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Israel Palestine Conflict क्या है पूरी सच्चाई | क्यों दे रहे है PM Modi Israel का साथ ?
जब हमास के आतंकियों ने शनिवार सुबह इजरायल में तांडव किया तो पूरी दुनिया में चर्चा होने लगी कि इजरायल पर हमला हुआ है. ऐसे में सवाल उठा कि आखिर हमास ने इजरायल पर हमला क्यों किया? हालांकि इन दोनों देशों के बीच जंग की कोई नई बात नहीं है. आंकड़े बताते हैं कि जब-जब हमास ने हमला किया है तो ज्यादा नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ा है.
इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग का आज तीसरा दिन है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 700 इजराइलियों की मौत हुई है, 2100 घायल हैं। वहीं, इजराइल की तरफ से गाजा में हुई एयर स्ट्राइक से 413 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, 2000 से ज्यादा घायल हैं।
इस बीच UN ने कहा- इजराइली हमलों के बाद गाजा में 1 लाख 23 हजार लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। करीब 74 हजार लोग स्कूलों में शेल्टर ले रहे हैं। इधर, अमेरिका ने इजराइल को मिलिट्री सपोर्ट देने की बात कही है। US डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा- मदद के लिए हमारे जहाज और लड़ाकू विमान इजराइल की तरफ बढ़ रहे हैं।
इजरायल माने यहूदियों का देश वही यहूदी जिन्हें कभी जर्मन के तानशाह हिटलर ने होलो कोस्ट में लाखों की संख्या में मरवाया, वही यहूदी जो लम्बे समय तक अपना एक अलग देश मांगते रहे फिर date आई 14 May 1948(अड़तालीस) जब इजरायल एक अलग देश बनके दुनिया के सामने तो आया लेकिन उसकी geographical situation बड़ी उलझी रही, इजरायल और फिलिस्तान एक दुसरे में घुसे हुए देश है दोनों देश सौ से अधिक टुकड़ों में बंटे हुए हैं यानी कुछ कदम में आप इजराइल में होंगे और कुछ कदम बढाने पर फिलिस्तान में,
इजरायल और फिलिस्तीन नाम के दोनों देशों के बीच साल 2021 में भी ब्रुटल controversy तब देखने को मिली ,जब इजरायल के सैनिकों ने ईस्ट यरुशलम के 'हराम अल शरीफ' नाम की जगह पर मोजूद 'अल अक्सा मस्जिद' पर हमला कर दिया था ,हमास और इजरायल अक्सर एक दुसरे के उपर मिसाइल दागते रहे हैं, आखिर कौन है हमास - हमास एक आंतकवादी संगठन है जो गाजा से अपनी राजनीति चलाता है तो कभी मिसाइल भी,
आखिर क्यों Jerusalem को निशाना बनाया जाता रहा है ?
Jerusalem एक ऐसी पवित्र जगह है, जो ईसाई, यहूदी और इस्लाम, तीनों धर्मों को मानने वालों के लिए काफी धार्मिक महत्व रखती है। ��हिब्रू बाइबल’ यहूदी धर्म की एक पवित्र धार्मिक पुस्तक है। यहूदी धर्म की इस पवित्र धार्मिक पुस्तक हिब्रू बाइबल में डिटेल्स में बताया गया है कि प्राचीन काल में राजा डेविड ने अपने इजराइल साम्राज्य की राजधानी east यरुशलम को बनाया था। अब इजराइल यही चाहते हैं की किसी भी कीमत पर यरुशलम उनकी राजधानी बन जाए
इसके अलावा, यहूदियों के लिए एक पवित्र धार्मिक संरचना ‘पश्चिमी दीवार’ भी यरुशलम में ही स्थित है। यरुशलम में स्थित इस पश्चिमी दीवार का यहूदियों के लिए धार्मिक महत्व है। यहूदियों की नजरों में यरुशलम का न सिर्फ ऐतिहासिक महत्व है, बल्कि उसका धार्मिक महत्व भी है।
