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महाराष्ट्र में BJP-NCP ने मिलकर बनाई सरकार, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार उप मुख्यमंत्री
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला। शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस द्वारा मिलकर सरकार गठन किए जाने के तमाम प्रयासों के विफल रहने के बाद आखिरकार बीजेपी ने एनसीपी के समर्थन से सरकार बना ली। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और एनीसीपी की ओर से अजित पवार उप मुख्यमंत्री बनाए गए। इन्हें राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने राजभवन में शपथ ग्रहण कराई। #WATCH Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as Maharashtra Chief Minister again, oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/kjWAlyMTci — ANI (@ANI) November 23, 2019 Maharashtra Chief Minister, Devendra Fadnavis: I would like to express my gratitude to NCP's Ajit Pawar ji, he took this decision to give a stable government to Maharashtra & come together with BJP. Some other leaders also came with us and we staked claim to form government. pic.twitter.com/eq1v9syg8z — ANI (@ANI) November 23, 2019 देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि, 'महाराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था। हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया। महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजित पवार को धन्यवाद।' Fadnavis takes oath as Maharashtra CM; NCP's Ajit Pawar becomes Deputy CM Read @ANI Story | https://t.co/6wc9hEpMAA pic.twitter.com/vP2JOGlG8L — ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2019 #WATCH Mumbai: NCP's Ajit Pawar takes oath as Deputy CM, oath administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/TThGy9Guyr — ANI (@ANI) November 23, 2019 अजित पवार ने कहा कि, 'चुनाव के नतीजों के दिन से लेकर आज तक कोई भी सरकार सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।' Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra. — Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2019 एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि, 'देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।' Read the full article
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महाराष्ट्र में सरकार गठन पर कांग्रेस-NCP के बीच बनी सहमति, पृथ्वीराज चह्वाण बोले- अब मुंबई में होगी मुलाकात
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार बनने के रास्ते अब खुलते दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों से कांग्रेस और एनसीपी के बीच चल रहा बैठकों का दौर आज भी जारी रहा। इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सूबे में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के बीच सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); उन्होंने बताया कि, अब महाराष्ट्र मेें दोनों पार्टियां शिवसेना से सरकार गठन को लेकर चर्चा करेंगी। इसके बाद महाराष्ट्र में नई सरकार गठन का अंतिम ऐलान किया जाएगा। फिर हम यह जानकारी दे देंगे कि गठबंधन कैसा होगा। Prithviraj Chavan, Congress: Congress & NCP have completed discussions on all issues. There is complete unanimity. Tomorrow in Mumbai, we will have meeting with our other alliance parties. Later in the day, we will have discussion with Shiv Sena. #Maharashtra pic.twitter.com/Fkpx3PshL0 — ANI (@ANI) November 21, 2019 जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस-एनसीपी की हालिया बैठक में कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे थे। वहीं, एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल थे। बता दें महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी Read the full article
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उद्धव ठाकरे बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री! पार्टी ने कहा आदित्य नहीं योग्य उम्मीदवार, NCP-कांग्रेस के हिस्से में डिप्टी CM का पद!
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही राज्य में सियासी घमासान का दौर जारी था। लेकिन अब जाकर कुछ स्थिति साफ होती नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, तीन पार्टियों के गठबंधन को लेकर बातचीत साफ हो गई है और नई सरकार दिसंबर की शुरुआत तक अपना काम संभाल लेगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्��क्ष सोनिया गांधी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और फिर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, सरकार बनाने को लेकर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि राज्य में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे और एनसीपी-कांग्रेस के पास दो डिप्टी सीएम के पद रहेंगे। करीबी सूत्रों ने यह भी बताया कि, उद्धव ही पूरे पांच साल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहेंगे और इस दौरान कोई भी रोटेशनल पॉलिसी नहीं होगी। पवार ने बनाया फॉर्मूला जानकारी के मुताबिक, राज्य में शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती हैं। इस हिसाब से 42 मंत्रीपद भी 15, 14 और 13 के अनुपात से तय करने की संभावना है। जबकि शिवसेना ने स्पीकर के पद के लिए निर्णय कांग्रेस और एनसीपी पर छोड़ दिया है। इस पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का पूरा स्ट्रक्चर एनसीपी चीफ शरद पवार ने ही डिजाइन किया हुआ है। शरद पवार ने सिर्फ इतना कहा कि, सोनिया गांधी के साथ उन्होंने केवल महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति को लेकर बातचीत की है और वह स्थिति को देखकर उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई करेंगे। आदित्य नहीं मुख्यमंत्री बनने योग्य सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री बनाने को लेकर तीनो पार्टियों के बीच बैठक हुई थी। इस बैठक में आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात पर वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति नहीं बनी है। उनका कहना है कि आदित्य अभी मुख्यमंत्री बनने योग्य नहीं हैं। इसलिए उद्धव को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके पी��े एक और कारण यह भी बताया गया है कि आदित्य अभी काफी युवा हैं और छगन भुजबल और अजीत पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका तालमेल मुश्किल हो सकता है। ये भी पढ़े... शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी Read the full article
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शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं...
