#अजीब दुनिया
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सोनजुही।
स्त्री० [हिं० सोना+जूही]
एक प्रकार की जूही जिसके फूल हलके पीले रंग के और अधिक सुगंधित होते हैं
अजीब, बहुत अजीब होता जा रहा हूं मैं । ना खुद का, ना इस दुनिया का हो पा रहा हूं मैं । खुद से बेखुदी हो गई है, मैं कोन, मैं नहीं जानता, ये आइने में जो खड़ा है, मुझे नहीं जानता। बहुत अजीब होता जा रहा हूँ मैं। ये जो लोग हैं, मुझे मेरा परिवार बताते हैं, ये मुझे नहीं जानते और मैं उन्हें नहीं जानता। ये अपने आप को पाने की, तुम्हें पाने कि ये जुस्ताजू कभी ख़त्म क्यों नहीं होती? क्या ये अन्वेषण कभी ख़त्म होगी? ये जिंदगी है या इब्तिला मुझे नहीं मालूम। कभी मन करता है कि शायद ये सोनजुही का जो फूल है, ये कितना खुश है, काश मैं भी एक पीले रंग का फूल होता।
(inspired by: this ✨️)
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✒️🏵️👇🏻 *कम से कम दो बार आवश्य पढ़ें। शब्दों की गहराई समझने की कोशिश करें।* *पैर की मोच* *और* *छोटी सोच ,* *हमें आगे* *बढ़ने नहीं देती ।* *टूटी कलम* *और* *औरो से जलन ,* *खुद का भाग्य* *लिखने नहीं देती ।* *काम का आलस* *और* *पैसो का लालच ,* *हमें महान* *बनने नहीं देता ।* *दुनिया में सब चीज* *मिल जाती है,......* *केवल अपनी गलती* *नहीं मिलती..* *" जितनी भीड़ ,* *बढ़ रही* *ज़माने में........।* *लोग उतनें ही ,* *अकेले होते* *जा रहे हैं......।।* *इस दुनिया के* *लोग भी कितने* *अजीब है * ना ;* *सारे खिलौने* *छोड़ कर* *जज़बातों से* *खेलते हैं........* *याद रखिये* *यदि माता पिता, और सगे भाई बहन से बोलचाल बंद है* *तो ये भी तय मानो कि *भगवान*ने आपको सुनना बंद कर दिया है* *किनारे पर तैरने वाली* *लाश को देखकर* *ये समझ आया........* *बोझ शरीर का नहीं* *साँसों का था.....* *तो फिर घमंड़ शरीर पर कैसा?* *"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए, और* *जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!* *तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,* *संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!* *जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नहीं,* *यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नहीं जायेगा!* *जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....* *जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...* *पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;* *लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नहीं ले जा सकता......* *कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....* *पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।* *शानदार बात* *इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर (पंख) मिले,* *और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...* *🫵🏻आप सदा ख़ुश, मस्त, व्यस्थ व स्वस्थ रहे,* ♥️💜🏵️👍🏻
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1400.
