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महाराष्ट्र : शिवसेना नेता संजय राउत बोले- भतीजे ने चाचा को धोखा दिया, अजित पवार ने अंधेरे में डाका डाला
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में शनिवार को बीजेपी और एनसीपी की सरकार बन गई। देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि अजित पवार को उप मुख्यमंत्री। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें शपथ ग्रहण करवाई। राज्य में मचे इस सियासी घमासान को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, 'ये फैसला पार्टी का नह��ं है और अजित पवार ने पार्टी तोड़ी है।' वहीं, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि, अजित पवार की बॉडी लैंग्वेज पर उन्हें लगातार शक हो रहा था। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राउत का आरोप- राज्यपाल भी इसमें शामिल संजय राउत ने कहा कि, 'अजित पवार वकील से मिलने के बहाने बाहर गए थे। सत्ता और पैसे के दम पर पूरा खेला हुआ है। कल 9 बजे तक अजित पवार हमारे साथ बैठक में थे। अचानक गायब हो गए। अजित पवार नजर नहीं मिला पा रहे थे। अंधेरे में अजित पवार ने डाका डाला है। अजित पवार और उनके साथियों ने छत्रपति शिवाजी का नाम बदनाम किया है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'आखिरी वक्त तक अजित पवार हमारे साथ थे। अजित पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है। कल रात अजित पवार बैठक में मौजूद थे। अजित पवार को ईडी की जांच का डर है। राज्यपाल भी इसमें शामिल हैं। राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग हुआ है। बीजेपी और फडणवीस सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।' #WATCH Sanjay Raut, Shiv Sena: Kal 9 baje tak ye mahashaye (Ajit Pawar) hamare saath baithe the, achanak se gayab ho gaye baad mein. Vo nazro se nazre mila kar nahi bol rahe the, jo vyakti paap karne jata hai uski nazar jaise jhukti hai, waise jhuki nazro se baat kar rahe the. pic.twitter.com/dL6olqXFK9 — ANI (@ANI) November 23, 2019 शिवाजी महाराज के नाम को बदनाम किया संजय राउत ने शरद पवार का साथ देते हुए कहा कि, 'इस पूरे घटनाक्रम से शरद पवार का कोई लेना-देना नहीं। एनसीपी और बीजेपी ने महाराष्ट्र की जनता से धोखा किया है। अजित पवार ने महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोपा। ये धोखा महाराष्ट्र की जनता और छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हुआ है। अंधेरे में पाप होता है, चोरी होती, व्यभिचार होता है। जिस तरह से अंधेरे में शपथ दिलाई गई, इससे शिवाजी महाराज के नाम को बदनाम किया गया है।' भतीजे ने चाचा को धोखा दिया राउत ने बताया कि, 'उद्धव ठाकरे जी और शरद पवार जी एक-दूसरे के संपर्क में हैं और वह आज मुलाकात करेंगे। वह मीडिया को साथ में संबोधित कर सकते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि सत्ता के लिए भतीजे ने चाचा को धोखा दिया है।' ये भी पढ़े... महाराष्ट्र सरकार : अजित पवार ने पार्टी को तोड़ने का काम किया, यह NCP का फैसला नहीं : शरद पवार महाराष्ट्र में BJP-NCP ने मिलकर बनाई सरकार, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार उप मुख्यमंत्री शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं Read the full article
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शिवसेना-NCP की प्रेस कॉन्फ्रेंस, शरद पवार का दावा- हमारे पास पर्याप्त संख्या है, सरकार तो हम ही बनाएंगे
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार गठन के लिए बातचीत अंतिम दौर में पहुंच चुकी थी कि इसी बीच शनिवार सुबह बड़ा उलटफेर देखने को मिला। बीजेपी और एनसीपी के नेता अजित पवार ने मिलकर राज्य में सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्य में मचे सियासी घमासान के बीच शिवसेना और एनसीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करवाई। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); Uddhav Thackeray: Earlier EVM khel was going on and now this is new khel. From here onwards I don't think elections are even needed.Everyone knows what Chhatrapati Shivaji Maharaj did when betrayed and attacked from the back. pic.twitter.com/lgYCE3tZDY — ANI (@ANI) November 23, 2019 सरकार तो हम ही बनाएंगे : शरद पवार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार ने कहा कि, 'अजित पवार के साथ 11 विधायक गए थे। इसमें दो विधायक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए हैं। खैर हमारे पास पर्याप्त संख्या है और सरकार तो हम ही बनाएंगे। रहा सवाल अजित पवार पर एक्शन का तो वो पार्टी की अनुशासनात्मक कमेटी लेगी।' उन्होंने दावा किया कि, 'देवेंद्र फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। हम सब एकजुट हैं। अजित पवार के पास जो चिट्ठी थी उसमें