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने का रास्ता तकरीबन साफ हो गया है। एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस तीनों पार्टियों के मंत्रियों को लेकर 14-14-12 का फॉर्मूला भी तय हो गया है। बताया जा रहा है कि पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। इसी बीच बीजेपी ने भी महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इसे लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में एक बार फिर बीजेपी पर कटाक्ष किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); इस लेख में शिवसेना ने बीजेपी को 105 की पार्टी और पागल करार कर दिया। साथ ही यह भी लिखा है कि, महाराष्ट्र में नए समीकरण से कुछ लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है। सामना के संपादकीय में लिखा, 'भाजपा अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रही है, और यह हरकत स्वयं उनकी मानसिक स्थिति के लिए खतरनाक है। कौन वैसे सरकार बनाता है देखता हूं, इस प्रकार की भाषा बोले जा रहे हैं, श्राप भी दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो वैसे और कितने दिन टिकेगी, देखते हैं। ऐसा 'भविष्य' भी बताया जा रहा है कि 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं टिकेगी। ये नया धंधा लाभदायक भले हो, लेकिन ये अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन है।' '105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक' बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा गया कि, 'अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए ये हरकत महाराष्ट्र के सामने आ रही है। हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसा किसी को लगता होगा तो वे इस मानसिकता से बाहर आएं। ये मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ऐसी स्थिति ज्यादा समय रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और ��ागलपन की ओर यात्रा शुरू हो जाएगी। कल आए नेता को जनता पागल या मूर्ख साबित करे ये हमें ठीक नहीं लगता। एक तो नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नाम पर उनका खेल शुरू है और इसमें मोदी का ही नाम खराब हो रहा है।' '105 वालों का आत्मविश्वास झाग बनकर निकल रहा' आगे लिखा, 'महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों का आत्मविश्वास इस प्रकार झाग बनकर निकल रहा है मानो मुंबई किनारे के अरब सागर की लहरें उछाल मार रही हों। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने विधायकों को बड़ी विनम्रता से कहा कि बिंदास रहो, राज्य में फिर से भाजपा की ही सरकार आ रही है। कल ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राज्य में जिसके पास 145 का आंकड़ा है उसकी सरकार आएगी और ये संवैधानिक रूप से सही है।' 'मोदी जी का नाम खराब हो रहा है' सामना का कहना है कि, 'भाजपा को मोदी के नाम पर वोट मिलते रहे हैं ऐसे में इस तरह की हरकतों से मोदी जी का नाम खराब हो रहा है।' सामना ने सवाल उठाया कि, राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने में असमर्थ रही बीजेपी अचानक राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सरकार बनाने का दावा कैसे कर रही है? बीजेपी के सत्ता मोह को सेना ने पागलपन करार दिया है, और कहा कि पागलों की संख्या बढ़ने राज्य की प्रतिष्ठा में बाधक है।' ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को ही आ गए थे लेकिन मुख्यमंत्री पद का दावेदार अब तक तय नहीं हुआ है। दरअसल महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... शिवसेना ने अपने पत्र सामना में लिखा- महाराष्ट्र कोई दिल्ली का गुलाम नहीं, यहां के फैसले यहीं होने चाहिए महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी Read the full article
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महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही थी, लेकिन अब राज्य में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच 'डील' हो गई है। कहा जा रहा है कि अब पूरे कार्यकाल के लिए शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा, जबकि कांग्रेस और एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री पद आएगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); किस पार्टी को मिले कितने पद? महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार बातचीत चल रही थी और इस लंबी बातचीत के बाद तीनों ही पार्टियों के बीच सरकार बनाने को लेकर समझौता हो गया है। तीनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) को लेकर सहमति बन गई है। इस समझौते के तहत शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिलेगा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद मिलेंगे। साथ ही शिवसेना के खाते में मुख्यमंत्री पद के अलावा 14 मंत्री पद भी आएंगे। बैठक में तीनों पार्टियों के दिग्गज नेता शामिल बता दें गुरुवार को तीनों पार्टियों के बीच हुई बैठक में कई दिग्गज नेता शामिल हुए। शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे, कांग्रेस से नेता पृथ्वीराज चव्हाण और एनसीपी नेता छगन भुजबल शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मीडिया को बताया कि, तीनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई और इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है। इन मुद्दों पर हुई सहमति सूत्रों के मुताबिक, तीनों पार्टियों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर सहमति बन गई है। अब तक जिन मुद्दों पर सहमति हुई है उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं। हालांकि तीनों दलों के बीच हुए समझौते में हिंदुत्व के मुद्दा को शामिल नहीं किया गया है। समझौते में शिवसेना ने विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है। साथ ही कांग्रेस-एनसीपी ने मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग की। