस्ट कैंसर, प्रोटेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को भी टाला जा सकता है! एक अध्ययन के मुताबिक अलसी में पाया जाने वाला लिगनेन एंडोमेट्रियल और गर्भाशय के कैंसर को भी रोकने में मददगार है!
अलसी में छिपा का ग्लोइंग स्किन का राज
अलसी को हफ्ते में दो बार उबालने के बाद उसका जेल चेहरे में लगाने से हमारी स्किन ग्लो करने लगती है, और हमारे चेहरे के दाग धब्बे दूर हो जाते हैं!
अलसी को खाने का तरीका
खाली पेट अलसी खाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये आपको वजन घटाने में मदद करता है! साथ ही अलसी में कम कार्बन और ज्यादा अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो वजन बढ़ने नहीं देते है! इसके अलावा अलसी को पीस कर या पानी में भिगो कर भी खाया जा सकता है!
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स्वस्थ बालों के लिए सबसे अच्छे आहार – Diet For Healthy Hair In Hindi
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स्वस्थ बालों के लिए सबसे अच्छे आहार – Diet For Healthy Hair In Hindi
स्वस्थ बालों के लिए सबसे अच्छे आहार – Diet For Healthy Hair In Hindi vinita pangeni Hyderabd040-395603080 November 15, 2019
प्रदूषण, रसायन, मौसम और स्टाइलिंग तकनीक, बालों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इनके अलावा, कुछ शारीरिक समस्याओं के कारण भी बालों की सेहत पर असर पड़ता है। यही कारण है कि अब बालों को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखना एक चुनौती बन चुकी है। इस चुनौती को पर्याप्त पौष्टिक आहार की मदद से पार किया जा सकता है, क्योंकि स्वस्थ बाल पाने की सीढ़ी में पोषक तत्व सबसे जरूरी हैं। पोषक तत्वों की कमी बालों को बेजान और रूखा बना सकती है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको स्वस्थ बालों के लिए आहार के बारे में बताएंगे, जो बालों की काया को बदलने में मदद कर सकते हैं। इन आहार की मदद से बाल कैसे मुलायम, चमकदार और घने होते हैं, यह हम आपको विस्तार से बताएंगे। हालांकि, इनमें से कौन सा खाद्य पदार्थ आपके लिए अच्छा है, यह आपको डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।
चलिए, अब सीधे आपको बताते हैं कि स्वस्थ बालों के लिए क्या खाना चाहिए और कैसे आहार बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
विषय सूची
स्वस्थ बालों के लिए आहार – Diet For Healthy Hair In Hindi
हम नीचे 18 प्रकार के आहार के बारे में बता रहे हैं, जिनसे बाल चमकदार और घने हो सकते हैं। चलिए, अब बालों के लिए उपयुक्त आहार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. लाल मांस
लाल मांस में भरपूर मात्रा में जिंक और आयरन पाया जाता है (1)। इसलिए, इसका सेवन बालों को स्वस्थ रखने का का काम कर सकता है। दरअसल, ये दोनों पोषक तत्व बालों को झड़ने से रोकते हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक बाल झड़ने की समस्या (एलोपेसिया – alopecia) होने पर जिंक की खुराक से बालों को दोबारा उगने में ��दद मिल सकती है। वहीं, आयरन भी बाल झड़ने से संबंधित है, लेकिन आयरन और बालों के विकास के संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है (2)।
2. अंडा
अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और बायोटिन पाया जाता है (3) (4)। ये दोनों पोषक तत्व बालों को घना बनाने के लिए सहायक माने जाते हैं। दरअसल, प्रोटीन ही वो तत्व होता है, जिससे बाल बनते हैं (5)। साथ ही बायोटिन की मदद से बालों के झड़ने की समस्या दूर हो सकती है (6)। इसके अलावा, अंडे में विटामिन बी-12 और डी भी मौजूद होता है (7)। शरीर में बी-12 की पर्याप्त मात्रा बाल झड़ने से रोकने में मदद कर सकती है और विटामिन-डी असमय सफेद होते बालों को रोकने में मदद कर सकता है (2)। ऐसे में अंडे का सेवन बालों को घना बनाने के साथ ही सफेद होने से बचा सकता है। इसके अलावा, अंडे में विटामिन बी-5 भी होता है, जो बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के साथ ही नमी भी देता है (8) (9)। अंडे में मौजूद प्रोटीन बालों की चमक बरकरार रखने के साथ बालों को दोमुंहे होने से बचा सकता है (9)।
3. मछली
मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन होता है (10)। यह दोनों पोषक तत्व बालों की ग्रोथ के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। खासकर, ओमेगा-3 बालों के घनत्व को बढ़ाने के साथ ही बालों टेलोजन (Telogen) अवस्था को घटाता है (11)। टेलोजन में बाल झड़ते हैं। इसके अलावा, मछली में विटामिन बी-12 भी पाया जाता है (12)। जैसा कि हम बता चुके हैं कि यह विटामिन बालों को झड़ने से रोकता है। ऐसे में कहा जा ��कता है कि मछली के तेल का सेवन बालों के स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है।
4. फलियां (Beans)
स्वस्थ बालों के लिए आहार में बीन्स भी शामिल हैं। यह प्रोटीन का बेहद अच्छा स्रोत है (5)। इसलिए, बालों को घना और मुलायम बनाने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि प्रोटीन ही है, जिससे बाल बनते हैं। ऐसे में प्रोटीन की संतुलित मात्रा शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी अहम है। इसके अलावा, बीन्स में विटामिन बी, ई, आयरन, जिंक और मैग्निशियम भी होता है। ये सभी पोषक तत्व बालों के लिए जरूरी माने जाते हैं (13) (7)।
5. धनिया
धनिये की पत्तियों में प्रोटीन, आयरन, विटामिन-�� और विटामिन-सी पाए जाते हैं। इसलिए, इसे बालों के पौष्टिक आहार में गिना जा सकता है। ये सभी पोषक तत्व बालों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। विटामिन-सी बालों को फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले नुकसान जैसे सफेद बाल और बालों के झड़ने से बचा सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी आयरन को अवशोषित (Absorption) करके बालों को झड़ने से रोक सकता है (14) (2)।
6. एस्परैगस (Asparagus)
स्वस्थ रहने के लिए एस्परैगस (Asparagus) यानी शतावरी को जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सकता है। यह फोलेट, विटामिन-के, सी, ए, ई, बी और आयरन से भरपूर होता है। इसमें मौजूद विटामिन-ई, फोलेट और आयरन बालों के लिए जरूरी पोषक तत्व होते हैं। विटामिन-ई बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, तो वहीं फोलेट बालों को चमकदार बनाता है (15) (16)। इसके अलावा, आयरन झड़ते बालों को रोकते हुए इनकी ग्रोथ में मदद कर सकता है (2)।
7. अलसी
अलसी के बीज आयरन ही नहीं ओमेगा-3 से भी भरपूर होते हैं (17)। एक ओर आयरन बालों को बढ़ने में मदद करता है, लेकिन इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है (2)। वहीं, दूसरी ओर ओमेगा फैटी एसिड स्कैल्प से संबंधित समस्याओं को दूर करके बालों को स्वस्थ रखकर इनके विकास में मदद कर सकता है। ओमेगा फैटी एसिड की मदद से सोरायसिस (स्कैल्प में लाल चकते, खुजली, ड्राई पैच) को दूर किया जा सकता है (18)।
इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से हेयर कोट (बालों को बचाने वाली एक परत) की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह फैटी एसिड बालों में सिरम (Serum) को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे बालों को नमी मिल सकती है (19)। अलसी के बीज में विटामिन-ई भी होता है, जो बालों को स्वस्थ बनाता है (15)। इसलिए, स्वस्थ और सुंदर बाल पाने के लिए अलसी के बीज को आहार में शामिल किया जा सकता है।
8. ओट्स (Oats)
ओट्स में मौजूद पोषक तत्वों की वजह से इसे बालों के लिए लाभदायक माना जाता है (20)। दरअसल, साबुत ओट्स में प्रोटीन, फैटी एसिड, विटामिन-ई, फोलेट, जिंक, आयरन, सेलेनियम (Selenium) जैसे अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। ये सभी पोषक तत्व मिलकर बालों को घना, लंबा और मुलायम बनाने में मदद कर सकते हैं (21) (22)। यह ध्यान रखना होगा कि इन सभी पोषक तत्वों को सप्लीमेंट्स के बजाए खाद्य पदार्थों से लेने का प्रयास करें, तभी लाभ मिलेगा (23)। इसे आहार में शामिल करने के साथ ही बतौर हेयर मास्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
9. नट्स व ड्राई फ्रूट्स
नट्स में टोकोट्रिएनोल्स (Tocotrienols) होते हैं, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। इनकी मदद से एलोपेसिया (बालों का झड़ना) की समस्या से राहत मिल सकती है (24) (25)। इसके अलावा, नट्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है, जो बालों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि नट्स का सेवन करके किसी भी व्यक्ति को गंजेपन से बचाया जा सकता है। नट्स और ड्राई फ्रूट्स में बादाम, काजू, मूंगफली, किशमिश, सूखा आलूबुखारा व अंजीर आदि शामिल है।
10. हरी सब्जियां
हरी सब्जियां को फोलेट का अच्छा स्रोत माना गया है (22) (4)। इसलिए, माना जाता है कि इनके सेवन से बाल स्वस्थ और चमकीले बने रहते हैं। फोलेट बालों को सफेद होने से भी बचाता है। इसके अलावा, हरी सब्जियों में विटामिन-ए, सी और आयरन भी होता है (7) (26)। विटामिन-ए से मिलने वाले रेटिनॉइक (Retinoic) एसिड सेबासियस (Sebaceous) ग्लैंड की क्रिया के लिए जरूरी होता है। सेवासियस ग्लैंड हमारे बालों को चिकनाई देने में मदद करते हैं, जो रूखे बालों के लिए लाभदायक होते हैं। ध्यान रहे कि विटामिन-ए की अधिक मात्रा से बाल झड़ते भी हैं (27)।
इसके अलावा, विटामिन-ए की मात्रा हेयर फॉलिकल्स को सक्रिय करती है, जिससे बाल बढ़ने में मदद मिल सकती है (28)। वहीं, आयरन के बारे में हम ऊपर बता ही चुके हैं कि यह बालों को झड़ने से रोकता है और बालों को मजबूती देता है, लेकिन इस संबंध में अभी और शोध किया जा रहा है। इसके अलावा, विटामिन-सी आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है (7)।
11. दूध
कम वसा वाले डेयरी उत्पादों में आवश्यक प्रोटीन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये दोनों तत्व बालों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लॉक की तरह काम करते हैं। खासकर, दूध कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन व विटामिन-ए का स्रोत है (29)। इसलिए, बालों के विकास के लिए इसे आदर्श आहार माना जाता है। प्रोटीन और आयरन बालों को झड़ने से रोकने के साथ ही इनके विकास को भी बढ़ावा देता है। वहीं, कैल्शियम भी बालों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (7)। खासकर, महिलाओं में इसकी कमी होती है। इसलिए, एक गिलास दूध का सेवन हमेशा करते रहना चाहिए।
