#missionchandrayaan3
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भारत ने रचा इतिहास 🇮🇳
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर @Isro.in को बधाई!
चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा चंद्रयान-3, देशभर में जश्न का माहौल, ISRO सेंटर में खुशी...
यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और कौशल का प्रमाण है, और इसरो टीम की मेहनत....
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India has made space exploration history! ISRO's Chandrayaan-3 spacecraft has successfully soft landed in the lunar south pole region, making it the first ever mission to land in this uncharted territory.
This incredible achievement is a proud moment for India and significant milestone for global space science. Chandrayaan-3's lander and rover will now begin studying the south pole's terrain, minerals, and the presence of water ice in permanent shadows.
Landing on the rugged, hazardous south pole poses extreme challenges, but #ISRO has outdone itself with precise maneuvers guided by Chandrayaan-2's legacy. The entire nation salutes ISRO's scientists and engineers whose perseverance and ingenuity has placed India's flag on the Moon's mysterious south pole.
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#MoonDreams#CosmicJourney#MoonDayWishes#internationalmoonday#chandrayan3#missionchandrayaan3#ISRO#NASA
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#ISRO द्वारा भेजे गए #चंद्रयान-3 के #प्रज्ञान_रोवर ने चंद्रमा पर बड़ी खोज की है। प्रज्ञान रोवर में लगे यंत्र से #चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर #आक्सीजन की पुष्टि साथ ही सल्फर, एल्यूमिनियम, कैल्सियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैन्गनीज और सिलिकॉन जैसे तत्वों का पता लगाया है। #भारत ने फिर से इतिहास रचा।
#chandrayan3 #missionchandrayaan3 #vikramlander #isro #isroindia #pragyanrover #oxygen #moon #ch3 #spaceagency #india #proudindian #explore
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चंद्रयान-3 को मिली हरी झंडी, इसरो प्रमुख ने बताया कब होगा लॉन्च?
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर यह जानकारी दी है कि, 'सरकार ने प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 की मंजूरी दे दी है, जिसकी परियोजना पर काम जारी है।' उन्होंने यह भी बताया कि, 'इसे अगले साल यानी 2021 में लॉन्च किया जा सकता है।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); इसके साथ ही इसरो चीफ ने कहा कि, 'अंतरिक्ष विज्ञान के जरिए हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और भी बेहतर बनाने की है।' उन्होंने बताया कि, 'चंद्रयान-3 काफी हद तक चंद्रयान-2 से मिलता जुलता होगा। प्रॉजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। इसका कॉन्फिगरेशन चंद्रयान-2 की तरह ह�� होगा। इसमें भी लैंडर और रोवर ��ोगा।' Indian Space Research Organisation Chief K Sivan: Government has approved Chandrayan-3, the project is ongoing. pic.twitter.com/KcJVQ1KHG7 — ANI (@ANI) January 1, 2020 बता दें चंद्रयान 2 को 22 जुलाई 2019 को प्रक्षेपित किया गया था और 7 सितंबर 2019 को इसकी चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी। लेकिन आखिरी कुछ मिनटों में तकनीकी गड़बड़ी के चलते इसकी हार्ड लैंडिंग हुई। इसरो के चंद्रयान-2 मिशन की भारत ही नहीं दुनियाभर में काफी चर्चा हुई थी। ये भी पढ़े... चांद पर काले दाग क्यों? चंद्रयान-2 ने तस्वीर भेजकर खोला राज ISRO चीफ ने किया खुलासा- कैसे रहा चंद्रयान-2 98 फीसदी सफल चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की तस्वीर, इसरो ने बताया- चांद की मिट्टी में मौजूद कणों के बारे में पता लगा Read the full article
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चंद्रयान-3 : फिर चांद पर जाने की तैयारियों में जुटा ISRO, सरकार से मांगे 75 करोड़
