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आज नहीं हुआ फैसला तो फडणवीस को सीएम पद से देना होगा इस्तीफा, दोनों पार्टियां सीएम की कुर्सी पर अड़ी
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है जो अब तक जारी है। सूत्रों के मुताबिक, यदि शुक्रवार को यानी आज महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई ऐलान नहीं किया जाता है, तो सीएम देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ सकता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रप��ि शासन की कोशिश में बता दें शुक्रवार को सेना भवन में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में पार्टी की अहम बैठक हुई। इस दौरान नेता गुलाबराव पाटिल ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होना चाहिए। हम उद्धव ठाकरे के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब तक हमें बताया जाएगा, तब तक होटल में रहेंगे।' वहीं शिवसेना का कहना है कि, बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की कोशिश में हैं। आदित्य देर रात विधायकों से मिलने पहुंचे बता दें विधायकों के टूटने का डर झेल रही शिवसेना ने गुरुवार को अपने विधायकों को मुंबई के रंग शारदा होटल में ठहरने को भेज दिया है। देर रात आदित्य ठाकरे सभी विधायकों से मिलने होटल पहुंचे थे। बता दें यह सभी विधायक दो दिन तक इसी होटल में रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, 9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा। कांग्रेस का आरोप बीजेपी ने हमारे विधायकों को दिया 25 करोड़ का ऑफरराज्य में हो रहे इस सियासी घमासान के बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि, 'कुछ नेताओं ने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के लिए 25 करोड़ का ऑफर दिया है।' कांग्रेस का कहना है कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही है। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर के किसी होटल में शिफ्ट कर रही है। सीएम पद तो बीजेपी के पास ही रहेगा इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, 'जरूरत पड़ी तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं। शिवसेना के साथ हमने कभी भी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं हूई थी। ढाई-ढाई साल सीएम पद का कोई वादा नहीं किया गया था। सीएम पद तो बीजेपी के पास ही रहेगा।' साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में सरकार बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि, 'बाला साहेब के समय भी सीएम पद को लेकर खींचतान हुई थी, तब हमने तय किया था कि जिसके सबसे अधिक विधायक होंगे, सीएम पद उसके ही खाते में जाएगा।' वहीं गडकरी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर कहा कि, 'ये आरोप बेबुनियाद है। हम कभी भी विधायकों की खरीद-फरोख्त के पक्ष में नहीं है। हम तैयार हैं, शिवसेना को सकारात्मक सोचना चाहिए।' ये है चुनावी नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी+शिवसेना गठबंधन को बहुमत दिया है। पार्टी के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी को सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीत मिली है। जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। इनके अलावा 13 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की है। ये भी पढ़���... फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 : बीजेपी को मिली 105 तो कांग्रेस को 44 सीटें, यहां देखें सभी 288 सीटों का रिजल्ट Read the full article
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विधायकों की बैठक में उद्धव का बीजेपी को दो टूक जवाब- मुख्यमंत्री पद देने के लिए राजी हैं तो फोन करें, अन्यथा कोई जरुरत नहीं
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे आए करीब 14 दिन हो गए हैं लेकिन राज्य में अब तक सरकार बनने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान जारी है। गुरुवार को उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में शिवसेना विधायकों की मुंबई में एक बैठक हुई जिसमें उद्धव ने कहा कि, 'मैं ये गठबंधन तोड़ना नहीं चाहता, लेकिन मैं चाहता हूं कि बीजेपी अपना वादा निभाए जो उसने लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना से किया था।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); उद्धव का बीजेपी को दो टूक जवाब उद्धव ने कहा कि, 'मैं हमेशा बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हूं, लेकिन उन्हें पहले लोकसभा चुनावों से पहले किए गए वादे को निभाना होगा। बीजेपी नेता 2.5 साल शिवसेना का सीएम बनाने के लिए तैयार हो जाएं और कभी भी मुझे फोन कर लें, अन्यथा मुझे फोन न करें।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'हम बीजेपी को सबक नहीं सिखाना चाहते लेकिन ये हमारे आत्मसम्मान का मामला है। अगर बीजेपी अपना किया हुआ वादा नहीं निभा सकती तो आगे बातचीत का कोई मतलब ही नहीं रह जाता।' राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा बैठक के दौरान उद्धव ने यह दावा किया है कि, 'लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने वादा किया था कि शिवसेना को बराबर के साथी का दर्जा दिया जाएगा जिसके तहत 2.5 साल के लिए सीएम का पद भी शिवसेना के पास रहेगा।' वहीं शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि, उनके पास अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुमत है। उन्होंने कहा कि, 'हमें यह दिखाने की ज��ूरत नहीं है। हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। बिना विकल्प के हम नहीं बोलते हैं। राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।' ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : नतीजे आने से पहले शिवसेना ने बीजेपी को दिखाई ताकत, आदित्य के लिए मांगा मुख्यमंत्री पद! Read the full article
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महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए कई दिन हो चुके हैं लेकिन यहां अब तक सरकार गठन का रास्ता साफ नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बहुमत प्राप्त गठबंधन की दोनों सहयोगी पार्टियों बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के कद्दावर नेता और सांसद हुसैन दलवई ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना को समर्थन देने की सलाह दी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); हुसैन दलवई ने सोनिया गांधी से अपील की है कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस और शिवसेना को मिलकर सरकार गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति पद के चुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस को सपोर्ट किया था। ऐसे में अब कांग्रेस को शिवसेना का साथ देकर बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर देना चाहिए।' कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि, 'जहां महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी में सरकार गठन पर सहमति नहीं बन पा रही है, ऐसे में कांग्रेस, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, गठबंधन में हमारी सहयोगी एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाएं।' हालांकि दलवई ने इसे अपना निजी विचार बताया है। दलवई ने पत्र में लिखा कि, 'सब जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हमारे कई विधायक और नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर लिया था। अगर वे सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो वे फिर से और अधिक सख्ती के साथ ऐसा करेंगे।' उन्होंने यह भी लिखा कि, 'कई मुद्दों पर शिवसेना को भाजपा से अलग देखा गया है, हालांकि अतीत में उन्होंने एक साथ सत्ता साझा की है। अगर हम मिलकर सरकार बनाएं तो ऐसा होने से रोका जा सकता है। हमें याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने लगातार एक राष्ट्र, एक नेता, एक पार्टी, एक धर्म के आरएसएस के सिद्धांत का पालन किया है, लेकिन हाल के दिनों में शिवसेना का अधिक समावेशी रुख देखा गया है।' गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने भी अपने बयान में कहा था कि, यदि एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाने के बारे में सोचते हैं तो हम दिल्ली में आलाकमान से बात करेंगे।' थोराट के मुताबिक, उन्हें अब तक शिवसेना की ओर से कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है। यदि उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव आता है तो वह इस मसले पर दिल्ली में हाईकमान के साथ बातचीत करेंगे। ये भी पढ़े... फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : नतीजे आने से पहले शिवसेना ने बीजेपी को दिखाई ताकत, आदित्य के लिए मांगा मुख्यमंत्री पद! Read the full article
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