12. स्प्राउट्स (Sprouts)
स्प्राउट्स के सेवन को हेयर ग्रोथ के लिए अद्भुत माना जा सकता है। स्प्राउट्स प्रोटीन, विटामिन-ए व सी, कैल्शियम, जिंक फोलेट और आयरन से समृद्ध होते हैं (30)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि स्वस्थ बालों के लिए ये सभी पोषक तत्व कितने अहम होते हैं। स्प्राउट्स का सेवन करने के लिए ���ूंग की साबूत दाल, सूखी मटर और काले चने जैसी मोटी दालों को धो लें। इसके बाद इन्हें एक एयर टाइट डि��्बे या किसी ढक्कन वाले बर्तन में पानी के साथ डालकर एक ��िन के लिए छोड़ दें। अगले दिन अंकुरित अनाज का सेवन कच्चा या पकाकर किया जा सकता है।
13. ब्रोकली
ब्रोकली का सेवन भी बालों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। ब्रोकली में विटामिन-सी, फोलेट व कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इनके अलावा, ब्रोकली में प्रोटीन और आयरन भी होता है (31)। विटामिन-ए बालों के ग्रोथ में मदद करता है। फोलेट बालों को मजबूत व चमकदार बनाता है। कैल्शियम व आयरन भी बालों के स्वास्थ्य के लिए अहम माने जाते हैं (7)। ऐसे में बालों को घना, चमकीला और लंबा बनाने के लिए ब्रोकली का सेवन किया जा सकता है।
14. आम
माना जाता है कि आम का सेवन करने से भी बाल स्वस्थ रहते हैं। दरअसल, आम के गूदे में विटामिन-ए, सी और ई पाया जाता है (32)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि ये सभी पोषक तत्व मिलकर बालों को मजबूती प्रदान करने, इनके विकास को बढ़ावा देने के साथ ही बालों को झड़ने से रोकते हैं। विटामिन-ई बालों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान जैसे सफेद बाल, बालों का झड़ने आदि से बचा सकता है। वहीं, प्रोटीन भी बालों को बढ़ाने में मदद करता। इसके अलावा, विटामिन-सी शरीर में आयरन को अवशोषित करके बालों को झड़ने से रोक सकता है (2)।
15. एवोकाडो
स्वस्थ बालों के लिए एवोकाडो को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसमें मौजूद विटामिन-ई बालों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है (33)। इसके अलावा, एवोकाडो में ओमेगा-फैटी एसिड भी होते हैं, जो बालों के घनत्व को बढ़ाते हैं। साथ ही इनकी ग्रोथ टेलोजन (Telogen) को कम करती है, जिससे बाल जल्दी-जल्दी बढ़ते हैं (9)। एवोकाडो का सेवन करने के साथ ही बालों को स्वस्थ रखने के लिए मास्क का भी उपयोग कर सकते हैं। इसका क्रिमी टेक्सचर और फैटी एसिड बालों को नरम और मुलायम बनाने में मदद कर सकता है।
16. मछली का तेल
मछली के तेल का इस्तेमाल भी बालों को स्वस्थ रखने के लिए कर सकते हैं। इसमें मौजूद डोकोसैक्सिनोइक (Docosahexaenoic) एसिड, बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। दरअसल, यह बालों के ऐनाजेन (Anagen) फेज को सक्रिय करते हैं। ऐनाजेन वह चरण होता है, जब बालों के रोम का बढ़ना शुरू होता है (34)।
17. ब्लू बैरीज (Blueberries)
ब्लूबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसलिए, इसे बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अहम माना जाता है। दरअसल, यह गुण बालों को फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाली क्षति से बचाता है। इसके अलावा, ब्लूबेरी में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी, ए और फोलेट भी पाया जाता है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि ये सभी तत्व भी बालों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं (35) (36)।
18. शकरकंद
शकरकंद को भी बालों के स्वस्थ आहार में गिना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट व बीटा-कैरोटीन हमारे शरीर को फ्री-रेडिकल्स और उसके दुष्प्रभाव से बचाते हैं। साथ ही यह बीटा-कैरोटीन शरीर में जाकर विटामिन-ए में तब्दील हो जाता है, जो बालों की ग्रोथ में मदद कर सकता है (37) (38)।
पोषण की कमी बालों की सुंदरता को छीन सकती है, इसलिए स्वस्थ आहार घने और काले बालों के लिए आवश्यक है। स्वस्थ बालों के लिए जरूरी आहार के बारे में विस्तार से जानने के बाद अब आप अपने मनपसंद फल, सब्जी या अन्य खाद्य पदार्थों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। अगर आप यह सोचते हैं कि घने, मुलायम और चमकदार बाल सिर्फ ब्यूटी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से मिल जाएंगे, तो यह महज एक गलतफहमी है। आप स्वस्थ आहार को जितना अपने जीवन में जगह देंगे, उतनी ही बालों की क्वालिटी अच्छी होगी। आपके जहन में अगर स्वस्थ बालों के लिए क्या खाना चाहिए, इससे संबंधित कोई अन्य सवाल हो या हमें देने के लिए कुछ सुझाव हों, तो आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें बता सकते हैं।
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vinita pangeni
विनिता पंगेनी ने एनएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में बीए ऑनर्स और एमए किया है। टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम करते हुए इन्हें करीब चार साल हो गए हैं। इन्हें उत्तराखंड के कई पॉलिटिकल लीडर और लोकल कलाकारों के इंटरव्यू लेना और लेखन का अनुभव है। विशेष कर इन्हें आम लोगों से जुड़ी रिपोर्ट्स करना और उस पर लेख लिखना पसंद है। इसके अलावा, इन्हें बाइक चलाना, नई जगह घूमना और नए लोगों से मिलकर उनके जीवन के अनुभव जानना अच्छा लगता है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/swasth-baalo-ke-liye-aahar-in-hindi/
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August 13, 2018 at 01:24AM मोटापा कम करता है अलसी का काढ़ा, पढ़ें अलसी के चमत्कारिक फायदे
स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने आहार में फल-सब्जियों के साथ-साथ विभिन्न तरह के बीजों को भी जरूर शामिल करना चाहिए। ऐसे ही बीजों में से एक है अलसी, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। ये शरीर को स्वस्थ र��ने में फायदेमंद हैं। अलसी के बीजों से बने काढ़े का नियमित रूप से सेवन कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद है। कैसे तैयार करें काढ़ा दो चम्मच अलसी के बीजों को दो कप पानी में मिक्स करें और आधा रह जाने तक उबालें। तैयार काढ़ा छान लें और थोड़ा ठंडा होने पर पिएं। फायदे हैं अनेक ब्लड शुगर करे नियंत्रित: डायबिटीज और ब्लड शुगर की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए अलसी का काढ़ा वरदान साबित होता है। नियमित रूप से सुबह खाली पेट असली के काढे़ के सेवन से डायबिटीज का स्तर नियंत्रित रहता है। थाइरॉएड में असरदार: सुबह खाली पेट अलसी का एक कप काढ़ा हाइपोथाइरॉएड और हाइपरथाइरॉएड दोनों स्थितियों में फायदेमंद है। हार्ट ब्लॉकेज को करे दूर: नियमित रूप से तीन महीने तक अलसी का काढ़ा पीने से आर्टरीज में ब्लॉकेज दूर होता है और आपको एंजियोप्लास्टी कराने की जरूरत नहीं पड़ती। अलसी में मौजूद ओमेगा-3 शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल एलडीएल के स्तर को कम करता है और हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। हानिकारक विषाक्त पदाथार्ें को बाहर निकाल कर शरीर को डीटॉक्सीफाई करता है। जोड़ों के दर्द में दे आराम: साइटिका, नस का दबना, घुटनों जैसे जोड़ों के दर्द में अलसी के काढ़े का नियमित सेवन फायदेमंद है। मोटापा करे कम: काढ़ा शरीर में जमा हुई अतिरिक्त वसा को निकालने में मदद करता है, जिससे मोटे होने का खतरा नहीं रहता। अलसी में मौजूद फाइबर भूख को कम करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। पेट की समस्याओं में कारगर: नियमित रूप से अलसी का काढ़ा पीने से कब्ज, पेट दर्द, पेट अफरना जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद: आधा चम्मच अलसी के बीज रोज सुबह गर्म पानी के साथ लेने से बालों के झड़ने की समस्या भी हल होती है। तीन-चार महीने तक नियमित रूप से काढ़ा पीने से बाल सफेद होना रुक जाता है। अलसी के तेल की मालिश करने से बाल मजबूत और चमकदार होते हैं। इससे त्वचा के रूखेपन, कील-मुंहासे, एग्जिमा, एलर्जी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
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अलसी कैसे खाएं और कितनी खाएं - how to make alsi ke fayde
अलसी कैसे खाएं और कितनी खाएं – how to make alsi ke fayde
अलसी के बीज में आयरन, जिंक, पोटैशियम, फोस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन सी, विटामिन ई, कैरोटीन तत्व पाए जाते हैं।
अलसी के बीज का सेवन आपकी त्वचा को स्वस्थ और स्निग्ध बनाता है और आपके नाखून को भी मजबूत और चिकना बनाता है नेत्र-दृष्टि बरक़रार रखता है, बालों को टूटने से रोकता है और डैंड्रफ भी दूर करता है यह त्वचा की बीमारियों एक्जिमा, सोराइसिस के उपचार में भी काफी कारगर माना गया है।
अलसी के बीज लिग्नांस का…
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कद्दू के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pumpkin Seeds Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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कद्दू के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pumpkin Seeds Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki Hyderabd040-395603080 July 10, 2019
कद्दू की गिनती स्वादिष्ट और गुणकारी सब्जियों में होती है। कद्दू से विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजनों का निर्माण किया जाता है, जैसे – मालपुआ, कुद्दू का हलवा व खीर आदि। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सिर्फ कद्दू के बारे में ही नहीं, बल्कि कद्दू के बीज के विषय में बताने जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि कद्दू के छोटे-छोटे बीज कैंसर व उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर समस्याओं का इलाज करने के काम आ सकते हैं। आइए जानते हैं विभिन्न बीमारियों के लिए कद्दू के बीज के फा���दे और कद्दू के बीज खाने का तरीका।
विषय सूची
कद्दू के बीज के फायदे – Benefits of Pumpkin Seeds in Hindi
