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chaitanyabharatnews · 5 years
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1993 से अबतक दिल्ली में कुल 6 बार हुए चुनाव, देखें कब किसके सिर सजा मुख्यमंत्री का ताज
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान हुआ था। आज यानी 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। यदि ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुमान देखे तो इस बार भी आम आदमी पार्टी बड़ी जीत हासिल करते दिखाई दी। बता दें दिल्ली में 1993 से लेकर अब तक कुल छह विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से एक बार बीजेपी, तीन बार कांग्रेस और दो बार आम आदमी पार्टी सत्ता पर विराजमान होने में कामयाब रही है। आइए एक नजर डालते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास पर- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});   1993 में विधानसभा चुनाव, बीजेपी के सिर ताज पहली बार राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ था। इससे पहले दिल्ली चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित प्रदेश हुआ करता था और यहां विधानसभा नहीं थी। दिल्ली में पहले चुनाव में ही बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी। दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने 47.82 फीसदी वोट के साथ 49 सीटें जीती थी और सेहरा मदनलाल खुराना के सिर मुख्यमंत्री पद का ताज सजा था। उस दौरान कांग्रेस को 34.48 फीसदी वोट के साथ 14 सीटें मिली थीं। 1998 में विधानसभा चुनाव, शीला दीक्षित को सत्ता की कमान दिल्ली में दूसरी बार 1998 में विधानसभा चुनाव हुआ था। बीजेपी से सुषमा स्वराज तो कांग्रेस से शीला दीक्षित मैदान में थीं। इस जंग में शीला दीक्षित बीजेपी की सुषमा स्वराज पर भारी पड़ीं। चुनाव में कांग्रेस 47.76 फीसदी वोट के साथ 52 सीटें जीतने में कामयाब रहीं। वहीं, बीजेपी को महज 34.02 फीसदी वोट के साथ 15 सीटें मिलीं। 2003 में विधानसभा चुनाव, कांग्रेस की सत्ता में वापसी साल 2003 में दिल्ली में तीसरी बार विधानसभा चुनाव हुए। इस बार बीजेपी ने शीला दीक्षित के खिलाफ मदनलाल खुराना को मैदान में उतारा था। लेकिन उस चुनाव में भी मुख्यमंत्री पद का ताज शीला दीक्षित के सिर ही सजा। उस चुनाव में कांग्रेस 48.13 फीसदी वोट के साथ 47 सीटें जीतने में कामयाब रही और बीजेपी 35.22 फीसदी वोट के साथ 20 सीटें ही जीत सकी। 2008 में विधानसभा चुनाव, शीला ने लगाई हैट्रिक दिल्ली में साल 2008 में चौथी बार विधानसभा चुनाव हुए। लेकिन इस बार भी शीला दीक्षित सब पर भारी पड़ीं। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2008 में शीला दीक्षित के खिलाफ विजय कुमार मल्होत्रा को खड़ा किया था। लेकिन वो भी कामयाब नहीं रहे। 2008 में विधानसभा चुनाव में दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 40.31 फीसदी वोट के साथ 43 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। उस चुनाव में बीजेपी को 36.34 फीसदी वोटों के साथ 23 सीटें से संतोष करना पड़ा और तीन सीटें अन्य को मिलीं। 2013 में विधानसभा चुनाव, किसी को नहीं बहुमत राजधानी में पांचवी बार विधानसभा चुनाव साल 2013 में हुए। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरे राजनीतिक दल के तौर पर आम आदमी पार्टी सामने आई थी। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के सियासी समीकरण को बिगाड़कर रख दिया था। विधानसभा चुनाव 2013 में दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 33 फीसदी वोटों के साथ 31 सीटें जीतने में कामयाब रही। आम आदमी पार्टी ने 29.5 फीसदी वोट के साथ 28 सीटें जीती और कांग्रेस को 24.6 फीसदी वोटों से साथ महज 8 सीटें ही मिलीं। आम आदमी पार्टी को कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया और फिर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। हालांकि, उस समय केजरीवाल 49 दिन तक सीएम रहे और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। 2015 विधानसभा चुनाव, AAP को प्रचंड जीत छठी बार दिल्ली में साल 2015 में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में भी केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को पछाड़ दिया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में केजरीवाल की पार्टी को 67 सीटें मिलीं। जबकि बीजेपी को महज तीन सीटें ही मिल सकी। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो वह तो दिल्ली में अपना खाता भी नहीं खोल सकी। ये भी पढ़े... दिल्ली में 8 फरवरी को होगा मतदान, 11 को आएंगे नतीजे अमित शाह ने राहुल और केजरीवाल पर लगाया आरोप, कहा- इन्होंने CAA पर गुमराह कर दंगे कराए Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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दिल्ली विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने 45 सीटों पर तय किए उम्मीदवारों के नाम! रात 3 बजे तक चली बैठक