सभी 54 विधायक के हस्ताक्षर थे।' उन्होंने बताया कि, आज शाम की बैठक में आगे का फैसला तय होगा। वह जो भी निर्णय लेंगे, वो शिवसेना की सहमति के बिना नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि, 'हमें राज्यपाल ने 30 नवंबर त�� का वक्त दिया है। हमारे पास नंबर है और हम ही सरकार बनाएंगे।' NCP Chief Sharad Pawar: Action against Ajit Pawar will be taken as per the procedure. #Maharashtra pic.twitter.com/kSJ1OIhjSu — ANI (@ANI) November 23, 2019 Uddhav Thackeray: Let them try and break Shiv Sena MLAs , Maharashtra will not stay asleep pic.twitter.com/8I0wtGR8rO — ANI (@ANI) November 23, 2019 हम लोगों को जोड़ने हैं और वो तोड़ते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'शिवसेना जो करती है, वो दिन के उजाले में करती है। हम लोगों को जोड़ने की कोशिश करते हैं और वे लोग तोड़ने की कोशिश करते हैं। ये जो खेल चल रहा है, वो पूरे देश देख रहा है।' उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'बीजेपी को ना तो मित्र चाहिए और ना ही विपक्ष। इन लोगों ने हरियाणा और बिहार में भी यही किया था। आज जो हुआ है वो छत्रपति शिवाजी महाराज पर सर्जिकल स्ट्राइक है।' NCP Chief Sharad Pawar: I don't know if he(Ajit Pawar) has done this fearing investigating agencies or not. As per my source, 10-11 MLAs were there in Raj Bhavan and out of those, 3 are already here sitting with me. pic.twitter.com/W8JgRlHx6Z — ANI (@ANI) November 23, 2019 बता दें महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक के बावजूद मुख्यमंत्री के नाम पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पा रहा था। हालांकि, यह कहा जा रहा था कि राज्य में पांच साल के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बनाया जाएगा। लेकिन शनिवार सुबह अचानक से बदली महाराष्ट्र राजनीति की तस्वीर ने सभी को हैरान कर दिया। Two more NCP MLAs Sandip Kshirsagar and Sunil Bhusara also allege that they were unknowingly taken to the oath ceremony and that now they have come back and expressed support to Sharad Pawar. https://t.co/sLx19ngw2w pic.twitter.com/CechUAcQW4 — ANI (@ANI) November 23, 2019 महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को 288 सीटों पर चुनाव हुए थे। इसके नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 थी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली थी। ऐसे में बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए था। किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में BJP-NCP ने मिलकर बनाई सरकार, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र: BJP-NCP की सरकार बनने पर सोशल मीडिया पर हाहाकार, लोगों ने NCP को कहा कटप्पा महाराष्ट्र सरकार : अजित पवार ने पार्टी को तोड़ने का काम किया, यह NCP का फैसला नहीं : शरद पवार महाराष्ट्र : शिवसेना नेता संजय राउत बोले- भतीजे ने चाचा को धोखा दिया, अजित पवार ने अंधेरे में डाका डाला Read the full article
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महाराष्ट्र: BJP-NCP की सरकार बनने पर सोशल मीडिया पर हाहाकार, लोगों ने NCP को कहा 'कटप्पा'
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला। बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। शिवसेना के इस तरह सियासी मात खाने के बाद ट्वीटर पर अब कई मीम्स वायरल हो रहे हैं जिसमें उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी का मजाक उड़ाया जा रहा है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
कई लोगों ने इसके लिए मजाकिया लहजे में एनसीपी पर भी तंज कसा है और कई मीम्स शेयर किए हैं जो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहे हैं।
बता दें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई। जबकि अजित पवार को डिप्टी सीएम का पदभार मिला है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, ये फैसला पार्टी का नहीं है। अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी। जबकि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार ने अंधेरे में डाका डाला है।
गौरतलब है कि, महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की सरकार का प्लान लगभग तय हो चुका था, तभी सभी को चौंकाते हुए एनसीपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। बता दें महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में BJP-NCP ने मिलकर बनाई सरकार, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार उप मुख्यमंत्री शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं... पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य किंगमेकर नहीं बल्कि बनेगा किंग संभालेगा महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद की कमान Read the full article
