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#shivvivah
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kcoolest · 2 years
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Shankar Bhagwan Vivah | Chitrakoot Dham | Karwi
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thekarmapath · 2 years
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Shiv Parvati Vivah क्‍यों हुई थी शिव पार्वती के विवाह में गणेश पूजा
Ganapathi is the first God in #rigveda , He also takes incarnations like #vishnu and #durga. Ganesha is one of the incarnation of Ganapathi. Why in every epoch Ganapathi come to the Earth to protect #dharma. How Ganesha is older than Shiva and Parvathi and how Ganesha was present in the marriage of Shiva and Parvathi. Why we worship Ganapathy Bappa ?
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shastradarshan · 2 years
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ଆଜିର #ପଞ୍ଜିକା ଓ #ରାଶିଫଳ ଆଜି ହେଉଛି ୦୫/୦୬/୨୦୨୨ ରବିବାର ♈♊♉♋♌♍♎♏♐♑♒♓ 🕯️🌺🌼🌹🌺🌼🌹🌺🌼🌹🪔 ଓଁ ମହାଶୂଲିନ୍ୟୈ ବିଦ୍ମହେ ମହାଦୁର୍ଗାୟୈ ଧୀମହି ତନ୍ନୋ ଭଗବତୀ ପ୍ରଚୋଦୟାତ୍ ॥ 🕯️🌺🌼🌹🌺🌼🌹🌺🌼🌹🪔 #DailyAstrology #rashifal #odiaastrology #shastradarshan #omnamahshivaya #ShivVivah #sibapuja #ଶିବ_ବିବାହ #ଶୀତଳ_ଷଷ୍ଠୀ https://www.instagram.com/p/CeY-FiaP_ho/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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yog-guru-ratan · 5 years
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mokshi · 8 years
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While the rest may glow... A yellow halo...
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chaitanyabharatnews · 4 years
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इस महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दो महान योग, शिव साधना से पूरी होगी समस्त मनोकामनाएं
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चैतन्य भारत न्यूज देवाधिदेव महादेव भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाने की परंपरा हैै। इस साल यह तिथि 11 मार्च गुरूवार को मनाई जाएगी। पौरााणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और पार्वतीजी की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है और उन्हें भांग, धतूरा, बेल पत्र और बेर चढ़ाए जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि दो महान योगों में मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि का महत्व शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है। इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है। कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है। सिद्धयोग और शिवयोग सिद्धयोग और शिवयोग को बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी योग माना जाता है। इस शुभ योग के दौरान जो व्यक्ति साधना और शुभ संकल्प लेता है उसके कार्य अवश्य सफल और पूर्ण होते हैं। शिव साधना में इन योगों से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि तिथि- 11 मार्च 2021 (बृहस्पतिवार) चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 11 मार्च 2021 को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 12 मार्च 2021 को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक शिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च की सुबह 6 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 2 मिनट तक Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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शिव-पार्वती के मिलन का पर्व महाशिवरात्रि आज, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज आज महाशिवरात्रि का पर्व है। भगवान शिव और माता पार्वती की इस दिन विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ पार्वती की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का महत्व और पूजन विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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महाशिवरात्रि का महत्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन को शिव भक्त बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन व्रत रखने से कई व्रतों के बराबर पुण्य प्राप्त होने की मान्यता है। इसलिए इस व्रत को व्रतों का राजा कहा गया है। कहा जाता है महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ माता पार्वती की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। शिव जो वैरागी थी, वह गृहस्थ बन गए। शास्त्रों के मुताबिक, महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी दुखों, पीड़ाओं का अंत तो होता ही है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।
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महाशिवरात्रि पूजा-विधि इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव को चदंन लगाएं और उन्हें फूल, बेलपत्र, भांग, बेर आदि सभी चीजें शिवलिंग पर अर्पित करें। जलाभिषेक करते समय लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। इसके बाद वहीं शिवलिंग के आगे धूप व दीप जलाएं और उनकी आरती करें। भगवान शिव की आरती करने के बाद वहीं बैठकर शिव स्तुति आवश्य करें। आप चाहें तो शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। पूजा के बाद महाशिवरात्रि के दिन गरीबों में दान का काफी महत्व है। अपनी इच्छानुसार दान करें। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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इस महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दो महान योग, शिव साधना से पूरी होगी समस्त मनोकामनाएं
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चैतन्य भारत न्यूज देवाधिदेव महादेव भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाने की परंपरा हैै। इस साल यह तिथि 11 मार्च गुरूवार को मनाई जाएगी। पौरााणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और पार्वतीजी की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है और उन्हें भांग, धतूरा, बेल पत्र और बेर चढ़ाए जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि दो महान योगों में मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि का महत्व शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है। इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है। कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है। सिद्धयोग और शिवयोग सिद्धयोग और शिवयोग को बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी योग माना जाता है। इस शुभ योग के दौरान जो व्यक्ति साधना और शुभ संकल्प लेता है उसके कार्य अवश्य सफल और पूर्ण होते हैं। शिव साधना में इन योगों से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि तिथि- 11 मार्च 2021 (बृहस्पतिवार) चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 11 मार्च 2021 को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 12 मार्च 2021 को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक शिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च की सुबह 6 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 2 मिनट तक Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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शिव-पार्वती के मिलन का पर्व महाशिवरात्रि आज, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज आज महाशिवरात्रि का पर्व है। भगवान शिव और माता पार्वती की इस दिन विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ पार्वती की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का महत्व और पूजन विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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महाशिवरात्रि का महत्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन को शिव भक्त बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन व्रत रखने से कई व्रतों के बराबर पुण्य प्राप्त होने की मान्यता है। इसलिए इस व्रत को व्रतों का राजा कहा गया है। कहा जाता है महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ माता पार्वती की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। शिव जो वैरागी थी, वह गृहस्थ बन गए। शास्त्रों के मुताबिक, महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी दुखों, पीड़ाओं का अंत तो होता ही है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।
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महाशिवरात्रि पूजा-विधि इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव को चदंन लगाएं और उन्हें फूल, बेलपत्र, भांग, बेर आदि सभी चीजें शिवलिंग पर अर्पित करें। जलाभिषेक करते समय लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। इसके बाद वहीं शिवलिंग के आगे धूप व दीप जलाएं और उनकी आरती करें। भगवान शिव की आरती करने के बाद वहीं बैठकर शिव स्तुति आवश्य करें। आप चाहें तो शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। पूजा के बाद महाशिवरात्रि के दिन गरीबों में दान का काफी महत्व है। अपनी इच्छानुसार दान करें। Read the full article
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