कद्दू के बीजों पर कई अध्ययन किए जा चुके हैं, जिसमें इसके विभिन्न औषधीय गुणों के बारे में पता चला है। आंतरिक स्वास्थ्य से लेकर कद्दू के बीज त्वचा व बालों के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं। पोषक तत्वों की बात करें, तो कद्दू के बीज फाइबर से समृद्ध होते हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ, कब्ज जैसी समस्या और मोटापे को कम करने का काम करते हैं (1)। इससे अलावा, इसमें विटामिन-सी और ई भी पाया जाता है, जो त्वचा के लिए सबसे कारगर विटामिन माने जाते हैं (2)। इसके अलावा, कद्दू के बीज कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, सोडियम व फोलेट आदि से भी समृद्ध होते हैं (3)। चलिए, अब नीचे जानते हैं कि शरीर की कौन-कौन सी समस्याओं के लिए कद्दू का बीज फायदेमंद हो सकता है। साथ ही जानते हैं कि शरीर के लिए कद्दू के बीज खाने के फायदे।
सेहत के लिए कद्दू के बीज के फायदे – Health Benefits of Pumpkin Seeds in Hindi
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता
कद्दू के बीजों में विटामिन-सी पाया जाता है, जो कारगर एंटीऑक्सीडेंट है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में इस विटामिन की अहम भूमिका होती है। विटामिन-सी पूरी प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने का काम करता है। शरीर में इस खास विटामिन की कमी से स्कर्वी (शरीर में विटामिन सी की कमी) हो सकता है जिससे थकान, कमजोरी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं (3), (4)। विटामिन सी की पूर्ति के लिए आप कद्दू के बीजों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
इसके अलावा, कद्दू के बीजों में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने का काम कर सकता है (5)।
2. मधुमेह
मधुमेह के लिए भी कद्दू के बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, अलसी और कद्दू के बीजों से बना सप्लीमेंट मधुमेह का इलाज कर सकता है, लेकिन इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (6)। इसके अलावा, कद्दू के बीज को फाइबर का अच्छा स्रोत माना गया है। एक अध्ययन के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फाइबर प्रभावी इलाज हो सकता है (3), (7)।
मधुमेह के मामले में विटामिन-सी भी प्रभावी साबित हो सकता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, 1000mg/प्रतिदिन लिया गया विटामिन सप्लीमेंट टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा और फैट को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (3), (8)। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, डायबिटीज के लिए इटिंग प्लान में अनसैचुरेटेड नट्स के साथ अनसैचुरेटेड बीजों को भी शामिल किया जा सकता है (9) और कद्दू के बीज में अनसैचुरेटेड फैट मौजूद होता है (3)।
3. हृदय स्वास्थ्य
हृदय स्वास्थ्य के लिए भी कद्दू के बीज खाने के फायदे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कद्दू के बीज का तेल महिलाओं में रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। रक्तचाप ठीक रहने से हृदय रोग से भी बचा जा सकता है (10)।
जैसा कि हमने बताया है कि कद्दू के बीज फाइबर से समृद्ध होते हैं, जिसका लाभकारी प्रभाव हृदय स्वास्थ्य पर भी देखा जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, शरीर का बढ़ता मोटापा स्ट्रोक की आशंका बढ़ा सकता है। यहां फाइबर की अहम भूमिका देखी जा सकती है। फाइबर वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (3), (11), (12)।
इसके अलावा, कद्दू के बीज में मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित कर हृदय जोखिम को कम कर सकता है (3), (13)।
4. अनिद्रा
कद्दू के बीज खाने के फायदे में अनिद्रा से छुटकारा भी है। कद्दू के बीज मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत हैं और मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम देने का काम करता है (3), (14), जिससे अच्छी नींद आ सकती है।
5. हड्डी स्वास्थ्य
हड्डियों के विकास, उनके निर्माण और देखभाल के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी तत्व है। कैल्शियम की कमी ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोगों का कारण बन सकती है, जिसमें हड्डियां नाजुक और कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा, शरीर में पर्याप्त कैल्शियम न होने पर हड्डियों में फ्रैक्चर भी हो सकता है (15)। यहां आपकी मदद कद्दू के बीज कर सकते हैं, क्योंकि इनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है (3)।
हड्डि्यों के लिए मैग्नीशियम भी एक जरूरी पोषक तत्व है। हड्डियों के निर्माण में यह एक अहम भूमिका निभाता है। मैग्नीशियम की पूर्ति के लिए आप कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं (3), (16)।
6. प्रोस्टेट स्वास्थ्य
प्रोस्टेट एक ग्रंथी है, जो वीर्य के उत्पादन में मदद करती है। यह लिंग के पास मौजूद होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसका आकार भी बढ़ता है, लेकिन जरूर से ज्यादा बढ़ने पर कुछ जटिलताएं पैदा हो सकती हैं (17)। इन्हें स्वस्थ रखने के लिए कद्दू के बीज एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।
कद्दू के बीज विटामिन-सी से समृद्ध होते हैं और एक अध्ययन में प्रोस्टेट कैंसर के लिए विटामिन-सी को लाभकारी बताया गया है। विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, 150mg/प्रतिदिन विटामिन-सी की खुराक इस घातक कैंसर के खतरे को 9 प्रतिशत तक कम कर सकती है (3), (18)।
7. तनाव होता है कम
तनाव मुक्त रहने के लिए भी कद्दू के बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। कद्दू के बीज में विटामिन-सी पाया जाता है और एक रिपोर्ट के अनुसार विटामिन-सी न्यूरोट्रांसमीटर (एक ब्रेन केमिकल) के निर्माण करने का काम करता है। वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क की गतिविधियों में सुधार कर मूड और नींद को नियंत्रित करने का काम करता है, जिससे ��नाव जैसी मानसिक स्थितियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (3), (19)। कद्दू के बीज मैग्नीशियम से भी समृद्ध होते हैं, जिससे आपको शांत रहने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, कद्दू के बीज में विटामिन-बी और जिंक जैसे पोषक भी पाए जाते हैं, जो तनाव ���ो दूर करने का काम कर सकते हैं (20)।
8. गठिया
गठिया जैसे हड्डी रोगों के लिए भी कद्दू के बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। पमकिन सीड कैल्शियम से समृद्ध होते हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, अपने आहार में अच्छे फैट जैसे मोनोसैचुरेटेड को शामिल कर अर्थराइटिस से बचा जा सकता है (3), (21)।
9. ब्लैडर स्टोन
पमकिन सीड से बने सप्लीमेंट ब्लैडर स्टोन से निजात दिलाने का काम भी कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, कद्दू के बीज में फास्फोरस की मात्रा पर्याप्त होती है। इससे ब्लैडर स्टोन के जोखिम को कम किया जा सकता है। रिपोर्ट बताती है कि कद्दू के बीज से बने सप्लीमेंट को जितने ज्यादा दिनों तक लिया जाएगा, वो उतना प्रभावी असर दिखा सकता है (22)।
10. पोस्टमेनोपॉज लक्षणों को करता है कम
एक अध्ययन के अनुसार, कद्दू के बीज का तेल फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर होता है, जो रजोनिवृत्ति के बाद (Menopause) के लक्षणों जैसे हॉट फ्लॉश (अचानक बेचैन कर देने वाली गर्मी का एहसास), सिरदर्द और जोड़ों में होने वाले दर्द को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही कद्दू के बीज रजोनिवृत्ति से जूझ रही महिलाओं में डायस्टोलिक रक्तचाप (DBP) को कम करने के साथ-साथ अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर बढ़ा सकते हैं (23)।
11. पाचन के लिए
भोजन को पचाने में भी कद्दू के बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। पमकिम सीड में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को मजबूत करने के साथ-साथ कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या से भी छुटकारा दिलाने का काम करता है (3), (24)।
12. दृष्टि में सुधार
आंखों के लिए भी कद्दू के बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। यह विटामिन-ए से समृद्ध होता है, जो अंधेरे में भी दृष्टि को बढ़ावा देने का काम कर सकता है (3), (25)।
13. बेहतर प्रतिरोधक क्षमता
कद्दू के बीज विटामिन-सी से समृद्ध होते हैं, जो कारगर एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम करता है (3), (4)। इसके अलावा, पमकिम सीड में फाइबर भी होता है, जो इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकता है (3), (5)।
14. रक्तचाप
रक्तचाप के लिए भी कद्दू के बीजों की भूमिका देखी जा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कद्दू के बीजों का तेल अपने एंटी-हाइपरटेंसिव गुण से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकता है (26)। एक अध्ययन में पाया गया है कि कद्दू के बीज महिलाओं में रजोनिवृत्ति के दौरान डायस्टोलिक रक्तचाप (DBP) को कम कर सकते हैं (23)।
15. ब्रेस्ट कैंसर
कैंसर के लिए भी कद्दू के बीज खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एक अध्ययन से पता चला है क�� कद्दू के बीज स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने का काम कर सकते हैं (27)।
16. यूरिनरी इनकंटीनेंस
यूरिनरी इनकंटीनेंस ऐसी अवस्था, जिसमें पेशाब पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। खासकर, बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर होने पर यूरिनरी इनकंटीनेंस की समस्या हो सकती है। यहां आपकी मदद कद्दू के बीज कर सकते हैं। कद्दू के बीज पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने का काम कर सकते हैं (28), (29)।
17. मस्तिष्क स्वास्थ्य
मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी कद्दू के बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। कद्दू के बीज में विटामिन-सी होता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, न्यूरोनल परिपक्वता और ऑक्सिडेंटिव तनाव (Oxidative Stress) के खिलाफ मस्तिष्क की सुरक्षा के लिए विटामिन-सी का महत्व समझा जा सकता है (3), (30)। इसलिए, मस्तिष्क स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए आप कद्दू के बीज का सेवन कर सकते हैं।
18. बॉडी का पीएच स्तर