कुटिल सोच और हित साधती वर्जनाएँ
-© कामिनी मोहन।
संस्कार, सभ्यता, अनुशासन, परंपरा, मानवता इनके आवरण की परतों में ढके मनुष्य के गिरेबान में झाँक कर देखा जाए तो उसमें कहाँ खाज है, नज़र नहीं आता है। धर्म संस्कार और सभ्यता ने मनुष्य को विचार दिए हैं।हमारी सारी वर्जनाएँ व्यवस्था के हित के साथ जुड़ी है। कुटिलता इसे रीति बनाकर मनुष्यता से जोड़कर प्रचारित करती है। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह सब विचार-विमर्श आख़िर है क्या।
दूसरों के सामने निर्विचार से दिखने वाले दरअसल मानवीयता के दर्पण की तरह होते हैं। धर्म परंपरा और मान्यता की कवच से लैस स्वतंत्र तथा सतत् मंत्रमुग्ध बने रहते हैं। उनमें होता है उड़ने का हौसला। उड़ने में ख़तरे तो बहुत है, उन ख़तरों से बच गए तो ठीक है, न बचे तो हँसी में टालकर फिर से उड़ने का दम भरते हैं।
स्नेह का अभाव हर शख़्स को खटकता है। जो शीतलता, ममता या मधुरता के दुलार से निशब्द-सी शांति मिलती है। वह अभिमान के छलावे से नहीं मिलती। अंधकार में किसी मैदान, जंगल, आकाश में अर्धवृत्त, आनंद नीलिमा और सवेरा होने से पहले प्रकृति के क्षण-क्षण बदलते रूप के दर्शन होते हैं। यह दर्शन न तो घनी अंधेरी रात में और न तो दिन के उजाले में संभव है। लोगों की सांस्कृतिक मान्यताओं और पहचान के विपरीत जाना वर्जनाओं को तोड़ना है। क्योंकि यह मान्यताओं परंपराओं और संस्कृति का पर्याय होती है। अनुभव सबसे अच��छा शिक्षक है, और सबसे ख़राब अनुभव हमें सबसे अच्छा सबक सिखाते हैं।
जी��न में सबसे अच्छी बात किसी ऐसे व्यक्ति को ढूँढ़ना है जो ख़ामियों, ग़लतियों और कमज़ोरियों को जानता है और वो व्यक्ति हम ख़ुद हो, तो यह पूरी तरह से अद्भुत है। जब भी सपनों के सच होने की संभावना बढ़ती है तो जीवन दिलचस्प बनता जाता है। इसलिए अंधेरे को दूर करने के लिए स्वयं की बेहतरी प्रकाशयुक्त होनी चाहिए। अजीब से लगने वाले शब्द विश्वास की सतह पर सच होने चाहिए।
हम, तुम सब अजीब है। इस दुनिया में हर कोई अजीब है, हमारी पीढ़ी सोचती है कि परवाह नहीं करना अच्छा है। लेकिन हम सब जानते हैं यह ग़लत है, यह अजीब है। देखभाल करना, परवाह करना अच्छा है। अपने कर्तव्य कर्म के प्रति वफ़ादार रहना अच्छा है। ऊँचे पेड़ छोटे बीजों से बनने में सक्षम होते हैं। बीज को वृक्ष बनने के पहले एक पूरी की पूरी देखभाल की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है।
एक रहस्य की कई परतें होती हैं। रहस्य को जानने समझने के बावजूद उनमें बहुत सारे ऐसे रहस्य होंगे, जिनका उद्देश्य हमें पता ही नहीं चल पाता है। ऐसे में आत्म-मूल्य महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि आप अपने बारे में अच्छा महसूस नहीं करते हैं, तो किसी और चीज़ के बारे में अच्छा महसूस होना कठिन है।
फिर तो कुटिल सोच का फ़ायदा कोई न कोई वर्जना उठाने की पूरी कोशिश करेगी। तो एक ही तरीका है कि लोग जो सोचते हैं उसे दरकिनार कर समाज संस्कार सभ्यता और संस्कृति को केंद्र में रखकर निरंतर आगे बढ़ते रहा जाए।
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इस जाहां में सबको सब कुछ नहीं मिलता
नदी की हर लहर को साहिल नहीं मिलता
ये दिलवालों की दुनिया भी अजीब है दोस्त
किसी से दिल नहीं मिलता तो कोई दिल से नहीं मिलता
– credits due
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देखिए ग्राहकों को कैसे चूना लगाते हैं फलवाले, आंखों के सामने ग्राहकों को ऐसे देते हैं धोखा
सोशल मीडिया की दुनिया काफी ज्यादा अजीब है, यहां कब कौन सी चीज देखने को मिल जाए…इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. यहां कई बार हैरान करने वाले तो वहीं कई दफा हम लोगों को ऐसे वीडियो देखने को मिल जाते हैं. जिसे देखकर काफी ज्यादा हैरानी होती है. हालांकि कुछ वीडियो ऐसे भी होते हैं जो हमें अलग लेव�� की सीख देते हैं. ऐसा ही कुछ इन दिनों सामने आया है. जहां आप देख सकते हैं कि दुकानदार किस तरीके से अपने…
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Baba Saheb Ambedkar: Know 15 Interesting Things About the Creator of the Constitution
Introduction
Bhimrao Ramji Ambedkar: संविधान का प्रारूप तैयार करने में कई प्रबुद्ध लोगों का योगदान था, लेकिन डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता माना जाता है. वह संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे. यह बात बहुत कम लोगों को पता होगी कि संविधान का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी अकेले अंबेडकर पर आ गई थी. यह बात प्रारूप समिति के एक सदस्य टीटी कृष्णामाचारी ने संविधान सभा के सामने स्वीकार भी की थी. टीटी कृष्णामाचारी ने नवंबर, 1948 में संविधान सभा में कबूला था कि मृत्यु, बीमारी और कुछ अन्य वजहों से कमेटी के अधिकतर सदस्यों ने प्रारूप तैयार करने में पर्याप्त योगदान नहीं दिया था. इसके चलते संविधान तैयार करने का बोझ डॉ. अंबेडकर पर आ गया. आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद 26 जनवरी, 1950 को देश में संविधान लागू हुआ. इससे पहले 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अपनाया था. इसके बाद 26 नवंबर वह तारीख बन गई, जिसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस दरअसल संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता क्यों कहा जाता है? अंबेडकर पर अक्सर राजनीति क्यों शुरू हो जाती है? इस स्टोरी में जानेंगे हर सवाल का जवाब?