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मिशन 'चंद्रयान-2' के असफल हो जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने अगले मिशन 'चंद्रयान-3' पर काम करना शुरू कर दिया है। इसरो ने इस मिशन के लिए केंद्र सरकार से 75 करोड़ रुपए की भी मांग की है। हालांकि केंद्र ने पहले ही इसके लिए 75 करोड़ का बजट रखा है। लेकिन यह राशि इसरो के वर्तमान बजट से अलग है जिससे इसरो अपने तीसरे महत्वकांक्षी मून मिशन को अंजाम देगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, इसरो के अलग-अलग केंद्रों में इस मिशन पर तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए नवंबर 2020 तक की समयसीमा तय की गई है। इस मिशन की मदद से इसरो चंद्रयान-2 के दौरान पूर्वनिर्धारित अपनी खोज प्रक्रिया को जारी रखने की कोशिश करेगा। कुल 666 करोड़ का बजट सूत्रों के मुताबिक, 2019-2020 के दौरान इसरो ने सरकार से कुल 666 करोड़ रुपए का बजट मांगा है। इसमें से 11% से ज्यादा सिर्फ चंद्रयान-3 के लिए मांगा गया है। इसके अलावा 666 करोड़ रुपए में से 8.6 करोड़ रुपए साल 2022 के प्रस्तावित ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम, 12 करोड़ स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल और 120 करोड़ लॉन्चपैड के डिवेलपमेंट के लिए मांगे गए हैं। बता दें इसरो ने सबसे ज्यादा मांग यूआर राव सैटलाइट सेंटर और सतीश धवन स्पेस सेंटर के लिए की है। इन दोनों के लिए संस्थान ने 516 करोड़ रुपए मांगे हैं। नए मिशन में लैंडर और रोवर भेजा जाएगा चंद्रयान-3 के लिए इसरो ने जो धनराशि की की मांग की है इसमें से 60 करोड़ रुपए मशीनरी, उपकरण और अन्य पूंजीगत काम में खर्च होंगे। इसके अलावा शेष 15 करोड़ रुपए राजस्व व्यय के तहत मांगे गए हैं। बता दें मिशन 'चंद्रयान-3' के लिए इसरो ने कई समितियां बनाई हैं। अक्टूबर से लेकर अब तक इन समितियों की तीन उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। बैठकों में यह तय किया गया कि इस नए मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर को ही भेजा जाएगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि इसरो के वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 के ही ऑर्बिटर का उपयोग करेंगे। चंद्रयान 2 नहीं कर सका था लैंड गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। हार्ड लैंडिंग के कारण अचानक ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। हालांकि ऑर्बिटर ठीक तरह से काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि वह सात सालों तक अपना काम करता रहेगा। ये भी पढ़े.... चांद पर काले दाग क्यों? चंद्रयान-2 ने तस्वीर भेजकर खोला राज चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की तस्वीर, इसरो ने बताया- चांद की मिट्टी में मौजूद कणों के बारे में पता लगा ISRO चीफ ने किया खुलासा- कैसे रहा चंद्रयान-2 98 फीसदी सफल Read the full article
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चंद्रयान-3 : फिर चांद पर जाने की तैयारियों में जुटा ISRO, सरकार से मांगे 75 करोड़
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मिशन 'चंद्रयान-2' के असफल हो जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने अगले मिशन 'चंद्रयान-3' पर काम करना शुरू कर दिया है। इसरो ने इस मिशन के लिए केंद्र सरकार से 75 करोड़ रुपए की भी मांग की है। हालांकि केंद्र ने पहले ही इसके लिए 75 करोड़ का बजट रखा है। लेकिन यह राशि इसरो के वर्तमान बजट से अलग है जिससे इसरो अपने तीसरे महत्वकांक्षी मून मिशन को अंजाम देगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, इसरो के अलग-अलग केंद्रों में इस मिशन पर तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए नवंबर 2020 तक की समयसीमा तय की गई है। इस मिशन की मदद से इसरो चंद्रयान-2 के दौरान पूर्वनिर्धारित अपनी खोज प्रक्रिया को जारी रखने की कोशिश करेगा। कुल 666 करोड़ का बजट सूत्रों के मुताबिक, 2019-2020 के दौरान इसरो ने सरकार से कुल 666 करोड़ रुपए का बजट मांगा है। इसमें से 11% से ज्यादा सिर्फ चंद्रयान-3 के लिए मांगा गया है। इसके अलावा 666 करोड़ रुपए में से 8.6 करोड़ रुपए साल 2022 के प्रस्तावित ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम, 12 करोड़ स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल और 120 करोड़ लॉन्चपैड के डिवेलपमेंट के लिए मांगे गए हैं। बता दें इसरो ने सबसे ज्यादा मांग यूआर राव सैटलाइट सेंटर और सतीश धवन स्पेस सेंटर के लिए की है। इन दोनों के लिए संस्थान ने 516 करोड़ रुपए मांगे हैं। नए मिशन में लैंडर और रोवर भेजा जाएगा चंद्रयान-3 के लिए इसरो ने जो धनराशि की की मांग की है इसमें से 60 करोड़ रुपए मशीनरी, उपकरण और अन्य पूंजीगत काम में खर्च होंगे। इसके अलावा शेष 15 करोड़ रुपए राजस्व व्यय के तहत मांगे गए हैं। बता दें मिशन 'चंद्रयान-3' के लिए इसरो ने कई समितियां बनाई हैं। अक्टूबर से लेकर अब तक इन समितियों की तीन उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। बैठकों में यह तय किया गया कि इस नए मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर को ही भेजा जाएगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि इसरो के वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 के ही ऑर्बिटर का उपयोग करेंगे। चंद्रयान 2 नहीं कर सका था लैंड गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। हार्ड लैंडिंग के कारण अचानक ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। हालांकि ऑर्बिटर ठीक तरह से काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि वह सात सालों तक अपना काम करता रहेगा। ये भी पढ़े.... चांद पर काले दाग क्यों? चंद्रयान-2 ने तस्वीर भेजकर खोला राज चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की तस्वीर, इसरो ने बताया- चांद की मिट्टी में मौजूद कणों के बारे में पता लगा ISRO चीफ ने किया खुलासा- कैसे रहा चंद्रयान-2 98 फीसदी सफल Read the full article
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इसरो ने शुरू की मिशन 'चंद्रयान-3' की तैयारियां, अगले साल होगा लॉन्च
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मिशन 'चंद्रयान-2' के असफल हो जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने अगले मिशन 'चंद्रयान-3' पर भी काम करना शुरू कर दिया है। इसरो के अलग-अलग केंद्रों में इस मिशन पर तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए नवंबर 2020 तक की समयसीमा तय की गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); नए मिशन में लैंडर और रोवर ही भेजा जाएगा मिशन 'चंद्रयान-3' के लिए इसरो ने कई समितियां बनाई हैं। अक्टूबर से लेकर अब तक इन समितियों की तीन उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। बैठकों में यह तय किया गया कि इ�� नए मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर को ही भेजा जाएगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि इसरो के वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 के ही ऑर्बिटर का उपयोग करेंगे। अगले सात सालों तक यह ऑर्बिटर काम करेगा। मंगलवार को ओवरव्यू (समीक्षा) कमिटी की बैठक हुई। जिसमें अलग-अलग समितियों की सिफारिशों पर चर्चा की गई। इस दौरान समितियों ने संचालन शक्ति, सेंसर, इंजिनियरिंग और नेविगेशन को लेकर अपने प्रस्ताव दिए हैं। 5 अक्टूबर को जारी किया जाएगा आधिकारिक नोटिस इसरो के एक वैज्ञानिक ने कहा कि, चंद्रयान-3 पर कार्य तेज गति से चल रहा है। अब तक इसरो ने इसके 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं का खाका खींच लिया है। इनमें लैंडिंग साइट, नेविगेशन और लोकल नेविगेशन शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि पांच अक्टूबर को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है। गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। हार्ड लैंडिंग के कारण अचानक ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। हालांकि ऑर्बिटर ठीक तरह से काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि वह सात सालों तक अपना काम करता रहेगा। ये भी पढ़े.... चांद पर काले दाग क्यों? चंद्रयान-2 ने तस्वीर भेजकर खोला राज चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की तस्वीर, इसरो ने बताया- चांद की मिट्टी में मौजूद कणों के बारे में पता लगा ISRO चीफ ने किया खुलासा- कैसे रहा चंद्रयान-2 98 फीसदी सफल Read the full article
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