Don't wanna be here? Send us removal request.
Text
Hepatitis and its Fact - Dr. Swapnil Sharma
Take utmost care and precaution in case you are suffering from Hepatitis. Acute Hepatitis infection can cause liver failure.
Facts about Hepatitis-B
If you ever in doubt, get yourself checked and vaccinated for Hepatitis-B.
· Hepatitis-B can stay in your system for decades without symptom and you can spread it without being aware of it. If you are at risk of Hepatitis-B infection, get yourself checked, since a majority of the infected don't even know that they are carrying the virus.
· Hepatitis-B is 50 to 100 times more infectious than HIV.
· HBV is one of the leading causes of liver cancer.
· An estimated two-thirds of people with HBV Infection do not know they have it.
· You are much more likely to be infected by Hepatitis-B than by HIV. And it causes many serious complications like cancer.
Facts about Hepatitis-C
Take precautions if you're susceptible to catching Hepatitis-C, and get yourself treated regularly.
· It is possible to be completely cured of Hepatitis-C.
· Up to75% of people infected with Hepatitis-C do not know they are infected.
· Over 90% of Hepatitis-C patients can be completely cured of the virus within 3-6 months.
· Liver Disease is one of the major causes of illness in HIV infected patients who also have Hepatitis-C.
Acute Hepatitis-E Infection
Most of the time patient recovers completely after this infection within a few weeks to months. Sometimes this infection can be dangerous and might lead to liver failure.
For more, contact Dr. Swapnil Sharma, Consultant HPB & Liver Transplant. Website: https://liversurgeon.in/ Contact: +91 7977299672, +91 22-43654365
#Hepatitis#hepatitis facts#Liver and transplant surgeon#Consultant HPB Liver#Dr Swapnil Sharma#Mumbai#Chhattisgarh#Liver Transplant & HPB Surgeon
0 notes
Text
Do you know: Acute Hepatitis infection can cause liver failure?
Acute Hepatitis E infection:
Most of the times patient recovers completely after this infection within few weeks or months. Sometimes this infection can be dangerous and might lead to liver failure.
Take utmost care and precaution in case you are suffering from hepatitis. For more, visit: https://liversurgeon.in/
liver specialist in Mumbai, Liver Transplant surgeon in Mumbai, liver transplant in Mumbai, liver transplantation in Mumbai, liver transplant center in Mumbai, liver transplant centers in Mumbai, best liver specialist in Mumbai, liver specialist doctor in Mumbai, liver diseases treatment in Mumbai, low cost liver transplant center in Mumbai, best liver transplant center in Mumbai, top 10 liver transplant centers in Mumbai
#liver#liverhealth#liversurgeon#liver transplant#liver cleanse#hepatitis#health#health care#lifestyle#mumbai#maharashtra
0 notes
Text
Hepatitis-E - Dr. Swapnil Sharma
जच्चा-बच्चा की जान ले सकता है हेपेटाइटिस - ई का संक्रमण
डॉ.स्वप्निल शर्मा, मुंबई एमबीबीएस, एमएस, पीएनबी (आई सर्जरी) फेलोशिप इन लिवर ट्रांसप्लांट एड्स एचआईवी सर्जरी फोर्टिस हॉस्पिटल लि.
हेपेटाइटिस-ई का संक्रमण जच्चा-बच्चा की जान ले सकता है। दुनिया भर में प्रतिवर्ष 2 करोड़ से अधिक लोग हैपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होते हैं। यह वायरस लिवर (यकृत जिगर) पर आक्रमण करता है। पहली बार 1978 में कश्मीर की घाटियों में इस वायरस का पता लगा था। इस संक्रमण से लिवर फेल हो सकता है जिससे रोगी की मृत्यु हो सकती है। ऐसे मरीजों की चिकित्सा ऐसे केन्द्रों में करना आवश्यक हो जाता है जहां लिवर द्रांसप्लाट प्रत्यारोपण) की सुविधा उपलब्ध हो। लिवर फेलर के मामले में लिवर ट्रांस प्लाट ही रोगी को बचाने का एकमात्र तरीका होता है।
हेपेटाइटिस-ई का वायरस मानव मल के द्वारा फैलता है। इसलिए साफ पेयजल, भोज्य पदार्थों (सब्जी-भाजी) की स्वच्छता एवं हाथों की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। हेपेटाइटिस-ई वायरस से संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण कुछ सप्ताह या महीने में उभर सकते हैं। कभी कभी इसके कोई विशेष लक्षण सामने नहीं आते और रोगी अपने आप 6 से 8 सप्ताह में स्वस्थ हो जाता है। कुछ मरीजों में बुखार, चक्कर आना, उल्टियां होना, आंखों में पीलापन, भूख न लगना, थकान महसूस होना, पेट में दर्द होना शामिल है। हेपेटाइटिस-ई एक आरएनए वायरस है। इसके चार जीनोटाइप पाए जाते हैं। एशिया में जीनोटाइप-1 के ही मामले ज्यादातर सामने आते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान ज्यादा परेशान कर सकता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में संक्रमण गर्भवती तथा गर्भस्थ शिशु को मृत्यु का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं हार्मोन में कुछ परिवर्तन होते हैं। इसके चलते गर्भवती के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में हेपेटाइटिस-ई का संक्रमण होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
हेपेटाइटिस ई का संक्रमण गर्भवती मां से बच्चों में होने की संभावना तकरीबन 50 फीसदी होती है। बच्चे में संक्रमण होने से नवजात मृत्यु या स्टिलबर्थ भी हो सकता हैं।
संक्रमित मरीजों में से 15 से 25 फीसदी रोगों की मृत्यु हो जाती है। 15 से 60 फीसदी मरीजों में एक्यूट लिवर फेल्यर की स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिति में कैडेवेरिक लिवर (शव का जिगर) प्रत्यारोपित किया
जा सकता है। पर यह उपलब्ध नहीं होने पर परिवार के किसी भी स्वैच्छिक दानदाता के लिवर का एक हिस्सा निकालकर प्रत्यारोपण किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को चिकित्सा केवल ऐसे ही संस्थानों में सफलतापूर्वक की जा सकती है जहां लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध हो। For more, visit:
https://liversurgeon.in/
liver specialist in Mumbai, Liver Transplant surgeon in Mumbai, liver transplant in Mumbai, liver transplantation in Mumbai, liver transplant center in Mumbai, liver transplant centers in Mumbai, best liver specialist in Mumbai, liver specialist doctor in Mumbai, liver diseases treatment in Mumbai, low cost liver transplant center in Mumbai, best liver transplant center in Mumbai, top 10 liver transplant centers in Mumbai
#liver#liver surgeon#Liver health#liver specialist#liver transplant#health#health care#lifestyle#mumbai#maharashtra#dr Swapnil Sharma
1 note
·
View note