Table of Content
सिर्फ 2.3 साल में पूरी की 8 साल की पढ़ाई
कौन-कौन सी डिग्रियां की हासिल
अंबेडकर ने अकेले ही तैयार किया था संविधान का प्रारूप
यूं बदली अंबेडकर की जिंदगी
जानिये बाबा साहेब के बारे में रोचक और सच्ची बातें
सिर्फ 2.3 साल में पूरी की 8 साल की पढ़ाई
कौन-कौन सी डिग्रियां की हासिल
उन्होंने शुरुआती पढ़ाई यानी प्राथमिक शिक्षा एल्फिंस्टन स्कूल से की. उच्च शिक्षा की कड़ी में उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीतिज्ञ विज्ञान में डिग्री हासिल की. पढ़ाई की लगन ही उन्हें विदेश यानी अमेरिका और ब्रिटेन तक ले गई. विदेश जाकर उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमए और पीएचडी की. इसके बाद डॉ. अंबेडकर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मात्र दो साल तीन महीने में 8 साल की पढ़ाई पूरी कर ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की डिग्री ली. हैरत की बात है कि यह डिग्री हासिल करने वाले वह दुनिया के प्रथम व्यक्ति थे.
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अंबेडकर ने अकेले ही तैयार किया था संविधान का प्रारूप
यह किसी को सुनने में अजीब लगे लेकिन यह काफी हद तक सच है कि संविधान का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी अकेले अंबेडकर पर आ गई थी, लेकिन उन्होंने बिना सकुचाए इस जिम्मेदारी को उठाया. मिली जानकारी के अनुसार, संविधान सभा की प्रारूप समिति में कुल 7 लोगों को रखा गया था. इनमें से एक सदस्य बीमार हो गए. इसी दौरान 2 सदस्य दिल्ली के बाहर थे, जबकि एक विदेश में थे. वहीं, एक सदस्य ने किन्हीं वजहों से बीच में ही इस्��ीफा दे दिया. सातवें सदस्य ने तो ज्वाइन ही नहीं किया. ऐसे में नई ��ुश्किल खड़ी हो गई. जाहिर है ऐसे में 7 सदस्यों वाली कमेटी में केवल अंबेडकर बचे और उनके कंधों पर संविधान का ड्राफ्ट बनाने की पूरी जिम्मेदारी आ गई.
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यूं बदली अंबेडकर की जिंदगी
भीम राव अंबेडकर का जन्म दलित परिवार में हुआ था. ऐसे में उन्हें बचपन से ही बहुत से सामाजिक भेदभाव झेलने पड़े. पढ़ाई में बहुत अच्छा होने के बावजूद दलित वर्ग से होने के कारण उनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था. उन्हें प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक दलित होने के चलते बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जब वह छोटे थे तो छुआछूत जैसी शर्मनाक हरकत उनके साथ हुई थी.
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जानिये बाबा साहेब के बारे में रोचक और सच्ची बातें
भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे.
पिता सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे.
बाबासाहेब के पिता संत कबीर दास के अनुयायी थे और एक शिक्षित व्यक्ति थे. इसीलिए उन्होंने भीम राव को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित भी किया.