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महाराष्ट्र सरकार : अजित पवार ने पार्टी को तोड़ने का काम किया, यह NCP का फैसला नहीं : शरद पवार
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में काफी उठापटक के बाद शनिवार सुबह बीजेपी-एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ली। बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जानकारी के मुताबिक, अजित पवार के साथ एनसीपी के 22 विधायकों ने बीजेपी का समर्थन किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यह एनसीपी का फैसला नहीं : शरद पवार सरकार बनने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार के फैसले पर कहा कि, 'यह एनसीपी का फैसला नहीं है।' वहीं प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि, इस फैसले से शरद पवार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बताया कि, 'शरद पवार ने शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात की है। उन्होंने उद्धव से कहा कि अजित पवार के इस कदम के पीछ कहीं भी एनसीपी नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम में एनसीपी कहीं भी नहीं है। अजित पवार ने पार्टी को तोड़ने का काम किया है।' Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP). We place on record that we do not support or endorse this decision of his. — Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019 हम अजित के फैसले का समर्थन नहीं करते : शरद पवार महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी की सरकार बनने के बाद शरद पवार ने ट्वीट कर कहा कि, 'महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देने का अजित पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का। हम रिकॉर्�� तौर पर कह सकते हैं कि हम अजित पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।' उद्धव ठाकरे बनने वाले थे सीएम बता दें महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक के बावजूद मुख्यमंत्री के नाम पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पा रहा था। हालांकि, यह कहा जा रहा था कि राज्य में पांच साल के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बनाया जाएगा। वहीं शरद पवार ने भी कहा था कि, 'जहां तक मुख्यमंत्री की बात है, उस पर कोई दोराय नहीं है। उद्धव ठाकरे को ही सरकार को लीड करना चाहिए।' लेकिन शनिवार सुबह अचानक ही महाराष्ट्र राजनीति की तस्वीर बदल गई। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में BJP-NCP ने मिलकर बनाई सरकार, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में सरकार गठन पर कांग्रेस-NCP के बीच बनी सहमति, पृथ्वीराज चह्वाण बोले- अब मुंबई में होगी मुलाकात शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं Read the full article
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महाराष्ट्र में BJP-NCP ने मिलकर बनाई सरकार, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार उप मुख्यमंत्री
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला। शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस द्वारा मिलकर सरकार गठन किए जाने के तमाम प्रयासों के विफल रहने के बाद आखिरकार बीजेपी ने एनसीपी के समर्थन से सरकार बना ली। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और एनीसीपी की ओर से अजित पवार उप मुख्यमंत्री बनाए गए। इन्हें राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने राजभवन में शपथ ग्रहण कराई। #WATCH Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as Maharashtra Chief Minister again, oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/kjWAlyMTci — ANI (@ANI) November 23, 2019 Maharashtra Chief Minister, Devendra Fadnavis: I would like to express my gratitude to NCP's Ajit Pawar ji, he took this decision to give a stable government to Maharashtra & come together with BJP. Some other leaders also came with us and we staked claim to form government. pic.twitter.com/eq1v9syg8z — ANI (@ANI) November 23, 2019 देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि, 'महाराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था। हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया। महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजित पवार को धन्यवाद।' Fadnavis takes oath as Maharashtra CM; NCP's Ajit Pawar becomes Deputy CM Read @ANI Story | https://t.co/6wc9hEpMAA pic.twitter.com/vP2JOGlG8L — ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2019 #WATCH Mumbai: NCP's Ajit Pawar takes oath as Deputy CM, oath administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/TThGy9Guyr — ANI (@ANI) November 23, 2019 अजित पवार ने कहा कि, 'चुनाव के नतीजों के दिन से लेकर आज तक कोई भी सरकार सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।' Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra. — Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2019 एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री ��रेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि, 'देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।' Read the full article