इस बीच यह भी जान लीजिये कि 2016 में यूनेस्को ने “अल अक्सा” मस्जिद पर से यहूदियों का दावा पूरी तरह से खारिज कर दिया था और यह कहा था कि अल अक्सा मस्जिद पर यहूदियों के किसी भी धार्मिक तत्व के प्रमाण नहीं मिले हैं, इसीलिए इस मस्जिद पर यहूदियों का कोई अधिकार नहीं है जाहिर सी बात है इससे यहूदी काफी नाराज रहे हैं,
इजरायल की ओर से हुई इस घटना के विरोध में हमास नाम के आतंकवादी संगठन ने गाजा पट्टी नाम की जगह से इजरायल पर अनेक रॉकेट दागे थे। इसके जवाब में इजरायल ने भी गाजा पट्टी पर अनेक रॉकेटों के माध्यम से हमला किया। गाजा में कोई भी इजरायली नहीं रहते हैं , इस दौरान “हमास” की ओर से किए जाने वाले रॉकेट के हमलों से अपनी सुरक्षा करने के लिए इजरायल ने ‘आयरन डोम’ नामक ‘प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली’ का उपयोग किया था। नतीजा एहा की इजरायल पर हमास की ओर से किए गए हवाई हमलों से कोई ख़ास नुकसान नहीं हुआ।
दोनों देशों के बीच उपजी इस प्रोब्लम से पनपा लड़ाई का रूप देखने को मिला था और इस दौरान विभिन्न देशों ने इस संघर्ष को शांति से सुलझा ने की बात कही थी। इस स्थिति में भारत ने भी कहा था कि दोनों पक्षों को हिंसा को जल्दी से जल्दी समाप्त करना चाहिए और शांति से किसी समझौते पर पहुँचना चाहिए।
Israel का पक्ष
Israel और Palestine, दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे इस ब्रुटल फाईट के बीच इजरायल की यह चाहत रही है कि पूरे के पूरे यरुशलम पर केवल इजरायल का राज हो ,इसके अलावा, इजरायल की यह चाहत भी है कि international लेवल पर इजरायल को एक यहूदी देश के रूप में मान्यता प्रदान की जानी चाहिए और यरूशलम को इजरायल राज्य की राजधानी के रूप में एक्सेप्ट कर लिया जाए
इजरायल देश यरुशलम से अपने किसी भी दावे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। प्रजेंट में इजरायल की राजधानी ‘तेल अवीव’ है, लेकिन इजरायल के राष्ट्रवादी लोग यरुशलम को जल्दी से जल्दी इजरायल की मुख्य राजधानी बनाने के लिए लड़ रहे हैं।
क्या है पूरा विवाद ?
हाल ही में Palestine रेबेल गुट “Hamas” से जुड़े दर्जनों लड़ाके दक्षिण की ��रफ़ से इसराइल की सीमापार कर भीतर घुस गए हैं.
Israel के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है की , ''ये जंग है और ये जंग हम ही जीतेंगे. हमारे दुश्मनों को इसकी ऐसी कीमत चुकानी होगी, जिसके बारे में उनको पता भी नहीं होगा.
उधर Israel में भारतीय एंबेसी ने कहा है, "इसराइल के मौजूदा हालात को देखते हुए इसराइल में रहने वाले भारतीयों से गुज़ारिश है कि अवेयर रहें और स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें.'' येरुशलम से आ रही ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार सोशल मीडिया पर आ रहे वीडियो में देखा जा रहा है कि फलस्तीनी विद्रोही इसराइल के दक्षिणी हिस्से में सीमा पार कर घुस आए हैं और आम लोगों पर गोलियां बरसा रहे हैं. डेरॉत में हमास के बंदूकधारियों के कुछ घरों पर कब्ज़ा करने की ख़बर है. इधर इसराइली सेना ने स्थानीय लोगों से कहा है कि वो घरों से बाहर न निकलें.