कद्दू के बीजों को अल्कलाइन फार्मिंग फूड्स में गिना जाता है, जो शरीर का पीएच बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं (31), (32)।
19. एनीमिया
एनीमिया की रोकथाम के लिए भी कद्दू के बीजों के फायदे देखे जा सकते हैं। एनीमिया यानी शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में रुकावट। इसका मुख्य कारण शरीर में आयरन और फोलेट की कमी होना है (33), (34)। यहां कद्दू के बीज आपकी मदद कर सकते हैं, क्योकि इसमें आयरन और फोलेट दोनों पोषक तत्व पाए जाते हैं (3)।
20. पेट में कीड़ों से रोकथाम
पेट के कीड़ों को मारने के लिए पमकिम सीड एक प्रभावी उपचार हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, कद्दू के बीज टेपवार्म इंफेक्शन पर 89 प्रतिशत बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं (35)।
21. पेट भरा रखता है
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि कद्दू के बीज फाइबर से समृद्ध होते हैं और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पेट को लंबे समय तक भरा रखने काम कर सकते हैं (3), (36)।
सेहत के लिए कद्दू के बीज के फायदे जानने के बाद आप जान लेते हैं त्वचा के लिए कद्दू के बीज खाने के फायदे।
त्वचा के लिए कद्दू के बीज के फायदे – Skin Benefits of Pumpkin Seeds in Hindi
सेहत के अलावा त्वचा के लिए भी कद्दू के बीज के फायदे बहुत हैं। नीचे जानिए स्किन से संबंधित समस्याओं पर कद्दू के बीज किस प्रकार काम करते हैं। इसके बाद हम लेख में आगे बताएंगे कि कद्दू के बीज कैसे खाएं।
1. त्वचा को करता है मॉइस्चराइज
सामग्री :
एक कप कद्दू के बीज पिसे हुए
एक बड़ा चम्मच मक्खन पिघला हुआ
एक अंडा फेंटा हुआ
कैसे करें इस्तेमाल :
पिसे हुए कद्दू के बीजों को पिघले हुए मक्खन के ��ाथ मिलाएं।
अब इसमें अंडा फेंट कर डालें और अच्छी तरह ब्लेंड करें।
अब इस पेस्ट को अपनी त्वचा पर लगाएं और 10-15 मिनट पेस्ट के सूखने का इंतजार करें।
अब ठंडे पानी से त्वचा को धो लें।
बेहतर परिणाम के लिए यह प्रक्रिया आप हफ्ते में तीन-चार बार कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू के बीज विटामिन-सी से समृद्ध होते हैं, जो त्वचा को मॉइस्चराइज करने का काम करता है (3), (37)।
2. भरता है घाव को
सामग्री :
कद्दू के बीज (भुने/कच्चे/अंकुरित)
कैसे करें इस्तेमाल :
प्रतिदिन एक मुट्ठी कच्चे, अंकुरित या भुने हुए कद्दू के बीजों का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू के बीज विटामिन-ए से समृद्ध होते हैं और विटामिन-ए घाव को जल्द भरने का काम कर सकता है (38)।
3. मुंहासे
सामग्री :
कद्दू के बीज (भुने/कच्चे/अंकुरित)
दूध (वैकल्पिक)
कैसे करें इस्तेमाल :
प्रतिदिन मुट्ठी भर कच्चे, अंकुरित या भुने हुए कद्दू के बीजों को खाएं।
आप दूध के साथ कद्दू के बीज को पीस कर मिला सकते हैं और इस दूध का सेवन रोजाना कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू के बीजों में जिंक पाया जाता है, जो एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होता है। जिंक आपको मुंहासों से निजात दिलाने का काम कर सकता है (3), (39)।
4. एजिंग को करता है कम
सामग्री :
कद्दू के बीज (भुने/कच्चे/अंकुरित)
कैसे करें इस्तेमाल :
रोजाना एक मुट्ठी कच्चे, अंकुरित या भुने हुए कद्दू के बीजों का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू का बीज विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी को त्वचा के लिए चुनिंदा पोषक तत्वों में गिना जाता है। यह चेहरे से झुर्रियों को हटाकर एजिंग के प्रभाव को कम कर सकता है (40)।
5. स्कीन कैंसर
सामग्री :
कद्दू के बीज (कच्चे या अंकुरित)
कैसे करें इस्तेमाल :
रोजाना सुबह मुट्ठी भर कच्चे या अंकुरित कद्दू के बीजों का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू के बीज फैटी एसिड से समृद्ध होते हैं और एक अध्ययन के अनुसार फैटी एसिड त्वचा को स्किन कैंसर से बचाने का काम कर सकता है (41), (42)।
सेहत और त्वचा के बाद अब आगे जानिए बालों के लिए कद्दू के बीज के गुण।
बालों के लिए कद्दू के बीज के फायदे – Hair Benefits of Pumpkin Seeds in Hindi
सेहत और त्वचा के अलावा बालों के लिए भी कद्दू के बीज के बहुत फायदे हैं। नीचे जानिए कद्दू के बीज बालों पर किस प्रकार काम करते हैं।
1. बालों का विकास
सामग्री :
कद्दू के बीज (भुने/कच्चे/अंकुरित)
कद्दू के बीज का तेल (वैकल्पिक)
कैसे करें इस्तेमाल :
रोजाना दिन की शुरुआत एक मुट्ठी कच्चे, अंकुरित या भुने हुए कद्दू के बीजों से करें।
इसके अलावा, आप रात में सोने से पहले कद्दू के बीज के तेल से बालों या स्कैल्प पर मालिश कर सकते हैं।
बेहतर परिणाम के लिए रोजाना यह उपाय करें।
कैसे है लाभदायक :
कद्दू के बीजों में आयरन और एल-लाइसीन भरपूर मात्रा में पाए जाता है। ये पोषक तत्व बालों को झड़ने से रोक कर बालों के विकास में मदद कर सकते हैं (3), (43)। आयरन और एल-लाइसीन की पूर्ति के लिए आप कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं।
2. स्वस्थ बाल
स्वस्थ बालों के लिए आप भुने/कच्चे/अंकुरित कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं या कद्दू के बीजों के तेल से बालों और स्कैल्प की मालिश कर सकते हैं। कद्दू के बीज आयरन और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होते हैं, जो बालों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं (44), (45)।
3. रूसी से छुटकारा
रूसी से छुटकारा पा��े के लिए भी आप कद्दू के बीज का सेवन और कद्दू के बीज के तेल का प्रयोग ऊपर बताए गए तरीके से ही कर सकते हैं। कद्दू के बीज जिंक से समृद्ध होते हैं, जो आपको डैंड्रफ की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (3), (46)।
शरीर के लिए कद्ददू के बीज के फायदे जानने के बाद आगे जानिए इसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
कद्दू के बीज के पौष्टिक तत्व – Pumpkin Seeds Nutritional Value in Hindi
नीचे दी जा रही तालिका के माध्यम से जानिए कद्दू के बीज में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं (3)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 4.50g ऊर्जा 446kacl प्रोटीन 18.55g कार्बोहाइड्रेट g कुल लिपिड (वसा) 19.40g फाइबर, कुल डाइटरी 18.4g मिनरल्स कैल्शियम 55mg आयरन 3.31mg मैग्नीशियम 262mg फास्फोरस 92mg पोटैशियम 919mg सोडियम 18mg जिंक 10.30mg विटामिन विटामिन-सी 0.3mg थियामिन 0.034mg राइबोफ्लेविन 0.052mg नियासिन 0. विटामिन-बी6 0.037mg फोलेट, डीएफई 9µg विटामिन-बी12 0.00µg विटामिन ए, RAE 3µg विटामिन ए IU 62IU विटामिन-डी (डी 2 + डी 3) 0.00µg विटामिन-डी 0IU लिपिड फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड 3.370g फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड 6.032g फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड 8.844g कोलेस्ट्रॉल 0
कद्दू के बीज के पोषक तत्व जानने के बाद नीचे जानिए कद्दू के बीज का चयन और इसे स्टोर किस प्रकार किया जाए। इसके बाद हम जानेंगे कि कद्दू के बीज का सेवन कैसे करें।
कद्दू के बीज का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Pumpkin Seeds in Hindi
चयन
कद्दू के बीज आप किसी भी सुपरमार्केट या किराने की दुकान से खरीद सकते हैं। कद्दू के बीज बीच से गहरे हरे रंग के होते हैं और भुने, नमकीन व कच्चे रूप में उपलब्ध होते हैं।
कद्दू के बीज खरीदते समय यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि वो ताजा हों। अगर वो सिकुड़े हुए दिखाई दें या उनमें से दुर्गंध आ रही हो, तो आप इन बीजों से बचें।
आप चाहें तो ऑर्गेनिक कद्दू के बीजों का भी चयन कर सकते हैं।
स्टोर
आप सूखे या भुने हुए कद्दू के बीजों को किसी ठंडी और अंधेरी जगह म��ं एयरटाइट कंटेनर की मदद से स्टोर कर सकते हैं।
लंबे समय तक स्टोर करने के लिए आप कद्दू के बीजों को फ्रीजर में भी रख सकते हैं।
कद्दू के बीज के गुण और उससे संबंधित अन्य जानकारी के बाद अब जान लेते हैं कद्दू के बीज का सेवन कैसे करें।
कद्दू के बीज का उपयोग – How to Use Pumpkin Seeds in Hindi
कद्दू के बीज स्वादिष्ट और गुणकारी खाद्य पदार्थों में शामिल हैं, जिनका आप विभिन्न तरीके से सेवन कर सकते हैं। नीचे जानिए कद्दू के बीज खाने के कुछ बेहतरीन टिप्स।
आप कद्दू के बीज को ऐसे ही खा सकते हैं।
कद्दू के बीज को भून कर खाया जा सकता है।
आप कद्दू के बीज अंकुरित कर खा सकते हैं।
आप कद्दू के बीजों को सलाद (वेजिटेबल या फ्रूट) के ऊपर छिड़क कर खा सकते हैं।
इसके अलावा, कद्दू के बीज का इस्तेमाल आप सूप, पास्ता या मीठे पकवानों में भी कर सकते हैं।
कद्दू के बीज क��से खाएं जानने के बाद अब नीचे जानिए कद्दू के बीज के नुकसान।
कद्दू के बीज के नुकसान – Side Effects of Pumpkin Seeds in Hindi
शरीर के लिए कद्दू के बीज के फायदों के अलावा, इसके कुछ नुकसान भी हैं। नीचे जानिए कद्दू के बीज के कुछ दुष्प्रभाव –
कद्दू के बीज फाइबर से समृद्ध होते हैं और अधिक फाइबर का सेवन पेट में गैस, दर्द, सूजन और ऐंठन का कारण बन सकता है (3), (1)।
कद्दू के बीज कैल्शियम से भी भरपूर होते हैं और कैल्शियम का अधिक सेवन पेट में सूजन, कब्ज और गैस की वजह बन सकता है (3), (47)।
कद्दू के बीजों में पोटैशियम भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जिसका अधिक सेवन हाइपरकलेमिया की वजह बन सकता है। हाइपरकलेमिया की वजह से सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, उल्टी और मतली हो सकती है (3), (48)।
अब तो आप सामान्य-से दिखने वाले कद्दू के बीज के फायदे जान गए होंगे। अगर आप स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पर भरोसा रखते हैं, तो बताई गई समस्याओं के लिए कद्दू के बीजों को अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करें। उम्मीद है कि कद्दू के बीज पर लिखा यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। अगर आपने इन बीजों का सेवन किया है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में हमें अपने अनुभव जरूर बताएं। आप अन्य जानकारी के लिए हमसे सवाल भी पूछ सकते हैं।
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वजन घटाने के लिए अलसी का सेवन – Flaxseeds (Alsi Ke Beej) for Weight Loss in Hindi
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वजन घटाने के लिए अलसी का सेवन – Flaxseeds (Alsi Ke Beej) for Weight Loss in Hindi