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महाराष्ट्र में सरकार गठन पर कांग्रेस-NCP के बीच बनी सहमति, पृथ्वीराज चह्वाण बोले- अब मुंबई में होगी मुलाकात
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार बनने के रास्ते अब खुलते दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों से कांग्रेस और एनसीपी के बीच चल रहा बैठकों का दौर आज भी जारी रहा। इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सूबे में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के बीच सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); उन्होंने बताया कि, अब महाराष्ट्र मेें दोनों पार्टियां शिवसेना से सरकार गठन को लेकर चर्चा करेंगी। इसके बाद महाराष्ट्र में नई सरकार गठन का अंतिम ऐलान किया जाएगा। फिर हम यह जानकारी दे देंगे कि गठबंधन कैसा होगा। Prithviraj Chavan, Congress: Congress & NCP have completed discussions on all issues. There is complete unanimity. Tomorrow in Mumbai, we will have meeting with our other alliance parties. Later in the day, we will have discussion with Shiv Sena. #Maharashtra pic.twitter.com/Fkpx3PshL0 — ANI (@ANI) November 21, 2019 जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस-एनसीपी की हालिया बैठक में कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे थे। वहीं, एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल थे। बता दें महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी Read the full article
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उद्धव ठाकरे बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री! पार्टी ने कहा आदित्य नहीं योग्य उम्मीदवार, NCP-कांग्रेस के हिस्से में डिप्टी CM का पद!
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही राज्य में सियासी घमासान का दौर जारी था। लेकिन अब जाकर कुछ स्थिति साफ होती नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, तीन पार्टियों के गठबंधन को लेकर बातचीत साफ हो गई है और नई सरकार दिसंबर की शुरुआत तक अपना काम संभाल लेगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और फिर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, सरकार बनाने को लेकर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि राज्य में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे और एनसीपी-कांग्रेस के पास दो डिप्टी सीएम के पद रहेंगे। करीबी सूत्रों ने यह भी बताया कि, उद्धव ही पूरे पांच साल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहेंगे और इस दौरान कोई भी रोटेशनल पॉलिसी नहीं होगी। पवार ने बनाया फॉर्मूला जानकारी के मुताबिक, राज्य में शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती हैं। इस हिसाब से 42 मंत्रीपद भी 15, 14 और 13 के अनुपात से तय करने की संभावना है। जबकि शिवसेना ने स्पीकर के पद के लिए निर्णय कांग्रेस और एनसीपी पर छोड़ दिया है। इस पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का पूरा स्ट्रक्चर एनसीपी चीफ शरद पवार ने ही डिजाइन किया हुआ है। शरद पवार ने सिर्फ इतना कहा कि, सोनिया गांधी के साथ उन्होंने केवल महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति को लेकर बातचीत की है और वह स्थिति को देखकर उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई करेंगे। आदित्य नहीं मुख्यमंत्री बनने योग्य सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री बनाने को लेकर तीनो पार्टियों के बीच बैठक हुई थी। इस बैठक में आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात पर वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति नहीं बनी है। उनका कहना है कि आदित्य अभी मुख्यमंत्री बनने योग्य नहीं हैं। इसलिए उद्धव को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके पीछे एक और कारण यह भी बताया गया है कि आदित्य अभी काफी युवा हैं और छगन भुजबल और अजीत पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका तालमेल मुश्किल हो सकता है। ये भी पढ़े... शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी Read the full article
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शिवसेना का बीजेपी पर कटाक्ष- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं...