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Election 2020) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में जुटी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगानी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, रविवार को बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह के घर पार्टी की कोर कमेटी की मैराथन बैठक आयोजित हुई। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 7 घंटे चली बैठक बताया जा रहा है कि बैठक रविवार रात करीब 8 बजे शुरू हुई थी जो रात 3 बजे तक चली। किसे कौनसी सीट से खड़ा करना है, यह मुद्दा बैठक में अहम रहा। इसके अलावा किस पार्टी के साथ गठबंधन करना है, इसे लेकर भी चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में 70 सीटों में से 45 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय हो गए हैं। बची हुई अन्य सीटों के लिए ऐसी ही बैठकों का आयोजन जल्द होगा। 1400 उम्मीदवारों को किया शॉर्टलिस्ट सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने 70 सीटों के लिए 1400 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है। बीजेपी की चुनाव समिति में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि, 'चुनावों को देखते हुए आयोजित एक बैठक में टिकट के इच्छुक लोगों के नामों पर चर्चा की गई।' हर एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए औसतन 15-20 नाम सामने आए हैं। स्क्रीनिंग पैनल सभी नामों पर विचार करेगी और फिर एक लिस्ट अंतिम स्वीकृति के लिए पार्टी हाईकमान को भेजी जाएगी। गठबंधन पर भी चर्चा जानकारी के मुताबिक, दुष्यंत चौटाला और अकाली के साथ गठबंधन को लेकर बैठक में चर्चा की गई। इसे लेकर अभी अंतिम निर्णय तो नहीं हुआ लेकिन पार्टी के वरिष्ठों ने इस मुद्दे पर लगभग निर्णय ले लिया है और जल्द ही वे इसकी घोषणा कर सकते हैं। ये भी पढ़े... दिल्ली में 8 फरवरी को होगा मतदान, 11 को आएंगे नतीजे 1993 से अबतक दिल्ली में कुल 6 बार हुए चुनाव, देखें कब किसके सिर सजा मुख्यमंत्री का ताज दोस्त को कुलपति बनाने के लिए विंग कमांडर ने अमित शाह बनकर की मप्र के राज्यपाल से बात, दो गिरफ्तार Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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1993 से अबतक दिल्ली में कुल 6 बार हुए चुनाव, देखें कब किसके सिर सजा मुख्यमंत्री का ताज
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान 8 फरवरी को होंगे और 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। इस बार चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले होना तय माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। बता दें दिल्ली में 1993 से लेकर अब तक कुल छह विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से एक बार बीजेपी, तीन बार कांग्रेस और दो बार आम आदमी पार्टी सत्ता पर विराजमान होने में कामयाब रही है। आइए एक नजर डालते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास पर- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 1993 में विधानसभा चुनाव, बीजेपी के सिर ताज पहली बार राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ था। इससे पहले दिल्ली चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित प्रदेश हुआ करता था और यहां विधानसभा नहीं थी। दिल्ली में पहले चुनाव में ही बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी। दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने 47.82 फीसदी वोट के साथ 49 सीटें जीती थी और सेहरा मदनलाल खुराना के सिर मुख्यमंत्री पद का ताज सजा था। उस दौरान कांग्रेस को 34.48 फीसदी वोट के साथ 14 सीटें मिली थीं। 1998 में विधानसभा चुनाव, शीला दीक्षित को सत्ता की कमान दिल्ली में दूसरी बार 1998 में विधानसभा चुनाव हुआ था। बीजेपी से सुषमा स्वराज तो कांग्रेस से शीला दीक्षित मैदान में थीं। इस जंग में शीला दीक्षित बीजेपी की सुषमा स्वराज पर भारी पड़ीं। चुनाव में कांग्रेस 47.76 फीसदी वोट के साथ 52 सीटें जीतने में कामयाब रहीं। वहीं, बीजेपी को महज 34.02 फीसदी वोट के साथ 15 सीटें मिलीं। 2003 में विधानसभा चुनाव, कांग्रेस की सत्ता में वापसी साल 2003 में दिल्ली में तीसरी बार विधानसभा चुनाव हुए। इस बार बीजेपी ने शीला दीक्षित के खिलाफ मदनलाल खुराना को मैदान में उतारा था। लेकिन उस चुनाव में भी मुख्यमंत्री पद का ताज शीला दीक्षित के सिर ही सजा। उस चुनाव में कांग्रेस 48.13 फीसदी वोट के साथ 47 सीटें जीतने में कामयाब रही और बीजेपी 35.22 फीसदी वोट के साथ 20 सीटें ही जीत सकी। 2008 में विधानसभा चुनाव, शीला ने लगाई हैट्रिक दिल्ली में साल 2008 में चौथी बार विधानसभा चुनाव हुए। लेकिन इस बार भी शीला दीक्षित सब पर भारी पड़ीं। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2008 में शीला दीक्षित के खिलाफ विजय कुमार मल्होत्रा को खड़ा किया था। लेकिन वो भी कामयाब नहीं रहे। 2008 में विधानसभा चुनाव में दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 40.31 फीसदी वोट के साथ 43 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। उस चुनाव में बीजेपी को 36.34 फीसदी वोटों के साथ 23 सीटें से संतोष करना पड़ा और तीन सीटें अन्य को मिलीं। 