भीमराव रामजी अंबेडकर लगभग दो वर्ष के थे तब उनके पिता नौकरी से रिटायर्ड हो गए. वहीं, 6 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी मां को भी खो दिया.
स्कूली शिक्षा के दौरान भीम राव अस्पृश्यता के शिकार हुए.
वर्ष 1907 में मैट्रिक की परीक्षा पास होने के बाद उनकी शादी एक बाजार के खुले छप्पर के नीचे हुई.
वर्ष 1913 में डॉ. भीम राव अंबेडकर को हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका जाने वाले एक विद्वान के रूप में चुना गया. यह उनके शैक्षिक जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.
विदेश से पढ़ाई करके डॉ अंबेडकर मुंबई लौटे तो राजनीतिक अर्थव्यवस्था के प्रोफेसर के रूप में सिडेनहैम कॉलेज में अध्यापन करने लगे.
उन्होंने लंदन में अपनी कानून और अर्थशास्त्र की पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके लिए कोल्हापुर के महाराजा ने उन्हें आर्थिक मदद दी.
1923 में, उन्होंने डीएससी डिग्री के लिए अपनी थीसिस पूरी की, जिसका नाम था- ‘रुपये की समस्या : इसका उद्भव और समाधान’.
वर्ष 1923 में वकीलों के बार में बुलाया गया.
03 अप्रैल, 1927 को उन्होंने दलित वर्गों की समस्याओं को संबोधित करने के लिए ‘बहिस्कृत भारत’ समाचारपत्र की शुरुआत की. वर्ष 1928 में वह गवर्नमेंट लॉ कॉलेज (बॉम्बे) में प्रोफेसर बने.
01 जून, 1935 को वह उसी कॉलेज के प्रिंसिपल बने. वर्ष 1938 में अपना इस्तीफा देने तक उसी पद पर बने रहे.
वर्ष 1936 में उन्होंने बॉम्बे प्रेसीडेंसी महार सम्मेलन को संबोधित किया और हिंदू धर्म का त्याग करने की वकालत की.
15 अगस्त, 1936 को दलित वर्गों के हितों की रक्षा करने के लिए ‘स्वतंत्र लेबर पार्टी’ का गठन किया.
वर्ष 1938 में कांग्रेस ने अछूतों के नाम में बदलाव करने वाला एक विधेयक प्रस्तुत किया. अंबेडकर ने इसका विरोध किया, क्योंकि उन्हें यह रास्ता ठीक नहीं लगा.
06 द��संबर, 1956 को उनकी मृत्यु हो गई. डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि को पूरे देश में प्रत्येक वर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
Conclusion
संविधान तैयार करने में भले ही कई प्रबुद्धजनों का योगदान हो, लेकिन इसका श्रेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को ही जाता है. यही वजह है कि उन्हें संविधान निर्माता कहा जाता है. वर्ष 1990 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था.
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Day✍️1500
+91/CG10☛In Home☛05/12/24 (Thu)☛21:50
आज मेरा 1500 दिन पूरा हुआ ,इसके लिए tumblr को बहुत बहुत बधाई ..
आज भी मैडम और बेटू के पास गया था ,पूरा दिन उनके साथ रहा हूँ ,आज मोर्निंग से थोड़ा हेल्थ issue था ,अजीब लग रहा था ,न जाने क्यों ?