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने का रास्ता तकरीबन साफ हो गया है। एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस तीनों पार्टियों के मंत्रियों को लेकर 14-14-12 का फॉर्मूला भी तय हो गया है। बताया जा रहा है कि पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। इसी बीच बीजेपी ने भी महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इसे लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में एक बार फिर बीजेपी पर कटाक्ष किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); इस लेख में शिवसेना ने बीजेपी को 105 की पार्टी और पागल करार कर दिया। साथ ही यह भी लिखा है कि, महाराष्ट्र में नए समीकरण से कुछ लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है। सामना के संपादकीय में लिखा, 'भाजपा अ��नी कमजोरी को छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रही है, और यह हरकत स्वयं उनकी मानसिक स्थिति के लिए खतरनाक है। कौन वैसे सरकार बनाता है देखता हूं, इस प्रकार की भाषा बोले जा रहे हैं, श्राप भी दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो वैसे और कितने दिन टिकेगी, देखते हैं। ऐसा 'भविष्य' भी बताया जा रहा है कि 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं टिकेगी। ये नया धंधा लाभदायक भले हो, लेकिन ये अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन है।' '105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक' बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा गया कि, 'अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए ये हरकत महाराष्ट्र के सामने आ रही है। हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसा किसी को लगता होगा तो वे इस मानसिकता से बाहर आएं। ये मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ऐसी स्थिति ज्यादा समय रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और पागलपन की ओर यात्रा शुरू हो जाएगी। कल आए नेता को जनता पागल या मूर्ख साबित करे ये हमें ठीक नहीं लगता। एक तो नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नाम पर उनका खेल शुरू है और इसमें मोदी का ही नाम खराब हो रहा है।' '105 वालों का आत्मविश्वास झाग बनकर निकल रहा' आगे लिखा, 'महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों का आत्मविश्वास इस प्रकार झाग बनकर निकल रहा है मानो मुंबई किनारे के अरब सागर की लहरें उछाल मार रही हों। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने विधायकों को बड़ी विनम्रता से कहा कि बिंदास रहो, राज्य में फिर से भाजपा की ही सरकार आ रही है। कल ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राज्य में जिसके पास 145 का आंकड़ा है उसकी सरकार आएगी और ये संवैधानिक रूप से सही है।' 'मोदी जी का नाम खराब हो रहा है' सामना का कहना है कि, 'भाजपा को मोदी के नाम पर वोट मिलते रहे हैं ऐसे में इस तरह की हरकतों से मोदी जी का नाम खराब हो रहा है।' सामना ने सवाल उठाया कि, राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने में असमर्थ रही बीजेपी अचानक राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सरकार बनाने का दावा कैसे कर रही है? बीजेपी के सत्ता मोह को सेना ने पागलपन करार दिया है, और कहा कि पागलों की संख्या बढ़ने राज्य की प्रतिष्ठा में बाधक है।' ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को ही आ गए थे लेकिन मुख्यमंत्री पद का दावेदार अब तक तय नहीं हुआ है। दरअसल महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और ��हुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... शिवसेना ने अपने पत्र सामना में लिखा- महाराष्ट्र कोई दिल्ली का गुलाम नहीं, यहां के फैसले यहीं होने चाहिए महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी Read the full article
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महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही थी, लेकिन अब राज्य में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच 'डील' हो गई है। कहा जा रहा है कि अब पूरे कार्यकाल के लिए शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा, जबकि कांग्रेस और एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री पद आएगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); किस पार्टी को मिले कितने पद? महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार बातचीत चल रही थी और इस लंबी बातचीत के बाद तीनों ही पार्टियों के बीच सरकार बनाने को लेकर समझौता हो गया है। तीनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) को लेकर सहमति बन गई है। इस समझौते के तहत शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिलेगा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद मिलेंगे। साथ ही शिवसेना के खाते में मुख्यमंत्री पद के अलावा 14 मंत्री पद भी आएंगे। बैठक में तीनों पार्टियों के दिग्गज नेता शामिल बता दें गुरुवार को तीनों पार्टियों के बीच हुई बैठक में कई दिग्गज नेता शामिल हुए। शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे, कांग्रेस से नेता पृथ्वीराज चव्हाण और एनसीपी नेता छगन भुजबल शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मीडिया को बताया कि, तीनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई और इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है। इन मुद्दों पर हुई सहमति सूत्रों के मुताबिक, तीनों पार्टियों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर सहमति बन गई है। अब तक जिन मुद्दों पर सहमति हुई है उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं। हालांकि तीनों दलों के बीच हुए समझौते में हिंदुत्व के मुद्दा को शामिल नहीं किया गया है। समझौते में शिवसेना ने विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है। साथ ही कांग्रेस-एनसीपी ने मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग की। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी कांग्रेस-NCP-शिवसेना में बैठकों का दौर, शिवसेना के सिर महाराष्ट्र का ताज? शिवसेना ने अपने पत्र सामना में लिखा- महाराष्ट्र कोई दिल्ली का गुलाम नहीं, यहां के फैसले यहीं होने चाहिए Read the full article
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महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक हलचल के बाद भी जब किसी पार्टी की सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बता दें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की थी, जिसे पहले मोदी कैबिनेट ने मजूरी दे दी थी और अब राष्ट्रपति से भी इसे मंजूरी मिल गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का विकल्प अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके लिए राजनीतिक दलों को राज्यपाल को विश्वास दिलाना होगा कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। इसके बाद राज्यपाल के ऊपर यह निर्भर करेगा कि वह सरकार गठन के लिए राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाकर सरकार बनाने के लिए अमंत्रित करते हैं या नहीं। कब लागू हो��ा है राष्ट्रपति शासन यदि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा दिये गए संवैधानिक निर्देशों का पालन नहीं करती है तो उस हालत में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाता है। किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीनों के अंदर संसद के दोनों सदनों से इसका अनुमोदन किया जाना जरूरी है। कैसे लगता है राष्ट्रपति शासन किसी भी राज्य में एक बार में अधिकतम 6 महीने के लिए ही राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इसके लिए भी हर 6 महीने में दोनों सदनों से अनुमोदन जरूरी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अगर कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटें हासिल कर लेता है, तो राष्ट्रपति शासन हटाया भी जा सकता है। शिवसेना तय सीमा में नहीं दे पाई समर्थन पत्र गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए थे। नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत था। लेकिन शिवसेना के मुख्यमंत्री पद और सरकार में 50-50 फॉर्मूले पर अड़ जाने के कारण उनकी सरकार का गठन नहीं हो सका। कम सीट होने के चलते बीजेपी ने अपने कदम पीछे खींच लिए। जबकि, शिवसेना तय समय स��मा में 145 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को नहीं दे पाई। फिर राज्यपाल ने महाराष्ट्र की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने के लिए मंगलवार शाम साढ़े 8 बजे तक समर्थन जुटाने का समय दिया था। जब एनसीपी भी कुछ नहीं कर पाई तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने दिखाई हरी झंडी क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प कांग्रेस-NCP-शिवसेना में बैठकों का दौर, शिवसेना के सिर महाराष्ट्र का ताज? Read the full article
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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने दिखाई हरी झंडी, अब सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही चल रही राजनीतिक उठापटक का दौर अब तक जारी है। अब राज्यपाल की ओर से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। अब इंतजार है तो बस राष्ट्रपति की मंजूरी का। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब राष्ट्रपति शासन महज एक कदम दूर रह गया है। जैसे ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल जाती है उसके बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। राजनीतिक हलचल हुई तेज कैबिनेट द्वारा राष्ट्रपति शासन को मंजूरी मिलते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेता संजय झा ने इस पर ट्वीट कर कहा, 'होशियारी नहीं! राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।' साथ ही शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की खबरों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'जब एनसीपी को दिया का वक्त खत्म नहीं हुआ है, तो ऐसे में माननीय राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?' पीएम मोदी ने बुलाई बैठक बता दें महाराष्ट्र में राज्येपाल ने बीजेपी, शिवसेना के बाद एनसीपी को भी मंगलवार शाम साढ़े 8 बजे तक समर्थन जुटाने का समय दिया था। लेकिन राज्यपाल को ऐसा लगा कि कोई भी दल या गठबंधन स्थिर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। इसके बाद उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की। हाला��कि, अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर में ब्राजील दौरे के लिए रवाना हुए हैं उससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के सियासी संकट पर अपने आवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई थी जिसमें राष्ट्रपति शासन लागू करने को लेकर अहम चर्चा हुई। Read the full article