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी कांग्रेस-NCP-शिवसेना में बैठकों का दौर, शिवसेना के सिर महाराष्ट्र का ताज? शिवसेना ने अपने पत्र सामना में लिखा- महाराष्ट्र कोई दिल्ली का गुलाम नहीं, यहां के फैसले यहीं होने चाहिए Read the full article
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महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक हलचल के बाद भी जब किसी पार्टी की सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बता दें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की थी, जिसे पहले मोदी कैबिनेट ने मजूरी दे दी थी और अब राष्ट्रपति से भी इसे मंजूरी मिल गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का विकल्प अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके लिए राजनीतिक दलों को राज्यपाल को विश्वास दिलाना होगा कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। इसके बाद राज्यपाल के ऊपर यह निर्भर करेगा कि वह सरकार गठन के लिए राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाकर सरकार बनाने के लिए अमंत्रित करते हैं या नहीं। कब लागू होता है राष्ट्रपति शासन यदि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा दिये गए संवैधानिक निर्देशों का पालन नहीं करती है तो उस हालत में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाता है। किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीनों के अंदर संसद के दोनों सदनों से इसका अनुमोदन किया जाना जरूरी है। कैसे लगता है राष्ट्रपति शासन किसी भी राज्य में एक बार में अधिकतम 6 महीने के लिए ही राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इसके लिए भी हर 6 महीने में दोनों सदनों से अनुमोदन जरूरी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अगर कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटें हासिल कर लेता है, तो राष्ट्रपति शासन हटाया भी जा सकता है। शिवसेना तय सीमा में नहीं दे पाई समर्थन पत्र गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए थे। नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत था। लेकिन शिवसेना के मुख्यमंत्री पद और सरकार में 50-50 फॉर्मूले पर अड़ जाने के कारण उनकी सरकार का गठन नहीं हो सका। कम सीट होने के चलते बीजेपी ने अपने कदम पीछे खींच लिए। जबकि, शिवसेना तय समय सीमा में 145 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को नहीं दे पाई। फिर राज्यपाल ने महाराष्ट्र की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने के लिए मंगलवार शाम साढ़े 8 बजे तक समर्थन जुटाने का समय दिया था। जब एनसीपी भी कुछ नहीं कर पाई तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के ��्रस्ताव को मोदी सरकार ने दिखाई हरी झंडी क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प कांग्रेस-NCP-शिवसेना में बैठकों का दौर, शिवसेना के सिर महाराष्ट्र का ताज? Read the full article
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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने दिखाई हरी झंडी, अब सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही चल रही राजनीतिक उठापटक का दौर अब तक जारी है। अब राज्यपाल की ओर से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। अब इंतजार है तो बस राष्ट्रपति की मंजूरी का। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब राष्ट्रपति शासन महज एक कदम दूर रह गया है। जैसे ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल जाती है उसके बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। राजनीतिक हलचल हुई तेज कैबिनेट द्वारा राष्ट्रपति शासन को मंजूरी मिलते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेता संजय झा ने इस पर ट्वीट कर कहा, 'होशियारी नहीं! राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।' साथ ही शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की खबरों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'जब एनसीपी को दिया का वक्त खत्म नहीं हुआ है, तो ऐसे में माननीय राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?' पीएम मोदी ने बुलाई बैठक बता दें महाराष्ट्र में राज्येपाल ने बीजेपी, शिवसेना के बाद एनसीपी को भी मंगलवार शाम साढ़े 8 बजे तक समर्थन जुटाने का समय दिया था। लेकिन राज्यपाल को ऐसा लगा कि कोई भी दल या गठबंधन स्थिर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। इसके बाद उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की। हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर में ब्राजील दौरे के लिए रवाना हुए हैं उससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के सियासी संकट पर अपने आवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई थी जिसमें राष्ट्रपति शासन लागू करने को लेकर अहम चर्चा हुई। Read the full article
