#vakratundmahakay
Explore tagged Tumblr posts
Text
मत्सरासुर का वध करने के लिए भगवान गणेश ने लिया था 'वक्रतुण्ड' अवतार, बड़ी रोचक है कहानी
चैतन्य भारत न्यूज 22 अगस्त से गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है। प्रत्येक घर में गणेश जी के अलग-अलग स्वरूपों की स्थापना की जाती है। बता दें भगवान गणेश के कुल 8 स्वरुप हैं। इनमें से पहला स्वरुप 'वक्रतुण्ड' है। यह ब्रह्मरूप से संपूर्ण शरीरों को धारण करनेवाला और सिंह वाहन पर चलने वाला है। लेकिन भगवान गणेश को आखिर क्यों वक्रतुण्ड अवतार लेना पड़ा था और इसके पीछे का क्या रहस्य है? आइए जानते हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); पौराणिक कथा के अनुसार भगवान ��्री गणेश ने वक्रतुण्ड अवतार मत्सरासुर का वध करने के लिए लिया था। देवताओं के राजा इंद्र के प्रमाद से ही मत्सरासुर का जन्म हुआ था। कठोर तपस्या करके मत्सरासुर ने भगवान शंकर से अभय होने का वरदान लिया था। इसके बाद मत्सरासुर ने पृथ्वी, पाताल और स्वर्ग पर भी चढ़ाई कर दी। फिर दुखी देवताओं की प्रार्थना से वक्रतुण्ड प्रकट हुए। वक्रतुण्ड और मत्सरासुर में 5 दिनों तक भयंकर युद्ध चला। इस युद्ध में मत्सरासुर के दोनों पुत्र मारे गए। वक्रतुण्ड का क्रोधित रूप देख मत्सरासुर भय के मारे कांपने लगा और उसकी सारी शक्ति क्षीण हो गई। वह उनकी स्तुति करने लगा। भगवान वक्रतुण्ड ने उसे भक्ति का वरदान दिया और शांत जीवन बिताने के लिए पाताल जाने का आदेश दिया।
वक्रतुण्ड का मंत्र वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ अर्थ - घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥ ये भी पढ़े... खजराना गणेश मंदिर में मन्नत पूरी करने के लिए शास्त्रों के विपरीत काम करते हैं भक्त, 3 करोड़ का सोना पहनते हैं भगवान आज इस शुभ मुहूर्त में करें गणेश स्थापना, घर लाए शुभ फल देने वाली ऐसी प्रतिमा दरिद्रता से बचना चाहते हैं तो गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां गणेश चतुर्थी : इन चीजों को अर्पित करने से खुश होते हैं बप्पा, पूरी होती है सभी मनोकामनाएं Read the full article
#bhagwanganesh#bhagwanganeshhowmuchroop#bhagwanganeshkeroop#bhagwanganeshvakratundavtarstory#ganeshchaturthi#ganeshmantra#ganeshvakratundavtar#lordganesh#vakratund#vakratundavtar#vakratundmahakay#vakratundmantra#गणपति#गणपतिबप्पा#गणेशचतुर्थी#गणेशचतुर्थीकीपूजा#गणेशचतुर्थीशुभमुहूर्त#गणेशस्वरुप#भगवानगणेश#भगवानगणेशकापहलारूप#भगवानगणेशकीकैसीमूर्तिस्थापितकरनाचाहिए#भगवानगणेशके8रूप#भगवानगणेशकेअलगअलगरूप#भगवानगणेशकेमंत्र#भगवानगणेशकेरूप#भगवानगणेशनेवक्रतुण्डरूपक्योंलिया#भगवानगणेशपूजाविधि#भगवानगणेशवक्रतुण्डरूप#मत्सरासुर#वक्रतुण्डकामंत्र
0 notes
Link
0 notes
Text
मत्सरासुर का वध करने के लिए भगवान गणेश ने लिया था वक्रतुण्ड अवतार, बड़ी रोचक है कहानी
चैतन्य भारत न्यूज 2 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है। प्रत्येक घर में गणेश जी के अलग-अलग स्वरूपों की स्थापना की जाती है। बता दें भगवान गणेश के कुल 8 स्वरुप हैं। इनमें से पहला स्वरुप 'वक्रतुण्ड' है। यह ब्रह्मरूप से संपूर्ण शरीरों को धारण करनेवाला और सिंह वाहन पर चलने वाला है। लेकिन भगवान गणेश को आखिर क्यों वक्रतुण्ड अवतार लेना पड़ा था और इसके पीछे का क्या रहस्य है? आइए जानते हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री गणेश ने वक्रतुण्ड अवतार मत्सरासुर का वध करने के लिए लिया था। देवताओं के राजा इंद्र के प्रमाद से ही मत्सरासुर का जन्म हुआ था। कठोर तपस्या करके मत्सरासुर ने भगवान शंकर से अभय होने का वरदान लिया था। इसके बाद मत्सरासुर ने पृथ्वी, पाताल और स्वर्ग पर भी चढ़ाई कर दी। फिर दुखी देवताओं की प्रार्थना से वक्रतुण्ड प्रकट हुए। वक्रतुण्ड और मत्सरासुर में 5 दिनों तक भयंकर युद्ध चला। इस युद्ध में मत्सरासुर के दोनों पुत्र मारे गए। वक्रतुण्ड का क्रोधित रूप देख मत्सरासुर भय के मारे कांपने लगा और उसकी सारी शक्ति क्षीण हो गई। वह उनकी स्तुति करने लगा। भगवान वक्रतुण्ड ने उसे भक्ति का वरदान दिया और शांत जीवन बिताने के लिए पाताल जाने का आदेश दिया।
वक्रतुण्ड का मंत्र वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ अर्थ - घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥ ये भी पढ़े... खजराना गणेश मंदिर में मन्नत पूरी करने के लिए शास्त्रों के विपरीत काम करते हैं भक्त, 3 करोड़ का सोना पहनते हैं भगवान आज इस शुभ मुहूर्त में करें गणेश स्थापना, घर लाए शुभ फल देने वाली ऐसी प्रतिमा दरिद्रता से बचना चाहते हैं तो गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां गणेश चतुर्थी : इन चीजों को अर्पित करने से खुश होते हैं बप्पा, पूरी होती है सभी मनोकामनाएं Read the full article
#bhagwanganesh#bhagwanganeshhowmuchroop#bhagwanganeshkeroop#bhagwanganeshvakratundavtarstory#ganeshchaturthi#ganeshmantra#ganeshvakratundavtar#lordganesh#vakratund#vakratundavtar#vakratundmahakay#vakratundmantra#गणपति#गणपतिबप्पा#गणेशचतुर्थी#गणेशचतुर्थीकीपूजा#गणेशचतुर्थीशुभमुहूर्त#गणेशस्वरुप#भगवानगणेश#भगवानगणेशकापहलारूप#भगवानगणेशकीकैसीमूर्तिस्थापितकरनाचाहिए#भगवानगणेशके8रूप#भगवानगणेशकेअलगअलगरूप#भगवानगणेशकेमंत्र#भगवानगणेशकेरूप#भगवानगणेशनेवक्रतुण्डरूपक्योंलिया#भगवानगणेशपूजाविधि#भगवानगणेशवक्रतुण्डरूप#मत्सरासुर#वक्रतुण्डकामंत्र
0 notes
Link
0 notes
Link
0 notes
Link
0 notes