जब आप अपना मूल्य नहीं बढाओगे तब लोग आपको सस्ते में खरीदना चाहेंगे ,कुछ भी हो दुनिया को अपना मज़बूरी कभी नहीं बताना चाहिए ,वरना लोग आपकी इज्जत करना भूल जायेंगे और आप कही मूल्यवान नहीं रहोगे |
ओके गुड नाईट
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दुनिया भर के 7 अजीब ट्रैफिक नियम
जब गाड़ी चलाने की बात आती है, तो कुछ यातायात नियम सार्वभौमिक हैं: लाल बत्ती पर रुकें, पैदल चलने वालों को रास्ता दें, और गति सीमा का पालन करें। हालाँकि, प्रत्येक देश के अपने कानून और नियम हैं जो स्थानीय रीति-रिवाजों, भूगोल और यहां तक कि संस्कृति के कारण अस्तित्व में आए हैं। एक देश के कानून दूसरों को अजीब लग सकते हैं, लेकिन उन्हें समझने से न केवल आपका यात्रा अनुभव सहज हो जाएगा, बल्कि आपको विदेशी…
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Best 100+ जान से ज्यादा प्यार करने वाली शायरी | jaan se jyada pyar shayari
jaan se jyada pyar shayari - सच्चा प्यार सभी सीमाओं और परिभाषाओं से परे होता है। यह इतनी शक्तिशाली शक्ति है कि यह किसी को उसके पास मौजूद चीज़ों से ज़्यादा देने के लिए मजबूर करती है - यहाँ तक कि खुद की ज़िंदगी से भी ज़्यादा। जो लोग सच्चा प्यार करते हैं, उनके लिए उनके प्रिय की खुशी उनके अस्तित्व का केंद्र बन जाती है, एक मार्गदर्शक प्रकाश जो उनके हर विचार और कार्य को आकार देता है। यह प्यार अनमोल और अतुलनीय है, जो उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने, किसी भी बाधा को तोड़ने और तूफान में अडिग रहने के लिए प्रेरित करता है। यह इतना गहरा प्यार है कि इसे न केवल देखा जाता है बल्कि गहराई से महसूस किया जाता है - एक दुर्लभ, सुंदर और गहरा रोमांटिक बंधन। ऐसी दुनिया में जहाँ सच्चा प्यार दुर्लभ है, ऐसे दुर्लभ लोग हैं जो अपने साथी को खुद से ज़्यादा प्यार करते हैं। उन्हें अपने प्रिय की हर मुस्कान में खुशी मिलती है और उन्हें खुश देखकर उन्हें सबसे ज़्यादा संतुष्टि मिलती है। प्यार की यह गहराई, जिसे हम "jaan se jyada pyar shayari" कहते हैं, एक जादुई अनुभव है जहाँ भावनाएँ शुद्ध होती हैं, दिल एक दूसरे के साथ मिलकर धड़कता है, और दुनिया एक और खूबसूरत जगह बन जाती है। जो लोग इतनी शिद्दत से प्यार करते हैं, उनके लिए एक खास तरह की कविता-शायरी मौजूद है, जो इन शक्तिशाली भावनाओं को प्रतिध्वनित करती है। चाहे वह प्यार के लिए किसी भी हद तक जाने की भावुक इच्छा हो या अपने साथी की खुशी को देखने की खुशी, यह शायरी इन भावनाओं की हर बारीकियों को बयां करती है। अगर आप उन लोगों में से हैं जो हद से ज़्यादा प्यार करते हैं, तो ये शब्द आपके दिल में गहराई से गूंजेंगे, जो आपके द्वारा महसूस किए जाने वाले असीम, शाश्वत प्रेम को दर्शाते हैं।
Pyar bhari shayari
कम खूबसूरत लोगों का प्यार बहुत खूबसूरत होता है♥️…!!!!
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दे , उससे ज्यादा प्यार आपको कोई नहीं कर सकता।
मेरी सुबह, मेरी हर शाम में, जिक्र बस तेरा है, काफ़िला तेरे प्यार का, मेरी सांसों में ठहरा है.
खामोशी बोल देती है जिसकी बातें नहीं होतीं, प्यार उसे भी होता है जिससे मुलाका��े नहीं होती….!
उमड़ घुमड मन में उठे, साजन तेरा प्यार | काले बादल में उठे, ज्यों बिजली की धार ||
सांसें रुके तो भी, तुम्हारा ही दीदार हो..! बस इस क़दर, मेरा तुमसे प्यार हो..!
प्रेमिका को खुश करने वाली शायरी
मनचाहा प्यार पाने के लिए.. चाहना भी मन से पड़ता है….!!
अब और क्या लिखूं उसकी प्यारी मुस्कान के बारे मे.. बस कुछ यूं समझ लो चमकता चाँद हैं लाखो सितारों में.