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क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से राजनीतिक उठापटक का दौर लगातार जारी है। जब से विधानसभा चुनावों के नतीजे आए हैं, तब से ही शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर लड़ाई चल रही है। ऐसे में किस पार्टी की सरकार बनेगी? इसे लेकर हर दिन चीजें उलझती जा रही है। जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को शिवसेना को और समय देने से मना कर दिया। साथ ही राज्यपाल ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी से सवाल किया कि क्या वो सरकार बना सकते हैं? अब एनसीपी को अगले 24 घंटे के भीतर समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करना होगा। यदि एनसीपी की भी सरकार नहीं बनी तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है। आइए जानते हैं कि अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर और क्या विकल्प बचे हैं.... पहला विकल्प आज रात 8:30 बजे तक एनसीपी को राज्यपाल को सूचित करना होगा कि वो सरकार बनाने में समर्थ हैं या नहीं। सरकार बनाने के लिए एनसीपी को कांग्रेस का समर्थन मिल सकता है। लेकिन इसके लिए शिवसेना का समर्थन होना भी जरुरी है। बिना शिवसेना के एनसीपी का भी सरकार बनाना संभव नहीं है। दूसरा विकल्प दूसरा विकल्प है कि राज्यपाल कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं। लेकिन यहां भी कांग्रेस को एनसीपी का समर्थन मिलना जरुरी है। लेकिन शिवसेना का समर्थन मिलना आसान नहीं होगा, क्योंकि दोनों पार्टियों की अलग-अलग विचारधारा है। कांग्रेस को इस बात का भी डर है कि कहीं शिवसेना से समर्थन लेने पर उनका मुस्लिम वोट बैंक न खिसक जाए। तीसरा विकल्प यदि कांग्रेस और एनसीपी दोनों सरकार बनाने से इनकार कर देते हैं तो राज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। लेकिन अगर कुछ दिन बाद कांग्रेस का मन बदल जाए और वो समर्थन देने के लिए तैयार हो जाए तो फिर शिवसेना की सरकार बन सकती है। चौथा विकल्प भले ही बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया हो लेकिन चीजें बदल सकती हैं। जानकारों का मानना है कि बाकी बची पार्टियों के सरकार बनाने से इनकार करने पर बीजेपी यहां एक और कोशिश कर सकती है। पांचवा विकल्प यदि राष्ट्रवपति शासन लगाने के बाद भी कोई पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होती है तो फिर वहां नए सीरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। Read the full article
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शिवसेना ने अपने पत्र 'सामना' में लिखा- 'महाराष्ट्र कोई दिल्ली का गुलाम नहीं, यहां के फैसले यहीं होने चाहिए'
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. शिवसेना ने अपने पत्र सामना के एक लेख में भारतीय जनता पार्टी की तुलना हिटलर से कर दी है। उन्होंने लिखा कि, 'पांच साल औरों को डर दिखाकर शासन करनेवाली टोली आज खुद खौफजदा है।' साथ ही शिवसेना ने यह भी लिखा कि, 'महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र में ही हो। महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है। यहां के फैसले यहीं होने चाहिए। ' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); शिवसेना ने लेख में लिखा कि, 'यह उल्टा हमला हुआ है। डराकर भी मार्ग नहीं मिला और समर्थन नहीं मिलता है, ऐसा जब होता है तब एक बात स्वीकार करनी चाहिए कि हिटलर मर गया है और गुलामी की छाया हट गई है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को इसके आगे तो बेखौफ होकर काम करना चाहिए। इस परिणाम का यही अर्थ है।' आगे लिखा कि, 'चुनाव परिणाम घोषित होने के दूसरे ही दिन प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री फडणवीस की सराहना की। फडणवीस ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा आशीर्वाद दिया परंतु 15 दिन बाद भी श्री फडणवीस शपथ नहीं ले सके क्योंकि अमित शाह राज्य की घटनाओं से अलिप्त रहे। ‘युति’ की सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना ढलते हुए मुख्यमंत्री से बात करने को तैयार नहीं है, ये सबसे बड़ी हार है। इसलिए दिल्ली का आशीर्वाद मिलने के बाद भी घोड़े पर बैठने को नहीं मिला। अवस्था ऐसी है कि इस बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? ये उद्धव ठाकरे तय करेंगे। राज्य के बड़े नेता शरद पवार की भूमिका महत्वपूर्ण सिद्ध होगी तथा कांग्रेस के कई विधायक सोनिया गांधी से मिलकर आए। महाराष्ट्र का निर्णय महाराष्ट्र को सौंपे, ऐसा उन्होंने भी सोनिया गांधी से कहा। कुछ भी हो लेकिन दोबारा भाजपा का मुख्यमंत्री न हो, यह महाराष्ट्र का एकमुखी सुर है।' ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को ही आ गए थे लेकिन मुख्यमंत्री पद का दावेदार अब तक तय नहीं हुआ है। दरअसल महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। बीजेपी और शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले के तहत अपना मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रही है, जिसको लेकर राज्य में खींचतान जारी है। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा- ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कह��� शिवसेना को समर्थन देने की बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 : बीजेपी को मिली 105 तो कांग्रेस को 44 सीटें, यहां देखें सभी 288 सीटों का रिजल्ट Read the full article