Nripendra Balmiki May 9, 2019
क्या आप जानते हैं कि बढ़ता वजन शरीर के लिए घातक हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार मोटापा मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है (1)। आधुनिक जीवनशैली और अनियंत्रित खान-पान मोटापे की सबसे बड़ी वजह है। साथ ही कई रोग भी शरीर को लग जाते हैं। अगर आप भी शरीर के बढ़ते वजन से परेशान हैं और हर तरह के उपाय अपना कर थक चुके हैं, तो एक बार अलसी का घरेलू उपचार करके देखें। इस लेख में हमारे साथ जानिए अलसी से मोटापा कम करने के उपाय।
विषय सूची
अलसी क्या है – What are Flaxseeds in Hindi
अलसी छोटे भूरे रंग के बीज होते हैं, जिसका स्वाद नट्स जैसा होता है। इन बीजों को फ्लेक्स पौधे से प्राप्त किया जाता है, जिनके रेशों का उपयोग लिनेन कपड़े की थान बनाने के लिए किया जाता है। इन बीजों का उपयोग मध्य पूर्वी देशों में हजारों वर्षों से किया जा रहा है। अलसी का वैज्ञानिक नाम लिनम युसिटेटिसिमम है और यह लिनेसी परिवार से संबंध रखती है। इन बीजों का इस्तेमाल शरीर से जुड़ी कई बीमारियों के लिए किया जा सकता है, जिसकी चर्चा हम इस लेख में करेंगे।
वजन घटाने में अलसी का बीज क्यों फायदेमंद है? – Alsi Ke Beej for Weight Loss in Hindi
वजन घटाने के सभी कारगर तरीकों में अलसी एक प्रभावी उपाय है, जो शरीर से अतिरिक्त चर्बी को निकालने में मदद कर सकती है। अलसी के बीज उन सभी खाद्य पदार्थों से समृद्ध होते हैं, जिनकी जरूरत ��जन घटाने के लिए होती है, जैसे फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट आदि। नीचे जानिए कि अलसी में मौजूद औषधीय गुण किस प्रकार वजन कम करने में योगदान कर सकते हैं –
1. डायटरी फाइबर
वजन घटाने में अलसी ���ीज में मौजूद डायटरी फाइबर आपकी मदद कर सकता है। फ्लेक्स सीड पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि रोजाना 30 ग्राम फाइबर शरीर से अतिरिक्त चर्बी को हटा सकता है। शोध में यह भी पाया गया है कि हाई फाइबर युक्त डाइट न सिर्फ वजन, बल्कि टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकती है (2), (3)।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार डायटरी फाइबर का सेवन करने से मोटापा दूर किया जा सकता है। रिपोर्ट बताती है कि फाइबर और बॉडी फैट के बीच विपरित संबंध है, यानी अधिक फाइबर युक्त भोजन का सेवन आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करेगा (4)।
2. आवश्यक फैटी एसिड
अलसी के बीज में दो तरह के फैटी एसिड पाए जाते हैं, एक ओमेगा-3 और दूसरा ओमेगा-6। वजन घटाने के लिए ये दोनों एसिड आपकी मदद कर सकते हैं। इन दोनों एसिड का निर्माण शरीर नहीं कर सकता है, इसलिए इसकी पूर्ति खाद्य पदार्थों से ही की जाती है। शरीर में जाते ही ये दोनों फैटी एसिड फॉस्फोलिपिड का हिस्सा बन जाते हैं।
फॉस्फोलिपिड एक प्रकार का फैट है, जो सेल मेम्ब्रेन का अहम हिस्सा है। सेल मेम्ब्रेन कोशिकाओं की संरचना में मदद करते हैं और उनमें जाने वाले व बाहर निकलने वाले पदार्थों को नियंत्रित करते हैं। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 एसिड शरीर में प्रवेश होने पर प्रोस्टाग्लैंडिंस में परिवर्तित हो जाते हैं, जो मेटाबॉलिजम को नियंत्रित करने का काम करते हैं। प्रोस्टाग्लैंडिंस शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। सूजन ऑक्सिडेटिव स्ट्रैस को बढ़ाकर वजन में वृद्धि ला सकती है (5)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार ओमेगा 3 फैटी एसिड भूख पर नियंत्रण कर बढ़ते मोटापे को कम कर सकता है (6)।
3. लिग्निन
लिगनेन लगभग सभी पौधों में मौजूद होते हैं, लेकिन अलसी में लगभग 800 गुना अधिक लिग्नांस होते हैं। ये फेनोलिक कमाउंड हैं, जो फाइटोएस्ट्रोजन और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। हालांकि, फाइटोएस्ट्रोजन मनुष्यों पर उतना प्रभावी नहीं है, लेकिन एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों (Free Radicals) को नष्ट कर वजन घटाने में मदद करते हैं (7)।
सूजन शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रैस के कारण भी हो सकती है, जो इंसुलिन के लिए बाधा का कारण भी बन सकती है। इंसुलिन बाधित होने से कोशिकाएं शुगर से वंचित रह जाती हैं, जिससे आपको भूख महसूस होगी और आप अधिक भोजन करना चाहेंगे। अधिक भोजन रक्त शर्करा को बढ़ाएगा, जिससे मोटापे के साथ मधुमेह की समस्या खड़ी हो जाएगी। एक शोध में मोटापे से ग्रसित नौ लोगों को चार ��प्ताह तक 40 ग्राम अलसी का पाउडर सेवन कराया गया। बाद में इंसुलिन और ग्लूकोज का स्तर मापा गया, जिसमें सकारात्मक परिणाम देखे गए (8)।
4. प्रोटीन
अलसी के बीज प्रोटीन से भरपूर होते है। 100 ग्राम फ्लेक्स सीड्स में लगभग 18.29 ग्राम प्रोटीन होता है (3)। प्रोटीन पचाने में कठिन होता है, इसलिए जब आप डायटरी फाइबर के साथ एक चम्मच फ्लेक्स सीड्स का सेवन करते हैं, तो प्रोटीन सामग्री आपकी भूख को दबाने में भी मदद करती है। ऐसा करने से आप अधिक खाने से बचेंगे और आपका वजन नियंत्रित रहेगा।
अलसी से वजन कैसे कम करें जानने के बाद आगे जानिए इसका सेवन कैसे करें।
मोटापा कम करने के लिए अलसी का उपयोग कैसे करें
साबुत अलसी की तुलना में वजन घटाने के लिए अलसी पाउडर या मिल्ड फ्लेक्स सीड्स अधिक प्रभावी हो सकते हैं। ये आसानी से अवशोषित (absorb) किए जा सकते हैं, जिससे अलसी में मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे वसा, प्रोटीन और लिग्नन्स की अत्यधिक मात्रा आपको मिलेगी। आप सुपरमार्केट से साबुत फ्लेक्स सीड्स खरीद सकते हैं और घर में पीसकर अलसी पाउडर बना सकते हैं। अगर यह करना संभव नहीं है, तो आप मिल्ड फ्लेक्स सीड्स का विकल्प चुन सकते हैं। नीचे जानिए कि वजन कम करने के लिए अलसी कैसे खाएं।
1. सेब, दूध, और फ्लेक्स सीड्स स्मूथी
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सामग्री :
आधा सेब
एक कप दूध
एक खजूर
एक बड़ा चम्मच अलसी पाउडर
कैसे बनाएं :
सेब और खजूर को काटें और उन्हें मिक्सी में डालें।
फिर मिक्सी में दूध डालें और ब्लेंड करके स्मूदी बनाएं।
स्मूदी को एक गिलास में डालें।
अब इसमें अलीस पाउडर का एक बड़ा चम्मच मिक्स करके सेवन करें।
2. पालक, ट्यूना और फ्लेक्स सीड्स
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सामग्री :
एक कप पालक
आधा कप स्मोक्ड ट्यूना
एक बड़ा चम्मच अलसी पाउडर
आधा कप टमाटर
एक बड़ा चम्मच कटा हुआ लहसुन
चार बड़े चम्मच जैतून का तेल
आधा नींबू का रस
एक बड़ा चम्मच डाइजोन सरसों
नमक स्वादानुसार
आधा चम्मच काली मिर्च
कैसे बनाएं :
एक सॉस पैन में पानी उबालें। जब पानी उबलने लगे तो नमक डालें।
अब पालक और लहसुन डालें और दो-तीन मिनट तक पकाएं।
पालक और लहसुन को निकालें और तुरंत एक मिनट के लिए ठंडे पानी में डाल दें।
इसी बीच एक कटोरे में जैतून का तेल, नींबू का रस, डाइजोन सरसों, नमक और काली मिर्च मिलाकर ड्रेसिंग तैयार करें।
पालक को ठंडे पानी से कटोरे में डालें।
अब टमाटर के दो हिस्से कर ट्यूना के साथ प्लेट में रखें। साथ में पालक को भी डालें।
अंत में ऊपर से ड्रेसिंग के तैयार मिश्रण व अलसी पाउडर का छिड़काव कर सेवन करें।
वजन कम करने के लिए अलसी की प्रतिदिन की खुराक क्या होना चाहिए?
अलसी के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिसका अधिक उपभोग करने क�� जरूरत नहीं। वजन घटाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ अलसी का एक चम्मच खाने की सलाह देते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें – Points to Remember
वजन घटाने के लिए अलसी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हमेशा अलसी का पाउडर ही इस्तेमाल में लाएं।
अगर आप खाना पकाने के लिए अलसी के तेल का उपयोग करते हैं, तो इसे ज्यादा गर्म न करें।
अगर आप पेट की समस्या से पीड़ित हैं, तो फ्लेक्स सीड्स के सेवन स��� बचें।
खाने के साथ प्रोटीन और वजन कम करने के लिए डाइटरी फाइबर जरूर लें।
प्रतिदिन तीन लीटर पानी पिएं। अगर आप वर्कआउट करते हैं, तो चार से पांच लीटर पानी पिएं।
वजन कम करने के लिए रोजाना आधे से एक घंटे व्यायाम करें।
जल्दी सोएं और जल्दी उठें।
रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लें।
ये लोग अलसी से बचें – Who Should Avoid Them
अगर आप आंत के किसी रोग से पीड़ित हैं, तो अलसी का सेवन न करें।
हार्मोनल असंतुलन या एंडोमेट्रिओसिस (गर्भाशय के बाहर टिशू का विकसित होना) की अवस्था में अलसी का सेवन न करें।
अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो फ्लेक्स सीड्स का सेवन न करें।
अगर आप रक्त को पतला करने की दवा ले रही हैं, तो अलसी के सेवन से बचें।
ये थे अलसी के जरिए वजन कम करने के सबसे जरूरी टिप्स। अगर आप प्राकृतिक तरीके से अपने मोटापे को कम करना चाहते हैं, तो आज से ही अलसी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि वजन कम करने के लिए रोजाना एक ही चम्मच अलसी पाउडर लें। अगर इसके सेवन के दौरान आप किसी अन्य तरह की शारीरिक समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप मोटापा करने से जुड़े अपने अनुभव हमारे साथ यहां साझा कर सकते हैं। अन्य जानकारी के लिए कमेंट बॉक्स में सवाल भी पूछ सकते हैं।
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अलसी के फायदे, उपयोग और नुकसान – Flax Seeds (Alsi) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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अलसी के फायदे, उपयोग और नुकसान – Flax Seeds (Alsi) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Arpita Biswas December 20, 2018
इस रफ्तार भरी जिंदगी में किसी के पास इतना भी समय नहीं है कि वो अपनी सेहत पर ध्यान दे सके। इस कारण उन्हें कई बीमारियां घेर लेती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आहार में किसी ऐसी चीज को शामिल करें, जिससे आपको सभी तरह के पोषण मिल सकें और आप बीमारियों से भी दूर रहें। अलसी इन्हीं में से एक है। अलसी भले ही दिखने में छोटी हो, लेकिन इसके बीज के फायदे अनेक हैं। अलसी के औषधीय गुण बीमारियों पर रामबाण की तरह काम करते हैं। आज इस लेख में हम अलसी के फायदे बता रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आप इसे अपने आहार में जरूर शामिल करेंगे।
अलसी क्या होती है?