2013 में विधानसभा चुनाव, किसी को नहीं बहुमत राजधानी में पांचवी बार विधानसभा चुनाव साल 2013 में हुए। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरे राजनीतिक दल के तौर पर आम आदमी पार्टी सामने आई थी। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के सियासी समीकरण को बिगाड़कर रख दिया था। विधानसभा चुनाव 2013 में दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 33 फीसदी वोटों के साथ 31 सीटें जीतने में कामयाब रही। आम आदमी पार्टी ने 29.5 फीसदी वोट के साथ 28 सीटें जीती और कांग्रेस को 24.6 फीसदी वोटों से साथ महज 8 सीटें ही मिलीं। आम आदमी पार्टी को कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया और फिर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। हालांकि, उस समय केजरीवाल 49 दिन तक सीएम रहे और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। 2015 विधानसभा चुनाव, AAP को प्रचंड जीत छठी बार दिल्ली में साल 2015 में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में भी केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को पछाड़ दिया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में केजरीवाल की पार्टी को 67 सीटें मिलीं। जबकि बीजेपी को महज तीन सीटें ही मिल सकी। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो वह तो दिल्ली में अपना खाता भी नहीं खोल सकी। ये भी पढ़े... दिल्ली में 8 फरवरी को होगा मतदान, 11 को आएंगे नतीजे अमित शाह ने राहुल और केजरीवाल पर लगाया आरोप, कहा- इन्होंने CAA पर गुमराह कर दंगे कराए Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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दिल्ली में 8 फरवरी को होगा मतदान, 11 को आएंगे नतीजे
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने सोमवार को देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होंगे और 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। इसकी जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); चुनाव आयोग ने कहा कि, 'दिल्ली में चुनाव की तैयारी पूरी हो गई है। चुनाव में 90 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए चुनाव होगा। दिल्ली में कुल 1.46 करोड़ मतदाता हैं। बुजुर्ग मतदाता पोस्टल बैलेट से मतदान में हिस्सा ले सकेंगे। राज्य में 2,689 जगहों पर वोटिंग होगी। 14 जनवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।' Chief Election Commissioner Sunil Arora on Delhi assembly elections: Total electors in NCT of Delhi are 1,46,92,136; Polling to be held at 13,750 polling stations pic.twitter.com/Pc26L88Fhd — ANI (@ANI) January 6, 2020 इसी के साथ दिल्ली में आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही दिल्ली में हर तरह की सरकारी घोषणा करने पर रोक लग गई है। इसके साथ ही पार्टियों के विज्ञापन वाले पोस्टर, बैनर होर्डिंग आदि सभी तरह की प्रचार सामग्री हटा दी जाएगी। चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि, 'दिल्ली में कुल 70 विधानसभाएं हैं, अभी की विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी, 2020 को खत्म हो रहा है। चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग, पुलिस के साथ बैठक की गई थी। वोटरों को पोलिंग बूथ पर आने के लिए पिक अप-ड्रॉप मिलेगा। इसकी जानकारी वेबसाइट पर डाल दी जाएगी और एक नंबर भी जारी किया जाएगा।'   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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चुनाव आयोग आज दोपहर 3.30 बजे करेगा दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Election 2020) की तारीखों से आज पर्दा हटने वाला है। जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग आज दोपहर 3:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीखों का ऐलान करेगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); Election Commission of India to announce schedule of Delhi Elections at 3.30 pm today pic.twitter.com/AHoHBOdbBf — ANI (@ANI) January 6, 2020 दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। चुनाव आयोग आज इसकी अधिसूचना जारी करेगा, जिसके तुरंत बाद दिल्ली में आचार संहिता लागू हो जाएगी। आचार संहिता लागू होने के साथ ही दिल्ली में हर तरह की सरकारी घोषणा करने पर रोक लग जाएगी। इसके साथ ही पार्टियों के विज्ञापन वाले पोस्टर, बैनर होर्डिंग आदि सभी तरह की प्रचार सामग्री हटा दी जाएगी। 22 फरवरी को पूरा होगा कार्यकाल बता दें राजधानी दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। इन सभी सीटों पर मतदान होना है। 22 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने वाला है। नियमानुसार, इससे पहले ही चुनाव संपन्न कराकर नई विधानसभा का गठन करना होगा। इस बार चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले होना तय माना जा रहा है। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। Read the full article
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