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देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा- ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। इसी बीच शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देवेंद्र फडणवीस बीजेपी नेताओं के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें 9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म ���ो रहा है। Devendra Fadnavis: I have tendered my resignation to the Governor and he has accepted it https://t.co/js247DintG pic.twitter.com/eV0C38Z1Nf — ANI (@ANI) November 8, 2019 मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, 'मेरे पास अच्छी खबर है। मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। मुझे महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला। मैं महाराष्ट्र, मोदी, शाह, नड्डा और हमारे सभी नेताओं का शुक्रगुजार हूं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना का नाम लिए बिना फडणवीस ने मुस्कराते हुए यह भी कहा कि, सहयोगी को धन्यवाद... फडणवीस ने कहा कि, 'महाराष्ट्र ने हमें लोकसभा चुनावों के दौरान एक बड़ा जनादेश मिला और यहां तक कि विधानसभा में भी हमें सहयोगी के रूप में चुनावों का सामना करना पड़ा। महायुति (महागठबंधन) को स्पष्ट जनादेश मिला। हम 160 से अधिक सीट जीतने में सफल रहे। बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।' फडणवीस ने कहा कि, 'ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ था। मेरे सामने कभी भी ढाई साल सीएम पद को लेकर चर्चा नहीं हुई। उद्धव ने सरकार बनाने की बात कही थी। महाराष्ट्र में जनादेश गठबंधन को मिला था।' महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है जो अब तक जारी है। शुक्रवार को सेना भवन में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में पार्टी की अहम बैठक हुई जिसमें नेता गुलाबराव पाटिल ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होना चाहिए। हम उद्धव ठाकरे के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब तक हमें बताया जाएगा, तब तक होटल में रहेंगे।' Mumbai: Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis and other state ministers meet Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/grmCMrHLg9 — ANI (@ANI) November 8, 2019 राज्य में हो रहे इस सियासी घमासान के बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि, 'कुछ नेताओं ने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के लिए 25 करोड़ का ऑफर दिया है।' कांग्रेस का कहना है कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही है। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर के किसी होटल में शिफ्ट कर रही है। ये भी पढ़े... आज नहीं हुआ फैसला तो फ��णवीस को सीएम पद से देना होगा इस्तीफा, दोनों पार्टियां सीएम की कुर्सी पर अड़ी अमित शाह से मिलने के बाद फडणवीस बोले- जल्द बनेगी सरकार महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात Read the full article
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आज नहीं हुआ फैसला तो फडणवीस को सीएम पद से देना होगा इस्तीफा, दोनों पार्टियां सीएम की कुर्सी पर अड़ी
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है जो अब तक जारी है। सूत्रों के मुताबिक, यदि शुक्रवार को यानी आज महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई ऐलान नहीं किया जाता है, तो सीएम देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ सकता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की कोशिश में बता दें शुक्रवार को सेना भवन में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में पार्टी की अहम बैठक हुई। इस दौरान नेता गुलाबराव पाटिल ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होना चाहिए। हम उद्धव ठाकरे के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब तक हमें बताया जाएगा, तब तक होटल में रहेंगे।' वहीं शिवसेना का कहना है कि, बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की कोशिश में हैं। आदित्य देर रात विधायकों से मिलने पहुंचे बता दें विधायकों के टूटने का डर झेल रही शिवसेना ने गुरुवार को अपने विधायकों को मुंबई के रंग शारदा होटल में ठहरने को भेज दिया है। देर रात आदित्य ठाकरे सभी विधायकों से मिलने होटल पहुंचे थे। बता दें यह सभी विधायक दो दिन ���क इसी होटल में रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, 9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा। कांग्रेस का आरोप बीजेपी ने हमारे विधायकों को दिया 25 करोड़ का ऑफरराज्य में हो रहे इस सियासी घमासान के बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि, 'कुछ नेताओं ने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के लिए 25 करोड़ का ऑफर दिया है।' कांग्रेस का कहना है कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही है। