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agra24 · 17 days ago
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हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की उम्मीदें धूमिल
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हिट एंड रन दुर्घटनाओं में पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजा योजना धरातल पर विफल होती नजर आ रही है। 1 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार ने हिट एंड रन मोटर एक्सीडेंट मुआवजा योजना लागू की थी। इस योजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के शिकार पीड़ितों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना था। हालांकि, आंकड़े बताते हैं क��� इस योजना का लाभ बेहद सीमित लोगों तक ही पहुंच पाया है। मुआवजा योजना के आंकड़े: हकीकत और निराशा योजना के तहत: - मृत्यु के मामले में ₹2,00,000 और गंभीर चोट के मामले में ₹50,000 का मुआवजा दिया जाना है। - पहले की सोलाटियम योजना में यह राशि क्रमशः ₹25,000 और ₹12,500 थी। - सरकार ने हर साल 60,000 मामलों के लिए ₹600 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
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लेकिन, रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट के.सी. जैन द्वारा आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी और अन्य आंकड़ों से योजना की खामियां उजागर हुईं: 2022-23: - केवल 205 दावे प्राप्त हुए, जिनमें से 95 को मुआवजा मिला। - मात्र ₹1.78 करोड़ वितरित किए गए। 2023-24: - 2,571 पीड़ितों को ₹50.76 करोड़ का मुआवजा दिया गया। - औसतन प्रति माह केवल 214 लोग लाभान्वित हुए, जबकि यह संख्या 5,000 होनी चाहिए थी। अप्रैल-अगस्त 2024: - 1,662 पीड़ितों को ₹32.26 करोड़ मुआवजा दिया गया। - मासिक वितरण केवल ₹6.45 करोड़ रहा, जबकि अपेक्षित राशि ₹50 करोड़ थी। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी और निर्देश 12 जनवरी 2024 को, अधिवक्ता जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योजना के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताई। अदालत ने निर्देश दिया: - पुलिस और प्रशासन पीड़ितों को योजना के बारे में जानकारी दें। - जिला और राज्य स्तर पर निगरानी समितियां गठित की जाएं। - जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं। योजना की विफलता के मुख्य कारण अधिवक्ता जैन के अनुसार: - जागरूकता की कमी: अधिकांश पीड़ित योजना के बारे में नहीं जानते। - जटिल प्रक्रिया: दावे दर्ज करने और मुआवजा प्राप्त करने में कठिनाई। - प्रशासनिक लापरवाही: स्थानीय अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं की गई। क्या हो सकता है समाधान? - जन जागरूकता अभियान चलाकर योजना को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए। - दावा प्रक्रिया को सरल और डिजिटल किया जाए। - पुलिस और जिला अधिकारियों को जिम्मेदार बनाकर जवाबदेही ��ुनिश्चित की जाए। विशेषज्ञ की राय अधिवक्ता के.सी. जैन ने कहा: "यह योजना पीड़ितों के लिए राहत प्रदान करने का एक सराहनीय प्रयास था, लेकिन इसका कार्यान्वयन पूरी तरह से विफल रहा है। 60,000 वार्षिक मामलों में से केवल 332 को मासिक लाभ मिल रहा है। प्रशासन की उदासीनता और जागरूकता की कमी इसके मुख्य कारण हैं। सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर सुधारना चाहिए।" हिट एंड रन मामला क्या है? हिट एंड रन वह सड़क दुर्घटना है जिसमें वाहन का पता नहीं चल पाता। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 164 के तहत, मृतक के परिजन या घायल को मुआवजा देने का प्रावधान है। सवाल अभी भी कायम है: क्या सरकार पीड़ितों को उनका हक दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएगी? Read the full article
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leticiahewett · 7 months ago
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3 yrs ago today was the last time I ever seen you.. if I had of know that I would never have let you leave the house.. sleep peacefully my baby boy 🕊️💔💔🕊️🕊️
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newswatchindia · 1 year ago
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aanews69 · 3 months ago
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