इससे पहले कि हम आपको अलसी के फायदे बताएं, आप यह जान लें कि अलसी होती क्या है। अलसी को इंग्लिश में फ्लैक्ससीड (flaxseed) कहा जाता है और इसे तीसी के नाम से भी जाना जाता है। लोग कई वर्षों से इसका उपयोग कर रहे हैं और यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।
अलसी के औषधीय गुण – Medicinal Properties of Flax Seeds in Hindi
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अलसी गुणों का खजाना है, लेकिन कई लोग आज भी इससे अनजान हैं। अलसी हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करती है। शाकाहारी लोगों के लिए अलसी वरदान है, क्योंकि मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड अलसी में मौजूद होता है। साथ ही इसमें लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर व अल्फा लिनोलिक एसिड भी मौजूद होता है (1) (2), जो आपके शरीर में होने वाली तरह-तरह की बीमारियां जैसे – डायबिटीज, दिल की बीमारी, पेट की परेशानी और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को कम करते हैं। अलसी के औषधीय गुण मनुष्य के लिए अमृत से कम नहीं हैं।
अलसी के औषधीय गुण जानने के बाद अब वक़्त आ गया है, अलसी के फायदे जानने का। नीचे हम स्वास्थ्य के लिए अलसी खाने के फायदे बता रहे हैं।
अलसी के फायदे – Benefits of Flax Seeds in Hindi
यहां हम स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए अलसी के फायदे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। सबसे पहले हम यह बताते हैं कि सेहत के लिए अलसी किस प्रकार फायदेमंद है।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए अलसी के फायदे
सही वक्त पर संतुलित खाना न खाने और बेवक्त ��ोने से शरीर बीमारियों का घर बना देता है। ऐसे में जरूरी है कि आप वक्त रहते अपने सेहत पर ध्यान दें और अपने डाइट में सेहतमंद खाने को शामिल करें। ऐसे में अलसी एक अच्छा उपाय है। अब देर किसी बात की, अलसी के फायदों को पढ़ें और इसे अपने आहार में शामिल करें।
1. वजन कम करने के लिए
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हम काम तो करते हैं, लेकिन शारीरिक कम और मानसिक ज्यादा। ज्यादा समय लैपटॉप और कंप्यूटर के आगे गुजरता है। इससे वजन कब बढ़ने लगता है, पता ही नहीं चलता। साथ ही काम में अधिक व्यस्त होने के कारण खानपान पर ध्यान न देना, बाहर का तला-भुना खाना से वजन बढ़ने लगता है और कई बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं। ऐसे में अगर अलसी के बीज का सेवन किया जाए, तो यह परेशानी कम हो सकती है। अलसी के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो वजन को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जोकि लाभदायक फैट होता है। यह भूख को कम कर सकता है, जिससे आपका वजन कम होने में मदद मिल सकती है।
अलसी के बीज में मौजूद लिगनेन कोशिकाओं (cell) को काम करने में मदद करता है, जिस कारण आपका फैट कम हो सकता है। लिगनेन चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाता है, जिस कारण भी आपका वजन कम हो सकता है। अलसी के बीज के पाउडर वजन कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अलसी के बीज फैट निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर में वसा की मात्रा कम हो जाती है (3)।
2. ब्लड प्रेशर को करता है कम
जैसे ही इंसान तनाव में आने लगता है, तो उसके शरीर में कई तरह की बीमारियां घर करने लगती है और हाई ब्लड प्रेशर उन्हीं में से एक है। हाई ब्लड प्रेशर होने से दिल के दौरे का या ब्रेन हैमरेज होने के अलावा अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए, आप रोज जितनी जरूरत हो सके उतना व्यायाम करें और खानपान का ध्यान रखें। इसके लिए आप अपने खाने में अलसी के बीज को शामिल करें। इसमें लिनोलिक एसिड, लिगनेन व फाइबर होते हैं, जो कुछ हद तक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं (4) (5)।
3. मधुमेह के लिए
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इन दिनों हर कोई मधुमेह से ग्रस्त है। इसलिए, जरूरी है कि लोग वक्त रहते इस पर ध्यान दें। मधुमेह में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो ब्लड शुगर का स्तर कुछ प्रतिशत तक कम हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें म्यूसिलेज होता है, जो एक प्रकार का फाइबर होता है। यह पाचन को नियंत्रित कर खून में ग्लूकोज कम करताा है।
इसके अलावा, प्रारंभिक अध्ययनों से यह भी पता चला है कि फ्लैक्ससीड्स मधुमेह को होने से कुछ हद तक रोक भी सकता है। इसमें एसडीजी नामक एक यौगिक होता है, जो टाइप-1 मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है और टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका को कम कर सकता है (6)।
4. सर्दी-खांसी में असरदार
बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी का भी रूप ले सकती है। ऐस में अगर आप अलसी के बीज को घरेलू उपाय के रूप में अप���ाएंगे, तो सर्दी-जुकाम की परेशानी कम हो सकती है। सर्दी-जुकाम होने पर अलसी के पाउडर की चाय पिएं या फिर आप दो चम्मच अलसी को एक कप पानी में तब तक उबालें, जब तक वो गाढ़ा न हो जाए। अब इसको छान लें और इसमें तीन चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं। आप अलसी के बीज को अपने सूप, स्मूदी या अन्य खाद्य पदार्थ में भी शामिल कर सकते हैं। अलसी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद हैं। इसे प्राचीन काल से सर्दी-जुकाम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है (7)।
5. कोलेस्ट्रॉल को करता है कम
जब बात आए कुछ हेल्दी खाने की, तो अलसी एक अच्छा ऑप्शन है, अलसी शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम करता है (8) (9)। आप हर रोज छोटे चम्मच से एक या दो चम्मच अलसी के पाउडर का सेवन करें। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल काफी हद तक कम होगा और आपको एनर्जी भी मिलेगी, क्योंकि अलसी में फाइबर और ओमेगा-3 होता है, जो आपको ऊर्जा देगा।
6. दिल के लिए फायदेमंद
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शरीर को स्वस्थ रखना है, तो दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। तनाव, गलत खानपान और कई अन्य कारणों से हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में अगर आप अलसी के बीज का सेवन शुरू करें, तो दिल की बीमारी का खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है, जो दिल के बीमारी का खतरा कम करता है (10) (11)। यह धमनियों के काम को सुधारता है। एक और अध्ययन के अनुसार, अगर कोई एएलए (ALA), जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्रकार होता है, उसका सेवन करे, तो हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है (12) (13)।
7. जोड़ों के दर्द या गठिया में खाएं अलसी
एक वक्त था जब हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ती उम्र की निशानी हुआ करती थी, लेकिन आजकल लगभग हर कोई हड्डियों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहता है। कभी पूरा दिन कुर्सी पर बैठे रहने से, कभी जरूरत से ज्यादा दौड़-भाग करने से, तो कभी बदलते मौसम की मार से। कई बार लोग शुरुआत में इन दर्द को अनदेखा कर देते हैं, जो आगे चलकर मुसीबत बन जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप पहले से ही सावधानियां बरतें। आप जोड़ों के दर्द के लिए अलसी का सेवन कर सकते हैं या फिर अलसी के पाउडर को सरसों के तेल में गुनगुना करके जोड़ों पर लगाएं, आपको आराम मिलेगा। हालांकि, यह कहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि अलसी के बीज गठिया में असरदार होगा या नहीं, लेकिन इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, जिससे गठिया की परेशानी कम हो सकती है। इसलिए, यह कह सकते हैं कि अलसी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द या गठिया की बीमारी में काफी असरदार हो सकते हैं (14) (15)।
8. गर्भावस्था के दौर���न अलसी का सेवन
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को अपने गर्भ में पल रहे शिशु का खास ध्यान रखना होता है। इसलिए, गर्भावस्था में महिला को खानपान का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसे में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो गर्भवती महिला के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। अलसी में प्रचुर मात्रा में फाइबर, ओमेगा-3 और प्रोटीन होता है और एक गर्भवती महिला को इन सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है (1)। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को कब्ज की परेशानी होती है, लेकिन सीमित मात्रा में अलसी के सेवन से यह समस्या दूर हो सकती है, क्योंकि अलसी में फाइबर होता है, जो कब्ज से राहत दिला सकता है। वहीं प्रोटीन और ओमेगा-3 गर्भ में पल रहे शिशु के लिए महत्वपूर्ण होता है।
नोट: जैसा कि सभी जानते हैं कि गर्भावस्था महिला के लिए एक नाजुक दौर होता है और हर महिला की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है या है, तो गर्भावस्था के दौरान अलसी खाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें। इसके अलावा, अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए भी गर्भावस्था में इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की राय लें।
9. इम्यून सिस्टम के लिए
मनुष्य का इम्यून सिस्टम सही होना बहुत जरूरी है, अगर किसी का इम्यून सिस्टम ठीक नहीं है, तो वो बार-बार बीमारी का शिकार होने लगता है। किसी भी व्यक्ति को अपना इम्यून सिस्टम सही रखने के लिए न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि खाने का भी ध्यान रखना चाहिए। इम्यून पावर बढ़ाने के लिए आप अलसी का सेवन कर सकते हैं, इसमें एएलए (ALA) होता है, जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड है। अलसी में फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो इम्यून पावर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इससे आपके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता आती है (7)। आप अलसी के बीज या उसके पाउडर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
10. लिवर के लिए अलसी
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व्यस्त दिनचर्या की वजह से लोग खानपान का ठीक से ध्यान नहीं रख पाते, नतीजतन पेट और लिवर संबंधी परेशानियां हो जाती हैं। इनसे बचने के लिए और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपको ऊर्जा मिलेगी, बल्कि आपका लिवर भी स्वस्थ रहेगा (16)। इसके सेवन के साथ-साथ आपको अपनी जीवनशैली और खानपान का खास ख्याल रखना होगा, तब जाकर आपको पेट और लिवर संबंधी समस्यायों से छुटकारा मिल पाएगा।
11. कैंसर से बचाव
एक वक्त था जब कैंसर कुछ गिने-चुने लोगों को ही होता था, लेकिन अभी की जीवनशैली की वजह से कैंसर सर्दी-जुकाम और बुखार की तरह बन चुका है। ऐसे में गुणों का खजाना माने जाने वाले अलसी का सेवन किया जाए, तो यह खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है। कुछ अध्यनों के अनुसार रजोनिवृत्ति के बाद अगर महिलाएं अपने आहार में अलसी को शामिल करें, तो ब्रेस्ट कैंसर होने से बचा जा सकता है (17) (18)। अलसी के बीज कैंसर वाले मरीजों में ट्यूमर की वृद्धि को भी कम कर सकते हैं (19) (20)। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो कई तरह के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद लिगनेन भी कैंसर ��्यूमर को बढ़ने से रोकता है (7)। शोध के अनुसार, अलसी के बीज से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका कम हो सकती है (21)।
12. फंगल इंफेक्शन में फायदेमंद
कभी-कभी बदलते मौसम, धूल-मिट्टी या प्रदूषण की वजह से त्वचा संबंधी परेशानियां होने लगती है। इन्हीं परेशानियों में से एक है फंगल इन्फेक्शन, जिसमें त्वचा में खुजली व जलन होने लगती है और कभी-कभी तो त्वचा के ऊपरी सतह पर रैशेज, पपड़ी व लाल निशान उबर आते हैं। जरूरी नहीं कि यह सिर्फ बदलते मौसम के कारण ही हो, कभी-कभी दवाई के साइड इफेक्ट से भी फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इस पर ध्यान दें। फंगल इंफेक्शन के लिए आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं। अलसी में एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण फंगल इंफेक्शन की परेशानी से बचाव हो सकता है (22)। अलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो फंगस को बढ़ने से रोकते हैं (23)।
13. किडनी के लिए