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर के किसी होटल में शिफ्ट कर रही है। सीएम पद तो बीजेपी के पास ही रहेगा इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, 'जरूरत पड़ी तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं। शिवसेना के साथ हमने कभी भी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं हूई थी। ढाई-ढाई साल सीएम पद का कोई वादा नहीं किया गया था। सीएम पद तो बीजेपी के पास ही रहेगा।' साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में सरकार बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि, 'बाला साहेब के समय भी सीएम पद को लेकर खींचतान हुई थी, तब हमने तय किया था कि जिसके सबसे अधिक विधायक होंगे, सीएम पद उसके ही खाते में जाएगा।' वहीं गडकरी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर कहा कि, 'ये आरोप बेबुनियाद है। हम कभी भी विधायकों की खरीद-फरोख्त के पक्ष में नहीं है। हम तैयार हैं, शिवसेना को सकारात्मक सोचना चाहिए।' ये है चुनावी नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी+शिवसेना गठबंधन को बहुमत दिया है। पार्टी के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी को सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीत मिली है। जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। इनके अलावा 13 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की है। ये भी पढ़े... फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 : बीजेपी को मिली 105 तो कांग्रेस को 44 सीटें, यहां देखें सभी 288 सीटों का रिजल्ट Read the full article
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विधायकों की बैठक में उद्धव का बीजेपी को दो टूक जवाब- मुख्यमंत्री पद देने के लिए राजी हैं तो फोन करें, अन्यथा कोई जरुरत नहीं
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे आए करीब 14 दिन हो गए हैं लेकिन राज्य में अब तक सरकार बनने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री की क��र्सी को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान जारी है। गुरुवार को उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में शिवसेना विधायकों की मुंबई में एक बैठक हुई जिसमें उद्धव ने कहा कि, 'मैं ये गठबंधन तोड़ना नहीं चाहता, लेकिन मैं चाहता हूं कि बीजेपी अपना वादा निभाए जो उसने लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना से किया था।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); उद्धव का बीजेपी को दो टूक जवाब उद्धव ने कहा कि, 'मैं हमेशा बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हूं, लेकिन उन्हें पहले लोकसभा चुनावों से पहले किए गए वादे को निभाना होगा। बीजेपी नेता 2.5 साल शिवसेना का सीएम बनाने के लिए तैयार हो जाएं और कभी भी मुझे फोन कर लें, अन्यथा मुझे फोन न करें।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'हम बीजेपी को सबक नहीं सिखाना चाहते लेकिन ये हमारे आत्मसम्मान का मामला है। अगर बीजेपी अपना किया हुआ वादा नहीं निभा सकती तो आगे बातचीत का कोई मतलब ही नहीं रह जाता।' राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा बैठक के दौरान उद्धव ने यह दावा किया है कि, 'लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने वादा किया था कि शिवसेना को बराबर के साथी का दर्जा दिया जाएगा जिसके तहत 2.5 साल के लिए सीएम का पद भी शिवसेना के पास रहेगा।' वहीं शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि, उनके ��ास अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुमत है। उन्होंने कहा कि, 'हमें यह दिखाने की जरूरत नहीं है। हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। बिना विकल्प के हम नहीं बोलते हैं। राज्य का मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।' ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : नतीजे आने से पहले शिवसेना ने बीजेपी को दिखाई ताकत, आदित्य के लिए मांगा मुख्यमंत्री पद! Read the full article
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महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए कई दिन हो चुके हैं लेकिन यहां अब तक सरकार गठन का रास्ता साफ नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बहुमत प्राप्त गठबंधन की दोनों सहयोगी पार्टियों बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के कद्दावर नेता और सांसद हुसैन दलवई ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना को समर्थन देने की सलाह दी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); हुसैन दलवई ने सोनिया गांधी से अपील की है कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस और शिवसेना को मिलकर सरकार गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति पद के चुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस को सपोर्ट किया था। ऐसे में अब कांग्रेस को शिवसेना का साथ देकर बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर देना चाहिए।' कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि, 'जहां महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी में सरकार गठन पर सहमति नहीं बन पा रही है, ऐसे में कांग्रेस, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, गठबंधन में हमारी सहयोगी एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाएं।' हालांकि दलवई ने इसे अपना निजी विचार बताया है। दलवई ने पत्र में लिखा कि, 'सब जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हमारे कई विधायक और नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर लिया था। अगर वे सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो वे फिर से और अधिक सख्ती के साथ ऐसा करेंगे।' उन्होंने यह भी लिखा कि, 'कई मुद्दों पर शिवसेना को ��ाजपा से अलग देखा गया है, हालांकि अतीत में उन्होंने एक स��थ सत्ता साझा की है। अगर हम मिलकर सरकार बनाएं तो ऐसा होने से रोका जा सकता है। हमें याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने लगातार एक राष्ट्र, एक नेता, एक पार्टी, एक धर्म के आरएसएस के सिद्धांत का पालन किया है, लेकिन हाल के दिनों में शिवसेना का अधिक समावेशी रुख देखा गया है।' गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने भी अपने बयान में कहा था कि, यदि एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाने के बारे में सोचते हैं तो हम दिल्ली में आलाकमान से बात करेंगे।' थोराट के मुताबिक, उन्हें अब तक शिवसेना की ओर से कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है। यदि उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव आता है तो वह इस मसले पर दिल्ली में हाईकमान के साथ बातचीत करेंगे। ये भी पढ़े... फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : नतीजे आने से पहले शिवसेना ने बीजेपी को दिखाई ताकत, आदित्य के लिए मांगा मुख्यमंत्री पद! Read the full article
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फडणवीस का शिवसेना को करारा जवाब- राज्य में कोई 50-50 नहीं, पूरे पांच साल मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी में खींचतान चल रही है। इसी बीच हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। सरकार बनाने के फॉर्मूले को लेकर फडणवीस ने शिवसेना को दो टूक जवाब देते हुए साफ कहा कि, 'महाराष्ट्र में कभी 50-50 फॉर्मूला नहीं था। शिवसेना से ढाई-ढाई साल सीएम की बात कभी नहीं हुई थी। मैं ही अगले पांच साल तक मुख्यमंत्री रहूंगा।' साथ ही बीजेपी के सांसद संजय काकडे ने यह दावा किया है कि, 'शिवसेना के करीब 45 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जो उनके साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं।' बता दें इस बार शिवसेना के कुल 56 विधायक जीते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आए थे, जिसके बाद से ही बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर विवाद जारी है। सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि, बीजेपी के साथ 50-50 के फॉर्मूले पर समझौता हुआ था। उन्होंने यह भी कहा था कि, 'बीजेपी रामनाम जपती है, तो फिर वह सच बोले और बताए। 50-50 पर समझौता तो पहले ही हो चुका था।' जिसके बाद मंगलवार को फडणवीस ने कहा कि, 'शिवसेना की मांगों पर मेरिट के आधार पर विचार हो रहा है, हमारे पास कोई प्लान B या C नहीं है, ये बात पक्की है कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूंगा। हमारे पास दस निर्दलीय विधायकों का समर्थन है, जल्द ही ये संख्या 15 तक पहुंचेगी।' फडणवीस ने यह भी कहा कि, 'बुधवार को विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नेता का चुनाव किया जाएगा। शिवसेना पांच साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती है, लेकिन मांगना और प्रैक्टिकल होना दो अलग बातें हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर कभी कोई 50-50 फॉर्मूला तय नहीं हुआ।' उन्होंने आगे कहा कि, 'अगर शिवसेना की कोई डिमांड है, तो उन्हें हमारे पास आना चाहिए। हम उन मांगों पर मेरिट के आधार पर बात करेंगे।' महाराष्ट्र में किसने जीती कितनी सीटें? बता दें 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे, जिसमें से बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। इनके अलावा एनसीपी ने 54 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से 44 सीट आई हैं। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना और बीजेपी में समझौता कराने के लिए गृहमंत्री अमित शाह 30 अक्टूबर यानी बुधवार को मुंबई जानें वाले थे। लेकिन आखिरी समय में उनका यह दौरा रद्द हो गया। मंत्री पद को लेकर नई सरकार में फिलहाल बीजेपी और शिवसेना के बीच औपचारिक-अनौपचारिक बातचीत जारी है। अब तक नए विधायकों की शपथ ग्रहण की तारीख की घोषणा नहीं हुई है। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : नतीजे आने से पहले शिवसेना ने बीजेपी को दिखाई ताकत, आदित्य के लिए मांगा मुख्यमंत्री पद! 52 साल में पहली बार ठाकरे परिवार का सदस्य लड़ रहा चुनाव, जानें कितने करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं आदित्य ठाकरे Read the full article