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क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से राजनीतिक उठापटक का दौर लगातार जारी है। जब से विधानसभा चुनावों के नतीजे आए हैं, तब से ही शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर लड़ाई चल रही है। ऐसे में किस पार्टी की सरकार बनेगी? इसे लेकर हर दिन चीजें उलझती जा रही है। जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को शिवसेना को और समय देने से मना कर दिया। साथ ही राज्यपाल ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी से सवाल किया कि क्या वो सरकार बना सकते हैं? अब एनसीपी को अगले 24 घंटे के भीतर समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करना होगा। यदि एनसीपी की भी सरकार नहीं बनी तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है। आइए जानते हैं कि अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर और क्या विकल्प बचे हैं.... पहला विकल्प आज रात 8:30 बजे तक एनसीपी को राज्यपाल को सूचित करना होगा कि वो सरकार बनाने में समर्थ हैं या नहीं। सरकार बनाने के लिए एनसीपी को कांग्रेस का समर्थन मिल सकता है। लेकिन इसके लिए शिवसेना का समर्थन होना भी जरुरी है। बिना शिवसेना के एनसीपी का भी सरकार बनाना संभव नहीं है। दूसरा विकल्प दूसरा विकल्प है कि राज्यपाल कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं। लेकिन यहां भी कांग्रेस को एनसीपी का समर्थन मिलना जरुरी है। लेकिन शिवसेना का समर्थन मिलना आसान नहीं होगा, क्योंकि दोनों पार्टियों की अलग-अलग विचारधारा है। कांग्रेस को इस बात का भी डर है कि कहीं शिवसेना से समर्थन लेने पर उनका मुस्लिम वोट बैंक न खिसक जाए। तीसरा विकल्प यदि कांग्रेस और एनसीपी दोनों सरकार बनाने से इनकार कर देते हैं तो राज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। लेकिन अगर कुछ दिन बाद कांग्रेस का मन बदल जाए और वो समर्थन देने के लिए तैयार हो जाए तो फिर शिवसेना की सरकार बन सकती है। चौथा विकल्प भले ही बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया हो लेकिन चीजें बदल सकती हैं। जानकारों का मानना है कि बाकी बची पार्टियों के सरकार बनाने से इनकार करने पर बीजेपी यहां एक और कोशिश कर सकती है। पांचवा विकल्प यदि राष्ट्रवपति शासन लगाने के बाद भी कोई पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होती है तो फिर वहां नए सीरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। Read the full article
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शिवसेना ने अपने पत्र 'सामना' में लिखा- 'महाराष्ट्र कोई दिल्ली का गुलाम नहीं, यहां के फैसले यहीं होने चाहिए'
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. शिवसेना ने अपने पत्र सामना के एक लेख में भारतीय जनता पार्टी की तुलना हिटलर से कर दी है। उन्होंने लिखा कि, 'पांच साल औरों को डर दिखाकर शासन करनेवाली टोली आज खुद खौफजदा है।' साथ ही शिवसेना ने यह भी लिखा कि, 'महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र में ही हो। महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है। यहां के फैसले यहीं होने चाहिए। ' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); शिवसेना ने लेख में लिखा कि, 'यह उल्टा हमला हुआ है। डराकर भी मार्ग नहीं मिला और समर्थन नहीं मिलता है, ऐसा जब होता है तब एक बात स्वीकार करनी चाहिए कि हिटलर मर गया है और गुलामी की छाया हट गई है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को इसके आगे तो बेखौफ होकर काम करना चाहिए। इस परिणाम का यही अर्थ है।' आगे ��िखा कि, 'चुनाव परिणाम घोषित होने के दूसरे ही दिन प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री फडणवीस की सराहना की। फडणवीस ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा आशीर्वाद दिया परंतु 15 दिन बाद भी श्री फडणवीस शपथ नहीं ले सके क्योंकि अमित शाह राज्य की घटनाओं से अलिप्त रहे। ‘युति’ की सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना ढलते हुए मुख्यमंत्री से बात करने को तैयार नहीं है, ये सबसे बड़ी हार है। इसलिए दिल्ली का आशीर्वाद मिलने के बाद भी घोड़े पर बैठने को नहीं मिला। अवस्था ऐसी है कि इस बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? ये उद्धव ठाकरे तय करेंगे। राज्य के बड़े नेता शरद पवार की भूमिका महत्वपूर्ण सिद्ध होगी तथा कांग्रेस के कई विधायक सोनिया गांधी से मिलकर आए। महाराष्ट्र का निर्णय महाराष्ट्र को सौंपे, ऐसा उन्होंने भी सोनिया गांधी से कहा। कुछ भी हो लेकिन दोबारा भाजपा का मुख्यमंत्री न हो, यह महाराष्ट्र का एकमुखी सुर है।' ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को ही आ गए थे लेकिन मुख्यमंत्री पद का दावेदार अब तक तय नहीं हुआ है। दरअसल महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। बीजेपी और शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले के तहत अपना मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रही है, जिसको लेकर राज्य में खींचतान जारी है। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा- ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट, कांग्रेस सांसद ने चिट्ठी लिखकर सोनिया से कही शिवसेना को समर्थन देने की बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 : बीजेपी को मिली 105 तो कांग्रेस को 44 सीटें, यहां देखें सभी 288 सीटों का रिजल्ट Read the full article