आजकल की लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में तरह-तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। किडनी की बीमारी उन्हीं में से एक है। कम पानी पीना, गलत खानपान, डायबिटीज या यूटीआई (uti) जैसी समस्याएं कई बार किडनी की समस्या का कारण बन जाती हैं। इसलिए, जरूरी है कि वक्त रहते इस पर ध्यान दिया जाए। आप अपने आहार का खास ध्यान रखें और अपने खाने में अगर अभी तक आपने अलसी के बीज शामिल नहीं किए हैं, तो इसे शामिल करें। अलसी में मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड (Alpha Linolenic Acid – ALA) किडनी की परेशानी का जोखिम कुछ हद तक कम कर सकता है (24)। इसलिए, अगर किडनी की समस्या से बचना है, तो अलसी को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही सही जीवनशैली को अपनाएं।
14. पेट में सूजन या गैस्ट्राइटिस (Gastritis)
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कई लोग पेट संबंधी समस्यायों से परेशान हो रहे हैं। इसका कारण सही वक्त पर खाना न खाना, ज्यादा तेल-मसाले वाला या बाहर का तला-भुना खाना। पेट की समस्या लोगों में भले ही आम हो, लेकिन हम इसे अनदेखा नहीं कर सकते। अगर इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह पेट में सूजन या अल्सर का रूप ले सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपने खानपान में सुधार करें और आहार में अलसी को शामिल कर पेट की सूजन को सही वक्त पर ठीक करें (25)। आप चाहें तो अलसी के तेल का भी सेवन कर सकते हैं। आप इसे सलाद या स्मूदी के साथ भी उपयोग कर सकते हैं। इसके तेल से भी पेट की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है (26)।
15. ब्लड शुगर के लिए
ब्लड शुगर का संतुलित रहना बहुत जरूरी है, क्��ोंकि ब्लड शुगर का उतार-चढ़ाव आपको डायबिटीज का मरीज बना सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए आप अपनी डाइट में अलसी को शामिल करें। इसमें ब्लड शुगर को कम करने के गुण तो है ही साथ ही यह डायबिटीज के दौरान इस्तेमाल की जानें वाली दवाइयों का प्रभाव भी बढ़ाता है (27)।
16. बुखार में अलसी का सेवन
बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम और बुखार होना आम बात है। ऐसे में जरूरी है कि मौसम के शुरुआत से ही सावधानी बरती जाए। आप अलसी का सेवन कर सकते हैं, इसे कई सालों से आयुर्वेदिक औषधीय के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण बुखार से बचाव कर सकते हैं (7) (28), आप चाहें तो अलसी के लड्डू खा सकते हैं।
17. गले में खराश के लिए
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मौसम ठंडा हो या गर्म गले में खराश की परेशानी कभी भी हो सकती है। अगर शुरुआत में गले की खराश पर ध्यान न दिया जाए, तो यह आगे चलकर बहुत बड़ा रूप भी ले सकती है। हालांकि, कई लोग तुरंत दवाइयों का भी सेवन शुरू कर देते हैं, जो कई बार सही नहीं होता है, इसलिए घरेलू उपाय आजमाने चाहिए। गले में खराश के लिए अलसी एक अच्छा घरेलू उपाय साबित हो सकता है। आप अपने गले को आराम देने के लिए एक कप पानी में दो से तीन चम्मच अलसी के बीज को तब तक उबालें, जब तक यह गाढ़ा न हो जाए। फिर इस पानी को छान लें और इसमें थोड़ा-सा शहद और नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। अलसी को कई सालों से आयुर्वेदिक औषधि की तरह उपयोग किया जाता आ रहा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की खराश को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (7) (29)।
18. अस्थमा या दमे में करें सेवन
अस्थमा या दमा की समस्या किसी को भी हो सकती है। जिन्हें यह परेशानी होती है, उन्हें बदलते मौसम या धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बचना चाहिए। इस दौरान अपना खास ध्यान रखना चाहिए। साथ ही कुछ घरेलू नुस्खे भी आजमाने चाहिए। दमे के मरीज अगर सुबह एक गिलास पानी में एक चम्मच अलसी के पाउडर को भिगो दें और शाम को इसे छानकर पिएं, तो दमे की परेशानी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। ध्यान रहे कि आप कांच के गिलास का ही इस्तेमाल करें। आप इस पाउडर को सुबह पानी में भिगोकर शाम को सेवन कर सकते हैं या शाम को भिगोकर सुबह सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद, ओमेगा-3 फैटी एसिड दमा की परेशानी से राहत दे सकता है (30)।
19. कान में दर्द के लिए अलसी
कई बार धूल-मिट्टी के वजह से, नहाते वक्त कान में पानी चले जाने से या अन्य कई कारणों से कान में संक्रमण हो जाता है और कान में असहनीय दर्द होता है। कई बार यह दर्द रात में भी होता है, लेकिन उस समय कोई दवाई घर में न होने से परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐसे में अलसी का तेल कान दर्द से कुछ देर के लिए राहत दिला सकता है। हालांकि, अभी तक इसका कहीं कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन कई लोगों ने इस नुस्खे का अनुभव किया है।
20. दांत दर्द में अलसी के बीज
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आजकल दांत और मसूड़ों में दर्द की समस्या आम हो गई है। कभी ज्यादा मीठा खाने से कैविटी की परेशानी, कभी ठंड की वजह से मसूड़ों में सूजन और दर्द किसी को भी हो सकती है। जरूरी नहीं कि हर बार दवाई का सेवन किया जाए। आप दवा की जगह घरेलू उपाय भी कर सकते हैं, अलसी इन्हीं घरेलू उपायों में से एक है। आप अलसी को अपने स्मूदी में उपयोग कर सकते हैं। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे हर प्रकार की सूजन या मसूड़ों की परेशानी दूर हो सकती है। अगर परेशानी ज्यादा दिनों तक हो, तो अपने डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं (31)।
अब हम त्वचा के लिए अलसी खाने के फायदे जान लेते हैं।
त्वचा के लिए अलसी के फायदे – Skin Benefits of Flax Seeds in Hindi
स्वास्थ्य के लिए अलसी के लाभ तो आप जान ही गए हैं मुलायम, बेदाग़ त्वचा की चाहत हर किसी को होती है और इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय और घरेलू नुस्खे भी अपनाते हैं। इन्हीं घरेलू उपाय में अगर आप अलसी को शामिल करें तो आपकी त्वचा और खूबसूरत हो सकती है। नीचे हम त्वचा के लिए अलसी के बीज के फायदे आपको बता रहे हैं।
1. कील-मुंहासों के लिए अलसी
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कील-मुंहासे किसी को भी हो सकते हैं। इसके लिए लोग कई तरह की क्रीम, फेसवॉश या घरेलू उपाय का प्रयोग करते हैं। इन उपायों में अगर अलसी को शामिल किया जाए, तो कुछ हद कील-मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है। आप चाहें तो हर रोज एक या दो चम्मच अलसी का सेवन करें या फिर आप इसे फेस मास्क की तरह भी उपयोग कर सकते हैं। नीचे हम फेस मास्क बनाने की विधि आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
अलसी का फेस पैक
सामग्री
एक चम्मच अलसी का पाउडर
तीन से चार चम्मच पानी
बनाने की विधि
आप अलसी के बीज का पाउडर बना लें। यह आपको बाजार से भी मिल जाएगा।
एक चम्मच अलसी के पाउडर को तीन चम्मच पानी में 10 से 15 मिनट के लिए भिगो दें।
कुछ देर बाद आप देखेंगे की यह चिपचिपा पेस्ट तैयार होने लगा है।
अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं।
फिर इसे सूखने दें।
उसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोकर मॉइश्चराइजर लगा लें।
कैसे फायदेमंद है
अलसी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कई तरह के विटामिन, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है (7) (32), जो त्वचा में निखार ला सकता है । इसके अलावा, इसके सेवन से कब्ज की परेशानी भी दूर हो सकती है (33) (34), जिस कारण शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और कील-मुंहासों की परेशानी दूर होती है।
2. सोरायसिस में अलसी
सोरायसिस एक त्वचा संबंधी बीमारी है, यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। यह ज्यादातर कोहनी, हाथ-पैर, स्कैल्प, घुटनों, हथेलियों व पांव के तलवों में होती है। इसमें त्वचा पर लाल रंग के धब्बे नजर आने लगते हैं और खुजली या जलन हो सकती है। ऐसे में आप अलसी का तेल लगा सकते हैं। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं को कुछ हद तक दूर सकता है, लेकिन इस बारे में अपने डॉक्टर से बात जरूर करें, क्योंकि हर किसी की त्वचा एक जैसी नहीं होती है। अगर आपकी त्वचा में किसी भी चीज से जल्दी इंफेक्शन या एलर्जी होती है, तो पहले इसका पैच टेस्ट कर लें।
3. एक्जिमा में अलसी के बीज
दवाई के साइड इफेक्ट, ज्यादा साबुन या डिटर्जेंट के इस्तेमाल से, धूल-मिट्टी व अन्य कारणों से त्वचा में संक्रमण हो जाता है, एक्जिमा उन्हीं में से एक है। बार-बार खुजली या जलन होना या कभी-कभी रैशेज होना एक्जिमा के लक्षण होते हैं। इस बीमारी को दूर करने के लिए रोज एक या दो चम्मच अलसी का सेवन करें। एक्जिमा के साथ-साथ अलसी दाद जैसी त्वचा संबंधी परेशानी में भी फायदा करता है।
4. फोड़े-फुंसी के लिए
फोड़े-फुंसी की समस्या कभी भी हो सकती है। अगर यह ज्यादा बढ़ जाए, तो काफी कष्टदायी होता है। ऐसे में आप इसे कम करने के लिए शुरुआत में ही अलसी का लेप लगा सकते हैं। आप एक चौथाई अलसी के बीज को थोड़े या बराबर मात्रा में सरसों के साथ पीसकर लेप बनाकर लगाएं। इससे आपको कुछ हद तक आराम मिल सकता है। अगर आपको दर्द ज्यादा महसूस हो या आपको लगे कि ठीक होने में वक्त लग रहा है, तो एक बार डॉक्टर से जांच करवा लें।
5. एंटी-एजिंग के लिए
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धूल-मिट्टी, प्रदूषण, सूरज की हानिकारक किरणें और तरह-तरह की चीजों के इस्तेमाल से त्वचा रूखी, बेजान और वक्त से पहले झुर्रियों का शिकार होने लगती है। उम्र के साथ झुर्रियों का होना सामान्य है, लेकिन यह झुर्रियां अगर उम्र से पहले दिखने लगें, तो चिंता का कारण है। ऐसे में आप अलसी को घरेलू उपाय के तौर पर उपयोग कर सकते हैं। आप अलसी का तेल लगा सकते हैं या अलसी का सेवन भी कर सकते हैं। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और कई अन्य तत्व मौजूद होते हैं (1), जो एंटी-एजिंग का काम करते हैं और झुर्रियों को कम कर सकते हैं। त्वचा को जवां रखने के लिए पोषक तत्वों की बहुत जरूरत होती है और यही पोषक तत्व आपको अलसी में आसानी से मिल जाएगा (35)। इसके अलावा, यह त्वचा को हाइड्रेट भी रखता है (36)।
6. स्ट्रेच मार्क्स के लिए अलसी
स्ट्रेच मार्क्स की समस्या सिर्फ गर्भावस्था में ही नहीं, बल्कि वजन बढ़ने और कई अन्य कारणों से भी होती है। स्ट्रेच मार्क्स आमतौर पर कमर, पेट, स्तन व जांघों पर होते हैं और इसे होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। अगर एक बार स्ट्रेच मार्क्स हो जाएं, तो उसके दाग मिटाने मुश्किल हो जाते हैं। इस पर अगर वक्त रहते ध्यान दिया जाए, तो इस दाग को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसे ठीक करने के लिए घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है और अलसी के बीज उन्हीं में से एक हैं। अलसी स्ट्रेच मार्क्स को हटाने में सक्षम है। आप नहाने के बाद या सोने से पहले स्ट्रेच मार्क्स पर अलसी के तेल को लगा सकते हैं। इसके लगातार उपयोग से कुछ हद तक दाग कम हो सकते हैं। हालांकि, इसका कोई प्रमाण नहीं है, यह सिर्फ अनुमान व लोगों के अनुभवों पर आधारित है। इसके अलावा यह इस पर भी निर्भर करता है कि दाग कितने पुराने हैं।
इस लेख में हम आगे बात करेंगे कि अलसी बालों के लिए किसी प्रकार लाभकारी है।
बालों के लिए अलसी के फायदे – Hair Benefits of Flax Seeds in Hindi
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हर कोई चाहता है कि उसके बाल लंबे, घने, मुलायम, चमकदार और खूबसूरत हों। इसके लिए लोग बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। इनसे बाल अच्छे नजर आने की जगह रूखे और बेजान होकर गिरने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि कुछ घरेलू उपायों को अपना��ा जाए, अलसी उन्हीं में से एक है।
1. बालों को झड़ने से रोके अलसी
खूबसूरत लंबे बाल जब झड़ने लगते हैं, तो यह काफी दुखदायी होता है। बालों का झड़ना अक्सर मौसम की वजह से, पोषक तत्वों की कमी से या किसी चीज के साइड इफेक्ट से होता है। जरूरी नहीं कि आप हर चीज के लिए दवाइयों का ही सेवन करें, कुछ घरेलू नुस्खे और पोषक तत्वों के सेवन से भी आपके बालों का झड़ना कम हो सकता है (37)। बालों का झड़ना रोकने के लिए आप अलसी का उपयोग कर सकते हैं। अलसी में प्रचुर मात्रा में विटामिन, ओमेगा – 3 फैटी एसिड, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व हैं (1), जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाते हैं। अलसी बालों की जड़ों को नमी प्रदान करती और उन्हें खूबसूरत व चमकदार बनाती है। आप अलसी का जेल बनाकर अपने बालों में लगा सकते हैं। इसकी विधि हम नीचे आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
अलसी का जेल
सामग्री
दो कप पानी
चार चम्मच अलसी के बीज
नोट: सामग्री आप अपनी आवश्यकतानुसार ले सकते हैं।
बनाने और लगाने की विधि
दो कप पानी को उबालें।
जब पानी उबलने लगे, तो इसमें चार चम्मच अलसी के बीज मिला दें।
अब इसे किसी चीज से ढककर 10 से 15 मिनट तक उबलनें दें।
इसके बाद गैस बंद कर दें और छान लें।
इस मिश्रण को आप सुबह बालों पर लगाएं और कुछ मिनट बाद धो लें।
कब लगाएं?