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हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए 5 निर्दलीयों ने किया समर्थन, दिल्ली रवाना हुए खट्टर
चैतन्य भारत न्यूज चंडीगढ़. गुरुवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के आए नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। भारतीय जनता पार्टी के लिए भी खेल बिगड़ गया है। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से 6 सीटें दूर है। हरियाणा को राज्य में कुल 40 सीटें मिली हैं। ऐसी स्थिति में बीजेपी के लिए निर्दलीय विधायकों की भूमिका काफी अहम हो गई है। पार्टी निर्दलीय विधायकों का समर्थन जटाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। इसी बीच यह खबर आई है कि 5 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी के समर्थन का ऐलान किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर रात हरियाणा के पांच निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा बीजेपी के प्रभारी और महासचिव अनिल जैन से मुलाकात कर हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने पर मुहर लगा दी। हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा है कि, 'निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं और राज्य में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हम सरकार बनाने जा रहे हैं।' बता दें हरियाणा में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है। अब बीजेपी के पास कुल 40+5= 45 विधायकों का समर्थन हो गया है। Haryana Bharatiya Janata Party President Subhash Barala: Independent candidates have come with BJP. The government will be formed under the leadership of ML Khattar Ji. He is coming to Delhi today to hold discussions. pic.twitter.com/iDY0xrfj19 — ANI (@ANI) October 25, 2019 बता दें राज्य में सरकार गठन के पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। दिल्ली में वह बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, खट्टर आलाकमान के सामने नई सरकार बनाने का फॉर्मूला पेश करेंगे। साथ ही वे दिल्ली में हरियाणा के निर्दलीय विधायकों से मुलाकात करेंगे। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी हरियाणा चुनाव नतीजे : दादरी सीट से रेसलर बबीता फोगाट आगे, आदमपुर से टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट रह गईं पीछे महाराष्ट्र-हरियाणा में इस बार किसकी सरकार? देखें पिछले चुनावी नतीजे Read the full article
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हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए 5 निर्दलीयों ने किया समर्थन, दिल्ली रवाना हुए खट्टर
चैतन्य भारत न्यूज चंडीगढ़. गुरुवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के आए नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। भारतीय जनता पार्टी के लिए भी खेल बिगड़ गया है। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से 6 सीटें दूर है। हरियाणा को राज्य में कुल 40 सीटें मिली हैं। ऐसी स्थिति में बीजेपी के लिए निर्दलीय विधायकों की भूमिका काफी अहम हो गई है। पार्टी निर्दलीय विधायकों का समर्थन जटाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। इसी बीच यह खबर आई है कि 5 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी के समर्थन का ऐलान किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर रात हरियाणा के पांच निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा बीजेपी के प्रभारी और महासचिव अनिल जैन से मुलाकात कर हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने पर मुहर लगा दी। हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा है कि, 'निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं और राज्य में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हम सरकार बनाने जा रहे हैं।' बता दें हरियाणा में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है। अब बीजेपी के पास कुल 40+5= 45 विधायकों का समर्थन हो गया है। Haryana Bharatiya Janata Party President Subhash Barala: Independent candidates have come with BJP. The government will be formed under the leadership of ML Khattar Ji. He is coming to Delhi today to hold discussions. pic.twitter.com/iDY0xrfj19 — ANI (@ANI) October 25, 2019 बता दें राज्य में सरकार गठन के पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। दिल्ली में वह बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, खट्टर आलाकमान के सामने नई सरकार बनाने का फॉर्मूला पेश करेंगे। साथ ही वे दिल्ली में हरियाणा के निर्दलीय विधायकों से मुलाकात करेंगे। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी हरियाणा चुनाव नतीजे : दादरी सीट से रेसलर बबीता फोगाट आगे, आदमपुर से टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट रह गईं पीछे महाराष्ट्र-हरियाणा में इस बार किसकी सरकार? देखें पिछले चुनावी नतीजे Read the full article
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