जिसे प्यार करते हो उसको अपना खुदा बना लो इश्क़ खुद बा खुद खूबसूरूत हो जायेगा।
सच्चा प्यार करने वाली शायरी
दिल पर प्यार की, मोहर लगा कर भेजा हैं, देर से आज उसे, हमने घर भेजा हैं…! अपनी self-respect को भाड़ में झोंक कर उससे प्यार करने की भीख मांगी थी मैने…..!!!!! प्यार में एहसान नहीं हक जताया जाता है। सख़्त हाथो से भी फ़िसल जाती हैँ कभी नाज़ुक अंगुलिया, रिश्ते ‘ज़ोर’ से नही ‘प्यार मोहब्बत” से पकड़े जाते है। गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है तुझी पर मिटूंगा ये इकरार है तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र तेरे प्यार से मेरा संसार है। मेरी सुबह, मेरी हर शाम में, जिक्र बस तेरा है, काफ़िला तेरे प्यार का, मेरी सांसों में ठहरा है. लिखूँ तो प्यार हो तुम, सोचूँ तो इश्क़ हो तुम, और चाहूँ तो मोहब्बत हो तुम, अब चाहे लिखूँ, सोचूँ या चाहूँ, मेरे हर कदम पर हमसफर हो तुम। वादा करते है उम्र भर तेरा इंतजार कर लेंगे, तेरे जाने के बाद भी तुझसे प्यार करेंगे माना मेरी किस्मत में तू नही लेकिन, खुदा से तुझे पाने की दुआ हर बार करेंगे….! दूर है एक दूजे से,,, पर दिल में मोहब्बत बेशुमार है❤️❤️ थोड़ा मुस्किल हैं बेशक ,,,,, पर ये long distance वाला प्यार है 🙈🙈🙈 वो एक लड़की मुझे पल भर में खुश और उदास रखने की ताकत रखती हे ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता, बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता, है जो पास उसे संभाल के रखना, खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता… तेरी याद तेरी तलब तेरी ही आरज़ू है हर पल, पर एक अजीब सा सुकून है इस बेकरारी में भी…..❤🌸💫 सिर्फ तुम्हारी पसंद बनकर रहूं मैं उम्र भर, बस इतना ही काफी है मेरे लिए….💞❤💫 शायद तुझे नहीं पता.. मेरे लिए..तू है क्या …. !!!! मै और उसको भूल जाऊं?? कैसी बात करते हो ,, सूरत तो फिर भी सूरत है वो नाम भी बहुत प्यारा लगता है .😊
गहरे प्यार की शायरी
कोई भी नहीं जो तेरी कमी पूरी कर सके और कोई नहीं जिसे मैं तेरी तरह प्यार कर सकूं हम उनके रूठ जाने पर फ़िदा होने लगे हमे फिर प्यार आ गया जब वह ख़फ़ा होने लगे। प्यार तुझसे करते है तो, झगडा करने.. कहीं और थोड़ी ना जायेंगे..🥲 प्यार भरा एहसास लिखा है तुमको अपने पास लिखा है पूरी द���निया अपनी है पर तुमको सबसे खास लिखा है। पुकार लीजिए प्यार से हमें हम दौड़े चले आयेंगे तुम्हारा दिल ही तो है मेरा आशियाना इसे छोड़कर अब और कहां जायेंगे !! ♥️🫶 सही इंसान से हुआ प्यार दिल के सारे जख्म भर देता हैं। खूबसूरत सी आँखें प्यारा सा चेहरा मीठी सी आवाज़ प्यारा सा आचरण ये तो हुई मेरी बात 🥰 और सुनाओ कैसे हो आप? हर लफ़्ज़ तेरे प्यार की खुशबू में ढला है.. ये सिलसिला है इश्क़ का जो तुमसे चला है।
अनमोल प्यार भरी शायरी
मेरे जितना प्यार उसे मिला ही नहीं उसको को मेरे नाम से बुलाता है वो। तुम जैसा न कोई है न कोई हो पायेगा, जो प्यार है हमें तुमसे वो किसी और से न हो पाएगा। जो मिल न सका उसका इंतजार क्यों है और जो मिल रहा उस से इनकार क्यों है बड़ा मुश्किल है समझाना खुद को जिसे फ़िक़्र नही हमारी उसके लिए इतना प्यार क्यों है Read Also Read the full article
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Very Demure Meaning: सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा Very Demure, Very Mindful, जानें क्या है इसका मतलब
Tick Tock Viral Trend Video: सोशल मीडिया की दुनिया बड़ी ही अजीब है, यहां कब क्या देखने को मिल जाए और क्या वायरल हो जाए कह नहीं सकते. रोजाना सोशल मीडिया पर कोई ना कोई ट्रेंड चल पड़ता है, जिसको यूजर्स बढ़चढ़ कर फॉलो भी करते हैं. इन दिनों एक ऐसा ही ट्रेंड जमकर वायरल हो रहा है, जो कि Very Demure, Very Mindful…है, जिस पर यूजर्स का रिएक्शन देखने लायक है. इस ट्रेंड के चलते लोग हल्के अंदाज में अपना और…
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Positive Quotes in Hindi for Personal Growth
जीवन की सबसे जरूरी सीख कभी भी किताबों से नहीं मिलती!