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महाराष्ट्र में सरकार गठन पर कांग्रेस-NCP के बीच बनी सहमति, पृथ्वीराज चह्वाण बोले- अब मुंबई में होगी मुलाकात
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार बनने के रास्ते अब खुलते दिखाई दे रहे हैं। बीते दिनों से कांग्रेस और एनसीपी के बीच चल रहा बैठकों का दौर आज भी जारी रहा। इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सूबे में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के बीच सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); उन्होंने बताया कि, अब महाराष्ट्र मेें दोनों पार्टियां शिवसेना से सरकार गठन को लेकर चर्चा करेंगी। इसके बाद महाराष्ट्र में नई सरकार गठन का अंतिम ऐलान किया जाएगा। फिर हम यह जानकारी दे देंगे कि गठबंधन कैसा होगा। Prithviraj Chavan, Congress: Congress & NCP have completed discussions on all issues. There is complete unanimity. Tomorrow in Mumbai, we will have meeting with our other alliance parties. Later in the day, we will have discussion with Shiv Sena. #Maharashtra pic.twitter.com/Fkpx3PshL0 — ANI (@ANI) November 21, 2019 जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस-एनसीपी की हालिया बैठक में कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे थे। वहीं, एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल थे। बता दें महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में साफ हुआ सरकार बनाने का रास्ता! मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना को बहुमत, हरियाणा में जेजेपी के साथ सरकार बना सकती बीजेपी Read the full article
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महाराष्ट्र में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक हलचल के बाद भी जब किसी पार्टी की सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बता दें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की थी, जिसे पहले मोदी कैबिनेट ने मंजूरीदे दी थी और अब राष्ट्रपति से भी इसे मंजूरी मिल गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का विकल्प अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके लिए राजनीतिक दलों को राज्यपाल को विश्वास दिलाना होगा कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। इसके बाद राज्यपाल के ऊपर यह निर्भर करेगा कि वह सरकार गठन के लिए राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाकर सरकार बनाने के लिए अमंत्रित करते हैं या नहीं। कब लागू होता है राष्ट्रपति शासन यदि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा दिये गए संवैधानिक निर्देशों का पालन नहीं करती है तो उस हालत में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाता है। किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीनों के अंदर संसद के दोनों सदनों से इसका अनुमोदन किया जाना जरूरी है। कैसे लगता है राष्ट्रपति शासन किसी भी राज्य में एक बार में अधिकतम 6 महीने के लिए ही राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इसके लिए भी हर 6 महीने में दोनों सदनों से अनुमोदन जरूरी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अगर कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटें हासिल कर लेता है, तो राष्ट्रपति शासन हटाया भी जा सकता है। शिवसेना तय सीमा में नहीं दे पाई समर्थन पत्र गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए थे। नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत था। लेकिन शिवसेना के मुख्यमंत्री पद और सरकार में 50-50 फॉर्मूले पर अड़ जाने के कारण उनकी सरकार का गठन नहीं हो सका। कम सीट होने के चलते बीजेपी ने अपने कदम पीछे खींच लिए। जबकि, शिवसेना तय समय सीमा में 145 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को नहीं दे पाई। फिर राज्यपाल ने महाराष्ट्र की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने के लिए मंगलवार शाम साढ़े 8 बजे तक समर्थन जुटाने का समय दिया था। जब एनसीपी भी कुछ नहीं कर पाई तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। ये हैं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे महाराष्ट्र में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। नतीजों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी के पास 105 सीटें, शिवसेना की 56, एनसीपी की 54 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 44 है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ये भी पढ़े... महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने दिखाई हरी झंडी क्या महाराष्ट्र में लगने वाला है राष्ट्रपति शासन? सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियों के पास बचे हैं ये आखिरी 5 विकल्प कांग्रेस-NCP-शिवसेना में बैठकों का दौर, शिवसेना के सिर महाराष्ट्र का ताज? Read the full article
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