शनिवार सवेरे हमास के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने हमास मीडिया पर अभियान की घोषणा की थी और सभी फ़लस्तीनियों से अपील की थी कि जो जहां हैं, वहीं से लड़ाई में हिस्सा ले. Gaza सिटी से मिलने वाली ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व, दक्षिण, उत्तर… सभी दिशाओं से वो इसराइल पर हमले देख रहे हैं. फिलिस्तानी हमलावरों की गोलियां आखिर कब थमेंगी कुछ कहा नहीं जा सकता अब देखना होगा की आगे क्या नतीजा निकल कर सामने आते हैं
अक्टूबर की सुबह 6.30 बजे। इजराइल की नींद रॉकेट के धमाके, गोलियों की तड़तड़ाहट और सायरन की आवाज से खुली। 20 मिनट में करीब 5 हजार रॉकेट Gaza पट्टी से इजराइल के शहरों की तरफ दागे गए। ऐसे रॉकेट हमले रोकने के लिए बना इजराइल का आयरन डोम बेअसर साबित हुआ। इजराइल की मशहूर खुफिया एजेंसी मोसाद को भी पहले से कोई भनक नहीं लगी। Gaza और इजराइल के बीच की सीमा पर मजबूत बाड़बंदी है, जहां दीवारों के ऊपर कंटीले तार, कैमरे और ग्राउंड मोशन सेंसर लगे हैं और सेना की लगातार गश्त होती है। 7 अक्टूबर की सुबह इस बाड़बंदी को भी बुलडोजर से ढहा दिया और तारों को काट दिया गया। जमीन के रास्ते पिक-अप ट्रक, कार और बाइक से; समंदर के रास्ते स्पीड बोट से और आसमान के रास्ते पैराग्लाइडर के सहारे लड़ाके इजराइल में घुस गए। उन्होंने सैनिकों को मारा, आम नागरिकों का कत्लेआम किया, महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और कई लोगों को ��कड़कर Gaza ले गए।
जरायल इस समय अपने सबसे बुरे दौर से ��ुजर रहा है। फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने जिस तरह से इजरायल पर हमला किया, उसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो। माना जाता है कि इजरायली सेना की गिनती दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में होती है। उसके पास दुनिया की सबसे जबरदस्त ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद है। लेकिन इसके बाद भी हमास इजरायल पर हमला करने में सफल हो गया। इस हमले के बाद इजरायल ने भी जबरदस्त पलटवार किया है और युद्ध की घोषणा कर दी है। लेकिन इन सबके बीच में सवाल उठ रहा है कि जो इजरायल वायु सीमा की सुरक्षा के लिए आयरन डोम सिस्टम की बात करता है। उसके रहते हुए हमास ने यह जबरदस्त आक्रमण आखिर किया कैसे? कैसे इस बार इजयारल का यह रक्षा कवच हमास ने भेद दिया?
क्या है आयरन डोम सिस्टम?
इजरायल की फिलिस्तीन से वर्षों पुरानी जंग है। इस जंग में कौन ठीक है और कौन गलत, इस पर सबका अपना नजरिया है। लेकिन इस जंग में इजरायल ने नुकसान कम करने और अपने दुश्मनों से निपटने के लिए इजरायली सेना ने यह तकनीक विकसित की। यह इअजरय्ल पर होने वाले हवाई हमलों को रोकता है। आयरन डोम को रॉकेट हमलों का मुकाबला करने के लिए इजरायल ने अमेरिका के सहयोग से राफेल Advanced Defense सिस्टम को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया। इजरायल साल 2011 से इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। इजरायल की सेना और सरकार दावा करती है कि आयरन डोम दुनिया का सबसे विकसित एयर डिफेंस सिस्टम है और इसका सक्सेस रेट 90% से भी ज्यादा है।
कैसे काम करता है यह आयरन डोम?
एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम के मुख्य रूप से तीन हिस्से होते हैं। रडार, लॉन्चर और कमांड पोस्ट। रडार के जरिए डोम सिस्टम यह तय करता है कि आसमान में दिख रहा रॉकेट या कोई अन्य वस्तु खतरा है या फिर कुछ और। अगर सिस्टम को लगता है कि यह खतरा है तो आयरन डोम, रॉकेट पर Interceptorमिसाइल फायर कर देता है। आयरन डोम में इस समय तामीर मिसाइलें इस्तेमाल की जा रही हैं। जिस सिस्टम से मिसाइल लॉन्च की जाती हैं, उसे लॉन्चर कहते हैं। यह दो तरह के होते हैं। stationery और मोबाइल stationery एक ही जगह पर फिटेड सिस्टम होता है और मोबाइल को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जाता है। मिसाइलें हवा में सीधे ऊपर की तरफ फायर की जाती हैं। उसके बाद वो अपने निशाने को ट्रेस करते हुए दिशा बदलती है। ये Interceptor हवा में ही रॉकेट से टकराकर उसे नष्ट कर देती हैं। वहीं कमांड पोस्ट से इस पूरी प्रकिया पर नजर रखी जाती है।
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