काश थोड़ा वक़्त भी होता उन लोगों के पास, जिनके पास रिश्ते तो हैं, पर रिश्तों के लिए समय नहीं।
एक समय था जब बचपन में sunday को बहुत सु��ून मिलता था… और अब है कि उसमें भी मिलावट हो गयी है
अजीब दुनिया है… पत्थर के बैल को पूजा जाता है, और ज़िंदा बैल को डंडे से मारा जाता है।
ना तो मुश्किल घड़ी आने पर फिसलिए! और ना ही अच्छी घड़ी आने पर उछलिए!
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आज सितारे किसी का संदेशा ले कर आये हैं,
मानो कोई उस पार बैठ मेरी तरह सितारे देख रहा हो,
ये मेरी कल्पना है, या केवल एक चाहत,
बस आजकल एक आस सी जगह है,
मानो दो अलग दुनिया में एक से काम चल रहे हो,
मानों दो अलग हकीकत के परिंदे एक सा ख्वाब बून रहे हो,
अजीब सी कश्मकश है ये,
क्योंकि मुझे अपनी लकीरों पर भरोसा नहीं,
और क्या पता जो उस पार हो उसको मेरे विश्वास का ख़त मिलेगा या नहीं,
सपने तो कई बुने हैं,
आज ये तारों भरा समा फिर उस संदेश को लाया है,
इस संदेश पर भरोसा करके इसे अपनाउ,
या कहीं दूर ज़मीन पर जला आऊँ,
आज मेरे पास सवालों का जवाब नहीं,
क्योंकि भरोसा करने का मन नहीं,
और मन मारने के लिए मश्तिश्क नहीं!
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प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का नजीजा सामने आने लगा है
देश ही नहीं विश्व में हीटवेव और उसकी अवधि अब संकट का नया कारण बनती जा रही है। आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत के साथ ही चीन और रुस में हीटवेव के कारण सर्वाधिक मौत हो रही है। बात भले ही अजीब लगे पर यह सचाई है कि लू के थपेड़ों से डेढ़ लाख से अधिक लोग जिंदगी की जंग हार जाते हैं। वैसे तो दुनिया के सभी देश इससे प्रभावित हो रहे हैं पर भारत, रुस और चीन इससे…
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जंगल में टहलते-टहलते अचानक गिरा जंगल का राजा, शेर की इस अजीब हरकत को देख हैरान हुए लोग
जंगल का राजा बनना कोई आसान बात नहीं है, इसी जंगल में कई प्रजातियों के जानवर रहते हैं. लेकिन इन सबका राजा शेर ही होता है. जिसकी ताकत का जवाब जंगल में किसी जानवर के पास नहीं होता है, लेकिन जंगल के राजा का ताज कांटों से भरा होता है और इसे पहनने के लिए ताज को पहनने के लिए शेर को जीवन भर अपनी ताकत दिखाते हुए अनगिनत लड़ाइयां लड़नी पड़ती है. यही कारण है कि शेर के वीडियोज इंटरनेट की दुनिया में आते ही…
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सफर ए जिंदगी
सफर ए जिंदगी अजीब मुआम्मा हैचंद सांसों के बाद मौत से साबिका है।कितना खुश व खुर्रम इंसान है यहांगमों का वास्ता भी इसी जिंदगी से है।हार जाएं जंग जिंदगी का तो क्या गमजिंदगी मौत का असल पेश खेमा है।चीखने से कोई उस्ताद ए दुनिया नहीचीखना ना साइस्तगी को दिखाता है।रहनुमा हो तो जियो आवाम के खातिरसरमायादारों के साथ गुलाम रहता है
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