आप इसे हर रोज या हर दूसरे दिन सुबह लगा सकते हैं।
इसके अलावा, आप अलसी का तेल भी लगा सकते हैं या अलसी का सेवन भी कर सकते हैं।
2. डैंड्रफ के लिए अलसी
डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली की परेशानी किसी को भी हो सकती है। इसमें कई बार शैंपू भी असर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आप अलसी के तेल से बालों की मालिश कर सकते हैं। अलसी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो डैंड्रफ और स्कैल्प की खुजली की समस्या को कम कर सकते हैं (29) (1)।
अलसी के पौष्टिक तत्व – Flax Seeds Nutritional Value in Hindi
अलसी के औषधीय गुण अनेक हैं। इसलिए, भारत में इसे आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग किया जा रहा है। अलसी को सुपर फूड कहा जाता है, क्योंकि यह गुणों और पौष्टिक तत्वों का खजाना होता है। अलसी के फायदे बताने के बाद अब हम इसके पौष्टिक तत्व की सूची आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
प्रिंसिपल न्यूट्रिएंट वैल्यू पर्सेंटेज ऑफ आरडीए एनर्जी 534 Kcal 27% कार्बोहाइड्रेट 28.8 g 22% प्रोटीन 18.3 g 32.5% टोटल फैट 42.16 g 170% कोलेस्ट्रॉल 0 mg 0% डाइट्री फाइबर 27.3gm 68% विटामिन्स फोलेट्स 87 µg 22% नियासिन 3.08 mg 19% पैंटोथेनिक एसिड 0.985 mg 20% पायरीडॉक्सीन 0.473 mg 36% राइबोफ्लेविन 0.161 mg 12% थायमिन 1.64 mg 137% विटामिनए 0 IU 0% विटामिनसी 0.6 mg 1% विटामिनई 19.95 mg 133% विटामिनके 4.3 µg 3.5% इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम 30mg 2% पोटेशियम 813mg 17% मिनरल्स कैल्शियम 255 mg 22% कॉपर 1.12 mg 124% आयरन 5.73 mg 72% मैग्नीशियम 392 mg 98% मैंगनीज 2.48 mg 108% जिंक 4.34 mg 39% फाइटोन्यूट्रीएंट्स बीटा कैरोटीन 0 µg – लुटिनजियाजैंथिन 651 µg –
भले ही अलसी पोषक तत्वों का खजाना है, लेकिन आप याद रखें कि यह कोई जादू की गोली नहीं है कि आप तुरंत इसका सेवन करो और आपको फायदा नजर आने लगे। आपको इसके सेवन के बाद धैर्य रखना होगा और साथ ही अपनी जीवनशैली व खानपान का भी ध्यान रखना होगा।
अलसी खाने के फायदे बताने के बाद हम आपको यह भी बता रहे हैं कि अलसी कितने प्रकार की होती है।
अलसी के प्रकार – Types of Flax Seeds in Hindi
अलसी दो प्रकार के होते हैं।
भूरी अलसी – भूरी अलसी दिल के लिए फायदेमंद होती है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है।
पीली या सुनहरे रंग की अलसी – सुनहरी या पीली अलसी में प्रोटीन की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है।
ये दोनों ही अलसी के प्रकार आपको बाजार में मिल जाएंगे।
अलसी खाने का सही समय और सही तरीका – Best Way to Eat Flax Seeds in Hindi
अलसी के फायदे जानने के बाद आप इसे अपने आहार में शामिल करने का अगर सोच रहे हैं, तो इसके सेवन करने के बारे में भी विस्तार से जान लें। अलसी के बीज का अगर आप सेवन करते हैं, तो हो सकता है कि यह आपके शरीर से बिना पचे ही निकल जाए। अलसी खाने के फायदे तब और ज्यादा बढ़ जाएंगे, जब आप इसे सही समय और सही तरीके से खाएंगे। यहां हम आपको अलसी खाने का सही समय और सही तरीका बता रहे हैं।
आप अलसी को पाउडर के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। इससे आपको अलसी में मौजूद सारे पोषक तत्व मिलेंगे।
आप अलसी के बीज को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगो दें और फिर उसका सेवन करें।
अगर आप ठंडे पानी में अलसी के बीज भिगो रहे हैं, तो दो से तीन घंटे के लिए भिगोएं।
ध्यान रहे आप अलसी के बीज के साथ खूब पानी पिएं।
आप अलसी के लड्डू खा सकते हैं।
आप अपने नाश्ते के साथ, स्मूदी के साथ या सलाद के साथ भी अलसी खा सकते हैं।
आप अलसी के पाउडर को दही व दलिये में डालकर खा सकते हैं।
अलसी को खाने का सबसे अच्छा वक्त है सुबह का है। आप सुबह नाश्ते के साथ अलसी का सेवन करें।
अलसी को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें – How to Store Flax Seeds in Hindi
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कई लोगों के मन में सवाल आता होगा कि अलसी को सुरक्षित कैसे और कितने दिनों तक रख सकते हैं। इस बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।
आप अलसी के बीज को किसी एयर टाइट जार में डालकर अच्छे से बंद करके फ्रिज में स्टोर करके रखें।
आप अलसी के बीज का पाउडर बनाकर उसे भी एयर टाइट कंटेनर में बंद करके फ्रिज में रख सकते हैं।
इसके अलावा आप जब भी अलसी खरीदने जाएं, तो उसकी पैकिंग की तिथि और कब तक इस्तेमाल कर सकते हैं वो तिथि भी देख लें।
इसके अलावा, अगर आप अलसी के बीज का सेवन या उसका उपयोग ज्यादा नहीं करते हैं, तो कोशिश करें कि उसका छोटा पैकेट ही खरीदें।
अलसी के नुकसान – Side Effects of Flax Seeds in Hindi
हर चीज का फायदा और नुकसान दोनों है, अगर किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाए, तो उसका नुकसान भी होता है। उसी तरह अगर अलसी के फायदे हैं, तो अलसी के नुकसान भी हैं। इसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
जरूरत से ज्यादा अलसी खाने से पेट खराब की समस्या हो सकती है।
जिन्हें लो ब्लड प्र���शर की परेशानी है, वो अगर अलसी का सेवन करेंगे तो उनका ब्लड प्रेशर और कम हो सकता है।
अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भावस्था में इसका सेवन खतरनाक हो सकता है।
अलसी से एलर्जी जैसे – रैशेज, जलन या खुजली की परेशानी हो सकती है।
अलसी का सेवन खून को पतला करता है। ऐसे में अगर आपको चोट लगे या घाव हो, तो घाव भरने में वक्त लग सकता है।
डायबीटीज के मरीज अगर अलसी का सेवन कर रहे हैं, तो हर कुछ दिनों में अपना ब्लड शुगर लेवल जांचते रहे, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल बहुत कम कर देता है।
अलसी खाने के नुकसान के साथ-साथ यह भी जान लीजिए कि किन्हें अलसी नहीं खानी चाहिए।
अलसी किन किन लोगों को नहीं खाना चाहिए – Who Should Avoid Flax Seeds in Hindi
अलसी के नुकसान के साथ-साथ हम इस लेख में आपको यह भी बता रहे हैं कि किन किन लोगों को अलसी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
बच्चों को अलसी का सेवन न कराएं।
गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली माताएं अलसी से परहेज करें। अगर उन्हें अलसी खानी भी है, तो एक बार डॉक्टर से पूछ लें।
जिनको मासिक धर्म के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग की परेशानी होती है।
जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर या ओवेरियन कैंसर रह चुका हो।
जिन पुरुषों को प्रोस्टेट की परेशानी हो।
जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हों।
अलसी खाने के फायदे जानने के बाद आप इसे अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहेंगे, लेकिन याद रखें कि अगर आपको किसी चीज से जल्दी एलर्जी होती है, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें। इसके अलावा, डॉक्टर से जरूर पूछ लें कि इसे कब, कितना और कैसे खाना है, क्योंकि हर किसी के शरीर की बनावट और जरूरत अलग-अलग होती है। बेशक, अलसी खाने के फायदे हैं, लेकिन आपको इसके लिए धैर्य रखना होगा, क्योंकि इसका असर नजर आने में समय लगता है। अलसी खाएं और हमारे साथ अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।
अच्छा खाएं, स्वस्थ रहें।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/alsi-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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अलसी का रोजाना इस्तेमाल आपको बना सकता है हेल्दी, अनेकों बीमारियों का रामबाण इलाज
आयुर्वेद :यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलसी को ‘ सुपर फूड ‘ घोषित किया है। आयुर्वेद में अलसी को दैविक भोजन माना गया है। अलसी के तेल में अल्फा लिनोलेनिक ससिड ( ए.एल.ए.) नाम का ओमेगा 3 वसा अम्ल, लिनोलिक एसिड, लिगनेन, प्रोटीन व फाइबर होते हैं। यह भ्रूण के विकास में मददगार है। त्वचा, नाखून और बालों को स्वस्थ रखता है। आंखे, मस्तिष्क व नर्वस सिस्टम की कार्य प्राणाली में’मदद…
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